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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : विधान सभा परिसर स्थित ऐलोपैथिक चिकित्सालय में आज विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित तीन दिवसीय “स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” का शुभारंभ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप एवं लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया।
इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायकगण, विधान सभा सचिव श्री दिनेश शर्मा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया भी उपस्थित थे। यह शिविर दिनांक 18 से 20 मार्च तक रहेगा। इस शिविर में पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के विभिन्न विशेषज्ञ एवं चिकित्सक पूर्वान्हः 11.00 बजे से अपरान्ह् 5.00 बजे के मध्य विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे।
“स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” के शुभारंभ अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री, श्री श्याम बिहारी जायसवाल का स्वास्थ्य परीक्षण चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विधान सभा परिसर में बजट सत्र के दौरान समस्त मान. सदस्यों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। इस शिविर में ई.सी.जी., एक्सरे, सोनोग्राफी एवं पैथोलॉजी टेस्ट के साथ दन्त, ऑख, नाक, गला, संबंधी विभिन्न विशेषज्ञ/ चिकित्सक उपस्थित रहकर विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। -
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प्रधानमंत्री आवास योजना केवल ईंट और गारे से बने घरों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह लाखों जरूरतमंदों के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है: श्री विजय शर्मा
वित्तीय वर्ष 2025-26 में पीएम आवास के लिए 8500 करोड़ रूपए का प्रावधान
बस्तर में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों का सृजनराज्य के पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से किया जा रहा सुसज्जित
2 लाख 24 हजार से अधिक महिलाएं बनी लखपति दीदी
5 साइबर, 6 अजाक, 3 महिला और 2 नवीन पुलिस थाना खोलने की घोषणा
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पुलिस, गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें पुलिस विभाग से संबंधित व्यय के लिए 8237 करोड़ 13 लाख 16 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित व्यय के लिए 141 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 278 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8055 करोड़ 65 लाख 97 हजार, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता के लिए 4025 करोड़ 76 लाख 69 हजार रूपए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 64 करोड़ रूपए तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 474 करोड़ 8 लाख 4 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सदन में बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए एक-एक गारंटी को पूरा करने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के हर आवासविहीन परिवारों को छत देने का सपना को साकार करने का काम रही है। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए पहली कैबिनेट बैठक में ही स्वीकृति प्रदान कर इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हमारे सरकार के लिए केवल ईंट और गारे से बने घरों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह लाखों जरूरतमंदों के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि भारत सरकार हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए 11 लाख 50 हजार नऐ मकानों की मंजूरी दी, इसके लिए 8 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया, अब तक 7 लाख 69 हजार मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है और निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व वाले सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 8500 करोड़ ऐतिहासिक प्रावधान किया गया है। इससे आवासहीन एवं जरूरतमंद परिवारों का स्वयं के मकान का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान के तहत 26 हजार 426 विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों को मकानों की स्वीकृति दी गई और उनके खातों में 259 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सदन बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2.70 लाख स्व सहायता समूह के माध्यम से 29.14 लाख से अधिक गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर विभिन्न आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराई जा रही है। योजना के तहत अब तक संगठनों को 6873 करोड़ रूपए से अधिक की राशि आपदा कोष के रूप में जारी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 2.24 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी है। वहीं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से नमों ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। अभी तक 14 ड्रोन दीदी तैयार कर 74 और ड्रोन दीदीयों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर देश में जन आंदोलन के रूप में वृहद स्तर स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाया गया, जिसका उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं। हमारी सरकार इस वर्ष के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बस्तर संभाग के ऐसे अपूर्ण सड़के जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है, सुरक्षा बलों के सहयोग से 204 किलोमीटर की 19 सड़के पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 35 वृहद पुलों का निर्माण कर 85 करोड़ रूपए व्यय किया गया हैं। इस वर्ष बजट में नवीनीकरण कार्य हेतु 350 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार पीएम-जनमन योजना अंतर्गत पीवीजीटी बसाहटों में सड़क निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सडक विकास योजना के लिए 92.70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है इससे 167 किलोमीटर की 66 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि हमारी सरकार ग्रामीण महिलाओ को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने के उद्देश्य से 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार 70 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु 14 करोड़ रूपए का प्रावधान है। वहीं प्रदेश सभी पंचायतों में पंचायत राज मंत्रालय के सहयोग से कम्प्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जो ठोस कदम उठाए गए हैं, वे मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। विशेष रूप से नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्य तेज हुए हैं और नक्सलवाद अपनी अंतिम अवस्था में पहुँच चुका है। इस वित्तीय वर्ष में गृह विभाग के लिए पिछले वर्ष की बजट की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि की हुई है, जो यह दर्शाती है कि सरकार कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
