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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
शिक्षक बनने के साथ रहन-सहन में आया बदलावतेजी से सुधर रही है आर्थिक स्थितिरायपुर : पहाड़ी कोरवा युवक दुखुराम की अब दिनचर्या ही बदल गई है। राज्य शासन से नौकरी मिलने के पश्चात एक नया सपना सजने लगा है। कुछ साल पहले रोजगार नहीं होने से पूरा दिन जंगलों में चार, तेंदू, महुआ आदि फल-फूल एकत्रित करने में समय गुजर जाता था। भूख मिटाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। ऐसे में एक सामान्य जनजीवन व्यतीत करना एक कल्पना ही थी। लेकिन यह कल्पना एक दिन हकीकत में बदल जायेगी यह पहाड़ी कोरवा दुखुराम ने भी नहीं सोचा था। राज्य शासन की पहल ने आज उसे इस मुकाम पर ला खड़ा किया है कि अब वह इतिहास में जाना नही चाहता। सरकारी नौकरी के बाद अपनी दुखों से दूर हुए पहाड़ी कोरवा दुखुराम अपना भविष्य सुधारने के साथ बच्चों का भविष्य बनाने की सोचने लगा है। नौकरी से न सिर्फ दुखुराम का जीवन बदला है, उनकी पत्नी सहित परिवार को भी जीवन का सुख मिलने लगा है।
वर्तमान में कोरबा जिले के ग्राम पेण्ड्रीडीह में रहने वाला पहाड़ी कोरवा युवक दुखुराम को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी प्रदान की गई है। वह कोरबा मुख्यालय के सुदूरवर्ती क्षेत्र श्यांग-अमलडीहा से लगे ग्राम आमाडांड के शासकीय प्राथमिक शाला में बच्चों को अध्यापन कराता है। प्रतिदिन ग्राम पेण्ड्रीडीह से अपने स्कूल आमाडांड की दूरी बाइक से तय करने वाले दुखुराम ने बताया कि वह समय पर स्कूल पहुंच जाता है। पेण्ड्रीडीह में उनके रिश्तेदार रहते हैं, इसलिए यहीं निवास करता है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में नौकरी करना कठिन लगा क्योंकि उसे जंगल में रहने की आदत थी। लेकिन धीरे-धीरे आदत बदल गई और स्कूल माहौल में रहने से काम करने में झिझक भी मिटने लगी।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से समय-समय पर जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के सदस्यों को उनकी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी से जोड़कर उनके जीवन स्तर को बदलने का कार्य किया जाता है। पहाड़ी कोरवा दुखुराम भी इन्हीं प्रयास का एक हिस्सा है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा जिले में बड़ी संख्या में निवासरत पीवीटीजी के उत्थान की दिशा में 8 वीं से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले पहाड़ी कोरवाओं को डीएमएफ के माध्यम से मानदेय के आधार पर स्कूल तथा अस्पताल में रोजगार देने का न सिर्फ पहल किया है बल्कि सभी का बेहतर भविष्य बनाने के साथ आने वाले पीढ़ियों को भी समाज के मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में कदम उठाया है। कोरबा जिले में डीएमएफ से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली है।
नौकरी से बदली लाइफ स्टाइल
शासकीय सेवा में आने के साथ ही कोरवा युवक दुखुराम का रहन-सहन में काफी परिवर्तन आ गया है। एक शिक्षक के रूप में पहनावा और स्कूली विद्यार्थियों के बीच उनके व्यवहार में परिवर्तन आया है। नौकरी के बाद प्रतिमाह समय पर वेतन मिल जाने से उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी है। दुखुराम ने बताया कि वेतन का कुछ रकम बचत करता है ताकि वह भी आने वाले समय में अपने बच्चों का भविष्य बना सके। दो साल पहले ही शादी के बंधन में बंधे दुखुराम ने बताया कि उसे भी मोटर साइकिल चलाने, मोबाइल का शौक था।नौकरी पाकर मोटर साइकिल और मोबाइल की शौक पूरी कर चुका है, अब जल्दी ही घर में टीवी सहित अन्य जरूरी सामान भी लेगा। उधर दुखुराम की पत्नी जून बाई का कहना है कि अब पति नौकरी करते हैं तो फिर आस-पास की महिलाओं के साथ महुआ, चार, तेंदूपत्ता के लिए जंगल जाना छूट गया है और उनकी भी कोशिश है कि जंगल की ओर जाने की बजाय बेहतर है कि एक नया जीवन जीकर आने वाली पीढ़ी को संवारने का काम किया जाएं। -
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एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पीपल के पौधे का किया रोपणनवा रायपुर में 204.84 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पणरायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा परिसर में ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग एवं स्मार्ट स्कूल सहित 204.84 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया।इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, खेल युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्व श्री राजेश मूणत, किरण देव, पुरंदर मिश्रा, इंद्रकुमार साहू, मोती लाल साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक लाख पौधों का होगा रोपण
नवा रायपुर अटल नगर द्वारा ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ कार्यक्रम में एक लाख से अधिक स्थानीय प्रजाति के बड़े पेड़ रोपे जाएंगे। वर्तमान में 21,000 से अधिक पीपल के वृक्ष लगाये जा चुके हैं। नवा रायपुर अटल नगर का लक्ष्य है कि शहर में किसी भी स्थान पर खड़े होने पर पीपल का वृक्ष दिखाई दे।
पीपल के वृक्ष के संबंध में श्रीमद भगवद्गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘‘वृक्षों में मैं पीपल हूं।’’ पीपल का वृक्ष 100 वर्षों से अधिक एवं 24 घण्टे जीवनदायिनी वायु प्रदान करने वाला वृक्ष है। कार्यक्रम अंतर्गत युवाओं को जोड़ने एवं जन सुविधा हेतु मोबाईल एप के माध्यम से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ में वर्चुअल एडॉप्शन की सुविधा का उपयोग कर 2000 से ज्यादा जन सामान्य सहभागी भी बन चुके हैं।
रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग
नवा रायपुर अटल नगर से अन्य शहरों की कनेक्टीविटी के लिए बिछाई गई रेलवे लाईन में शहर के मध्य रेलवे स्टेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह स्टेशन 75 करोड़ रूपए की लागत से तैयार की गई है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 4 रेलवे स्टेशन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। नवा रायपुर अटल नगर में लगभग 5.3 किलोमीटर में स्मार्ट सडक एवं अन्य आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण 35.25 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है। 100 बस के अतिरिक्त 148 कार, टैक्सी और लगभग 250 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा 23.12 करोड़ रूपए की लागत से विकसित की गई है।
विश्वस्तरीय स्मार्ट स्कूल
राखी गांव में विश्वस्तरीय स्मार्ट शैक्षणिक व्यवस्था की सुविधा एवं वृहद बहुद्देशीय सभागार प्रदान करने के लिए 18 करोड़ रूपए हायर सेकेण्डरी स्कूल तैयार किया गया है। इससे 1200 से ज्यादा बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा का माहौल मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु 11 करोड़ रूपए की लगात से भवन निर्मित किया गया है। इस स्कूल में 950 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। नवा रायपुर अटल नगर के 11 ग्रामों में 10.35 करोड़ रूपए की लागत से प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है, जिससे लगभग 4300 स्कूली बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा।
