-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगननम की अध्यक्षता में दिया गया महत्वपूर्ण निर्णयरायपुर : कोलकाता हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा अपनाई गई नामांकन और नागरिकता सत्यापन की प्रक्रियाओं पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया है।WPA(P)/85/2025 – Manik Fakir @ Manik Mondal vs Union of India & Ors. नामक इस मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए पूर्ण नागरिकता सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए, और यह कार्य चुनाव आयोग द्वारा उचित रूप से नहीं किया गया है। साथ ही यह चिंता भी जताई गई कि कुछ विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, विशेषकर आगामी 2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में।
इस पर माननीय मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगननम ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग तब कार्य करता है जब चुनाव अधिसूचित हो जाता है और उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है। आयोग द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं में पहले से ही पर्याप्त जांच और संतुलन हैं।यदि कोई शिकायत पूर्ण रूप में प्राप्त होती है, तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाती है। कोई भी नागरिक किसी उम्मीदवार के नामांकन की वैधता को लेकर आपत्ति दर्ज करा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि नए प्रकार की प्रक्रिया लागू करना एक विधायी कार्य है, जिसे न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 226) के अंतर्गत नहीं कर सकता। अंततः, अदालत ने याचिका को इन टिप्पणियों के साथ निस्तारित कर दिया और चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं को वैध और संतोषजनक करार दिया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एलएमजी के बदले मिलेंगे 5 लाख और एके-47 पर 4 लाख रुपये
बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख का ईनाम
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति के तहत हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें लाखों रूपए की प्रोत्साहन राशि भी देगी। आत्मसमर्पण करने वालों को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। इस नई नीति के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवादियों को समाज की मुख्य धारा में लाकर उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीनेे का अवसर सुलभ करा रही है। नई नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके परिवार के प्रति उदार और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे प्रावधान किए है, जिससे उनके जीवन को सुरक्षित और भविष्य बेहतर बनाया जा सके।
छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत-पुनर्वास नीति 2025” को लागू करना वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की राज्य में शांति बहाली, विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें भय नहीं, बल्कि सम्मान मिलेगा। वर्षों से जंगल-जंगल भटक रहे युवा, जो किसी भ्रम या दबाववश नक्सली संगठन में शामिल हो गए हैं, उनके लिए यह नीति एक नया जीवन शुरू करने का द्वार है। आत्मसमर्पण कर वे न केवल खुद का, बल्कि अपने परिवार और समाज का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं।नई नीति में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार ने लाखों रूपए की मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया है। एलएमजी के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये मुआवजा के तौर मिलेगा। इसी तरह एके-47/त्रिची असॉल्ट रायफल पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.50 लाख रुपये, एसएलआर/ इंसास रायफल पर 2 लाख रुपये, एक्स 95 असाल्ट रायफल/एमपी-9 टेक्टिल पर 1.50 लाख रूपए, थ्री नाट थ्री रायफल पर 1 लाख रूपए, एक्स-कैलिबर पर 75 हजार रूपए, और यूबीजीएल अटेचमेंट पर 40 हजार रूपए, 315/12 बोर बंदुक पर 30 हजार रूपए, ग्लॉक पिस्टल पर 30 हजार रूपए के साथ ही अन्य छोटे हथियारों जैसे कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस, डेटोनेटर आदि पर भी मुआवजा राशि का प्रावधान है।
हर आत्मसमर्पणकर्ता नक्सली को, भले ही उसके पास हथियार हों या न हों, उसे 50 हजार रूपए की नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि कोई आत्मसमर्पित नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है, तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख तक का इनाम मिलेगा। आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने के इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी। यदि पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं, तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के आत्मसमर्पण पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा। इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले। आत्मसमर्पणकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, ईनाम ही न मिले बल्किे उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिेले।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं है। हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के सुरक्षित भविष्य और स्वरोजगार के लिए हमारी सरकार हरसंभव मदद देगी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बारिश से पहले सभी निर्माण कार्यों को पूरा करने के निर्देश
आगामी मानसून सीजन में राज्य के 3357 आश्रम-छात्रावास परिसरों में लगाये जाएंगे 10 लाख पौधे
सहायक आयुक्त करेंगे जिले के पांच-पांच गांवों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित
रायपुर : आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि राज्य में जनजातीय कल्याण की योजनाओं को तेजी के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाए। श्री बोरा ने कहा कि आगामी मानसून सीजन में राज्य में संचालित 3357 आश्रम छात्रावासों, 15 प्रयास विद्यालयों एवं 75 एकलव्य विद्यलायों में 10 लाख पौधे लगाये जाएंगे। इसकी भी कार्य योजना पहले से तैयार कर ली जाए। प्रमुख सचिव श्री बोरा नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित विभागीय बैठक सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न जिले के सहायक आयुक्त सहित संबंधित अधिकारी जुड़े थे। श्री बोरा जनजातीय जीवनशैली पर आधारित निर्माणाधीन संग्रहालय का निरीक्षण भी किया।बैठक में प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि आदिवासी विकास विभाग के विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ पीएम जनमन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना, छात्रवृत्ति योजना, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की निर्धारित लक्ष्यों को योजनाबद्ध तरीके से समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत अति पिछड़े जनजातीय वर्ग के लोगों तथा उस गांव को शत्-प्रतिशत व्यवस्थित ढंग से विकसित किया जाए। श्री बोरा ने योजना के तहत पक्का आवास, एप्रोच रोड, आंगनबाड़ी निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, मल्टीपरपज सेंटर, विद्युत कनेक्शन, वनधन विकास केन्द्र सहित संचालित सभी गतिविधियों की विस्तार से जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि पक्के आवास सहित अन्य लक्ष्यों को 30 अक्टूबर 2025 से पहले हासिल कर लिया जाए। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को बारीश से पहले पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहायक आयुक्त और नोडल अधिकारी निर्माण कार्यों का मॉनिटरिंग करें, ताकि सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में संपन्न हो सकें। उन्होंने सहायक आयुक्तों को जिले में कम से कम पांच गांवों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए। प्रथम चरण में धमतरी, जशपुर, गरियाबंद एवं नारायणपुर जिले के सहायक आयुक्तों को इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में उन्होंने कहा कि सभी हितग्राहियों का आधार कॉर्ड, राशन कॉर्ड, पीएम जनधन खाता, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम मातृ वंदन योजना, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार पटटा, स्वच्छ जल एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं शीघ्र पहुंचाई जाएं।
