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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नकली होने के संदेह में जांच हेतु लिए गए कॉस्मेटिक के सैंपल
खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने मारा छापा
रायपुर : खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने बिलासपुर शहर में आधा दर्जन कॉस्मेटिक्स दुकानों का औचक निरीक्षण किया। तेलीपारा स्थित एक कॉस्मेटिक दुकान में मेडिसिन जब्त की गई। बगैर लाइसेंस के वे लगभग 4 साल से औषधि विक्रय का कारोबार चला रहे थे। उनके विरुद्ध औषधि नियमावली 1945 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। वहीं नकली कॉस्मेटिक्स होने के आशंका में 5 दुकानों से नमूना लेकर जांच के लिए रायपुर प्रयोगशाला भेजी गई है।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर बिलासपुर के तेलीपारा, व्यापार विहार एवं मंगला क्षेत्र में आधा दर्जन कॉस्मेटिक दुकानों की सघन जांच की गई। जांच के दौरान मेसर्स संतोष जनरल स्टोर्स, व्यापार विहार, मेसर्स नरेश ट्रेडर्स, व्यापार विहार में कॉस्मेटिक का सैंपल जांच हेतु लिया गया ।इसी प्रकार मेसर्स मां कॉस्मेटिक एवं जनरल स्टोर, मंगला, मेसर्स मनोज फैंसी एंड स्टेशनरी, मंगला बस्ती एवं मेसर्स आदित्य ट्रेडिंग, तेलीपारा, बिलासपुर में कॉस्मेटिक सैंपल गुणवत्ता जांच हेतु लिए गए । आकाश बैंगल्स एवं कॉस्मेटिक, तेलीपारा में बिना औषधि लाइसेंस के औषधियों का भंडारण प्राप्त हुआ । अनुमानित 30 हजार की औषधि जप्त की गई । आठ तरह की औषधि प्राप्त हुई जो की दो कार्टून के बराबर थी । उनके द्वारा औषधीय का भंडारण पिछले 4 वर्षों से किया जा रहा था। खाद्य एवं औषधि अधिनियम नियमावली 1945 की धारा 18 सी एवं 18 ए का उल्लंघन होता है। बाजार में नकली कॉस्मेटिक का भी प्रचलन होने की सूचना होने पर आकस्मिक जांच की गई।
सहायक औषधि नियंत्रक श्री भीष्म देव सिंह कंवर एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन का उक्त कार्यवाही में प्रमुख मार्गदर्शन एवं योगदान रहा । जांच टीम में औषधि निरीक्षक सुनील पंडा, श्रीमती सोनम जैन, अश्विनी कुमार , श्री आशीष कुमार पांडे, कामेश्वरी पटेल एवं श्रीमती नीलिमा साहू शामिल थीं।
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मलेरिया, सिकल सेल और टीबी उन्मूलन के लिए निर्देश
रायपुर : स्वास्थ्य सेवाओं की आयुक्त एवं सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने संयुक्त जिला कार्यालय, दंतेवाड़ा में स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर यहां मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़, सिकल सेल रोग नियंत्रण और टीबी उन्मूलन जैसे विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की। डॉ. शुक्ला ने स्वास्थ्य अधिकारियों से स्पष्ट लहजों में कहा कि शासन का उद्देश्य मलेरिया को पूरी तरह समाप्त करने का है। यह तभी संभव है जब जिला, विकासखंड और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य अमला पूरी सक्रियता के साथ कार्य करंे। उन्हांेने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वयं फील्ड में जाकर मलेरिया अभियान की निगरानी करें।
डॉ. शुक्ला ने कहा कि आरडी किट से जांच के दौरान यदि कोई व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे दवा की पूरी खुराक दी जाए। मितानिनों द्वारा दी गई दवाओं का रैफर जमा किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मरीज ने दवा पूरी कर ली है। इस अभियान में एपीआई दर को 2 प्रतिशत से नीचे लाने का भी लक्ष्य तय किया गया है।
सभी आश्रम शालाओं में नियमित रूप से मलेरिया की जांच हो
बैठक में आश्रम शालाओं की स्वास्थ्य व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। डॉ. शुक्ला ने कहा कि सभी आश्रम शालाओं में नियमित रूप से मलेरिया की जांच सुनिश्चित की जाए। यदि एक भी छात्र को मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो सभी छात्रों की तत्काल स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने सिकल सेल से पीड़ित सभी मरीजों का आभा हेल्थ आईडी बनाने को कहा जिससे उनके इलाज में किसी तरह की बाधा न आए। डॉ. शुक्ला ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पंचायतों में ‘टीबी मित्र’ बनाए जाएं।
स्वास्थ्य संबधी जागरूकता स्थानीय बोली और भाषा से बढाए
उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य संबधी जागरूकता स्थानीय बोली और भाषा में होगी, तब लोग अधिक बेहतर समझ पाएंगे और इलाज के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि “हमारा कार्य केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि रोगों की रोकथाम, जागरूकता और जन विश्वास बनाना भी हमारी जिम्मेदारी है। डॉ. शुक्ला ने जिले में संचालित अन्य स्वास्थ्य योजनाओं जैसे जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण अभियान और कृमि मुक्ति अभियान की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं का प्रथम तिमाही में पंजीयन करना आवश्यक है, क्यूंकि उनकी चार बार जांच होंगी जिससे उच्च जोखिम वाली माताओं का पता चलेगा जिससे होने वाली मातृ मृत्यु को कमी की जा सके।
उच्च जोखिम वाली माताओं का प्रसव उच्च संस्था में ही करवाएं
प्रत्येक माह 9 एवं 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में पंजीकृत गर्भवती माताओं की जाँच आवश्यक रूप से करवाए। उच्च जोखिम वाली माताओं की प्रसव पूर्व फॉलोअप करना अति आवश्यक है और प्रसव उच्च संस्था में ही करें, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। बैठक में कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, अपर कलेक्टर श्री राजेश पात्रे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी, सभी सीएचसी-पीएचसी प्रभारी, मलेरिया, टीबी और सिकल सेल प्रभारी तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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रायपुर : सेंटरिंग प्लेट का निर्माण परम्परागत रूप से पुरूष प्रधान रहा है, लेकिन अब रायगढ़ जिले की 100 स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने लोन लेकर सेंटरिंग प्लेट निर्माण का कार्य शुरू किया है। ये कार्य महिलाओं को न केवल एक स्थिर आय का स्रोत प्रदान कर रहे हैै, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में इनसे निमार्ण एवं विकास कार्य को गति मिली है, और महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हुई हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामूहिक विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया जाता है। रायगढ़ विकास खण्ड में लगभग 100 समूह की महिलाओं ने संकुल एवं ग्राम संगठन से सीआईएफ राशि के तहत 60 हजार रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त किया है। लोन की इस राशि से महिलाओं ने सेंटरिंग प्लेट बनवा कर उसे पीएम आवास सहित गांवों में चल रहे अन्य निर्माण कार्यों के लिए किराये पर उपलब्ध करवा रही हैं। इससे वे अब उद्यमिता की नई राह पर भी बढ़ चली हैं।पीएम आवास से निकला आजीविका का मौका
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास निर्माण में इन सेंटरिंग प्लेट की आपूर्ति होने से निर्माण की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, पीएम आवास निर्माण में भी तेजी आई है।