भू-संवर्धन एवं वृक्षारोपण
बागवानी कार्य में जल निकायों का विकास के लिए 16 करोड़ रूपए की लागत से मंत्रालय के निकट जल संवर्धन, नालों, तालाबों को पुनर्जीवित करना एवं वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। इसके अलावा वर्षा जल की प्राकृतिक धाराओं को विकसित कर भू-जल स्तर को बढाने के लिए 16.12 करोड़ रूपए की लागत से आवश्यक कार्य एवं नये तालाबों का निर्माण तथा वृक्षारोपण कार्य किये गये है। -
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बीजापुर जिले के कई युवाओं ने पहली बार देखी राजधानी रायपुररायपुर : माओवादी आतंक से प्रभावित बीजापुर जिले के पालनार कैम्प के आस-पास के 5 गांव के 31 युवाओं ने आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से नवा रायपुर में मुलाकात की। इनमें से कई युवा पहली बार बीजापुर से निकलकर राजधानी रायपुर आये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह ने इन बच्चों से हाल-चाल पूछा और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इन बच्चों ने राजधानी रायपुर के भ्रमण के दौरान पुरख़ौती मुक्तागन, महानदी भवन मंत्रालय, मीवान स्टील प्लांट, मैग्नेटो मॉल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, पुरखौती मुक्तांगन, रेलवे स्टेशन और मैग्नेटो माल का भ्रमण किये। 23 अगस्त की रात से यह युवा रायपुर पहुँचे हैं। युवा कल गंगरेल बांध घूमते हुए वापस बीजापुर लौट जाएँगे।
गौरतलब है कि पालनार सुरक्षा कैम्प के आस-पास के इन बच्चों के गांवों में नियद नेल्लानार योजना के तहत सड़क, बिजली पानी राशन, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी सहित सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत सुरक्षा कैम्प के पांच किलोमीटर की परीधि के गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है। बीजापुर जिले के सुरक्षा कैम्पों के पास के 33 गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है।
बीजापुर जिला प्रशासन की पहल पर पालनार कैम्प के पास के इन गांवों के बच्चों को राजधानी रायपुर में औद्योगिक विकास सहित रोजगार के क्षेत्र में नए नए अवसर एवं विकास की सभी गतिविधियों से परिचित कराया गया है। इससे इन युवाओं में नए उत्साह का संचार दिख रहा है। ये युवा अब रोज़गार मूलक गतिविधियों से जुड़कर अपना नया और सुंदर भविष्य बनाना चाहते हैं। -
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राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिन्दू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन देंगे अपना उद्बोधन25 अगस्त को रायपुर में लगेगा संघ का महाकुम्भ, स्व. कुंदन लाल जैन की स्मृति में होगा व्याख्यानमाला का आयोजनरायपुर : रायपुर महानगर के पूर्व संघचालक स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी की पुण्य स्मृति में राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में स्मृति विचार माला के द्वितीय पुष्प का आयोजन होने जा रहा है। श्री कुंदन लाल जैन स्मृति विचार मंच के बैनर तले आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में "राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण" विषय पर जैन समाज के गुरु पावन निश्रा परमपूज्य श्री विराग मुनिश्री जी, सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता श्री विष्णु शंकर जैन जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना जी अपना उद्बोधन देंगे।कार्यक्रम 25 अगस्त 2024, रविवार को आयोजित है। प्रातः 11:00 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में आधे घंटे का प्रश्नकाल रखा गया है। जिसमें उपस्थित गणमान्य जन अपने सवाल मुख्य अतिथियों से पूछ सकेंगे।
राष्ट्रभक्ति और सनातन की सेवा से ओतप्रोत इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिन्दू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जी के ओजस्वी उद्बोधन को सुनने का अवसर मिलेगा। 9 अक्टूबर 1986 को जन्मे विष्णु शंकर जैन ने बचपन से ही अपने पिता श्री हरिशंकर जैन को हिंदू धर्म और सनातनी मूल्यों के लिए लड़ते देखा है। उन्होंने 2010 में अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और अपने पिता के सानिध्य में कानून का अभ्यास शुरू किया।
विष्णु शंकर जैन ने अपने करियर की शुरुआत अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले से की, इस मामले में अपने पिता श्री हरि शंकर जैन की सहायता करते हुए 2011 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती दी। 2016 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की परीक्षा पास की और 2016 में ही अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। ऐसे 102 मामले हैं जिनमें पिता-पुत्र में से कोई एक या दोनों हिंदू पक्षों की ओर से अदालत में पेश हुए। सबसे पुराना मामला 1990 का है।उनमें से कई मामले निर्णायक रूप से जीते गए हैं। कुछ अन्य पर अभी भी विभिन्न अदालतों में मामला चल रहा है। मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का मामला उन प्रमुख मामलों में से एक है जिसमें वे हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ज्ञानवापी जैसे जटिल मामलों की लड़ाई भी विष्णु शंकर जैन लड़ रहे हैं। बता दें कि विष्णु शंकर जैन जी का आगमन कल सायं 07:00 बजे रायपुर के माना विमानतल में होगा।
गौरतलब है कि आदर्शवादी व्यक्तित्व, मातृभूमि को समर्पित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारों से ओत प्रोत माँ भारती के सपूत, रायपुर महानगर के पूर्व संघचालक स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी का जन्म सन् 1947 में हुआ था। स्व. कुंदन लाल जैन जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक थे। उन्होंने 2 वर्ष तक संघ में प्रचारक जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया। उन्होंने जीवनपर्यंत संघ द्वारा सौंपे गए विभिन्न दायित्वों का निष्ठा के साथ निर्वहन किया। वे उड़ीसा में रहने के दौरान प्रांत कार्यवाह
