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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्यपाल श्री रमेन डेका 12 फरवरी को करेंगे शुभारंभ
रायपुर : छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में राजिम कुंभ कल्प 2025 की भव्य तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। यह माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक, 12 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। राज्यपाल श्री रमेन डेका 12 फरवरी को इस पवित्र आयोजन का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर देशभर से प्रख्यात संत-महापुरुषों की उपस्थिति इस महाकुंभ को दिव्यता प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि राजिम कुंभ कल्प ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस आयोजन के माध्यम से सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक एकता का संदेश प्रसारित होता है। इस वर्ष के कुंभ में विशेष रूप से भव्य संत समागम, सत्संग दरबार, भागवत कथा तथा राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी। -
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शासकीय कार्य में एआई के उपयोग और संभावित लाभों के प्रति किया गया जागरूक
प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया कार्यशाला में भाग
रायपुर : इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के द्वारा राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आज आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसवा राजु, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री कमल प्रीत सिंह, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव श्री एस.भारतीदासन, उर्जा विभाग के विशेष सचिव श्री अंकित आनंद, एन.आर. डी.ए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौरभ कुमार, आई. जी. श्री राम गोपाल गर्ग सहित 100 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि तीव्र गति से परिवर्तित टेक्नालॉजी के इस दौर में राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सुशासन की पहुँच बनाने के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की जानकारी इस कार्यशाला में दी जायेगी ।
श्रीमती निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि ए.आई. तकनीक हमारी सोच से अधिक गति से परिवर्तन ला रहा है । ए.आई. से हमारी अनेक समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त किया जा सकता है और शासकीय सेवा वितरण एवं नीति निर्माण में भी इसका प्रभावी उपयोग किया जा सकता है । इन्हीं कारणों से आज की इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है ।
कार्यशाला के प्रथम सत्र के समापन पर उपस्थित समस्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद प्रेषित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभात मालिक ने कहा कि एआई तकनीक का उपयोग शासन और प्रशासन में दक्षता बढाने एवं त्वरित निर्णय लेने में किया जा सकता है । इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य शासकीय कार्यों में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित करना है ।नई दिल्ली से आये एआई के विशेषज्ञ डॉ. शिवा कक्कर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व में सर्वप्रथम टेक्नॉलाजी का उपयोग टेक्सटाईल उद्योग में किया गया।
वर्ष 2022 के पश्चात सम्पूर्ण विश्व में एआई तकनीक का तीव्र गति से विस्तार हुआ । डॉ. शिवा ने बताया कि पहले यह माना जाता रहा है कि तकनीक के प्रयोग से रोजगार के अवसर कम होते हैं , परंतु वास्तविकता यह है कि नवीन तकनीक के माध्यम से नवीन कौशल को ज्यादा रोजगार प्राप्त होता है । कार्यशाला में एआई तकनीक के श्रेष्ठ उपयोग की जानकारी देते हुए डॉ. शिवा कक्कर ने चैट जीपीटी, मैटा, गूगल नोट बुक एल.एम्. जैसे अन्य प्रासंगिक एवं उपयोगी टूल्स की विस्तृत जानकारी प्रदान की ।कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद प्रस्तावित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभात मलिक ने बताया कि चिप्स द्वारा इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर प्रतिमाह कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा । राज्य के विभाग अपने कार्यक्षेत्र से सम्बंधित विशेष विषयों का चयन कर चिप्स को सूचित करें तो उस विषय पर भी चिप्स द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा । इस अवसर पर चिप्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कुमार बिश्वरंजन, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शशांक पाण्डेय और संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुपम आशीष टोप्पो भी विशेष रूप से उपस्थित रहे । -
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69 लाख 53 हजार 994 हितग्राहियों के बैंक खातों में 650.32 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण
रायपुर : राज्य शासन द्वारा महतारी वंदन योजना की 12वीं किश्त की राशि जारी कर दी गई है, जिसके अंतर्गत 69 लाख 53 हजार 994 महिला हितग्राहियों के बैंक खातों में 650.32 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार महतारी वंदना योजना के तहत फरवरी माह में बालोद जिले में 2,50,768 हितग्राहियों को 23.10 करोड़ रुपए, बलौदा बाजार जिले में 3,27,476 हितग्राहियों को 30.97 करोड़ रुपए और बलरामपुर जिले में 2,13,300 हितग्राहियों को 19.79 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई।इसी प्रकार बस्तर जिले में 1,91,609 हितग्राहियों को 18 करोड़ 87 हजार रुपए, बेमेतरा जिले में 2,52,906 हितग्राहियों को 23.96 करोड़ रुपए और बीजापुर जिले में 38,273 हितग्राहियों को 3.67 करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया गया। बिलासपुर जिले में 4,22,741 हितग्राहियों को 39.54 करोड़ रुपए, दंतेवाड़ा जिले में 54,579 हितग्राहियों को 5.16 करोड़ रुपए और धमतरी जिले में 2,34,046 हितग्राहियों को 21.76 करोड़ रुपए की सहायता दी गई। दुर्ग जिले में 4,02,211 हितग्राहियों को 38.33 करोड़ रुपए और गरियाबंद जिले में 1,81,791 हितग्राहियों को 16.75 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 95,401 हितग्राहियों को 8.72 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिली।
