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नई दिल्ली: दिल्ली के मानसरोवर पार्क इलाके के रहने वाले एक युवक की प्रीत विहार इलाके में रोड रेज के चलते गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात बुधवार रात की है. जानकारी के अनुसार, मृतक सोमेश छावड़ा अपने दोस्तों शिवम दुआ और राहुल के साथ कार से कनॉट प्लेस घूमने आया था. यहां से वह प्रीत विहार की ओर जा रहा था तभी बाइक पर सवार दो लड़के उसकी कार के पीछे हॉर्न बजाने लगे. साइड न देने पर कुछ आगे जाकर इन बाइक सवार लड़कों ने फायरिंग की जिससे कार ड्राइव कर रहे सोमेश के सीने पर गोली लग गई. उसका दोस्त शिवम भी घायल हो गया.
फायरिंग के बाद सोमेश की कार डिवाइडर पर चढ़कर रुक गई. फिर पीछे बैठे राहुल ने पुलिस को फोन किया. पुलिस घायलों को अस्पताल ले गई, जहां सोमेश की मौत हो गई जबकि शिवम को इलाज़ के बाद छुट्टी दे दी गई. पुलिस ने राहुल के बयान पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखकर फायरिंग करने वालों की तलाश की जा रही है लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. सोमेश एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे -
भोपाल: मध्य प्रदेश के विदिशा के कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव पर नरेंद्र मोदी सरकार की एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया है. विधायक का कमेंट वायरल होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से उनके कारखाने में तोड़फोड़ की थी. जानकारी के अनुसार, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की ओर से प्रदेश में प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं.
ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ एक साइकिल रैली में भार्गव ने कहा था, "केंद्र सरकार में एक मंत्री हैं जो बहुत सारी चूड़ियां पहनती हैं. मैं मीडिया के माध्यम से अपील करना चाहता हूं कि चूंकि वह प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं, इसलिए अपनी चूड़ियां दे सकती हैं. इसके साथ ही उन्हें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को वापस लेने का अनुरोध करना चाहिए. विधायक भार्गव की इस टिप्पणी के बाद, भाजपा नेता और विदिशा नगरपालिका के अध्यक्ष मुकेश टंडन ने अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विदिशा कोतवाली पुलिस स्टेशन में कांग्रेस नेता के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.
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एजेंसी
कटक : केरल में मादा हाथी के साथ हुई बर्बरता की घटना अभी अधिक पुरानी भी नहीं हुई कि ओडिशा में भी मानवता को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक घटना सामने आई है. ओडिशा के कटक जिले में 40 से अधिक आवारा कुत्तों को जहर देकर मार डालने का मामला सामने आया है. कटक जिले के चौधवार थाना अंतर्गत महंग इलाके में हुई इस घटना को लेकर सरपंच की शिकायत पर पुलिस ने गांव के ही दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है. घटना को अंजाम देने के बाद से ही दोनों आरोपी फरार बताए जाते हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक ब्रह्मानंद मलिक की बकरी को एक कुत्ते ने काट लिया था. इस घटना के बाद से ही वह भड़का हुआ था. उसने भरत मलिक के साथ मिलकर गांव के सभी कुत्तों को मारने की योजना बना डाली. आरोप है कि दोनों ने ही मिलकर मांस के टुकड़ों में जहर मिलाकर गांव के कुत्तों को खिलाया. इससे गांव के 40 से अधिक कुत्तों की दर्दनाक मौत हो गई. घटना को अंजाम देने के बाद से ही ब्रह्मानंद और भरत मलिक फरार बताए जाते हैं. गांव के सरपंच ने दोनों के खिलाफ नामजद तहरीर दे दी है. अब पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. -
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी तीन माह सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का किया अनुरोध
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी करें लाभान्वित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित करने की बात कही है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के माध्यम से देश में खाद्यान्न उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली है। छत्तीसगढ़ में ’यूनिवर्सल पीडीएस’ के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य 51.50 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के अलावा राज्य द्वारा अपनी योजनाओं के माध्यम से भी अतिरिक्त 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। लॉकडाउन को धीरे-धीरे एवं सावधानीपूर्वक खोलते हुए आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ की जा रही हैं, किन्तु स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगना संभावित है। वर्तमान में किसान, कृषि मजदूर, निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक, उद्योगों में कार्य करने वाले श्रमिक तथा व्यवसायिक संस्थानों में काम करने वाले निम्न-मध्यम वर्गों के कर्मचारियों सहित अधिकांश जन साधारण के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियां हैं।श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए संकट ग्रस्त परिवारों को राहत पहंुचाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का कष्ट करें। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाए। निःशुल्क खाद्यान्न के माध्यम से न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों की रोजी-रोटी की चिन्ता कम की जा सकेगी, बल्कि जन साधारण में भी इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इस संबंध में प्रदेश के हित में इस अनुरोध पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में ऑनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की इस अभिनव योजना की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते डेढ़ सालों में छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। राज्य के 2200 गांवों में गौठानों का निर्माण हो चुका है और 2800 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5 हजार गांवों में गौठान बन जाएंगे। इन गौठानों को हम आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। यहां बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है। इस समिति में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल शामिल किए गए हैं। यह मंत्री मण्डलीय समिति राज्य में किसानों, पशुपालकों, गौ-शाला संचालकों एवं बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार आठ दिवस में गोबर क्रय का दर निर्धारित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी से लेकर उसके वित्तीय प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय तक की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में हरेली पर्व से पशुपालकों एवं किसानों से गोबर निर्धारित दर पर क्रय किए जाने की शुरूआत होगी। यह योजना राज्य में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों एवं बुद्धिजीवियों से राज्य में गोबर खरीदी के दर निर्धारण के संबंध में सुझाव देने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है। इससे पशुओं के साथ-साथ किसानों की फसलों का भी नुकसान होता है। शहरों में आवारा घूमने वाले मवेशियों से सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिससे जान-माल दोनांे का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि गाय पालक दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं। यह स्थिति इस योजना के लागू होने के बाद से पूरी तरह बदल जाएगी। पशु पालक अपने पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध करने के साथ-साथ उन्हें बांधकर रखेंगे, ताकि उन्हें गोबर मिल सके, जिसे वह बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में आवारा घूमते पशुओं की रोकथाम, गोबर क्रय से लेकर इसके जरिए वर्मी खाद के उत्पादन तक की पूरी व्यवस्था नगरीय प्रशासन करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है। इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के जरिए हम जैविक खेती की ओर बढेंगे। इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। राज्य में किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौधरोपण एवं उद्यानिकी की खेती के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। इसकी आपूर्ति इस योजना के माध्यम से उत्पादित खाद से हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में आगे यह भी कहा कि अतिरिक्त जैविक खाद की मार्केटिंग की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के पंचायत एवं ग्रामीण विकास सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मीडिया सलाहकार श्री रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर. पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
नई दिल्ली। असम में आई बाढ़ से हालात हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं। बुधवार को बाढ़ के चलते एक और व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि अबतक प्रदेश में बाढ़ से तकरीबन 38000 लोग पांच अलग-अलग जिलों में प्रभावित हुए हैं। सिवनगर जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है, इसके साथ ही प्रदेश में इस वर्ष आई बाढ़ की वजह से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन निगम की ओर से जानकारी दी गई है कि बाढ़ से प्रदेश में धेमजी, जोरहाट, मजूली, सिवनगर, डिब्रूगढ़ में 38000 लोग प्रभावित हुए हैं।
धेमजी में सबसे ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, यहां 15000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं ,जबकि डिब्रूगढ़ में 11000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं सिवनगर की बात करें तो यहां तकरीबन 10000 लोग प्रभावित हुए हैं। मंगलवार को बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या प्रदेश में 37000 थी, लेकिन मजूली में भी बाढ़ आने से यह आंकड़ा बढ़ गया। बाढ़ की वजह से 102 गांव डूब चुके हैं, जबकि 5031 हेक्टेएयर खेत बर्बाद हो चुके हैं। प्रशासन 27 राहत कैंप चला रहा है, जहां 1081 लोगों को रखा गया है। ब्रह्मपुत्र नदी अपनी सामान्य स्तर से कहीं ज्यादा उपर बह रही है। यह जोरहाट और धुबरी में खतरे के निशान के उपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां भी खतरे के निशान के उपर बह रही हैं। सड़क और अन्य निर्माण कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हुए है। -
एजेंसीइम्फाल: मणिपुर (Manipur) के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह (O Ibobi Singh) ने ‘‘मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी'' में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर सीबीआई द्वारा पूछताछ किये जाने के बाद बुधवार को कहा कि वह इसके अध्यक्ष पद पर सिर्फ एक साल थे और वित्तीय लेन-देन करने की उनके पास कोई शक्ति नहीं थी. यहां बाबूपारा स्थित अपने आवास में सीबीआई द्वारा करीब तीन घंटे पूछताछ किये जाने के बाद कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.सिंह ने कहा कि वह जुलाई 2013 से अगस्त 2014 तक सोसाइटी के अध्यक्ष थे और उस संक्षिप्त अवधि के दौरान उन्होंने आम सभा की केवल एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि वह इस पद पर सात-आठ साल थे. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचिव के अनुरोध पर उन्होंने यह पदभार संभाला था.
