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रायपुर : राज्य के पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस प्रणाली के माध्यम से सुचारू रूप से पंजीयन का कार्य हो रहा है। पक्षकारों की सुविधा के दृष्टिकोण से रजिस्ट्री हेतु आनलाईन अपाइंटमेंट का प्रावधान किया गया है। पक्षकार पहले एनजीडीआरएस की साईट में जाकर अवलोकन कर स्लॉट की रिक्तिता, पूर्णता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद पंजीयन हेतु अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट बुक कर सकते है। पंजीयन के लिए ऑनलाइन अपाइंटमेंट की इस व्यवस्था से पक्षकारों को काफी सुविधा मिल रही है।
जिला पंजीयक रायपुर से मिली जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के पंजीयन मैन्यूअल के प्रावधान अनुसार वर्तमान में रायपुर मुख्यालय में 5 उप पंजीयक हैं, इन पांचों उप पंजीयक के मध्य वार्ड, क्षेत्र, ग्राम के अनुसार कार्य विभाजन किया गया है। संबंधित उप पंजीयक से ही उस क्षेत्र के दस्तावेजों का पंजीयन कराये जाने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह एनजीडीआरएस सिस्टम में भी उप पंजीयकों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है। कार्य विभाजन के पश्चात से 03 दिसम्बर तक 1100 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय के उप पंजीयकों के मध्य कार्य का विभाजन युक्तियुक्त ढंग से किया गया है। जिसमें किसी एक उप पंजीयक के पास अत्यधिक क्षेत्र नहीं है। कार्यविभाजन के पहले उप पंजीयकों का स्लॉट पूर्ण हो जाता था। जिसके उपरांत आगामी कार्य दिवस में पंजीयन कराया जाता था। वर्तमान में भी यदि किसी उप पंजीयक का अपाईमेंट स्लॉट पूर्ण हो जाता है तो आगामी दिवस में पंजीयन किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसी संपत्ति जिसका अंतरण किया जा रहा हो उन सभी का सुगम ऐप के माध्यम से फोटो अपलोड किये जाने का निर्देश है। बहुमंजिला आवासीय परिसर, व्यवसायिक परिसर, आबादी भूमि पर स्थित संपत्ति आदि का विक्रय होने पर पक्षकारों के मध्य ऐसी संपत्ति का अंतरण होता है, इसलिये शासन के निर्देशानुसार सुगम ऐप में फोटो अपलोड किया जाना आवश्यक है।
एनजीडीआरएस प्रणाली में कभी किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आने पर तत्काल उच्च कार्यालय, एनआईसी की तकनीकी टीम द्वारा निराकरण करा लिया जाता है। तबादलानामा, बटवारानामा, मुख्त्यारनामा आम, वसीयतनामा का पंजीयन भी सुचारू रूप से किया जा रहा है। वर्तमान मे अन्य तहसीलों का जिला मुख्यालय में पंजीयन होने पर 1100 रूपए अतिरिक्त शुल्क निर्धारित है। -
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धान खरीदी के एवज में 5.49 लाख किसानों को 5994.82 करोड़ रूपए का भुगतानशिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 5.49 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है।धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 5994 करोड़ 82 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है।
इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 4 दिसम्बर को 58468 किसानों से 2.67 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 66453 टोकन जारी किए गए थे।आगामी दिवस के लिए 44349 टोकन जारी किए गए हैं। राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाईन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते है। -
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‘द टाइगर ब्वाय चेंदरू‘ होगा शुभंकरराजधानी रायपुर में 22 खेलों पर 15 से 19 दिसंबर तक होगा खेल प्रतियोगिता का आयोजनदेश भर से 25 राज्यों के 6 हजार से अधिक खिलाड़ी होंगे शामिलआदिम जाति मंत्री श्री नेताम की अध्यक्षता में संचालक मण्डल की हुई बैठकरायपुर : आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में उनकें निवास कार्यलय में संचालक मण्डल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदिम जाति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे। मंत्री श्री नेताम ने बैठक में कहा कि एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय के 4थी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलना गौरव की बात है।यह कार्य चुनौती पूर्ण और बेहद महत्वपूर्ण है। सबकी सहभागिता से मिलजुल कर इस चुनौती को पुरा करेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर से आने वाले विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों, उनके कोच, टीचर और अभिभावक सहित अनेक डेलीगेट्स उपस्थित रहेंगे, जिनके आवास, आवागमन सहित अन्य व्यवस्था बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को गंभीरता के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने के निर्देश दिए।मंत्री श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ का भाव ‘अतिथि देव भवः‘ का रहा है। अतः राज्य का यह भाव बने रहना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों, डेलीगेट्स के लिए छत्तीसगढ़ी व्यजनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेल के दौरान खेल प्रतियोगिता से अलग होने वाले खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धरोहरों से अवगत कराने के भी निर्देश दिए।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के मेजबानी इस बार छत्तीसगढ़ को मिली है। यह खेल प्रतियोगिता 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक राजधानी रायपुर के विभिन्न स्टेडियम में अलग-अलग खेल विधाओं के अनुरूप आयोजित किये जाएंगे। खेल प्रतियोगिता में 15 एकल एवं युगल तथा 7 सामूहिक खेल इस तरह कुल 22 खेलों का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ‘द टाइगर ब्वाय चेंदरू‘ पर शुभंकर तैयार करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासियों की वीर गाथा आज भी सुनाई जाती है। अबूझमाड़ की घनघोर जंगल क्षे़त्र कीे ऐसी ही एक कहानी चेंदरू मंडावी की है। जो बचपन का अधिकत्तर समय बाघ के साथ बिताता था। चेंदरू और बाघ की दोस्ती की कहानी दुनियां में मशहूर है। देश भर के लोग आज भी चेंदरू और बाघ की जुडे़ तथ्यों को जानने बस्तर आते है। चेंदरू मंडावी नारायणपुर जिले गढ़बंेगाल गांव का रहने वाला एक आदिवासी परिवार से था।