जांजगीर-चांपा जिले में 2,88,420 हितग्राहियों को 26.91 करोड़ रुपए, जशपुर जिले में 2,30,609 हितग्राहियों को 21.50 करोड़ रुपए और कबीरधाम जिले में 2,53,149 हितग्राहियों को 23.53 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कांकेर जिले में 1,83,279 हितग्राहियों को 17.46 करोड़ रुपए, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 1,16,472 हितग्राहियों को 10.99 करोड़ रुपए, और कोंडागांव जिले में 1,39,784 हितग्राहियों को 13.08 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई। कोरबा जिले में 2,93,353 हितग्राहियों को 27.34 करोड़ रुपए, कोरिया जिले में 59,625 हितग्राहियों को 5.62 करोड़ रुपए और महासमुंद जिले में 3,22,519 हितग्राहियों को 30.11 करोड़ रुपए की राशि का वितरण हुआ। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 1,00,895 हितग्राहियों को 9.70 करोड़
रुपए, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 81,831 हितग्राहियों को 7.59 करोड़ रुपए और मुंगेली जिले में 2,12,511 हितग्राहियों को 19.44 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई। नारायणपुर जिले में 27,258 हितग्राहियों को 2.54 करोड़ रुपए, रायगढ़ जिले में 3,03,934 हितग्राहियों को 27.72 करोड़ रुपए और रायपुर जिले में 5,31,558 हितग्राहियों को 51.19 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई। राजनांदगांव जिले में 2,56,724 हितग्राहियों को 24.22 करोड़ रुपए, सक्ती जिले में 1,98,777 हितग्राहियों को 18.22 करोड़ रुपए और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 1,89,156 हितग्राहियों को 16.67 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की गई। सुकमा जिले में 52,065 हितग्राहियों को 4.91 करोड़ रुपए, सुरजपुर जिले में 2,15,518 हितग्राहियों को 20.29 करोड़ रुपए और सरगुजा जिले में 2,31,456 हितग्राहियों को 21.38 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया गया। -
कांकेर : कांकेर शहर के जवाहर वार्ड की वयोवृद्ध मतदाता कुंवर बाई ध्रुव व्हील चेयर पर बैठकर मतदान केंद्र पहुंचीं और पूरे जोश के साथ मतदान किया। कुंवर ने यह सिद्ध कर दिया कि शारीरिक अक्षमता मताधिकार का उपयोग करने के आड़े नहीं आती। वहीं अंबिकापुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 13 और नवागढ़ वार्ड में वोटरों की लंबी कतार लगी हुई है।
लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है, जो शाम 5 बजे तक चलेगी। 10 नगर निगम और 49 नगर पालिका के अलावा 114 नगर पंचायत में भी वोट डाले जा रहे हैं। काउंटिंग 15 फरवरी को होगी। (एजेंसी) -
रायपुर : कवर्धा में गृहमंत्री विजय शर्मा ने निकाय चुनाव 2025 के लिए मतदान किया। अपील करते गृहमंत्री ने कहा, मतदान हमारा अधिकार होने के साथ ही प्रमुख कर्तव्य भी है। अपने नगरीय निकाय को और अधिक सशक्त करने के लिए आप भी मतदान अवश्य करें। बता दें कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है।
रायपुर नगर निगम में सुबह 10 बजे तक 9% वोटिंग का अनुमान है। आधिकारिक आंकड़े थोड़ी देर में जारी होंगे। इससे पहले रायपुर में भाजपा की मेयर प्रत्याशी मीनल चौबे ने चंगोराभाटा स्थित मतदान केंद्र में वोट डाला। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे ने भी वोटिंग की। रायगढ़ में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सुबह 8 बजे सत्तीगुड़ी चौक स्थित मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला। (एजेंसी) -
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छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को भी किया गया है मान्य
रायपुर : नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 हेतु मतदान केन्द्र पर मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 प्रकार के दस्तावेजों को मान्य किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों में क्रमशः भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, बैंक / डाकघर फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, आयकर पहचान-पत्र (PAN CARD), आधार कार्ड, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय अथवा अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट) कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, स्वतंत्रता सेनानी फोटोयुक्त पहचान-पत्र, केन्द्रीय अथवा छ.ग. राज्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं की फोटोयुक्त अंकसूची, बार कौशिल द्वारा अधिवक्ताओं को जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र, फोटोयुक्त निःशक्तता प्रमाण-पत्र, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वैध फोटोयुक्त राशन कार्ड, महाविद्यालय अथवा विद्यालय द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान-पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लायसेंस एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है। मतदाता उपरोक्त में से कोई भी एक फोटोयुक्त पहचान-पत्र मतदान केन्द्र पर लेकर जायेगा और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान स्थापित की जायेगी।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है। यह पर्ची आयोग की वेबसाईट पर दिये गये लिंक से मतदाता के द्वारा डाउनलोड की जा सकती है, इसके लिए cgsec.gov.in वेबसाईट में जाकर VOTER SEARCH & PRINT - URBAN एवं से VOTER SEARCH & PRINT - RURAL नामवार Search करके अपना मतदान केन्द्र का विवरण देख व print कर सकते हैं।
