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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आर्थिक पैकेज को लेकर पहले दिन की गई घोषणाओं में उन्होंने लघु-मध्यम उद्योगों और कर्मचारियों का खास ध्यान रखा. उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) की मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया और कहा कि MSME की बेहतरी के लिए छह कदम उठाए जाएंगे, इसके तहत तीन लाख करोड़ का लोन बिना गारंटी का मिलेगा. इस दौरान उन्होंने सभी तरह की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई, 2020 तथा 31 अक्टूबर, 2020 से 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाए जाने की घोषणा की. इसके साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान के लिए 2,500 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की और इस प्रोत्साहन योजना को अगस्त तक के लिये बढ़ाने की बात की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- आज प्रवासी मजदूरों, छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों के लिए राहत का ऐलान किया जाएगाः निर्मला सीतरमण
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूर, छोटे किसान और गरीब हमारी प्राथमिकता
- सरकार, गांव गरीब और किसानों की मदद कर रही है.
- किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपये का लोन लिया. इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए : वित्त मंत्री
- शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ की मदद दी गई
- कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये हैः वित्त मंत्री
- केंद्र सरकार ने प्रवासियों के लिए शेल्टर बनाने के खातिर राज्य सरकारों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष (SDR फंड) उपयोग करने की अनुमति दी. केंद्र सरकार ने SDRF के लिए 11,002 करोड़ रुपये भी जारी किए.
- बेघर लोगों को 3 वक्त खाना दिया जा रहा हैं। उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई हैः वित्त मंत्री
- प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के जरिये काम दिया जा रहा है: वित्त मंत्री
- 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला.
- श्रम कानून के सुधार पर काम चल रहा है : वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण द्वारा पहले दिन की गई घोषणाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी. मोदी ने ट्वीट किया, 'सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी.' -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में श्रमिकों को मनरेगा, आदिवासियों को लघु वनोपज संग्रहण तथा किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उनकी जेब में पैसा डालने का काम कर रही है। हमारा प्रदेश धीरे धीरे सामान्य कामकाज की ओर अग्रसर हो रहा हैं। कल की कैबिनेट की बैठक में ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जो राज्य में आर्थिक गतिविधियों को और तेज करेंगे।
बैठक में हमने एक निर्णय लिया जिसका क्रियान्वयन हम अपने स्वप्न दृष्टा नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की पुण्य तिथि के दिन 21 मई से प्रारंभ करेंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना बहुत ही दूरगामी निर्णय है और छत्तीसगढ़ के किसानों को इस संकट की घड़ी में संजीवनी प्रदान करने वाला निर्णय है। पूरे देश में कहीं भी किसानों के हित में इतना महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया है। हमने राज्य के किसानों से वादा किया था कि उन्हें उनकी उपज का पूरा दाम मिलेगा। लोगों ने इसमें कई अड़चने लगाई, अवरोध पैदा किये लेकिन हमने जो कहा था वो निभाया है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हम राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता हेतु खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना फसल के लिए 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से अनुदान राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर करेंगे। इसके लिए हमने बजट में 5100 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया है। इस योजना के तहत राज्य के 18 लाख 75 हजार किसानों को लाभ मिलेगा। यहीं नही खरीफ 2020 से आगामी वर्षो में दलहन और तिलहन फसलों के पंजीकृत और अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को आदान सहायता अनुदान के रूप में देंगे। अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया हो और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता हैं तो ऐसी स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों, किसानों और आदिवासियों की जेब में पैसे डालने का काम कर रही है। लोगों की जेब में पैसा आने से इसका असर व्यापार और व्यवसाय पर पड़ेगा और अर्थव्यवस्था बराबर संचालित होती रहेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्र सरकार से मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने का आग्रह किया है। मनरेगा के काम बारिश तक चलेंगे। यदि मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाता है तो लोगों को इससे निरंतर रोजगार मिलेगा, कृषि की लागत कम होगी और कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा। श्री बघेल ने कहा कि आम जनता, सामाजिक संगठनों और सेवा भाव से काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से कोविड-19 संक्रमण को रोकने में प्रदेश में काफी हदतक सफलता मिली है।
