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नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। सोमवार (18 मई, 2020) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 5242 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जो एक दिन के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस बीच 157 लोगों की मौत की पुष्टि भी हुई है। भारत में अब कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 96169 हो गई है। इनमें 56316 एक्टिव केस हैं। 36834 ठीक हो चुके हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है। देश में इस महामारी से मृतक की कुल संख्या अब 3029 हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब तक 38.29 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हुए हैं।’ मंत्रालय ने बताया कि कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। रविवार सुबह से लेकर अब तक हुई 157 मौतों में, 63 महाराष्ट्र में, 34 गुजरात में, 31 दिल्ली में, छह पश्चिम बंगाल में, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, तमिलनाडु में चार, पंजाब में तीन और आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और ओडिशा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। देश में अब तक हुई कुल 3,029 मौतों में, सबसे ज्यादा 1,198 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद गुजरात में 659, मध्य प्रदेश में 248, पश्चिम बंगाल में 238, दिल्ली में 160, राजस्थान में 131, उत्तर प्रदेश में 104, तमिलनाडु में 78 और आंध्र प्रदेश में 50 लोगों की मौत हुई है। -
पंजाब के रूपनगर जिले में एक डेरा प्रमुख का रविवार को शव बरामद हुआ है। पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया है कि डेरा प्रमुख की कथित तौर पर हत्या की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन शुरू होने के बाद डेरा प्रमुख श्री महा योगेश्वर महात्मा (80) यहां श्री मुनि देशम आश्रम में अकेले रहे थे। पुलिस के मुताबिक उसका एक अनुयायी रविवार को आया था और आश्रम का द्वार टूटा हुआ पाया। पुलिस ने कहा कि महात्मा की हत्या उसके कमरे में भी हुई।काठगढ़ थाना प्रभारी परमिंदर सिंह ने कहा कि शव सड़ी-गली हालत में था, जिससे यह संकेत मिलता है कि करीब हफ्ते भर पहले महात्मा की हत्या हुई होगी। पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। स्थानीय शिवसेना नेताओं ने हत्या पर नाराज़गी जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर काठगढ़ सिविल अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को शुरुआती जांच में मामला हत्या का लग रहा है। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन में जम्मू कश्मीर में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए दो ट्रेनों की अनुमति मिल गई है। ये श्रमिक स्पेशल ट्रेन जम्मू से बिलासपुर-चांपा चलेंगी। पहली ट्रेन 20 या 21 मई को यहां पहुंचने की संभावना है इसी तरह दूसरी ट्रेन 22 या 23 मई को आएगी।
जम्मू कश्मीर में फंसे श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति प्रदान की थी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने 12 मई को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर राज्य शासन के निर्णय से अवगत कराते हुए छत्तीसगढ़ के इन श्रमिकों को वापस लाने के लिए ट्रेनों के संचालन के लिए अनुमति मांगी थी जिस पर जम्मू-कश्मीर शासन से अनुमति के पश्चात् दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रस्तावित की गई है। -
सवेरे 5 बजे से ही मनरेगा कार्यस्थलों पर चहल-पहल


छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर शुरू किए गए मनरेगा कार्यों से ग्रामीण श्रमिक राहत में हैं। लॉक-डाउन के मौजूदा दौर में इसने न केवल उनकी रोजगार की चिंता दूर की है, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में परिवार के भरण-पोषण के लिए आर्थिक संबल भी प्रदान किया है। सामुदायिक और व्यक्तिमूलक आजीवन संवर्धन के कार्यों के तहत जल संरक्षण, कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन को मजबूत करने विविध परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों में अभी सीधे रोजगार के साथ ही मनरेगा के तहत निर्मित हो रही परिसंपत्तियों से भविष्य में जीविकोपार्जन के बेहतर संसाधन मिलेंगे।
बस्तर जिले में भी मनरेगा कार्य जोरों पर है। वहां संचालित विभिन्न कार्यों में अभी 31 हजार 397 श्रमिक काम कर रहे हैं। कार्यस्थलों पर सवेरे पांच बजे से ही श्रमिकों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। सुबह पांच से आठ बजे के बीच ये अपने-अपने हिस्से का काम खत्म कर धूप तेज होने के पहले ही घर लौट आते हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए मजदूर मुंह ढंकने के लिए मास्क या गमछा का इस्तेमाल कर रहे हैं। परस्पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के पालन के साथ ही सभी कार्यस्थलों पर साबुन से हाथ धुलाई की व्यवस्था की गई है।
बस्तर जिले में करीब छह हजार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की संभावना है। इनकी क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद काम की मांग करने वालों को भी तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी है। जिनके पास मनरेगा जॉब-कॉर्ड नहीं हैं, उनके नए जॉब-कॉर्ड बनाए जाएंगे। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बस्तर जिले में मनरेगा के लिए 94 करोड़ रूपए का लेबर बजट प्रावधानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में वहां मनरेगा कार्यों में 61 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की गई है।
मनरेगा के तहत गांवों में जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन के कार्य प्राथमिकता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुआं, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई के लिए नाली निर्माण, गांव से जल निकास के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क-शेड निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं।
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नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज के चौथे किस्त की शनिवार को घोषणा की. इस दौरान कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया. इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा विनिर्माण यानी डिफेंस प्रोडक्शन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की जाएगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सही कीमत पर ज्यादा कोयला मिलेगा. कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा और निजी कंपनियों को मौका मिलेगा. निजी क्षेत्र भी कोयला खदान की नीलामी में शामिल हो सकेगा और उसे ख़रीदकर खुले बाजार में बेच सकेगा. उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रतिटन शुल्क टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी. खनिज क्षेत्र में निर्बाध खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी. 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में ऑटोमेटिक रुट से 74 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंज़ूरी दी जाएगी. फिलहाल ये 49 फीसदी है. उन्होंने कहा, ''रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी.'' वित्त मंत्री ने कहा कि आज की घोषणा आधारभूत ढांचा के क्षेत्र में सुधार को लेकर है. शनिवार को आठ क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की गई. रक्षा उत्पादन में जिन हथियारों के आयात पर धीरे धीरे प्रतिबंध लगाया जाएगा उन हथियारों की एक सूची जारी की जाएगी. जिन कलपुर्जों का आयात होता है उनका देश में निर्माण होगा. हथियारों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करनी है. कुछ हथियारों का आयात कम होगा.
विमानन क्षेत्र के लिए तीन फैसले लिए गए. उन्होंने कहा कि पीपीई मॉडल से छह एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे. छह और एयरपोर्ट में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जाएगी. 12 एयर पोर्ट्स में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा. एयर स्पेस का विस्तार किया जाएगा, अभी 60 फीसदी ही खुला हुआ है. एयर स्पेस के विस्तार से एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे. -
चंडीगढ़: हरियाणा ने अपने लोगों की सहूलियत के लिए अंदरूनी जिलों के लिए बस सेवा शुरू कर दी है. राज्य में बस सेवाएं 23 मार्च को राज्य द्वारा तालाबंदी की घोषणा के बाद बंद कर दी गई थीं. यह इसलिए भी किया गया है क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की आवाजाही को आसान किया जा सके. इसके साथ ही हरियाणा राज्य के भीतर पहली बार सार्वजनिक परिवहन बन गया है.
राज्य के डीजीपी मनोज यादव ने एनडीटीवी को बताया, "हम बहुत से लोगों को दूसरे राज्यों में भेज रहे थे, तब हमें महसूस हुआ कि हमारे कई लोग विभिन्न जिलों में फंसे हुए हैं. उनके अनुसार यह पॉइंट टू पॉइंट सर्विस थी और बुकिंग ऑनलाइन हो गई थी. पिछले एक हफ्ते में हम एक लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को उनके राज्यों में वापस भेजने में कामयाब रहे हैं.''
एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, "केवल गैर-वातानुकूलित बसें चल रही हैं और 52 की क्षमता में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए हम केवल 30 यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दे रहे हैं." राज्य में 15 मई से बस सेवाएं शुरू हुईं. राज्य ने अपने कई उद्योगों को इसका उत्पादन शुरू करने की अनुमति भी दे दी है. हरियाणा में 35,000 से अधिक उद्योग स्थित हैं और पहले से ही कई कार्यात्मक हैं.
यह खबर NDTV से ली गई है
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नई दिल्ली। आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी ने कहा कि इस समय देश गरीब परिवारों और प्रवासी मजदूरों को नकद पैसा दिए जाने की जरूरत है। प्रेमजी ने कहा है कि कम से कम तीन महीने तक गरीब परिवारों को सात हजार रुपए महीना दिया जाए, जिससे उनकी जिंदगी चलती रहे। अजीम प्रेमजी ने सड़कों पर पैदल जाने को मजबूर मजदूरों के दर्द को कभी माफ ना की जा सकने वाली त्रासदी कहा है तो वहीं श्रमकानूनों में बदलावों पर भी नाखुशी जाहिर की है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज में मजदूरों और किसानों को लेकर किए गए फैसलों की जानकारी दी है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा, मनरेगा का विस्तार करना और इससे मजदूरों को जोड़ना बहुत प्रभावशाली कदम हो सकता है। इसके साथ-साथ हमें 3 से 6 महीने के लिए सभी लोगों के लिए डबल पीडीएस राशन उनके घरों तक उपलब्ध कराना चाहिए। इसमे तेल, दालें, नमक, मसाला, सेनेटरी पैड और अन्य अवश्य सामग्री भी शामिल की जाए।
मजदूरों की हालत पर प्रेमजी ने कहा किइन लोगों का दर्द और इनकी मौतें एक त्रासदी हैं, जिसे शायद माफ ना किया जा सके।प्रवासी मजदूरों को उनकी यात्रा के लिए स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही महामारी के रोकथाम के सभी उपायों को सुनिश्चित करना चाहिए। किसी को भी रुकने या अपने गृहराज्य जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। फंसे हुए श्रमिकों के लिए बसों और ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जानी चाहिए।
प्रेमजी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रत्येक गरीब परिवार और प्रवासी मजदूर को कम से कम तीन महीने तक बिना किसी बायोमेट्रिक प्रमाण के 7,000 रुपए की आपातकालीन नकद राहत हर महीने दी जाए। कई प्रदेश सरकारों को श्रम कानूनों को खत्म कर या बदलाव कर इसे पूरी तरह से मालिकों के हक में करने और मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने पर प्रेमजी ने कहा कि ये हैरान करने वाला है। इस पर उन्होंने कहा, ऐसे कई श्रम कानून जो श्रमिकों की रक्षा करते हैं उसे विभिन्न राज्य सरकारें निलंबित करने पर विचार कर रही हैं। कई सरकार तो पहले ही निलंबित कर चुकी हैं। जिन प्रवासी श्रमिकों को हम अपने लिए और अपने परिवारों के लिए जूझते देखते है, इसके बाद उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होगी। बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान जिन कारोबारियों ने सबसे ज्यादा दान किया है। दुनियाभर में उनमें प्रेमजी तीसरे नंबर पर हैं। फोर्ब्स मैग्जीन के अनुसार, पहले नंबर पर ट्विटर के जैक डॉर्सी और दूसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स हैं। तीसरे नंबर पर भारत के अजीम प्रेमजी हैं। अजीम प्रेमजी अभी तक 132 मिलियन डॉलर (लगभग एक हजार करोड़ रुपये) दाने दे चुके हैं। -
कोरोना लॉकडाउन के बीच सड़क हादसों में प्रवासी कामगारों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है. मध्य प्रदेश में भी इस तरह की घटना हुई है, जिसमें 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई है. इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’ इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’
बता दें कि 16 मई को ही उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ट्रक और डीसीएम वाहन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए. -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के 1.50 लाख से अधिक श्रमिक तथा अन्य व्यक्ति अन्य राज्यों में अवरूद्ध हैं तथा लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वे अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ की वापसी हेतु व्यग्र हैं। अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। लगभग 27 हजार से अधिक श्रमिक स्वयं के साधनों तथा राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बस सुविधा से गृह राज्य लौट चुके हैं। इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख 32 हजार श्रमिकों को रेल तथा बसों के माध्यम से लाने की प्रक्रिया 11 मई से प्रारंभ हो चुकी है। श्रमिकों के लिए रेल तथा बस परिवहन में हुए व्यय का भुगतान एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से किए जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ होकर अन्य राज्यों को जाने वाले श्रमिकों हेतु भी भोजन, पानी तथा संबंधित राज्य की सीमा तक बस में छोड़े जाने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है।
सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने भारत सरकार, गृह मंत्रालय नई दिल्ली के 14 मार्च 2020 के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस पत्र में राज्य आपदा मोचन निधि से क्वारेंटीन में रखे जाने, व्यक्तियों के नमूना संग्रह और स्क्रीनिंग के उपाय कलस्टर कन्टेंनमेंट ऑपरेशन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) की प्रावधानित राशि में से 25 प्रतिशत सीमा तक व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला की स्थापना, आवश्यक उपकरणों का क्रय, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट क्रय किए जाने, थर्मल स्केनर, वेंटिलेटर, वायु शुद्धिकरण यंत्र तथा हॉस्पिटल में प्रयुक्त होने वाले अन्य सामग्री क्रय किए जाने के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) राशि से 10 प्रतिशत सीमा तक व्यय का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों तथा जरूरतमंद बेघर-बार व्यक्तियों के लिए लॉकडाउन अवधि में राहत शिविरों के संचालन हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से व्यय किए जाने हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय के 28 मार्च के पत्र द्वारा प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है। इन परिस्थितियों में श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान किया जाना आवश्यक है। श्री बघेल ने इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को यथोचित निर्देश देने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री मोदी से किया है। -
एजेंसी
नई दिल्ली : कश्मीर के बड़गाम के अरिजल खानसैब में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी ठिकाने का पता लगाया है, जहां से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जहूर वानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आतंकी जहूर वानी लश्कर के एक अन्य आतंकी यूसुफ कांतारू का करीबी सहयोगी बताया जाता है। पुलिस के अनुसार इस ठिकोन में हथियारों के साथ गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों चार और आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया है। ये सभी लश्कर के आतंकियों को शरण देने के अलावा उन्हें रसद सामाग्री उपलब्ध कराते थे।
पुलिस के मुताबिक ये ग्रुप पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में सक्रिय था। उन्होंने बताया कि सुरंग में मिले सामानों को देखकर लगता है कि आतंकी कई दिनों से यहां रुके थे। यह सुरंग जहूर वानी के घर से करीब 500 मीटर दूर है। ऐसा कहा जा रहा है कि वानी लंबे वक्त से आतंकियों की मदद कर रहा था। -
यूपी के प्रयागराज में थरवई के पडिला स्थित सीआरपीएफ कैंप में शनिवार सुबह सीआरपीएफ के एक जवान ने अपनी पत्नी, बेटी और बेटा की गोली मारकर हत्या कर दी । इसके बाद कमरे में बंद करके खुद को गोली से उड़ा दिया। इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के डीआईजी समेत अन्य अधिकारी मौके पहुंचे। सूचना मिलने पर थरवई पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स भी पहुंच गई। पुलिस ने जांच के बाद शव को कब्जे में ले लिया। सूचना मिलने पर जवान के ससुराल में हड़कंप मचा रहा।
थरवई एसओ भुनेश्वर चौबे ने बताया कि मेजा थाना क्षेत्र के सिरसा का रहने वाला विनोद यादव सीआरपीएफ में गाड़ी चलाता था । वह कैम्प में बने सरकारी क्वार्टर में परिवार के साथ रहता था। शनिवार को उसने पत्नी विमला देवी( 36) बेटी सिमरन (12) बेटा संदीप( 15) की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया और वहां उसने आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे । जवान के इस हरकत से सीआरपीएफ कैंप में हड़कंप मचा रहा।
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नई दिल्ली : चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में दिख रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि भारत में कोरोना के मामलों ने चीन को भी पछाड़ दिया है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 85940 हो गई है, जो चीन से भी अब अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 103 लोगों की मौतें हुई हैं और कुल 3970 नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर करीब 85940 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 85940 केसों में 53035 एक्टिव केस हैं, वहीं 30153 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर वह ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अब तक सर्वाधिक 1068 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 29100 हो गई है।
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नई दिल्ली: सरकार की ओर आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी मुताबिक लॉकडाउन के ऐलान के पहले 15 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से भारत पहुंचने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की ही स्क्रीनिंग की गई.जनवरी में केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई, फरवरी में स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया गया जिसमें थाइलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों को शामिल किया गया.
आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले को 11 मई को दिए गए जवाब में कहा गया है कि इटली को इस दायरे में 26 फरवरी को शामिल किया गया था जबकि यहां 322 लोगों में संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे. तब भी अन्य यूरोपीय देशों को शामिल नहीं किया गया था.
यूनिवर्सल स्क्रीनिंग केवल 4 मार्च से शुरू हुई, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की कि चीन के बाहर 14,000 मामलों के साथ वैश्विक संक्रमण 93,000 को पार कर गया है. भारत ने अपने यहां 30 जनवरी को कोविड-19 के पहले मामले की पुष्टि के लगभग 2 महीने बाद, सभी हवाई यात्रा 23 मार्च को बंद की, 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन किया.