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रायपुर : राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून के मध्य-कैरियर प्रशिक्षण (एमसीटी) चरण 3 के तहत विभिन्न राज्यों के 32 भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों की एक टीम ने कल धमतरी वन मंडल का दौरा किया। इस दौरान अधिकारियों ने वन प्रबंधन और आजीविका संवर्धन से जुड़ी उत्कृष्ट पहलों का अध्ययन किया। दौरे के दौरान सीसीएफ रायपुर श्री राजू अगसिमानी और डीएफओ धमतरी श्री श्रीकृष्ण जाधव ने अधिकारियों को पंपार नाला में किए गए मृदा एवं नमी संरक्षण कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये प्रयास क्षेत्र में जल संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इसके अलावा, टीम ने दुगली स्थित वन धन विकास केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और पारंपरिक वैद्य चिकित्सकों से संवाद किया। इस दौरान लघु वनोपज के मूल्य संवर्धन, पारंपरिक औषधीय ज्ञान के संरक्षण और वीडीवीके के माध्यम से उत्पन्न होने वाली आजीविका के विषय पर गहन चर्चा हुई। इस अध्ययन दौरे को सफल बनाने में श्री हिमांशु डोंगरे, आईएफएस, सुश्री श्वेता कंबोज, आईएफएस प्रोबेशनर, एसडीओ, आरएफओ और फील्ड स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा अपनाई गई प्रभावी संरक्षण रणनीतियों और समुदाय-संचालित आर्थिक सशक्तिकरण की सराहना की।
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पर्यटकों और विद्यार्थियों ने जंगल ट्रैकिंग, बोटिंग का लिया आनंद
जैव विविधता की मिली रोचक जानकारी
रायपुर : गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को गौरेला जनपद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ठाड़पथरा में विशेष पर्यटन गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस आयोजन के तहत स्थानीय पर्यटन समिति को प्रशिक्षित किया गया, साथ ही बनमनई नेचर कैंप का आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटकों और विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के दौरान इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के 40 विद्यार्थियों सहित कई पर्यटकों ने रोमांचक जंगल ट्रैकिंग में हिस्सा लिया। मुख्य प्रशिक्षक एवं पर्यावरणविद संजय पयासी ने सैलानियों को अमरावती गंगा नदी के किनारे रिवर वॉक कराते हुए जिले की समृद्ध जैव विविधता से परिचित कराया। उन्होंने दुर्लभ औषधीय वृक्षों जैसे दहीमन, कुरकुट, अर्जुन, अमलताश, सेमल और साल की पहचान कराई। ट्रैकिंग का मुख्य आकर्षण अमरावती नदी के किनारे स्थित कमरापथरा से ऐतिहासिक माई के मंडप तक की रोमांचक यात्रा रही।
माई के मंडप नर्मदा नदी के विवाह से जुड़ी लोककथा के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया का पहला विवाह मंडप माना जाता है। यहां मौजूद पत्थरों पर उकेरी गई बारात के बरतन की आकृतियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनीं। सैलानियों ने माई के मंडप के झरने का आनंद लिया और इस ऐतिहासिक स्थल की पौराणिकता को करीब से महसूस किया।
ट्रैकिंग और झरने में स्नान के बाद पर्यटकों ने स्थानीय पर्यटन समिति द्वारा तैयार पारंपरिक देशी भोजन का आनंद उठाया, जिसे माहुल पत्ती के पत्तलों में परोसा गया। शाम होते ही ठाड़पथरा के मड हाउस स्थित झील किनारे कैंप फायर का आयोजन हुआ। चांदनी रात में पैडल बोटिंग का अनुभव पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय रहा।
इस दौरान स्थानीय बैगा महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसमें पर्यटक भी झूम उठे। इसके बाद स्टोरी टेलिंग सेशन में सभी ने अपने अनुभव साझा किए और पर्यटन स्थल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को और करीब से जाना। इस आयोजन ने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को एक नई दिशा दी है। स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
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रायपुर : भारतीय वन सेवा के 32 अधिकारियों का एक दल मध्य कैरियर प्रशिक्षण फेज-3 के तहत छत्तीसगढ़ के वन प्रबंधन मॉडल का अध्ययन करने के लिए रायपुर पहुंचा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून द्वारा आयोजित इस अध्ययन यात्रा का उद्देश्य लघु वनोपज प्रबंधन, सामुदायिक वन प्रबंधन और मृदा-नमी संरक्षण की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को समझना समझना है।
रायपुर में अधिकारियों ने अरण्य भवन, नवा रायपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर श्री राव ने सतत वन प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और रणनीतियों को साझा किया। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ वन विभाग की विभिन्न पहलों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज महासंघ के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार साहू ने लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मॉडल जनजातीय महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बैठक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू प्रबंध) श्री सुनील कुमार मिश्रा ने मृदा एवं जल संरक्षण योजनाओं पर जानकारी दी, जबकि सीईओ कैम्पा श्री ओ.पी. यादव ने वनों में जलधाराओं के पुनर्जीवन के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संयुक्त वन प्रबंधन) श्री नावेद शुजाउद्दीन ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पर चर्चा की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिनमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य योजना) श्री मोरिस नंदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (बजट) श्रीमती संगीता गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना, मुख्य वन संरक्षक (बांस मिशन) श्री एस. वेंकटाचलम, मुख्य वन संरक्षक रायपुर श्री राजू अगासीमनी, कैम्पा के संयुक्त सीईओ श्री अमिताभ बाजपेई, वन संरक्षक श्रीमती सातोविषा समाजदार, वन संरक्षक (उत्पादन) श्रीमती सलमा फारूकी और वन संरक्षक श्री मणिवासगन शामिल थे। बैठक के दौरान अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और उपयोगी सुझाव दिए।
