महासमुंद : जिले में महात्मा गांधी नरेगा में लोगों को मिल रहा अब फिर से रोजगार
राज्य शासन ने बढ़ाया रोजगार देने का लक्ष्य
’मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यो में 50 दिन अथवा उससे अधिक मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को मिले मातृत्व भत्ते
महासमुंद : महात्मा गांधी नरेगा में लोगों को मिल रहा अब फिर से रोजगार जिला महासमुंद में मजदूरों के लिए प्रारम्भ कराए गए हर ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाँव में कार्य सभी वर्ग श्रेणी के मजदूर जो जॉब कार्ड धारी है उनके परिवार को मिलेगा।
150 दिन का रोजगार और वन पट्टा धारियों को 50 दिवस अतिरिक्त रोजगार प्रदाय होगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा पृथक से कार्य योजना तैयार कर नरेगा से स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। जिले में 130 करोड़ के कार्य की स्वीकृति प्रदाय कर प्रत्येक जॉब कार्ड परिवार को न्यूनतम 100 दिवस रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है।
साथ ही नए जॉब कार्ड हेतु आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में दिया जा सकता है। जिसके 15 दिन के भीतर नियमानुसार नवीन जॉब कार्ड प्रदाय किया जाएगा। साथ ही मजदूर द्वारा कार्य की मांग का मांग पत्र ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत में जमा करके 15 दिवस के भीतर कार्य पा सकते हैं। यदि किसी को महात्मा गांधी नरेगा में मांग अनुसार 15 दिन में कार्य नहीं दिया जाता है तो तत्काल जिला पंचायत के टोल फ्री नंबर 18002336601 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।
महासमुंद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत निर्माण कार्यो में मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को एक महीने के मातृत्व भत्ते के साथ प्रसूति अवकाश दिया गया है और इसी वित्तीय वर्ष में अब तक 18 महिलाआंे को मातृत्व भत्ता दिये जाने की प्रक्रिया की जा रही है।
यदि किसी अन्य को इसमें आवेदन करना हो तो वो भी जनपद पंचायत नरेगा शाखा को दे सकते हैं। मनरेगा में यह राज्य पोषित योजना है। इसमें होने वाले खर्च का प्रावधान बजट में किया जाता है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार प्राप्त आवेदन अनुरूप मातृत्व भत्ता प्रदाय किया गया एक माह की रोजी 190 रुपए प्रति कार्य दिवस के हिसाब से 5700 रुपए मातृत्व भत्ते के रूप में दिए गए है, ताकि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ रहे और सेहत दोनों की बनी रहे।
इसके अलावा हितग्राहियों हेतु डबरी मछली पालन तालाब, नया तालाब, तालाब गहरीकरण, नहर जीर्णोध्दार, लूस बोल्डर, बोलडर चेक डेम, गेबियन संरचना जैसे जल से संबंधित कार्य को प्राथमिकता छोटे वर्ग के किसान अपने भूमि और नालों पर अधिक उपजाऊ बनाने हेतु कार्य योजना तैयार कर कार्य कर सकते है।
अपने खेत में जल संरक्षण, संवर्धन कार्यो, फलदार वृक्षारोपण कार्य, दिए जा सकते हैं आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा जिला पंचायत में अपने जॉब कार्ड के छाया प्रति के साथ दिया जा सकता है। महात्मा गांधी नरेगा का है एक ही नारा, प्रत्येक जॉब कार्ड को 100 दिन रोजगार प्रदाय करना है कर्तव्य हमारा।
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