-
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा की श्री जोगी का निधन मेरे लिए ही नही प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है ,...मैं अपने परिवार और रायपुर दक्षिण विधानसभा के नागरिकों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ...जोगी जी का कुशल प्रशासक से लेकर कुशल राजनीतिज्ञ तक लंबा सफर उपलब्धियों भरा रहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ की प्रारंभिक अधोसंरचना निर्माण के लिए उनके द्वारा किए गए काम उनकी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता के सदा उदाहरण बने रहेंगे। उनकी जीवटता, संकल्पशक्ति और लक्ष्य को पा लेने की जिद, प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों में प्रेरणा देती रहेगी।
धन्यवाद ...कन्हैया अग्रवाल -
रायपुर, 28 मई : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयुष मंत्रालय लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दे रहा है। आयुष मंत्रालय की सलाह है कि दिन में कम से कम एक बार काढ़ा पीने से काफी हद तक कोरोना वायरस की मार से बचे रहेंगे। छत्तीसगढ़ आयुष संचालक डॉ जीएस बदेशा के निर्देशानुसार जीवाणु-विषाणु से सुरक्षा तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शासकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के ओपीडी में आने वाले मरीजों को गुडुच्छादि काढ़ा का वितरण किया जा रहा है जिससे कोरोना महामारी से बचाव किया जा सके। शासकीय आयुर्वेदिकअस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रवीण कुमार जोशी ने अस्पतालमें आने वाले सभी मरीजों को काढ़ा वितरण कर उन्हेंका ढ़ा बनाने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने मरीजों को सेनेटाइजर का उपयोग करने व मास्क पहने के फायदे के बारे में बताया गया।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 150 से 200 हितग्राहियों को काढ़े का वितरण किया जा रहा है। सप्ताहभर में 1000 लोगों को काढ़ा का वितरण कर घर में भी नियमित रूप से सेवन करने की सलाह दी गई। काढ़ा शरीर को कुदरती तौर पर मजबूत करता है।आयुष मंत्रालय ने लोगों को खुद काढ़ा तैयार करने की विधि की जानकारी दे रही है। दरअसल काढ़ा बनाने के लिए जिन सामग्रियों का इस्तेमाल करने की सलाह आयुष मंत्रालय ने दी है वो सभी हमारे शरीर को कुदरती तौर पर मजबूत बनाने का काम करते हैं। इन चीजों से इम्यूनिटी यानी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहती है। सबसे अच्छी बात ये है कि काढ़ा बनाने के लिए जरुरी औषधीय अस्पताल में निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। चुनौती कितनी भी बड़ी हो उसका समाधान जरूर होता है। कोरोना वायरस की चुनौती से भी हमें इसी तरह खुद को योद्धा बनाकर निपटना होगा।
डॉ जोशी ने बताया कोरोना संक्रमण से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा सोशल डिस्टेंस रखना एवं बार-बार हाथों को धोने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को बार-बार हाथ धोना चाहिए तथा घर से बाहर निकलते समय मास्क का अवश्य उपयोग करना चाहिए। हालांकि अधिकांश मरीज पहले से ही इसका काढ़े का नियमित उपयोग पहले से भी कर रहे हैं उन्होंने बताया काढ़े में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की ताकत होती है। उन्होंने कहा आपसी समन्वय से ही हम इस वैश्विक महामारी से खुद को व राष्ट्र को सुरक्षित रख पाएंगे। - रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पदस्थापना आदेश जारी किया गया है -1. श्री अमिताभ जैन, भा0प्र0से0 (1989), अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग एवं अतिरिक्त प्रभार-अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग को केवल अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
2. डाॅ. आलोक शुक्ला, भा0प्र0से0 (1986), प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग एवं अतिरिक्त प्रभार-अध्यक्ष, छ0ग0 माध्यमिक शिक्षा मंडल तथा अध्यक्ष, छ0ग0 व्यावसायिक परीक्षा मंडल को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ प्रमुख सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
3. श्रीमती रेणु पिल्ले, भा0प्र0से0 (1991), अपर मुख्य सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग तथा अतिरिक्त कार्यभार-महानिदेशक, छ0ग0 प्रशासन अकादमी, रायपुर को अपर मुख्य सचिव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के कार्यभार से मुक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के पद पर पदस्थ किया गया है। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।श्रीमती रेणु पिल्ले, भा0प्र0से0 (1991), द्वारा अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग का कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से सुश्री निहारिका बारिक, भा0प्र0से0 (1997) केवल सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यभार से मुक्त होंगी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का प्रभार यथावत् रहेगा।
4. श्री मनोज कुमार पिंगुआ, भा0प्र0से0 (1994), प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग व अतिरिक्त कार्यभार-प्रमुख सचिव, वन विभाग एवं विशेष कत्र्तव्यस्थ अधिकारी सह निवेश आयुक्त, सीएसआईडीसी, मुख्यालय नई दिल्ली को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
श्री मनोज कुमार पिंगुआ, भा0प्र0से0 (1994), द्वारा आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से डाॅ. मनिंदर कौर द्विवेदी, भा0प्र0से0 (1995), केवल आवासीय आयुक्त, छत्तीसगढ़ भवन, नई दिल्ली के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त होंगी। डाॅ. मनिंदर कौर द्विवेदी का शेष प्रभार यथावत् रहेगा।5. श्री प्रसन्ना आर0, भा0प्र0से0, सचिव, सहकारिता विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, समाज कल्याण व सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग तथा आयुक्त, निःशक्तजन को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सचिव, कौशल विकास विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।श्री प्रसन्ना आर0, भा0प्र0से0, द्वारा सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री परदेशी सिद्धार्थ कोमल, भा0प्र0से0, सचिव, लोक निर्माण विभाग तथा सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, सचिव, खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 स्टेट रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन, रायपुर केवल सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त होंगे। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
6. श्रीमती अलरमेलमंगई डी0, भा0प्र0से0, सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, उच्च शिक्षा विभाग तथा संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
7. श्री अंबलगन पी0, भा0प्र0से0, सचिव, खनिज साधन विभाग तथा अति0 प्रभार-सचिव, सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ सचिव, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
8. डाॅ. संजय कुमार अलंग, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-बिलासपुर को आयुक्त, बिलासपुर संभाग, बिलासपुर के पद पर पदस्थ करते हुए आयुक्त, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
9. श्री ईमिल लकड़ा, भा0प्र0से0, आयुक्त, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर को सचिव, राजस्व मण्डल, बिलासपुर के पद पर पदस्थ करते हुए सचिव, लोक आयोग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
10. श्री सी0आर0 प्रसन्ना, भा0प्र0से0, संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें तथा विशेष सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को विशेष सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पद पर पदस्थ करते हुए आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
11. श्री भूवनेश यादव, भा0प्र0से0, आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें तथा प्रबंध संचालक, छ0ग0 मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन को विशेष सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के पद पर पदस्थ किया गया है।श्री भूवनेश यादव, भा0प्र0से0 द्वारा विशेष सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री हेमंत पहारे, (से.नि.आई.ए.एस. संविदा नियुक्ति), केवल सचिव, ग्रामोद्योग विभाग के कार्यभार से मुक्त होंगे।12. सुश्री शम्मी आबिदी, भा0प्र0से0, प्रबंध संचालक, छ0ग0 राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड), रायपुर को संचालक, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास के पद पर पदस्थ किया गया है।
13. श्रीमती रानू साहू, भा0प्र0से0, कलेक्टर, बालोद को आयुक्त, वाणिज्यिक कर के पद पर पदस्थ किया गया है।
14. श्री महादेव कावरे, भा0प्र0से0, संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन तथा अतिरिक्त प्रभार-संयुक्त सचिव, खनिज साधन विभाग को कलेक्टर, जिला-जशपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
15. श्री अवनीश कुमार शरण, भा0प्र0से0, कलेक्टर, कबीरधाम को संचालक, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण के पद पर पदस्थ किया गया है।
16. श्री अंकित आनंद, भा0प्र0से0, कलेक्टर, दुर्ग को प्रबंध संचालक, छ0ग0 राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड), रायपुर के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अटल नगर विकास प्राधिकरण, नवा रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
