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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उप मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों के घरों का किया सर्वे
प्रदेश सरकार का संकल्प, हर पात्र व्यक्ति को मिलेगा शत-प्रतिशत आवास - श्री विजय शर्मा
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्राम पंचायत हल्बा कचोरा के आश्रित ग्राम शासन कचोरा में आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा के अंतर्गत सर्वे किया, जिसके तहत पात्र हितग्राहियों के घरों का सर्वेक्षण कर उन्हें आवास योजना से लाभान्वित किया जाएगा।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कई घरों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पात्र सभी व्यक्तियों को जल्द ही आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा, अब सरकार ने आवास योजनाओं का दायरा बढ़ा दिया है। जो भी पात्र हैं, उन्हें शत-प्रतिशत आवास मिलेगा।
ग्राम की हितग्राही दुलारी भारती, ब्रुदावती भारती और प्रतिमा बघेल ने उप मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान प्रतिमा बघेल के 7 वर्षीय पुत्र यूस बघेल ने मोबाइल से क्लिक कर सर्वे की प्रक्रिया पूरी की। हितग्राही प्रतिमा बघेल, पति गुड्डूराम बघेल, दुलारी भारती, पति भारत भारती और ब्रुदावती भारती, पति धनेश्वर भारती तीनों परिवार मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं और वर्षों से अपने पक्के घर के सपने को साकार करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री के सर्वे से उनकी उम्मीदों को पंख लग गए हैं। उन्हें विश्वास हो गया है कि शीघ्र ही उन्हें उनके सपनों का घर मिलेगा।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जनता के साथ है और उनकी हर समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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बस्तर अब शांति की ओर बढ़ चुका है, अब हमारा लक्ष्य है – लोगों को सम्मानजनक आजीविका देना : मुख्यमंत्रीकौशल विकास को लेकर विकसित बस्तर की ओर अग्रसर है छत्तीसगढ:बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 85 कोर्स पंजीकृत
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 24 कैंप के 95 चिन्हित ग्रामों के 457 युवाओं को दिया जा चुका है कौशल प्रशिक्षण
आत्मसमर्पित माआवादियों में से 222 को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है , 62 अन्य है प्रशिक्षणरत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर कार्यक्रम में बस्तर में कौशल विकास और रोजगार को लेकर सरकार की दूरदृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जब हम सांसद थे, तब देश में कौशल विकास मंत्रालय का गठन हुआ – और आज यह विभाग देश के युवाओं के भविष्य निर्माण में क्रांतिकारी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर में चल रहे कौशल विकास प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्किलिंग केवल एक सेक्टर तक सीमित नहीं है — भाषा प्रशिक्षण, विदेशी रोजगार, हस्तशिल्प, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, कंस्ट्रक्शन, टेक्नोलॉजी जैसे अनेक क्षेत्रों में कौशल विकास संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है। शांति के बाद सबसे बड़ी चुनौती है – यहां के युवाओं को रोजगार देना। और यह कार्य हम पूर्ण निष्ठा से करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल कौशल विकास पर ध्यान देगी, बल्कि स्थानीय लोगों को स्थानीय संसाधनों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य करेगी। इससे बस्तर का युवा न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि पूरे देश और दुनिया में अपने हुनर की पहचान बना सकेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में विकसित बस्तर की ओर बढ़ते हुए संभाग में युवाओं के कौशल उन्नयन और रोजगार प्रशिक्षण के लिए कौशल विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, पीएम कौशल विकास योजना , पीएम विश्वकर्मा योजना और नियद नेल्लानार योजना का संचालन किया जा रहा है। इन रोजगार प्रशिक्षण में विशेषकर नक्सल प्रभावित युवाओं को प्राथमिकता दिए जाने का प्रस्ताव शामिल है।
बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 85 कोर्स पंजीकृत है। पोर्टल के माध्यम से इनका पूर्णता आनलाइन क्रियान्वयन किया जाता है। सभी जिलों में आवासीय प्रशिक्षण की सुविधा है। वर्तमान में 64 व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाता (VTP) है । योजना के अंतर्गत अब तक 90, 273 युवा प्रशिक्षित हो चुके है। प्रशिक्षित युवाओं में से 39,137 युवा नियोजित है। 32 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है जिसमे आगामी समय में 4,915 युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार हेतु कार्ययोजना शामिल है।
वर्ष 2025-26 के प्रस्तावित लक्ष्य के अनुसार 456 नियोक्ताओं के माध्यम से 4 हजार 915 युवाओं को प्रशिक्षण, 5 हजार 875 रोजगार के अवसर प्रदान किया जाना है। इसके लिए महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, नंदी फाउंडेशन, MSDC इंटरनेशनल और नीति आयोग जैसी संस्थाओं से अनुबंध किया गया है।
