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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सफल अमेरिका प्रवास और क्वाड के छठवें शिखर सम्मेलन में देश का सशक्त प्रतिनिधित्व करने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व कौशल पर हम सभी देशवासियों को गर्व है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का अमेरिका के सफलतम प्रवास और ‘क्वाड’ के छठवें शिखर सम्मेलन में कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने भारत का सशक्त प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर और अधिक रोशन किया है। गौरतलब है कि क्वाड की बैठक ऐसे समय हो रही थी, जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर ‘क्वाड’ का मिलकर साथ चलना, मानवता के लिए बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, शांति, समृद्धि, उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई। यह प्रधानमंत्री के ओजस्वी नेतृत्व और कुशल विदेश नीति का ही परिणाम है कि अमेरिका ने भारत से तस्करी किये गए लगभग 300 पुरावशेषों के वापसी को स्वीकृति दी है। -
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अभियान के लिए 79156 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान63 हजार से अधिक आदिवासी बहुल गांव और आकांक्षी जिलों के आदिवासी गांवों किया जाएगा सेचुरेटेडछत्तीसगढ़ आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने प्रधानमंत्री का माना आभाररायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान‘ को मंजूरी दे दी है। इस अभियान के तहत आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों को सेचुरेट करने तथा आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 79,156 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। जिसमें केन्द्र सरकार का 56,333 करोड़ रूपए और राज्य सरकार का 22,823 करोड़ रूपए का हिस्सा शामिल हैं। इस अभियान के तहत लगभग 63 हजार गांव शामिल होंगे।जिसमें पांच करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्रीय मंत्री परिषद के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आबादी में जनजातियों का हिस्सा एक तिहाई है। इस योजना के क्रियान्वयन से आदिवासी बहुल गांवों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ेगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.45 करोड़ है और देश भर में 705 से अधिक आदिवासी समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर के क्षेत्रों में रहते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन की सीख और सफलता के आधार पर आदिवासी क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। -
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श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना होगी प्रारंभमुख्यमंत्री ने 57 हजार श्रमिकों को 49.43 करोड़ राशि का डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित कीविश्वकर्मा जयंती पर राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र और पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस मौके पर श्रमिकों को विश्वकर्मा दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए 57 हजार से अधिक पंजीकृत परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रूपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में श्रमवीरों को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा शुरू किए गए श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने ढाई से 3 साल तक केंद्र में श्रम राज्य मंत्री के रूप में काम किया। तब श्रमिकों को बहुत ही कम पेंशन राशि मिलती थी। प्रधानमंत्री की पहल पर यह राशि बढ़ाकर एक हजार रूपए की गई। साथ ही प्रोविडेंट फंड बनाकर श्रमिकों को यूनिवर्सल नंबर आबंटित किए गए। इस यूनिवर्सल नंबर के जरिए श्रमिकों को देश के किसी भी स्थान जाने पर इस स्थायी नंबर के जरिए विभिन्न लाभ मिलते हैं। इसी प्रकार श्रमिक भाई पीएफ की राशि क्लेम नहीं करते थे, उन्हें 27 हजार करोड़ रूपए दावा राशि का भुगतान कराया गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार में योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। श्रमिकों को आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। श्रमिकों के बीच अब कोई बिचौलिया नहीं आएगा। श्रमिकों को अब राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए संचालित अनेक कल्याणकारी योजनाएं जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दी थी।मुख्यमंत्री श्री साय उन योजनाओं को पुनः शुरूआत कर रहे हैं। यह श्रमिकों के लिए खुशी का अवसर है। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 235 करोड़ रूपए अलग-अलग योजना के माध्यम से सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रमेव जयते एप और शिकायत निवारण पोर्टल एवं टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। अब श्रमवीरों द्वारा किसी भी समय अपने शंका, समस्या का निवारण घर बैठे कर सकते हैं। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके दम पर ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए हमारी सरकार हमेशा कार्यरत है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के बच्चों के भविष्य व शिक्षा के लिए हमें बेहतर से बेहतर प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहेब, श्रम विभाग के सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलेरमंगई डी., इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, अपर श्रमायुक्त श्रीमती सविता मिश्रा एवं एल.ए. जांगड़े सहित बड़ी संख्या श्रमवीर, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में की घोषणारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर प्रदेश के मेहनतकश श्रमिकों के हित में दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशभर में श्रमिकों को 5 रूपए में भरपेट भोजन मिल सके इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र खोलने की घोषणा की।इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट शिक्षा योजना प्रारंभ करने की घोषणा भी किया। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के बच्चों को श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में ये घोषणाएं की। -
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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल एवं पर्यावरण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के संबंध में दी जानकारीजल संसाधन मंत्री नई दिल्ली में आयोजित 8वें भारत जल सप्ताह कार्यक्रम में हुए शामिलरायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप आज नई दिल्ली के भारत मण्डपम में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित 8वें भारत जल सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए। मंत्री श्री कश्यप ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ में किए गए कार्यों को अन्य देशों से आए प्रतिनिधियों के साथ साझा किया और जल प्रबंधन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से जल संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्भरण बल्कि पर्यावरण, कृषि और विकास से जुड़े अनेक पहलुओं पर चर्चा भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने 8वें इंडिया वॉटर वीक के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि जल के बिना किसी भी जीवन की कल्पना असंभव है। भारतीय सभ्यता में जीवनकाल में और जीवन के बाद की यात्रा में, जल के महत्व को बताया गया है। इसके अनुसार पानी के समस्त स्रोतों को पवित्र माना गया है। हर धार्मिक स्थल, नदी के तट पर स्थित होते है। ताल, तलैया और पोखरों का स्थान समाज के लिए उपयोगी होता है।परंतु वर्तमान समय पर नजर डालें तो, कई बार स्थिति चिंताजनक लगती है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण हमारे नदियों और जलाशयों की स्थिति खराब हो रही है, गांवों के पोखर सूख रहे हैं, कई स्थानीय नदियां विलुप्त हो गयी हैं। कृषि और उद्योगों में जल का दोहन जरूरत से ज्यादा हो रहा है। धरती पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ने लगा है, मौसम का मिजाज बदल रहा है। मानसून में कही अतिवृष्टि हो रही है तो कही सूखे जैसी स्थिति है।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राज्य में सिंचाई विकास का इतिहास बहुत पुराना है। जांजगीर-चांपा जिले में अकलतरा के पास कोटगढ़ में कलचुरी राजा द्वितीय के सामन्त वल्लभ राज (1120 ई.) ने वल्लभसागर नामक तालाब बनवाया था। 1158 ईस्वी में रतनपुर से लगभग 3 किलोमीटर पूर्व में खड्ग तालाब बनाया गया था। इसी प्रकार समकालीन शासकों द्वारा बहुनी, शिवरीनारायण, खरौद एवं सरौद में सुन्दर तालाब खुदवाये गये थे। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में विशेषकर धान उत्पादक क्षेत्र अर्थात रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग इत्यादि क्षेत्रों में जलाशयों एवं नहरों का निर्माण कर सिंचाई कार्य प्रारंभ किया गया।रायपुर जिले में पं. लखन लाल मिश्र जलाशय (पिन्ड्रावन जलाशय) एवं कुम्हारी जलाशय वर्ष 1911 में निर्मित हुए तथा दुर्ग जिले का तान्दुला जलाशय वर्ष 1912 में पूर्ण हुआ। एशिया महाद्वीप में अपने तरह का विशिष्ट साइफन स्पिलवे युक्त मुरूमसिल्ली बांध का निर्माण वर्ष 1923 में हुआ। वर्ष 1927 छत्तीसगढ़ के लिये मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि इसी वर्ष रायपुर जिले में महानदी नहर प्रणाली पूरी हुई। जिला बिलासपुर में खारंग एवं मनियारी जलाशय वर्ष 1931 में निर्मित हुए।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप उद्बोधन के दौरन बताया कि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है जहां 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर आधारित है। प्रदेश में कुल बोया गया क्षेत्र 56.83 लाख हेक्टेयर है तथा निर्मित सिंचाई लगभग 39 प्रतिशत ही है। प्रदेश में वर्ष 2023 की स्थित्ति में 21.57 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का निर्माण किया जा चुका है।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जल संसाधन विभाग आने वाले समय में राज्य की बढ़ती हुई पेयजल एवं सिंचाई आवश्यकताओं के प्रति पूरी तरह सजग है। राज्य में जल के समुचित उपयोग के लिये भी भविष्य की योजनाओं के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके दृष्टिगत नयी परियोजनाओं के सर्वेक्षण, रूपांकन तथा क्रियान्वयन के लिये प्रयास जारी है। जिससे अब तक व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को, जल की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई पेयजल, निस्तारी, उद्योग आदि की आवश्यकताओं की पूर्ति में उपयोग कर राज्य की बेहतरी एवं समृद्धि के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत अहिरन खारंग लिंक परियोजना (पेयजल हेतु), सिकासार-कोडार इंटर लिंकिंग परियोजना, इन्द्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना का सर्वेक्षण, छपराटोला जलाशय नदी पुनर्जीवन हेतु परियोजना एवं पैरी-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है।