17. श्री नीलम नामदेव एक्का, भा0प्र0से0, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अटल नगर विकास प्राधिकरण, नवा रायपुर को प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।श्री नीलम नामदेव एक्का, भा0प्र0से0 द्वारा प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से श्री हेमंत पहारे, (से.नि.आई.ए.एस. संविदा नियुक्ति), केवल प्रबंध संचालक, छ0ग0राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित, रायपुर के कार्यभार से मुक्त होंगे। शेष प्रभार यथावत् रहेगा।
18. श्री टोपेश्वर वर्मा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-दंतेवाड़ा को कलेक्टर, जिला-राजनांदगांव के पद पर पदस्थ किया गया है।
19. श्री नीलकंठ टीकाम, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-कोण्डागांव को संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन के पद पर पदस्थ किया गया है।
20. श्री डोमन सिंह, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-कोरिया को कलेक्टर, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पद पर पदस्थ किया गया है।
21. श्री हिमशिखर गुप्ता, भा0प्र0से0, पंजीयक, सहकारी संस्थाएं तथा संचालक, प्रशासन अकादमी को उनके वर्तमान कत्र्तव्यों के साथ-साथ रजिस्ट्रार, फम्र्स एवं संस्थाएं का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
22. श्री राजेश सिंह राणा, भा0प्र0से0, संयुक्त सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग तथा संयुक्त सचिव, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग के पद पर पदस्थ किया गया है।
23. श्री रणबीर शर्मा, भा0प्र0से0, रजिस्ट्रार फम्र्स एवं संस्थाएं तथा अति0 प्रभार-उप सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग को कलेक्टर, जिला-सूरजपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
24. श्री अभिजीत सिंह, भा0प्र0से0, मिशन संचालक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को कलेक्टर, जिला-नारायणपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
25. श्री श्याल लाल धावड़े, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-गरियाबंद को कलेक्टर, जिला बलरामपुर- रामानुजगंज के पद पर पदस्थ किया गया है।
26. श्री संजीव कुमार झा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज को कलेक्टर, जिला-सरगुजा के पद पर पदस्थ किया गया है।
27. श्री सारांश मित्तर, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला सरगुजा को कलेक्टर, जिला-बिलासपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
28. श्री यशवंत कुमार, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला रायगढ़ को कलेक्टर, जिला-जांजगीर-चांपा के पद पर पदस्थ किया गया है।
29. श्री कार्तिकेय गोयल, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा को कलेक्टर, जिला महासमुंद के पद पर पदस्थ किया गया है।
30. श्री भूरे सर्वेश्वर नरेन्द्र, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला मुंगेली को कलेक्टर, जिला दुर्ग के पद पर पदस्थ किया गया है।
31. श्री सुनील कुमार जैन, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला महासमुंद को कलेक्टर, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के पद पर पदस्थ किया गया है।
32. श्री रमेश कुमार शर्मा, भा0प्र0से0, उप सचिव, मुख्य सचिव कार्यालय तथा अति0प्रभार-संचालक, भू-अभिलेख व आयुक्त, वाणिज्यिक कर को कलेक्टर, जिला कबीरधाम के पद पर पदस्थ किया गया है।
33. श्री जनक प्रसाद पाठक, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला जांजगीर-चांपा को संचालक, भू-अभिलेख के पद पर पदस्थ किया गया है।
34. श्री जन्मेजय महोबे, भा0प्र0से0, आयुक्त सह संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग को कलेक्टर, जिला बालोद के पद पर पदस्थ किया गया है।
35. श्री रितेश कुमार अग्रवाल, भा0प्र0से0, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बिलासपुर को कलेक्टर, जिला बीजापुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
36. श्री जयप्रकाश मौर्य, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला राजनांदगांव को कलेक्टर, जिला धमतरी के पद पर पदस्थ किया गया है।
37. सुश्री शिखा राजपूत तिवारी, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को नियत्रंक, नाप-तौल के पद पर पदस्थ किया गया है।
38. श्री दीपक सोनी, भा0प्र0से0, कलेक्टर, सूरजपुर को कलेक्टर, जिला दंतेवाड़ा के पद पर पदस्थ किया गया है।
39. श्री तंबोली अय्याज फकीरभाई, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला-बस्तर को आयुक्त, छ0ग0 गृह निर्माण मंडल के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
40. श्री भीम सिंह, भा0प्र0से0, आयुक्त, छ0ग0 गृह निर्माण मंडल तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर को कलेक्टर, जिला-रायगढ़ के पद पर पदस्थ किया गया है।
41. श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा, भा0प्र0से0, संचालक, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य कौशल विकास अभिकरण को कलेक्टर, जिला-कोण्डागांव के पद पर पदस्थ किया गया है।
42. श्री छत्तर सिंह डेहरे, भा0प्र0से0, अपर आयुक्त, संभागायुक्त कार्यालय, बिलासपुर एवं अतिरिक्त प्रभार-सचिव, राजस्व मंडल, बिलासपुर एवं सचिव, लोक आयोग को कलेक्टर, जिला गरियाबंद के पद पर पदस्थ किया गया है।
43. श्री के0डी0 कुंजाम, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला बीजापुर को संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर पदस्थ करते हुए संयुक्त सचिव, राजस्व विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
44. श्री रजत बंसल, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला धमतरी को कलेक्टर, जिला बस्तर के पद पर पदस्थ किया गया है।
45. श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जशपुर को नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पद पर पदस्थ करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य कौशल विकास अभिकरण, रायपुर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
46. श्री सत्यनारायण राठौर, भा0प्र0से0, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को कलेक्टर, जिला कोरिया के पद पर पदस्थ किया गया है।
47. श्री पदुम सिंह एल्मा, भा0प्र0से0, कलेक्टर, जिला नारायणपुर को कलेक्टर, जिला-मुंगेली के पद पर पदस्थ किया गया है।
48. श्री जगदीश सोनकर, भा0प्र0से0, अपर कलेक्टर, जिला महासमुंद को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छ0ग0 स्टेट वाटरशेड मैनेजमेंट एजेंसी, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
49. श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, भा0प्र0से0, उप सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संचालक, महिला एवं बाल विकास के पद पर पदस्थ किया गया है।
50. श्री अनिल कुमार साहू, भा0व0से0, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की सेवायें वन विभाग से लेते हुए प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
51. श्री माथेश्वरन वी0, भा0व0से0, की सेवायें वन विभाग से लेते हुए संचालक, उद्यानिकी के पद पर पदस्थ करते हुए संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। -
• शहरी बस्तियों में इंसिडेंस रेस्पोंस इकाई रोकथाम गतिविधियों की तैयारी में करेगी सहयोग• संक्रमण की निगरानी के लिए स्वास्थ्य कर्मियों सहित सहयोगी संस्थानों से ली जाएगी मदद• चिकित्सकीय एवं गैर-चिकित्सकीय उपायों से होगी कोरोना रोकथाम की कोशिश• एक व्यक्ति के सर के पीछे दूसरे व्यक्ति केपैर रख कर सोने से सामजिक दूरी का होगा पालन
रायपुर/ 25 मई: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने शहरों में अनौपचारिक बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलों को बढ़ा दियाहै. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन बस्तियों में कोरोना की रोकथाम एवं संक्रमण की निगरानी को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है.कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों को सामाजिक दूरी अपनाने की निरंतर सलाह दी जा रही है. लेकिन यदि एक छोटे जगह में 1 से अधिक लोग रहे रहें हो तो सामाजिक दूरी का अनुपालन करना कठिन हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए जारी दिशानिर्देश में इस संबंध में जानकारी दी गयी है. यह बताया गया है कि यदि एक छोटे कमरे में एक से अधिक लोगों को सोना पड़े तो एक व्यक्ति के सर के पीछे विपरीत दिशा में दूसरे व्यक्ति द्वारा पैर रख कर सोया जा सकता है. इससे सामाजिक दूरी का एक हद तक अनुपालन संभव हो सकेगा.
इन जगहोंपरसामजिकदूरीकाजरुरर खें ख्याल:• पब्लिक शौचालय इस्तेमाल करने के दौरान• सामुदायिक वाटर पॉइंट्स पर• पीडीएस(पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) पॉइंट्स पर• स्वास्थ्य केन्द्रों पर
शौचायाल, सामुदायिक नल और ऐसी कॉमन जगहों को रोज़ सैनी टाईज़ करने पर बल दिया है |इस दिशानिर्देश के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश के 2613 छोटे शहर/ शहरों में 6.54 करोड़ आबादी शहर के अनौपचारिकबस्तियाँ के 1.39 करोड़ घरों में रहती है, जो कुल शहरी आबादी का 17.4% है. पिछले कुछ वर्षों से इनकी संख्या में वृद्धि भी हुई है. ऐसी बस्तियां में जरूरत से अधिक लोग निवास भी करते हैं. इसके कारण इन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण प्रसार को रोकना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.इंसिडेंस रेस्पोंस इकाई रोकथाम गतिविधियों की तैयारी में करेगी सहयोग:दिशानिर्देश के मुताबिक शहरी बस्तियों की आबादी के अनुसार एक इंसिडेंस रेस्पोंस कमांडर को चिन्हित किया जाएगा. इंसिडेंस रेस्पोंस कमांडर कोरोना प्रसार की रोकथाम की कार्य-योजना, कार्रवाई, लोजिस्टिक एवं फाइनेंस टीम को चिन्हित कर कोरोना रोकथाम गतिविधियों की तैयारियों को कार्यान्वित करने में सहयोग करेंगे.
