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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
371 बच्चों ने दी परीक्षा, 122 बच्चें हुए क्वालीफाई
राज्य में 15 प्रयास आवासीय विद्यालय है संचालित
अब तक प्रयास विद्यालय के 122 विद्यार्थी आईआईटी, 356 विद्यार्थी एनआईटी, 960 समकक्ष परीक्षा में और 70 विद्यार्थी एमबीबीएस में हो चुके है चयनित
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और मंत्री श्री राम विचार नेताम ने दी बधाई एवं शुभकामनाएंरायपुर : जेईई मेंस-2025 के घोषित परिणामों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस वर्ष जेईई मेंस परीक्षा में बैठे प्रयास आवासीय विद्यालय के कुल 371 बच्चों में से 122 ने क्वालीफाई किया है। विद्यार्थियों की इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ उनके गांव एवं समाज में हर्ष का माहौल है। विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
वर्तमान में राज्य में कुल 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जबकि वर्ष 2025-26 में राजनादंगावं एवं बलरामपुर में एक-एक नवीन प्रयास आवासीय विद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनके प्रारंभ होने से राज्य में प्रयास विद्यालयों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। ज्ञात हो कि अब तक प्रयास आवासीय विद्यालय के 122 विद्यार्थी आईआईटी एवं समकक्ष में, 356 विद्यार्थी एनआईटी एवं समकक्ष में, 960 समकक्ष में एवं 70 एमबीबीएस हेतु चयनित हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध उपलब्ध कराना, उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने हेतु सक्षम बनाकर व्यावसायिक उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश कराना तथा उन्हें जीवन में स्थिरता प्रदान करना है।आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष जेईई मेंस के घोषित परिणामों में प्रयास, बालक आवासीय विद्यालय, रायपुर का परीक्षा परिणाम सबसे अच्छा रहा है, इसके जेईई एडवासं परीक्षा में बैठे कुल 153 बच्चों में से 69 ने मेंस क्वालीफाई किया है। इनकी सफलता का प्रतिशत लगभग 45 प्रतिशत रहा है, जो कि राष्ट्रीय स्तर की इतनी कठिन परीक्षा के हिसाब से उत्कृष्ट कहा जा सकता है। इसी प्रकार प्रयास आवासीय विद्यालय, अंबिकापुर के परीक्षा में बैठे 44 में से 16 बच्चों ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है। प्रयास, दुर्ग के परीक्षा में बैठे 46 में से 12 बच्चे, प्रयास, कांकेर के परीक्षा में बैठे 23 में से 08 बच्चे, जबकि प्रयास, जशपुर के परीक्षा में बैठे 38 में से 09 बच्चों ने तथा प्रयास, कोरबा के परीक्षा में बैठे 30 बच्चों में से 01 ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है।
इसी प्रकार प्रयास, जगदलपुर के परीक्षा में बैठे 37 बच्चों में से 07 ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है। प्रदेश के सुदूर नक्सल प्रभावित अंचल के बच्चों का राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में सफल होना विभाग के साथ-साथ राज्य के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार इस वर्ष कुल मिलाकर 122 विद्यार्थियों का आईआईटी एवं आईआईटी प्रिपरेटरी में चयन होने की संभावना है।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने कार्यभार ग्रहण के दूसरे ही दिन बाल श्रम की रोकथाम को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में व्यापक छापेमारी अभियान के निर्देश जारी किए हैं।डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को आठ बिंदुओं पर आधारित सुनियोजित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रम का उन्मूलन एक दिवस की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सतत अभियान है, जिसे निरंतरता से संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के बाल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल राज्य में बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि अप्रैल 2025 से प्रारंभ होकर प्रत्येक तीन माह में सात दिवसीय प्रदेशव्यापी छापामारी अभियान चलाया जाए। इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस प्रशासन और संबंधित थाना क्षेत्रों की भागीदारी से विशेष दलों का गठन किया जाएगा। अभियान के दौरान पाए गए बाल श्रमिकों को तत्काल आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि इन कार्यवाहियों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पूरी तरह पालन किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस (12 जून 2025) को सार्थक बनाते हुए, प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
आम नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए, डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग के अंतर्गत टोल फ्री नंबर की स्थापना और उसके सक्रिय संचालन की अनुशंसा की है, जिससे बाल श्रम संबंधी सूचनाएं त्वरित रूप से प्राप्त की जा सकें।बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि बचाए गए बालकों के परिवारों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए जिला कलेक्टोरेट स्तर पर ‘एकल खिड़की व्यवस्था’ स्थापित करने की सिफारिश की गई है, जिससे प्रभावित परिवारों को समुचित और त्वरित सहायता दी जा सके।डॉ. शर्मा के यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री साय एवं मंत्री श्रीमती राजवाड़े की मंशा के अनुरूप बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक प्रभावी और दूरदर्शी कदम माने जा रहे हैं।
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खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमतिरामानुजगंज विघानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माण
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष् रखा गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। -
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रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर ने सोमवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उनका अभिवादन किया। कार्यभार ग्रहण के बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं - छात्रवृत्ति, प्राधिकरण, वन अधिकार अधिनियम, पीएम जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, निर्माण शाखा एवं अन्य योजनाओं की संक्षेप में जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।इस अवसर पर अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस.भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्री एल.आर.कुर्रे एवं श्रीमती मेनका चंद्राकर एवं कार्यपालन अभियंता श्री त्रिदीप चक्रवर्ती उपस्थित थे।
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औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहल
श्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
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इस डिजिटल तकनीक से इलाज की गुणवत्ता में हो रहा सुधार
