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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
युवा किसान इंद्रकुमार ने मुख्यमंत्री को किया दिल से आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में जनसमस्याओं के निराकरण के लिए सुशासन तिहार मनाया जा रहा है। इस तिहार में लोग विभिन्न समस्याओं से संबंधित आवेदन सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत कर रहे है। प्रस्तुत आवेदनों का यथासंभव तत्काल निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।
इसी तारतम्य में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के ग्राम मनपसार गांव के इंद्रकुमार ने उसके नाम से पिता रामरतन रत्नाकर द्वारा खरीदी जमीन में नाबालिक को भू-अभिलेख में बालिक दर्ज करने हेतु आवेदन दिया। ग्राम मनपसार के हल्का पटवारी ने प्रस्तुत आयु प्रमाण पत्र सहित आवेदन का परीक्षण किया। परीक्षणोपरांत आवेदन सही पाये जाने पर तत्काल पटवारी आईडी में आवेदन दर्ज कर तहसीलदार से आदेश पारित कराकर राजस्व अभिलेख बी १, खसरा एवं किसान किताब में नाबालिग को बालिग दर्ज कर किसान को डिजिटली हस्ताक्षरित बी-१, खसरा की प्रति आवेदक को उसके घर जाकर राजस्व अधिकारियों द्वारा दी गई। युवा किसान इंद्रकुमार ने खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सुशासन तिहार चलाने पर धन्यवाद व दिल से आभार व्यक्त किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कर्मचारी 1 मई से 31 मई तक कर सकते हैं आवेदन
रायपुर : संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन के आगामी प्रशिक्षण सत्र माह जुलाई 2025 से अक्टूबर 2025 के लिये लिपिक वर्गीय कर्मचारियों से लेखा प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके लिए कर्मचारियों के 3 वर्ष की नियमित सेवा पूरा होना जरूरी है। इस प्रशिक्षण हेतु कर्मचारी आगामी माह के 1 मई से 31 मई तक शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला, नगर घड़ी चौक रायपुर को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस तिथि के पूर्व एवं पश्चात प्राप्त आवेदन-पत्रों पर विचार नही किया जाएगा। विज्ञप्ति के साथ संलग्न (छायाप्रति स्वीकार्य) मानक आवेदन पत्र पर ही आवेदन स्वीकार किये जायेंगें। आवेदन जिस सत्र के प्रशिक्षण हेतु किया गया है, उस सत्र के लिये ही मान्य होगा। पूर्व प्रचलित आवदेन पत्र स्वीकार नही किये जायेगें। कोष लेखा एवं पेंशन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारी से आशय ऐसे कर्मचारी से है जिनकी पदस्थापना लिपिकीय संवर्ग के पद पर हुई है न कि किसी तकनीकी संवर्गीय पद पर हुआ हो।
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खाद्य एवं औषधियों की गुणवत्ता और मूल्य से जुड़ी जानकारी को नज़रअंदाज़ न करें, जागरूक उपभोक्ता बनें, पैकेज पर अंकित विवरण अवश्य पढ़ें
रायपुर : आम नागरिकों को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री एवं दवाइयाँ उपलब्ध कराना खाद्य एवं औषधि प्रशासन, छत्तीसगढ़ की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन मेे विभाग द्वारा इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को विश्वसनीय उत्पाद प्राप्त हो सकें। इसके लिए विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), नई दिल्ली तथा केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रहा है।
खाद्य सामग्री पर दी गई जानकारी को उपयोग के पूर्व अवश्य पढ़ें
हर उपभोक्ता को यह जानना आवश्यक है कि किसी भी पैकबंद खाद्य उत्पाद पर एफ.एस.एस.ए.आई. (FSSAI) लाइसेंस नंबर, निर्माण तिथि एवं समाप्ति तिथि, बैच नंबर, पोषण सूची एवं संघटक विवरण संबंधी जानकारियाँ स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। यह जानकारी उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। जिसे आप एफ.एस.एस.ए.आई. की वेबसाइटhttps://foscos.fssai.gov.in पर FBO सर्च विकल्प का उपयोग करके खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी की वैधता की जांच कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, “फूड सेफ्टी कनेक्ट” नामक मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर उपभोक्ता आवश्यक जानकारी तत्काल प्राप्त कर सकते हैं।
दवाइयों की कीमत जांचने का सरल तरीका
अब दवाइयों की निर्धारित कीमत जानना भी आसान हो गया है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) द्वारा विकसित मोबाइल ऐप ‘‘फार्मा सही दाम’’ इस कार्य में सहायक है। इस ऐप की मदद से उपभोक्ता दवा की कीमत तुरंत जांच सकते हैं और अधिक मूल्य वसूले जाने की स्थिति में शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, वेबसाइटhttps://nppaindia.nic.in का उपयोग भी किया जा सकता है।
यदि किसी उपभोक्ता को खाद्य पदार्थ या दवा की गुणवत्ता अथवा मूल्य को लेकर कोई शिकायत हो, तो वह विभागीय हेल्पलाइन नंबर +91-9340597097 पर कॉल या व्हाट्सऐप के माध्यम से सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। विभाग द्वारा सभी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। खाद्य एवं औषधियों की गुणवत्ता और मूल्य से जुड़ी जानकारी को नज़रअंदाज़ न करें। जागरूक उपभोक्ता बनें, पैकेज पर अंकित विवरण अवश्य पढ़ें, और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तत्काल शिकायत करें। आपकी सतर्कता ही आपकी और समाज की सुरक्षा है।