वर्तमान में राज्य में जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने हेतु सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई किये जाने हेतु परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। भविष्य में राज्य में नवीनतम सिंचाई पद्धति एवं तकनीकियों का उपयोग किया जा कर कम पानी एवं लागत में अधिक उत्पादन हेतु सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में ‘‘स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024’’ का शुभारंभ 17 सितंबर 2024 को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा जाएगा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मंत्रीगण, विधायकगण, गणमान्य नागरिक, विभिन्न विभागों के सचिव, राज्य एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ विषय पर केंद्रित रहेगा, जिसमें स्वच्छता को समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी मानते हुए इसे उनके स्वभाव और संस्कार का हिस्सा बनाने का प्रयास होगा। शुभारंभ समारोह मे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वच्छताग्रही समूहों को सुरक्षा किट का वितरण किया जावेगा। स्वच्छता ही सेवा अभियान हेतु राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा-निर्मित पोस्टर का अनावरण किया जावेगा, इसके साथ ही स्वच्छता की शपथ ली जाएगी।
शुभारंभ समारोह के पश्चात प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता‘ अतंर्गत 3 मुख्य स्तंभों पर कार्य किया जावेगा। स्वच्छता की भागीदारी के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चत किए जाने का लक्ष्य है। संपूर्ण स्वच्छता-स्वच्छता लक्षित इकाई- (Cleanliness Target Units) के अंतर्गत कचरे एवं गंदे स्थानों को श्रमदान के माध्यम से साफ करते हुए इस प्रकार से रूपांतरित किया जावेगा कि वहां दोबारा गंदगी ना हो। सफाई मित्र सुरक्षा शिविर के अंतर्गत सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच उनका सम्मान समारोह एवं उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ प्रदान किए जाने के कार्य किए जाने हैं। स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता‘ का यह अभियान 02 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती ‘स्वच्छ भारत दिवस‘ पर पूर्ण होगा। -
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देश में 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी होगा महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायरायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) का शुभारंभ किया। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में क्लीन और ग्रीन एनर्जी (Clean and green energy) के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को मंच से साझा किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ राज्य का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सोलर एनर्जी, हायडल एनर्जी, बायोगैस से बिजली के उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में बिजली की खपत 5500 मेगावाट है। प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बिजली का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोतों से किया जा रहा है। इसे आने वाले समय में 45 प्रतिशत तक बढ़ाने का हमारा लक्ष्य है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे जहां अक्षय ऊर्जा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती से निपटने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा के माध्यम से छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा तथा अन्य गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है।प्रदेश के दूरस्थ एवं वनांचलों में स्थित गांवों में जहां बसाहटें काफी बिखरी हुई होती हैं। बसाहटों की दूरी एक दूसरे से दो-तीन किमी तक होती है। बीच में कोई नाला आ गया, कोई छोटी सी पहाड़ी आ गई। ऐसे में बिजली की लाइन खींचना बेहद कठिन होता है और लागत बढ़ जाती है। ऐसे क्षेत्रों में क्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ढाई हजार से ज्यादा शासकीय भवन, आश्रम छात्रावास और स्वास्थ्य केंद्र सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रेडा को वर्ष 2018 में सराहा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ की गई पीएम सूर्यघर योजना से देश का आम आदमी अब बिजली खरीदने वाला नहीं, बिजली बेचने वाला बन जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी इस योजना के उत्साह जनक परिणाम मिल रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में वार्डवार शिविर लगाकर लोगों को इस योजना के संबंध में जागरूक किया जा रहा है और मौके पर ही फार्म भराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भिलाई के बीच चरौदा में रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट लगाया गया है। इस सोलर प्लांट से रायपुर और दुर्ग की लोकल ट्रेन चल रही हैं। इसी तरह बलरामपुर जिले के तातापानी में गर्म जल के प्राकृतिक कुंड हैं। यहां 100 किलो वाट का भूतापीय विद्युत संयंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है। खेती-किसानी में भी सिंचाई के लिए सौर सिंचाई पंपों का उपयोग किया जा रहा है।क्रेडा द्वारा किसानों के खेतों में डेढ़ लाख से ज्यादा सोलर सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं। इसी तरह प्रदेश में सोलर पंप के माध्यम से 230 सौर सामुदायिक सिंचाई संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में लगभग 25 हजार सोलर पेयजल पंप स्थापित किये जा चुके हैं। इनसे साढ़े छह लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छोटे-छोटे लघु जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं, इनसे 75 मेगावाट ऊर्जा मिल रही है। प्रदेश में 37 लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का स्त्रोत है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के स्त्रोत हमेशा मौजूद रहने वाले हैं। पूरी दुनिया इनकी ओर बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में भी हम सब अक्षय ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चौथे ’ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो’ (री-इन्वेस्ट) का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के उर्जा विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद एवं क्रेडा के सीईओ श्री राजेश सिंह राणा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।इस कार्यक्रम में 40 से अधिक सत्र होंगे। री-इन्वेस्ट-24 की थीम ‘मिशन 500 गीगावाट’ है। पहली बार यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है। चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) में ये देश हुए शामिल
एक्सपो समिट में मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हिस्सा रहा हैं। वहीं इस साल प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे जैसे देश भी शामिल हैं। री-इन्वेस्ट समिट दुनिया को भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता को प्रदर्शित करने और बहुपक्षीय वार्ता शुरू करके क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। -
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रायपुर : वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज श्याम नगर स्थित कृष्णा इनफिनिटी बिल्डिंग में रेडेफाईन एस्थेटिक क्लिनिक का शुभारंभ करने के साथ ही क्लिनिक के संचालक डॉ. संदीप कुरेटी को बधाई और शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि इस क्लिनिक के प्रारंभ होने से लोगों को डेंटल सेवाओं के साथ ही स्किन एवं हेयर ट्रांसप्लांट आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी।उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में रायपुर में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होने से छत्तीसगढ़ की नहीं अपितु आस-पास के राज्यों के लाभ भी इलाज के लिए यहां आ रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। इस अवसर पर सेवानिवृत्त अपर संचालक जनसंपर्क श्री एस.आर. कुरेटी सहित डॉ. मीनाक्षी वर्मा, डॉ. नवनीत वर्मा, डॉ. विवेक प्रधान, डॉ. आशीष पटेल, श्री रजनीश मिश्रा, श्री सुरेन्द्र त्रिपाठी, श्री हरीश सिंह ठाकुर, श्री पंकज प्रधान, श्री सुनील कुकरेजा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए नियद नंेल्लानार योजना चलाई जा रही है। इससे क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है। मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। नियद नेल्लानार योजना के तहत स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं और इन सुरक्षा कैंपों की पांच किमी की परिधि में आने वाले गांवों में सरकार की 12कल्याणकारी एवं विकास योकजनाओं के अंतर्गत मूलभूत संसाधन जैसे आवास, पानी बिजली,सड़क, स्कूल आदि सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।मुख्यमंत्री की इस योजना के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को सार्वभैम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते में खाद्यान्न और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बस्तर संभाग के 1335 पकरवरों को घरेलू गैस सिलेंडर मिल गया है, जिससे उनका जीवन सहज और खुशहाल हुआ है। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में 10हजार154 परिवारों का राशनकार्ड बनवाया गया है, जिससे उन्हें सस्ता खाद्यान्न मिलने लगा है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए बस्तर संभाग में नक्सल आतंक से बंद हुए42 प्राथमिक शालाओं को ॅिफर से खुलवाया है। मुख्यमंत्री श्री विश्णुदेव साय की पहल पर विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी टंकी का निर्माण कराकर सोलर मोटरपंप के माध्यम से स्वच्छजल उपलब्ध कराया जा रहा है।इस तरह राज्य सरकार की नियद नेल्लानार योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग क लोगों के जीवन स्तर को उठाने के साथ ही वरदान साबित हो रही है। -