बैठक के बाद अधिकारियों ने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी का दौरा किया, जहां श्रीमती सातोविषा समाजदार और श्री गणवीर धामशील ने उन्हें वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन की जानकारी दी। इसके बाद आईएफएस अधिकारियों का दल धमतरी वनमंडल का दौरा करेगा, जहां वनमंडलाधिकारी धमतरी, श्री जाधव श्रीकृष्ण के समन्वय में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इस दौरान अधिकारी पाम्पर नाला में मृदा एवं जल संरक्षण कार्यों का निरीक्षण करेंगे, दुगली में स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र का दौरा करेंगे और रायपुर के संजीवनी एवं बांस एम्पोरियम में वन उत्पादों से जुड़े मूल्य संवर्धन के प्रयासों को समझेंगे।
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रायपुर : पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ में अब पेट्रोल पम्पों पर वाहनों की प्रदूषण जांच के सेंटर (पीयूसी) स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पेट्रोलियम कम्पनियों ने अपनी सहमति दे दी है। पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित होने से वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी और उन्हें अन्य केंद्रों की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, यह पहल वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार और राज्य में पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 4 फरवरी 2025 को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में वाहनों के धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत 7 फरवरी 2025 को परिवहन सचिव एवं परिवहन आयुक्त श्री एस. प्रकाश और अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी सेंटर) स्थापित करने पर सहमति जताई। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन के मुख्य प्रबंधक श्री उपेन्द्र गिरी, भारत पेट्रोलियम के चीफ मैनेजर श्री बी. देवकुमार, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधक श्री श्रेयस गुप्ता और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के मुख्य प्रबंधक श्री गौतम कुमार सहित परिवहन विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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महिला आत्मनिर्भरता, युवाओं के रोजगार और पीड़ित परिवारों के पुनर्वास कार्य को सराहा
रायपुर : राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के अध्ययन यात्रा-2025 के अंतर्गत 18 वरिष्ठ अधिकारियों का दल दंतेवाड़ा पहुंचकर जिले में संचालित सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का अवलोकन किया और जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
अधिकारियों ने सबसे पहले गीदम स्थित डेनेक्स फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्हें बताया गया कि स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री की शुरुआत की थी। इस फैक्ट्री में निर्मित कपड़ों को डेनेक्स ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाता है। जिले में चार फैक्ट्रियों की स्थापना की जा चुकी है, जिनका लक्ष्य लगभग 1,200 परिवारों को रोजगार देना है। यहां अधिकारियों ने कामकाजी महिलाओं से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने कारली स्थित नक्सल पीड़ित पुनर्वास केंद्र का अवलोकन किया। अधिकारियों को अवगत कराया गया कि लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों को सुरक्षित आवास एवं रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से इन परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रतिनिधि मंडल ने एजुकेशन सिटी जावंगा का भी दौरा किया, जहां उन्होंने सक्षम-2 (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का आवासीय विद्यालय) में छात्रों से बातचीत की और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। अधिकारियों को बताया गया कि दृष्टिबाधित छात्रों की पढ़ाई के लिए एनी डिवाइस नामक स्मार्ट लर्निंग टूल उपलब्ध कराया गया है, जो ब्रेल लिपि सीखने और पढ़ने में सहायक है।इसके अलावा, अधिकारियों ने अश्व संचालन (घुड़सवारी) प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया, जहां छात्रों को घुड़सवारी की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। इस दौरान छात्रों ने गीत-संगीत की प्रस्तुति भी दी, जिसे सभी ने सराहा।
दल ने नव गुरुकुल संस्था द्वारा छात्रों को दी जा रही निःशुल्क सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कक्षाओं का भी अवलोकन किया। उन्हें बताया गया कि 18 महीने के इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को पीईटी, पीएमटी, आईआईटी, जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। इसके अलावा, छात्रों को इंग्लिश कम्युनिकेशन और लीडरशिप से जुड़े विशेष सत्र भी कराए जा रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल ने जिले में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और नक्सल पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसे अन्य स्थानों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बताया। इस अवसर पर डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री स्मृतिक राजनाला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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आचार्य जी के उपदेश प्रकाश स्तंभ की तरह: पथ को आलोकित कर देती है सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
