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एजेंसी
नई दिल्ली : कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इंडिगो एयरलाइंस को कानूनी नोटिस भेजा है। कामरा ने मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये की मांग की है और इंडिगो को तत्काल प्रभाव से निलंबन रद्द करने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। साथ ही हर समाचार पत्र में माफीनामे को प्रकाशित करने के लिए कहा। इंडिगो ने कुणाल कामरा को 6 महीने के लिए उड़ान भरने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें कि उड़ान के दौरान टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी से अभद्रता करने आरोप में कॉमेडियन कुणाल कामरा पर इंडिगो ने छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद उस विमान को उड़ाने वाले पायलट ने इंडिगो से सवाल किया था कि बिना उसकी परामर्श के एयरलाइन ने कॉमेडियन पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
पायलट ने इंडिगो को पत्र लिखकर पूछा है कि कंपनी ने बिना उसके परामर्श से कॉमेडियन कुणाल कामरा पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया? उसने पत्र में लिखा कि यह जानकर बेहद दुख हो रहा है कि मेरी एयरलाइन कंपनी ने सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर पूरी तरह से निर्णय लिया है। पत्र में आगे लिखा गया कि कामरा का व्यवहार तय किए गए मानक लेवल-1 के अनुरूप नहीं था। पायलट इस मामले को अन्य मामलों से तुलना कर सकता था, जिन्हें पहले उतनी तरजीह नहीं दी गई थी।
पायलट द्वारा लिखे गए पत्र पर इंडिगो की तरफ से भी बयान सामने आया। इंडिगो ने एक बयान जारी कर कहा कि हमने कुणाल कामरा और अर्णब गोस्वामी की फ्लाइट के पायलट के पत्र का संज्ञान लिया है। हमें संबंधित बयान मिले हैं और आंतरिक समिति ने इस घटना के संबंध में जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि बुधवार को इंडिगो मुंबई से लखनऊ जा रही एक फ्लाइट में कॉमेडियन कुणाल कामरा ने टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी से अभद्रता की थी, जिसके बाद इंडिगो एयरलाइन ने कॉमेडियन पर छह माह का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तुरंत बाद ही एयर इंडिया ने भी कामरा पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया। वहीं, स्पाइसजेट और गो एयर ने भी कुणाल कामरा पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है।
इंडिगो एयरलाइन ने एक ट्वीट में कहा था, ‘मुंबई से लखनऊ के लिए उड़ान 6ई 5317 में हुई ताजा घटना को लेकर हम यह सूचित करना चाहते हैं हम कुणाल कामरा के इंडिगो से सफर करने पर छह महीने के लिए रोक लगाते हैं क्योंकि विमान में उनका अस्वीकार्य व्यवहार था।’
इंडिगो ने कहा, ‘इस तरह, हम अपने यात्रियों को सलाह देना चाहते हैं कि वे विमान में व्यक्तिगत छींटाकशी करने से बचें क्योंकि यह साथ में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को संभवत: जोखिम में डाल सकता है।’
बता दें कि जाने-माने स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मंगलवार को अपने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह अर्णब गोस्वामी से सवाल कर रहे हैं। हालांकि अर्णब गोस्वामी, कुणाल को बिलकुल अनसुना करते हुए लैपटॉप पर कुछ देखने में व्यस्त दिखते हैं। इस दौरान कुणाल अर्णब गोस्वामी के लिए कुछ अपशब्दों का भी इस्तेमाल करते दिख रहे हैं। -
लखनऊ : एजेंसी
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में महिला ने अपनी चार पुत्रियों के साथ जहर खा लिया। जिससे पांचों की मौत हो गई। शुक्रवार की रात हुई घटना की जानकारी शनिवार की सुबह हुई। दो दिन पूर्व पति से हुए मामूली विवाद को कारण बताया जा रहा है। घटना के पीछे परिवार की अत्यधिक गरीबी भी सामने आ रही है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने शवों को कब्जे में ले लिया है।
फतेहपुर के शांति नगर मोहल्ला निवासी राम भरोसे ढाबे में काम करके परिवार का पेट पाल रहा था। दो दिन पूर्व किसी बात को लेकर पत्नी श्यामा देवी विवाद हुआ और पति घर से चला गया। शुक्रवार की रात श्यामा देवी ने अपने छोटे से कमरे में अपनी पुत्री पिंकी (20), प्रियंका (16), वर्षा (12) व ननकी (10) के साथ आटे में सल्फास मिलाकर पहले सभी पुत्रियों को खिला दिया उसके बाद खुद भी खा लिया। जिससे पांचों की मौत हो गई। सुबह जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों को शंका हुई। आवाज लगाने के बाद भी कोई हरकत नहीं हुई तो पुलिस को सूचना दी गई। दरवाजा तोड़ कर देखा गया तो एक ही कमरे में पांचों के शव पड़े मिले। भाई दिनेश की तहरीर पर पुलिस ने पति को अपने हिरासत में ले लिया है -
