-
महासमुंद 12अप्रैल 2020/ जिला प्रसाशन द्वारा द्वारा चलाए जा रहे डोनेशन ऑन व्हील अभियान के तहत लोग उत्साह पूर्वक सहयोग करने मे आगे आ रहे है।
नगर पालिका परिषद् महासमुंद के अन्तर्गत नागरिकों ने डोनेशन ऑन व्हील से सम्पर्क कर चावल 13 किविंटल चावल,सब्जी 1क्वीन्टल25किलो,आटा 1क्विंटल43किलो तथानकद धन राशि-8785रुपये उपलब्ध कराए है। इसी प्रकार त्रिमूर्ति कालोनी निवासी 12 वर्ष के बालकशोमेश दवे के सुपुत्र द्वारा अपने गुल्लक का। 525 रुपये उन गरीब जरूरतमंदों के लिए दान दिया है। इतनी कम उम्र में उनकी समझ और इंसानी जजबात सराहनीय योग्य है।इसी तरह बेमचा के सात वर्षीय बालक सत्यम दवे द्वारा राहत केन्द्र को गुल्लक दान हेतु सूचना दिया गया है। लोगों की इस त्याग की भावनाओं और दान के लिए उठते हाथ के लिए अभार व्यक्त किया गया है। -
महासमुंद 12 अप्रैल 2020/ कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देश पर कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए जिले मे सभी आवश्यक सामग्री की उपलब्धता अधिकतम खुदरा मूल्य(MRP) के भीतर आम जनता तक सुनिश्चित करने एवं नाप तौल में गड़बड़ी करने वाले और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर सामान बेचने वाले दुकानदारों, व्यापारियों पर रोक लगाने के लिए अनुभाग महासमुंद अन्तर्गत गठित जांच दल द्वारा पटेवा क्षेत्रान्तर्गत निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान किराना, मेडिकल स्टोर्स, सब्जी, फल संस्थान सहित शासकीय उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण किया गया।
नाप तौल की टीम ने विभिन्न संस्थानों को आम जनों को निर्धारित कीमत पर ही आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए । जिसमे आलू , प्याज, सब्जी, फल, मास्क, सेनेटाइजर, चांवल, शक्कर आदि की जांच किया गया जहां कीमत निर्धारित कीमत पर बेचा जा रहा है । तथा दो संस्थान के विरूद्ध विधिक मापविज्ञान(पैक बंद वस्तुए) नियम के तहत MRP, निर्धारित मूल्य इत्यादि नहीं होने के कारण प्रकरण दर्ज किया गया।निरीक्षण दल में श्री गोविंद सिंह नायब तहसीलदार, श्री मदन मोहन साहू ,श्री चंद्र शेखर वर्मा खाद्य निरीक्षक एवं श्री महेंद्र निरीक्षक विधिक मापविज्ञान(नाप तौल) उपस्थित थें।क्रमांक/43/43/एस शुक्ल/हेमनाथ -
महासमुंद 11 अप्रैल 2020/ आज नगर पालिका बागबाहरा में डोनेशन ऑन व्हील्स योजना की शुरुआत हुई। इस वाहन को कमीश्नर श्री आर चुरेन्द्र के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया ।इस वाहन की खासियत यह है कि यह आम जनता से जरूरतमंदों के लिए राशन व खाद्य सामग्री डोनेशन के रूप में एकत्रित करेगी तथा जरूरतमंद तक उपरोक्त राशन पहुंचाने का काम भी करेगी।यह डोनेशन ऑन व्हील माननीय कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार नगरपालिका बागबाहरा में शुरुआत की गई है इसमें दान देने या राहत सामग्री प्राप्त करने के लिए संपर्क नंबर भी जारी किए गए हैं। जरूरतमन्दों के लिए नगर पालिका बागबाहरा में लगभग 425 अति जरूरतमंद लोगो का चिन्हाकन किया जा चुका है जिनमे इस प्रकार की सामग्री बाटी जानी है। यदि इसके अलावा भी कॉल आने या जरूरत पड़ने पर राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके पूर्व अभी तक 550 लोगो तक राहत सामग्री पहुचाई जा चुकी है जिसमे खाद्यान्न, किराना समान, सब्जियां आदि शामिल थी। नगर बागबाहरा में राहत सामग्री दान करने या पाने के लिए 7987681271 ,8319878272 पर संपर्क करें।
-
राहत कैम्प के निवासियों को सोशल डिस्टेंशिग एवं फिजिकल डिस्टेंशिग पालन का किया आग्रह
राहत कैम्प के बच्चों को बाॅटें खिलौनें एवं चाॅकलेटमहासमुंद 11 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस (कोविड19) के संक्रमण से बचाव के लिए जिले में लाॅकडाउन किया गया हैं तथा जिले के नागरिकों द्वारा इसका पालन भी किया जा रहा हैं। इसके लिए जिले में जरूरतमंदों के लिए आवास हेतु जहाॅ एक ओर राहत कैम्पों की व्यवस्था की गई है वहीं प्रशासन द्वारा उनकें लिए भोजन एवं अन्य आवश्यक चीजें मुहईया कराई जा रही हैं। इस कार्य में सामाजिक एवं स्वयं सेवी संगठनों सहित नागरिक गण भी मदद के लिए आगे आ रहें हैं। इन राहत कैम्पों में साफ-सफाई, भोजन एवं अन्य सामग्री की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन आज सरायपाली स्थित राहत शिविरों का दौरा कर शिविरों में रहनें वालें लोगों से मुलाकात की। उन्होंने यहाॅ कि गयी व्यवस्थों का जायजा लिया और कैम्प में रहने वालें लोगों से बातचीत की। बातचीत के दौरान कैम्प में रहने वाले लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा यहां अच्छी व्यवस्था की गयी है और वे यहां की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए आभार माना।