सिंह ने कहा, ‘‘सोसाइटी के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है. किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन, आवंटन और चेक पर हस्ताक्षर परियोजना निदेशक द्वारा किया जाता है. इसलिए, अध्यक्ष इससे अवगत नहीं हैं. '' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोसाइटी के सिलसिले में कोई बैंक खाता नहीं खोला, एक भी चेक पर कभी हस्ताक्षर नहीं किया.''
तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह और सोसाइटी के चार अन्य पूर्व अध्यक्षों पर 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है. सिंह ने कहा कि वह जांच का स्वागत करते हैं और इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई दोषी पाया जाता है तो अदालत आरोपों की पड़ताल के बाद जरूरी सजा दे सकती है.''
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंह से पूछताछ मणिपुर में भाजपा नीत सरकार को बचाने की हताशाजनक कोशिश है, जिसे हाल ही में नौ विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा है. इनमें उसके सहयोगी दल एनपीपी के चार मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सिंह को एजेंसी द्वारा तलब किये जाने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘एक अलोकप्रिय मुख्यमंत्री को बचाने के सारे प्रयास विफल होंगे. यह सारा प्रयास एक डूबते जहाज को बचाने का है। सीबीआई पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा.''
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एजेंसीनई दिल्ली: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को अब रॉकेट, उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों को करने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतर-ग्रहीय मिशनों का हिस्सा हो सकता है.गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रहों की खोज मिशन सहित अंतरिक्ष गतिविधियों की श्रृंखला में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी प्रदान की है.हालांकि इसके साथ की सिवन ने स्पष्ट किया कि इसरो अपनी गतिविधियां कम करने नही जा रहा और संगठन अंतरिक्ष-आधारित गतिविधियों को उन्नत अनुसंधान और विकास, अंतर-ग्रहीय और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन सहित जारी रखेगा.
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर नगर निगम द्वारा निर्मित छत्तीसगढ़ के वृहद ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का अपने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर ग्राम सकरी में लगभग 127 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित संयंत्र जनता को समर्पित किया। छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र में रोज 500 टन कचरे का वैज्ञानिक पद्धति से निपटान किया जाएगा। इस पूरी परियोजना की लागत 197 करोड़ रूपए है। यह संयंत्र पीपी माडल पर कार्य करेगा। इस संयंत्र में कचरे से खाद बनेगी तथा सीमेंट कारखानों के लिए सहायर्क इंधन भी मिलेगा। इस संयंत्र में 6 मेगावाट बिजली उत्पादन भी प्रस्तावित है। 15 साल की इस परियोजना पर नगर निगम रायपुर और नई दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड मिलकर काम कर रहे हैं। परियोजना में हर घर और दुकान से डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल की व्यवस्था की गई है।
शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रानी दुर्गावती को उनके बलिदान दिवस पर नमन करते हुए कहा कि रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आज छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र जनता को समर्पित किया जा रहा है। इस संयंत्र में 500 टन कचरे का प्रतिदिन निपटान होगा। इस संयंत्र के लोकर्पण के बाद छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां किसी शहर में उत्सर्जित कचरे का शत प्रतिशत निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर शहरों में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली से एवं शेष नगरीय निकायों में मिशन क्लीन सिटी तथा स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से प्रतिदिन 1600 टन कचरे का निपटान किया जाता है। राज्य सरकार स्वच्छ छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को पूर्ण करते हुए सभी शहरों में कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान गांव के साथ शहरों में नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया, लेकिन खतरा अभी टला नही है सावधानी अभी जरूरी है। बारिश के मौसम के साथ नाले एवं नालियों की साफ-सफाई आदि कार्य आवश्यक है।