प्रदेश में पुलिस अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए इस बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। पुलिस अधोसंरचना निर्माण के लिए 518 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्षों के कुल बजट से भी अधिक है। पिछले बजट में इस मद के लिए 200 करोड़ की राशि रखी गई थी, लेकिन इस बार इसे ढाई गुना से अधिक बढ़ाया गया है। सरकार का यह निर्णय पुलिस बल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और उनके कार्यस्थल की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशासनिक भवनों और पुलिस आवासों के निर्माण एवं उन्नयन के लिए यह राशि खर्च की जाएगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमारी सरकार द्वारा बीते एक वर्ष में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रदेश के जवान कठिन परिस्थितियों में भी पूरी बहादुरी से नक्सलवाद का सामना कर रहे हैं। बीते 14 महीनों में 157 मुठभेड़ों में 305 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं, 396 हथियार और 492 आईईडी पकड़े गए हैं, जबकि 1205 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। हमारी पुनर्वास नीति एवं सुरक्षा बलों के दबाव के चलते 975 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण किया है। यह हमारे सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता और सरकार की दूरदर्शी नीतियों का प्रतिफल है।
नक्सल उन्मूलन के लिए इस वर्ष के बजट में कई नए प्रावधान किए गए हैं। बस्तर के सातों जिलों में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के प्रशासनिक और आवासीय भवनों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। नक्सल आसूचना तंत्र को और मजबूत करने के लिए नवीन भवन निर्माण एवं उपकरणों के लिए लगभग 2.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से एक विशेष डब्लूएचएपी वाहन खरीदा जाएगा।
प्रदेश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस वर्ष के बजट में पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियारों, संचार उपकरणों, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष निगरानी ड्रोन से लैस करने के लिए 350 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रदेश में आधुनिक साइबर सेल की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। पुलिस वाहनों की संख्या बढ़ाने एवं गश्त की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी इस बजट में महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है। पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पुलिस आवासीय सुविधा को बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे पुलिस कॉलोनियों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य किया जाएगा। पुलिस कर्मियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 75 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसमें पुलिस अस्पतालों का उन्नयन एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति शामिल है।
महिला सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ और ‘निर्भया पेट्रोलिंग यूनिट’ का विस्तार करने के लिए 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। प्रत्येक थाना स्तर पर महिला हेल्पडेस्क स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।प्रदेश में पुलिस और जनता के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत स्थानीय नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के बीच नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 30 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।
सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार भी सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए 53 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं। इस प्रयास के तहत नारायणपुर-धौड़ाई-दंतेवाड़ा-बारसूर मार्ग को चालू किया गया है, जिससे वर्षों से प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर सुरक्षा उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। वर्ष 2023 से जनवरी 2025 तक की अवधि में विभिन्न योजनाओं के तहत 49 मार्गों पर 243 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण और 11 पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।संचार नेटवर्क को सशक्त करने के लिए माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 577 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, विद्युतीकरण के कार्य भी तेज किए गए हैं, जिससे सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार बिजली पहुँची है। प्रदेश की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और विकास को प्राथमिकता देते हुए इस बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। सरकार की मंशा केवल नक्सल उन्मूलन तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश में शांति, विकास और स्थायित्व को स्थापित करना भी हमारा संकल्प है। पुलिस बल को सशक्त करने, अधोसंरचना का विकास करने, महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में यह बजट एक महत्वपूर्ण कदम है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग को सशक्त बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 474 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे संस्थानों का विस्तार, अधोसंरचना विकास और युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को राहत देने के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। साथ ही छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति के तहत 500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। -
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से कहा-सरकार आपके गांवों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे युवा: पहली बार देखा रेलवे स्टेशन, विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम
रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दूरस्थ गांवों से आए युवाओं के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत नियद नेल्लानार योजना में शामिल सिलगेर, पूवर्ती, एलमागुंडा, लखापाल, शालातोंग, साकलेर, छोटेकेडवाल, बगडेगुड़ा और बेदरे जैसे गांवों के 119 युवा पहली बार अपने गांव से बाहर निकले और राजधानी रायपुर पहुंचे।इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान युवाओं ने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया।राजधानी आगमन के दौरान युवाओं ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का भ्रमण किया और दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी, जिससे वे बेहद उत्साहित नजर आए। इस अवसर पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने युवाओं से चर्चा करते हुए कहा कि युवा चाहें तो अपने गांव में अमन-चैन और विकास की रोशनी फैला सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने युवाओं से उनके गांव की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनके गांवों में पक्की सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन, चिकित्सा और आवास जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने युवाओं को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की और कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को विकसित और समृद्ध राज्य बनाएंगे।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों के आर्थिक विकास के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन गांवों के निकट नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके और शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे।उल्लेखनीय है कि आजादी के 75 साल बाद पहली बार अपने गांव से बाहर निकल कर राजधानी पहुंचे अनेक ग्रामीणों ने प्रदेश की प्रगति को नजदीक से देखा और भविष्य में अपने गांवों के विकास में योगदान देने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में दूरस्थ क्षेत्रों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचे और वहां के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ें। राज्य सरकार प्रदेश के माओवाद प्रभावित इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है।