कैम्पवासियों ने मुख्यमंत्री के लिए कलेक्टर को पेंटिग भेंट कीकैम्प का जायजा लेने पहुॅचें श्री सुनील कुमार जैन से कैम्प के रहवासियों ने बातचीत की और बताया कि लाॅकडाउन के चलते वे विभिन्न गतिविधियों अपना समय बिताते हैं। इनमें से कुछ रचनात्मक कार्यों में शामिल होकर अपनी प्रतिभा निखारतें हैं तो कुछ लोग पेंटिग भी करते हैं। उन्होंने आज यहां निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन को राजस्थान की कला-संस्कृति एवं लोकजीवन पर आधारित पेंटिग मुख्यमंत्री के लिए भेंट की। कलेक्टर ने उनकी रचना धर्मिता की सराहना की। इसके अलावा कैम्प वासियों ने कलेक्टर श्री जैन को मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र को भी सौंपा जिसमें उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी ओर से शासन-प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्थाओं के लिए आभार माना हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी अपेक्षा करते हुए कहा कि लाॅकडाउन खुलने पर उन्हें शीघ्र घर पहुॅचने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने बताया कि सरायपाली में स्थापित इन कैम्पों में राजस्थान के 128 लोग निवास करते हैं जहाॅ उनके लिए दोनों समय भोजन, नाश्ता, चाय आदि की व्यवस्था हैं। इसके अलावा साफ-सफाई की व्यवस्था के साथ-साथ सिनेटाईजर, साबुन, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गयी हैं। इन्हें राजस्थानी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा हैं।सोशल डिस्टेंशिग एवं फिजिकल डिस्टेंशिग अपनानें का किया आग्रहकैम्पवासियों से बातचीत के दौरान कलेक्टर श्री जैन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किये जाने वाले उपायों की विस्तार जानकारी दी। उन्होंने सिनेटाईजर एवं साबुन से हाथ धोने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंशिग एवं फिजिकल डिस्टेंशिग का पालन करने का आग्रह किया ताकि कोरोना के संक्रमण एवं फैलाव से बचा जा सकें। उन्होंने कैम्प में रहने वालों के बच्चों को खेलने के लिए खिलौनें भी दिए एवं चाॅकलेट भी बांटे। कलेक्टर श्री जैन झुईपाली स्थित राहत कैम्प पहुॅचे और वहाॅ की व्यवस्थाओं का मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंशिग का पालन करते हुये कैम्प में भोजन भी किया।डोनशन आॅन व्हील्स को झंडी दिखाकर किया रवानाकोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घोषित लाॅकडाउन के दौरान जहाॅ शासन-प्रशासन द्वारा जरूरतमंदों तथा राहत शिविरों में रहने वालों के लिए भोजन सहित खाद्यान्न, मास्क एवं अन्य सामग्री मुहैया करायी जा रही हैं, वही समाज सेवी संगठन एवं नागरिक गण भी बढ़-चढ़कर सहायता कर रहें हैंै। इसी तारतम्य में कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहां राहत सामग्री वैन डोनेशन आॅन व्हील्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शासन के निर्देशानुसार जिले में प्रारंभ डोनेशन आॅन व्हील्स को नागरिकों को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा हैं। आज यहां पहले ही दिन 12 हजार 500 की राहत सामग्री प्राप्त हुई। जिसे जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा। उक्त वाहन मैं जो भी दानदाता स्वेच्छा से खाद्य सामग्री दान देना चाहते हैं उनके लिए वाहन तैयार किया गया है जो भी खाद्य सामग्री देना चाहते हैं संपर्क नंबर पर कॉल कर सकते हैं ताकि वाहन वहां से सामग्री प्राप्त कर लेगा संपर्क हेतु नंबर 94 242 11386 उक्त नंबर पर आप कॉल कर सकते हैं।जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों की हो रही है कड़ी चैकसीजिले की अंतरर्राज्यीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किये गये है और इनकी सतत् निगरानी की जा रही हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल कुमार ठाकुर यहां छिब्बरा पोस्ट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि लाॅकडाउन के लिए दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार से अंतरर्राज्यीय आवागमन नहीं होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक श्री ठाकुर ने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी को सतत् निगरानी एवं चैकसी बरतनें के लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, एस.डी.एम. सरायपाली श्री कुणाल दुदावत, अपर कलेक्टर श्री शरीफ मोहम्मद खान, चिकित्सा अधिकारीगण एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थें।(फोटो संलग्न) - महासमुंद : कोरोना वायरस (कोविड़-19)के संक्रमण के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने दैनिक रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों, निःशक्तजनों, आश्रयहीन लोगों के समक्ष भोजन और राशन की समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे लोगों को भोजन की दिक्कत नहीं हो इसके लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशन पर जिला प्रशासन द्वारा "डोनेशन ऑन व्हील्स" अभियान की शुरुआत की गई हैं। इस अभियान में जरूरतमंदों के घर तक राशन पहुँचाया जाएगा । इस कार्य में अनेक समाजसेवी संस्थाए ,नागरिक और संगठन बढ़ चढ़कर हाथ बंटा रहे हैं।