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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क प्रवेश देने की प्रक्रिया के द्वितीय चरण में चयनित विद्यार्थियों की सूची जारी कर दी गई है। इस चरण में प्रदेश भर के 6,953 निजी स्कूलों से 42,362 पूर्ण स्वीकृत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 16,967 सीटों पर पात्रता के आधार पर 10,478 विद्यार्थियों का चयन किया गया।
जारी आंकड़ों के अनुसार, रायपुर जिले में सर्वाधिक 861 निजी स्कूलों से 6,559 पूर्ण स्वीकृत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 750 बच्चों का चयन हुआ। बिलासपुर में 565 स्कूलों में 972 बच्चों का चयन हुआ, जबकि दुर्ग जिले के 538 स्कूलों में 667 बच्चों को प्रवेश के लिए चयनित किया गया। सूरजपुर जिले में सर्वाधिक 1,036 बच्चों का चयन हुआ है। वहीं जांजगीर-चांपा में 837, मुंगेली में 753, कोरबा में 504, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 300, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 259, सक्ती में 324, रायगढ़ में 95, महासमुंद में 246, बलौदाबाजार-भाटापारा में 461, धमतरी में 159, गरियाबंद में 65, कवर्धा में 321, राजनांदगांव में 137 बच्चों का चयन शिक्षा का अधिकार के तहत निःशुल्क शिक्षा के लिए किया गया है। इसी प्रकार बेमेतरा में 213, बालोद में 156, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 73, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 36, सरगुजा में 276, जशपुर में 279, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 183, कोरिया में 116, बलरामपुर में 671 और कांकेर में 104 बच्चों को चयनित किया गया। दूरस्थ आदिवासी अंचलों में भी चयन हुआ है, जिनमें बस्तर में 165, नारायणपुर से 11, कोण्डागांव में 127, बीजापुर में 97, दंतेवाड़ा से 45 और सुकमा से 31 बच्चों का चयन शिक्षा का अधिकार के तहत किया गया।उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जाता है, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क शिक्षा का समान अवसर मिल सके।
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नीति आयोग द्वारा 6 सूचकांकों में शत-प्रतिशत उपलब्धि पर मिला रजत पदक
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आकांक्षी विकासखण्डों की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। यहां स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा, आधारभूत ढांचा और वित्तीय समावेशन के दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। देशभर के 500 आकांक्षी विकासखंडों के बीच लखनपुर विकासखंड ने 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 के मध्य निर्धारित छह प्राथमिक सूचकांको में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, इसके लिए नीति आयोग ने आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर को रजत पदक से सम्मानित किया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में चलाए गए संपूर्णता अभियान के माध्यम से शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंची हैं, जिससे विशेषकर पिछड़ी जनजातियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। “वोकल फॉर लोकल” की थीम पर आधारित आकांक्षा हाट को ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।
प्रसवपूर्व देखभाल हेतु सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच में लक्षित आबादी के शत्-प्रतिशत कवरेज, पूरक पोषण प्राप्त करने वाली महिलाओं की शत-प्रतिशत संख्या जैसे संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई। मृदा परीक्षण लक्ष्य पूर्ण कर 1000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। वहीं एनआरएलएम के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों को 99 प्रतिशत रिवॉल्विंग फंड वितरित कर वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया। पिछड़े और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से संबंधित विकासखंडों की सूची में शामिल लखनपुर ने सितम्बर से दिसम्बर 2023 की डेल्टा रैंकिंग में जोन-5 में दूसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 27वां स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 31 जुलाई से 5 अगस्त तक आकांक्षा हाट का आयोजन में महिला समूहों द्वारा तैयार हस्तशिल्प, गोदना चित्रकला, बांस उत्पाद, मोटे अनाज और पारंपरिक खाद्य सामग्रियों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जा रही है। इस पहल से जहां रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, वहीं पारंपरिक कला और संस्कृति को भी नया जीवन मिल रहा है।
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*14.62 लाख मीटरिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 14.47 लाख मीटरिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण
*अब तक किसानों को 10.91 लाख मीटरिक टन खाद वितरित
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में 14.62 लाख मीटरिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 14.47 लाख मीटरिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया और किसानों को अब तक 10.91 लाख मीटरिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है।राज्य में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) के व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी की बड़ी संख्या में भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था की गई है। राज्य में एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के भंडारण और वितरण का लक्ष्य बढ़ाया गया है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को ठोस डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की अनुपातिक मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को खेती-किसानी की सहूलियत प्रदान करने तथा साहूकारों से चगुंल से बचाने अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान करता है। राज्य में चालू खरीफ सीजन में किसानों को 5661 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरण किया जा चुका है। यह लक्ष्य का 72 प्रतिशत है। ब्याज मुक्त ऋण वितरण से 12 लाख 76 हजार किसान लाभान्वित हुए है। इस वर्ष किसानों को 7300 करोड़ रूपए अल्प कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 में राज्य में 14 लाख 62 हजार मे.टन. उर्वरक का आबंटन (लक्ष्य) प्रदान किया गया है। इनमें यूरिया का लक्ष्य 7 लाख 12 हजार मीटरिक टन, डी.ए.पी. का 3 लाख 10 हजार मीटरिक टन, एन.पी.के. का 1 लाख 80 हजार मीटरिक टन, पोटाश का 60 हजार मीटरिक टन तथा सुपर फास्फेट का 2 लाख मीटरिक टन खाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
28 जुलाई 2025 की स्थिति में राज्य में यूरिया 6 लाख 50 हजार 941 मीटरिक टन, डी.ए.पी. 2 लाख 48 मीटरिक टन, एन.पी.के. 2 लाख 31 हजार 890 मीटरिक टन खाद का भण्डारण किया जा चुका है। इसी प्रकार पोटाश 77 हजार 976 मीटरिक टन एवं सुपर फास्फेट 2 लाख 85 हजार 684 मीटरिक टन, इस प्रकार कुल 14 लाख 46 हजार 539 मीटरिक टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के विरूद्ध अब तक किसानों को 10 लाख 91 हजार 545 मीटरिक टन रसायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 88.73 प्रतिशत रासायनिक खाद वितरित
