सीएम बघेल ने राज्य के आर्थिक संकट पर चिंता जताई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां 80 फीसदी लघु उद्योग फिर से शुरू हो गए हैं और लगभग 85,000 श्रमिक काम पर लौट आए हैं. बता दें कि सीएम बघेल ने केंद्र से आर्थिक पैकेज के लिए कई बार पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं.
-
रेड क्रॉस मतलब वैश्विक आपदा में सहयोग की भावना जागृत करना
रायपुर 7 मई : ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’को मनाने का उद्देश्य आपदा या युद्ध की स्थिति में फंसे लोगों को इस स्थिति से बाहर निकालना और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटी के संस्थापक, सन्1901 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन के अवसर पर हर वर्ष 8 मई को दुनिया भर में ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ मनाया जाता है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे पर ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट मूवमेंटके सिद्धांतों को बढ़ावा देना और इसकी खुशी मनाना है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है।
कोरोना महामारी(कोविड-19) में लोगों को जागरूक करने की प्रक्रिया अनवरत रूप से चल रही है। रेडक्रास के राज्य प्रभारी समीर यादव ने बताया इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एवं राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके के मार्गदर्शन में जिला शाखाओ द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम में प्रदेश में 1000 रेडक्रॉस वालेंटियर्स सेवाएं दे रहे है जिससे लगभग 18000 लोगो को राहत पहुचायी गयी है। उन्होने बताया रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा मास्क एवं सेनेटाइजर का वितरण,सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूकता कार्यक्रम,सामुदायिक किचन,और क्वारेंटाइन किये गए लोगो के लिए दैनिक आपूर्ति की सामग्री बांटी जा रही है।जन जागरूकता हेतु पम्पलेट और अन्य सामग्री का वितरण;एवं जगदलपुर जेल से लगभग 10,000 मास्क एवं आजीविका मिशन से लगभग 15,000कपड़ो के मास्क क्रय कर वितरण भी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्वयं सेवक दिवस के रूप में मनाया जाने वाला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी’ के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है। भारत में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक और टीबी को लेकर प्रमुख रूप से काम कर रही है। भारत में रेड क्रॉस की 700 से अधिक ब्रांच हैं हर वर्ष ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ दुनिया भर में लोगों का जीवन बचाने के लिए मनाया जाता है। इस सोसाइटी का नारा है:`अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें’। इसके मुख्य सिद्धांतों में मानवता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, तटस्थता, सार्वभौमिकता, स्वैच्छिकता और एकता शामिल हैं। -
छत्तीसगढ़ के लिए राहत की खबर आई है एम्स ने 2 और कोरोना मरीजों के स्वस्थ्य होने की जानकारी दी है स्वस्थ्य हुए लोगों में एम्स का नर्सिंग स्टाफ भी है, जो पिछले दिनों ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गया था अब प्रदेश में कुल 21 एक्टिव केस बचे हैं जिनमे रायपुर से 1, सूरजपुर से 5, दुर्ग से 9 और कबीरधाम से 6 मरीज शामिल हैं। फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है.
-
- आवागमन सेवा बाधित होने से इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे बच्चे
- लॉकडाउन के पूर्व 9 बच्चों का चल रहा था इलाज
रायपुर 7 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में अतिकुपोषित बच्चों को इलाज मुहैय्या कराने की आवश्यकता को देखते हुए कुपोषित और एनीमिक बच्चों के लिए एनआरसी सेंटर, न्यूट्रीशन रिहैब्लीटेशन सेंटर या पोषण पुनर्वास केन्द्र से पुनः इलाज की सुविधा मुहैय्या कराई जा रही है। लॉकडाउन में थोड़ी ढील प्रशासन से मिलने के बाद कालीबाड़ी अस्पताल में उक्त सेंटर पुनः शुरू किया गया है। हालांकि आवागमन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से सेंटर खुलने पर अभी एक बच्ची ही पहुंची है जिसका इलाज जारी है।
इससे पूर्व लॉकडाउन की इस घड़ी में कालीबाड़ी एनआरसी सेंटर के विशेषज्ञों द्वारा फोन के माध्यम से कुपोषित बच्चों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा था। साथ ही वजन की जांच के लिए भी अन्य माध्यमों का सहारा लेकर उनकी निगरानी रखी जा रही थी। महामारी संक्रमणकाल के पूर्व पोषण पुनर्वास केन्द्र में 9 बच्चों का इलाज हो रहा था जिन्हें लॉकडाउन की वजह से घर भेज दिया गया था । परंतु फोन पर ही उनका फॉलोअप जारी था। एनआरसी सेंटर इंचार्ज व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय मोझरकर का कहना है शहरी क्षेत्र के बच्चे सेंटर में ज्यादा आते हैं। अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज परम आवश्यक होता है। अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 162 अतिकुपोषित और रक्तअल्पता वाले बच्चों का इलाज सेंटर में हुआ है। सेंटर के जरिए कई ऐेसे मरीजों को भी दाखिल कर पूर्णतः स्वस्थ्य किया गया है जिनका हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से काफी कम था । ऐसे बच्चों को दवाईयों और देखभाल से उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया है।
18 माह की बच्ची पहुंची सेंटर- एनआरसी सेंटर के पुनः खुलते ही 18 माह की बच्ची रोशनी (काल्पनिक नाम) अस्पताल पहुंची है। डॉ. निलय के अनुसार बच्ची का वजन 4.2 किग्रा है, बच्ची को दाखिल कर इलाज जारी है। आने-जाने का साधन नहीं मिलने की वजह से अभी सेंटर आने वाले बच्चों की संख्या कम है ।
इनका प्रशिक्षण भी - सेंटर इंजार्ज डॉ. निलय मोझारकर के अनुसार सेंटर में 10 बिस्तरों की व्यवस्था है जिसमें 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों का इलाज होता है। परंतु कई बार ऐेसी स्थिति होती है कि यह बिस्तर भी कम लगने लगते हैं। प्रतिवर्ष लगभग 1000 से अधिक बच्चे सेंटर में उपचार के लिए आते हैं जिन्हें परामर्श या भर्ती कर ( जैसा उचित हो) इलाज किया जाता है। भर्ती के दौरान बच्चों की मां या उनकी देखभाल करने वालों को घर में मौजूद सामान से भोजन को कैसे पौष्टिक बनाया जाए इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा आयरन, फोलिक एसिड खुराक, कृमि नाशक दवाएं, टीकाकरण आदि के बारे में भी बताया जाता है। छुट्टी के बाद बच्चों का फालोअप भी होता है जो 15-15 दिनों के अंतराल पर बच्चों को बुलाकर किया जाता है। एनआरसी में रहने वालों को सरकार की ओर से मुफ्त में खाना और अटेंडेंट को 2250 रूपए (15 दिनों के हिसाब से) दिया जाता है। - रायपुर, 06 मई : राजधानी के आमानाका इलाके के कुकुरबेड़ा मुहल्ले में कोरोना पॉजिटिव 24 वर्षीय युवक के मिलने के बाद आसपास क्षेत्र को कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से लगे कंटेंमेंट एरिया जो कि प्रभावित इलाका कुकुरबेडा के 1500 घरों का सर्वे करने एक टीम में एक एएनएम और दो मितानिनों की 20 टीमें बनाई गई हैं। कंटेंमेंट जोन के 12000 लोगों का सर्वे कर कोरोना वायरस के लक्षण जैसे सर्दी, सांस लेने में तकलीफ, खांसी व बुखार के मरीज मिलने स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। सर्वे टीम को मंगलवार के दिन 700 घरों के 6000 लोगों की जांच में सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण वाले संदिग्ध लोगों का भी सेम्पल लिया जाएगा। आज लगातार दूसरे दिन भी 800 घरों का सर्वे किया गया है। कोरोना पाजेटिव युवक के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले 38 लोगों का भी स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है। इसमें से सभी का सेम्पल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है। युवक के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले 16 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है।
सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया, कुकुरबेड़ा मुहल्ले में कोरोना पॉजेटिव केस मिलने के बाद पूरे इलाके को कलेक्टर क निर्देश पर सील कर दिया गया है। वहीं बाहरी लोगों की आवाजाही बंद कर दिए गए हैं। मुहल्ले के लोगों को सिर्फ इमेंजेंसी सेवा के लिए ही घर से निकलने की इजाजत दी गई है। साथ कंटेंमेंट जोन के किराना दुकानों को भी 14 दिन के लिए बंद कराया गया है। कंटेंमेंट एरिया के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की पहचान कर सेम्पल लिया जाएगा।
नगर निगम जोन -8 ने कुकुरबेडा एवं उसके आसपास के एरिया सहित कंटेंमेंट जोन के पूरे एरिया को लगातार दूसरे दिन एन्टी कोरोना वायरस स्प्रे करके सेनेटाइज किया। नगर निगम के जोन स्वास्थ्य अधिकारी आत्मानन्द साहू के निर्देश पर कुकुरबेडा में एवं आसपास के स्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीज के पूरे घर सहित पूरे कंटेंमेंट जोन एरिया को सेनेटाइज किया जा रहा है। पूरे कुकुरबेडा सहित कंटेंमेंट जोन के सम्पूर्ण क्षेत्र में नालो व नालियों के किनारे चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का सघन तरीके से छिड़काव भी कराया जा रहा है। -
रायपुर : आज सोनिया गांधी की अध्यक्षा में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुआ कोरोना संकट को लेकर सोनिया गांधी ने बैठक में उपस्थित सभी मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जिसके बाद सोनिया गांधी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की 17 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर सरकार की आगे की क्या रणनीति है? राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति के बारे में पता होना चाहिए. सोनिया गांधी द्वारा आयोजित इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव और रोकथाम, लॉक डाउन के संबंध मेंं आगे की रणनीति की जानकारी दी।
-
रायपुर : शंकर नगर इलाके में पुलिस ने 50-50 रुपए के नोट बरामद किया है पुलिस ने नोटों को सेनेटाइज कर जब्त कर ली है।
यह नोट किसने फेंका इसकी जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
-
· यूनिसेफ, डब्ल्यूएफपी सहित अन्य संस्थाओं ने तैयार की मार्गदर्शिका
· कोरोना के बीच माताओं के बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने की दी सलाह
· कोरोना काल में मातृ पोषण कार्यक्रमों के बेहतर संचालन को लेकर मार्गदर्शन
रायपुर 5 मई : कोरोना संक्रमणकाल में लोगों का पूरा ध्यान इस संक्रमण से बचाव की तरफ है। वैश्विक स्तर पर इसकी रोकथाम के प्रयासों के साथ उपचार की तकनीक विकसित करने पर भी कार्य किया जा रहा है । महामारी के इस दौर में मातृ स्वास्थ्य के लिए भी कई चुनौतियाँ बढ़ी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण एक तरफ मातृ पोषण सेवाओं को प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं तो दूसरी तरफ़ मातृ आहार एवं पोषण पर महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने की समस्या भी बढ़ी है। इसको ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम(डब्ल्यूएफपी), ग्लोबल न्यूट्रीशन क्लस्टर्स एवं ग्लोबल टेक्निकल एस्सिटेंस मैकेनिज्म फॉर न्यूट्रीशन ने संयुक्त रूप से मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं को लेकर मार्गदर्शिका तैयार की है जिसमें कोरोना संक्रमण के इस दौर में मातृ आहार एवं पोषण को सुरक्षित करने के लिए विस्तार से जानकारी दी गयी है।
इसलिए जरुरी है मातृ आहार एवं पोषण पर अधिक ध्यान देना:
जारी मार्गदर्शिका में बताया गया है बेहतर मातृ पोषण सुनिश्चित कराना पहले से ही एक चुनौती रही है लेकिन कोरोना महामारी ने इस समस्या को और गति दी है जबकि महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की जरूरत अधिक है। गर्भावस्था से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पोषक आहार एवं बेहतर पोषण की जरूरत बढ़ जाती है। महामारी के कारण पोषक आहारों की अनुपलब्धता भी देखी गयी है। इससे मातृ पोषण भी प्रभावित हुआ है।
एक तरफ विश्वव्यापी लॉकडाउन के कारण आम लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं जिससे पोषक आहारों की उपलब्धता बाधित हुयी है और दूसरी तरफ कोरोना रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता के कारण मातृ पोषण सेवाएं भी अच्छे तरीके से सुचारू नहीं हो पा रही हैं। वहीं विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कारण एवं लिंग आधारित भेदभाव भी माताओं के बेहतर पोषण में बाधक बना है। कोरोना संक्रमण काल में महिलाएं भी घर से नहीं निकल रही हैं एवं उन्हें पोषण पर जरुरी सलाह भी प्राप्त नहीं हो पा रही है। इन वजहों के कारण महिलाओं में चिंता, अवसाद, ट्रामा एवं मानसिक परेशानी भी बढ़ रही है। साथ ही घरेलू हिंसा के मामलों एवं सामजिक सहयोग में कमी भी महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि कोरोना संक्रमण काल में इन बाधाओं को देखते हुए मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं पर आम जागरूकता भी बढाई जाए एवं संबंधित सेवाओं को भी दुरुस्त किया जाए।
जरुरी कार्रवाई से सुधार है संभव:
· सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एवं निजी सेक्टर कोरोना के दौर में महिलाओं के लिए आहार की उपलब्धता को फंडामेंटल राईट के तहत सुनिश्चित करें ।
· महिलाओं कीपोषण जरूरत को अधिक प्राथमिकता दें. विशेषकर कुपोषित, कम वजन, हाइपरटेंसिव, गर्भावस्था में मधुमेह से पीड़ित, एनीमिक, एचआइवी-एड्स पीड़ित, किशोरी एवं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की अधिक जरूरत है ।
· लिंग आधारित भेदभाव को दूर करते हुए महिलाओं के लिए बेहतर आहार एवं पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
· सामुदायिक सहभागिता के जरिए महिलाओं को कोरोना पर जागरुक करना एवं स्थानीय स्तर पर सेवा प्रदाताओं की इसमें सहभागिता सुनिश्चित कराना ।
पोषण जरूरत को पूरा करने के लिए दी गयी सलाह:
· महिलाओं के जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को अंतराष्ट्रीय सलाह के मुताबिक जारी रखनाजैसे प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव उपरांत जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना ।
· 2 से 3 महीने के लिए जरुरी पोषण सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना(आयरन की गोली एवं कैल्शियम की गोली) ।
· लॉन्ग टर्म निति निर्माण के तहत स्थानीय स्तर पर पोषक, सुरक्षित एवं सस्ते आहारों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना ।
· सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत महिलाओं की पोषण जरूरत को पूरा करने की दिशा में कार्य करना । - रायपुर : गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी’ ने कोरोना पीड़ितों, गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में दो लाख रुपए की सहायता राशि दी है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने अकादमी की ओर से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सहायता राशि का चेक सौंपा ।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए सतनामी समाज की वर्षो पुरानी समिति ‘गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी’ में सहयोग की मुहिम समिति की संरक्षक श्रीमती शकुन डहरिया ने शुरू की थी। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए अकादमी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सतनामी समाज सदैव संकट की घड़ी में मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाया है, जो सभी के लिए प्रेरणादायी है। प्रतिनिधि मंडल मेें अकादमी के प्रदेशाध्यक्ष श्री के.पी. खाण्डे, डाॅ. जे.आर. सोनी, श्री डी.एस. पात्रे और श्री चेतन चंदेल शामिल थे। - रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगातार ड्यूटी कर कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे पुलिस कर्मियों के निःशुल्क नाश्ता, दोपहर और रात्रि के भोजन की पूर्व स्वीकृत दरों में वृद्धि करने के निर्देश गृह विभाग को दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित अमल करते हुए गृह विभाग द्वारा पुलिस कर्मियों के नाश्ता की पूर्व स्वीकृत दर 15 रूपए प्रति प्लेट से बढ़ाकर 20 रूपए प्रति प्लेट कर दिया गया है। इसी तरह दोपहर के भोजन की पूर्व स्वीकृत दर 30 रूपए प्रति प्लेट से बढ़ाकर 50 रूपए प्रति प्लेट और रात्रि के भोजन की पूर्व स्वीकृत दर 30 रूपए प्रति प्लेट को बढ़ाकर दैनिक व्यय सीमा 70 रूपए किया गया है। पुलिस कर्मियों के लिए नाश्ता और भोजन के लिए पूर्व स्वीकृत दरें 8 फरवरी 2013 से लागू थी, मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा इसमें बढ़ोत्तरी की गई है।
- रायपुर : कोरोना वायरस (कोविड-19) के तहत देशव्यापी लॉक डाऊन के कारण मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों एवं अन्य प्रवासियों को छत्तीसगढ़ लाने तथा यहां से उक्त तीनों राज्यों में जाने वालों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है। श्रमिकों को लाने तथा यहां से भेजे जाने की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उक्त कार्यवाही के लिए श्री अविनाश चंपावत, सचिव, छ.ग. शासन जल संसाधन विभाग (मोबाइल नं.93992-73076) को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्ति किया गया है।
सचिव जल संसाधन श्री अविनाश चंपावत ने बताया कि विभाग के स्टेट डाटा संेटर में मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान राज्य के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की अलग-अलग टीम बनाकर श्रमिकों एवं प्रवासियों से बीते दो मई से लगातार सम्पर्क कर उनकी जानकारी तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया मध्यप्रदेश राज्य के लिए श्री प्रभांशु मित्र वर्मा मो. नं. 74705-71991 एवं 91795-71987, ई-मेल [email protected] गुजरात राज्य के लिए श्री जयंत दास मो. नं. 93014-79765 एवं 83497-85420, ई-मेल [email protected] तथा राजस्थान राज्य के लिए श्री मनीष थवाइत मो. नं. 73987-85120 एवं 95896-99353 ई-मेल [email protected] को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उक्त अधिकारियों के व्हाटसऐप नं0 में मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान से श्रमिकोें एवं अन्य प्रवासियों द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा हैं। क्रियाशील हेल्पलाईन पर अब तक राजस्थान से छत्तीसगढ़ आने वाले 5130 प्रवासियों एवं छत्तीसगढ़ से राजस्थान जाने वाले 3952 प्रवासियों का डाटा बेस तैयार किया जा चुका है। इसी प्रकार गुजरात से छत्तीसगढ़ आने वाले 499 प्रवासियो एवं मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आने वाले 445 प्रवासियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। डाटा बेस के अनुसार इन प्रवासियों को छत्तीसगढ़ लाने की योजना तैयार की जा रही है। -
कोरोना वायरस को हराने मितानिन कर रही गृह भ्रमण
बुखार, सूखी खांसी, हांफना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों का मितानिन द्वारा सर्वे
रायपुर, 23 अप्रेल 2020। कोरोना वायरस के समुदाय में संक्रमण को रोकने के लिए इसके शुरुआती लक्षण के आधार पर मितानिन द्वारा राजधानी के शहरी इलाके के घर-घर सर्वे किया जा रहा है। लॉक डाउन के दौरान सोशल डिसटेंसिंग को कारगर मानते हुए महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने लोगों में सूखा खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हांफनाव बुखार आने जैसे लक्षणों की पहचान जा रही है।
रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 20 मार्च से शुरु हुए परिवार भ्रमण अभियान में 22 अप्रेल तक 1 लाख परिवारों के 5 लाख से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया। कोरोना वायरस से संबंधित 30 मार्च तक कुछ लोगों में सूखी खांसी व बुखार के मामूली लक्षण मिले जिनका स्थानीय स्तर पर इलाज करा लिया गया। वहीं एक अप्रेल से 22 अप्रेल के बीच में इस तरह के लक्षण कोई भी परिवार में नहीं मिला है।
शहरी मितानिन प्रोग्राम के कॉडिनेटर सुश्री रानू मिंज ने बताया, शहरी क्षेत्र में लगभग 10,155 मितानिनों द्वारा रोजाना परिवार भ्रमण कर समुदाय व पारा स्तर पर सर्वे कर लोगों को जागृत किया जा रहा है। वहीं सर्वे के दौरान कोरोना वायरल को लेकर कोई भी लक्षण नजर आने पर तत्काल संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक को मरीज का रिपोर्ट भेजा जाता है। मितानिन कॉडिनेटर सुश्री मिंज ने बताया, रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 2.20 लाख परिवारों के लगभग 17 लाख की जनसंख्या निवासरत् हैं। राज्य शासन द्वारामितानिनों को कोरोना वायरस के संदर्भ में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण से समुदाय के बचाव के लिए वर्तमान परिदृश्य में व्यापक समुदायिक जागरुकता की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय में संक्रमण के फैलाव की संभावना को कम करने के लिए समुदाय व पारा स्तर पर क्रियांवित की जाने के लिए आवश्यकता दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सर्वे को लेकर इलाकों का चयन व गतिविधियों के क्रियांवयन का दायित्व खंड चिकित्सा अधिकारियों को सौंपा गया है जो मितानिन ट्रेनर एवं खंड समन्वयकों के माध्यम से मितानिनों से संपर्क बनाये हुए हैं। संपूर्ण गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन एवं कार्य की निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
रायपुरा क्षेत्र के मितानिन ट्रेनर श्रीमति सरिता साहू ने बताया मितानिनों द्वारा उनके निर्धारित परिवारों में भ्रमण का कार्य को पूरा करने लॉकडाउन अवधि में पूर्ण करने की कार्य योजना बनाई गयी है। उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण एवं इससे बचाव के संबंध में प्राप्त प्रशिक्षण व पाम्पलेट के आधार पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना। मितानिन ट्रेनर ने बताया रायपुरा वार्ड में 21 मितानिन परिवार भ्रमण कर सर्वे कार्य में जुटी हुयी हैं। मितानिनों द्वारा रायपुरा में कुल 3130 घरों में निवासरत 13320 लोगों का सर्वे कर बुखार,सूखी खांसी जैसे लक्षणों की जांच की जा रही है। वार्ड में अब तक 70 प्रतिशत परिवारों का मितानिनों ने परिवार भ्रमण कर लिया है। उन्होंने बताया, इस दौरान विगत 14 दिवसों में यात्रा किये हुए व्यक्तियों एवं कोरोना पॉजिटिव प्रकरण के संपर्क में आये व्यक्तियों को चिंहांकित कर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है।