शहरी बस्तियों में कंटेंनमेंट प्लान के क्रियान्वयन पर बल:कोरोना संक्रमण प्रसार की अधिकता के मद्देनजर किसी क्षेत्र को कंटेंनमेंट जोन घोषित किया जाता है. लेकिन शहरों के अनौपचारिक बस्तियों में कंटेंनमेंट प्लान लागू करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इसके मद्देनजर दिशानिर्देश में कुछ जरूरी सलाह दी गयी है. यह बताया गया है कि इन बस्तियों में संक्रमण की निगरानी करना काफी जरुरी है. इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, म्युनिसिपल स्वास्थ्य कर्मी, सामुदायिक हेल्थ वालंटियर्स के साथ एनएसएस, एनवाईके एवं अन्य गैर-सरकारी संस्स्थानों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी या कार्यपालक स्वास्थ्य पदाधिकारी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान कराया जाए जिसमें इन्हें कोरोना रोकथाम प्रोटोकॉल की विस्तार से जानकारी दी जाए. इसके लिए इन बस्तियों के अस्पतालों को भी संक्रमण रोकथाम की सभी तैयारी पूर्व में करने की जरूरत है. साथ ही गैर-चिकित्सकीय हस्तक्षेप के तहत हाथों की सफाई, सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क का इस्तेमाल जैसी अन्य जानकारियों पर आम जागरूकता बढाई जाएगी. - · स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
· कॉन्टेंटमेंट एवं बफर जोन को छोड़कर शेष जगह सशर्त नियमित टीकाकरण होगा बहाल
· स्वास्थ्य केन्द्र एवं वीएचएसएनडी पर टीकाकरण को लेकर दिए गए निर्देश
रायपुर 23 मई 2020। कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बेहद प्रभावित हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर क्षेत्रवार टीकाकरण सेवाओं को बहाल करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है. जारी गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार के मुताबिक प्रत्येक जिले को रेड, ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में बांटा गया है. वहीं रेड एवं ऑरेंज जोन में कोरोना संक्रमितों की व्यापकता के हिसाब से कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन भी बनाया गया है. संक्रमण प्रसार की आशंका के मद्देनजर कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आउटरीच क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को फ़िलहाल रोका गया है. लेकिन सभी क्षेत्रों (कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन सहित) के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बर्थ डोज टीकाकरण जारी रहेगा.
बफ़र जोन के अलावा एवं ग्रीन जोन में शर्तों के साथ होगा टीकाकरण:
मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) अभी शुरू नहीं होगा. लेकिन बफ़र जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन कुछ शर्तों के साथ शुरू होगा. जिसमें आउटरीच सेशन पर एक समय में 5 से अधिक लोगों को उपस्थित रहने की मंजूरी नहीं मिलेगी. इन सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण रोकथाम के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना अनिवार्य होगा. जिसमें पंचायत एवं अर्बन लोकल बॉडी आउटरीच सेशन साईट के प्लान में मदद करेंगे. किसी भी बफ़र एवं कॉन्टेंटमेंट जोन में 14 दिनों के बाद नियमित टीकाकरण सेवा की शुरुआत करने का फैसला राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सकेगा.
स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के दौरान बरतनी होगी सतर्कता:
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाले टीकाकरण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह गाइडलाइन्स में दी गयी है. यह बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के पूर्व हवादार स्थान का चयन करना होगा एवं यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक लोग एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर ही बैठें. स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण लोड के मुताबिक पूर्व में ही फिक्स्ड टीकाकरण कर्मियों का चयन करना होगा. टीकाकरण कर्मियों को ग्लोब्स, तीन लेयर वाले मास्क एवं टीकाकरण करने से पूर्व हाथों को सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा. साथ ही टीकाकरण किसी भी रूप में बाधित नहीं हो इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित करनी होगी एवं लोगों को कोविड-19 के प्रति सजग करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर पोस्टर भी लागने होंगे.
वीएचएसएनडी सत्र आयोजन के लिए दिए गए निर्देश:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के आयोजन को लेकर कुछ जरुरी दिशानिर्देश दिया है.
· वीएचएसएनडी सत्र पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए सत्र को प्रत्येक घन्टे के हिसाब से बाँटने की सलाह दी गयी है. प्रत्येक घंटे के स्लॉट में 4-5 लाभार्थियों को ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.
· प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र को दो सेशन में बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त सेशन के संचालन के लिए रिटायर्ड एएनएम एनएनएम, स्टाफ नर्सेज आदि या प्रशिक्षित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति की जा सकती है.
· वीएचएसएनडी सत्र के एक दिन पूर्व ही आशा के द्वारा चिन्हित लाभार्थी को कॉल कर जानकारी दी जाएगी
· सत्र के दौरान एएनएम को कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही सत्र पर जरुरी वैक्सीन के साथ ओआरएस, जिंक, आइएफए, कैल्शियम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी
· सत्र के दौरान एएनएम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लाभार्थियो को 30 मिनट के वेटिंग पीरियड के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जानकारी देगी - रायपुर : कोरोना संकटकाल में जिला प्रशासन धमतरी की पहल पर जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हर्बल चीजों का उत्पादन किया जा रहा है। इन हर्बल उत्पादों में ‘ओज‘ हर्बल लेमन ग्रास मसाला, ‘ओज‘ लेमन ग्रास तुलसी, ‘ओज‘ लेमन ग्रास मिंट और ओज हर्बल लेमन ग्रास अदरक मसाला प्रमुख हैं। आयुष के चिकित्सकों ने ओज लेमन ग्रास चाय मसाला से होने वाले लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही कोरोना तथा अन्य रोगों से लड़ने में भी सहायक है। चिकित्सकों ने इसे मोटापा कम करने में सहायक, सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी बीमारियों से भी लड़ने में लाभकारी बताया।
इन उत्पादों का स्थानीय बाजार में मूल्य 100 ग्राम का 100 रूपए, 50 ग्राम का 50 रूपए एवं 30 ग्राम का 30 रूपए रखा गया है। समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित लगभग 10 किलोग्राम ओज लेमन ग्रास की बिक्री से 30 से 40 प्रतिशत की आमदनी हो रही है। यह उत्पाद कलेक्टर परिसर एवं जनपद पंचायत धमतरी में स्थित बिहान मार्ट तथा शहर के प्रमुख दुकानों पर भी उपलब्ध है। भटगांव के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगभग तीन एकड़ भूमि में लेमन ग्रास की खेती की जा रही है। इसी तरह गंगरेल की ‘नई दिशा महिला‘ स्व-सहायता समूह द्वारा हर्बल लेमन ग्रास चाय मसाला का उत्पादन भी किया जा रहा है। बड़े पैमाने में उत्पाद निर्मित करने के लिए मल्टी युटीलिटी सेंटर छाती में मल्टी युटीलिटी प्रसंस्करण सेंटर की स्थापना की जा रही है। जिससे समूह की महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। -
मनोचिकित्साक डॉ अविनाश शुक्लाब को जिले के क्वाारेंटाइन सेंटरों का बनायागया नोडल अधिकारी
रायपुर 22 मई : जिले के समस्त क्वेरेंटाइन सेंटर में मानसिक स्वाकस्य्वल सेवाओं के विस्ताार एवं तनाव प्रबंधन के लिए डॉ अविनाश शुक्ला।, (मनोचिकित्ससक,) को आगामी आदेश तक नोडल अधिकारी नियुक्तर किया है। डॉ शुक्ल,स्पार्श क्लिनिक, जिला चिकित्सासलय, पंडरी में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं| सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने निर्देशित किया है कि क्लिनिकल सायकोलाजिस्टे एवं योग शिक्षक का सहयोग लेकर प्रत्ये क क्वा रेंटाइन सेंटर में श्रमिकों एवं निवासरतों का मानसिक स्वा्स्य्क परीक्षण कर आवश्यहकतानुसार मनोवैज्ञानिक परामर्श, बौद्विक एवं मानसिक प्रबंधन के लिए योगासन किया जाना सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 के नियमों का पालन हो।