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि 15 से 19 दिसंबर तक प्रस्तावित एकलव्य आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में देश के 25 राज्यों में संचालित एकलव्य विद्यालय के लगभग 6 हजार से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। इसके साथ 1500 से अधिक डेलीगेट्स आने वाले हैं जिसके आयोजन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंत्री श्री नेताम नेे बैठक में खिलाड़ियों एवं उनके साथ आनेवाले अधिकारियों के ठहरने, भोजन व आवागमन के साथ ही खेल स्थलों, सुरक्षा व्यवस्था, बिजली-पानी, साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि भारत सरकार, जनजातिय कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय जनजातिय छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने एवं उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं।वर्तमान में प्रदेश में 10 कन्या तथा 06 बालक एवं 59 संयुक्त, इस प्रकार कुल 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र दुग्गा, ट्राई के प्रभारी संचालक श्री संजय गौड़ सहित पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा आज सुबह राजधानी रायपुर स्थित एम्स, डी के एस और मेकाहारा हॉस्पिटल पहुँचे। इस दौरान मंत्री श्री वर्मा ने अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ मरीज़ों से स्वास्थ्य की जानकारी ली। श्री वर्मा ने अस्पताल की व्यवस्था और इलाज के संबंध में मरीजों से जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान अस्पताल के उपस्थित चिकित्सकों को समय पर मरीज़ों को बेहतर इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री श्री वर्मा ने बालौदाबाज़ार जिले के ग्राम रवान के रहने वाले श्री पुकार यादव, ग्राम देवरी की श्रीमती निर्मला वर्मा, बालौदाबाज़ार के श्री सुमन दास साहू से मिलकर स्वास्थ्य की जानकारी ली। सिर में चोट के इलाज के लिए डी के एस के वार्ड- सी 6 में भर्ती 20 वर्ष के श्री पुकार सिंह ने बेहतर इलाज के कारण स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की जानकारी दी।इसी तरह नस में ब्लाकेज के इलाज के लिए मेकाहारा हॉस्पिटल के वार्ड-19 में भर्ती 55 वर्षीय श्री सुमन दास साहू ने स्वास्थ्य में सुधार की बात कही। इसी तरह बलौदाबाजार के ग्राम देवरी की 54 वर्षीय श्रीमती निर्मला वर्मा निमोनिया के इलाज के लिए एम्स हॉस्पिटल में भर्ती है। श्री वर्मा ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिकित्सकों से चर्चा कर बेहतर इलाज के निर्देश दिए। -
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टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगाअभियान इतनी कुशलता से किया गया कि बाघ को किसी तरह की चोट नहीं लगीअब रेडियो कालर भी लगा दिया गया है ताकि इसके मूवमेंट पर रहे लगातार नजरमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को दी बधाईरायपुर : कसडोल शहर के बिल्कुल एक किमी के दायरे में पहुंच गये बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक काबू पा लिया। यह वाकया कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट का है। बाघ एक पैरे के ढेर में छिप गया था। वन विभाग की टीम पहुंची और बेहद कुशलता से बाघ को ट्रैक्यूलाइज किया। टैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा और पास ही के पेट्रोल पंप के पीछे की तरफ आ गया लेकिन उसे तेजी से बेहोशी आई और फिर उसे नियंत्रित कर लिया गया।बाघ के बिल्कुल शहर के पास आने से लोगों के लिए कौतूहल का विषय था कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने इसकी योजना बनाई और बेहद सफलतापूर्वक यह कार्य संपन्न किया गया। बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किये थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिले।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि बाघ के शहर के पास होने की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ. पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ. रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम ने तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण श्री धीराजी के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया।इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर श्री व्ही. श्रीनिवास राव प्रधान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) श्री प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर श्री राजु अगसिमनी, मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर श्रीमति सतोविशा समाजदार, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री मयंक अग्रवाल, श्री आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा भी मौजूद थे।
टाइगर रिजर्व बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में मिलेगा बेहतर परिवेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। इस टाइगर रिजर्व के बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में बेहतर परिवेश मिल पाएगा और इनके बेहतर संवर्धन के अवसर मिलेंगे।
छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही टूरिस्टों ने अचानकमार में टाइगर साइट किया था। टाइगर रिजर्व बनने से एक बार छत्तीसगढ़ पुनः बाघों से गुलजार हो जाएगा। -
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स्कूलों और कॉलेजों में प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिताअनुसूचित जाति और जनजाति बहुल गांवों में 15 दिवसीय संविधान यात्रा सहित होेंगे विभिन्न आयोजनरायपुर : संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ में संविधान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य के स्कूल, कॉलेज और ग्राम पंचायतों में साल भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘ का टैगलाइन निर्धारित किया गया है। स्कूली बच्चों को www.mygov.in पर MyGov प्रतियोगिताओं और MyBharat.gov.in पर युवा सहभागिता गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्कूलों और कॉलेजों में प्रश्नोत्तरी वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति गांवों में 15 दिवसीय संविधान यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा के दौरान, जहां भी बाबा साहेब की प्रतिमाएं होंगी, उन पर पुष्पांजलि अर्पित किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का भी आयोजन होगा, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 51ए के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को पढ़ा और समझाया जाएगा। इस मौके पर जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। संविधान सभा के सदस्यों से जुड़े गांवों में, जिसमें संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान पर विशेष जोर देते हुए विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।
