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रायपुर : बलौदाबाजार में विगत 10 जून को संयुक्त जिला कार्यालय में हुई आगजनी घटना के अभियुक्त शिक्षक मोहन बंजारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मोहन बंजारे व्याख्याता (एल.बी.) के रूप में शा.उ.मा.वि गोड़ा विकासखण्ड पलारी में पदस्थ थे। उनके विरूद्ध थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में अपराध कमांक 381/2024 धारा 147, 148, 149, 294, 506, 186, 353, 332, 307, 435, 120बी, 427 भादविसार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3,4 के अन्तर्गत दिनांक 15 जुलाई 2024 को गिरफ्तार कर विधिवत न्यायिक रिमाण्ड पर लिया गया है। उक्त कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (2) (क) के तहत किया गया है। निलंबन अवधि में सम्बंधित को नियमानुसार केवल जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 287.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 18 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 535.9 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 136.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 197.6 मिमी, बलरामपुर में 339.1 मिमी, जशपुर में 240.8 मिमी, कोरिया में 247.8 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 205.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 265.5 मिमी, बलौदाबाजार में 300.2 मिमी, गरियाबंद में 348.9 मिमी, महासमुंद में 226.6 मिमी, धमतरी में 288.6 मिमी, बिलासपुर में 339.9 मिमी, मुंगेली में 515.9 मिमी, रायगढ़ में 229.0 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 190.5 मिमी, जांजगीर-चांपा में 313.7 मिमी, सक्ती में 275.0 कोरबा में 394.4 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 342.1 मिमी, दुर्ग में 184.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 259.0 मिमी, राजनांदगांव में 256.0 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 272.2 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 190.9 मिमी, बालोद में 276.7 मिमी, बेमेतरा में 172.6 मिमी, बस्तर में 383.0 मिमी, कोण्डागांव में 286.4 मिमी, कांकेर में 289.0 मिमी, नारायणपुर में 317.0 मिमी, दंतेवाड़ा में 318.3 मिमी और सुकमा जिले में 448.2 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में हिंसा की घटना की निंदा कीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने माओवादी हिंसा की घटना में जवानों की शहादत को नमन किया है। उन्होंने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए गए प्म्क् ब्लास्ट में एसटीएफ के 2 जवानों के शहीद होने और 4 जवानों के घायल होने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है।ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति और घायल जवानों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि माओवाद के खात्मे के लिए हमारी सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान से नक्सली विचलित हैं और कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। माओवाद के खात्मे तक हमारी ये लड़ाई जारी रहेगी। -
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मुलाकातें: लोक सभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री से चर्चारायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज दोपहर 12 बजे संसद भवन में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला से सौजन्य मुलाक़ात करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य राज्य और केंद्र के बीच सहयोग बढ़ाना है। इसके बाद दोपहर 1.30 बजे मुख्यमंत्री श्री साय केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से उनके निवास पर मिलेंगे।इस मुलाक़ात में छत्तीसगढ़ की सड़क विकास परियोजनाओं पर विशेष चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय और केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी के बीच इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और आगामी परियोजनाओं को गति देना है। मुख्यमंत्री उसके बाद दोपहर 3 बजे होटल अशोका चाणक्यपुरी में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के छह माह पर अपने विचार रखेंगे। -
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राज्य स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ विजन 2047 जनता को किया जाएगा समर्पित01 नवम्बर को राज्य की नई औद्योगिक नीति-2024-29 होगी जारीअमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 तैयार करने युवा, कृषक, महिला एवं प्रबुद्धजनों से किया गया संवादरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट सभी की भागीदारी से तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है इसे पूरा करने के लिए हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां न्यू सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ विजन 2047 तैयार करने के लिए राज्य नीति आयेाग द्वारा आयोजित मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के युवाओं, कृषकों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने अपने-अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री जी ने अगले पांच साल में भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है जहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन, वन संपदा और मानव संसाधन हैं। यहां की धरती उर्वरा है, मेहनतकश किसान हैं।यहां के संसाधनों का वैल्यू एडिशन करके हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण कर सकते हैं। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक होगा। छत्तीसगढ़ युवा प्रदेश है, हमने नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसमें वोकेशन ट्रेनिंग पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर क्षेत्र में सबके सहयोग से रिफॉर्म ला रही है। सरकार काम-काज में भी पारदर्शिता लाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी सरकार की नीति करप्शन के प्रति जीरो टालरेंस की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं, कृषकों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण विचार साझा किए।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट और नई उद्योग नीति राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2024 को आम जनता को समर्पित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र में जैविक कृषि को लेकर बहुत महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। युवाओं ने भी आगामी भविष्य को लेकर अपना बेहतर दृष्टिकोण रखा है। कार्यक्रम में नारी शक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित हैं, यहां आने के लिए उनका विशेष धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं स्वयं किसान का बेटा हूं मेरी भी कृषि में बहुत रूचि है मैं जब भी गांव जाता हूं तो अपने खेत में जरूर समय बिताता हूं।