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योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगीराज्य स्तरीय समस्याएं ही मुख्यमंत्री जनदर्शन में आएराजस्व के मामलों का त्वरित निराकरण के निर्देशमुख्यमंत्री ने 8 घंटे चली मैराथन कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में की शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षापीएम जनमन योजना का क्रियान्वयन को दें सर्वोच्च प्राथमिकताभूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में न हो दिक्कतरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कलेक्टर्स आम जनता के हितों को केन्द्र में रखकर संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो। शासन की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। इन योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर जुट कर काम करें। प्रशासन के कार्यों से जनता के मन में शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव उत्पन्न हो।मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर में लगातार 8 घंटों तक चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में ये दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए। लंच ब्रेक को छोड़कर मुख्यमंत्री लगातार बैठक में उपस्थित रहे। कॉन्फ्रेंस में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसवराजु एस., श्री राहुल भगत तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे कार्यों की सराहना होगी और कार्य में लापरवाही बरतने पर कड़ा रूख भी अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टरों के परफार्मेंस की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाएगी और जिलों की रैंकिंग तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी आपको सौंपी गई है उसकी मॉनिटरिंग की जाती है। फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और जिला प्रशासन के कार्यों पर हमारी नजर रहती है। जिले में होनी वाली घटनाओं पर जिला प्रशासन कितनी तत्परता से काम करता है, यह भी देखा जाता है। कलेक्टरों की पहली जिम्मेदारी दंडाधिकारी के रूप में कानून व्यवस्था बनाए रखने की है। विभिन्न संगठनों के साथ संवाद के दौरान यदि असंतोष की कोई बात सामने आती है, तो उसका समाधान स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में गुरूवार को जनदर्शन आयोजित किया जाता है। इसमें अनेक ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं जिनका समाधान तहसील और जिला स्तर पर किया जा सकता है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि रायपुर में होने वाले जनदर्शन में ऐसी समस्याएं ही आएं जिनका समाधान जिला स्तर पर नहीं हो सकता है। जिलों में आम जनता की समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर जनदर्शन का कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किया जाए। नागरिकों तक शासन की योजनाओं की सुगम पहुंच से शासन की छवि बनती है। कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत न आए। प्राथमिकता के साथ इन परिवारों का जाति प्रमाण पत्र बनाए जाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों की पीड़ा को मैंने करीब से महसूस किया है। पीएम जनमन योजना इन जनजातियों के लिए आशा की नई किरण है। इसका क्रियान्वयन पूरी गंभीरता से करते हुए योजनाओं का हितग्राहियों को शत-प्रतिशत लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के बीच जाकर मैं स्वयं पीएम जनमन योजना के क्रियान्वयन का निरीक्षण करूंगा। प्रधानमंत्री जी ने हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रदेश में 8 लाख 46 हजार आवासों की स्वीकृति दी है। जिससे गरीब परिवारों के स्वयं के घर का सपना अब पूरा होगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पहली बार पैरेंट्स टीचर मीटिंग और जनभागीदारी से न्योता भोज की पहल की गई है। स्थानीय भाषा में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की गई है। शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ स्कूलों की इमारत की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। स्कूलों में बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों का निराकरण समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ हो। राजस्व मामलों को हल करने में अमला जितनी तत्परता दिखायेगा, सरकार की छवि भी उतनी ही अच्छी बनेगी। हम जितना तकनीकी नवाचार को बढ़ाएंगे, राजस्व संबंधी भ्रष्टाचार उतना ही घटेगा। डिजिटल क्राप सर्वे, भू नक्शे की जियो-रिफ्रेंसिंग आदि के माध्यम से इस क्षेत्र में पारदर्शिता आयेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से अधिकतम रोजगार के अवसर सृजित हों। जल संचय के कार्यों को बढ़ावा दिया जाए। छत्तीसगढ़ में तालाबों की सुन्दर परंपरा रही है। नये तालाब बनाए जाएं, इससे जल स्तर बेहतर होगा, खेती-किसानी के लिए पानी मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा प्रारंभ की गई अमृत सरोवर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। बस्तर, सरगुजा और मैदानी क्षेत्रों के ऐसे गांव जो मानसून में कट जाते हैं, उन क्षेत्रों के लिए सड़कों का प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो, निजी अस्पतालों में भी मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने में कोई दिक्कत न आए। पीएम जनऔषधि केन्द्र प्राइम लोकेशन पर हो, यहां दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता हो। प्रदेश की बड़ी आबादी शासकीय अस्पतालों पर निर्भर हैं, इसकी व्यवस्था दुरूस्त हो। हेल्थ बजट का उचित उपयोग हो और बुनियादी स्वास्थ्य अधोसंरचनाएं तैयार करने में जीवन दीप समितियों और डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए। डेंगू और मलेरिया को लेकर सतत अभियान चलाया जाए। सिकल सेल के मरीजों को चिन्हांकन और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों में तकनीकी वजहों से कुछ हितग्राहियों को महतारी वंदन योजना की राशि मिलने में दिक्कत आती है, इस पर कलेक्टर नजर रखें। कुपोषण दूर करने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। दलहन-तिलहन और मिलेट्स का रकबा बढ़ाया जाए। उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम हो। शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के क्रियान्वयन, पेयजल, सीवरेज सिस्टम साफ-सफाई के काम पर पूरा फोकस रखें। शहरों में आबादी तेजी से शिफ्ट हो रही है। यहां नागरिक सुविधाओं को नये सिरे से तैयार किया जाए। वनाधिकार पत्रों के आवेदनों पर तेजी से काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पीडीएस का माडल पूरे देश ने अपनाया है। धान खरीदी से लेकर भंडारण, मिलिंग से उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों में राशन की उपलब्धता तक हर स्तर पर बारीक मानिटरिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया गया है। आम आदमी की शिकायतों को हल करने का जितना बेहतर तंत्र हम बना सकेंगे, उससे ही शासन की छवि बनेगी। मुख्यमंत्री जनदर्शन में आये सभी आवेदनों पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। जिले में उपलब्ध संसाधनों और आवश्यकताओं के अनुसार स्किल डेवलपमेंट के लिए कार्य हांे। नियोक्ताओं तक स्किल लेबर की पहुंच सुनिश्चित करें। समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में किसी तरह की दिक्कत न हो, यह भी सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन के कार्यों की मानिटरिंग करते रहें। यदि किसी तरह की दिक्कत आ रही हो तो इसकी जानकारी दी जाए।सामाजिक सुरक्षा पेंशन के भुगतान में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंचित तबके के जीवन का आधार पेंशन की राशि होती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि हितग्राहियों को समय पर पेंशन का भुगतान हो। उन्होंने कहा कि निराश्रित निधि में 400 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध है। दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल और अस्पताल के निर्माण की कार्ययोजना बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करें। नशामुक्ति आज राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। प्रत्येक जिले में नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना कर विशेष अभियान चलाएं।बस्तर ओलंपिक 2024 का होगा आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित और संवेदनशील जिलों की खेल प्रतिभाओं को दुनिया से जोड़ने के लिए बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी इसमें खेल प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। -
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मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा पर्व के आयोजन के सम्बंध में की समीक्षा15 अक्टूबर को मुरिया दरबार का होगा आयोजनद बस्तर मड़ई में बिखरेगी बस्तर की बहुरंगी कला-संस्कृति की छटारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कल शाम यहां अपने निवास कार्यालय 75 दिन तक मनाये जाने वाले देश के ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने इस दौरान बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सर्व संबंधितों को सौंपे गए दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ 4 अगस्त 2024 से शुरू हो गया है, जो कि 19 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। यह दशहरा पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक भावना का महत्वपूर्ण प्रतीक है।मुख्यमंत्री श्री साय को इस दौरान बस्तर दशहरा उत्सव समिति द्वारा इसमें तिथिवार विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिसमें बताया गया कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान 15 अक्टूबर 2024 को मुड़िया दरबार का आयोजन होगा। इसी तरह बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स आपरेटर मीट, देव सराय, स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। बस्तर दशहरा पर्व में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के सम्बंध में भी चर्चा की गई।4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुए ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व 2024 के अंतर्गत 2 अक्टूबर को काछनगादी पूजा विधान, रेलामाता पूजा विधान। 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रतिदिन नवरात्रि पूजा विधान, रथ परिक्रमा पूजा विधान। 12 अक्टूबर को मावली परघाव विधान, 15 अक्टूबर को काछन जात्रा पूजा विधान और मुरिया दरबार, 16 अक्टूबर को कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान, 19 अक्टूबर को मावली माता जी की डोली की विदाई पूजा विधान आयोजित है।