इसके साथ ही हमने उत्कृष्ठ हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के शालाओं का संचालन पंजीकृत सोसायटी के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। लगभग 40 उत्कृष्ट शालाएं प्रारंभ की जाएंगी। विकासखण्ड मुख्यालयों में 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए आईटीआई का रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के उपायों के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के फलस्वरूप बसों के दो माह और ट्रकों के एक माह के टैक्स की राशि माफ कर दिया गया है। राज्य सरकार सभी शहरी परिवारों को दो कमरों का पक्का आवास देने के लिए 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाएगी। इसके साथ ही अब किराएदारों को भी योजना में समाहित करते हुए न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
सीएम बघेल ने कहा कि लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सामान्य परिवारों (ए.पी.एल.) को भी रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक पीडीएस की दुकानों से 10 रूपए प्रति किलो की दर से अधिकतम दो किलो नमक प्रति राशनकार्ड प्रति माह एक जून से प्रदान किया जाएगा। इससे राज्य के 9.04 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार द्वारा जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट को पूरे साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में केवल 4 एक्टिव कोरोना पाजीटिव मरीज हैं। कुल 59 पाजीटिव मरीजों में से 55 स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। कोरोना से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई हैं। छत्तीसगढ़ में ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 93 प्रतिशत से अधिक हैं। राज्य में अभी तक कुल 27 हजार 339 सैम्पल टेस्ट किए गए हैं। राज्य में 28 हजार 759 व्यक्तियों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। अन्य राज्यों से लौटने वाले मजदूरों के लिए गांवों में ही 16,499 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए है। सीमावर्ती क्षेत्रों में कुल 623 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं ।
सीएम बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार की जानकारी मिलते ही बचाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी थी। 27 जनवरी को हमने सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर दी थी। 28 जनवरी से एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग प्रारंभ कर दी थी और एक फरवरी को पहले आइसोलेशन अस्पताल ने काम करना प्रारंभ कर दिया था। हमने स्वस्फूर्त निर्णय लेते हुए किसी भी राज्य से पहले 21 मार्च को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाएं सील कर दी और 22 मार्च को राज्य में लाकडाउन की घोषणा की। वर्तमान में प्रतिदिन जांच क्षमता 1200 सैंपल प्रतिदिन हो गयी हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब कोटा से छात्रों को लाने की बात चल रही थी तभी मैंने श्रमिकों को वापस लाने की केन्द्र सरकार से मांग की थी और कहा था कि ट्रेनों की व्यवस्था की जाए अब ट्रेनें आना शुरू हो गई है। श्रमिकों की वापसी के लिए मई का महीना काफी महत्वपूर्ण है। अगले महीने से बारिश शुरू हो जाएगी तब आने वाले श्रमिकों के क्वारेंटीन में बाहर रखने के इंतजाम में दिक्कत आएगी क्योकि संसाधन सीमित है। बाहर से आने वाले श्रमिकों की बड़ी संख्या की तुलना में स्कूलों और आंगनबाड़ियों की संख्या कम है।
लॉक-डाउन में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में औसतन लगभग 23 लाख मजदूूर काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में वनोपज संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर हैं। देश के कुल वनोपज संग्रहण का 99 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ ने ही किया हैं। श्री बघेल ने कहा कि राज्य के 56.48 लाख गरीब परिवारो को अप्रैल, मई और जून, तीन माह का राशन, प्रति परिवार एक क्विंटल पांच किलोग्राम निःशुल्क प्रदान किया गया हैं। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ‘पढ़ाई तुंहर दुआर‘ वेबपोर्टल प्रारंभ। अब तक 21 लाख 26 हजार छात्र और 1.88 लाख शिक्षक पंजीकृत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में जरूरततंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन तथा सामान्य कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 30 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाये। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि औद्योगिक नीति में इमेचवाम चवसपबल के तहत बायो एथेनॉल उत्पादन इकाईयों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन आने वाले वर्षों में बढ़ेगा। सरप्लस धान हर वर्ष बढ़ेगा। इसका उपयोग बायो एथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकेगा।