नई दिल्ली : वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 में बैंक जमा गांरटी को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। अब तक यह एक लाख थी। यानी अब बैंकों के डूबने पर खाते में चाहे कितनी भी रकम हो पर कम से कम लोगों को 5 लाख रुपये मिलेंगे। दरअसल डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) बैंकों में जमा राशि की एक सीमा तक सुरक्षा की गारंटी लेता है। यह रिजर्व बैंक की एक सहायक इकाई है। हालांकि, बैंक में जमा कुल राशि की सुरक्षा की गारंटी नहीं होती है।
पीएमसी घोटाला के बाद उठी थी मांग
पीएमसी घोटाला सामने आने के बाद बैंकों में जमा राशि की गारंटी सीमा बढ़ाने की मांग होने लगी है। पिछले दिनों एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हमें लगता है कि जमाकर्ता की रकम का अभी एक लाख रुपये का जो बीमा है, उसे अब बढ़ाने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि डीआईसीजीसी के बीमा की रकम में बदलाव किया जाना चाहिए। इसे दो हिस्सों में बांट देना चाहिए। बचत खाता का कम से कम एक लाख रुपये का बीमा होना चाहिए। वहीं सावधि जमा के लिए कम से कम दो लाख रुपये का बीमा होना चाहिए। साथ ही एसबीआई रिसर्च में यह भी कहा गया है कि बुजुर्गों के लिए अलग प्रावधान होने चाहिए। उल्लेखनीय है कि बैंकों में जमा राशि पर बुजुर्गों को 0.25 से 0.50 फीसदी तक अधिक ब्याज मिलता है।
अभी यह है नियम
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक बैंक में उपभोक्ताओं की अधिकतम एक लाख रुपये तक जमा की गारंटी होती है जिसकी जिम्मेदारी डीआईसीजीसी लेता है। बचत खाता, सावधि जमा (एफडी) या चालू खाता किसी में भी जमा इतनी ही राशि तक की गारंटी होती है। इसमें मूलधन के साथ ब्याज भी शामिल है। डीआईसीजीसी इस राशि की गारंटी लेने के लिए बैंकों से बदले में प्रीमियम वसूलता है। -
पटना : दलसिंह सराय से विधायक और सूबे के पूर्व मंत्री रामलखन महतो का पटना एयरपोर्ट परिसर में शुक्रवार की देर रात दिल्ली से आने के दौरान निधन हो गया. बताया जाता है कि करीब 74 वर्षीय जेडीयू के वरिष्ठ नेता महतो पिछले एक साल से कैंसर से पीड़ित थे.
पूर्व मंत्री रामलखन महतो का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह बिहार विधानसभा परिसर में लाया गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुष्प-चक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. मुख्यमंत्री ने दिवंगत राम लखन महतो के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. राम लखन महतो के पार्थिव शरीर पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री रामलखन महतो के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि वे एक कुशल राजनेता और प्रसिद्ध समाजसेवी थे. वे मृदुभाषी एवं सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. उनके निधन से राजनीति एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. स्वर्गीय राम लखन महतो का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. -
नयी दिल्ली : सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी शरजील इमाम के बिहार के जहानाबाद स्थित घर और दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में उसके फ्लैट से मोबाइल फोन, लैपटॉप तथा सीएए विरोधी पोस्टर जब्त किये गये हैं. यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने दी है. शरजील को राजद्रोह के एक मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जहानाबाद से गिरफ्तार किया था. पुलिस उससे अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उसके कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में पूछताछ कर रही है.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) राजेश देव ने बताया कि जांच के दौरान वसंत कुंज के उसके किराये के फ्लैट से एक लैपटॉप और एक कंप्यूटर बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि जहानाबाद के उसके घर से उसका मोबाइल फोन बरामद किया गया है. पुलिस ने यह भी कहा कि शरजील ने सीएए और एनआरसी विरोधी पर्चे बनाये थे, जिसमें गुमराह करने और भयभीत करनेवाले तथ्य थे. उसने ये पर्चे कई मस्जिदों में बंटवाये थे. इसकी प्रति भी प्राप्त कर ली गयी है. उन्होंने बताया कि जिस दुकान से इनकी फोटोकॉपी करायी गयी थी, उसकी भी पहचान कर ली गयी है.