होम क्वारेंटिन किये गये व्यक्तियों द्वारा घर में रहने की समझाइश का पालन हो, इसके लिए फॉलोअप करने की जिम्मेदारी मितानिनों को दी गई है। शहरी क्षेत्रों में महिला आरोग्य समिति के सदस्यों के माध्यम से समुदाय की सहभागिता कोबढाया जा रहा है। मितानिनों द्वारा परिवार भ्रमण में इन परिवारों या व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। होम (गृह)क्वारेंटिन में रखे गये व्यक्ति, विगत 15 दिवसों में यात्रा किये व्यक्ति, 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति,व्यक्ति जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग अथवा सांस संबंधित रोग होने पर सावधानियां बनाए रखना हैं।
मितानिनों द्वारा जागरुकता व परिवार भ्रमण कार्य -
कोरोना संक्रमण पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना।
संक्रमण के लक्षणों, इसके फैलने के तरीके, बचाव के उपाय ।
विशेष कर साबुन से बार-बार हाथ धोना।
मुंह-नाक ढकना एवं 6 फुट की दूरी बनाये रखने की जानकारी देना एवं अभ्यास करवाना।
व्यक्तियों में संक्रमण के लक्षण का पता लगाकर खंड चिकित्सा अधिकारी को सूचित करना।
मुहल्ले में जिन व्यक्तियों के जांच के लिए नमूने लिये हों उसका फॉलोअप करना।
वृद्व जनों एवं लम्बी बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाना।
-
रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा आज दिनक 14 अप्रैल को समस्त कलेक्ट, आबकारी आयुक्त प्रबंध संचालको र सचिव को पत्र जारी करते हुए आदेशित किया गया है की छत्तीसगढ़ राज्य के सभी रेस्टोरेन्ट बार होटल,देसी विदेशी मदिरा दुकाने नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 15 अप्रैल 2020 से 21 अप्रैल 2020 बंद रखने के निर्देश दिए गए है एवं रायपुर जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार जिले में धारा 144 21 अप्रैल तक लागु रहेगा
- बुजुर्गों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, खान-पान का ध्यान सहितमास्क, सेनेटाइजेशन की पुख्ता व्यवस्थाकोरोना वायरस संक्रमण का वरिष्ठ नागरिकों पर अधिक प्रभाव के जोखिम को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये गए दिशानिर्देश पर समाज कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित वृद्धाश्रमों में विशेष प्रबंध किये गए हैं। बुजुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण, खान-पान पर ध्यान देने सहित सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई और मास्क की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से लाॅकडाउन के लागू होते ही बुजुर्गों के बाहर जाने और बाहरी व्यक्तियों के वृद्धाश्रम में आने-पाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे बुजुर्ग जिन्हें किसी तरह की स्वास्थ्यगत परेशानी है, उन्हें अलग कमरे में रखने के प्रबंध किये गए हंै। इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए विभागीय अमले को प्रशिक्षित किया गया है। बुजुर्गों को भी समय-समय पर संक्रमण से बचाव की समझाईश दी जा रही है। व्यवस्थाओं का जायजा लेने विभागीय अधिकारियों द्वारा संस्थाओं की नियमित माॅनिटरिंग भी की जा रही है। लाॅकडाउन के दौरान खुद मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने वृद्धाश्रम पहुंचकर बुजुर्गों के लिए की गई व्यवस्था का जायजा लिया।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय और अशासकीय संस्थाओं में कई बुजुर्ग, दिव्यांग, निराश्रित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सहित जरूरतमंद लोगों को आश्रय दिया गया है। वर्तमान में इन वृद्धाश्रमों में 496, निःशक्त कल्याण संस्था में 252, प्रशामक गृह में 29 और घरौंदा गृह में 127 हितग्राही निवासरत हैं।विभागीय सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने बताया कि लाॅकडाउन लागू होते ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विशेष रूप से निर्देशित किया था कि बुजुर्गों को किसी तरह की परेशानी न हो और उन्हें सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने बताया कि मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा बुजुर्गाें सहित सभी जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए वृद्धाश्रमों में चिकित्सकों द्वारा बुजुर्गाें की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जा रही है। उनके उचित खान-पान विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए नियमित रूप से आश्रम को सेनिटाइज किया जा रहा है। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए उचित साफ-सफाई, सेनिटाइजेशन, सामाजिक दूरी सहित जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखा जा रहा है।
-
कोविड-19 के उपचार के लिए सारी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश
रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज शाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय पहुंचकर कोविड-19 के इलाज के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां सभी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड-19 के इलाज के दौरान यहां से स्थानांतरित होने वाले विभागों की भी जानकारी ली। श्री सिंहदेव ने यहां आईसीयू के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही सभी आवश्यक सावधानियां बरतने कहा। उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल को कोविड-19 के उपचार के लिए 500 बिस्तरों का विशेषीकृत अस्पताल बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में छोटे बच्चों की गहन चिकित्सा इकाई नियोनेन्टल केयर यूनिट की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का भी निरीक्षण किया। ये दोनों विभाग अस्थायी रूप से पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित हो रहे हैं। श्री सिंहदेव ने शिशु रोग वार्ड के भ्रमण के दौरान वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने कहा। उन्होंने परिजनों से अस्पताल के मॉड्यूलर किचन से मरीजों के लिए आने वाले भोजन के बारे में भी पूछा। इस पर परिजनों ने कहा कि यहां मिलने वाला वाला भोजन पैक्ड एवं हाइजेनिक रहता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित आईसीयू की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए निर्मित आईसोलेशन वार्ड और निर्माणाधीन आईसीयू को भी देखा। श्री सिंहदेव ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पूरी तरह पालन किया। भ्रमण के दौरान रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विष्णु दत्त, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनित जैन और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक चटर्जी ही उनके साथ मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज शाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय पहुंचकर कोविड-19 के इलाज के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां सभी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड-19 के इलाज के दौरान यहां से स्थानांतरित होने वाले विभागों की भी जानकारी ली। श्री सिंहदेव ने यहां आईसीयू के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही सभी आवश्यक सावधानियां बरतने कहा। उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल को कोविड-19 के उपचार के लिए 500 बिस्तरों का विशेषीकृत अस्पताल बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में छोटे बच्चों की गहन चिकित्सा इकाई नियोनेन्टल केयर यूनिट की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का भी निरीक्षण किया। ये दोनों विभाग अस्थायी रूप से पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित हो रहे हैं। श्री सिंहदेव ने शिशु रोग वार्ड के भ्रमण के दौरान वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने कहा। उन्होंने परिजनों से अस्पताल के मॉड्यूलर किचन से मरीजों के लिए आने वाले भोजन के बारे में भी पूछा। इस पर परिजनों ने कहा कि यहां मिलने वाला वाला भोजन पैक्ड एवं हाइजेनिक रहता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित आईसीयू की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए निर्मित आईसोलेशन वार्ड और निर्माणाधीन आईसीयू को भी देखा। श्री सिंहदेव ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पूरी तरह पालन किया। भ्रमण के दौरान रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विष्णु दत्त, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनित जैन और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक चटर्जी ही उनके साथ मौजूद थे।
-
राजधानी में पीलिया के प्रकरणों की मॉनिटरिंग व नियंत्रण के लिए दो प्रभारी नियुक्त
रायपुर, 11 अप्रेल 2020। राजधानी के शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस महामारी के संदिग्धों की सर्वेक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई इलाकों में पीलिया फैलने की शिकायतें मिली। इसके बाद शिविर लगाकर जांच करने पर कई वार्डों में पीलिया के रोगियों में बढोतरी होने केप्रकरण भी सामने आए|
स्वास्थ्य विभाग ने मुस्तैदी से प्रभावित इलाकों में कैम्प व सर्वे का कार्य तेज कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शनिवार को आमापारा, मोरेष्वर राव गेंद्रे वार्ड के शिवनगर, दलदल सिवनी, मठपुरैना, चंगोराभांठा वअटारी में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में संदेहास्पद कुल 188 मरीजों की जांच की। जांच किए गए मरीजों में से 86 मरीजों के रक्त सेम्पल लिया गया। जांच रिपोर्ट में 44 लोगों का सेम्पल पीलिया पॉजिटिव आने के बाद इन मरीजों को जिला अस्पताल पंडरी में भर्ती कराया दिया गया है। राजधानी में अब तक1969 घरों का गृहभ्रमण कर शिविर में 447 लोगों का जांच किया गया। जांच के बाद संभावित 241 लोगों के रक्त की जांच करायी गई जिसमें 127 लोगों की रिपोर्ट में पीलिया धनात्मक आए हैं।
इसी क्रम में आज शाम रायपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. आर.आर. साहनी द्वारा ली गई। बैठक में डॉ. साहनी ने निदेर्शित किया कि शहर के जिन इलाकों में पीलिया प्रभावित प्रकरण मिले हैं उनकी जांच की निशुल्क सुविधा प्रदान की जाए। वहीं पीलिया के मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल पंडरी में भर्ती कर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान किया जाए। उन्होंने राजधानी में पीलिया के रोकथाम के लिए दो नोडल अधिकारियों को तत्काल पीलिया के प्रकरणों की मॉनिटरिंग और नियंत्रण के लिए ज़िम्मेदारीदी। उन्होंने कहा पीलिया प्रभावित वार्डों के जनप्रतिनिधियों के समक्ष स्वास्थ्य अमला वाटर सेम्पल लेकर मेडिकल कॉलेज रायपुर में जांच के लिए भेजा जाना सुनिश्चित करें।
संभागीय संयुक्त संचालक डॉ सुभाष पांडेय द्वारा आज दलदल सिवनी में पीलिया नियंत्रण शिविर का निरीक्षण किया गया। शिविर में स्वच्छ पेयजल पीने और फलों को काटकर ताजा सेवन करने की सलाह दी गयी । इन शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पीलिया संभावित मरीजों की जांच एवं उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। डॉ. पाण्डेय ने रायपुर शहर के समस्त नागरिाकों से अपील की है कि दूषित पानी के सेवन से बचे। घर में पानी को 20 मिनट उबालकर व स्वास्थ्य विभाग द्वारा वितरित की जा रही क्लोरीन के टेबलेट का इस्तमाल करें| 20 लिटर पानी में 01 टेबलेट डालकर 30 मिनट बाद उपयोग करें व शर्करा युक्त ताजे फल का इस्तेमाल पीड़ितों को अवश्य किया जाना चाहिए।दलदल सिवनी वार्ड के पीलिया प्रभावित लोगों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल शिविर लगाए जाने की सराहना भी की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया रायपुर शहर में पीलिया ग्रसित मरीजों के उपचार की व्यवस्था जिला चिकित्सालय व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में की गई है जिसमें निःशुल्क परीक्षण व दवाई वितरण की जा रही है।इसके अलावा भाठागांव वार्ड में गृह भ्रमण के दौरान पीलिया के मरीजों की खोज की गई। शहरी कार्यक्रम अंतर्गत पदस्थ ए.एन.एम. व मितानिनों द्वारा सतत् निगरानी के लिए गृह-भ्रमण कर पीड़ितों की पहचान कर दूषित पेयजल व खान-पान से बचाव की सलाह दी जा रही है।गृह-भ्रमण करते हुए पीड़ित एवं परिजनों की पहचान कर रक्त जांच के लिए सेम्पल प्रयोगशाला भेजे जा रहे है।
-
भुगतानसिंचाई परियोजना में सृजित होंगे 26.86 लाख मानव कार्य दिवस
लाॅकडाउन के दौरान 19.87 लाख किसानों को 397.47 करोड़ रूपए भुगतान का प्रस्ताव
मनरेगा के माध्यम से 9,997 बाड़ी का विकास
रायपुर : राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 3 लाख 93 हजार 763 किसानों को 533 करोड़ 9 लाख रूपए फसल बीमा का दावा भुगतान की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त दावा की राशि लगभग 101 करोड़ रूपए किसानों को भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 15 लाख 52 हजार किसानों का कुल 8,142.18 करोड़ रूपए का बीमा किया गया है। जिसके लिए 1139.75 करोड़ रूपए प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कम्पनी को किया गया है। जिसमें किसानों का अंशदान 162.84 करोड़ भी शामिल है।राज्य में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 11 हजार 475 किसानों द्वारा उद्यानिकी फसल का बीमा कराया गया था। जिसमें से 7 हजार 668 किसानों को 12 करोड़ 38 लाख रूपए का दावा भुगतान किया जा चुका है एवं 2 हजार 593 किसानों को फसल बीमा दावा की राशि एक करोड़ 85 लाख रूपए की भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेड संबंधित कार्याें में लगभग 24 लाख 86 हजार मानव दिवस एवं लघुत्तम सिंचाई तालाब एवं चेकडेम निर्माण में 2 लाख मानव कार्य दिवस सृजित किए जाएंगे।राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन के बाद 19 लाख 87 हजार किसानों को 397.47 करोड़ रूपए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत भुगतान के लिए भारत सरकार को आनलाईन प्रस्ताव भेजा गया है। भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के तहत भुगतान की कार्यवाही किस्तों में की जा रही है।राज्य शासन के बीज निगम द्वारा बीज उत्पादक किसानों को 5 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है। शेष राशि 20 करोड़ रूपए की भुगतान की कार्यवाही जारी है। राज्य में सुराजी गांव के बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत 2019-20 में मनरेगा के तहत 9 हजार 997 बाड़ी स्वीकृत किया गया है। राज्य पोषित बाड़ी विकाय योजना के तहत उद्यानिकी विभाग को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जिसका उपयोग खरीफ 2020 में बाड़ी विकास के लिए किया जाएगा। -