रायपुर : जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं तो विश्व के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का संदेश हम सभी को दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह आज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं। आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूज्य समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए कहा कि संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के श्री अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष श्री विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एक युग पुरुष थे, उन्होंने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया
आचार्य विद्यासागर जी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित रहा
आचार्य जी ने भारतीय भाषाओं के संवर्धन, देश के गौरव का विश्वभर में प्रसार और देश की पहचान ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ से होने पर जोर दिया
जी-20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिख कर, मोदी जी ने विद्यासागर जी के विचारों को जमीन पर उतारने का काम किया
आचार्य विद्यासागर जी अपने कर्मों से भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषाओं और भारत की पहचान के प्रतिबिंब बने
आचार्य विद्यासागर जी का संदेश, प्रवचन व लेखन जैन समुदाय के साथ-साथ पूरे राष्ट्र के लिए अनमोल धरोहर
मोदी जी के नेतृत्व में भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘अहिंसा परमो धर्म:’ के सिद्धांतों का प्रचार कर रहा है
जिस देश में अनेक भाषाएँ, लिपियाँ, बोलियाँ, व्याकरण और गाथाएँ हों, वह देश सांस्कृतिक रूप से उतना ही समृद्ध होता है
रायपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया और श्री 1008 सिद्धचक्र विधान विश्व शांति महायज्ञ में शामिल हुए। इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आचार्य श्री विद्यासागर जी की स्मृति में ₹100 का स्मारक सिक्का, डाक विभाग का ₹5 का विशेष लिफाफा, 108 चरण चिन्हों व चित्र का लोकार्पण और प्रस्तावित समाधि स्मारक ‘विद्यायतन’ का शिलान्यास किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप-मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और पूज्य मुनि श्री समता सागर जी महाराज सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एक युग पुरुष थे, जिन्होंने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जन्मे आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज अपने कर्मों से भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषाएँ और भारत की पहचान के ज्योतिर्धर बने। श्री शाह ने कहा कि शायद ही यह सम्मान किसी ऐसे धार्मिक संत को मिला होगा, जिन्होंने धर्म के साथ-साथ देश की पहचान की व्याख्या विश्व भर में की हो। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित रहा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि उन्हें कई बार आचार्य श्री विद्यासागर जी का सान्निध्य मिला और हर बार आचार्य जी ने भारतीय भाषाओं के संवर्धन, देश के गौरव का विश्वभर में प्रसार और देश की पहचान ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ से होने पर जोर दिया। श्री अमित शाह ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिख कर, मोदी जी ने विद्यासागर जी के विचारों को जमीन पर उतारने का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आचार्य जी के विचार को जरा भी राजनीति किए बगैर जमीन पर उतारा और उनके संदेश का अनुकरण करने का काम किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आचार्य जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक तपस्या का मार्ग नहीं छोड़ा। श्री शाह ने कहा कि आचार्य जी ने न केवल जैन धर्म के अनुयायियों को बल्कि जैनेत्तर अनुयायियों को भी अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से मोक्ष का मार्ग बताने का काम किया। श्री अमित शाह ने कहा कि यह बोलने वाले बहुत लोग मिलते हैं कि धर्म, राष्ट्र और समाज के लिए जीवन का हर क्षण समर्पित होना चाहिए। लेकिन पूरा जीवन इसी तरह जीने वाले लोग कभी-कभार ही दिखते हैं और आचार्य जी का जीवन ऐसा ही रहा। उन्होंने कहा कि आचार्य जी ने ‘अहिंसा परमो धर्म:’ के सिद्धांत की समय अनुकूल व्याख्या कर पूरे विश्व में इसे स्थापित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने जैन धर्म के सिद्धांत के अनुरूप इस बात का ख़याल रखा कि उनके शिष्य भी उन्हीं सिद्धांतों पर जीवन व्यतीत करें।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘अहिंसा परमो धर्म:’ के सिद्धांतों का प्रचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर के लिए स्मारक सिक्का और विशेष लिफाफा की स्वीकृति देने के लिए वह मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य जी को दी गई यह कार्यांजलि संत परंपरा का सम्मान है। उन्होंने कहा कि आचार्य जी का प्रस्तावित समाधि स्मारक ‘विद्यायतन’ युगों-युगों तक आचार्य जी के सिद्धांतों, संदेशों और उपदेशों के प्रचार का स्थान बनकर रहेगा। श्री शाह ने कहा कि जिस संत ने अपना पूरा जीवन विद्या की उपासना में बिताया, उनकी समाधि का नाम ‘विद्यायतन’ के अलावा कुछ और नहीं हो सकता। श्री अमित शाह ने कहा कि इस अवसर पर मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में निः शुल्क कन्या विद्यालय का भी शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में कौशल विकास और रोजगार दोनों सम्मिलित होंगे और अध्यापन कार्य मातृभाषा में होगा। उन्होंने कहा कि आचार्य जी के 108 चरण चिह्नों का भी लोकार्पण हुआ है, जो त्याग, तपस्या और संयम के जीवन का संदेश देंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत की संत परंपरा बहुत समृद्ध है। उन्होंने कहा कि देश को जब जिस भूमिका की ज़रूरत पड़ी, संत परंपरा ने उस भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि संतों ने ज्ञान का सृजन किया, देश को एकता के सूत्र में बाँधा और जब गुलामी का कालखंड था, तब संतों ने भक्ति के माध्यम से राष्ट्र चेतना की लौ जलाए रखी। उन्होंने कहा कि देश का शासन और देश जब आज़ादी के बाद पाश्चात्य विचारों से प्रभावित होकर चलने लगा, तब विद्यासागर जी महाराज एकमात्र आचार्य थे जिन्होंने भारत, भारतीयता और भारतीय संस्कृति से खुद को जोड़े रखा।