ब्रेकिंग न्यूज़

महासमुंद : बिहान दीदीयों के जज्बंे के आगे लोहा भी नरम पड़ा
 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

 तार फेंसिंग का निर्माण कर कमाएॅ एक लाख 90 हजार रुपए

महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत् महिला एवं युवतियों को एक स्व-सहायता समूह के रूप में गठित कर उन्हें प्रेरित और विभिन्न आजीविका गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।
No description available.

शासन की महत्वकांक्षी योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महासमुंद जिले मंे 5,223 महिला स्व-सहायता समूह काम कर रही है। इनमें 55 हजार 910 महिलाएं इससे जुड़कर मोमबत्ती, दीया, वाशिंग पाउडर, फिनायल, बाँस की टोकरी सहित अन्य सामग्रियां बनाकर आत्मनिर्भर हुई है। बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं सिलाई-कढ़ाई करने, जैविक खाद बनाने और खुद बनाए सामानों को बजार में बेचने का काम करती हैं।
No description available.

जिले के विकासखंड बागबाहरा के अंदरूनी गाँव कोमाखान की एकता महिला स्व-सहायता समूह  दीदीयों के जज्बे के आगे अब लोहा भी नरम पड़ गया है। यहाँ की बिहान समूह की महिलाएं आजीविका के रूप में लोहे की तार फेंसिंग का निर्माण कर रही है।

इन महिलाओं ने अब तक 169 बण्डल फेंसिंग तार का निर्माण कर 1,90,365 रुपए का विक्रय किया जा चुका है। इनके फेंसिंग तार को सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा माँग की जा रही है।  हाल ही में कलेक्टर श्री डोमन सिंह और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल इनसे मिलने पहुँचे।

इनके द्वारा बनाए जाने वाले फेंसिंग तार की प्रक्रिया और उपकरण आदि देखें। महिलाओं ने बताया कि काम मुश्किल था पर मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया तो काम आसान लगने लगा। कलेक्टर ने उनके काम की तारीफ की।

   जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने साबित कर दिया की उनके अन्दर भी परिवार को आर्थिक सहायता देने की क्षमता है। ऐसे में बिहान की योजनाएं उन्हंे और मजबूत कर रही है। बिहान की योजनाओं का लाभ उठा कर महिलाएं सिर्फ अपने ही परिवार के आर्थिक स्थिति को मजबूत नहीं कर रही है बल्कि और भी लोगांे को रोजगार प्रदान कर उन्हें भी आगे बढ़ने में मदद कर रही है। ये महिलाएं फेसिंग तार के साथ आचार, पापड़, निरमा, साबुन, फिनाइल आदि निर्माण कर रही है।

 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook