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दुग्ध उत्पादन बना अतिरिक्त आय का जरियारायपुर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को न केवल रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि आजीविका के नए-नए साधन एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैकुंठपुर जिला के ग्राम पंचायत पटना के निवासी श्री दीपक और उनका परिवार मनरेगा में पंजीकृत है। जहां एक ओर वो मनरेगा से श्रमिक का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर उनका रुझान गौपालन की तरफ भी था। उनके पास दो दुधारू गाय हैं, जिसके रखने के लिए उनके पास पक्का शेड नहीं था, जिसके कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जब उन्हें पता चला कि मनरेगा के तहत् पशुओं को रखने के लिए पक्का शेड निर्माण करके दिया जाता है तब उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया।
ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। इसके लिए एक लाख पच्चीस हजार रुपए की राशि खर्च कर गत वर्ष इनका कार्य पूर्ण कराया गया। इस निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में कार्य करके भी श्री दीपक को चार हजार रुपए की अतिरिक्त आय मनरेगा पारिश्रमिक के रूप में भी प्राप्त हुआ। पक्का पशु आश्रय बन जाने से अब उन्हें गौपालन में आसानी हुई है, उनके घर प्रतिदिन सात लीटर से अधिक दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। वह दुग्ध का व्यवसाय प्रारंभ किया है, जिससे उनके परिवार को लगभग आठ से दस हजार रूपए प्रतिमाह की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। मनरेगा के हितग्राही श्री दीपक और उनका परिवार अब बेहतर जीवन यापन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत पक्का पशु आश्रय बनने से ग्रामीण इलाकों में लोगों को कई तरह के लाभ हो रहे हैं। पक्का पशु आश्रय बनने से पशुओं को सुरक्षित स्थान मिलता है, जहां वे मौसम की मार से बचे रहते हैं। इससे पशुओं की मृत्यु दर में कमी आती है और उनकी सेहत में सुधार होता है। पशुओं की सेहत में सुधार होने से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे ग्रामीणों की आमदनी बढ़ती है।इसके अलावा, स्वस्थ पशु बेहतर खेती के लिए उपयोगी होते हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाता है। मनरेगा के तहत इन आश्रय स्थलों के निर्माण के दौरान ग्रामीणों को रोजगार मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है। यह ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करता है और गरीबी कम करने में मदद करता है। पशु आश्रय के निर्माण से ग्रामीण समुदायों में सहयोग और आपसी समझ बढ़ती है। यह कार्य समुदायों को एकजुट करता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, मनरेगा के तहत पक्का पशु आश्रय बनने से ग्रामीण इलाकों में लोगों को आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा से जुड़े कई लाभ मिल रहा है। -
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अब हर माह 25 हजार से अधिक की हो रही है आयरायपुर : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से लाभ पाकर गरियाबंद जिला के ग्राम लोहरसी निवासी श्री भावेश तिवारी अब खुद के मेडिकल स्टोर के मालिक बन गए हैं। मेडिकल स्टोर से उन्हें 20 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह का मुनाफा हो रहा है, जिससे वे बहुत खुश हैं तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार मान रहा है। श्री भावेश तिवारी ने बताया कि वे डिप्लोमा इन फार्मेसी करने के बाद शासकीय सेवा की तैयारी कर रहा था। लेकिन किसी कारणवश उनका शासकीय सेवा में चयन नहीं हो पाया।साथ ही उनके पास आय का कोई अन्य साधन भी नहीं होने के कारण उन्होंने स्वयं का मेडिकल स्टोर्स स्थापित करने के बारे में सोचा। मेडिकल स्टोर के लिए उनके पास पर्याप्त पूंजी नही था, जिससे वे मेडिकल स्टोर्स स्थापित नहीं कर सका। फिर किसी ने भावेश को बताया कि मेडिकल स्टोर्स शुरू करने में दिक्कत हो रही है तो वे जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से संपर्क कर जानकारी लें। उन्होंने एक दिन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कार्यालय गरियाबंद पहुंचकर अधिकारियों से सम्पर्क किया। वहां के अधिकारियों ने उन्हें स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तारपूर्वक से जानकारी प्रदान की।साथ ही उन्हें इस योजना के लिए आवेदन करने प्रेरित किया। उन्होंने निर्धारित प्रारूप में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन को बारिकी से परीक्षण करने के पश्चात यूनियन बैंक फिंगेश्वर प्रेषित किया गया, जिसे बैंक द्वारा 12 दिसम्बर 2023 को एक लाख 80 हजार रूपये का उन्हें ऋण वितरण किया गया। साथ ही विभाग द्वारा 20 हजार रूपये का अनुदान प्रदान किया गया।भावेश तिवारी ने फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बेलर में स्वयं का मेडिकल स्टोर्स स्थापित किया, जिससे उन्हें रोजगार तो मिला ही साथ एक अन्य व्यक्ति को भी रोजगार दे रहा है। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टोर्स से उन्हें प्रतिमाह 25 हजार रूपये का शुद्ध आय प्राप्त कर रहा है, जिससे वे अपने परिवार का अच्छे से भरण पोषण कर रहा है। श्री भावेश तिवारी ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र एवं राज्य शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन द्वारा चलाए जा रहे स्वरोजगार योजना हमारे जैसे अन्य युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। -
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रायपुर : प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन गुरूवार 29 अगस्त को एक दिवसीय बालोद प्रवास पर रहेंगे। इसके अलावा वे राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य खेल अंलकरण समारोह में भी शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार केबिनेट मंत्री श्री देवांगन दोपहर 12 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में आयोजित राज्य खेल अंलकरण समारोह में शामिल होंगे। तत्पश्चात् अपरान्ह 2 बजे शंकर नगर रायपुर से बालोद के लिए रवाना होकर शाम 4 बजे जिला मुख्यालय बालोद पहुंचेंगे। वहां वे टाउनहॉल बालोद में आयोजित देवांगन समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होंगे। तत्पश्चात् शाम 5.40 बजे बालोद से रवाना होकर देर शाम 7.40 बजे रायपुर लौट आयेंगे। -
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शेष जिलों के विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा ऋणकमजोर आर्थिक स्थिति वाले विद्यार्थियों को मिलेंगे तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के बेहतर अवसरमुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना: 2 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के विद्यार्थी होंगे पात्रडिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के 35 तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिलब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा 4 लाख रूपएकलेक्टरों को अभियान चलाकर अधिक से अधिक छात्रों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देशरायपुर : छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक से प्रभावित जिलों में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर दिलाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इन जिलों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना’ के तहत लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए विशेष अभियान चलाने कहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य के अन्य जिलों के कलेक्टरों को भी कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को भी तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत के ब्याज दर पर दी जा रही ऋण सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के संचालन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के 35 तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। योजना में ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रूपये 4 लाख निर्धारित है।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत तकनीकी शिक्षा एवं अन्य व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेशित ऐसे छात्रों को, जिनके परिवारों की वार्षिक आय 2 लाख से कम है, उनको मोेरेटोरियम अवधि के पश्चात ऋण किश्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में केवल एक प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। शेष ब्याज की राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा सीधे संबंधित बैंक को किया जायेगा।
राज्य के माओवादी आतंक प्रभावित जिले बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, जशपुर, उत्तर बस्तर कांकेर, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोण्डागांव एवं बलरामपुर जिले के छात्रों को ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्धारित शर्ता में छात्र को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थापित तथा सक्षम प्राधिकारी (यथा एआईसीटीई, यूजीसी) मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम प्रवेशित हो। अधिकतम पारिवारिक आय रूपये 2 लाख होनी चाहिए, जो कि सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए।
योजना के अंतर्गत ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रूपये 4 लाख है। ब्याज अनुदान का लाभ लेने के लिए नियमित रूप से ऋण किश्तों का भुगतान अनिवार्य है। ड्राप ऑउट एवं निष्कासित छात्र इस योजना के लाभार्थी नहीं बने रहेंगे किन्तु चिकित्सीय कारणों से एक वर्ष की अधिकतम सीमा तक अध्ययन में रूकावट होने की दशा में पात्रता बनी रहेगी।
इन पाठ्यक्रमों में मिलेगा लाभ
योजना के अंतर्गत बीई/बीटेक, एमई, एम टेक, डी आर्क, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एमसीए, एम.बी.ए, डीई, बी.पी.एड, एमपीएड, पी.जी.डी.सी.ए., बी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस, बी.एन.वाई.एस, बी.एन.एस., बी.यू.एम.एस, वी.एफ.एस.सी., बी.टेक डेयरी, बी.एग्री, बी.डी.एस, एमडीएस, एमबीबीएस, बीव्हीएससी, बीएससी नर्सिंग बेसिक तथा पोस्ट बेसिक, बी. फार्मा, एम फार्मा, डी फार्मा, डिप्लोमा इन मॉर्डन आफिस मेनेजमेंट, डिप्लोमा इन इंटीरियर डेकोरेशन एण्ड डिजाइन, डिप्लोमा इस कास्टयूम डिजाईन एण्ड ड्रेस मेकिंग, बीएड, डीएड, एमएड, के पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए योजना का लाभ लिया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नंबर 0771-2331231 सम्पर्क तथा वेबसाइट http://www.cgdteraipur.cgstate.gov.in पर अवलोकन किया जा सकता है। -
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पीएम जनमन योजना के तहत कैंम्प लगाकर पीवीटीजी परिवारों कोशासन की योजनाओं से किया जा रहा लाभान्वित23 अगस्त से 10 सितंबर तक होगा दूसरे चरण का आयोजनरायपुर : आदिम जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम की पहल पर प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा एवं सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा के कुशल नेतृत्व में ‘‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान’’ (पीएम-जनमन) के दूसरे चरण अंतर्गत प्रदेश स्तर पर मिशन मोड पर पीवीटीजी परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार के योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। वहीं पीवीटीजी बसाहटों का सुव्यवस्थित विकास भी किया जा रहा है। पीएम जनमन योजना का दूसरा चरण 23 अगस्त से प्रारंभ होकर 10 सितंबर तक आयोजित होगी।दूसरे चरण में प्रत्येक पीवीटीजी बसाहट के पास ही शिविर लगाकर हितग्राहियों का आधार कॉर्ड, राशन कॉर्ड, पीएम जनधन खाता, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम मातृ वंदन योजना, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार पत्र, बिजली, पानी, पक्की सड़क एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही सभी नोडल विभागों से प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध की गई प्रगति की ऑनलाइन एंट्री भी की जा रही है।
दूसरे चरण अंतर्गत अब तक 30 हजार 393 पीवीटीजी हितग्राहियों ने करवाया पंजीयनदूसरे चरण के अंतर्गत अब तक प्रदेश स्तर पर 18 पीवीटीजी बसाहटों वाले जिलों में कुल 284 कैम्प लगाए गए हैं। इनमें अभी तक 30 हजार 393 पीवीटीजी हितग्राहियों ने अपना पंजीयन करवाया है। अब तक की प्रगति के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार इसमें 1013 हितग्राहियों का आधार कार्ड, 1813 हितग्राहियों का आयुष्मान भारत कार्ड, 269 हितग्राहियों को पीएम किसान सम्मान निधि, 305 हितग्राहियों का किसान क्रेडिट कार्ड,553 हितग्राहियों का पीएम जनधन योजना, 98 हितग्राहियों को पीएम मातृ वंदन योजना, 723 हितग्राहियों का राशन कार्ड, 414 हितग्राहियों का जाति प्रमाण-पत्र, 420 हितग्राहियों का वन अधिकार पत्र बनाकर लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अलावा 821 पीवीटीजी बसाहटों में सुदर वॉल पेंटिंग भी गई है। दूसरे चरण में पीवीटीजी हितग्राहियों को आकर्षित करने हेतु 104 कैम्प वेन्यू पर सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं, योजना के प्रचार-प्रसार हेतु 710 होर्डिंग्स, पोस्टर, बैकड्रॉप कैम्प वैन्यू पर लगाए गए हैं इनमें योजना अंतर्गत दिए जाने वाले लाभ की संक्षिप्त जानकारी बहुत ही सारगर्भित ढंग से दी गई है।उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाना है। इन गतिविधियों में पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल/समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण, बहुउददेशीय केन्द्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्द्धन हेतु कौशल विकास शामिल हैं।कुल मिलाकर विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों एवं उनकी बसाहटों का संपूर्ण विकास करना ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है। इन सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन मिशन मोड में तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को आवश्यकतानुसार अधोसरंचनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाना है। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 892.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 27 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1862.9 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 492.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 895.7 मिमी, बलरामपुर में 1306.8 मिमी, जशपुर में 752.3 मिमी, कोरिया में 914.4 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 893.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 740.6 मिमी, बलौदाबाजार में 928.0 मिमी, गरियाबंद में 838.2 मिमी, महासमुंद में 680.7 मिमी, धमतरी में 778.3 मिमी, बिलासपुर में 839.7 मिमी, मुंगेली में 938.3 मिमी, रायगढ़ में 855.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 520.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 981.6 मिमी, सक्ती 843.0 मिमी, कोरबा में 1199.8 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 903.3 मिमी, दुर्ग में 533.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 697.9 मिमी, राजनांदगांव में 869.6 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 981.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 643.4 मिमी, बालोद में 908.3 मिमी, बेमेतरा में 496.2 मिमी, बस्तर में 925.5 मिमी, कोण्डागांव में 849.6 मिमी, कांकेर में 1064.5 मिमी, नारायणपुर में 1002.5 मिमी, दंतेवाड़ा में 1110.6 मिमी और सुकमा जिले में 1192.2 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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श्रीमती झिंगिया ओरांव के निधन पर दी श्रद्धांजलिबुधवार को ओडिशा के केंदूडीही में आयोजितशोक सभा में होंगे शामिलरायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओरांव की धर्मपत्नी, श्रीमती झिंगिया उरांव के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। वे 28 अगस्त को ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले के केंदूडीही (लहूनियापारा) में श्रीमती ओरांव की शोक सभा में शामिल होंगे।
श्री नेताम ने इस मौके पर कहा कि मैं श्रीमती झिंगिया ओरांव की निधन की दुखद खबर सुनकर अत्यंत व्यथित हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं श्री जुएल ओरांव जी और उनके परिवारजनों के साथ हैं। ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। -
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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे शुभारंभकृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे अध्यक्षतादो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंतारायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘‘सतत विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु कृषि अभियंताओं का योगदान’’ विषय पर 29 से 30 अगस्त 2024 को कृषि अभियंताओं का 36 वां राष्ट्रीय सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सह संगोष्ठी का शुभारंभ 29 अगस्त को सवेरे 10ः45 बजे नवीन सभागृह (कृषक सभागार) में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ शासन में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड, भारत सरकार के अध्यक्ष डॉ. सुनील के. अम्बस्ट तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के उपाध्यक्ष डॉ. नूतन के. दास उपस्थित रहेंगे।इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) छत्तीसगढ़ स्टेट सेन्टर, रायपुर तथा स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि अभियांत्रिकी संकाय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन सह-संगोष्ठी में वर्तमान समय में कृषि के विकास हेतु बहु प्रासंगिक विषयों जैसे- इंजीनियरिंग इनपुट का संरक्षण और प्रबंधन, फार्म मशीनरी, कृषि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, मिट्टी, जल संरक्षण और प्रबंधन’’ आदि पर विस्तृत चर्चा होगी एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें मुख्यतः कृषि में जुताई-बुआई से लेकर कटाई-मिझाई एवं प्रसंस्करण की क्रियाओं का मशीनीकरण, ड्रोन का उपयोग, रिमोट सेंसिंग एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग, कृषि बागवानी में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स एवं आई.ओ.टी. का प्रयोग आदि विषयों पर सार्थक संवाद, प्रदर्शन, प्रस्तुतिकरण एवं विचारों का आदान-प्रदान होगा।जलवायु परिवर्तन एवं कृषि कार्यों के समय पर संपादन में कृषि श्रमिकों की घटती उपलब्धता के परिपेक्ष्य में कृषि अभियंताओं के बढ़ते महत्व एवं कस्टम हायरिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में अभियंता, उद्यमी, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शोधकर्ता, प्रगतिशील कृषक एवं देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्वत्तजन शामिल होंगे तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए यथोचित रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में आई.आई.टी. खड़गपुर के पूर्व प्राध्यापक एवं सी.एस.वी.टी.यू., भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल, परभणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रमणी, मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिंह, वैशाली बिहार के कुलपति डॉ. गौड, सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता डॉ. सयाली, सहायक महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ. रमना राव, निदेशक एन.आई.टी., रायपुर, डॉ. मेहता निदेशक, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल, सहित देश भर के विख्यात विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। -
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राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवानाश्रद्धालु काशी विश्वनाथ का भी करेंगे दर्शनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के पहल पर शुरू की गई श्री रामलला दर्शन योजना के तहत चलाई जा रही विशेष ट्रेन आज रायपुर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-07 से रवाना हुई। राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। इस विशेष ट्रेन से 850 श्रद्धालुओं का जत्था अयोध्या धाम के लिए रवाना हुआ। इस यात्रा से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। श्रद्धालुगण भगवान राम का जय-जयकार करते हुए अयोध्या धाम के लिए निकल चुके हैं। ट्रेन में श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए भक्तिमय माहौल में श्री रामलला के दर्शन को जा रहे है। इस दौरान विधायक श्री मोतीलाल साहू, पूर्व विधायक श्रीमती रंजना डीपेन्द्र साहू, श्री नन्दे साहू, पूर्व अध्यक्ष सीएसआईडीसी श्री छगनलाल मुंदड़ा सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।रामलला दर्शन के लिए जाने वाले दर्शनार्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री रामलला दर्शन के लिए योजना की शुरूआत की है। इसके लिए मुख्यमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद। अयोध्या के दर्शन हम जैसे लोगों के लिए असंभव था, लेकिन मुख्यमंत्री की पहल पर आज हमें अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन संभव हुआ है। आज अयोध्या के लिए रवाना हो रहे है और हमें बहुत खुशी हो रही है। अयोध्या में श्री रामलला के भव्य और सुंदर मंदिर बनाए गए है। श्री रामलला के दर्शन के लिए यात्रा से बहुत खुशी हो रही है। यात्रा के दौरान हम सभी को काशी विश्वनाथ जी के दर्शन का लाभ भी प्राप्त होगा। यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह का माहौल देखा गया। -
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वनस्पति और जीवों के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने तथा युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने में मददगार है ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रामरायपुर : छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा राज्य में जनजातीय वनवासियों के हितों के संरक्षण के लिए और पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए लगातार महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने जनजातीय समुदायों के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और जैव विविधता संरक्षण की आवश्यकता को बखूबी समझा है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में इन समुदायों को सशक्त बनाने एवं छत्तीसगढ़ राज्य की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है।छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एक अनूठा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय युवाओं को विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करके उन्हें स्वावलंबी बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को पैराटैक्सोनॉमी जैसे महत्वपूर्ण विषय में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो जैव विविधता संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।पैराटैक्सोनॉमी एक ऐसी विधा है जिसमें जैविक अनुसंधान के लिए विभिन्न प्रजातियों की त्वरित पहचान और वर्गीकरण किया जाता है। छत्तीसगढ़ जैसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्रों में यह विधा विशेष रूप से उपयोगी है। इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित युवा नेशनल पार्क गाइड, पर्यटक गाइड, नेचर कैंप मैनेजर, पारंपरिक चिकित्सक जैसे विभिन्न पेशों में काम कर सकते हैं एवं बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया तथा जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि हमारे राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनजातियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनाई है। जिसके उचित क्रियान्वयन से सभी लोगों को समय पर लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पीछे की अवधारणा को साझा करते हुए कहा कि यह पहल स्थानीय समुदायों को छत्तीसगढ़ की जैव विविधता संरक्षण में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रशिक्षण न केवल युवाओं के रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के बारे में पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और इसे अगली पीढ़ी को सौंपने का भी अवसर प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी ने इस पहल के व्यापक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नहीं है। यह छत्तीसगढ़ के जनजातीय युवाओं के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर है। पैराटैक्सोनॉमी में कौशल प्रदान करके हम एक ऐसी पीढ़ी को बढ़ावा दे रहे हैं जो न केवल अपने पर्यावरण के बारे में जानकार है, बल्कि उसे संरक्षित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री राजेश कुमार चंदेले, आईएफएस ने पर्यावरण संरक्षण में पैरा टैक्सोनॉमी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा कि जैव संकेतक (बायो इंडिकेटर) पौधों की पहचान करके पैरा टैक्सोनॉमी पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी और संसाधन संरक्षण में सहायता करती है।
इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले 53 प्रतिभागियों में से 40 जनजातीय युवा थे, जिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि 10$2 से लेकर स्नातक तक थी और वे कांकेर, कोंडागांव, केशकाल, भानुप्रतापपुर और नारायणपुर जैसे विभिन्न वन-मंडलों से आए थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में 22 जुलाई से 18 अगस्त तक आयोजित किया गया था। 30 दिवसीय इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने कक्षा शिक्षण और फील्डवर्क दोनों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने जंगल सफारी, मोहरेगा, सिरपुर, अर्जुनी, बारनवापारा और उदंती वन्यजीव अभयारण्य जैसे स्थलों पर जाकर विभिन्न प्रजातियों की पहचान और दस्तावेजीकरण किया। प्रशिक्षण के दौरान 93 प्रकार के मैक्रोफंगी, 153 प्रकार की वनस्पतियाँ, 47 औषधीय पौधे और 187 प्रकार के बीज का पहचान और दस्तावेजीकरण किया गया।यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीतू हर्मुख ने इस प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि सभी प्रतिभागी पैराटैक्सोनॉमी में कौशल सीखने के लिए उत्सुक और तत्पर थे। कांकेर जिले के डुमरपानी गांव के 24 वर्षीय जनजातीय युवक त्रिभुवन कुमार करगा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “पैराटैक्सोनॉमी’’ में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मेरा आत्मविश्वास निश्चित रूप से बढ़ा है।अब मेरे लिए आय सृजन के नए रास्ते खुल गए हैं। इसी प्रकार ग्राम मुढ़ोवा चारामा, कांकेर जिले के 39 वर्षीय जनजातीय समुदाय के प्रतिभागी राकेश नेताम ने कहा इस प्रशिक्षण ने हमारे जंगलों की जैव विविधता को समझने का ज्ञान दिया है। अब मुझे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति एक अहम जिम्मेदारी का एहसास होता है।
जनजातीय महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम से काफी लाभ उठाया है। कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर विश्रामपुरी गांव की 22 वर्षीय महिला सुश्री दिव्या मरकाम ने कहा कि एक जनजातीय क्षेत्र की महिला के रूप में विशेष शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित रहे हैं। पैरा टैक्सोनॉमी के इस प्रशिक्षण से मुझे एक नया अनुभव प्राप्त हुआ है, इससे हमें रोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे एवं जनजातीय महिला सशक्तिकरण भी होगा। साथ ही साथ क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।प्रशिक्षण की सफलता को देखते हुए छत्तीसगढ़ वन विभाग इस कार्यक्रम का विस्तार राज्य के अन्य हिस्सों जैसे जगदलपुर, सरगुजा, बिलासपुर और दुर्ग में भी करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा वन विभाग ने आगामी पैराटैक्सोनॉमी प्रशिक्षण सत्रों के लिए पहले बैच के प्रतिभागियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में उपयोग करने की योजना बनाई है, जिससे न केवल पहले बैच के प्रतिभागियों को अनुभव और रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि कार्यक्रम की निरंतरता और स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने जैव विविधता संरक्षण में पहले ही महत्वपूर्ण परिणाम दिखाए हैं। प्रतिभागियों ने अपने स्थानीय क्षेत्रों में कई दुर्लभ वनस्पति और जीवों की प्रजातियों की पहचान और दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें पीले चमकदार खोल वाला एक अनूठा कछुआ (Lissemys Punctata) और दुर्लभ पौधे जैसे Gloriosa superba, Ophioglossum और Nervelia शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाने और राज्य की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने के इस प्रयास ने यह सुनिश्चित किया है कि हमारी प्राकृतिक धरोहरें आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहेंगी -
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मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत सामरबार में किया गया तालाब निर्माणजलस्रोत बढ़ने के साथ किसान अतिरिक्त फसल का कर रहे हैं उत्पादनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कि संवेदनशीलता से जिले के दुरस्तम क्षेत्रों का भी विकास तेजी से हो रहा है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर दु्रतगति से कार्य किया जा रहा है। जिसका प्रत्यक्ष लाभ आम लोगों को मिलने लगा है। शिक्षा, अधोसंरचना निर्माण और जन स्वास्थ्य सुविधा सहित सभी विभागों के कार्यो में तेजी आई है। इसी परिप्रेक्ष्य में रोजगार सृजन के साथ कृषि क्षेत्र में इसका लाभ मिले इसके लिए मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, सड़क निर्माण सहित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।प्राचीन काल से अब तक जहां भी आबादी बसती गई, वहां परंपरागत ढंग से जल स्रोत के साधनों के रूप में तालाबों का निर्माण किया जाता रहा है जोकि पेयजल, सिंचाई और निस्तारी का प्रमुख साधन रहा है। आधुनिक दौर में जल स्रोतों के उन्नत रूप में बोरिंग और नलकूप जैसी सुविधाओं के चलते पारंपरिक जलस्रोत उपेक्षा का शिकार हो गए। इससे आज भी गांवों में तालाबों की सुरक्षा के प्रति ग्रामीण सजग है।ऐसा ही एक कार्य जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत सामरबार में देखने को मिलता है। जनजाति बाहुल्य इस ग्राम में महात्मा गांधी मनरेगा योजना के तहत नवीन तालाब निर्माण कराया गया है। इससे एक और जहां ग्रामीणों को रोजगार मिला वहीं दूसरी और आदिवासी परिवारों को खेती कार्य के लिए सिंचाई का साधन मिल गया है।
जशपुर जिला मुख्यालय से लगभग 105 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सामरबार अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। पूर्व में बिरनी पोखर आदिवासी परिवारों के निस्तारी का प्रमुख साधन था। इसके अलावा यह तालाब पशुओं के पेयजल का स्त्रोत भी है। महात्मा गांधी मनरेगा योजना से नवीन तालाब निर्माण होने से बरसात के पानी से तालाब पूरी तरह भर गया है।इससे निस्तारी और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी के साथ-साथ स्थायी स्रोत भी मिल गया है। साथ ही इससे भू-जल स्तर भी सुधर रहा है। तालाब के पानी का उपयोग कर कंदरु राम पिता कलुवा राम और सिंगरु राम पिता बिरना राम धान, मक्का टमाटर और अन्य सब्जियों की खेती कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। -
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जन्माष्टमी पर कोरबा में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मंत्री श्री देवांगन हुए शामिलरायपुर : वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कोरबा शहर के विभिन्न मंदिरों में आयोजित श्री कृष्ण जन्मोत्सव मे शामिल हुए। पुरानीबस्ती कोरबा स्थित रानी रोड दुर्गा मन्दिर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर स्थानीय वार्ड वासियों द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई, इस शोभायात्रा में मंत्री श्री देवांगन शामिल हुए। मंत्री श्री देवांगन ने श्री कृष्ण की आरती की। वार्ड वासियों के साथ मंत्री श्री देवांगन ने श्री कृष्ण झांकी पर फूलों की वर्षा की।मंत्री श्री देवांगन ने वार्ड वासियों और समिति को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि सनातन परंपरा में आस्था रखने वालों के लिए श्री कृष्णा प्रेरणा स्रोत हैं, गीता के माध्यम से श्री कृष्ण ने धर्म के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया है और सभी धर्म को साथ में लेकर कैसे चला जाता है इसे उन्होंने सिखाया भी है। आज हम सभी को श्री कृष्ण के बताएं मार्ग पर चलना चाहिए। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष श्री प्रफुल्ल तिवारी, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन, पार्षद धनश्री साहू, राकेश नागरमल, लक्ष्मण श्रीवास व समिति के विशाल साहू, अंशु तिवारी, जयंत श्रीवास, वीरेंद्र साहू, राहुल तंवर समेत अधिक संख्या में वार्ड वासी उपस्थित रहे।तत्पश्चात् मंत्री श्री देवांगन सीतामणी स्थित श्री सप्तदेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर बनाए गए विभिन्न झांकियों के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन किए। कृष्ण भगवान की जीवंत मनमोहक झांकी देख मंत्री भाव विभोर हुए। भगवान को भोग लगाकर आरती की गई। इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने सभी भक्तों के साथ राधे-राधे का उदघोष किया।इसके अलावा पंडित रवि शंकर नगर स्थित कपिलेश्वर मंदिर, राधा कृष्ण मन्दिर बालको और श्रीराम मंदिर बालको नगर में मंत्री श्री देवांगन श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर अधिक संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर अशोक मोदी, राजा मोदी, गौरव मोदी, वैभव शर्मा समेत अधिक संख्या में उपस्थित रहे। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 880.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 25 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1832.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 485.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 885.5 मिमी, बलरामपुर में 1239.7 मिमी, जशपुर में 720.7 मिमी, कोरिया में 905.2 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 887.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 737.7 मिमी, बलौदाबाजार में 925.2 मिमी, गरियाबंद में 837.0 मिमी, महासमुंद में 676.1 मिमी, धमतरी में 776.2 मिमी, बिलासपुर में 826.0 मिमी, मुंगेली में 932.6 मिमी, रायगढ़ में 835.7 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 518.3 मिमी, जांजगीर-चांपा में 968.0 मिमी, सक्ती 832.8 मिमी, कोरबा में 1178.0 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 996.1 मिमी, दुर्ग में 532.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 696.0 मिमी, राजनांदगांव में 863.4 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 974.4 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 630.3 मिमी, बालोद में 905.3 मिमी, बेमेतरा में 490.5 मिमी, बस्तर में 919.0 मिमी, कोण्डागांव में 843.7 मिमी, कांकेर में 1060.3 मिमी, नारायणपुर में 993.5 मिमी, दंतेवाड़ा में 1095.6 मिमी और सुकमा जिले में 1162.0 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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महतारी वंदन योजना की राशि से हो जाते हैं जरूरी कामरायपुर : कोरबा जिले के पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम हरनमुड़ी की 70 वर्षीय वृद्धा ध्वजा बाई को कुछ माह पहले तक अपनी छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति के लिए कुछ लोगों से पैसे मांगने की आवश्यकता पड़ती थी। कई बार कुछ रूपए के लिए उन्हें लंबा इंतजार भी करना पड़ता था। अब जबकि महतारी वंदन योजना से हर महीने खाते में 01 हजार रूपए समय पर मिल जाते हैं तो वृद्धा ध्वजा बाई को किसी के आगे रूपए के लिए हाथ फेलाने जैसी नौबत नहीं आती है।ग्राम हरनमुड़ी की वृद्धा ध्वजा बाई ने बताया कि उम्र के साथ ही उन्हें कुछ भी काम करने में परेशानी है वह किसी तरह छोटे-मोटे घरेलू काम कर लेती है। उन्होंने बताया कि विगत माह महतारी वंदन योजना से प्राप्त राशि का आहरण किया है। इस राशि का उपयोग अपने उपचार और बीमारी के दौरान दवा, फल आदि में किया है।
उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए जाने के बाद हम जैसी वृद्ध महिलाओं के लिए यह वरदान साबित हो रही है। हर महीने खाते में 01 हजार की राशि प्राप्त हो जाती है, इससे छोटी-मोटी जरूरतें हम पूरी कर लेते हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना लागू किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को बहुत लाभ पहुंचने की बात कही और इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार के प्रति आभार भी प्रकट किया। -
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रायपुर : जशपुर पहुंचे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने जिला जशपुर के तालुका न्यायालय, व्यवहार न्यायालय बगीचा और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण किया और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत हुए। मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा व्यवहार न्यायालय बगीचा के निरीक्षण उपरांत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पहुंचने पर मुख्य न्यायाधिपति का प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओं ने स्वागत किया।
मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के कोर्ट के संचालन के लिए बने विभिन्न अनुभाग अभिलेखागार, कंप्यूटर सर्वर रूम, फर्स्ट एड क्लीनिक, मालखाना, बच्चों के लिए बने किलकारी कक्ष, कुटुम्ब न्यायालय, अधिवक्ता कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया और अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों से चर्चा के दौरान कहा कि मैं आज लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय कर बिलासपुर से आप लोगों से मिलने और आप लोगों की समस्याओं से अवगत होने के लिए आया हूं।उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में बने न्यायालय में जाकर वे वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं, ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की कमी हो तो सुधार किया जा सके और न्याय व्यवस्था आम नागरिकों के लिए सुलभ हो सके। मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने किलकारी कक्ष के निरीक्षण के दौरान वहां पर मौजूद कक्षा पहली में पढ़ने वाले मयंक यादव से बात की और उसे उपहार प्रदान करते हुए उक्त बालक के साथ फोटो भी लिया। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री हिरेन्द्र सिंह टेकाम भी मुख्य न्यायाधिपति के साथ मौजूद रहे।
मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने अधिवक्ताओं से चर्चा के दौरान कहा की वे यहां पहली बार आ रहे हैं। जशपुर जिले का नैसर्गिक सौंदर्य सहज ही आकर्षित करने वाला है, जशपुर जिला छत्तीसगढ का कश्मीर है। मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने कहा कि न्याय की व्यवस्था को सुदूर अंचल तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को डिजिटल किया गया है ताकि किसी भी स्थान से अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अपने प्रकरण में जिरह कर सकें। अन्य सुविधा के लिए मोबाईल एप भी बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से सुदूर अंचल के निवासी एवं गरीब पक्षकार भी लाभ प्राप्त कर समय एवं पैसे का बचत कर सके।
मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने जशपुर जिले के व्यवहार न्यायालय कुनकुरी के न्यायालय एवं सभी अनुभाग का निरीक्षण भी किया एवं अधिवक्ताओं से सौजन्य मुलाकात किया। मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उक्त न्यायालयों के रख-रखाव एवं व्यवस्था पर संतुष्टि व्यक्त किया एवं भविष्य में अधिक बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम सुधार हेतु प्रोत्साहित किया।
निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल श्री बलराम प्रसाद वर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार सह पीपीएस श्री एम.वी.एल.एन. सुब्रहमन्यम, प्रोटोकॉल ऑफिसर श्री आर.एस. नेगी एवं पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, कमर्चारी, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री भागवत नारायण सिंह सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर, व्यवहार न्यायालय कुनकुरी एवं व्यवहार न्यायालय बगीचा के न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। -
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शिक्षक बनने के साथ रहन-सहन में आया बदलावतेजी से सुधर रही है आर्थिक स्थितिरायपुर : पहाड़ी कोरवा युवक दुखुराम की अब दिनचर्या ही बदल गई है। राज्य शासन से नौकरी मिलने के पश्चात एक नया सपना सजने लगा है। कुछ साल पहले रोजगार नहीं होने से पूरा दिन जंगलों में चार, तेंदू, महुआ आदि फल-फूल एकत्रित करने में समय गुजर जाता था। भूख मिटाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। ऐसे में एक सामान्य जनजीवन व्यतीत करना एक कल्पना ही थी। लेकिन यह कल्पना एक दिन हकीकत में बदल जायेगी यह पहाड़ी कोरवा दुखुराम ने भी नहीं सोचा था। राज्य शासन की पहल ने आज उसे इस मुकाम पर ला खड़ा किया है कि अब वह इतिहास में जाना नही चाहता। सरकारी नौकरी के बाद अपनी दुखों से दूर हुए पहाड़ी कोरवा दुखुराम अपना भविष्य सुधारने के साथ बच्चों का भविष्य बनाने की सोचने लगा है। नौकरी से न सिर्फ दुखुराम का जीवन बदला है, उनकी पत्नी सहित परिवार को भी जीवन का सुख मिलने लगा है।
वर्तमान में कोरबा जिले के ग्राम पेण्ड्रीडीह में रहने वाला पहाड़ी कोरवा युवक दुखुराम को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी प्रदान की गई है। वह कोरबा मुख्यालय के सुदूरवर्ती क्षेत्र श्यांग-अमलडीहा से लगे ग्राम आमाडांड के शासकीय प्राथमिक शाला में बच्चों को अध्यापन कराता है। प्रतिदिन ग्राम पेण्ड्रीडीह से अपने स्कूल आमाडांड की दूरी बाइक से तय करने वाले दुखुराम ने बताया कि वह समय पर स्कूल पहुंच जाता है। पेण्ड्रीडीह में उनके रिश्तेदार रहते हैं, इसलिए यहीं निवास करता है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में नौकरी करना कठिन लगा क्योंकि उसे जंगल में रहने की आदत थी। लेकिन धीरे-धीरे आदत बदल गई और स्कूल माहौल में रहने से काम करने में झिझक भी मिटने लगी।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से समय-समय पर जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के सदस्यों को उनकी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी से जोड़कर उनके जीवन स्तर को बदलने का कार्य किया जाता है। पहाड़ी कोरवा दुखुराम भी इन्हीं प्रयास का एक हिस्सा है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा जिले में बड़ी संख्या में निवासरत पीवीटीजी के उत्थान की दिशा में 8 वीं से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले पहाड़ी कोरवाओं को डीएमएफ के माध्यम से मानदेय के आधार पर स्कूल तथा अस्पताल में रोजगार देने का न सिर्फ पहल किया है बल्कि सभी का बेहतर भविष्य बनाने के साथ आने वाले पीढ़ियों को भी समाज के मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में कदम उठाया है। कोरबा जिले में डीएमएफ से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली है।
नौकरी से बदली लाइफ स्टाइल
शासकीय सेवा में आने के साथ ही कोरवा युवक दुखुराम का रहन-सहन में काफी परिवर्तन आ गया है। एक शिक्षक के रूप में पहनावा और स्कूली विद्यार्थियों के बीच उनके व्यवहार में परिवर्तन आया है। नौकरी के बाद प्रतिमाह समय पर वेतन मिल जाने से उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी है। दुखुराम ने बताया कि वेतन का कुछ रकम बचत करता है ताकि वह भी आने वाले समय में अपने बच्चों का भविष्य बना सके। दो साल पहले ही शादी के बंधन में बंधे दुखुराम ने बताया कि उसे भी मोटर साइकिल चलाने, मोबाइल का शौक था।नौकरी पाकर मोटर साइकिल और मोबाइल की शौक पूरी कर चुका है, अब जल्दी ही घर में टीवी सहित अन्य जरूरी सामान भी लेगा। उधर दुखुराम की पत्नी जून बाई का कहना है कि अब पति नौकरी करते हैं तो फिर आस-पास की महिलाओं के साथ महुआ, चार, तेंदूपत्ता के लिए जंगल जाना छूट गया है और उनकी भी कोशिश है कि जंगल की ओर जाने की बजाय बेहतर है कि एक नया जीवन जीकर आने वाली पीढ़ी को संवारने का काम किया जाएं। -
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एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पीपल के पौधे का किया रोपणनवा रायपुर में 204.84 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पणरायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा परिसर में ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग एवं स्मार्ट स्कूल सहित 204.84 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया।इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, खेल युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्व श्री राजेश मूणत, किरण देव, पुरंदर मिश्रा, इंद्रकुमार साहू, मोती लाल साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक लाख पौधों का होगा रोपण
नवा रायपुर अटल नगर द्वारा ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ कार्यक्रम में एक लाख से अधिक स्थानीय प्रजाति के बड़े पेड़ रोपे जाएंगे। वर्तमान में 21,000 से अधिक पीपल के वृक्ष लगाये जा चुके हैं। नवा रायपुर अटल नगर का लक्ष्य है कि शहर में किसी भी स्थान पर खड़े होने पर पीपल का वृक्ष दिखाई दे।
पीपल के वृक्ष के संबंध में श्रीमद भगवद्गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘‘वृक्षों में मैं पीपल हूं।’’ पीपल का वृक्ष 100 वर्षों से अधिक एवं 24 घण्टे जीवनदायिनी वायु प्रदान करने वाला वृक्ष है। कार्यक्रम अंतर्गत युवाओं को जोड़ने एवं जन सुविधा हेतु मोबाईल एप के माध्यम से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ में वर्चुअल एडॉप्शन की सुविधा का उपयोग कर 2000 से ज्यादा जन सामान्य सहभागी भी बन चुके हैं।
रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग
नवा रायपुर अटल नगर से अन्य शहरों की कनेक्टीविटी के लिए बिछाई गई रेलवे लाईन में शहर के मध्य रेलवे स्टेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह स्टेशन 75 करोड़ रूपए की लागत से तैयार की गई है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 4 रेलवे स्टेशन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। नवा रायपुर अटल नगर में लगभग 5.3 किलोमीटर में स्मार्ट सडक एवं अन्य आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण 35.25 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है। 100 बस के अतिरिक्त 148 कार, टैक्सी और लगभग 250 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा 23.12 करोड़ रूपए की लागत से विकसित की गई है।
विश्वस्तरीय स्मार्ट स्कूल
राखी गांव में विश्वस्तरीय स्मार्ट शैक्षणिक व्यवस्था की सुविधा एवं वृहद बहुद्देशीय सभागार प्रदान करने के लिए 18 करोड़ रूपए हायर सेकेण्डरी स्कूल तैयार किया गया है। इससे 1200 से ज्यादा बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा का माहौल मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु 11 करोड़ रूपए की लगात से भवन निर्मित किया गया है। इस स्कूल में 950 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। नवा रायपुर अटल नगर के 11 ग्रामों में 10.35 करोड़ रूपए की लागत से प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है, जिससे लगभग 4300 स्कूली बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा।
भू-संवर्धन एवं वृक्षारोपण
बागवानी कार्य में जल निकायों का विकास के लिए 16 करोड़ रूपए की लागत से मंत्रालय के निकट जल संवर्धन, नालों, तालाबों को पुनर्जीवित करना एवं वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। इसके अलावा वर्षा जल की प्राकृतिक धाराओं को विकसित कर भू-जल स्तर को बढाने के लिए 16.12 करोड़ रूपए की लागत से आवश्यक कार्य एवं नये तालाबों का निर्माण तथा वृक्षारोपण कार्य किये गये है। -
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बीजापुर जिले के कई युवाओं ने पहली बार देखी राजधानी रायपुररायपुर : माओवादी आतंक से प्रभावित बीजापुर जिले के पालनार कैम्प के आस-पास के 5 गांव के 31 युवाओं ने आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से नवा रायपुर में मुलाकात की। इनमें से कई युवा पहली बार बीजापुर से निकलकर राजधानी रायपुर आये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह ने इन बच्चों से हाल-चाल पूछा और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इन बच्चों ने राजधानी रायपुर के भ्रमण के दौरान पुरख़ौती मुक्तागन, महानदी भवन मंत्रालय, मीवान स्टील प्लांट, मैग्नेटो मॉल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, पुरखौती मुक्तांगन, रेलवे स्टेशन और मैग्नेटो माल का भ्रमण किये। 23 अगस्त की रात से यह युवा रायपुर पहुँचे हैं। युवा कल गंगरेल बांध घूमते हुए वापस बीजापुर लौट जाएँगे।
गौरतलब है कि पालनार सुरक्षा कैम्प के आस-पास के इन बच्चों के गांवों में नियद नेल्लानार योजना के तहत सड़क, बिजली पानी राशन, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी सहित सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत सुरक्षा कैम्प के पांच किलोमीटर की परीधि के गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है। बीजापुर जिले के सुरक्षा कैम्पों के पास के 33 गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है।
बीजापुर जिला प्रशासन की पहल पर पालनार कैम्प के पास के इन गांवों के बच्चों को राजधानी रायपुर में औद्योगिक विकास सहित रोजगार के क्षेत्र में नए नए अवसर एवं विकास की सभी गतिविधियों से परिचित कराया गया है। इससे इन युवाओं में नए उत्साह का संचार दिख रहा है। ये युवा अब रोज़गार मूलक गतिविधियों से जुड़कर अपना नया और सुंदर भविष्य बनाना चाहते हैं। -