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अब आमजन देख सकेंगे दवा आपूर्ति एवं अस्पताल निर्माण की समस्त जानकारीरायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशन व माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी के सतत मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) द्वारा विकसित DPDMIS (ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल को अब आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक कर दिया गया है। इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी अब केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आमजन भी सीधे इन सूचनाओं तक पहुंच बना सकेंगे।
इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों—जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी—में दवा और चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति, वितरण, स्टॉक की स्थिति और यहां तक कि निर्माणाधीन अस्पताल भवनों की प्रगति को भी रियल-टाइम में देखा जा सकता है।
पोर्टल की प्रमुख सुविधाएं
दवा एवं उपकरण खरीद: पोर्टल पर सभी निविदाएं, स्वीकृत आपूर्तिकर्ता और अनुबंध मूल्य सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
वितरण प्रणाली: दवाओं की डिलीवरी, स्टॉक की वर्तमान स्थिति और लंबित मांग की जानकारी दिन-प्रतिदिन अपडेट होती है।
वाहन ट्रैकिंग: दवा परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन और उनके रूट की जानकारी भी नागरिक देख सकते हैं।
अधोसंरचना निगरानी: निर्माणाधीन मेडिकल संस्थानों की प्रगति, बजट और योजनागत विवरण अब जनता की नज़रों में हैं।
CGMSC की प्रबंध संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई ने इस पहल के बारे में कहा, “पारदर्शिता केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आमजन यह जान सकें कि उनके स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा प्रत्येक संसाधन कहां और कैसे उपयोग हो रहा है। यह पोर्टल उसी दिशा में एक प्रभावी कदम है।”
श्रीमती भोई ने यह भी स्पष्ट किया कि DPDMIS पोर्टल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता में अभिवृद्धि करेगा, बल्कि कार्य में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार नियंत्रण तथा नागरिकों के विश्वास में वृद्घि हेतु एक प्रभावशाली माध्यम सिद्ध होगा। यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है, जो भविष्य की स्वास्थ्य सेवा योजनाओं को सशक्त आधार प्रदान करेगी।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार 30 अप्रैल 2025 को सवेरे 11.30 बजे राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन )में आयोजित होगी।
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अस्पताल के वार्डों में खराब पड़े एसी को 24 घंटे में ठीक करने या बदलने के दिए निर्देश
रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज रायपुर के डीकेएस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया और मरीजों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं और व्यवहार के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने पाया कि अस्पताल के कई वार्डों में एयर कंडीशनर (एसी) खराब हैं, जिसके कारण मरीजों को गर्मी में असुविधा हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए श्री जायसवाल ने अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे के भीतर सभी खराब एसी को ठीक करने या नए एसी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और आरामदायक वातावरण प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है और ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया कि मरीजों की सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी कमी को तत्काल दूर किया जाए।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत अपनी मां स्वर्गीय श्रीमती चंपाबती डेका के नाम पर रूद्राक्ष पौधा का रोपण किया।
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नसीम अहमद खान, उपसंचालक जनसंपर्क
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में इन दोनों ग्रामीण विकास एवं सामाजिक सशक्तिकरण का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार एक अभिनव अभियान मोर दुवार- साय सरकार के माध्यम से गरीब ,वंचित और आवासहीन परिवारों के यहां दस्तक देकर उन्हें सम्मान के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर का अधिकार देने में जुटी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बीते दिनों जगदलपुर प्रवास के दौरान घाटपदमपुर ग्राम से इस अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री आवास योजना का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इस बात को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के दूसरे दिन ही कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान कर स्पष्ट कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक पात्र परिवार को पक्का आवास देने के अपने संकल्प को पूरा कर रही है।
छत्तीसगढ़ में चल रही ग्रामीण आवास क्रांति का ही यह परिणाम है कि अब गांवों में विशेषकर पिछड़े और गरीब तबके की बस्तियों में मिट्टी के जीर्णशीर्ण घरों और बांस- बल्ली के सहारे टिकी घास-फूंस की झोपड़ी की जगह अब साफ-सुथरे पक्के मकान बने हुए अथवा बनते दिखाई देने लगे हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सुदूर वनांचल का कोई ऐसा गांव अथवा मजरा- टोला नहीं, जहां 8-10 पक्के घर, प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए हाल- फिलहाल में न बने हों। यह योजना न केवल लाखों गरीब परिवारों को छत दे रही है, बल्कि रोजगार, व्यापार और उद्योगों को भी गति प्रदान कर रही है। इससे सीमेंट, ईट, सरिया और निर्माण सामग्री से जुड़े व्यवसाय में तेजी आयी है। यह जनकल्याण और आर्थिक विकास का एक संतुलित मॉडल है।
छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए कुल 11,50,315 ग्रामीण आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया है, जिसमें से अब तक 9,41,595 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा छत्तीसगढ़ प्रवास दौरान राज्य को अतिरिक्त 3 लाख आवासों की स्वीकृति देने से यह प्रयास और भी व्यापक हो गया है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी ग्रामीण आवासीय पहल है।
राज्य सरकार समाज के सभी वर्ग के पात्र परिवारों के साथ-साथ बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध करा रही है। महासमुंद जिले के धनसुली गांव की कमार बस्ती में 15 से अधिक कमार परिवारों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इससे इन जनजातीय परिवारों के जीवन में स्थायित्व आया है और वे शासन की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का मोर दुवार- साय सरकार अभियान 30 अप्रैल तक तीन चरणों में संचालित है, जिसमें पात्र हितग्राहियों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना और ग्राम सभाओं के माध्यम से सूची का वाचन और शत-प्रतिशत पात्र परिवारों का कवरेज सुनिश्चित करने के साथ ही सर्वेक्षण पूर्ण करने वाले कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा गांव में जाकर सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करना और हितग्राहियों से उनके बारे में जानकारी लेना इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और संकल्पित है।
इस अभियान को जन अभियान का स्वरूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों, जनसेवियों और स्थानीय कलाकारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पीएम आवास पंचायत एम्बेसडर के रूप में नामित व्यक्तियों द्वारा भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। गृह पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता एवं जानकारी की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त, राज्य में जरूरत मंद परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 47,090 आवासों के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 38,632 आवास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य सरकार की विशष पहल पर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ितों परिवारों के लिए 15,000 विशेष आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनका निर्माण कराया जा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों के लिए 42,326 आवास के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तक 27,778 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 6,482 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। नियद-नेल्ला-नार योजना के अंतर्गत अब तक 477 आवास पूर्ण कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बिलासपुर से 3 लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराना इस योजना की सफलता है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 18 लाख पात्र हितग्राहियों को आवास से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ सरकार अब हर हितग्राही को उसका अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही है। मोर दुवार- साय सरकार महाअभियान शासन की संवेदनशीलता, नीति की पारदर्शिता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अभियान केवल योजना की सफलता नहीं, बल्कि एक मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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रायपुर : भारतीय प्रशासनिक सेवा में 243वीं रैंक हासिल करने श्री अभिषेक अग्रवाल को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने शुभकामनाएं दी और शॉल और श्रीफल भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। यूपीएससी में सफलता हासिल करने वाले श्री अग्रवाल ने युवाओं से अपील की कि वे सेल्फ स्टडी और नियमित पढ़ाई की बदौलत सफलता हासिल कर सकते हैं। यूपीएससी में मेहनत और लगन से ही सफलता हासिल की जा सकती है। इसके सफलता के लिए उन्होंने अपने माता-पिता को श्रेय दिया। उल्लेखनीय है कि श्री अभिषेक अग्रवाल सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्री उमेश अग्रवाल के सुपुत्र हैं।
श्री अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सिविल सर्विसेस परीक्षा में यह उनका छठवां अटैम्प्ट था। उन्होंने लगातार पांच बार मेंस की परीक्षा दी है तथा तीन बार इंटरव्यू तक पहुंचे हैं। इस वर्ष उन्हें परीक्षा में रैंक 243 हासिल हुआ है। इसके पहले वर्ष 2021 में उनका चयन 254 रैंक के साथ आईआरएस के पद पर हो चुका है। वर्तमान में श्री अग्रवाल भारतीय वन सेना के अधिकारी हैं। उन्होंने डीपीएस स्कूल रायपुर और आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हैं। बीटेक की पढ़ाई पूरा करते ही वर्ष 2016-17 में उनका चयन अखिल भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के लिए हुआ। श्री अभिषेक अग्रवाल कहते हैं कि मुझे व्यापक क्षेत्र में काम करने की इच्छा थी इसलिए मैंने सिविल सर्विसेज को करियर चुना।