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मुंबई : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सिनेमा जगत की तमाम हस्तियों के विरोध करने के बाद अब ऐक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने भी इस कानून की आलोचना की है। उर्मिला ने नागरिकता संशोधन कानून की तुलना अंग्रेजों के रॉलेट ऐक्ट से की है। रॉलेट ऐक्ट को ब्रिटिश शासकों ने 1919 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पास कराया था और इस कानून को इतिहास में काले कानून की संज्ञा दी जाती है।
गुरुवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा,'1919 में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने बाद अंग्रेज यह समझ गए थे कि हिंदुस्तान में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए उन्होंने रॉलेट ऐक्ट जैसे एक कानून को भारत में लागू कराया। 1919 के इस रॉलेट ऐक्ट और 2019 के सिटिजनशिप अमेंडमेट ऐक्ट को अब इतिहास के काले कानून के रूप में जाना जाएगा।'
बता दें कि उर्मिला से पहले बॉलीवुड से जुड़े तमाम अन्य लोगो ने भी नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की थी। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर समेत 300 से ज्यादा हस्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का विरोध करने वाले छात्रों और अन्य के साथ एकजुटता प्रकट की है। 'इंडियन कल्चरल फोरम' में 13 जनवरी को प्रकाशित हुए बयान में इन हस्तियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के लिए 'खतरा' हैं। बता दें कि उर्मिला मातोंडकर 2019 के चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस पार्टी की सदस्य बनी थीं। उर्मिला पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि 2019 के चुनावी मैदान में उर्मिला मातोंडकर को हार का सामना करना पड़ा था। -
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के एक बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा एक महिला प्रदर्शनकारी से बदसलूकी किए जाने पर घोष ने कहा, ‘उन्हें अपनी किस्मत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि कुछ और नहीं हुआ.' उनकी इस टिप्पणी की विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है. भाजपा ने दक्षिण कोलकाता के पतुली से बाग जतीन इलाके तक सीएए के समर्थन में रैली आयोजित की थी जिसका नेतृत्व स्वयं घोष कर रहे थे.रैली के दौरान एक अकेली महिला सीएए और गुरुवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चली गोली के खिलाफ तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रही थी. भाजपा समर्थकों ने तख्ती छीन ली और गाली गालौज किया. उन्होंने महिला के साथ धक्का मुक्की की जिसके बाद पुलिस ने उसे बचाया.
बाद में पत्रकारों से बातचीत में घोष ने महिला के साथ धक्का मुक्की को न्यायोचित करार दिया. उन्होंने कहा, ‘हमारे आदमियों ने सही किया. उस महिला को अपनी किस्मत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि केवल धक्का मुक्की हुई और कुछ नहीं.' घोष ने कहा, ‘क्यों प्रदर्शनकारी (सीएए) हमेशा हमारी रैली में प्रदर्शन करने चले आते हैं? क्या वे अन्य कार्यक्रमों में नहीं जा सकते? हमने बहुत सहन किया लेकिन अब ऐसी हरकतों को सहन नहीं करेंगे.'