इस कार्य के लिए राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार पौनी पसारी योजना, शहरी गरीबों को पट्टा देने, पुराने पट्टों का नियमितिकरण और मालिकाना हक देने का कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम आप सब ने उठाया है। जितने भी कर्मचारी इस कार्य में लगे हैं उनको बधाई और शुभकामनाएं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. सहित वरिष्ठ अधिकारी और सकरी स्थित संयंत्र स्थल पर लोक सभा सांसद श्री सुनील सोनी, विधायक सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, एमआईसी सदस्य खाद्य श्री नागभूषण राव सहित नगर निगम के अनेक पार्षद, नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री सौरभ कुमार सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
राजधानी रायपुर को साफ सुथरा रखने के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र की आवश्यकता को देखते हुए तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और एनजीटी के निर्देशों के तहत नगर पालिक निगम रायपुर और दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड के बीच शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एकीकृत ठोस अपशिष्ट योजना के क्रियान्वयन हेतु 22 फरवरी 2018 को अनुबंध किया गया। जिसमें संस्था द्वारा प्रत्येक आवासीय एवं वाणिज्यिक संस्थानों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण परिवहन और कचरे की प्रोसेसिंग और डिस्पोजल तक का कार्य किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा प्लांट है, जिसमें प्रतिदिन 500 टन कचरे का निष्पादन किया जाएगा। प्लांट परिसर में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु किए गए वृहद वृक्षारोपण से वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा रहा है। यह प्लांट शहर को कचरे की समस्या से निजात दिलाएगा। प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित होने से स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण में रायपुर नगर के स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा। कचरे के वैज्ञानिक पद्धति से प्रसंस्करण से प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। डोर-टू-डोर कलेक्शन में लगी गाड़ियों के माध्यम से घरों एवं दुकानों से कचरा कलेक्शन के साथ ही वाहन पर लगे स्पीकर से स्वच्छता संदेश स्लोगन तथा मुनादी संदेश जैसे पीलिया, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के रोकथाम के उपाय और अन्य सूचना का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। इस परियोजना की अवधि 15 वर्ष की होगी और पीपीपी मोड पर कार्य होगा।
सम्पूर्ण परियोजना पर शासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से 20 करोड़ रूपए अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। संस्था द्वारा नगर में 14 अप्रैल 2018 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान स्थिति में संस्था द्वारा सभी 70 वार्डो से डोर टू डोर कचरा संग्रहण परिवहन का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में कंपनी की 220 टाटा एस गाड़ियां, 29 पोर्टेबल कम्पेक्टर एवं 6 हुक लिफ्टर, 4 रिफ्यूज कम्पेक्टर, 6 टिप्पर, 2 जेसीबी को लगाया गया है। सभी डोर टू डोर गाड़ियां 9 ट्रांसफर स्टेशन में आती है और वहां स्थित पोर्टेबल कम्पेक्टर में गाड़ी खाली करती है। जिन्हें बाद में बड़े हुक लिफ्टर की मदद से प्रोसेसिंग प्लांट सकरी में ले जाया जाता है। इसके साथ ही कंपनी को 67 एकड़ की जमीन भी 15 साल की लैंड लीज समझौते के तहत दी गई है। संस्था द्वारा विधिवत परियोजना के अनुरूप प्रोसेसिंग प्लांट और साइंटिफिक लैंडफिल का कार्य किया गया। इस प्रोसेसिंग प्लांट में 75 एमएम 2 ट्रामेल, 25 एमएम के दो ट्रामेल और 4 एमएम के 2 ट्रामेल, वृहद आकर के निर्मित शेड के नीचे लगाया गया है। जो कि है ट्रिपिंग फ्लोर है। संग्रहण किए गए कूड़े को लिफ्ट मशीन की मदद से ट्रामेल में डाल कर पृथक किया जाएगा, 75 एमएम से अधिक के सूखा कचरा से आरडीएफ बनाकर उसे सीमेंट फैक्ट्री को भेजा जाएगा।
ट्रामेल में पृथक हुआ गीला कचरा विडरोेज में रखा जाएगा। जहां पर ढेर बनाकर कर उसे 28 दिनों तक काम्पोस्टिंग के लिए रखा जाएगा। जिसमें नमी और तापमान सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे इसके कंपोस्ट बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके बाद पुनः उस गीले कचरे को 25 एमएम और 4 एमएम की ट्रामेल में प्रोसेस किया जाएगा और अंततः खाद के रूप में अंतिम उत्पाद मिलेगा। राम की शक्ति के नाम से संस्था द्वारा खाद उत्पाद तैयार कर विभिन्न फर्टिलाइजर कंपनियों को विक्रय किया जाएगा। इस उत्पाद खाद को आसपास के किसानों को भी बागवानी एवं खेती के लिए इस खाद का विक्रय किया जा सकता है।
इस प्रोसेसिंग प्लांट की निकलने वाले आरडीएफ लगभग 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगा। जिसका उपयोग संस्था द्वारा अनुबंधित सीमेंट कारखाना या अन्य औद्योगिक संस्थानों में सहायक ईंधन के रूप में किया जाएगा। इस प्रोसेसिंग कार्य के उपरांत कुड़े से बचे हुए करीब 15 से 20 प्रतिशत रिजेक्ट कूड़ा को जिसका कोई उपयोग नहीं होता, उसे साइंटिफिक लैंडफिक में एकत्र किया जाएगा और वैज्ञानिक पद्धति अनुरूप इसका निष्पादन किया जाएगा। कूड़े से निकलने वाले लीचेट को लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट में प्रोसेस कर ट्रिटेड वाटर का उपयोग प्लांट परिसर के भीतर बागवानी एवम ग्रीन बेल्ट मशीनरी तथा फ्लोर धोने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस योजना में ठोस अपशिष्ट में विद्युत उत्पादन करने हेतु 6 मेगावाट के विद्युत उत्पादन संयत्र का प्रावधान भी किया गया है। यह छत्तीसगढ़ का प्रथम ठोस अपशिष्ट से विद्युत उत्पादन का संयंत्र होगा। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर अपने निवास कार्यालय में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनके अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान को नमन किया है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। सीएम बघेल ने कहा है मातृभूमि की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती का बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरणा देता रहेगा।

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नई दिल्ली : सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धूत पर मोजम्बिक में अपनी तेल एवं गैस परिसंपत्तियों को वित्त प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नीत बैंकों के एक समूह के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। जांच एजेंसी ने तेल मंत्रालय की एक शिकायत पर शुरूआती छानबीन के बाद प्राथमिकी दर्ज की है।
छानबीन में यह पाया गया कि 2008 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की अनुषंगी, वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड (वीएचएचएल) ने मोजम्बिक में अमेरिकी कंपनी अनादारको से रोउमा क्षेत्र 1 ब्लॉक में तेल एवं गैस ब्लॉक में 10 प्रतिशत भागीदारी रूचि हासिल की। मोजम्बिक स्थित परिसंपत्ति को बाद में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2014 में खरीद लिया।
अप्रैल 2012 में एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने मोजम्बिक, ब्राजील और इंडोनेशिया में अपने तेल एवं गैस परिसंपत्तियों के विकास के लिए ‘स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट’ (एसबीएलसी) सुविधा दी। साथ ही, इस संबंध में वित्त आवंटन की अन्य जरूरतों भी पूरी की। बैंकों के इस समूह में आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक भी शामिल थे। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए बाबा रामदेव ने मंगलवार को ‘कोरोनिल’ नाम की दवा पेश करते हुए दावा किया था कि इससे मरीज अधिकतम 14 दिनों ठीक हो सकता है। बाबा रामदेव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही दवा को लेकर विवाद छिड़ गया है। आयुष मंत्रालय ने ही बाबा रामदेव के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसी किसी भी दवा को पहले मंजूरी के लिए मिनिस्ट्री के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। मोदी सरकार के आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, लेकिन नियम के मुताबिक इसे पहले मंत्रालय के समक्ष रखा जाना चाहिए था। नाइक ने कहा कि पतंजलि का कहना है कि उन्होंने हमें रिपोर्ट भेजी है, जिसे हम देखेंगे। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही दवा के बारे में कुछ कहा जाएगा।
यही नहीं पतंजलि की ओर से दावा किए जाने के बाद खुद आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि से जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विवरण दें। इसके साथ ही जहां दवा पर अध्ययन किया गया है उस जगह का नाम, हॉस्पिटल का नाम, प्रोटोकॉल, सैंपल साइज की भी डिटेल दें। इसके अलावा मंत्रालय ने संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन के नतीजों का डेटा भी पतंजलि से मांगा है।
इस बीच मंगलवार की शाम को सवाल उठने के बाद पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इस मसले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हमसे जो जानकारी मांगी गई थी, वह हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है। बालकृष्ण ने ट्वीट किया, ‘यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। क्लीनिकल ट्रायल के सभी पैमानों को हमने पूरा किया है और इस संबंध में आयुष मंत्रालय को हमारी ओर से पूरी डिटेल दे दी गई है। -
कर्नाटक के एक वरिष्ठ आईएएस (IAS) अधिकारी बी एम विजय शंकर मंगलवार रात बेंगलुरु में अपने आवास पर मृत मिले हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सीबीआई 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाल में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी। पुलिस के अनुसार बेंगलुरु शहरी जिले के डिप्टी कमिश्नर बीएम विजय शंकर बेंगलुरु के जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, ”यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं।” विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिये कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जिसने शंकर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया।
सीबीआई के सूत्रों ने पीटीआई (भाषा) को बताया कि हाल ही में एजेंसी ने इस मामले में शंकर और दो अन्य लोगों को के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने इस मामले में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी। मोहम्मद मंसूर खान ने 2013 में बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम शुरू की थी। यह मामला उसी से जुड़ा है।
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एजेंसीमिजोरम : मिजोरम में बुधवार सुबह एक बार फिर से भूकंप का झटका महसूस किया गया। इस बार रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1 रही है। बीते चार दिनों में यह चौथी बार है, जब मिजोरम में भूकंप आया है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, मिजोरम में चम्फाई से 31 किलोमीटर दक्षिण में बुधवार सुबह 8.02 मिनट पर भूकंप आया। मिजोरम में रविवार, सोमवार, मंगलवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इस दौरान कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है।
सबसे पहले रविवार शाम को राजधानी आइजोल के 25 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में करीब 16 बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया था। इसके बाद 12 घंटे के भीतर चम्फाई में 5.5 रिक्टर पैमाने का भूकंप आया। वहीं, मंगलवार को एक बार फिर से 3.7 तीव्रता का झटका महसूस किया गया था।
पीएम मोदी ने की थी मुख्यमंत्री से बात
12 घंटे के भीतर लगातार दो भूकंप के झटकों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से बात की थी और हरसंभव मदद का भरोसा दिया था। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था, 'मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा जी से भूकंप के मद्देनजर बात की। केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।'
कुछ महीनों के भीतर कई भूकंप
पिछले कुछ महीनों में देश के विभिन्न हिस्सों में कई भूकंप आ चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर, झारखंड, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, गुजरात समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हरियाणा के रोहतक में से 15 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में शुक्रवार (19 जून) सुबह 5:37 बजे रिक्टर स्केल पर 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे एक दिन पहले गुरुवार को भी हरियाणा के रोहतक से 15 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.1 मापी गई थी।
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पटना। बिहार में इन दिनों अपराधी बेखौफ हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी पटना का है, जहां भोजपुरी सिंगर रंजन कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। पटना के जानीपुर इलाके के सिमार गांव में हत्या करने के बाद सिंगर रंजन कुमार के शव को एनएच 98 के किनारे बाउंड्री के अंदर बालू के ढेर पर फेंक दिया गया। सोमवार सुबह स्थानीय लोगों ने जब शव को देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। ये घटना पटना के जानीपुर इलाके के सिमरा गांव की है।