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अब इन दूरस्थ गांवों तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे युवाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना और नियद नेल्ला नार योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ग्रामीण युवाओं को प्रदेश की विकास प्रक्रिया से जोड़ने में मदद मिल रही है। यह पहल न केवल इन गांवों के युवाओं के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आई है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य की भी झलक देती है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी: देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी
बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त: 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी
राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं।
खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।
मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा। -
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तखतपुर में खुलेगा उद्यानिकी महाविद्यालय: कृषि मंत्री ने की घोषणा
प्रदेश का धरोहर बनेगा नया रायपुर में निर्माणाधीन आदिवासी संग्रहालय
आश्रम-छात्रावासों केे सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों की टीम करेगी निरीक्षण, जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का होगा जीर्णाेंद्धार
आश्रम-छात्रावास परिसर में बनाए जाएंगे अधीक्षक निवास
वर्टिकल फार्मिंग के लिए किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए कुल 63,273 करोड़ 82 लाख 11 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 229 करोड़ 35 लाख 38 हजार रूपए, आदिम जाति कल्याण के लिए 155 करोड़ 28 लाख 40 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 38,271 करोड़ 21 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल के लिए 1814 करोड़ 54 लाख 30 हजार रूपए, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रूपए अनुदान मांगें शामिल हैं।इसी प्रकार अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत नगरीय निकाय को वित्तीय सहायता के लिए 198 करोड़ 83 लाख 67 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 13792 करोड़ 21 हजार रूपए, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 291 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-भवन के लिए 261 करोड़ 65 लाख 10 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 461 करोड़ 20 लाख 98 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए 283 करोड़ 14 लाख 71 हजार रूपए, कृषि के लिए 7056 करोड़ 53 लाख 60 हजार रूपए तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधित व्यय के लिए 456 करोड़ 26 लाख 86 हजार रूपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।
कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार मोदी की गारंटी के अनुरूप गांव, गरीब, किसान, युवा और वंचित वर्गाें के लिए काम कर रही है। ‘‘हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे‘‘ के जज्बे के साथ अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सबके लिए काम कर रही है। इन सभी वर्गाें के उत्थान के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आदिवासियों के लिए योजना बनाकर काम शुरू किया गया है। इनके परिणाम अब धरातल पर दिख रहे हैं और आदिवासी समाज का बेटा छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बना है। विशेष पिछड़ी जनजाति की बेटी देश की राष्ट्रपति है।
श्री नेताम ने सदन में बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व एवं पूंजीगत व्यय में 2956 करोड़ 40 लाख 52 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 2205 करोड़ 19 लाख 38 हजार रूपए, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 531 करोड़ 17 लाख 64 हजार रूपए तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 220 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए के प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी उपयोजना मद में विभिन्न विभागों के लिए आगामी बजट में कुल 40,800 करोड़ 76 लाख 49 हजार रूपए का बजट प्रावधान है। अनुसूचित जाति उपयोजना मद में कुल 14,036 करोड़ 49 लाख 56 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
श्री नेताम ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों और अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास एवं स्थानीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए बहुत से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) नाम से एक महत्वपूर्ण अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है, इसमें राज्य की पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, पहाड़ी कोरबा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर को शामिल किया गया है। इसके माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए त्वरित कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने नये बजट में विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के 18 जिलों के 2161 बसाहटों में 59 हजार 800 से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार निवासरत हैं, जिनकी जनसंख्या करीब 2 लाख 29 हजार है।
आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने सदन में बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों के निवासी नियद नेल्ला नार के माध्यम से विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित 80 हजार करोड़ रूपए की योजना है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 6 हजार गांव शामिल हैं। इस अभियान के तहत वन क्षेत्रों के गांवों में सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, सिंचाई के साधन, क्षमता निर्माण जैसे काम किए जा रहे हैं। भारत सरकार की निगरानी में राज्य में इन क्षेत्रों में काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों केे सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों की टीम नियमित निरीक्षण करेगी। साथ ही जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का शीघ्र जीर्णाेंद्धार किया जाएगा।