श्री अमित शाह ने कहा कि जैन मुनियों ने पूरे देश को एक करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक, बिहार के राजगीर से लेकर गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल घूम कर अपने कर्मों से अपने त्याग का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आचार्य जी ने हमें सिखाया कि हमारी पहचान हमारी संस्कृति में निहित है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने ‘मूकमाटी’ नामक हिन्दी महाकाव्य की रचना की, जिस पर अनेक लोगों ने शोध और निबंध लिखे हैं। सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के आचार्य जी के संदेश का पालन करते हुए उनके अनुयायियों ने ‘मूकमाटी’ का कई भाषाओं में अनुवाद किया है। उन्होंने कहा कि ‘मूकमाटी’ में धर्म, दर्शन, नीति और अध्यात्म को बहुत गहराई से समझाया गया है और इसमें शरीर की क्षणभंगुरता का वर्णन एवं राष्ट्र प्रेम का भी संदेश है। श्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का मानना था कि हमारे देश की भाषाई विविधता हमारी सच्ची शक्ति है। उन्होंने कहा कि जिस देश में अनेक भाषाएँ, लिपियाँ और बोलियाँ हों और अलग-अलग प्रकार के व्याकरण और गाथाएँ हों, वह देश सांस्कृतिक रूप से उतना ही समृद्ध माना जाता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी और आचार्य जी के बीच बहुत ही आत्मीय संवाद रहा है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी का संदेश, प्रवचन व लेखन जैन समुदाय के साथ-साथ पूरे राष्ट्र के लिए एक अनमोल धरोहर है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
संग्रहालय निर्माण के 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण
मुख्य गेट के पास बनेगा वॉटर फॉउंटेन
हल्बी या गोंडी बोली में लिखा जाएगा संग्रहालय का नाम
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने किया निरीक्षण, कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश
रायपुर : छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण की स्मृति में नवा रायपुर में पुरखौती मुक्तांगन के समीप निर्माणाधीन जनजातीय संग्रहालय का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इस संग्रहालय में अंग्रेजी हुकुमत के दौरान हुए जनजातीय विद्रोहों की झांकी का निर्माण किया जा रहा है।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने निर्माणाधीन संग्रहालय का आज निरीक्षण किया और संग्रहालय निर्माण की धीमी गति पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने संग्रहालय के शेष कार्य गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों, ठेकेदारों और क्यूरेटर का एक दल बनाकर एक-एक गैलेरी का कार्य उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि संग्रहालय के आस-पास जल जमाव की स्थिति निर्मित न हो, इस पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने मुख्यद्वार के पास वाटर फॉउटेन भी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने संग्रहालय का नाम हल्बी एवं गोंडी बोली में भी अंकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संग्रहालय के भीतर लगने वाली दुकानों को ट्राइफेड को दिए जाने के संबंध में कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय परिसर सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत से जगमगा सके, इसे ध्यान में रखते हुए सोलर प्लांट स्थापना की जाए। इस अवसर पर आदिम जाति विकास विभाग के आयुक्त श्री पदुम सिंह ऐल्मा सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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कम लागत, अधिक मुनाफा और जल संरक्षण में मिली सफलता
रायपुर : जल संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने के लिए संचालित पानी बचाओ अभियान का सकारात्मक असर अब बालोद जिले में दिखने लगा है। डौंडी विकासखंड के ग्राम छिंदगांव के आदिवासी कृषक श्री श्रवण कुमार के लिए यह अभियान आर्थिक रूप से अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ। पूर्व में ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने वाले श्रवण कुमार ने जिला प्रशासन और कृषि विभाग के मार्गदर्शन से इस बार अपनी 02 एकड़ भूमि में मक्का की खेती की। इससे उन्हें 88,200 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई, जो धान की तुलना में दोगुनी है।
किसान श्रवण कुमार ने बताया कि मक्का उत्पादन पर कुल 11,800 रुपये का खर्च आया, जिसमें खाद, बीज और अन्य व्यवस्थाएं शामिल थीं। वहीं, मक्का की बिक्री से 1 लाख रुपये की आमदनी हुई, जिससे उन्हें 88,200 रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। इसके विपरीत, गर्मी के मौसम में धान की खेती में ज्यादा लागत और पानी अधिक लगता है और उसकी तुलना में लाभ कम होता है।
मक्के की खेती से न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई, बल्कि पानी की खपत भी अत्यंत कम रही, जिससे भूजल संरक्षण में भी मदद मिली। इसके अलावा, मक्के के अवशेष खेतों में सड़ाने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार हुआ, जिससे खरीफ सीजन में धान का उत्पादन प्रति एकड़ 3-4 क्विंटल बढ़ गया। इस सफलता से प्रेरित होकर श्रवण कुमार ने इस वर्ष भी रबी सीजन में मक्का की खेती करने का निर्णय लिया है।