बैठक में आयुक्त श्री पदुम सिंह एल्मा ने कहा कि छात्रावास-आश्रमों में साफ-सफाई, पौष्टिक भोजन, स्वच्छ शौचालय, पढ़ाई की उचित व्यवस्था सहित सभी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो। प्रमुख सचिव श्री बोरा आगामी 15 एवं 16 अप्रैल को प्रदेश स्तरीय विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कामकाज की समीक्षा करेंगे। पहले दिन 15 अप्रैल को सरगुजा, बस्तर एवं दुर्ग संभाग के कार्यो की समीक्षा होगी। दूसरे दिन 16 अप्रैल को रायपुर एवं बिलासपुर संभाग में पदस्थ सहायक आयुक्तों की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस. भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चंद्राकर, श्री विश्वनाथ रेडडी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले सक्रिय ईनामी नक्सलियों और उनके परिवारजनों को शिक्षा, रोजगार एवं वित्तीय सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सरकारी सेवा में नियुक्ति का प्रावधान
यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया है और इसके कारण उसकी जान व संपत्ति को खतरा उत्पन्न हुआ है, तो ऐसे प्रकरणों में उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या समकक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। अन्य विभागों में नियुक्ति हेतु जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा आवश्यक होगी। साथ ही, 5 लाख रूपए या उससे अधिक के ईनामी नक्सली के आत्मसमर्पण की स्थिति में, पात्रता रखने पर नक्सली अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश सेवा नहीं दी जा सकती, तो ऐसे आत्मसमर्पित को एकमुश्त 10 लाख की राशि सावधि जमा के रूप में दी जाएगी। यह राशि 3 वर्षों के अच्छे आचरण के पश्चात एकमुश्त हस्तांतरित की जाएगी।
शिक्षा एवं छात्रवृत्ति की विशेष व्यवस्था
छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी व्यापक प्रावधान किए हैं। बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क एवं प्राथमिकता आधारित शिक्षा शासकीय एवं आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी। छात्रावास की सुविधा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। यदि आत्मसमर्पित नक्सली या उनके बच्चे निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ना चाहें, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित सीट में प्रवेश एवं अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इच्छुक आत्मसमर्पित स्वयं भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, जिसके लिए संबंधित विभागों की योजनाओं के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। यह नई नीति राज्य में शांति एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवारजनों के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 व नियम 2021 लागू
छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत
रायपुर : राज्य में व्यापारिक सुगमता को बढ़ावा देने एवं श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन ने दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 तथा नियम, 2021 को 13 फरवरी 2025 से लागू कर दिया गया है। यह अधिनियम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार की सिफारिश पर तैयार मॉडल शॉप एक्ट के अनुरूप है। यह अधिनियम राज्य के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उन दुकानों और स्थापनाओं पर लागू होगा जहां 10 या उससे अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। वहीं, जिन प्रतिष्ठानों में 10 से कम कर्मचारी हैं या कोई भी श्रमिक कार्यरत नहीं है, उन्हें इस अधिनियम से पूर्णतः मुक्त रखा गया है। इसका सीधा लाभ छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और स्वरोजगार से जुड़े व्यवसायियों को मिलेगा, जिन्हें अब जटिल श्रम कानूनों की बाध्यता से राहत मिल जाएगी।
नए अधिनियम के तहत पंजीयन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। प्रत्येक व्यवसायी को 6 माह के भीतर श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in पर आवेदन कर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पंजीयन उपरांत डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। साथ ही, किसी भी प्रकार का संशोधन या दुकान बंद करने की सूचना भी ऑनलाइन माध्यम से दी जा सकेगी।
पंजीयन आवेदन के 15 कार्य दिवस के भीतर यदि विभाग द्वारा प्रमाणन नहीं किया जाता, तो डीम्ड रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू होगी, जिससे समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।
अधिनियम के तहत कर्मचारियों को 08 दिवस आकस्मिक अवकाश, 08 दिवस त्यौहारी अवकाश एवं अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा। महिला श्रमिकों को रात्रिकालीन पाली में नियोजन की अनुमति दी गई है, बशर्ते नियोजक द्वारा सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधा सुनिश्चित की जाए।
सप्ताह के सभी दिनों में दुकान संचालन की अनुमति दी गई है, बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश सुनिश्चित किया जाए। राज्य शासन आवश्यकता अनुसार क्षेत्रीय स्तर पर साप्ताहिक अवकाश घोषित कर सकेगा।
व्यवसायियों को अब पंजीयन एवं वार्षिक विवरणी जैसी प्रक्रियाओं के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सभी कार्य ऑनलाइन होने से समय, संसाधन और शक्ति की बचत होगी। साथ ही, श्रम कानूनों से जुड़ी मामूली त्रुटियों पर अब न्यायालयीन कार्यवाही के बजाय समझौता शुल्क का प्रावधान किया गया है, जिससे विवादों का समाधान शीघ्र और सरल होगा। इस अधिनियम के लागू होने से राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति को मजबूती मिलेगी। लघु एवं मध्यम व्यापारियों को कानूनी सरलता, महिला श्रमिकों की भागीदारी में वृद्धि, नए रोजगार के अवसर, तथा संगठित क्षेत्र में श्रमिकों को बेहतर अधिकार मिलेंगे। यह अधिनियम छत्तीसगढ़ को न केवल व्यावसायिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी अधिक समावेशी और प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मानव जीवन के समग्र विकास और तनाव प्रबंधन में आध्यात्मिक दृष्टिकोण की उपयोगिता आज भी सहायक सिद्ध होती है। कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति अध्यात्म का सहारा लेते हुए मानसिक शांति प्राप्त करता है। यह विचार कल भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) की छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय शाखा, रायपुर द्वारा प्रशासनिक अकादमी, निमोरा में आयोजित श्रीमद् भगवद् गीता के माध्यम से जीवन प्रबंधन विषय पर व्याख्यान में व्यक्त किया।
मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) श्री राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन की एक वैज्ञानिक और व्यावहारिक ग्रंथ है, जिसमें हर परिस्थिति में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि गीता में नेतृत्व, निर्णय क्षमता, आत्मचिंतन, कर्मयोग और समत्व जैसे प्रबंधन के मूल सिद्धांत समाहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक सेवा जैसे उत्तरदायित्वपूर्ण क्षेत्र में कार्य करते समय व्यक्ति को कई बार मानसिक दबाव, नैतिक द्वंद्व और जटिल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे समय में गीता के ज्ञान का अभ्यास मानसिक संतुलन और स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान करता है।
इस परिचर्चा में अखिल भारतीय सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी और क्षेत्रीय शाखा के सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे। उपस्थित सदस्यों ने भी गीता के विभिन्न श्लोकों और उनके प्रशासनिक तथा व्यक्तिगत जीवन में उपयोग पर अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन छत्तीसगढ़ शाखा के सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का आदान-प्रदान था, बल्कि यह भी संदेश लेकर आया कि आधुनिक प्रशासनिक जीवन में पारंपरिक मूल्यों और ग्रंथों से प्रेरणा लेकर कैसे संतुलित और प्रभावी कार्यशैली विकसित की जा सकती है। इस अवसर पर श्री एस.के. मिश्रा, श्रीमती इंदिरा मिश्रा, श्री सी.एच. वेहार, डॉ. संजय कुमार अलंग प्रमुख रूप से उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सुशासन तिहार के आयोजन से विकास कार्यों को मिलेगी गति, योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचेगा
शिकायत, समस्या, सुझाव व मांग से सम्बंधित आवेदन को समाधान पेटी में जमा करने की होगी सुविधा
पहला चरण कल से होगा प्रारंभ, तीन चरणों में आयोजित होगा सुशासन तिहार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप प्रदेश में सुशासन तिहार-2025 के आयोजन 08 अप्रैल से प्रारंभ होने जा रहा है। सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। सुशासन तिहार-2025 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टरों की वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कबीरधाम जिले से कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में जुड़े रहे।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने वीडियों कांफ्रेसिंग के बाद अधिकारियों की बैठक लेकर सुशासन तिहार-2025 की तैयारियों और आवश्यक व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के माध्यम से हम जनता की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके और शासन की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। कलेक्टर श्री वर्मा ने जिलेवासियों से अपील किया है कि वे इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि सुशासन तिहार-2025 सफल हो सके और सुशासन की स्थापना की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण साबित हो सके।
आवेदन प्राप्ति और निराकरण
बैठक में बताया गया कि आवेदन प्राप्त करना आम जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इन स्थलों पर समाधान पेटी रखी जाएगी, ताकि लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें निःसंकोच लिखकर उसमें डाल सकें। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर भी की जाएगी। आवश्यकतानुसार हाट बाजारों में भी आवेदन संग्रह किए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की भी पोर्टल में व्यवस्था रहेगी। कॉमन सर्विस सेंटर का भी ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक आवेदन को एक कोड देने की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। निर्धारित प्रारूप में खाली आवेदन पत्र (ग्रामवार/नगरीय निकायवार कोड सहित) प्रिन्ट कराकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराएं जाएंगे। प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, साथ ही, आवेदनकर्ता को पावती दी जाएगी।
आवेदनों का निराकरण
सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा और संबंधित जिला, जनपद, नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग, अधिकारी लगभग एक माह में इन आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जाएगा। इन आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता का विश्लेषण जिला और राज्य स्तर पर किया जाएगा।
समाधान शिविर का आयोजन
बैठक में बताया गया कि 05 मई से 31 मई 2025 के दौरान प्रत्येक 08 से 15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार समाधान शिविर आयोजित होंगे। शिविरों के आयोजन की तिथि की जानकारी आवेदकों को एस.एम.एस. के माध्यम से तथा आवेदन की पावती के माध्यम से दी जाएगी साथ ही इन तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि भी पोर्टल में की जाएगी तथा जिन आवेदनों का निराकरण शिविर में सम्भव हो, शिविर में किया जाएगा। शेष आवेदनों का समाधान एक माह में कर आवेदकों को सूचित किया जाएगा।
शिविरों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र, प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी बनाया जाएगा, जो शिविर के समुचित संचालन को सुनिश्चित करेंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाए।
विशेष पोर्टल और मोबाइल ऐप्स का होगा उपयोग
तिहार को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया, समाधान की निगरानी और जनता के साथ संवाद के लिए विशेष पोर्टल और मोबाइल ऐप्स का उपयोग किया जाएगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मनरेगा, जिला खनिज न्यास मद एवं आपदा प्रबंधन कोष से किया जाए संरचनाओं का निर्माण
राज्य में भू-जल की दृष्टि से 5 विकासखंड क्रिटिकल और 21 विकासखंड सेमी क्रिटिकल
जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र जारी
रायपुर : प्रदेश में भू-जल सर्वेक्षण एवं दोहन पर सतत् निगरानी रखते हुए भू-जल संवर्धन के लिए आवश्यक संरचनाओं का निर्माण मनरेगा, जिला खनिज न्यास मद एवं आपदा प्रबंधन कोष आदि के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस आशय के आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र जारी किया गया है।पत्र में क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, द्वारा तैयार की गई भू-जल सर्वेक्षण रिर्पोट को संदर्भित कर कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में 146 विकासखंड हैं जिसमें से 5 विकासखंड जिनमें बालोद जिले के गुरूर, बेमेतरा जिले के नवागढ़, बेमेतरा, बेरला और रायपुर जिले के धरसींवा भू-जल संर्वेक्षण एवं दोहन रिर्पोट के हिसाब से संकटकालीन (क्रिटिकल) स्थिति में है। रिर्पोट के अनुसार 21 विकासखंड जिनमें बालोद जिले के बालोद, गुंडरदेही, बेमेतरा जिले के साजा, बिलासपुर जिले के तखतपुर, बेल्हा, धमतरी जिले के धमतरी और कुरूद तथा दुर्ग जिले के दुर्ग और धमधा गरियाबंद जिले के राजिम व फिंगेश्वर, कबीरधाम जिले के पंडरिया, कांकेर जिले के चारामा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़, महासमुंद जिले के बसना व पिथौरा, रायगढ़ जिले के पुसौर, राजनांदगांव जिले के राजनांदगांव, डोंगरगांव, डोंगरगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला तथा सुरजपुर जिले के सुरजपुर विकासखंड अर्धसंकटकालीन (सेमी क्रिटिकल) स्थिति में है। शेष 120 विकासखंड को रिर्पोट में सुरक्षित माना गया है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
7 अप्रैल से 2 मई तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदनरायपुर : छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा सहायक विस्तार अधिकारी के पदों पर भर्ती परीक्षा के लिए इच्छुक पात्र अभ्यर्थीयों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अभ्यर्थी व्यापम की वेबसाईट vyapamcg.cgstate.gov.in में जाकर ऑनलाईन आवेदन भर सकते हैं।
इसके लिए व्यापम द्वारा अभ्यार्थियों से ऑनलाईन आवेदन की तिथि निर्धारित की गई है। सहायक विकास विस्तार अधिकारी भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन भरने की प्रारंभिक तिथि 07 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है तथा अंतिम तिथि 02 मई 2025 को शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। उक्त भर्ती की त्रुटि सुधार की तिथि 03 मई से 05 मई 2025 तक शाम 5 बजे तक निर्धारित है।
सहायक विकास विस्तार अधिकारी भर्ती की संभावित परीक्षा तिथि 15 जून, रविवार निर्धारित की गई है। सहायक विकास विस्तार अधिकारी भर्ती का परीक्षा केन्द्र प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों बनाए जाएंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय, रायपुर में शनिवार को 1982 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। यह बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव में बहुत लाभदायक और उपयोगी है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देशखाद्य मंत्री ने विभागीय काम-काज की समीक्षा की
रायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन स्थित अपने कक्ष में विभागीय काम-काज की समीक्षा की। मंत्री श्री बघेल ने विभागीय अधिकारियों को विभिन्न श्रेणियों के कार्ड धारकों को निर्धारित पात्रता के अनुसार समय पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन सामग्री के आबंटन, भण्डारण एवं वितरण तथा धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग की विस्तार से समीक्षा की गई।
