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महासमुंद 28 मार्च 2020/ कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने जिले में लॉकडाउन स्थिति रहने तक आम नागरिकों के लिए सब्जियों की सुगमता से आपूर्ति के लिए दर निर्धारित किया है जिसमें लौकी 10 रुपए प्रति नग, बैंगन 20 रुपए प्रति किलोग्राम, टमाटर 20 रुपए प्रति किलोग्राम, बीन्स 40 रुपए प्रति किलोग्राम, बरबटी 40 रुपए प्रति किलोग्राम, खीरा 20 रुपए प्रति किलोग्राम, मिर्च 25 रुपए प्रति 250 ग्राम, केला 20 रुपए प्रति किलोग्राम, कुंदरू 20 रुपए प्रति किलोग्राम, करेला 40 रुपए प्रति किलोग्राम, ग्वारफली एक माह बाद आएगा।
उपरोक्तानुसार दर समस्त फुटकर विक्रेताओं के लिए भी लागू रहेंगे। प्रस्तावित दर से अधिक दर पर बिक्री करने पर संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। -
महासमुंद 28 मार्च 2020/ कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की वजह से जिले में धारा 144 लगी हुई हैं। जिससे जिले में सब्जी एवं फल उत्पादक कृषकों को कुछ परेशानी हो रही हैं। श्री जैन ने समयानुकूल उत्पन्न संकट को दृष्टिगत रखते हुए आदेशित किया है कि जिले के समस्त फल एवं सब्जी उत्पादक अपने उत्पाद को प्रतिदिन सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक सड़क किनारे बैठकर, गली मोहल्ले में जाकर सब्जी एवं फल विक्रय कर सकते हैं तथा उन्होंने कहा कि यह कार्य सामाजिक दूरियां बनाकर किया जाए। सब्जी उत्पादक किसानों के लिए खाद, बीज एवं अन्य कृषि सम्बन्धी आदान सामग्रियों हेतु जिले के समस्त सब्जी बीज भंडार सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक खुले रहेंगे तथा उन्होंने कहा है कि आदान सामग्री क्रय करते समय सामाजिक दूरी अनिवार्य रूप से बनाए रखें।
श्री जैन ने जिले के समस्त सब्जी बीज एवं अन्य आदान सामग्री वितरण करने वाले व्यापारियों को कहा है कि अपनी दुकानें निर्धारित समय में खोलकर रखें और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एवं पालन कराते हुए सामग्री का वितरण करें।यह आदेश लॉकडाउन की अवधि तक लागू रहेगा और तत्काल प्रभावशील होगा। -
महासमुंद 28 मार्च 2020/ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत मुख्या चिकित्सा अधिकारी द्वारा पात्र-अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी करते हुए अभ्यर्थियों से स्वयं उपस्थित होकर निर्धारित प्रारूप में 26 मार्च 2020 तक दावा आपत्ति आमंत्रित किए गए थे।
नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उक्त अंतिम तिथि को आगे बढ़ाते हुए अभ्यर्थियों से 07 अप्रैल 2020 तक आमंत्रित किए गए हैं। अभ्यर्थी सुविधानुसार सामान्य पेपर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद को संबोधित करते हुए हस्ताक्षरित आवेदन के साथ कार्यालयीन ई-मेल - [email protected] में दावा आपत्ति कर सकते हैं। इस संबंध में जिले की वेबसाईट www.mahasamund.gov.in से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 26 मार्च 2020 तक स्वयं उपस्थित होकर दावा आपत्ति प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं हैं। -
महासमुंद 27 मार्च 2020/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के बचाव हेतु लागू किए गए लॉक डाऊन की स्थिति में विभिन्न उद्यानिकी एवं अन्य कृषकों से प्राप्त आवेदन एवं ज्ञापन के संबंध में स्पष्ट किया है कि जिले के कृषक अपने खेत, परिक्षेत्र में मजदूरों एवं दैनिक दर पर कार्य करने वाले श्रमिको से कार्य ले सकेंगें। कार्य के दौरान मज़दूरों के लिए मास्क तथा हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था खेत, परिक्षेत्र के मालिक को करनी होगी, तथा यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सभी मजदूर कार्य करने के समय कम से कम एक मीटर की परस्पर दूरी बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट किया जाता है कि खाद्यान्न, सब्जी, मसालें एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को जिले के भीतर एवं जिले के बाहर परिवहन करने की अनुमति जारी निर्देशों के अंतर्गत दी गई है। -
महासमुंद 27 मार्च 2020/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने जिले में लोकस्वास्थ्य एवं लोकहित के दृष्टिगत नोवेल कोरोना (कोविड-19) वायरस एवं उससे जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए एक साथ एक स्थान पर समूहों में एकत्रित एवं उपस्थित होने के परिणामस्वरूप उक्त बीमारी के संभावित खतरे की रोकथाम एवं नियंत्रण करने के लिए जिले में फसल कटाई एवं कृषि से संबंधित अन्य कार्य के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने फसल कटाई एवं अन्य कृषि कार्य जिसमें दो या दो अधिक व्यक्तियो, मजदूर की आवश्यकता पड़ती है उन कार्यों को करते समय व्यक्तियों एवं मजदूरों के बीच कम से कम 1 से 2 मीटर की दूरी रखते हुये कटाई का काम करने व कार्य मे आते-जाते समय निर्धारित दूरी बनाकर चलने की अपील की है।फसल कटाई के दौरान व्यक्तियों, मजदूरों द्वारा नाक, मुह में कपडा, गमछा या मास्क से ढंककर फसल कटाई करने की अपील की है।फसल कटाई के दौरान व्यक्तियों, मजदूरों के द्वारा समय- समय पर अपने हाथ साबुन से धोएं।ग्राम पंचायत स्तरीय दल को उक्त कार्य में लगे व्यक्तियों की स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेने एवं कार्य करते समय निर्धारित दूरी का पालन कराने का निर्देश दिए हैं।यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। -
महासमुंद 27 मार्च 2020/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने जिले में लोकस्वास्थ्य एवं लोकहित के दृष्टिगत नोवेल कोरोना (कोविड-19) वायरस एवं उससे जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव हेतु दवा एवं दैनिक उपयोग की अतिआवश्यक सामग्रियों से संबंधित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के संचालन की अनुमति दी गई हैं। जिले में विभिन्न फसलों के लिए उर्वरक एवं बीज की समय-समय पर आवश्यकता संभावित है तथा कृषकों द्वारा भी मैदानी कर्मचारियों से इस संबंध में संपर्क भी किया जा रहा है।
चूंकि उर्वरक एवं बीज व्यवसाय क्रमशः ''आवश्यक वस्तु अधिनियम'' की धारा-03 के अंतर्गत गठित "उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985" एवं "बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983" से परिचालित होते है, इस प्रकार से ये दोनों कृषि "आवश्यक वस्तु" की श्रेणी में आते है। उन्होंने कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इनसे संबंधित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निम्न शर्तों के अधीन परिचालित करने की अनुमति प्रदान की हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठान में एक समय में एक ही कृषक की उपस्थिति सुनिश्चित किया जाए, दुकान के बाहर साबुन एवं स्वच्छत पानी की व्यवस्था की जाए तथा प्रत्येक क्रेता हाथ धोने के बाद ही दुकान में प्रवेश करें, उर्वरक विक्रय की जाने वाली "पी. ओ.एस. मशीन" जिस पर कृषक को अंगूठा लगाना होता है, अनिवार्यत: सिनेटाइज की जाए तथा ऐसा प्रत्येक उपयोग के बाद किया जाए एवं प्रतिष्ठानों की व्यवसाय अवधि सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक होगी। -
‘‘इक्कीस दिवसीय तालाबंदी के दौरान दैनिक उपयोग की अनिवार्य वस्तुओं की खरीद-बिक्री तो होगी, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण से बचने और बचाने के लिए पालन करना होगा एक मीटर की दूरी बनाने के नियम‘‘