दानदाताओं से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने के लिए सभी तहसीलों में वाहन की व्यवस्था की गई हैं। इन्हें शहर के मोहल्लें और कॉलोनियों में राशन सामग्री एकत्र करने के लिए समय सारणी तैयार की गई हैं जिसके तहत नगर पालिका परिषद महासमुंद मे 11 अप्रैल 2020 को वार्ड नम्बर 2,3,4,5,6,7,8,9,10 और वार्ड 11 में डोनेशन ऑन व्हील पहुचा था। इसी प्रकार 12 अप्रैल 2020 को 1,14,15,16,17,19 एवं वार्ड 20 में, 13 अप्रैल 2020 को वार्ड नम्बर 12,13,21,22,23,24,25 एवं वार्ड 26 में जाएगा।14 अप्रैल 2020 को वार्ड नम्बर 18,27,28,29 एवं वार्ड 30 में पहुचेंगा। जिले के सामाजिक संस्थाओं, आम नागरिकों और दानदाताओं से आग्रह किया गया है कि वे राशन सामग्री के पैकेट तैयार कर अपने घर में रखे। इसके अलावा जो स्वेच्छा से राशि देने के इच्छुक हैं, वे डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान के अधिकारियों या संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार अथवा एस. डी. एम. से सम्पर्क कर राशि दान कर सकते हैं एवं अन्य सहायता के लिए सहायता केंद्र के मोबाईल नम्बर 99266-45886, 98261-87891 में सम्पर्क कर सकते हैं।
-
महासमुंद : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के नियंत्रण के लिए पूरे देश सहित जिले में भी पूर्णतया लॉकडाउन किया गया है। जिसके चलते रोज कमाने खाने वाले गरीब और मजदूर परिवारों के लिए समस्या खड़ी हो गई हैं। इस आपदा को दृष्टिगत करते हुए जिला प्रशासन द्वारा "खाद्ययात्रा बैंक" की स्थापना की गई हैं और साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं एवं दानदाताओं से आग्रह कर उन्हें खाद्यान्न कीट का दान करने के लिए कहा है।खाद्यान्न कीट के अंतर्गत 5 किग्रा चावल, 2 किग्रा दाल, 2 किग्रा आटा, 1किग्रा शक्कर, 1किग्रा नमक, 1किग्रा खाद्य तेल, 1किग्रा आलू, 1किग्रा प्याज, 1पैकेट हल्दी, अन्य सब्जियां उप्लब्धतानुसार, 1+1नहाने एवं कपड़े धोने का साबुन, अन्य सामग्री बिस्किट, नमकीन इत्यादि रखा गया है।खाद्यान्न कीट का वितरण जिला प्रशासन की टीम द्वारा गरीब एवं वंचित परिवारों को किया जाएगा।खाद्यान्न कीट दान करने के लिए इच्छुक संस्था एवं दानदाता हेतु कंट्रोल नम्बर 99266-45886, 89594-11451 है। निर्धन एवं जरूरतमंद व्यक्ति, परिवार की सहायता, संबंधित जानकारी और शिकायत के लिए फोन नम्बर 07723-223305 पर सम्पर्क कर सकते हैं । - महासमुंद: कोरोना वायरस (कोविड-19) के सर्वव्यापी महामारी (संक्रमण) के नियंत्रण के लिए सीमावर्ती कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को देखते हुए समन्वित शासकीय ऑनलाइन प्रशिक्षण (iGOT) प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया गया है। इसके लिए URL Link- http://igot.gov.in हैं। इस साईट के आधार पर प्रशिक्षण मॉड्यूल प्राप्त कर सकते हैं। इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (iGOT) प्लेटफॉर्म के माध्यम से डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वच्छता कार्यकर्ता, तकनीशियन, ए.एन.एम. एवं राज्य सरकार के अधिकारियों, संस्थाओं से संबंधित विषयों पर पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।
-
कोरोना वायरस के बचाव के लिए पीडीएस दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का किया जा रहा पालन
महासमुंद : कोरोना के कारण लाॅकडाउन के चलते राज्य सरकार ने बीपीएल राशन कार्डधारको को दो माह (अप्रैल, मई) का निःशुल्क राशन का वितरण का निर्णय लिया इसके परिपालन में खाद्य विभाग द्वारा महासमुंद जिले के 2 लाख 72 हजार 675 गरीब राशन कार्ड धारको को दो माह का राशन उचित मूल्य की दूकानों से चावल, नमक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। साथ ही जिले के 38162 एपीएल कार्ड धारियों को 10 रूपए की दर से चावल वितरण किया जा रहा है। इस प्रकार जिले के 3 लाख 10 हजार 837 कार्ड धारक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए 2 क्विन्टल चावल आबंटन जारी किया गया है। जिससे जरूरतमंद परिवार जिनके पास किसी भी प्रकार का राशनकार्ड नहीं है खाद्यान्न प्राप्त कर रहे है।साथ ही जिला प्रशासन द्वारा लाॅक डाउन के दौरान जिले में प्रभावित श्रमिको, जरूरतमंदो को भी मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। जिले के पांचों विकासखण्ड के ग्रामीण 546 एवं शहरी 31 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निर्धारित दूरी पर गोल मार्क किया गया है, जिसमें राशन लेने के लिए आए लोग में सामान्य दूरी बना रहे।छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के साथ महासमुंद जिले में भी अंत्योदय, प्राथमिकता और अन्नपूर्णा, गरीब (बीपीएल) राशनकार्ड धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दो माह अप्रैल और मई का राशन चावल और नमक का निःशुल्क एकमुश्त वितरण किया जा रहा है। एपीएल कार्डधारियों को 10 रुपए में चावल दिया जा रहा है। चना और शक्कर भी मिल रहा है, लेकिन उसके पैसे अलग से देने होंगे।महासमुंद जिले के 272675 गरीब राशन कार्डधारक है जिन्हें दो माह का राशन निःशुल्क दिया जा रहा है। इसमें 50811 अन्त्योदय कार्ड धारक, 2666 निराश्रित, 237 अन्नपूर्णा राशनकार्ड, 1069 निःशक्तजन कार्ड धारक और 217892 प्राथमिक कार्ड धारक है। इसके अलावा 38162 सामान्य राशन कार्ड धारक जो निर्धारित दर पर एक माह का राशन प्राप्त कर सकते है, लेकिन इनकों राशन का निर्धारित मूल्य चुकाना होगा। जिले में अबतक 262440 (85%) राशनकार्ड धारकों को खाद्यान्न वितरण हो चूका है।
