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रायपुर : महतारी वंदन योजना कार्यक्रम के तहत कोरिया जिले के बैकुंठपुर के मिनी स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में बच्चों ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए एक प्रभावशाली नाटक प्रस्तुत किया। बच्चों ने नाटक के माध्यम से न केवल बाल विवाह के खतरों को उजागर किया, बल्कि इसके कानूनी पहलुओं के बारे में भी लोगों को जानकारी दी। इस नाटक का उद्देश्य बाल विवाह के दुष्परिणामों और इसके खिलाफ कानूनी जागरूकता फैलाना था।बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया कि बाल विवाह गैरकानूनी है और इससे बच्चों के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। नाटक के दौरान बच्चों ने यह संदेश दिया कि 18 वर्ष से कम आयु में विवाह करना कानूनी अपराध है और इसके परिणामस्वरूप सजा हो सकती है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील करते हुए बताया कि वे अपने बच्चों का विवाह केवल निर्धारित आयु लड़की का उम्र 18 वर्ष और लड़के का उम्र 21 वर्ष होने पर ही करें और इस तरह बाल विवाह को रोकने में मदद करें।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों से भी अपील की कि वे इस कानून का पालन करें और समाज में जागरूकता फैलाने का काम करें। इस प्रेरक नाटक ने उपस्थित सभी लोगों को बाल विवाह के खिलाफ एकजुट होने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में प्रेरित किया। -
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रायपुर : श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज सवेरे रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में प्रदेश के 66 हज़ार 952 श्रमवीरों और उनके परिवारजनों के सीधे खाते में 48.82 करोड़ की राशि डीबीटी के जरिए ऑनलाईन अंतरित की। इस दौरान श्री देवांगन ने रायगढ़ जिले के तमनार में शहीद वीर नारायण सिंह अन्नपूर्णा अन्न योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया।यह 27वां अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र है, जिसमें 5 रूपए में श्रमिकों को भरपेट गरम भोजन उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश के शेष 6 जिलों में भी यह योजना जल्द प्रारंभ की जा रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी जिलों में अन्नपूर्णा अन्न योजना प्रारंभ करने की घोषणा की थी। इसी की परिपालन में तमनार में इस योजना का शुभारंभ किया गया। -
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योजना से मिली एक मुश्त राशि से किसान श्री गंगाराम केजीवन और खेती में आया बड़ा बदलावरायपुर : किसानों को भारत की आत्मा और अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। जब उनके खेत लहलहाते हैं, तो देश की समृद्धि अपने चरम पर होती है। छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की इस ताकत को पहचानते हुए उनकी उन्नति और सशक्तिकरण के लिए सतत् कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लागू कृषक उन्नति योजना न केवल किसानों के जीवन को बदल रही है, बल्कि उनकी मेहनत को सम्मान और सही मूल्य भी दे रही है।कवर्धा जिले के मोटियारी गांव के किसान श्री गंगाराम पटेल इस योजना के लाभार्थियों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत मिले एक लाख रुपये के बोनस ने उनके रुके हुए काम पूरे करने में मदद की। इस राशि से उन्होंने अपना अधूरा घर पूरा किया, जो अब बनकर तैयार है। इसके साथ ही, उनके बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाई कराने की उनकी चिंता भी खत्म हो गई।
श्री गंगाराम बताते है कि उनके पास 7 एकड़ जमीन है, जिसमें से 5 एकड़ में वे धान की खेती करते हैं। पिछले साल उन्होंने 118 क्विंटल धान बेचा था, जिसका समर्थन मूल्य उन्हें तुरंत उनके खाते में प्राप्त हो गया। वहीं कृषक उन्नति योजना के तहत एक लाख रुपये एक मुश्त मिलने से उसका सही उपयोग कर पाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल तय किए जाने से खेती अब लाभकारी हो गई है। इसके अलावा, धान खरीदी केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं और टोकन प्रक्रिया की सरलता ने किसानों का समय और मेहनत बचाई है।
श्री गंगाराम ने कहा कि कृषक उन्नति योजना से मिली राशि का उपयोग वे खेती के लिए आधुनिक उपकरण खरीदने और उत्पादन बढ़ाने में के रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार को किसानों के हित में उठाए गए कदमों के लिए धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ सरकार के ये प्रयास यह साबित करते हैं कि जब योजनाएं और नीतियां सही दिशा में होती हैं, तो किसानों की उन्नति और समृद्धि सुनिश्चित होती है। -
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रायपुर : किसी घटना विशेष में उनके अदम्य साहस के लिए प्रत्येक वर्ष पांच बालक-बालिकाओं को राज्य वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसके तहत पांच बालक-बालिकाओं को 25-25 हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के बच्चों को दिये जाने वाले राज्य वीरता पुरस्कार के लिए 2 जनवरी तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।आवेदक जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग में 2 जनवरी 2025 तक आवेदन जमा कर सकते हैं। पुरस्कार के लिए बालक-बालिका की आयु-घटना दिनांक को अधिकतम 18 वर्ष तक होनी चाहिए। वीरता कार्य 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 के मध्य की होनी चाहिए। आवेदक छत्तीसगढ़ का निवासी होना आवश्यक है। यह पुरस्कार किसी भी बालक-बालिका को केवल एक ही बार प्राप्त हो सकेगा।
प्रविष्टियों में बालक या बालिकाओं का पूर्ण परिचय बालक-बालिकाओं द्वारा किसी घटना विशेष में अदम्य साहस, शौर्य एवं बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सप्रमाण विस्तृत जानकारी उल्लेखित हो। आवेदक को यह प्रमाण पत्र भी संलग्न करना होगा कि उपलब्धि वास्तविक तथ्यों पर आधारित है। साथ ही समाचार पत्र-पत्रिका की कतरन ,पुलिस डायरी जिसमें घटना का विवरण दर्शित हो साथ ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा सत्यापित बालक-बालिका के दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ संलग्न करना होगा। घटना का विस्तृत विवरण (सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित) अन्य सुसंगत दस्तावेज जमा करना होगा। -
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विद्यालय के विद्यार्थियों ने किया “भारत का स्वर्णिम गौरव”गायनरायपुर : केन्द्रीय विद्यालय नया रायपुर के प्राचार्य श्री भगवान सिंह अहीरे ने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थी न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के कार्यक्रम में 62 वर्षों का इतिहास को दर्शाया गया है, जो ज्ञानवर्धक है। विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक रूप से केन्द्रीय विद्यालय का गीत “भारत का स्वर्णिम गौरव” का गायन किया गया। केन्द्रीय विद्यालय नया रायपुर का स्थापना दिवस विगत दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय के प्राचार्य श्री भगवान सिंह अहीरे थे। स्थापना दिवस के अवसर पर माध्यमिक विभाग के कक्षा 6-7 वीं, कक्षा 8 वीं तथा कक्षा 9 वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति की गई। प्राचार्य श्री अहीरे ने कहा केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन से पढ़े अनेक छात्र आज देश और समाज में नाम रोशन कर रहे हैं।