मुरिया दरबार
गौरतलब है कि मुरिया दरबार में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रमुख, नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर संस्कृति, परंपरा और प्रथाओं को सहेजने और सामुदायिक मांग तथा समस्याओं पर विचार करते हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2024 को मुरिया दरबार का आयोजन किया जायेगा। मुरिया दरबार आयोजन के 10 दिन बाद बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, पुजारी, कोटवार, पटेल, मातागुड़ी के मुख्य पुजारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा कई अभिनव पहल की जा रही है। द बस्तर मड़ई के अंतर्गत बस्तर की प्राकृतिक सौन्दर्य, एतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा ष्द बस्तर मड़ईष् की अवधारणा तैयार की गयी है।
बस्तर मड़ई के अंतर्गत 21 सितम्बर को सामुहिक नृत्य कार्यक्रम, 21 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितम्बर को सिरहासार परिसर मैदान में बस्तर नाचा, 27 सितम्बर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितम्बर को बस्तर की कहानियां एवं हास्य कवि सम्मेलन, 30 सितम्बर को बस्तरिया नाचा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। 2 अक्टूबर से बस्तर दशहरा 2024 की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप तथा विधायक द्वय श्री किरण सिंहदेव व सुश्री लता उसेंडी और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, श्री बसवराजू एस, श्री राहुल भगत और सचिव अन्बलगन पी, आयुक्त बस्तर श्री डोमन सिंह, बस्तर कलेक्टर श्री विजय दयाराम, एसपी श्री शलभ सिन्हा उपस्थित रहे। -
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शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धिप्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतनअनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धिरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में राज्य के प्रत्येक वर्ग के लिए खुशियों का पिटारा शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के कार्य को लेकर लगातार प्रतिबद्ध हैं। इसी को लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा।छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रूपए से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 95 हजार रूपए कर दिया गया है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है। इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले और वेतन वृद्धि का ये आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है। -
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विभागों में रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरूपुलिस में 341 विभिन्न पदों की भर्ती के लिएवित्त विभाग ने दी मंजूरीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती के लिए वित्त विभाग द्वारा 341 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें सर्वाधिक 278 पद सब इंस्पेक्टर के हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस बल में भर्ती के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है।स्वीकृत पदों में 19 सूबेदार, 278 उप निरीक्षक, 11 उप निरीक्षक (विशेष शाखा), 14 प्लाटून कमाण्डर, 4 उप निरीक्षक (अंगुल-चिन्ह), 1 उप निरीक्षक (प्रश्नाधीन दस्तावेज), 5 उप निरीक्षक (कम्प्यूटर), और 9 उप निरीक्षक (साइबर क्राइम) शामिल हैं। इन रिक्तियों से छत्तीसगढ़ पुलिस बल की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, जिससे कानून व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा। साथ ही, युवाओं को स्थिर और सम्मानजनक करियर के अवसर मिलेंगे। भर्ती की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी जल्द जारी की जाएगी। -
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नगर की पहचान नागरिकों के विलक्षण गुणों से हो - सांसद श्री अग्रवालकैबिनेट मंत्री व सांसद ने किया 10 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण76 लाख रुपये के विकास कार्यों की मिली मंजूरीरायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा एवं रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय स्थित नगर भवन में आयोजित भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने 10 करोड़ 34 हजार रूपये लागत के विकास कार्यों क़ा भूमिपूजन व लोकार्पण किया। इसमें नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार में 7 करोड़ 3 लाख 98 हजार रुपये के विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं 2 करोड़ 96 लाख 36 हजार रुपये के निर्माण कार्यों का लोकार्पण शामिल है।कार्यक्रम में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पंजीयन प्रमाण पत्र एवं प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के तहत 50 हजार रुपये का चेक वितरित किया गया। सांसद श्री अग्रवाल ने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्री चित्तावर जायसवाल की मांग पर लगभग एक करोड़ 26 लाख रूपये के विभिन्न निर्माण कार्याें का स्वीकृति प्रदान की।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि नगरपालिका को सुंदर, स्वच्छ बनाने में हम सबकी भागीदारी होनी चाहिए। आपसी भाई-चारा के साथ खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी। निर्माण सम्बन्धी विकास कायों के साथ ही सांस्कृतिक विकास पर भी ध्यान देना होगा।
सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि शहरों में निर्माण कार्य लगातार बढ़ रहे हैं। निर्माण के साथ उसका संरक्षण करना भी नागरिकों का कर्तव्य है। नगर की पहचान केवल अच्छी सड़कें, बिजली, पानी की सतत् आपूर्ति ही नहीं बल्कि वहां के नागरिकों के प्रतिभा एवं गुणों से भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर को सुन्दर बनाने में नागरिकों को जिम्मेदारी लेनी होगी। कार्यक्रम को पूर्व विधायक भाटापारा श्री शिवरतन शर्मा एवं नगर पालिका अध्यक्ष श्री चित्तावर जायसवाल ने भी सम्बोधित किया।
विकास कार्याे क़ा हुआ भूमिपूजन व लोकार्पण
अधोसंरचना मद अंतर्गत विभिन्न सी.सी. रोड एवं आर.सी.सी. नाली निर्माण कार्य लागत राशि 5 करोड़, वार्ड क्रमांक 18 एवं 19 में गार्डन चौक से मणिकंचन केंद्र होते हुए रिस्दा रोड तक सीसी रोड निर्माण लागत राशि 98.34 लाख, 15वें वित्त आयोग मद अंतर्गत विभिन्न सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण कार्य लागत राशि 45.90 लाख रुपये, षष्ठी देवी मंदिर के पास सौंदर्यीकरण कार्य 35 लाख रूपये, अधोसंरचना मद अंतर्गत वार्डक्र.-2 तहसील ऑफिस के सामने सौंदर्यीकरण कार्य 24.74 लाख रूपये क़ा भूमिपूजन तथा वार्ड क्र.-10 मण्डी कॉम्प्लेक्स के पास बाह्य विकास कार्य 79.26 लाख रूपये, हाट बाजार निर्माण कार्य 45 लाख रुपए, नगर भवन जीणोद्धार कार्य 92.10 लाख रुपए, राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत पौनी-पसारी निर्माण कार्य 60 लाख रुपए एवं अम्बेडकर चौक के पास सौंदर्यीकरण कार्य हेतु 20 लाख रूपये के कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।
इन कार्याें की मिली स्वीकृतिस्ट्रीट लाईट के लिए 50 लाख रुपये, आर.सी.सी. रोड निर्माण के लिए 66 लाख रूपये एवं सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 10 लाख रुपये शामिल हैं। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव डॉ.सनम जांगड़े, पूर्व विधायक श्रीमती लक्ष्मी बघेल, कलेक्टर श्री दीपक सोनी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अदिति बघमार सहित जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश : पूरी पारदर्शिता से अंतिम पात्रव्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभविकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने ठोस प्रयास करेंमुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा आम जनता और स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जतायीस्कूली छात्राओं को समय पर सायकिल वितरित करने को कहा, इस पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगीमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीयकलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरूरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री जी ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत और श्री पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे। -