स्व. कुंदन लाल जैन जी ने अपने सानिध्य में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन एवं सहयोग किया। मिलनसार, सरल और सहयोगी व्यक्तित्व के कारण जो भी उनके संपर्क में आया उसने शांति और आनंद की अनुभूति प्राप्त की। स्व. कुंदन लाल जैन जी का पूरा संपूर्ण जीवन समाज के लिए प्रेरणादायी है। महान व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जी जैन के जीवन से प्रेरणा लेकर विभिन्न सामाजिक आयोजन इस मंच के माध्यम से समय-समय पर किए जा रहे हैं। 25 अगस्त को होने वाले इस महती कार्यक्रम में आप सभी सादर आमंत्रित हैं। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह का विमानतल पर किया आत्मीय स्वागतरायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय प्रवास पर आज रात राजधानी रायपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू सहित छत्तीसगढ़ मंत्री परिषद के सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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कृषि वैज्ञानिकों ने नियंत्रण और उपचार के बताया प्रभावी उपायरायपुर : राज्य सरकार कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को कृषि उपचार के लिए निरन्तर सलाह प्रदान कर रहे हैं। प्रदेश के जिलों में खेती-किसानी में होने वाले बीमारियों को जिलावार चिन्हाकित कर कीटनाशक छिड़काव के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में सुकमा जिले के विभिन्न गांवों में धान के खेतों मे पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप दिखाई दिया है इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है। इसके उपचार के लिए कीटनाशक छिड़काव के विधि और तरीके बताए गए हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र, सुकमा के कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के मुरतोणडा, पेरमापारा, नीलावरम, तोगपाल, सोनाकुकानार, नयानार, रामपुरम का मैदानी भ्रमण के दौरान धान के खेत में पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप पाया गया, इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है। इस कीट की इल्ली अवस्था फसल को नुकसान पहुंचाती है इस कीट की इल्ली अपने लार द्वारा पत्ती की नोंक को या पत्तियों के दोनों सिरो को चिपका लेती है इस तरह इल्ली इसके अंदर रहकर पत्तियों के हरे भाग (क्लोरोफिल) को खुरच खुरच कर खा जाती है जिसके कारण पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती है, जिसकी वजह से पत्तियों में भोजन बनाने की प्रकिया नहीं हो पाती है।कीट द्वारा ग्रसित पत्तियाँ बाद में सुखकर मुरझा जाती हैं व फसल की बढवार भी रूक जाती हैं। इसके नियंत्रण और उपचार के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने प्रभावी उपाय अपनाने किसानों को सलाह दिया। जिनमें खेतों एवं मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखें। संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का उपयोग करें। खेतों मे चिडियों के बैठने के लिए टी आकार की पक्षी मीनार लगाए। रात्रि चर कीट को पकड़ने के लिए प्रकाश प्रंपच या लाइट ट्रैप खेतो में लगाए। अण्डे या इल्ली दिखाई देने पर उसे इकट्ठा करके नष्ट करें। कीट से प्रभावित खेतों में रस्सी चलाएं।
कृषि वैज्ञनिकों ने बताया कि बारिश रुकने व मौसम खुला होने पर कोई एक कीटनाशक का स्प्रे काराये। क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 1250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50रू एस.पी. 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर या क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5ः एस.सी. 150 ग्राम प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत ई.सी.200 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का उपयोग करके प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं, ठीक न होने पर 15 दिन बाद दूसरे कीटनाशक का छिडकाव करें और अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके ही रासायनिक दवाइयों का उपयोग करें। -
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में मेगा ईवेंट में होंगे वर्चुअल रूप से शामिलप्रधानमंत्री राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों से करेंगे संवादमंत्री श्री नेताम ने मेगा ईवेन्ट के तैयारियों के लिए अधिकारियों को दिए निर्देशरायपुर : आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम की पहल पर छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातीय बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबुझमाड़िया एवं बिरहोर बाहुल बसाहटों में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 23 अगस्त से 10 सितंबर तक मेगा अभियान चलेगा। राज्य के 18 जिलों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) संचालित है।इन जिलों में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आगामी सितम्बर माह में मेगा ईवेंट और आईईसी कैंपेन का आयोजन होगा। माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होकर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के साथ संवाद करेंगे। गौरतलब है कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवम्बर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम जनमन का शुभारंभ किया था।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पीएम जनमन योजना के तहत झारखंड में आयोजित किए जा रहे हैं राष्ट्रीय मेगा ईवेंट में शामिल होंगे तथा देश के सभी पीवीटीजी बसाहट वाले जिलों को संबोधित करते हुए टू वे कनेक्टिविटी के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। उन्हांेने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति वाले किसी एक जिले में राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट के लिए चिन्हित किया जाएगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि मेगा ईवेंट के अतिरिक्त बाकी सभी पीएम-जनमन के जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन सभी आयोजनों में झारखण्ड राज्य से प्रधानमंत्री का संबोधन और संवाद सुचारु रुप से देखने और सुनने के लिए टू-वे-कनेक्टिविटी की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन आयोजनों में स्थानीय विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति को लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि लाभार्थी सतृप्ति शिविरों का आयोजन 23 अगस्त 2024 से 10 सितंबर 2024 तक किया जाना है। इन शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, वन अधिकार पत्र राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम मातृत्व वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल की जांच एव मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं आदि से लाभान्वित की जानी है। इसका उद्देश्य सभी पीवीटीजी बसाहटों में तात्कालिक गतिविधियों की शत-प्रतिशत संतृप्ति की जानी है।