केन्द्रीय विद्यालय नया रायपुर में 62 वां केंद्रीय विद्यालय संगठन स्थापना दिवस गत दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विद्यालय के संगीत शिक्षिका श्रीमती श्वेता देवांगन ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कीं। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के बारे में प्राथमिक शिक्षिका श्रीमती कीर्ति डबास ने एवं कक्षा 9 वीं की छात्रा मोनाक्षी ने सभी छात्र-छात्राओं के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए तथा प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।प्राथमिक विभाग की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती बिंदु पी. नायर ने कक्षा 3 से 5 वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा गणित पहेली का आयोजन करवाया। साथ ही शिवाजी सदन, टैगोर सदन, अशोका सदन और रमन सदन के विद्यार्थियों ने मनोरंजक नृत्य की प्रस्तुतियां दीं । छात्र-छात्राओं ने अपने भाषण में केन्द्रीय विद्यालय संगठन से मिली शिक्षा और इसके दूरगामी प्रभावों को साझा किया ।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शिक्षक श्री संजय कुमार साहा, स्नातकोत्तर शिक्षक (अर्थशास्त्र) थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुश्री एभलिन तिर्की, श्रीमती बबली वर्मा, श्री एस के साहू, सुश्री आरती, श्रीमती श्रुति तथा श्री दीपक कुमार चंद्राकर का विशेष योगदान रहा । अनुशासन बनाए रखने में श्री एस टी शिवा कुमार, श्री रूपेश महोबे तथा श्री मंजीत कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम की शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अपर्पितकर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ आय भी बढ़ीरायपुर : राज्य के अन्नदाताओं के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा भी दृढ़संकल्पित होकर किसानों के कल्याण और उनके उत्तरोत्तर प्रगति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। कोण्डागांव जिले के किसान भी विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर आज समृद्ध एवं खुशहाल किसान के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
आत्मा योजना से आया सकारात्मक बदलावजिले के विकासखण्ड कोण्डागांव में स्थित ग्राम चिपावण्ड के 67 वर्षीय प्रगतिशील किसान श्री चौतू नेताम ने अपनी मेहनत और नवीनतम कृषि तकनीकों के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में सफलता की एक नई मिसाल पेश की है। उनके 03 एकड़ 54 डिसमिल की कृषि भूमि पर उन्नत खेती से उन्होंने न केवल अपनी आय में वृद्धि की है, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं। पहले चौतू नेताम पारंपरिक तरीके से रागी की खेती करते थे और पुराने ढंग से बीज बोते थे।खरीफ मौसम में पारम्परिक खेती में छिड़काव विधि से बीज बोने से उत्पादन में ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद कृषि विभाग ने उन्हें आत्मा योजना के तहत नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, तो उन्होंने रागी की खेती में बदलाव करने का निर्णय लिया। रबी मौसम में चौतू नेताम ने रागी की फसल की कतार बोनी की विधि को अपनाया, जिससे न केवल उनकी फसल का उत्पादन बढ़ा, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि हुई।
उन्नत कृषि से तरक्की की राह पर चौतू रामचौतू राम ने बताया कि कतार बोनी विधि से बीज का वितरण और सिंचाई ज्यादा व्यवस्थित और नियंत्रित हुआ है, जिसके कारण रागी की फसल का उत्पादन दोगुना हो गया। पहले जहां रागी की खेती 0.405 हेक्टेयर रकबा में उत्पादन केवल 4 क्विंटल होता था और केवल 12 हजार रूपये की आय प्राप्त होती थी। लेकिन अब कृषि में कतार बोनी विधि से बीजोत्पादन कार्यक्रम के माध्यम से नई तकनीक को अपनाने के बाद उत्पादन 9 क्विंटल हो गया, जिससे 45 हजार रुपये प्राप्त हुआ। इस प्रकार उत्पादन में वृद्धि के साथ उनके आय में भी वृद्धि हुई।शासन की योजना से चौतू नेताम के लिए यह बदलाव केवल कृषि के तकनीक में बदलाव नहीं था, बल्कि उनके जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया। कृषि विभाग से प्राप्त तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण उनके लिए काफी लाभदायक साबित हुआ। कतार बोनी विधि से बीजोत्पादन के कार्यक्रम ने उन्हें न केवल अधिक उत्पादन दिया, बल्कि शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आय वृद्धि की और खेती के क्षेत्र में तरक्की के राह पर अग्रसर हुए हैं। श्री चौतू राम ने जिले के अन्य किसानों को भी योजना का लाभ लेने प्रशिक्षण प्राप्त कर कृषि में उन्नत तकनीक अपनाने की अपील की।
विष्णु के सुशासन में किसान हो रहे समृद्धमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में राज्य के किसानों को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उनकी मेहनत और उत्पादन का उचित दाम भी मिल रहा है। किसानों की मेहनत को शासन की योजनाओं के माध्यम से उचित मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और सहायता मिल रहा है, जिससे वे समृद्ध और खुशहाल होने के साथ कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। चौतूराम जैसे कई ऐसे किसान हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के साथ शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाते हुए अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। -
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842 करोड़ रूपए से अधिक का अवार्ड पारितछत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा ने नेशनल लोक अदालत खण्डपीठों का किया वर्चुअल निरीक्षणरायपुर : नेशनल लोक अदालत के माध्यम से आज छत्तीसगढ़ राज्य में 22 लाख 59 हजार से अधिक प्रकरणों का रिकार्ड निराकरण हुआ। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से कुल 842 करोड़ रूपए से अधिक का अवार्ड पारित किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि आज 14 दिसम्बर को उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में लोक अदालतों का आयोजन हुआ। हाईकोर्ट बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश ने नेशनल लोक अदालत के तहत खण्डपीठों का वर्चुअल निरीक्षण किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि यह इस वर्ष की चतुर्थ एवं अंतिम नेशलन लोक अदालत थी।
मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा रायपुर व दुर्ग के लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण कर वहां के प्रधान जिला न्यायाधीशों से चर्चा की गई और उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया। इससे लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहन मिला और पक्षकारों में विश्वास सृजित हुआ है। लोक अदालत की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता बढ़ी है। नेशनल लोक अदालत में तकनीकी का उपयोग करते हुए जहां पक्षकार नहीं आ सके, उन्हें वर्चुअल माध्यम से भी जोड़कर तथा मोबाईल वेन के माध्यम से लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण किया गया।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा नेशनल लोक अदालत की तैयारियों और अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के संबंध में सभी जिले के प्रधान जिला न्यायाधीशों के साथ बैठक कर सतत् पर्यवेक्षण करते हुए मार्गदर्शन दिया जाता रहा है। मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा के छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में पदभार ग्रहण करने के उपरांत से छत्तीसगढ में शीघ्र सुलभ व सस्ता न्याय की अवधारणा को साकार करते हुए लोगों को लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो पा रहा है।मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा न्यायमूर्ति श्री संजय के. अग्रवाल को प्रकरणों के निराकरण में उनके सतत् मार्गदर्शन व प्रयास के लिए विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया गया। मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दोनों खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारी माननीय न्यायमूर्तिगण व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा राज्य के सभी सम्मानित प्रधान जिला न्यायाधीशगणों और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभीखण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों, राजस्व अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालेण्टियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों तथा अन्य सभी लोगों, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी धन्यवाद ज्ञापित किया गया है, जिन्होंने इस नेशनल लोक अदालत के प्रचार-प्रसार व लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में विशेष योगदान दिया। -