मुख्यमंत्री ने कहा: गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों क रखा जा रहा विशेष ख्याल
रायपुर, 9 अप्रैल 202मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रतिपक्ष के नेता श्री धमरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री धर्मजीत सिह, और श्री मोहन मरकाम सहित अनेक विधायकों से दूरभाष से चर्चा की और उनके क्षेत्रों का हालचाल जाना तथा लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं और 14 अप्रैल के बाद की स्थिति पर चर्चा कर उनके सुझाव लिये। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड19) के संक्रमण और रोकथाम के लिए प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतिपक्ष के नेता श्री धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह सहित विधायकों से दूरभाष पर चर्चा में लॉकडाउन के दौरान उनके क्षेत्रों के हालचाल सहित गरीब और कमजोर तबकों के लिए किए गए राहत उपायों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी वर्गो के हितों का ख्याल रखा जा रहा है। राशन, दवाई, सहित सभी आवश्यक व्यवस्था को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब परिवारों को दो माह का निःशुल्क राशन का वितरण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए प्रत्येक पंचायतों में दो-दो क्विंटल अनाज रखा गया है। इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों और औद्योगिक समूहों के सहयोग से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। रायपुर शहर में डोनेशन आन व्हील्स अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गांवों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। कई गांवों में बेरियर बनाकर निगरानी रखी जा रही है। रबी फसलों की कटाई के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने को कहा गया है।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए वाहनों को ऐप के माध्यम से ई-पास की व्यवस्था की गई है। अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को राज्य की सीमा के नजदीक ही उनके लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को सहायता मुहैया कराई जा रही है। सभी कलेक्टरों को श्रमिकों के भोजन आवास सहित अन्य जरूरी व्यवस्था के लिए संबंधित राज्यों के कलेक्टरों से समन्वय कर आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अन्य जरूरतों के लिए सहायता राशि उनके खातों में भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए एम्स रायपुर के अलावा जगदलपुर में परीक्षण की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सभी जिलों में कोरोना संक्रमण से पीडि़त लोगों के इलाज के लिए सौ-सौ बेड की व्यवस्था की जा रही है। अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में 500 बेड और माना सिविल अस्पताल में 100 बेड और प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेज में 200-200 बेड की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दुर्ग शहर के विधायक श्री अरूण वोरा, भिलाई नगर के विधायक श्री देवेन्द्र यादव, सिहावा की विधायक श्रीमती डॉ. लक्ष्मी धु्रव, खुज्जी की विधायक श्रीमती छन्नी साहू, संजारी बालोद की विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, गुण्डर देही के विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, पंडारिया की विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, डोंगरगढ़ के विधायक श्री भुवनेश्वर बघेल, डोंगरगांव के विधायक श्री दलेश्वर साहू, मोेहला मानपुर के विधायक श्री इंद्रशाह मंडावी, भानुप्रतापपुर के विधायक श्री मनोज सिंह मंडावी, नारायणपुर के विधायक श्री चंदन कश्यप और चित्रकोट के विधायक श्री राजमन बैंजाम से चर्चा की। -
राजधानी में मिले पीलिया के 25 मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में लगाया कैम्प
कोरोना पॉजेटिव के मुहल्ले में संभावित लक्षण होने पर 5-5 लोगों का लेंगे सेम्पलरायपुर, 9 अप्रैल 2020। रायपुर शहर के आमापारा स्वीपर कॉलोनी, मठपुरैना और चंगोराभाठा वार्ड में स्वास्थ्य विभाग कैम्प लगाकर लोगों की पीलिया के लिए जांच कर रहा है। स्वास्थ्य जांच में अब तक 25 व्यक्ति पीलिया से ग्रसित पाए गए हैं| सभी का इलाज राजधानी के जिला अस्पाताल में जारी है।कोरोना वायरस और पीलिया बीमारी के संक्रमण के रोकथाम के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत चिंहाकित इलाकों का सर्वे व सेम्पल लिया जा रहा है। रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया अब तक पीलिया की शिकायत मिलने पर नगर निगम के साथ् मिलकर संबंधित इलाकों की जांच पड़ताल और पानी की सप्लाई को लेकर जरुरी इंतजाम शुरु कर दिया गया है। नगर निगम के द्वारा पानी के सप्लाई किए जाने वाले पम्पों की मरम्मत व पुराने पाइप को बदलकर नए पाइप लगाने के निर्देश दिए गए हैं।सीएमएचओ डॉ बघेल ने बताया गर्मी का मौसम शुरु होते ही इस तरह की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क होकर जरुरी कदम उठा रही है। अब तक मिले जांच रिपोर्ट में पीलिया बीमारी फैलाने वाले हेपेटाइटीस - ए और ई की पुष्टि हुई है। राजधानी के जिला अस्पताल स्थित हमर लैब में सेम्पल की जांच रिपोर्ट से पीलिया से ग्रसित होने की जानकारी प्राप्त हुई है।आईडीएसपी के नोडल डॉ एसके सिंहा ने बताया, पीलिया से होने वाले लक्षण जैसे उल्टी, दस्त की समस्या आने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए कार्य कर रही है। पीलिया ग्रसित इलाकों में लोगों को पानी उबालकर और क्लोरिन युक्त पानी पीने की सलाह दी जा रही है। सेम्पल व सर्वे के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की टीम द्वारा गंदा पानी का सैंपल लैबोरेटरी में भेजा जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की मौजूदगी में पीलिया पीडि़त परिवारों के घर के पास ब्लीचिंग पावडर और सफाई की गई।कोरोना पॉजेटिव वाले मुहल्लेसेलेंगे 5-5 लोगों के सेम्पल-सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया राजधानी में जितने भी कोरोना पॉजेटिव केस मिले थे सभी का इलाज करने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीलियाके रोकथाम के लिए अब तक 650 से ज्यादा लोगों का सेम्पल लेकर जांच करवाई है जिसमें सभी का रिपोट कोरोना निगेटिव आया है। उन्होंने कहा वायरस का खतरा अब भी टला नहीं है। इस लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर है। एक मार्च से विदेश की यात्रा कर लौटने वालों की जांच करा ली गई है। अब इनके आस-पास के 5-5 पड़ोसियों का जांच के लिए सेम्पल लिए जाएंगे जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार, छिंक व गले में खराश जैसी समस्या पाए जाने पर सेम्पल लिया जाएगा। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की टीम के द्वारा लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम को कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इसके अलावा परिवार के बुजुर्ग व्यक्तियों में खासकर हृदय रोग व मधुमेह के पीडि़तों को संक्रमण की संभावना होती है। ऐसे लोगों के लिए एम्बुलेंस संजीवनी 108 की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक से जांच कराने की सुविधा प्रदान की जा रही है।पीलिया के खिलाफ कुछ निवारक उपाय:· शराब के सेवन से बचें.· हेपेटाइटिस के लिए टीके लगवाएं.· संभावित रूप से दूषित पानी / भोजन से बचें और अच्छी स्वच्छता रखें.· पीलिया के लक्षणों का सामना करने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें. - रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सवेरे यहां अपने निवास कार्यालय से राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल सहित प्रदेश की 5 केंद्रीय जेल, जिला और उप जेलों के अधिकारियों और कैदियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने वहां कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों की जानकारी प्राप्त की। श्री बघेल ने जेल में सोशल डिस्टेनसिंग, साफ-सफाई, मास्क के उपयोग, बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी शामिल हुए। -
छत्तीसगढ़ शासन ने अन्य राज्यों में फँसे श्रमिकों पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट जारी किया है
छत्तीसगढ़ राज्य श्रम विभाग के द्वारा छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यो मे संकट कालीन समय में फंसे श्रमिकों का संज्ञान लेते हुए कुल 6937 श्रमिकों जोकि 21 राज्यों में फंसे हुए है उनसे संपर्क कर उनके रहने खाने की पूरी व्यवस्था की है।विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट मे दिनाक 30 मार्च को कुल 4354 श्रमिकों एवं 31 मार्च शाम 4 बजे तक 2583 श्रमिकों से संपर्क किया गया और उनकी पूरी व्यवस्था शासन द्वारा किया गया है, छत्तीसगढ़ राज्य के19 जिलों से श्रमिक 21 राज्यो में फंसे हुए हैं।सबसे अधिक श्रमिक् महाराष्ट्र -1667 उत्तर प्रदेश-1348 जम्मू - 1125 तेलंगाना - 878 गुजरात 381 कर्नाटक - 295 आंध्र प्रदेश-193 मध्यप्रदेश -167 तमिलनाडु -160 केरल -155 पंजाब -154 राज्यों फँसे हैसबसे अधिक छत्तीसगढ़ के कबीरधाम 1207,जांजगीर चंपा 1038 ,मुंगेली 1025 , बलौदा बाजार 767,राजनांदगांव 592,बेमेतरा 444,रायगढ़ 289, रायपुर 285,बिलासपुर 270, दुर्ग 209 , गरियाबंद 163जिलों में फंसे है श्रमिक।लॉक डाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य राज्यों मे फंसे स्थानीय मजदूरों हेतु राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव श्री सोनमणि बोरा के नेतृत्व में 6937 संकटापंन् श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारीयोे एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्य के अधिकारीयोसे संपर्क कर उनके खाने पीने रहने की पूरी व्यवस्था की जा रही है। -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान जनता की नब्ज जानने के लिए फोन पर सीधे समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत की और उन्हें आ रही दिक्कतों के सम्बंध में जनकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अपने निवास से वीडियो कॉलिंग के जरिये इनसे बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की हर संभव मदद के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले किसान, मजदूर, नर्स, ग्रामीण, सफाईकर्मी, सब्जी दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला सरपंच से बातचीत की।
-
अस्पताल पहुंचे लोगों को हाथ साफ किए बिना, नहीं दे रहे प्रवेश
डिलीवरी केस के लिए भी मरीज के साथ दो लोगों को ही दे रहे प्रवेश
रायपुर. 31 मार्च. 2020। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए एक ओर लॉकडाउन किया गया है, वहीं अस्पतालों में भी आवश्यक सेवाएं लेने वाले मरीजों को सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर ही प्रवेश दिया जा रहा है। इसी क्रम में राजधानी के कालीबाड़ी अस्पताल में भी सुरक्षात्मक उपायों के तहत सावधानियां बरती जा रही हैंI बिना हाथ साबुन से साफ किए मरीजों को अंदर ओपीडी में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
अति आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं को ही चालू रखा गया है लेकिन सामान्य सेवाओं को लॉकडाउन तक बंद रखा गया है। कोविड -19 वायरस संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ्य व्यक्ति में फ़ैल सकती है इसलिए आवश्यक सावधानियां और हाथ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोरोनावायरस के संक्रमण काल के ऐसे समय में जरूरी सावधानियां बरतते हुए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को गेट पर ही रोककर उन्हें साबुन से हाथ की सफाई कराई जा रही है। बिना हाथ साफ किए उन्हें अस्पताल में प्रवेश नहीं कराया जा रहा । हाथ धोने के बाद मरीजों और उनके परिजनों को मास्क लगाने या रूमाल, कपड़े से अपना मुंह ढंक कर ही अस्पताल में प्रवेश दिया जा रहा है।
ऐसे कर रहे प्रेरित-
- नियमित रूप से साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोते रहने।
- आंख, मुंह या नाक पर हाथ लगाने से बचने।
- लोगों से निश्चित दूरी बनाकर रखने।
- खांसने या छींकने से पहले मुंह पर हाथ, टिश्यू या रुमाल रखने।
- प्रसव के लिए आने वाली महिला और उनके संबंधियों को हाथ साफ रखने की सीख।
- लेबर रूम में कोवि़ड-19 के लिए प्राप्त गाइडलाइन का पूर्णतः पालन करने।
- स्तनपान के लिए माता को प्रोत्साहित कर मास्क लगाने की सलाह।
- वायरस सर्विलेंस ( वायरस से प्रभावितों वाले स्थानों ) वाले क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का विशेष ध्यान देना । उनमें कोरोना के लक्षण देखे जा रहे और यदि कोई संदेहास्पद लगता है तो उसे कोवि़ड-19 की जांच की सलाह देना।
- पेरीनेटल ट्रांसमिशन ( प्रसव कालीन संक्रमण) ना हो इसके लिए दिए गए दिशानिर्देशों का विशेष ध्यान देना।
- अगर मां कोविड-19 संक्रमित है तो बच्चे से स्वतः अलग रखे जाने के लिए प्रेरित करने।
- यदि मां के कोविड-19 संक्रमित का है तो उससे बच्चे को विशेष सावधानी बरतने के लिए प्रोत्साहित करना आदि।
सामान्य टीकाकरण भी टालें - सिविल सर्जन डॉ. रवि तिवारी के अनुसार कालीबाड़ी अस्पताल में विशेष सावधानी के तहत ओपीडी के मुख्य द्वार के पास एक वॉश बेसीन लगाकर यहां पहुंचने वाले लोगों को पहले हाथ धुलाकर ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। सामान्य इमरजेंसी सेवा के तहत ओपीडी लगाई जा रही है। पहुंचने वाले मरीजों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग कायम करते हुए चौकोर खंड बनाकर उन्हें प्रवेश और स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा नियमित टीकाकरण के लिए पहुंचने वाले जच्चा-बच्चा को संक्रमण काल के ठीक होने पर उक्त टीके लगाए जाने यानि लॉकडाउन के दौरान नियमित टीकाकरण को टालने का अपील की जा रही है।
अत्यंत आवश्यक हो तभी आएं अस्पताल - लोगों से यह अपील की गई है कि यदि बहुत आवश्यक हो तभी इस दौरान अस्पताल पहुंचे। साथ ही मरीज के साथ एक या दो लोगों को ही अस्पताल आने की अनुमति दी जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिला के साथ भी सिर्फ दो लोगों को ही आने की अनुमति दी जा रही है। ताकि अस्पताल में अतिरिक्त भीड़ ना इकट्ठी हो और सोशल डिस्टेंसिंग नियम कायम रहे।