मंत्री श्री बघेल ने उचित मूल्य की दुकानों का जल्द भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सत्यापन के बाद दुकानों में पायी गई कमी, वसूली एवं दर्ज प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से करने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने प्रदेश के सुदूर एवं पहुंच विहीन इलाकों की उचित मूल्य की दुकानों में अग्रिम खाद्यान्न भण्डारण हेतु समय रहते पर्याप्त भण्डारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक माह उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण करने भी कहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप प्रारंभ होने जा रहे, सुशासन तिहार की विभागीय तैयारी के लिए दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ शासन के आम जनता तक प्रशासन के पहुंचने वाले कार्यक्रम ‘सुशासन तिहार’ के लिए सभी खाद्य अधिकारी और कर्मचारियों को सचेत रहते हुए, विभाग से संबंधित हरेक प्राप्त आवेदन, मांग, शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश मंत्री ने दिया। वहीं विभाग की प्रशासनिक मुखिया अपर मुख्य सचिव ने विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से आए प्रत्येक आवेदनों का गुणवत्ता पूर्वक निराकरण का निर्देश दिया।
धान खरीदी और धान उठाव में खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की सराहना करते हुए, विभागीय सचिव ने सुशासन तिहार और वर्तमान में चल रहे भौतिक सत्यापन कार्य को गुणवत्ता पूर्वक तरीके से करने का निर्देश दिया।
विभागीय पदोन्नति और नियुक्तियों में तेजी लाने के निर्देश दिया गया और नियद नेल्लानार कार्यक्रम में अच्छे कार्य के लिए बस्तर क्षेत्र के अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया गया।
मंत्री श्री बघेल ने बैठक में खाद्य विपणन वर्ष 2024-25 में खरीदी केन्द्रों से धान उठाव की समीक्षा की। उन्होंने भारतीय खाद्य निगम में कस्टम मिलिंग के तहत चावल उपार्जन और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल उपार्जन की प्रगति की जानकारी प्राप्त की।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री रमेश कुमार शर्मा, प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति जनमेजय महोबे सहित राज्य भंडारण गृह निगम, अपैक्स बैंक के प्रमुख अधिकारी एवं जिलों के खाद्य नियंत्रक एवं खाद्य अधिकारी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिनेश सिंह ने मत्स्य पालन से बनाई अपनी पहचान, अन्य लोगों को दे रहे हैं रोजगार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं। शासन की योजनाओं ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा न केवल अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी है सीतापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत उडुमकेला के निवासी दिनेश सिंह की, जिन्होंने मत्स्य पालन को अपनी आजीविका का साधन बनाकर सफलता की नई मिसाल पेश की है।
मत्स्य पालन बना रोजगार का जरिया
श्री दिनेश सिंह ने एमए (राजनीति विज्ञान) तक पढ़ाई की है। पढ़ाई उपरांत उन्होंने स्वयं का व्यवसाय शुरू कर दूसरों को भी रोजगार देने की सोची। इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जानकारी मिली, जिसमें मत्स्य पालन के हेतु शासन की ओर से 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। तो उन्होंने साल 2022 में उन्होंने अपनी एक हेक्टेयर जमीन पर तालाब निर्माण के लिए आवेदन किया। शासन की सहायता से उन्हें तालाब निर्माण के लिए 4.5 लाख रुपये मिले, जिसमें से उन्हें 2.80 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में प्राप्त हुए।
सालाना 9 लाख रुपये की आमदनी
दिनेश सिंह ने तालाब में कुल 10000 नग फिंगरलिंग रोहू, कतला, मृगल, कॉमन कार्प, रुपचंदा का मत्स्य बीज संचयन किया। आज उनका व्यवसाय फल-फूल रहा है और प्रति वर्ष 5-6 टन मछली का उत्पादन करते है। जिसे थोक भाव में 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक्री करने पर उन्हें सालाना लगभग 8 से 9 लाख रुपये की आय होती है। खर्च निकालने के बाद भी उन्हें 4 से 4.5 लाख रुपये की शुद्ध बचत हो रही है। इसके अलावा, उनके इस काम में 2-3 लोगों को स्थायी रोजगार भी मिला है। जिससे उनका परिवार चल रहा है। दिनेश सिंह की सफलता साबित करती है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करके युवा स्वावलंबी बन सकते हैं। उनकी मेहनत और लगन ने न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि गांव के अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया है। शासन की ऐसी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और बेरोजगारी दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर में अहिल्या देवी होल्कर त्रिशताब्दी जयंती समारोह का समापन कार्यक्रम संपन्न
लोकमाता अहिल्यादेवी ने राष्ट्र को एकात्मता के सूत्र में पिरोया : श्री रामदत्त चक्रधर
रायपुर : लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर त्रिशताब्दी जयंती समारोह आयोजन समिति छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा सोमवार को रायपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर ने कहा हमारे देश ने समय-समय पर कई प्रतिकूलताओं का सामना करते हुए भी कई गौरवशाली कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह इस पवित्र भूमि में जन्म लेने वाली महान विभूतियों, संत व समाज सुधारकों के कृतित्व का परिणाम है। लोकमाता अहिल्यादेवी राष्ट्र की ऐसी ही एक प्रेरणापुंज हैं, जिनसे वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के चरित्र को पढ़ने व स्मरण करने से राष्ट्र जीवन को दिशा मिलती है।
श्री रामदत्त चक्रधर ने पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि वह एक सामान्य परिवार से थीं। उनके जीवन में तीन गुण ऐसे थे, जो उन्हें महान वीरांगना बनाते हैं। इनमें पहला गुण अभयम अर्थात साहस है। उनका राज्य बहुत विस्तृत था, कई बार उन्हें विद्रोह का सामना करना पड़ा, लेकिन लोकमाता ने अपनी अद्भुत सैन्य क्षमता से उसका स्थायी समाधान किया। उन्होंने संपूर्ण भारत को एकात्मता के सूत्र में बांधने का कार्य किया।
सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त जी ने इस अवसर पर कहा कि लोकमाता के जीवन का दूसरा गुण कुशल प्रशासक का था। उनके परिवार में दुर्घटनाओं की लंबी श्रृंखला हुई, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने प्रशासनिक कौशल में कहीं उदासीनता नहीं दिखाई। नासिक में एक निर्माण कार्य के दौरान आर्थिक अनियमितता की शिकायत उन तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारी को उसके पद से हटा दिया। इसी प्रकार पंढ़रपुर में एक अन्य निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने के लिए उन्होंने हाथियों को निर्माण कार्य के ऊपर चलवाया। लोकमाता के राज्य में निर्धन व्यक्ति को कोई भी धनवान व्यक्ति प्रताड़ित नहीं कर सकता था। वह कहतीं थी कि जनता और शासन के बीच मां और संतान का संबंध होता है।
श्री रामदत्त चक्रधर ने अपने वक्तव्य में कहा कि लोकमाता ने महेश्वर में स्वदेशी उद्योग लगवाए। उनके जीवन चरित्र का एक गुण उनकी आध्यात्मिकता है। हम सब उनके चित्र को देखें तो उनके हाथ में शिवलिंग है। उन्होंने देशभर में मंदिरों का निर्माण व जीर्णोद्धार करवाया। काशी, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गया समेत अनेक स्थानों पर उन्होंने मंदिर बनवाए। पंढ़रपुर यात्रियों के लिए वह भोजन व्यवस्था करवाती थीं। न्याय के लिए तो वह प्रसिद्ध हैं ही, वह हमेशा सनातन मूल्यों को जीती थीं। अपने उद्बोधन में श्री रामदत्त चक्रधर ने कहा कि भारत का यह स्वर्णिम कालखंड है। इस पीढ़ी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, 370 धारा के समाप्त होने समेत ऐसे अनेक गौरवशाली क्षण देखने को मिल रहे हैं, जिसके लिए हमारी पिछली पीढ़ियों ने संघर्ष किया। यह वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष भी है। इस स्वर्णिम कालखंड में हम लोकमाता देवी अहिल्यादेवी के जीवन चरित्र को आत्मसात करें।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक श्री टोपलाल वर्मा ने कहा त्रिशताब्दी वर्ष के निमित्त छत्तीसगढ़ प्रांत में 1157 शिक्षण संस्थानों में व्याख्यानमाला, निबंध प्रतियोगिता, रंगोली निर्माण समेत अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें बड़ी संख्या में युवाओं व प्रबुद्धजनों की भागीदारी रही। त्रिशताब्दी जयंती समारोह आयोजन समिति के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व कुलपति श्री नरेंद्र प्रसाद दीक्षित ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर एक आकर्षक नृत्य नाटिका का मंचन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सच्चिदानंद शुक्ल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री अभयराम, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री गिरीश चंदेल समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार है दृढ़ संकल्पित: मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
