-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : जशपुर जिले से एक विशेष पर्वतारोही दल हिमालय अभियान के लिए रवाना हुआ है। इस दल में जिले के युवा पर्वतारोही श्री रवि सिंह, सुश्री तेजल भगत, श्री रूसनाथ भगत, श्री सचिन कुजुर एवं श्री प्रतीक नायक शामिल हैं। यह अभियान केवल एक खेल गतिविधि नहीं, बल्कि जशपुर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, प्रकृति-आधारित जीवनशैली और सामूहिकता की भावना को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक अवसर भी है।
यह अभियान प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है। पर्वतारोही दल जशपुर से रांची रवाना हुआ, जहाँ से वे ट्रेन द्वारा दिल्ली पहुँचेंगे। दिल्ली से टीम हिमाचल प्रदेश के जगतसुख के लिए प्रस्थान करेगी। दल 4 सितंबर तक आवश्यक प्रक्रियाएँ पूरी करेगा तथा 5 सितंबर को बेस कैम्प जाएगा। दल को रवाना करने के अवसर पर जशपुर के कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री विश्वास मस्के उपस्थित थे। अधिकारियों ने दल को शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए उनके सुरक्षित एवं सफल अभियान की कामना की।
कलेक्टर श्री व्यास ने कहा कि जशपुर की युवा प्रतिभाएँ इस अभियान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। वहीं वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार ने इसे जिले में खेल और साहसिक गतिविधियों की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया। जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जो स्वयं एक अनुभवी पर्वतारोही हैं, ने दल के सदस्यों को पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ दीं। उन्होंने सुरक्षा उपायों, ऊँचाई पर स्वास्थ्य प्रबंधन तथा टीम भावना के महत्व पर बल दिया और युवाओं को प्रेरित किया।
जिले के नागरिक इस अभियान को लेकर गर्व और उत्साह का अनुभव कर रहे हैं। स्थानीय संस्था जय जंगल कंपनी इस अभियान के प्रायोजकों में से एक है। संस्था के संस्थापक श्री समर्थ जैन ने कहा कि यह दल पूरे जिले के लिए प्रेरणा है और आने वाली पीढ़ियों को पर्वतारोहण तथा साहसिक खेलों की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
इस अभियान का नेतृत्व पर्वतारोही श्री स्वप्निल राचेलवार एवं श्री राहुल ओगरा कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य न केवल हिमालय की ऊँचाइयों को फतह करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण एवं नशामुक्ति के संदेश को भी जन-जन तक पहुँचाना है। यह पहल युवाओं को प्रकृति से जोड़ते हुए उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करेगी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के रोजगार एवं प्रशिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा राज्य स्तरीय रोजगार मेला रायपुर में आगामी 9 और 10 अक्टूबर 2025 को आयोजन किया जाएगा। इस मेले में शामिल होने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को विभाग की वेबसाइट https://erojgar.cg.gov.in पर ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। विभागीय मंत्री श्री गुरू खुशवंत साहेब ने युवाओं से अपील की है कि वे समय रहते ऑनलाइन पंजीयन अवश्य कराएँ और इस राज्य स्तरीय रोजगार मेले का लाभ उठाएँ।
रोजगार उपलब्ध कराने वाली कंपनियाँ
राज्य स्तरीय रोजगार मेले में जिंदल स्टील रायपुर, एयरटेल पेमेंट बैंक, ऑटो सेंटर बिलासपुर, राजस्थान कपड़ा मिल, सतलज कपड़ा इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। इसी प्रकार रिलायंस निप्पोन, रुद्र इंटरप्राइज, शांता टेक्नो, सन ब्राइट, ट्रेडमेन गारमेंट्स, कॉसमॉस मैनपावर, जीनियस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईक एजुकेशन, आइकॉन सोलर, न्यू लाइफ, पीएचडीए ग्लोबल सॉल्यूशन सहित अनेक प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में रोजगार के अवसर उपलब्ध है।
पद और वेतनमान
रोजगार मेला में अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता पाँचवीं पास से लेकर आईटीआई, स्नातक एवं उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध रहेंगे। चयनित अभ्यर्थियों को प्रतिमाह 8 हजार से 40 हजार रुपये तक का वेतनमान प्रदान किया जाएगा। उपलब्ध पदों में वितरक बॉय, बैंक सहायक, फार्मासिस्ट, मशीन ऑपरेटर, बिक्री सलाहकार, ड्राइवर के पद शामिल हैं। इसी प्रकार ट्रेनी ऑपरेटर, सहायक, सिलाई ऑपरेटर, इंजीनियर, एक्स-रे एवं लैब टेक्नीशियन, वार्ड बॉय, टेलीकॉलर, कलेक्शन ऑफिसर, इलेक्ट्रीशियन, टर्नर, फ़िटर, वेल्डर, सुरक्षा गार्ड, बीमा सलाहकार, सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग स्टाफ, कंप्यूटर ऑपरेटर, कृषि अधिकारी, फील्ड ऑफिसर, डॉक्टर और ग्राहक सेवा कर्मचारी शामिल हैं।
रोजगार उपलब्ध कराने वाले राज्य और शहर
इस मेले के माध्यम से रोजगार के अवसर न केवल छत्तीसगढ़ के सभी जिलों एवं प्रमुख शहरों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोरबा और रायगढ़ में बल्कि अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में भी उपलब्ध होंगे। इस आयोजन में प्रमुख शहरों में बैंगलुरु, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, नोएडा और औरंगाबाद को भी शामिल किया गया हैं।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.) एवं प्रधान पाठक, पूर्व माध्यमिक शाला को प्राचार्य (टी संवर्ग), उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नति हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर में पदोन्नति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक उपरांत 1335 पदोन्नति आदेश जारी किए गए। यह आदेश स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव से प्राप्त अनुमोदन के आधार पर जारी किया गया है।
काउंसिलिंग प्रक्रिया के माध्यम से पदस्थापना की स्थिति इस प्रकार रही - कुल 1335 पदोन्नत प्राचार्यों में से 1222 ने संस्था चयन कर पदस्थापना सुनिश्चित की। शेष 113 में से 20 पदोन्नत प्राचार्य काउंसिलिंग में अनुपस्थित रहे, 20 ने पदोन्नति लेने से इंकार किया, 02 ने विद्यालय चयन से इंकार किया तथा 91 सेवानिवृत्त, मृत, निलंबित एवं अन्य श्रेणी में रहे।
इस प्रकार कुल 1222 व्याख्याताओं, व्याख्याता (एल.बी.) एवं प्रधान पाठकों को प्राचार्य (टी संवर्ग), उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नति उपरांत पदस्थापना आदेश जारी किए गए हैं।
मंत्री श्री गजेन्द्र ने कहा है कि इस पद स्थापना में पूर्ण पारदर्शिता का पालन किया गया। साय सरकार जीरो टॉलरेंस के लिए कटिबद्ध है। पात्र कर्मचारियों ने काउंसलिंग स्थल पर अपने स्थान का स्वयं चयन किया एवं चयन उपरांत उक्त स्थान पर अपनी पद स्थापना की सहमति प्रदान की।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग में खेल प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग एवं विधि-विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने विद्यार्थियों को खेल भावना की शपथ दिलाई और स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रतिदिन किसी न किसी खेल गतिविधि में शामिल होने का आह्वान किया।
अपने उद्बोधन में मंत्री श्री यादव ने कहा कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती को पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया मूवमेंट की जानकारी साझा करते हुए विद्यार्थियों को खेलों को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी।
समारोह में विश्वविद्यालय के 34 विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। मंत्री श्री यादव ने उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि दुर्ग के खिलाड़ी अब राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएंगे।उन्होंने जानकारी दी कि दुर्ग जिले में खेल प्रतिभाओं के लिए निरंतर आधारभूत सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। रविशंकर स्टेडियम को बीसीसीआई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है। आधुनिक बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण पूर्ण हो चुका है जिसका लोकार्पण शीघ्र किया जाएगा। स्टेशन रोड पर स्विमिंग पूल का निर्माण जारी है, नयापारा में अत्याधुनिक जिम की योजना प्रस्तावित है और नाना-नानी पार्क के पास जॉगिंग ट्रैक भी जल्द तैयार होने वाला है।
सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में दुर्ग सांसद विजय बघेल, विधायक ललित चंद्राकर, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी, पूर्व कुलपति एन. पी. दीक्षित, साइंस कॉलेज प्राचार्य डॉ. अजय सिंह, साइंस कॉलेज प्रतिनिधि शिवेंद्र परिहार एवं अरुण सिंह सहित बड़ी संख्या में अध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भगवान श्री बलराम जयंती पर कृषक सम्मेलन में शामिल हुए कृषि मंत्री
जैविक खेती करने और देशी किस्मों को बचाने की अपील
प्राकृतिक खेती और तिलहन उत्पादन पर हुआ मंथन
रायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम आज भगवान श्री बलराम जयंती (कृषक दिवस) के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषक सभागार में आयोजित कृषक सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने किसानों एवं प्रदेशवासियों को भगवान श्री बलराम जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि भगवान श्री बलराम खेती किसानी के देवता है। किसान भाइयों के लिए यह अवसर ऐतिहासिक और गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि किसान समृद्ध, संपन्न और सक्षम हांेगे तो निश्चित ही देश और प्रदेश खुशहाल होगा। उन्होंने किसानों को जैविक खेती करने और देशी किस्मों को बचाने की अपील की। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान उन्नत किसानों को विभागीय योजनाओं के तहत अनुदान राशि का चेक एवं उपकरण प्रदान किए। सम्मेलन में प्राकृतिक खेती, गो कृषि वाणिज्यम एवं तिलहन उत्पादन पर भी विचार मंथन किया गया।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए प्राकृतिक खेती और पशुपालन का समन्वय समय की मांग है। किसानों को धान की खेती के साथ ही कम खाद व पानी में अधिक उत्पादन वाले खेती की ओर आगे बढ़ने के जरूरत है, ताकि किसानों की आय दुगुनी हो और वे सक्षम व संपन्न कृषक बने। उन्होंने किसानों को फूलों, फलों, मसालों तथा औषधीय गुणांे वाले खेती किसानी को अपनाने पर जोर दिया। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की किसानों के प्रति चिंता पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व मंे राज्य सरकार किसानों को तकनीकी, प्रशिक्षण और विपणन सुविधा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री बलराम जी की कृपा से पूरे प्रदेश के अच्छी बारिश हुई है। फसल भी अच्छा होेगा। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीक को अपनाते हुए कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से खेती किसानी को लाभकारी बनाएं।
कौशल विकास मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए किसानों से जैव विविधता के संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसान ऊर्जावान और ज्ञानवान है, फिर भी जहां जरूरत पड़े किसानों को कौशल विकास एवं तकनीक के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दिया जाएगा। उन्हांेने कहा कि परिश्रम से ही समृद्धि है धरती मां की सेवा करने की प्रेरणा भगवान श्री बलराम जी से मिलती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों से वाजिब दाम पर धान की खरीदी कर ंिकसानांे को सम्मान दिया हैं।
कार्यक्रम को महात्मा गांधी वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री रविरतन सक्सेना, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए किसान प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। किसानों ने कहा कि प्राकृतिक खेती और जैविक विधियों से उत्पादन लागत घट रही है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ रही है। संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने तिलहन उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि तिलहन फसलों से देश की खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। साथ ही गो-आधारित कृषि व्यवसाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त स्तंभ बताया।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक श्री राहुल देव बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अजय अग्रवाल, श्रीमती जानकी चंद्रा, कृषि वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में किसान व विभिन्न किसान संघों से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की कार्यवाही की अनुशंसारायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नवा रायपुर स्थित नवनिर्मित विधानसभा भवन परिसर में भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 25 फीट से ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की अनुशंसा की है।
डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री से लोक निर्माण विभाग एवं संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में शीघ्र आवश्यक निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने गठन के 25 वर्षों की यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संविधान में निहित स्वतंत्रता, समता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों से प्रेरित होकर यह राज्य समावेशी विकास की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित विधानसभा परिसर में प्रस्तावित डॉ. अंबेडकर की यह भव्य प्रतिमा न केवल संविधान निर्माता को यथोचित सम्मान अर्पित करेगी, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए सामाजिक समता, न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रेरणा का प्रतीक भी बनेगी।
उल्लेखनीय है कि बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर 12 दिसंबर 1945 को रायपुर आए थे और वर्तमान माधवराव सप्रे शाला परिसर (तात्कालीन लॉरी स्कूल) में ऐतिहासिक जनसभा को संबोधित किया था। इस यात्रा ने छत्तीसगढ़ की धरती को उनके विचारों और व्यक्तित्व से सशक्त बनाया।
यह पहल डॉ. अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी (ए.डब्ल्यू.एस.) की ओर से की गई है। सोसाइटी के चेयरमैन दिलीप वासनीकर एवं प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से विगत दिनो मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने राज्य स्थापना के रजत महोत्सव वर्ष में यह प्रतिमा स्थापित करने का निवेदन करते हुए इसे सामाजिक समता और लोकतांत्रिक मूल्यों के संवर्द्धन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
डॉ. रमन सिंह ने ए.डब्ल्यू.एस. की इस पहल को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि इस प्रतिमा की स्थापना से छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर एक समावेशी और संवेदनशील राज्य के रूप में और भी सशक्त होगी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा ने कहा है कि बालिका की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना केवल विधिक जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि नैतिक और संवैधानिक दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि बालिका के लिए सुरक्षित वातावरण केवल उसे अपराध से बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सकारात्मक पहल से आरंभ होता है- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समान अवसर की उपलब्धता अपरिहार्य है। सभी संस्थानों का उद्देश्य केवल अन्याय को रोकना नहीं, बल्कि सशक्तिकरण करना है।
मुख्य न्यायधीश श्री रमेश सिन्हा आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की विशेष सेल फॉर पॉक्सो समिति एवं किशोर न्याय समिति द्वारा, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के सहयोग से ‘बालिका संरक्षण भारत में उसके लिए एक सुरक्षित एवं सक्षम वातावरण की ओर‘ विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने ने ‘यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न हितधारकों की भूमिका‘ शीर्षक से एक लीफलेट का विमोचन भी किया।
मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा ने कहा कि बालिका संरक्षण के लिए बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण आवश्यक है - स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपचार हेतु, पुलिस सुरक्षा हेतु, समुदाय पोषण हेतु, विधिक संस्थान अधिकारों की रक्षा हेतु और सबसे बढ़कर, समाज को अपनी सोच बदलने हेतु कर्तव्यबद्ध है। यदि हम सामूहिक रूप से इस दृष्टिकोण को अपनाएँ, तो हम न केवल सुरक्षित बल्कि वास्तव में सक्षम वातावरण बना सकेंगे, जहाँ भारत की हर बालिका स्वतंत्रतापूर्वक सपने देख सके, निडर होकर आगे बढ़ सके और अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की प्रत्येक संस्था को बच्चों के अधिकारों का संरक्षक बनकर कार्य करना चाहिए। हमारा यह पावन दायित्व है कि प्रत्येक पीड़िता को न्याय मिले। नन्हीं बालिका भारत की आत्मा है। हमें उसका हाथ थामकर उसे गरिमा के साथ भविष्य की ओर ले जाना है। यह दृष्टि हमें दान या कृपा से नहीं, बल्कि न्याय और कर्तव्य की भावना से प्रेरित करती है।
कार्यक्रम में तकनीकी सत्रों में राज्य, राष्ट्रीय एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य में बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा तथा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ जैसी प्रमुख योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ सुरक्षित विद्यालयीन वातावरण सृजित करने, गैर-सरकारी संगठनों का जनजागरूकता बढ़ाने में योगदान, परिवार और समुदाय के सहयोग, लैंगिक संवेदनशीलता तथा सुरक्षित घरेलू वातावरण का महत्व पर चर्चा की गई। साथ ही बाल संरक्षण सेवाओं के कार्यान्वयन में चुनौतियों की पहचान, बालिकाओं पर हिंसा के मनोवैज्ञानिक प्रभाव और स्वास्थ्य-जागरूकता, यूनिसेफ जैसी संस्थान के सहयोग से बाल-हितैषी वातावरण का निर्माण, किशोर न्याय बोर्ड और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका पर विचार-विर्मश हुआ।
कार्यक्रम को न्यायमूर्ति श्रीमती रजनी दुबे, श्री संजय के. अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति सर्वश्री नरेश कुमार चंद्रवंशी, पार्थ प्रतीम साहू, सचिन सिंह राजपूत, संजय कुमार जायसवाल, रविन्द्र कुमार अग्रवाल, अमितेन्द्र किशोर प्रसाद, विधि विभाग के प्रमुख सचिव, न्यायिक अकादमी के निदेशक, फास्ट ट्रैक, किशोर न्याय बोर्ड के न्यायाधीश, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, यूनिसेफ के प्रतिनिधि सहित जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन न्यायमूर्ति श्री बिभु दत्त गुरु द्वारा किया गया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने सपरिवार विधि-विधान से किया पूजा-आराधना
पोरा तिहार में जमकर थिरके उपमुख्यमंत्री, मंत्री,विधायक और आमजन