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राइस मिलर अघोषित हड़ताल से आ रहे वापसराइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार हो रही वृद्धिरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर अब तक कुल 50 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन कियाजा चुका है। खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राइस मिलर और घोषित हड़ताल से वापस आ रहे हैं। राइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार वृद्धि हो रही है। अब तक रायपुर संभाग में 14.52 लाख मीट्रिक टन, बिलासपुर संभाग में 9.76 लाख मीट्रिक टन, दुर्ग संभाग में 17.79 लाख मीट्रिक टन, बस्तर संभाग में 4.13 लाख मीट्रिक टन और सरगुजा संभाग में 3.80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।प्रदेश में कुल 27.78 लाख पंजीकृत किसानों में से अब तक 10.66 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है। इनमें 2.92 लाख लघु एवं सीमांत कृषक और 6.26 लाख दीर्घ कृषक शामिल हैं। किसानों को उनकी फसल का भुगतान तेजी से किया जा रहा है। अब तक विपणन संघ द्वारा 10,770 करोड़ रुपये की राशि अपेक्स बैंक को अंतरित की जा चुकी है। इसके तहत, संबंधित किसानों के बैंक खातों में नियमित रूप से राशि स्थानांतरित की जा रही है।किसानों की सुविधा हेतु उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम की व्यवस्था की गई है। साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
धान उपार्जन के लिए बारदानों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारत सरकार की नीति के अनुसार, पुराने और नए बारदानों का उपयोग 50:50 अनुपात में किया जा रहा है। प्रदेश में अनुमानित 160 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन के लिए 4 लाख गठान नए बारदानों की आवश्यकता है, जिसमें से अब तक 3.65 लाख गठान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। शेष बारदान अगले 15-20 दिनों में प्राप्त हो जाएंगे। अब तक पीडीएस बारदानों के रूप में 54,153 गठान, मिलर बारदानों के रूप में 1,40,924 गठान और किसान बारदानों के रूप में 12,747 गठान उपयोग किए जा चुके हैं। सभी उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कोई कमी नहीं है।
उपार्जित धान के संग्रहण और भंडारण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस वर्ष भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 37.25 लाख मी.टन कर दिया गया है। जिन केंद्रों में भंडारण क्षमता से अधिक धान जमा हो रहा है, वहां परिवहन आदेश जारी कर निकटतम संग्रहण केंद्रों में धान का परिवहन किया जा रहा है। अब तक 9.09 लाख मीट्रिक टन धान के परिवहन आदेश जारी किए जा चुके हैं। कस्टम मिलिंग के लिए 2133 मिलरों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1672 राइस मिलरों का पंजीकरण हो चुका है। इन मिलरों को 3.37 लाख मीट्रिक टन धान के वितरण आदेश जारी किए गए हैं।
धान उपार्जन में रिसाइक्लिंग रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है । अब तक 733 प्रकरण दर्ज कर 41,303 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। सीमावर्ती जिलों में 273 चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहां नियमित निगरानी की जा रही है। नोडल अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्रों पर भौतिक सत्यापन और पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का कार्य भी जारी है। खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राइस मिलर और घोषित हड़ताल से वापस आ रहे हैं । राइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार वृद्धि हो रही है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आज खाद्य विभाग की टीम द्वारा औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान कई राईस मिलों में अनियमितताएं पाए जाने पर विधिक कार्रवाई करते हुए मिल परिसरों को सील कर दिया गया और धान व चावल जब्त किए गए। रायपुर जिले में कार्रवाई रायपुर जिले में आर.टी. राईस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) का निरीक्षण किया गया, जहां खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन कराने के बावजूद अनुमति और अनुबंध का निष्पादन नहीं किया गया था।शासकीय धान का उठाव नहीं हो रहा था। निरीक्षण के दौरान 390 क्विंटल उसना चावल और 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन हेतु पाया गया, जो छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन है। टीम ने मिल परिसर को सील कर दिया। धान चावल जब्त किया गया है। इस कार्रवाई में तहसीलदार श्री बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार श्री राजेन्द्र चन्द्राकर, और सहायक खाद्य अधिकारी श्रीमती बिंदु प्रधान सम्मिलित थे।
गौरी राईस मिल में अनियमिततारायपुर में ही गौरी राईस मिल (प्रो. मुकेश अग्रवाल) में भी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के अनुबंध के तहत भारतीय खाद्य निगम में जमा किए जाने वाले 2272 क्विंटल चावल के मुकाबले केवल 872 क्विंटल चावल ही मिल में पाया गया। इसके अतिरिक्त, खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए अनुबंध निष्पादित करने के बावजूद शासकीय धान का उठाव नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग आदेश 2016 के उल्लंघन के चलते टीम ने मिल को सील कर दिया।
गरियाबंद जिले में जांच और कार्रवाईगरियाबंद जिले के दातान राईस मिल (प्रो. गफ्फु मेनन) में निरीक्षण के दौरान शासकीय धान और चावल के स्टॉक में कमी पाई गई। जिला खाद्य अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी ने मौके पर कार्यवाही करते हुए मिल को सील कर दिया।
अन्य जिलों में दबिशइसके अलावा महासमुंद जिले में श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल, माँ लक्ष्मी राईस मिल, धमतरी जिले में आकांक्षा राईस मिल और राजनांदगांव जिले में अतुल राईस मिल पर जांच टीम ने दबिश दी। इन मिलों में भी नियमानुसार जांच की जा रही है। खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि धान के उठाव और कस्टम मिलिंग में लापरवाही बरतने वाले राइस मिलर के खिलाफ जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी । -
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वन मंत्री ने नवनिर्मित वन मंदिर वाटिका का किया लोकार्पणरायपुर : वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने दंतेवाड़ा में वन मंदिर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में वनों के आध्यात्मिक एवं पर्यार्वणीय को महत्व को प्रमुखता दी गई है। वर्तमान में जबकि आज ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया में विचार मंथन चल रहा है।उसे देखते हुए वन मंदिर की अवधारणा सराहनीय है। वनांचल में निवासरत वनवासी बंधु पीढ़ियों से वनों की रक्षा एवं उसकी संरक्षण के लिए समर्पित रहे हैं। यहां के जनजीवन का मुख्य आधार वन सम्पदा ही रही है। इसे देखते हुए वन विभाग की यह पहल जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का प्रंशसनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस वन मंदिर वाटिका में अन्य प्रजाति के पेड़ पौधे लगाकर इसे समृद्ध बनाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वृक्षारोपण के तहत ’’एक पेड़ मां के नाम’’ का संदेश देकर पूरे देश में वृक्षारोपण के महत्व का अलख जगा चुके है।
उल्लेखनीय है कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में बनाये गए वन मंदिर वाटिका में प्रकृति एवं संस्कृति के अनुठे संगम को चरितार्थ किया है। वाटिका में प्रवेश करते ही पर्यावरणीय और प्राकृतिक संरक्षण को दर्शाते हुए यहां भारतीय सांस्कृतिक के अनुरूप राशि-ग्रह-नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के लिए योग और औषधि युक्त पौधे की जानकारी देते हुए साइन बोर्ड लगाये गए है। साथ ही क्षेत्र में पाये जाने वाले वन्य पशु पक्षियों एवं तितलियों जैसे जीव-जंतुओं की भी जानकारी दी गई है।इसके अलावा भगवान श्रीराम के जीवनवृत्त और वनवास काल का भी चित्राकंन वन मंदिर में किया गया है। साथ ही ‘‘रॉक गार्डन‘‘ के तहत इंद्रावती नदी के पत्थर और एनएमडीसी के लौह पत्थरों से भी वाटिका की साज-सज्जा की गयी है। करीब 18 एकड़ में तैयार हुए इस वन मंदिर में 7 थीम के तहत काम हुए हैं। यहां राशि, ग्रह नक्षत्र के पौधे,बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि (हर्बल पौधे) की जानकारी, सप्तऋषि और पंचवटी वन भी निर्मित किये गए है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से बना यह संभाग का पहला वन मंदिर है। जहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी मिल पाएगी। इसके निर्माण के लिए अब तक करीब खर्च किए गए हैं।
