बेमेतरा : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेेमेतरा में नई फसल मखाना की खेती शुरू
बेमेतरा : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया बेमेतरा में प्रथम बार मखाना की खेती का प्रदर्शन लगाया गया है। जिले में इस तरह का प्रायोगिक प्रदर्शन प्रथम बार किया जा रहा है। डुबान एवं दलदल क्षेत्र के लिए यह बहुत उपयोगी फसल है यह फसल आजकल एक सुपर फुड के रूप में प्रचलित है। अपने पौष्टिक गुणों के कारण इसकी अत्यधिक मांग एवं उपयोगिता है। .
इसके साथ-साथ मखाने का बाजार मुल्य भी अधिक होने के कारण इसकी खेती से बेकार जमीन से अधिक पैसा कमाया जा सकता है। मखाना का पौधा पानी के स्तर के साथ ही बढ़ता है। इसके पत्ते पानी के ऊपर फैले रहते हैं और पानी के घटने की प्रक्रिया शुरू होते ही पानी में लबालब भरे खेत की जमीन पर पसर जाते हंै। तालाब के आलावा साल भर जलजमाव वाली जमीन भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। किसान मखाना उपजाने के लिए अपने सामान्य खेत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं परंतु खेती की अवधि के दौरान उक्त खेत में 6 से 9 इंच तक पानी जमा रहना चाहिए।
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