महासमुंद 25 मार्च 2020 / जानकारों के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा खाद्य पादार्थों के पैकेट, कपड़े, मेटल इत्यादि सभी तरह की ठोस वस्तुओं सहित वायु यानी की हवा से भी हो सकता है। यह इनमें अलग-अलग समयावधि में घंटों तक जीवित रह सकता है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से संक्रमण फैलाव को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों में स्वस्च्छता के साथ एक-दूसरे से एक मीटर की निधार्रित दूरी बनाए रखने की राय भी दी जा रही है। इस ओर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से सचिव द्वारा महासमुंद सहित प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को इक्कीस दिवसीय लॉक डाउन की अवधि में अवाश्यक सामग्रियों की पूर्ति एवं व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है। पत्र में उल्लेखित किया गया है कि उक्त अवधि में देखा जा रहा है कि कुछेक किराना सामग्री, दवा, सब्जी एवं पैट्रोल इत्यादि बिक्री संस्थानों में बड़ी संख्या में ग्राहक एक साथ एकत्रित हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में क्रेताओं के लिए पंक्तिबद्ध खरीदी सहित विक्रताओं एवं कर्मचारियों सभी के साथ कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है ,जिनमें जागरूकता के साथ नियमों का पालन एवं सावधानी बरते जाने से खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐसे में विभाग की ओर से अपील की गई जिसमें दैनिक आपूर्ति की सामग्री की खरीद बिक्री के दौरान विशेष ध्यान रखने के लिए कहा जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण दल के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार ने बताया कि लोगों को चाहिए कि वे संक्रमण के खतरे को नजर-अंदाज नहीं करें और खरीदी करते वक्त एक दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी अनिवार्य रूप से बनाए रखें। ऐसा करने से हम और आप सभी मिल कर इस महामारी को जिले में फैलने से रोक सकते हैं। -
‘‘तालाबंदी के दौरान चिकित्सारत भर्ती मरीजों के साथ उनके सहयोगियों को भी चिकित्सालय के रसोई घर से ही की जाएगी पौष्टिक भोजन की आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव ने जारी किए निर्देश‘‘
महासमुंद 25 मार्च 2020 / जहां एक ओर कोरोना वायरस प्रकोप के दौरान आमजन को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए जनहित में तालाबंदी जैसे आदेश जारी किए जा रहे हैं,वहीं, दूसरी ओर नागरिकों को इससे असुविधा या परेशानी नही होने पाए इसका खयाल भी बखूबी रखा जा रहा है। इसी कड़ी में 25 मार्च 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से सचिव सुश्री निहारिका बारिक सिंह द्वारा प्रदेश स्तर पर जिला स्वास्थ्य सेवाओं सहित समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालयों के अधिकारी प्रमुखों को मरीजों एवं उनके सहयोगियों दोनों के लिए चिकित्सालयों में ही आहार व्यवस्था का प्रबंधन कर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देशित किया गया है।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के निर्देशन एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय सहित समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहां भी उपचार के लिए मरीज भर्ती हैं। उन्हें संतुलित एवं पौष्टिक भोजन चिकित्सालय प्रबंधन के द्वारा ही प्रदाय किया जाएगा। निर्देशों का स्पष्टीकरण करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस को लेकर स्थिति संवेदनशील है। ऐसे में संक्रमण से सुरक्षा के लिए उठाए गए तालाबंदी के दौर में चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के परिजनों को उनके दैनिक आहार में भोजन इत्यादि की आपूर्ति के लिए चिकित्सालय परिसर से बाहर निकलना पड़ रहा था। जिसके चलते तालाबंदी नियमों का उल्लंघन एवं संक्रमण होने की समस्या उत्पन्न होने की संभावना बन रही है। समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जा रहा है। जिसमें मरीज एवं उनके परिजों को उनके डाइट चार्ट के अनुसार शुद्ध पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा। इससे उनके आहार व्यवस्था के लिए चिकित्सालय परिसर से बाहर जाने की बाध्यता भी नहीं रहेगी। -
महासमुंद 25 मार्च 2020 / विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यू एच ओ)द्वारा कोरोना वायरस(कोविड-19)की बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है जो कुछ ही हप्तों में कई देशों में महामारी का रूप ले रहा है। महासमुंद जिले में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19)के संक्रमण की रोकथाम, बचाव एवम आपात कालीन स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर रवि मित्तल को जिला एक्टिव सर्विलेंस टीम का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। डॉक्टर रवि मित्तल को जिले में नोवेल कोरोना वायरस( कोविड-19)के संक्रमण, रोकथाम, बचाव एवम आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किये जा रहे कार्यों की सतत मॉनिटरिंग एवम समीक्षा करते हुए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया है।
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बाजार में मिलने वाले आम सिनेटाइजर से दस गुना सस्ता और बेहतर होगा सरकारी सिनेटाइजर।
‘‘जिला चिकित्सालय में एका-एक बढ़ी सिनेटाइजर की मांग की आपूर्ती को पूरा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी निधार्रित मानदंड का अनुसरण करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अफसर और कर्मचारियों ने स्वयं सिनेटाइजर बना कर किया चिकित्सालय में वितरित‘‘महासमुंद 25 मार्च 2020 / कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने का भय सबको है। दवा दुकानों में भी हैंड रब सिनेटाजर और मास्क के लिए लंबी कतारें भी आसानी से देखी जा सकती हैं। ऐसे में लगातार विभिन्न किस्म के वासरस और कीटाणुओं के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक अच्छी खबर है। जिला स्वास्थ्य सेवाओं अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पदस्थ आरएमएनसीएचए सलाहकार श्री संदीप चंद्राकर और उनके सहयोगी फार्मासिस्ट श्री पंकज साहू ने जिला चिकित्सालय में अपना हैंड रब सिनेटाइजर तैयार कर लिया है। बता दें कि इस सिनेटाइजर को गहन अध्ययन और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी निधार्रित मानदंडों के अनुरूप तैयार किया गया है। जो पूरी तरह से कारगर और मददगार साबित हो रहा है। जिला चिकित्सालय की लैब बने इस सिनेटाइजर को पहले पांच सौ मिलीलीटर की मात्रा में पायलट प्रोजेक्टर के रूप मे जांचा और परखा गया। विशेषज्ञों सहित स्वास्थ्यकर्मचारियों ने इसे हरी झंडी दी। इसके बाद प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के निर्देशानुसार तत्काल प्रभाव से सभी आवश्यक रसायनों को एकत्र कर बीस लीटर सिनेटाइजर का नया बैच तैयार कर जिला चिकित्सालय के स्वास्थ्य अमले को वितरित किया गया। श्री चंद्राकर ने बताया कि इसे विशेष तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए तैयार किया गया है। गुणवत्ता जांच के बाद यह भी स्पष्ट हो गया कि यह कोरोना वायरस सहित अन्य अधिकांश संक्रमणों को रोकने में भी उपयोग में लाया जा सकेगा। उनके मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया की सबसे प्रमाणिक जानकारी प्रस्तुत करती है, इसलिए इस हैंड रब सिनेटाइजर को बनाने के लिए उनके मानदंडों का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। बताया जा रहा है कि इन विषम परिस्थतियों में स्वास्थ्यकर्मियों सहित चिकित्सालय में उपचार कराने आ रहे मरीजों लिए भी यह सिनेटाइजर संक्रमण रोकने में रामबांण साबित होगा। -