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नई दिल्ली : आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) संयुक्त तौर पर आयुष के उन चार दवाइयों पर साथ काम कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज में किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री श्रीपद वाई नाइक ने गुरुवार (14 मई) को ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दवाओं का ट्रायल एक सप्ताह के भीतर ही शुरू हो जाएगा।
नाइक ने ट्वीट किया, आयुष मंत्रालय और सीएसआइआर कोरोना के खिलाफ आयुष फॉर्मूले पर साथ में काम कर रहे हैं और एक सप्ताह के भीतर इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा। इनका इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों पर एड ऑन थेरेपी और स्टैंडर्ड केयर के तौर पर किया जाएगा। मुझे यकीन और उम्मीद है कि हमारी परंपरागत औषधीय प्रणाली इस महामारी से निकलने में रास्ता दिखाएगी। -
मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक बार फिर सैकड़ों मजदूर इकट्ठा हो गए. ये मजदूर नागपाडा के बेलासिस रोड पर जुटे थे. मजदूर चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के लिए तुरंत ट्रेन चलाई जाए. ये मजदूर बुधवार सुबह 10.30 बजे इकट्ठा हुए. इन्हें हटाने के लिए मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया. हालांकि, ये मजदूर आश्वासन मिलने के बाद भी वहां से हटने को तैयार नहीं थे.
बता दें कि अप्रैल महीने में मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भी प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों के जुटने के एक दिन बाद ही दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास यमुना नदी के किनारे भी कई मजदूर इकट्ठा हो गए थे. -
नई दिल्ली : देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 78 हजार को पार कर गया है. गुरुवार को जारी अपडेट के मुताबिक, अब देश में कुल 49 हजार 219 एक्टिव केस. 26 हजार 235 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2549 लोग जान गंवा चुके हैं. बीते 24 घंटे में 3722 नए मामले सामने आए और 134 मौतें हुई हैं. साथ ही 1894 मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. महाराष्ट्र में कोरोना का कोहराम सबसे ज्यादा है. यहां मरीजों की संख्या 26 हजार के करीब पहुंच गई है. मरने वालें लोगें की तादाद भी 975 तक जा पहुंची है. वहीं, गुजरात में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 9 हजार 267 तक जा पहुंचा है, जबकि मरने वाले मरीजों की तादाद 566 है.
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नई दिल्ली : कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर रेलवे ने लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही आम लोगों के लिए सेवाएं बंद कर दी थीं। अब भी यात्रियों के सफर को सीमित रखने के लिए चुनिंदा ट्रेन ही चलाई जाएंगी। यह बात रेलवे के हालिया कदम से साफ हो गई है। रेलवे ने 30 जून तक की यात्रा के लिए बुक की गई सभी टिकट्स को कैंसल कर दिया है। सभी रद्द टिकटों के रिफंड्स 30 जून 2020 से पहले ही कर दिए जाएंगे। रेलवे के मुताबिक, इस दौरान सभी स्पेशल ट्रेनें और श्रमिक ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हफ्ते मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में साफ कर दिया था कि देश में अभी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सीमित स्तर पर शुरू होंगी। इसमें उन्होंने रेलवे का भी जिक्र किया था। माना जा रहा है कि जरूरतमंद यात्रियों को अभी सिर्फ स्पेशल ट्रेन के जरिए ही सफर की सुविधा दी जाएगी। -
मीडिया रिपोर्ट
देश में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस पर काबू के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले के बांदा में जैन भिक्षु प्रमनसागर के स्वागत के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी। इस दौरान इन लोगों ने सोशल डिस्टनसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई। बता दें कि, यह सब तब हुआ जब भाजपा शासित राज्य ने कोरोनो वायरस से करीब 225 लोगों की मौतों हो चुकी हैं और हजारों लोग इस वायरस की चपेट में हैं। घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टनसिंग का उल्लंघन करने वाले भक्तों की जमकर आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर नाराजगी के बाद ही स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी के बाद ही स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने का फैसला किया। यह घटना सोमवार को हुई जब सागर जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बांदा शहर पहुंचे जैन मुनियों की अगुवाई में जैन भिक्षुओं के स्वागत के लिए हजारों लोग सड़क पर उतर आए।