स्कूलों और कॉलेजों में संविधान के प्रावधान, संविधान निर्माण की प्रक्रिया, मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत तथा नवीनतम संशोधन आदि विषयों पर प्रश्नोत्तरी आयोजित किया जाएगा। साथ ही नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों तथा अन्य संवैधानिक मुद्दों पर वाद-विवाद सेमिनार, जिसमें सामाजिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, समय के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए संविधान को लचीला बनाने तथा नवीनतम तथा प्रमुख संशोधनों की जानकारी देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। -
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मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रीमण्डल के सहयोगी, विधायकगण औरगणमान्य नागरिक होंगे शामिलरायपुर : भारतीय संविधान के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर 26 नवंबर 2024 को सुबह 9.30 बजे राजधानी रायपुर में पदयात्रा का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पदयात्रा के प्रारंभ में पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय के सभागार में संविधान पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसके बाद चिकित्सा महाविद्यालय कलेक्टोरेट परिसर अम्बेडकर चौक तक पदयात्रा निकाली जाएगी।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव, श्री विजय शर्मा, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री तोखन साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, लोक सभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्वश्री राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, अनुज शर्मा, इंद्रकुमार साहू, गुरू खुशवंत साहेब के साथ छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्व विजय सिंह तोमर शामिल होंगे। -
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राजस्व मंत्री श्री वर्मा और खाद्य मंत्री श्री बघेल ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवानाश्रद्धालु काशी विश्वनाथ का भी करेंगे दर्शनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर शुरू की गई श्री रामलला दर्शन योजना के तहत चलाई जा रही विशेष ट्रेन आज रायपुर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-07 से रवाना हुई। राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। इस विशेष ट्रेन से 850 श्रद्धालुओं का जत्था अयोध्या धाम के लिए रवाना हुआ। इस दौरान खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।श्री रामलला दर्शन यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। श्रद्धालुगण भगवान राम का जय-जयकार करते हुए अयोध्या धाम के लिए निकले हैं। ट्रेन में श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए भक्तिमय माहौल में श्री रामलला के दर्शन को जा रहे हैं। रामलला दर्शन के लिए जाने वाले दर्शनार्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री रामलला दर्शन के लिए योजना की शुरूआत की है।अयोध्या के दर्शन हम जैसे लोगों के लिए असंभव था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर आज हमें अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन संभव हुआ है। अयोध्या धाम की यात्रा को लेकर हमें बहुत खुशी हो रही है। अयोध्या में श्री रामलला के भव्य और सुंदर मंदिर बनाए गए है। यात्रा के दौरान हम सभी को काशी विश्वनाथ जी के दर्शन का लाभ भी प्राप्त होगा। -
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सहज सरल छवि, निर्णय लेने की दृढ़ क्षमता तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस ने जनता में जगाया भरोसारायपुर : दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है। चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि मतदाताओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री की सहज सरल छवि तथा जनहित के मुद्दों पर दृढ़ता से त्वरित निर्णय लेने की उनकी कार्यप्रणाली के कारण। एक वर्ष के कार्यकाल में साय सरकार ने न केवल पारदर्शी प्रशासनिक तंत्र का विकास किया बल्कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं और नीतियों का लाभ कैसे पहुंचे इस पर पूर्ण मनोयोग से काम किया है।
उपचुनाव के नतीजों ने सरकार के कामकाज पर मुहर लगाई है यह उप चुनाव रायपुर दक्षिण की एक सीट का चुनाव कहकर टाला नहीं जा सकता है। यह राजधानी की ऐसी सीट है जो पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। यहां से बही हवा पूरे राज्य मेें असर करती है। इसका कारण यह है कि इस इलाके में राज्य के सभी संभागों के तथा हर वर्ग के वोटर निवासरत हैं। इसलिए रायपुर दक्षिण में दक्षिणपंथ की विजय को पूरे राज्य के जनादेश की झलक के तौर पर देखना गलत नहीं होगा।उपचुनाव में मुख्यमंत्री साय के करिश्माई व्यक्तित्व का आकर्षण वोटरों में इतना अधिक रहा कि यहां विपक्षी कांग्रेस के लिए कोई जगह ही न बची। साय ने ऐसा कोई मुद्दा ही न छोड़ा जिसे विपक्ष भुना सके। चुनाव के दौरान कांग्रेस मुद्दा विहीन हो गई। यही कारण है कि उसने मौलाना के चुंबन सरीखे एडिटेड वीडियो बनाकर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया और अपनी जग हंसाई करवाई। भाजपा के पास विष्णु देव साय के रूप में एक शानदार और बेदाग चेहरा था जबकि भूपेश बघेल की वादा खिलाफी वाली छवि ने कांग्रेस की संभावनाओं को पहले ही खत्म कर दिया था। साय के नेतृत्व में भाजपा एक होकर चुनाव लड़ी वहीं कांग्रेस पूरी तरह बिखरी रही।