श्री नेताम ने बताया कि नया रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय देश का सबसे अच्छा आदिवासी संग्रहालय होगा। यह प्रदेश की धरोहर बनने जा रहा है। आदिवासी समाज के लोगों के आजादी में योगदान और उनके संघर्षों को यहां चित्रित किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्हांेने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के श्रद्धा/पूजा स्थलों ‘‘अखरा विकास‘‘ के परिरक्षण एवं विकास के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए तथा आदिवासी समुदायों की पुरातन परंपरा ‘‘करमा‘‘ के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान नये बजट में किया गया है। उन्होंने बताया कि संत शिरोमणि बाबा गुरू घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गिरौदपुरी के साथ ही भण्डापुरी जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में अधोसंरचना विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के विस्तार एवं विकास के लिए बजट में 2 करोड़ 24 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। भण्डारपुरी धर्म स्थल में गुरूद्वारा (मोती महल) निर्माण के लिए 17.80 लाख रूपए का भी प्रावधान किया गया है।
कृषि मंत्री श्री नेताम ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि किसान परहित और परिश्रम का पर्याय है। कृषि और ऋषि संस्कृति में हम सब रचे-बसे हैं। श्री नेताम ने तखतपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुपूरक बजट में इसे शामिल किया जाएगा। उन्हांेने सदन में बताया कि नये बजट में किसान समृद्धि योजना के लिए 11 करोड़ रूपए और किसानों के कृषि प्रशिक्षण एवं पर्यटन के लिए 2 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में श्रीअन्न (कोदो, कुटकी, रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाकर काम किया जा रहा है।
मंत्री श्री नेताम ने सदन में कहा कि खरीफ एवं रबी फसलों की मक्का, सरसो, सोयाबीन, उड़द, मूंग, चना जैसी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था नैफेड और एनसीएफ के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए नये बजट में 10 करोड़ रूपए प्रावधानित है। उन्हांेने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्टिकल फार्मिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हो रही है। किसानों को उन्नत वर्टिकल फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग इसके माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आगामी बजट में इसके लिए 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
अनुदान मांगों की चर्चा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सदस्यगण श्री अजय चंद्राकर, श्री पुन्नू लाल मोहले, श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री लखेश्वर बघेल, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्री दलेश्वर साहू, श्री दिलीप लहरिया, श्री कुंवर सिंह निषाद, श्रीमती गोमती साय, श्री रामकुमार यादव, श्री प्रबोध मिंज, श्री अटल श्रीवास्तव, श्री व्यास कश्यप, श्रीमती भावना बोहरा, श्रीमती रायमुनि भगत, श्री जनक धु्रव, श्री प्रणव कुमार मरपच्ची, श्री नीलकंठ टेकाम और श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा ने हिस्सा लिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए - मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म ‘‘छावा‘‘ को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी।मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई।स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर वर्षा, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा। SWIC, NWIC द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के जल संसाधन विभाग के 09 बॉधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रूपए भारत सरकार के माध्यम से ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउण्डेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी। इस कार्यक्रम को सुफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए के डिग्री प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा शेष अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला/विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा।इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महान समाजसेविका एवं छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी का संपूर्ण जीवन समाज में व्याप्त छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए समर्पित था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नारी शिक्षा और मजदूरों के कल्याण के लिए उनके प्रयास ऐतिहासिक रहे हैं।उन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ न केवल आवाज उठाई, बल्कि उन्हें समाप्त करने के लिए संघर्ष भी किया। वंचितों, शोषितों और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनका योगदान अमूल्य है। श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी का सेवाभावी, कर्मठ और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सभी के लिए मार्गदर्शक है। उनके विचार और कार्य हमें समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बस्तर में शांति स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा बस्तर पंडुम : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायबस्तर के असल जीवन को करीब से जानने-समझने का मिलेगा अवसरबस्तर पंडुम 2025: लोकसंस्कृति और परंपराओं का भव्य उत्सवबस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की अनूठी पहल है बस्तर पंडुमरायपुर : बस्तर के लोग जीवन का हर पल उत्सव की तरह जीते हैं और अपनी खुशी की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। बस्तर में शांति स्थापना के लिए हम तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं और बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के लोकजीवन और लोकसंस्कृति को सहेजने के साथ ही उनकी उत्सवधर्मिता में हम सहभागी बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मांदर की थाप पर नाचते कलाकारों की मौजूदगी में बस्तर पंडुम 2025 के लोगो का अनावरण किया और यह बातें कही। उन्होंने बस्तर पंडुम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ ही बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को सशक्त मंच प्रदान करेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बस्तर पंडुम के बुकलेट का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर का विकास और वहां के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल रहा है। बस्तर को माओवाद से मुक्त करने की दिशा में हमने तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक और हाल ही में आयोजित अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन में भी बस्तर वासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। यह दर्शाता है कि बस्तर वासियों का विश्वास लगातार शासन के प्रति बढ़ा है और वे क्षेत्र में शांति और अमन-चैन चाहते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने बजट में नक्सली हिंसा से ग्रसित रहे पुवर्ती गांव में भी अस्पताल खोलने का बड़ा निर्णय लिया है। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से हम बस्तर वासियों के मूलभूत जरूरत को तेजी से पूरा कर रहें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के लोग अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं और हर मौके को अपने खास अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं । बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के असल जीवन को और करीब से देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम में नृत्य, गीत, लोककला, लोकसंस्कृति, नाट्य, शिल्प, रीति- रिवाज, परंपरा और व्यंजन सहित विभिन्न 7 विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। श्री साय ने कहा कि बस्तर में खुशहाली हो, लोग भयमुक्त होकर अपने अंदाज में जिये और उन्हें शासन की सभी सुविधाओं का लाभ मिले। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, विधायक श्री किरण देव, विधायक सुश्री लता उसेंडी, विधायक श्री विनायक गोयल, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. और संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य मौजूद रहे।