राजधानी के आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट से उबारने के लिए नियमित रूप से जि़ला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परामर्श दिया जा रहा है। राजधानी के आसपास के गांव में रहने वाले 200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को क्व रेंटाइन सेंटर में जि़ला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है।
प्रवासी श्रमिकों के अलावा गर्भवती महिलाओं के साथ 50 से अधिक छोटे बच्चेइ भी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर क्वाचरेंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों को मानसिक तनाव दूर करने के टिप्स दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मनोवैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रदेशों से आए लोगों से शारीरिक दूरी बनाते हुए उनके मानसिक तनाव के कारणों की क्रमश: जानकारी ली जा रही। तत्पश्चात उन्हें तनाव दूर करने के सुझाव के साथ स्वंय की रक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी।
मनोवैज्ञानिक डॉ. मिनेष कुमार साहू के अनुसार ने कोरोना वायरस के खतरे और बचाव के विषय में भी जानकारी दी जा रही है । साथ ही श्रमिकों की काउंसिलिंग कर उन्हें क्वा रेंटाइन सेंटर में साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जा रही है। मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसको समझाइश देकर तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
राधास्वािमी सतसंग भवन के क्वातरेंटाइन सेंटर में रविशंकर विश्वतविद्वालय के मनोवैज्ञानिक डॉ. सचिन कुमार, डॉ. नरेंद्र वर्मा, डॉ. देवेंद्र वर्माव मनोचिकित्सकक डीएस परिहार सहायक चिकित्साक अधिकारी की टीमने आज श्रमिकों से बातचीत किया। श्रमिकों में सबसे ज्यादा घर जाने की चिंता और नशे की आदत के कारण बेचैनी और घबराहट की समस्याा देखी गई, जिसको दूर करने विशेषज्ञ लगे हुए हैं।
क्वाारेंटाइन सेंटर में श्रमिकों के लिए मेडिकल कैंप एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श कैंप का आयोजन हेल्थै एवं वेलनेस सेंटर, नकटी द्वारा प्रबंधन किया गया। एक 9 माह की गर्भवती महिला और पति ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बच्चे् के स्वानस्य्एक पर होने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की जिसे मनोवैज्ञानिक द्वारा काउंसलिंग कर दूर किया गया।क्वाैरेंटाइन केंद्र में रहने वालों की प्रतिक्रिया-
मनोवैज्ञानिकों ने जब क्वारंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों से उनके अंदर वर्तमान में उठ रही भावनाओं के संबंध में पूछा तो कई प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आई।
1- अपने व स्वजनों की भलाई की चिंता
2- वर्तमान व भविष्य के बारे में अनिश्चितता।
3- शारीरिक दूरी से अकेलापन महसूस होना।
4- संसाधन नियंत्रण से बाहर होने से असहाय महसूस करना।
5- आंतरिक प्रेरणा व उर्जा में कमी होना।
6- उदासी व व्यर्थ की भावनाओं का उत्पन्न होना।
7- क्रोध व चिड़चिड़ापन होने से जिंदगी से डर लगना।
प्रवासी श्रमिकों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव:
1- कोरोना के संबंध में केवल विश्वसनीय स्त्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना उचित होगा।
2- व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर सहज विश्वास न करें और न ही चिंतित हो।
3-भावनात्मक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें।
4- कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें।
5- प्रियजनों से मोबाइल से बात करने के लिए समय निर्धारित करें। साथ ही प्रतिदिन साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका अनुपालन करें। -
- बीते चार साल में डीईआईसी सेंटर से 2100 ने लिया उपचार और परामर्श- चिकित्सकीय परामर्श के लिए विशेष बच्चों को सेंटर से परामर्श दे रहे विशेषज्ञ
रायपुर. 22 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में चौथे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में सभी प्रकार की दिव्यांगता वाले बच्चों का इलाज करना कठिन है। मुश्किल की इस घड़ी में रायपुर के जिला अस्पताल शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्तेर्वेंशन सेंटर / डीईआईसी सेंटर) के विशेषज्ञों द्वारा फोन के माध्यम से ऐसे बच्चों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है। साथ ही उनके अभिभावकों को भी उनकी फीजिकल एक्टिविटी के तरीके बताए जा रहे हैं।
हालांकि लॉकडाउन में ढील हुई है और अस्पताल में कई आवश्यक सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। परंतु उक्त सेंटर में नए मरीज नहीं आ रहे हैं। महामारी संक्रमणकाल के पूर्व डीईआईसी सेंटर में बच्चों का इलाज जारी था। लॉकडाउन की वजह से उन बच्चों को घर पर ही नियमित देखभाल करने, फिजियोथैरेपी आदि करते रहने की सलाह दी गई थी। लॉकडाउन के दौरान भी विशेषज्ञ फोन पर ही उन बच्चों को चिकित्सकीय सलाह दे रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ एवं इंचार्ज शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी सेंटर) रायपुर डॉ. निलय मोझारकर का कहना है मानसिक विकार, ऑटिज्म एक दिव्यांगता है। जिसमें दिमाग के सूचनाएं एवं शब्द सही से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं। बच्चे को समझने, हाव-भाव दिखाने और बोलने में तकलीफ होती है। विशेषकर छोटे बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पहले के मुकाबले लोगों में जागरूकता बढ़ी है इसलिए सेंटर में ऐेसे केसेस पंजीकृत होने लगे हैं। ऐसे बच्चों को फिजीयोथैरेपी, स्पीच थैरेपी, मनोचिकित्सकीय परामर्श की जरूरत रहती है। ज्यादा दिन तक उन एक्टीविटी को बंद नहीं किया जा सकता इसलिए ऐसे बच्चों को पुनः सेंटर अब आना चाहिए। वैसे लॉकडाउन में भी नियमित रूप से फोन से बच्चों की देखभाल का परामर्श दिया जा रहा ।
चार साल से संचालन- बच्चों के मानसिक विकास में विलंबता, मानसिक विकार, ऑटिज्म या दिव्यांगता के विशेष इलाज के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी सेंटर) खोला गया है। रायपुर के जिला अस्पताल में उक्त केन्द्र बीते चार साल से ऐेसे बच्चों को विशेष उपचार और परामर्श प्रदान कर रहा है अब तक केन्द्र में सभी प्रकार की दिव्यांगता के लगभग 2100 बच्चों का पंजीयन हुआ है। इनमें ऑटिज्म के बच्चे भी शामिल हैं। डीईआईसी सेंटर में ऐसे असामान्य व्यवहार वाले बच्चों की विशेष देखभाल होती है। बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों, केयर टेकर की काउंसिलिंग होती है ताकि घर में अच्छा वातावरण इन बच्चों को मिले। सेंटर में विशेष तौर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा बहु विषयक टीम, साइकोलॉजिस्ट, स्पेशल एजुकेटर, सोशल वर्कर, ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट तथा फिजियोथेरेपिस्ट की देखरेख में ऐेसे बच्चों का उपचार किया जाता है।
दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सतर्क- विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे में यदि आवाज लगाने पर भी बच्चा अनसुनी कर दे, बच्चा अकेले और गुमसुम रहने लगे, सामान्य बच्चों की बजाए विकास धीमा होना, आंखों में आंखे डालकर बात करने से बच्चा घबराए, बच्चा अपने आप में खोया रहे, अपने आप को सामाजिक रूप से अलग रखे आदि लक्षण दिखे तो अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे में फौरन चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। मानसिक बीमारी संभावित है। इसलिए इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतने अच्छे परिणाम मिलते हैं। -
रायपुर : प्रदेश में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है आज शुक्रवार (22 मई) को एक बार फिर 16 कोरोना संक्रमित लोगों की मिलने की खबर आ रही है जिसमे से 12 कोरोना संक्रमित तो कोरबा से है वही कांकेर में 3 और बेमेतरा में 1 मरीज मिला है प्रदेश में अब कुल 89 एक्टिव मरीज़ हैं. आज जितने भी मरीज मिले हैं वे सभी दूसरे राज्य से छत्तीसगढ़ पहुंचे थे.