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में अब तक 88.73 प्रतिशत रासायनिक खाद का वितरण किया गया है। खरीफ सीजन 2025 के लिए जिले में किसानों को समय पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा व्यापक कार्य योजना बनाई गई है। जिसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज एवं उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता परीक्षण हेतु निर्धारित मानकों के अनुसार नमूने भी एकत्र कर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 प्रतिशत अधिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है। सहकारी क्षेत्र में कुल भंडारित 15,341.270 मेट्रिक टन उर्वरकों में से 13,612.473 मेट्रिक टन अर्थात 88.73 प्रतिशत उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में समितियों में 1,728.80 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। वहीं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से अऋणी किसानों को 1,944.015 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है।
मोहला जिले के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सहकारी विपणन संघ के डबल लॉक गोदाम में 491.08 मेट्रिक टन यूरिया, डीएपी एवं सुपर फॉस्फेट जैसे उर्वरक उपलब्ध हैं, जिन्हें समितियों की मांग के अनुरूप वितरित किया जा रहा है। इस वर्ष पहली बार नैनो टेक्नोलॉजी आधारित यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों का भी पर्याप्त भंडारण किया गया है। नैनो उर्वरकों के उपयोग से किसानों को परिवहन लागत में कमी, कृषि लागत में बचत एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे लाभ मिल रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार नैनो उर्वरक भी पारंपरिक उर्वरकों के समान ही उत्पादन देने में सक्षम हैं।
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रायपुर : उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा फल एवं सब्जियों के भण्डारण हेतु सोलर पॉवर मिनी कोल्ड रूम की स्थापना विषय पर तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला लॉयड इन्सुलेशन लिमिटेड के सहयोग से संपन्न हुई। यह कार्यशाला ‘इंद्रावती भवन‘ के सभागार में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से प्रगतिशील कृषकों एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं सदस्य प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए।
कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि सौर ऊर्जा से चलित शीत गृहों (सोलर कोल्ड स्टोरेज) में उद्यानिकी कृषकों द्वारा फलों, सब्जियों तथा फूलों के अल्पकालीन भण्डारण करके उसकी सेल्फ लाईफ बढ़ाई जा सकती है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनांतर्गत सोलर पॉवर कोल्ड रूम की इकाई लागत 20 लाख रूपए पर सामान्य क्षेत्र में 35 प्रतिशत (7 लाख रूपए) तथा अधिसूचित क्षेत्र में 50 प्रतिशत (10 लाख रूपए) अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा उद्यानिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए टिकाऊ शीतलन समाधान तथा सौर ऊर्जा चलित शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) के प्रावधान एवं सुविधाओं पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में कोल्ड स्टोरेज के लाभ भी बताये गए। विशेषज्ञों ने फसल कटाई उपरांत नुकसान से बचाव, हानिकारक गैस के उर्त्सजन से बचाव, पर्यावरण से अनुकूलता, कम परिचालन लागत, मुनाफे में वृद्धि, बिजली पर कम निर्भरता आदि के बारे में भी किसानों को जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि किसान इन शीतगृहों को मोबाईल से भी संचालित कर सकते हैं। मोबाइल में शीत गृहों के संचालन के अपडेट्स मोबाईल पर कॉल एवं मेसेज द्वारा निरंतर प्राप्त होते रहते हैं। अंत में किसानों के सवालों एवं समस्याओं का निराकरण किया गया एवं उनसे सुझाव भी आमंत्रित किए गए। कार्यशाला में एक निजी संस्थान के सदस्यों के साथ ही उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री नीरज शाहा, श्री मनोज अम्बष्ट, जिला रायपुर श्री कैलाश सिंह पैकरा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से श्री सुरेश ठाकुर, श्रीमती प्रतीक्षा बंजारे उपस्थित थी।
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बिजनेस को साकार करने उद्यमियों के प्रश्नों का होगा समाधान
रायपुर : सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के निवासियों के छोटे बड़े बिजनेस की कल्पना को साकार करने के लिए जिला व्यापारी एवं उद्योग केंद्र सारंगढ़ बिलाईगढ़ के द्वारा ‘उद्योग बैंकर्स संवाद’ का एक दिवसीय कार्यशाला 1 अगस्त को आयोजित होगी। कार्यशाला में बिजनेस के लिए विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण योजनाओं की जानकारी, एमएसएमई इकाइयों से संबंधित वित्तीय समस्याओं का समाधान, क्रेडिट लिंक योजनाओं (सीजीटीएमएसई, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन आदि) की जानकारी उद्यमियों और बैंकर्स के मध्य प्रत्यक्ष संवाद, महिला उद्यमियों एवं स्व सहायता समूह को मार्गदर्शन विशेष रूप से दिया जाएगा।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों, महिला उद्यमी और स्व सहायता समूह के साथ-साथ कारीगरों (नाई, धोबी, दर्जी, झाड़ू, चटाई निर्माता, हथोड़ा व टूलकिट निर्माता, खिलौना निर्माता, राजमिस्त्री, मोची, मूर्तिकार, शिल्पकार आदि) को रैंप योजना (एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना) के तहत बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं एवं वित्तीय सहायता से जोड़ना, इस कार्यशाला का उद्देश्य है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक कमल नारायण ध्रुव ने जिले के सभी इच्छुक उद्यमियों एवं लाभार्थियों, स्व सहायता समूह आदि को इस निशुल्क कार्यशाला में भाग लेने के लिए आग्रह किया है। अधिक जानकारी के लिए महाप्रबंधक के मोबाइल नंबर 8319370847 एवं सहायक प्रबंधक मोबाइल नंबर 9926122801 पर संपर्क कर सकते हैं।
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रायपुर : पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में बलौदाबाजार वनमंडल ने एक सराहनीय और अभिनव पहल की है। युवाओं को वनों और प्रकृति से जोड़ने के उद्देश्य से ‘युवान‘ (युवा$वन) नामक एक विशेष वालंटियर कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को ‘युवान वालंटियर‘ के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे वन, वन्यप्राणियों और जैव विविधता के संरक्षण में सक्रिय भागीदार बन सकें।
वनमंडलाधिकारी श्री धम्मशील गणवीर ने कहा कि वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार शुरू किए जा रहे युवान कार्यक्रम का उद्देश्य है कि हमारे युवा वन, वन्यजीव और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और सक्रिय रूप से इनकी रक्षा में सहभागी बनें। यह सिर्फ प्रशिक्षण का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी से जुड़ने का अवसर है। ‘युवान’ कार्यक्रम निश्चित रूप से बलौदाबाजार जिले के युवाओं के लिए प्रकृति के साथ जुड़ने और कुछ सार्थक करने का एक सुनहरा अवसर है।
बलौदाबाजार वनमंडलाधिकारी श्री धम्मशील गणवीर ने जिले के सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों से इस कार्यक्रम से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने महाविद्यालयों और स्कूलों के प्राचार्यों को भी इस सम्बन्ध में पत्र भेजकर युवाओं को अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करने को कहा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से छात्रों और युवाओं के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत उन्हें वनों और वन्यजीवों की रक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारी, व्यवहारिक प्रशिक्षण और आवश्यक कौशल प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही साथ युवाओं को अवगत जाएगा कि जंगलों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, जैव विविधता को क्यों बचाना जरूरी है और पर्यावरण के संतुलन में इनका क्या योगदान है।