वायरल वीडियो में, जैन भिक्षुओं को भी फेस मास्क मिस करते हुए देखा गया था। वहीं, भीड़ में भी कई लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो से घटना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि, “यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के उल्लंघन का मामला प्रतीत होता है। इस मामले में बंडा थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया गया है।”
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रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार निर्णय लिए गए:-
राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता हेतु ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘‘ प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। इस योजना का शुभारंभ आगामी 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि से किया जाएगा। खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का एवं गन्ना (रबी) फसल हेतु 10 हजार प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी।खरीफ 2020 से आगामी वर्षो हेतु धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत /अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा।अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया था एवं इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता है तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया।
उत्कृष्ठ हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के शालाओं का संचालन पंजीकृत सोसायटी के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। उत्कृष्ट शालाएं सभी जिला मुख्यालय, नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्र में न्यूनतम एक-एक होगी। लगभग 40 उत्कृष्ट शालाएं प्रारंभ की जाएंगी।विकासखण्ड मुख्यालयों में 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए आईटीआई का रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया गया।औद्योगिक नीति 2019-24 में Bespoke Policy के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में बायो-एथेनाल उत्पाद इकाईयों की स्थापना हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योग स्थापना के लिए वांछित अनुमति-सहमति आदि प्रावधानों के सरलीकरण हेतु अध्यादेश प्रारूप का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य के लिए पिछड़ा वर्ग की समेकित सूची अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया।खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के निराकरण के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया।छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्डो पर चना/चना दाल वितरण का अनुमोदन किया गया।राज्य में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के उपायों के तहत चने का उपार्जन तत्काल किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए माह अप्रैल से जून 2020 तक आवश्यक चने का उपार्जन नाफेड द्वारा प्रस्तावित दरों पर किए जाने का अनुमोदन किया गया।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को एक माह से अधिक का खाद्यान्न वितरण एक साथ करने का अनुमोदन किया गया।खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए धान उठाव हेतु लोडिंग एवं अनलोडिंग दर पृथक से स्वीकृत करने का अनुमोदन किया गया।कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के उपायों के तहत छ.ग. राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के फलस्वरूप यात्री वाहनों, माल वाहनों, स्कूल व सिटी बसों एवं प्राईवेट सेवायान बसों के देय मासिक/त्रैमासिक कर में आंशिक छूट के साथ जमा करने की छूट अवधि को 30 जून तक बढ़ाने और बसों के दो माह और ट्रकों के एक माह के टैक्स की राशि माफ करने का निर्णय लिया गया।नजूल के स्थायी पट्टों की भूमि को फ्री-होल्ड किए जाने का शर्तो सहित अनुमोदन किया गया।बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना के सर्वेक्षण इन्वेस्टिगेशन और डी.पी.आर. तैयार करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए देशी और विदेशी मदिरा के विक्रय पर ‘विशेष कोरोना शुल्क‘ अधिरोपित करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत देशी मदिरा पर 10 रूपए प्रति बोतल तथा समस्त प्रकार की विदेशी मदिरा (स्प्रिट/माल्ट) के फुटकर विक्रय दर की 10 प्रतिशत की दर से विशेष कोरोना शुल्क अधिरोपित किया जाएगा।