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रायपुर : विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा अपनी अनूठी परंपराओं और 75 दिनों तक चलने वाले भव्य उत्सव के लिए जाना जाता है। इस वर्ष उत्सव को और अधिक सुरक्षित तथा व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। रथ परिक्रमा मार्ग पर अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य तेजी से जारी है। लगभग 5 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से हो रही यह परियोजना दशहरा समिति की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करती है, जिसे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर मंजूरी मिली है।
बस्तर दशहरा समिति लंबे समय से परिक्रमा मार्ग पर ऊपर लटके विद्युत तारों को हटाकर अंडरग्राउंड वायरिंग की मांग कर रही थी। ऊपरी तारों की वजह से रथ परिक्रमा के दौरान तार टूटने, शॉर्ट सर्किट और बरसात में बाधा जैसी समस्याएं आती थीं। इससे न केवल रथ संचालन प्रभावित होता था, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता था। समिति ने कई बार प्रशासन से इस पर ठोस कदम उठाने की अपील की थी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को प्राथमिकता दी। उनके निर्देश पर परियोजना को हरी झंडी मिली और तेजी से कार्य शुरू हुआ। श्री साय ने कहा कि यह पहल न केवल उत्सव की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि बस्तर के बुनियादी ढांचे और पर्यटन को भी नई मजबूती देगी। स्थानीय जनता और दशहरा समिति ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
फूल रथ परिक्रमा पथ पूर्ण, मुख्य मार्ग पर तेजी से कार्य
विद्युत विभाग के अनुसार, फूल रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउंड वायरिंग का काम पूरा कर लिया गया है। अब मुख्य रथ परिक्रमा मार्ग पर तेजी से कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद ऊपरी तारों से जुड़ी सभी बाधाएं पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी और रथ संचालन निर्बाध और सुरक्षित हो सकेगा।
विजय रथ परिक्रमा के लिए विशेष इंतजाम
बस्तर दशहरा का सबसे बड़ा आकर्षण विजय रथ परिक्रमा है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस महत्वपूर्ण आयोजन को देखते हुए विद्युत कम्पनी ने विशेष तैयारी शुरू कर दी है। रथ मार्ग से जुड़े सभी विद्युत पोल, तार और अन्य संभावित बाधाओं की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि कार्य को तय समय-सीमा में पूरा करने के लिए टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।
सुरक्षा के साथ शहर का सौंदर्य भी बढ़ेगा
यह परियोजना केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शहर की सुंदरता को भी नया रूप देगी। ऊपरी तारों और खंभों की अनुपस्थिति से रथ मार्ग और आसपास का क्षेत्र अधिक आकर्षक व व्यवस्थित दिखाई देगा। साथ ही, बिजली आपूर्ति भी और स्थिर होगी। दशहरा समिति के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल ने जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है और यह परियोजना उत्सव की गरिमा को नई ऊंचाई तक ले जाएगी। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यकम के 126 वें एपिसोड को संबोधित किया। शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने वार्ड 38 खंडेलवाल कॉलोनी में दुर्ग भाजपा परिवार के साथ मन की बात सुनी। मन की बात सुनने आए क्षेत्रवासियों को केंद्र सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी मिली।
पीएम मोदी ने मन की बात में संवाद करते हुए उन्होंने गांधी जयन्ती, भगत सिंह, लता मंगेशकर और RSS के शताब्दी वर्ष को याद किया। पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता और लोकल उत्पादों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि त्योहारी सीजन में देशी उत्पादों को प्राथमिकता देना न केवल परंपराओं को मजबूत करता है बल्कि छोटे और सीमांत उद्योगों को भी फायदा पहुंचाता है। देश के हस्तशिल्प और हैंडलूम उद्योग में नवाचार, और युवाओं के लिए भगत सिंह जैसे नायकों की प्रेरणा को शेयर किया। पीएम ने दिवाली के पर्व से पहले हर नागरिक से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पाद खरीदें और अपने देश की अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर तक मजबूत करें।मन की बात में खादी और स्वदेशी को बढ़ावा -
प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयन्ती के महत्व को याद करते हुए महात्मा गांधी के स्वदेशी और खादी पर जोर की बात की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद खादी की लोकप्रियता में कमी आई थी, लेकिन पिछले 11 वर्षों में इसकी मांग और बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने सभी से अपील की कि इस दिन खादी उत्पाद खरीदें और गर्व से उसे स्वदेशी घोषित करें। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष महेन्द्र लोढ़ा, कमलेश फेकर, पार्षद रामू सेन, जीतेन्द्र महोबिया, कुलेश्वर साहू, साजन जोसफ, विनीत चोपड़ा, अरुण दुग्गड़, नितिन बरमेचा सहित बड़ी संख्या में सदर मंडल के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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आईआईटी में आयोजित कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री श्री गुरू खुशवंत साहेब हुए शामिल
भारत सरकार ने फेस 2 के लिए 2257.55 करोड़ रुपए किए है मंजूर
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज झारसुगुड़ा (ओडिशा) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में अधोसंरचना विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास किया। इनमें आईआईटी भिलाई के फेस-2 परियोजना भी शामिल है। अन्य सात संस्थानों में आईआईटी पटना, आईआईटी इंदौर, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड़, आईआईटी धारवाड़ और आईआईटी जम्मू सम्मिलित हैं।
इस अवसर का सीधा प्रसारण आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष में किया गया। समारोह में छत्तीसगढ़ के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा के विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा उपस्थित रहे।
मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आठ आईआईटी परियोजनाओं का शिलान्यास होना पूरे देश और छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। इससे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का विस्तार होगा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईटी भिलाई के फेस-2 निर्माण पूर्ण होने पर शोधार्थी छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
फेस-2 परियोजना : तकनीकी शिक्षा और नवाचार की नई दिशा
भारत सरकार ने 29 मई 2025 को फेस-2 निर्माण के लिए 2,257.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 1,092 करोड़ रुपये परिसर निर्माण पर व्यय होंगे। इस चरण में 1 लाख 51 हजार 343 वर्ग मीटर का अतिरिक्त क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष और प्रोटोटाइप सुविधाएँ शामिल होंगी।
