बलरामपुर : शहरी बसाहटों के साथ-साथ गांव में भी युवाओं और महिलाओं ने सुनी मुख्यमंत्री की लोकवाणी
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उपयोगी निर्माण-जन हितैषी अधोसंरचनाएं और आपकी अपेक्षाएं’ विषय पर प्रदेशवासियों से मुख्यमंत्री ने की बात
बलरामपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की 15वीं कड़ी में ’उपयोगी निर्माण-जन हितैषी अधोसंरचनाएं और आपकी अपेक्षाएं’ विषय पर प्रदेश की जनता के साथ विकास और सरकार के विजन को लेकर अपने विचार साझा किये। बलरामपुर-रामानुजगंज में शहरी बसाहटों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचलों में भी युवाओं तथा महिलाओं ने मुख्यमंत्री की लोकवाणी सुनी।

जनउपयोगी अधोसंरचनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा अधोसंरचना विकास कार्य का पूरा लाभ प्रदेश की जनता को मिल सके इसलिए सड़क, बिजली और सिंचाई संसाधनों का नेटवर्क पूरा करने पर जोर दिया गया है।

महिला स्व सहायता समूह तथा प्रतिभावान युवाओं के नवाचार ने प्रदेश में समृद्धि और खुशहाली के नये दौर की शुरूआत की है। गौठान बहुआयामी सांस्कृतिक, आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र बन रहें हैं तथा गांवों में बाड़ी की पुरानी परम्परा को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार करते हुए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, कृषि व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने पर जोर दिया है जिससे स्थानीय संसाधनों के वैल्यू एडिशन से उत्पादन का रास्ता बने।
यह तो विडम्बना ही थी कि हमारे कृषि प्रधान राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार हुई लेकिन कृषि शिक्षा के कॉलेज समुचित संख्या में नहीं खोले गए, इसलिए हमने एग्रीकल्चर के साथ उद्यानिकी-वानिकी, डेयरी टेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग, मछली पालन जैसे विषयों के लिए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने पर जोर दिया है।
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें बचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। गौठान केवल गायों को रोकने की जगह ही नहीं है बल्कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी केन्द्र, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाने और बेचने का केन्द्र, गोबर से अन्य कलात्मक वस्तुएं बनाने का केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है।
एक तरह से गौठान बहुआयामी सांस्कृतिक, आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र बन रहे हैं। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हमारे गांव-घर की बाड़ियों में उपजाई जाने वाली सब्जी-भाजी-फल कुपोषण मुक्ति का सहारा बन रहे हैं। उन्होंने आगामी पांच वर्षों में राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी करने के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि नरवा योजना प्रदेश में भू-जल की रिचार्जिंग का बहुत बड़ा साधन बन रही है।
हमारे प्रयासों को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी सराहा गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी केन्द्र में चबूतरा निर्माण की उपयोगिता, गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट टंकी निर्माण तथा पांच हजार चारागाह के निर्माण से ग्रामीणों को मिले लाभ को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भवन विहीन आंगनबाड़ी के लिए भवन तथा नवगठित ग्राम पंचायत भवन के निर्माण की शुरूआत की गयी है। साथ ही इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना’ का विचार ही इसलिए आया कि सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के सामने सम्मानपूर्वक खड़ा किया जाए। ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय बच्चे उन सुविधाओं से वंचित न हों, जो उनके भविष्य निर्माण के लिए जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास से स्थानीय विकास को गति व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यो के संबंध में लोकवाणी में कहा कि प्रदेश में एक दौर ऐसा आया था, जब पर्यटन को कुछ प्रचलित केन्द्रों में ही समेटकर रखने और मॉल कल्चर में ढालने के प्रयास हो रहे थे। दुनिया में अपनी प्राचीन धरोहरों को सहेजने और प्राकृतिक सुन्दरता के स्थानों में अधोसंरचना के विकास के प्रयासों को सराहा जाता है।
लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हो रहा था, इसलिए हमने पर्यटन विकास की संभावनाओं को बहुत बड़े फलक में आकार देने का प्रयास किया है। जशपुर जिले के सरना-बालाछापर तथा कोइनार-कुनकुरी में, बिलासपुर जिले के कुरदर में, कोण्डागांव जिले के धनकुल में, कांकेर जिले के नथिया नवागांव में एथनिक रिसॉर्ट, सरगुजा जिले के महेशपुर में साइट एमेनिटी का विकास किया जा रहा है।
सिरपुर को ऐतिहासिक बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विश्व के मानचित्र में स्थान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत सड़कों को पुलियों से जोड़ने के 200 बड़े पुल-पुलियों का निर्माण कार्य जारी है।
साथ ही मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत सरकारी दफ्तर को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। चंद महंगी और सजावटी सड़कों-भवनों की बात न करते हुए हमने नेटवर्क कम्पलीट करने के करने की बात की है जो अधोसंरचना विकास को लेकर मेरी सीधी और स्पष्ट सोच है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मानव विकास की जिस अधोसंरचना के निर्माण का सपना देखा है, उसकी हमारे प्रदेश के ग्रामीणों, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग, कमजोर और मध्यम वर्ग, माताओं, बहनों, बच्चों, जवानों की आंखों में दिखने लगी है और इसी चमक के रास्ते से पूरा प्रदेश एक नई तरह की जगमगाहट पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को भविष्य में उत्पादक राज्य भी बनना है और उपभोक्ता राज्य भी, यही है हमारा ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़।
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