लखपति दीदी बनने की राह पर अग्रसर
ग्राम पंचायत बनोरा निवासी पुष्पांजलि निषाद ने बताया कि पहले उनके समूह ने बैंक से सामूहिक लोन लेकर इस कार्य की शुरुआत की थी। शुरुआत में उन्होंने छोटे स्तर पर सेंटरिंग प्लेट का निर्माण किया और धीरे-धीरे काम को बढ़ाया। पहले इस काम के लिए उन्हें पर्याप्त वित्तीय मदद नहीं मिल रही थी, लेकिन बिहान योजना के अंतर्गत संकुल स्तरीय संगठन से मिले लोन के बाद उन्होंने इस कार्य को बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। जिससे महिलाएं लखपति दीदी बनने की ओर अग्रसर हो रही हैं।
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रायपुर : राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने रायपुर स्थित पी.जी. उमाठे स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय परिसर में स्वच्छता और सुरक्षा से संबंधित कमियों को देखते हुए डॉ. शर्मा ने चिंता व्यक्त की तथा आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। बाल हितों की रक्षा के दृष्टिकोण से आयोग ने विद्यालय प्राचार्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी को आगामी 22 जुलाई तक स्थिति पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि बच्चों के लिए अनुकूल और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
डॉ. शर्मा ने सभी शासकीय विद्यालयों में स्वच्छ, सुरक्षित एवं प्रेरक वातावरण निर्माण पर बल देते हुए विद्यालय परिसरों को सौंदर्यपूर्ण एवं सकारात्मक परिवेश में रूपांतरित करने का आह्वान किया है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि उनका समग्र विकास निर्बाध रूप से सुनिश्चित किया जा सके।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की किसान हितैषी योजनाओं एवं यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने से खेती-किसानी अब सुविधाजनक हो गई है। शासन की कृषि यांत्रिकीकरण सब-मिशन योजना के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने के लिए वृहद पैमाने पर अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक ग्राम केसला के किसान श्री चोहलदास साहू को धान पैडी ट्रान्सप्लांटर मशीन के लिए 4 लाख 10 हजार रूपए का अनुदान मिला है। कृषक श्री साहू ने बताया कि मशीन की कुल कीमत 9 लाख रूपए है।
पैडी ट्रान्सप्लांटर से रोपा लगाने का काम काफी तेज, आसान और सटीक हो गया है। इससे श्रम और समय दोनों की बचत हो रही है। इसकी मदद से एक दिन में 4 एकड़ भूमि में रोपा लगाया जा सकता है, जिससे खेती का काम पहले की तुलना में काफी तेज हो गया है। इसके उपयोग से फसल की बुवाई में पौधों की दूरी संतुलित रहती है, जिससे बीमारियां कम होती हैं और फसल का विकास बेहतर होता है। श्रमिकों पर निर्भरता भी घटी है और कृषि लागत में कमी आई है। मशीन से रोपा लगाने पर प्रति एकड़ 31 क्विंटल तक धान उत्पादन होता है। कृषक श्री साहू ने बताया कि पैडी ट्रान्सप्लांटर से धान की रोपाई के साथ-साथ अन्य किसानों की जमीन पर भी किराए से रोपा लगाने का कार्य कर रहे हैं। प्रति एकड़ 3,500 रूपए की दर से लगभग 40 एकड़ भूमि पर रोपा लगाने से उन्हें करीब 1 लाख 20 हजार रूपए की अतिरिक्त आय भी हुई है।
शासन की कृषि यांत्रिकीकरण सब-मिशन योजना के तहत किसानों को अनुदान सहायता पर ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, ड्रोन, स्प्रेयर, सीड ड्रिल, मल्चर जैसे आधुनिक कृषि प्रदान किए जा रहे है, जिससे कृषि के क्षेत्र में आसानी और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। राजनांदगांव जिले में वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा किसानों को कृषि यंत्र खरीदने हेतु कुल 3.31 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया है। शासन की इन योजनाओं से किसान अब परंपरागत खेती से आगे बढ़कर तकनीक आधारित आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ रही है और खेती का काम सरल होता जा रहा है।
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प्रदेश में सबसे पहले पूरे किए 25 हजार मकान
रायपुर ; प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत रायगढ़ जिले ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले ने वर्ष 2024-25 में स्वीकृत पीएम आवासों में से प्रदेश में सबसे पहले 25 हजार मकानों के निर्माण को पूर्ण कर इतिहास रच दिया है। आज की स्थिति में जिले में 25,041 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं।
गरीब परिवारों के लिए पक्के घर का सपना अब हकीकत में बदल रहा है। यह संभव हुआ है जिले में योजनाबद्ध और मिशन मोड में किए गए कार्यों के चलते। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में और जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक मिशन मोड में कार्य किया गया। आवास निर्माण की प्रक्रिया को समय-सीमा में पूरा करने के लिए योजनाबद्ध रणनीति अपनाई गई। आवास स्वीकृति के बाद किश्तों का समय पर भुगतान, हितग्राहियों को निर्माण के लिए प्रेरित करना, रॉ-मटेरियल की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा मैदानी अमले की सक्रियता ने इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिले में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण, समस्या समाधान, और ग्राम पंचायतवार प्रगति की समीक्षा की जाती रही। कमजोर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए और आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई। विशेष रूप से गर्मी के महीनों में तेज गति से निर्माण कार्य कर बारिश शुरू होने से पहले अधिकतम आवास पूरे करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बड़ी कुशलता से पूरा किया गया। यह सफलता केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि हजारों गरीब परिवारों के पक्के मकान में रहने के सपने का साकार होना है।
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राज्य की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य की आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड विधेयक 2025 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह विधेयक राज्य के वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने विधेयक के उद्देश्यों, प्रावधानों और इससे होने वाले लाभों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 दस्तावेज तैयार किया है, जिसके अंतर्गत राज्य को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। इसी कड़ी में राज्य की वित्तीय दीर्घकालिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह विशेष फंड स्थापित किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज संसाधनों से होने वाली आय में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्ष 2001-02 से 2024-25 के दौरान खनिज राजस्व में 30 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं पूंजीगत व्यय में भी लगभग 43 गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत तथा वर्ष 2023-24 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय से अर्थव्यवस्था को मल्टीप्लायर इफेक्ट मिलता है, जिससे एक रुपये के निवेश से अर्थव्यवस्था को तात्कालिक रूप से 2.45 रूपए और दीर्घकाल में 3.14 रूपए का लाभ मिलता है। इसी दृष्टिकोण से यह फंड राज्य के पूंजीगत व्यय को सुदृढ़ करने सहायक होगा।