श्री अभिषेक अग्रवाल युवाओं से कहते हैं कि खुद पर विश्वास रखो और मेहनत करो, सफलता जरूर मिलेगी। कोचिंग के साथ आपको सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करना चाहिए स्टैंडर्ड बुक्स पढ़ने चाहिए। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए आपको नियमित रूप से पढ़ाई करना आवश्यक है। उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान आप एआई टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं। भाषा की बाधा को भी अब एआई से पार किया जा सकता है। अब दिल्ली जाने की जरूरत नहीं। कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी करो और समय-समय पर टेस्ट सीरीज देकर खुद का आंकलन करो, इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। श्री अभिषेक अग्रवाल और उनके माता-पिता एवं परिजनों का एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार विश्वरंजन और एसडीएम श्री नंदकुमार चौबे ने भी पुष्पगुच्छ और शाल भेंटकर सम्मानित किया।
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हर माह मिलने वाले एक हजार रूपये से घर की जरूरतें हो रही हैं पूरी
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना आज ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आर्थिक संबल का मजबूत जरिया बन चुकी है। कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड की ग्राम पंचायत लखनपुर में रहने वाली मीरा बाई इसकी एक जीवंत मिसाल हैं। मीरा बाई अपने घर पर कुछ बकरियाँ पालकर गुज़ारा करती हैं। आय का कोई स्थायी स्रोत न होने के कारण महीने के खर्चों में उन्हें काफी कठिनाई होती थी। लेकिन जब से उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपये मिलना शुरू हुआ है, तब से उनकी जिंदगी में राहत आई है।
मीरा बाई कहती हैं कि गांव में किसी महिला को नियमित रूप से हर माह एक तय राशि मिले, ये अपने आप में बड़ी बात है। यह भरोसा बना रहता है कि ज़रूरत के समय कम से कम एक हजार रुपये तो मदद में मिलेंगे।मीरा बताती हैं कि आजकल जब कोई सौ रुपये भी देने को तैयार नहीं होता, तब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू की गई यह योजना उनके जैसे गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि यह राशि हर महीने समय पर उनके बैंक खाते में जमा हो जाती है, जिससे वह साग-सब्जी, राशन और अन्य जरूरी घरेलू सामान आसानी से खरीद पाती हैं और घर के छोटे-मोटे खर्चों में परिवार का हाथ बंटा पाती हैं।
मीरा बाई की तरह गाँव की अन्य महिलाएं भी इस योजना से प्रेरित हो रही हैं। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने की ओर प्रेरित कर रही है और यह दिखा रही है कि सरकार ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कितनी संजीदा है। महतारी वंदन योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के सम्मान, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहद प्रभावी साबित हो रहा है।
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राजनांदगांव की पूजा विश्वकर्मा को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मिली 18 लाख रुपए की सहायता
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इसी योजना के तहत राजनांदगांव जिले की श्रीमती पूजा विश्वकर्मा को समय पर आर्थिक सहायता मिल सकी, जिससे उनका सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट संभव हुआ और उन्हें नया जीवन मिला।
श्रीमती पूजा विश्वकर्मा के पति श्री आनंद विश्वकर्मा पेशे से एसी मैकेनिक हैं और अपने सीमित संसाधनों में परिवार का भरण-पोषण करते हैं। जब श्रीमती पूजा को गंभीर लिवर की बीमारी का पता चला और डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता जताई, तब परिवार के सामने लगभग 26 लाख रुपए के खर्च की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई।
पहले एम्स रायपुर और फिर एम्स दिल्ली में उपचार चलने के बाद वर्ष 2025 में रायपुर के श्री नारायणा हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई। इस जटिल और खर्चीले उपचार में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य सरकार से मिली 18 लाख रूपए की आर्थिक सहायता श्रीमती पूजा के जीवन की रक्षा का आधार बनी।श्री आनंद विश्वकर्मा ने योजना के प्रति आभार जताते हुए कहा, “जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कही और खर्च बताया, तो हम बिल्कुल टूट चुके थे। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना ने हमें न केवल हिम्मत दी, बल्कि मेरी पत्नी का जीवन भी बचाया। अगर यह योजना न होती, तो मेरी पत्नी को बचा पाना मुश्किल था। मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद नागरिकों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सहायता हेतु राज्य रकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना ने अब तक अनेक मरीजों को नवजीवन प्रदान किया है और प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक सशक्त सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में स्थापित हो चुकी है।
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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा आई.आई.टी., भिलाई के बीच हुआ पांच वर्षीय समझौता