छात्र संख्या 1,500 से बढ़कर 3,000 हो जाएगी। परियोजना में छात्रावास, मेस हॉल, खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, खेल मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएँ भी जोड़ी जाएंगी। फेस-2 की सबसे महत्वपूर्ण पहल छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क है, जिसकी स्थापना 96 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी। इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आईआईटी भिलाई की स्थापना वर्ष 2016 में की गई थी। फेस-1 निर्माण के लिए 1090.17 करोड़ मंजूर किए गए थे, जिसके तहत 1 लाख 34 हजार 450 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्मार्ट, पर्यावरण-संवेदनशील और छात्र-केंद्रित परिसर विकसित किया गया, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री द्वारा 20 फरवरी 2024 को किया गया था। इस परिसर को जीआरआईएचए एलडी रेटिंग और एनएससीआई सुरक्षा पुरस्कार 2021 सहित कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
आईआईटी भिलाई की उपलब्धियाँ और विशेषताएँ
आईआईटी भिलाई का परिसर गोंड आदिवासी कला से प्रेरित प्रवेश गलियारों से सुशोभित है, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। संस्थान वर्तमान में लगभग 185 करोड़ रुपये की 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है तथा अब तक 30 पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं।
संस्थान विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (NM-ICPS) पर राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत स्थापित सेक्शन 8 कंपनी आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन (I B I T F) की मेजबानी करता है। हाल ही में आईबीआईटीएफ को वित्तीय क्षेत्र के लिए फिनटेक आधारित नवाचारों को प्रोत्साहित करने हेतु ‘श्रेणी-ए हब’ के रूप में नामित किया गया है।
आईआईटी भिलाई की एक उल्लेखनीय पहल विद्या समीक्षा केंद्र, छत्तीसगढ़ है, जो राज्यभर के स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों के लिए एक केंद्रीकृत, वास्तविक समय डिजिटल निगरानी प्रणाली है। इस मंच ने 10 लाख गैर-मौजूद छात्र रिकॉर्ड की पहचान कर उन्हें समाप्त किया, जिससे लगभग 40 करोड़ रुपये की बचत हुई और 60 लाख पाठ्यपुस्तकों का सही वितरण संभव हो सका।
इसके अलावा संस्थान ने गहन तकनीकी समाधानों के माध्यम से जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए देशभर में कुल 54 जनजातीय विकास परियोजनाएँ शुरू की हैं, जिन पर 19 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
वर्तमान और भविष्य
वर्तमान में आईआईटी भिलाई में बी.टेक, एम.टेक, एम.एससी. और पीएच.डी. कार्यक्रमों के अंतर्गत 1,525 छात्र अध्ययनरत हैं। फेस-2 विकास के साथ यह संख्या 3,000 तक पहुँच जाएगी। इससे संस्थान न केवल शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में बल्कि उद्योग सहयोग और तकनीकी विकास में भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होगा। इस अवसर पर संस्था के विषय विशेषज्ञ, प्राध्यापकगण, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अवकाश की घोषणा कर दी है। जारी आदेश के अनुसार शासकीय, अनुदान प्राप्त एवं गैर अनुदान प्राप्त शालाओं के साथ-साथ डी.एड., बी.एड. एवं एम.एड. महाविद्यालयों में विभिन्न त्यौहारों एवं मौसम के अनुसार अवकाश निर्धारित किए गए हैं।
दशहरा अवकाश 29 सितम्बर से 04 अक्टूबर 2025 तक रहेगा, जो कुल 06 दिन का होगा। दीपावली अवकाश 20 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक रहेगा, जो 06 दिन का होगा। इसी प्रकार शीतकालीन अवकाश 22 दिसम्बर से 27 दिसम्बर 2025 तक रहेगा और इसमें भी विद्यार्थियों को 06 दिन का अवकाश मिलेगा। ग्रीष्मकालीन अवकाश 01 मई से 15 जून 2026 तक रहेगा, जो कुल 46 दिन का होगा। इस प्रकार विद्यार्थियों और शिक्षकों को पूरे शैक्षणिक सत्र में कुल 64 दिन का अवकाश प्राप्त होगा।
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अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र से ग्रामीणों को मिल रही बैंकिंग व अन्य सेवाओं का लाभ: मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
रायपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से जिले में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण अंचलों को बैंकिंग सहित सभी सीएससी सेवाएं पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध हो सकें।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े सूरजपुर जिला पंचायत कार्यालय में आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस बैठक में जिले के सभी सरपंचों एवं सीएससी द्वारा अधिकृत वीएलई (Village Level Entrepreneur) उपस्थित रहे।बैठक में चर्चा की गई कि अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएं, बिजली बिल भुगतान, पेंशन व बीमा योजनाएं, आधार व अन्य शासकीय योजनाओं की सेवाएं सीधे पंचायत स्तर पर उपलब्ध होंगी।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि यह केंद्र ग्रामीणों की समय और संसाधन की बचत के साथ-साथ उन्हें डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने सरपंचों और वीएलई से अपील की कि वे पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करते हुए अधिक से अधिक लोगों तक इन सेवाओं का लाभ पहुँचाएँ। बैठक में विधायक श्री भुलन सिंह मरावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा, अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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रायपुर : सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम हर वर्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर एवं जरूरतमंद वर्गों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना, जन-जागरूकता फैलाना और सामाजिक सेवा गतिविधियों को बढ़ावा देना है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक चलता हैै। सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ग्राम पंचायत खोडरी में लर्निंग लाइसेंस कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह विशेष अभियान परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी एवं पुलिस अधीक्षक श्री एस.आर. भगत के मार्गदर्शन में संचालित किया गया। कैंप का उद्देश्य आमजन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया को सरल एवं सुलभ बनाना रहा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और युवाओं ने भाग लेकर कैंप का लाभ उठाया। आवेदकों को मौके पर ही लर्निंग लाइसेंस जारी किए गए और उन्हें ट्रैफिक नियमों से जुड़ी जानकारियां भी प्रदान की गईं।
कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ओम चंदेल ने कहा सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा है। नियमों का पालन केवल कानून के लिए नहीं, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे खुद नियमों का पालन करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
उल्लेखनीय है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जिले में लर्निंग लाइसेंस कैंप आयोजित किए जाएंगे। 24 सितम्बर को शासकीय आईटीआई गौरेला, 25 सितम्बर को पंडित माधवराव सप्रे महाविद्यालय गौरेला एवं मेढ़ुका शिक्षा महाविद्यालय मरवाही, 26 सितम्बर को नवीन कन्या महाविद्यालय गौरेला, 26 सितम्बर को डॉ. भंवर सिंह महाविद्यालय पेण्ड्रा एवं वीरांगना दुर्गावती कन्या महाविद्यालय मरवाही, 29 सितम्बर को शासकीय आईटीआई मरवाही एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज मरवाही में कैंप आयोजित किए जाएंगे।