ईश्वर के स्वरूप में घर-घर पूजे जाते हैं नांदिया-बैलारायपुर : छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार ‘‘पोरा तिहार’’ आज कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के निवास में धूमधाम और पारंपरिक अंदाज में मनाया गया। पोरा तिहार के इस पावन पर्व पर राज्यपाल श्री रमेन डेका शामिल हुए और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ वासियों को पोरा तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि पोरा तिहार छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति और कृषि जीवन की महत्वपूर्ण परंपरा है।
कार्यक्रम की शुरुआत में कृषि मंत्री श्री नेताम अपनी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा नेताम के साथ भगवान शिव-पार्वती और भगवान स्वरूप नांदिया-बैला का पूजा-आराधना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को पोरा तिहार की शुभकामनाएं दी। कृषि मंत्री श्री नेताम ने कहा आज पोरा तिहार है, जो छत्तीसगढ़ की परम्परा में किसानों और पशु प्रेम को समर्पित है। इसके साथ ही तीन दिन बाद तीजा है, जो सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए तीजा का कठिन व्रत किया था। हमारी सरकार हर माह के पहले हफ्ते में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत एक-एक हजार रूपए उनके खातों में अंतरण कर महिलाओं का सम्मान बढ़ा रही है। कृषि मंत्री श्री नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के रास्ते पर चलते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार छत्तीसगढ़ के चंहुमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, तकनीकि शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री रोहित साहू, श्री मोतीलाल साहू, श्री इन्द्र कुमार साहू, सहित मंडल-निगम आयोग के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने में कहा कि आज हमारे साथी मंत्री श्री रामविचार भैया ने त्यौता देकर हमें पोरा मनाने अपने घर पर बुलाया है। पोरा तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा और सामाजिक सद्भाव का पर्व हैं। हमारी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने भी पोरा तिहार की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार द्वारा पारंपरिक पर्वों को सम्मान एवं नए उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
कृषि मंत्री निवास को परंपरागत ग्रामीण परिवेश में विशेष रूप से सजाया गया था। पारंपरिक बैलगाड़ी, नंदिया-बैला और मिट्टी के खिलौने व बर्तन से सुसज्जित वातावरण ने ग्रामीण अंचल की झलक प्रस्तुत की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिससे पोरा तिहार का उत्सव और अधिक जीवंत हो गया। वहीं इस मौके पर आगंतुकों ने छत्तीसगढ़ के ठेठरी, खुरमी, अइरसा, गुलगुला भजिया, चीला, फरा सहित विविध प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुप्त उठाया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हिन्दुस्तान और ताशकंद का संबंध तीन हजार वर्ष पुराना: प्रो. ओयबेक रोज़िव
उज्बेकिस्तान के विद्यार्थी छत्तीसगढ़ में और यहां के विद्यार्थी
उज्बेकिस्तान में कर सकेगें कृषि शोध एवं अध्ययनइंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड
पेडागॉजी उज्बेकिस्तान के मध्य शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए हुआ एमओयूरायपुर : उज्बेकिस्तान के डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडागॉजी के रेक्टर प्रो. ओयबेक आब्दीमुमीनोविच रोज़िव सहित अध्ययन दल के प्रतिनिधि मंडल ने आज कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम से अटल नगर, नवा रायपुर स्थित उनके शासकीय निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम ने उज्बेकिस्तान के कृषि वैज्ञानिकों का छत्तीसगढ़ के पावन धरती में आने पर आत्मीय स्वागत किया। इस मौके पर प्रो. ओयबेक रोज़िव ने बताया कि हिन्दुस्तान और ताशकंद का तीन हजार वर्ष पुराना संबंध है। उन्होंने बताया कि ताशकंद उज्बेकिस्तान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह मध्य एशिया में स्थित है और अपनी आधुनिक वास्तुकला, चौड़ी सड़कों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा बेहतर जैव प्रौद्योगिकी के लिए जाना जाता है।
प्रो. रोजिव ने मंत्री श्री नेताम को बताया कि वे अध्ययन भ्रमण में छत्तीसगढ़ आए हैं। उन्हें यहां धान की विलक्षण जैव विविधता एवं उत्पादन तकनीक ने गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उनके संस्थान ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान सहयोग हेतु समझौता किया है।
प्रो. रोज़िव ने बताया कि उज्बेकिस्तान में भी मछली पालन एवं पशुपालन के क्षेत्र में काफी अच्छे काम हुए है। वह भी अवलोकन योग्य है। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में 4 संकाय, 14 विभाग एवं 34 पाठ्यक्रम संचालित होते हैं जिनमें लगभग 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं तथा 7 देशों के साथ अनुसंधान सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम को उज्बेकिस्तान आने आमंत्रित किया। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि निश्चित ही कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए हुए समझौते से छत्तीसगढ़ और उज्बेकिस्तान के विद्यार्थीयों को उच्च शिक्षा मेें काफी मदद मिलेगी। साथ ही किसानों को भी नई तकनीकों एवं शोध से काफी फायदा होगा। मंत्री श्री नेताम ने प्रो. रोजिव के निमंत्रण पर जल्द ही उज्बेकिस्तान आने की बात कही।गौरतलब है कि प्रो. रोज़िव गुरूवार को रायपुर में आयोजित “कृषि में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान सहयोग” विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडागॉजी उज्बेकिस्तान के मध्य दोनों शिक्षा एवं अनुसंधान में सहयोग हेतु एमओयू पत्रों का आदान-प्रदान हुआ। समझौते के तहत कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण, सुगंध एवं औषधीय पौधों का उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, जैव प्रौद्योगिकी और उद्यमिता विकास जैसे क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान कार्य किए जाएंगे। इससे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के अवसर प्राप्त होंगे। इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
28 जिलों में 1.33 लाख आदि कर्मयोगी घर-घर संपर्क कर दिलाएंगे योजनाओं का लाभ
गांवों में स्थापित होंगे आदि सेवा केंद्र आदि कर्मयोगियों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण
रायपुर : छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय के लिए संचालित केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनजातीय परिवारों तक पहुंचानें के लिए आदिकर्मयोगी अभियान संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आदि कर्मयोगी अभियान को 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 के मध्य जोर-शोर के साथ सेवा पर्व के रूप में संचालित करने का आह्वान किया है।
छत्तीसगढ़ में आजादी के अमृतकाल में वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्प को पूरा करने में सबकी सहभागिता से यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के लिए राज्य के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में 1 लाख 33 हजार वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। आदिकर्मयोगी अभियान में विभिन्न विभागों के समन्वय से जनजातीय परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी देंगे।
आदिकर्मयोगी अभियान अंतर्गत जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ हैं, उनकी पहचान की जाएगी। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। आदिकर्मयोगी अभियान संचालित करने के लिए राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर टेªनर्स के द्वितीय चरण के चार दिवसीय प्रशिक्षण का पूर्ण कर लिया गया है। इसके बाद विकासखण्डों और गांवों में चिन्हांकित आदिकर्मयोगी को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिकर्मयोगी अभियान के संबंध में 6 अगस्त को आयोजित बैठक में इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को जमीनी स्तर क्रियान्वित करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री श्री उइके ने आदिकर्मयोगीयों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए जनजातीय संस्कृति और परंपरा को कायम रखते हुए इन वर्गों के कल्याण के लिए हम सबको पावन और पवित्र भाव से कार्य करने पर जोर दिया।
आदिम जाति, विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना में जनजातीय वर्गों के विकास में भागीदारी बनने की जरूरत है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि आदि कर्मयोगी जनजातियों से सहज-सरल एवं उनकी ही भाषा व बोलचाल में मित्रवत जुड़ाव आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य पूरा होगा।
प्रमुख सचिव आदिम जाति विकास श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि इस अभियान के तहत ग्रामों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित होंगे। ये केंद्र न केवल मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहायक होंगे, बल्कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सतत क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। समापन समारोह में मास्टर ट्रेनर्स सहित बस्तर और सरगुजा संभाग के आदि कर्मयोगी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