लाभार्थी संतृप्ति शिविर गहन रूप से सभी पीवीटीजी बसाहटों, जिलों में चलाए जाएंगे। इस लाभार्थी संतृप्ति शिविर का मुख्य फोकस यूआईडीएआई के तहत नामांकन एवं आधार कार्ड जारी करना पीएम जनधन के तहत बैंक खाता खोलना, सभी पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाना, सभी पीवीटीजी को सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी कर वन अधिकार पत्र जारी करना तथा पीवीटीजी बसाहटों में सिकल सेल बीमारी की जांच (ैबतममदपदह) आदि कार्य किए जाएंगे। पीएम-जनमन के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों जैसे प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण), संपर्क सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, नल से जल, विद्युतिकरण आदि की जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश में भारत सरकार द्वारा घोषित 05 विशेष रुप से कमजोर जनजाति समूह क्रमशः बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर जनजाति समूहों तथा बसाहटों के त्वरित विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना क्रियान्वित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इन वर्गों का समग्र विकास करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार मिलकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि भारत सरकार द्वारा इन वर्गों के उत्थान के लिए प्रारंभ किया गया यह महाअभियान अल्प समय में ही लोकप्रिय हो रहा है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में त्रिपुरा राज्य के त्रिपुरा-पूर्व लोकसभा क्षेत्र की सांसद एवं कवर्धा राजपरिवार की रानी श्रीमती कृति देवी ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान उनके पति कवर्धा राजपरिवार के राजा एवं पूर्व विधायक श्री योगेश्वरराज सिंह भी मौजूद थे। -
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दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंताकृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आयोजन के लिए दी शुभकामनाएंरायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में 29 एवं 30 अगस्त को कृषि अभियंताओं का 36वां राष्ट्रीय सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी ‘‘सतत विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु कृषि अभियंताओं का योगदान’’ विषय पर आयोजित की जाएगी। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।उन्होंने कहा कि कृषि अभियंताओं के सम्मेलन से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के हित में नये तथ्य सामने आएंगे। आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग, उत्पादन में बढ़ोत्तरी के उपायों के संबंध में नई जानकारी सामने आएगी। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) छत्तीसगढ़ स्टेट सेन्टर, रायपुर एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि अभियांत्रिकी संकाय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सम्मेलन सह संगोष्ठी में वर्तमान समय में कृषि के विकास हेतु बहु प्रासंगिक विषयों जैसे इंजीनियरिंग इनपुट का संरक्षण और प्रबंधन, फार्म मशीनरी, कृषि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, मिट्टी और जल संरक्षण और प्रबंधन’’ आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।इनमें मुख्यतः कृषि में जुताई-बुआई से लेकर कटाई-मड़ाई एवं प्रसंस्करण की क्रियाओं का मशीनीकरण, कृषि में ड्रोन का उपयोग, रिमोट सेंसिंग एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग, कृषि बागवानी में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स एवं आई.ओ.टी. का प्रयोग आदि विषयों पर सार्थक संवाद, प्रदर्शन, प्रस्तुतिकरण एवं विचारों का आदान-प्रदान होगा।
कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन एवं कृषि कार्यों के समय पर संपादन में कृषि श्रमिकों की घटती उपलब्धता के परिपेक्ष्य में कृषि अभियंताओं के बढ़ते महत्व एवं कस्टम हायरिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में अभियंता, उद्यमी, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शोधकर्ता, प्रगतिशील कृषक एवं देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्वत्तजन शामिल होंगे तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए यथोचित रणनीति को अंतिम रूप देंगे।
कार्यक्रम के आयोजक सचिव एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता के उपाध्यक्ष डॉ. नूतन दास, आई.आई.टी. खड़गपुर के पूर्व प्राध्यापक एवं सी.एस.वी.टी.यू., भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, परभणी विश्वविद्यालय केकुलपति डॉ. इंद्रमणी, डॉ. सिंह कुलपति मेरठ विश्वविद्यालय, डॉ. गौड़ कुलपति, वैशाली, बिहार, डॉ. अम्बष्ठ अध्यक्ष, सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ. सयाली, सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता, डॉ. ए.के. सिंह, सहायक महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ. रमना राव, निदेशक एन.आई.टी., रायपुर, डॉ. मेहता निदेशक, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल, सहित देश भर के विख्यात विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल आज राजधानी के अनेक अस्पतालों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में मौजूद व्यवस्था और सुविधाओं का जायजा लिया, साथ ही व्यवस्था में कमियां मिलने पर इन्हें तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके अलावा अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने को लेकर भी निर्देश जारी किए।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार लगातार प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने और लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुए घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री साय से चर्चा के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल आज राजधानी रायपुर के अस्पतालों का निरीक्षण करने निकले थे।
इस दौरान सबसे पहले वे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय व पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों से व्यवस्था और सुविधाओं को लेकर जानकारी ली। साथ ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन और अम्बेडकर अस्पताल प्रशासन से भी अस्पताल में मौजूद सुविधाओं को लेकर चर्चा की।यहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल जिला अस्पताल पंडरी पहुंचे। इसी कड़ी में मातृ एवं शिशु हॉस्पिटल पुलिस लाईन टिकरापारा का निरीक्षण किया। इन सभी अस्पतालों में व्यवस्था और सुविधाओं में विस्तार को लेकर आवश्यक निर्देश स्वास्थ्य मंत्री ने दिए। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने को लेकर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा जाएगा साथ ही बताया कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में हथियारबंद सुरक्षा जवान तैनात करने पर विचार कर रही है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ई-आफिस प्रणाली, स्वागतम पोर्टल और मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाईन पोर्टल का किया शुभारंभमुख्यमंत्री ने ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश देने संबंधी फाइल का अनुमोदन कर ई-ऑफिस प्रणाली का किया शुभारंभशासकीय कामकाज को पारदर्शी बनाने और व्यवस्थित करने ई-आफिस प्रणाली की शुरुआतमंत्रालय में आमजनों के सुगम प्रवेश के लिए स्वागतम पोर्टल का शुभारंभरायपुर : छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और शासकीय काम-काज में पारदर्शिता लाने के लिए सभी क्षेत्रों में आईटी का व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल शुरू हो गया है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज तीन पोर्टलों ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पहल से सुशासन के साथ शासकीय कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार सरकारी काम-काज में अधिक से अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अधिकाधिक क्षेत्रों में आईटी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि भष्ट्राचार की गुंजाईश न रहे। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर ये तीनों ऑनलाईन पोर्टल तैयार किए गए हैं, जिसका शुभारंभ आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बटन दबाकर मुख्यमंत्री ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्य सचिव को सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के निर्देश देने संबंधी फाइल का डिजिटल अनुमोदन कर ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि सुशासन के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ई-आफिस प्रणाली और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस और सरकारी काम में पारदर्शिता के उद्देश्य से सभी विभागों में आईटी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर ले जाने के लिए हम काम कर रहे है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम लोगों ने सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता और आमजन की सुविधा के लिए एक साथ तीन-तीन ऑनलाइन प्रणाली का शुभारंभ किया है। तीनों पोर्टल का शुभारंभ प्रदेश में सुशासन स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा। ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों के निराकरण में अनावश्यक देरी नहीं होगी। गलती की गुंजाइश कम होगी। फाइल किस स्तर पर है, इसकी ट्रेकिंग हो सकेगी।
इसी तरह मंत्रालय में मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों और अधिकारियों से मिलने जो आंगतुक आते है, उनकी सुविधा के लिए स्वागतम पोर्टल भी शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सीएमओ पोर्टल के शुभारंभ की जानकारी देते हुए बताया कि इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों, जनहितैषी फैसलों और काम-काज की जानकारी आम लोगों को मिलेगी।
गौरतलब है कि ई-ऑफिस प्रणाली शुरुआती चरण में सामान्य प्रशासन विभाग में लागू किया गया है, जिसे क्रमशः सभी विभागों में लागू किया जाएगा। ई-आफिस प्रणाली में आफिस के दस्तावेज डिजिटल किये जाएंगे। दस्तावेज को एक आफिस से दूसरे आफिस भेजे जाने पर काफी समय लगता था, यह समय अब बच जाएगा। इसके साथ ही दस्तावेज में हेरफेर किये जाने की गुंजाईश समाप्त हो जाएगी। दस्तावेजों के खोने या गायब होने की दिक्कत नहीं रहेगी। डिजिटल माध्यम में दस्तावेज अधिक सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब तय समय-सीमा पर फाइलों का निराकरण हो सकेगा। इससे अधिकारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग भी आसान हो सकेगी। ई-आफिस सिस्टम आने से आम जनता के लिए भी अपने आवेदनों के निराकरण की स्थिति जानने में आसानी होगी।
इसी प्रकार मंत्रालय में प्रवेश हेतु स्वागतम पोर्टल के माध्यम से आगंतुकों के प्रवेश की व्यवस्था आसान हो जाएगी। आगंतुकों से संबंधित विवरणों के संधारित हो जाने से मंत्रालय परिसर की सुरक्षा सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही सीएमओ पोर्टल का भी आज शुभारंभ किया गया। सीएमओ पोर्टल के माध्यम से शासकीय योजनाओं की जानकारी एक क्लिक पर लोगों को मिल सकेगी। इस पोर्टल के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति इतिहास और अन्य विशेषताओं के बारे में लोग जान पाएंगे। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों और उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, श्री बसवराजू एस, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री अन्बलगन पी. सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। -
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स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवनवृत्त और शासन की योजनाओं का किया जा रहा टाउन हॉल में प्रदर्शनप्रदर्शनी देखने रोज पहुंच रहे विद्यार्थी और विभिन्न वर्ग के लोगस्कूली विद्यार्थियों के बीच क्विज और वाद-विवाद प्रतियोगिता का हो रहा आयोजनरायपुर : 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर के कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित 7 दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी और विभिन्न वर्ग समुदाय के लोग टाउन हॉल पहुंच रहे हैं। यहां प्रदेश सरकार की उपलब्धियों एवं देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों की स्मृतियों को बड़े ही आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी में स्कूली विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक है।
प्रदर्शनी देखने के लिए यहां प्रतिदिन आने वाले स्कूली विद्यार्थियों के मध्य क्विज प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन तथा विजयी प्रतिभागियों को तत्काल मिलने वाले पुरस्कार से प्रदर्शनी को लेकर स्कूली विद्यार्थियों और युवाओं में रूझान बढ़ा है। क्विज प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए इस क्षेत्र के अनुभवी श्री अनंत विकास अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्कूली विद्यार्थियों के मध्य आयोजित उक्त दोनों प्रतियोगिताओं में छत्तीसगढ़ के इतिहास, भूगोल, पुरातत्व पर्यटन, संस्कृति, लोक कला, खेती-किसानी सहित अन्य विषय पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं और सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाता है।
भिलाई की रहने वाली नर्सिंग की छात्रा सुश्री चेतना साहू आज टाउन हॉल पहुंची प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद उन्होंने कहा कि ऐसी रोचक और ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी पहली बार देखी है, जिसमें छत्तीसगढ़ के वीर क्रांतिकारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। यह लोगों और विशेष कर युवाओं के लिए ज्ञानवर्धक व उपयोगी है। उन्होंने बताया कि शासन की योजनाओं की जानकारी सिर्फ राज्योत्सव के स्टाल में देखने को मिलती थी। छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने का यह प्रयास सराहनीय है। अधिवक्ता श्री सुरेंद्र वर्मन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों और पुरोधाओं के बारे में रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियां छायाचित्र में प्रदर्शित की गई है, जो नई पीढ़ी और युवाओं के लिए प्रेरक है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इस प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बीते 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया था। सात दिवसीय यह प्रदर्शनी 21 अगस्त तक चलेगी। छायाचित्र प्रदर्शनी में आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का योगदान और उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान उनकी जीवन यात्रा, जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन एवं स्वतन्त्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में उनके योगदानों को प्रदर्शित किया गया है।इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित की गई है। मुख्य योजनाओं महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, रामलला दर्शन योजना, कृषक उन्नति योजना, महिला सशक्तीकरण, पीएम जनमन योजना, मुख्यमंत्री जनदर्शन आदि प्रमुख रूप से शामिल है। प्रदर्शनी में अयोध्या के भव्य राम मंदिर में विराजित रामलला की प्रतिमूर्ति रखी गई है। प्रदर्शनी स्थल पर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया जा रहा है। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 806.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 20 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1740.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 440.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 799.1 मिमी, बलरामपुर में 1160.5 मिमी, जशपुर में 648.0 मिमी, कोरिया में 815.9 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 817.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 689.8 मिमी, बलौदाबाजार में 828.5 मिमी, गरियाबंद में 766.3 मिमी, महासमुंद में 580.5 मिमी, धमतरी में 729.1 मिमी, बिलासपुर में 715.0 मिमी, मुंगेली में 789.3 मिमी, रायगढ़ में 722.9 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 458.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 800.0 मिमी, सक्ती 677.4 मिमी, कोरबा में 1006.4 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 756.7 मिमी, दुर्ग में 512.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 640.1 मिमी, राजनांदगांव में 836.6 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 935.1 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 595.4 मिमी, बालोद में 857.1 मिमी, बेमेतरा में 464.9 मिमी, बस्तर में 886.6 मिमी, कोण्डागांव में 803.9 मिमी, कांकेर में 1039.4 मिमी, नारायणपुर में 944.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 1025.1 मिमी और सुकमा जिले में 1118.0 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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आगामी सितम्बर माह में राज्य के 18 जिलों में होगा वृहद आयोजनप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट में होंगे वर्चुअल रूप से शामिलप्रधानमंत्री विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों से करेंगे संवादरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के पहल पर छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल बसाहटों में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा राज्य के 18 जिलों में आगामी सितम्बर माह में इसके लिए मेगा ईवेंट और आईईसी कैंपेन चलाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सितंबर 2024 के प्रथम सप्ताह में ऐसे आयोजनों में वर्चुअल रूप से शामिल होकर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के साथ संवाद करेंगे।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पीएम जनमन योजना के तहत झारखंड में आयोजित किए जा रहे हैं राष्ट्रीय मेगा ईवेंट शामिल होंगे तथा देश के सभी पीवीटीजी बसाहट वाले जिलों को संबोधित करते हुए टू वे कनेक्टिविटी के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। उन्हांेने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति वाले किसी एक जिले में राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट के लिए चिन्हित किया जाएगा।
श्री बोरा ने बताया कि मेगा ईवेंट के अतिरिक्त बाकी सभी पीएम-जनमन के जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन सभी आयोजनों में झारखण्ड राज्य से प्रधानमंत्री का संबोधन और संवाद सुचारु रुप से देखने और सुनने के लिए टू-वे-कनेक्टिविटी की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन आयोजनों में स्थानीय विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति को लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
श्री बोरा ने बताया कि लाभार्थी सतृप्ति शिविरों का आयोजन 23 अगस्त 2024 से 10 सितंबर 2024 तक किया जाना है। इन शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, वन अधिकार पत्र राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम मातृत्व वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल की जांच एव मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं आदि में संतृप्ति की जानी है। इसका उद्देश्य सभी पीवीटीजी बसाहटों में तात्कालिक गतिविधियों की शत-प्रतिशत संतृप्ति की जानी है।
लाभार्थी संतृप्ति शिविर गहन रूप से सभी पीवीटीजी बसाहटों, जिलों में चलाए जाएंगे। इस लाभार्थी संतृप्ति शिविर का मुख्य फोकस यूआईडीएआई के तहत नामांकन एवं आधार कार्ड जारी करना पीएम जनधन के तहत बैंक खाता खोलना, सभी पात्र लाभार्थिया का आयुष्मान भारत कार्ड बनाना, सभी पीवीटीजी को सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी करना वन अधिकार पत्र जारी करना तथा पीवीटीजी बसाहटों में सिकल सेल बिमारी की जांच ¼Screening½ आदि कार्य किए जाएंगे। पीएम-जनमन के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों जैसे प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण), संपर्क सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, नल से जल, विद्युतिकरण आदि की जानकारी दी जाएगी। -
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बेहतर काम कर रहा है राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान: डॉ. रमन सिंहविधानसभा अध्यक्ष लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिलराष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के कैलेण्डर, प्रसार पत्रक और अर्धवार्षिकी पुस्तिका का किया विमोचनकिसानों को पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर का किया वितरणरायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं।उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था।तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।
भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है। एक ओर जहाँ अन्न के आभाव में बहुत सारे देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहे हैं तब दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान यह दिखाता है कि जैविक तनाव कृषि के लिए कितनी बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए इस संस्थान द्वारा रणनीति बनाकर और तकनीकी रूप से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है। प्रदेश के 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है। उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष किसानों को 6000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले ’पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किश्त जारी कर, किसानों के बैंक खातों में 20,000 करोड़ रूपये अंतरित की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पीकेवीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी ढेरों योजनाओं के माध्यम से श्री मोदी ने देश के अन्नदाताओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमने देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर तथा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा। धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनाया।
प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया। 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी।इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खाता में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस की राशि अंतरित कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी पूरा किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है।इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष तथा आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है।
छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है। किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो। उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल में हुआ था। यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि परिणाम है। उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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की जयंती पर उन्हें किया नमनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कला साधक और संगीत विशेषज्ञ महाराजा चक्रधर सिंह की 19 अगस्त को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ को देश के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में संवारने का श्रेय महाराजा चक्रधर सिंह को जाता है। उनका संगीत और शास्त्रीय नृत्य कला की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंनेे कत्थक के विशिष्ट स्वरुप को विकसित किया, जिसे रायगढ़ घराने के नाम से जाना जाता है। साथ ही उन्होंने नृत्य और संगीत विधा की कई बंदिशों और साहित्यिक कृतियों की रचना भी की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संगीत और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजा चक्रधर सिंह सम्मान दिया जाता है। संगीत और नृत्य कला के संवर्धन और संरक्षण में महाराज चक्रधर सिंह के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए हर वर्ष रायगढ़ में अखिल भारतीय चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कलाकार प्रस्तुति देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराज चक्रधर सिंह को उनके संगीत और कला के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। रक्षाबंधन पर्व की पूर्वसंध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में श्री साय ने कहा है कि भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का पर्व ’रक्षाबंधन’ हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण त्यौहार है।इस दिन बहनें मंगल कामना के साथ अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार अपनी बहनों के साथ सभी महिलाओं के प्रति सम्मान, सुरक्षा और अस्मिता के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध करता है। -
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रायपुर : हाथ नहीं, लेकिन पैरों से वर्षा धु्रव ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को राखी बांधी। रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पहुंची धमतरी की दिव्यांग बालिका वर्षा ध्रुव ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं, मैंने मुख्यमंत्री को राखी बांधी। जैसे एक भाई अपनी बहन की रक्षा करते है, वैसे ही हमारे मुख्यमंत्री प्रदेश की बहनों की रक्षा करते हैं।
धमतरी की दिव्यांग बालिका वर्षा ध्रुव ने पैरों से राखी बांधी और मुख्यमंत्री श्री साय को अपनी पैरों से मिठाई भी खिलाई। मुख्यमंत्री इस दौरान थोड़े भावुक भी हुए और कहा कि वर्षा की जीजीविषा और स्नेह ने इस मौके बहुत खास बना दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने वर्षा को उपहार स्वरूप मिठाईयां भेंट की और उसे सुखद भविष्य की शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है कि वर्षा ध्रुव धमतरी में दिव्यांग बच्चों के लिए कार्य कर रही संस्था एक्ज़ेक्ट फ़ाउण्डेशन में पढ़ाई कर रही है। वर्षा धु्रव के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन अपने पैरों से सारे काम कर लेती है। -
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कौशल विकास प्रशिक्षण गतिविधियों की समीक्षारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशा के अनुरूप युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए स्थानीय उद्योगों के मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं राज्य परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज सोसायटी के अंतर्गत संचालित कौशल प्रशिक्षण की गतिविधियों की समीक्षा की।
मंत्री श्री कश्यप ने राज्य के युवाओं और महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर उन्हें आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। बैठक में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन एवं छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को स्वयं का रोजगार स्थापित करने हेतु संभागवार बैंक में लंबित प्रकरणों की समीक्षा कलेक्टर स्तर पर किये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने बस्तर क्षेत्र में स्थानीय आवश्यकताओं जैसे बेलमेटल, बॉस शिल्प, टेराकोटा एवं इमली, लाख, हर्रा बहेरा, छिन्द, फुड प्रोसेसिंग इत्यादि कोर्स में तथा बाजार मांग के अनुरूप ट्रेडों का चिन्हांकन कर प्रशिक्षण देने के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने युवाओं में सोशल मिडिया के प्रति रूचि एवं इस क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावना को देखते हुए सोशल मिडिया से संबंधित कोर्स में संचालित करने को कहा।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक युवाओं का सर्वे कर उनकी रूचि के अनुसार कौशल प्रशिक्षण जिला मुख्यालय अथवा उनके निवास स्थान के समीप प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण कराया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछ्डी जनजातियों के युवाओं को लाईवलीहुड कॉलेज द्वारा संचालित आजीविका विकास कार्यक्रम अथवा अन्य कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के तहत प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए।मंत्री श्री कश्यप ने बस्तर संभाग के जिलों में निर्माणाधीन छात्रावास को जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित कर प्रशिक्षण प्रारंभ कराए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। -