फंड के प्रमुख प्रावधान और लाभ
वित्त मंत्री ने बताया कि यह फंड खनिज संसाधनों से प्राप्त वार्षिक राजस्व का न्यूनतम 1 प्रतिशत और अधिकतम 5 प्रतिशत तक निवेश की व्यवस्था करेगा। फंड से प्राप्त लाभांश को पुनः फंड में निवेश किया जाएगा। इस फंड का उपयोग केवल पूंजीगत व्यय के लिए ही किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में ही मूल राशि से आहरण किया जा सकेगा, वह भी एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत तक। फंड की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत नियम बनाए जाएंगे, जिनमें फंड प्रबंधन, निवेश प्रक्रिया और अनुमति योग्य निवेश साधनों का स्पष्ट निर्धारण किया जाएगा।
राज्य के लिए ऐतिहासिक पहल
श्री ओपी चौधरी ने कहा कि ऐसा फंड बनाने वाला छत्तीसगढ़ संभवतः देश का पहला राज्य है। मुख्य बजट 2025-26 में इस फंड के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा जिला खनिज न्यास निधि का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से दंतेवाड़ा में मेडिकल कॉलेज समेत कई जिलों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
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सामुदायिक निवेश कोष में कोरिया और राजनांदगांव जिला ने महिला समूहों को प्रदान किया शत-प्रतिशत राशि
रायपुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं को छोटे-छोटे व्यवसायिक गतिविधियों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने हर सभंव प्रयास किया जा रहा है। बिहान के अंतर्गत सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) में इस वित्तीय वर्ष में अब तक राज्य के 24 हजार 550 महिला स्व-सहायता समूहों को 147 करोड़ 30 लाख रूपए किए गए है। इसमें से कोरिया और राजनांदगांव जिला द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इन जिलों में लक्षित शत-प्रतिशत समूह को राशि प्रदान कर दी गई है।
गौरतलब है कि सामुदायिक निवेश कोष के तहत इस वित्तीय वर्ष में 42 हजार 275 स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 253 करोड़ 65 लाख रूपए की सहायता पहुुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह लक्ष्य के करीब 58 प्रतिशत की प्राप्ति की जा चुकी है। राज्य में सात जिले ऐसे है जिन्होंने मात्र चार माह की अवधि में 70 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि हासिल कर महिलाओं को लाभान्वित किया है। इसमें से कोरिया जिले की शत-प्रतिशत लक्षित 425 महिला स्व-सहायता समूहों को 60 हजार रूपए प्रति समूह की दर से कुल 2.55 करोड़ तथा राजनांदगांव जिले की भी शत-प्रतिशत लक्षित 628 स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 76 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई है।
इसी प्रकार दंतेवाड़ा जिला में 400 स्व-सहायता समूहों को 2 करोड़ 40 लाख वितरित कर 93 प्रतिशत, सरगुजा में 300 समूहों को 1 करोड़ 80 लाख वितरित कर 90 प्रतिशत, बलौदाबाजार में 2020 समूहों को 12 करोड़ 12 लाख रूपए वितरित कर 86 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिला में 800 समूहों को 4 करोड़ 80 लाख रूपए वितरित कर 77 प्रतिशत और गरियाबंद जिला में 900 स्व सहायता समूहांे को 5 करोड़ 40 लाख रूपए वितरित कर 70 प्रतिशत का वितरण किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि अधिकतर महिला समूह कृषि कार्यों से जुड़े हैं और जून-जुलाई के दौरान उन्हें बीज, खाद, मजदूरी के लिए धन की आवश्यकता होती है। इस राशि के मिलने से उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिली है।
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जनजातियों के संस्कृति, परंपरा और परिवेश के अनुरूप ग्रामीण शैली में हो पीएम आवास का निर्माण
लक्ष्यों को पूर्ण करने प्राथमिकता के साथ योजना के क्रियान्वयन करने के दिए निर्देश
पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, ज़मीनी चुनौतियों और आगामी रणनीति पर हुई विस्तारपूर्वक चर्चा
रायपुर : आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित मुख्य समिति कक्ष में प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनजातीय समुदायों तक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, ज़मीनी चुनौतियों और आगामी रणनीति पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई।
आदिम जाति मंत्री श्री नेताम ने बैठक में कहा कि सबकी सहभागिता और संवेदनशीलता के साथ विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए कार्य किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जनजातियों के हित में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। यह केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। हमें पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए प्राथमिकता के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनजातीय उस घर में रचता-बसता है, इसलिए इस योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए बनने वाले पीएम आवास को उनकी संस्कृति, परंपरा और परिवेश के अनुरूप तैयार किया जाए।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि हमारी सरकार सभी वर्गों के हित में संवर्धन के लिए सुशासन की दिशा में कार्य कर रही है। सुशासन का उद्देश्य है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और बुनियादी सुविधाओं जैसी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। पीएम जनमन अभियान के माध्यम से दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों में परिवर्तन की नई लहर लाई जा रही है। ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ और सबका प्रयास की भावना के साथ हम जनजातीय अंचल को न्याय और विकास से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।मंत्री श्री नेताम ने कहा कि पीएम जनमन योजना के केवल सड़क, पुल, पुलिया मात्र बनाने का नहीं बल्कि यह एक मिशन है। उन वर्गों के साथ समन्वय और समर्पित होकर कार्य करने से ही शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अबुझमाड़िया, बैगा, बिरहोर, कमार और पहाड़ी कोरवा इन पांच जनजाति समूहों को विशेष पिछड़ी जनजाति की श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है। पीएम जनमन योजना के तहत इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के प्रत्येक व्यक्ति और गांवों को सम्पूर्ण रूप से संतृप्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस योजना के लिए प्रदेश के 18 जिलों के 53 विकासखंड के 1541 ग्राम पंचायत चिन्हाकिंत है। इनमें विशेष पिछड़ी जनजातियों के 56 हजार 569 परिवारों में 2 लाख 12 हजार 688 की संख्या शामिल हैं। इनकी कुल बसाहटें 2 हजार 365 हैं।अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत पिछड़ी जनजातियों के परिवारों के लिए 33 हजार 132 आवासों की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 9 हजार 901 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। वहीं 14 हजार से अधिक आवास निर्माण के लिए तीसरी किस्त भी जारी की जा चुकी है, जल्द ही इन आवासों का निर्माण भी पूर्ण कर लिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023-24 में इन वर्गों के बसाहटों में पक्की एवं संपर्क सड़कें निर्माण के लिए 333 कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनकी कुल लंबाई 1170 किलोमीटर है। इनमें 475 किलोमीटर लंबाई की सड़कें पूर्ण करा ली गई है। वही फेस-टू अंतर्गत 299 कार्य की स्वीकृति की दी गई है। इनकी लंबाई 856 किलोमीटर है। बैठक में बताया गया कि योजना के तहत 191 आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान कर संचालित की जा रही है। इसी प्रकार इन वर्गों की स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं। योजना के तहत 1442 बसाहटों में से 989 ग्राम स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा संतृप्त है। वहीं 317 ग्राम मोबाईल मेडिकल यूनिट संतृप्त है तथा 57 और मोबाईल मेडिकल यूनिट की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार 1416 ग्राम भौतिक रूप संतृप्त है। शेष 26 पहुंच विहीन ग्रामों में बाइक मेडिकल यूनिट के लिए तैयारी की जा रही है।