एक और गौर करने वाली बात यह है रायपुर नगर निगम के कांग्रेसी महापौर का वार्ड भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है। महापौर के वार्ड से भी भाजपा को लीड मिली है। इससे यह भी प्रमाणित हो गया कि महापौर अपने वार्ड के पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं। कांग्रेस के परंपरागत वोटर भी इस बार भाजपा की विजय देखना चाहते थे। प्रचार के दौरान ही यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस के वोटर भी चाहते थे कि विष्णु के सुशासन के साथ मिलकर वे अपने क्षेत्र को विकास की डगर पर लेकर चलें। प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री के रोड शो को जो शानदार प्रतिसाद मिला था उससे नतीजों का अनुमान तो पहले ही लग गया था। कांग्रेस तो इतना डरी हुई थी कि अपने महापौर को चुनाव प्रचार तक नहीं करने दिया। इससे आने वाले निगम चुनाव के परिणामों का भी अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
भाजपा की एकतरफा विजय के कारणों का विश्लेषण करें तो कई कारण स्पष्ट रूप से दिखते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों से बढ़कर राज्य सरकार ने जनहित के जो काम किए उनका प्रतिफल इस जीत में दिखा। महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपये का अंतरण, किसानों को धान का बोनस और 3100 के दाम पर रिकार्ड धान खरीदी, युवाओें के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर, भर्ती की आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट, 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्रीआवासों को स्वीकृति, पीएससी की परीक्षाओं में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति, गरीबों को मुफ्त राशन तथा शहरी बुनियादी सुविधाओं का विकास जैसे तमाम कामों ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया है। विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में तेजी से अधोसंरचना विकास का काम चल रहा है। सड़कें, पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल का कायाकल्प हो रहा है। नक्सल समस्या से सख्ती से निपटने की कारगर रणनीति अपनाई गई है। शहरों में कानून व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि जनता का सरकार पर भरोसा बढ़ा है और परिणाम सामने है। -
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राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक सहित गणमान्य नागरिक करेंगे संविधान की प्रस्तावना वाचनस्कूल-कॉलेजों में होगा प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिताअनुसूचित जाति, जनजाति बहुल गांवों में होगा 15 दिवसीय संविधान यात्राविशेष ग्राम सभा का होगा आयोजनरायपुर : भारतीय संविधान के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर 26 नवंबर 2024 से साल भर स्मरणोत्सव का आयोजन किया जाएगा। वर्ष भर चलने वाले इस स्मरणोत्सव को ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘ के टैगलाइन के तहत संचालित किया जाएगा। स्मरणोत्सव का यह आयोजन चार स्तंभों संविधान की प्रस्तावना, अपने संविधान को जानें, संविधान का निर्माण और संविधान के गौरव विषय पर केन्द्रित होगी।संविधान दिवस 26 नवम्बर को मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के साथ सभी मंत्रीगण, विधायकगण और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना वाचन किया जाएगा। संविधान दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में प्रश्नोत्तरी वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। साथ ही इस मौके पर अनुसूचित जाति, जनजाति गांवों में 15 दिवसीय संविधान यात्रा निकाली जाएगी।
कार्यक्रम सार्वजनिक स्थान पर बड़ी संख्या में लोगों के साथ आयोजित किया जाएगा तथा उक्त कार्यक्रम में भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय द्वारा संविधान के ऊपर निर्मित फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा। रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में संविधान निर्माण में राज्य के विशिष्ट लोगों की भूमिका को केन्द्रित किया जाएगा तथा संविधान से संबंधित कला-प्रदर्शनी प्रदर्शित की जाएगी। संविधान दिवस पर आयोजित इस कार्यकम हेतु संस्कृति विभाग नोडल विभाग होगा एवं की गई सभी कार्यवाहियों की जानकारी एवं छायाचित्र को भारत सरकार की वेबसाइट constitution75.com में अपलोड होगा।
संविधान दिवस के अवसर पर पंचायतों में 15 दिवसीय संविधान यात्रा का भी आयोजन किया जाएगा। ये यात्राएं अनुसूचित जाति, जनजाति की आबादी के बहुलता वाले गांवों में आयेाजित की जाएगी। यात्रा के दौरान, जहां भी बाबा साहेब की प्रतिमाएं होंगी, उन पर पुष्पांजलि अर्पित किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का भी आयोजन होगा, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 51ए के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को पढ़ा और समझाया जाएगा। साथ ही इस मौके पर जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। संविधान सभा के सदस्यों से जुड़े गांवों में, जिसमें संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान पर विशेष जोर देते हुए विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में संविधान के प्रावधान, संविधान निर्माण की प्रकिया, मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत तथा नवीनतम संशोधन आदि विषयों पर प्रश्नोत्तरी आयोजित किया जाएगा। साथ ही नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों तथा अन्य संवैधानिक मुद्दों पर वाद-विवाद सेमिनार, जिसमें सामाजिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, समय के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए संविधान को लचीला बनाने तथा नवीनतम तथा प्रमुख संशोधनों पर विशेष ध्यान दिए जाने हेतु आयोजित करेंगे। स्कूली बच्चों को https://www.mygov.in पर MyGov प्रतियोगिताओं और MyBharat.gov.in पर युवा सहभागिता गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत 10,243 ग्राम का जियो रिफ्रेसिंगसर्वेक्षण नक्शा तैयारडिजिटल फसल सर्वेक्षण 03 जिले में पूर्ण रूप से तथा16 जिले के एक-एक तहसील चयनितसभी कृषकों को मिलेगा कृषि भूमि पहचान पत्ररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने के लिए एग्रीस्टेक परियोजना संचालित की जा रही है। इसके तहत ग्राम का जियो रिफ्रेसिंग सर्वेक्षण नक्शा, राजस्व संबंधित अधिकार अभिलेख और डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है। पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत 20 जिलों में जियो रिफ्रेसिंग तकनीक से सर्वे कर नक्शा तैयार करने का काम चल रहा है। अब तक 10 हजार 243 गांवों में यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एग्रीस्टेक परियोजना के तहत डिजिटल फसल सर्वेक्षण तीन जिलों में पूर्ण रूप किया जा रहा है तथा 16 जिलों की एक-एक तहसील में भी फसल सर्वेक्षण किया जा रहा है। आगामी दिनों में राज्य के सभी जिलों में डिजिटल फसल सर्वे का काम होगा।