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के युवा, कृषक, महिला और प्रबुद्धजनों के साथ विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर परिचर्चा में मुख्यमंत्री श्री साय ने ड्रोन दीदी को लेकर आए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भिलाई में तकनीकी विश्वविद्यालय में ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का आह्वान किया है, जिसमें ड्रोन दीदी का भी अहम योगदान होगा। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री जागेश्वर यादव की तारीफ़ करते हुए कहा कि जागेश्वर जी पढ़े-लिखे नहीं हैं, उन्हें साइकिल चलाना नहीं आता, हाफ पेंट पहनकर और बिना चप्पल के अपना काम चलाते हैं लेकिन आज इन्होंने कोरवा-बिरहोर समुदाय की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है, मैं उनका अभिनन्दन करता हूं।वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों का नीति आयोग द्वारा संकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन तथा सर्विस सेक्टर में भी असीम संभावनाएं हैं। वर्तमान में कृषि में रसायनिक खाद के उपयोग से कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। कृषि में युवाओं की भागीदारी भी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव फॉर्मिंग के लिए किसानों की जमीन को एक साथ करने के लिए विचार करने की जरूरत है।हॉर्टिकल्चर क्रॉप के लिए जमीन की लेबलिंग, फेंसिंग और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता आदि पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एग्रो टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में स्किल डेव्हलपमेंट को भी बढ़ाना होगा। मुख्य सचिव एवं उपाध्यक्ष राज्य नीति आयोग श्री अमिताभ जैन और योजना विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
संवाद कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम में काष्ठ शिल्पकार एवं पद्मश्री से सम्मानित अजय मण्डावी एवं पद्मश्री जागेश्वर यादव, कोण्डागांव से आयी महिला कृषक उदेश्वरी, शुभम दीक्षित, सिमरन, अंकित जैन, शताब्दी पाण्डेय, सुधा वर्मा सहित अनेक लोगों ने सुझाव दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री धीरेन्द्र तिवारी, राज्य नीति आयोग के सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम, सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत भी उपस्थित थे। -
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जनजाति समाज के ट्रेडिशन को संरक्षित करते हुए विकास करना होगारायपुर : छत्तीसगढ़ नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने के संबंध में आज राजधानी स्थित न्यू सर्किट हाउस में संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी द्वारा किया गया। जिसमें पद्मश्री अजय मांडवी, पद्मश्री जागेश्वर यादव,श्री इंदर भगत, श्री बृजेन्द्र शुक्ला सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए प्रबुद्धजनों ने परिचर्चा में भाग लिया और विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संबंध में अपनी परिकल्पनाओं के संबंध में अपने विचार व्यक्त किया।
परिचर्चा में स्वास्थ्य छत्तीसगढ़, सुखी छत्तीसगढ़, सुस्थायित्व (स्टेनेबिलिटी) स्थायी समुदाय सतत् उत्पादन और उपभोग, कृषि सुपरफूड्स शक्ति, सेहत प्राकृतिक औषधालय, सेवा क्षेत्र आईटी का नया गढ़, लॉजिस्टिक्स जुड़ता छत्तीसगढ़, बढ़ता छत्तीसगढ़ पर विस्तृत चर्चा की गई। इसी प्रकार शिक्षा फ्यूचर रेडी, प्रतिभाशाली छत्तीसगढ़, संस्कृति कला और संस्कृति की नई पहचान, विनिर्माण उद्योग की नई परिभाषा, वन्य उत्पाद स्थानीय उत्पाद, वैश्विक पहचान, पर्यटन प्रकृति से संस्कृति तक, गवर्नेस सरल, सुरक्षित छत्तीसगढ़ विषय पर चर्चा की गई। प्रबुद्धजनों ने सुझाव दिया कि छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज की सभ्यता एवं संस्कृति को संरक्षित करते हुए विकास किया जाए। वनांचल में योग ध्यान केन्द्र स्थापित करने, लोगों को अध्यात्म से जोड़ने जैसे विषयों को दस्तावेज में शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस परिकल्पना को साकार करने में राज्य की प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार दस्तावेज आगामी राज्य स्थापना दिवस 01 नवम्बर 2024 को विजन डॉक्यूमेंट ‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन@2047‘ जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी विजन डॉक्यूमेंट जनता के समक्ष रखेंगे।
राज्य नीति आयोग द्वारा ‘‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन@2047‘‘ संबंधित विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में सभी विभागों, सेक्टर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श प्रारंभ किया जा चुका है। इसके लिए आठ वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है। लगातार बैठकें आयोजित कर विचार-विमर्श किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से भी विकसित छत्तीसगढ़ की उनकी परिकल्पना साझा करने के लिए आयोग द्वारा वेब-पोर्टल ‘‘मोर सपना-मोर विकसित छत्तीसगढ़‘‘ लिंक http://sdgspc.cg.gov.in/viksitcg/#homeभी तैयार किया गया है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में एसबीआई के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सर्कल के मुख्य महाप्रबंधक श्री चंद्रशेखर शर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ और बस्तर आर्ट का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री शर्मा से छत्तीसगढ़ में बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में बैंकों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है।छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर इलाकों खासकर गावों तक बैंक शाखाओं का और अधिक विस्तार हो ताकि दूरस्थ क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीण-जन बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा बन सकें। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में वित्तीय समावेशन बढ़ाने और ग्रामीणों को बैंकिंग साक्षरता से जोड़ने पर बल दिया। मुख्यमंत्री को श्री शर्मा ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा इस दिशा में उठाये जा रहे कदमों और आगे की कार्ययोजना के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक रायपुर श्री राकेश कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे। -
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बस्तर में अब आधे ही रह गये मामलेराज्य में पॉजिविटी रेट 4.60 से घटकर अब 0.51 प्रतिशतरायपुर : घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम हमेशा से एक कड़ी चुनौती रही है, लेकिन इसके बावजूद हालात तेजी से बदले भी हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बारिश के मौसम को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों से बस्तर सहित पूरे राज्य में मलेरिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस बारिश के दौरान मलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रयासों को तेज करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल बीजापुर जिले के दौरे पर हैं।छत्तीसगढ़ के मलेरिया के कुल मामलों में से 61.99 फीसदी दंतेवाड़ा, बीजापुर, और नारायणपुर से आते हैं। इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और मुख्यमंत्री के निर्देशन में किए गए कार्यों से मलेरिया के मामलों में काफी कमी आई है। बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक दर के अनुसार, 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया की दर 2.63 फीसदी थी जो 2023 में घटकर 0.99 फीसदी रह गई है। इसी तरह बस्तर में यह दर 16.49 फीसदी से घटकर 7.78 फीसदी रह गई है।
मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान, पहले से नौंवे चरण तक मलेरिया धनात्मक दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो चुकी है। इस अभियान का दसवां चरण भी 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ है। इस अभियान के तहत राज्य में 22 जिलों में 16.97 लाख कीटनाशक युक्त मच्छरदानियों का वितरण भी किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने 2024 की पहली छमाही में मलेरिया के मामलों की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बस्तर जिले में 1660 केस, बीजापुर में 4441, दंतेवाड़ा में 1640, कांकेर में 259, कोंडागांव जिले में 701, नारायणपुर जिले में 1509 और सुकमा में 1144 केस दर्ज किए गए हैं। इस प्रकार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में मलेरिया के मामलों की निगरानी बढ़ाने और उपचार सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य सरकार ने जनता से अपील की है कि मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और समय पर उपचार करवाएं। मलेरिया के मामलों में आई यह कमी सरकार की सतर्कता और जनता की जागरूकता का परिणाम है। छत्तीसगढ़ सरकार के निरंतर प्रयास और जनसहभागिता के कारण मलेरिया पर नियंत्रण पाने में राज्य ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो आने वाले समय में इस बीमारी के उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है। -
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मसपुर के 42 घरों में लगे नवीन विद्युत कनेक्शनरायपुर : नियद नेल्लानार योजना के तहत् नारायणपुर जिले के माओवादी प्रभावित क्षेत्र मसपुर, कस्तुरमेटा, ईरकभट्टी और मोहंदी में 04 नवीन पुलिस कैम्प खोले गए हैं। कैम्प के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों में मूलभूत आवश्यकताओं व सुविधाओं को शत-प्रतिशत ग्रामीणों तक पहुंचाने राज्य सरकार के मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जहां सड़क, विद्युत, पीडीएस सेंटर, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल, उपस्वास्थ्य केन्द्र, पेयजल एवं कृषि, सिंचाई की सुविधाएं, पंचायत एवं सामुदायिक भवन निर्माण, मोबाइल नेटवर्क आदि जरूरतों को सम्मिलित किया गया है।
यहां राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा कैम्प लगाकर ग्रामीणों को मौके पर ही सेवाएं एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है, इनमें ग्राम गुडरापारा, तुमेरादी, ताड़ोबेड़ा, मेटानार, तोयामेटा, हिकपाड़, ओकपाड़, कटुलनार, कानागांव, ताडोकुर, जड्डा, कुतुल, कोडलियर, मिचींगपारा और बीचपारा शामिल हैं जहां समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं। ग्रामीणों को शासन की योजनाओं से जोड़ने शिविरों में आधार पंजीयन, बैंक खाते, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य जांच कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार मान्यता पत्र, सामाजिकपेंशन योजना, सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व वंदना योजना, ड्रायविंग लायसेंस, जन्म प्रमाणपत्र सहित राजस्व विभाग के तहत् नक्शा, खसरा, जाति, निवास, आय प्रमाण-पत्र, भूमि सीमांकन, नामांतरण बंटवारा, ऋण पुस्तिका, आरबीसी 6-4 के तहत् आर्थिक सहायता आदि के लिए कैम्प लगाकर योजनाओ से लाभांवित किया जा रहा है।
इसके तहत् जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अन्तर्गत कुल 2513 में से 1208 आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है एवं शेष 1305 बनाने का कार्य प्रगति पर है। जननी सुरक्षा योजनांतर्गत 14 ग्रामों के प्रसव उपरान्त समस्त 51 शिशुवती महिलाओं को जेएसवाय की राशि प्रदाय की गई है। 14 ग्रामों में कुल 2468 सिकल सेल, 2399 टी.बी. एवं 2464 के अतर्गत 10 ग्रामों के समस्त 09 से 12 माह तक के कुल 356 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है। 14 ग्रामों के 31 दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र भी प्रदाय किया गया है।
जनपद पंचायत ओरछा अन्तर्गत 28 आंगनबाड़ी केन्द्रो में न्यूट्री गार्ड विकास कार्य एवं सब्जी बीज प्रदाय कार्य हेतु खनिज एवं नीति आयोग मद के अभिसरण से प्रति आंगनबाड़ी कुल 1.25 लाख की जिला प्रशासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी, जिसमें शासन की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार अन्तर्गत चयनित ग्राम कोडोली उर्फ कस्तुरमेटा में न्यूट्री गार्डन विकास एवं सब्जी बीज प्रदाय कार्य किया जा रहा है और आंगनबाड़ी केन्द्रों मंें बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य प्रगति पर है।नवीन कैम्प मसपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम के 42 घरों में नवीन विद्युत कनेक्शन पहुचाए गए है। इसके लिए 02 ट्रांसफार्मर लगाए गए है, जिसके लिए जिला निर्माण समिति से 16 लाख 60 हजार रूपये स्वीकृत की गई है। नियद नेल्लानार के तहत इन गांवों में 500 युनिट तक की बिजली निःशुल्क कर दी गई है जिसका प्रत्यक्ष लाभ इन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को मिल रहा है। -
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बच्चों को फूल, मालाओं और तिलक लगाकर कराया जा रहा शाला प्रवेशजिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए वन मंत्रीरायपुर : छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव जोर-शोर से चल रहा है। स्कूलों में नव प्रवेशी बच्चों को फूल-मालाओं से स्वागत के साथ ही उनका मुंह मीठा कराकर प्रवेश कराया जा रहा है। इसी कड़ी में वन मंत्री केदार कश्यप ने भी जिला मुख्यालय सुकमा में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर कहा कि शिक्षा ही समाज में बदलाव का माध्यम है। शिक्षा से ही हम अपने भविष्य को तराश सकते हैं। शिक्षा से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैैं। कार्यक्रम में उन्होंने नव प्रवेशी बच्चों को फूल, माला और तिलक लगाकर शाला में प्रवेश दिलाया।वन मंत्री श्री केदार कश्यप शाला प्रवेश उत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम जैसे उच्च शिक्षा संस्थान हमारे प्रदेश में संचालित हो रहे हैं। सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सार्थक प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिल रहा है, अब सुकमा जिले में शाला त्यागी बच्चों की दर में कमी आई है। इस मौके पर उन्होंने सभी नव प्रवेशी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर उन्होंने नव प्रवेशी बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश भी वितरित किए।