बस्तर की पहचान को दर्शा रहा है बस्तर पंडुम का लोगो
बस्तर पंडुम के लोगो में बस्तर के लोकजीवन को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है और यह उनकी सांस्कृतिक पहचान से गहरे से जुड़ा हुआ है। बस्तर के विरासत को बहुत ही कलात्मक ढंग से दिखाने का प्रयास इसमें किया गया है। "बस्तर पंडुम" गोंडी का शब्द है जिसका अर्थ है बस्तर का उत्सव। प्रतीक चिन्ह में बस्तर की जीवनरेखा इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को शामिल गया है। इस प्रतीक चिन्ह के माध्यम से सरल, सहज और उम्मीदों से भरे अद्वितीय बस्तर को आसानी से जाना और समझा जा सकता है।
नृत्य, गीत समेत 07 प्रमुख विधाओं पर केंद्रित होगा आयोजन
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन एवं पारंपरिक पेय से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ये स्पर्धाएं तीन चरणों में संपन्न होंगी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता 12 से 20 मार्च, जिला स्तरीय प्रतियोगिता 21 से 23 मार्च, संभाग स्तरीय प्रतियोगिता दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक सम्पन्न होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
बस्तर के लोकजीवन और परंपराओं पर आधारित आयोजन होंगे प्रमुख आकर्षण
बस्तर पंडुम में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के लिए 709 करोड़ 87 लाख रूपए और श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारितनई औद्योगिक नीति के लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को मिले हैं 1 लाख करोड़ रूपए से अधिक के 31 निवेश प्रस्तावशहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का सभी जिलों में किया जाएगा विस्ताररायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 965 करोड़ 18 लाख रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई। इसमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से संबंधित व्यय के लिए 709 करोड़ 87 लाख रूपए तथा श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने सदन में कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा 01 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की गयी है। इसका मूल विषय अमृत काल छत्तीसगढ़ विजन-2047 रखा गया है।उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्य ने अपनी नीति को विकास का आधार बनाकर रोजगार प्रदान करने पर जोर दिया है। इसके लिए श्रम-प्रधान उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, जो अधिकतम रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं। विशेषकर, जो इकाइयाँ 1000 से अधिक रोजगार सृजित करेंगी, उन्हें मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इकाईयों के द्वारा दिव्यांगजन, सेवानिवृत्त अग्निवीर या आत्मसमर्पित नक्सली को रोजगार दिये जाने पर इस विषय पर विशेष अनुदान प्रदान किया जायेगा।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासियों के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ईपीएफ व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। राज्य में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत स्थापित होने वाले औद्योगिक इकाइयों को ब्याज अनुदान, स्थायी पंूजी निवेश अनुदान, मार्जिन मनी अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान जैसे विभिन्न अनुदान एवं छूट प्रदान किए जाएंगे। नई औद्योगिक नीति में भूमि, भवन एवं बैंक ऋण पर स्टाम्प शुल्क भुगतान से पूर्ण छूट एवं 06 वर्ष से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट का प्रावधान किया गया है। इसमें कई सेवाओं के लिए प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए स्व-घोषणा को मान्य किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो गई है।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 34 औद्योगिक क्षेत्रो/पार्काे की स्थापना की जा चुकी है एवं आने वाले समय में 4 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। राज्य के विभिन्न जिलो में नवीन फूड पार्क, रायपुर जिले में जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क और प्लास्टिक पार्क, नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क एवं जांजगीर-चांपा जिले में स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैण्ड-अप इंण्डिया योजना एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। औद्योगिक नीति 2024-30 में युवाओं के लिये एक नई योजना छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना का प्रावधान किया गया है, जिसमें ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि राज्य की औद्योगिक इकाईयों के अनुदान/छूट संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की गयी है, जिसमें प्रकरणों का समयावधि में निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बिना ठोस तैयारी के उद्योगों के साथ एम.ओ.यू. कर दिये जाते थे, जिससे राज्य को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार एम.ओ.यू. के स्थान पर इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट जारी कर रही है। यह उन निवेशकों को दिया जाता है जो निवेशक हमारी औद्योगिक नीति एवं अनुदान प्रोत्साहन से प्रभावित होकर राज्य में निवेश करने की अभिरूचि लिखित में प्रस्तुत करते हैं। इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट केवल एम.ओ.यू. का विकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह विस्तृत चर्चा उपरांत निवेशकों को दिया जाने वाला विश्वास पत्र है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को 1 लाख करोड़ रूपए से अधिक के कुल 31 प्रस्ताव निवेश के लिए प्राप्त हो चुके हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि पोलीमेटेड इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने राज्य में 1143 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नवा रायपुर में इसका प्लांट बनने जा रहा है। इसी तरह यस फैन एण्ड एप्लाईन्सेस और रेक बैंक डाटा सेंटर ने भी नवा रायपुर में उद्योग लगाने के लिए जमीन का चयन कर लिया है। अब्रेल ग्रीन एनर्जी ने मुंगेली में सोलर पावर के लिए भूमि का चयन किया है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा देते हुए विभिन्न अनुदानों एवं छूटों का प्रावधान किया गया है।नये बजट में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लिए नया रायपुर में कार्यालय निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ ही रियायती दर पर भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। इससे व्यापारिक संगठनों को एक मजबूत मंच मिलेगा और वे राज्य में औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका निभा सकेंगे। नये बजट में राज्य के 06 जिलों राजनांदगांव, जगदलपुर, कोंडागांव, बालोद, महासमुंद एवं बिलासपुर में नवीन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कार्यालयों के भवन निर्माण के लिए 15.60 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इससे प्रशासनिक कार्यों में दक्षता आएगी और उद्यमियों को सरकार की योजनाओं एवं नीतियों का त्वरित लाभ मिलेगा।