रायपुर : छत्तीसगढ़ के दो प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), भिलाई शिक्षा, शोध तथा प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। दोनों संस्थानों के विद्यार्थियां के प्रशिक्षण, गुणवत्तापूर्ण स्नातकोत्तर शोध, संकाय शोध तथा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास की संयुक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आज यहां दोनों संस्थानों के मध्य पांच वर्षीय समझौता किया गया। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के निदेशक डॉ. राजीव प्रकाश ने हस्ताक्षर किये। प्रदेश के दो उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के बीच हुए समझौते से राज्य में शोध, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), भिलाई एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक प्रमोशन सोसायटी के मध्य स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एवं प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग हेतु भी समझौता ज्ञापन किया गया।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के मध्य संपन्न समझौते के तहत दोनो संस्थानों में स्नातकोत्तर तथा शोध पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शोध कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए दोनों संस्थान एक-दूसरे को मान्यता देंगे। दोनों पक्ष चुनौतीपूर्ण शोध समस्याओं पर केन्द्रित संयुक्त सहयोगी शोध में भी संलग्न होंगे, जिससे समस्या की पहचान, जैविक सामग्री के आदान-प्रदान तथा शोध कार्यां का संपादन किया जा सकेगा। दोनों संस्थानों में उपलब्ध शोध सुविधाओं और पुस्तकालय सुविधाओं का उपयोग भी किया जा सकेगा। शैक्षणिक शोध और प्रशिक्षण के लिए छात्रों का आदान-प्रदान होगा तथा वे दोनों संस्थानों में उपलब्ध छात्रावास सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे। दोनों संस्थान उपलब्ध सूचनाओं, वैज्ञानिक या तकनीकी डेटा, प्रौद्योगिकी तथा अन्य जानकारियों का भी परस्पर उपयोग कर सकेंगे। समझौते के तहत दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य भी एक-दूसरे संस्थान में शोध एवं अनुसंधान कार्य संपादित कर सकेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संपन्न समझौता समारोह में कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. विनाय पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, निदेशक विस्तार डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेश प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. राजेन्द्र लाकपाले सहित अनक प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार गोयल ने सौजन्य भेंट की और आयोग की गतिविधियों से अवगत कराया।
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एक ही छत के नीचे मिलेगी खरीदारी और मनोरंजन की सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में जोरा मॉल का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद लिया और सभी के सुख, समृद्धि और मंगल की कामना की। इस दौरान उन्होंने मॉल में सर्व सुविधायुक्त सिनेमा हॉल का शुभारंभ किया और राज्य सरकार के सुशासन पर आधारित एक वीडियो देखा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राजधानी वासियों के लिए आज का दिन बेहद खास है। यह नया प्रतिष्ठान लोगों को आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुएं, मनोरंजन और सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएगा। इससे आसपास के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। श्री साय ने कहा कि यह मॉल आने वाले समय में शहरी जीवनशैली को और अधिक सहज, समृद्ध और सुविधाजनक बनाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लगभग 12 वर्षों की यात्रा के बाद यह प्रतिष्ठान अपने वास्तविक स्वरूप में बनकर तैयार हुआ है। प्रतिष्ठान के संचालक अनुभवी है और उद्योगपति के रूप में उनके लंबे अनुभवों का लाभ इस नए प्रतिष्ठान को भी मिलेगा। उन्होंने क्षेत्रवासियों और प्रतिष्ठान से जुड़े सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े मॉल का आज विधिवत शुभारंभ हुआ है। 12-13 वर्ष पहले ट्रेजर आईलेंड के नाम से इस मॉल का काम प्रारम्भ हुआ, परन्तु लम्बी यात्रा के बाद आज नए कलेवर के साथ इसका शुभारम्भ हुआ। यह मॉल रायपुर और प्रदेशवासियों के लिए बेहतरीन खरीदी एवं मनोरंजन का केंद्र होगा। राजधानी रायपुर देश में विकसित राजधानी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है और यह मॉल इस पहचान को स्थापित करने में अपना योगदान देगा।
शुभारंभ समारोह को उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी संबोधित कर अपनी शुभकामनाएं दी।
इस शुभ अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री अमर अग्रवाल, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, सीएसआईडीसी के चेयरमैन श्री राजीव अग्रवाल, सीएमडीसी के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह, आरडीए के अध्यक्ष श्री नंदकुमार साहू, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष श्री प्रभतेज सिंह भाटिया, मॉल के संचालक श्री विजय झावर भी उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हरित ऊर्जा की दिशा में एक और कदम
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक और अहम कदम उठाते हुए रायपुर स्थित गांधी भवन में सौर ऊर्जा आधारित सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना का उद्देश्य भवन की विद्युत आवश्यकताओं को पर्यावरण अनुकूल तरीके से पूरा करना है।
खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय और राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी के बीच इस संबंध में आज महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में गांधी भवन में सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना और उसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों अध्यक्षों ने परियोजना को शीघ्र अमल में लाने के लिए परस्पर समन्वय स्थापित करने पर सहमति जताई।यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ की हरित ऊर्जा नीति को मजबूती देगी, बल्कि गांधी भवन जैसे ऐतिहासिक स्थल को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग का प्रेरणादायक उदाहरण भी बनाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा के प्रचार-प्रसार एवं उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है और यह परियोजना उसी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के पंडरी में स्वरा प्रतिष्ठान का भव्य शुभारंभ किया और प्रतिष्ठान के संचालक को अपनी शुभकामनाएं दी। स्वरा प्रतिष्ठान में शहरवासियों को आधुनिक फैशन और डिजाइनर कपड़ों का अच्छा कलेक्शन मिलेगा।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण हेतु शुरू की गई महतारी वंदन योजना ग्रामीण जरूरतमंद महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई है। विकासखंड पाली के ग्राम तिवरता की निवासी रेखा दास महंत इसकी एक जीवंत मिसाल हैं, जिनका जीवन इस योजना से बदल गया है। रेखा दास महंत पहले अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कभी पड़ोसियों से, तो कभी रिश्तेदारों से उधार मांगने को मजबूर थीं। कई बार बेहद जरूरी कार्यों के लिए भी उन्हें मदद नहीं मिलती थी। लेकिन अब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने एक हज़ार रुपये की नियमित आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उनके छोटे-मोटे घरेलू खर्च आसानी से पूरे हो जाते हैं।
रेखा कहती है कि अब मुझे अपनी छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। हर माह खाते में आने वाली राशि से दाल-चावल, बच्चों की जरूरतें और अन्य ज़रूरी सामान खरीद लेती हूं। रेखा के पति श्री गणेश दास खेती-किसानी करते हैं, लेकिन सिंचाई की समस्या के कारण धान की पैदावार कम होती है। ऐसे में घर का सारा भार रेखा पर आ जाता था। लेकिन अब, महतारी वंदन योजना की राशि ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है।
रेखा को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी प्राप्त हुआ है। अब उनका परिवार कच्चे मकान की असुविधा से मुक्त होकर पक्के घर में सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहा है। वह बताती हैं कि पहले बरसात में घर टपकता था, बच्चे बीमार पड़ते थे। अब पक्के मकान में से जीवन में राहत आ गई है।
रेखा दास महंत ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सरकार वास्तव में गरीबों की सरकार है। महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना ने हम जैसे परिवारों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है। महतारी वंदन योजना से अब हम जैसी महिलाओं को एक नया संबल मिला है। यह योजना, नारी गरिमा, स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। -
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मिनीमाता के मूर्ति अनावरण एवं सम्मान समारोह में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा है कि सतनामी समाज एवं छत्तीसगढ़ के गौरव पूर्व सांसद स्वर्गीय मिनीमाता का जीवन जन सेवा एवं संघर्षों में व्यतीत हुआ है। उन्होंने गरीबों, दीन-हीनों एवं जरूरतमंदों की सेवा में आजीवन अपने आप को समर्पित किया था। उनका पूरा जीवन मानवता एवं जन कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम भंडेरा में आयोजित स्वर्गीय मिनीमाता के मूर्ति अनावरण एवं सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद और श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम में कहा कि उस दौर में जब महिलाओं को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी, स्वर्गीय मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल हुआ था। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचित वर्गों के साथ-साथ पीड़ित मानवता की सेवा में मिनीमाता का योगदान अनुपम एवं अद्वितीय है। हम सभी को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा की सीख मिनीमाता से लेना चाहिए।
सांसद श्री भोजराज नाग ने वंचित वर्गों के कल्याण तथा समाज के नवनिर्माण में स्वर्गीय मिनीमाता के योगदानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मिनीमता ने जीवन पर्यंत समाज में फैली कुरीतियों और विसंगतियों को दूर करने में बहुमूल्य भूमिका निभाई। विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा ने स्वर्गीय मिनीमाता के योगदानों को रेखांकित करते हुए उन्हें समाज के शोषित, पीड़ित एवं वंचित वर्गों का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि आप सबकी कृपा और आशीर्वाद से ग्राम भंडेरा के मेरे जैसे एक साधारण व्यक्ति को विधायक बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले समाज के प्रतिभाशाली लोगों का सम्मान किया गया। पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पूर्व विधायक सर्वश्री बिरेन्द्र साहू, राजेन्द्र राय, दयाराम साहू तथा नगर पंचायत गुण्डरदेही के अध्यक्ष श्री प्रमोद जैन सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा सतनामी समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
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नामांतरण के लिए अब पंजीयन अधिकारी अधिकृत