किसान श्रवण कुमार ने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में संचालित पानी बचाओ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन की प्रेरणा से वे धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती के लिए प्रेरित हुए हैं, जिसका लाभ भी मिला है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति होगी, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
69 लाख 53 हजार 994 हितग्राहियों के बैंक खातों में 650.32 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण
रायपुर : राज्य शासन द्वारा महतारी वंदन योजना की 12वीं किश्त की राशि जारी कर दी गई है, जिसके अंतर्गत 69 लाख 53 हजार 994 महिला हितग्राहियों के बैंक खातों में 650.32 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार महतारी वंदना योजना के तहत फरवरी माह में बालोद जिले में 2,50,768 हितग्राहियों को 23.10 करोड़ रुपए, बलौदा बाजार जिले में 3,27,476 हितग्राहियों को 30.97 करोड़ रुपए और बलरामपुर जिले में 2,13,300 हितग्राहियों को 19.79 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार बस्तर जिले में 1,91,609 हितग्राहियों को 18 करोड़ 87 हजार रुपए, बेमेतरा जिले में 2,52,906 हितग्राहियों को 23.96 करोड़ रुपए और बीजापुर जिले में 38,273 हितग्राहियों को 3.67 करोड़ रुपए की राशि का वितरण किया गया। बिलासपुर जिले में 4,22,741 हितग्राहियों को 39.54 करोड़ रुपए, दंतेवाड़ा जिले में 54,579 हितग्राहियों को 5.16 करोड़ रुपए और धमतरी जिले में 2,34,046 हितग्राहियों को 21.76 करोड़ रुपए की सहायता दी गई। दुर्ग जिले में 4,02,211 हितग्राहियों को 38.33 करोड़ रुपए और गरियाबंद जिले में 1,81,791 हितग्राहियों को 16.75 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 95,401 हितग्राहियों को 8.72 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिली।
जांजगीर-चांपा जिले में 2,88,420 हितग्राहियों को 26.91 करोड़ रुपए, जशपुर जिले में 2,30,609 हितग्राहियों को 21.50 करोड़ रुपए और कबीरधाम जिले में 2,53,149 हितग्राहियों को 23.53 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कांकेर जिले में 1,83,279 हितग्राहियों को 17.46 करोड़ रुपए, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 1,16,472 हितग्राहियों को 10.99 करोड़ रुपए, और कोंडागांव जिले में 1,39,784 हितग्राहियों को 13.08 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई।
कोरबा जिले में 2,93,353 हितग्राहियों को 27.34 करोड़ रुपए, कोरिया जिले में 59,625 हितग्राहियों को 5.62 करोड़ रुपए और महासमुंद जिले में 3,22,519 हितग्राहियों को 30.11 करोड़ रुपए की राशि का वितरण हुआ।मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 1,00,895 हितग्राहियों को 9.70 करोड़ रुपए, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 81,831 हितग्राहियों को 7.59 करोड़ रुपए और मुंगेली जिले में 2,12,511 हितग्राहियों को 19.44 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई। नारायणपुर जिले में 27,258 हितग्राहियों को 2.54 करोड़ रुपए, रायगढ़ जिले में 3,03,934 हितग्राहियों को 27.72 करोड़ रुपए और रायपुर जिले में 5,31,558 हितग्राहियों को 51.19 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई। राजनांदगांव जिले में 2,56,724 हितग्राहियों को 24.22 करोड़ रुपए, सक्ती जिले में 1,98,777 हितग्राहियों को 18.22 करोड़ रुपए और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 1,89,156 हितग्राहियों को 16.67 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की गई। सुकमा जिले में 52,065 हितग्राहियों को 4.91 करोड़ रुपए, सुरजपुर जिले में 2,15,518 हितग्राहियों को 20.29 करोड़ रुपए और सरगुजा जिले में 2,31,456 हितग्राहियों को 21.38 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया गया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के कैंसर विभाग (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) को राष्ट्रीय कैंसर दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (चिकित्सा शिक्षा -1) ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एन.एम.सी.) को निर्देशित किया है कि चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विषय में सुपर स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम (एम.सी.एच.) के लिए 03 सीटों की स्वीकृति प्रदान की जाए। इससे यह महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम इसी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ किया जा सकेगा।
प्रदेश में कैंसर उपचार को मिलेगा नया आयाम
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा महाविद्यालय के कैंसर विभाग में पहले से एम.डी. (रेडियोथेरेपी) की 6 मान्यता प्राप्त सीटें पहले से संचालित की जा रही हैं। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विषय में सुपर स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम की स्वीकृति के बाद अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी।
मध्य भारत का पहला शासकीय चिकित्सा संस्थान बना रायपुर मेडिकल कॉलेज, जहां विशेष पाठ्यक्रम होगा संचालित
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी और सर्जिकल आंकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि रायपुर मेडिकल कॉलेज मध्य भारत का पहला शासकीय चिकित्सा संस्थान है, जहां यह विशेष पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। महाविद्यालय के एन.एम.सी. सेल के चेयरमैन डॉ. अरविंद नेरल ने बताया कि गत वर्ष इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन कुछ कमियों के कारण एन.एम.सी. ने एल.ओ.पी. (लेटर ऑफ परमिशन) जारी नहीं किया था। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा इन कमियों को दूर कर दो बार पुनर्विचार के लिए अपील की गई। हाल ही में एन.एम.सी. के निर्देशानुसार सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता को व्यक्तिगत रूप से नई दिल्ली भेजा गया, जहां स्टाफ, अधोसंरचना, उपकरण, क्लिनिकल सुविधाओं और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की गई। संतोषजनक मूल्यांकन के बाद एन.एम.सी. ने एम.सी.एच. पाठ्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की।