कैंप में परिवहन विभाग और पुलिस टीम द्वारा आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों, और स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया गया। लर्निंग लाइसेंस शुल्क एक प्रवर्ग के लिए 206 रूपये, दो प्रवर्ग के लिए 356 रूपये एवं सुविधा केंद्र शुल्कः 100 रूपये अलग से निर्धारित है। स्थायी लाइसेंस आवेदन शुल्क एक प्रवर्ग के लिए 750 रूपये एवं दो प्रवर्ग के लिए 1050 रूपये देय होगा। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी श्री विवेक सिन्हा एवं थाना प्रभारी गौरेला श्री सौरभ सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार सेवा पखवाड़ा (17 सितम्बर से 2 अक्टूबर) के तहत बारनवापारा अभ्यारण्य में स्वच्छता एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए।वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री धम्मशील गणवीर के मार्गदर्शन और अधीक्षक बारनवापारा श्री कृषानू चन्द्राकार के नेतृत्व में 23 सितम्बर को स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसमें विभिन्न ग्रामों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मिलकर परिसर की सफाई की तथा स्वच्छ वातावरण बनाए रखने का संकल्प लिया।
इसी क्रम में प्राथमिक शाला अकलतरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ। इसमें विद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राएँ, ग्राम के उप सरपंच, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और ग्रामीण शामिल हुए। सभी ने फलदार और छायादार पौधे लगाए तथा उनकी देखभाल का दायित्व स्वयं लेने की शपथ ली।इन कार्यक्रमों का संचालन वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री गोपाल प्रसाद वर्मा और प्रशिक्षु वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री राहुल उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर स्थानीय समुदाय और विद्यार्थियों ने स्वच्छता एवं हरियाली को बढ़ावा देने का संदेश दिया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवापुस्तकें, स्कूल ड्रेस सहित अन्य पाठ्य सामग्री पाकर बच्चों के चेहर खिले
रायपुर : शाला छोड़ चुके बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकारें और विभिन्न संगठन विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं, जिनमें बच्चों को उनकी उम्र और स्तर के अनुसार फिर से दाखिला दिलाने से पहले विशेष मॉड्यूल पर प्रशिक्षित किया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ना है, ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और भविष्य में समाज में योगदान दे सकें।
विभिन्न परिस्थितियों के कारण शाला छोड़ चुके बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने सरगुजा जिला प्रशासन की पहल अब रंग ला रही है। कलेक्टर के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग द्वारा विकासखण्ड स्तरीय समिति का गठन किया गया। जिले में विशेष अभियान चलाकर शाला त्यागी बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज विकासखण्ड लुण्ड्रा के छेरमुंडा संकुल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के 06 शालात्यागी बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया। जिला कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर ने इन बच्चों को पुस्तक, स्कूल ड्रेस सहित अन्य सामग्री प्रदान कर औपचारिक शाला प्रवेश कराया। अध्ययन सामग्री पाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ गई, बच्चों ने कहा कि अब हम स्कूल जाना नहीं छोड़ेंगे।
कलेक्टर ने इस दौरान उपस्थित बच्चों के माता-पिता को शिक्षा की महत्ता को बताते हुए बच्चों को नियमित स्कूल भेजने प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को मन लगाकर पढ़ने कहा एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को लगातार इसकी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए तथा शाला त्यागी बच्चों के पालकों को शाला भेजने प्रेरित और प्रोत्साहित करने निर्देशित किया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ, अपर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इन बच्चों का हुआ शाला प्रवेश
विकासखण्ड लुण्ड्रा के छेरमुंडा संकुल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों को प्राथमिक शाला गोती डुमर की कक्षा तीसरी में कुमारी बुटु एवं कक्षा दूसरी में दिनेश को प्रवेश दिलाया गया। वहीं माध्यमिक शाला आसनडीह में कक्षा छठवीं में लबिता, मुनेश्वर एवं अनूकसाय, कक्षा आठवीं में धनेश्वरी को प्रवेश दिलाया गया।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय ने कार्यालयीन आदेश दिनांक 22 जुलाई 2025 के तहत शिक्षक पद से व्याख्याता और व्याख्याता एल.बी. संवर्ग में विषयवार पदोन्नति आदेश जारी किया है। पदोन्नत व्याख्याताओं के शाला आबंटन की प्रक्रिया ओपन काउंसिलिंग के माध्यम से की जाएगी।विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह काउंसिलिंग 25 सितंबर 2025 से 28 सितंबर 2025 तक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय परिसर, शंकर नगर, रायपुर में संपन्न होगी। इस प्रक्रिया में कुल 1106 पदोन्नत व्याख्याता/व्याख्याता एल.बी. शामिल होंगे। अधिकारियों ने यह भी बताया कि काउंसिलिंग से संबंधित प्रतिदिन की सूची, रिक्त पदों की सूची और समय-सारणी विभागीय पोर्टल ीजजचेरूध्ध्मकनचवतजंसण्बहण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी पदोन्नत व्याख्याताओं से समय पर उपस्थित होने का अनुरोध किया है।
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रायपुर एवं राजिम के मध्य आने-जाने के लिए मिलेगी यात्री सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 18 सितम्बर को रायपुर-राजिम-रायपुर मेमू पैसेंजर नई सेवा का शुभारंभ राजिम रेलवे स्टेशन से प्रातः 10:30 बजे करेंगे। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, विधायक श्री इन्द्रकुमार साहू और श्री रोहित साहू की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
रायपुर-राजिम-रायपुर मेमू पैसेंजर नई सेवा से यात्रियों को सुगम, सुलभ और किफायती यात्रा का विकल्प उपलब्ध होगा। ग्रामीण अंचलों से राजधानी रायपुर का आवागमन अधिक सुविधाजनक बनेगा। राजधानी आने वाले विद्यार्थी, नौकरीपेशा वर्ग और व्यापारी वर्ग के लिए यह ट्रेन विशेष रूप से उपयोगी होगी। इसके साथ ही इस नई सेवा से छत्तीसगढ़ के प्रयाग—राजिम तक सीधी रेल पहुँच सुनिश्चित होगी, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर रेल मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर और अभनपुर के मध्य संचालित रायपुर-अभनपुर-रायपुर मेमू पैसेंजर ट्रेन का परिचालन अब राजिम तक विस्तार किया जा रहा है। 19 सितम्बर 2025 से नियमित समय-सारणी के अनुसार गाड़ी संख्या 68766/68767 रायपुर-राजिम-रायपुर मेमू पैसेंजर प्रतिदिन दोनों छोर से—राजिम और रायपुर से—संचालित होगी। इस ट्रेन में 06 सामान्य श्रेणी के डिब्बे तथा 02 पावरकार सहित कुल 08 कोच होंगे।
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‘राइजिंग एग्री समिट‘ में होंगे शामिल
रायपुर : छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम दो दिवसीय गुजरात प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे 18 सितंबर को अहमदाबाद में आयोजित “राइजिंग एग्री समिट” में शामिल होंगे, जहां देश-विदेश के कृषि विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
मंत्री श्री नेताम 19 सितंबर को आणंद जिले के प्रसिद्ध अमूल प्रोसेसिंग प्लांट का निरीक्षण करेंगे। यहाँ वे डेयरी प्रबंधन, आधुनिक प्रोसेसिंग तकनीकों और मूल्य संवर्धन की प्रक्रियाओं का अवलोकन करेंगे, जिससे छत्तीसगढ़ में डेयरी और पशुधन क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए अनुभवों का आदान-प्रदान हो सके।