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपील के साथ जारी की कानूनी चेतावनी
क्या आप जानते हैं कि होम-क्वारंटीन का पालन न करना अपराध की श्रेणी में आता हैइसके नियमों का पालन न करने पर आपके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और एपिडेमिक एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई भी की जा सकती हैमहासमुन्द 24 मार्च 2020/ जहां एक ओर कोरोना वायरस दुनिया भर में हजारों की संख्या में लोगों को असामयिक मृत्यु का शिकार बना चुका है। वहीं, दूसरी ओर इसका इलाज ढूंढ रहे वैज्ञानिकों सहित पीड़ितों के उपचार में जुटे चिकित्सकों के लिए यह अब भी कौतुहल का विषय बना हुआ है। जहां, कोरोना विरुद्ध लड़ाई में शासन-प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का अमला दिन-रात लगा हुआ है वहीं, आमजन से लगातार अपील की जा रही है कि संक्रमण रोकने के लिए विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही हिदायतों का कड़ाई से पालन किया जाए।जिले के अधिकांश स्थानीय निवासियों का इस ओर सहयोग सराहनीय रहा है किन्तु फिर भी प्रदेश के कुछेक कोनों में होम-क्वारंटीन को गंभीरता से नहीं लिए जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छग शासन द्वारा स्थानीय निवासियों की ओर विनम्र अपील के साथ चेतावनी संदेश भी प्रेषित किया गया है। ऐसे में विभाग की मंशा को स्पष्ट करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशानुसार प्रदेश ही नहीं अपितु जिले में भी यदि कोई भी व्यक्ति होम कोरंटीन के नियमों उल्लंघन करता है तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा तो बढ़ता ही है साथ ही इन नियमों का पालन न करने पर उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 269, 270, 188 और एपिडेमिक एक्ट 1897 के सेक्शन 3 की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। कोरोना वायरस संक्रमण दल के नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार ने अपील की है कि आमजन होम क्वारंटीन के नियमों का पालन करें और घर पर ही रहें ऐसा करने से ही हमस ब मिल कर कोविड 19 की बीमारी से लड़ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विभाग के टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर सकते हैं। साथ ही जिले में कोरोना वायरस कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसमें चैबीसों घंटे निशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। संपर्क करने के लिए जिला स्तरीय दूरभाष नंबर 6267770531 भी जारी किया गया है। उक्त संदर्भ में शंका होने की स्थिति में यहां निशुल्क जानकारी और मदद उपलब्घ कराई जा रही है।विदित हो कि सरकार की ओर से सभी तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए लगातार प्रयारस जारी हैं। जिसमें बैनर-पोस्टर सहित सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि स्वयं सहित परिवार एवं जनहित में क्वरंटीन एवं होम आइसोलेसन के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। क्यों कि यह विषय सामाजिक आपातकाल से जुडा है और किसी एक व्यक्ति विशेष मात्र के लिए नहीं बल्कि हर उस गणमान्य नागरिक के लिए अनुकरणीय है जो कोरोना वायरस संक्रमण में संदिग्ध या पीड़ित के रूप में प्रभावित है। -
साइबर लॉ और ई सिक्योरिटी के ग्रुप को-ऑर्डिनेटर ने सूचना तकनीकी अधिनियम 2000 पालन हेतु दिए कड़े निर्देश
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ दुनिया भर के एक सौ पचास देशों से भी अधिक में महामारी का रूप ले चुकी नोवेल कोरोना वायरस की कोविड 19 नामक संक्रामक बीमारी को लेकर आमजन को प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने में तमाम मीडियाकर्मी और सरकारी विभाग सभी अपने-अपने तरीकों से आवश्यक प्रचार-प्रसार के जरिए जागरूकता लाने के कार्य में जुटे हुए हैं। ऐसे में प्रदेश के कुछेक हिस्सों से सोशल मीडिया में गलत जानकारी पोस्ट किए जाने और भ्रामक जानकारी फैला कर आतंक का मंजर बनाए जाने की सूचनाएं मिलने की बातें भी कही जा रही हैं। तथाकथित रूप से इन गैर जिम्मेदार और झूठे प्रचारकों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए न सिर्फ आगाह किया है बल्कि कड़ी कार्रवाई की जाने की चेतावनी भी दी है। इसके लिए हाल ही में साइबर लॉ और ई-सिक्यूरिटी के गु्रप को-ऑडिनेटर ने एक पत्र जारी कर सोशल मीडिया के जरिए गलत एवं भ्रामक सूचनाओं का प्रचार रोकने के लिए अहम जानकारी साझा की है। 20 मार्च 2020 को जारी इस पत्र में इन्फोर्मेशन टैक्नोलॉजी एक्ट 2000 यानी कि सूचना तकनीकी अधिनियम 2000 के अनुभाव 2 (1) (डब्लू) एवं आईटी एक्ट निर्देशिका नियम 2011 के अनुभाग 79 के तहत विश्वासघाती, छलीय या असावधानीपूर्वक मेजबानी, प्रदर्शन, जानकारी प्रसारण, रूपांतरित प्रस्तुति, प्रकाशन के अद्यतन संचारण और आदान-प्रदान करने की मनाही की गई है।बता दें कि कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस आपाल काल को गंभीरता से लिया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि यह अनुकरणीय विषय है इसलिए आमजन कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकरणों में केवल प्रमाणिक जानकारी को ही मान्य करें। साथ ही अपील की गई है कि गलत या भ्रामक जानकारी का प्रचार कर अनावश्यक खलबली, घबराहट, भय या आतंक का माहौल न बनाएं और जनादेश एवं सामाजिक शांति को प्रभावित न करें। कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार के मुताबिक संदर्भित पत्र में तत्काल प्रभाव से कार्रवाही करते हुए उक्त भ्रामक तथ्यों प्राथमिकता के आधार पर निरस्त किए जाएं या हटाए जाने के लिए भी कहा गया है। ताकि कोरोना वायरस के संबंध में प्रमाणिक जानकारी के फैलाव को बढ़ावा दिया जा सके।उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय आपात काल परिस्थिति में जिला महासमुंद अब तक सबसे सुरक्षित जिलों में गिना जा रहा है क्योंकि राजधानी रायपुर से समीपस्थ जिला होने के बावजूद भी यहां अब तक एक भी कोविड 19 का पुष्टिकृत प्रकरण नहीं मिला है। लेकिन, अनायास ही जिले के कुछेक गांव में संदिग्ध मरीजों के होने की खबर फैलाए जाने की सूचनाएं भी मिली हैं। जिसके चलते पिछले दिनों क्षेत्र में भय का माहौल बना, बहरहाल वर्तमान में उक्त प्रकरणों में विभागीय हस्तक्षेप के बाद सही संदेश प्रकाशन के कारण स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन, समस्या को देखते हुए प्रदेश स्तर पर इस ओर मंथन किया गया। ताकि, आमजन में भय का माहौल न बने और लोगों तक कोई भी गलत या भ्रामक जानकारी न पहुंचाई जाए। -
राज्य सरकार ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जारी की अधिसूचित घोषणा