कार्यक्रम में बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री महेश कश्यप ने कहा कि सुकमा जिला विकास की दिशा में निरतंर आगे बढ़ रहा है। सरकार के प्रयासों से यहां के बच्चे अब डॉक्टर, इंजीनियर सहित सरकारी सेवाओं में अपनी सेवा देकर, जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। कार्यक्रम में लोकसभा सांसद श्री महेश कश्यप सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी स्कूली बच्चों का फूल माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया। इस मौके पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। -
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वन मंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत किया पौधारोपणसांसद श्री महेश कश्यप एवं जनप्रतिनिधियों ने भी किया पौधारोपणरायपुर : एक पेड़ मां के नाम अभियान‘ के तहत वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने सुकमा जिला मुख्यालय स्थित आकार आवासीय संस्था में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने आमजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस मानसून के दौरान ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें और अपने घर, आसपास के परिवेश, गांव-खेत-खलिहानों और शहरों को खूब हरा-भरा करने लोगों को प्रेरित भी करें।
वन मंत्री श्री कश्यप ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण अभियान के माध्यम से करीब चार करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान में बढ़-चढ़कर जुड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री महेश कश्यप और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान में शामिल होकर ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत पौधारोपण किया। इस अवसर पर श्री धनीराम बारसे, श्री हूंगाराम मरकाम एवं अन्य जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने भी पौधारोपण किया। -
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नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को ज्ञान में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है: शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहनराष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्यरायपुर : शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को ज्ञान में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है किंतु उसकी जड़े भारत की संस्कृति एवं मूल्यों से बंधी हो। छत्तीसगढ़ की एस.सी.ई.आर.टी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। उक्त बाते शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन आज रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यशाला स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अकादमिक सदस्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति व्यापक समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि आगामी एक वर्ष का कार्य महत्वपूर्ण होने वाला है। विगत छः माह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 30 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष 70 प्रतिशत् कार्य भी प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ की पुस्तकों को स्थानीय स्तर के अनुकूल बनाना गया है, शिक्षक तभी अच्छे ढंग से पढ़ा पाएंगे जब वे स्वयं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षित होंगे। प्रशिक्षण में भी नवाचार को स्थान देना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि राज्य में शाला त्यागी बच्चों से संपर्क कर स्कूल तक वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उद्घाटन सत्र में श्री जे.पी. रथ, अतिरिक्त संचालक, एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा अपने स्वागत भाषण में आगंतुक अतिथियों का परिचय दिया गया।
अतिथि वक्ता श्री महेन्द्र मिश्रा द्वारा बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के सभी बच्चों के लिए काम करना हर शिक्षाविद का धर्म होना चाहिए तथा भाषा माध्यम नहीं लक्ष्य होना चाहिए। संचालक एस.सी.ई.आर.टी. श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने अतिथियों को एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबें भेंट की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहला अधिकारिक उन्मुखीकरण कार्यक्रम है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री संजीव कुमार झा ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में भारत को ग्लोबल स्किल हब बनाने की तैयारी है।
एस.सी.ई.आर.टी. के अकादमिक सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें श्री आलोक शर्मा द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र के अंतर्गत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया गया। श्री सुनील मिश्रा द्वारा प्रारंभिक बाल्यवास्था देखभाल एवं शिक्षा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सुश्री आई. संध्या रानी द्वारा विद्यार्थियों के विकास के लिए आकलन, श्री हेमंत कुमार साव द्वारा शिक्षक शिक्षा-शिक्षकों का सतत् व्यावसायिक विकास, डॉ. दीपा दास द्वारा व्यावसायिक शिक्षा, श्री संतोषकुमार तंबोली द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा, श्री प्रशांत पाण्डेय, राज्य साक्षरता मिशन द्वारा उल्लास (प्रौढ़ शिक्षा) पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में श्री कटारा द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। कार्यशाला में प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम श्री कुलदीप शर्मा, एस.सी.ई.आर.टी. के समस्त अधिकारी एवं अकादमिक सदस्य, प्रदेश के सभी शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, बी.टी.आई. तथा डाईट के प्राचार्य उपस्थित थे। -
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रायपुर : प्रदेश के 33 जिलों के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने 552 किलोलीटर केरोसिन उचित मूल्य दुकानों के लिए आबंटन जारी किया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह जुलाई 2024 के लिए गैर अनुसूचित क्षेत्रों के गैस कनेक्शनधारी राशनकार्डो में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत केरोसिन प्रदाय किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रचलित राशनकार्डो एवं हॉकर्स के लिए उचित मूल्य दुकानवार ऑनलाईन आबंटन जारी किया गया है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अुनसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रचलित समस्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारी हितग्राहियों को केरोसिन की पात्रता होगी। इसी प्रकार समस्त नगरीय क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों के लिए अधिकतम एक लीटर केरोसिन की पात्रता होगी और ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों तथा गैर अनुसूचित क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों को अधिकतम 2 लीटर केरोसिन की पात्रता होगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं और उचित मूल्य दुकान के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को केरोसिन का वितरण कराने के लिए कहा है। -