- रायपुर : राज्य के अचानकमार टाईगर रिजर्व में वन्यप्राणी बाघ की गणना के लिए कैमरा ट्रैप लगाए गए है। इसमें विगत दिवस बघिरा (ब्लैक पैंथर) की तस्वीर आई है। इस संबंध में उप संचालक अचानकामार टाईगर रिजर्व ने जानकारी देते हुए बताया कि तेन्दुए में मैलेनिन ज्यादा होने से यह काला रंग का प्रतीत होता है। यही काले रंग के तेन्दुए को ही ब्लैक पैंथर कहते है। ब्लैक पैंथर कोई दूसरी प्रजाति नहीं है, जो कि आम धारणा में प्रचलित है।
-
रायपुर 20 मई : रायपुर में कालीबाड़ी और पंडरी स्थित सरकारी जिला अस्पतालों में नियमित सेवाएं रोगियों को प्रदान हो रही हैं| जिला अस्पताल (मातृ एवं शिशु), कालीबाड़ी और जिला अस्पताल, पंडरी के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी/आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और अंतर रोगी विभाग (आईपीडी/इन पेशेंट डिपार्टमेंट) में सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए नियमित रूप से सेवाएं प्रदान की जा रही है ।
इसकी जानकारी देते हुए अस्पताल सलाहकार नीरज कुमार ओझा ने बताया इन दोनों अस्पतालों में फरवरी में ओ पी डी में 20,369 और मार्च माह में 16,096 में रोगी देखे गए जबकि अप्रैल में 8599 रोगियों का उपचार किया गया । वहीं अंतर रोगी विभाग में फरवरी में 790, मार्च में 692 और अप्रैल में 808 रोगियों का ईलाज किया गया । यह सब रोगी गैर-कोविड-19 श्रेणी के थे| इनमें से जिला चिकित्सालय, पंडरी में 14355 रोगियों को और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जिला चिकित्सालय, कालीबाड़ी में 6014 रोगियों को ईलाज प्रदान किया गया ।
मार्च माह में कुल 16096 ओ पी डी में रोगियों को ईलाज प्रदान किया गया जिसमें जिला चिकित्सालय, पंडरी में 10927 रोगियों और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जिला चिकित्सालय कालीबाड़ी में 5169 रोगियों ने चिकित्सकों से सलाह ली । वहीं अप्रैल में कुल 8599 ओ पी डी रोगियों का इलाज हुआ जिसमें जिला चिकित्सालय, पंडरी में 5643और ला चिकित्सालय कालीबाड़ी में 2956 रोगियों को ईलाज प्रदान किया गया ।
अंतर रोगी विभाग (आईपीडी)
गैर कोविड-19 श्रेणी में अंतर रोगी विभाग (आईपीडी) में फरवरी में कुल 790 का ईलाज किया गया । जिसमें जिला चिकित्सालय, पंडरी में 210 कालीबाड़ी में 580 रोगियों का उपचार हुआ। इसी तरह माह में कुल 692 अंतर रोगियों का ईलाज किया गया जिसमें पंडरी अस्पताल में 108 और कालीबाड़ी में 584 का उपचार हुआ । वहीं अप्रैल में कुल 808 अंतर रोगियों का ईलाज किया गया जिसमें पंडरी में 183 और कालीबाड़ी चिकित्सालय में 625 रोगियों का ईलाज किया गया ।
लॉकडाउन को देखते हुए टेलीमेडिसिन और टेली-काउंसलिंग का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन नंबर 104 का उपयोग गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं के शिकायत निवारण के लिए भी किया जा रहा है| -
रायपुर : प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़ती ही जा रही है आज बुधवार को फिर प्रदेश में कुल 7 कोरोना मरीज मिले हैं जिनमे से 1 रायगढ़, 2 बालोद, 2 बलौदा बाजार और 1 सरगुजा जिले से है. बता दें कि आज सुबह राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ से डिप्टी कलेक्टर के ड्राईवर को कोरोना संक्रमित होने की खबर आई थी प्रदेश में कुल मरीजो के आने की संख्या की बात करे तो यह 108 हो गई है जिनमे से 59 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो कर अपने घर लौट चुके हैं. फ़िलहाल अभी प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 49 पर पहुंच गई है.
-
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए वर्ष 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में कार्य करेगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। श्री बघेल ने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन (हर घर नल-ग्रामीण) के क्रियान्वयन के संबंध में विचार-विमर्श किया। श्री बघेल ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
छत्तीसगढ़ के कृषि और जलसंसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, जल संसाधन और लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। जिसके तहत वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों मंे हर घर नल के जरिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मिशन में ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में पाईप लाइन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन स्वच्छ पानी देने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत से कहा कि छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जल जीवन मिशन के लिए केन्द्र सरकार के योगदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और राज्य का अंश 25 प्रतिशत रखा जाना चाहिए। वर्तमान में इस मिशन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आबादी आदर्श स्थिति में है लेकिन छत्तीसगढ़ देश का नवां बड़ा राज्य है। छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, यहां बड़े क्षेत्र में वन हैं और आबादी विरल है। छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में कई गांव कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। इसलिए यहां हर घर पाईप लाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने में ज्यादा राशि खर्च करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष कर बस्तर में बड़ी वाटर बॉडी नहीं है। यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा। वर्तमान में 1100 नालों के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए वैज्ञानिक ढ़ंग से सेटेलाईट नक्शों का उपयोग कर कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना के माध्यम से वाटर रिचार्जिंग कर निस्तार, पीने के पानी, ंिसंचाई और औद्योगिक गतिविधियों के लिए पानी की कमी नहीं होगी।
केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने जल जीवन मिशन के लिए हर संभव सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हर घर पानी पहुंचाने के कार्य में कैंम्पा, मनरेगा और 15 वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पेयजल के लिए जल स्त्रोत और ठंकी की व्यवस्था है, वहां पाईप लाइन के माध्यम से घरों में पानी देने का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में गांवों तक सिंचाई जलाशयों से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी। बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा। श्री चौबे ने केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत से बोधाघाट परियोजना को जल्द स्वीकृति दिलाने तथा छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की जानकारी दी और बताया वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग तथा वाटर शेड के माध्यम से जल संरक्षण और संवर्धन के काम कराए जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन के लिए राज्य में सभी जिलों के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। इस मिशन के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांवों में पाईप लाइन के जरिए पानी सप्लाई में होने वाले खर्च में केन्द्र और राज्य सरकार के योगदान के साथ 10 प्रतिशत भागीदारी स्थानीय समुदाय की होगी। गांवों में जितनी राशि जमा होगी उतनी ही राशि केन्द्र और राज्य सरकार देंगी। इस राशि का उपयोग गांव की नल जल योजना के संधारण में किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाइन के माध्यम से अब तक 11 प्रतिशत घरों में ही पानी सप्लाई की जा रही है। इस मिशन के माध्यम से शतप्रतिशत घरों तक पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जाएगी। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 43 लाख 17 हजार घरों में से अब तक 4 लाख 82 हजार घरों मंे ही पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जा रही है। जल जीवन मिशन के माध्यम से 38 लाख 34 हजार घरों में पानी सप्लाई की जाएगी। - रायपुर : वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में चालू सीजन के दौरान तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य जोरों पर है। अब तक लक्ष्य का एक तिहाई अर्थात् 5 लाख 59 हजार 553 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसमें संग्राहकों को लगभग 224 करोड़ रूपए के पारिश्रमिक का भुगतान होना है। राज्य में चालू वर्ष 2020 में 16 लाख 71 हजार 700 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है।छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक वन मंडलवार बीजापुर में 42 हजार 223 मानक बोरा, सुकमा में 39 हजार 316 मानक बोरा, दंतेवाड़ा में 3 हजार 612 मानक बोरा तथा जगदलपुर में 11 हजार 529 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। वन मंडलवार दक्षिण कोण्डागांव में 11 हजार 484 मानक बोरा, केशकाल में 14 हजार 928 मानक बोरा, नारायणपुर में 11 हजार 565 मानक बोरा, पूर्व भानुप्रतापपुर में 60 हजार 752 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 19 हजार 385 मानक बोरा तथा कांकेर में 24 हजार 686 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।