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की अधिसूचना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में राजस्व प्रशासन पारदर्शी और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 24 की उप-धारा (1) के अधीन तहसीलदार को प्राप्त नामांतरण की शक्तियां जिले में पदस्थ रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार को दी गई है। ये अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में पंजीकृत विक्रय पत्र के निष्पादन हेतु अधिकृत होंगे। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने इसे एक जनहितैषी और दूरदर्शी निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया के सरलीकरण से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि से संबंधित विवादों में कमी आएगी। आम लोगों को सुविधा मिलेगी और भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग सचिव श्री अविनाश चंपावत ने बताया कि यह अधिसूचना 24 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आ चुकी है और इसे सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन द्वारा जारी अधिसूचना के तहत अब पंजीयन अधिकारी रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार को उस क्षेत्र में पंजीकृत विक्रय पत्रों के आधार पर भूमि के हस्तांतरण का अधिकार सौंपा गया है। पूर्व में यह अधिकार तहसीलदार को प्राप्त था। जो कि भू-राजस्व संहिता की धारा 110 के तहत कार्य करते थे। अब इस बदलाव से भूमि क्रय-विक्रय प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम नागरिकों को कम समय में प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा। -
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रायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम के निर्देश पर राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा खरीफ वर्ष 2025 के लिए अनाज, दलहन एवं तिलहन, आधार-प्रमाणित बीजों के विक्रय दर का निर्धारण किया गया है। गौरतलब है कि राज्य स्तरीय बीज विक्रय दर निर्धारण समिति की बठैक 11 अप्रैल को आयोजित की गई थी।
भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में प्रावधान अनुसार उत्पादन एवं वितरण अनुदान की राशि को घटाकर बीज विक्रय दर निर्धारित किया गया है। राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि आधार बीजों की विक्रय दरें प्रमाणित बीजों की विक्रय दरों से प्रति क्विंटल 100 रूपए अधिक होगी। कृषि विभाग द्वारा उत्पादन एवं वितरण अनुदान की राशि प्रावधान अनुसार छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लि. को देय होगी।
अधिकारियों ने बताया कि निगम द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार धान मोटा, कृषकों के लिए 3,550 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 3,408 रूपए प्रति क्विंटल है। इसी प्रकार धान पतला कृषकों के लिए 4,030 रूपए प्रति क्विंटलऔर सहाकरी समितियों के लिए 3,869 रूपए प्रति क्विंटल है, धान सुगन्धित के लिए 4,650 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 4,464 रूपए प्रति क्विंटल है, कोदो के लिए 7,300 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 7,008 रूपए प्रतिक्विंटल है, रागी के लिए 4,500 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 4,320 रूपए प्रति क्विंटल, उड़द कृषकों लिए 11,300 रूपए प्रति क्विंटल और सहाकारी समितियों के लिए 10,848 रूपए प्रति क्विंटल, मूंग के कृषकों लिए 11,400 रूपए प्रति क्विंटल और सहाकारी समितियों के लिए 10,944 रूपए प्रति क्विंटल, कुल्थी के कृषकों लिए 7,750 रूपए प्रति क्विंटल और सहाकारी समितियों के लिए 7,440 रूपए प्रति क्विंटल हैं।
इसी प्रकार सोयाबीन कृषकों लिए 7,400 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 7,104 रूपए प्रति क्विंटल, मूंगफली के कृषकों लिए 11,900 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 11424 रूपए प्रति क्विंटल, तिल कृषकों लिए 19,300 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 18,528 रूपए प्रति क्विंटल, रामतिल कृषकों लिए 13,000 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 12,480 रूपए प्रति क्विंटल, ढेंचा कृषकों लिए 9,900 रूपए प्रति क्विंटल और सहाकारी समितियों के लिए 9,504 रूपए प्रति क्विंटल, सनई कृषकों लिए 11,600 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 11,136 रूपए प्रति क्विंटल है। इसी तरह अरहर 10 वर्ष के अन्दर 11,800 रूपए प्रति क्विंटल और सहकारी समितियों के लिए 12,500 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
371 बच्चों ने दी परीक्षा, 122 बच्चें हुए क्वालीफाई
राज्य में 15 प्रयास आवासीय विद्यालय है संचालित
अब तक प्रयास विद्यालय के 122 विद्यार्थी आईआईटी, 356 विद्यार्थी एनआईटी, 960 समकक्ष परीक्षा में और 70 विद्यार्थी एमबीबीएस में हो चुके है चयनित
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और मंत्री श्री राम विचार नेताम ने दी बधाई एवं शुभकामनाएंरायपुर : जेईई मेंस-2025 के घोषित परिणामों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस वर्ष जेईई मेंस परीक्षा में बैठे प्रयास आवासीय विद्यालय के कुल 371 बच्चों में से 122 ने क्वालीफाई किया है। विद्यार्थियों की इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ उनके गांव एवं समाज में हर्ष का माहौल है। विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