केन्द्रीय मंत्री ने आदि कर्मयोगी मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण कार्यशाला का किया शुभारंभ
विकसित भारत की संकल्पना में छत्तीसगढ़ न रहे पीछे : मंत्री श्री रामविचार नेताम
राज्य के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में संचालित होगा आदि कर्मयोगी अभियान
1.33 लाख आदि कर्मयोगी जनजातियों के विकास में बनेगी सहभागी
रायपुर : केन्द्रीय जनजातीय मामले के मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित आदि कर्मयोगियों के लिए राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर टेªनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। केन्द्रीय मंत्री श्री उइके ने शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें केवल स्वहित के लिए ही नहीं, बल्कि परहित और विकास की राह में पीछे छूट गए लोगों के लिए संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए काम करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि जिनका व्यक्तित्व और कर्तृत्व उत्कृष्ट होता है, उन्हें आने वाली पीढ़ी याद रखती हैं। जिसके मन में मानवीय संवेदना का चिंतन होता है, वे सबको साथ लेकर चलते है, सबके विकास में सहभागी बनते हैं। उन्होंने कहा कि भोग, भौतिकी, पेट और प्रजनन के साथ ही मानवता के प्रति अपने मूल दायित्वों को भी प्राथमिकता के साथ पूरा करना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री श्री उइके ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि आदि कर्मयोगी को विशेष तौर पर यह ध्यान देना चाहिए कि जनजातीय संस्कृति और परंपरा को कायम रखते हुए उनके उत्पाद को उचित बाजार और अच्छा दाम मिले। इन वर्गों के कल्याण के लिए हम सबको पावन और पवित्र भाव से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में कहा कि वैश्विक भाव रखते हुए हमें विश्व भारती पर चिंतन करने की जरूरत है। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे यह भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि हम पिछड़े हुए वर्गों के विकास के लिए निच्छल भाव काम करेंगे तो अभियान को सफलता अवश्य मिलेगी।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आदि कर्मयोगी अभियान के प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के परिकल्पना पर आदि कर्मयोगी अभियान प्रारंभ किए गए हैं। यह अभियान विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका समाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना में छत्तीसगढ़ पीछे न रहे इस उद्देश्य से संवेदनशीलता और समर्पण भाव से जनजातीय वर्गों के विकास में भागीदारी बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कल्पना एवं सोच से जनजातीय वर्गों की समस्याओं के निराकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ही परिकल्पना से पीएम जनमन एवं धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान संचालित हो रहे है, इससे राज्य के जनजातियों विशेषकर पिछड़े जनजातियों के विकास निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में भी जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ हैं, उनकी पहचान करेंगे। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आदि कर्मयोगी अभियान को 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 के मध्य जोर-शोर के साथ सेवा पर्व के रूप में संचालित करने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय ट्राईफेड के प्रबंध संचालक श्री हृदेश कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा समर्पण और संकल्प के भाव से आदि कर्मयोगी अभियान को आगे लेकर चलना है। पीएम जनमन एवं धरती आबा, ग्राम उत्कर्ष अभियान की तरह ही इस अभियान की सफलता के लिए समर्पण भाव होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ट्राईफेड की ओर छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्गों के विकास के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनभागीदारी से सुशासन लाना है। उन्होंने कहा कि सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना को आत्मसात करते हुए आजादी के अमृतकाल में वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्प को पूरा करने में सबकी सहभागिता जरूरी है। इस अभियान के तहत प्रदेश के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में 1 लाख 33 हजार वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है, जिसे जनभागीदारी और जनजागरूकता के माध्यम से से पूर्ण किया जाना है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि हमें कर्मयोगी बनना है। सबकी सहभागिता से समाज के पिछड़े तबके के विकास के लिए भी हमें संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है। गीता में भी कर्मयोगी, भक्तियोगी की महत्ता प्रतिपादित है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में धरती आबा और पीएम-जनमन जैसे संतृप्तिमूलक अभियानों की भी शुरुआत की गई है, जिनके अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों एवं पीवीटीजी बस्तियों में आवास, पक्की सड़कें, जलापूर्ति, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने प्रशिक्षण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के जिला स्तरीय प्रशिक्षणार्थियों को पहले चरण में 11 से 14 अगस्त तक मास्टर ट्रेनरों द्वारा विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। वहीं बस्तर और सरगुजा संभाग के प्रशिक्षणार्थियों को 18 से 21 अगस्त तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर ब्लॉक स्तर और ग्रामीण स्तर पर आदि सहयोगी व आदि साथी को प्रशिक्षित करेंगे। इन्हीं प्रशिक्षित आदि कर्मयोगियों द्वारा जनजातियों के घर-घर जाकर एवं उनसे चर्चा कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने एवं उनके विकास की दिशा में कार्य करेंगे। प्रशिक्षण कार्यशाला में बस्तर और सरगुजा संभाग के प्रशिक्षाणर्थी शामिल थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : जंगलों के बीच कच्चे मकान में बसर कर रही छेरकीन बाई को लगता था कि एक दिन वे लोग भी पक्के मकान में निवास करेंगे। घर की गरीबी और परिस्थितियों ने ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि पक्का आवास का सपना महज सपना ही रह गया। वक्त के साथ छेरकीन बाई अकेली ही अपनी झोपड़ी में रह गई। बच्चे भी नहीं थे। बुढ़ापे में बाल पक गए, उम्मीदें टूट गई और इन टूटे हुए उम्मीदों के बीच उन्हें बारिश के दिनों समस्याओं से जूझना पड़ता था। इस बीच प्रधनमंत्री आवास योजना में उनका नाम चयन होने के बाद जब पक्के मकान के लिए पहली किस्त मिली तो वृद्धा छेरकीन बाई ने अपने सगे संबंधियों की मदद से मकान तैयार करा लिया। अब जबकि बारिश का माहौल है, तब भी छेरकीन बाई को छत से पानी टपकने और खपरैल ठीक कराने की समस्याओं से दो चार होना नहीं पड़ता।
कोरबा विकासखण्ड अंतर्गत वनांचल ग्राम केराकछार की रहने वाली छेरकीन बाई ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास में नाम आने के बाद उन्होंने अपने घर के पास रहने वाले अन्य रिश्तेदारों के साथ ही अपना भी मकान बनवा लिया है। बारिश की वजह से अभी प्लास्टर का काम शेष है। आने वाले दिनों में प्लास्टर का काम भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मकान बनकर तैयार है, और बारिश में वह इसी पक्के मकान में ही रह रही है। वृद्धा छेरकीन बाई ने बताया कि गरीबी की वजह से पक्का मकान बना पाना हमारे वश में नहीं था। घर में अकेली होने की वजह से कच्चे मकान में बारिश के दिनों में होने वाली परेशानियों से जूझना पड़ता था। वह तो पक्के मकान का उम्मीद छोड़ भी चुकी थी, लेकिन पीएम आवास में नाम आने के बाद उनकी टूटी हुई उम्मीद पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि अपने नाती को गोद ली है और अब वे ही उनका देख-रेख करते हैं। छेरकीन बाई ने पीएम आवास के रूप में पक्का मकान मिलने पर कहा कि यह योजना हम जैसी गरीब और बेसहाराओं के लिए वरदान से कम नहीं। यह पक्का मकान ही नहीं है, हमारा सहारा होने के साथ हमें अनेक मुसीबतों से बचाने और आने वाले दिनों में खुशियों का पल भी है, इसलिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद भी करना चाहती हूं।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छायाचित्र प्रदर्शनी और क्विज प्रतियोगिता में युवा लें रहे उत्साह से हिस्सा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती वर्ष पर राजधानी के टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा लगायी गई छायाचित्र प्रदर्शनी राजधानीवासियों को लुभा रही है। इस प्रदर्शनी में केबीसी के तर्ज पर यहां क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। युवा इसमें उत्साह के साथ हिस्सा लें रहे हैं। छायाचित्र प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की परंपराओं, स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास, छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं का जीवन परिचय और उनका स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान तथा राज्य निर्माण की यात्रा से जुड़ी कई दुर्लभ तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। साथ ही डिजिटल स्क्रीन पर स्लाइड शो भी के माध्यम से भी छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों प्रदर्शित की जा रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस छायाचित्र प्रदर्शनी में प्रगति पथ पर छत्तीसगढ़, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना, विष्णु का सुशासन-संवाद से समाधान तक, सुशासन तिहार छत्तीसगढ़ अंजोर, राज्य का प्रथम आदिवासी संग्रहालय, स्वर्णिम भविष्य की राह, औद्योगिक नीति, नई शिक्षा नीति से भविष्य उज्ज्वल, वनांचल मा समृद्धि के आधार हमर हरा सोना जैसी लोककल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और छत्तीसगढ़ राज्य की उपलब्धियां को भी प्रदर्शित किया गया है। 21 अगस्त तक चलने वाली यह सात दिवसीय प्रदर्शनी प्रातः 10.30 से रात्रि 8 बजे तक आम लोगों के लिए निःशुल्क खुली रहेगी।