इसी तरह वन मंडलवार राजनांदगांव में 32 हजार 698 मानक बोरा, खैरागढ़ में 10 हजार 830 मानक बोरा, बालोद में 12 हजार 960 मानक बोरा तथा कवर्धा में 12 हजार 723 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। वन मंडलवार धमतरी में 11 हजार 439 मानक बोरा, गरियाबंद में 51 हजार 203 मानक बोरा, महासमुंद में 42 हजार 863 मानक बोरा, बलौदाबाजार में 9 हजार 435 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है। वन मंडलवार बिलासपुर में 5 हजार 603 मानक बोरा, मरवाही में छह हजार 108 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 3 हजार 313 मानक बोरा, रायगढ़ में 19 हजार 409 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 38 हजार 840 मानक बोरा, कोरबा में 19 हजार 12 मानक बोरा तथा कटघोरा में 13 हजार 706 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसके अलावा वन मंडलवार जशपुरनगर में 9 हजार 646 मानक बोरा, मनेन्द्रगढ़ में 8 हजार 217 मानक बोरा, कोरिया में 4 हजार 467 मानक बोरा, सरगुजा में 4 हजार 238 मानक बोरा तथा सूरजपुर में 3 हजार 361 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। - रायपुर : सैकड़ों किलोमीटर दूर से भूखे-प्यासे जैसे-तैसे अपने घर जाने की आस में निकले श्रमिकों को छत्तीसगढ़ पहुंचकर ऐसा लगा मानों मंजिल ही मिल गई। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले श्रमिक यहां की व्यवस्था से काफी खुश है। ऑखों में आसू और ह्दय में पीड़ा लिए दो-दो, तीन-तीन दिनों से भूखे-प्सासे चलते हुए श्रमिक जब छत्तीसगढ़ पहुंचे तब इन्हें छत्तीसगढ़ सरकार और स्वयं सेवी संस्थाओं से हर प्रकार का सहयोग मिला। इन श्रमिकों ने अपनी सारी पीड़ा बिसार दी और इस मानवीय पहल को सराहते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया।रायपुर शहर के टाटीबंध चौक पर पहुंचे कई श्रमिकों ने बताया कि घर पहुंचने की आस में श्रमिक चिलचिलाती धूप हो या गरजते-चमकते बादल सैकड़ों किलोेमीटर दूर देश के विभिन्न राज्यो से भूखे-प्यासे, चलते, दौड़ते, थकते किसी तरह अपनों के साथ, अपनों के पास पहुंचने सैकड़ों मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों को कघों अथवा कमर में ढोते आखों में आसू, और दिल में पत्थर लेकर निकल पड़ें थे। उन्हें छत्तीसगढ़ पहुंचकर बहुत राहत महसूस हुई। प्रवासी श्रमिक मुन्ना सिवारे और साथियों ने बताया कि वे दो-तीन दिनों से भूखे-प्यासे जैसे-तैसे अहमदनगर से अपने घर झारखंड जाने के लिए निकले है। उन्हांेने बताया कि वे मिठाई की दुकान में जलेबी बनाने का काम करते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन से वहां फंस गए थे। जेब में कुछ पैसे थे, तब तक कुछ खा-पीकर चलते रहे, लेकिन पैसे खत्म हो जाने पर हमारी परेशानी बढ़ गई।
किसी तरह हम रायपुर शहर के टाटीबंध पहुंचे। यहां पहुंचते ही ऐसे लगा मानों सब कुछ मिल गया। यहां प्रशासन और स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा हम सबको खाने के लिए भोजन, केला, बिस्किट पानी, छाछ, पूरी-सब्जी मिली और जाने के लिए बस की व्यवस्था कराई गई। इन लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि अब आसानी से हम सभी अपने गृह राज्य पहुंच जाएंगे।
इसी तरह मोहीसुर, सूरज, अनिसुर और कासीम सहित उनके अन्य साथियों ने बताया कि वे लोग पश्चिम बंगाल जाने के लिए निकले है। नागपुर, महाराष्ट्र के रास्ते में कई प्रकार की कठिनाईयों को छेलते हुए जैसे-तैसे बड़ी मुश्किल से छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। छत्तीसगढ़ पहुंचतंे ही उन्हें बड़ा सकुन मिला। यहां प्रशासन द्वारा नाश्ता-पानी भोजन के इंतजाम से काफी राहत मिली है। इन श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आकर हमें वास्तव में संवदेनशील सरकार की परख हुई है। सभी सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की सीमा से होकर गुजरने वाले अन्य राज्य जाने वाले प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आने वाले श्रमिकों के खाने-पीने, भोजन, चिकित्सा आदि सहित उनके लिए बसों की भी व्यवस्था की गई है। इन श्रमिकों के लिए मास्क और चरण पादुका भी दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम फैसला यह भी लिया है कि राज्य के ऐसे प्रवासी श्रमिक परिवार, जिनके पास राशनकार्ड नहीं है। उन श्रमिक परिवारों को मई और जून माह का प्रति सदस्य की मान से पांच किलो खाद्यान्न निःशुल्क दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की वापसी के लिए, जहां ट्रेनों और बसों की निःशुल्क व्यवस्था की है, वहीं राज्य के अन्य जिलों में लॉकडाउन के वजह से फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके गृह ग्राम तक सकुशल पहुंचाया जा रहा है। -
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को आज यहां उनके निवास कार्यालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम द्वारा वर्ष 2018-19 के लाभांश की राशि 2 करोड़ 25 लाख रूपए का चेक सौंपा गया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राज्य वन विकास निगम श्री आर. गोवर्धन, वन विभाग के सचिव श्री जयसिंह म्हस्के तथा मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया और वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम को भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के अंतर्गत रोपित किए गए सागौन वृक्षारोपण के विरलन से प्राप्त वनोपज के विक्रय तथा अन्य आय से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 56 करोड़ 41 लाख रूपए की आय प्राप्त हुई। निगम द्वारा इस दौरान विभिन्न कार्यों पर 30 करोड़ 49 लाख रूपए की राशि व्यय हुई। इस तरह वर्ष 2018-19 के दौरान निगम को 25 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि का लाभ प्राप्त हुआ। निगम द्वारा वर्ष 2018-19 में राज्य के 3 हजार 594 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 60 लाख पौधे का रोपण किया गया। इसके अलावा पर्यावरण सुधार के लिए खदानी तथा औद्योगिक क्षेत्रों में मिश्रित प्रजाति के 8 लाख 10 हजार पौधों का वृक्षारोपण किया गया। निगम द्वारा वानिकी वर्ष 2018-19 में 23 हजार 367 घनमीटर ईमारती काष्ठ, 14 हजार 16 नग जलाऊ चट्टा और एक हजार 521 नोशनल टन बांस का उत्पादन किया गया है।
-
रायपुर :बेबस प्रवासी श्रमिकों के चाय, नास्ता, भोजन और परिवहन की व्यवस्था कर छत्तीसगढ़ सरकार ने काफी हद तक उनके दुःख दर्द पर मरहम लगाने का काम किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सभी राज्यों के प्रवासी श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजर रहे हैं उनके भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने सुनिश्चित की है। प्रदेश सरकार की इस मुहिम में रायपुर के स्वयं सेवी, समाज सेवी संस्थाएं भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रही है। रायपुर के टाटीबंध में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना के विभिन्न जिलों में काम करने वाले बिहार, झारखण्ड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के प्रवासी मजदूर हजारों की संख्या में रोजाना विभिन्न साधनों से पहुंच रहे हैं। इन राज्यों के श्रमिकों को राज्य की सीमा तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था राज्य सरकार ने अपने जिम्मे उठा रखी है। अन्य राज्यों से आने वाले छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को भी उनके गृह जिले में भेजने की व्यवस्था की गई है।
प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच पड़ताल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टाटीबंध में स्टॉल लगाया गया है। जिला प्रशासन रायपुर की ओर से स्मार्ट सिटी के बैनर तले श्रमिकों को भोजन, नास्ता एवं पेयजल का निःशुल्क प्रबंध किया गया है। प्रवासी श्रमिकों की मदद में रायपुर के कई स्वयंसेवी, समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी भी जुटे हुए हैं। टाटीबंध गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी भी इस पुनीत कार्य में जी-जान से जुटी हुई है। गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया है। समर्थ चेरिटेबल ट्रस्ट व्ही द पीपुल और नुकड्ड द कैफे, मदर्स केयर वुमेन्स एण्ड चिल्ड्रन वेलफेयर सोसायटी सहित अनेक संगठन के कार्यकर्ता भी प्रवासी श्रमिकों की सेवा में जुटे हैं। टाटीबंध में पहुंचने वाले श्रमिकों को उनके राज्य एवं गृह जिला भेजने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा परिवहन संघ के सहयोग से बड़ी संख्या में बसों की व्यवस्था की गई है, जो श्रमिकों को लगातार उनके गृह जिला एवं राज्यों की सीमा तक पहुंचा रही है। पुणे, हैदराबाद से ट्रकों में जैसे-तैसे सफर कर रायपुर पहुंचने वाले श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार एवं सामाजिक संगठनों द्वारा टाटीबंध में की गई निःशुल्क भोजन की व्यवस्था को सराहा और कहा कि दो-तीन चरणों में दो-तीन दिनों के कष्टकारी सफर के बाद रायपुर पहुंचकर उन्हें राहत मिली है। यहां की व्यवस्था को देखकर मन का भय दूर हो गया है। श्रमिकों का कहना है कि अब अपने गांव और गृह राज्य पहुंच जाने की चिंता लगभग खत्म सी हो गई है। झारखण्ड राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्राम आसूरा के रहने वाले आनंद गोप और काटे कुम्भकार ने बताया कि वह दोनों अपने गांव के 5 अन्य साथियों के साथ महाराष्ट्र के नागपुर में टावर लाईन का एंगल बनाने का काम करते थे। लॉकडाउन के चलते ट्रक में लिफ्ट लेकर आज बागनदी बॉर्डर पहुंचे। वहां से बस से रायपुर टाटीबंध पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि बाग नदी से रायपुर लाने के लिए बस का इंतजाम भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया था। रायपुर से झारखण्ड जाने के लिए बंस का इंतजाम भी छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। टाटीबंध से झारखण्ड के गढ़वा के लिए भी श्रमिकों को ले जाने का प्रबंध शासन द्वारा किया गया है।