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़- एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ , कैंसर के स्क्रीनिंग , इलाज और मॉनिटिरिंग में डिजिटल तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है। आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी से आसानी से साझा कर सकते हैं। इस आईडी की मदद से अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबोटरी के बीच जानकारी साझा करना भी आसान हो गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, इलाज और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए मोबाइल और टैबलेट आधारित ऐप्स तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे काम करना आसान हो गया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिलेगी। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी को एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि बिना आभा आईडी वाले मरीजों में यह केवल 37 प्रतिशत रहा। इसी तरह, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ नियंत्रण में भी आभा से जुड़े मरीजों में सुधार देखा गया। 49 प्रतिशत मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि गैर-जुड़े मरीजों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएचओ की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इस पूरी प्रक्रिया पर सतत निगरानी रख रही है। आभा आईडी को आधार की डेमोग्राफिक जानकारी से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने हिंदी में प्रशिक्षण वीडियो भी बनाया है। छत्तीसगढ़ में यह डिजिटल पहल ना सिर्फ बीमारियों के रोकथाम में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
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कृषि मंत्री श्री नेताम ने किया महराजगंज, पचावल, जाबर और तेतरडीह में सर्वे का अवलोकन
विशेष आवास सर्वेक्षण पखवाड़ा 30 अप्रैल तक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्यव्यापी मोर दुआर-साय सरकार अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए पात्र हितग्राहियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह अभियान आगामी 30 अप्रैल तक चलेगा।
कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आज बलरामपुर जिले में संचालित किए जा रहे इस सर्वेक्षण अभियान का अवलोकन किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आवासहीन पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाए। उन्होंने ग्राम पंचायत महराजगंज, पचावल और जाबर एवं तेतरडीह में विशेष पखवाड़ा चौपाल में शामिल होकर आवास प्लस 2.0 में पात्र हितग्रहियों का सर्वे कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे पात्र हितग्राही जिन्हें पीएम आवास नहीं मिला है उन्हें आवास 2.0 सर्वेक्षण के माध्यम से जोड़ा जाए। पात्र हितग्राही खुद से भी अपने मोबाइल के माध्यम से अपना नाम सर्वे मे जुड़वा सकते है। उन्होंने इस मौके पर ग्रामीणों से चर्चा की और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिले में अब तक 39506 सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। मंत्री श्री नेताम तेतराडीह में सुशासन तिहार में शामिल हुए और राज्य सरकार के जनहितैषी फैसलों, कार्यक्रमों की जानकारी विस्तार से दी। उन्होंने मिलेट्स के उत्पादन पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा कि धान के अलावा भी कोदो, कुटकी की खेती को बढ़ावा दें शासन प्रशासन के द्वारा इनकी खरीदी की व्यवस्था भी की जाएगी।
गौरतलब है कि “मोर दुआर-साय सरकार महाअभियान” के तहत तीन चरणों में आयोजित हो रहे प्रधानमंत्री आवास सर्वे का कार्य जिसके प्रथम चरण में 15 से 19 अप्रैल 2025 तक जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर आवास सर्वेक्षण पखवाड़ा चलाया गया। द्वितीय चरण में 20 से 28 अप्रैल 2025 तक ग्राम नोडल अधिकारी, सर्वेक्षक द्वारा प्रत्येक ग्राम में सभा आयोजित कर सर्वेक्षण की प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण, घर-घर जाकर प्रत्येक परिवार का संतृप्तता के आधार पर शत-प्रतिशत परिवारों का सर्वेक्षण एवं सर्वेक्षित परिवारों के विवरण का ग्राम सभा में पठन व वाचन किया जाएगा। तृतीय चरण में 29 से 30 अप्रैल 2025 तक सर्वेक्षक एवं ग्राम पंचायत सरपंच के संयुक्त हस्ताक्षर से सर्वे कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण होने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर जिला कार्यालय को प्रेषित किया जाएगा।
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परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए तकनीक के सहारे मिली नई पहचान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में उद्यानिकी विभाग की योजनाएं और तकनीकी सहायता किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। कुनकुरी विकासखंड के ग्राम बेहराखार निवासी किसान तोपचंद भंडारी की सफलता इसका प्रमाण है।
तोपचंद भंडारी पूर्व में परंपरागत तरीके से सब्जी की खेती करते थे, जिससे उन्हें सीमित पैदावार और कम आमदनी हो पाती थी। लेकिन जब उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर ग्राफ्टेड टमाटर और मिर्च की खेती की तकनीकी जानकारी ली, तो उनकी किस्मत ही बदल गई। उद्यान विभाग से मिली तकनीकी सहायता के माध्यम से तोपचंद भंडारी ने अपने खेत में मल्चिंग सीट के साथ ग्राफ्टेड टमाटर और मिर्च की खेती शुरू की। उन्होंने 1.2 हेक्टेयर में टमाटर और 0.300 हेक्टेयर में ग्राफ्टेड मिर्च का रोपण किया। इससे उन्हें कुल 225 क्विंटल टमाटर की उपज प्राप्त हुई, जिससे 6 लाख 75 हजार रुपए की आमदनी हुई। लागत निकालने के बाद उन्हें करीब 5 लाख 60 हजार रुपए का शुद्ध लाभ हुआ।
तोपचंद भंडारी ने न केवल खुद की खेती में तकनीकी नवाचार अपनाया, बल्कि अपने अनुभवों को आस-पास के किसानों के साथ भी साझा किया। वे अब लगातार अन्य किसानों को भी उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से जुड़कर उन्नत खेती करने और आमदनी बढ़ाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि यदि किसान सही मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता के साथ खेती करें, तो आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं। वर्तमान में वे दोबारा ग्राफ्टेड टमाटर की खेती कर रहे हैं और भविष्य में इससे भी बेहतर परिणाम की उम्मीद रखते हैं।
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किसान किताब, आधार कार्ड सुधार और जॉब कार्ड बन रहे
अब गांवों में हो रहा त्वरित समाधान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में संचालित सुशासन तिहार आम जनमानस के लिए राहत और विश्वास का प्रतीक बनकर उभरा है। इस अभियान के अंतर्गत अब सरकारी योजनाओं और सेवाओं की “होम डिलीवरी” हो रही है। समस्याएं अब लोगों को प्रशासनिक दफ्तरों में नहीं ले जातीं, बल्कि समाधान खुद उनके घर पहुंच रहा है।रायगढ़ जिले में सुशासन तिहार के तहत आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन की टीमें गांव-गांव जाकर आवेदनों का निराकरण कर रही हैं। ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा निवासी अनुज कुमार निषाद के बेटे गौरव निषाद के आधार कार्ड में त्रुटि के चलते उसका छात्र आईडी नहीं बन पा रहा था। सुशासन तिहार के माध्यम से मिले आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सुधार प्रक्रिया पूर्ण की गई।