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एचआईवी और यौन संचारित संक्रमणों के बारे में आम जनता विशेषकर युवाओं के ज्ञान के स्तर को बढ़ाने के लिए है गहन आईईसी अभियानरायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर के कालीबाड़ी स्थित डी बी गर्ल्स कॉलेज में गहन आईईसी अभियान का शुभारंभ किया गया है। श्री जायसवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शिरकत की और युवाओं से अपने साथियों और अपने समुदाय में जागरूकता का संदेश फैलाने का आग्रह किया।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के सुझावों के अनुसार, राज्य भर में एचआईवी और यौन संचारित संक्रमणों के बारे में आम जनता विशेषकर युवाओं के ज्ञान के स्तर को बढ़ाने के लिए गहन आईईसी अभियान शुरू किया गया है। इस मौके पर श्री जायसवाल ने एड्स की रोकथाम हेतु जन जागरुकता रथ वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और महिलाओं को विशेष रूप से एचआईवी और एसटीआई के बारे में जागरूक करना तथा एच.आई.वी./एड्स संक्रमितों के प्रति होने वाले भेदभावों को कम करना है ।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के माध्यम से राष्ट्रव्यापी एच.आई.वी./एड्स के रोकथाम की जन-जागरूकता हेतु सघन प्रचार-प्रसार कार्यक्रम (आईईसी) आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे शहरी तथा ग्रामीण नागरिकों एवं युवाओं को जागरूक किया जा सके ताकि एच.आई.वी./ एड्स संक्रमण पर नियंत्रण एवं रोकथाम किया जा सके ।छत्तीसगढ़ में आज से राज्य स्तरीय एच.आई.वी/एड्स के रोकथाम हेतु सघन प्रचार-प्रसार कार्यक्रम शुरू किया गया, जो कि विशेषकर पांच जिलों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर एवं सरगुजा के गांव-गांव में किया गया। इसके माध्यम से शहरी तथा ग्रामीण जन को जागरूक किया जा सकेगा ।
इसके लिए राज्य में कला दलों के माध्यम से विशेष कार्यक्रम, विभागीय कर्मचारियों, पीयर एजुकेटर, परामर्शदाताओं आदि के माध्यम से ग्राम स्तर पर परिचर्चा, उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से सभी कॉलेजों तथा हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से ग्राम सभा में परिचर्चा, नगरीय प्रशासन विभाग के सहयोग से स्ट्रीट वेंडरों का संवेदीकरण तथा युवाओं तक पहुंचने के लिये एड्स नियंत्रण के सोशल मीडिया प्लेटफार्म, एस.एम.एस., दूरदर्शन, आकाशवाणी, एफ.एम. चौनलों, साईकिल बाईक रैली, युवाओं की रैली के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से एनसीसी ग्रुप कमाण्डर ब्रिग्रेडियर श्री वी.एस. चौहान वीएसएम ने सौजन्य मुलाकात की। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से छत्तीसगढ़ एवं ओड़िषा सब एरिया कमाण्डर बिग्रेडियर श्री अमन आनंद ने सौजन्य मुलाकात की। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से एंटी नक्सल टास्क फोर्स के कमाण्डर एयर कमोडोर श्री फेलिक्स पैट्रिक पिंटों ने सौजन्य मुलाकात की। -
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प्रदेश के विभिन्न जिलों में 17 अक्टूबर 2023 से 09 मार्च 2025 तक होगा स्वदेशी मेले का आयोजनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा आयोजित होने वाले ‘स्वदेशी मेला’ की विवरणिका (ब्रोशर) का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को कार्यक्रम के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। गौरतलब है कि प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय विपणन विकास केंद्र (स्वदेशी जागरण फाउंडेशन की इकाई) द्वारा किया जाएगा।भारतीय विपणन विकास केंद्र के मेला प्रबंधक श्री सुब्रत चाकी ने बताया कि पिछले दो दशक से यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष विभिन्न जिलों में आयोजित किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि स्वदेशी मेला भारतीय उद्यमियों के लिए नए व्यावसायिक अवसर उपलब्ध करता है।
यह मेला भारतीय उत्पादकों, ग्रामीण, कुटीर, निजी, सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के लिए लाभकारी व्यापार उपक्रम के रूप में उभरा है। जिससे इस कार्यक्रम की लोकप्रियता आमजन के बीच बढ़ती जा रही है। इस वर्ष यह स्वदेशी मेला कबीरधाम में 17 से 23 अक्टूबर, बिलासपुर में 15 से 21 नवम्बर, रायपुर में 27 दिसम्बर 2024 से 3 जनवरी 2025, राजनांदगांव में 7 फ़रवरी से 13 फरवरी 2025 व जगदलपुर में 2 मार्च से 9 मार्च 2025 तक आयोजन किया जाएगा।इस अवसर पर डॉ. रामप्रताप सिंह, प्रान्त समन्वयक श्री जगदीश पटेल, श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल, श्री प्रवीण मैशेरी, श्रीमती शीला शर्मा, श्री युगबोध अग्रवाल, श्री अमर बंसल, स्वदेशी मेला एवं भारतीय विपणन विकास केंद्र के प्रबंधक श्री सुब्रत चाकी, श्री अमरजीत सिंह छाबड़ा एवं अन्य स्वदेशी कार्यकर्ता उपस्थित थे। -
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राज्यपाल श्री डेका ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री बाजपेयी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलिरायपुर : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज राज्यपाल श्री रमेन डेका ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री बाजपेयी विराट व्यक्तित्व, महान वक्ता, जननायक होने के साथ-साथ अजातशत्रु थे जिनका सभी दलो के लोग बराबर सम्मान करते थे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने श्री बाजपेयी से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया और कहा कि वे छोटे-बड़े सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखते थे और सम्मान करते थे। श्री डेका ने 1978-79 में उनके असम दौरे के संबंध में स्मृतियां साझा की।
राज्यपाल श्री डेका ने भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए श्री बाजपेयी के योगदान का उल्लेख करतेे हुए कहा कि विदेश एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर भारत का मजबूती से पक्ष रखकर उन्होंने देश का मान बढ़ाया। भारत को जब कमजोर देश समझा जाता था, तब पोखरण में परमाणु परीक्षण कर उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित किया।इस कदम से उन्होंने भारत को विश्व में एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। राज्यपाल ने श्री वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल को अभूतपूर्व बताया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, एवं राजभवन के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी पुष्पाजंलि अर्पित की।
































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