-
केवल गंभीर रोगियों को ही भेजा जाए सेंदरी, कोरोनावायरस की हो जिले में ही जांच; स्वास्थ्य सचिव
रायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी जिलों से मानसिक रोगियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी न भेजने की सलाह दी है। स्वास्थ्य सचिवे सुश्री निहारिका बारीक़ सिंह द्वारा जारी एक आदेश में बताया गया है जिलों में संचालित शासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा घुमंतु व्यक्तियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी (बिलासपुर) में भर्ती के लिए भेजा जा रहा है।
``वर्तमान में कोविद -19 की परिस्थिति को देखते हुए राज्य के समस्त सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक, जिला अस्पताल में अधीन मनोरोग चिकित्सक अथवा वीकेएन प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सा अधिकारी के द्वारा घुमंतु व्यक्तियों की मानसिक जांच एवं कोरोना वायरस टेस्ट जांच कराये जाने के पश्चात सामान्य दशा हो तो उन्हें जिले में संचालित स्वयं सेवी संस्थानों में रखा जाए। जिनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है, उन्हें राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी रिफ़र किया जाए,’’ आदेश में स्वास्थ्य सचिव ने कहा है।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी के अधीक्षक, डॉ बी आर नंदा का कहना है सभी मानसिक रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। केवल उन्ही रोगियों को जो हिंसक होते हैं या खुद को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं भर्ती करवाया जाता है, बाक़ी रोगियों का उपचार उनके घर पर,शेल्टर होम्स में या फिर स्वयं सेवी संस्थानों में रह कर ही हो सकता है । डॉ नंदा ने कहा अस्पताल में विडियो द्वारा परामर्श और टेली मेडिसिन की सुविधा भी दी जा रही है जिसका लाभ सभी उठा सकते हैं। डॉ मल्लिकार्जुन राव, मनोरोग विशेषज्ञ, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दूरभाष नंबर: 8354066436 पर उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने कहा घुमंतु व्यक्तियों को बिना कोविद-19 टेस्ट के सेंदरी भेजना, अस्पताल में भर्ती रोगियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
पिछले दिनों में देखा गया लगभग सभी जिलों से घुमंतु व्यक्तियों को सेंदरी रेफर किया जा रहा है हालांकि इनका उपचार उनके गृह जिले में ही हो सकता था । प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक मेडिकल ऑफिसर को बेंगलुरु-स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा कुछ जिलों में मनोरोग विशेषज्ञ उपलब्ध है और हर मेडिकल कॉलेज में मनोरोग वार्ड और मनोरोगियों के उपचार की व्यवस्था भी है।
सेंदरी के चिकित्सालय में इस समय लगभग 150 गंभीर मानसिक रोगी भर्ती हैं और इनको कोविद-19 से भी बचाना अस्पताल प्रबंधन की ही ज़िम्मेदारी है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राव के अनुसार पिछले दिनों में अस्पताल आने वाले रोगियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों, संकट में पड़े और मेडिकल आवस्यकता वाले लोगों को लेकर गुजरात से आज पहली ट्रेन बिलासपुर स्टेशन पर पहुंची। जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की थी। गुजरात से करीब 1200 श्रमिकों एवं अन्य लोगों को लेकर यह ट्रेन पहुंची । यह ट्रेन अहमदाबाद, गोधरा, रतलाम, बीना, कटनी, पेन्ड्रारोड से होते हुए बिलासपुर पहुंची। इस ट्रेन में मुंगेली जिले के 20, जांजगीर-चाम्पा जिले के 53 और दुर्ग जिले के 11 लोग भी शामिल थे।
जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा ट्रेन से आने वाले याात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 80 मेडिकल स्टाॅफ की ड्यूटी यहां लगायी गई थी। जिसमें 28 डाॅक्टर, 14 लैब टेक्नीशियन और 22 पैरा मेडिकल स्टाॅफ के सदस्य थे। इसके अलावा अन्य समन्वय, सेनिटाईजर और मास्क वितरण के लिए 16 लोग तैनात किए गए थे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 82 पुलिस और 50 आरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। यात्रियों की स्कार्टिग के लिए राजस्व और पंचायत विभाग के 56 अधिकारी-कर्मचारी तथा 70 बसों के लिए चालक और इतने ही वाहन प्रभारी उपस्थित रहे। स्टेशन और आस-पास के क्षेत्र को सेनिटाईजेशन करने के लिए निगम के 20 कर्मचाारियों का अमला और इस पूरी व्यवस्था के समन्वय और मानिटरिंग के लिए एस.डी.एम., डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार सहित 30 प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन द्वारा हर बोगी में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रेन के स्टेशन पहुंचने पर एक बार में अल्टरनेट चार बोगियों से यात्रियों को उतारा गया। उतरने के पहले सभी यात्रियों को हैंड सेनेटाइजर और मास्क दिया गया। रेलवे स्टेशन के हर गेट में स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रही जिनके द्वारा उनका स्वास्थ्य परीक्षण व स्क्रीनिंग की गई। स्टेशन के गेट नं दो से दूसरे जिलों के लोगों को स्टेशन से बाहर निकाला गया। गेट नंबर तीन से मस्तूरी के तथा गेट नंबर चार से अन्य विकासखंडों के लोग बाहर निकाले गए। मजदूरों को रेलवे स्टेशन से बसों के द्वारा उनके गांव एवं जिलों मंे भेजने की व्यवस्था की गई जहां उन्हें क्वारांटाईन सेंटर में रखा जाएगा। बिलासपुर जिले के लोगों के लिये 60 बसों की व्यवस्था की गई है। यात्रियों को सम्बन्धित क्षेत्र के बसों में बिठाने और उनकी रवानगी के लिए कर्मचारी तैनात किये गये थे। स्टेशन के बाहर छह 108-एम्बुलेंस भी तैनात रहीं।
अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए 15 स्पेशल ट्रेनें चरणबद्ध तरीके से चलायी जाएंगी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक कुल 15 स्पेशल ट्रेनों चलाने की योजना है । राज्य सरकार ने कहा कि इसके साथ ही चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। ट्रेनों में आने के लिए इन लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी लिंक में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 15 ट्रेनों को चरणबद्ध किया है उनमें अहमदाबाद से बिलासपुर के लिए दो ट्रेन, विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर एक ट्रेन, अमृतसर पंजाब से चांपा एक ट्रेन, विरामगम अहमदाबाद से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लखनऊ उत्तरप्रदेश से रायपुर के लिए तीन ट्रेन, लखनऊ से भाटापारा के लिए दो ट्रेन, मुजफ्फरपुर बिहार से रायपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन, मेहसाना गुजरात से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग रायपुर होते हुए बिलासपुर 2 ट्रेन शामिल है।
राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक जारी किया है -http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx
इस लिंक में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे। इसके अलावा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-73986 पर संपर्क किया जा सकता है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और पहल से छत्तीसगढ़ देश में सर्वाधिक मूल्य की लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाला राज्य बना हुआ है। “द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया” (ट्राईफेड) द्वारा जारी किए गए आंकड़ांे के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक 28 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की लघु वनोपजों की वनवासियों और ग्रामीणों से खरीदी की गई है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में अब तक 30 करोड़ 63 लाख 61 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, इसमें से अकेले छत्तीसगढ़ में 28 करोड़ रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। इसमें देश के अन्य सभी राज्यों द्वारा अब तक मात्र एक करोड़ 93 लाख रूपए की राशि के लघु वनोपजों की खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ में अब 25 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है।
प्रदेश में लघु वनोपजों का यह आंकड़ा लगतार बढ़ रहा है। राज्य सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ में अब तक एक लाख 66 हजार संग्रहकों से लगभग 28 करोड़ रूपए मूल्य की 9 हजार 563 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है। कोरोना लॉकडाउन के कारण संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान की प्रक्रिया से वनांचल के वनवासी-ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। साथ ही वनोपजों के संग्राहकों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ गए हैं। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मात्र सात वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर अब 25 कर दी गयी है।