रायपुर : छत्तीसगढ़ की महिलाएं अब न सिर्फ परिवार की रीढ़ हैं, बल्कि समाज और राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए सतत प्रयास कर रही है। महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज अंबिकापुर में राजमोहिनी देवी भवन में आयोजित नारी सशक्तिकरण महाकुंभ रैम्पवॉकश् कार्यक्रम दौरान यह बातें कहीं।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, यह कार्यक्रम नारी के सम्मान का प्रतीक है। महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कर रही हैं। राज्य सरकार महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने सभी महिलाओं से अपने आत्मबल को और सशक्त करने, परिवार व समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने तथा हर क्षेत्र में नेतृत्व भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में अंबिकापुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं। डॉक्टर, शिक्षिका, खिलाड़ी, गृहिणी, किसान, पॉलिटिशियन, ब्यूटीशियन जैसे तमाम पेशों की महिलाओं ने रंग-बिरंगी पोशाकों में आत्मविश्वास के साथ रैम्प पर चलकर यह संदेश दिया कि वे अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। यह रैम्पवॉक सिर्फ एक फैशन शो नहीं, बल्कि नारी शक्ति की झलक, उसकी भूमिका और उसकी पहचान को उजागर करने वाला मंच बन गया। यह आयोजन सरगुजा की धरती पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक पहल के रूप में याद किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मिला लाभ
सूरजपुर जिले में कार्यक्रम आयोजित
पोषण संगोष्ठी पुस्तक का हुआ विमोचनरायपुर : महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज सूरजपुर जिले के प्रवास पर रहीं। जहां उनके मुख्य आतिथ्य में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत रंगमंच प्रांगण में 200 जोड़ें परिणय सूत्र में बंधे। श्रीमती राजवाड़े ने सभी वर-वधुओं को दाम्पत्य सूत्र में बंधने पर बधाई दी और उनके सुखद जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि परिवार को साथ लेकर चलना है, अपने माता-पिता की तरह सास-ससुर को सम्मान देना है, परेशानियों एवं अभावों में संयम से रहना है और सुख-दुख में एक-दूसरे को साथ देना है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इस अवसर महिला एवं बाल विकास विभाग के पोषण जागरूकता आधारित पोषण संगोष्ठी पुस्तक का विमोचन किया।उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी लोगों को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह नहीं कराने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर सांसद श्री चिंतामणि महाराज, विधायक श्री भूलन सिंह मरावी , पूर्व गृह मंत्री और कुदरगढ़ ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैंकरा एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा वर-वधु के परिजन उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने एसोसिएशन के सेवा कार्यों की सराहना की, एसोशिएशन को हरसंभव सहयोग का दिया भरोसारायपुर : छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंजय शुक्ला एवं अन्य पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मुख्यमंत्री निवास में सौजन्य भेंट किया। इस अवसर पर एसोसिएशन द्वारा राज्य में किए जा रहे सेवा कार्यों और आगामी योजनाओं की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कुनकुरी सदन में एसोसिएशन द्वारा प्रदान की गई एंबुलेंस सेवा की सराहना की और कहा कि यह सेवा जशपुर जिले से इलाज हेतु रायपुर आने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में इस प्रकार की भागीदारी निश्चित रूप से सराहनीय है।
श्री शुक्ला ने जानकारी दी कि एसोसिएशन ने पिछली गर्मियों में ट्रांसपोर्ट यार्ड में शीतल पेयजल और गर्मी से राहत देने वाली सुविधाएं प्रदान की थीं, जिसे इस वर्ष भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, एसोसिएशन द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी साझा की गई, जिसमें बेटियों के विवाह का संपूर्ण दायित्व एसोसिएशन उठाएगा। इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी और बेटियों का सम्मानजनक विवाह सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री अंजय शुक्ला के नेतृत्व में एसोसिएशन के सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति समर्पण की सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ट्रांसपोर्ट सेक्टर की भूमिका को समझती है और ट्रांसपोर्टरों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
निर्माण एवं विकास कार्यों का किया गहन निरीक्षणनिर्माण कार्य की कमियों को 15 दिवस में दूर कर रिपोर्ट देने के निर्देशरायपुर : मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री आर. पुराम ने आज अपनी टीम के साथ बेमेतरा और मुंगेली जिले का दौरा कर दोनों जिलों में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन किया। इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाओं और लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों की विस्तृत जांच की गई। निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई गईं, जिनके सुधार के निर्देश अधिकारियों को दिए गये। बेमेतरा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कुम्हड़ीगुड़ा समूह जल प्रदाय योजना का निरीक्षण किया गया।इस दौरान जल शुद्धिकरण संयंत्र की संरचना, जल आपूर्ति प्रणाली और जल शुद्धि के लिए उपयोग किए जा रहे तकनीकी पहलुओं की जांच की गई। श्री पुराम ने क्लेरीफ्लोकुलेटर के स्तर और ढलान की जांच की और कांक्रीट कार्य में उपयोग किए जा रहे स्टील की स्पेसिंग को भी परखा। निरीक्षण में पाया गया कि जल संयंत्र के क्लोरीनेशन कक्ष के कॉलम में पर्याप्त ब्रेसिंग नहीं की गई थी। इस पर उन्होंने इसकी मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ताकि जल शुद्धि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
श्री पुराम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल शुद्ध संयंत्र में उपयोग किए जा रहे कांक्रीट में पर्याप्त कव्हर ब्लॉक लगाया जाए, ताकि संरचना मजबूत बनी रहे और स्टील की छड़ों में जंग लगने की संभावना को रोका जा सके। इसके साथ ही, जल शुद्धि संयंत्र के प्रत्येक महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे एरियेटर, क्लेरीफ्लोकुलेटर, रेपिड सैंड फिल्टर और क्लियर सम्पवेल का स्तर सटीक रूप से जांचने और कार्य को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान इन्टेकवेल का भी मुआयना किया गया, जिसमें पाया गया कि इनलेट पोर्ट रिवर बेड लेवल से 1 मीटर नीचे रखा जा रहा था। इससे उसमें गाद जमने की आशंका अधिक हो जाती है, जिससे जल आपूर्ति बाधित हो सकती है और पंप के रखरखाव की लागत बढ़ जाती है। उन्होंने अधिकारियों को इन्टेकवेल का निर्माण स्वीकृत डिजाइन के अनुसार कराए जाने के निर्देश दिए।
बेमेतरा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा ढोलिया-कोसा-चंदनु मार्ग (16.325 किमी) का निर्माण कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान इस सड़क की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया की विस्तृत जांच की गई। श्री पुराम ने सड़क में घुमावदार हिस्सों पर चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता बताई, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क की चौड़ाई मानकों से कम पाई गई। इस पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द चौड़ाई को सही किया जाए। सड़क के किनारे बनाए जा रहे शोल्डर की चौड़ाई भी कुछ स्थानों पर मानक से कम पाई गई। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ इलाकों में बिजली के खंभे नहीं हटाए गए हैं, जिससे यातायात बाधित होगा। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर नालियों का निर्माण भी अधूरा पाया गया। इन सभी मामलों को तत्काल सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