इस दौरान वन मंत्री श्री कश्यप ने वन मंदिर का भ्रमण कर स्कूली बच्चों से मुलाकात कर बच्चों से पढ़ाई, उनके पसंदीदा विषयों और स्कूल के अनुभवों को साझा किया। साथ ही उन्होंने नवनिर्मित वन मंदिर वाटिका के महत्व और इतिहास पर उनके विचार जाने। उन्होंने बच्चों को वन मंदिर वाटिका में रोपे गए धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व के पेड़-पौधों बारे में जानकारी दी उनसे प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक रहने को कहा। इस अवसर पर मंत्री श्री कश्यप ने वन मंदिर में आम के पौधे का रोपण किया और अधिकारियों को वन मंदिर को और समृद्ध करने के लिए अन्य प्रकार के पौधों का रोपण भी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर विधायक श्री चौतराम अटामी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य श्री रामूराम नेताम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं मुख्य वन संरक्षक श्री आर.सी. दुग्गा, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, डीएफओ श्री सागर जाधव, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाया जाना अनिवार्यरायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में दिनांक 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) योजना प्रारंभ हुई हैं। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा (एचएसआरपी) के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में दिनाक 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिसे लागू कर प्रक्रिया प्रारंभ किया जा चुका है।
अब वाहन स्वामी विभागीय वेबसाइट cgtransport.gov.in के माध्यम से सीधे आवेदन कर सकते है। इस संबंध में विभाग द्वारा दो वेंडर क्रमशः मेसस रीयल मेजॉन इंडिया लिमिटेड एवं मेसस रॉस्मेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड को निर्धारित दर पर एचएसआरपी लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के सभी परिवहन कार्यालयों को जोन अनुसार वर्गीकृत किया गया है जहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाने की कार्यवाही की जायेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह काम निर्धारित दर अनुसार मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण प्लेट लगाने की कार्यवाही का भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे आटोमोबाइल डीलरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीत्तरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु एक सौ रूपए अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जावेगा। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरक्त राशि देय होगा । -
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केरल के बाद देश का दूसरा राज्य होगा छत्तीसगढ़रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शदन में छत्तीसगढ़ राज्य में ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी तैयार की जा रही है। केरल के बाद, यह छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जो यह पॉलिसी तैयार कर रहा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। भारत की ग्लोबल रेस्टोरेशन इनिशिएटिव, बॉन चैलेंज और संयुक्त राष्ट्र ईको-रेस्टोरेशन दशक में भागीदारी यह स्पष्ट करती है कि एक केंद्रित ईको-रेस्टोरेशन नीति अनिवार्य है।पारंपरिक वनीकरण, जो प्रायः अत्यधिक लागत वाला होता है और गैर-स्थानीय प्रजातियों पर आधारित होता है, सीमित पारिस्थितिक लाभ प्रदान करता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सर्वाेच्च न्यायालय ने 2021 में अपने निर्देश के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसने ईको-रेस्टोरेशन को प्राथमिकता देने की सिफारिश की। जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ईको-रेस्टोरेशन अत्यंत आवश्यक है। यह पहल एक अधिक समावेशी और सुदृढ़ पर्यावरणीय भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के खोए हुए वन क्षेत्रों, आर्द्रभूमियों और अन्य पारिस्थितिक तंत्रों को पुनर्स्थापित करना है। नीति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, हितधारकों एवं समाज के सभी वर्गों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस पॉलिसी का अंतिम मसौदा जनवरी माह में राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के तत्वाधान में दो राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है।
इन कार्यशालाओं में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के ईको-रिहैबिलिटेशन सेंटर के वैज्ञानिक, वानिकी विशेषज्ञ, भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के संकाय सदस्य और छात्र, कृषि, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, शोधकर्ता, शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोग, एनजीओ और समुदायों के प्रतिनिधि, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और अन्य विशेषज्ञों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इसके लिए आर्द्रभूमि प्रबंधन, शहरी पारिस्थितिकी संरक्षण, और खनन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास जैसे विशिष्ट मुद्दों पर विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त किए गए। कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ को पारिस्थितिक पुनर्स्थापना के क्षेत्र में एक व्यापक और प्रभावशाली नीति बनाने में सक्षम बनाना है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी। -
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डॉ. दानेश्वरी सम्भाकर, सहायक संचालकरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। सरकार महिलाओं के सिर्फ विकास की ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और सशक्तिकरण की सरकार बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास का जिम्मा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े को सौंपा है। जिसे श्रीमती राजवाड़े बखूबी निभा रही हैं। छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के माध्यम से, जब लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता का सहारा मिला, तो यह केवल एक वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकार, आत्मविश्वास और उनकी शक्ति को पहचानने का एक मार्ग है।
मार्च 2024 से दिसम्बर 2024 तक, 70 लाख महिलाओं के खाते में 6530.41 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है। यह योजना अब सिर्फ एक राज्य की योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है, जहां महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का हक महसूस कर रही हैं। प्रदेश के 31 जिलों में 201 पालना केंद्रों की स्थापना से कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल का सशक्त समाधान मिला है। ये केंद्र केवल सुविधा नहीं, बल्कि हर बच्चे के अधिकार की रक्षा का एक माध्यम हैं। बालकों के भविष्य को मजबूत करने के लिए, डबल इंजन सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के उन्नयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
छत्तीसगढ़ के बच्चों को पोषण, शिक्षा और समुचित देखभाल देने के लिए 4750 आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाया गया है। इनमें बच्चों को न केवल पोषण दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें BaLA (Building as Learning Aid) के माध्यम से शिक्षा और कौशल के अवसर भी मिल रहे हैं। एलईडी टीवी और पोषण वाटिका जैसी सुविधाएं बच्चों और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध वातावरण बना रही हैं। 530 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति पिछले 10 माह में की गई और 4900 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में उन्नत किया गया, जिससेवहां अतिरिक्त व्यवस्थाओं का विस्तार हुआ। लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व और विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी अधोसंरचना से संबंधित MIS पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल के बन जाने से आंगनबाड़ी केन्द्रों की अधोसंरचना संबंधी सभी जानकारी जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, निर्माण संबंधी नियोजन, कार्य की प्रगति का अनुश्रवण आदि मुख्य आधारभूत जानकारी राज्य स्तर पर एक क्लिक पर उपलब्ध है।
छत्तीसगढ़ में कुपोषण पर प्रहार करते हुए सरकार ने पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से 0 से 5 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखी और कुपोषण की दर में ऐतिहासिक गिरावट हासिल की। एक नेतृत्व तब सशक्त होता है, कमजोर वर्ग के बारे में सोचता है और उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाता है। बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और महिला हेल्पलाइन (181) का संचालन 24X7 हो रहा है। साथ ही, हर जिले में वन स्टॉप सेंटर्स का विस्तार कर एक मजबूत और सुरक्षित नेटवर्क तैयार किया गया है, जो हर संकट में नागरिकों के लिए एक आश्रय बन कर खड़ा है। यह सुरक्षा केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और साहस का प्रतीक है।