वर्तमान में राज्य में कुल 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जबकि वर्ष 2025-26 में राजनादंगावं एवं बलरामपुर में एक-एक नवीन प्रयास आवासीय विद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनके प्रारंभ होने से राज्य में प्रयास विद्यालयों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। ज्ञात हो कि अब तक प्रयास आवासीय विद्यालय के 122 विद्यार्थी आईआईटी एवं समकक्ष में, 356 विद्यार्थी एनआईटी एवं समकक्ष में, 960 समकक्ष में एवं 70 एमबीबीएस हेतु चयनित हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध उपलब्ध कराना, उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने हेतु सक्षम बनाकर व्यावसायिक उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश कराना तथा उन्हें जीवन में स्थिरता प्रदान करना है।आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष जेईई मेंस के घोषित परिणामों में प्रयास, बालक आवासीय विद्यालय, रायपुर का परीक्षा परिणाम सबसे अच्छा रहा है, इसके जेईई एडवासं परीक्षा में बैठे कुल 153 बच्चों में से 69 ने मेंस क्वालीफाई किया है। इनकी सफलता का प्रतिशत लगभग 45 प्रतिशत रहा है, जो कि राष्ट्रीय स्तर की इतनी कठिन परीक्षा के हिसाब से उत्कृष्ट कहा जा सकता है। इसी प्रकार प्रयास आवासीय विद्यालय, अंबिकापुर के परीक्षा में बैठे 44 में से 16 बच्चों ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है। प्रयास, दुर्ग के परीक्षा में बैठे 46 में से 12 बच्चे, प्रयास, कांकेर के परीक्षा में बैठे 23 में से 08 बच्चे, जबकि प्रयास, जशपुर के परीक्षा में बैठे 38 में से 09 बच्चों ने तथा प्रयास, कोरबा के परीक्षा में बैठे 30 बच्चों में से 01 ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है।
इसी प्रकार प्रयास, जगदलपुर के परीक्षा में बैठे 37 बच्चों में से 07 ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है। प्रदेश के सुदूर नक्सल प्रभावित अंचल के बच्चों का राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में सफल होना विभाग के साथ-साथ राज्य के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार इस वर्ष कुल मिलाकर 122 विद्यार्थियों का आईआईटी एवं आईआईटी प्रिपरेटरी में चयन होने की संभावना है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने कार्यभार ग्रहण के दूसरे ही दिन बाल श्रम की रोकथाम को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में व्यापक छापेमारी अभियान के निर्देश जारी किए हैं।डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को आठ बिंदुओं पर आधारित सुनियोजित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रम का उन्मूलन एक दिवस की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सतत अभियान है, जिसे निरंतरता से संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के बाल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल राज्य में बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि अप्रैल 2025 से प्रारंभ होकर प्रत्येक तीन माह में सात दिवसीय प्रदेशव्यापी छापामारी अभियान चलाया जाए। इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस प्रशासन और संबंधित थाना क्षेत्रों की भागीदारी से विशेष दलों का गठन किया जाएगा। अभियान के दौरान पाए गए बाल श्रमिकों को तत्काल आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि इन कार्यवाहियों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पूरी तरह पालन किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस (12 जून 2025) को सार्थक बनाते हुए, प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
आम नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए, डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग के अंतर्गत टोल फ्री नंबर की स्थापना और उसके सक्रिय संचालन की अनुशंसा की है, जिससे बाल श्रम संबंधी सूचनाएं त्वरित रूप से प्राप्त की जा सकें।बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि बचाए गए बालकों के परिवारों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए जिला कलेक्टोरेट स्तर पर ‘एकल खिड़की व्यवस्था’ स्थापित करने की सिफारिश की गई है, जिससे प्रभावित परिवारों को समुचित और त्वरित सहायता दी जा सके।डॉ. शर्मा के यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री साय एवं मंत्री श्रीमती राजवाड़े की मंशा के अनुरूप बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक प्रभावी और दूरदर्शी कदम माने जा रहे हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमतिरामानुजगंज विघानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माण
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष् रखा गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। -
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रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर ने सोमवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उनका अभिवादन किया। कार्यभार ग्रहण के बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं - छात्रवृत्ति, प्राधिकरण, वन अधिकार अधिनियम, पीएम जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, निर्माण शाखा एवं अन्य योजनाओं की संक्षेप में जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।इस अवसर पर अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस.भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्री एल.आर.कुर्रे एवं श्रीमती मेनका चंद्राकर एवं कार्यपालन अभियंता श्री त्रिदीप चक्रवर्ती उपस्थित थे।
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औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहल
श्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।