ग्राम कांटाहरदी निवासी किसान श्री देवेंद्र सिदार ने किसान किताब की द्वितीय प्रति के लिए सुशासन तिहार में आवेदन दिया था। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए पटवारी को उनके निवास पर भेजा। दस्तावेजों की जांच और मिलान उपरांत उन्हें उनके घर पर ही किसान किताब की प्रति सौंपी गई। इस सेवा से अभिभूत होकर श्री सिदार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता और पारदर्शिता का प्रमाण है। डूमरपाली की श्रीमती दिव्या साहू ने जॉब कार्ड के लिए आवेदन किया था। सुशासन तिहार की सक्रियता का परिणाम यह रहा कि रोजगार सहायक स्वयं उनके घर पहुंचे और सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें हाथों-हाथ जॉब कार्ड सौंपा। दिव्या साहू ने कहा कि यह पहली बार महसूस हुआ कि सरकार की योजनाएं वास्तव में हमारे दरवाजे तक पहुंची है। इसी प्रकार छोटे मुड़पार की जानकी कुमारी पटेल और भावना महंत को भी मनरेगा कार्ड उनके घर पहुंचाकर दिया गया।
जिले भर से प्राप्त आवेदनों का त्वरित समाधान और नागरिकों को घर बैठे योजनाओं का लाभ मिलने से सुशासन तिहार लोगों के बीच एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने इसे शासन की जवाबदेही और जनता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण का प्रतीक बताया है।
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सिविल सेवा – सुशासन की रीढ़, राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा : मुख्यमंत्रीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (21 अप्रैल) के अवसर पर देश सेवा में समर्पित सभी सिविल सेवकों एवं उनके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह दिन न केवल सिविल सेवकों के अमूल्य योगदान को स्मरण करने का अवसर है, बल्कि यह भविष्य की चुनौतियों के संदर्भ में आत्ममंथन और नवचिंतन का भी दिवस है। यह अवसर हमें याद दिलाता है कि प्रशासनिक तंत्र राष्ट्र के विकास पथ का मूल आधार है, और सिविल सेवकों की दक्षता, निष्ठा और दूरदृष्टि ही नीतियों को ज़मीन तक पहुँचाने में सहायक होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल सेवक वह कड़ी हैं जो सरकार की योजनाओं और जनता की अपेक्षाओं के बीच सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा सिविल सेवकों की प्रतिबद्धता और परिश्रम से ही देश और प्रदेश सुशासन के पथ पर अग्रसर होता है। उन्होंने सिविल सेवकों को निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का वहन करते हुए देश और प्रदेश की उन्नति में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आपकी प्रतिबद्धता एवं कर्मठता ही भारत को एक समर्थ, समावेशी और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की नींव है।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करेंगी यहां प्रशिक्षित महिलाएं - श्री अरुण साव
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर के चंगोराभाठा में महतारी सिलाई केंद्र का शुभारंभ किया। रायपुर नगर निगम द्वारा संचालित इस सिलाई केंद्र में महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सिलाई कार्य में दक्ष महिलाएं अपना स्वरोजगार शुरू कर सकेंगी।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सिलाई केंद्र के शुभारंभ के बाद प्रशिक्षु महिलाओं से बात भी की। उन्होंने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए यह अच्छी पहल है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करेंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का सिलाई केंद्र सिर्फ रायपुर में ही नहीं, पूरे प्रदेश में हो, इसकी कोशिश करेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की टीम की सराहना करते हुए कहा कि टीम ने यहां सिलाई प्रशिक्षण की अच्छी व्यवस्था की है। इस केंद्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य शहरों में भी महिलाओं के लिए इस तरह के केंद्र प्रारंभ किए जा सकें।
महतारी सिलाई केंद्र के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने बताया कि उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव जब चंगोराभाठा में सांस्कृतिक कार्यक्रम में आए थे, तब उन्होंने उप मुख्यमंत्री से कहा था कि महिलाएं सिलाई सीखना चाहती हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण गरीब महिलाएं सिलाई मशीन नहीं खरीद पाती हैं। उन्होंने मेरी मांग पर सिलाई केंद्र खोलने की घोषणा की थी जो आज मूर्त रूप ले रहा है।महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कहा कि यहां सिलाई का काम सीखकर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी और अपने परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान करेंगी। इससे उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति सुधरेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, रायपुर नगर निगम के सभापति श्री सूर्यकान्त राठौर, आयुक्त श्री विश्वदीप, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण और गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : महिला एवं बाल विकास विभाग ने बालोद जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री किशन टंडन क्रांति को कर्तव्यों में घोर लापरवाही और विभागीय योजनाओं के संचालन में गंभीर अनियमितताओं के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस आशय का आदेश विभाग ने जारी कर दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने विगत 15 अप्रैल को बालोद दौरे के दौरान शासकीय योजनाओं एवं आमजनों की सुविधा को देखते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का निरीक्षण किया था जिसमें कई खामियां उजागर हुईं। श्रीमती राजवाड़े के निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टंडन जिला मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए, जबकि यह अपेक्षित था कि वह स्वयं मंत्री के दौरे के समय उपस्थित रहकर कार्यक्रमों की प्रगति प्रस्तुत करें।
निरीक्षण के दौरान आंगनवाड़ी केंद्र पाररास (इंदिरा गांधी वार्ड क्रमांक 18/1) में फर्जी उपस्थिति दर्ज, पोषण ट्रैकर ऐप में अधूरी प्रविष्टियां, सखी वन स्टॉप सेंटर की निष्क्रियता और करकाभांठ केंद्र में गंदगी जैसे कई गंभीर मुद्दे सामने आए। साथ ही, विभागीय बैठकों में नियमित अनुपस्थिति का आरोप भी श्री टंडन पर है।इन सभी खामियों को गंभीर मानते हुए मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने समीक्षा बैठक में नाराज़गी जताते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। नतीजतन, किशन टंडन को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत निलंबित कर, निलंबन अवधि में महिला एवं बाल विकास विभाग, बिलासपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें इस दौरान जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
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नारायणपुर का वार्ड क्रमांक 10 स्ट्रीट लाईट से हुए जगमग
कई आवेदकों को मिला आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड, राशन कार्ड, लर्निंग लाइसेंस
बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, 24 घंटे के भीतर मिली ट्राइसिकल
तेलीटोला में प्राथमिक शाला भवन के लिए 15 लाख की मिली स्वीकृति
पारदर्शी और गंभीरता के साथ प्राप्त आवेदनों का हो रहा है निराकरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रहे प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के पहले चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक लोगों से प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही जिलों में शुरू हो गई है। सभी जिलों में प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरी तत्परता के साथ किया जा रहा है।
गौरतलब है अभियान के दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर निराकरण किया जाना है। इसके बाद तीसरे चरण में 05 मई से 31 मई तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनधि तथा संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जनता से रूबरू होंगे।
सुशासन अभियान के तहत बिलासपुर जिले में एक संवेदनशील पहल देखने को मिली। कोटा ब्लॉक के ग्राम के ग्राम पंचायत करका निवासी श्री मंगल सिंह बैगा को आवेदन देते ही महज 24 घंटे के भीतर ट्राइसाइकिल मिली। वे दिव्यांग पेंशन की पात्रता सूची में भी आ गए हैं जल्द ही उन्हें पेंशन भी मिलने लगेगी। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम पंचायत तेलीटोला के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास से नवीन प्राथमिक शाला भवन निर्माण के लिए तत्काल दी 15 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। तेलीटोला स्थित प्राथमिक शाला भवन जर्जर अवस्था में होने के चलते बच्चों के पढ़ाई लिखाई में समस्या उत्पन्न हो रही थी। अब ग्राम तेलीटोला को उनकी इस समस्या से निजात मिल गई है।
सुशासन अभियान के तहत नारायणपुर जिले के जीवन राम साहू को उनके मांग के आधार पर स्ट्रीट लाईट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई है। नारायणपुर के वार्ड क्रमांक 10 मुरियापारा निवासी जीवन साहू ने सुशासन तिहार में स्ट्रीट लाईट के लिए आवेदन किया था। महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत जंघोरा, विकासखंड पिथौरा निवासी श्री मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। पूर्व में किसी तकनीकी कारणवश उनका कार्ड नहीं बन पाया था, जिससे वे योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उनके आवेदन को गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे के भीतर समाधान कर दिया गया।
जिला राजनांदगांव के शीतला माता वार्ड निवासी श्रीमती भारती देवांगन के आवेदन पर उन्हें तत्काल श्रमिक कार्ड बनाकर दिया गया। इसी क्रम में रायपुर जिले के ग्राम सांकरा निवासी श्री विकास मिश्रा के आवेदन प्राप्त होते ही परिवहन विभाग द्वारा श्री मिश्रा से संपर्क किया गया। उनसे दस्तावेज लेकर प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई और ड्राइविंग टेस्ट लिया गया। सभी औपचारिकताओं के उपरांत उन्हें लर्निंग लाइसेंस जारी कर किया गया। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखण्ड भरतपुर के कर्री की निवासी निर्मला जोगी को 15 अप्रैल को राशन कार्ड जारी कर दिया गया। इस समाधान के लिए निर्मला जोगी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को इस अभियान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक अंतर्गत धुरागांव निवासी शम्भूनाथ कश्यप के परिवार में पहले केवल दो सदस्य माता समली कश्यप और वह स्वयं ही थे लेकिन तीन वर्ष पहले विवाह होने के बाद पत्नी महादई कश्यप और दो साल का बेटा प्रभात भी अब परिवार में सदस्य हैं। इन दोनों का नाम उन्हें प्रदत्त प्राथमिकता राशनकार्ड में शामिल नहीं था। शम्भूनाथ ने राशनकार्ड में अपनी पत्नी और बेटे का नाम जुड़वाने के लिए सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया था, आवेदन पर तत्परता के साथ कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह के भीतर ही राशनकार्ड में नाम जोड़कर शम्भूनाथ को नया राशनकार्ड प्रदान कर दिया गया है।
रायगढ़ जिले के ननसिया के श्री सुन्दरलाल उरांव तथा श्रीमती अनीता बाई का पंजीयन कर हितग्राहियों को श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया। पुसौर विकासखंड के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के हितग्राही सुदर्शन खडिय़ा के आवेदन पर उन्हें ट्रायसायकल एवं बैसाखी प्रदाय किया गया। सुदर्शन 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं। जिसके चलते उन्हें कहीं भी आने-जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सुदर्शन ने कहा कि ट्रायसाइकिल मिलने से अब उनकी दूसरों पर निर्भरता कम होगी और उन्हें कहीं आने जाने में सहूलियत होगी।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़- एनसीडी) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ , कैंसर के स्क्रीनिंग , इलाज और मॉनिटिरिंग में डिजिटल तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है।
आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी से आसानी से साझा कर सकते हैं। इस आईडी की मदद से अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबोटरी के बीच जानकारी साझा करना भी आसान हो गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, इलाज और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए मोबाइल और टैबलेट आधारित ऐप्स तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वेब पोर्टल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे काम करना आसान हो गया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि आभा आईडी बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे एनसीडी जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में मदद मिलेगी। दुर्ग जिले में इस पहल का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच, 12,627 आभा आईडी को एनसीडी मरीजों के रिकॉर्ड से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि बिना आभा आईडी वाले मरीजों में यह केवल 37 प्रतिशत रहा। इसी तरह, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ नियंत्रण में भी आभा से जुड़े मरीजों में सुधार देखा गया। 49 प्रतिशत मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि गैर-जुड़े मरीजों में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत रहा। डब्ल्यूएचओ की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम इस पूरी प्रक्रिया पर सतत निगरानी रख रही है। आभा आईडी को आधार की डेमोग्राफिक जानकारी से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने हिंदी में प्रशिक्षण वीडियो भी बनाया है। छत्तीसगढ़ में यह डिजिटल पहल ना सिर्फ बीमारियों के रोकथाम में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
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देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में मिला सेकंड बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का पुरस्कार
राज्य के दो जिले मोहला-मानपुर-चौकी और सक्ति को मिला बेस्ट परफॉर्मिंग जिला अवार्ड