इस बीच बदसलूकी की शिकार महिला ने कहा कि वह ‘फासीवादी भाजपा' के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेगी. माकपा के वरिष्ठ नेता शमिक लाहिरी ने घोष के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि घोष को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. -
लखनऊ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पिछले महीने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान ने गुरुवार को यहां एक अदालत में आशंका जताई कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 'मुठभेड़' में उन्हें मारा जा सकता है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ट्रांजिट हिरासत के लिये जब कफील खान को उपनगरीय बांद्रा की अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने यह आशंका व्यक्त की।
बाल रोग विशेषज्ञ को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल और मुंबई पुलिस ने बुधवार को संयुक्त अभियान के दौरान गिरफ्तार किया था। डॉ. कफील मुंबई में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित होने वाले एक प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। खान के वकील ने कहा कि उन्हें अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया। उनके वकील के मुताबिक, खान ने अदालत में दावा किया कि उप्र पुलिस ने उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया है। वकील के मुताबिक, खान ने अदालत को बताया, ''इस बात की आशंका है कि उन्हें अगर ट्रांजिट (रिमांड) पर भेजा जाता है तो मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी जाएगी और जोर दिया कि उन्हें मुंबई में रखा जाए।
अदालत के बाहर खान के वकील ने संवाददाताओं को बताया कि खान को मुठभेड़ का डर है क्योंकि उनके पास पूरी जानकारी है कि बच्चों की मौत (उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज में) का जिम्मेदार कौन है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अदालत को भरोसा दिलाया कि खान को सुरक्षित तरीके से ले जाया जाएगा और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
उप्र पुलिस को तीन दिन के अंदर खान को अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश करना होगा। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ''उप्र एसटीएफ के अधिकारियों ने सिविल लाइंस पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत दर्ज मामले में डॉ. कफील खान को गिरफ्तार किया है। हमारे पुलिस दल ने उप्र पुलिस के अनुरोध पर उनकी मदद की।
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गोरखपुर के रहने वाले डॉक्टर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की। डॉक्टर कफील इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक हफ्ते से भी कम समय में 60 बच्चों की मौत के बाद हुए विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार किये गए थे। -
नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया इलाके में हुई गोलीबारी में एक छात्र घायल हो गया। जबकि गोली चलाने वाले को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस बीच अब जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एल्युमनी एसोसिएशन ने एसएचओ को पत्र लिखते हुए तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इन्होंने कहा है कि गुरुवार को जामिया में हुई गोलीबारी के मामले में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और गोली चलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
वहीं विश्वविद्यालय की वीसी नजमा अख्तर का कहना है, 'यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दौरान पुलिस वहां खड़ी रही और सबकुछ होता रहा। मुझे गर्व है कि मेरे छात्रों ने शांति से स्थिति को संभाला।' हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये घटना कुछ सेकेंड में ही हो गई, पुलिस जब तक आरोपी तक पहुंच पाती तब तक वो गोली चला चुका था। प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस के बयान पर जामिया के छात्रों और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जताई है। इन्होंने पुलिस पर मूक दर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। वहीं विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीण रंजन ने कहा, 'जब तक पुलिस कुछ करती तब तक वो शख्स गोली चला चुका था। सबकुछ महज सेकेंड्स में हुआ। जांच जारी है। मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। हम इसकी भी जांच कर रहे हैं कि वह नाबालिग है या नहीं।'
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जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने एक टोल प्लाजा पर शुक्रवार तड़के तीन-चार आतंकवादियों के समूह ने पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद हुई मुठभेड़ में एक पुलिस ने तीन आतंकवादी को मार गिराया। इस दौरान एक पुलिस कर्मी भी घायल हो गया। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारा गया और एक आतंकी पास के जंगल में भाग गया।