जिला प्रशासन ने सभी ग्राम सचिवों और उचित मूल्य की दुकानदारों से राशन का वितरण करते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) और दुकानों के बाहर हाथ धोने की व्यवस्था करने कहा गया है। -
जिले में बारह सौ तीस भारतीय पैसिंजर और विदेश या़त्रा कर वापिस पहुंचे इक्हत्तर स्थानीय निवासियों सहित कुल तेरह सौ एक को किया जा चुका है होम क्वारंटीन। लेकिन, राहत की सूचना है कि जांच के लिए भेजे गए तैंतीस संवेदनशील नमूनों में सभी के परिणाम ऋणात्मक आने के बाद भी अब तक कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित बने हुए हैं हम
महासमुंद 10 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस संक्र्रमण और रोकथाम को लेकर प्रदेश के अग्रणी जिलों में से एक महासमुंद में हालात अब भी काबू में हैं। मौके पर पड़ताल और निगरानी दल सहित स्थानीय जनता के सहयोग से लागातार चल रहे सुरक्षा प्रचार-प्रसार व अभ्यास की बदौलत बहुतेरे नवीन संवेदनशील प्रकरण संज्ञान में आए और शंका समाधान भी हो गया। पड़ताल करने में स्वास्थ्यम हकमे ने एडी चोटी का जोर लगाया और परिणाम स्वरूप ताजा जानकारी के अनुसार सुरक्षित जिलां में शुमार महासमुंद में अब तक कुल तेरह सौ एक बाहरी यात्रियों (विदेश या प्रदेश के बाहर से आए या उनके संपर्क में आने के संदिग्ध) को होम क्वारंटीन किया जा चुका है। बता दें कि इनमें से कुल दो सौ बाईस ने होम क्वारंटीन की सुरक्षा अवधि को पूरा भी कर लिया है। रही बात अति संवेदनशील मामलों की तो उनमें भी अब तक मिले शुभ संकेतों में जिले से जांच के लिए भेजे स्वैब के तैंतीस नमूनां में से सभी के परिणाम ऋणात्मक यानी निगेटिव ही प्राप्त हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य महकमे और जन सामान्य दोनों के द्वारा बचाव कार्य के लिए अब तक की गई जोर आजमाइश काबिले तारीफ नजर आ रही है।
बावजूद इसके हाल ही में प्रदेश के कोरबा जिले में मिले तबलीगी जमात के संक्रमित मसले के संज्ञान में आने के कारण कोरोना कंट्रोल रूम के जिला नोडल अधिकार डॉ आई नागेश्वर राव ने भी कोविड 19 के पुष्कित नवीन धनात्मक प्रकरणां को देखते हुए कोरोना कंट्रोल की नियमावली को जिला स्तर पर यथावत जारी रखने की सलाह दी है। वहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकार डॉ एसपी वारे ने स्पष्ट कहा है कि वर्तमान में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति नियंत्रण में होने के बावजूद जिले में सावधानी, रोकथाम और जागरूकता प्रचार संबंधी क्रियान्वयन में किसी में भी खोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल ने भी लक्षण जांच एवं निगरानी सुरक्षा उपायां की निरंतरता बनाए रखने के आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उक्त संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने वाले कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार की मानें तो जिले में हालातां के नियंत्रण में होने के बावजूद संक्रमण के खतरे को नजर-अंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने भी आमजन की ओर अपील संप्रेषित की है कि बिना किसी भय व संकोच के स्वास्थ्य विभाग से निरंतर संपर्क बनाए रखें और लॉक डाउन सहित होम क्वारंटीन की नियमावली का भी शब्दशः पालन करें। ताकि जिले में कोरोना वायरस संक्रमण और बचाव के लिए संचालित योनाजा प्रयासां में कहीं भी कही भी कोई चूक न हो और जिला इस विश्व-विख्यात जानलेवा आपदा से सकुशल सुरक्षित निकल जाए। -
कलेक्टर श्री जैन ने दानदाताओं का किया आभार
महासमुंद 10 अप्रैल 2020/ कोरोना के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने दैनिक रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों, निःशक्तजनों, आश्रयहीन लोगों के समक्ष भोजन और राशन की समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे लोगों को भोजन की दिक्कत नहीं हो इसके लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशन पर जिला प्रशासन द्वारा कल "डोनेशन ऑन व्हील्स" अभियान की शुरुआत की गई हैं। इस अभियान में जरूरतमंदों के घर तक राशन पहुँचाया जाएगा । इस कार्य में अनेक समाजसेवी संस्थाए ,नागरिक और संगठन बढ़ चढ़कर हाथ बंटा रही हैं।मानवता से भरे इस अभियान की लोगों की ओर से अच्छा सहयोग मिल रहा है। स्वफूर्त ढंग से सामाजिक संस्थाए इस कार्य में आगे आ रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा घर-घर लोगों से सूखा राशन एकत्र भी किया जा रहा है। इस कार्य में नागरिक अपनी-अपनी सहभागिता निभा रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंदों के सहायता के इच्छुक दानदाताओं से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र कर उन्हें जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं।दानदाताओं से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने के लिए सभी तहसीलों में वाहन की व्यवस्था की गई हैं। इन्हें शहर के मोहल्लें और कॉलोनियों में राशन सामग्री एकत्र करने के लिए दिए गए फोन पर सम्पर्क करने से घर पहुचेंगे।जिले के सामाजिक संस्थाओं, आम नागरिकों और दानदाताओं से आग्रह किया गया है कि वे राशन सामग्री के पैकेट तैयार कर अपने घर में रखे। इसके अलावा जो स्वेच्छा से राशि देने के इच्छुक हैं, वे डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान के अधिकारियों या संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार अथवा एस. डी. एम. से सम्पर्क कर राशि दान कर सकते हैं।जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे इस मुहिम में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने एवं जरूरतमंदों को सहयोग करने के लिए जिला मुख्यालय महासमुंद के अकाल पुरख हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एच. एस. गुरुदत्ता ने आज 51हजार रुपए का सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा बिरकोनी निवासी श्रीमती आराधना साहू ने 50 किलोग्राम चावल उपलब्ध कराया है। कलेक्टर श्री जैन ने ऐसे सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त किया है। -
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भय के माहौल में तनाव बढ़ने के साथ-साथ डिप्रेशन में आने की समस्या किसी को भी हो सकती है। लेकिन, घबराने की बात नहीं है, उबरने के लिए आप कभी भी, किसी भी समय कोरोना कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 6267770531 पर सीधा संपर्क साध सकते हैं
महासमुंद 09 अप्रैल 2020/ आज हर कोई दिन में बीसियों बार कोरोना वायरस के संक्रमण से हो रही समस्याओं की दोहराता है। अधिकांश समझदारी दिखाते हैं और उचित प्रबंधन अपना कर किसी भी परेशानी को खुद पर हावी नहीं होने देते। लेकिन कुछ के लिए मानसिक समस्याएं गंभीर हो जाती हैं, मन अशांत या उदास भी महसूस कर सकता है। ऐसे ही कोरोना वायरस से संबंधित विचारों को लेकर आवश्यकता से अधिक डूबे या चिंतित लोगों को इसकी नकारात्मक कश-म-कश और उधेड़-बुन से निकालने के लिए कोरोना कंट्रोल रूम को एक नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है।जिले में कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण एवं रोकथाम को लेकर आईडीएसपी शाखा के जिला नोडल अधिकारी डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि पहले तो आपको कोरोना वायरस से भ्रमित या भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है, सिर्फ सावधानी ही बरतनी है। लेकिन, फिर भी इसे लेकर आपके मन को परेशान करने वाले विचार आते हैं या आपका तनाव नियंत्रण के बाहर अनुभूत होता है तो आप कोरोना वायरस के दूरभाष नंबर 6267770531 पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं। यहां सुबह, दोपहर एवं शाम की तीन पालियों में चौबीसां घंटे सातों दिन प्रशिक्षित स्वास्थ्य सलाहकारां की उपलब्धता बनाई गई है। जो आपको आपकी परिस्थिति के अनुरूप उचित सलाह एवं परामर्श प्रदाय कर आवश्यकता होने पर चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने में भी त्वरित सहयोग करेंगे।जानकारों की राय में इन दिनों लॉग डाउन के चलते लोगां की दिनचर्या में काफी परिवर्तन हुआ है। साथ ही बहुतों की आर्थिक स्थिति भी असामान्य हो चली है। ऐसे में सामाजिक सारोकार पसंदीदा मिलनसार लोगों के अलावे होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों के लिए भी क्रमशः लॉग डाउन और होम क्वारंटीन की अवधि खत्म होने का विचार बार-बार सताता रहता है। इन्हीं समस्याओं और सवालों का जोर न बड़े और मानसिक रोगों को घर करने का अवसर न मिले, इसलिए परामर्शदायी उक्त निशुल्क सेवाओं की व्यवस्था की गई है।क्रमांक/35/35/एस शुक्ल/हेमनाथ -
रूटीन चैकअप के लिए आने वाले मरीजों को कोविड से चेताने सिविल सर्जन ने लगाए नारे, डॉक्टरों के साथ नर्सिंग ट्यूटर्स ने भी संक्रमण के किससे सुना कर बेवजह अस्पताल आने से कर रहे मना
महासमुंद 09 अप्रैल 2020/ जीत ही लेंगे बाजी हम-तुम खेल अधूरा छूटे न, लॉक डाउन का सुरक्षा बंधन हमसे-तुमसे टूटे न... शब्दों से गुथे खुद के लिखे अल्फाजों में नारे गुनगुनाते हुए सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल ने जिला चिकित्सालय के ओपीडी में गुरूवार की शुरूआत की। सिलसिला देर शाम मरीज और उनके परिजनों की आवा-जाही थमने तक लगातार जारी रहा। दरअसल, कोविड 19 बनाम महासमुंद की लड़ाई में गुरूवार 09 अप्रैल 2020 से जिला चिकित्सालय में एक और पहल शुरू की गई है। जिसमें डॉ परदल के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन भी स्लोगन, नारे और संक्रमण फैलाव के प्रसंगां के जरिए लोगों को मनोरंजनात्मक ढंग से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के तौर-तरीके समझाता नजर आ रहा है।