इस परियोजना में कृषकों को पंजीयन किया जा रहा है। इसके माध्यम से कृषकों को केन्द्र और राज्य सरकार के योजनाओं का पारदर्शी ढंग से लाभ मिलेगा। मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन स्वयं किसान तथा युवा कर सकेंगे। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेन्टर, वेबसाईट के माध्यम से पटवारी कर सकेंगे। कृषक पंजीयन के लिए कॉमन सर्विस सेन्टर में प्रत्येक ई-केवाईसी के लिए 15 रूपए की दर निर्धारित की गई है। -
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31 करोड़ रूपए की लागत से परलकोट जलाशयका होगा संधारणमुख्य नहर निर्माण और बारदा में एनीकट निर्माणके लिए 22 करोड़ रूपए की घोषणारायपुर : कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के किसानों को परलकोट जलाशय से अब भरपूर पानी मिलेगा। जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस जलाशय के संधारण कार्य का भूमिपूजन किया। यह कार्य लगभग 31 करोड़ रूपए की लागत से पूर्ण होगा। परलकोट जलाशय में आर.बी.सी. एवं एल.बी.सी. गेट की मरम्मत तथा आरबीसी. नहर आर.डी. 14 किलोमीटर तक लाइनिंग कार्य एवं ट्रफ निर्माण कार्य किया जाएगा।भूमिपूजन के मौके पर जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने 07 करोड़ रूपए की लागत से बारदा आश्रम एनीकट निर्माण और परलकोट जलाशय की बायीं तट पर मुख्य नहर निर्माण हेतु 15 करोड़ रूपए की घोषणा की।इस अवसर पर कार्यक्रम में अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेण्डी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि परलकोट जलाशय से वर्तमान में 5400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है, जबकि संधारण कार्य पूर्ण हो जाने से 9000 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिलेगी। संधारण कार्य के बाद 3600 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी, जिससे पखांजूर क्षेत्र के 67 ग्रामों में निवासरत 15 हजार से अधिक किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का लगभग 37 से 40 प्रतिशत मछली का उत्पादन इसी क्षेत्र से होता है। इसका ज्वलंत उदाहरण है कि जिले को मत्स्यपालन के क्षेत्र में कल 21 नवम्बर को देश में ‘बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड’ से नवाजा गया है।केबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में एकीकृत खेती के अलावा बत्तख पालन, मछली पालन, सूअर पालन, बकरा पालन, मुर्गा पालन, दुग्ध उत्पादन आदि के लिए उन्नत तकनीकी का उपयोग किया जाता है।इन व्यवसायों को बढ़ावा देने पूरे प्रदेश में 500 दुग्ध उत्पादन केन्द्र और 500 फिश हेचरी के लिए सहकारी (कोऑपरेटिव) समिति इसी वर्ष गठित की जानी है और इसके लिए सबसे बेहतर व अनुकूल क्षेत्र कापसी, बांदे, पखांजूर का क्षेत्र है। -
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नारायणपुर में 27.68 करोड़ रूपए के विभिन्नविकास कार्यों का भूमिपूजनरायपुर : नारायणपुर जिले में उद्यानिकी और मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज जिले में खनिज न्यास निधि की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि वनांचल में रहने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए खनिज न्यास निधि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। उन्होंने अपने दौरे में नारायणपुर जिले में अधोसंरचना विकास के लिए 27.68 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वनांचल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ने के लिए उद्यानिकी और मत्स्य पालन के विस्तार के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिले में लीची, केले, जिमीकंद, अदरक और हल्दी जैसे कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि इमली की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग विशेष ध्यान दें। उन्होंने बताया कि प्रोसेड इमली की मांग दक्षिण भारत के राज्यों में अधिक है। प्रोसेड इमली के निर्यात से प्रोसेसिंग कार्य से जुड़े समूहों को अच्छा मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने नियद नेल्ला नार योजना की समीक्षा की और स्वीकृत कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराये जाए। दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए संचालित परीयना विद्यालय को बेहतर ढंग से संचालित करने के भी निर्देश दिए। -
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प्रधानमंत्री मत्स्य किसान संपदा योजना के जरिए मत्स्य किसान बनेंगे सशक्तकृषि मंत्री मत्स्य कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम में हुए शामिलरायपुर : किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पानी की बहुलता एवं बांध वाले क्षेत्रों में मत्स्य टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे मत्स्य कृषकों के आय भी बढ़ेगी और निरंतर रोजी-रोजगार की व्यवस्था भी होगी। उन्होंने कहा कि मत्स्य किसानों को कलस्टरों और समितियों से जोड़कर समृद्ध बनाया जा सकता है। इसके लिए किसानों को भी आगे आना चाहिए। कृषि मंत्री श्री नेताम आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्थित कृषि मंड्डपम में विश्व मात्स्यिकी दिवस पर छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित एक दिवसीय मत्स्य कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री श्री नेताम ने कहा कि मत्स्य किसानों के निरंतर उन्नति और विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य किसान संपदा योजना शुरू की। पृथक से मत्स्य मंत्रालय का गठन किया है। निश्चित ही इससे छोटे-छोटे मत्स्य किसान को रोजगार मिलेगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत से किसानों के पास डबरी व गांव में तालाब होते है। जिसके माध्यम से मत्स्य पालन कर रोजी-रोजगार करते है। उन्होंने कहा कि सरकार मत्स्य किसानों के लिए संचालित योजना में 60 प्रतिशत अनुदान का भी प्रावधान किया है। मत्स्य कृषकों को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धमतरी, दुर्ग, रायपुर जैसे पानी की बहुलता वाले क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए। संगोष्ठी कार्यक्रम को मंत्री श्री केदार कश्यप ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री गिरीश चंदेल, श्री नेहरू निषाद, मत्स्य कृषक बोर्ड के अध्यक्ष श्रीमती हेमलता निषाद, श्री रामकृष्ण धीवर, श्री नेतराम निषाद, श्री कृष्णा हिरवानी, श्री आनंद निषाद, श्री बसंत सहित सहकारिता विभाग के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में मत्स्य कृषक उपस्थित थे। -
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अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धानधान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतानरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है। -
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नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने दिया सम्मानमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाईरायपुर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकीय दिवस के अवसर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मछली विभाग के संचालक श्री नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मछली पालन कांकेर श्री एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंड लॉक प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है। -
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राजधानी रायपुर में होगा 22 खेलों का आयोजनपच्चीस राज्यों के 6 हजार से अधिक खिलाड़ी होंगे शामिलप्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने तैयारियों की ली बैठकरायपुर : एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के मेजबानी इस बार छत्तीसगढ़ को मिली है। यह खेल प्रतियोगिता 14 से 20 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। खेल प्रतियोगिता में 15 एकल एवं युगल तथा 7 सामूहिक खेल इस तरह कुल 22 खेलों का आयोजन किया जाएगा।
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज नवा रायपुर स्थित आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष में को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में दिल्ली से नेस्ट्स (NESTS) के ज्वाइंट कमिश्नर श्री बीसी रतोरी, असिस्टेंट कमिश्नर श्री गौरव सिंह, टीआरआई के प्रभारी संचालक श्री संजय गौड़, खेल विभाग के अधिकारी एवं विभिन्न खेल एसोसिएशन के प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि 14 से 20 दिसंबर के मध्य प्रस्तावित एकलव्य आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में देश के 25 राज्यों में संचालित एकलव्य विद्यालय के लगभग 6 हजार से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बैठक में खिलाड़ियों एवं उनके साथ आनेवाले अधिकारियों के ठहरने, भोजन व आवागमन के साथ ही खेल स्थलों, सुरक्षा व्यवस्था, बिजली-पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने एवं उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं। वर्तमान में प्रदेश में 10 कन्या तथा 06 बालक एवं 59 संयुक्त, इस प्रकार कुल 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। -
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प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने म्यूजियम का कार्यजल्द पूरा करने के दिए निर्देशरायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज शाम नवा रायपुर स्थित आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में आदिम जनजातियों की जीवन शैलियों पर तैयार हो रहे म्यूजियम का निरीक्षण किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और वेंडरों को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के पास ही ट्रायबल म्यूजियम का निर्माणकार्य भी अंतिम चरण में है। यह ट्रायबल म्यूजियम जनजातीय जीवनशैली, उनके रहन-सहन, निवास गृह, पूजा पद्धति (देवगुड़ी), उनकी वेशभूषा, उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विशेषताओं को जीवंत प्रदर्शित करेगा।इसमें ज्यादातर वूडन कार्य होने के कारण प्रमुख सचिव श्री बोरा द्वारा इसमें दीमकरोधी एवं पानी से बचाव को ध्यान में रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि इन दोनों संग्रहालय के मूर्तरूप में आने के बाद निश्चित ही छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिलेगी। इस मौके पर विभागीय इंजीनियर, वरिष्ठ अधिकारी और ठेकेदार उपस्थित थे। -
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राजस्व मंत्री ने भगवंतीन कमार को नए आवास में कराया गृह प्रवेशरायपुर : छत्तीसगढ़ में पी.एम. जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों तक तेजी से बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही है। जनजाति गौरव दिवस के मौके पर नया घर मिलने पर विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाली श्रीमती भगवंतीन कमार बहुत खुश है। आज उनका पक्के घर का सपना पूरा हुआ। राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने आज उन्हें गृह प्रवेश कराया।