रायपुर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शानदार प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की 12वीं राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ को देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में आज सेकंड बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राज्य के मोहला - मानपुर- चौकी और सक्ति को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बेस्ट परफॉर्मिंग जिला चुना गया है।यह दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन 18-19 अप्रैल 2025 को तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित हो रहा है।भारत सरकार के कैबिनेट सचिव कृषि के करकमलों यह सम्मान आज छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से संयुक्त संचालक श्री बी.के. मिश्रा एवं उपसंचालक उद्यानिकी श्री नीरज शाह ने प्राप्त किया। इसके साथ ही मोहला-मानपुर-चौकी जिले की कलेक्टर श्रीमती तूलिका प्रजापति एवं सक्ति जिले के कलेक्टर श्री टोपनो ने बेस्ट परफॉर्मिंग डिस्ट्रिक्ट का अवार्ड प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सम्मान राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम के मार्गदर्शन और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के किसानों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी और किसानों को समय पर लाभ पहुंचाने हेतु जारी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
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चमचमाती सड़कें, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की हो रही बेहतर व्यवस्था
बारिश से पहले विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिले पक्का मकान
संजीदगी के साथ सुशासन से प्राप्त आवेदनों का करें समाधान
सहायक आयुक्तों को आश्रम-छात्रावासों के नियमित निरीक्षण करने के निर्देश
रायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्ला नार योजना से जनजातीय इलाकों में की तस्वीर और तकदीर बदल रही है। केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित उक्त योजनाओं से बस्तर के अबूझमाड़ में तेजी से बुनियादी सुविधाएं विकसित होने लगी है। अबूझमाड़ में एक ओर जहां चमचमाती सड़कों की जाल बिछाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से मुहैया भी कराई जा रही है।अब वह दिन दूर नहीं कि जब अबूझमाड़ लोगों के लिए अबूझ रहेगा। अब अबूझमाड़ में विकास का नया सूरज उग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विशेष प्रयासों से जनजातीय इलाकों की स्थिति और वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज बस्तर और बिलासपुर संभागों के जिलों के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्लानार योजना विशेष उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही है। इसके उद्देश्य को पूरा करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्री बोरा ने कहा कि बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित गांवों में नियद नेल्लानार के माध्यम से लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा वहां के लोगों के जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण बरसात से पूर्व हर हाल में पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग सुदूर वनांचल की बसाहटों में किस तरह अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। बरसात के दिनों में उनके छोपड़ीनुमा घर रहने के लायक नहीं होते हैं। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके लिए पक्के आवासों का निर्माण कराना होगा।विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण में किसी भी तरह की दिक्कत अथवा मटेरियल की कमी की जानकारी तत्काल कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को देने के साथ ही स्वयं समन्वय कर इसका निदान करें। प्रमुख सचिव ने बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम एवं छात्रावास का निरीक्षण करने तथा वहां की कमियों को दूर करने के साथ ही सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों का पूरी संजीदगी और गुणवत्ता के साथ निराकरण करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस. भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चन्द्राकर, डॉ. रेशमा खान, श्री विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिलों के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
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मंत्री श्री कश्यप ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए कड़े निर्देशरायपुर : जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज शिवनाथ भवन, अटल नगर में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता सहित कार्यपालन अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने निर्देशों के बावजूद टेंडर प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देकर भाग लेने वाले करीब 108 ठेकेदार जिनकी पहचान कर ली गई है। उन सभी पर एक सप्ताह के भीतर उनकी ईएमडी राजसात करने के साथ ही उन्हें एक वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया से बाहर करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन को इस कार्रवाई का प्रतिवेदन देने के भी निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में 100 दिनों के भीतर सभी लंबित निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराए जाने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन की समय-सीमा को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि वह स्वयं सभी संभागों का दौरा कर विभागीय कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बस्तर संभाग में देऊरगांव और मटनार योजना का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को जल समस्या से राहत मिलेगी और इंद्रावती नदी के जल का समुचित उपयोग हो सकेगा। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियंता को 5 प्रतिशत निर्माण कार्यों का, अधीक्षण अभियंता को 10 प्रतिशत और कार्यपालन अभियंता अपने संभाग के 100 प्रतिशत कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक जांच के लिए सभी संभागों में गठित उड़नदस्ता को सुशासन तिहार के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त सभी जन शिकायतों व मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंत तक उनका निराकरण किया जाए। प्राप्त आवेदनों में अन्य विभागों से संबंधित हैं, उन्हें दो दिवस के भीतर संबंधित विभाग को हस्तांतरित किए जाएं। उन्होंने सुशासन तिहार से संबंधित आवेदनों के निराकरण एवं समन्वय के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए गए।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर समक्का, जोरानाला और पोलावरम जैसी परियोजनाओं से जुड़े अंतरराज्यीय जल विवादों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वे स्वयं इन स्थलों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे। बैठक के समापन पर मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण केवल नीति का विषय नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के प्रति हम सबकी जिम्मेदारी है।उन्होंने अधिकारियों से जल संरक्षण एवं संवर्धन में जनभागीदारी बढ़ाने तथा छत्तीसगढ़ को जल प्रबंधन में देश का आदर्श राज्य बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इन्द्रजीत उइके सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ान