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राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिन्दू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन देंगे अपना उद्बोधन25 अगस्त को रायपुर में लगेगा संघ का महाकुम्भ, स्व. कुंदन लाल जैन की स्मृति में होगा व्याख्यानमाला का आयोजनरायपुर : रायपुर महानगर के पूर्व संघचालक स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी की पुण्य स्मृति में राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में स्मृति विचार माला के द्वितीय पुष्प का आयोजन होने जा रहा है। श्री कुंदन लाल जैन स्मृति विचार मंच के बैनर तले आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में "राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण" विषय पर जैन समाज के गुरु पावन निश्रा परमपूज्य श्री विराग मुनिश्री जी, सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता श्री विष्णु शंकर जैन जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना जी अपना उद्बोधन देंगे।कार्यक्रम 25 अगस्त 2024, रविवार को आयोजित है। प्रातः 11:00 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में आधे घंटे का प्रश्नकाल रखा गया है। जिसमें उपस्थित गणमान्य जन अपने सवाल मुख्य अतिथियों से पूछ सकेंगे।
राष्ट्रभक्ति और सनातन की सेवा से ओतप्रोत इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिन्दू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जी के ओजस्वी उद्बोधन को सुनने का अवसर मिलेगा। 9 अक्टूबर 1986 को जन्मे विष्णु शंकर जैन ने बचपन से ही अपने पिता श्री हरिशंकर जैन को हिंदू धर्म और सनातनी मूल्यों के लिए लड़ते देखा है। उन्होंने 2010 में अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और अपने पिता के सानिध्य में कानून का अभ्यास शुरू किया।
विष्णु शंकर जैन ने अपने करियर की शुरुआत अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले से की, इस मामले में अपने पिता श्री हरि शंकर जैन की सहायता करते हुए 2011 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती दी। 2016 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की परीक्षा पास की और 2016 में ही अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। ऐसे 102 मामले हैं जिनमें पिता-पुत्र में से कोई एक या दोनों हिंदू पक्षों की ओर से अदालत में पेश हुए। सबसे पुराना मामला 1990 का है।उनमें से कई मामले निर्णायक रूप से जीते गए हैं। कुछ अन्य पर अभी भी विभिन्न अदालतों में मामला चल रहा है। मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का मामला उन प्रमुख मामलों में से एक है जिसमें वे हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ज्ञानवापी जैसे जटिल मामलों की लड़ाई भी विष्णु शंकर जैन लड़ रहे हैं। बता दें कि विष्णु शंकर जैन जी का आगमन कल सायं 07:00 बजे रायपुर के माना विमानतल में होगा।
गौरतलब है कि आदर्शवादी व्यक्तित्व, मातृभूमि को समर्पित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारों से ओत प्रोत माँ भारती के सपूत, रायपुर महानगर के पूर्व संघचालक स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी का जन्म सन् 1947 में हुआ था। स्व. कुंदन लाल जैन जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक थे। उन्होंने 2 वर्ष तक संघ में प्रचारक जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया। उन्होंने जीवनपर्यंत संघ द्वारा सौंपे गए विभिन्न दायित्वों का निष्ठा के साथ निर्वहन किया। वे उड़ीसा में रहने के दौरान प्रांत कार्यवाह
स्व. कुंदन लाल जैन जी ने अपने सानिध्य में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन एवं सहयोग किया। मिलनसार, सरल और सहयोगी व्यक्तित्व के कारण जो भी उनके संपर्क में आया उसने शांति और आनंद की अनुभूति प्राप्त की। स्व. कुंदन लाल जैन जी का पूरा संपूर्ण जीवन समाज के लिए प्रेरणादायी है। महान व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जी जैन के जीवन से प्रेरणा लेकर विभिन्न सामाजिक आयोजन इस मंच के माध्यम से समय-समय पर किए जा रहे हैं। 25 अगस्त को होने वाले इस महती कार्यक्रम में आप सभी सादर आमंत्रित हैं। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह का विमानतल पर किया आत्मीय स्वागतरायपुर : केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय प्रवास पर आज रात राजधानी रायपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव और श्री विजय शर्मा, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू सहित छत्तीसगढ़ मंत्री परिषद के सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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कृषि वैज्ञानिकों ने नियंत्रण और उपचार के बताया प्रभावी उपायरायपुर : राज्य सरकार कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को कृषि उपचार के लिए निरन्तर सलाह प्रदान कर रहे हैं। प्रदेश के जिलों में खेती-किसानी में होने वाले बीमारियों को जिलावार चिन्हाकित कर कीटनाशक छिड़काव के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में सुकमा जिले के विभिन्न गांवों में धान के खेतों मे पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप दिखाई दिया है इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है। इसके उपचार के लिए कीटनाशक छिड़काव के विधि और तरीके बताए गए हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र, सुकमा के कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के मुरतोणडा, पेरमापारा, नीलावरम, तोगपाल, सोनाकुकानार, नयानार, रामपुरम का मैदानी भ्रमण के दौरान धान के खेत में पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप पाया गया, इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है। इस कीट की इल्ली अवस्था फसल को नुकसान पहुंचाती है इस कीट की इल्ली अपने लार द्वारा पत्ती की नोंक को या पत्तियों के दोनों सिरो को चिपका लेती है इस तरह इल्ली इसके अंदर रहकर पत्तियों के हरे भाग (क्लोरोफिल) को खुरच खुरच कर खा जाती है जिसके कारण पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती है, जिसकी वजह से पत्तियों में भोजन बनाने की प्रकिया नहीं हो पाती है।कीट द्वारा ग्रसित पत्तियाँ बाद में सुखकर मुरझा जाती हैं व फसल की बढवार भी रूक जाती हैं। इसके नियंत्रण और उपचार के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने प्रभावी उपाय अपनाने किसानों को सलाह दिया। जिनमें खेतों एवं मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखें। संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का उपयोग करें। खेतों मे चिडियों के बैठने के लिए टी आकार की पक्षी मीनार लगाए। रात्रि चर कीट को पकड़ने के लिए प्रकाश प्रंपच या लाइट ट्रैप खेतो में लगाए। अण्डे या इल्ली दिखाई देने पर उसे इकट्ठा करके नष्ट करें। कीट से प्रभावित खेतों में रस्सी चलाएं।
कृषि वैज्ञनिकों ने बताया कि बारिश रुकने व मौसम खुला होने पर कोई एक कीटनाशक का स्प्रे काराये। क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 1250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50रू एस.पी. 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर या क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5ः एस.सी. 150 ग्राम प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत ई.सी.200 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का उपयोग करके प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं, ठीक न होने पर 15 दिन बाद दूसरे कीटनाशक का छिडकाव करें और अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके ही रासायनिक दवाइयों का उपयोग करें। -
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में मेगा ईवेंट में होंगे वर्चुअल रूप से शामिलप्रधानमंत्री राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों से करेंगे संवादमंत्री श्री नेताम ने मेगा ईवेन्ट के तैयारियों के लिए अधिकारियों को दिए निर्देशरायपुर : आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम की पहल पर छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातीय बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबुझमाड़िया एवं बिरहोर बाहुल बसाहटों में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 23 अगस्त से 10 सितंबर तक मेगा अभियान चलेगा। राज्य के 18 जिलों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) संचालित है।इन जिलों में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आगामी सितम्बर माह में मेगा ईवेंट और आईईसी कैंपेन का आयोजन होगा। माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होकर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के साथ संवाद करेंगे। गौरतलब है कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवम्बर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम जनमन का शुभारंभ किया था।