बैठक में मंत्री श्री नेताम ने पिछड़ी जनजातियुक्त बसाहटों में विद्युत व्यवस्था, आश्रम-छात्रावासों के निर्माण, मोबाईल टॉवर की स्थापना, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, वन धन विकास केन्द्रों की स्थापना तथा व्यावसायिक एवं कौशल शिक्षा की प्रगति की भी समीक्षा की।बैठक में आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग विकास विभाग के आयुक्त डॉ सारांश मित्तर, आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक श्री जगदीश सोनकर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचालक श्री तारन प्रकाश सिन्हा सहित सभी संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम चरईडाड़ निवासी श्रीमती जीनत परवीन, वर्ष 2019 से बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं।
श्रीमती जीनत परवीन बताती हैं कि योजना से जुड़ने से पहले वे एक साधारण गृहिणी थीं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत जब उन्हें बैंक सखी के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, तो उन्होंने इसे पूरी लगन और निष्ठा से अपनाया। आज वे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से जुड़ी बैंकिंग सेवाएं अपने गाँव और आसपास के ग्रामीणों तक पहुँचा रही हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को खाता खोलने, पैसा जमा-निकासी, आधार लिंक, सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान और अन्य बैंकिंग सेवाओं में सहायता प्रदान कर रही हैं। उनकी मासिक बैंकिंग लेनदेन की राशि 35 से 40 लाख तक पहुँचती है, जिससे उन्हें नियमित रूप से अच्छा कमीशन के रूप में अच्छी राशि प्राप्त हो जाती है। यह सेवा न केवल उनके लिए रोज़गार का साधन बनी, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामाजिक पहचान का माध्यम भी बनी है। श्रीमती जीनत परवीन बताती है कि इस आमदनी से उन्होंने अपने कई सपने पूरे किए हैं। वर्ष 2022 में उन्होंने अपने लिए एक स्कूटी भी खरीदी, जिससे अब वह आसानी से ग्रामीण क्षेत्र में सेवा प्रदान कर रही हैं। वे बताती है कि बैंक सखी बनने के बाद जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है और अब वे अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
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आधार, आयुष्मान, राशन कार्ड, बीमा और स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ, पोषण वाटिकाएं भी बन रही
रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश में चलाए जा रहे धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति ग्रामों में शासन की योजनाओं का व्यापक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस कड़ी में कोरिया जिले के सोनहत और बैकुंठपुर विकासखंड के इन गांवों में हजारों पात्र परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन, श्रम कार्ड, जॉब कार्ड और बीमा योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
जनपद पंचायत सोनहत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि विकासखंड में 2,626 लक्षित परिवारों और 9,320 जनसंख्या के लिए शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य जरूरी योजनाओं से फायदा पहुंचाने के लिए आवेदन लिया गया है, मनरेगा जॉब कार्ड, जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा बीमा योजना जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना के तहत 85 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 28 स्वीकृत हुए, 7 अपात्र पाए गए और शेष प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, 111 जाति प्रमाण पत्र और 100 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को भी ग्रामीणों तक पहुँचाया जा रहा है। टीबी एवं सिकलसेल की जांच की जा रही है और जरूरतमंदों को उपचार से जोड़ा जा रहा है साथ ही आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क जाँच उपरांत दवाई वितरण भी किया जा रहा है। बैकुंठपुर एसडीएम से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड में अब तक 23 क्षय रोग के सक्रिय मरीज चिन्हित किए गए हैं। वहीं, 391 जाति प्रमाण पत्र, 361 निवास प्रमाण पत्र और 269 राशन कार्ड बनाए गए हैं। पोषण सुरक्षा की दिशा में 2,837 पोषण वाटिकाएं भी तैयार की गई हैं। साथ ही, मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। अभियान की प्रगति की ऑनलाइन निगरानी के लिए धरती आबा पोर्टल बनाया गया है। अभियान का उद्देश्य दूरस्थ आदिवासी अंचलों के पात्र परिवारों को सीधे शासन की योजनाओं से जोड़ना है, ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
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जनजातीय जीवन शैली की हुबहू प्रस्तुति से हुए प्रभावित
केन्द्रीय मंत्री ने जनजातीय संग्रहालय का किया अवलोकन
रायपुर : छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली पर आधारित जनजातीय संग्रहालय का केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास उइके ने अवलोकन किया और नवा रायपुर में बनाए गए इस संग्रहालय में आदिवासी जीवन शैली के प्रस्तुतीकरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय के जरिए छत्तीसगढ़ की सांस्कृति विरासत विश्व पटल पर स्थापित होगी। इससे जनजातीय युवाओं में अपनी संस्कृति के प्रति आत्मगौरव का भाव जगेगा। इस अवसर पर आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री श्री राम विचार नेताम भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय जनजातीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग के हित में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से जनजातियों के संर्वागीण विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना में यह प्रयास मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने संग्रहालय के निकट ही बनाए जा रहे शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय के निर्माण की समीक्षा की। इस संग्रहालय के लिए केन्द्र सरकार ने 45 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है। इस संग्रहालय को आगामी 30 सितम्बर तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रमुख सचिव श्री बोरा ने इस दौरान संग्रहालय में प्रयुक्त डिजीटल एवं एआई तकनीक के संबंध में जानकारी दी। बैठक में टीआरटीआई के संचालक श्री जगदीश कुमार सोनकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।संग्रहालय में 14 गैलरियों में जनजातीय जीवनशैली के विभिन्न अवसरों का है झलकियां
जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय संस्कृति, जीवनशैली और परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए 14 गैलरियों का निर्माण किया गया है। संग्रहालय के अलग-अलग गैलरियों में जनजातीयों के परंपरागत वाद्ययंत्रों, आवास एवं घरेलू उपकरण, शिकार उपकरण, उनमें कृषि की परंपरागत तकनीकें एवं उपकरणों का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। इसी प्रकार लौह निर्माण, रस्सी निर्माण, फसल मिंजाई, कत्था निर्माण, चिवड़ा-लाई निर्माण, मंद आसवन, अन्न कुटाई व पिसाई, तेल प्रसंस्करण हेतु उपयोग में लाने जाने वाले उपकरणांे व परंपरागत तकनीकों को दर्शाया गया है। संग्रहालय में सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत अबुझमाड़िया में गोटुल, भुंजिया जनजाति में लाल बंगला, जनजातियों में परम्परागत कला कौशल जैसे बांसकला, काष्ठकला, चित्रकारी, गोदनाकला, शिल्पकला आदि प्रदर्शित किए गए हैं।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों में आज एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ी है। कोलकाता में चल रहे ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी विशिष्ट और समृद्ध विरासत के साथ शानदार उपस्थिति दर्ज करायी। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने कोलकाता के टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट को छत्तीसगढ़ के टूर पैकेज के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला के साथ मंच साझा किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ जैसे समृद्ध राज्य को भारत के इस प्रमुख पर्यटन मंच पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय परंपराओं, ऐतिहासिक स्थलों और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। छत्तीसगढ़ को आज भी ‘अनदेखा भारत‘ कहा जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी, सिरपुर, बस्तर का धुड़मारास के साथ-साथ भोरमदेव, डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा आदि धार्मिक स्थलों का उल्लेख किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के टूर ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने पर्यटन पैकेज में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करें।
उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को अब उद्योग का दर्जा प्राप्त है और पर्यटन क्षेत्र में होमस्टे, रिसॉर्ट्स, ट्राइबल और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। हमारा उद्देश्य केवल पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास को भी मजबूत करना है। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि कोलकाता में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्थायी सूचना केंद्र स्थापित किया गया है, जिससे कोलकाता के टूर ऑपरेटर्स और पर्यटकों को सीधी और सुविधा-सम्पन्न सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस मौके पर कोलकाता के 50 टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट पंजीकृत हुए।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य ने उपस्थित अतिथियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर के समक्ष प्रेजेंटेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सुंदरता,संस्कृति एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा टूरिज्म को लेकर लिए गए निर्णय से भी अवगत कराया। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा जी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि भारत को समझने के लिए छत्तीसगढ़ को जानना जरूरी है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि छत्तीसगढ़ आइए, इसे महसूस कीजिए और भारत की आत्मा से मिलिए।इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा की उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री नासिर असलम वानी,थाईलैंड की महावाणिज्यदूत सुश्री श्रीपोन तांतिपन्याथेप के साथ ही वेस्ट बंगाल टूर ऑपरेटर एवम ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन कोलकाता के लगभग 500 से भी अधिक सदस्य उपस्थित थे।
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कर्तव्य में लापरवाही बरतने का मामला
रायपुर : जशपुर कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने प्रभारी अधीक्षक, शासकीय अनुसूचित जनजाति बालक आश्रम, बगिया ठाकुर दयाल सिंह को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने यह कार्यवाही कक्षा तीसरी में अध्ययनरत छात्र अमृत साय के सर्प दंश की सूचना उच्चाधिकारियों को विलंब से देने तथा आश्रम छात्रावास परिसर की देख-रेख करने में लापरवाही बरतने के मामले में की है।
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रायपुर : प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 7 जुलाई 2025 की स्थिति में किसानों को 8 लाख 35 हजार 692 मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 57 प्रतिशत है। वितरित किए गए उर्वरक में 04 लाख 409 मीट्रिक टन यूरिया, 01 लाख 14 हजार 276 मीट्रिक टन डीएपी, 01 लाख 41 हजार 064 मीट्रिक टन एनपीके, 46 हजार 463 मीट्रिक टन पोटाश तथा एक लाख 33 हजार 480 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण किया गया हैं।
गौरतलब है कि इस खरीफ सीजन में राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से किसानों को 14.62 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरूद्ध अब तक 12 लाख 60 हजार 731 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध 8 लाख 35 हजार 692 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों को सुगमता पूर्वक खाद का वितरण सोसायटी और निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। किसानों को किसी प्रकार से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खाद बीज वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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राज्य में बीज की मांग का 116 प्रतिशत है
रायपुर : चालू खरीफ सीजन में राज्य के किसानों को सरकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों के लिए 5 लाख 76 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज प्रदाय किए जा चुके है, जो कि राज्य में बीज की मांग का 116 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि राज्य में खरीफ की विभिन्न फसलों के बीज की कुल मांग 4.95 लाख क्विंटल है, जिसके विरूद्ध समस्त स्त्रोतों से 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज भण्डारण कर किसानों को अब तक 5 लाख 76 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए गए हैं। इसमें 5 लाख 57 हजार 229 क्विंटल धान बीज, 10 हजार 246 क्विंटल मक्का, 1898 क्विंटल अरहर, 2597 क्विंटल सोयाबीन तथा 4339 क्विंटल अन्य खरीफ फसलों के बीज शामिल है।