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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियोंकी ली समीक्षा बैठकरायपुर : खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने आज खाद्या नागरिक आपूर्ति निगम के सभा कक्ष में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर खाद्य विभाग के सचिव श्री बसवराजू एस. विशेष सचिव श्री के डी कुंजाम और खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।खाद्य मंत्री श्री बघेल ने कहा कि विभाग का दायित्व एवं प्राथमिकता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है और समय पर उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन उपलब्ध कराना है। दूरस्थ क्षेत्रों में चना, गुड़, शक्कर, राशन आदि की आपूर्ति समय पर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के आपूर्ति, भण्डारण एवं वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।
खाद्य मंत्री ने चावल के गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के सख्त निर्देश दिए हैं और उचित मूल्य दुकानों आंगनबाड़ी, स्कूल, छात्रावास में गुणवत्ता युक्त चावल भण्डारण एवं वितरण करने के लिए कहा है। समीक्षा बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के लक्ष्य के विरूद्ध चावल उपार्जन की स्थिति, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण करने के संबंध में चर्चा कह गई। शक्कर, नमक तथा केरोसिन उपभोक्ताओं को वर्षा ऋतु से पूर्व अग्रिम भण्डारण सहित अन्य बिन्दुआंे पर विस्तार से समीक्षा की गई। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा रविवार 14 जुलाई 2024 को बी.एस.सी. नर्सिंग (B.Sc.N.) प्रवेश परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 32 जिला मुख्यालयों में पूर्वाह्न में किया जाएगा। व्यापमं द्वारा परीक्षा के संबंध में परीक्षार्थियों को निर्देशित किया गया है कि परीक्षा दिवस को परीक्षार्थी लगभग एक घंटे पूर्व अपने निर्धारित परीक्षा केन्द्र में उपस्थित हो, जिससे उनका मूल पहचान पत्र से उनका पहचान किया जा सके एवं परीक्षा केंद्र में जाने हेतु अनुमति दी जा सके।किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र के सम्बंध में कठिनाई होती है तो व्यापमं के हेल्पलाइन नंबर 0771-2972780 एवं मोबाइल नंबर 8269801982 पर संपर्क कर सकते हैं। अभ्यर्थी संपूर्ण प्रवेश पत्र डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट अवश्य निकालें। यदि इंटरनेट से प्राप्त प्रवेश पत्र पर फोटो नहीं आता है तो अभ्यर्थी अपने साथ दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो लेकर परीक्षा केंद्र में जावें।
व्यापमं द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षार्थियों को अपना फोटोयुक्त मूल आई. डी. प्रूफ जैसे मतदाता पहचान पत्र/ड्रायविंग लायसेंस/पेन कार्ड/आधार कार्ड/पासपोर्ट/विद्यालय का फोटोयुक्त परिचय पत्र/ फोटोयुक्त अंकसूची मूलरूप में (फोटो कॉपी मान्य नहीं) परीक्षा दिवस में परीक्षा केन्द्र में लाना अनिवार्य होगा। मूल पहचान पत्र के अभाव में परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
अभ्यर्थी अपने प्रोफाईल में जाकर प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा अभ्यर्थी प्रवेश पत्र व्यापमं की वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in एवं https://vyapamaar.cgstate.gov.in/ एवं चिप्स की वेबसाइट http://cgstate.gov.in पर उपलब्ध लिकों में से किसी भी एक लिंक पर क्लिक करके अपने प्रोफाइल लॉगिन पेज पर जा सकते हैं एवं वहां से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर द्वारा भी प्रवेश-पत्र प्राप्त कर सकते है। -
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बीमा कराने से प्रतिकूल मौसम में मिलती है आर्थिक सुरक्षारायपुर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2024 के क्रियान्वयन हेतु फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की गई हैं। योजना में धान सिंचित, धान असिंचित फसलों, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर /तुअर, रागी एवं सोयाबीन को शामिल किया गया है। इस योजना से किसानों को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2024 अंतर्गत जिले में अधिकाधिक कृषकों को बीमा आवरण में सम्मिलित करने हेतु फसल बीमा प्रचार-प्रसार हेतु जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
कृषि विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि अपना आधार कार्ड खरीफ वर्ष के लिए दिनांक 31 जुलाई 2024 से पूर्व बैंक में अपडेट करा लें। फसल बीमा पोर्टल पर बिना आधार प्रमाणिकरण के बीमा मान्य नहीं होगा। फसल लगाने वाले सभी अऋणी किसानों को प्रस्ताव पत्र के साथ नवीनतम आधार कार्ड की छायाप्रति, नवीनतम भूमि प्रमाण-पत्र (बी-1, खसरा) की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट , आईएफएससी कोड, बैंक का पता साफ-साफ दिख रहा हो, फसल बुवाई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने का आशय का स्वघोषणा पत्र, किसान का वैध मोबाईल नंबर एवं बटाईदार, कास्तकार, साझेदार किसानों के लिये फसल साझा, कास्तकार का घोषणा पत्र इत्यादि दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।
धान सिंचित के लिए बीमा राशि 60 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 1200 रुपए तथा असिंचित फसल के लिए बीमा राशि 43 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 860, उड़द व मूंग के लिए बीमा राशि 22 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 460 रुपए निर्धारित की गयी है। इसी प्रकार मूंगफली की बीमा राशि 42 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 840 रुपए, कोदो की बीमा राशि 16 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 320 रुपए, कुटकी की बीमा राशि 17 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 340 रु. ,मक्का की बीमा राशि 36 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 720 रुपए,अरहर की बीमा राशि 35 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 700 रुपए, रागी की बीमा राशि 15 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 300 रुपए तथा सोयाबीन की बीमा राशि 41 हजार और प्रीमियम 820 रुपए निर्धारित की गई है। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 248.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 14 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 404.7 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 129.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 192.3 मिमी, बलरामपुर में 327.9 मिमी, जशपुर में 233.5 मिमी, कोरिया में 234.8 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 192.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 192.9 मिमी, बलौदाबाजार में 272.2 मिमी, गरियाबंद में 242.8 मिमी, महासमुंद में 198.3 मिमी, धमतरी में 218.8 मिमी, बिलासपुर में 317.2 मिमी, मुंगेली में 302.6 मिमी, रायगढ़ में 309.7 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 168.6 मिमी, जांजगीर-चांपा में 263.9 मिमी, सक्ती में 238.7 कोरबा में 371.2 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 316.3 मिमी, दुर्ग में 155.