रायपुर : लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ानभारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना आज कई महिलाओं के जीवन में बदलाव की कहानी लिख रही है। इसी योजना की बदौलत छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सिरको की श्रीमती जानकी नाग आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाई है।
श्रीमती जानकी नाग ने प्रगति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत की। उन्हें योजना के तहत 15 हजार रुपए की रिवॉल्विंग फंड और बाद में 60 हजार रुपए का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड मिला। इस पूंजी का उपयोग कर जानकी ने आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के संसाधनों की स्थापना की और अपने व्यवसाय का विस्तार किया। समूह के मार्गदर्शन और बैंक ऋण की मदद से जानकी का व्यापार लगातार बढ़ता गया। आज उनकी वार्षिक आय 80 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है, और वे हर महीने औसतन 07 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
साल 2024 में जानकी को ’पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिससे उन्हें हर माह 1,910 रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इस आय से जानकी न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रख रही हैं।जानकी गर्व से कहती हैं,“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।“ उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा और प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस संकल्प और आत्मबल के साथ सफलता पाई है, वह आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ानभारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना आज कई महिलाओं के जीवन में बदलाव की कहानी लिख रही है। इसी योजना की बदौलत छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सिरको की श्रीमती जानकी नाग आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाई है।
श्रीमती जानकी नाग ने प्रगति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत की। उन्हें योजना के तहत 15 हजार रुपए की रिवॉल्विंग फंड और बाद में 60 हजार रुपए का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड मिला। इस पूंजी का उपयोग कर जानकी ने आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के संसाधनों की स्थापना की और अपने व्यवसाय का विस्तार किया। समूह के मार्गदर्शन और बैंक ऋण की मदद से जानकी का व्यापार लगातार बढ़ता गया। आज उनकी वार्षिक आय 80 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है, और वे हर महीने औसतन 07 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
साल 2024 में जानकी को ’पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिससे उन्हें हर माह 1,910 रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इस आय से जानकी न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रख रही हैं।जानकी गर्व से कहती हैं,“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।“ उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा और प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस संकल्प और आत्मबल के साथ सफलता पाई है, वह आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।
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बच्चों के संरक्षण को बताया सर्वोच्च लक्ष्यमहिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने दी शुभकामनाएं
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नया नेतृत्व मिल गया है। वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़ी डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज राजधानी रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर वनमंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, संासद रायपुर श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री किरण देव, श्री धरमलाल कौशिक भी उपस्थित थे। उन्होंने डॉ. शर्मा को पुष्पगुच्छ भेंट कर बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने डॉ. वर्णिका शर्मा को आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि डॉ. शर्मा के नेतृत्व में आयोग बाल संरक्षण की दिशा में प्रभावी ढंग से कार्य करेगा। उन्होंने बच्चों विशेष रूप से नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए काफी काम किया है। उनके अनुभवों का लाभ आयोग को मिलेगा।
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि डॉ. वर्णिका शर्मा के अनुभव और नेतृत्व में आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा, कल्याण और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में नई ऊर्जा के साथ कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के संरक्षण में आयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और नई अध्यक्ष के नेतृत्व में यह और अधिक प्रभावी होगी।कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ. शर्मा ने कहा कि बच्चों के अधिकारों का संरक्षण उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि आयोग, बच्चों से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों पर संवेदनशीलता से त्वरित कार्यवाही करेगा और समाज में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर देगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 (2006 का अधिनियम क्रमांक 04) के तहत 16 जून 2010 को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्थापना की गई थी। आयोग का उद्देश्य राज्य में बच्चों के अधिकारों की रक्षा, उल्लंघन की रोकथाम और संबंधित मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित करना है। आयोग के प्रमुख कार्यों में बच्चों से जुड़ी नीतियों और कार्यक्रमों का निरीक्षण, संकटग्रस्त और वंचित बच्चों की सुरक्षा, बालगृहों एवं संरक्षण संस्थानों का निरीक्षण, शिक्षा और प्रशिक्षण में बाल अधिकारों को बढ़ावा देना शामिल है। इसके साथ ही, आयोग को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के क्रियान्वयन और शिकायतों के समाधान की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। वहीं किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) के तहत आयोग, बच्चों की देखरेख और संरक्षण संबंधी व्यवस्थाओं की निगरानी भी करता है।
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चमचमाती सड़कें, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की हो रही बेहतर व्यवस्था
बारिश से पहले विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिले पक्का मकान
संजीदगी के साथ सुशासन से प्राप्त आवेदनों का करें समाधान
सहायक आयुक्तों को आश्रम-छात्रावासों के नियमित निरीक्षण करने के निर्देश
रायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्ला नार योजना से जनजातीय इलाकों में की तस्वीर और तकदीर बदल रही है। केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित उक्त योजनाओं से बस्तर के अबूझमाड़ में तेजी से बुनियादी सुविधाएं विकसित होने लगी है। अबूझमाड़ में एक ओर जहां चमचमाती सड़कों की जाल बिछाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से मुहैया भी कराई जा रही है। अब वह दिन दूर नहीं कि जब अबूझमाड़ लोगों के लिए अबूझ रहेगा। अब अबूझमाड़ में विकास का नया सूरज उग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विशेष प्रयासों से जनजातीय इलाकों की स्थिति और वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज बस्तर और बिलासपुर संभागों के जिलों के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्लानार योजना विशेष उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही है। इसके उद्देश्य को पूरा करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्री बोरा ने कहा कि बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित गांवों में नियद नेल्लानार के माध्यम से लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा वहां के लोगों के जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण बरसात से पूर्व हर हाल में पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग सुदूर वनांचल की बसाहटों में किस तरह अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। बरसात के दिनों में उनके छोपड़ीनुमा घर रहने के लायक नहीं होते हैं। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके लिए पक्के आवासों का निर्माण कराना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण में किसी भी तरह की दिक्कत अथवा मटेरियल की कमी की जानकारी तत्काल कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को देने के साथ ही स्वयं समन्वय कर इसका निदान करें। प्रमुख सचिव ने बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम एवं छात्रावास का निरीक्षण करने तथा वहां की कमियों को दूर करने के साथ ही सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों का पूरी संजीदगी और गुणवत्ता के साथ निराकरण करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस. भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चन्द्राकर, डॉ. रेशमा खान, श्री विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिलों के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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मंत्री श्री कश्यप ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
रायपुर : जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज शिवनाथ भवन, अटल नगर में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता सहित कार्यपालन अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने निर्देशों के बावजूद टेंडर प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देकर भाग लेने वाले करीब 108 ठेकेदार जिनकी पहचान कर ली गई है। उन सभी पर एक सप्ताह के भीतर उनकी ईएमडी राजसात करने के साथ ही उन्हें एक वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया से बाहर करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन को इस कार्रवाई का प्रतिवेदन देने के भी निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में 100 दिनों के भीतर सभी लंबित निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराए जाने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन की समय-सीमा को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि वह स्वयं सभी संभागों का दौरा कर विभागीय कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बस्तर संभाग में देऊरगांव और मटनार योजना का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को जल समस्या से राहत मिलेगी और इंद्रावती नदी के जल का समुचित उपयोग हो सकेगा। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियंता को 5 प्रतिशत निर्माण कार्यों का, अधीक्षण अभियंता को 10 प्रतिशत और कार्यपालन अभियंता अपने संभाग के 100 प्रतिशत कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक जांच के लिए सभी संभागों में गठित उड़नदस्ता को सुशासन तिहार के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त सभी जन शिकायतों व मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंत तक उनका निराकरण किया जाए। प्राप्त आवेदनों में अन्य विभागों से संबंधित हैं, उन्हें दो दिवस के भीतर संबंधित विभाग को हस्तांतरित किए जाएं। उन्होंने सुशासन तिहार से संबंधित आवेदनों के निराकरण एवं समन्वय के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए गए।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर समक्का, जोरानाला और पोलावरम जैसी परियोजनाओं से जुड़े अंतरराज्यीय जल विवादों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वे स्वयं इन स्थलों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे। बैठक के समापन पर मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण केवल नीति का विषय नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के प्रति हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से जल संरक्षण एवं संवर्धन में जनभागीदारी बढ़ाने तथा छत्तीसगढ़ को जल प्रबंधन में देश का आदर्श राज्य बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इन्द्रजीत उइके सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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छत्तीसगढ़ राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने राज्यपाल से की भेंट
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री टोमन साहू के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने प्रबंधन समिति के लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
राज्यपाल श्री डेका ने छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस समिति के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने रेडक्रॉस की सदस्यता बढ़ाने के लिए सभी पदाधिकारियों को विशेष प्रयास करने कहा। प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ को टी.बी. रोग से मुक्त करने के लिए रेडक्रॉस को अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस की भूमिका और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए कार्य करना होगा। श्री डेका ने विभिन्न विषयों पर पदाधिकारियों को मार्गदर्शन दिया।
छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम. के. राउत ने बताया कि राज्य के 32 जिलों में जिलास्तरीय रेडक्रॉस समिति के चुनाव कराए गए। इन जिला प्रतिनिधियों ने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की राज्य स्तरीय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों को चुना।
इस अवसर पर छत्त्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसायटी के उपाध्यक्ष श्री रूपेश पाणिग्रही, सचिव डॉ. रूपल पुरोहित, कोषाध्यक्ष श्री संजय पटेल, श्री बलराम साहू, डॉ. प्रदीप कुमार साहू और श्री युवराज देशमुख उपस्थित थे। -