जनजाति गौरव दिवस के मौके पर श्रीमती भगवंतीन कमार ने घास-फूस की झोपड़ी की जगह पक्का घर मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया। राजस्व मंत्री और जिले प्रभारी मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने मसानडबरा के कमार बस्ती पहुंचे थे। उन्होंने वहां पी.एम. जनमन योजना के तहत बनाये जा रहे आवासों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जल्द आवास पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने वहां कमार परिवारों से भी चर्चा की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनजाति परिवारों को मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है। पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं का भी लाभ दिलाया जा रहा है। इस मौके पर विधायक श्रीमती पिंकी शिवराज शाह भी उपस्थित थी।
गौरतलब है कि विशेष जनजाति परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए चलाई जा रही पी.एम. जनमन में पक्का आवास, सड़क, बिजली, नल जैसी बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। ग्राम मसानडबरा में पी.एम. जनमन योजना के तहत कमार परिवारों के लिए 31 आवासों की स्वीकृति दी गई है। -
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वक्ताओं ने कहा वनों के संरक्षण और संवर्धन में जनजातीय समुदाय की महती भूमिकाजनजातियों को जल, जंगल और जमीन के हक से वंचित करना अन्यायरायपुर : छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति पर आधारित संगोष्ठी के दूसरे दिन जनजातीय समुदाय पर्यावरण संरक्षण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में तथा वन अधिकार अधिनियम क्रियान्वयन एवं चुनौतियों विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में जनजातीय समुदाय पर्यावरण संरक्षण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री बी. पी.सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 42 प्रकार की जनजातियां मुख्यतः निवास करती है। यहाँ 44 प्रतिशत वन है। ग्रामीण क्षेत्रो में 72 लाख की जनजातियां निवासरत है जबकि शहरी क्षेत्रों में लगभग 5 लाख जनजातियां निवास करती है। इससे यह सिद्ध होता है कि जनजातियों का वनों से घनिष्ठ संबंध है। इनकी आजीविका मुख्यतः वनोपज पर निर्भर है।
जनजातीय समुदाय का, वनों के संरक्षण और संवर्धन में महती भूमिका है। वनोपज और जड़ी बूटियों का दोहन इस प्रकार करते हैं कि उसके अस्तित्व पर संकट न आ जाये। बैगा आदिवासी कभी साजा का पेड़ नही काटते, इसमें वह बूढ़ा देव का वास मानते है प्रकृति और जीवन के बीच आपसी समन्वय जनजाति समाज में गहरी जड़ो तक समाया हुआ है। पर्यावरण संरक्षण और परिवर्तन के अंतर को समझना जरूरी है। वनों के उत्पादकता पर ध्यान देना जरूरी है। वनों का प्रबंधन वर्ष 1992 से किया जा रहा है। वन प्रबंधन समितियों में जनजातियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इको टूरिज्म और नेचुरोपैथी जनजातियों के जीवन मे आमूल चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है।इसी तरह सेवानिवृत्त सहायक वन संरक्षक श्री जितेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सामान्य आदमी जंगल को आमोद-प्रमोद की जगह और व्यवसायी व्यवसाय का साधन समझते है। जनजातियों के लिए वन एक संस्कृति है, एक धरोहर है। दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला है और सबसे महत्वपूर्ण जीविकोपार्जन का साधन है। पर्यावरण में जो विकार पैदा हुआ है, उसमें सुधार बहुत आवश्यक है। औद्योगिक निष्पादन में प्रभावी रोक लगाकर पर्यावरण को बेहतर किया जा सकता है। दूसरे सत्र में अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्री अरूण कुमार पांडे ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन से जनजातियों को न्याय मिला है। ग्राम सभा को नीतियां बनाने और उनके क्रियान्वयन में मदद करना जरूरी है।
जनजातियों को उनके जल, जंगल और जमीन के नैसर्गिक हक से वंचित करना अन्याय है। वनाधिकार के पट्टा के लिए पात्र हितग्राहियों का चयन जवाबदारी ग्राम सभा की है। सामुदायिक वन संसाधन का प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए नियमों को सख्ती से लागू करना होगा। श्रीमती नमिता मिश्रा ने कहा कि ग्राम सभा को निर्णय लेने का अधिकार वन अधिकार अधिनियम को प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगा। जनजातीय समाज की महिलाएं अपने परिवार के साथ-साथ वनों से जुड़ी होती है।महिलाओं के निर्णय को लागू करने में सभी की सहमति जरूरी है। वनवासी कल्याण आश्रम के सेवानिवृत्त शिक्षक श्री कृष्ण कुमार वैष्णव ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम को लागू करने में चुनौतियां न केवल सरकार अपितु समाज के समक्ष खड़ी है। आधुनिक समाज ने विकास के लिए अंधाधुंध वनों से पेड़ांे की कटाई, शौकिया तौर पर वन्य प्राणियों के शिकार ने वनवासियों के आम जनजीवन में गहरा प्रभाव डाला है। वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ जनजातियों की हितों की रक्षा के लिए वन अधिकार अधिनियम महत्वपूर्ण है। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज राजधानी दिल्ली में गरीब महिलाओं एवं बच्चों के लिए कार्य कर रही संस्था हमारा समर्पण चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारिका स्थित संस्था का भ्रमण किया। उन्होंने संस्था के कार्यों की जानकारी ली। यह संस्था छोटे-मोटे रोजगार कर अपना जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों के महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल एवं उनके व्यक्तित्व विकास, और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। श्री डेका ने ट्रस्ट के कार्यों की सराहना की साथ ही छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में भी स्वास्थ्य कैंप लगाने का अनुरोध किया।