‘युवान’ कार्यक्रम की एक विशेष बात यह है कि इसके तहत युवाओं को सर्पदंश (सांप काटने) से बचाव और साँपों के सुरक्षित रेस्क्यू (बचाव कार्य) का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे न केवल अपनी और दूसरों की सुरक्षा कर सकेंगे, बल्कि इन वन्य जीवों के संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे। वन विभाग द्वारा चयनित युवान वालंटियरों को समय-समय पर प्रशिक्षण, फील्ड विजिट (क्षेत्रीय भ्रमण) और कार्यों की सराहना स्वरूप प्रशंसा पत्र भी दिए जाएंगे। यह युवाओं के लिए एक शानदार अवसर है जिससे वे प्रकृति को करीब से जाने सकेंगे और अपने ज्ञान व अनुभव को बढ़ा सकेंगे।
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छात्राओं के लिए शिक्षा और अधोसंरचना विकास के लिए 3 करोड़ रुपए से अधिक की सौगात
रायपुर : राजस्व, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा आज बलौदाबाजार स्थित शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय में आयोजित दीक्षारम्भ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं के लिए 3.25 करोड़ रुपए से अधिक के विकास योजनाओं की सौगात प्रदान की। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि छात्र जीवन में कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से ही उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जाती है। इतिहास साक्षी है जो संघर्ष करते हैं वही लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार छात्राओं को उच्च शिक्षा की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और शासन की मंशा है कि ‘‘बेटियाँ पढ़ें, आगे बढ़ें और प्रदेश का गौरव बनें।’’
मंत्री श्री वर्मा ने महाविद्यालय में 52.70 लाख रुपए की लागत से बने अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया। साथ ही 272.81 लाख रुपए की लागत से बनने वाले छात्रावास भवन का भूमिपूजन एवं शिलान्यास भी किया। छात्राओं की मांग पर उन्होंने 1000 सीटों की क्षमता वाले नवीन कॉन्फ्रेंस हॉल, दो स्मार्ट क्लासरूम एवं कॉलेज परिसर में हाई मास्क लाइट की स्थापना की घोषणा भी की। इस अवसर पर मंत्री श्री वर्मा ने नवप्रवेशी छात्राओं को रक्षासूत्र बांधकर उनका स्वागत किया। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे न केवल शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करें, बल्कि खेलकूद और अन्य गतिविधियों में भी जिले और राज्य का नाम रोशन करें।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वासु वर्मा ने कहा कि - ‘‘महाविद्यालय को प्राप्त यह सौगात छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शासन-प्रशासन द्वारा निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।’‘ कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अशोक जैन, अन्य जनप्रतिनिधिगण, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।
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स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कुल 100 पदों पर की जाएगी नियुक्ति
रायपुर : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में पहली बार दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए नियमित विशेष शिक्षकों (स्पेशल एजुकेटर) की सीधी भर्ती की जा रही है। इस पहल के तहत कुल 100 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिससे समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। उप संचालक लोक शिक्षण द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्राथमिक शालाओं के लिए 50 पद उच्च प्राथमिक शालाओं के लिए 30 पद तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं के लिए 20 पद द्विव्यांगजनों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस संबंध में संक्षिप्त विज्ञापन स्कूल शिक्षा विभाग की अधिकृत वेबसाइट https://eduportal.cg.nic.in पर जारी किया गया है। विस्तृत विज्ञापन तथा ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी भी शीघ्र ही वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया में केवल वे अभ्यर्थी पात्र होंगे, जिन्होंने भारतीय पुनर्वास परिषद्, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बी.एड./डी.एड. (स्पेशल एजुकेशन) की डिग्री प्राप्त की हो एवं जिनका पंजीयन पुनर्वास परिषद् में दर्ज हो।
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रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशन में 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे-2025 के अवसर पर राज्य के टाइगर रिजर्व्स, चिड़ियाघरों और वन्यजीव स्थलों में बाघ संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर प्लास्टिक मुक्त अभियान भी चलाया जाएगा एवं एक पेड़ माँ के नाम के तहत वृक्षारोपण भी किया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल टाइगर-डे के अवसर पर अचनाकमार टाइगर रिज़र्व में लोरमी, कोटा और केवंची बफर रेजों के गावों और स्कूलों में 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों के सहयोग से प्लास्टिक मुक्त अभियान एवं विद्यालयों में जागरुकता कार्यक्रम संचालित होंगे। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वैज्ञानिक सहयोग से तैयार पुस्तकों का विमोचन होगा। वहीं उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्टाफ सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही नेशनल जूलॉजिकल पार्क, नई दिल्ली में टीम एटीआर द्वारा एक इको शॉप भी लगायी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में माडेड रेंज के मोदकपाल सर्कल और बीट में 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। टाइगर डे की सुबह प्लास्टिक मुक्त संदेश के साथ बाइक रैली निकाली जाएगी। ईको विकास समिति (ईडीसी) के सदस्य और छात्र प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण की शपथ लेंगे। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व में गोहरामाल (जहाँ हाल ही में अतिक्रमण हटाया गया) और इंडागांव बफर रेंज में वृक्षारोपण किया जाएगा। कोयबा ईकोसेंटर, मुचकुंद ऋषि प्रकृति पथ, गौतम ऋषि प्रकृति पथ और इको पार्क मेचका को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा। साथ ही मैनपुर, संकरा और नगरी के स्कूलों में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी।
गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में सोनहत, रामगढ़, कमारजी, जनकपुर, तमोर, पिंगला और रेहंड रेजों में 2000 पौधे रोपे जाएँगे। बालमगढ़ी और ताड़िया बांध ईकोटूरिज्म स्थलों पर साफ-सफाई अभियान चलाया जाएगा। रामगढ़ रेंज के विभिन्न विद्यालयों में टाइगर मास्क पेपर क्राफ्ट, पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिताएँ करवाई जाएँगी। जंगल सफारी (नवा रायपुर) में आईआईआईटी रायपुर के सहयोग से उनके परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाएगा। 29 जुलाई को स्वयंसेवी संस्थाओं और छात्र प्लास्टिक मुक्त अभियान के साथ ही वृक्षारोपण भी करेंगे। वहीं आसपास के गाँवों के छात्रों को सफारी और बाघों के एनक्लोजर का भ्रमण कराया जाएगा, जिसके उपरांत चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