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एससी-एसटी वर्ग के लोगों को शासन की योजनाओंसे लाभान्वित करने के निर्देशऑनलाईन समीक्षा के लिए वेबपोर्टल का हुआ प्रस्तुतीकरणनई सरकार के गठन के बाद मंत्री श्री नेताम के अध्यक्षता मेंपहली बार बैठक आयोजितमंत्री ने आदिवासी उप-योजना एवं अनुसूचित जाति उप-योजना के कार्यों कीवित्तीय-भौतिक प्रगति की समीक्षारायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि अनुसूचित क्षेत्र के लिए प्रावधानित बजट के अनुरूप मिलने वाली राशि का शत- प्रतिशत उपयोग संबंधित क्षेत्र के विकास में किया जाए। उन्होंने कहा कि एसटी-एसटी वर्ग के लोगों के विकास में संवदेनशीलता के साथ कार्य करते हुए उन्हें समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। मंत्री श्री नेताम मंगलवार को मंत्रालय में वृहद बैठक में अनुसूचित जनजाति घटक एवं अनुसूचित जाति उपयोजना मदांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में बजट प्रावधान की वित्तीय एवं भौतिक उपलब्धियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री नेताम ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा जो भी राशि उपलब्ध कराई जाती है उसका शत-प्रतिशत उपयोग इस वर्ग के विकास में होना चाहिए। आज भी अनेक क्षेत्रों में बिजली, पक्की सडकें, शुद्ध पेयजल तथा अन्य आधारभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं, जिससे इनका विकास अवरूद्ध है। बहुत से अनुसचित क्षेत्रों में निवासरत लोग पानी में फ्लोराइड एवं आर्सेनिक की अधिक मात्रा के कारण रोगग्रस्त हैं, परन्तु अभी तक उनकी समस्या का सही से निराकरण नहीं हो पाया है। इस संबंध में उन्होनें पीएचई विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। है। नई सरकार के गठन के बाद मंत्री श्री नेताम की अध्यक्षता में पहली बार यह बैठक आयोजित हुई है। उन्होंने संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों के साथ वृहद बैठक कर इन वर्गों के विकास के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मंत्री श्री नेताम ने उप-योजना क्षेत्रों में अधूरे अथवा लंबित निर्माण एवं विकास के कार्यों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों को उप-योजना क्षेत्रों के विकास के लिए स्वीकृत सभी कार्यों को तेजी से पूरा कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 65 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र अनुसूचित जनजाति उप-योजना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। राज्य के लगभग 1100 से अधिक गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य तथा 4000 से अधिक गांव अनुसूचित जनजाति बाहुल्य वाले है। इन क्षेत्रों तथा यहां के लोगों के उत्थान के लिए बीते 3 सालों में एक लाख करोड़ रूपये से अधिक का बजट उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि समय सीमा में बजट का शतप्रतिशत उपयोग हो तथा इसका लाभ उन लोगों को मिले जिसके लिए यह राशि प्रावधानित है। मंत्री श्री नेताम ने उप-योजना क्षेत्रों में विकास एवं निर्माण के कार्यों की सतत् मानिटरिंग एवं समीक्षा के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना की गई है। इसको साकार करने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति एवं कमजोर वर्ग के लोगों का उत्थान तथा अनुसूचित जनजाति उप-योजना क्षेत्र का समग्र विकास जरूरी है। उन्होंने विकास विभाग के अधिकारियों को जनसंख्या के अनुपात में बजट में राशि का प्रावधान किये जाने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के अंतर्गत 5वीं अनुसूची का एक राज्य है। राज्य की 60.55 प्रतिशत भूमि तथा 85 विकासखंड पूरी तरह से पाचंवी अनुसूची के अंतर्गत हैं। राज्य में 29 जिले पूर्णतः या आंशिक रूप से टीएसपी क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं जबकि राज्य का कुल टीएसपी क्षेत्र लगभग 67 प्रतिशत है। इसके अलावा 56 प्रतिशत टीएसपी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या विद्यमान है। राज्य की इसी महत्वपूर्ण स्थिति को देखते हुए राज्य बजट में एसटीसी एवं एससीएसपी हेतु बजट प्रावधान में वर्ष दर वर्ष वृद्धि की गई है। वर्ष 2022-23 में जहां अनुसूचित जनजाति घटक एवं अनुसूचित जाति उपयोजना हेतु कुल बजट में कमशः 27.8 प्रतिशत एवं 8.8 प्रतिशत का प्रावधान था, वहीं 2024-25 में इसे बढ़ाकर कमशः 33.3 प्रतिशत एवं 10.3 प्रतिशत कर दिया गया। विभागवार कुल प्राप्त बजट आवंटन में अनु. जाति जनजाति उपयोजना क्षेत्र हेतु व्यय करने के हिसाब से ऊर्जा विभाग सबसे ऊपर रहा है जिसमें लगभग 99.55 प्रतिशत व्यय किया गया है। इसके बाद आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने व्यय किया है।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि एसटीसी एवं एससीएसपी हेतु इतना बजट प्रावधान होने के बावजूद भी आज अनुसूचित क्षेत्रों में निम्न मानव विकास सूचकांक इनके निम्न जीवन स्तर और समग्र कल्याण के अभाव को दर्शाता है। इस क्षेत्र में विशेषकर महिलाओं में निम्न साक्षरता दर विकास में एक प्रमुख बाधक तत्व है। इसके अलावा पारंपरिक कृषि पद्धतियों पर निर्भरता एवं मुख्यतः आजीविका हेतु वनों पर अधिक निर्भरता होना भी विकास में अवरोधक हो रहा है। अतः उनके समग्र विकास हेतु सभी विभागों को योजनाओं के अभिसरण तथा समुचित कियान्वयन द्वारा शत प्रतिशत योगदान करना चाहिए ताकि इस वर्ग को भी राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ा जा सके। बैठक में टीएसपी, सीएसपी की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा हेतु निर्माणाधीन वेब पोर्टल का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके माध्यम से विभिन्न विभागों की जानकारी आनॅलाइन प्राप्त हो सकेगी।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, सचिव-सह-आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग श्री नरेंद्र दुग्गा, सहकारिता सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के संचालक श्री पी.एस. एल्मा सहित सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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18 सितम्बर तक कर सकते हैं दावा-आपत्तिरायपुर : शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर ने आज सत्र 2024-26 के लिए बी.एड. (विभागीय) अभ्यर्थियों की अनंतिम चयन सूची जारी कर दी है। इसे महाविद्यालय के वेबसाईट www.cteraipur.org एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के वेबसाइट scert.cg.gov.in में अपलोड कर दिया गया है। संबंधित अभ्यर्थी उक्त वेबसाईट में अवलोकन कर सकते हैं।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थी अनंतिम चयन सूची जारी होने के 11 से 18 सितम्बर 2024 तक अपना दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित अवधि के पश्चात् दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने पर विचार नहीं किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं आवेदक की होगी। दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थी शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर के कक्ष क्र. 07 में प्रवेश प्रभारी से 11 से 18 सितम्बर तक कार्यालयीन समय में आवश्यक दस्तावेज के साथ अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। -
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बजट प्रावधान के अनुरूप हो विकास एवं निर्माण केे कामस्वीकृत कार्याको समय-सीमा में पूरा कराएं, ताकि लोगों को उसका लाभ मिलेटीएसपी, डीएमएफ, सीएसआर, प्राधिकरण मद सेगैप फिलिंग के काम को प्राथमिकता देंआदिवासी उप-योजना एवं अनुसूचित जाति उप-योजना के कार्यो कीवित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षारायपुर : आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम में आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय भवन महानदी में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आदिवासी उप-योजना एवं अनुसूचित जाति उप-योजना मद से स्वीकृत कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि सरकार के मंशानुरूप अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।मंत्री श्री नेताम ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा इन वर्गो के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इन वर्गो की भलाई और अनुसूचित जनजाति उप-योजना क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त बजट दिया जाता है। बजट के प्रावधान के अनुरूप विकास एवं निर्माण कार्यो को समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा कराना हम सब की जिम्मेदारी है।
मंत्री श्री नेताम ने उप-योजना क्षेत्रों में कतिपय कारणों से कहीं-कहीं अधूरे अथवा लंबित निर्माण एवं विकास के कार्यो को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को उप-योजना क्षेत्रों के विकास के लिए स्वीकृत सभी कार्यो को तेजी से पूरा कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 65 प्रतिशत क्षेत्र अनुसूचित जनजाति उप-योजना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। राज्य के 1100 से अधिक गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य तथा 4000 से अधिक गांव अनुसूचित जनजाति बाहुल्य वाले है।इन क्षेत्रों तथा यहां के लोगों के उत्थान के लिए बीते 3 सालों में लगभग एक लाख करोड़ रूपये का बजट उपलब्ध कराया गया है। समय सीमा में बजट का शतप्रतिशत उपयोग हो और इसका लाभ उन लोगों को मिले जिसके लिए यह राशि प्रावधानित है। मंत्री श्री नेताम ने उप-योजना क्षेत्रों में विकास एवं निर्माण के कार्यो की सतत् मानिटरिंग एवं समीक्षा के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
मंत्री श्री नेताम ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना की गई है। इसको साकार करने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति एवं कमजोर वर्ग के लोगों का उत्थान तथा अनुसूचित जनजाति उप-योजना क्षेत्र का समग्र विकास जरूरी है।उन्होंने विकास विभाग के अधिकारियों को जनसंख्या के अनुपात में बजट में राशि का प्रावधान किये जाने की बात कही। प्रमुख सचिव आदिमजाति कल्याण विभाग श्री सोनमणि बोरा ने सभी विकास विभाग के अधिकारियों को उप योजना क्षेत्रों के विकास के लिए कार्य योजना बनाते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिये कि, जो भी काम उप-योजना मद के तहत प्रस्तावित किये जाये वह लोगांे के लिए लाभाकारी और उपयोगी हो।
उन्होंने अधिकारियों को नवाचार तथा जनकल्याण के लिए नवीन योजनाओं का प्रस्ताव देने को कहा ताकि उसे बजट में शामिल किया जा सके। बैठक में उप-योजना मद से विभागों को प्रदत्त आबंटन तथा स्वीकृत कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, सचिव-सह-आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग श्री नरेंद्र दुग्गा, सहकारिता सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के संचालक श्री पी.एस. एल्मा सहित सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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राज्य सरकार सुदूर अंचल तक प्रदेश के शत-प्रतिशत गरीब परिवारों को पहुंचा रही राशनआगामी सीजन में धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी दिए निर्देशचालू माह के 30 सितम्बर तक कर लिया धान मिलान का कार्यकस्टम मिलिंग के बाद चावल जमा नहीं कराने वाले राईस मिलों में छापा मारकर किया जाए भौतिक सत्यापनखाद्य अधिकारियों को हर माह 10 राशन दुकानों का जांच करने दिए निर्देशरायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल दास बघेल आज नवा रायपुर स्थित नवीन विश्राम गृह के सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की आज दूसरे दिन मैराथन बैठक लेकर विभागीय काम-काज की प्रगति की समीक्षा की। श्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों, गरीबों और जरूरतमंदों के विकास एवं समृद्धि के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसान समृद्ध होंगे तो देश समृद्ध होगा।अतः किसानों को सहूलियत प्रदान करते हुए उनके उपज की एक-एक दाना खरीदना हमारी जिम्मेदारी है। हमें किसानों के हित में संवदेनशीलता के साथ काम करते हुए उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने इस मौके पर चालू माह के 30 सितम्बर तक पिछले साल खरीदी गई धान का मिलान कार्य अनिवार्य रूप करने के निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य अधिकारियों और निरीक्षकों को हर माह 10 राशन दुकानों जांच करने तथा गड़बड़ी पाए जाने पर सशक्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