छत्तीसगढ़ पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 50 के अतर्गत राज्य सरकार द्वारा नोवेल कोरोना वायरस को समूचे प्रदेश में संक्रामक रोग घोषित कर दिया गया हैमहासमुन्द 24 मार्च 2020/ विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ-साथ एक और बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। जिसमें छत्तीसगढ़ प्रांत में भी कोरोना वायरस संक्रमण यानी कोविड-19 की बीमारी को लेकर राज्य सरकार ने अधिकारिक रूप से अधिसूचना जारी कर दी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 23 मार्च 2020 को लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग की सचिव सुश्री निहारिका बारिक सिंह ने प्रदेश के समस्त जिलों के लिए आगामी आदेश पर्यंत अधिसूचित किया है। जिसमें छत्तीसगढ़ पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 (क्र. 36 सन 1949) की धारा 50 के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिए संक्रामक रोग बताते हुए उक्त अधिनियम की धारा 51 के तहत अधिसूचित संक्रामक रोग घोषित कर दिया गया है। संदर्भित जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार के द्वारा दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि जहां, तथाकथित रूप से सोशल मीडिया में प्रचारित-प्रसारित की जा रही कोरोना वायरस संबंधित संदेश दर्शकों और पाठकों तक विविध तरीकों से पहुंचाएं जा रहे हैं। इस बीच उक्त परिस्थितियों को लेकर राज्य शासन स्तर से जारी यह अधिसूचना अधिकारिक तौर पर भ्रांतियां दूर करने के साथ प्रदेश में अधिसूचित संक्रमण काल की पुष्टि करती है।विदित हो कि जिला महासमुंद में अब तक कोरोना वायरस पीड़ित का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। किन्तु सतर्कता बरतते हुए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन व प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों द्वारा जनसामान्य के लिए किए जा रहे चिकित्सकीय उपायों के साथ उनकी सुरक्षा हेतु पुलिस विभाग की मदद से भी स्थानीय नागरिकों से इस विषम परिस्थति से निपटने के लिए अपील एवं समझाइश भी निरंतर दी जा रही है। -
मंगलवार को भी स्थानीय लोग किसी न किसी बहाने घर से बाहर निकलते देखे गए सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण के अधिकारियों ने शहर के दर्जनों स्थानों में लोगों को रोक कर दी समझाइश
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ जिले में कोविड-19 का एक भी प्रकरण नहीं मिला है। जानकारों ने बताया कि जरा सी असावधानी भी जिले वासियों पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में जिले में कोरोना वायरस के पांव पसारने के पहले ही कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने विभिन्न विभाग के आला अफसरों को उनके दायित्व समझाते हुए काम पर लगा दिया है। विगत दिनों सरकार द्वारा की गई जनता कफर््यू की अपील के बाद अब भी धारा 144 निरंतर जारी है। लेकिन, अधिकांश जागरूक नागरिकों के पालन करने के बावजूद कई ऐसे स्थानीय निवासी हैं जो अन्य कारणों से घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा फैलने की आशंका बढ़ सकती है। संवेदनशील परिस्थितियों को देखते हुए आज 24 मार्च 2020 को स्वास्थ्य विभाग सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों में जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार एवं कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार ने पुलिस की मौजूदगी में जिला चिकित्सालय खरोरा, बस स्टैण्ड क्षेत्र, अम्बेडकर चैक, कलेक्टोरेट के आसपास व बरौंडा चैक सहित दर्जन भर से अधिक स्थानों में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान नागरिकों को कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान स्थिति और स्टेज वन, टू व थ्री में इसके फैलाव संबंधी आंकड़े बता कर समझाइश दिया गया। डॉ कसार ने बताया कि जिला अस्पताल एवं क्वारंटीन केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी सहित टोल फ्री नंबर 104 एवं जिला स्तरीय दूरभाष नंबर 6267770531 के संबंध में भी जानकारी दी गई। कहा गया कि जब तक जरूरी न हो घर से बाहर नहीं निकलें और समस्या होने की स्थिति में सबसे पहले इन नंबरों पर फोन कर सलाहकारों से मश्वरा अवश्य करें। जिस पर अधिकांश ने बिना अनिवार्य कारण घरों से बाहर न निकलने की बात पर सहमति दी साथ ही अपने परिचितों को घर बैठे दूरभाष के जरिए जागरूक किया।उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के विरूद्ध आपातकाल सेवा विभागों को ड्यूटी पर लगाया गया है। जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग सहित पुलिस बल का अमला मौके पर तैनात हैं। ऐसे में दोनों ही विभागों के कर्मठ अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा अपनी जान जोखिम में डाल कर जनहित में कर्तव्यों का निर्वहन किए जाने की प्रशंसा भी की जा रही है। डेरा वालों के लिए मौके पर पहुंचे डॉ छत्रपाल दूसरी ओर कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण दल के अधिकारियों में डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने पुलिस दल के साथ पटेवा क्षेत्र में भ्रमण किया। इस दौरान डेरा वालों यानी खानाबदोश के रूप में जीवन-यापन करने वाले लोगों को अलग से समझाइश दी गई। डॉ छत्रपाल ने बतया कि इनमें से अधिकांश में जागरूकता का अभाव होने की स्थिति सामने आ रही थी। ऐसे में उन्हें उनकी ही भाषा में सरल शब्दों में संक्रमण की गंभीरता के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही वर्तमान में यात्रा न करने के साथ सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखते ही अधिकृत चिकित्सकों की निगरानी में उपचार को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। -
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ भारत सरकार द्वारा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान वर्ष 2019 के लिए आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि में वृद्धि की गई है। अब 30 अप्रैल 2020 तक आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से नामांकन प्रस्तुत किए जा सकेंगे। जिला कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार उपयुक्त नामांकन निर्धारित समयावधि में आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से अंकित करते हुए विभाग को सूचित करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में दिशा-निर्देशों के अनुरूप मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला खेल अधिकारी से सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान के लिए 30 अप्रैल 2020 तक आॅनलाईन के माध्यम से निर्धारित समयावधि में पंजीयन तथा नामांकन प्रेषित कर की गई कार्रवाई से प्रतिवेदन के माध्यम से अवगत कराने का आग्रह किया गया है।
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आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल 2020 तक
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा नवमीं में प्रवेश के लिए वर्ष 2020-21 में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि जिले के अनुसूचित क्षेत्र में स्थित शासकीय, अशासकीय शालाएं, नक्सल प्रभावित घोषित जिले अथवा नक्सल प्रभावित जिले के ऐसे भू-भाग जो अनुसूचित क्षेत्र में शामिल नहीं है वहां पर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में स्थित शासकीय, अशासकीय शालाएं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (कमार, बैगा, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़ियाॅ, पण्डो तथा भुंजिया) के विद्यार्थियों के लिए मान्य होगा। कक्षा नवमीं में प्रवेश के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल 2020 तक तथा प्रवेश हेतु प्राक्चयन परीक्षा रविवार 26 अप्रैल 2020 को प्रातः 10.30 बजे, जिला स्तर पर होगी। आवेदन पत्र का प्रारूप जिले के विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास महासमुन्द कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त श्री एन.आर. देवांगन के मोबाईल नम्बर 9424133136 पर सम्पर्क किया जा सकता है। -
चयन परीक्षा 19 अप्रैल 2020 को