सड़क निर्माण में उपयोग हो रहे डामर की गुणवत्ता की जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया। जिसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। निर्माण कार्यों में पाई गई खामियों को सुधारने के लिए संबंधित विभागों से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट एवं स्पष्टीकरण तलब किया गया है। मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर. पुराम ने मुंगेली जिले के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे मुंगेली-लोरमी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए निर्माण सामग्री के सैंपल एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा, डामर प्लांट और डब्ल्यू.एम.एम. प्लांट का निरीक्षण किया गया, जहां निर्माण प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की गई।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए गए हैं। इस पर श्री पुराम ने सख्त निर्देश दिए कि सभी श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएं और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता और समय सीमा के अनुसार पूरा किया जाए, ताकि आम जनता को जल्द से जल्द इन विकास कार्यों का लाभ मिल सके। मुख्य तकनीकी निरीक्षक सतर्कता ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को दूर करने तथा 15 दिनों के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट पर जवाब देने को कहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ की सहकारी उपलब्धियों और मांगों पर हुई विस्तार से चर्चारायपुर : छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने आज दिल्ली में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल से सौजन्य भेंट की। इस दौरान अपर मुख्य सचिव सहकारिता छत्तीसगढ़ शासन श्री सुब्रत साहू, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री कुलदीप शर्मा तथा भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में छत्तीसगढ़ की सहकारी क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों और आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
मंत्री केदार कश्यप ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सहकारिता को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री मोहोल को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” विजन को साकार करने में छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है।मंत्री श्री कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण के लिए 2028 पैक्स का चयन किया गया है। इसके अलावा, शेष 30 पैक्स और प्रस्तावित 500 नए पैक्स के लिए शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 8500 करोड़ रुपये के अल्पकालिक कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा था, जिसमें से अब तक 7709 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। हालांकि, नाबार्ड द्वारा केवल 1150 करोड़ रुपये का ही रियायती पुनर्वित्त उपलब्ध कराया गया है, जो कुल ऋण का मात्र 14.9 प्रतिशत है। इस अनुपात को बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक करने की मांग की गई।
मंत्री श्री कश्यप ने केंद्र सरकार से राज्य के शक्कर बिक्री मासिक कोटा प्रणाली में छूट देकर अधिक मात्रा में बिक्री की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया ताकि गन्ना किसानों का भुगतान तेजी से हो सके। सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना, पंडरिया द्वारा लिए गए टर्म लोन पर 84.79 लाख रुपये के विलंबित ब्याज को माफ करने का अनुरोध किया गया। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ की भागीदारी के लिए छत्तीसगढ़ को एक्सपोजर विजिट में शामिल करने का भी आग्रह किया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देने की कई पहल की है, जिसमें जनजातीय परिवारों के लिए दुग्ध सहकारिता योजना के तहत 6 जिलों में 325 परिवारों को 650 दुधारू पशु उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है। नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत राज्य में 725 गोदामों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 665 पूर्ण हो चुके हैं। राज्य के 28 पैक्स में जनऔषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें से 25 हाल ही में स्थापित किए गए हैं। 2029 पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 1103 हाल ही में शुरू किए गए हैं।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार जैविक खेती और वन उत्पादों के सहकारी विपणन को प्रोत्साहित कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ के माध्यम से 22 लघु वनोपजों का जैविक प्रमाणन प्राप्त किया गया है। छत्तीसगढ़ ने सभी पैक्स का एनसीसीएफ पोर्टल पर पंजीयन पूरा कर लिया है। सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम की स्थापना कर धान उपार्जन के दौरान 116 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है। पिछले 6 महीनों में 2.50 लाख किसानों को केसीसी कार्ड वितरित किए गए हैं। राज्य के सभी पैक्स में पीएम किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां से 1760.34 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है।
मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल से छत्तीसगढ़ की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से राज्य में कृषि, ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही हैं। केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग मिलने पर इन योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कृषि विश्वविद्यालय में लगेगा एफ.पी.ओ. मेलाकृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे शुभांरभरायपुर : छत्तीसगढ़ में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा लघु कृषक कृषि व्यापार संघ, भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 26 से 28 मार्च, 2025 तक तीन दिवसीय कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय, रायपुर के कृषि मंडपम् में आयोजित इस तीन दिवसीय एफ.पी.ओ. मेला सह प्रदर्शनी का शुभारंभ दिनांक 26 मार्च, 2025 को प्रातः 11 बजे कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम के मुख्य आतिथ्य में किया जाएगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में धरसींवा विधायक, श्री अनुज शर्मा, रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोती लाल साहू, महापौर रायपुर नगर निगम, श्रीमती मीनल चौबे उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय कृषक उत्पादक संगठन मेला सह प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के 45 कृषक उत्पादक संगठन शामिल होंगे। मेले में शामिल कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय भी किया जाएगा। इस दौरान एफ.पी.ओ. के संचालन के विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस एफ.पी.ओ. मेला सह प्रदर्शनी में कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी, प्रगतिशील कृषक एवं कृषि से संबंधित एफ.पी.ओ. के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस अवसर पर जन-सामान्य हेतु मेला सह प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जएगा जिसमें एफ.पी.ओ. के उत्पादों को क्रय भी कर सकेंगे।
