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बलरामपुर : इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं कार्यक्रम से होगा आंकलन
बलरामपुर : राज्य में कक्षा 1ली से 8वीं तक के बच्चों में सभी विषयों के बुनियादी दक्षताओं को विकसित करने का लक्ष्य शासन द्वारा रखा गया है जिसके लिए सर्व प्रथम हिन्दी एवं गणित विषयों की बुनियादी दक्षताओं को 100 दिनों में विकसित करने का लक्ष्य शिक्षकों को दिया गया है।

ज्ञातव्य हो कि कोविड-19 के कारण विद्यालयों में नियमित पढ़ाई नहीं हो सकी, जिससे बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रदेश के साथ-साथ अपने जिले में भी जिले के कलेक्टर के निर्देशन एवं जिला शिक्षा अधिकारी के मार्ग दर्शन में विभिन्न प्रयास लगातार किये जा रहे हैं जैसे-पढ़ई तुहंर दुआर, पढ़ई तुहंर पारा, मुहल्ला कक्षाओं तथा आॅनलाईन कक्षाएं आदि।

इन सभी प्रयासों के बावजूद हमारे बच्चे आपेक्षित दक्षताएं प्राप्त कर सके हैं कि नहीं इसके लिए सर्व प्रथम हिन्दी तथा गणित जो कि सभी विषयों को सिखने का आधार हैं, का प्रथम चरण में 100 दिनों का कार्यक्रम विकसित कर आंकलन किया जाकर प्रविष्टियां आॅन-लाईन करने का प्रयास शासन द्वारा की जा रही है। इस प्रकार के आंकलन से उपचारात्मक शिक्षण में शिक्षकों को मदद मिलेगी।

जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.एक्का ने बताया है कि स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ0 आलोक शुक्ला के द्वारा इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 1ली से 8वीं तक के विद्यार्थियों में न्युनतम दक्षताएं विकसित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। यह कार्यक्रम जिले के कलेक्टर श्री श्याम धावड़े के विशेष निगरानी में होगा।

इस योजना का जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा बी.आर.सी.सी. के द्वारा सघन माॅनिटरिंग होगी। इस आकलन के बाद जिन बच्चों ने आपेक्षित स्तर प्राप्त नहीं किया होगा उनके लिए उपचारात्म शिक्षण की प्रक्रिया अपनाई जावेगी। शेष बच्चों की पढ़ाई यथावत जारी रहेगी।

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