कनन पेंडारी चिड़ियाघर (बिलासपुर) में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के छात्र स्वयंसेवकों द्वारा बाघ एवं बड़ी बिल्लियों के संरक्षण पर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आमजन को प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी। दर्शकों के साथ वृक्षारोपण किया जाएगा। ‘मीट द जू कीपर‘ कार्यक्रम के तहत वाघों के कीपर से संवाद कराया जाएगा। उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। आसपास के स्कूलों के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश के साथ चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
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बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को करेंगे पूर्ण
सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में हुए शामिल
रायपुर में बहुद्देशीय सतनामी समाज भवन हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा
गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के अधूरे कार्यों हेतु 50 लाख की मंजूरी
प्रतिभावान विद्यार्थियों को राज्य सरकार देगी 5-5 हजार की प्रोत्साहन राशि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षा समाज के विकास का मूलमंत्र है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए हम सबको मिल-जुलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी धाम में कुतुब मीनार से भी ऊँचा जैतखाम निर्मित किया गया, साथ ही अनेक विकास कार्य भी संपन्न हुए। इससे न केवल समाज का गौरव बढ़ा है, बल्कि सतनामी समाज को वैश्विक पहचान भी मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है। इसी अनुरूप हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से यह संकल्प अवश्य पूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राजधानी रायपुर में सतनामी समाज के बहुद्देशीय भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के शेष अधूरे कार्यों की पूर्णता हेतु 50 लाख रुपये की मंजूरी भी प्रदान की गई। उन्होंने समारोह में सम्मानित हो रहे प्रतिभावान विद्यार्थियों को पाँचदृपाँच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि जब समाज के पदाधिकारी प्रतिबद्धता, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते हैं, तो समाज की विश्वसनीयता बढ़ती है और समरसता के साथ समाज प्रगति की दिशा में अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि टीम भावना से कार्य करने पर रचनात्मक प्रयासों को बल मिलता है। उन्होंने गिरौदपुरी धाम में नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले के नेतृत्व में भव्य धर्मशाला निर्माण की पहल के लिए बधाई भी दी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से उन्हें सार्वजनिक जीवन के इन 40 वर्षों में विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और अब विधानसभा अध्यक्ष जैसे विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर मिला। बाबा जी का “मनखे-मनखे एक बराबर” का संदेश, श्वेत ध्वजा और श्वेत वस्त्र प्रदेश को शांति का प्रतीक बनाते हैं। पंथी नृत्य की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी विश्व में छत्तीसगढ़ की शांति व समरसता को स्थापित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी की सहभागिता और बाबा जी के आशीर्वाद से आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि समाज की उन्नति के लिए सामाजिक एकता और शिक्षा दो महत्त्वपूर्ण आधार हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और प्रत्येक वर्ष प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में सतनामी समाज उन्नति के नए शिखर पर पहुँचेगा।
खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इन पदाधिकारियों के कंधों पर समाज को सशक्त बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में समाज को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उद्योग, व्यापार एवं स्वरोजगार की दिशा में समाज को आगे आने का आह्वान किया। मंत्री श्री बघेल ने जानकारी दी कि देशभर से पधारे सतनामी समाज के आध्यात्मिक गुरुओं की उपस्थिति में गिरौदपुरी धाम में ‘गुरु दर्शन’ के उपरांत एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी समाजजनों की सहभागिता अपेक्षित है। कार्यक्रम को सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, गुरु खुशवंत साहेब, प्रगतिशील सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले ने भी संबोधित किया।
इस शपथग्रहण समारोह में विधायकगण श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती शेषराज हरवंश, श्रीमती कविता प्राण लहरे, उत्तर प्रदेश से श्री कमलेश दास, असम से श्री मदन सतनामी, बिहार से श्री श्याम दास, ओडिशा से सूरज भारती, राजस्थान से मारवाड़ सतनामी समाज के अध्यक्ष श्री महेंद्र सतनामी, मध्यप्रदेश से श्री किशन बंजारे तथा दिल्ली से डॉ. जगजीवन खरे सहित सतनामी समाज के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अध्यात्म गुरुगण उपस्थित रहे। साथ ही, प्रदेश साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, सर्व आदिवासी समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण भी इस समारोह में सम्मिलित हुए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्राम कूटेना के बालक पूर्वेश यादव में दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एक्टोडर्मल डिस्प्लेशिया की हुई पहचान
रायपुर : प्रदेश के विभिन्न जिलों में राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे है, जहां मरीजों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस कड़ी में जिला प्रशासन द्वारा गरियाबंद में विशेष मेगा हेल्थ शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डॉ. भट्टर एवं टीम द्वारा कुपोषित बच्चों की जांच एवं ईलाज की गई। इसी दौरान ग्राम कुटेना निवासी मनोज यादव के पुत्र बालक पूर्वेश यादव के स्वास्थ्य जांच के दौरान एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एक्टोडर्मल डिस्प्लेशिया का पता चला।
बच्चे में दुर्लभ बीमारी की पहचान होने के बाद डॉ. भट्टर ने बताया कि यह बीमारी लाखों में किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है, जिसमें बाल, त्वचा, दांत, नाखून और पसीना ग्रंथियों के विकास में बाधा आती है। इस बीमारी से शरीर के उन भागों के विकास में समस्या होती है जो एक्टोडर्म नामक भ्रूणीय परत से बनते हैं। इसमें मुख्य रूप से बाल, त्वचा, दांत, नाखून, और पसीना ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं। बालक पूर्वेश की माता श्रीमती डामिन यादव ने शिविर में इस बीमारी की पहचान होने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर जानकारी मिलना उनके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए राहत का कार्य करेगा। बीमारी का समय रहते पता चल जाने से अब बच्चे के बेहतर ईलाज में सहूलियत होगी।