मृतक सिंगर रंजन कुमार सिंह के परिजनों के मुताबिक 10 दिन पहले ही रंजन को हत्या की धमकी मिली थी। हत्या का आरोप गांव के ही एक शख्स अरुण सिंह और कुख्यात अपराधी माणिक पर लगा है। भोजपुरी गायक की हत्या के बाद पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया और भड़की भीड़ ने मौके पर पहुंची जानीपुर थाने की पुलिस से भी धक्का-मुक्की की। मृतक के पिता सुनील कुमार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके बेटे ने 10 दिन पहले ही अपनी हत्या की आशंका जताते हुए थाने में लिखित शिकायत दी थी।
लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। गुस्साए गांववालों ने सिमरा के पास NH98 को भी जाम कर दिया।अपराधियों ने पहले उसके साथ मारपीट की फिर गला दबाकर मार डाला। मंगलवार सुबह उसका शव मिला। रंजन सुनील सिंह का इकलौता बेटा था। वह यूट्यूब और स्टेज शो में भोजपुरी गीत गाता था। प्राप्त जानकारी के अनुसार रंजन को कुछ लोग सोमवार की रात घर से बुलाकर ले गए थे। वह रात में नहीं लौटा। परिजनों ने खोजबीन शुरू की तो मंगलवार सुबह उसका शव मिला। -
नई दिल्ली। योगगुरू रामदेव की कंपनी पतंजलि योगपीठ ने आज कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा को लॉन्च कर दिया है। इस दवा को लॉन्च करते वक्त योग गुरू रामदेव ने कहा कि हमने पहली क्लीनिकली कंट्रोल्ड आयुर्वेदिक दवा तैयार की है जोकि शोध, तथ्य और ट्रायल पर आधारित है। रामदेव ने कहा कि हमने कंट्रोल्ड क्लीनिकल केस स्टडी की है और हमे जो नतीजे मिले हैं उसमे 3 दिन के भीतर 69 फीसदी मरीज ठीक हुए जबकि 7 दिन के भीतर 100 फीसदी मरीज ठीक हो गए।
पतंजलि की ओर से जिस दवा को लॉन्च किया गया है उसका नाम श्वासारी वटी, कोरोनिल है। कोरोनिल पहली ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तथ्यों और सबूतों के आधार प तैयार की गई है। इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। इस दवा को तैयार करने के लिए पतंजलि के तकरीबन 500 डॉक्टरों की टीम ने पिछले कई दिनों तक लगातार काम किया, जिसके बाद इसके परिणाम सामने आए हैं।
कोरोनिल दवा को दिल्ली, अहमदाबाद, मेरठ और अन्य शहरों में कोरोना के मरीजों पर ट्रायल किया गया है और इसके परिणाम सकारात्मक देखने को मिले हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि क्लीनिकल टेस्ट में 3 दिन के भीतर 69 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हो गए, जबकि 7 दिनों के भीतर सभी 100 फीसदी मरीज ठीक हो घए हैं, यानि इस दवा के रिजल्ट 100 फीसदी है। इस दवा के सेवन के बाद मरीजों का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया। बता दें कि इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री-इंडिया (CTRI) की अनुमति के बाद किया गया है। यह पहली आयुर्वेदिक दवा है जिसे कोरोना के मरीजों के लिए तैयार किया गया है। ट्रायल के दौरान जिन 35 कोरोना के मरीजों को यह दवा नहीं दी गई, उनका टेस्ट निगेटिव नहीं आया।
स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि इस दवा के ट्रायल के दौरान एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई, जिसे यह दवा दी गई। हमने 7 दिनों में 100 फीसदी नतीजे हासिल किए। इस दवा को गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी और अन्य खनिज व तत्वों को मिलाकर तैयार किया गया है। कोरोनिल दवा की किट में दो टैबलेट होती हैं जबकि एक दवा लिक्विड के तौर पर होती है, जिसे मरीज को लेना होता है। यह दवा मरीज को कोरोना के लक्षण बुखार, खांसी और कोल्ड से लड़ने में मदद करी है। साथ ही प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत करती है। इस दवा की किट में अंडू तेल की 3-5 बूंदें नाक में डालनी होती है, दो दवाएं टैबलेट के रूप में 3-3 दिन में तीन बार लेनी होती है।
कोरोनिल दवा की कीमत की बात करें तो इस किट की कीमत 545 रुपए है। शुरुआत में यह दवा देश के सभी पतंजिल स्टोर पर एक हफ्ते के अंदर मुहैया करा दी जाएगी। साथ ही रामदेव ने कहा कि अगले सोमवार यानि 29 जून से एक एप को लॉन्च किया जाएगा, जिसके जरिए इस दवा की खरीद की जा सकती है और ऑर्डर बुक किए जा सकते हैं। -
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में जेल में बंद जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफूरा ज़रगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने आज जमानत दे दी। उन्हें मानवीय आधार पर जमानत मिली है। बता दें कि, सफूरा गर्भवती हैं। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सफूरा को 10 अप्रैल को गिरफ्तार कियाा गया था। लगभग 2 महीने बात कोर्ट ने सफूरा को जमानत दे दी। कोर्ट ने सफूरा को 15 दिनों में कम से कम एक बार फोन के माध्यम से जांच अधिकारी के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने निर्देश दिए हैं कि वह ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हो जिससे मामले की जांच-पड़ताल में बाधा आए। अदालत ने कहा है कि वह दिल्ली से बाहर नहीं जा सकती है। इसके लिए पहले उसे अनुमति लेनी होगी।