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रायपुर : कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति श्री महादेव कावरे ने आज विश्वविद्यालय परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बालक एवं बालिका छात्रावास, मेस, कैंटीन, आवासीय परिसर, अतिथि गृह तथा निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का जायजा लिया।
कुलपति श्री कावरे ने छात्रावासों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने और आवश्यक मरम्मत कार्य तत्काल कराने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावास भवनों को यूजीसी और शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आधुनिक स्वरूप देने, रिक्रिएशन हॉल एवं पालकों के लिए व्यवस्थित अतिथि कक्ष की सुविधा विकसित करने के लिए कहा। साथ ही छात्रावासों में अतिरिक्त सीटें बढ़ाने तथा खेल सुविधाओं के विस्तार के निर्देश भी दिए। खेल अधोसंरचना के संबंध में कुलपति ने बैडमिंटन कोर्ट की फ्लोरिंग की मरम्मत, वॉलीबॉल, लॉन टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट के लिए स्थान चिन्हित करने तथा गार्डन क्षेत्र में ओपन जिम विकसित करने की बात कही। उन्होंने खेल मैदान की सफाई और खेल विभाग के सहयोग से अन्य आवश्यक खेल सुविधाएं विकसित करने के निर्देश भी दिए।निरीक्षण के दौरान परिसर में मौजूद पुराने व जर्जर फर्नीचर और उपकरणों की मरम्मत या अपलेखन करने तथा संसाधनों की पूर्ति के लिए नियमानुसार क्रय प्रक्रिया अपनाने के निर्देश कुलपति ने संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने छात्रावास प्रभारियों को स्वच्छता एवं पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। परिसर की हरियाली और सौंदर्यीकरण के लिए कुलपति ने एनआईटी रायपुर के आर्किटेक्ट विभाग के शिक्षकों और विद्यार्थियों की मदद लेने, साथ ही छत्तीसगढ़ हार्टिकल्चर सोसायटी, प्रकृति की ओर जैसी संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करने की बात कही। उन्होंने आवासीय परिसर में आवश्यक सिविल वर्क का शीघ्र प्राक्कलन तैयार करने तथा अतिथि गृह को शीघ्र व्यवस्थित कर प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर कुलपति श्री कावरे ने निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का निरीक्षण भी किया और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देशित किया। विश्वविद्यालय परिसर के समस्त मेंटनेंस कार्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता श्री अभिनव श्रीवास्तव, कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहल
रायपुर : रायपुर, 05 जुलाई 2025/राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।
छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।
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प्रेम को प्रकृति के साथ जोड़ता है एक पेड़ माँ के नाम अभियान : मंत्री श्री कश्यप
गौपालक किसानों व मत्स्य सहकारी किसानों को रुपे केसीसी कार्ड एवं डेयरी सोसायटियों को माइक्रो एटीएम वितरित कियारायपुर : सहकारिता एवं जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में शामिल हुए। संगोष्ठी नवा रायपुर, अटल नगर में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) परिसर में आयोजित की गई। उन्होंने इस अवसर पर एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत परिसर में पौधरोपण किया। मंत्री श्री कश्यप ने इस मौके पर गौपालक तथा मत्स्य पालक किसानों को रुपे केसीसी कार्ड और दुग्ध सहकारी समितियो को माइक्रो एटीएम वितरित किया।
मंत्री श्री कश्यप ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है और माँ के प्रति हमारी श्रद्धा। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अनूठा तरीका भी है। माँ और प्रकृति दोनों ही जीवनदायिनी हैं, पोषण करती हैं, और बिना किसी स्वार्थ के अपनापन देती हैं ।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना माँ के प्रेम को प्रकृति के साथ जोड़ता है। यह एक जीवंत श्रद्धांजलि है, जो न केवल माँ के प्रति हमारी भावनाओं को व्यक्त करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उपहार है। उन्होंने कहा कि यह अभियान, ‘सहकारिता‘ के साथ, भारत में सामाजिक और पर्यावरणीय उत्थान के लिए महत्वपूर्ण पहल है। ये सामूहिक भागीदारी और सामूहिक जिम्मेदारी पर आधारित हैं, और इनकी मूल भावना सहयोग, संरक्षण और समाज में योगदान देने की है। ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ पहल की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की गई थी। इसका उद्देश्य माताओं की स्मृति में पेड़ लगाने को प्रोत्साहित करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। यह अभियान प्रकृति और मातृत्व के बीच समानता को रेखांकित करता है , क्योंकि दोनों ही जीवन का पोषण करते हैं ।
अपेक्स बैंक के प्राधिकृत अधिकारी श्री केदार नाथ गुप्ता ने कहा कि इस अभियान का संदेश है - ‘माँ के लिए एक पेड़, धरती के लिए एक कदम‘ इस संदेश के साथ सभी सहकारी समितियों को इस नेक कार्य में हिस्सा लेने और अपनी माँ के प्रेम को प्रकृति के साथ जोड़ने का आह्वान किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि पैक्स सोसायटियो को मजबूत किया जाए।
अपर मुख्य सचिव, सहकारिता, छत्तीसगढ़ शासन श्री सुब्रत साहू ने राज्य स्तरीय सहकारी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में ‘सहकार से संमृद्धि‘ अंतर्गत अनेक कार्यक्रम व नवाचार सहकारिता के माध्यम से किये जा रहे हैं, जिसमे सहकारिता क्षेत्र की इकाई-समितियो को बहुउद्देशीय बनाना व इस आंदोलन को और विस्तारित करना है। सहकारिता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए 2021 में केंद्र सरकार द्वारा पृथक से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जो इस आंदोलन के प्रति सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री शशिकांत द्विवेदी, सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. सी आर प्रसन्ना, आयुक्त सहकारिता श्री कुलदीप शर्मा, एमडी अपेक्स बैंक श्री के एन कांडे, अपर आयुक्त श्री एच के दोषी सहित जिला सहकारी बैंको, मार्कफेड, लघुवनोपज तथा एनसीडीसी तथा बड़ी संख्या में अपेक्स बैंक, जिला सहकारी बैंकों, जिला सहकारी संघ के अधिकारी गण मौजूद थे।
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जल जीवन मिशन के माध्यम से 73 ग्रामीण परिवारों को घर पर नल से पेयजल उपलब्ध
रायपुर : राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजना जल जीवन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन से राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज में पेयजल संकट का समाधान हुआ है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरूण साव के मार्गदर्शन में जल जीवन मिशन के अंतर्गत इन ग्रामों में पाइपलाइन विस्तार कार्य पूर्ण कर प्रत्येक घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