खाद्य मंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैैं। किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार अपने किए हुए वायदे के अनुरूप 21 क्विंटल प्रति एकड़ 3100 रूपए के भाव से धान खरीद रही हैं। आगामी खरीफ सीजन में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक इंतजाम शुरू करने को कहा है। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था, धान खरीदी केन्द्रों में इंटरनेट कनेक्शन, कम्प्यूटर और नापतौल उपकरणों को दूरूस्त करने के निर्देश दिए हैं।
खाद्य मंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी के दौरान किसानों से इस बात की शिकायत नहीं आनी चाहिए कि उनसे अधिक धान नहीं खरीदा जा रह है। इसलिए धान खरीदी केन्द्रों के नापतौल के उपकरणों को दूरूस्त कर लिया जाए। उन्होंने राशनकार्ड के वितरण में आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जिन राशनकार्डों का नवीनीकरण नहीं हुआ है। उन राशनकार्डों को विधिवत सत्यापन की कार्यवाही जल्द पूर्ण करना सुनिश्चित करें।खाद्य मंत्री श्री बघेल ने नापतौल विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी राशन दुकानों का सतत् रूप से निरीक्षण करें और राशन दुकानों में कम खाद्यान्न देने अथवा नापतौल संबंधित शिकायतों का जांच कर तत्काल निराकरण करें। उन्होंने वेयरहाउस कार्पोरेशन के कार्यों की समीक्षा में कहा कि खाद्यान्न गोदामों से जो भंडारण होता है उसकी गुणवत्ता एवं वजन की जिम्मेदारी वेयरहाउस कार्पोरेशन के अधिकारियों की है। भंडारण सामग्री की गुणवत्ता एवं वजन में कमी अथवा किसी भी प्रकार की लापरवाही होती है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधकों को समयबद्ध भंडारण के निर्देशित किया।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 22 लाख टन और नागरिक आपूर्ति निगम में 4.5 लाख टन जमा करना शेष है। धान उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए 32 लाख टन जमा करना शेष है। भण्डार गृह में जो धान शेष है उनका तेजी के साथ उठाव और कस्टम मिलिंग का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही कराया जाएगा।मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कस्टम मिलिंग कर एफसीआई और नॉन में जल्द चावल जमा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो राइस मिल में भौतिक सत्यापन का कार्य भी किया जाए। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव श्री बसवराजू एस, खाद्य संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला, मार्कफेड के एमडी श्री रमेश शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी श्री के.डी. कुंजाम वेयरहाऊस कार्पोरेशन, नापतौल शाखा, नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य शाखा एवं जिला विपणन अधिकारी उपस्थित थे। -
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राज्य निर्वाचन आयुक्त ने समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों को समय-सीमा में कार्य करने के दिए निर्देशरायपुर : छत्तीसगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री अजय सिंह की उपस्थिति में आज यहां नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम/उप निर्वाचन दिसम्बर 2024-जनवरी 2025 सम्पन्न कराये जाने हेतु फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार किये जाने के संबंध में राज्य के सभी जिलों से आये उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। आयोग द्वारा सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाता सूची शुद्ध एवं निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।01 जनवरी 2024 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले का नाम मतदाता सूची में आवश्यक रूप से होना चाहिए। इसका जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार करने तथा निर्वाचन से संबंधित सभी कार्य समय-सीमा में करने के निर्देश दिए गए। मास्टर ट्रेनर द्वारा उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के वैधानिक प्रावधान, अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति, कर्तव्य एवं उसके प्रशिक्षण, निर्वाचन नामावली तैयार करने हेतु प्रक्रिया तथा प्रारंभिक निर्वाचक नामावली का प्रकाशन एवं मुद्रण के सबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
इसी तरह प्रशिक्षण कार्यक्रम में दावा आपत्ति प्राप्ति एवं निराकरण, प्रारंभिक निर्वाचक नामावली में आवश्यक संशोधन एवं साफ्टवेयर में प्रविष्टि, निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन एवं मुद्रण, अपील निर्वाचक नामावली प्रेक्षक की नियुक्ति एवं कर्तव्य, राजनैनिक दल हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश एवं निर्वाचक नामावली अभिकर्ता की नियुक्ति तथा निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण हेतु आवश्यक प्रचार-प्रसार (जाबो) के संबंध में विस्तार से बताया गया। आयोग के अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनर द्वारा उप जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पूछे गये समस्याओं का सुझाव भी प्रदान किया गया।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरपालिका आम/उप निर्वाचन 2024 हेतु निर्वाचक नामावाली तैयार करने का कार्यक्रम निम्नानुसार रहेगा। जिसे 2 चरणों में पूरा किया जायेगा। जिसमें प्रथम चरण में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों की नियुक्ति एवं प्रारंभिक प्रारूप निर्वाचक नामावली तैयार करने हेतु कर्मचारियों का चयन एवं नियुक्ति बुधवार 18 सितम्बर 2024 तक, निर्वाचक नामावली तैयार करने हेतु रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/प्राधिकृत कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं भारत निर्वाचन आयोग की 01 जनवरी 2024 की स्थिति में तैयार अद्यतन विधानसभा की निर्वाचक नामावली जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त करना शुक्रवार 20 सितम्बर 2024 तक, विधानसभा की निर्वाचक नामावली स्थानीय निकायवार पृथक कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना शनिवार 21 सितम्बर 2024 तक, प्रचलित परिसीमन के आधार पर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्वाचक नामावली को पंचायतवार एवं भागवार मार्किंग करना, शुक्रवार 27 सितम्बर 2024 तक निर्धारित किया गया है।
इसी तरह वार्डवार एवं भागवार चिन्हित निर्वाचकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से दर्शित वार्ड के संबंधित भाग के अनुभाग में शिफ्ट किया जाना मंगलवार 01 अक्टूबर 2024 तक, निर्वाचक नामावली की चेकलिस्ट (पीडीएफ) तैयार करना शुक्रवार 04 अक्टूबर 2024 तक, चेकलिस्ट (पीडीएफ) की जांच कराना, त्रुटि सुधार कराना सोमवार 07 अक्टूबर 2024 तक, चेकलिस्ट संशोधन पश्चात् प्रारूप निर्वाचक नामावली मुद्रण हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रदाय करना गुरुवार 10 अक्टूबर 2024 तक तथा जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा निर्वाचक नामावली का मुद्रण कराना एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना सोमवार 14 अक्टूबर 2024 तक निर्धारित किया गया है।
इसी तरह द्वितीय चरण में निर्वाचक नामावली का प्रारंभिक प्रकाशन एवं दावे तथा आपत्तियां प्राप्त करना एवं मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को निर्वाचक नामवली उपलब्ध कराना बुधवार 16 अक्टूबर 2024 तक, दावा/आपत्तियां प्राप्त करने की अंतिम तारीख व समय बुधवार 23 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजे तक, दावा/आपत्तियों का निपटारे की अंतिम तारीख मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 तक, प्ररूप क-1 में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि सोमवार 04 नवम्बर 2024 तक तथा प्ररूपः क-1 में प्राप्त दावा का निराक़रण करने की अंतिम तिथि शुक्रवार 08 नवम्बर 2024 तक निर्धारित की गई है।
इसी तरह दावे/आपत्तियों के निराकरण आदेश के विरूद्ध अपील करने की अंतिम तारीख निराकरण आदेश पारित होने के 05 दिवस के भीतर, परिवर्धन, संशोधन, विलोपन के प्रकरणों की प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में करना बुधवार 13 नवम्बर 2024 तक, चेकलिस्ट का निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जांच करवाना तथा पी. डी.एफ. मुद्रण हेतु जिला कार्यालयं को सौंपना शनिवार 16 नवम्बर 2024 तक, अनुपूरक सूची का मुद्रण कराना और अनुपूरक सूची को मूल सूची के साथ संलग्र करना मंगलवार 19 नवम्बर 2024 तक निर्धारित किया गया है तथा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन शुक्रवार 22 नवम्बर 2024 को किया जाएगा।
पंचायत निर्वाचक नामावली तैयार करने जारी कार्यक्रम अनुसार प्रथम चरण में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियो की नियुक्ति एवं प्रारंभिक प्रारूप निर्वाचक नामावली तैयार करने हेतु कर्मचारियों का चयन एवं नियुक्ति बुधवार 18 सितम्बर 2024 तक, निर्वाचक नामावली तैयार करने हेतु रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/प्राधिकृत कर्मचारियों का प्रशिक्षण तथा भारत निर्वाचन आयोग की 01 जनवरी 2024 की स्थिति में तैयार अद्यतन विधानसभा की निर्वाचक नामावली जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त करना शुक्रवार 20 सितम्बर 2024 तक, विधानसभा की निर्वाचक नामावली जनपद पंचायतवार पृथक कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना शनिवार 21 सितम्बर 2024 तक, प्रचलित परिसीमन के आधार पर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्वाचक नामावली को पंचायतवार एवं भागवार मार्किंग करना शुक्रवार 27 सितम्बर 2024 तक निर्धारित किया गया है।