कैंसर मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
एम.सी.एच. सर्जिकल ऑन्कोलॉजी पाठ्यक्रम के शुरू होने से:
✔ कैंसर के मरीजों को उन्नत शल्य चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
✔ प्रदेश को सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सुपर-विशेषज्ञ मिलेंगे।
✔ चिकित्सा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और शोध के बेहतरीन अवसर मिलेंगे।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से छत्तीसगढ़ के कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक उपचार की सुविधा मिलेगी और चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर कैंसर उपचार और शोध के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री अजय सिंह एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे सुकमा
स्ट्रांग रूम, मतगणना स्थल, मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण
निर्वाचन से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के दिए निर्देश
ई वी एम जागरूकता कार्यक्रम कुम्हाररास में मतदाताओं से चर्चा कर दी मतदान की जानकारी
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री अजय सिंह नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 के अंतर्गत मतदान पूर्व तैयारियों की जायजा लेने एक दिवसीय सुकमा प्रवास पर रहे। उनके साथ राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्वर नरेंन्द्र भुरे एवं नोडल अधिकारी नगर पालिका एवं पंचायत निर्वाचन (पुलिस) श्री ओ.पी. पाल भी उपस्थित थे।
राज्य निर्वाचन आयोग श्री अजय सिंह ने सुकमा जिले के हैलीपैड में स्थित मीटिंग हाल में जिले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में चुनाव की अदयतन स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर श्री देवेश कुमार धु्रव ने नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन को सुचारू रूप से संचालन एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराए जाने के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियों के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों में कुल 17 हज़ार 511 मतदाता एवं त्रिस्तरीय पंचायत में 1 लाख 70 हज़ार 228 मतदाता है। नगरीय निकायों में मतदान केंद्र 31 हैं, जिसमें संवेदनशीलता के आधार पर सभी सामान्य मतदान केंद्र हैं। वहीं त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए 375 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से संवेदनशील 217 एवं अति संवेदनशील 104 मतदान केंद्र हैं। उन्होंने जिले के समस्त मतदान केन्द्रों की भौतिक स्थिति से अवगत कराया और संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। वहीं पुलिस अधीक्षक श्री किरण चव्हाण ने जिले में मतदान केन्द्रों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह बैठक के पश्चात प्राथमिक शाला जनपदपारा सुकमा में स्थित मतदान केंद्र पहुँचे। मतदान केंद्र में मतदाताओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।
इसके पश्चात श्री सिंह ने शासकीय आईटीआई कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम एवं मतगणना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने स्ट्रांग रूम में सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी सहित अन्य सभी आवश्यक मूलभूत आवश्यकताओं को समय पूर्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने मतगणना स्थल में बिजली, पेयजल, शौचालय, पर्याप्त बैरिकेडिंग, पार्किंग व्यवस्था, निर्वाचन अभिकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था, मतगणना कक्ष की जानकारी लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
स्ट्रॉंग रूम के निरीक्षण के पश्चात श्री सिंह कुम्हाररास में चल रहे ईवीएम जागरूकता शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ईवीएम मशीनों के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार की और अधिक आवश्यकता है, क्योंकि इस बार एक ही मशीन में महापौर अध्यक्ष और पार्षद के लिए मतदाता को दो बार वोट देना होगा। उन्होंने मतदाताओं को ईवीएम मशीन के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान कर जागरूक करने कहा। उन्होंने अधिकारियों को आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और आचार संहिता उल्लंघन के प्रकरण को समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने वोटिंग की जानकारी लेने पहुँचे मतदाताओं से चर्चा की। उन्होंने लोगों को समझाते हुए कहा कि इस बार आपको पार्षद और महापौर/अध्यक्ष पदों के लिए चुनाव करना है। ईवीएम मशीन में दो बार बटन दबाना है जिससे दोनों बार बीप की आवाज आएगी। इसके साथ ही आपकी मतदान करने की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। आप सभी अपने मताधिकार का प्रयोग बुद्धिमानी से और सोच समझकर करें।
निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे निर्वाचन तैयारी की सराहना की एवं नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन सुचारू एवं शांतिपूर्ण रूप से संपन्न करने आवश्यक निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान बस्तर संभाग आयुक्त श्री डोमन सिंह, आईजी बस्तर श्री पी सुंदरराज, कलेक्टर श्री देवेश कुमार धु्रव, पुलिस अधीक्षक श्री किरण चव्हाण, जिला सीईओ श्रीमती नम्रता जैन, अपर कलेक्टर श्री गजेंद्र सिंह ठाकुर,संयुक्त कलेक्टर श्री सूरज कश्यप एवं निर्वाचन से सम्बंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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