भारत सरकार की मिशन शक्ति योजना के तहत राज्य महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) की स्थापना की गई है, जो महिलाओं के लिए समर्पित योजनाओं में प्रभावी समन्वय और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत, अब 50 हजार रुपये में से 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में भेजे जाते हैं, और शेष 15 हजार रुपये सामूहिक विवाह आयोजन पर खर्च होते हैं। इस साल अब तक 6543 कन्या विवाह सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं। वहीं, पी.एम. जनमन योजना के तहत 17 जिलों में 48 हजार पिछड़ी जनजाति परिवारों का सर्वे किया गया।इस पहल के अंतर्गत 70 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, 54 भवन निर्माणाधीन हैं और 2024-25 में 95 और केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों में 132 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। बालक कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के अंतर्गत राज्य के 33 जिलों में अध्यक्ष, सदस्य और सामाजिक सदस्य पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन और साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों और किशोरों की भलाई और सुरक्षा के लिए एक मजबूत संरचना तैयार हो रही है।
डबल इंजन सरकार ने 27 नवंबर 2024 से बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत की है। यह सिर्फ एक कानून का कार्यान्वयन नहीं, बल्कि समाज की मानसिकता को बदलने का अभियान है। हर गांव और कस्बे में बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता फैलाते हुए, सरकार द्वारा ने एक आदर्श स्थापित किया है। विष्णु के सुशासन के एक वर्ष में छत्तीसगढ़ में नया आत्मविश्वास, एक नया विश्वास और एक नई दिशा दिखती है। मुख्यमंत्री श्री साय की नीतियों और योजनाओं ने छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। -
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राष्ट्रीय सम्मेलन 11 दिसंबर सेकृषि मंत्री श्री नेताम करेंगे शुभारंभ, वित्त मंत्री श्री चौधरी करेंगे अध्यक्षतारायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली द्वारा तीन दिवसीय 32वां राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन 11 से 13 दिसम्बर, 2024 तक आयोजित की जाएगी। इस सम्मेलन का विषय ‘‘उच्च, सतत और समावेशी विकास के लिए कृषि का डिजिटलीकरण’’ रखा गया है। सम्मेलन का शुभारंभ कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास और पर्यावरण, योजना तथा आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी करेंगे।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, नाबार्ड छत्तीसगढ़ के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. पी.के. जोशी, कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली के सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. पी.एस. बिरथल एवं राष्ट्रीय जैव स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बरौंडा, रायपुर के निदेशक डॉ. पी.के. घोष उपस्थित रहेंगे।कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली एक पंजीकृत सोयायटी है जो 1987 में अस्तित्व में आई और वर्तमान में भारत और विदेश में इसके 1200 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। संघ कृषि अर्थशास्त्र, नीति विश्लेषण और ग्रामीण विकास में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बेहतर बनाने में योगदान देता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष ख्यातिलब्ध कृषि अर्थशास्त्री डॉ. पी.के. जोशी हैं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो. हुलास पाठक ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश के प्रमुख कृषि अर्थशास्त्रियों, नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों को एक मंच में लाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में उभरती चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना और टिकाऊ व समावेशी विकास के लिए नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करना है।
11 से 13 दिसम्बर, 2024 तक आयोजित इस तीन दिवसीय 32वीं वार्षिक सम्मेलन में कृषि अर्थशास्त्र से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों द्वारा ‘‘टिकाऊ खेती के लिए स्मार्ट एग्री-टेक’’, ‘‘कृषि-विपणन में डिजिटल परिवर्तन’’, ‘‘शासन और संस्थागत समर्थन’’ जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में भारत के अग्रणी कृषि अर्थशास्त्री, जिनमें डॉ. पी.के. जोशी, डॉ. प्रताप एस. बिर्थल, डॉ. मृत्युन्जय, डॉ. डी.के. मरोठिया, डॉ. अंजनी कुमार, डॉ. चेंगप्पा, डॉ. आर.एस. देशपाण्डेय, डॉ. सीमा बाठला, डॉ. स्मिता सिरोही, डॉ. सिरिषा सहित देश विदेश के अन्य 350 से अधिक प्रतिष्ठित कृषि अर्थशास्त्री एवं ग्रामीण विशेषज्ञ, शोधकर्ता, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं नौ तकनीकी सत्रों में अपने-अपने विचार रखेंगे। यह वार्षिक सम्मेलन कृषि क्षेत्र में हो रहे शोध और नीतिगत विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह आयोजन क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि और ग्रामीण विकास में नई संभावनाओं को उकेरने में व नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। -
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जनजातीय विद्रोह का वास्तविक झांकीबस्तर, कोलकाता और फिल्म सिटी मुम्बई के आर्टिस्ट म्यूजियम को दे रहे वास्तविक स्वरूपछत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन शैलियों और संस्कारों से रूबरू होंगे लोगनवा रायपुर में 10 एकड़ में बन रहा है शहीद वीरनारायण सिह संग्रहालयप्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देशरायपुर : छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय परिसर में छत्तीसगढ़ राज्य में ब्रिटिशकाल में हुए जनजातीय विद्रोह की झांकी को वास्तविक स्वरूप में तैयार किया जा रहा है। ब्रिटिशकाल के दौर में अपनी अस्मिता और संस्कृति को बचाने के लिए हुए जनजातीय विद्रोह के दौरान कई छत्तीसगढ़ के अनेक वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। झांकी के माध्यम से जनजातीय विद्रोह कोे वास्तविक स्वरूप में प्रदर्शित करने मेें बस्तर, कोलकाता और मुम्बई फिल्म सिटी के आर्टिस्ट जुटे हैं।
आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का दौरा कर वहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। श्री बोरा ने जनजातीय विद्रोह की झांकी तैयार करने में जुटे आर्टिस्टों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। श्री बोरा ने कहा कि जनजातीय विद्रोह के वास्तविक स्वरूप को दर्शाने के लिए तैयार की जा रही यह झांकी जनजातीय समुदाय के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराएगी।गौरतलब है कि नया रायपुर में पुरखौती मुक्तांगन के समीप 45 करोड़ की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर शहीद वीरनारायण सिंह म्यूजियम स्थापित किया जा रहा है। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन शैली एक अलग म्यूजियम तैयार किया जा रहा है, जो जनजातीय कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों से रूबरू कराएगा। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने म्यूजियम के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक श्री पी.एस. एल्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं संबंधित ऐंजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