कोरोना वायरस कंट्रोल रूम के जिला नोडल अधिकारी डॉ आई नागेश्वर राव ने बताया कि दरअसल, सरकार द्वारा दी जा रही संक्रमण रोकथाम संबंधी सुरक्षा समझाइश के बाद भी कुछ लोग या तो फैलाव के खतरे से अनजान हैं या फिर लापरवाही पूर्वक गंभीर समस्या को नजर-अंदाज करते हुए सामान्य परेशानियों को अनावश्यक भाव देने की गलती कर रहे हैं। बता दें कि लॉक डाउन के दिनों में भी जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन औसतन तीस से चालीस ऐसे मरीज उपचार लेने के लिए आ रहे हैं, जिनमें रक्तचाप और मधुमेह जैसे गैर संचारी रोगों की सामान्य समस्याएं देखी जा रही हैं। इनके चलते चिकित्सालय परिसर में भी संक्रमण के खतरे का दायरा और संभावनाएं दोनां बढ़ जाते हैं।
समस्या को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ परदल ने चिकित्सकों संहित संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके तहत रूटीन चैकअप कराने के बाहाने बेवजह अस्पताल आ कर कोरोना वायरस के संक्रमण को न्योता दे रहे लोगों को अब मनोवैज्ञानिक तरीकों से भी समझाया जाएगा। ताकि उनमें कोविड 19 के जानलेवा खतरे के प्रति जागरूकता बढ़े।
बच्चों को बचाने फील्ड में सुना आती है लोरियां
इधर, कोरोना वायरस कंट्रोल रूम में तैनात एएनएम सुश्री सुनीता चंद्राकर भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क हैं। वे जब भी किसी ऐसे व्यक्ति को होम आइसोलेट करती हैं जो कोरोना वायरस के संदेहास्पद प्रकरण से संबंध रखता है, तो विशेष तौर पर बेटियों को संक्रमण से बचाने के लिए वे स्व-रचित लोरियां और कविताएं सुना कर हाथ-धुलाई और क्वारंटीन की नियमावली का पाठ पालकों को सहज ही समझा आती हैं।
-
महासमुंद 09 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए इस समय जिले में प्रशासन द्वारा कई कदम उठाये गए हैं और आम जन को इससे बचाव के उपायों को अपनाने से लेकर जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एक ओर जहां प्रशासन का पूरा अमला इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ चैबीसों घंटे जुटा है, वहीं सामाजिक संगठनों , निजी संस्थान, स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ जिले के नागरिक भी इस कार्य में जुटे हुए हैं। आम जन जरूरत मन्द लोगों को भोजन एवम अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रहे हैं। इसी तारतम्य में आज वामा डेयरी प्राईवेट लिमिटेड तुमगाॅव के अधिकारियों ने लोगों के उपयोग के लिए कपड़े से बने पाॅच हज मास्क आज यहाँ कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल को सौंपा। इस अवसर पर वामा डेयरी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री गुलशन चन्द्राकर, एकाउण्ट एक्जीक्यूटिव श्री गिरवर मिश्रा एवं संजय साहू उपस्थित थे।
-
सीमावर्ती क्षेत्रों की हो रही है सतत् निगरानी
महासमुंद 09 अप्रैल 2020/ कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेन्द्र कुमार ठाकुर के निर्देश पर बागबाहरा से लगे ओड़िशा राज्य की सीमाओं को पूरी तरह से सील बंद किया गया है, जहाॅ विभिन्न स्थानों पर चैकी स्थापित की गई है, ताकि ओड़िशा राज्य से कोई भी व्यक्ति यहाॅ आवागमन नहीं कर सकें। इस संबंध में बागबाहरा अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री भागवत जायसवाल ने बताया कि थाना प्रभारी तथा वन क्षेत्रपाल को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। इन क्षेत्रों में आमतौर पर नियमित आवाजाही परंपरागत रूप से होती रही है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते अंतरर्राज्यीय सीमाओं को बंद करने के शासन के निर्देश के परिपालन में यह व्यवस्था की गई है, कि कोई भी व्यक्ति इन सीमाओं को पार ना कर सके, क्योंकि ओड़िशा राज्य में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं तथा छत्तीसगढ़ में यह संख्या काफी कम है ऐसी स्थिति में उस राज्य से आने वाले नागरिकों, व्यापारियों या अन्य प्रकार की आवाजाही को संपूर्ण रूप से रोका जाना आवश्यक हो गया है ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील भी कर रही है कि बिना किसी वजह के आवाजाही नहीं करें। इसके लिए रातांे में भी चेकिंग की जा रही है। ओड़िशा के सीमावर्ती लोग सामाजिक कारणों, चिकित्सक सेवा और व्यापार के लिए अपने नियमित आवागमन के लिए अधिकतर रायपुर पर निर्भर हैं, ऐसे में इनके आवागमन को कड़ाई से रोकी जा रही है। इसके लिए थाना प्रभारी और रेंजर के सतत् निरीक्षण सफलता पूर्वक किया जा रहा है।
-
वेटनरी अस्पताल एवं उससे जुड़े समस्त स्वास्थ्य स्थापनाएं निजी, शासकीय एवं अर्धशासकीय क्षेत्र के डिस्पे़ंसरी और रेडक्रास सोसायटी की सेवाएं संचालित रहेगें