इसी तरह वार्डवार एवं भागवार चिन्हित निर्वाचकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से दर्शित पंचायत के संबंधित भाग के अनुभाग में शिफ्ट किया जाना मंगलवार 01 अक्टूबर 2024 तक, निर्वाचक नामावली की चेकलिस्ट (पीडीएफ) तैयार करना शुक्रवार 04 अक्टूबर 2024 तक, चेकलिस्ट (पीडीएफ) की जांच कराना, त्रुटि सुधार कराना सोमवार 07 अक्टूबर 2024 तक, चेकलिस्ट संशोधन पश्चात् प्रारूप निर्वाचक नामावली मुद्रण हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रदाय करना गुरूवार 10 अक्टूबर 2024 तक, जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा निर्वाचक नामावली का मुद्रण कराना एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना सोमवार 14 अक्टूबर 2024 तक निर्धारित किया गया है।
द्वितीय चरण में निर्वाचक नामावली का प्रारंभिक प्रकाशन एवं दावे तथा आपत्तियां प्राप्त करना बुधवार 24 अक्टूबर 2024 तक, दावे/आपत्तियां प्राप्त करने की अंतिम तारीख व समय बुधवार 29 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजे तक, दावे/आपत्तियों का निपटारे की अंतिम तारीख सोमवार 04 नवम्बर 2024 तक, प्ररूप क-1 में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि शुक्रवार 08 नवम्बर 2024 तक तथा प्ररूप क-1 में प्राप्त दावा का निराकरण करने की अंतिम तिथि गुरुवार 14 नवम्बर 2024 तक निर्धारित किया गया है।
इसी तरह दावे/आपत्तियों के निराकरण आदेश के विरूद्ध अपील करने की अंतिम तारीख निराकरण आदेश पारित होने के 05 दिवस के भीतर, परिवर्धन, संशोधन, विलोपन के प्रकरणों की प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में करना मंगलवार 19 नवम्बर 2024 तक, चेकलिस्ट का निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जांच करवाना तथा पी.डी.एफ. मुद्रण हेतु जिला कार्यालयं को सौंपना शुक्रवार 22 नवम्बर 2024 तक, अनुपूरक सूची का मुद्रण कराना और अनुपूरक सूची को मूल सूची के साथ संलग्न करना सोमवार 25 नवंम्बर 2024 तक निर्धारित किया गया है तथा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन शुक्रवार 29 नवम्बर 2024 को किया जायेगा।
इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, उप सचिव डॉ. नेहा कपूर एवं श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव सहित सभी जिलों से आये उप जिला निर्वाचन अधिकारी गण प्रमुख रूप से उपस्थित थे। -
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प्रकाश फैलाते है: मंत्री श्री टंक राम वर्माबच्चों के जीवन को संस्कारवान करने में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान: सांसद श्री बृजमोहन अग्रवालरायपुर : बच्चे शिक्षकों के मार्गदर्शन से भविष्य में देश के बेहतर नागरिक बनते हैं। हमारे देश मे गुरु पूजन की परम्परा है। गुरु का जीवन मे बहुत महत्व है। गुरु शिक्षा देकर हमारे जीवन के अंधकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते है। गुरु को भगवान और माता-पिता से ऊपर का स्थान दिया गया है। उन्होंने शिक्षक को मानव जीवन निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक बताया।शिक्षक भविष्य निर्माता होते हैं। वे समाज का दर्पण बनकर वास्तविक हालातों से अवगत कराते हैं। व्यक्ति के जीवन के सफलता में शिक्षक का अहम भूमिका होती है। उपरोक्त बातें राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने आज तिल्दा विकासखंड के बी.एन. बी. हायर सेकंडरी स्कूल और कुंदरू स्कूल में आयोजित विकासखंड स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में कहा।सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता, शिक्षक हमेशा अपने ज्ञान और अनुभव से समाज की दशा बदलने और सकारात्मक दिशा देने में महती भूमिका निभाता है। शिक्षक नैतिकता का पाठ पढ़ाते है। बच्चों के जीवन को संस्कारवान करने का कार्य शिक्षक का है। कार्यक्रम को धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा ने भी संबोधित किया।
कुंदरू हाईस्कूल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने 97 शिक्षकों का प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया। इस दौरान कुंदरू के उड़ान महिला संगठन को 50 हज़ार रुपए प्रदान करने की घोषणा की। शिक्षक सम्मान समारोह के बाद मंत्री श्री वर्मा ने गुजरा (भुरसुदा) में 75 लाख रुपए की लागत से निर्मित शाला भवन का लोकार्पण किया।इस अवसर पर जनपद उपाध्यक्ष श्री टिकेश्वर मनहरे अध्यक्ष नगर पालिका लेमिक्षा गुरू डहरिया, उपाध्यक्ष नगर पालिका विकास सुखवानी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्य बी.एन.बी. श्री राजेश चंदानी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं, पालकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी की प्रबंधकारिणी बैठक में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णयरायपुर : भारत की सबसे प्राचीन ज्ञात धम्मलिपि पाली भाषा को छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल करने उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। छत्तीसगढ़ में महारा, माहरा इस जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है, किन्तु जिन महार जाति के लोगों का भू-अभिलेख में माहरा लिखा है, उन्हें महार जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है, इस हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा जाएगा।अनुसूचित जाति में उप वर्गीकरण पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आरक्षण ढांचे और संवैधानिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, इसे दृष्टिगत रखते हुए अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी ने कहा है कि वह आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं है। इसके लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, भारत के संवैधानिक संस्थानों और संबंधित मंत्रालयों को पत्र भेजा जाएगा।
डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी छत्तीसगढ़ की रविवार 8 सितम्बर को हुई प्रबंधकारिणी की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए निहित उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने गंभीर चर्चा की गई। सोसायटी के अध्यक्ष दिलीप वासनीकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति में अनुसूचित जाति-जनजाति के हित संवर्धन हेतु उद्योग सचिव को आवश्यक सुझाव के साथ पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने भविष्य की योजनाओं के संबंध में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराते हुए विस्तारपूर्वक जानकारी दी।महादेव कावरे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर वेलफेयर सोसायटी के लिए चिन्हांकित स्थान/भूमि का भू-आबंटन शासन से कराने हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी दी। संस्था के उपाध्यक्ष के. एन. काण्डे ने पूर्व में लिए गए निर्णय के परिपालन को सुनिश्चित करने की दिशा में अपेक्षित प्रगति लाने प्रमुखता से बात रखी। सार्वजनिक उपक्रमों के ऑल इंडिया अनुसूचित जाति जनजाति फेडरेशन के चेयरमेन एवं वेलफेयर सोसाइटी के उपाध्यक्ष सुनील रामटेके ने अनुसूचित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग शुरू करने की कार्ययोजना को अमल में लाने, किए जाने वाले प्रयास में तेजी लाने पर बल दिया।
उपाध्यक्ष हेमराज कुटारे ने उपयोगी सुझाव दिए। संजय गजघाटे ने अनुसूचित वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार और उद्योग स्थापित करने की दिशा में शासन की योजनाओं की महत्वपूर्ण जानकारी दी। महासचिव कमलेश बंसोड़ ने पिछली बैठक की कार्यवाही विवरण को प्रस्तुत किया। बैठक में सोसायटी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने हेतु अभियान शुरू करने पर चर्चा की गई। वहीं नवागत सदस्यों का स्वागत भी किया गया। कोषाध्यक्ष मदन मेश्राम ने वर्ष 2023-24 के आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया।बैठक में लेखा व्यय विवरण को स्वीकृति देकर अनुमोदन किया गया। बैठक में एक नए संरक्षक सदस्य को बनाने के संबंध में नियमावली में आवश्यक संशोधन कर नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सचिव अशोक ढवले, यू.के. मेश्राम, कैलाशचन्द्र रामटेके, काशीनाथ रंगारे, श्रीमती नेहा वासनीकर, श्रीमती कमलेश मंजू बंसोड़ और अन्य पदाधिकारियों सहित नवागत सदस्यों में भाऊराव उके और अन्य लोगों में ऋषिकांत रामटेके, मीतेश जोशी, बालाराम कोलते आदि उपस्थित थे। -
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पांच तीर्थों के दर्शन के लिए पर जा रहे कार्यकर्ताओं को झंडी दिखा कर रवाना कियाछह दिनों की यात्रा में कार्यकर्ता बनारस, प्रयागराज, चित्रकूट, मैहर की तीर्थ यात्रा करेंगेधरसींवा क्षेत्र के 600 कार्यकर्ता 13 बसों में रवाना हुएरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने अयोध्या, बनारस, प्रयागराज, चित्रकूट, मैहर की पांच तीर्थ यात्रा पर जा रहे रायपुर जिले के धरसींवा क्षेत्र के तीन मंडलों के 600 कार्यकर्ताओं को शुभकामनाओं के साथ रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सिंह ने इन तीर्थ यात्रियों को ले कर जा रही 13 बसों को आज विधानसभा के पास शीतल बाड़ी से झंडी दिखाकर रवाना किया।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शुभ अवसर पर जब भगवान गणेश घर घर में विराजमान हैं आप लोग पांच तीर्थ के दर्शन के लिए जा रहे हैं।छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए रामलला तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ की है। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के समय प्रारंभ की गई तीर्थ यात्रा योजना का विस्तार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने अपने समर्पण और मेहनत से विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनसे किए गए वायदे के अनुसार आज इस क्षेत्र के 600 कार्यकर्ता पांच तीर्थो की यात्रा पर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थों के दर्शन के दौरान श्रद्धालु अपने घर परिवार के साथ छत्तीसगढ़ की खुशहाली, समृद्धि के लिए भी आशीर्वाद मांगें।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और प्रभु राम का ननिहाल है। यहां सदैव खुशहाली हो ऐसी कामना आप सभी तीर्थों के दर्शन के दौरान करें। हम सब आप लोगों को प्रणाम करने के लिए यह आए हैं। आपकी यात्रा मंगलमय हो। इस अवसर पर अतिथियों ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि हम लोग पांच तीर्थों के दर्शन के लिए जा रहे आप लोगों को प्रणाम करने और शुभकामनाएं देने आए हैं। उन्होंने कहा कि आप लोग पुण्य काम में जा रहे हैं आप पर इंद्रदेव की कृपा है। इस पुण्य काम में सहयोग देने वालों को पुण्य भी मिलेगा। आपकी यात्रा मंगलमय हो। तीर्थ दर्शन के दौरान आप छत्तीसगढ़ में सुख, शांति और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करिएगा।