श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा संगठित/असंगठित/निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के कार्य किए जाते हैं। विभाग द्वारा श्रमिकों की कार्यदशा, सेवा शर्तों एवं कार्यक्षेत्र में स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं औद्योगिक शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न श्रम कानूनों का प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी। विभाग द्वारा गत वर्ष 06 जिलों में 16 और इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केन्द्र प्रारंभ किये जा चुके हैं। आगामी वर्ष 2025-26 में राज्य के सभी जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा। श्रम विभाग के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि आगामी वर्ष के बजट में श्रमायुक्त संगठन के लिए 29 करोड़ 40 लाख 94 हजार रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के लिए 125 करोड़ 10 लाख रूपए, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार, औद्योगिक हाइजिन प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 01 करोड़ 51 लाख 40 हजार रूपए, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 64 करोड़ 18 लाख 65 हजार रूपए तथा औद्योगिक न्यायालय के लिए 22 करोड़ 85 लाख 95 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग तथा श्रम विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण सर्वश्री दलेश्वर साहू, राजेश मूणत, कुंवर सिंह निषाद, प्रबोध मिंज, सुशांत शुक्ला, देवेन्द्र यादव, अजय चंद्राकर, व्यास कश्यप और राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भाग लिया। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का भव्य आयोजन 12 मार्च से शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप आयोजित इस महोत्सव में बस्तर संभाग की अनूठी लोककला, संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक जीवनशैली को मंच मिलेगा। ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का आयोजन न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि इस क्षेत्र के प्रतिभाशाली कलाकारों को मंच देने और उनकी कला को प्रोत्साहन प्रदान करने का सुनहरा अवसर भी है।इस आयोजन में 7 प्रमुख विधाओं जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन-पेय पदार्थों पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी। ये स्पर्धाएं क्रमशः जनपद, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी। प्रतियोगिता का पहला चरण 12 से 20 मार्च तक जनपद स्तर पर होगा, दूसरा चरण 21 से 23 मार्च तक जिला स्तर पर और अंतिम चरण 1 से 3 अप्रैल तक दंतेवाड़ा में संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के रूप में संपन्न होगा। प्रत्येक चरण के विजेताओं को पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में बस्तर के पारंपरिक नृत्य-गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और व्यंजन प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रतिभागियों को प्रदर्शन के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं, जिसमें मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। चयन समिति में प्रशासनिक अधिकारी के अलावा आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकारों को शामिल किया गया है। -
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नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संगठन "सार्क जर्नलिस्ट फोरम " (एसजेएफ ) के वर्ष 2025-27 के लिए कार्यकारिणी की आज घोषणा की गयी।एसजेएफ की जारी विज्ञप्ति के अनुसार नयी कार्यकारिणी इस प्रकार है। राम नाथ विद्रोही -अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ.समरेन्द्र पाठक-कार्यकारी अध्यक्ष, सुशील भारती -अध्यक्ष इंडिया चैप्टर, एम. एच.जकारिया-उपाध्यक्ष, श्याम नाथ श्याम-प्रधान महासचिव, अनीस कुमार पिन्कू एवं अफरोज कुरैशी-महासचिव,अनीस कुमार गुड्डू ,मुश्ताक अहमद, मृत्युंजय सरदार व गोपाल शर्मा-सचिव, वीरेंद्र कुमार-कोषाध्यक्ष, फारूक शाहमिरी-प्रवक्ता,मुकेश कुमार सिंह, अविनाश कुमार सिंह,आर.डी.मीना, सैयद जाकी हैदर, सुबीर सेन, अखिलेश कुमार अखिल, कुमार समत, सारिका झा एवं सुल्तान कुरैशी कार्यकारिणी के सदस्य होंगे।
एसजेएफ ने दक्षिण एशिया खासकर भारत में पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए देश के कई नामचीन एवं जुझारू पत्रकार संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष करने का संकल्प दोहराया है। एसजेएफ ने भारत में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, राष्ट्रीय एवं प्रांतीय स्तर पर लंबी सेवा के बाद फ्रीलांस एवं विशिष्ट श्रेणी में अधिस्वीकृत पत्रकारों को प्रथम श्रेणी कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन एवं समकक्ष अधिकारियों की तरह स्वास्थ्य सेवा सुविधा, मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों एवं डिजिटल संचार प्लेटफार्म को नियमित सरकारी विज्ञापन देने तथा शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने का संकल्प दोहराया है।
संगठन के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष राम नाथ विद्रोही ने कहा है,कि देश के विभिन्न श्रम अदालतों में पत्रकारों एवं ग़ैर पत्रकारों के मामले को त्वरित गति से निपटाने के लिए शीघ्र ही भारत के प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध किया जाएगा,ताकि सालों साल से अख़बार मालिकों की सांठ-गांठ से अदालतों का चक्कर लगा रहे पत्रकारों को राहत मिल सके। -
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कार्यक्रम स्थल पर अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की, दिए आवश्यक निर्देश
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 30 मार्च को बिलासपुर में कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। बिल्हा के ग्राम मोहभट्ठा में प्रधानमंत्री की विशाल आमसभा होगी। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू तथा उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज स्थल निरीक्षण कर इसकी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। विधायकगण सर्वश्री धरमलाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह, आईजी श्री संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री अवनीश शरण और एसपी श्री रजनेश सिंह सहित जिला प्रशासन एवं पुलिस के आला अफसर भी इस दौरान मौजूद थे।केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने मैदान के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग व्यवस्थाओं के लिए चिन्हांकित स्थलों का जायजा लिया। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हजारों करोड़ की सौगात लेकर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया कि हितग्राहियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। आसपास रहने वाले लोगों को भी किसी तरह की परेशानी न हो। सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी पूरी गंभीरता से निभानी है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री साहू और उप मुख्यमंत्री श्री साव ने मैदान के हर कोने का भ्रमण कर बारिकी से निरीक्षण किया। उन्होंने हेलीपेड, मंच, बैठक व्यवस्था, बैरिकेडिंग, प्रदर्शनी स्थल, पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था आदि के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए। डीएफओ श्री सत्यदेव शर्मा, बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री अमित कुमार तथा जिला पंचायत के सीईओ एवं सहायक नोडल अधिकारी श्री संदीप अग्रवाल सहित आमसभा की तैयारी से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत भी उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी न केवल प्रखर राष्ट्रवादी थे, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान के दृढ़ रक्षक भी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ ‘घर वापसी’ अभियान एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से पुनः जोड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री जूदेव जी जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी थे। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज को उनका गौरव और पहचान लौटाने के लिए उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। उनके प्रयासों से समाज में राष्ट्रवादी चेतना का प्रसार हुआ और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक जुड़ने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवादी मूल्यों को आत्मसात कर समाजहित में कार्य किया। उनकी दृढ़ता, निडरता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। -
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विष्णु देव साय सरकार के गठन के बाद बने 15 लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्ड
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर 2023 को विष्णु देव साय सरकार के शपथ ग्रहण से लेकर अब तक 15 लाख 31 हजार 857 महिलाओं के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। यदि आँकड़ों को देखें, तो राज्य में हर महीने औसतन 1 लाख से अधिक महिलाओं के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह निरंतर जारी प्रयास राज्य की महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें चिकित्सा सेवाओं से जोड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आयुष्मान कार्ड पंजीयन पूर्णतः निःशुल्क
योजना के तहत आयुष्मान कार्ड पंजीकरण पूर्णतः निःशुल्क है। प्रदेशभर में सभी च्वाइस सेंटर, शासकीय अस्पतालों और निजी अनुबंधित अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध है। शासकीय कार्य दिवसों में लोग इन केंद्रों पर जाकर निःशुल्क पंजीयन करवा सकते हैं।
स्वयं करें आयुष्मान कार्ड पंजीयन – डिजिटल माध्यम से भी सुविधा उपलब्ध
यदि कोई व्यक्ति स्वयं आयुष्मान कार्ड बनवाना चाहता है, तो यह भी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से संभव है। गूगल प्ले स्टोर पर "आयुष्मान भारत" एप डाउनलोड करके स्वयं कार्ड पंजीकरण किया जा सकता है।यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर आसानी से घर बैठे पंजीयन कराना चाहते हैं।इस डिजिटल सुविधा का लाभ उठाते हुए पहले ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपना पंजीकरण पूरा कर लिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने, महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, जिससे वे निःशुल्क और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
उल्लखेनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत महिलाओं के आयुष्मान कार्ड पंजीयन की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। योजना के प्रारम्भ से अब तक 1 करोड़ 20 लाख 65 हजार 107 महिलाओं का आयुष्मान कार्ड बन चुका है।प्रदेश सरकार ने महिलाओं को राशन कार्ड में परिवार का मुखिया बनाए जाने की नीति को इस योजना से भी जोड़ा है, जिससे आयुष्मान कार्ड पंजीयन को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। राज्य के 33 जिलों में राशन कार्डधारी परिवारों की महिलाओं के आयुष्मान कार्ड पंजीयन का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाएँ इस योजना के अंतर्गत निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हो रही हैं।
महिलाओं की भागीदारी 44% से अधिक, एक बड़ी उपलब्धि
राज्य में राशन कार्डधारी कुल आबादी के अनुपात में देखा जाए तो आयुष्मान कार्ड पंजीयन में महिलाओं की भागीदारी 44% से अधिक हो चुकी है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवा तक महिलाओं की पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह राज्य सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं की सफलता का भी प्रमाण है। आयुष्मान कार्ड पंजीयन के बाद, पंजीकृत महिलाओं को राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध हो रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुँच और भी सुलभ हुई है। -
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एमसीबी : मनेन्द्रगढ़ में आज नव निर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदगणों का शपथ समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें अनेक सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति रही। यह आयोजन नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदगणों के शपथ ग्रहण समारोह के रूप में ऐतिहासिक बन गया। पूरे कार्यक्रम में परंपरा, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। इस कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके पश्चात राज्यगीत की सुमधुर प्रस्तुति ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। माननीय अतिथियों का पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार भव्य स्वागत किया गया।
माननीय मंत्री और विधायकों की उपस्थिति रही गरिमामयीइस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार के आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री एवं जिला एमसीबी के प्रभारी मंत्री माननीय श्री रामविचार नेताम विशेष रूप से उपस्थित रहे। उनके साथ विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष भाजपा छत्तीसगढ़ माननीय श्री किरण सिंह देव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक भरतपुर-सोनहत माननीया श्रीमती रेणुका सिंह, विधायक बैकुण्ठपुर माननीय श्री भैयालाल राजवाड़े, पूर्व संसदीय सचिव एवं भाजपा जिलाध्यक्ष एमसीबी माननीया श्रीमती चम्पादेवी पावले, पूर्व अध्यक्ष योग आयोग छत्तीसगढ़ शासन श्री संजय अग्रवाल, एसडीएम लिंगराज सिदार, उप अभियंता श्री पवन कुमार साहू एवं श्रीमती नम्रता सिंह, मिशन मैनेजर श्रीमती रुचि पाण्डेय, राजस्व उप निरीक्षक श्री शिवनारायण मिंज और सहायक राजस्व निरीक्षक श्री अमजद खान की गरिमामयी उपस्थिति कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थी।