बस्तर संभाग में पीएम कौशल विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 64% लक्ष्य पूर्ण किया गया तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अब तक 6 हजार 123 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
विकसित बस्तर की ओर बढ़ते हुए नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 24 कैंप के 95 चिन्हित ग्रामों के 457 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके साथ ही इन ग्रामों में 5 हजार 598 युवाओं का रोजगार प्रशिक्षण के लिए सर्वे किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत आत्मसमर्पित माआवादियों में से 222 को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि 62 प्रशिक्षणरत है।
जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री भारती दासन, कौशल विकास विभाग के संचालक श्री विजय दयाराम के., बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, कौशल विकास से जुड़ी संस्थाओं के लोग उपस्थित थे।
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उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन देने हेतु नई औद्योगिक नीति में है विशेष प्रावधान: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव सायबस्तर संभाग के लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता: श्री साय
वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को बना सकते हैं समृद्ध: मुख्यमंत्री
बस्तर संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का निर्यात, लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक
विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं। आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा की नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है।
बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयाँ संचालित हैं। बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं। एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहाँ स्थापित हैं। संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है।
विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले। इस्पात उद्योग के लिए 15 वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है।
विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है। अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है। युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है। स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है। इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है। स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें। यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है।
श्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है। यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी।
जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य, बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के जगदलपुर पहुंचने पर मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। श्री साय दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर जगदलपुर पहुंचे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर के विकास के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु वहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ विचार मंथन करेंगे। बस्तर में कृषि पशुपालन, मछली पालन को बढ़ावा देने के साथ ही बस्तर में औद्योगिकीकरण और रोजगार के अवसरों के निर्माण और पर्यटन विकास की संभावनाओं के साथ ही युवाओं के रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास से संबंधित कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। अगले दिन मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर संभाग में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी करेंगे। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री श्री साय का वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्री संजय पाण्डे सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वागत किया।
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राज्यपाल की पहल से हुआ ऐतिहासिक चुनावरायपुर : छत्तीसगढ़ के सामाजिक और मानवीय सेवा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। राज्यपाल श्री रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का चुनाव संपन्न हुआ है। यह कदम न केवल रेड क्रॉस सोसाइटी को नई दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर कोने में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में भी मील का पत्थर साबित होगा। छत्तीसगढ़ के गठन को 24 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए यह पहला मौका है जब लोकतांत्रिक तरीके से इसके पदाधिकारियों का चयन हुआ। इस ऐतिहासिक चुनाव ने पूरे राज्य में उत्साह की लहर पैदा कर दी है। रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर से लेकर बस्तर तक, रेड क्रॉस से जुड़े स्वयंसेवकों और समाजसेवियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में अध्यक्ष टोमन साहू (बालोद), उपाध्यक्ष रूपेश पाणिग्रही (जशपुर) और कोषाध्यक्ष संजय पटेल (बलौदाबाजार) शामिल हैं। इन नेतृत्वकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी को समाजसेवा और मानवीय कार्यों में नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी को एक सशक्त और पारदर्शी संस्था बनाने का संकल्प लिया है। उनकी यह पहल न केवल संस्था को नई पहचान दे रही है, बल्कि इसे जन-जन तक पहुंचाने का भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और समावेशी बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों से योग्य प्रतिनिधियों का चयन हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ में समाजसेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित पदाधिकारी और स्वयंसेवक मिलकर जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी। इसका मुख्यालय रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में स्थित है। विगत दो दशकों में यह संस्था आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। चाहे बाढ़ हो, सूखा हो, या महामारी, रेड क्रॉस के स्वयंसेवक हमेशा सबसे आगे रहकर लोगों की मदद करते हैं। संस्था का मूल मंत्र है- “सेवा, सहायता, और समर्पण”। इसके तहत रेड क्रॉस निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय है- बाढ़, भूकंप, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं के तहत रक्तदान शिविर, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, और टीकाकरण अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सड़क सुरक्षा, जागरूकता अभियान और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, कमजोर समुदायों की सहायता, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका के लिए सहयोग करना इस संस्था के प्रमुख कार्य हैं।छत्तीसगढ़ में रेड क्रॉस की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी ने कई मौकों पर अपनी सेवा की मिसाल कायम की है। कोविड-19 महामारी के दौरान स्वयंसेवकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, और भोजन वितरण में अहम भूमिका निभाई। बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, रक्तदान शिविरों के जरिए हर साल सैकड़ों लोगों की जान बचाई जाती है। संस्था ने ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं भी चलाई हैं। जैसे, बस्तर में महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण और सरगुजा में स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम। ये प्रयास न केवल सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी मजबूत करते हैं।
नई चुनौतियां, नई संभावनाएं
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के सामने कई चुनौतियां और अवसर हैं। छत्तीसगढ़ जैसे विविधतापूर्ण राज्य में हर जिले की अपनी विशेष जरूरतें हैं।
रेड क्रॉस को हर गांव और हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग से यह सुनिश्चित करना होगा कि हर मदद सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे।स्वयंसेवकों का योगदान-
रेड क्रॉस सोसाइटी की ताकत इसके स्वयंसेवक हैं। चाहे रायपुर की गलियां हों या दंतेवाड़ा के जंगल, स्वयंसेवक हर जगह अपनी सेवा से लोगों का दिल जीत रहे हैं। युवाओं में रेड क्रॉस के प्रति बढ़ती रुचि भी एक सकारात्मक संकेत है। संस्था समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है, जिसमें प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, और नेतृत्व कौशल सिखाया जाता है। रेड क्रॉस सोसाइटी न केवल आपदा में सहारा है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो हमें मानवता की सेवा का अवसर देता है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा रायपुर के गुलमोहर पार्क पीएमवाय कॉलोनी में विगत दिवस हुई आकस्मिक दुर्घटना में मृत बालक दिव्यांश के शोकसंतप्त परिवारजनों को तत्काल 4 लाख रूपये आर्थिक सहायता देने के निर्देश पर परिवारजनों को तत्काल सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री के आदेश पर रायपुर जिला प्रशासन और रायपुर नगर पालिक निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के साथ सतत संपर्क बनाकर आकस्मिक घटना के तत्काल पश्चात अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे दो अन्य बालकों की स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। दोनों बालकों का स्वास्थ्य निरंतर सुधर रहा है। चिकित्सक गण लगातार दोनों बालकों के स्वास्थ्य की सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के मंशानुसार एनआरडीए में युवा फोटोग्राफरों को मिलेगा इंटर्नशीप का मौकारायपुर : फोटोग्राफी को एक ऐसी विधा है जिसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है और डिजिटल युग में फोटोग्राफी का महत्व भी बहुत है, हर कोई चाहता कि वो अच्छी फोटोज़ क्लीक कर पाए और अपना नजरिया लोगों तक पहुंचा पाए। कहा जाता है कि एक तस्वीर में हजार शब्द कहने की कला माना जाता है, और इन्हीं हजार शब्दों को एक तस्वीर के जरिए कहने सीखने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने विश्व प्रसिद्ध स्ट्रीट फोटोग्राफर श्री विनीत वोहरा के साथ मिलकर 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय मास्टर क्लास में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए युवा फोटोग्राफरों ने न केवल फोटो क्लिक करना सीखा, बल्कि दुनिया को नए नजरिए से देखने का हुनर भी हासिल किया।

नवा रायपुर अटल नगर ही क्यों ?