साभार : द प्रिंट -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 100 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 2,649 तक पहुंच गई है. वहीं गुरुवार सुबह आठ बजे से संक्रमण के 3,967 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद शुक्रवार को कुल संक्रमितों की संख्या 81,970 हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 51,401 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि अब तक 27,919 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर जा चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब तक 34.06 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.' संक्रमित लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
गुरुवार सुबह आठ बजे से 100 लोगों की मौत हुई. इनमें से सबसे ज्यादा 44 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, गुजरात में 20, दिल्ली में नौ, पश्चिम बंगाल में आठ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, राजस्थान में चार, तमिलनाडु और कर्नाटक में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई। देश में अब तक इस वायरस की वजह से 2,649 लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र में अब तक 1,019, गुजरात में 586, मध्य प्रदेश में 237, पश्चिम बंगाल में 215, राजस्थान में 125, दिल्ली में 115, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 66 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई. कर्नाटक में 35 लोगों की मौत हो गई. वहीं तेलंगाना में 34 और पंजाब में 32 लोगों की मौत हुई है. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 11-11 तथा बिहार में सात और केरल में चार लोगों की मौत हुई. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार झारखंड, चंडीगढ़ और ओडिशा में कोविड-19 से तीन-तीन लोगों की मौत हुई. वहीं हिमाचल प्रदेश और असम में दो-दो लोगों की मौत हुई. मेघालय, उत्तराखंड और पुडुचेरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. -
नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से ‘लोकल के लिए वोकल’ होने का नारा देने के बाद बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने स्वदेशी प्रोडक्ट्स के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च करने का फैसला लिया है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की तर्ज पर यह पोर्टल भी काम करेगा, लेकिन इस पर मिलने वाले सभी उत्पाद स्वदेशी होंगे। बाबा रामदेव की कंपनी ने OrderMe के नाम से पोर्टल लाने का फैसला लिया है। इस पोर्टल पर पतंजलि से जुड़े उत्पाद तो मिलेंगे ही, इसके अलावा अन्य स्वदेशी उत्पादों की भी बिक्री होगी। इस पोर्टल की लॉन्चिंग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस पर होने वाले ऑर्डर्स की कुछ ही घंटों में होम डिलिवरी कर दी जाएगी और यह पूरी तरह मुफ्त भी हो सकती है।
यही नहीं इस पोर्टल पर ग्राहकों को मुफ्त मेडिकल कंसल्टेशन भी हर वक्त मिलेगी। इससे 1,500 पतंजलि से जुड़े चिकित्सकों से संपर्क किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महीने के अंत तक पोर्टल की लॉन्चिंग हो सकती है। कंपनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने भी इस प्रस्ताव की पुष्टि की है और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अपील के आधार पर हम स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए यह काम कर रहे हैं। बता दें कि पतंजलि के आउटलेट्स फिलहाल देश के तमाम हिस्सों में हैं, जहां से लोग उनके प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं और कई जगहों पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों को परामर्श की भी सुविधा उपलब्ध है। -
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में दिनदहाड़े हुई 21 लाख की डकैती का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने चार आरोपियों सहित एक महिला को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से लूटी गई रकम में से करीब 17 लाख की बरामदगी कर ली है। जिन छह टीमों ने लूट के आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है, उनको 50,000 रु इनाम देने की घोषणा की गई है।
पुलिस के मुताबिक, मथुरा के सदर बाजार स्थित आर्यावर्त बैंक में मंगलवार को दिन के करीब 2.30 मिनट पर चार युवक गमछे से चेहरा छुपाए हुए अंदर घुसे। लंच के बाद का समय था और बैंक में तीन कर्मचारी मौजूद थे। असलहे से लैस लुटेरों ने बैंक कर्मियों को डराकर लाखों की रकम लूट ली और जिस बाइक से आए थे, उसी से फरार हो गए। घटना दिनदहाड़े हुई थी इसलिए जैसे ही सूचना पुलिस के पास पहुंची, उसके होश उड़ गए। मौके पर एसएसपी समेत अन्य आलाधिकारी पहुंचे और घटना के जल्द खुलासे की बात कही।