इस प्रवास के दौरान उनके साथ पशुधन विकास विभाग के निदेशक श्री चंद्रकांत वर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी रहेंगे। इस यात्रा से प्राप्त अनुभवों से राज्य की नीतियों और योजनाओं में शामिल कर किसानों और पशुपालकों के लिए नए अवसर सृजित किए जाएंगे।
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मंत्री श्री गजेंद्र यादव के निर्देशानुसार जारी हुआ एफआईआर करने के निर्देश
रायपुर : शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं, लेनदेन एवं भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, रायपुर द्वारा संचालित भर्ती प्रक्रिया में प्राप्त शिकायतों के आधार पर प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन शासन को प्राप्त हुआ है। प्रतिवेदन के अनुसार चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है।
मंत्री श्री गजेंद्र यादव के निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज की जाए एवं कार्रवाई की प्रगति से शासन को अवगत कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि इस विषय पर पूर्व में आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने ही कड़े शब्दों में निर्देश दिए थे कि विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा न जाए तथा सभी मामलों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। मंत्री श्री यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर कार्य किया जा रहा है। विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत जिला स्तर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन का सिलसिला शुरू हो गया है। दुर्ग, जशपुर, बीजापुर, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की पहल पर आज रंगोली प्रतियोगिता, दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण, महिला सशक्तीकरण और पोषण आहार मेला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
दुर्ग जिले के आयुष विभाग द्वारा ’हर दिन हर घर आयुर्वेद’ की थीम पर मिलेट्स प्रदर्शनी और बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा शहरी एवं अनेक संस्थाओं में मिलेट्स प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सियान जतन कार्यक्रम में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का विशेष रूप से बी.पी. व शुगर वात रोगों का परीक्षण कर औषधि वितरण किया गया। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में बच्चों ने “हर दिन हर घर आयुर्वेद” विषय को अपनी कल्पनाशीलता के साथ चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया। डॉ. मेघा रानी गुप्ता ने बच्चों को स्वच्छता, सही नींद और पोषणयुक्त आहार की महत्ता के बारे में उपयोगी जानकारी दी, वहीं डॉ. पूर्णिमा सिंह ने बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। स्वास्थ्य शिविर में 70 हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदन कार्ड का वितरण किया गया।
बीजापुर जिले में भोपालपट्टनम के गोटाइगुड़ा में दिव्यांगजनों को वॉकिंग स्टिक सहायक उपकरण वितरित किए गए। सूरजपुर जिले में राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से क्विज, भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दंतेवाड़ा जिले के आईटीआई गीदम में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास, विकास एवं संस्कृति” पर प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से प्रदेश की समृद्ध परंपराओं और विकास यात्रा को रंगों के माध्यम से जीवंत किया।
जशपुर जिले के आंगनबाडी केन्द्र तपकरा में पोषण माह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने है या ऐसी गर्भवती माताएं जिनका आधार कार्ड अपडेट नहीं हुआ है उन्हें आधार निर्माण एवं अपडेट करवाने की जानकारी दी गयी। इसी प्रकार जशपुरनगर में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में छात्राओं को महिलाओं से जुड़े कानूनी अधिकारों के साथ ही बाल विवाह रोकथाम, सखी वनस्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन नंबर की जानकरी दी गई।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में ग्राम पंचायतों और विकासखंड मुख्यालयों में पारंपरिक खेलों रस्साकशी, फुगड़ी, खो-खो, कुर्सी दौड़, बाल्टी बॉल एवं कबड्डी का आयोजन 15 से 18 सितंबर तक होगा। जिला स्तरीय रजत महोत्सव का आयोजन 24 सितंबर को होगा। जिसमें खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण से संबंधित बैंकिंग गतिविधियां तथा महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष में आयोजित होने वाले राज्योत्सव पर भारतीय वायु सेना का शौर्य प्रदर्शन होगा। सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम आसमान में आकर्षक करतब दिखायेगी। इस शौर्य प्रदर्शन में वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी हिस्सा लेंगे। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू की अध्यक्षता में राज्योत्सव की तैयारियां को लेकर आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में विमानन विभाग एवं वायु सेना के अधिकारियों ने विभिन्न तकनीकी जानकारी प्रस्तुत की। अपर मुख्य सचिव श्री साहू ने वायु सेना के शौर्य प्रदर्शन के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों को तैयारियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में लोक निर्माण, परिवहन, संस्कृति, जनसंपर्क, गृह और सामान्य प्रशासन विभाग सहित जिला प्रशासन रायपुर के अधिकारी शामिल हुए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
चालू खरीफ सीजन में किसानों को 6636 करोड़ रुपए का
मिला ब्याज मुक्त ऋणकिसानों को 13.83 लाख मीट्रिक टन खाद और 4.72 लाख क्विंटल बीज वितरित
अब तक 961 मि.मी. से अधिक औसत वर्षा दर्ज
रायपुर : खरीफ सीजन 2025 में प्रदेश में 47.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो-कुटकी सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। खेतों में निदाई-कोड़ाई का कार्य तेजी से के साथ जारी है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है। वहीं चालू खरीफ सीजन में किसानों को 6636 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। ब्याज मुक्त ऋण वितरण से 14 लाख 96 हजार किसान लाभान्वित हुए है। इस वर्ष 7 हजार 800 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ खाद का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 13.83 लाख मीट्रिक टन खाद और 4.72 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 08 सितम्बर 2025 की स्थिति में प्रदेश में प्रदेश में 961 मिमी से अधिक औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 4.86 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 4.72 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 95 प्रतिशत है।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 16.04 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 13.83 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत है।
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चालू खरीफ सीजन में प्रदेश के 14.96 लाख किसान हुए लाभान्वित
सभी 2058 पैक्स सोसायटियों को पीएम किसान समृद्धि केंद्र स्थापित