नवा रायपुर, विश्व की पहली एकीकृत योजनाबद्ध शहर है, जिसका इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्किटेक्चर, हरियाली और लैंडस्केप इसे अन्य शहरों से बहुत अलग बनाता है। शहर की इन्हीं खूबियों को ग्लोबल स्तर पर पहुंचाने के लिए यह मास्टरक्लास नवा रायपुर में आयोजित की गई।मास्टरक्लास की खासियत
11 और 12 अप्रैल को आयोजित वर्कशॉप और फोटोवॉक में युवा फोटोग्राफरों को तकनीकी कौशल के साथ-साथ रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करना सिखाया गया। 13 अप्रैल को संवाद ऑडिटोरियम में उन्होंने 50 से अधिक लोगों के साथ ओपन टॉक में अपने अनुभव साझा किए और फोटोग्राफी की गहराइयों को समझाया।ओपन एयर प्रदर्शनी ने बटोरी सराहना
13 अप्रैल शाम को अटल नगर पार्क में ओपन एयर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां युवा फोटोग्राफर द्वारा खिंची गई 20 से अधिक फोटो की प्रदर्शनी की गई। प्रदर्शनी देखने आए लोगों ने भी इन तस्वीरों की सराहना की। इस मास्टरक्लास ने छत्तीसगढ़ के युवा फोटोग्राफरों को एक मंच प्रदान किया और एक ऐसी कम्युनिटी का निर्माण किया, जो भविष्य में अपने अनोखे नजरिए से शहर और राज्य की कहानियों को दुनिया तक पहुंचाएगी।युवा फ़ोटोग्राफ़र्स को इंटर्नशिप-
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी द्वारा युवाओं के लिए जो विज़न है उसे ध्यान में रखते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इस मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। इस 3 दिन की मास्टरक्लास में सभी शानदार प्रदर्शन किया पर सबसे अच्छी फोटो क्लिक करने वाले 3 स्टूडेंट्स को नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इंटर्नशिप प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि श्री विनित वोहरा का फोटोग्राफी अनुभव लगभग 3 दशकों का रहा है और वे विश्व के 20 बेस्ट स्ट्रीट फोटोग्राफरों में शुमार हैं। साथ ही विश्व के कई देशों में इनकी स्ट्रीट फोटोग्राफी मास्टरक्लास आयोजित होती हैं। उनकी तस्वीरें आम लोगों और रोजमर्रा की जिंदगी को असाधारण ढंग से पेश करती हैं। वोहरा के अनुसार, “स्ट्रीट फोटोग्राफी एक दर्शन है” और उनका यही अनोखा नजरिया उन्हें वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाता है।
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पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट्स यानी पेट्रोल पंप के लिए राज्य स्तर पर लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यह बदलाव 14 नवंबर 2024 को खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के जरिए लागू किया गया है। अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए व्यवसायियों को सिर्फ केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा। पहले की दोहरी अनुमति की प्रक्रिया को हटाकर इसे आसान बना दिया गया है।
क्या बदला और क्यों है यह अहम
पहले पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए व्यवसायियों को कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय विक्रय का लाइसेंस प्राप्त करना होता था। प्रत्येक वर्ष अथवा तीन वर्ष में एक बार लाइसेंस का रिन्यूवल कराना होता था। राज्य शासन और केंद्र, दोनों जगह से अनुमति लेने की दोहरी प्रक्रिया से समय और पैसा दोनों खर्च होते थे, साथ ही कागजी कार्रवाई भी बढ़ जाती थी। अब केवल केंद्र के नियमों का पालन करना काफी होगा। इससे व्यवसायियों को राहत मिलेगी और पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया तेज और सस्ती हो जाएगी। यह कदम छत्तीसगढ़ में व्यवसाय को बढ़ावा देने और नियमों को सरल बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है।
व्यवसायियों को कैसे होगा फायदा
अब कम कागजी कार्रवाई और एक ही स्तर की अनुमति से पेट्रोल पंप जल्दी शुरू हो सकेंगे। नए व्यवसायी, खासकर छोटे उद्यमी और तेल कंपनियां, बिना ज्यादा परेशानी के अपना काम शुरू कर सकेंगे। यह सुधार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पेट्रोल पंप खोलने को बढ़ावा देगा, जहां अभी ईंधन की पहुंच कम है।
राज्य और जनता को क्या लाभ
इस बदलाव से छत्तीसगढ़ में ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे लोगों को पेट्रोल-डीजल आसानी से मिल सकेगा। खासकर उन इलाकों में, जहां अभी पेट्रोल पंप कम हैं, वहां सुविधा बेहतर होगी। साथ ही, नए पेट्रोल पंप खुलने से राज्य में निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। यह सरकार के उस लक्ष्य को भी पूरा करता है, जिसमें व्यवसाय करने में आसानी और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ बन रहा व्यवसाय के लिए आकर्षक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल बनाने को लेकर गंभीर है। नियमों को सरल करके और अनावश्यक बाधाओं को हटाकर राज्य उद्योग, व्यवसाय को सहूलियत और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है। इससे न सिर्फ व्यवसायियों को फायदा होगा, बल्कि राज्य की जनता को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से पेट्रोल पंप खोलना आसान हो गया है। यह कदम न केवल सभी क्षेत्रों में ईंधन की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज राजभवन में भारत रत्न एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए । राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षाे से भरा हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, असमानता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम माना और स्वयं इसके उदाहरण बने। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अनेक उपाधियाँ प्राप्त कीं और देश के पहले विधि मंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न्याय व समतामूलक समाज के निर्माण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उन्होंने समाज के शोषित, पीड़ित एवं कमजोर तबके के लोगों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जब हम बाबा साहेब को याद कर रहे हैं, तब यह आवश्यक है कि हम केवल औपचारिकताएं न करें, बल्कि उनके विचारों को व्यवहार में उतारें। समता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत को हमें समाज के प्रत्येक स्तर पर स्थापित करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्राम नरदहा में सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रुपये की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज रायपुर राज के 79वें महाधिवेशन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम नरदहा में कुर्मी समाज के सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रुपये की घोषणा की।कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेश की महान विभूतियों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू, तथा छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री खोड़स राम कश्यप सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज एक परिश्रमी और आत्मनिर्भर समाज है, जो परंपरागत रूप से खेती-किसानी से जुड़ा रहा है और विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत किए गए वायदों में से अधिकांश वायदे हमारी सरकार द्वारा अल्पकाल में ही पूर्ण किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारंभ किए जा रहे हैं। इसके लिए आज एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से प्रारंभ होगी, और इसका विस्तार चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के दूसरे ही दिन गरीबों के लिए 18 लाख पक्के मकानों की स्वीकृति दी गई। कुर्मी समाज के कृषक हितों को ध्यान में रखते हुए, किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की खरीदी की गई, साथ ही पिछले दो वर्षों का धान बोनस भी किसानों को दिया गया। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें फोन कर यह जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के लिए 3.5 लाख नए आवास और स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे हम और अधिक जरूरतमंदों को पक्का आवास उपलब्ध कराकर घर के सपने को साकार कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, जो पूर्व में बंद कर दी गई थी, अब पुनः प्रारंभ की जा चुकी है, ताकि हमारे बुजुर्ग अपने इच्छित तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकें। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बार तीर्थ करने की इच्छा हर बुजुर्ग की होती है, लेकिन आर्थिक कारणों से यह सपना अधूरा रह जाता है, जिसे अब हम साकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये किया गया है। वनवासी भाइयों के पैरों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, चरण पादुका योजना को वर्ष 2025-26 के बजट में पुनः शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में लगातार प्रभावी कार्य कर रही है। इस अवसर पर समाज के गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के नव नियुक्त अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और श्री पैकरा को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी उपस्थित थे और उन्होंने श्री पैकरा को नए दायित्व की बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि श्री रामसेवक पैकरा वरिष्ठ राजनेता हैं और सामाजिक जीवन का उन्हें लंबा अनुभव है। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया है। वे हमेशा से आदिवासी और वनवासी समुदायों के प्रति संवेदनशीलता और धरातल से जुड़कर कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन्हें वन विकास निगम की बड़ी जिम्मेदारी मिलने से जनजातीय समाज को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लगभग 44 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र से आच्छादित है, जो न केवल जैव विविधता और पर्यावरण के लिए बल्कि आदिवासी संस्कृति और आजीविका के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वनवासी समुदायों के हित में सरकार द्वारा की जा रही पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 4 करोड़ पौधों के रोपण एवं वितरण का लक्ष्य रखा गया है, वहीं बिगड़े वनों के सुधार हेतु 310 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘एक पेड़ माँ के नाम’ योजना का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में अब तक 3 करोड़ 