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे है। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि इन संस्थाओं शैक्षणिक सत्र 2020-ं21 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए चयन परीक्षा का आयोजन कर प्रावीण्यता के आधार पर 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चयन परीक्षा पूर्व में रविवार 29 मार्च 2020 को प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित किया गया था, जिसे संशोेधित करते हुए आगामी परीक्षा 19 अप्रैल 2020 को प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक निर्धारित किया गया है।क्रमांक/113/1583/एस शुक्ल/हेमनाथ -
जिला दण्डाधिकारी श्री जैन ने जिला महासमुन्द के समस्त सीमा क्षेत्र को संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के
आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन को छोड़कर जिले के सभी सीमाएँ सीलजिले में बाहरी लोगों के आवागमन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधितधार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णतः बंदमहासमुन्द 24 मार्च 2020/ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस (कोविड-19) एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी से भारत समेत पूरे विश्व के देशों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कारोना (कोविड-19) के संपर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भी यह निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। इसलिए (कोविड-19) के संभाव्य प्रसार को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़े सामाजिक अलगाव के उपयोग को अपनाना उचित एवं आवश्यक हो गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने महामारी रोग अधिनियम, 1897 के संदर्भ में शासन द्वारा जारी पत्र के अंतर्गत दिए गए शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला महासमुन्द के समस्त सीमा क्षेत्र के अंतर्गत संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए 31 मार्च 2020 रात्रि 12ः00 बजे तक पूर्णतया तालाबंदी (लाॅकडाउन) की गई है एवं इस क्रम में महासमुन्द जिले के समस्त सीमा क्षेत्र के अंतर्गत निम्नांकित गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2020 रात्रि 12ः00 बजे तक रोक लगाई गई है।जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि जिले के समस्त शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय कार्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। सभी पदाधिकारी तथा कर्मी अपने घर से सरकारी कार्यो का निष्पादन करेंगे। परन्तु वे मुख्यालय का परित्याग नहीं करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय प्रमुख उन्हें कार्यालय में बुला सकेंगे। जिले में समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएॅ जिसमें निजी बसें, टैक्सी, आॅटो-रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा इत्यादि भी शामिल है, के परिचालन को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसी निजी वाहन जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं-सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रहें हो, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालिक आवश्यकताओं को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी। आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन को छोड़कर जिले के सभी सीमाओं को सील किया गया है। किसी भी माध्यम (सड़क, रेल एवं अन्य माध्यम) से जिले में बाहरी लोगों के आवागमन को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। अन्तर जिला बस के परिवहन को भी तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। महासमुन्द जिले में निवासरत नागरिकों को भी जिले के सीमा से बाहर जाने पर प्रतिबंधित किया गया है। सभी दुकानें व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, फैक्ट्री, गोदाम, साप्ताहिक हाट-बाजार आदि अपनी सम्पूर्ण गतिविधियों को बंद रखेगी। जिले के अंतर्गत स्थित औद्योगिक-व्यापारिक संस्थानों को निम्न परिस्थितियों के अंतर्गत छूट रहेगी। ऐसी औद्योगिक इकाईयां जो दवाईयों के उत्पादन एवं निर्माण से संबंधित है, उनको इस प्रतिबंध से छूट रहेगी।आदेश में आगे कहा गया है कि ऐसी इकाईयां जो आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य एवं खाद्य से संबंधित पदार्थो, डेयरी यूनिट इत्यादि से संबंधित है, उन्हें भी इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। ऐसी इकाईयां जिन्हें उक्त प्रतिबंध से छूट प्रदान की जा रही है, उनके लिए आवश्यक होगा कि वे न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों-अधिकारियों को उपयोग करेंगी एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करेंगें। इन इकाईयों के प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के सामूहिक आवागामन हेतु वाहन व्यवस्था किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। सभी प्रकार के निर्माण एवं श्रम कार्य (सिर्फ मनरेगा को छोड़कर) तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेंगे। सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णतः बंद रहेंगे। विदेश से आने वाले सभी नागरिक, अन्य राज्यों से आए हुए नागरिक जो होम क्वारेन्टाइन की निगरानी में रखे गए है, उन्हे वे स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्धारित क्वारेन्टाइन की अवधि का कड़ाई से पालन करेंगे। इसमें किसी प्रकार की चूक होने पर उनके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत् दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।श्री जैन ने कहा कि सभी नागरिक अपने घर में ही रहेंगे। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देश का अनुपालन करेंगे। किसी भी स्थिति में एक से अधिक व्यक्तियों (इसमें ड्रायवर भी शामिल है) को घर से बाहर जाने से प्रतिबंधित किया गया है। घर से बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्यतः अपना वैद्य पहचान पत्र साथ में रखना होगा। आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय, प्रतिष्ठान को उपरोक्त प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है इनमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, कोषालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालय, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील, थाना एवं चैकी ये सभी कार्यालय आम जनता के लिए बंद रहेंगे।भारत सरकार के अधीनस्थ केन्द्रीय कार्यालय, कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी,स्वास्थ्य सेवाएं जिसके अंतर्गत सभी अस्पताल, मेडिकल काॅलेज, लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी शामिल है), दवा दुकान, चश्में की दुकान एवं दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाए,ं उचित मूल्य की दुकान (सार्वजनिक वितरण प्रणाली), खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, दूध, ब्रेड,, चिकन, मटन, मछली, एवं अंडा के विक्रय, वितरण, भंडारण, परिवहन की गतिविधियों को प्रातः 6ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक लाॅक डाउन से मुक्त रहेंगे, फल एवं सब्जी, ठेला (फल, सब्जी, अनाज) के विक्रय, वितरण, भंडारण, परिवहन की गतिविधियों को प्रातः 6ः00 बजे से दोपहार 12ः00 बजे तक लाॅक डाउन से मुक्त रहेंगे, दुग्ध संयंत्र (मिल्क प्लांट), माॅस्क, सेनेटाईजर, दवाईयां, ए.टी.एम. वाहन, एल.पी.