छत्तीसगढ़ सरकार सभी शहरी परिवारों को दो कमरों का पक्का आवास दिलवाने हेतु प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में आज मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही मोर आवास-मोर चिन्हारी योजना के तहत अब किराएदारों को भी समाहित करते हुए न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में स्वयं की निधि अथवा अन्य किसी भी मद से शासकीय भूमि पर निर्मित दुकानों के आबंटन हेतु एक बार में एकमुश्त निबटान का निर्णय लिया गया। जिस शासकीय भूमि पर दुकान निर्मित है उस भूमि का आबंटन के लिए आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर एक रूपए प्रति वर्गफूट की दर पर कलेक्टर द्वारा आबंटित की जाएगी।अन्य प्रशासकीय निर्णय:-
1. लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सामान्य परिवारों एपीएल को भी रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित करने का निर्णय लिया गया। एपीएल राशनकार्ड पर 10 रूपए प्रति किलो की दर से अधिकतम दो किलो नमक प्रति राशनकार्ड प्रति माह एक जून से प्रदान किया जाएगा।इस योजना को लागू करने से राज्य के लगभग 9.04 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के 56 लाख राशनकार्डधारकों को पात्रतानुसार रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।
2. राज्य सरकार द्वारा जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट जो 30 जून 2020 तक दी गयी थी, जिसे अब पूरे वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए एक विजन रखा है। वह बता रहीें हैं कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में किन-किन क्षेत्रों में और किसे कितनी राशि दी जाएगी।
MSME के लिए उठाए बड़े कदम
एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गांरटी का लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा।छोटे उद्योग को मिलेगा 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन।41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया।कुटीर-लघु उद्योगों के लिए कोलैटरल फ्री लोन।एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
EPF कर्मचारियों को बढ़ी राहत
EPF सहयोग 3 और महीने के लिए बढ़ा।15 हजार तक सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए सरकार EPF में 24% करेगी योगदान।जून, जुलाई, अगस्त तक ईपीएफ का भुगतान करेगी सरकार।कंपनियां अब 12 फीसदी के बजाय 10 फीसदी EPF जमा करेंगी।72.22 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा।आत्मनिर्भर भारत के 5 पिलर हैं
समाज के कई वर्गों से बातचीत कर पैकेज तैयार किया गया।कई विभागों, मंत्रालयों के अलावा पीएम मोदी खुद इस पैकेज पर चर्चा में शामिल रहे।पीएम मोदी ने समाज के विभिन्न समूहो, नेताओं और मंत्रालयों के साथ चर्चा करने के बाद इस पैकेज की घोषणा की है।पैकेज के जरिए देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश है।आत्मनिर्भर भारत के 5 पिलर हैंः इकॉनमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड।लोगों के खाते में पहुंच रहे पैसे
डीबीटी के जरिए लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंच रहे हैं, किसी को बैंक तक जाने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है।पिछले कार्यकाल में कई योजनाएं आर्थिक सुधार से जुड़ी हुई थी।पीएम फसल बीमा योजना, फिशरी डिपार्टमेंट बनाना, पीएम किसान योजना जैसे सुधार कृषि क्षेत्रों के लिए किए गए हैं। -
गोरखपुर: अलीगढ़ जिला प्रशासन ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान पर लगाए किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ा दी है. अलीगढ़ के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए मंगलवार को बताया डॉक्टर कफील पर लागू रासुका की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है, क्योंकि उन्हें रिहा किए जाने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.
बता दें कि बीती 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ एएमयू में दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ. कफील को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. वहां वे सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने गए थे. कफील को गत 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन आदेश के तीन दिन बाद भी जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा नहीं किया था. उसके बाद कफील के परिजन ने अलीगढ़ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी. अदालत ने 13 फरवरी को फिर से रिहाई आदेश जारी किया था, मगर अगली सुबह जिला प्रशासन ने कफील पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी थी. उसके बाद से कफील मथुरा जेल में बंद हैं.