वहीं सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मानवीय आधार पर सफूरा की जमानत का विरोध नहीं किया।हालांकि कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि कि जमानत अवधि के दौरान सफूरा जरगर दिल्ली छोड़कर कहीं न जाएं। इस पर जामिया की छात्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्य रामकृष्णन ने बताया कि सफूरा को अपने डॉक्टर से सलाह लेने के लिए फरीदाबाद जाना पड़ सकता है।
केंद्र की स्वीकृति को देखते हुए जस्टिस राजीव शखधर की पीठ ने 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सफूरा जरगर को सशर्त जमानत दे दी। बता दें कि फरवरी में सीएए और एनआरसी के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कथित भूमिका के लिए सफूरा जरगर को पुलिस ने यूएपीए कानून के तहत 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सफूरा ने गर्भावस्था को आधार बनाते हुए निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। -
छत्तीसगढ़ में अब तक लगभग पांच लाख प्रवासी मजदूर वापस लौटे: अभी भी लौटना जारी
प्रवासी और राज्य के श्रमिकों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक
मध्यप्रदेश, झारखण्ड एवं उड़ीसा पड़ोसी राज्य के साथ ही भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति में समान लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया
गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं करने से राज्य के गरीबों, कृषि मजदूरों, प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ राज्य को ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों को शामिल करने से राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून को बिहार के खगड़िया जिला से देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया गया है, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड एवं उड़ीसा राज्य को शामिल किया गया है। योजना में सम्मिलित मध्यप्रदेश, झारखण्ड एवं उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य हैं लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया है जबकि सम्मिलित इन राज्यों की भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों में काफी समानता है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के परिणाम स्वरूप पूरा देश प्रभावित है। इस भयंकर महामारी-त्रासदी के कारण रोज कमाने खाने वाले हमारा सर्वहारा प्रवासी मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उनके वर्तमान कार्य स्थलों में नियोजन-रोजगार के अवसर समाप्त होने के कारण प्रवासी मजदूरों को विवश होकर गृह राज्य लौटना पड़ा है। छत्तीसगढ़ राज्य में अब-तक लगभग 5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं। मजदूरों का गृह राज्य में वापस लौटना अभी भी जारी है।
श्री बघेल ने लिखा है कि राज्य के लगभग तीन-चैथाई क्षेत्र अत्यंत पिछडे एवं वन क्षेत्र हंै, जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछडे वर्ग के लोग निवासरत हैं। राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है, जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र, कृषि मजदूर एवं सीमांत कृषक हंै। राज्य का बस्तर, सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है साथ ही छत्तीसगढ़ में दस आकंाक्षी जिले भी हैं। ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किये जाने से यहां के गरीबों, कृषि मजदूरों, प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है। उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ राज्य में निवासरत मजदूरों को भी तत्कालिक रूप से रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिक आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों को ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल किया जाये ताकि राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकंे। मुख्यमंत्री ने विश्वास प्रकट किया है कि इस संबंध में राज्य के प्रवासी मजदूरों के हितार्थ त्वरित निर्णय लिया जाएगा।























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