ग्राम पंचायत चारभाठा के आश्रित ग्राम बंजारी में 39 तथा फत्तेगंज में 34 परिवार निवासरत हैं, जहां पूर्व में पेयजल का एकमात्र स्रोत हैंडपंप ही था। गर्मी के मौसम में जलस्तर गिरने के कारण ग्रामीणों को पेयजल हेतु लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। विशेषकर महिलाओं को दैनिक उपयोग हेतु पानी लाने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, जिससे उनका अधिकांश समय पेयजल संग्रहण में व्यतीत होता था। उक्त समस्या के स्थायी समाधान हेतु जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम बंजारी में 950 मीटर एवं फत्तेगंज में 750 मीटर पाइपलाइन बिछायी गई। सौर ऊर्जा आधारित पम्प प्रणाली के माध्यम से इन ग्रामों में 24 घंटे नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में ग्रामों को हर घर जल घोषित किया गया है। इस योजना से ग्रामीणों की दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव आया है। अब पेयजल व्यवस्था में लगने वाला समय अन्य रचनात्मक एवं आर्थिक गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हुई है तथा जीवन स्तर में सुधार हुआ है।ग्राम की निवासी श्रीमती निर्मला साहू एवं श्रीमती अंजू सिन्हा ने बताया कि पूर्व में पेयजल की व्यवस्था हेतु दिन का अधिकांश समय खर्च होता था, जिससे बच्चों की देखभाल एवं उनकी शिक्षा पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाती थीं। अब घर में ही नल से जल उपलब्ध होने से बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलने लगा है, जिससे शैक्षणिक प्रगति भी हुई है। जल जीवन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन से ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज में न केवल पेयजल संकट का समाधान हुआ है, अपितु सामाजिक और शैक्षणिक विकास को भी गति मिली है।
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गुणवत्ता युक्त खाद-बीज से खरीफ सीजन की तैयारी में दिखा उत्साह
रायपुर : खरीफ 2025 की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ के खेतों में हरियाली की उम्मीदें पल्लवित होने लगी हैं। राज्य शासन के निर्देश पर सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है, जिससे कृषक समुदाय में उत्साह का वातावरण है। कोरबा जिले के करतला विकासखंड अंतर्गत बांधापाली निवासी कृषक श्री मानकुमार ने खाद-बीज वितरण व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि इस वर्ष मानसून की समय पर आमद तथा सहकारी समिति से खाद एवं बीज की समय पर उपलब्धता ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें बाजारों की ओर नहीं देखना पड़ता, न ही लंबी कतारों में लगने की जरूरत है। समिति में सहज और सुव्यवस्थित रूप से यूरिया, एनपीके एवं सुपर फॉस्फेट जैसे उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
कृषक श्री मानकुमार ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष 10 एकड़ में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। खेतों की जुताई पूर्ण हो चुकी है और हाल ही में क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश से रोपाई का कार्य भी आरंभ हो गया है। खाद-बीज की समय पर उपलब्धता के कारण वे पहले से बेहतर उत्पादन की तैयारी में जुटे हैं। रियायती दर पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्राप्त होने से उन्हें आर्थिक संबल भी प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि वर्षों बाद ऐसा समन्वय देखने को मिला है जब समय पर वर्षा और समय पर उर्वरकों की आपूर्ति दोनों एक साथ हो रही है। इससे किसानों के मन में नई उम्मीदें जागी हैं और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रति विश्वास और गहरा हुआ है। शासन के निर्देश पर समितियों को पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो। खाद-बीज की समय पर उपलब्धता न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगी। कृषक श्री मानकुमार जैसे अनेक किसान अब खरीफ की तैयारी में आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं और आशा है कि यह मौसम उनकी मेहनत को समृद्धि में बदल देगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने कार्ययोजना जरूरी
रायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव एवं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में आज संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में प्रभारी सचिव श्रीमती कंगाले ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने जिले में ईको-टूरिज्म की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इस दिशा में एक समग्र एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रभारी सचिव ने राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए अविवादित, विवादित नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार सहित लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि इन समुदायों को शासन की मुख्यधारा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा में उन्होंने निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने तथा लक्ष्यानुरूप प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मनरेगा अंतर्गत संचालित गतिविधियों एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी ली गई।
बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने पूर्व पंजीकृत कृषकों का अद्यतन पंजीयन भारत सरकार के निर्देशानुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए तथा शिक्षकों को समय-समय पर आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि परीक्षा परिणामों में निरंतर सुधार हो सके। बैठक में जल जीवन मिशन, खाद-बीज आपूर्ति, सौर सुजला योजना, उद्योग विभाग की योजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन, रेशम विभाग की गतिविधियों तथा रोजगार सृजन कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने जिले की प्रमुख उपलब्धियों, विकास कार्यों, सामाजिक-आर्थिक संरचना, स्थानीय चुनौतियों एवं प्रशासनिक प्रयासों की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु किए गए प्रयासों से अवगत कराया। वनमण्डलाधिकारी श्री आलोक कुमार बाजपेयी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के अंतर्गत किए जा रहे पौधारोपण कार्यों की जानकारी दी तथा बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु जनभागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने हाथियों द्वारा प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा वितरण एवं ईको-टूरिज्म विकास की दिशा में उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, अपर कलेक्टर श्री आर.एस. लाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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रायपुर : वर्षा ऋतु में खाद्य जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु बलौदाबाजार जिले में खाद्य पदार्थों की सतत निगरानी की जा रही है। इसी कड़ी में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा बलौदाबाजार विकासखंड अंतर्गत ग्राम अर्जुनी स्थित 8 प्रतिष्ठानों में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री उमेश वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को की गई जांच कार्रवाई के दौरान कुल 45 खाद्य नमूने लिए गए। जांच में एक प्रतिष्ठान में विक्रय हेतु रखे गए बूंदी लड्डू और जलेबी अवमानक स्तर के पाए गए। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 4 किलोग्राम जलेबी एवं 3 किलोग्राम बूंदी लड्डू का मौके पर ही नष्टीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी और जांच अभियान चलाया जा रहा है, ताकि बरसात के मौसम में मिलावटी और खराब खाद्य पदार्थों की बिक्री पर नियंत्रण रखा जा सके एवं आमजन को सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।