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पीएम जनमन योजना के तहत झारखंड में आयोजित किए जा रहे हैं राष्ट्रीय मेगा ईवेंट में शामिल होंगे तथा देश के सभी पीवीटीजी बसाहट वाले जिलों को संबोधित करते हुए टू वे कनेक्टिविटी के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। उन्हांेने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति वाले किसी एक जिले में राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट के लिए चिन्हित किया जाएगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि मेगा ईवेंट के अतिरिक्त बाकी सभी पीएम-जनमन के जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन सभी आयोजनों में झारखण्ड राज्य से प्रधानमंत्री का संबोधन और संवाद सुचारु रुप से देखने और सुनने के लिए टू-वे-कनेक्टिविटी की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन आयोजनों में स्थानीय विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति को लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि लाभार्थी सतृप्ति शिविरों का आयोजन 23 अगस्त 2024 से 10 सितंबर 2024 तक किया जाना है। इन शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, वन अधिकार पत्र राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम मातृत्व वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल की जांच एव मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं आदि से लाभान्वित की जानी है। इसका उद्देश्य सभी पीवीटीजी बसाहटों में तात्कालिक गतिविधियों की शत-प्रतिशत संतृप्ति की जानी है।
लाभार्थी संतृप्ति शिविर गहन रूप से सभी पीवीटीजी बसाहटों, जिलों में चलाए जाएंगे। इस लाभार्थी संतृप्ति शिविर का मुख्य फोकस यूआईडीएआई के तहत नामांकन एवं आधार कार्ड जारी करना पीएम जनधन के तहत बैंक खाता खोलना, सभी पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाना, सभी पीवीटीजी को सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी कर वन अधिकार पत्र जारी करना तथा पीवीटीजी बसाहटों में सिकल सेल बीमारी की जांच (ैबतममदपदह) आदि कार्य किए जाएंगे। पीएम-जनमन के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों जैसे प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण), संपर्क सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, नल से जल, विद्युतिकरण आदि की जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश में भारत सरकार द्वारा घोषित 05 विशेष रुप से कमजोर जनजाति समूह क्रमशः बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर जनजाति समूहों तथा बसाहटों के त्वरित विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना क्रियान्वित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इन वर्गों का समग्र विकास करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार मिलकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि भारत सरकार द्वारा इन वर्गों के उत्थान के लिए प्रारंभ किया गया यह महाअभियान अल्प समय में ही लोकप्रिय हो रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में त्रिपुरा राज्य के त्रिपुरा-पूर्व लोकसभा क्षेत्र की सांसद एवं कवर्धा राजपरिवार की रानी श्रीमती कृति देवी ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान उनके पति कवर्धा राजपरिवार के राजा एवं पूर्व विधायक श्री योगेश्वरराज सिंह भी मौजूद थे। -
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दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंताकृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आयोजन के लिए दी शुभकामनाएंरायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में 29 एवं 30 अगस्त को कृषि अभियंताओं का 36वां राष्ट्रीय सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी ‘‘सतत विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु कृषि अभियंताओं का योगदान’’ विषय पर आयोजित की जाएगी। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।उन्होंने कहा कि कृषि अभियंताओं के सम्मेलन से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के हित में नये तथ्य सामने आएंगे। आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग, उत्पादन में बढ़ोत्तरी के उपायों के संबंध में नई जानकारी सामने आएगी। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) छत्तीसगढ़ स्टेट सेन्टर, रायपुर एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि अभियांत्रिकी संकाय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सम्मेलन सह संगोष्ठी में वर्तमान समय में कृषि के विकास हेतु बहु प्रासंगिक विषयों जैसे इंजीनियरिंग इनपुट का संरक्षण और प्रबंधन, फार्म मशीनरी, कृषि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, मिट्टी और जल संरक्षण और प्रबंधन’’ आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।इनमें मुख्यतः कृषि में जुताई-बुआई से लेकर कटाई-मड़ाई एवं प्रसंस्करण की क्रियाओं का मशीनीकरण, कृषि में ड्रोन का उपयोग, रिमोट सेंसिंग एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग, कृषि बागवानी में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स एवं आई.ओ.टी. का प्रयोग आदि विषयों पर सार्थक संवाद, प्रदर्शन, प्रस्तुतिकरण एवं विचारों का आदान-प्रदान होगा।
कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन एवं कृषि कार्यों के समय पर संपादन में कृषि श्रमिकों की घटती उपलब्धता के परिपेक्ष्य में कृषि अभियंताओं के बढ़ते महत्व एवं कस्टम हायरिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में अभियंता, उद्यमी, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शोधकर्ता, प्रगतिशील कृषक एवं देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्वत्तजन शामिल होंगे तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए यथोचित रणनीति को अंतिम रूप देंगे।
कार्यक्रम के आयोजक सचिव एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता के उपाध्यक्ष डॉ. नूतन दास, आई.आई.टी. खड़गपुर के पूर्व प्राध्यापक एवं सी.एस.वी.टी.यू., भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, परभणी विश्वविद्यालय केकुलपति डॉ. इंद्रमणी, डॉ. सिंह कुलपति मेरठ विश्वविद्यालय, डॉ. गौड़ कुलपति, वैशाली, बिहार, डॉ. अम्बष्ठ अध्यक्ष, सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ. सयाली, सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता, डॉ. ए.के. सिंह, सहायक महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ. रमना राव, निदेशक एन.आई.टी., रायपुर, डॉ. मेहता निदेशक, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल, सहित देश भर के विख्यात विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल आज राजधानी के अनेक अस्पतालों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में मौजूद व्यवस्था और सुविधाओं का जायजा लिया, साथ ही व्यवस्था में कमियां मिलने पर इन्हें तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके अलावा अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने को लेकर भी निर्देश जारी किए।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार लगातार प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने और लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुए घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री साय से चर्चा के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल आज राजधानी रायपुर के अस्पतालों का निरीक्षण करने निकले थे।
इस दौरान सबसे पहले वे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय व पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों से व्यवस्था और सुविधाओं को लेकर जानकारी ली। साथ ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन और अम्बेडकर अस्पताल प्रशासन से भी अस्पताल में मौजूद सुविधाओं को लेकर चर्चा की।यहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल जिला अस्पताल पंडरी पहुंचे। इसी कड़ी में मातृ एवं शिशु हॉस्पिटल पुलिस लाईन टिकरापारा का निरीक्षण किया। इन सभी अस्पतालों में व्यवस्था और सुविधाओं में विस्तार को लेकर आवश्यक निर्देश स्वास्थ्य मंत्री ने दिए। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने को लेकर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा जाएगा साथ ही बताया कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में हथियारबंद सुरक्षा जवान तैनात करने पर विचार कर रही है।