नव निर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदगणों ने ली शपथइस कार्यक्रम के दौरान नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ की नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा सरजू यादव को एसडीएम लिंगराज सिदार द्वारा शपथ ग्रहण कराई गई। इसके साथ ही नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 01 से 22 तक के सभी पार्षदगणों ने भी शपथ ली। सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने और जनता की सेवा में समर्पित रहने का संकल्प लिया। इसके साथ ही शपथ ग्रहण के पश्चात मंचासीन अतिथियों को नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा यादव द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह का समापन नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ की मुख्य नगर अधिकारी (सीएमओ) श्रीमती मुक्ता सिंह चौहान द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।उन्होंने सभी अतिथियों, पदाधिकारियों, कर्मचारियों और उपस्थित नागरिकों का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही इस आयोजन को सफल बनाने वाले सभी लोगों की सराहना की और नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदगणों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। मनेन्द्रगढ़ के लिए यह दिन ऐतिहासिक बन गया, जब नव निर्वाचित नेतृत्व ने लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा और जनता की सेवा का संकल्प लिया। भव्य आयोजन का सफल मंच संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया। -
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सुचारू और व्यवस्थित यातायात हेतु ई - रिक्शा एवं ऑटो की मॉनिटरिंग, रेगुलेशन और नियंत्रण के उपायों पर विचार - विमर्शरायपुर : ई - रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान से जुड़े विषयों पर परिवहन सचिव सह आयुक्त श्री एस.प्रकाश की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में संभाग मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर भी उपस्थित थे।
ई - रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए सुगम और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपायों पर बैठक में विचार - विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि जिलेवार परिवहन कार्यालय में पंजीकृत ई-रिक्शा (गुड्स एवं पैसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 13374, बिलासपुर 4493, दुर्ग 4038, अंबिकापुर 1311, जगदलपुर 41, इसी प्रकार पंजीकृत ऑटो (गुड्स एवं पेसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 20306, बिलासपुर 14867, दुर्ग 9602, अम्बिकापुर 4429, जगदलपुर 3431 है, इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बिना मॉनिटरिंग एवं रेगुलेशन के इन पर नियंत्रण की समस्या पर चर्चा की गई।
जिला प्रशासन रायपुर ने जोनवार योजना बनाई
बैठक में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा एवं ऑटो के सुगम व्यवस्थित परिचालन हेतु निर्मित जोनवार योजना के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। रायपुर जिला प्रशासन के द्वारा रायपुर शहर को मुख्य रूप से 05 जोनों में विभक्त कर योजना बनाई गई है।
ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर चर्चा
बैठक में ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त शक्तियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपस्थित जिलों के अधिकारियों से क्रमशः उनके जिलों में ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली गई।
समस्या के समाधान के लिए मांगे गए सुझाव
बैठक में ई-रिक्शा एवं ऑटो पंजीयन में निरन्तर वृद्धि एवं समस्या के समाधान हेतु किसी भी प्रकार के प्रस्ताव, सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सड़क सुरक्षा समिति अथवा परिवहन विभाग के पास प्रेषित् करने हेतु कहा गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अब तक 5 लाख रुपए से अधिक के सामग्रियों का हुआ विक्रय
सशक्त महिला समृद्ध महिला थीम पर आयोजित है मड़ईरायपुर : रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सशक्त महिला समृद्ध महिला थीम पर आयोजित महिला मड़ई को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। 4 मार्च से चल रहे महिला मड़ई में राज्य के सभी 33 जिलों से 87 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विक्रय के लिए स्टाल लगाया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से रायगढ़ से एकताल बेलमेटल, सूरजपुर से समूह द्वारा निर्मित गुड़ की सामग्री, बस्तर से बेल मेटल, जांजगीर चांपा और सक्ति से कोसा, हैंडलूम सिल्क साड़ी, गरियाबंद से पैरा आर्ट, जशपुर से टोकनी,महुआ से उत्पादित सामग्री, बिलासपुर से श्रृंगार वस्त्र की सामग्री, बलरामपुर और सूरजपुर से उत्पादित सुगंधित चावल के स्टॉल में लोगों की ख़ासकर महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है।
महिला मड़ई की नोडल अधिकारी ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों ने 50 हजार रुपए से अधिक के सामग्रियों का विक्रय कर लिया है। मड़ई में 8 मार्च महिला दिवस के दिन तक और भी अधिक सामग्रियों के विक्रय होने की संभावना है । महिला मड़ई में लगाए गए 87 स्टॉलों का अवलोकन दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा सकता है। मड़ई में सेल्फी जोन बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र है। इसके साथ ही बच्चों के लिए प्ले जोन भी बनाया गया है, जिसमें आकर्षक झूले एवं खेल-खिलौने की व्यवस्था की गई है।
महिला मड़ई में नवा बिहान, महतारी वंदन सखी सेंटर, वुमन हेल्पलाइन, दिशा दर्शन, कन्या विवाह, स्पॉन्सरशिप, फास्टर केयर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड,चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह, दत्तक ग्रहण और आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का स्टॉल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। इस मड़ई मेले में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।
मड़ई मेले में महिला एवं बाल विकास विभाग के समूहों के साथ अन्य विभागों के समूह जैसे-एनआरएलएम, वन विभाग, पंचायत विभाग इत्यादि की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्थानीय महिला उद्यमियों एवं महिलाओं को आगे बढ़ने हेतु अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंजीकृत महिला उद्यमियों, उत्पादक, स्टार्ट-अप को भी स्टॉल उपलब्ध कराया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव के मुख्य आतिथ्य में आज कुम्हारी नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण संपन्न हुआ। विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। कुम्हारी के बाजार चौक स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में आयोजित समारोह में एसडीएम श्री महेश राजपूत ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा और पार्षदों को शपथ दिलाई।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों को बधाई और अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर पालिका की यह नई टीम कुम्हारीवासियों के लिए नवीन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सक्रियता से काम करेगी। राज्य शासन द्वारा इसमें हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा के शपथ के बाद 6-6 के समूह में कुल 24 पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा ने सभी अतिथियों और नगरवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने शहर के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। पूर्व संसदीय सचिव श्री सियाराम साहू सहित गणमान्य नागरिक और शहरवासी बड़ी संख्या में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।

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