किसानों को डेयरी, मत्स्य पालन और वनोपज प्रसंस्करण से जोड़ने पर दें विशेष ध्यान : श्री गुप्ता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सीजन में किसानों को 6636 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। ब्याज मुक्त ऋण वितरण से 14 लाख 96 हजार किसान लाभान्वित हुए है। यह जानकारी आज अपेक्स बैंक के प्राधिकृत अधिकारी श्री केदार नाथ गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई।
अपेक्स बैंक की बोर्ड की बैठक में श्री केदार नाथ गुप्ता ने कहा कि डेयरी, मत्स्य पालन और वनोपज प्रसंस्करण जैसी रोजगार आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने खाद की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा करते हुए कहा सहकारिता के अंतर्गत कि इस साल खरीफ सीजन के लिए राज्य सरकार ने 10.72 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा है, और अब तक 8 लाख 69 हजार मेट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। इनमें से 8 लाख 01 हजार मीट्रिक टन खाद किसानों को वितरित किया जा चुका है। समितियों के गोदामों में 67 हजार मेट्रिक टन खाद उपलब्धता है।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के सहकारी बैंकों में 262 एटीएम और सभी पैक्स सोसायटियों में 2058 माइक्रो एटीएम स्थापित किए गए हैं। साथ ही किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी 2058 पैक्स सोसायटियो को पीएम किसान समृद्धि केंद्र बनाए गए। इससे किसानों को आसानी से अपने खाते से राशि निकालने की सुविधा मिल रही है। बैठक में नाबार्ड के उप महाप्रबंधक श्री अजय थुटे, अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री के.एन. कांडे, संयुक्त पंजीयक श्री उमेश तिवारी, उप पंजीयक व महाप्रबंधक श्री युगल किशोर, ओएसडी श्री अविनाश श्रीवास्तव, एजीएम श्री अरुण पुरोहित, एजीएम श्री एल के चौधरी और अन्य बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।
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गिरौदपुरी-भंडारपुरी के समन्वित विकास के लिए कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश
रायपुर : अनुसूचित जाति विकास विभाग के मंत्री गुरू खुशवंत साहेब ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में अनुसूचित जाति वर्ग के हितार्थ संचालित योजनाओं के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली। पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली बैठक हैं। प्रमुख प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा एवं आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने उनका अभिवादन किया।
मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि विभागीय छात्रावास-आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों को अध्ययन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। छात्रावासों में अच्छी साफ-सफाई, पौष्टिक भोजन एवं अच्छी शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों के शयनकक्ष भी साफ-सुथरे होने चाहिए। छात्रावासों में शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था हो, इस पर विशेषरूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है।उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विशेष रूप से छात्रावास-आश्रमों के निरीक्षण किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की आस्था के प्रतीक गिरौदपुरी एवं भंडारपुरी के समन्वित विकास हेतु शीघ्र एक कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने रायपुर अथवा आरंग में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों हेतु पृथक से एक प्रयास आवासीय विद्यालय खोले जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा अनुसूचित जातियों के हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग अंतर्गत संचालित कुल 3357 छात्रावास-आश्रमों में से अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संचालित छात्रावास-आश्रमों की संख्यां 485 है एवं इसमें कुल स्वीकृत सीट 26000 हैं इनमें नियमानुसार बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसचित जाति आयोग, अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि विभाग अंतर्गत संचालित कुल 20 क्रीड़ा परिसरों में से सक्ती एवं मुगेंली में अनुसचित जाति क्रीड़ा परिसर संचालित हैं। इन क्रीड़ा परिसरों में सीट संख्या बढ़ाने एवं इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश मंत्री ने दिए। मंत्री ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा द्वारा ऑनलाइन छात्रवृत्ति एवं भोजन सहाय योजना की राशि जारी के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई। उन्होंने आर्यभट्ट विज्ञान एवं वाणिज्य शिक्षा प्रोत्साहन योजना के संबंध में भी आवश्यक जानकारी दी। इसके अलावा ट्रायबल यूथ हॉस्टल, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी गई। इनमें अनुसूचित जाति वर्ग की सीटें बढ़ाने के निर्देश मंत्री द्वारा दिए गए। साथ ही प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्यूदय योजना (पीएम अजय) एवं अत्याचार निवारण अधिनियम अधिनियम अंतर्गत राहत सहायता की जानकारी जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने बैठक में बताया कि जनगणना 2011 के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत 12.82 एवं कुल जनसंख्या 32.47 लाख है, जबकि अनुसूचित जातियों की संख्यां 44 है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति में नई उपजाति को जोड़ने अथवा किसी जाति में मात्रात्मक त्रुटि के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव का आदिम जाति अनुसधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से गहन अध्ययन पश्चात प्रस्ताव शासन के माध्यम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है, जहंा पर नियमानुसार कार्यवाही उपरांत महामहिम राष्ट्रपति महोदय के अनुमोदन पश्चात इसका प्रकाशन राजपत्र में होता है।
बैठक में टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, उप सचिव श्रीमती सरोजिनी टोप्पो, अपर संचालक श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री आर.एस.भोई एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय होंगे मुख्य अतिथि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में 08 सितम्बर को आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता अभियान एवं प्रोत्साहन समारोह का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम दोपहर 11 बजे पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप करेंगे। कार्यक्रम में रायपुर के सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री सुनील सोनी, श्री पुरंदर मिश्रा एवं श्री मोतीलाल साहू सहित अन्य विशिष्ट अतिथि होंगे।
इस अभियान के माध्यम से सौर ऊर्जा के महत्व को आमजन में बढ़ावा देने तथा स्थायी ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा। ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने इस कार्यक्रम में नागरिकों, ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और हितधारकों से उपस्थित होने अपील की है। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ में स्वच्छ ऊर्जा के पक्ष में एक मजबूती कदम माना जा रहा है और राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद जगाता है।