50 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल सहित विभिन्न मंडल आयोगों के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा शनिवार को सुकमा के एकदिवसीय दौरे पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनके वर्तमान हालात, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति स्थापना और सामाजिक समावेश की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद करते हुए उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और समावेशन की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास हेतु प्रतिबद्ध है। शासन की ओर से सभी ज़रूरी दस्तावेज – राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी और राजस्व संबंधी प्रमाणपत्र – बनाए जाएंगे।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघुवनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधित रोजगारमूलक प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में एक नियमित प्रशिक्षक (रेगुलर इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति तथा कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही केंद्र में एक देवस्थली की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास को लेकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
इस अवसर पर बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी श्री सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के विशेष सचिव श्री तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य श्री हुंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सुकमा में पंचायत प्रतिनिधियों से किया संवाद
माओवाद मुक्त पंचायतों को मिलेगी 1 करोड़ रुपये की विकास निधि:गांवों को बस, मोबाइल सेवा और बिजली कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा
रायपुर : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने शनिवार को अपने एक दिवसीय सुकमा प्रवास के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय में नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों के सरपंचों, जनपद सदस्यों और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के साथ माओवाद मुक्त बस्तर के निर्माण को लेकर व्यापक चर्चा की।
बैठक की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त किया और उनके क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति एवं मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास की अपार संभावनाएँ हैं और यहाँ के बच्चे अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। माओवाद के कारण विकास की प्रक्रिया बाधित होती है, जिसे समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि जो माओवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आना चाहें, उनका पुनर्वास राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। आत्मसमर्पित नक्सलियों को तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी तथा उन्हें 4-5 महीने के आवासीय कौशल प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा, जिसमें रहने-खाने की सुविधा के साथ-साथ 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि माओवाद मुक्त पंचायत घोषित होते ही संबंधित ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये की विकास निधि स्वीकृत की जाएगी। जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों को भी पृथक से विकास कार्यों के लिए राशि दी जाएगी। साथ ही संबंधित गाँवों को बस सेवा, मोबाइल नेटवर्क और बिजली कनेक्टिविटी से भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों के पंजीयन हेतु जागरूक करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है – जनता के मन की बात को समझते हुए बस्तर को माओवाद से पूर्णतः मुक्त करना।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम सभी मिलकर जल्द ही माओवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार करेंगे।
इस अवसर पर महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, आईजी श्री सुंदरराज पी., डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधिगण श्री धनीराम बारसे, जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्यगण, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सरपंचगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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राज्य शासन की समस्त योजनाओं के लाभ दिलाने के दिये निर्देश