महासमुंद 09 अप्रैल 2020/ किसानों की सुविधा को देखते हुए कृषि मशीनरी की बिक्री इससे संबंधित स्पे्रयर एवं मरम्मत की दुकानें लाॅकडाउन से मुक्त होगें। ये दुकाने लाॅकडाउन के दौरान भी अपने निर्धारित समय तक खुले रहेगें। इसी तरह राज्यमार्गो पर पेट्रोल पंपों या उसके आस-पास स्थित ट्रकों के मरम्मत हेतु संचालित दुकानें भी खुली रहेगी। यह आदेश कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जारी किये है। जारी आदेश के अनुसार पशु चिकित्सालय उससे जुडे समस्त स्वास्थ्य स्थापनाएं जैसे- मेडिकल स्पलाई उसका विनिर्माण एवं वितरण, निजी, शासकीय एवं अर्धशासकीय क्षेत्र के डिस्पेंसरी, केमिस्ट, फ्रार्मेसी (जनऔषधी केंद्र) मेडिकल इक्यूपमेंट दुकानें, लैब, दवा रिसर्च लैब, क्लिनिक, नर्सिग होम, एम्बुलेंस, इंडियन रेडक्रास सोसायटी की सेवाएं नियमित रूप से संचालित रहेगें ।इसी तरह जारी आदेश के अनुसार चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल, स्टाॅफ सहित समस्त प्रकार के चिकित्सकीय कार्य में समस्त स्टाॅफ एवं सहायक सेवाएं और संबंधित व्यक्तियों के परिवहन की अनुमति दी गई है। देश में चिकित्सा आक्सीजन के पर्याप्त आपूर्ति बनाये रखने के लिए चिकित्सा क्षेत्र की संचालित सेवाओं को भी शर्तो के अधीन पूर्णतया तालाबंदी (लाॅकडाउन) से छूट प्रदान की गई है। चिकित्सा क्षेत्र की संचालित सेवाओं में कार्यरत् स्टाॅफ और श्रमिकों के आवागमन की अनुमति होगी। इन सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों को उनके घर से कारखाना तक आने जाने के लिए पास प्रदान किये जाएगें। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री जैन ने जारी आदेश के तहत लाॅकडाउन से छुट प्रदान किये गये कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओ के प्रमुखों को सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिग) स्वच्छता और भारत सरकार, राज्यशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा समय- समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा दिये गये निर्देशों का अनिवार्य रूप से अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने की निर्देश दिये है।क्रमांक/30/30/एस शुक्ल/हेमनाथ - जगदीशपुर गांव में जन्म ले रही विवादास्पद परिस्थितियों के बीच चिरायु दल द्वारा गांव वालों को दी गई नसीहत काम कर गई। चिकित्सकीय जांच एवं होम क्वारंटीन की पट्टी पढ़ाने के बाद चार संदेहियों को स्कूल से घर पहुंचाया गयामहासमुंद : कोरोना वायरस संक्रमण और कोविड 19 की बीमारी के संदर्भ में लक्षण पहचान से लेकर होम क्वारंटीन की नियमावली का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। संबंधित विभागों का क्रियान्वायन दल भी राज्य के बाहर से आए लोगों को लगातार होम क्वारंटीन करने में जुटा हुआ है। इसी बीच जगदीशपुर गांव में जागरूकता के अभाव वश संक्रमण के चार संदेहियों को अपने ही घर में क्वारंटीन होने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बहरहाल, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल से मिले निर्देशानुसार डॉ वीरेंद्र प्रजापति की अगुआई में चिरायु दल के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप कर स्थिति पर काबू पा लिया है।तत्संबंध में डॉ प्रजापति से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरा से महज पैतालीस किमी की दूरी पर स्थित ग्राम जगदीशपुर के चार स्थानीय निवासी हाल ही में महाराष्ट्र राज्य से विचरण कर लौटे हैं। जो धान कटाई संस्थान में बतौर कामगार रोजी-रोटी कमाने गए थे। लेकिन, उनके गांव में वापसी करते ही मानो उनका गांव उनका नहीं पराया सा हो गया। दरअसल, तथाकथित रूप से कुछ पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के सियानजनों के कहने पर उन्हें होम क्वारंटीन करने की बजाए गांव से लगी एक मिशन प्राथमिक शाला में आसरा दे दिया गया। किन्तु, जल्द ही समस्याएं उत्पन्न होने की सूचनाएं स्वास्थ्य विभाग को मिलने लगी और गहराता हुआ विवाद होकर पुलिस महकमे के संज्ञान तक जा पहुंचा। ऐसे में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल ने मसले को गंभीरता को समझते हुए तत्परता दिखाई और आनन-फानन में चिरायु दल को मौके की ओर रवाना कर दिया। जहां, पहले तो चिरायु दल ने सभी संदिग्ध मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। इसके साथ ही दिनचर्या और दैनिक आहार में अनियमिता की शिकायत भी सामने आई। समस्या का हल निकालने के लिए संदिग्ध मरीजों के समक्ष फार्मासिस्ट श्री लेखरंजन पटेल एवं श्री ज्ञानेश्वर चंद्राकर व आरएचओ श्री तरुण सोनवानी के सहयोग से पंच-परमेश्वरों सहित उपस्थित ग्रामीणों समझाइश देकर होम क्वारंटीन के नियमावली से भली-भांति अवगत कराया गया। चर्चा समाप्ति पर सभी की सहमति से चारों संभावित मरीजों को चिरायु दल ने उनके घर पहुंचाया। जहां, एक बार फिर घरेलू माहौल की टोह ली गई। पृथक कक्षों में शुद्ध हवा की स्थिति, शौंचालय एवं साफ-सफाई आदि की सुविधाओं का जायजा लेने के बाद चारों को होम क्वारंटीन किया गया। इस दौरान होम क्वारंटीन के स्टीकर चस्पा कर संबंधितों के परिजनों को भी उक्त संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए नियमों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है।