कफील के भाई अदील खान ने रासुका की अवधि बढ़ाए जाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस वक्त पूरे भारत में लॉकडाउन है. सारे कॉलेज, विश्वविद्यालय और यहां तक कि हवाईअड्डे भी बंद हैं, ऐसे में डॉक्टर कफील कैसे और कहां जाकर अशांति फैला सकते हैं?
उन्होंने डॉक्टर कफील को राजनीति का शिकार बनाए जाने का अंदेशा जाहिर करते हुए कहा कि कफील को जेल में 102 दिन हो गए हैं, उन्हें हृदय संबंधी दिक्कतें हैं, लेकिन उनका अभी तक किसी विशेषज्ञ से चेकअप नहीं कराया गया है, जबकि इस बारे में जेल प्रशासन से कई बार गुजारिश की जा चुकी है. -
लखनऊ : उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक ने अधिकारियों को जूता मारने की धमकी दी है। दरअसल महोबा जिले से पार्टी के विधायक बृजभूषण राजपूत भेष बदलकर गेहूं खरीद केंद्र पहुंचे थे, यहां पर उन्होंने अपनी फसल बेचने की बात कही थी। इसपर अधिकारी ने विधायक से घूंस मांगी थी। गेहूं खरीद में अधिकारियों द्वारा कमीशन लिए जाने का विधायक ने स्टिंग किया था। उसी स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी करते हुए विधायक ब्रजभूषण राजपूत काफी उत्तेजित हो गए।
अधिकारियों को जूता मारने की धमकी देते हुए कहा था कि अगर सम्मान पर बात आई तो बर्दास्त नही किया जाएगा। जूता चलेगा। अगर अधिकारी किसानों से घुस मांगेंगे तो मैं अपना जूता चलाऊंगा। अगर मेरे खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाना है तो कर लो। -
लखनऊ : जिस साधु के सपने के आधार पर आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) जैसी प्रतिष्ठित संस्था साल 2013 में कई दिनों तक 1000 टन सोने के खजाने की खोज में खुदाई करती रही, उस साधु का बुधवार को कानपुर में निधन हो गया. इन साधु का नाम है शोभन सरकार. सरकार के निधन से उनके भक्तों में शोक की लहर है. कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं.
बता दें कि अक्टूबर 2013 में शोभन सरकार ने दावा किया था कि यूपी के उन्नाव में राजा राव राम बख्श सिंह के किले में एक हजार टन सोने का खजाना दबा हुआ है. बाबा का उन्नाव के आसपास बहुत प्रभाव था. किले के पास शोभन सरकार का आश्रम भी था. इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी. उसके बाद सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी. हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला था.
एक साधु के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर उस समय केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है. वहीं, खजाने की खुदाई के दौरान कई दावेदार भी सामने आ गए थे. राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था. वहीं ग्रामीणों ने भी खजाने पर दावा किया था.
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नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां Covid-19 संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर 74,000 के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 74,281 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3525 नए मामले सामने आए हैं और 122 लोग इसकी वजह से जान गंवा चुके हैं. इस बीमारी से अब तक 24386 मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं, रिकवरी रेट लगातार सुधर कर 32.82 प्रतिशत पर पहुंच गया है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है, जो 17 मई तक प्रभावी रहेगा.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन झेल रहे देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इसी को आर्थिक पैकेज को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. वह इस पैकेज के बारे में विस्तार से बताएंगी.
मंगलवार की रात 8 बजे देश के नाम संबोधन देने आए पीएम मोदी ने कहा कि इस पैकेज का इस्तेमाल देश के हर वर्ग किसान, मजदूर, लघु उद्योगों और कामगारों की मदद के लिए मदद किया जाएगा. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा नहीं रोका जा सकता है. अब हमें दो गज की दूरी और तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इसके साथ ही रहना सीखना होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से जंग अभी लंबी चलने वाली है. फिलहाल पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के बाद लोगों के मन में चार सवाल हैं जिसे वे जानना चाहते हैं.