इस विशेष स्वास्थ्य शिविर में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक भट्टर एवं उनकी टीम द्वारा जिले के कुपोषित बच्चों का गंभीरतापूर्वक स्वास्थ्य जांच एवं ईलाज किया गया। साथ ही बच्चों के पालकों को बच्चों के बेहतर देखभाल एवं कुपोषण को दूर करने खानपान से संबंधित आवश्यक सलाह भी दिया गया। शिविर में जिले के लगभग 192 बच्चों का वजन माप, वृद्धि चार्ट एवं आवश्यक मापदण्डों में पंजीयन किया गया। इस आधार पर डॉ. भट्टर ने बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कर आवश्यक ईलाज एवं देखभाल के लिए सुझाव दिया। स्वास्थ्य टीम द्वारा निःशुल्क दवाईयों का भी वितरण किया गया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहले बच्चे के जन्म पर महिला को दो किश्तों में पांच हजार रुपए और दूसरी संतान बालिका होने पर एकमुश्त छह हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना के अंतर्गत शत-प्रतिशत पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए रायगढ़ जिले में 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर, विभागीय अधिकारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पात्र महिलाओं से आवेदन पत्र भरवा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान काम न कर पाने से होने वाले आर्थिक नुकसान की आंशिक भरपाई करना है, जिससे गर्भवती और शिशुवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार हो, सुरक्षित मातृत्व और आर्थिक सहायता सुनिश्चित हो। यह योजना उन सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए है जो केंद्र या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों में नियमित रोजगार में नहीं हैं, या जो वर्तमान में लागू किसी अन्य कानून के तहत समान लाभ प्राप्त नहीं कर रही हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी महिला का बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता अनिवार्य है और वह खाता आधार से लिंक होना चाहिए। अभियान के तहत रायगढ़ में महिलाओं के आवेदन भरवाए जा चुके हैं। पात्र महिलाएं 31 जुलाई 2025 तक अपनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या पर्यवेक्षक से संपर्क कर आवेदन फार्म भर सकती हैं।
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तीरंदाजी अकादमी के लिए 20 करोड़ 53 लाख की दी स्वीकृति
विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और अन्य बच्चों को भी मिलेगा लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ग्राम पंड्रापाथ, विकास खंड बगीचा, तहसील सन्ना में आरचेरी अकादमी बनाने के लिए 20 करोड़ 53 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। एन टी पी सी ने अपने सी एस आर फंड से यह राशि उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने कहा खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम पंड्रापाथ के आरचेरी अकादमी लगभग 10.27 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जिसमें तीरंदाजी केन्द्र में अभ्यास के लिए एक खेल मैदान, छोटा पुस्तकालय, मेडिकल की सुविधा, बच्चों का कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र, छोटा नर्सरी और हर्बल चाय की खेती की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तीरंदाजी अकादमी में दूरस्थ अंचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों और अन्य आदिवासी बच्चों को खेल अभ्यास कराया जाएगा ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखा सके।
उल्लेखनीय है कि आरचेरी अकादमी बनाने के लिए गांव पंड्रापाथ, तहसील-सन्ना, उप-मंडल-बगीचा, जिला-जशपुर (छत्तीसगढ़) में लगभग 10.27 एकड़ (41565 वर्ग मीटर-लगभग) के आवश्यक क्षेत्रफल की राज्य सरकार के स्वामित्व वाली भूमि का चिन्हांकन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय खिलाडियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, इसी कड़ी में उनके आग्रह पर तीरंदाजी अकादमी की स्थापना करने हेतु एनटीपीसी ने 20.53 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। स्वीकृत लागत अनुमान के अनुसार समयबद्ध तरीके से कार्य के निष्पादन हेतु उपयुक्त राज्य सरकारी एजेंसी नियुक्त करने आग्रह किया है।
आरचेरी एक खेल और कला है जिसमें धनुष और बाण का उपयोग करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। यह एक प्राचीन गतिविधि है । धनुष यह एक लचीली वस्तु होती है, जिससे बाण को छोड़ा जाता है। बाण नुकीला तीर जिसे लक्ष्य (निशाना) पर छोड़ा जाता है। लक्ष्य जिस पर निशाना लगाया जाता है, आमतौर पर एक गोल आकृति होती है, जिसमें अलग-अलग रंग और स्कोर क्षेत्र होते हैं। निशाना लगाने की तकनीक इसमें एकाग्रता, संतुलन और शरीर की स्थिरता बहुत ज़रूरी होती है। भारत में आरचेरी का गहरा इतिहास है। आधुनिक खेलों में भारत के खिलाड़ी जैसे दीपिका कुमारी और अतनु दास ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संदीप शर्मा का शपथ ग्रहण समारोह
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संदीप शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में लगातार संघर्ष करते हुए श्री शर्मा ने संघर्षशील जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी छवि बनाई है। सरकार ने उन्हें पीडीएस के तहत राशन कार्डधारियों को गुणवत्तापूर्ण प्रतिमाह राशन मिले, इसके निरीक्षण और परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। डॉ. सिंह ने कहा कि गरीबों और प्राथमिकता वाले परिवारों को गुणवत्तायुक्त राशन मिले, यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल दास बघेल इस मौके पर नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संदीप शर्मा को पदभार ग्रहण की बधाई देते हुए कहा कि अब गरीबों को साफ-सुथरा राशन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उन पर है। खाद्य वितरण संबंधी कोई भी शिकायत होती है हितग्राही आयोग के माध्यम से अपनी समस्या का समाधन करा सकेंगे। अब खाद्य विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन को और गति मिलेगी।
खाद्य मंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि राज्य में राशन कार्डधारियों की संख्या 81 लाख से अधिक है। 13 हजार 930 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें स्व-सहायता समूहों, ग्राम पंचायतों तथा सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित हो रही हैं। गरीबों एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को पारदर्शिता के साथ राशन का वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। हाल ही में हमारी सरकार ने प्रदेश के राशन कार्डधारियों को तीन माह का एकमुश्त चावल देने का उल्लेखनीय काम किया है।
मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल का स्मरण करते हुए कहा कि उनके समय में छत्तीसगढ़ खाद्यान्न सुरक्षा कानून बना, जिसके तहत प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्तियों तक राशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य ने पीडीएस प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। डॉ. सिंह को चाउर वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। मंत्री श्री बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा बजट में 6500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संदीप शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुझे सरकार ने गरीबों को गुणवत्तपूर्ण राशन उपलब्ध कराने तथा जांच परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाहन करूगा। हर गरीब एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को गुणवत्तापूर्ण चावल मिले, यह हर हाल में सुनिश्चित होगा। खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने इस अवसर पर विभागीय योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में पीडीएस के माध्यम से राज्य के 2 करोड 73 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आधार प्रमाणिकरण के जरिए पारदर्शी तरीके से राशन वितरण व्यवस्था को सृदृढ़ की गई है।