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा शनिवार को सुकमा के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनके वर्तमान हालात, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति स्थापना और सामाजिक समावेश की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है।उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद करते हुए उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और समावेशन की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास हेतु प्रतिबद्ध है। शासन की ओर से सभी जरूरी दस्तावेज – राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी और राजस्व संबंधी प्रमाणपत्र – बनाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघुवनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधित रोजगारमूलक प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में एक नियमित प्रशिक्षक (रेगुलर इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति तथा कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही केंद्र में एक देवस्थली की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास को लेकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।इस अवसर पर बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी श्री सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के सचिव श्री तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य श्री हुंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे। -
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उद्योग मंत्री नगर पालिक निगम कोरबा के दर्री जोनांतर्गत आयोजित सुशासन तिहार शिविर में पहुंचे
शिविर का किया अवलोकन
रायपुर : वाणिज्य उद्योग, एवं श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि कहा कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के शहरी व ग्रामीण अंचलों में आयोजित किया जा रहा सुशासन तिहार-2025 आमजन की समस्याओं व शिकायतों के निराकरण तथा जनता जनार्दन की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक सशक्त माध्यम बन रहा है। उन्होने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप हमारी सरकार सुशासन, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन एवं जनकल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ सरकार की छबि एक जनहितैषी सरकार के रूप में अंकित हुई है।
उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन कल नगर पालिक निगम कोरबा के दर्री जोन कार्यालय में आयोजित सुशासन तिहार शिविर में पहुंचे। उन्होने शिविर का निरीक्षण किया, वार्डवार स्थापित काउंटरों का अवलोकन करते हुए आमजन द्वारा समस्याओं, शिकायतों व मांग संबंधी प्रस्तुत आवेदन पत्रों की जानकारी ली। इस दौरान उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने शिविर में पहुंचे हुए आमनागरिकों से भेंट मुलाकात की, उनकी शिकायतों , समस्याओं व मांगों पर चर्चा की तथा उनके संतुष्टिपूर्ण निराकरण के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। शिविर में महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत, आयुक्त श्री आशुतोष पाण्डेय, जिला पंचायत सीईओ श्री दिनेश कुमार नाग, पार्षद श्री नरेन्द्र देवांगन सहित अन्य पार्षदगण उपस्थित थे।

यहॉं उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप सम्पूर्ण प्रदेश में सुशासन तिहार 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका आगाज 08 अप्रैल मंगलवार को हुआ था। इसी कड़ी में नगर पालिक निगम केरबा क्षेत्र के अंतर्गत सुशासन तिहार 2025 का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आमजनता से उनकी शिकायतों एवं मांगों से संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त किए जा रहे है, तत्पश्चात द्वितीय चरण के अंतर्गत एक माह के भीतर इन प्राप्त आवेदनों का निराकरण कराया जाएगा। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में 05 मई से 31 मई तक वार्डो में समाधान शिविर लगाए जाएंगे। सुशासन तिहार के तीसरे दिन आज नगर पालिक निगम कोरबा के कोरबा जोन कार्यालय, टी.पी.नगर, कोसाबाड़ी, पं.रविशंकर शुक्ल नगर, बालको, दर्री व सर्वमंगला जोन कार्यालयों में सुशासन तिहार शिविर आयोजित किए गए। दर्री जोन कार्यालय में आयोजित सुशासन तिहार शिविर में उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान करते हुए शिविर का निरीक्षण किया।कोरबा के विकास के लिए धनराशि की कमी नही होने दी जाएंगी
उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने शिविर निरीक्षण के पश्चात महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत एवं आयुक्त श्री आशुतोष पाण्डेय व निगम के पार्षदगणों से नगर के विकास व निर्माण कार्यो, नागरिक सेवाओं व सुविधाओं एवं मूलभूत जरूरतों से जुडे़ कार्यो पर विस्तार से चर्चा की तथा कहा कि कोरबा के सर्वांगीण विकास के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, निगम के सभी वार्डो में वहॉं के नागरिकों की आवश्यकता, मांग व उनकी इच्छा को ध्यान में रखते हुए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास कार्य किए जाएंगे।
कुल 1363 आवेदन प्राप्त हुए
नगरीय निकायों के सहायक नोडल अधिकारी एवं निगम के प्रभारी श्री पवन वर्मा उपायुक्त ने बताया कि आज आयोजित किए गए शिविरों के दौरान मांग से संबंधित 1139 एवं शिकायत से संबंधित 224 सहित कुल 1363 आवेदन प्राप्त हुए। इन शिविरों के दौरान वार्ड पार्षदों ने भी अपनी सहभागिता दी, अपने वार्ड के नागरिकों से उनकी मांग व शिकायत संबंधी आवेदनों को जमा कराए जाने में उनको अपना सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर निगम के अपर आयुक्त विनय मिश्रा, उपायुक्त पवन वर्मा, मेयर इन काउंसिल सदस्य अजय कुमार चन्द्रा, पार्षद मुकुंद सिंह कंवर, विनम्र तिवारी, जनकसिंह राजपूत, सुखविंदर कौर, नरेन्द्र पाटनवार, नारायण सिंह ठाकुर, ईश्वर साहू, मनोज लहरे, मीना शर्मा, किशोर साहू, संजय कुर्मवंशी, कृष्णा जायसवाल, जोन कमिश्नर अजीत तिग्गा, सहायक अभियंता यशवंत जोगी, रितेश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि व नागरिकगण उपस्थित थे।