स्वागत भाषण धरसींवा विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा ने दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरी शंकर अग्रवाल ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विधायक गुरु श्री खुशवंत साहेब, पूर्व विधायक श्री देवजी भाई पटेल सहित श्री नितिन अग्रवाल, श्री छगन मूंदड़ा सहित मंडल पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।श्री देवजी भाई पटेल भी कार्यकर्ताओं के साथ पांच तीर्थ यात्रा पर रवाना हुए। -
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मुख्यमंत्री ने किया कृषि के शिल्पकार भगवान श्री बलराम जी कीजयंती को हरवर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वानराजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र मेंमनाया गया किसान दिवसरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि गौ-आधारित प्राकृतिक खेती किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का रास्ता खोलेगी। जैविक खेती से जुड़कर धान के कटोरे के किसान समृद्ध होंगे। जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर स्थानीय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर भगवान श्री बलराम जी की जयंती भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को हर वर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान भी किया। गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले तथा इस क्षेत्र में किसानों को प्रेरित करने वाले उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया।
कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को भगवान श्री बलराम जी जयंती की बधाई और शुभकनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों की समृद्धि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषक कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। इस मंत्रालय के माध्यम से खेती-किसानी की बेहतरी और किसानों की आय बढ़ाने पर काम हो रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यानिकी, मछलीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की भागीदारी बढ़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। भगवान श्री बलराम जी की जयंती के मौके पर राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसान दिवस का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। आज कृषि के क्षेत्र में अनेकों नवाचार हो रहे हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले किसान साहूकार और महाजनों से अत्यधिक ब्याज दर पर पैसे लेने को मजबूर थे। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किसानों की पीड़ा को समझा और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की व्यवस्था की। किसानों को आज निःशुल्क अथवा बहुत की कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो रहे हैं।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के किसानों को दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए किसानों को दिए। 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। सिंचाई सुविधाओं के बढ़ने से किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही हम पुराने सिंचाई परियोजनाओं को दुरस्त करने का भी काम कर रहे है।
अखिल भारतीय किसान संघ के श्री दिनेश कुलकर्णी ने गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज जैविक एवं प्राकृतिक खेती की जरूरत है। मांग के अनुरूप प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए वैचारिक रूप से परिपक्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ-आधारित जैविक एवं प्राकृतिक खेती के संबंध में गीता में उल्लेख है। उन्होंने कहा गौ पालन के लिए भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गौपालन कर लोगों को प्रेरित किया है।कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के बीते इन 10 वर्षों में कृषि के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने किसानों को प्राथमिकता में लेकर किसान हित में नीतिगत् फैसले लिए हैं, जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि आज दौर में हमें मांग अनुरूप हमें गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत हैं, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति और मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व नीतिगत् फैसलों और कार्यों से प्रदेश के किसान आज सामर्थवान बन रहे है। किसान अब खेती-किसानी को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों में अच्छा वातावरण का निर्माण हुआ है।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्री बलराम जी द्वारा कृषि के क्षेत्र में योगदान का स्मरण कराती है। वर्तमान दौर में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर इस जयंती समारोह उद्देश्य को पूरा करने दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कृषि वैज्ञानिकों के रिसर्च और वैज्ञानिक तकनीकियों और सहयोग से गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की और आगे आने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती के फायदे के बारे में भी किसानों को जानकारी होगी तभी भगवान श्री बलराम जी के जयंती का उद्देश्य भी पूरा होगा। स्वागत भाषण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल ने दिया। इस अवसर पर विधायक श्री मोतीलाल साहू, अखिल भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रान्त के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। -
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रायपुर : बालोद जिले के डोंडी थाना परिक्षेत्र के घोटिया गांव के रहवासी प्रधानपाठक देवेंद्र कुमेटी ने शिक्षक दिवस के दो दिन पूर्व फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली थी जिससे शिक्षक जगत व उनके जानने वाले आदिवासी समाज मे पीड़ा व आक्रोश का वातावरण निर्मित हो गया थाआपको बता दे कि कुछ दिनों पहले आदिवासी समाज के एक प्रतिष्ठित परिवार से आने वाले शिक्षक देवेंद्र कुमार कुमेटी ने आत्महत्या की थी । मृतक शिक्षक ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने पूर्व मंत्री मो अकबर सहित तीन अन्य लोगो को अपनी मौत का जिम्मेवार बताया था ! गौरतलब है कि चारो ओर ऐसी चर्चा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन मे वन विभाग में विभिन्न पदों में नौकरी लगाने के नाम पर
पूरे राज्य मे सैकड़ो बेरोजगार नौजवानों को षड्यंत्र कर छला गया था और अब इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना उन आरोपों को प्रमाणित भी कर रही है । देवेन्द्र कुमेटी के आत्महत्या मामले मे बालोद जिले के डौंडी थाने में बीएनएस की धारा 108 के तथत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप मे मो अकबर के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया । वहीं अन्य लोगो के खिलाफ नौकरी के नाम पर 420 ठगी का भी मामला दर्ज हुआ । मामले में 40 से अधिक लोगो से 3 करोड़ 70 लाख से ज्यादा का ठगी करने की शिकायत मिली है ।
इस प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम कहते है कि कांग्रेस सरकार में हुए भीषण भ्रष्टाचार का असर यह है कि आज भी छत्तीसगढ की जनता पूर्व कांग्रेस शासन मे के किए गए कृत्य से लाचार व पीड़ित है । श्री मरकाम ने आगे कहा कि जिन लोगों ने वन विभाग मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी देने के नाम पर लोगो से बड़ी-बड़ी रकम ठगी है व प्रपंच किया है उसका सर्वाधिक शिकार आदिवासी समाज के सरलमना लोग हुए है यही कारण है कि हमारे आदिवासी भाई आज फांसी पर झूलकर आत्म हत्या करने को बेबस हो रहे है ।
विदित हो कि कांग्रेस शासन मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी मे ढ़ेर सारी धांधली व भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है ! सैकड़ो लोगो का कहना है कि छतीसगढ़ राज्य के अनेक भोले-भाले बेरोजगार व गरीब लोग अनेक लोगो से ब्याज मे कर्जा लेकर या अपना सोना-चांदी के जेवर व खेती किसानी की जमीन बेचकर नौकरी पाने के नाम पर बर्बाद हो गए है और आज आलम यह है आए दिन कोई न कोई अपनी अनमोल जान को गंवा रहा है !
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़े आदिवासी नेता मलेश मरकाम ने कहा है कि पुलिस के जाँच के दौरान आदिवासी समाज के शिक्षक के सुसाइड नोट में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के नाम का उल्लेख होना बताता है कि किस प्रकारआदिवासी समाज के कुछ सरल स्वभाव के लोगों को भ्रष्टाचार व लोभ-लालच की दलदल मे धकेला गया और नौकरी देने के नाम का प्रलोभन देकर उनसे व उनके परिचितों से बड़ी रकम जालसाजी करके वसूली गयी जिसका नतीजा आज इतना भयावह व पीड़ादायक हो रहा है ।कांग्रेस सरकार पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधते हूए आदिवासी नेता विदेशीराम ध्रुवे ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पटवारी, शिक्षक, सचिव से लेकर उच्च अधिकारियों पर भीषण दबाव डालकर गलत काम कराए गये थे जिसके परिणाम आज जनता भुगत रही है ।
भाजपा के आदिवासी नेता मंगलू परते का कहना है कि कांग्रेस सरकार में मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक भ्रष्टाचार के अनैतिक खेल मे सम्मिलित थे आज उसी अनैतिकता का सर्वाधिक असर आदिवासी समाज का एक बड़ा तबका भोग रहा है । इन्ही अनैतिक कृत्यों के एक परिणाम के चलते डोंडी के एक सरल सहज आदिवासी समाज के शिक्षक ने बेबस व लाचार होकर आत्महत्या कर लिया और अपने आत्महत्या का जिम्मेवार जिन लोगो को बनाया है उनमे एक नाम पूर्व मंत्री मो अकबर को है ।उल्लेखनीय है कि पूर्व वन मंत्री मो अकबर ने इस प्रकरण पर कहा कि मै इनमे से किसी को भी नही जानता और मेरा इसमे कोई लेना-देना नही है । बहरहाल पुलिस इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण की सूक्ष्म विवेचना कर रही है ताकि सच को सबके समक्ष रखा जा सके।