वारदात की जगह पर आगरा जोन के आईजी सतीश गणेश भी पहुंचे थे। उन्होंने लुटेरों को पकड़ने के लिए पुलिस की छह टीमें बना दीं। एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि जनता और बैंककर्मियों से जानकारी जुटाते हुए पुलिस की छह टीमों ने इस घटना का अनावरण किया है। अपराध को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को पकड़ा गया है जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से लूटी हुई रकम के अलावा चार तमंचे, 11 कारतूस, बाइक और बैंक के दस्तावेज जब्त किए हैं। एसएसपी ने कहा कि घटना की आगे जांच चल रही है और बाकी रकम की भी बरामदगी की जाएगी। साथ ही अगर इसमें अन्य कोई शामिल है तो उसका भी पता लगाया जा रहा है। -
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित सेंधवा में गुरुवार को हिंसा देखने को मिली। यहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने हंगामा और पथराव किया। घर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं होने पर मजदूरों ने कई बार हाईवे को भी जाम कर लिया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के भारी संख्या में जमा होने से प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि हम मजदूरों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। सरकार ने कहा कि पिछले तीन दिन में सेंधवा के पास सीमा पर 15,000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है। वहीं मजदूरों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने उनके लिए खाने और परिवहन का कोई इंतजाम नहीं किया है।
इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें ये मजदूर हाईवे पर चिल्लाते और भागते हुए नजर आ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि इन्होंने घटनास्थल पर तैनात पुलिस पर पथराव किया है। पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के सैलेश त्रिपाठी ने कहा, 'यहां लोग कुछ महीनों के बच्चों के साथ तक यात्रा कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने हमें यहां तक भेजा, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। हम यहां बीती रात से हैं, भूखे और प्यासे।' वहीं सतना के रहने वाले एक शख्स का कहना है कि जहां ये लोग फंसे हुए हैं वो जंगली इलाका है और यहां कोई सुरक्षा भी नहीं है। 'कोई मजदूरों की परवाह नहीं करता।'
बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर ने कहा, प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। उचित संख्या में परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में बसों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उन्हें उनके घरों तक भेजा जा सके। जब उनसे पथराव और हंगामा किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ बसों के जाने के बाद बाकी बचे प्रवासी मजदूरों को यह लगा कि उनके लिए और बसें नहीं आएंगी और इस वजह से उन्होंने हंगामा और पथराव करना शुरू कर दिया। -
नई दिल्ली। उत्तरी सिक्किम के पर्वतीय क्षेत्र लुगनक में हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के एक अधिकारी समेत एक जवान शहीद हो गए। सेना के राहत बचाव दल की कोशिशों के बावजूद इन्हें बचाया नहीं जा सका। हिमस्खलन की वजह से दोनों कई फीट गहरी बर्फ के नीचे दब गए थे। कई घंटों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद सेना को लेफ्टिनेंट और सैनिक का पार्थिव शरीर मिला। सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये लोग हिमस्खलन की चपेट में आए 18 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे। सेना की गश्ती एवं बर्फ हटाने वाली पार्टी उत्तरी सिक्किम में 14 मई को हिमस्खलन की चपेट में आ गई।
राहत-बचाव कार्य के लिए पहुंची टीम के अथक प्रयास के बावजूद सेना के एक अधिकारी और एक जवान को नहीं बचाया जा सका। सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तर सिक्किम में एक बर्फ को निकालने वाली पार्टी अचानक हिमस्थलन की चपेट में आ गई। सभी सैनिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
इस घटना में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रॉबर्ट टी ए और सैपर सापला षणमुख राव की मौत हो गई। हिमस्थलन के कारण दोनों बर्फ में दब गए थे। राहत-बचाव टीम ने बाकी सभी सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया है। गौरतलब है कि सिक्किम में पेट्रोलिंग पार्टी का हिस्सा और बर्फ हटाने के काम में जुटे भारतीय सेना के 17-18 जवान 14 मई को अचानक आए हिमस्थलन के शिकार हो गए खेष अचानक हुए हिमस्खलन में ये जवान फंस गए थे। सेना के राहत-बचाव टीम ने इनमें से 16 सदस्यों को बचा लिया गया है, लेकिन अपने एक लेफ्टिनेंट और एक सैनिक को नहीं बचा सके। कई घंटे तक दोनों लापता था। सर्च ऑपरेशन के बाद दोनों बर्फ में दबे मिले।



