एफ.पी.ओ. मेले में विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित उत्पाद जैसे सुगंधित चावल - विष्णुभोग चावल, देवभोग चावल, जीराफूल चावल, तुलसी मंजरी चावल, ब्लैक साईस, रेड साईस, ग्रीन साईस, ब्राउन साईस, एचएमटी चावल, कोदो चावल, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर,मशरूम बड़ी, मशरूम पापड़, मशरूम पाउडर, मशरूम अचार, महुआ लड्डू, शहद, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, तेल (सरसों का तेल, शीशम तेल और मूंगफली का तेल), मल्टीग्रेन आटा, रागी का आटा, चावल का आटा, कॉन्सेंट्रेट, हनी बी वैक्स, लिप बाम, फुट क्रीम, हर्बल साबुन, मोरिंगा पाउडर, फिनाइल, दालें, अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, लाखड़ी दाल, पोहा, ज्वार, बाजरा, सफेद तिल के बीज का आटा, कुमकुम, हल्दी रोली, बेरी बिस्कुट, आम का अचार, कटहल का अचार, आंवला अचार, बांस का अचार, नींबू अचार, मिर्च अचार, हल्दी अचार, मिक्स अचार, चना दाल, सरसों, काजू, इमली, अमचूर लड्डू, गुड़, चीनी, गुड़ कैंडी आदि आम जनता हेतु प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
तानाशाही के विरुद्ध लोकतंत्र की विजयगाथा है 21 मार्चरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 21 मार्च को भारत के लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक दिन बताय। उन्होंने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है, और 21 मार्च 1977 वह दिन है जब देश ने तानाशाही के विरुद्ध जीत दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि भारत के नागरिकों की आस्था, साहस और संघर्ष की विजय थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल ने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को कुचल दिया था। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका – जिनके संतुलन पर हमारा लोकतंत्र टिका है – उसे तोड़कर समस्त शक्ति एक परिवार के हाथों में केंद्रित कर दी गई थी। नागरिक अधिकारों का दमन, मीडिया पर सेंसरशिप, विरोध की आवाज़ों का दमन और रातों में की जाने वाली गिरफ्तारियां संविधान के चिथड़े उधेड़ते हुए उस भयावह कालखंड को उजागर करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मेरे बड़े पिताजी श्री नरहरि साय को भी 19 महीने जेल में रखा गया था। वे लाखों लोकतंत्र सेनानियों में से एक थे जिन्होंने तानाशाही के विरुद्ध खड़े होकर भारत की आत्मा की रक्षा की। कई सेनानियों को तो बेड़ियों में जकड़ा गया, और उनके परिवारों को भी अमानवीय यातनाएँ झेलनी पड़ीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उस समय की राजसत्ता की क्रूरता को याद करते हुए कहा कि अखबारों पर ताले लगे थे, कलाकारों की आवाज़ बंद कर दी गई थी। किशोर कुमार जैसे गायक तक को रेडियो पर बैन कर दिया गया क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। यह सब कुछ उस संविधान के नाम पर हो रहा था, जिसे बनाने में बाबा साहेब अंबेडकर का जीवन लगा था।
मुख्यमंत्री ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज वही लोग संविधान की किताब हाथ में लेकर संविधान की दुहाई देते हैं, जिन्होंने कभी उसे रौंदने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जिन्होंने संविधान कुचला था, आजकल वही उसकी दुहाई देते हैं। 1975 में आपातकाल लगाकर पाप किया गया और उसकी पुनरावृत्ति तब हुई जब पिछली कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि रोक दी – यह उन सेनानियों के त्याग और संघर्ष का अपमान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारत का लोकतंत्र किसी एक पार्टी या सत्ता की बपौती नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के साहस, बलिदान और संकल्प की देन है। हमें हमेशा सतर्क रहना होगा ताकि फिर कभी लोकतंत्र पर अंधकार का साया न पड़े। उन्होंने कहा कि 21 मार्च 1977 को इमरजेंसी का धब्बा हट गया, लेकिन इसे लगाने वाली मानसिकता अब भी जीवित है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से देश की जनता अब जागरूक है और ऐसे तानाशाही इरादों को पहचानना और हराना जानती है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
समृद्ध एवं महान भारत 2047 समिट: आर्थिक स्वावलंबन पर होगा मंथनरायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ऐतिहासिक राष्ट्रीय आयोजन की साक्षी बनने जा रही है। स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक इस वर्ष रायपुर में आयोजित हो रही है, जो समृद्ध एवं महान भारत 2047 समिट का एक अहम पड़ाव होगी। इस बैठक में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मंथन होगा और देश के आर्थिक भविष्य की नई राहें तय की जाएंगी।
इस प्रतिष्ठित बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उनके साथ, अखिल भारतीय संयोजक श्री आर. सुन्दरम् विशिष्ट अतिथि के रूप में और अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल जी मुख्य वक्ता के रूप में विचार रखेंगे। बैठक की अध्यक्षता स्वावलंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय समन्वयक प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा करेंगे।
8 मार्च 2025 शनिवार सायं 7 बजे श्री अग्रसेन धाम, रायपुर में आयोजित इस बैठक में देश के शीर्ष उद्यमी, प्राध्यापक, कुलपति, आर्थिक चिंतक एवं स्वदेशी जागरण मंच तथा स्वावलंबी भारत अभियान के दायित्ववान कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य छत्तीसगढ़ सहित संपूर्ण भारत में आर्थिक स्वावलंबन, स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता की नीति को मजबूत करना है।
इस बैठक में वर्ष 2047 तक भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। आर्थिक विकास की नई संभावनाओं पर मंथन होगा और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सशक्त बनाने के तरीकों पर चर्चा होगी।
स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत समन्वयक श्री जगदीश पटेल ने सभी विचारकों, उद्यमियों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों से इस ऐतिहासिक बैठक में भाग लेने की अपील की है। उनका कहना है कि आर्थिक स्वावलंबन सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमें मिलकर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वित्त मंत्री ने विधानसभा बजट 2025-26 सामान्य चर्चा पर दिया जवाबरायपुर : वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने विधानसभा बजट 2025-26 सामान्य चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपना महत्वाकांक्षी बजट प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 का एक लाख 65 हजार करोड़ रूपए का बजट वर्ष 2024-25 के बजट एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रूपए से 12 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष का बजट "GYAN" (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी) पर केंद्रित था, जबकि इस वर्ष का बजट "GATI" (गुड गवर्नेस, अधोसंरचना, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ) पर केन्द्रित है। यह राज्य का अब तक सबसे बड़ा बजट है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि इस बजट से विकास एवं जनकल्याण के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बजट राज्य को तेजी से विकास के पथ पर ले जाने और 2030 के लक्ष्यों की ओर अग्रसर करने का संकल्प है। यह नवाचार, अधोसंरचना और समावेशी विकास को प्राथमिकता देने वाला बजट है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह बजट राज्य के रजत जयंती वर्ष का बजट है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में इस वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रही है।
प्रस्तुत बजट में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 12 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है. जो वर्ष 2025-26 में 6,35,918 करोड़ रूपए तक होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय में 9 प्रतिशत वृद्धि, बिना नया कर लगाए राजस्व में 11 प्रतिशत वृद्धि तथा राजस्व अधिशेष 2,804 करोड़ रूपए रहने का अनुमान है। राज्य का पूंजीगत व्यय 26,341 करोड़ रूपए प्रस्तावित है, जो अब तक का सर्वाधिक है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने बजट में व्यापारियों को राहत देने के उददेश्य से कर के बोझ को कम करने के लिए ई-वे बिल सीमा 50 हजार रूपए से बढ़ाकर एक लाख रूपए की है। नए बजट में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदारी को माफ किया गया है, जिससे 40,000 से अधिक व्यापारियों को राहत मिलेगी। अचल संपत्ति लेनदेन पर स्टांप शुल्क उपकर हटा दिया गया है।