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 228.8 मिमी, राजनांदगांव में 189.4 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 217.8 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 175.0 मिमी, बालोद में 224.4 मिमी, बेमेतरा में 147.1 मिमी, बस्तर में 297.6 मिमी, कोण्डागांव में 220.9 मिमी, कांकेर में 234.9 मिमी, नारायणपुर में 288.2 मिमी, दंतेवाड़ा में 292.9 मिमी और सुकमा जिले में 402.5 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सुदूर वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमएफ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिएउपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्राम सोनवाही के आदिवासी बालक छात्रावास में बनाएं गए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का किया निरीक्षण, उपचार कराने आएं मरीजों से की चर्चासोनवाही गांव में पांच ग्रामीणों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है घटना : कलेक्टररायपुर : संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मौसमी बीमारियों की रोेकथाम और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश स्वास्थ्य महकमा और संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में मलेरिया, डायरिया, जनजनित बीमारी सहित मौसमी बीमारियों की जानकारी मिलने पर त्वरित रूप से स्वास्थ्य अमला स्वास्थ्य शिविर लगाकर प्रभावितों का उपचार करना सुनिश्चित करें। श्री साय ने निर्देश दिए है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित कर सूचना मिलने पर प्रभावित क्षेत्रों को आवश्यक दवाओं के साथ त्वरित रूप से रवाना कर उपचार सुनिश्चित करे, जिससे संभावित जनहानि को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा गत दिवस कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल, सोनवाही का भ्रमण कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। उन्होंने ग्राम सोनवाही पहुंचकर ग्रामीणों सहित डायरिया पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की और राज्य शासन से हर संभव दिलाने के लिए भरोसा दिलाया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्राम सोनवाही में गत दिवस हुई दो ग्रामीणों की आकस्मिक मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की।उन्होंने ग्राम सोनवाही के आदिवासी बालक छात्रावास में बनाएं गए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया और मरीजों से चर्चा की। उन्होंने चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारी, डायरिया, उल्टी दस्त और जलजनित बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने कलेक्टर को वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने और और मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सुदूर वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमफ़ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने वनांचल के सभी गांवो में स्वास्थ्य शिविर, जल स्त्रोतो का क्लोनिएशन कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि बोड़ला एसडीएम और सीएमएचओ को घर-घर पहुंच कर सर्वें करने के निर्देश दिए गए थे। सोनवाही में पांच ग्रामीणों की मौत अलग-अलग कारणों से और अलग-अलग जगह में हुई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल राज ने बताया कि सोनवाही में डायरिया की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला के चिकित्सक और स्वास्थ्य अमला 10 जुलाई को पहुंचकर गांव के आदिवासी बालक आश्रम छात्रावास में अस्थायी रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण का काम शुरू किया गया। दूसरे दिन 11 जुलाई को कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तर और चिल्फी के और अतिरिक्त स्वास्थ्य टीम को भेजकर ग्राम सोनवाही में तैनात किया गया।
सीएमएचओ डॉ राज ने बताया कि सोनसिंह अपने खेत से काम कर घर लौटा था, उन्होने अपने तबियत खराब होने की जानकारी अपने घर वालो को दी। इसके बाद उन्होने उल्टियां शुरू हुई और तीन से चार घंटे के दौरान उनकी घर पर ही मृत्यु हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक इसी प्रकार महिला फूलबाई की मृत्यु भी उल्टी से हुई। दो ग्रामीणों की अकास्मिक मृत्यु के बारे में ग्रामीणों से चर्चा की गई। जांच और पूछताछ के प्रथम दृष्टयता जहरीले मशरूम खाने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट अभी नहीं आई है, रिपोर्ट आने के बाद कारण स्पष्ट हो जाएगी।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया और उपचार कराने आए मरीजों से चर्चा की। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्राम सोनवाही में 194 घर है, जिसकी कुल आबादी 580 है। इस गांव में 12 कुंआ और 02 हैंडपंप है। एक मितानिन भी कार्यरत है। उन्होंने बताया कि बीमारी के लक्षण मिलने पर गांव में लोगों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। 11 जुलाई को 194 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था, जिसमें 08 लोगों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उप स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया, इनमें 07 लोगों को मौसमी बुखार के लक्षण और 01 को उल्टी हो रही थी।इसी प्रकार 12 जुलाई को 144 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 12 को मौसमी, सर्दी बुखार के लक्षण पाएं गए है, जिनकों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सभी मरीजों का बेहतर स्वास्थ्य उपचार करने के निर्देश दिए। -
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मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा नेे नेशनल लोक अदालत के तहतराज्य के सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड के माध्यम से किया निरीक्षणरायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर के न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में 13 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत हेतु गठित कुल 605 खंडपीठों द्वारा प्रेषित अंतिम आंकड़ो में 7 लाख 66 हजार 639 प्री- लिटिगेशन प्रकरण तथा 65 हजार 139 लंबित मामलों को मिलाकर कुल 8 लाख 31 हजार 848 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 230 करोड़ 09 लाख 55 हजार 219 रूपये के अवार्ड पारित किए गए।छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह- मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया और सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद व चर्चा की गई और लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित करें।
वर्चुअल मोड में निरीक्षण के दौरान मुख्य न्यायाधिपति ने जिला न्यायलय रायगढ़ के एक प्रकरण में जहां एक उम्रदराज पति-पत्नी के मध्य घरेलु हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे और लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की गई और दम्पत्ति को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी गई ।
मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दो खण्डपीठों का भी अवलोकन किया गया और लोक अदालत कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों को निराकृत कराये जाने की बात कही।गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार माननीय उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तिगणों द्वारा भी अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक प्रकरण निराकृत करने के लिये प्रोत्साहित किया गया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गणों के द्वारा नेशनल लोक अदालत के दिन अपने पोर्टफोलियो जिले में उपस्थित रहना लोक अदालत व्यवस्था की विश्वसनीयता को पारदर्शी व विश्वसनीय बनायेगा और इसे एक नई उंचाई प्रदान करने वाला सिद्ध होगा ।
मुख्य न्यायाधिपति द्वारा सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड से निरीक्षण जहां आधुनिक तकनीक का न्यायालयीन कार्यवाहियों में उपयोग को दर्शाता है, वहीं मुख्य न्यायाधिपति की यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ पक्षकारों में विश्वास सृजित करेगा और लोक अदालत को और विश्वसनीयता और प्रमाणिकता प्रदान करेगा।
मुख्य न्यायाधिपति श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तिगण जो लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपने पोर्टफोलियो के जिलों में लोक अदालत के अवसर पर गए थे, उनका विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया है, साथ-ही-साथ मुख्य न्यायाधिपति महोदय द्वारा उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दो खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्तिगण व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा राज्य के सभी सम्मानित प्रधान जिला न्यायाधीशगणों और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभी खण्डपीठों केपीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों, सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालेण्टियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों तथा सभी लोगों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी धन्यवाद ज्ञापित किया गया है, जिन्होनें इस लोक अदालत के प्रचार-प्रसार व लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में विशेष योगदान दिया -
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रायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने आज आनंद समाज लाईब्रेरी कंकालीपारा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में ’छत्तीसगढ़ के विभूति’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के लेखक श्री जागेश्वर प्रसाद है। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने पुस्तक के लेखक श्री जागेश्वर प्रसाद को बधाई देते हुए कहा कि इस पुस्तक से लोगों को छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगा। छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक महान विभूति हैं, जिनका उल्लेख और संस्मरण छत्तीसगढ़ के इतिहास में नहीं है। ऐसे महान विभूतियों के बारे में जानकारी संकलित करना बहुत ही प्रशंसनीय है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के दुलदुला में सामाजिक जागरूकता व्यवहार परिवर्तन के लिए संचालित ”संकल्प जशपुर” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में महिलाओं को जागरूक करने बाल विवाह रोकथाम, टीकाकरण, सिकलसेल, सर्पदंश की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।जिला प्रशासन और यूनिसेफ के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, एनआरएलएम के सहयोग से वॉलिंटियर्स द्वारा 160 से अधिक पंचायतों में जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जनजागरूकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक के जरिए कार्यक्रम प्रस्तुत कर सिकलसेल एनीमिया, सर्पदंश से सुरक्षा, जच्चा-बच्चा टीकाकरण, स्कूल चलो अभियान,पौधरोपण के अलावा स्वास्थ्य और जलजनित बीमारी की रोकथाम और बचाव के उपाय की जानकारी को प्रदर्शित की जा रही है, ताकि आम जनता इससे सीख ले सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने संकल्प कार्यक्रम अंतर्गत वीडियो, कटआउट का विमोचन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण यूनीसेफ के जिला समन्वयक श्री तेजराम सारथी एवं उनकी टीम, जिला प्रशासन और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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परेशानियों को दूर करने के साथ रिश्तों को भी मजबूत बना रहा पुलसमय के साथ होगी पैसे की बचतरायपुर : बारिश के साथ ही उफान पर रहने वाले मदवानी के इस छिंदई नदी को पार कर पाना आसपास के ग्रामीणों के लिए कितना जोखिम भरा होता था, यह तो ग्रामीण ही जानते हैं। उन्हें एक गांव से दूसरे गांव जाना हो या फिर अपने किसी परिचित के घर जाना हो, लंबे समय तक पुल नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ता था। बारिश आते ही महीनों तक बहुत से लोगों की या तो भेंट मुलाकात बंद हो जाती थी, या फिर लंबी दूरी तय कर एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। इस लंबी दूरी को तय करने के लिए उन्हें अतिरिक्त पैसे तो खर्च करने ही पड़ते थे, इसके साथ ही बहृत ज्यादा समय भी देना पड़ता था। अब जबकि इस छिंदई नदी में पुल बन गया है, ग्रामीणों का आवागमन आसान बन गया है। वे आसानी से घंटों की दूरी मिनटों में तय कर पहुंच जाते हैं।
करतला विकासखंड के ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग में छिंदई नदी में लगभग 17 करोड़ 17 लाख की राशि से बने उच्च स्तरीय पुल का हाल ही में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरूण साव ने लोकार्पण किया था। रामपुर, मदवानी सहित आसपास के अनेक गांव को कुदमुरा, हाटी सहित प्रमुख मार्गों से जोड़ने में यह पुल ग्रामीणों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। इस पुल के बन जाने से विकास के नए द्वार खुल गए हैं। वर्षों से इस नदी में पुल की मांग थी जो अब पूरी हो गई है। इससे आसपास के अनेक गाँव जुड़ गए हैं। एक दूसरे से सम्पर्क भी बढ़ गया है। यह पुल आवागमन का पुल होने के साथ ही विकास का भी पुल बन गया है।
इस पुल को पार करते हुए ग्रामीण कमल सिंह चौहान ने बताया कि पहले उन्हें लंबी दूरी तय करके एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। उन्हें पांच से 10 किलोमीटर अतिरिक्त वाहन बाइक घुमाना पड़ता था। इससे उनके अतिरक्त रूपये और समय का नुकसान होता था। उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में नदी में पानी कास्तर कम होने पर बहुत से ग्रामीण जोखिम उठाकर नदी पार कर लेते थे। बारिश में नदी का स्तर बढ़ने पर पुल पार करना खतरनाक बन जाता था। अब जबकि पुल बन गया है।आवागमन में आसानी होने के साथ ग्रामीणों को बहुत सहूलियत होने लगी है। ग्राम मदवानी के किसान श्री भुनेश्वर राठिया का कहना है कि गांव में रहने वाले लोगों का दूसरे गांव तक रिश्तेदारों के पास सुख-दुख में आना-जाना रहता है। पुल नहीं होने से विपरीत परिस्थितियों को सहते हुए कुछ लोग जोखिम उठाकर पुल पार करने की कोशिश करते थे, वहीं कुछ लोग अपना बहुत समय बर्बाद कर दूसरे रास्तों से आवागमन करते थे।