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को किया संम्बोधितगरीब, जरूरतमंद परिवार की मदद करने का आग्रहमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश की जनता को संम्बोधित करते हुए कहा कि तीन हफ्ते के लॉकडाउन का पहला हफ्ता आज पूरा हो गया। इन सात दिनों में आपने जो संयम, आत्मविश्वास और जागरूकता दिखायी है, इन सबके लिए मैं आपका आभारी हूँ। यह लड़ाई जनता के सहयोग से ही लड़ी जा रही है। जनता के संयम, अनुशासन और आत्मबल के सहारे ही हम कोरोना वायरस महामारी को परास्त करेंगे। कोरोनो वायरस के रोकथाम की लड़ाई लड़ रहे विश्वभर के एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखना और लॉकडाउन ही कोरोना वायरस महामारी से बचने का गुरू मंत्र है।मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि अधिकांश लोगों के जीवन में इस तरह के संकट का सामना करने का यह पहला अवसर है, ऐसे समय थकान, नकारात्मकता और अविश्वास का भाव आना स्वाभाविक है। किंतु यही समय हमारे आत्मबल, संयम और विश्वास की परीक्षा का भी है। मैं भाग्यशाली हूँ कि मैं एक ऐसे राज्य का मुख्यमंत्री हूँ, जहाँ की जनता में इतना संयम और अनुशासन है कि राज्य में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए हमारी पुलिस को बल प्रयोग का सहारा नहीं लेना पड़ा। लोगों ने हमारी बात को सुना है और अति आवश्यक होने पर ही घर से निकले हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता का यह संयम और अनुशासन मुझे भी शक्ति प्रदान कर रहा है। मेरा विश्वास प्रबल कर रहा है कि इस महामारी को जल्दी ही परास्त कर हम फिर से खुली हवा में स्वच्छंदता से विचरण करेंगे। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि लॉकडाउन के इस समय का उपयोग रचनात्मक कार्यों में लगाएं। अच्छी पुस्तकें पढ़े, परिवार के वरिष्ठजनों के जीवन के अनुभवों को सुने, इस दौरान कोई नई चीज सींखे। उन्होंने कहा कि यह समय सामाजिक दायित्व भी निभाने का है, अगर आपके आसपास कोई वृद्धजन हो तो उनसे दूरभाष पर चर्चा करें, उन्हें किसी किस्म की आवश्यकता हो तो उसके बारे में पूछे और उनकी मदद करें। यह समय मानव मूल्यों और संस्कारों को बचाने का भी है और इसके संरक्षण का भी।मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में यह भी ध्यान रखना है कि अगर आपके आसपास कोई गरीब, जरूरतमंद परिवार है और उसको खाने-पीने या अन्य किसी तरह की समस्या है तो हम स्वयं उसकी मदद करें या स्वयंसेवी संस्था या सरकार की हेल्पलाईन से मदद लें। यह समय एक दूसरे की मदद करने का है। राज्य सरकार के सभी महकमे आपकी सेवा के लिए तत्पर है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि संकट की इस घड़ी में हम छत्तीसगढ़ में किसी को भूखा नहीं सोने देंगे। छत्तीसगढ़ में जो श्रमिक या कामगार बाहर से आये हैं और यहाँ के विकास में, निर्माण में लगे हैं उन्हें अपने घर जाने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे सभी श्रमिक और कामगार हमारे मेहमान हैं, राज्य सरकार उनके खाने-पीने और रहने का पूरा प्रबंध कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जो श्रमिक भाई-बहन तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश या अन्य राज्यों में हैं उनसे भी मेरा आग्रह हैं कि वो वहीं रहे। वहां की राज्य सरकारों से हमारी चर्चा लगातार हो रही हैं। वो आपके रहने, खाने-पीने का सभी प्रबंध कर रहे हैं। यहाँ रह रहे परिवारजनों के लिए भी आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हम उनका भी ख्याल रख रहे हैं। हम किसी का रोजगार किसी की नौकरी नहीं जाने देंगे। मैंने नियोक्ताओं से भी आग्रह किया है कि वे इस संकट के समय में अपने कर्मचारियों, श्रमिकों का पूरा वेतन देते रहे। मकान मालिकों को भी निर्देशित किया गया है कि किरायेदारों के साथ सहानुभूति रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज सब्जी मंडी का निरीक्षण किया और किसानों से, सब्जी विक्रेताओं से चर्चा की है। सब्जियों की आपूर्ति की निरंतरता को बनाये रखने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए अब एम्स के अलावा जगदलपुर में भी टेस्ट की सभी व्यवस्था कर दी गई है। कोरोनो वायरस के रोकथाम की लड़ाई लड़ रहे विश्वभर के एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखना और लॉक डाउन ही कोरोना वायरस महामारी से बचने का गुरू मंत्र है। आप इन दो चीजों का पालन कीजिए। कोरोना आपको छू भी नहीं पायेगा।
-
रायपुर : गृह सचिव भारत सरकार ने अपने अर्ध शासकीय पत्र क्र DO 100 34 1 / 27 मार्च 2020 में आदेशित किया है की अनुपालन करते हुए COVID 19 नोबल कोरोना वाई रस लॉक डाउन के संक्रमण के चलते संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जो की छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से है उनके सभी प्रकार के अवाश्य्कताओ ठहरने की व्यवस्था भोजन पानी और स्वास्थ सर सम्बन्धी सम्पूर्ण वयवस्थाओ के लिए राज्य सर्कार से समन्वय के लिए श्री सोनमणि बोरा नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे !
-
19 के रोकथाम और नियंत्रण की मुहीम के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान रायपुर शहरी क्षेत्र के तीस हजार जरूरतमंद परिवारों तक निःशुल्क खाद्यान्न सामग्री प्रदाय किए जाने की मानवीय पहल रायपुर नगर निगम द्वारा प्रारंभ कर दी गई है। जरूरतमंद परिवारों को नगर निगम द्वारा निर्धारित मात्रा में प्रति परिवार के मान से चावल, दाल, तेल, मसाला सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विपदा की इस घड़ी में जरूरतमंदों की निःशुल्क मदद की इस सेवा का विधिवत शुभारंभ आज अपने निवास कार्यालय से राशन सामग्री के पैकेट के वितरण करते हुए किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम रायपुर की इस पहल की सराहना की और इसे पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय बताया। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि संकट की इस घड़ी में कोई भी जरूरतमंद परिवार भूखा नहीं रहेगा। उनकी जरूरत का सामान शासन-प्रशासन, स्वयंसेवी, समाजसेवी संस्थाओं एवं छत्तीसगढ़ के दानदाताओं की मदद से उन तक जरूर पहुंचेगा।
नगर निगम रायपुर द्वारा शुरू की गई इस पहल के अंतर्गत प्रत्येक जरूरतमंद परिवारों को चावल, दाल, तेल, मसाले, आलू, आटा, दूध का पैकेट, मास्क, साबुन आदि रायपुर में निवासरत सभी दिहाड़ी मजदूर परिवारों को तथा बिना राशन कार्डधारी परिवारों को वितरित किया जा रहा है। निःशुल्क राशन वितरण की जिम्मेदारी संबंधित वार्डों के पार्षदों, जोन कमिश्नरों एवं वार्ड कर्मियों को सौंपी गई है, जो अपनी निगरानी में जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न सामग्री का पैकेट उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगे। नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर ने बताया कि रायपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत दिहाड़ी मजदूरी करने वाले एवं बिना राशन कार्डधारी लगभग 3000 परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें निःशुल्क खाद्यान्न का वितरण शुरू कर दिया हैं। उन्होंने बताया कि खाद्यान्न वितरण के दौरान भी कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों के आवश्यक जानकारी देने के साथ ही उन्हें सतर्कता बरतने की हिदायत दी जा रही है। लोगों से अपने रोजमर्रा के कामकाज के दौरान भी सोशल डिस्टेन्स का पालन करने की अपील की जा रही है।