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रायपुर : राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आज राजभवन के दरबार हॉल में गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल श्री रमेन डेका, अध्यक्षता में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वर्ष 2024 के लिए चयनित शिक्षकों को सम्मानित किया गया। साथ ही आगामी वर्ष राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार 2025-26 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की विधिवत घोषणा की गई। चयनित शिक्षकों को अगले वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा।
रायपुर जिले से शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल और प्राचार्य भारती अग्रवाल, धमतरी जिले से रंजिता साहू और प्रधान पाठक लीलाराम साहू, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से सहायक शिक्षक हेमंत कुमार श्रीवास और प्रधान पाठक सरिता सिदार, राजनांदगांव जिले से व्याख्याता थंगेश्वर कुमार और सहायक शिक्षिका कोनिका सोनी, दंतेवाड़ा जिले से व्याख्याता कैलाश कुमार नीलम और सहायक शिक्षिका सुमन चौधरी, कबीरधाम जिले से व्याख्याता चंद्रिका प्रसाद चंद्रवंशी और व्याख्याता संतोष कुमार साहू, सरगुजा जिले से व्याख्याता अजय कुमार कश्यप और प्रधान पाठक रेखा रॉय, नारायणपुर जिले से शिक्षक विरेन्द्र कुमार निषाद, जशपुर जिले से प्रधान पाठक संतोषी डनसेना और सहायक शिक्षक रवि कुमार गुप्ता का चयन किया गया है।
कोरिया जिले से सहायक शिक्षिका जया मिश्रा और प्रधान पाठक पूनम पाण्डेय, मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले से प्रधान पाठक सुजीत कुमार साहू, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले से शिक्षक मोहन लाल जंघेल और प्रधान पाठक पदमा साहू, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से प्रधान पाठक भजन लाल साहू और प्रधान पाठक योगेन्द्र कुमार देवांगन, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से व्याख्याता संजय कुमार श्रीवास्तव और प्रधान पाठक अमृता निकुंज, दुर्ग जिले से व्याख्याता कुमुद साहू और शिक्षक पवन कुमार सिंह, कोरबा जिले से व्याख्याता कौशिल्या खुराना और व्याख्याता जितेन्द्र कुमार साहू, सूरजपुर जिले से व्याख्याता गोपाल सिंह और शिक्षक योगेश कुमार साहू, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले से सहायक शिक्षक कन्हैया लाल साहू और शिक्षक विशेषवर साहू, मुंगेली जिले से प्रधान पाठक रघुनाथ राठौर और प्रधान पाठक वंदिता शर्मा चयनित किए गए हैं।
कोण्डागांव जिले से शिक्षक हीरा लाल चुरेन्द्र और प्रधान पाठक सूरज लाल नेताम, रायगढ़ जिले से सहायक शिक्षिका आरती साहू और सहायक शिक्षिका ओमकुमारी पटेल, सुकमा जिले से प्रधान पाठक परिणीता कश्यप और प्रधान पाठक सविता उसेंडी, गरियाबंद जिले से सहायक शिक्षिका ओमेश्वरी साहू और सहायक शिक्षक अनिल कुमार अवस्थी, सक्ती जिले से व्याख्याता छबि लाल राठौर और प्रधान पाठक पिललाल पटेल, बालोद जिले से व्याख्याता नेमसिंह साहू और शिक्षक खेमंत कुमार साहू, जांजगीर-चांपा जिले से प्रधान पाठक गुलजार बरेठ और सहायक शिक्षिका अंजू किरण, बेमेतरा जिले से सहायक शिक्षिका शीतल बैंस और सहायक शिक्षिका आंचल वर्मा, महासमुंद जिले से प्रधान पाठक नीलाम्बर नायक और व्याख्याता लक्ष्मण दास मानिकपुरी शामिल हैं।
बिलासपुर जिले से व्याख्याता जय कुमार कौशिक और व्याख्याता प्रवीण मिश्रा, बस्तर जिले से व्याख्याता बुधराम कश्यप और शिक्षक कामेश्वरी कश्यप, उत्तर बस्तर कांकेर जिले से व्याख्याता प्रेमप्रकाश साहू और शिक्षक बोधन लाल साहू, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले से सहायक शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार कैवर्त्य और प्राचार्य शिव नारायण सिंह, बीजापुर जिले से शिक्षक अनिल कुमार जाटव और शिक्षक केदार नाथ देशमुख का नाम घोषित किया गया है। इन 64 चयनित शिक्षकों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में योगदान एवं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारपूर्ण प्रयासों के लिए यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
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कारीगरों को मिलेगा नया बाजार, प्रदेश में बनेगा शिल्प ग्राम और शिल्प नगरी
ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा बैठक : छोटे उद्योगों से बड़े रोजगार की ओर कदम
रायपुर : ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा एवं विधि विधायी विभाग के मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने आज यहां न्यू सर्किट हाउस रायपुर के कॉन्फ्रेंस हॉल में ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में विभाग के अंतर्गत रेशम, हथकरघा, खादी, हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड की कार्यप्रगति का विस्तार से आकलन किया गया। मंत्री श्री यादव ने बताया कि राज्य में लगभग 3.15 लाख हितग्राही ग्रामोद्योग के विभिन्न कुटीर उद्योगों से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों और विकासखंडों में रीपा (RIPA) भवनों में ग्रामोद्योग की गतिविधियाँ संचालित कर अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि दोना–पत्तल, कांसा, गोबर से जैविक खाद, पपीता से गुलकंद, फर्नीचर जैसे छोटे उद्योगों की स्थापना कर हितग्राहियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा राज्य शासन ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि शासकीय विभागों में केवल राज्य के बुनकरों और कारीगरों द्वारा निर्मित सामग्री की ही आपूर्ति हो। साथ ही रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में शिल्प ग्राम एवं शिल्प नगरी के निर्माण की कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि कारीगरों को बेहतर विपणन सुविधा मिले और राज्य की शिल्पकला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सके।
बैठक में सचिव सह संचालक ग्रामोद्योग श्री श्याम धावड़े, प्रबंध संचालक हस्तशिल्प एवं माटीकला बोर्ड श्री जे. पी. मौर्य, उप सचिव श्री अर्न मरकाम, अपर संचालक रेशम डॉ. राजेश बघेल, संयुक्त संचालक हथकरघा श्री अ. अयाज़ सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
टावर में मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल जाबांज युवाओं को कलेक्टर-एसएसपी ने किया सम्मानित
कलेक्टर ने कहा कि ऐसे जाबांज युवा समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत
रायपुर : राजधानी के बेबीलॉन टावर में बीते रात अचानक आग लगने की घटना पर जिला प्रशासन-पुलिस और विशेष कर कुछ साहसी युवाओं के प्रयासों और सूझबूझ से बिना जनहानि के काबू पा लिया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरोस् को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने आज सम्मानित किया।