जे.आर. दानी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं के दल ने आज प्रदर्शनी का अवलोकन किया और क्विज में हिस्सा भी लिया। इस दौरान कु. सरिता यादव, कु. कशिश श्रीवास, कु. हेमा पटेल और कु. छाया लालवानी ने कहा कि प्रदर्शनी रोचक और ज्ञानवर्धक है। प्रदर्शनी में आगंतुकों के लिए छत्तीसगढ़ के इतिहास और सामान्य ज्ञान पर आधारित क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रायपुर के विभिन्न स्कूलों और छात्रावासों के बच्चों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं और क्विज के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी देखने आए प्राचार्य डॉ. हितेश कुमार देवांगन, व्याख्याता श्रीमती योगिता चंद्रवंशी, संकुल समन्वयक श्री खोमेश्वर राम देवांगन, व्याख्याता श्रीमती मीना भारद्वाज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के डॉ. भीष्म सोनकर सहित अनेक लोगों ने भी इस आयोजन की सराहना की और विजिटर्स बुक में अपने अनुभव और सुझावों को साझा किया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पटवारियों कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए 7.70 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत
आम जनता को राजस्व संबंधी सुविधाएं अब आसानी से मिलेगी: राजस्व मंत्री श्री वर्मा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर पटवारी कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए 7.70 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इससे कार्य में सहूलियत मिलेगी बल्कि आम जनता को राजस्व सेवाएं अब और तेजी व पारदर्शिता से उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि पटवारी हमारी ग्रामीण राजस्व व्यवस्था की रीढ़ हैं। उनकी समस्याओं का समाधान हमारी प्राथमिकता है। इससे उनके कार्य करने की परिस्थितियाँ बेहतर होंगी और जनता को त्वरित सेवा मिलेगी।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा सरकार ने पटवारियों की जायज़ मांगों को स्वीकार करते हुए वित्तीय स्वीकृति दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की मांग पत्रक में सम्मिलित बिंदुओं पर विचार करते हुए पटवारियों के लिए विभिन्न मदों में राशि आबंटित की गई है। इसमें कार्यालय संचालन, आवश्यक संसाधन एवं सुविधा विस्तार के लिए यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस निर्णय से कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता को और अधिक सुगम सेवाएँ मिलेंगी। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेशभर के पटवारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ की राजस्व व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला ऐतिहासिक कदम है। गौरतलब है कि पटवारियों द्वारा लंबे समय से पटवारी कार्यालयों के सुचारू संचालन एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए लगातार मांग की जा रही थी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ को सप्लाई प्लान के अतिरिक्त डीएपी और यूरिया के 50-50 हजार टन आबंटन
कृषि मंत्री श्री नेताम के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सांसदों ने केन्द्रीय उर्वरक मंत्री से दिल्ली में की मुलाकात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर केन्द्रीय रासायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने छत्तीसगढ़ को यूरिया और डीएपी खाद की अतिरिक्त आबंटन की मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि केन्द्रीय रासायन एवं उर्वरक मंत्री से दिल्ली में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सांसदों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ राज्य को यूरिया और डीएपी खाद की आपूर्ति के संबंध में चर्चा की।
कृषि मंत्री श्री नेताम और सांसदों ने राज्य के किसानों को खरीफ सीजन में रोपा-ब्यासी के समय पड़ने वाले खाद की अतिरिक्त आवश्यकता की जानकारी देते हुए उनसे खरीफ सीजन के लिए छत्तीसगढ़ को निर्धारित सप्लाई प्लान के अतिरिक्त 50-50 हजार टन यूरिया और डीएपी खाद आबंटित किए जाने का आग्रह किया है। केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा इस पर छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त खाद उपलब्ध कराने उर्वरक मंत्रालय अधिकारियों को निर्देशित किया।
केन्द्रीय उर्वरक मंत्री श्री नड्डा से मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री श्री नेताम और लोकसभा सांसद सर्वश्री संतोष पाण्डेय, श्री विजय बघेल, श्रीमती कमलेश जांगड़े और श्रीमती रूपकुमारी चौधरी और राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह, छत्तीसगढ़ मार्कफेड प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में यूरिया और डीएपी खाद की आपूर्ति की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के किसान मुख्य रूप से धान की फसल लेते हैं। खरीफ सीजन में किसान अगस्त-सितंबर माह में रोपा-बियासी का कार्य करते हैं। वर्तमान में रोपा-बियासी का काम तेजी से चल रहा है। इस समय धान के पौधों को तेजी से बढ़वार और बेहतर उत्पादन के मद्देनजर किसानों को इस समय ज्यादा फोस्फेटिक खाद की जरूरत पड़ती है।
कृषि मंत्री श्री नेताम और सांसदों ने केन्द्रीय उर्वरक मंत्री को बताया कि सप्लाई प्लान के अनुसार छत्तीसगढ़ को माह जुलाई तक यूरिया की 5.99 लाख तथा डी.ए.पी. की 2.68 लाख मेट्रिक टन आपूर्ति निर्धारित थी जिसके विरूद्ध यूरिया की 4.63 लाख तथा डी.ए.पी. की 1.61 लाख मेट्रिक टन मात्रा राज्य को प्राप्त हुई है। माह अगस्त के लिए यूरिया की 57,600 मेट्रिक टन तथा डी.ए.पी. की 36,850 मेट्रिक टन का सप्लाई प्लान निर्धारित है। चूंकि इन उर्वरकों की सर्वाधिक आवश्यकता अगस्त माह में होती है। इसलिए निर्धारित सप्लाई प्लान के अतिरिक्त यूरिया तथा डी.ए.पी. की 50-50 हजार मेट्रिक टन अतिरिक्त मात्रा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
खरीफ सीजन में खाद भंडारण एवं वितरण
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ वर्ष 2025 में भारत सरकार द्वारा उर्वरक यूरिया-07 लाख 12 हजार मेट्रिक टन, डी.ए.पी. 03 लाख 10 हजार मेट्रिक टन तथा एम.ओ.पी.-60 हजार मे.टन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके विरुद्ध 11 अगस्त तक 06 लाख 72 हजार मे.टन यूरिया, 02 लाख 14 हजार मे.टन डी.ए.पी. तथा 80 हजार मे.टन एम.ओ.पी. का भण्डारण किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि डी.ए.पी. के प्रतिस्थापन के संबंध में वैकल्पिक उर्वरकों के रुप मेंएन.पी.के. 01 लाख 80 हजार मे.टन लक्ष्य के विरुद्ध 02 लाख 37 हजार मे.टन एवं एस.एस.पी. 02 लाख मे. टन लक्ष्य के विरुद्ध 02 लाख 95 हजार मे.टन का भण्डारण किया गया है। इसी प्रकार डी.ए.पी. की कमी की पूर्ति एन.पी.के एवं एस.एस.पी. उर्वरकों से की जा रही है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सरल-सहज एवं मित्रवत जुड़ाव से लक्ष्य होगा पूरा : मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैनआदि कर्मयोगी मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण का मुख्य सचिव ने किया शुभारंभ
राज्य के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में संचालित होगा आदि कर्मयोगी अभियान
1.33 लाख आदि कर्मयोगी जनजातियों के विकास में देंगे सहभागिता
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में आदि कर्मयोगी जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ शेष हैं, उनकी पहचान करेंगे। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। मुख्य सचिव श्री अभिताभ जैन ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित आदि कर्मयोगियों के लिए राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर टेªनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि आदि कर्मयोगी जनजातियों से सहज-सरल एवं उनकी ही भाषा व बोलचाल में मित्रवत जुड़ाव से आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य पूरा होगा। ऐसे आदि कर्मयोगी साथी को भी इस अभियान में जोड़ने की भी जरूरत है, जो गोड़ी, हल्बी, भतरी, सदरी आदि बोली-भाषा का ज्ञान रखते हैं। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी एक-एक आदिवासी परिवारों से मिलकर उनकी आजीविका, उनके रोजी-रोटी का साधन उनकी स्वास्थ्य, पोषण, सेरक्षित प्रसव टीकाकरण आदि विशेष विषय पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर, सरगुजा के दूरस्थ अंचलों में चर्चा के दौरान बच्चों में रूचिकर हुनर से भी जोड़ने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्हें व्यवहारिक शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा, सहकारी साख समितियों से ऋण लेने तथा ऋण चुकाने की भी जानकारी देनी चाहिए।