म्यूजियम निर्माण में लगे क्यूरेटर श्री प्रोबल घोष ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के वीर गाथाओं पर आधारित इस झांकी का निर्माण काफी चुनौती पूर्ण कार्य है। इस म्यूजियम में आदिवासियों की ग्रामीण जन-जीवन, उनकी स्वतंत्रता फिर उनकी वीर गाथा की वास्तविक कहानी क्लासिकल लुक में दिखेगी।इस म्यूजियम को कोलकाता के 14 विशेष मूर्तिकार, बस्तर के 23 आर्टिस्ट तथा फिल्म सिटी मुम्बई के कहानी के कम्पोजिसन के साथ मूर्तरूप देने मे लगे है। मूर्तियों की फिनिशिंग का कार्य भी समानांतर रूप से किया जा रहा है। म्यूजियम तैयार होने के बाद यह संग्रहालय न केवल छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता काल में दिए गए सर्वाेच्च बलिदान को याद दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिवासी परंपरा से भी आमजन को रूबरू कराएगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर केन्द्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश भर में एक साथ राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 में कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमी की 3409 स्कूल से 81 हजार 179 विद्यार्थियों की दक्षताओं का समग्र मूल्यांकन किया गया।
इस परख सर्वेक्षण का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ शिक्षकों, स्कूलों और पूरी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता का आकलन करना है। यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप छात्रों की बुनियादी और मध्य स्तर की क्षमताओं का आकलन करता है। प्राप्त परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता की रैंकिंग की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में किए गए सर्वेक्षण में कक्षा तीसरी के 1199 स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कुल 24 हजार 379 विद्यार्थी शामिल हुए। इसी प्रकार कक्षा छठवीं के 1065 स्कूल से 25 हजार 665 विद्यार्थी और कक्षा नवमी के 1145 स्कूल से 31 हजार 135 विद्यार्थी शामिल हुए। इस प्रकार कुल 3409 स्कूलों से कुल 81 हजार 179 विद्यार्थी परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 में शामिल हुए।
गौरतलब है कि इस बार परख (PARAKH- प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण) नाम दिया गया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य बच्चों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मापदंड स्थापित करना है। इस बार सर्वेक्षण कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमी के छात्रों पर केंद्रित रहा, जो उनके पिछले कक्षाओं में अर्जित दक्षताओं पर आधारित था। परीक्षा में प्रश्न ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में रखा गया था। -
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धान खरीदी के एवज में 6.15 लाख किसानोंको 6727.93 करोड़ रूपए का भुगतानशिकायत एवं निवारण के लिए हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 29.22 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 6.15 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 6727 करोड़ 93 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 5 दिसम्बर को 65663 किसानों से 2.98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है।इसके लिए 70692 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 76378 टोकन जारी किए गए हैं। राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाईन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्यओं का समाधान कर सकते है। -
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किसानों को टोकन आवेदन के लिए दोहरी सुविधासमिति में ऑपरेटर के माध्यम से भी टोकन आवेदन कर सकते हैं किसानकिसानों से क्रय धान के भुगतान के लिए 6728 करोड़ रूपए जारीविशेष परिस्थिति में किसानों के बारदानों का उपयोग और प्रति बारदाना 25 रूपए का भुगतानरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए किसानों को टोकन जारी करने से लेकर बारदाना की व्यवस्था, धान का उपार्जन एवं भुगतान, केन्द्रों में खरीदे गए धान का उठाव पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसानों को धान विक्रय हेतु टोकन आवेदन करने के लिए समिति माड्यूल एवं टोकन तुंहर हाथ एप की सुविधा दी गई है।टोकन आवेदन करने में दिक्कत होने पर किसान समिति में ऑपरेटर के माध्यम से टोकन आवेदन कर सकते हैं। केन्द्रों में धान उपार्जन के लिए 72,194 गठान बारदाने उपलब्ध है। विशेष परिस्थिति में किसानों के बारदानों का उपयोग और 25 रूपया प्रति नग बारदाना भुगतान के लिए अपेक्स बैंक को 11 करोड़ 23 लाख रूपए भी दे दिए गए हैं।
किसानों को भुगतान के लिए अब तक 6728 करोड़ रूपए जारी
गौरतलब है कि राज्य में 14 नवंबर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन किया जा रहा है। 5 दिसम्बर तक 2739 उपार्जन केन्द्रों में कुल 29.22 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। प्रदेश में कुल पंजीकृत 27.78 लाख कृषकों में से अब तक 6 लाख 15 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य में धान का विक्रय किया है। उपार्जित धान की राशि संबंधित कृषकों के खाते में नियमित रूप से अंतरित की जा रही है। विपणन संघ द्वारा 6727 करोड़ 93 लाख रूपए अपेक्स बैंक को उपार्जित धान के समर्थन मूल्य के रूप में अंतरित की जा चुकी है। किसानों की सुविधा की दृष्टिकोण से उपार्जन केन्द्रों में अपेक्स बैंक द्वारा माइक्रो एटीएम की व्यवस्था भी की गई है।
समिति में आपरेटर के माध्यम से टोकन आवेदन की भी सुविधा
उपार्जन केन्द्रों में धान विक्रय हेतु किसानों द्वारा टोकन आवेदन समिति माड्यूल एवं टोकन तुहर हाथ एप्प के माध्यम से किये जाने की सुविधा प्रदाय की गई है। कुल टोकन आवेदन का 40 प्रतिशत समिति माड्यूल एवं 60 प्रतिशत एप्प के माध्यम से आरक्षित किया गया है। जिन कृषकों को एप्प के माध्यम से टोकन आवेदन करने में कठिनाई हो रही हो, वे समिति में आपरेटर के माध्यम से टोकन आवेदन करा सकते हैं। किसानों द्वारा आवेदन के दौरान आवश्यक प्रविष्टि करने के उपरांत आवेदन की तारीख से लेकर 15 जनवरी 2025 तक रिक्त स्लॉट में धान विक्रय हेतु दिवस का चयन किया जा सकता है। लघु एवं सीमांत कृषकों को 02 टोकन एवं दीर्घ कृषकों 03 टोकन की सुविधा प्रदाय की गई है।
किसान बारदाना के लिए प्रति नग 25 रूपए
भारत सरकार की नवीन बारदाना नीति अनुसार धान का उपार्जन नये एवं पुराने बारदानों में 50 अनुपात 50 में किया जाना है। प्रदेश में अनुमानित धान उपार्जन 160 लाख टन के आधार पर सभी उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त बारदानों की व्यवस्था कर ली गई है। उपार्जन केन्द्रों में पुराने बारदानें के रूप में मिलर बारदाना, पीडीएस बारदाना, समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये बारदानों का उपयोग किया जा रहा है। विशेष परिस्थिति में किसान बारदाना का भी उपयोग किया गया है, जिसका 25 रू. नग के मान से किसानों को भुगतान हेतु राशि 11 करोड़ 23 लाख रूपए अपेक्स बैंक को दी जा चुकी है।
धान खरीदी केन्द्रों में 72,194 गठान बारदाना उपलब्ध
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए कुल 4 लाख गठान नये बारदानों की आवश्यकता है, जिसके विरूद्ध 3.51 लाख नये बारदानें प्रदेश को प्राप्त हो गए है, शेष बारदानें आगामी 15 से 20 दिवसों में प्राप्त हो जायेगें। अभी तक धान उपार्जन में पीडीएस बारदाने 32392 गठान, मिलर बारदाने 23078 गठान, किसान बारदानें 10176 गठान उपयोग किये जा चुके है। उपार्जन केन्द्रों में पीडीएस बारदाने 18985 गठान, मिलर बारदानें 54209 गठान उपयोग हेतु उपलब्ध है। वर्तमान में प्रदेश के किसी भी उपार्जन केन्द्र में बारदानों की कमी नहीं है।
कस्टम मिलिंग पंजीयन के लिए 865 आवेदन
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित किए जा रहे धान के उठाव एवं मिलिंग का काम भी समांतर रूप से किया जा रहा है। जिन उपार्जन केन्द्रों में बफर से अधिक धान भण्डारित होने की स्थिति निर्मित हो रही है, वहाँ परिवहन आदेश जारी कर धान का परिवहन निकटतम संग्रहण केन्द्र में किया जा रहा है। अब तक 2.5 लाख टन धान का परिवहन आदेश जारी किया जा चुका है। मिलरों से पंजीयन हेतु 865 आवेदन प्राप्त हुए है। 252 राईस मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन कराया जा चुका है। मिलरों को 1296 टन का डीओ जारी किया जा चुका है।
अब तक 33,054 क्विंटल धान जब्त
प्रदेश में धान के अवैध परिवहन एवं अफरा-तफरी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में अवैध धान के 3305 प्रकरण बनाये गये है एवं 33,054 क्विंटल धान जब्त किया गया है। उपार्जन केन्द्रों में रिसाईकलिंग रोके जाने हेतु नोडल अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। सीमावर्ती जिलों में 273 चेक पोस्ट की स्थापना धान के अवैध परिहन के मामलों पर कार्यवाही की जा रही है। -