गौरतलब है कि बेबीलॉन टावर में आग लगने की घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन को त्वरित रूप से राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को यह विशेष रूप से हिदायत दी थी कि इस अग्नि दुर्घटना में जनहानि न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। बेबीलॉन टावर में आग लगने की सूचना मिलते ही कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अग्निशमन का अमला तेजी से मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य जुट गया। बेबीलॉन टावर में फसे लोगों को समय रहते ही सुरक्षित निकाल लिया गया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के चलते इस दुर्घटना में जनहानि नहीं हुई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री और सीएम सचिवालय के अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने शॉल और किताब देकर सम्मानित किया और कहा कि यह सारे लोग समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत है। हमारे शहर के गौरव हैं, जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना फंसे लोगों को बचाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। इनमें श्री सोमेश साव, श्री देवाशीष बरिहा, श्री आकाश साहू, श्री विशाल यादव, श्री अभिषेक सिन्हा श्री ए.वेनूगोपाल शामिल थे। जिला सेनानी अधिकारी श्री पुष्पराज सिंह, तेलीबांधा थाना टीआई सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने भी इस दुर्घटना की रोकथाम और बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि इन जांबाज़ बच्चों ने अपने समाज की संस्कृति और परिवार के संस्कारों को प्रदर्शित किया है कि कठिन परिस्थितियों में अपनी चिंता न कर दूसरों की चिंता करें एवं इनके माता-पिता वंदनीय हैं जिन्होंने अपनी संतानों की इतनी अच्छी परवरिश की, जो अपने समाज के समक्ष उदाहरण बनकर उभरें हैं। कलेक्टर ने कहा कि कल रात घटना की जानकारी मिली तो एसएसपी और मैं एयरपोर्ट में थे। चूंकि मुख्यमंत्री श्री साय का आगमन होना था। मुख्यमंत्री ने हमें तुरंत घटना स्थल पर जा कर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़ जाने का निर्देश दिए। इसके तुरंत बाद घटना स्थल पर पहुंच गए। उस दौरान नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, एडीएम श्री उमाशंकर बंदे, एसडीएम श्री नंदकुमार चौबे, जिला सेनानी अधिकारी श्री पुष्पराज सिंह, तेलीबांधा थाना टीआई और सहित प्रशासनिक अमला और एसडीआरएफ की टीम आग बुझााने के काम में डटे थे। रेस्क्यू टीम ने आग लगे स्थल से एक दिव्यांग व्यक्ति को गोद में लेकर बाहर निकाला।
घटना की सूचना मिलते ही पहले एसडीएम श्री नंदकुमार चौबे और जिला सेनानी श्री पुष्पराज सिंह घटना स्थल पहंुच गए। परिस्थियों को देखते हुए वे दोनो टीम के साथ 7वे माले पर पहुंच गए और उपस्थित लोंगो को समझाया कि घबराएं नही और सावधानी बरते हुए सीढ़ियों से बाहर निकलने का रास्ता बताया, जिससे सभी लोग सुरक्षित तरीके से बाहर निकल आए।
श्री सोमेश सहित युवाओं ने अपनी जान की नही की परवाह, बचाई जानेंश्री सोमेश साव ने बताया कि उनके मित्र ने फोन कर आगजनी की सूचना देकर सहायता करने को कहा वे 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पहुंच गए। वहां पहंुच कर बेसमेंट में मौजूद फायर एक्यूपमेंट को इकठ्ठा किया और सीढ़ियों से उपर चढते हुए सभी फ्लोर पर लगे आग बुझाते चले गए। उन्होंने नगर निगम कर्मचारी श्री ए. वेनूगोपाल, जो फायर ब्रिगेड में थे, उन्होंने उन युवाओं को गीले कपड़े के मास्क के रूप में उपयोग करने को कहा। कुछ देर बाद श्री सोमेश, श्री ए. वेनूगोपाल आग लगी जगह पर पहुंच गए और टीम के साथ फसें लोगों को बाहर निकालने में मदद की।
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डॉ. ओम डहरिया
सहा. जनसंपर्क अधिकारीरायपुर : देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब किसी सरकार ने जनजातीय समाज के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए देशव्यापी अभियान छेड़ा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार जैसे मूलभुत सुविधाओं से जोड़ने और इनका लाभ दिलाने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरूआत की है। यह अभियान देशभर के 30 राज्यों में संचालित किया जा रहा है। यह अभियान देश भर के 550 से ज्यादा जिलों और 1 लाख से अधिक आदिवासी बहुल गांवों में बदलाव के लिए काम करेगी।
बता दें कि जब भारत 2047 में अपनी आज़ादी के 100 वर्ष पूरा करेगा। उस समय तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए यह जरूरी है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे। आदिवासी समाज को आगे बढ़ाए बिना यह सपना अधूरा रहेगा। आदि कर्मयोगी अभियान इस अंतर को भरने के लिए एक ठोस कदम है। यह अभियान शासन और समाज के बीच की दूरी को कम करेगा, पारदर्शिता लाएगा और योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अभियान को सेवा पर्व का रूप दिया है। उनका कहना है कि यह केवल योजनाओं की जानकारी देने का प्रयास नहीं, बल्कि समाज और शासन को जोड़ने वाला पुल है। छत्तीसगढ़ में इस अभियान के लिए वृहद स्तर पर आदिकर्म योगियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कर्मयोगी जनजातीय परिवारों से घर-घर संपर्क कर उनकी आवश्यकताओं और जरूरतों को समझेंगे तथा केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेंगे, राज्य और जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। राज्य सरकार के सभी विभागों के अधिकारी इस कार्य में संवेदनशीलता के साथ सीधे जुड़ेंगे।
आदिकर्मयोगी अभियान का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर इसलिए भी है क्योंकि भारत की जनजातीय आबादी लगभग 10 करोड़ से अधिक है। इतने बड़े समुदाय को मुख्यधारा में लाए बिना 2047 तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री की उस सोच से जुड़ा है, जिसमें हर क्षेत्र, हर समाज और हर नागरिक को विकसित भारत” की यात्रा में समान अवसर देना है। भारत का विकास केवल शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं रह सकता। एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र वही कहलाएगा, जहाँ समाज के हर तबके को समान अवसर मिले और उसकी संस्कृति को उचित सम्मान दिया जाए। इसी सोच को मूर्त रूप ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के जरिए दिया जा रहा है। यह वस्तुतः जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।
छत्तीसगढ़ देश का वह राज्य है जहाँ सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। इसीलिए इस अभियान का यहां विशेष महत्व है। आदिवासी समाज की असली चुनौती यही रही है कि अनेक योजनाएँ होते हुए भी उनकी जानकारी और लाभ ज़रूरतमंदों तक समय पर नहीं पहुँच पाते। ऐसे में लाखों कर्मयोगी स्वयंसेवक योजना और समाज के बीच सेतु बन सकेंगे। यह अभियान राज्य के 28 जिलों और 138 विकासखंडों के 6 हजार 650 गांवों में 1 लाख 33 हजार से अधिक वालंटियर्स तैयार करने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ में यह अभियान 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पूरे राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाया जाएगा।
आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम में अधिकारियों को पंचायतों में आदि सेवा केंद्र स्थापित करने और जनजातीय परिवारों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, छात्रवृत्ति, रोजगार, कौशल विकास जैसी सुविधाओं के लिए मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इस अभियान को सेवा पर्व के रूप में मनाया जाए और जनजातीय योजनाओं को घर-घर तक पहुँचाने का ठोस प्रयास किया जाए।