राज्य में चालू वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपजों में इमली (बीज सहित), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। - रायपुर : मुख्यमंत्री सहायता कोष में दानदाताओं, सामाजिक संगठनों, शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों, उद्योग एवं व्यवसायिक संगठनों के साथ-साथ जनसामान्य द्वारा कोविड-19 की रोकथाम तथा लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए राशि दान दिए जाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। बीते 24 मार्च से लेकर 7 मई तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में राज्य के विभिन्न संगठनों एवं दानदाताओं द्वारा स्वस्फूर्त रूप से 24 मार्च से 7 मई तक कुल 56 करोड़ 4 लाख 38 हजार 815 रूपए की राशि दान की गई है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं जरूरतमदों की सहायता के लिए अब तक राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार रूपए की राशि जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न संगठनों द्वारा 24 मार्च से 30 मार्च तक 3 करोड़ 13 लाख 66 हजार 785 रूपए, 31 मार्च से 6 अप्रैल तक 10 करोड़ 81 लाख 25 हजार 386 रूपए, 7 अप्रैल से 13 अप्रैल तक 5 करोड़ 58 लाख 91 हजार 398 रूपए, 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक 31 करोड़ 26 लाख 25 हजार 148 रूपए, 21 अप्रैल से 27 अप्रैल तक 3 करोड़ 18 लाख 70 हजार 7 रूपए, 28 अप्रैल से 07 मई तक एक करोड़ 57 लाख 52 हजार 46 रूपए की राशि दान में प्राप्त हुई। इसी प्रकार 5 मई को 29 लाख 43 हजार 371 रूपए, 6 मई को 15 लाख 45 हजार 658 रूपए और 7 मई को 3 लाख 19 हजार 16 रूपए की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराई गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सहयोग राशि के लिए समस्त संगठनों, उनके पदाधिकारियों एवं दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान दी गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत छूट का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी प्रदेशवासियों से मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि दान करने की अपील की है ताकि संकट की घड़ी में गरीबों, श्रमिकों और जरूरतमंदों की अधिक से अधिक मदद की जा सके। मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान की राशि एसबीआई एकाउंट नंबर - 30198873179 (आईएफएससी कोड - एसबीआईएन0004286) में जमा कराई जा सकती है। दान राशि यूपीआईआईडी cgcmrelieffund@sbi तथा ऑनलाइन पोर्टल cmrf.cg.gov.in के माध्यम से भी दी जा सकती है। -
रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को लेकर एक नई अपडेट आ रही है नई जानकारी के अनुसार अजीत जोगी को आज सुबह हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे राजधानी के नारायणा अस्पताल में भर्ती किया गया है इससे पहले मीडिया में अलग अलग खबरे आ रही थी किसी मीडिया में जहाँ अजीत जोगी का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने की खबर आ रही थी तो किसी मीडिया में खाना/नास्ता खाने के दौरान श्वास नली में खाना फंसने की खबर आ रही थी लेकिन अभी स्पष्ट खबर आ रही है कि अजीत जोगी को हार्ट अटैक आया था अभी उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी फोन पर अजीत जोगी की तबीयत का हाल जाना है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न राज्यों के ऐसे श्रमिक जो छत्तीसगढ़ से होकर अपने राज्यों में जा रहे है, उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ ही उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से होकर अन्य राज्यों में जाने वाले श्रमिकों को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देशन पर त्वरित पहल करते हुए रायपुर जिला कलेक्टर द्वारा रायपुर में श्रमिकों के लिए भोजन-पानी सहित आवश्यक व्यवस्था शुरू भी कर दी गई है।
- रायपुर 8 मई । रायपुर के आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट दूर करने के लिये नियमित रूप से परामर्श प्रदान किया जा रहा है ।इसी के तहत लाभांडी स्थित आश्रय स्थल में रुके लगभग 100 प्रवासी श्रमिकों को चिंता से उबारने के लिये विशेषज्ञों द्वारा परामर्श प्रदान किया गया । ज़िले के विभिन्न आश्रय स्थलों में रुके छत्तीसगढ के अलावा अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को ज़िला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायपुर डॉ मीरा बघेल ने बताया परामर्श के लिए तीन सदसीय दल का गठन किया गया है जोनियमित रुप से प्रवासी श्रमिकों के लियें बने आश्रय स्थलों पर जा कर सेवाएंप्रदानकर रहे है। ज्यादातर श्रमिक घर पहुंचने की चिंता को लेकर अवसाद से ग्रसित है।लॉक डाउन में घर से और परिवार से दूर पर होने वाली बेचैनी और घबराहट महसूस कर रहे है जिसको दूर करने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्हें सलाह दी जा रही है । मनोचिकित्सक डॉ.अविनाश शुक्ला ने बताया साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जाती है| मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसकी समझाइश देकर और फोन के माध्यम से बात करवाकर उनके तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
मनोवैज्ञानिक सुश्री ममता गिरी गोस्वामी ने बताया लॉक डाउन के चलते में आश्रय स्थल में रहने वाले काफी प्रवासी श्रामिकों कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। यह लोग किसी भी तरह अपने-अपने घरों को जाना चाह रहे हैं। उन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है। परामर्श के दौरान देखने में आया है कि अधिकतर यही सोच रहे हैं कि उनकी पीछे परिवार का पालन पोषण कैसे हो रहा होगा । उन्हें खाना मिल रहा है या भूखे हैं। परामर्श में उन्हें समझाया गया कि सरकार उनका ध्यान रख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।प्रवासियों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव
कोविड -19 के संबंध में केवल विश्वसनीय माध्यमों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना लाभकारी है । व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर जल्द विश्वास न करें और न ही जल्दी चितित हो। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें। घर पर खेलना, कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें। प्रियजनों से फोन से बात करें। साथ ही साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका पालन करें। - गर्भनिरोधकों पर अब नहीं देना होगा किसी भी प्रकार का चार्ज, होगी सिर्फ फ्री सप्लाई• स्वास्थ्य एवं परिवार परिवार मंत्रालय ने पत्र जारी कर दी जानकारी• एचडीसी योजना में किया गया बदलाव
रायपुर, मई 8 :कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा जहाँ इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीँ अन्य जरुरी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है I इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने परिवार नियोजन सुविधाओं में भी एक नया बदलाव किया हैI वर्ष 2011 में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधनों की होम डिलीवरी करने के मकसद से वर्ष में ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’(एचडीसी) योजना की शुरुआत की गयी थी, जो अभी भी चलायी जा रही है I अब केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव किया है I इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के जॉइंट कमिश्नर डॉ. सुमिता घोष ने राज्य को पत्र लिखकर एचडीसी योजना में किये गए संसोधन के विषय में जानकारी दी है I
गर्भनिरोधकों की हो रही थी दो तरीके से सप्लाई:
पत्र में बताया गया है कि योग्य दम्तियों के लिए उनके घर पर ही गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के मकसद से वर्ष 2011 में ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’(एचडीसी) योजना की शुरुआत की गयी थी I जिसमें आशा घर-घर जाकर योग्य दम्पतियों को गर्भनिरोधक देती थी I अभी भी यह योजना देश में लागू है जिसमें गर्भनिरोधकों की सप्लाई दो तरीके से की जा रही थी I पहले तरीके में घर-घर जाकर गर्भनिरोधकोण की सप्लाई आशा द्वारा की जा रही थी जिसे ‘एचडीसी’ सप्लाई नाम दिया गया है I इसके लिए लाभार्थी को एचडीसी पैकेट पर अंकित मूल्य के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था I वहीँ फ्री सप्लाई कंपोनेट के तहत गर्भनिरोधक साधनों की सप्लाई स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित अन्य सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जा रही थी I
योजना के तहत अब होगी सिंगल पैकेजिंग:
केंद्र सरकार के पत्र का हवाला देते हुए, उप संचालक, परिवार कल्याण, छत्तीसगढ़, डॉ अखिलेश त्रिपाठी ने बताया एचडीसी योजना के तहत एचडीसी सप्लाई एवं फ्री सप्लाई के दो विभिन्न पैकेजिंग भी की जा रही थी ताकि एचडीसी एवं फ्री सप्लाई में अंतर किया जा सके, लेकिन योजना की समीक्षा में यह पाया गया कि दो विभिन्न पैकेजिंग के कारण इसकी सप्लाई की ट्रैकिंग में भी समस्या देखी गयी I कभी-कभी एचडीसी सप्लाई पैक्स नहीं रहने की दशा में आशाओं को फ्री सप्लाई पैक्स ही दी जाती थी I जिससे रिपोर्टिंग में दिक्कत होती थी एवं इसकी सप्लाई करने पर आशा लाभर्थियों से कोई चार्ज भी नहीं कर पाती थी I इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि गर्भनिरोधकों की अब केवल फ्री सप्लाई ही की जाएगी I एचडीसी सप्लाई ,जिसमें लाभार्थी को उनके घर जाकर आशा द्वारा गर्भनिरोधक दी जाती थी, उसकी जगह केवल फ्री सप्लाई की सिंगल पैकेजिंग की जाएगी.
बचे हुए एचडीसी सप्लाई की खपत करें सुनिश्चित :
पत्र के माध्यम से बताया गया फ्री सप्लाई पैकेजिंग में कंडोम, ओरल कॉण्ट्रासेपटिव पिल्स एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटिव पिल्स शामिल होंगे I साथ अब ड्यूल पैकेजिंग की तहत सिंगल पैकेजिंग ही की जाएगी I इसके लिए सभी राज्यों को इस संशोधित योजना को कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं एवं पूर्व में बचे हुए एचडीसी सप्लाई की भी खपत करने की सलाह दी गयी है I