जी. गैस सिलेण्डर का वाहन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं, सेवाएं परिवहन करने वाले वाहन, घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हाॅकर प्रातः 06ः00 बजे से प्रातः 09ः30 बजे तक लाॅक डाउन से मुक्त रहेंगे, बिजली, पेयजलापूर्ति एवं नगरपालिका सेवाएं, जेल, अग्निशमन सेवाएं, ए.टी.एम., टेलीकाॅम, इंटरनेट सेवाएं, आई.टी. आधारित सेवाएं, मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकानें, पेट्रोल, डीजल पंप एवं एल.पी.जी. गैस के परिवहन एवं भंडारण की गतिविधियां, पशु चारा, पोस्टल सेवाएं, खाद्य, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कामर्स आपूर्ति, टेक अवे, होम डिलीवरी रेस्टोरेंट, पूर्व से विभिन्न होटलों में रूके हुए अतिथियोें के लिए डायनिंग सेवाएं, सुरक्षा कार्य में लगी सभी एजेंसियां (निजी एजेंसियों सहित), अनवरत उत्पादन प्रक्रिया अपनाने वाले औद्योगिक संस्थान अथवा फैक्ट्री (जिसमें ब्लास्ट फर्नेश, बायलर आदि हो), सीमेंट, स्टील, शक्कर, फर्टिलाईजर एवं खान। ये सभी संस्थान न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों-अधिकारियों का उपयोग करेंगे एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना है, प्रिंट एवं इलेक्टाॅनिक मीडिया, राज्य सरकार द्वारा विशेष आदेश से निर्धारित कोई सेवा।कलेक्टर श्री जैन ने महासमुन्द जिले के सीमा क्षेत्र में स्थित समस्त शासकीय एवं अशासकीय बैंकों के लिए भी निर्देश जारी किए हैं इनमें सभी बैंक अपने संस्थान में न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों-अधिकारियों का उपयोग करेंगे एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन एवं समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करेंगे। सभी बैंको के प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के सामूहिक आवागमन हेतु वाहन व्यवस्था किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।सभी बैंक अपने संस्थान में एक समय में अधिकतम पांच ग्राहकों को ही प्रवेश देंगे। बैंक द्वारा संचालित ए.टी.एम. में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा की उपलब्धता बैंक प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। निजी प्रतिष्ठान, जो कंडिका- स में वर्णित गतिविधियों के लिए वांछनीय है एवं कोविड-19 के रोकथाम के प्रयासों से संबंधित है, खुले रहेंगे। ऐसे सभी प्रतिष्ठान निर्धारित स्वास्थ्य मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। अगर किसी व्यक्ति को अपिरहार्य स्थिति में जिले से बाहर जाना आवश्यक हो या बाहर से जिले में प्रवेश करना आवश्यक हो तो संबंधित थाना क्षेत्र से निर्धारित फार्मेट में आवेदन जमा करने पर अनुमति दी जाएगी। उपर्युक्त आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति-प्रतिष्ठान भारतीय दंड संहिता, 1860 के धारा 188 के तहत दण्डनीय होंगे। उपर्युक्त वर्णित गतिविधियों में संशय उत्पन्न होने पर जिला दण्डाधिकारी का निर्णय अंतिम होगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। - कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को लेकर जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश पहले केवल नगरीय सीमा में लागू था। जिले में सभा, धरना, रैली, जुलूस, धार्मिक सांस्कृतिक एवं राजनितिक कार्यक्रम प्रतिबंधित
महासमुन्द : महासमुंद जिले के सम्पूर्ण राजस्व सीमा में आज 22 मार्च 2020 से धारा-144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही जिले में सभा, धरना, रैली, जुलूस, धार्मिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रतिबंध लग गया है। पहले यह केवल नगरीय सीमा में लागू थी। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने आज धारा-144 लागू करते हुए आदेश में कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) एक संकामक बीमारी है, जो विश्व के विभिन्न देशों में कुछ ही हप्तों में महामारी का रूप ले रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के सम्पर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की संगरोध की सख्त हिदायत दी है। कोरोना वायरस (कोविड-19) रेग्युलेशन के अंतर्गत इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संकामक व्यक्ति को घर संगरोध में चिकित्सा हेतु लाया जाना सुनिश्चित किया जाए। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। संक्रमण से बचाव के लिए जिले में स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियत्रंण में रखने के लिए विभिन्न प्रकार के सभा, धरना, रैली, जुलूस, धार्मिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन इत्यादि को प्रतिबंधित कर दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 144 करने के लिए अनुशंसा की गई है। जिले में सभा, धरना, रैली, जुलूस, धार्मिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यक्रम के आयोजन आदि से लोक प्रशांति विक्षुद्ध हो सकता है, विधिपूर्वक नियोजित किसी व्यक्ति को बाधा या क्षति होने की आशंका है। अतः लोक प्रशांति बनाए रखने के लिए सभा, समारोह, प्रदर्शन, जुलूस अन्य प्रकार के प्रदर्शनों के लिए प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है।कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री जैन द्वारा धारा-144 दण्ड प्रकिया संहिता में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये महासमुंद जिले की सम्पूर्ण राजस्व परिसीमा में धरना प्रदर्शन, रैली प्रदर्शन, सभाए, जुलूस आंदोलन एवं अन्य प्रकार के प्रदर्शनों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। परिस्थिति के कारण प्रभावितों को सम्यक समय में तामिली संभव नहीं होने के कारण यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता में निहित प्रावधानों के तहत दण्डनीय होगा। यह आदेश पुलिस, सी.आर.पी.एफ. तथा कानून व्यवस्था में लगे कर्मियों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश जिले के लिए तत्काल प्रभावशील होगा, जो 31 मार्च 2020 या अग्रिम आदेश तक प्रभावशील होगा। - महासमुंद : नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग द्वारा समस्त नियोजकों, कारखाना प्रबन्धकों एवं संस्थान प्रमुखों को पत्र लिख कर अपने श्रमिकों एवं कर्मचारियों को वेतन अवकाश एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के मार्गदर्शी निर्देश दिए गए हैं। इसी तारतम्य में कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के सभी नियोजकों, कारखाना प्रबन्धकों, प्रोपराइटर, संस्था प्रमुख जैसे औद्योगिक संस्थान कारखाना दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थाएं, निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम, टॉकीज, होटल एवं रेस्टोरेंट, मॉल, समाचार पत्र संस्थान, निजी शैक्षणिक एवं कोचिंग संस्थान, ट्रांसपोर्ट उपक्रम, सार्वजनिक उपक्रम, निजी सुरक्षा एवं प्लेसमेंट एजेंसी, रियल एस्टेट या कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों को वेतन अवकाश एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।कलेक्टर द्वारा जारी पत्र में सभी नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वर्तमान उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने संस्थान में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मचारियों को स्वास्थ्य ,सुरक्षा, वेतन, भत्ता, अन्य सुविधाएं जारी निर्देशों के तहत प्रदान करें। इसके तहत अपने अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों एवं श्रमिकों को सहूलियत के हिसाब से कार्य लेवें और ज़रूरी होने पर उनके निवास से भी कार्य करने हेतु व्यवस्था करें। यदि कोई कर्मचारी इस बीमारी से पीड़ित हो तो उसके स्वास्थ्य लाभ हेतु पूर्ण सहयोग के साथ आवश्यकतानुरूप सवैतनिक अवकाश प्रदान करें। साथ ही किसी कर्मचारी या श्रमिक के परिवार के सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हो तो परिवार के सदस्य के सहयोग उपचार के लिए सम्बन्धित कर्मकार को आवश्यकतानुसार सवैतनिक अवकाश प्रदान करें। इसके अलावा वर्तमान में संस्था के कर्मचारी या श्रमिक अन्य कारणों से बीमार हैं अथवा उनके परिवार के सदस्य बीमार हैं तो ऐसी परिस्थिति में भी उन्हें सवैतनिक अवकाश और अन्य सुविधाएं दी जावें।कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों में आगे कहा गया है वर्तमान असाधारण परिस्थिति में सम्बंधित संस्थान में कार्यरत किसी भी कर्मचारी या श्रमिक की सेवाएं समाप्त अथवा छंटनी अथवा सर्विस ब्रेक नहीं किया जाएगा और न ही किसी कर्मचारी या श्रमिक के वेतन या देय स्वत्वों में कोई कटौती की जाए। वर्तमान परिस्थिति में किसी भी संस्थान, कारखाना या स्थापना को अपने सामान्य गतिविधि, कार्यक्रम, कार्य में बदलाव, स्थगित रखने के कारण किसी भी कर्मचारी अथवा श्रमिक आदि को नहीं निकाला जावेगा और न ही वेतन भत्ते आदि कटौती किया जावेगा। ऐसी समस्त परिस्थितियों में सवैतनिक अवकाश देकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा गया है। नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति में विभिन्न श्रम कानूनों के दृष्टिगत कर्मचारियों और श्रमिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों को वैधानिक, सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
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जिले के सम्पूर्ण राजस्व परिसीमा क्षेत्र अंतर्गत लागू आदेश का उल्लंघन करने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई कलेक्टर ने जारी किया आदेश
महासमुंद : कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने कोरोना वायरस से बचाव और नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश में उल्लेखित है कि WHO के अनुसार कोरोना वायरस (COVID-19) एक संक्रामक बीमारी है, जो विश्व के विभिन्न देशों में कुछ ही हफ्तों में महामारी का रूप ले रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस (COVID-19) के सम्पर्क से पीड़ित, संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के लिए सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाये। एपिडेमिक डिसीज एक्ट के संदर्भ में शासन द्वारा जारी पत्र के अंतर्गत दिए गए शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला महासमुंद की समस्त सम्पूर्ण राजस्व परिसीमा के अंतर्गत संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत् आपातकालीन स्थिति को नियत्रंण में रखने हेतु सभी मंडियां व दुकान व ठेला (सब्जी, फल, अनाज), मेडिकल स्थापनाएं एवं मेडिकल दुकान, ट्रांसपोर्ट नगर व गुड्स एवं कैरियर सेवाएं, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, बैंकिंग सेवाएं (जिनमें एक समय में दस से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे), एटीएम, मीडिया संस्थान, पेयजल सुविधाऐं, होटल एवं रेस्टोरेंट (जिनमें पक्की स्थाई संरचना एवं वैध लाइसेंस उपलब्ध हो इसके अलावा राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा (COVID-19) के संदर्भ में समय-समय पर जारी निर्देशों के अनिवार्य रूप से पालन करने पर), मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकानें, डेली निड्स व किराना दुकानें, राशन दुकाने, मिल्क पार्लर, विद्युत व्यवस्थापक, बेकरी दुकानों को छोड़कर अन्य सभी संस्थानों, दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि को दिनांक 31 मार्च 2020 या आगामी आदेशपर्यन्त तक अनिवार्य रूप से बंद रखने हेतु आदेशित किया जाता है। आबकारी संबंधित इकाइयों के संदर्भ में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पृथक से आदेश जारी किया जाएगा।किसी व्यक्ति/संस्था/संगठन द्वारा कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण की रोकथाम एवं नियत्रंण हेतु जारी किसी भी निर्देश का उल्लंघन किया जाता है तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी के अतर्गत आता है।आदेश के उल्लंघन किये जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। -
विश्व क्षय दिवस विशेषः- देश में हर पांच मिनट में तीन की मौत हो जाती है टीबी से
एक ओर जहां पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ पांव पसार रह है वहीं, दूसरी ओर पूर्व से ज्ञात ट्यूबरकुलोसिस की संक्रामक बीमारी को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इस ओर जागरूकता लाने के लिए चौबीस मार्च को मनाया जाएगा विश्व क्षय रोग दिवस
महासमुंद / कोरोना वायरस प्रकोप में जहां प्रदेश में अब तक मात्र एक पुष्टिकृत प्रकरण सामने आया है वहीं, ट्यूबरकुलोसिस से तुलना की जाए तो वर्तमान सत्र के राज्य स्तरीय आंकड़ों में तकरीबन पैंतीस हजार टीबी के मरीजों को उपचारित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले की बात करें तो अब तक यहां कोरोना पीड़ित एक भी प्रकरण नहीं मिला है लेकिन, क्षय रोग को लेकर राज्य शासन से मिले निर्देशानुसार उपचार के लिए नब्बे फीसदी लक्षित आंकड़े को पार कर तकरीबन बयान्नवें फीसदी मलतब करीब 1482 मरीजों की चिकित्सकीय सेवाएं जारी हैं। उक्त तुलनात्मक विश्लेषण का उद्देश्य यह है कि सरकार की मंशा के अनुरूप वर्ष 2024 तक समूचे भारवर्ष को क्षय रोग मुक्त करने का सपना साकार हो। साथ ही हर साल की तरह इस बार भी मंगलवार 24 मार्च 2020 को विश्व क्षय रोग दिवस पर क्षय रोग यानी कि ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय ही नहीं अपितु, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर सहित जिले में भी लोगों में क्षय रोग जैसी संक्रामणकारी बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।
इस कड़ी में जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ एनके मंडपे से मिली जानकारी के मुताबिक आट्ठारवीं सदी में सन 1882 को 24 मार्च के दिन राबर्ट कोच नामक विदेशी वैज्ञानिक ने क्षय रोग के जीवाणू की खोज की थी। इस परिप्रेक्ष्य में जिले में भी विश्व क्षय दिवस मनाया जा रहा है। उनके मुताबिक क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है और माइक्रोबैक्टीरियम ट्यबरकुलोसिस नाम के जीवाणू के कारण देश में प्रति संक्रमित व्यक्ति खांसने या छींकने पर दस से पंद्रह व्यक्तियों तक फैल कर प्रति पांच मिनट में तीन पीड़ितों को काल की गर्त में समा देती है। इसलिए इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बढ़ते क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री उत्तम श्रीवास ने बताया कि कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल एवं जिला टी बी अधिकारी डॉ एन के मंडपे की देख-रेख में जिला चिकित्सालय परिसर में जिला क्षय केंद्र संचालित है। जहां, निशुल्क क्षय सेवाओं में सीबी-नॉट मशीन सहित अन्य अत्याधुनिक उपकरणों से संबंधित संभावित व पीड़ित मरीजों की जांच कर उपचार भी निशुल्क प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही जिले में कुल पांच ट्रीटमेंट यूनिट एवं इक्कीस माइक्रोस्कोपिक केंद्र स्थापित हैं। यहां भी पूर्ण स्वास्थ्य जांच व्यवस्था है जिसमें क्षय रोग से पीड़ित की उम्र वजन व संक्रमण के अनुपात के आधार पर डाइट चार्ट तैयार कर पोषण आहार भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ वर्षों में जिलावासियों में क्षय रोग के प्रति जागरूकता में बढ़ोत्तरी देखी गई है। बावजूद इसके शत-प्रतिशत परिणाम एवं वर्ष 2024 तक क्षय मुक्ति के लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील की है कि ऐसे व्यक्ति जिन्हें दो हफ्तो से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार, भूख न लगना, वनज कम होना, सांस फूलने की समस्या, रात के समय पसीना आना, छाती में दर्द एवं बलगम में खून आना जैसी दिक्कतें आती हैं। उन्हें उपचार के लिए अन्यत्र भटकने की जगह समय रहते राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अतर्गत् प्रदत्त निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेना चाहिए। यहां, शर्मिंदगी, घबराने या छिपाने जैसी बात नहीं है क्यों कि औसतन नौं माह से अधिकतम दो वर्ष तक नियमित दवा का पूर्ण सेवन से क्षय रोग की बीमारी को जड़ से उखाड़ कर फेंका जा सकता है। ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई देने पर अवकाश के दिन छोड़ कर जिला क्षय केंद्र में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों में पीएमडीटी समन्वयक श्री घनश्याम प्रसाद देशमुख, डीपीपीएम समन्वयक श्री ओंकार प्रासद पाठक, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर श्री विनय नाग, सीनियर टीबी लैब तकनीशियन श्री उमेश कुमार ठाकुर, लेखापाल श्री कमलेश कुमार सिंह या डाटा डीईओ श्री शिवराज शर्मा से संपर्क कर सकते हैं या स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर 104 से भी जानकारी ले सकते हैं।
- महासमुंद : श्रम विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नोवेल कोरोना (कोविड-19) वायरस से संक्रमण के बचाव के लिए ठेकेदारों, सट्टेदारों एवं एजेंटों को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के संज्ञान में लाये बिना प्रवासी कर्मकारों को अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं लाने एवं छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर नहीं ले जाने के निर्देश दिए है। इस आदेश का पालन आगामी 30 अप्रैल 2020 तक अनिवार्य रूप से करने कहा गया है।आदेश में कहा गया है कि देश एवं प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नोवेल कोरोना (कोविड-19) वायरस से संक्रमण के कुछ प्रकरण संज्ञान में आए है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश से कार्य हेतु प्रदेश से बाहर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों तथा राज्य में प्रदेश के बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रखा जाना आवश्यक है। जिसके कि नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के विस्तार को रोका जा सके।अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्ते) अधिनिमय 1979 के प्रावधानों के तहत 5 अथवा 5 से अधिक श्रमिकों का अन्य प्रदेशों में ठेकेदार, सट्टेदार, एजेंट के माध्यम से नियोजन की स्थिति में ठेकेदार को अनुज्ञप्ति श्रम विभाग अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से लिया जाना अनिवार्य है। साथ ही प्रत्येक प्रवासी श्रमिकों की जानकारी ग्राम पंचायत द्वारा संधारित पंजी में दर्ज किया जाना अनिवार्य है।नोवेल कोरोना (कोविड-19) वायरस के विस्तार से बचाव के लिए अधिनियम अंतर्गत प्रवासी श्रमिक ठेकेदार पर निगरानी रखा जाना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी ठेकेदार, सट्टेदार, एजेंट बिना संबंधित जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के संज्ञान में लाये बिना प्रवासी कर्मकारों को अन्य राज्यों में लेकर नहीं जायगा एवं अन्य प्रदेशों से छत्तीसगढ़ प्रदेश में लेकर नहीं आयेगा।
- महासमुंद 20 मार्च : शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण दल ने पटेवा क्षेत्र में तमिलनाडू से लौटी दंपत्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया, अच्छी बात रही कि उनमें संक्रमण संबंधी एक भी लक्षण नहीं मिला‘‘ एक तरह कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है, वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का अमला संक्रमण के बचाव में जुटा है। शुक्रवार 20 मार्च 2020 को जिले में कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण दल के अधिकारी डॉ छत्रपाल चंद्राकर और आईडीएसपी का दल अचानक पटेवा स्थित एक गांव जा पहुंचा। जहां, तमिलनाडू से वापस आई एक दंपत्ति के निवासरत होने की सूचना थी। संदिग्ध प्रकरण के तौर पर लेते हुए अमले ने दंपत्ति के स्वास्थ्य की पूर्ण जांच की गई और राहत भरी खबर मिली। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर डॉ चंद्राकर ने बताया कि जिस दंपत्ति का परीक्षण किया है वे कोरोना वायरस यानी कोविड 19 से संक्रमित नहीं हैं। उनमें कोरोना वायरस संबंधी सर्दी, खांसी या बुखार जैसे कोई भी लक्षण नहीं हैं। वे स्वस्थ्य प्रतीत हो रहे हैं इसलिए वर्तमान में उन्हें कोरोना वायरस के पीड़ित या संदिग्ध नहीं कहा जा सकता।
कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण दल के नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में होम आइसोलेशन के कुल आठ प्रकरण हैं। इनके लिए विभाग विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदाय कर रहा है। जिसमें उनकी देख-रेख का जिम्मा प्रशिक्षित व अनुभवी चिरायु दल के स्वास्थ्य अमले को दिया गया है। जो होम आइसोलेशन की संदिग्ध परिस्थितियों में उनके घर जाकर ही चिकित्सकीय सेवाएं प्रदाय करने के साथ-साथ लगातार निरीक्षण व स्वास्थ्य परीक्षण भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित एक भी प्रकरण नहीं मिला है। संवेदनशील स्थिति को देखते हुए संक्रमण को फैलने से पहले ही रोकने के लिए विभाग अहितायत के तौर पर चिकित्सकीय सेवाएं प्रदाय करने में जुटा हुआ है। ऐसे में आमजन को घबराने की जरूरत नहीं है, अपितु हम सभी को मिल कर जागरूकता के साथ इसके संक्रमण से बचने का प्रयास करना चाहिए। - महासमुन्द 19 मार्च : प्रदेश के खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना आर्थिक एवं संाख्यिकी, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार ने जिले के 12 हितग्राहियों के लिए स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत किया है। इनमें बसना विकासखंड के ग्राम कोलिहादेवरी निवासी श्री तुलाराम, श्रीमती सेतमोती एवं ग्राम गढ़फुलझर निवासी श्री देवाशीष डडसेना पिता श्री देवेन्द्र डडसेना, सराईपाली विकासखण्ड के ग्राम केसराटाल निवासी श्री बाबलू प्रधान पिता स्व. श्री जुबराज प्रधान एवं ग्राम पतेरापाली निवासी श्रीमती सावित्री साहू पति श्री तेजराम साहू, महासमुन्द विकासखण्ड के वार्ड नम्बर 03 नयापारा निवासी कुमारी दीपशिखा सेन पिता श्री भागवत सेन, ग्राम दुकान चैक तुमगाॅव निवासी श्री नीलमणि निर्मलकर पिता श्री पवन निर्मलकर, ग्राम बम्हनी निवासी श्री दिनेश कुमार गायकवाड़ पिता श्री मन्नू लाल गायकवाड़, ग्राम मामाभांचा निवासी श्री देवप्रकाश साहू पिता श्री दीनदयाल साहू, श्री टिकेश्वर राम साहू पिता श्री मोतीराम साहू एवं श्री गोविन्द राम दीवान, पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम खुटेरी निवासी श्री सुरेश कुमार ध्रुव शामिल है। संबंधित हितग्राहियों को राशि प्राप्त करने के लिए मतदाता फोटो परिचय पत्र, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, स्वयं की दो फोटो एवं अन्य दस्तावेज संस्था का पंजीयन प्रमाण पत्र एवं साक्ष्य के साथ संबंधित क्षेत्र के तहसील कार्यालय के पास प्रस्तुत करना होगा। ताकि स्वीकृत राशि का भुगतान आर. टी. जी. एस. के माध्यम से किया जा सकें।