जम्मू के आईजी मुकेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने नागरोटा के बान इलाके में टोल प्लाजा पर श्रीनगर जा रहे एक ट्रक को तड़के पांच बजे रोका, जिसके बाद गोलीबारी हुई। डीजीपी ने बताया कि तीन-चार आतंकवादियों का एक समूह श्रीनगर जा रहा था। पुलिस के एक दल से उसे टोल प्लाजा पर रोका। पुलिस ने बताया कि फरार आतंकवादी को पकड़ने के लिए क्षेत्र में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तलाश अभियान पर नजर रखने के लिए मौके पर मौजूद हैं।अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने नागरोटा में सभी स्कूलों को एहतियातन बंद रखने का आदेश दिया है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बल सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं। फरार आतंकी की तलाश में कई जगह छापेमारी जारी है। -
लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे है। इस प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसात्मक घटनाएं भी हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। 20 दिसंबर को यूपी के कई जिलों में CAA का प्रदर्शन हिंसक हो गया, बिजनौर के नगीना में भी हिंसा हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। लेकिन यूपी की एक स्थानिय अदालत ने इस मामले में 48 लोगों को जमानत दे दी।
बिजनौर जिले की एक अदालत ने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच दंगा करने और हत्या का प्रयास करने के आरोपी 48 लोगों को जमानत दे दी। पुलिस ने संबंधित मामलों में मुकदमा दर्ज किया था। अदालत ने बुधवार को 83 आरोपियों में से 48 द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई की। इस दौरान न्यायाधीश ने पुलिस की अब तक की जांच पर कुछ तीखे बयान दिए।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, जमानत का आदेश देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि, “पुलिस की प्राथमिकी में कहा गया है कि भीड़ ने पुलिस पर गोलीबारी की, लेकिन अदालत के सामने हथियार बरामदगी से संबंधित कोई भी सबूत नहीं पेश किया गया।” न्यायाधीश ने कहा, “सरकारी वकील अदालत में ऐसा कोई सबूत पेश करने में नाकाम रहे हैं, जिससे पता चले कि भीड़ में से किसी ने पुलिस पर गोली चलाई थी। न ही यह सबूत दिया गया है कि किसी भी निजी वाहन या दुकानों में तोड़फोड़ की गई थी” उन्होंने कहा, “सरकारी वकील ने कहा कि घटना में 13 पुलिसकर्मियों के चोटें लगी हैं, लेकिन इन सभी लोगों की चिकित्सा रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ये बेहद मामूली चोटें हैं।”
पिछले साल 20 दिसंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी और पुलिस ने माना है कि उनमें से एक की मौत पुलिस की गोली से हुई है। यह सूबे की पुलिस ने अपनी गोलीबारी में किसी की मौत होने का यही एक मामला कबूल किया है। झड़प के बाद कुल 83 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि, नागरिकता संशोधन कानून का कांग्रेस, टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम में इस ऐक्ट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। देश की कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। -
भाषा,नई दिल्ली : भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) ने आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ बोर्ड के कोष का दुरुपयोग करने के आरोप में बुधवार (29 जनवरी) को मामला दर्ज किया। आठ फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ओखला से 'आप प्रत्याशी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एसीबी प्रमुख अरविंद दीप ने कहा कि विधायक ने कथित रूप से वक्फ बोर्ड के धन का दुरुपयोग किया और “अनियमित भर्ती” की। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ हमने उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि कुल कितने धन का दुरुपयोग किया गया है और क्या अन्य अनियमितताएं की हैं।” -
दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने समर्थन दिया है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके कहा है कि आम आदमी पार्टी को वोट करें, राजेंद्र नगर सीट से उम्मीदवार राघव चड्ढा को वोट करें, अरविंद केजरीवाल और सभी आप उम्मीदवारों को वोट करें। आपको बता दें कि बुधवार को शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया था।
वहीं चुनाव के अंतिम चरण में आम आदमी पार्टी ने प्रचार का पूरा खाका तैयार कर लिया है। प्रचार के लिए कुल आठ दिन और बचे हैं। इस दौरान पार्टी डोर टू डोर प्रचार के अलावा छोटी-छोटी जनसभा, नुक्कड़ सभाएं करने का फैसला लिया है। पार्टी का कहना है कि आने वाले दिनों में हमारी तैयारी हर मतदाता तक दो बार पहुंचने की है। इसके लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर दिया गया है। -