इस पुल से मदवानी, कछार, महराजगंज, चारमार, रामपुर, कुदमुरा, करतला, चांपा सहित अन्य गांव के ग्रामीणों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांव में लड़के-लड़कियों की शादी तय होती है और रिश्ते बनते हैं। ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग के छिंदई नदी में पुल सिर्फ आवगमन का पुल ही नहीं है। यह पुल हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने वाले और हमारी परेशानियों को दूर करते हुए खर्च को कम कर खुशियां देने वाला पुल भी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में कोरबा जिले में दूरस्थ एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में तथा आवश्यकतानुसार नदी नालों में आवागमन हेतु पुल निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने भी आवागमन हेतु ऐसे स्थानों को चिन्हित करने और प्रस्ताव प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं, जहां पुल निर्माण की आवश्यकता है। -
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किया गया आत्मीय स्वागतरायपुर : केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोग के सदस्य श्री अजय नारायण झा, श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा, डॉ. सौम्यकांति घोष का जगदलपुर के माँ दंतेश्वरी एयरपोर्ट में कलेक्टर श्री विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे ने आत्मीय स्वागत किया।एयर पोर्ट से 16वें वित्त आयोग की टीम बस्तर (जगदलपुर) के सर्किट हाउस पहुंची, जहां पर संभागायुक्त श्री श्याम धावड़े और आईजी बस्तर श्री पी सुंदरराज ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया को पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दी गई। -
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छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने सुशासन विषय पर गठित वर्किंग ग्रुप की बैठकरायपुर : छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 को लेकर राज्य नीति आयोग में बैठकों और विचार-विमर्श का सिलसिला लगातार जारी है। नवा रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में सुशासन और पारदर्शिता को लेकर हुई बैठक में सुशासन विषय पर गठित वर्किंग समूह के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सुशासन पर गठित वर्किंग समूह की द्वितीय बैठक में रोजगार, जनभागीदारी, पारदर्शिता, नवाचार, तकनीकीकरण, स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने विकेन्द्रीकरण, नागरिक सेवाओं में गुणवत्ता सुधार जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव,सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, उद्योग विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, चिप्स के सीईओ श्री रितेश अग्रवाल मौजूद थे।
बैठक में समानता और समावेशन, एकीकृत सेवाएं, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाने,सही नौकरी के लिए सही व्यक्ति का चयन ,प्रभावी और व्यापक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से क्षमता निर्माण, दक्षता और निरंतर सुधार को ट्रैक करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने, गवर्नमेंट प्रोसेस री इंजीनियरिंग, नवाचार को बढ़ावा देने ,उभरते प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।इसी तरह डाटा संचालित निर्णय लेने, जन सेवा पोर्टल, सुगम व्यापार पोर्टल, एक परिवार-एक पहचान कर्ता, लोक सेवा गारंटी को सेवा वितरण से जोड़ना, सभी नागरिक सेवाओं के लिए गुणवत्ता सुधार रेटिंग के आधार पर नागरिक प्रतिक्रिया का प्रकाशन, पेपरलेस शासन, रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से डिजिटल और डाटा बैकबोन का निर्माण, सभी विभागों में डाटा रिकॉर्ड रूम की स्थापना, सभी ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने तथा जन भागीदारी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा कर उन महत्वपूर्ण बातों को दस्तावेज में शामिल कराने मंथन किया है।
सदस्य सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव ने गुड गवर्नेंस, स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाने, जन सेवा पोर्टल और सहभागी शासन के बारे में अपना महत्वपूर्ण सुझाव दिए। नीति आयोग के सदस्य श्री डॉ. के. सुब्रमण्यम ने कहा की आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाली सभी विषयों को दस्तावेज में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्मिकों के प्रशिक्षण और नवाचार पर अपने विचार रखे। उद्योग विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने 24X7 सभी के लिए प्रभावशाली सरकार ,निरंतर विकास, स्मार्ट गवर्नेंस, एकीकृत सेवाएं, प्रभावी और व्यापक प्रशिक्षण तंत्र के माध्यम से क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
नीति आयोग में आयोजित बैठक में सुशासन के लिए निर्धारित प्रमुख लक्ष्यों, प्रमुख चुनौतियों तथा विभागीय विजन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर बैठक में जिलों के कलेक्टर और एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से शामिल हुए। नीति आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, चिप्स के अधिकारी तथा राज्य नीति आयोग के सलाहकार संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। -
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11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण है नारायणपाल मंदिररायपुर : केंद्रीय वित्त आयोग का दल आज जगदलपुर पहुंचने के बाद बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा विकासखंड में स्थित नारायणपाल मंदिर का अवलोकन करने पहुंचा। वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया मंदिर की वस्तुकला देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली, जिस पर स्थानीय गाइड श्री धनुर्जय बघेल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा 11वीं शताब्दी में बनाया गया है, क्षेत्र के नागरिकों में मंदिर के प्रति गहरी आस्था है, नारायणपाल मंदिर वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। इस दौरान सदस्यों ने मंदिर में दर्शन कर समूह फोटो भी खिंचवाई।
ज्ञात हो कि चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा निर्मित पूर्वाभिमुख यह प्रस्तर मन्दिर मध्यम ऊँचाई की जगति पर अवस्थित वस्तुतः शिव मन्दिर है। किन्तु परवर्ती काल में इस मन्दिर के गर्भगृह में विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठापित कराई गई, जिसके कारण इसे अतीत में नारायण मन्दिर कहा जाने लगा। मंदिर की भू-संयोजना में अष्टकोणीय मण्डप, अन्तराल एवं गर्भगृह की व्यवस्था है, मंदिर का द्वार अलंकृत एवं बेसर शैली का सप्तस्थ योजना का उच्च साधारण शिखर है। मंदिर में प्रदक्षिणापथ का अभाव है।इस मंदिर में दो शिलालेख सुरक्षित हैं जिसमें प्रथम शंक संवत् 1033 (ईस्वी सन् 1110) के छिंदक नागवंशीय शासक सोमेश्वर की माता गुण्ड महादेवी का शिलालेख है, जिसमें भगवान नारायण की नारायणपुर नामक ग्राम तथा भगवान लोकेश्वर को कुछ भूमि दान करने का उल्लेख है जबकि दूसरे एक खण्डित शिलालेख में अदेश्वर (शिव) के मन्दिर का उल्लेख है। यह मन्दिर 11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में शिलालेख भी हैं जिस पर संस्कृत के शब्द उकेरे गए हैं।