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खदान में उतरकर, कोयले को उठाकर खदान को करीब से देखा
शावेल मशीन और डम्फर में चढ़कर कोयला उत्पादन,परिवहन की गतिविधियां समझी,कर्मचारियों को किया पुरस्कृत
साइलो का किया अवलोकन
रायपुर : भारत सरकार में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज कोरबा जिले में स्थित भारत के सबसे बड़े और विश्व के दूसरे बड़े कोयला खदान का निरीक्षण किया। उन्होंने व्यू पॉइंट पर जाकर एसईसीएल गेवरा खदान में कोयला उत्खनन-परिवहन की प्रक्रिया देखी। उन्होंने यहां आधुनिक तकनीकों के साथ किए जा रहे कोयला उत्पादन की प्रक्रिया को समझने के साथ ही खदान क्षेत्र में शावेल मशीन और डम्फर में चढ़कर लोडिंग और परिवहन की स्थिति को जाना। खदान के सरफेस एरिया में जाकर उन्होंने सरफेस माइनर से कोयला कटिंग को देखने के साथ ही हाथों में कोयला उठाकर क्वालिटी को परखा। कोयला एवं खान मंत्री ने गेवरा कोल एरिया के साइलो का भी अवलोकन किया और ट्रैक में कोयला लोडिंग की जानकारी ली। केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने गेवरा खदान व्यू पॉइंट स्थल पर पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से एसईसीएल क्षेत्र में कोयला उत्पादन को लेकर किये जा रहे कार्य,परिवहन, तकनीकी समावेश, सामुदायिक विकास, पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को भी जाना।

मौके पर उपस्थित एसईसीएल के अधिकारियों ने कोयला उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। अधिकारियों ने केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री रेड्डी को खदान क्षेत्र की सम्पूर्ण गतिविधियों को साझा किया। केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश मे ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी पारदर्शिता और दृढ़ता के साथ काम किया जा रहा है। इसके लिए पर्यावरण के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज मैंने भारत के सबसे बड़े और विश्व के दूसरे सबसे बड़े कोयला खदान गेवरा पहुंच कर अवलोकन किया है। यहां मैंने देखा कि हमारे अधिकारी और कर्मचारी कड़ी मेहनत कर कठिन परिस्थितियों में भी देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कोयला उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर माईन क्लोजर एक्टिविटी के लिए एक्शन प्लान बनाने और अगले तीन वर्षों में पर्यावरण के मानकों के अनुरूप इस दिशा में कार्य करते हुए ग्रीनरी डेवेलप की बात कही। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने एसईसीएल के उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने एसईसीएल श्रमिकों से चर्चा की और उनकी मांगो और सुझावों के विषय में ध्यान देने की बात कही।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर आए केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी से आज रात यहां एक निजी होटल में सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव और रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे। -
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रायपुर : सुशासन तिहार को जन -जन तक पहुंचने के लिए बलौदाबाजार भाटापारा जिला प्रशासन द्वारा जोर - शोर से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें रैली,साईकिल रैली,मुनादी, दीवाल लेखन आदि शामिल है लेकिन ग्रामीण अंचल में सुआ नृत्य जनजागरूकता का सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है।बुधवार को बलौदा बाजार जिले के विकासखंड पलारी के ग्राम पंचायत कुसमी में बिहान की महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा सुवा गीत व नृत्य के माध्यम से सुशासन तिहार को लोगों तक पहुंचाया। छत्तीसगढ़ में पारंपरिक लोक नृत्यों में पंथी, राउत नाचा, कर्मा,पंडवानी,सुवा,सैला, गेंड़ी आदि शामिल हैं। ये नृत्य विभिन्न समुदायों द्वारा त्योहारों और उत्सवों के दौरान किए जाते हैं और वे क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
सुशासन तिहार के प्रथम चरण अंतर्गत 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आवेदन प्राप्ति स्थल पर लोगों से आवेदन प्राप्त किये जाएंगे।कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन एवं सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल के नेतृव में जिले में गठित स्व सहायता समूह (बिहान )द्वारा संकुल संगठन स्तर ,ग्राम संगठन स्तर,पंचायत स्तर पर दीवाल लेखन,सुशासन नारे,रैली,घर -घर दस्तक अभियान का सफल आयोजन किया जा रहा है एवं आमजन को अवगत कराने प्रचार- प्रसार किया जा रहा है।बिहान के कैडर के द्वारा प्रत्येक पंचायत में सुशासन तिहार का शुभारंभ किया गया।

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