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श्री राकेश कुर्रे को अब नहीं लगाने पड़ते बैंको के चक्कररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की सुगम व्यवस्था से किसानों को न सिर्फ धान बेचना आसान हो गया है बल्कि किसानों के लिए धान बेचने के बाद पैसा निकालना भी आसान हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य के किसानों को प्रति क्विंटल धान का सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है। छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां किसानों को एक क्विंटल धान का सर्वाधिक 3100 रूपए मूल्य प्राप्त हो रहा है।धान बेचने के तुरंत बाद उपार्जन केन्द्र एवं समिति से माइक्रो एटीएम के माध्यम से पैसा निकाल पाने की सुविधा से उनकी खुशियां दोगुनी हो गयी है। धान खरीदी केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा कई इंतजाम किए गए है, इन्हीं सुविधाओं में माइक्रो एटीएम की सुविधा भी शामिल है।
माइक्रो एटीएम के जरिए किसान खरीदी केन्द्र में ही 10 हजार तक नगद राशि निकाल सकते हैं। इस सुविधा से किसान प्रसन्न है। चिल्हाटी के श्री राकेश कुर्रे ने मोपका धान खरीदी केन्द्र में 62.80 क्विंटल धान बेचा और केन्द्र में ही माइक्रो एटीएम के जरिए 1 हजार रूपए नगद निकाला। उन्होंने बताया कि यह सुविधा किसानों की तत्कालिक जरूरत को पूरा कर रही है। अब किसानों को एटीएम अथवा बैंक का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।वह खरीदी केन्द्र के माइक्रो एटीएम से पैसा निकालकर धान परिवहन के लिए किराए पर लाए गए मेटाडोर, ट्रेक्टर, छोटा हाथी का भाड़ा और हमालों की मजदूरी तुरंत दे सकते हैं। किसानों को इसके लिए अब न किसी से राशि उधार लेने की जरूरत पड़ रही है और न ही बैंको का चक्कर लगाना पड़ रहा है। श्री कुर्रे ने बताया कि माइक्रो एटीएम का उपयोग बहुत ही आसान है। आधार नम्बर और फिंगर प्रिंट के माध्यम से नगद राशि प्राप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा दी गई सुविधा से किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। -
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विकसित राज्य बनाने का सपना होगा साकारनारायणपुर के श्रीमती सुकाली बाई को 1 लाख 15 हजार रूपए तथा श्री जयलालको एक लाख रुपए का हुआ अतिरिक्त आयरायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने कृषक उन्नति योजना का संचालन किया जा रहा है। यह योजना मूल रूप से छत्तीसगढ़ के किसानों के कल्याण के लिए लक्षित और घोषित की गई है। इस योजना के माध्यम से किसानों से उचित मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। इससे खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और कृषि में आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। किसानों को उन्नत कृषि यंत्रांे के उपयोग और नवीन कृषि तकनीकों में निवेश के लिए प्रोत्साहन से उत्पादन की मात्रा में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग से कृषि कार्याे में लगने वाले समय और मानव श्रम में बचत होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार खरीफ वर्ष 2023-24 से कृषक उन्नति योजना लागू की गई है। कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव अनुसार खरीफ वर्ष 2023 में धान खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19 हज़ार 257 रुपए के मान से आदान राशि प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ में सुदूर वनांचल स्थित नारायणपुर जिले के ग्राम एडका की श्रीमती सुकाली बाई और ग्राम बाकुलवाहि के श्री जयलाल को कृषक उन्नति योजना का लाभ मिला। राज्य में किसानों से अपने वायदे के मुताबिक प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने के साथ ही दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि का भुगतान भी किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। श्री जयलाल ने कृषक उन्नति योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराकर कुल रकबा 5.23 एकड़ का धान फसल उत्पादन कर कुल 64 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र एड़का में विक्रय किया गया, जिसका भारत सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 1 लाख 39 हजार 712 रूपये प्राप्त हुआ। कृषक उन्नति योजना अंतर्गत राशि 19257 रूपये प्रति एकड़ के दर पर कुल राशि 01 लाख 714 हजार रूपये अतिरिक्त प्राप्त हुआ।
इस प्रकार कुल 02 लाख 40 हजार 426 रूपये उनके खाते में प्राप्त हुए। इसी तरह श्रीमती सुकाली बाई ने 6 एकड़ में धान फसल उत्पादन कर कुल 126 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र एड़का में विक्रय किया गया, जिसका भारत सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 2 लाख 75 हजार 58 रूपये प्राप्त हुआ। कृषक उन्नति योजना अंतर्गत राशि 19257 रूपये प्रति एकड़ की दर पर कुल राशि 1 लाख 15 हजार 542 रूपये अतिरिक्त प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 3 लाख् 90 हजार 600 रूपये उनके खाते में प्राप्त हुए। श्री जयलाल और श्रीमती सुकाली का कहना है कि किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है। वह उक्त राशि का अपने घरेलू कार्यों, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि कार्य तथा परिवार की आवश्यकता के आधार पर उपयोग किया गया। -
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रायपुर : राज्य के पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस प्रणाली के माध्यम से सुचारू रूप से पंजीयन का कार्य हो रहा है। पक्षकारों की सुविधा के दृष्टिकोण से रजिस्ट्री हेतु आनलाईन अपाइंटमेंट का प्रावधान किया गया है। पक्षकार पहले एनजीडीआरएस की साईट में जाकर अवलोकन कर स्लॉट की रिक्तिता, पूर्णता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद पंजीयन हेतु अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट बुक कर सकते है। पंजीयन के लिए ऑनलाइन अपाइंटमेंट की इस व्यवस्था से पक्षकारों को काफी सुविधा मिल रही है।
जिला पंजीयक रायपुर से मिली जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के पंजीयन मैन्यूअल के प्रावधान अनुसार वर्तमान में रायपुर मुख्यालय में 5 उप पंजीयक हैं, इन पांचों उप पंजीयक के मध्य वार्ड, क्षेत्र, ग्राम के अनुसार कार्य विभाजन किया गया है। संबंधित उप पंजीयक से ही उस क्षेत्र के दस्तावेजों का पंजीयन कराये जाने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह एनजीडीआरएस सिस्टम में भी उप पंजीयकों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है। कार्य विभाजन के पश्चात से 03 दिसम्बर तक 1100 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय के उप पंजीयकों के मध्य कार्य का विभाजन युक्तियुक्त ढंग से किया गया है। जिसमें किसी एक उप पंजीयक के पास अत्यधिक क्षेत्र नहीं है। कार्यविभाजन के पहले उप पंजीयकों का स्लॉट पूर्ण हो जाता था। जिसके उपरांत आगामी कार्य दिवस में पंजीयन कराया जाता था। वर्तमान में भी यदि किसी उप पंजीयक का अपाईमेंट स्लॉट पूर्ण हो जाता है तो आगामी दिवस में पंजीयन किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसी संपत्ति जिसका अंतरण किया जा रहा हो उन सभी का सुगम ऐप के माध्यम से फोटो अपलोड किये जाने का निर्देश है। बहुमंजिला आवासीय परिसर, व्यवसायिक परिसर, आबादी भूमि पर स्थित संपत्ति आदि का विक्रय होने पर पक्षकारों के मध्य ऐसी संपत्ति का अंतरण होता है, इसलिये शासन के निर्देशानुसार सुगम ऐप में फोटो अपलोड किया जाना आवश्यक है।
एनजीडीआरएस प्रणाली में कभी किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आने पर तत्काल उच्च कार्यालय, एनआईसी की तकनीकी टीम द्वारा निराकरण करा लिया जाता है। तबादलानामा, बटवारानामा, मुख्त्यारनामा आम, वसीयतनामा का पंजीयन भी सुचारू रूप से किया जा रहा है। वर्तमान मे अन्य तहसीलों का जिला मुख्यालय में पंजीयन होने पर 1100 रूपए अतिरिक्त शुल्क निर्धारित है। -
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धान खरीदी के एवज में 5.49 लाख किसानों को 5994.82 करोड़ रूपए का भुगतानशिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 5.49 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है।धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 5994 करोड़ 82 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है।
इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 4 दिसम्बर को 58468 किसानों से 2.67 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 66453 टोकन जारी किए गए थे।आगामी दिवस के लिए 44349 टोकन जारी किए गए हैं। राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर जारी किए है, जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले कोई भी किसान इस हेल्पलाईन नम्बर पर फोन कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते है। -
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‘द टाइगर ब्वाय चेंदरू‘ होगा शुभंकरराजधानी रायपुर में 22 खेलों पर 15 से 19 दिसंबर तक होगा खेल प्रतियोगिता का आयोजनदेश भर से 25 राज्यों के 6 हजार से अधिक खिलाड़ी होंगे शामिलआदिम जाति मंत्री श्री नेताम की अध्यक्षता में संचालक मण्डल की हुई बैठकरायपुर : आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में उनकें निवास कार्यलय में संचालक मण्डल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदिम जाति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे। मंत्री श्री नेताम ने बैठक में कहा कि एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय के 4थी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलना गौरव की बात है।यह कार्य चुनौती पूर्ण और बेहद महत्वपूर्ण है। सबकी सहभागिता से मिलजुल कर इस चुनौती को पुरा करेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर से आने वाले विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों, उनके कोच, टीचर और अभिभावक सहित अनेक डेलीगेट्स उपस्थित रहेंगे, जिनके आवास, आवागमन सहित अन्य व्यवस्था बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को गंभीरता के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने के निर्देश दिए।मंत्री श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ का भाव ‘अतिथि देव भवः‘ का रहा है। अतः राज्य का यह भाव बने रहना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों, डेलीगेट्स के लिए छत्तीसगढ़ी व्यजनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेल के दौरान खेल प्रतियोगिता से अलग होने वाले खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धरोहरों से अवगत कराने के भी निर्देश दिए।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के मेजबानी इस बार छत्तीसगढ़ को मिली है। यह खेल प्रतियोगिता 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक राजधानी रायपुर के विभिन्न स्टेडियम में अलग-अलग खेल विधाओं के अनुरूप आयोजित किये जाएंगे। खेल प्रतियोगिता में 15 एकल एवं युगल तथा 7 सामूहिक खेल इस तरह कुल 22 खेलों का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ‘द टाइगर ब्वाय चेंदरू‘ पर शुभंकर तैयार करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासियों की वीर गाथा आज भी सुनाई जाती है। अबूझमाड़ की घनघोर जंगल क्षे़त्र कीे ऐसी ही एक कहानी चेंदरू मंडावी की है। जो बचपन का अधिकत्तर समय बाघ के साथ बिताता था। चेंदरू और बाघ की दोस्ती की कहानी दुनियां में मशहूर है। देश भर के लोग आज भी चेंदरू और बाघ की जुडे़ तथ्यों को जानने बस्तर आते है। चेंदरू मंडावी नारायणपुर जिले गढ़बंेगाल गांव का रहने वाला एक आदिवासी परिवार से था।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने बैठक में बताया कि 15 से 19 दिसंबर तक प्रस्तावित एकलव्य आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में देश के 25 राज्यों में संचालित एकलव्य विद्यालय के लगभग 6 हजार से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। इसके साथ 1500 से अधिक डेलीगेट्स आने वाले हैं जिसके आयोजन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंत्री श्री नेताम नेे बैठक में खिलाड़ियों एवं उनके साथ आनेवाले अधिकारियों के ठहरने, भोजन व आवागमन के साथ ही खेल स्थलों, सुरक्षा व्यवस्था, बिजली-पानी, साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि भारत सरकार, जनजातिय कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय जनजातिय छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने एवं उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं।वर्तमान में प्रदेश में 10 कन्या तथा 06 बालक एवं 59 संयुक्त, इस प्रकार कुल 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र दुग्गा, ट्राई के प्रभारी संचालक श्री संजय गौड़ सहित पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा आज सुबह राजधानी रायपुर स्थित एम्स, डी के एस और मेकाहारा हॉस्पिटल पहुँचे। इस दौरान मंत्री श्री वर्मा ने अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ मरीज़ों से स्वास्थ्य की जानकारी ली। श्री वर्मा ने अस्पताल की व्यवस्था और इलाज के संबंध में मरीजों से जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान अस्पताल के उपस्थित चिकित्सकों को समय पर मरीज़ों को बेहतर इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री श्री वर्मा ने बालौदाबाज़ार जिले के ग्राम रवान के रहने वाले श्री पुकार यादव, ग्राम देवरी की श्रीमती निर्मला वर्मा, बालौदाबाज़ार के श्री सुमन दास साहू से मिलकर स्वास्थ्य की जानकारी ली। सिर में चोट के इलाज के लिए डी के एस के वार्ड- सी 6 में भर्ती 20 वर्ष के श्री पुकार सिंह ने बेहतर इलाज के कारण स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की जानकारी दी।इसी तरह नस में ब्लाकेज के इलाज के लिए मेकाहारा हॉस्पिटल के वार्ड-19 में भर्ती 55 वर्षीय श्री सुमन दास साहू ने स्वास्थ्य में सुधार की बात कही। इसी तरह बलौदाबाजार के ग्राम देवरी की 54 वर्षीय श्रीमती निर्मला वर्मा निमोनिया के इलाज के लिए एम्स हॉस्पिटल में भर्ती है। श्री वर्मा ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिकित्सकों से चर्चा कर बेहतर इलाज के निर्देश दिए। -
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टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगाअभियान इतनी कुशलता से किया गया कि बाघ को किसी तरह की चोट नहीं लगीअब रेडियो कालर भी लगा दिया गया है ताकि इसके मूवमेंट पर रहे लगातार नजरमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को दी बधाईरायपुर : कसडोल शहर के बिल्कुल एक किमी के दायरे में पहुंच गये बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक काबू पा लिया। यह वाकया कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट का है। बाघ एक पैरे के ढेर में छिप गया था। वन विभाग की टीम पहुंची और बेहद कुशलता से बाघ को ट्रैक्यूलाइज किया। टैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा और पास ही के पेट्रोल पंप के पीछे की तरफ आ गया लेकिन उसे तेजी से बेहोशी आई और फिर उसे नियंत्रित कर लिया गया।बाघ के बिल्कुल शहर के पास आने से लोगों के लिए कौतूहल का विषय था कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने इसकी योजना बनाई और बेहद सफलतापूर्वक यह कार्य संपन्न किया गया। बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किये थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिले।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि बाघ के शहर के पास होने की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ. पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ. रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम ने तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण श्री धीराजी के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया।इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर श्री व्ही. श्रीनिवास राव प्रधान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) श्री प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर श्री राजु अगसिमनी, मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर श्रीमति सतोविशा समाजदार, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री मयंक अग्रवाल, श्री आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा भी मौजूद थे।
टाइगर रिजर्व बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में मिलेगा बेहतर परिवेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। इस टाइगर रिजर्व के बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में बेहतर परिवेश मिल पाएगा और इनके बेहतर संवर्धन के अवसर मिलेंगे।
छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही टूरिस्टों ने अचानकमार में टाइगर साइट किया था। टाइगर रिजर्व बनने से एक बार छत्तीसगढ़ पुनः बाघों से गुलजार हो जाएगा।