आदि कर्मयोगी अभियान के पीछे एक गहरी सामाजिक सोच है। जब कोई स्थानीय युवा, महिला या स्वयंसेवक अपने ही गाँव में जाकर योजनाओं की जानकारी देता है, तो लोग उस पर भरोसा करते हैं और यह विश्वास ही बदलाव की असली ताकत है। अभियान का असर शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर आजीविका तक हर क्षेत्र में दिखेगा। जब एक वालंटियर किसी परिवार को यह बताता है कि उनकी बेटी को छात्रवृत्ति मिल सकती है, या बुजुर्ग को पेंशन का हक़ है, तो यह केवल सूचना नहीं होती, बल्कि उस परिवार की ज़िंदगी बदलने वाला अवसर होता है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य एवं सेवाओं के लिए राज्यपाल शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2024-25 हेतु प्रदेशभर के कुल 64 शिक्षकों का चयन किया गया है। राज्यपाल शिक्षक सम्मान पुरस्कार अंतर्गत चयनित शिक्षकों को आगामी 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार, चयनित शिक्षकों में प्राचार्य, प्राचार्य (एल.बी.), प्रधान पाठक, व्याख्याता, व्याख्याता (एल.बी.), सहायक शिक्षक (एल.बी.) सहित विभिन्न श्रेणियों के शिक्षक शामिल हैं। पुरस्कार हेतु चयनित शिक्षकों में रायपुर जिले से प्रधान पाठक गोपाल राम यादव एवं सहायक शिक्षक एल.बी. श्रीमती कामिनी साहू, धमतरी से प्रधान पाठक श्रीमती किरण साहू एवं सहायक शिक्षक एल.बी. कु. प्रीति शांडिल्य का नाम शामिल है। इसी प्रकार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला से प्रधान पाठक से श्रीमती प्रियंका गोस्वामी एवं व्याख्याता एल.बी. श्री समय लाल काठे, राजनांदगांव से प्राचार्य डॉ. शोभा श्रीवास्तव एवं प्रधान पाठक श्री मुन्हेलाल लिल्हारे, दंतेवाड़ा से प्रधान अध्यापक श्रीमती सुमन जॉर्ज एवं सहायक शिक्षक एल.बी. श्रीमती सुनीता अजीत, कबीरधाम से व्याख्याता श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी एवं व्याख्याता श्रीमती कामिनी जोशी, सरगुजा से शिक्षक श्रीमती बंदना महथा एवं व्याख्याता श्रीमती अनिता मंदिलवार का नाम शामिल है। नारायणपुर जिला से शिक्षक एल.बी. श्री उमेश कुमार सलाम एवं प्रधान अध्यापक सुश्री सविता यादव, जशपुर से प्रधान पाठक श्रीमती सरिता नायक एवं प्रधान पाठक श्री प्रवीण कुमार पाठक, कोरिया से व्याख्याता/(प्रभारी प्रचार्य) श्री अमित लाल गुप्ता एवं जेल शिक्षक श्रीमती विवेक सिद्धकी का नाम शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।
इसी प्रकार मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला से व्याख्याता एल.बी. श्री राजेश कुमार द्विवेदी एवं प्रधान पाठक श्रीमती मीना जायसवाल, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई से प्रधान अध्यापक श्री किशोर कुमार शर्मा एवं सहायक शिक्षक एल.बी. श्री राजेश कुमार प्रजापति, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी से प्रधान पाठक श्रीमती संध्या साहू एवं व्याख्याता एल.बी. श्री संजय देवांगन का नाम शामिल है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला से शिक्षक एल.बी. श्रीमती चन्द्रमुखी मेहता, दुर्ग से शिक्षक एल.बी. श्री नरोत्तम कुमार साहू एवं श्रीमती शिक्षक एल.बी. श्रीमती खेमलता गोस्वामी, कोरबा से शिक्षक एल.बी. श्रीमती मधुलिका एवं प्रधान पाठक श्रीमती प्रिया दुबे, सूरजपुर से प्रधान पाठक श्रीमती रंजय कुमार सिंह एवं व्याख्याता एल.बी श्री प्रदीप कुमार जायसवाल, बलौदाबाजार-भाटापारा से शिक्षक एल.बी. श्री मोहन लाल वर्मा एवं व्याख्याता एल.बी. श्री जगदीश साहू, मुंगेली से व्याख्याता एल.बी. श्रीमती दुर्गा तिवारी एवं सहायक शिक्षक एल.बी. श्रीमती सुधारानी शर्मा, कोण्डागांव से प्रभारी प्राचार्य श्री मनोज कुमार डड़सेना एवं शिक्षक एल.बी. श्री शिवचरण साहू, रायगढ़ से सहायक शिक्षक एल.बी. श्री टिकेश्वर प्रसाद पटेल एवं प्रधान पाठक श्री नंद किशोर सतपथी का नाम शामिल है। सुकमा जिला से सहायक शिक्षक श्रीमती अंजु बारसे एवं शिक्षक एल.बी. श्री गंगाधर राना, गरियाबंद से सहायक शिक्षक एल.बी. श्री खोमन लाल सिन्हा एवं शिक्षक एल.बी. श्रीमती दिप्ती मिश्रा, सक्ती से शिक्षक एल.बी. श्री संजीव कुमार चंद्रवंशी एवं सहायक शिक्षक एल.बी. श्रीमती नीरा साहू, बालोद से व्याख्याता एल.बी. श्री नरोत्तम कुमार यदु एवं सहायक शिक्षक एल.बी. सुश्री एनुका सार्वा का नाम शामिल है। जांजगीर-चांपा जिला से व्याख्याता श्री अमृत लाल साहू एवं व्याख्याता एल.बी. श्रीमती प्रतीक्षा सिंह, बेमेतरा से शिक्षक एल.बी. श्रीमती सुनीता राजपूत एवं शिक्षक एल.बी. श्रीमती केवरा सेन, महासमुंद से व्याख्याता एल.बी. श्री जगदीश सिन्हा एवं व्याख्याता एल.बी डॉ. श्रीमती ज्योति किरण चंद्राकर, बिलासपुर से व्याख्याता एल.बी. श्रीमती शांति सोनी एवं प्रधान पाठक श्री शिव कुमार छत्रवाणी का नाम शामिल है। बस्तर से व्याख्याता श्रीमती सईदा खान एवं व्याख्याता/प्रधान अध्यापक श्रीमती देवश्री गोयल, उत्तर बस्तर कांकेर से व्याख्याता श्रीमती कुसुम जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से प्राचार्य श्रीमती आरती तिवारी एवं प्रधान पाठक एल.बी. कु. साबरा निशा, बीजापुर से प्रधान पाठक श्री जगदीश तोरेंम एवं व्याख्याता एल.बी. श्री अरूण कुमार सिंह का चयन राज्यपाल सम्मान समारोह के लिए किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : रायपुर जिले में कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देशन में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनिज परिवहन के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के अंतर्गत 13 हाईवा वाहनों को जब्त कर संबंधित थाना क्षेत्रों में रखा गया है।
उपसंचालक खनिज सुश्री प्राची अवस्थी के मार्गदर्शन में खनिज विभाग की टीम ने 31 अगस्त और 1 सितम्बर की दरम्यानी रात आरंग, नयापारा, माना एवं विधानसभा क्षेत्र में नाकेबंदी कर जांच-पड़ताल की। इस दौरान रेत से भरे 8 हाईवा, मुरम से लदे 2 हाईवा तथा गिट्टी का अवैध परिवहन करते हुए 3 हाईवा जब्त किए गए। इन वाहनों को मंदिर हसौद, विधानसभा एवं खरोरा थाना क्षेत्रों की सुपुर्दगी में रखा गया है।
यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा 15 जून से 15 अक्टूबर तक नदी से रेत उत्खनन पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद अवैध रूप से रेत का परिवहन गरियाबंद, धमतरी, मोमेला एवं महासमुंद क्षेत्रों से अन्य स्थानों हेतु किया जा रहा था। खनिज सुपरवाइजर श्री सुनील दत्त शर्मा के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में श्री जितेंद्र केसरवानी, श्री लोकेश वर्मा एवं श्री जितेंद्र वर्मा का विशेष सहयोग रहा।जब्त वाहनों पर खनिज अधिनियम के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री पुराम ने ली बैठक
रायपुर : मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री आर. पुराम ने आज वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राज्य के निर्माण विभागों के सभी संभागों के कार्यपालन अभियंताओं की बैठक लेकर लंबित निरीक्षण प्रतिवेदनों के निराकरण की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की गई। बड़ी संख्या में लंबित निरीक्षण प्रतिवेदन के मद्देनजर उन्होंने सभी कार्यपालन अभियंताओं को इसके निराकरण के लिए एक सप्ताह की मोहलत देते हुए कहा कि इसमें चूक करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए नामजद प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा।
बैठक में श्री पुराम ने 30 जून 2025 की स्थिति में लोक निर्माण विभाग से संबंधित 493, जल संसाधन के 308, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के 203, नगरीय प्रशासन एवं विकास के 11, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के 73, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज के 86 लंबित निरीक्षण प्रतिवेदनों की संभागवार समीक्षा की और संबंधित कार्यपालन अभियंताओं को तत्परता से इसका परीक्षण कर उत्तर भिजवाने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक के कार्यों के त्रैमासिक प्रगति की समीक्षा की जाती है। संगठन द्वारा स्थल निरीक्षण किये जाने के पश्चात् निरीक्षण प्रतिवेदन जारी किया जाता है, जिसका जवाब संबंधित कार्य विभागों से प्राप्त कर निरीक्षण प्रतिवेदनों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।

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