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थर्मल स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद भेजे जा रहे हैं क्वारेंटीन सेंटर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर देश के अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों लगभग 32 हजार 11 श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया गया है। प्रशासन द्वारा फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। श्रमिकों को क्वॉरेंटीन सेंटर ले जाने के लिए बसें तैयार की गई हैं। संबंधित गांवों में उन्हें क्वारेंटीन पर रखने की तैयारी भी कर ली गई है। राज्य शासन द्वारा इन श्रमिकों को वाहन एवं अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ लाया गया। प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की जा रही है। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का सैम्पल लिया जा रहा है जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है। वाहन एवं अन्य माध्यमों से आये इन श्रमिकों को उनके गतव्य तक पहुंचाने के लिए संबंधित जिलों तक बसों की व्यवस्था की गई है। बसों को भी सैनेटाइज किया गया है और उनमें 20-22 यात्रियों को ही ले जाया जा रहा है, ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि देश के 21 राज्यों एवं 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के श्रमिकों को सकुशल गृह राज्य लाया जा रहा है। इनमें महासमुंद जिले के 2 हजार 986 श्रमिक, बलौदाबाजार के 634 श्रमिक, गरियाबंद जिले के 140 श्रमिक, धमतरी के 33 श्रमिक, बिलासपुर के 5 हजार 286 श्रमिक और मुंगेली जिले के 4 हजार 581 श्रमिकों को वाहन एवं अन्य माध्यमों से सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया है। इसी प्रकार कोरबा जिले के तीन श्रमिक, जांजगीर-चापा के 651 श्रमिक, रायगढ़ के 2 हजार 958 श्रमिक, कबीरधाम (कर्वाधा) के 192 श्रमिक, बेमेतरा के एक हजार 290 श्रमिक, दुर्ग के 461 श्रमिक, बालोद जिले के एक हजार 209 श्रमिक और राजनांदगांव जिले के 5 हजार 857 श्रमिकों को सकुशल निवास राज्य लाया गया है। इसी तरह बलरामपुर जिले के 182 श्रमिक, सूरजपुर के 238 श्रमिक, जशपुर के 75 श्रमिक, कांकेर एवं नरायणपुर के 6-6 श्रमिक, कोण्डागांवा के 151 श्रमिक, जगदलपुर (बस्तर) के 194 श्रमिक, दंतेवाड़ा के एक हजार 798 श्रमिक, बीजापुर के 2 हजार 485 श्रमिक और सुकमा जिले के 601 श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया है। -
रायपुर : लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 3 लाख से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के निर्देश पर तत्काल राहत पहुंचाई गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में किये गये लॉकडाउन के दौरान श्रम मंत्री डॉ. डहरिया के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा स्थापित हेल्पलाईन सहित अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर राज्य में तथा राज्य के बाहर 12 मई की स्थिति में करीब 3 लाख जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 श्रमिक वापस अपने गृहग्राम आना चाहते हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश में फंसे 38 हजार 966 श्रमिक, महाराष्ट्र से 35 हजार 385, तेलंगाना से 34 हजार 520, जम्मू-कश्मीर से 23 हजार 311 एवं गुजरात से 28 हजार 344 श्रमिक सहित अन्य राज्यों में फंसे श्रमिक एवं अन्य लोग शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए ऑनलाइन लिंक जारी किया गया है। ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था के तहत अब तक 2 लाख 6 हजार 730 लोगों ने पंजीयन करवाया है, इनमें एक लाख 88 हजार 445 श्रमिक तथा शेष छात्र, तीर्थ-यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोग शामिल है। शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए 12 मई से 17 मई तक 21 ट्रेनें चलायी जा रही है। अब तक वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को गृहग्राम वापस लाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार 422 श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही लगभग 5 हजार 692 श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 प्रवासी श्रमिक तथा