श्री डेका के अनुरोध पर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में उक्त संस्था द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन आगामी माह में किया जाएगा। राज्यपाल ने उपस्थित बच्चों से बातचीत की और उनके साथ फोटो भी खींचवाई। इस अवसर पर हितग्राही महिलाएं, बच्चे और संस्था के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : जल, जंगल, जमीन के रक्षक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर 13 से 15 नवम्बर तक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नवा रायपुर द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय औेर तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नगद राशि और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य बच्चों की रचनात्मक क्षमता को प्रोत्साहित करना है। जब बच्चे ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, तो उन्हें विभिन्न प्रकार के विषयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी कल्पना और रचनात्मकता को चुनौती देते हैं। नियमों या दिशा-निर्देशों से सीमित न होकर अपनी सोंच को चित्रकला के माध्यम से बच्चे अपनी कलात्मक क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं और अपनी अनूठी शैली और अभिव्यक्ति की खोज कर सकते हैं। ड्राइंग प्रतियोगिताएँ बच्चों को अन्य युवा कलाकारों के साथ बातचीत करने, अपने विचार साझा करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करके सामाजिक कौशल को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसी प्रतियोगिताएँ समुदाय, टीमवर्क और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है, जो बच्चों को उनके सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद कर सकती है।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर तीन दिवसीय राज्य स्तर पर आयोजित जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के लिए चार वर्ग में विभाजित कर प्रतियोगिता कराई गई। प्रथम वर्ग 12 से 18 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागियों के लिए 13 नवंबर को आयोजित चित्र कला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कांकेर के श्री डेलियंश पदृदा को 10 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार सुकमा के श्री हरीश कुमार को 8 हजार रूपए और तृतीय पुरस्कार गरियाबंद के चन्द्र कुमारी नागेश को 5 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार 14 नवंबर को आयोजित 12 से 18 वर्ष तक की आयु के जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार बालोद के दिव्यांशु को 10 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार तृतीय पुरस्कार बीजापुर के श्री डालजीव कोरेटी को 5 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।
जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के 18 से 30 वर्ष तक की आयु वर्ग के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार धमतरी के श्री अवध राम कंवर को 20 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार महासमुंद के श्री गुलशन ठाकुर को 15 हजार रूपए और तृतीय पुरस्कार दंतेवाडा के श्री पंकज कुमार नेताम को 10 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार दुर्ग के हरीय कुमार गोंड को 20 हजार रूपए औैर प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय पुरस्कार सरगुजा के श्री भगत राम को 15 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया और तृतीय पुरस्कार महासमुंद के श्री चुम्मन लाल कर्री को 10 हजार रूपए और प्रमाण पत्र से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर आदिवासी विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम, राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोनमणि बोरा, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गा, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में श्री दामेसाय बघेल द्वारा लिखित पुस्तक ’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ का विमोचन किया। ’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ में जनजातियों की प्राचीन जीवनशैली के संबंध में पुरखों की व्यवस्था, जन्म संस्कार, विवाह संस्कार, मृतक संस्कार का उल्लेख किया गया है। इसी प्रकार देव संस्कार का ताना-बाना, रीति-रिवाज, देवी-देवताओं के मान्यताएं, मौखिक कला साहित्य, संस्कृति, किवदंतियां, महान विभूतियों के योगदान जड़ी-बुटी के जानकार, ऐतिहासिक, पुरातात्विक धरोहर पर लेख को समाहित किया गया है।
’हल्बा जनजाति की वाचिक परम्पराएं’ नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर आदिवासी विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम, राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोनमणि बोरा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गा, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार गण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय जननायकों के अमूल्य योगदान पर आधारित शौर्याजंलि कैलेण्डर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वन अधिकारों की मान्यता से सम्बंधित एटलस पुस्तक का भी विमोचन किया।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय जननायकों ने अमूल्य योगदान देकर और मां भारती के चरणों में अपना सब कुछ न्यौछावर कर देश को आजाद कराया। आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे सेनानियों को नमन करने के साथ ही उनकी स्मृति अक्षुण्ण रखने के लिए यह कैलेण्डर प्रकाशित कराया है। विभाग द्वारा जनजातीय जननायकों को भगवान बिरसा मुंडा के 150 वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर उनके जन्म दिवस और बलिदान दिवस को स्मरण करते हुए नमन करने का प्रयास किया है।
जनजातीय जननायकों के अमूल्य योगदान पर आधारित कैलेण्डर विमोचन के अवसर पर आदिवासी विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम, राज्यसभा सदस्य श्री अरुण सिंह, विधायक सर्व श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री मोती लाल साहू, श्री विकास मरकाम, प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री सोनमणि बोरा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, आयुक्त श्री नरेंद्र दुग्गा, कमिश्नर रायपुर महादेव कावरे सहित आदिवासी समुदाय के लोग और बड़ी संख्या में कलाकार उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : धरती आबा भगवान बिरसामुंडा की जयंती 15 नवम्बर 2024 को पूरे प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है। सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में पी.जी. कॉलेज ऑडिटोरियम में प्रातः 10.30 बजे से जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जहां महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।



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