वर्ष 2025-26 के बजट में छत्तीसगढ़ सरकार ने कई प्रमुख घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी बजट प्रावधान किया है, जिसमें कृषक उन्नति योजना के लिए 10 हजार करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 8500 करोड़, महतरी वंदन योजना के लिए 5500 करोड़, मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के लिए 4500 करोड़, पांच एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3500 करोड़ रूपए सहित अन्य योजनाओं को पूरा करने के लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले साल के बजट से 300 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री मोबाईल टॉवर योजना, मुख्यमंत्री परिवहन योजना, 500 नई सहकारी समितियों का गठन का प्रावधान किए जाने के साथ ही केन्द्र सरकार की पीएसएस योजना के तहत पहली बार दलहन और तिलहन की खरीदी के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के साथ ही जशपुर जिले के कुनकुरी में नया मेडिकल कॉलेज खोलने तथा रिक्त सरकारी पदों को तेजी से भरने का भी प्रावधान है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल की बजट में उद्योग विभाग को तीन गुना अधिक राशि आबंटित की गई है।
वर्ष 2025-26 के बजट में 10 नवीन योजनाओं की घोषणा की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना, मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना, मुख्यमंत्री परिवहन योजना, मुख्यमंत्री बायपास एवं रिंग रोड निर्माण योजना, मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना, मुख्यमंत्री गवर्नेस फेलोशिप, सियान केयर योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, अटल सिंचाई योजना, छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति तथा राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज के साथ छात्र कौशल कार्यक्रम और वित्तीय निवेश प्रशिक्षण योजना शामिल है।
श्री चौधरी ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार किसानों को तड़पा-तड़पा कर किस्तों में भुगतान करती थी, जबकि हमारी सरकार ने पिछले वर्ष 13,320 करोड़ रूपए और इस साल 12 हजार करोड़ रूपए का एकमुश्त भुगतान किसानों को किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य की ऋण स्थिति को सुरक्षित बताते हुए कहा कि कुल ग्रॉस लोन से स्पेशल कैपिटल असिस्टेंस और जीएसटी लोन को घटाने के बाद राज्य का ऋण अनुपात 19 प्रतिशत है, जो 25 प्रतिशत की सीमा से काफी सुरक्षित है। श्री चौधरी ने बताया कि जहां हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब में 42-45 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए प्रदान कर रही है, जो अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।
छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। हमारी सरकार ने देश का पहला सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया है। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर में सुधार के तहत 1 से बढ़ाकर 7 फिजियोथैरेपी संस्थान खोले जा रहे हैं। 2,000 करोड़ रूपए की लागत से नई सड़क परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। पीडब्ल्यूडी बजट में 20 प्रतिशत की वृद्धि, जल संसाधन क्षेत्र में 5,000 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को केवल राजनीति करने के बजाय सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों का घोर अपमान करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी की मति भ्रष्ट हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि! जब व्यक्ति के पतन का समय आता है, तो उसकी बुद्धि भ्रमित हो जाती है। ममता बनर्जी का यह बयान इसी मानसिक पतन का परिचायक है।
महाकुंभ करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक है, जहां 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। इसे ‘मृत्युकुंभ’ कहना उनके अज्ञान और अहंकार को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने एक राष्ट्रीय समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि ममता बनर्जी का यह बयान न केवल सनातन धर्म का अपमान है, बल्कि यह उन करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने का कुत्सित प्रयास भी है, जो आस्था के इस महासंगम में शामिल होते हैं।
ममता बनर्जी के बयान पर देशभर में आक्रोश
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण है। इतिहास गवाह है कि महाकुंभ के दौरान समाज में बौद्धिक और आध्यात्मिक क्रांति आई है। ऐसे पवित्र आयोजन को अपमानजनक संज्ञा देना निंदनीय और अस्वीकार्य है।उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने प्रयागराज महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद हिंदू समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। उनके इस बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है और इसे सनातन संस्कृति पर हमला बताया जा रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण की गतिविधियों की गहन जांच आवश्यक: मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में कार्यरत कुछ गैर-सरकारी संगठनों को दी गई फंडिंग के दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस विदेशी सहायता का उपयोग धर्मांतरण जैसी अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार धर्म मानने की स्वतंत्रता है। लेकिन जब अशिक्षा, गरीबी, चंगाई या लोक-परलोक के नाम पर लोगों को बहकाकर या प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है।
विदेशी फंडिंग की आड़ में मिशनरी गतिविधियों का खुलासा
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी धन प्राप्त करती हैं, लेकिन इसकी आड़ में स्थानीय लोगों को भ्रमित कर, लालच देकर, चंगाई के माध्यम से धर्मांतरण कराती हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन एनजीओ को जिस उद्देश्य के लिए फंडिंग दी जा रही है, उसका सही उपयोग हो रहा है या नहीं।
अमेरिका में भी USAID को बंद किया गया, अब भारत में भी उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही USAID को बंद कर दिया था, क्योंकि वहां के करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा था। अब धीरे-धीरे यह खुलासा हो रहा है कि USAID के जरिए दी गई विदेशी फंडिंग का भारत में किस तरह से मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया गया।
संदिग्ध एनजीओ की गतिविधियों की होगी कड़ी जांच
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिया है कि राज्य में कार्यरत उन एनजीओ की गहन जांच की जाए, जिन्हें विदेशी एजेंसियों से वित्तीय सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी फंडिंग लेकर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में लिप्त न हो। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगी सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए पहले से ही सख्त कानूनों को लागू कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जो भी संगठन, व्यक्ति या संस्था इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन यदि कोई भी संस्था धर्मांतरण के माध्यम से समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास करती है, तो सरकार उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाएगी, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
23 फरवरी के होगा पुनः निर्वाचनरायपुर : बालोद जिला के विकासखण्ड डौण्डीलोहरा में ग्राम पंचायत सुरेगांव के वार्ड क्रमांक 08 में प्रतीक आबंटन संबंधी त्रुटि हो जाने के कारण अभ्यर्थियों को गलत प्रतीक चिन्ह आबंटित हो गये। ग्राम पंचायत सुरेगांव के वार्ड क्रमांक 8 में दो अभ्यर्थी को आबंटित प्रतीक गलत हो जाने के कारण मतपत्र में उन्हें एक दुसरे के प्रतीक मुद्रित हो गये।इस कारण से ग्राम पंचायत सुरेगांव के वार्ड क्रमांक 8 के लिए पंच पद हेतु दिनांक 17 फरवरी 2025 को संपन्न हुआ मतदान दूषित हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर ग्राम पंचायत सुरेगांव के वार्ड क्रमांक 8 के पंच पद के लिए दिनांक 17 फरवरी 2025 को हुए मतदान को शुन्य घोषित करते हुए मतदान की नई तारीख दिनांक 23 फरवरी 2025 निर्धारित की है।