शपथ ग्रहण समारोह में कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री गौरी शंकर अग्रवाल, विधायक सर्वश्री मोतीलाल साहू, राजेश मूणत, रोहित साहू, डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, संपत अग्रवाल, रिकेश सेन, नगर निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निनिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष श्री राम प्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, लौह शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री योगेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।
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रायपुर : श्री बिपिन मांझी को राज्य सहकारी निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। इस आशय का आदेश आज सहकारिता विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत राज्य शासन ने जारी किया गया है। श्री मांझी भारतीय प्रशासनिक सेवा (2009) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। यह नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने के दिनांक से दो वर्ष की अवधि तक के लिए रहेगी।
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परंपरा और तकनीक के अद्भुत समन्वय की मिसाल बनीं
चित्ररेखा, भावना और रूचि साहूरायपुर : सावन अमावस्या के अवसर पर जब पूरे छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार की पारंपरिक गूंज सुनाई दी, तब बालोद जिले ने इस पर्व को एक नवीन पहचान दी। इस वर्ष हरेली तिहार न केवल पारंपरिक कृषि उपकरणों की पूजा का प्रतीक रहा, बल्कि यहां की ड्रोन दीदियों ने आधुनिक तकनीक का समावेश कर इस पर्व को नई ऊंचाई दी।
जहां हरेली तिहार परंपरा, प्रकृति और कृषि जीवन के प्रति सम्मान का पर्व है, वहीं बालोद की तीन प्रेरणादायक महिलाएं- श्रीमती चित्ररेखा साहू, श्रीमती भावना साहू और सुश्री रूचि साहू ने इस अवसर पर तकनीक और संस्कृति के संगम की अनुपम मिसाल प्रस्तुत की। ‘ड्रोन दीदी’ योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित इन महिलाओं ने अपने ड्रोन यंत्रों की पारंपरिक विधि से पूजा की, जैसे किसान अपने बैलों को सजाकर तिलक करते हैं, वैसे ही इन दीदियों ने ड्रोन को धूप-दीप दिखाकर नारियल और गुड़ के चीले का भोग अर्पित किया। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि आधुनिक तकनीक तभी सार्थक है, जब वह हमारी परंपरा और जीवन-मूल्यों का सम्मान करे।
चित्ररेखा साहू कहती हैं कि ड्रोन अब हमारा कृषि यंत्र है। इसे पूजना हमारी परंपरा का विस्तार है। तकनीक को अपनाकर भी हम प्रकृति से जुड़ाव बनाए रख सकते हैं। भावना साहू का मानना है कि ड्रोन तकनीक से खेती सरल हो गई है। हम चाहती हैं कि जिले के हर किसान को इसकी शक्ति का लाभ मिले। रूचि साहू ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर खेत तक ड्रोन पहुँचे और किसान का जीवन अधिक सुलभ बने। इन तीनों ड्रोन दीदियों ने इस अवसर पर भारत सरकार की ‘ड्रोन शक्ति’ पहल तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे तकनीकी प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कृषि नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। हरेली तिहार के इस पावन अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं प्रेषित कीं तथा यह संकल्प लिया कि वे आगे भी परंपरा और तकनीक के इस सुंदर समन्वय को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य निरंतर करती रहेंगी
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कल राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष श्री संदीप शर्मा के पदभार ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, अन्य मंत्रीमंडल के सदस्य एवं जनप्रतिनिधिगण विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
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एग्रीस्टैक परियोजना के अंतर्गत ‘डीसीएस’ ऐप के माध्यम से किया जाएगा रियल टाइम फसल सर्वेक्षण
रायपुर : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी एग्रीस्टैक परियोजना अंतर्गत डिजिटल फसल सर्वेक्षण को लेकर सरगुजा जिले में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल का उद्देश्य त्रुटिरहित फसल गिरदावरी सुनिश्चित करते हुए युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है।
प्रशिक्षण का पहला चरण 3 जुलाई 2025 को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया, जिसमें अधिकारियों को सैद्धांतिक जानकारी दी गई। इसके पश्चात 23 जुलाई 2025 को ग्राम सरगवां में डीसीएस (डिजिटल क्रॉप सर्वे) ऐप के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इस दौरान पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार सहित राजस्व अमले ने खेतों में जाकर फसल सर्वेक्षण की वास्तविक प्रक्रिया का अभ्यास किया।
यह डिजिटल सर्वेक्षण डीसीएस ऐप के माध्यम से रियल टाइम किया जाएगा, जिसमें खेत की भौगोलिक स्थिति के साथ फसल की फोटो अपलोड की जाएगी। राज्य शासन द्वारा भू-नक्शों के जीव-रिफ्रेसिंग के पश्चात अब त्रुटिरहित फसल सर्वेक्षण संभव हो पाया है। इससे गिरदावरी की सटीकता बढ़ेगी और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी।
इस परियोजना के तहत ग्राम के शिक्षित युवाओं को भी सर्वेयर के रूप में जोड़ा जा रहा है। इच्छुक युवा अपने तहसील कार्यालय या हल्का पटवारी के पास आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक खसरा सर्वेक्षण पर 10 रुपये मानदेय निर्धारित किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवाओं को तहसील स्तर पर प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से डिजिटल फसल सर्वे की विधियां सिखाई जाएंगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन OIC भू-अभिलेख श्री राम सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में, अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती स्मिता अग्रवाल के नेतृत्व में किया गया। प्रशिक्षण प्रदान करने में मास्टर ट्रेनर श्री रामराज सिंह, कृष्ण कंवर, अमितेश स्वर्णकार, राजबहादुर सिंह एवं देवेंद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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रायपुर : वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार आज जशपुर जिले में हाथी-मानव द्वंद को रोकने और हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक प्राकृतिक जीवन और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में की।बैठक में जशपुर कलेक्टर श्री व्यास ने कहा कि हाथियों के आवागमन वाले वन क्षेत्रों में बिजली के झूलते तारों को तत्काल दुरुस्त किया जाए, जिससे किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि 100 स्थानों पर हाई मास्ट लाइटें लगाई जा रही हैं ताकि ग्रामीण रात के समय सतर्क रह सकें।
वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार ने बैठक में बताया कि अब ‘गज संकेत’ मोबाइल एप के जरिए ग्रामीणों को हाथियों की मौजूदगी और दिशा की जानकारी टेक्स्ट मैसेज और कॉल के माध्यम से दी जाएगी। इससे वे खुद भी सतर्क रहेंगे और अपने आसपास के गांवों में भी लोगों को आगाह कर सकेंगे। उन्होंने वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को जंगली जानवरों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने, साथ ही सांप काटने (सर्पदंश) जैसी घटनाओं से बचाव के लिए प्रशिक्षण और जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नैक वेनम दवाएं उपलब्ध हैं। इस संयुक्त बैठक में वन विभाग, बिजली विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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पर्यटन से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