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान के तहत पूरे देश में आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में 20 लाख स्वयंसेवकों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस राष्ट्रीय लक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की भागीदारी सक्रिय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में लगभग 1 लाख 33 हजार वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे जनभागीदारी और जनजागरूकता के माध्यम से समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाना है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत ग्रामों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जो न केवल मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहायक होंगे, बल्कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सतत क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में धरती आबा और पीएम-जनमन जैसे संतृप्तिमूलक अभियानों की भी शुरुआत की गई है, जिनके अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों एवं पीवीटीजी बस्तियों में आवास, पक्की सड़कें, जलापूर्ति, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ शेष हैं, उनकी पहचान कर और आगामी 2 अक्टूबर 2025 को ग्राम सभाओं में इस पर विशेष चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जिला मास्टर्स ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जाना है। दो चरणों में संपादित होने वाले इस कार्यक्रम का प्रथम चरण 11 से 14 अगस्त एवं दूसरा चरण 18 से 21 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। प्रथम चरण में आज तीन संभाग बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग के जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित हुए। कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों, मास्टर टेªनरों एवं सुपर कोच ने अपने- अपने अनुभव साझा किया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, आदिम जाति विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, टीआरआई की संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, वन विभाग के पीसीसीएफ श्री अनिल साहू, राज्य मास्टर टेªनर्स श्री अभिषेक सिंह सहित स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं जिलों से 105 प्रशिक्षाणर्थी शामिल थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ऑपरेशन “सिंदूर” की सफलता की दी बधाई
रायपुर : छत्तीसगढ़ के किसान कल्याण एवं आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम अपने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम ने इस मौके पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह को ऑपरेशन “सिंदूर” की सफलता के लिए बधाई दी।
उन्होंने केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे नक्सल अभियान के संबंध में भी चर्चा की। मंत्री श्रीे नेताम ने राज्य सरकार द्वारा नियद नेल्लानार अभियान के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनजातियों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। मंत्री श्री नेताम ने बताया कि पीएम जनमन योजना, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, नियद नेल्लानार योजना के तहत आदिवासी परिवारों और उनकी बसाहटों को शत-प्रतिशत संतृप्त किया जा रहा है।
केन्द्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा करते हुए मंत्री श्री नेताम ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के किसानों, गरीबों और मजदूरों सहित सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किए गए वायदों को पूरा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सभी वर्ग के लोग खुशहाल हैं। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के छत्तीसगढ़ में हो रहे बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में भी जानकारी दी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष ढाई से 3 लाख रूपए की आमदनी
एक बार लगाएं तीसरे वर्ष से 30 वर्षों तक लगातार उत्पादन पाएं
केंद्र और राज्य सरकार से एक-एक लाख रूपए का अनुदान
उद्यान विभाग की तकनीकी मदद से प्रदेश में पॉम की खेती को मिली रही नई दिशा
रायपुर : पॉम की खेती प्रदेश के किसानों के लिए स्थायी आय का जरिया बन रही हैं। राज्य सरकार किसानों को अतिरिक्त आमदनी के साधन उपलब्ध कराने पॉम सहित अन्य उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दे रही है। वहीं पॉम ऑयल की मांग और उत्पादकता को ध्यान में रखते हुए पॉम की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पाम मिशन के तहत साझा अभियान शुरू किया है। जिसके तहत 2 हजार 682 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पॉम पौधों का रोपण हो चुका है। पॉम ऑयल सबसे अधिक उपयोग में लाये जाने वाला वनस्पति तेल है। इसका उपयोग बिस्किट, चॉकलेट, मैगी, स्नैक्स और गैर खाद्य जैसे साबुन, क्रीम, डिटर्जेंट, बायोफ्यूल आदि उत्पादों में होता हैं। पॉम के कृषकों को प्रोत्साहन हेतु केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा एक-एक लाख रूपए अनुदान भी दिया जा रहा है। वहीं किसानांे को निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं।
देश भर में 3.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पॉम का रोपण
केंद्र सरकार ने देश की खाद्य तेलों पर आयात निर्भरता को कम करने और किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से नेशनल मिशन ऑन ईडएबल आयल के माध्यम से पाम आयल के उत्पादन को नई दिशा दी है। राष्ट्रीय तिलहन एवं पॉम ऑयल मिशन के तहत अब तक देशभर में 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर पॉम की खेती हो चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2024-25 में पॉम ऑयल का घरेलू उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़ा हैं। जबकि सरकार ने वर्ष 2029-30 तक इसका उत्पादन 28 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार तेलंगाना, असम, मिजोरम, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के बस्तर और दंतेवाड़ा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पॉम की खेती से रोजगार और आय का नया साधन जुटाने की दिशा में काम कर रही है।
छत्तीसगढ़ के 17 जिलों में हो रही पॉम की खेती
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में राज्य सरकार के किसानों कीे आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 17 जिलों में पॉम की खेती के लिए प्रयास किए है। राज्य में प्रमुख रूप से बस्तर (जगदलपुर), कोण्डागांव, कांकेर, सुकमा नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, महासमंुद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जाजगीर-चापा, दुर्ग, बेमेतरा, जशपुर, सरगुजा, कोरबा और बिलासपुर जिले में पाम की खेती की जा रही है। राज्य में विगत चार वर्ष में 1 हजार 150 कृषकों के लगभग 1 हजार 600 हेक्टेयर रकबे में पॉम के पौधों का रोपण किया गया है। वहीं इस वर्ष 802 किसानों के 1 हजार 089 हेक्टेयर रकबे में पॉम का रोपण कराया जा चुका हैं।
रायगढ़ विकासखंड के ग्राम चक्रधरपुर के किसान श्री राजेंद्र मेहर ने उद्यान विभाग के सहयोग से अपने 10 एकड़ खेत में 570 आयल पाम के पौधों का रोपण किया है। श्री मेहर ने बताया कि यह भूमि लंबे समय से खाली पड़ी थी और वे काफी समय से उद्यानिकी फसल लेने का विचार कर रहे थे। तकनीकी जानकारी के अभाव में शुरुआत नहीं कर पाए थे, लेकिन उद्यान विभाग से संपर्क के बाद उन्हें न सिर्फ आवश्यक मार्गदर्शन मिला, बल्कि पाम की खेती से होने वाले लाभों की जानकारी भी मिली। इससे प्रेरित होकर उन्होंने पाम की खेती करने का निर्णय लिया। इसी तरह महासमंुद जिले में 611 हेक्टेयर क्षेत्र में पॉम की खेती की जा रही है।
तीसरे वर्ष से शुरू होता है उत्पादन
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑयल पाम योजना के तहत् प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये मूल्य के 143 पौधे निः शुल्क दिए जा रहे हैं। पौध रोपण, फेंसिंग, सिंचाई, रखरखाव और अंतरवर्तीय फसलों की कुल लागत लगभग चार लाख रूपए प्रति हेक्टेयर आती है। इस पर भारत सरकार द्वारा एक लाख रुपए तथा राज्य शासन द्वारा एक लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। शेष राशि के लिए बैंक ऋण सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त बाग का रखरखाव, ड्रिप इरिगेशन, अंतरवर्ती फसल, बोरवेल, पम्प सेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, पॉम कटर, वायर मेश,मोटारोईज्ड चिस्ल, चाप कटर, टेªक्टर ट्राली के लिए भी अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। ऑयल पॉम फसल का उत्पादन तीसरे वर्ष से शुरू होकर लगभग 25 से 30 वर्षों तक लगातार होता है। पौधों की उम्र बढऩे के साथ उपज भी बढ़ती है। एक हेक्टेयर से हर वर्ष 15 से 20 टन उपज मिलने की संभावना होती है, जिससे कृषक को ढाई से तीन लाख रुपए तक की सालाना आय हो सकती है।
बिक्री की भी चिंता नहीं, समर्थन मूल्य पर खरीदी का पक्का इंतजाम
ऑयल पाम पौधों के बीच पर्याप्त दूरी होने के कारण किसान वहां सब्जी या अन्य अंतरवर्तीय फसलें भी ले सकते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है। इतना ही नहीं 2 हेक्टेयर से अधिक रोपण पर बोरवेल खनन हेतु 50 हजार रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा रहा है। उत्पादित फसल की बिक्री के लिए भारत सरकार ने अनुबंधित कंपनियों की व्यवस्था की है, जो किसानों के खेत से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीदी करती हैं। फसल का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाता है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विभागीय कार्यों में आ रही तकनीकी समस्याओं का आपसी समन्वय से करें निराकरण: मंत्री श्री केदार कश्यप