नई दिल्ली। टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी के साथ जिस तरह से विमान के भीतर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने बहस की उसके बाद कई विमान कंपनियों ने उनपर विमान में सफर करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कुणाल कामरा पर लगे बैन के बाद अब उनके समर्थन में कई हस्तियां उतर आई हैं। यहां तक कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस बैन का विरोध किया है। कुणाल पर लगे बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एयरलाइंस कंपनियों पर तीखा हमला करते हुए उन्हें चुनौती दी है।
जस्टिस काटजू ने ट्वीट करके लिखा है कि कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने कुणाल कामरा को बैन कर दिया है क्योंकि उन्होंने भो-भो भगवान को कुछ कह दिया था। मैं कहना चाहता हू कि अगर मैं उनके साथ विमान में यात्रा करूं तो और भी अपमानजनक बात कहूंगा, क्योंकि मैं उन्हें पत्रकारिता के नाम पर धब्बा मानता हूं। तो देखते हैं कि जब मैं उनके साथ ऐसा करता हूं तो क्या विमान कंपनियां मुझपर भी बैन लगाने की हिम्मत करती हैं। काटजू के ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा है कि अगर आपमे हिम्मत है तो इसे आप विमान के भीतर करिए सोशल मीडिया पर नहीं।
बता दें कि कुणाल कामरा और पत्रकार अर्नब गोस्वामी इंडिगो एयरलाइंस की 6E 5317 फ्लाइट में सफर कर रहे थे। इस बीच कुणाल ने अर्नब से कुछ सवाल किए जिसको उन्होंने नजरअंदाज कर दिया और वे अपने लैपटॉप पर कुछ देखने में व्यस्त रहे। कुणाल कामरा ने इस दौरान अर्नब गोस्वामी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इस घटना का वीडियो खुद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया था, जिसके बाद कामरा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठने लगी थी। इसके बाद एयरलाइंस ने उनके खिलाफ ये कार्रवाई की।
इस पूरे विवाद के बाद नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी बयान आया था। उन्होंने कहा था कि, किसी भी विमान के अंदर किसी तरह का डिस्टर्बेंस स्वीकार्य नहीं है। विमान के अंदर अशांति फैलाने, यात्रियों को परेशान करना और आक्रामक व्यवहार अस्वीकार्य है। यह यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। उन्होंने कहा था कि मेरा सुझाव है कि दूसरी विमानन कंपनियां भी कामरा पर समान प्रतिबंध लगाएं। -
नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता आदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की आज 72वीं पुण्यतिथि है। दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, साल 1948 में गोली मार दी थी। उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कांग्रेस व अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। पूज्य बापू के व्यक्तित्व, विचार और आदर्श हमें सशक्त, सक्षम और समृद्ध न्यू इंडिया के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।'
इस मौके पर महात्मा गांधी को राजघाट पहुंचकर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूं। जिन सपनों के भारत के निर्माण की उन्होंने कल्पना की थी उसके निर्माण के लिए हम सब प्राण पण से काम कर रहे हैं। अंत्योदय यानि समाज की अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्ति का विकास, यही हमारी नीति और संकल्प है।' -
New Delhi
यूरोपीय यूनियन की संसद में भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर कुल 6 प्रस्तावों पर यूनियन और भारत के बीच कूटनीतिक पेंच फंसा हुआ है. ये प्रस्ताव बुधवार को संसद के पटल पर रखे जा रहे हैं जिन पर 30 जनवरी को मत डाले जाएंगे. हालांकि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है ना ही इस पर कोई ब्रीफिंग ही की है. मगर सरकार की तरफ से विदेश मंत्री की बजाय क़ानून मंत्री का बयान आया है जिसमें उन्होंने इस तरह के प्रस्तावों को 'वाम गठजोड़' वाले संगठनों की साज़िश क़रार दिया है. लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी यूरोपीय यूनियन की संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली को पत्र लिख कर भारत की आलोचना करने वाले 'प्रस्तावों पर पुनर्विचार' करने को कहा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि 'एक विधायिका द्वारा दूसरी विधायिका' के फैसलों पर इस तरह का प्रस्ताव लाना 'एक अस्वस्थ परंपरा' की शुरुआत होगी. भारत के क़ानून मंत्री का कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून का भारत की संसद से पारित होना 'भारत का आंतरिक मामला है जो जनतांत्रिक प्रक्रिया' के तहत ही किया गया है.