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रायपुर : प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस समारोह हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गरिमापूर्वक मनाया जाएगा। अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन की तमाम तैयारियों के संबंध में अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में स्वतंत्रता दिवस के आयोजन की तैयारियों के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन प्रातः 9 बजे से होगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह की विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर शानदार परेड का आयोजन होगा।समारोह स्थल पर परेड कार्यक्रम में भाग लेने वाली टूकड़ियों के निर्धारण एवं रिहर्सल हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल द्वारा पुलिस महानिदेशक के मार्ग दर्शन में सभी आवश्यक तैयारियां एवं व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह से यातायात, पार्किंग, टैªफिक एवं सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक रायपुर द्वारा की जाएगी। कार्यक्रम स्थल पर साफ-सफाई की व्यवस्था तथा मंच/पंडाल व्यवस्था और बैठक व्यवस्था का निर्धारण आयुक्त नगर पालिक निगम रायपुर के द्वारा की जाएगी। स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों का निर्धारण स्कूल शिक्षा विभाग तथा संास्कृतिक विभाग द्वारा किया जाएगा। जिला एवं तहसील स्तर पर आयोजित किए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों के निर्धारण के संबंध में शीघ्र ही निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। इसी तरह से स्वतंत्रता दिवस समारोह के संबंध में अन्य विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन, गृह विभाग की सचिव श्रीमती नेहा चंपावत, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. रवि मित्तल सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा पाँच जिलों में जमीनी हकीकत का लिया जायजा
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने 3 दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान 5 जिलों नारायणपुर, बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा का सड़क मार्ग से दौरा किया। उन्होंने हर जिले में अलग-अलग स्तरों पर आमजन, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, सुरक्षा बलों और विद्यार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद करते हुए शासन की योजनाओं की प्रगति को देखा और ज़मीनी हकीकत जानी।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपनी यात्रा की शुरुआत अबूझमाड़ के अति संवेदनशील ग्राम इरकभट्टी से की, जहाँ उन्होंने सुरक्षा बलों के कैम्प में जवानों से मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्हीं की दृढ़ता और निष्ठा से आज बस्तर में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।
उन्होंने इरकभट्टी आश्रम का निरीक्षण किया और स्कूली बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। इसके पश्चात प्राथमिक शाला में पहुँचकर बच्चों से आत्मीय संवाद किया, उनका परिचय लिया और उन्हें मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। जनचौपाल में ग्रामीणों से संवाद करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि अबूझमाड़ जैसे क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को रोकने वाली शक्तियाँ अब प्रभावहीन हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप सभी योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाना हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने सीएससी सेंटर खोलने, राशन और महतारी वंदन योजना की राशि गाँव में ही मिलने की व्यवस्था और महिलाओं के लिए चावल की ब्रांडिंग की पहल की जानकारी दी। आत्मसमर्पित नक्सलियों से पुनर्वास केंद्र में चर्चा करते हुए उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ उन तक सुनिश्चित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास, एक्सपोजर विजिट, देशभक्ति फिल्मों और नियमित आय के स्रोतों से जोड़ने की बात कही। इसके पश्चात जिले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक लेकर शासन की योजनाओं की जानकारी मांगी।
अगले दिन बस्तर के जगदलपुर में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियो के साथ चर्चा की उसके बाद बीजापुर जिले में उपमुख्यमंत्री ने शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ 14 बंद पड़े स्कूलों को पुनः प्रारंभ किया गया और दो नए स्कूलों का उद्घाटन किया गया। बच्चों को बैग, किताबें, गणवेश और प्रवेश प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा की रोशनी गाँव-गाँव तक पहुँचे, यही सरकार का सपना है और उसे पूरा करने का संकल्प हम सबने लिया है।
भैरमगढ़ के फुंडरी गाँव में निर्माणाधीन उच्चस्तरीय पुल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जताई और समयबद्धता व गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों से मिलकर उनके साहस और सेवाभाव की सराहना की, कहा कि उनका योगदान इस पूरे क्षेत्र को सुरक्षित और भयमुक्त बना रहा है।
दंतेवाड़ा जिले में पहुँचते ही उपमुख्यमंत्री ने बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के मंदिर में विधिवत पूजन किया और साष्टांग प्रणाम अर्पित करते हुए प्रदेश की सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।सुकमा में उपमुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव और चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने स्कूली बच्चों को मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि गाँवों में शिक्षा होगी तो भय और लाल आतंक की कोई जगह नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि जिले में 1000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो इस अंचल के लिए एक उपलब्धि है। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की और बच्चों को प्रेरणास्पद संदेश देते हुए कहा कि ये आयोजन केवल प्रतीकात्मक नहीं हैं, बल्कि नए युग के आरंभ का संकेत हैं।
पुनर्वास केंद्र में आत्मसमर्पित नक्सलियों से भेंट करते हुए उन्होंने कौशल विकास, आधार कार्ड, आयुष्मान योजना, बैंक खाता जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही युवाओं के लिए शिक्षा, खेल, एक्सपोजर विजिट और नियमित आमदनी के लिए विशेष योजनाएं प्रारंभ करने की बात कही। कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत सुकमा, छिंदगढ़ और कोंटा विकासखंडों के 24 ग्रामों में सड़कों, सामुदायिक भवनों और शेड निर्माण हेतु ₹1.51 करोड़ की स्वीकृति दी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह केवल निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का निर्माण है और इस कार्य में जनता की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।

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