छात्र, तीर्थ यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोगों को जो देश के राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। इनमें 26 हजार 102 श्रमिकों को 34 करोड़ 61 लाख 51 हजार 267 रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 94 हजार 15 श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1234 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी श्री सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरत मंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। साथ ही श्रमिकों एवं अन्य लोगों की आग्रह पर छत्तीसगढ़ से बाहर फंसे लोगों को छत्तीसगढ़ लाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को उनके गृह राज्य भी भेजा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के माध्यम से अब तक प्रदेश में 42 क्लीनिक संचालित है। जिसमें 49 हजार 899 श्रमिकों का उपचार कर दवा आदि का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24ग्7 हेल्पलाईन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किये गये है। -
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ भारतीय मजूदर संघ ने राज्य सरकार की ओर से श्रम कानूनों में ढील दिए जाने का विरोध किया है। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में श्रम कानून बदले जाने का विरोध करते हुए बीएमएस ने अपनी स्टेट यूनिट्स को विरोध करने को कहा है। यही नहीं भारतीय मजदूर संघ ने राज्यों की अपनी यूनिट से कहा है कि वे मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में ज्ञापन सौंपें और इनके श्रम कानूनों में एकतरफा बदलाव न करने की अपील करें। बीजेपी शासित यूपी और मध्य प्रदेश ने श्रम कानूनों में ढील का प्रस्ताव रखा है, जिसका विरोधी दलों के साथ ट्रेड यूनियनों ने विरोध किया है।
मजदूर संघ के अध्यक्ष बृजेश उपाध्याय ने सोमवार को राज्यों की यूनिट से कहा कि वे मुख्यमंत्रियों से कहें कि श्रम कानूनों में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर ट्रेड यूनियनों को भी भरोसे में रखा जाए। बृजेश उपाध्याय ने कहा, ‘श्रम कानूनों को स्थगित करने की बजाय यह श्रमिकों की समस्याओं को तत्काल हल करने का है। जिन्हें कोरोना से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते अपनी नौकरियों, आजीविका के संकट से गुजरना पड़ रहा है।’
उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकारें यह नहीं बता पाई हैं कि आखिर श्रम कानून कैसे आर्थिक गतिविधियों में बाधक हैं और आखिर किन परिस्थितियों के चलते श्रम कानूनों को स्थगित करना पड़ रहा है। दरअसल पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन नियमों को छोड़कर सभी श्रम कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया था। इस अध्यादेश में करार के साथ नौकरी करने वाले लोगों को हटाने, नौकरी के दौरान हादसे का शिकार होने और समय पर वेतन देने जैसे तीन नियमों को छोड़कर अन्य सभी श्रम कानूनों को तीन वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है।
मजदूरों के बीच काम करने वाले आरएसएस के संगठन ने पिछले ही दिनों सरकार को यह चेतावनी दी थी कि भारत चीन के मॉडल पर श्रम कानूनों के मामले में आगे नहीं बढ़ सकता। बीएमएस ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र है और यहां के हालात की तुलना चीन जैसे साम्यवादी तानाशाही देश से नहीं की जा सकती है। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। लॉकडाउन खत्म होने से ठीक पांच दिन पहले पीएम मोदी देश को एक बार और संबोधित करेंगे। बता दें कि, कोरोना लॉकडाउन का मौजूदा कार्यकाल 17 मई को खत्म हो रहा है।
गौरतलब है कि, कोरोना वायरस का कहर देश में थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश में मंगलवार (12 मई) को कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,293 तक पहुंच गई है जबकि संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है। सोमवार सुबह आठ बजे से 24 घंटे के भीतर 3,604 नए मामले सामने आए हैं और 87 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के 46,008 मरीजों का उपचार हो रहा है जबकि 22,454 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं।




