751 सदस्यों वाली यूरोपीय संसद में जो प्रस्ताव लाये गए हैं उनमें नागरिकता संशोधन क़ानून और जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के अलावा नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजंस यानी 'एनआरसी' भी शामिल है. कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के जाने पर मोदी सरकार से विपक्ष के सवाल प्रस्ताव लाने वाले गुटों में मध्य-दक्षिणपंथी संगठन - यूरोपियन पीपल्स पार्टी (क्रिस्चियन डेमोक्रेट्स) और मध्य मार्गी संगठन - 'प्रोग्रेसिव अलायन्स ऑफ़ सोशलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स' यानी 'एसएंडडी' शामिल है. जबकि वाम संगठनों का मोर्चा - यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट नार्डिक ग्रीन लेफ्ट यानी 'जीयूई/ एनजीएल' के सांसद भी इसमें शामिल हैं. इन 6 प्रस्तावों पर कुल 626 सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनमें सात ऐसे सांसद भी शामिल हैं जिन्हें पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर का दौरा कराया था
राजनयिक हलकों में इसी बात पर चर्चा हो रही है कि जब सरकार ने यूरोपीय यूनियन के सांसदों को आमंत्रित कर जम्मू कश्मीर का दौरा करवाया तो फिर यूरोपीय संसद में इस तरह का प्रस्ताव आना कहीं भारत की कूटनीतिक चूक तो नहीं ?हालांकि यूरोपीय यूनियन या यूरोपीय संघ ने इन प्रस्तावों से ख़ुद को अलग कर लिया है. संघ के विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि उनकी संसद के अंदर जो चल रहा है उसका मतलब ये नहीं है कि वो यूरोपीय यूनियन का भी विचार हो. उन्होंने इसे संसदीय प्रक्रिया बताया है.
लेकिन यूरोपीय संसद में लेबर पार्टी के नेता और सांसद रिचर्ड ग्रेहम कॉर्बेट ने बीबीसी हिंदी को मेल के ज़रिये भेजे बयान में कहा : ''यह सबसे गंभीर बात इसलिए भी है कि यूरोपीय संसद में भारत द्वारा लाए गए नागरिकता क़ानून पर चर्चा हो रही है. भारत के मित्र आशा कर रहे हैं कि मोदी सरकार इस क़ानून पर अपना रुख़ बदलेगी.'' ओम बिरला का कहना है कि इस क़ानून को लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी गयी सरकार ने भारत की संसद के दोनों सदनों से पारित कराया है.
लेकिन इन प्रस्तावों को लाने में अहम भूमिका निभाने वाली 'जीयूई/ एनजीएल' की सांसद इडोइया विल्लनुएवा ने बीबीसी को मेल पर भेजे रिकार्ड किये गए बयान में कहा कि पूरे विश्व में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के हनन के मामले बढ़ रहे हैं. वो कहती हैं कि विश्व के विभिन्न देशों में दमन की घटनाएं देखने को मिल रहीं हैं. उनका कहना था,''इस सम्बन्ध में हम ये सोच रहे हैं कि यूरोपीय यूनियन की क्या भूमिका होनी चाहिए ? हमें लगता है कि यूरोपीय यूनियन को देशों की स्वायत्तता को सम्मान देने के साथ साथ ये भी सुनिश्चित करना होगा कि लोगों के अधिकारों के मुद्दे गौण ना हो जाएँ.''
यूरोपीय यूनियन की संसद में लाये जा रहे प्रस्तावों के बारे में वो कहती हैं : ''मोदी के सत्ता में आने और हिन्दू कट्टर राष्ट्रवाद का उभरना चिंताजनक है. इसमें दो चीज़ें देखने को मिलीं - जम्मू कश्मीर में संचार साधनों का बंद होना और नए नागरिकता क़ानून का आना. ये भारत की समरसता और विभिन्नता पर सीधा हमला है. यूरोपीय यूनियन भारत के साथ सामरिक समझौतों की तरफ देख रहा है मगर हम मानवाधिकारों की स्थिति को अनदेखा नहीं कर सकते.''लेकिन ताज़ा जानकारी के अनुसार 66 सदस्यों वाले यूरोपियन कंज़र्वेटिव्ज़ एंड रेफारमिस्ट्स यानी 'ईसीआर' ने इन प्रस्तावों से ख़ुद को पीछे कर लिया है. 751 की संख्या वाले यूरोपीय यूनियन की संसद में भारत के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों की संख्या अब सिर्फ़ 560 रह गयी है. अभी ये भी कहना मुश्किल है कि क्या और भी सांसद प्रस्तावों से किनारा कर लेंगे.