रायपुर : विभागीय कार्यों में आ रही समस्याओं का निराकरण आपसी समन्वय स्थापित कर समय-सीमा में निराकरण करें। यह बातें जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज शिवनाथ भवन अटल नगर में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने बैठक का संचालन करते हुए कहा कि एमआईएस में आ रही समस्याओं का आपसी समन्वय स्थापित कर 19 अगस्त 2025 के पूर्व समस्त तकनीकी विषयों पर आवश्यक निर्णय लेते हुए निराकरण कर लिया जाए। साथ ही तकनीकी स्वीकृति से संबधित वित्तीय अधिकार को युक्तियुक्त करने हेतु प्रस्ताव 06 अगस्त 2025 तक शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। निविदा प्रपत्र के अंतर्गत 108 प्रकरणों में दोषी पाये गये निविदाकारों के विरूद्ध कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर अनिवार्यतः पूर्ण करें और दोषी पाए गए निविदाकारों को आगामी निविदा में भाग लेने के संबंध में निविदा कंडिका में संशोधन हेतु प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर शासन को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
बैठक में सचिव श्री टोप्पो ने अधिकारियों को एमआईएस में संबंधित प्रविष्टी प्रदर्शित होने के लिए आवश्यक व्यवस्था भी समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही निविदा प्रक्रिया में आ रही समस्याओं का संबंधित मुख्य अभियंता एवं निविदा प्रकोष्ठ कार्यालय प्रमुख अभियंता आपस में समन्वय स्थापित कर निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि बोधघाट वृहद् परियोजना, इन्द्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना, शेखरपुर जलाशय एवं डांडपानी जलाशय के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही पूरी कर तथा प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त योजनाओं में निविदा स्वीकृति का कार्य निर्धारित 100 दिवस की समय-सीमा में पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें।
सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने बैठक में जलाशयों से कृषकों की माँग के अनुरूप नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए जल प्रदाय किया जाना सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने विभिन्न विषयों पर विभागीय नीति तैयार कर एक माह के भीतर शासन को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही जल-कर में वृद्धि हेतु प्रस्ताव अविलम्ब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट मीटरिंग के कार्य को भी पी.पी.पी. माध्यम से कराए जाने हेतु प्रस्ताव अविलम्ब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सचिव श्री टोप्पो ने मंत्री श्री कश्यप को बताया कि विशेष केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत कर दिया जाएगा और परियोजना मण्डल की आगामी बैठक हेतु आवश्यक तैयारियां एक सप्ताह के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्यवाही भी समय से पूर्ण कर लिया जाएगा। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उईके, मुख्य अभियंता सर्वश्री प्रसून शर्मा, डी.के. बुम्मेरकर, जे.आर. भगत, आर.आर. सारथी, एस.के. टीकम, शंकर ठाकुर, के. एस. भंडारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आसपास के गॉवों के किसान बेच सकेंगे दुग्ध, समय और पैसे की होगी बचत
रायपुर : दुग्ध सहकारी समिति धनगॉव (च.) विकासखण्ड मुंगेली का पंजीयन उपरांत प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। जिला कलेक्टोरेट में आयोजित जनदर्शन में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने समिति के अध्यक्ष श्री ऋषिराज सिंह और उपाध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र साहू को दुग्ध पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किया। दुग्ध सहकारी समिति धनगॉव (च.) का पंजीयन हो जाने से आसपास के 05 से 08 गॉवों के दुग्ध उत्पादक किसान उक्त समिति में ही वास्तविक मूल्य पर दुग्ध बेच सकेंगे, इससे किसानों के शहर आने-जाने में लगने वाले समय की बचत होगी। साथ ही आवागमन में होने वाला खर्च भी बचेगा।
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. आर. एम. त्रिपाठी ने बताया कि पशुपालकों के आय में वृद्धि हेतु शासन की फ्लैगशीप योजना ‘‘सहकार से समृद्धि’’ के तहत समस्त ग्राम पंचायतों में सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। अभी तक 07 दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है। इससे गॉव के किसानों को बेहतर सुविधा प्राप्त होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नीति आयोग द्वारा 6 सूचकांकों में शत-प्रतिशत उपलब्धि पर मिला रजत पदक
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आकांक्षी विकासखण्डों की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। यहां स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा, आधारभूत ढांचा और वित्तीय समावेशन के दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। देशभर के 500 आकांक्षी विकासखंडों के बीच लखनपुर विकासखंड ने 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 के मध्य निर्धारित छह प्राथमिक सूचकांको में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, इसके लिए नीति आयोग ने आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर को रजत पदक से सम्मानित किया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में चलाए गए संपूर्णता अभियान के माध्यम से शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंची हैं, जिससे विशेषकर पिछड़ी जनजातियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। “वोकल फॉर लोकल” की थीम पर आधारित आकांक्षा हाट को ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।
प्रसवपूर्व देखभाल हेतु सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच में लक्षित आबादी के शत्-प्रतिशत कवरेज, पूरक पोषण प्राप्त करने वाली महिलाओं की शत-प्रतिशत संख्या जैसे संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई। मृदा परीक्षण लक्ष्य पूर्ण कर 1000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। वहीं एनआरएलएम के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों को 99 प्रतिशत रिवॉल्विंग फंड वितरित कर वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया। पिछड़े और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से संबंधित विकासखंडों की सूची में शामिल लखनपुर ने सितम्बर से दिसम्बर 2023 की डेल्टा रैंकिंग में जोन-5 में दूसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 27वां स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 31 जुलाई से 5 अगस्त तक आकांक्षा हाट का आयोजन में महिला समूहों द्वारा तैयार हस्तशिल्प, गोदना चित्रकला, बांस उत्पाद, मोटे अनाज और पारंपरिक खाद्य सामग्रियों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जा रही है। इस पहल से जहां रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, वहीं पारंपरिक कला और संस्कृति को भी नया जीवन मिल रहा है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क प्रवेश देने की प्रक्रिया के द्वितीय चरण में चयनित विद्यार्थियों की सूची जारी कर दी गई है। इस चरण में प्रदेश भर के 6,953 निजी स्कूलों से 42,362 पूर्ण स्वीकृत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 16,967 सीटों पर पात्रता के आधार पर 10,478 विद्यार्थियों का चयन किया गया।
जारी आंकड़ों के अनुसार, रायपुर जिले में सर्वाधिक 861 निजी स्कूलों से 6,559 पूर्ण स्वीकृत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 750 बच्चों का चयन हुआ। बिलासपुर में 565 स्कूलों में 972 बच्चों का चयन हुआ, जबकि दुर्ग जिले के 538 स्कूलों में 667 बच्चों को प्रवेश के लिए चयनित किया गया। सूरजपुर जिले में सर्वाधिक 1,036 बच्चों का चयन हुआ है। वहीं जांजगीर-चांपा में 837, मुंगेली में 753, कोरबा में 504, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 300, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 259, सक्ती में 324, रायगढ़ में 95, महासमुंद में 246, बलौदाबाजार-भाटापारा में 461, धमतरी में 159, गरियाबंद में 65, कवर्धा में 321, राजनांदगांव में 137 बच्चों का चयन शिक्षा का अधिकार के तहत निःशुल्क शिक्षा के लिए किया गया है। इसी प्रकार बेमेतरा में 213, बालोद में 156, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 73, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 36, सरगुजा में 276, जशपुर में 279, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 183, कोरिया में 116, बलरामपुर में 671 और कांकेर में 104 बच्चों को चयनित किया गया। दूरस्थ आदिवासी अंचलों में भी चयन हुआ है, जिनमें बस्तर में 165, नारायणपुर से 11, कोण्डागांव में 127, बीजापुर में 97, दंतेवाड़ा से 45 और सुकमा से 31 बच्चों का चयन शिक्षा का अधिकार के तहत किया गया।उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जाता है, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क शिक्षा का समान अवसर मिल सके।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नीति आयोग द्वारा 6 सूचकांकों में शत-प्रतिशत उपलब्धि पर मिला रजत पदक