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रायपुर : राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग श्री रमेन डेका द्वारा प्रोफेसर विजय कुमार गोयल, रिटायर्ड प्रिंसिपल संत गोविंदराम शदाणी शासकीय कला एवं वाणिज्य महिला महाविद्यालय, देवेन्द्र नगर को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का अध्यक्ष एवं डॉ. व्यास दुबे, सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (सांख्यिकी अध्ययन शाला) कोे पूर्णकालिक सदस्य (अकादमिक) नियुक्त किया गया है।
ये नियुक्ति छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अधिनियम 2005 की धारा 36 की उपधारा (4) एवं (5) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। इस आशय का आदेश 15 अप्रैल को राजभवन सचिवालय से जारी किया गया। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर
वर्ष 2025 में 218 परियोजनाओं में 1.63 लाख करोड़ का निवेश
सर्वाधिक निवेश वाले टॉप टेन राज्यों में शामिल है छत्तीसगढ़
राज्य में अब तक 4.4 लाख करोड़ रूपए का हुआ है औद्योगिक निवेश
रायपुर : छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई परियोजनाओं में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आया है, जो देश के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को, देश के टॉप टेन निवेश वाले राज्यों में शामिल करती है। इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 का महत्वपूर्ण योगदान है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में हुए निवेश को मिलाकर राज्य में अब तक 4.4 लाख करोड़ रूपए का औद्योगिक निवेश हुआ है।
एक नवंबर 2024 से लागू नई औद्योगिक नीति 2024-30 ने छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए एक आकर्षक राज्य बना दिया है। इस नीति में न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन के सूत्र को अपनाया गया है, जिसके तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, ऑनलाइन आवेदन, और त्वरित प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। नीति में फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। उद्योगों को 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, 5 से 12 साल तक कर छूट, और ब्याज अनुदान जैसे प्रावधानों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। नीति में 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पॉलिसी और प्रति व्यक्ति 15,000 तक प्रशिक्षण अनुदान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करना है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर निवेश को आकर्षित करने के लिए देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु में इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट का आयोजन किया गया। इन समिट्स में देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4.4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुंबई में आयोजित समिट में 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और अमेरिका व रूस के कॉन्सल जनरल से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सहमति मिली। दिल्ली में 15,184 करोड़ और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की सहमति ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक क्षमता को रेखांकित किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार पारदर्शी और निवेशक अनुकूल नीतियों के साथ हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले एक साल में 300 से अधिक सुधार लागू किए, जिसने कागजी प्रक्रियाओं को कम कर कारोबारी माहौल को पारदर्शी और तेज बनाया। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के जरिए सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस आसानी से उपलब्ध हैं, और सब्सिडी जारी करने की प्रक्रिया को 7 दिनों के भीतर सीमित किया गया है। इन सुधारों ने छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक के लिए छत्तीसगढ़ को एक पसंदीदा गंतव्य बनाया है।
छत्तीसगढ़ ने पहली बार सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर, और एआई आधारित उद्योगों के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। नवा रायपुर में हाल ही में राज्य के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन हुआ, जो तकनीकी नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है। नया रायपुर को बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर आईटी हब के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें नैसकॉम के साथ समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति न केवल उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देती है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि पर भी जोर देती है। हमारा लक्ष्य अमृतकाल-छत्तीसगढ़ विजन 2047 नवा अंजोर के तहत विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है। इन निवेशों से न केवल आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। छत्तीसगढ़ अब नक्सल प्रभावित छवि से बाहर निकलकर एक औद्योगिक और तकनीकी हब के रूप में उभर रहा है। राज्य नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है, जो देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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विभागीय कार्यो की स्थिति असंतोषजनक पाए जाने के मामले में हुई कार्रवाई
आंगनवाड़ी में अनियमितता को लेकर पीओ और पर्यवेक्षक को नोटिस
रायपुर: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज बालोद जिले के प्रवास के दौरान समीक्षा बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यो की स्थिति बेहत असंतोषजनक पाए जाने पर गहरी नराजगी जाताई और जिला कार्यक्रम अधिकारी किशन टंडन क्रांति को निलंबित करने के निर्देश दिए। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान पारारास केन्द्र में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आने पर कार्यकर्ता के विरूद्ध कार्रवाई किए जाने के साथ ही संबंधित परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक को कारण बताव नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती राजवाड़े आज बालोद जिले के दौरे पर गई थी। इस दौरान उन्होंने कई आंगनबाड़ी केन्द्रो और सखी वन स्टाप सेंटर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी और संचालक श्री जन्मेजय महोबे उपस्थित थे। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिधियों की मौजूदगी में विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में विभागीय कामकाज की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर उन्होंने नराजगी जताई और डीपीओ महिला एवं बाल विकास को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने एक अधिकारी के सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी के संबंध में प्राप्त शिकायत की मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने जांच के निर्देश दिए।

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