रायपुर : कांकेर जिले के ग्राम खमढोड़गी (ग्राम पंचायत कोकपुर) में आज से पर्यटन की एक नई पहल की शुरुआत हो गई है। कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम ने खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन (नौका विहार) का शुभारंभ किया। यह पहल राज्य सरकार की ग्रामीण पर्यटन विकास नीति और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री नेताम ने कहा कि खमढोड़गी जैसे स्थलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने पर्यटन विकास के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
इस मौके पर कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर ने बताया कि यह योजना क्षेत्र के विकास और युवाओं को रोजगार से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में यहाँ ट्रेकिंग, होम स्टे और अन्य पर्यटन सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक और कलेक्टर ने जलाशय में नौकायन कर इसका आनंद लिया और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरुण कौशिक, उपाध्यक्ष श्री उत्तम यादव, जिला पंचायत सदस्य सुश्री मृदुला भास्कर, पूर्व विधायक श्री शिशुपाल शोरी , स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
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12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी 26 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं
बी.एस.सी. (कृषि) की 1348 सीटों पर विद्यार्थियों ने लिया दाखिला
रायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के बी.एस.सी. कृषि (ऑनर्स) स्नातक पाठ्यक्रम में द्वितीय चरण की काउंसलिंग (स्पॉट काउंसलिंग) के पश्चात रिक्त सीटों पर 12वीं परीक्षा के परिणामों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 26 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। इस अवधि में पंजीयन करने वाले अभ्यर्थियों को निर्धारित नियमों के तहत प्रावीण्यता के आधार पर उपरोक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। इसी प्रकार निजी महाविद्यालयों में प्रबंधन सीटों पर प्रवेश हेतु इच्छुक अभ्यर्थी 28 जुलाई से 3 अगस्त 2025 तक आवेदन कर सकते है। बी.एस.सी. कृषि (ऑनर्स) स्नातक पाठ्यक्रम में उपलब्ध कुल 2015 सीटों में अब तक 1348 सीटों पर प्रवेश दिया जा चुका है तथा 667 सीटें रिक्त हैं।उल्लेखनीय है कि नवीन शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रवेश हेतु ऑनलाईन काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। काउंसलिंग के द्वितीय चरण में स्पॉट काउंसलिग आज से प्रारंभ हुई है जो कल 23 जुलाई तक चलेगी। स्पॉट काउंसलिंग के दौरान विभिन्न कृषि महाविद्यालयों में रिक्त सीटों पर उपलब्धता के आधार पर दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत तत्काल फीस जमा कर प्रवेश दिया जा रहा है। 25 जुलाई को विभिन्न महाविद्यालयों में शेष सीटों का कन्वर्शन किया जाएगा। कन्वर्शन काउंसलिंग हेतु प्रोविजनल सीट, महाविद्यालय आबंटन, तत्काल दस्तावेज एवं ऑनलाईन फीस जमा करने हेतु अभ्यर्थियों को कृषि महाविद्यालय रायपुर में 25 जुलाई को उपस्थित होना पडे़गा।
बारहवीं के परीक्षा परिणामों के आधार पर रिक्त सीटों मे ंप्रवेश हेतु विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर 26 जुलाई को रात्रि 11ः30 बजे तक ऑनलाईन पंजीयन कराया जा सकता है। असफल फीस ट्रांजेक्शन वाले अभ्यर्थी 27 जुलाई को पुनः फीस जमा कर सकते हैं। ऑफलाईन दस्तावेजों का सत्यापन कृषि महाविद्यालय रायपुर में 28 एवं 29 जुलाई को किया जाएगा। 30 जुलाई 2025 को विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर अभ्यर्थियों की प्रावीण्य सूची अपलोड की जाएगी। 31 जुलाई से 2 अगस्त तक अभ्यर्थियों को सीट आबंटन तथा फीस जमा करने हेतु कृषि महाविद्यालय रायपुर में उपस्थित होना होगा। काउंसिलिंग संबंधित दिशा-निर्देशों की अधिक जानकारी हेतु विश्वविद्यालय की वेबसाईट ूूू.पहाअ.ंब.पद का अवलोकन कर सकते हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा विभिन्न वर्गाे के कल्याण के लिये बनाई गई योजनाओं का उचित क्रियान्वयन कर आम जनो को लाभ पहुंचाया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रारंभ किया गया प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय आदिवासी महा अभियान (पीएम-जनमन) महासमुंद जिले के कमार जनजातीय परिवारों के जीवन में आशा, आत्मबल और आत्मसम्मान का नया संचार कर रहा है। यह योजना विशेष पिछड़ी जनजातियों को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने की एक समर्पित पहल है, जो अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समुदाय के भीतर जागरूकता, आत्मनिर्भरता और गरिमा का आधार बन चुकी है।
विशेष पिछड़ी जनजातीय कमार समुदाय, जो वर्षों से जंगलों में बसे रहकर जीवनयापन करते रहे हैं और जिनके जीवन में आधुनिक सुविधाएँ दूर की बात थीं, अब उनके जीवन स्तर में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है। यह समुदाय पारंपरिक रूप से मजदूरी, वन उत्पाद और कंद-मूल पर निर्भर था। 2015-16 के आधारभूत सर्वेक्षण के अनुसार महासमुंद जिले में कुल 923 कमार परिवार हैं, जिनकी आबादी 3309 है। यह समुदाय वर्षों तक मूलभूत सुविधाओं जैसे-कच्चे मकानों, बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहा है।
पीएम-जनमन के अंतर्गत जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए विशेष प्रयासों से इस समुदाय के जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। घर-घर सर्वेक्षण कर उनकी वास्तविक जरूरतों की पहचान की गई और उन्हें योजनाओं से जोड़ा गया। अब 330 परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जिससे रात्रि में पढ़ाई संभव हुई है और जहरीले जीव-जंतुओं से राहत मिली है। 314 परिवारों को प्रधानमंत्री नल-जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल की सुविधा मिली है, जिससे गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में कमी आई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 678 कच्चे मकानों में से 405 को पक्के आवास मिल चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। 75 दूरस्थ बसाहटों में आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य सेवाएं और विद्यालयों की शुरुआत हो चुकी है, जिससे बच्चों का नामांकन बढ़ा है और प्रसव जैसी स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ हुई हैं। अब हर परिवार का राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बन चुका है। बैंक खाते खोलने का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है, जिससे पेंशन, छात्रवृत्ति और सरकारी सहायता सीधे खातों में पहुँच रही है।
26 सड़कविहीन बसाहटों में सड़कों का निर्माण जारी है, जिससे इन क्षेत्रों का मुख्यधारा से संपर्क स्थापित हो सकेगा। मोबाइल टावर की स्थापना स्वीकृत हो चुकी है, जिससे अब डिजिटल सेवाएँ दूरदराज तक पहुँचेंगी। राशन कार्ड बनने के बाद अब प्रत्येक परिवार को प्रति माह 35 किलो चावल निःशुल्क मिल रहा है, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा अब ग्राम स्तर पर उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं को महतारी वंदन योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है, जिससे परिवारों में आर्थिक स्थिरता आई है। जिले में दो बहुद्देशीय केंद्रों का निर्माण अंतिम चरण में है, जहाँ आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, रसोई, खेल मैदान और किचन गार्डन जैसी सुविधाएँ एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। इससे सेवा वितरण में गति आएगी और समुदाय के साथ शासन का संवाद और सहभागिता सशक्त होगी। कमार समुदाय आज गर्व से कहता है कि अब वे सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि समाज के सक्रिय और सम्मानित हिस्सेदार बन चुके हैं। पीएम-जनमन उनके जीवन में बदलाव की वह बयार लेकर आया है, जिसने वर्षों की उपेक्षा को पीछे छोड़कर उन्हें उजाले की ओर अग्रसर किया है।