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आकांक्षी विकासखण्डों की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। यहां स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा, आधारभूत ढांचा और वित्तीय समावेशन के दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। देशभर के 500 आकांक्षी विकासखंडों के बीच लखनपुर विकासखंड ने 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 के मध्य निर्धारित छह प्राथमिक सूचकांको में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, इसके लिए नीति आयोग ने आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर को रजत पदक से सम्मानित किया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में चलाए गए संपूर्णता अभियान के माध्यम से शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंची हैं, जिससे विशेषकर पिछड़ी जनजातियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। “वोकल फॉर लोकल” की थीम पर आधारित आकांक्षा हाट को ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।
प्रसवपूर्व देखभाल हेतु सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच में लक्षित आबादी के शत्-प्रतिशत कवरेज, पूरक पोषण प्राप्त करने वाली महिलाओं की शत-प्रतिशत संख्या जैसे संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई। मृदा परीक्षण लक्ष्य पूर्ण कर 1000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। वहीं एनआरएलएम के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों को 99 प्रतिशत रिवॉल्विंग फंड वितरित कर वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया। पिछड़े और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से संबंधित विकासखंडों की सूची में शामिल लखनपुर ने सितम्बर से दिसम्बर 2023 की डेल्टा रैंकिंग में जोन-5 में दूसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 27वां स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।
आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 31 जुलाई से 5 अगस्त तक आकांक्षा हाट का आयोजन में महिला समूहों द्वारा तैयार हस्तशिल्प, गोदना चित्रकला, बांस उत्पाद, मोटे अनाज और पारंपरिक खाद्य सामग्रियों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जा रही है। इस पहल से जहां रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, वहीं पारंपरिक कला और संस्कृति को भी नया जीवन मिल रहा है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
*14.62 लाख मीटरिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 14.47 लाख मीटरिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण
*अब तक किसानों को 10.91 लाख मीटरिक टन खाद वितरित
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में 14.62 लाख मीटरिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 14.47 लाख मीटरिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया और किसानों को अब तक 10.91 लाख मीटरिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है।राज्य में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) के व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी की बड़ी संख्या में भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था की गई है। राज्य में एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के भंडारण और वितरण का लक्ष्य बढ़ाया गया है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को ठोस डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की अनुपातिक मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को खेती-किसानी की सहूलियत प्रदान करने तथा साहूकारों से चगुंल से बचाने अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान करता है। राज्य में चालू खरीफ सीजन में किसानों को 5661 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरण किया जा चुका है। यह लक्ष्य का 72 प्रतिशत है। ब्याज मुक्त ऋण वितरण से 12 लाख 76 हजार किसान लाभान्वित हुए है। इस वर्ष किसानों को 7300 करोड़ रूपए अल्प कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 में राज्य में 14 लाख 62 हजार मे.टन. उर्वरक का आबंटन (लक्ष्य) प्रदान किया गया है। इनमें यूरिया का लक्ष्य 7 लाख 12 हजार मीटरिक टन, डी.ए.पी. का 3 लाख 10 हजार मीटरिक टन, एन.पी.के. का 1 लाख 80 हजार मीटरिक टन, पोटाश का 60 हजार मीटरिक टन तथा सुपर फास्फेट का 2 लाख मीटरिक टन खाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
28 जुलाई 2025 की स्थिति में राज्य में यूरिया 6 लाख 50 हजार 941 मीटरिक टन, डी.ए.पी. 2 लाख 48 मीटरिक टन, एन.पी.के. 2 लाख 31 हजार 890 मीटरिक टन खाद का भण्डारण किया जा चुका है। इसी प्रकार पोटाश 77 हजार 976 मीटरिक टन एवं सुपर फास्फेट 2 लाख 85 हजार 684 मीटरिक टन, इस प्रकार कुल 14 लाख 46 हजार 539 मीटरिक टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के विरूद्ध अब तक किसानों को 10 लाख 91 हजार 545 मीटरिक टन रसायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 88.73 प्रतिशत रासायनिक खाद वितरित
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में अब तक 88.73 प्रतिशत रासायनिक खाद का वितरण किया गया है। खरीफ सीजन 2025 के लिए जिले में किसानों को समय पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा व्यापक कार्य योजना बनाई गई है। जिसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज एवं उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता परीक्षण हेतु निर्धारित मानकों के अनुसार नमूने भी एकत्र कर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 प्रतिशत अधिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है। सहकारी क्षेत्र में कुल भंडारित 15,341.270 मेट्रिक टन उर्वरकों में से 13,612.473 मेट्रिक टन अर्थात 88.73 प्रतिशत उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में समितियों में 1,728.80 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। वहीं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से अऋणी किसानों को 1,944.015 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है।
मोहला जिले के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सहकारी विपणन संघ के डबल लॉक गोदाम में 491.08 मेट्रिक टन यूरिया, डीएपी एवं सुपर फॉस्फेट जैसे उर्वरक उपलब्ध हैं, जिन्हें समितियों की मांग के अनुरूप वितरित किया जा रहा है। इस वर्ष पहली बार नैनो टेक्नोलॉजी आधारित यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों का भी पर्याप्त भंडारण किया गया है। नैनो उर्वरकों के उपयोग से किसानों को परिवहन लागत में कमी, कृषि लागत में बचत एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे लाभ मिल रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार नैनो उर्वरक भी पारंपरिक उर्वरकों के समान ही उत्पादन देने में सक्षम हैं।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा फल एवं सब्जियों के भण्डारण हेतु सोलर पॉवर मिनी कोल्ड रूम की स्थापना विषय पर तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला लॉयड इन्सुलेशन लिमिटेड के सहयोग से संपन्न हुई। यह कार्यशाला ‘इंद्रावती भवन‘ के सभागार में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से प्रगतिशील कृषकों एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं सदस्य प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए।
कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि सौर ऊर्जा से चलित शीत गृहों (सोलर कोल्ड स्टोरेज) में उद्यानिकी कृषकों द्वारा फलों, सब्जियों तथा फूलों के अल्पकालीन भण्डारण करके उसकी सेल्फ लाईफ बढ़ाई जा सकती है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनांतर्गत सोलर पॉवर कोल्ड रूम की इकाई लागत 20 लाख रूपए पर सामान्य क्षेत्र में 35 प्रतिशत (7 लाख रूपए) तथा अधिसूचित क्षेत्र में 50 प्रतिशत (10 लाख रूपए) अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा उद्यानिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए टिकाऊ शीतलन समाधान तथा सौर ऊर्जा चलित शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) के प्रावधान एवं सुविधाओं पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में कोल्ड स्टोरेज के लाभ भी बताये गए। विशेषज्ञों ने फसल कटाई उपरांत नुकसान से बचाव, हानिकारक गैस के उर्त्सजन से बचाव, पर्यावरण से अनुकूलता, कम परिचालन लागत, मुनाफे में वृद्धि, बिजली पर कम निर्भरता आदि के बारे में भी किसानों को जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि किसान इन शीतगृहों को मोबाईल से भी संचालित कर सकते हैं। मोबाइल में शीत गृहों के संचालन के अपडेट्स मोबाईल पर कॉल एवं मेसेज द्वारा निरंतर प्राप्त होते रहते हैं। अंत में किसानों के सवालों एवं समस्याओं का निराकरण किया गया एवं उनसे सुझाव भी आमंत्रित किए गए। कार्यशाला में एक निजी संस्थान के सदस्यों के साथ ही उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री नीरज शाहा, श्री मनोज अम्बष्ट, जिला रायपुर श्री कैलाश सिंह पैकरा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से श्री सुरेश ठाकुर, श्रीमती प्रतीक्षा बंजारे उपस्थित थी।

.jpg)


.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)


.jpg)

.jpg)
.jpg)

.jpg)

.jpg)
.jpg)

.jpg)

.jpg)