क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने तौर पर यूरोपीय यूनियन और उसके के सांसदों से संपर्क में हैं. वहीं ब्रसेल्स में मौजूद भारत की राजदूत गायत्री इस्सार कुमार प्रस्ताव लाने वाले सांसदों के संमूहों से अलग अलग चर्चा कर रही हैं. भारत की तरफ़ से कोशिश की जा रही है ताकि इन प्रस्तावों पर मतदान को टाला जा सके. लेकिन कुछ राजनयिक मानते हैं कि यूरोपीय यूनियन के सांसद पकिस्तान द्वारा भारत के ख़िलाफ़ फैलाये जा रहे दुष्प्रचार का शिकार हुए हैं और इससे रंज़िशें ही बढ़ेंगी.
पूर्व राजनयिक राजीव डोगरा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा : ''ये स्पष्ट है कि यूरोपीय यूनियन के सांसद दुष्प्रचार का शिकार हुए हैं. ऐसा नहीं है की फ़्रांस या इटली में अवैध रूप से रहने वालों को ना निकाला जाता हो या फिर इंग्लैंड में अवैध रूप से रह रहे लोगों को जेल ना भेजा गया हो. ये जो सांसद सिर्फ़ भारत को अलग थलग कर रहे हैं ये सिर्फ पाकिस्तान के बहकावे पर कर रहे हैं.''इससे पहले मलेशिया ने भी भारत के नागरिकता क़ानून को लेकर -
वाराणसी। यूपी कॉलेज में आज दोपहर दो गुटों में हुई जमकर मारपीट के बाद उपद्रव व तोड़फोड़ की सूचना है बताया गया कि छात्रों के एक गुट ने छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग सिंह के ऊपर हमला कर दिया, जिसके बाद पूरे परिसर में तनाव व्याप्त हो गया । सूचना मिलते ही भारी फोर्स के साथ स्थानीय पुलिस पहुंची । पुलिस ने कालेज परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे से उपद्रवियों की पहचान शुरू की है।बताया जाता है कि आज दोपहर किसी बात को लेकर छात्र गुटों में पहले कहा सुनी फिर जमकर मारपीट हो गई। इस दौरान तोड़फोड़ कर रहे उपद्रवियों ने मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर संजीव सिंह के कार का शीशा और दरवाजा भी तोड़ दिया। इसके अलावा आधा दर्जन कुर्सियां भी तोड़ दी गई । वही समझाने बुझाने में छात्रों का कालेज के प्राचार्य डॉ अवधेश सिंह से भी झड़प हो गई । छात्रों के बवाल को देखते हुए कॉलेज परिसर में तत्काल पुलिस फोर्स बुला ली गई ।
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नई दिल्ली: शाहीन बाग पर आपत्तिजनक बयान देने वाले पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर विवादित बयान दिया है. प्रवेश वर्मा ने कहा है कि सीएम केजरीवाल आतंकवादी हैं और अगर अपनी बहन-बेटियों को बचाना है तो उन्होंने भगाना होगा.
प्रवेश वर्मा ने अपने भाषण में कहा, ‘’केजरीवाल अगर जीतकर आये तो मादीपुर की सड़कें शाहीन बाग बन जाएंगी. दिल्ली में केजरीवाल जैसे नटवरलाल और आतंकवादी छुपे हुए हैं, उन्हें बाहर निकालना है.’’उन्होंने आगे कहा, ‘’कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ें या दिल्ली में ‘केजरीवाल जैसे आतंकवादी से.’’ प्रवेश वर्मा मादीपुर से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश शांकला के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में पहुंचे थे.
शाहीन बाग पर भी दिया आपत्तिजनक बयान
इससे पहले सोमवार को प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग पर भी आपत्तिजनक बयान दिया. प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘’लाखों लोग वहां (शाहीन बाग) इकट्ठा होते हैं. दिल्ली के लोगों को सोच समझ कर फैसला लेना होगा. वह आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों और बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे, उन्हें मारेंगे. आज वक्त है. मोदी जी और अमित शाह कल आपको बचाने नहीं आएंगे.’’