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महासमुंद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महतारी वंदन की हितग्राहियों की अनोखी पहल
रायपुर : रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर महासमुंद की बहनों ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महतारी वंदन योजना की लाभार्थी माताओं-बहनों ने अपने हाथों से राखियां बनाकर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर सैनिकों को भेजी हैं। इन राखियों के साथ बहनों ने भाव-भीनी पत्र भी भेजे हैं, जिनमें उन्होंने अपने वीर सैनिक भाइयों के प्रति प्यार, सम्मान और आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि इस रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जब देश के कोने-कोने से राखियां जाएंगी, तब महासमुंद की ये राखियां सैनिकों के लिए विशेष होंगी। क्योंकि इनमें न सिर्फ धागा है, बल्कि छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों का सच्चा स्नेह और सम्मान भी बंधा है।
महासमुंद शहरी सेक्टर 01 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती राखी दुबे ने बताया कि यह सिर्फ एक राखी नहीं, बल्कि उस भरोसे का धागा है जो हमें अपने सैनिक भाइयों से जोड़ता है। बहनों ने कहा कि रक्षाबंधन केवल घर में नहीं, बल्कि सीमाओं पर तैनात जवानों के साथ भी मनाया जाना चाहिए, क्योंकि वही असली रक्षक हैं। जब सैनिकों की कलाई पर यह राखी बंधेगी, तो वे भी खुद को अपने परिवार से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।
इस अवसर पर वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद श्री माखन पटेल, पूर्व पार्षद श्रीमती शोभा शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टी. जटवार, पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान, नगर पालिका की सीओ श्रीमती ममता बग्गा, आंगनबाड़ी सहायिका भानमती साहू, और वीणा महिला समिति की सदस्य श्रीमती सरला वर्मा, अनिता बिसेन सहित कई माताएं और बहनें शामिल रहीं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने इस पहल की सराहना की और कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र अब सिर्फ बच्चों की देख-रेख का स्थान नहीं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता, देश-प्रेम और संस्कारों का केंद्र बनते जा रहे हैं।
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कृषि मंत्री ग्राम जाबर में आयोजित किसान सम्मेलन में हुए शामिल
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत किया आम का पौधारोपण
664.43 लाख रूपए की 31 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन
रायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम आज बलरामपुर जिले के ग्राम जाबर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान 664 लाख 43 हजार रूपए लागत की 31 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड अन्तर्गत विकासखंड बलरामपुर के ग्राम पंचायतों में सी.सी. रोड के 28 एवं पुल-पुलिया निर्माण के 03 इस तरह कुल 31 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। जिसमें 21 कार्यों का भूमि पूजन जिसकी लागत 408.72 लाख रूपए और 10 कार्यों का लोकार्पण जिसकी लागत 255.71 लाख रूपए शामिल है। उन्होंने इस मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत आम का पौधारोपण किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री का वितरण भी किया।
कार्यक्रम में मंत्री श्री नेताम के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के 8 किसान को सम्मानित किया गया। कृषि विभाग से 20 किसानो को रामतिल, उद्यान विभाग से 67 किसानों को पौध वितरण मत्स्य विभाग के द्वारा 01 किसान को कोल्ड बॉक्स, वन विभाग अंतर्गत 10 महिलाओं को चरण पादुका का वितरण किया गया। साथ ही स्वेछानुदान राशि के चेक का वितरण भी किया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती एवं फसल प्रबंधन पुस्तक का विमोचन भी किया।
कृषि मंत्री श्री नेताम ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार है। हमारी सरकार किसानों के हित में कार्य करने व उन्हें लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सभी वर्गों का निरंतर विकास हो रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है। प्रतिवर्ष धान की खरीदी के समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि की जा रही है, जिससे किसानों को उनकी उपज का समुचित मूल्य मिल रहा है जिससे क्षेत्र में भी किसान बहुतायत में धान की फसल ले रहे है। उन्होंने धान के स्थान पर अन्य फसल जैसे मोटा अनाज, दलहन, तिलहन जैसे फसलों लेने प्रेरित किया जिससे कृषि विविधीकरण को बढ़ावा मिल सके। साथ ही उन्होंने डीएपी के वैकल्पिक का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि तेंदूपता संग्राहक को डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में राशि का अन्तरण किया जा रहा है। इस डिजिटल क्रांति के माध्यम से देश-प्रदेश में बदलाव आया है। डिजिटल क्रांति के माध्यम से शासन की योजनाएं पारदर्शी ढंग से अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रही हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सावन माह के दूसरे सोमवार के पावन अवसर पर कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बलरामपुर जिले के प्रमुख तातापानी स्थित धार्मिक स्थल, तपेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। मंत्री श्री नेताम ने इस अवसर पर तपेश्वर महादेव की यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं ,शिवभक्त कावड़ यात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन कराया। उन्होंने स्वयं प्रसाद वितरण करते हुए श्रद्धालुओं के साथ आत्मीय संवाद किया, उनकी यात्रा के अनुभव जाने और उनकी आस्था को नमन किया।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि सावन का महीना पूरे भारतवर्ष में शिव आराधना का पुण्यकाल माना जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ की धरती पर इसकी अनुभूति कुछ और ही विशेष होती है। यहाँ भक्ति केवल आस्था नहीं, जीवन का हिस्सा है और तपेश्वर धाम इस परंपरा का जीवंत प्रतीक है। यह स्थान केवल धार्मिक महत्ता का केंद्र नहीं, हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। मंत्री श्री नेताम ने कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मकर संक्रांति जैसे अवसरों पर जब देशभर से कलाकार यहां आते हैं, तो यह धरती एक विशाल सांस्कृतिक रंगमंच में बदल जाती है और आज उसी मंच पर हमारे स्थानीय कलाकार अपनी मिट्टी की सुगंध, अपनी विरासत, अपने संस्कारों को जीवंत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय कलाकार केवल मनोरंजन नहीं करते, वे हमारे समाज की स्मृति हैं। वे हमारी संस्कृति के संवाहक हैं। उनकी कला हमारी पीढ़ियों की पहचान है।


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