- महासमुंद : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य शासन के मार्गदर्शी निर्देशों के तहत महासमुंद जिले में बचाव के उपाय किए गए हैं। वहीं जरूरतमंद लोगों को राहत एवं सहायता सामग्री उपलब्ध कराई जा रही हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर पूरे जिले मे बचाव के लिए कदम उठाए हैं। वहीं राहत सामग्री भी प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों सहित राजस्व के अमले एवं अन्य विभागों के अमले को निर्देशित किया है। इसके अलावा जिले में सामाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं आमजनों की सहायता से जरूरतमंदो को भोजन सहित सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।अनुविभाग पिथौरा के अनुविभागीय अधिकारी श्री बी एस मरकाम ने बताया कि सम्पूर्ण भारत लॉकडाउन के चलते कलेक्टर श्री जैन के अपील पर पिथौरा ब्लॉक के विभिन्न व्यवसायी, समाज सेवी संगठनों एवं ग्राम पंचायतों की मदद से प्रतिदिन जरूरतमंद20 परिवारों को 10-10 किलो चावल एवं दाल का पैकेट घरों तक पहुँचाया जा रहा है इसी प्रकार ग्राम पंचायतो के द्वारा भी निराश्रित एवं जरूरतमंद परिवारों को ग्राम पंचायत कोष (2 क्विन्टल चावल) में से राहत पहुँचाई जा रही हैं।जनपद पंचायत पिथौरा के कुल 58 ग्राम पंचायत में 07 अप्रैल 2020 तक कुल 412 परिवारों के 1136 सदस्यों को 56.80 क्विन्टल सूखा खाद्यान्न सामग्री वितरित की जा चुकी है।
- - कोरोना कंट्रोल को लेकर प्रभारी मंत्री श्री लखमा ने कहा बहुत अच्छे- कोविड नियंत्रण पर प्रभारी मंत्री का रहा संतोषजनक जवाब
महासमुंद : कोरोना वायरस को लेकर बुधवार 8 अप्रैल 2020 का दिन जिले के लिए निरीक्षण दौरे भरा रहा। प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, स्थानीय विधायक श्री विनोद सेवनलाल चंद्राकर एवं उनके साथ आए निरीक्षकर्ता अधिकारियों के काफिले ने जिला चिकित्सालय, क्वारंटीन केंद्र एवं शहर के आरएलसी हॉस्पिटल सहित विकासखंड बागबाहरा में वस्तुस्थिति का जायजा लिया। मंत्री श्री लखमा ने कोरोना वायरस के संक्रमण फैलाव को रोकने के लिए जिले में किए जा रहे प्रयासों को सराहनीय बताते हुए व्यवस्थागत सुविधाओं की उपलब्धता पर संतोष प्रकट किया।
इस दौरान सबसे पहले वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में ऑनलाइन प्रशिक्षण ले रहे चिकित्सा अधिकारियों रूबरू हुए और अद्यतन जानकारियों के साथ बेहतर चिकित्सकीय उपचार प्रदाय करने के लिए प्रेरित किया। बढ़ते क्रम में जिला चिकित्सालय पहुंच कर तत्संबंध में सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल से वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी ली साथ ही डायलीसिस यूनिट में भर्ती मरीजों से हाल-चाल भी पूछा। वार्ड निरीक्षण के दौरान एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की सूचना प्रबंधन प्रणाली का अवलोकन किया। यहां, आईडीएसपी के नोडल अफसर डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने उन्हें बुधवार की सुबह तक होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों और संदिग्ध प्रकरणों में की गई कोरोना नमूनों की जांच संबंधी नवीनतम आंकड़ों के बारे में अवगत कराया। तत्पश्चात काफिले ने जीएनएम नर्सिंग सेंटर में बनाए गए क्वारंटीन केंद्र का रूख किया। यहां, मंत्री श्री लखमा ने कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार और जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार से क्रमशः क्वारंटीन केंद्र में उपलब्ध संसाधनों और संबंधित आवश्यकताओं के संबंध में चर्चा की। भर्ती मरीजों के लिए बनाए कमरों में स्वयं जाकर बिजली, पानी, बिस्तर और वाश रूम सहित सैनिटाइजर एवं साफ-सफाई व्यवस्था का पूरा ब्योरा लिया। पहले से की गई तैयारी और व्यवस्थागत प्रबंधन का मूल्यांकन कर संतोष प्रकट करते हुए मंत्री श्री लखमा ने स्वास्थ्य महकमे की हौसला-अफजाई की। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतरता में कसावट लाने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है। अब तक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रदेश में कोविड 19 की बीमारी से पीडित दस प्रकरणों में से नौ स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं। जिले में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने के साथ नियंत्रण की निरंतरता बने रहने की बात कही। शहरी क्षेत्र में निरीक्षण के अंतिम पड़ाव में मंत्री श्री लखमा शहर के रावणभाठा स्थिति मैदान पहुंचे और जरूरतमंद लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। बड़ी संख्या में उपस्थित आमजन के समक्ष उनके द्वारा आवश्यक राशन सामग्री का वितरण किया गया।
दूसरे पहर उनका दल विकासखंड बागबाहरा पुहंचा। जहां, स्थानीय विधायक श्री द्वारकाधीश यादव के निवास स्थल पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। अनुविभागीय अधिकारी (प्रशासन ) श्री भागवत जायसवाल और खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके कुरवंशी से जानकारी हासिल की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। साथ ही आमजन की ओर संदेश प्रेषित किया कि कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में आप अकेले नहीं है। स्वास्थ्य प्रबंधन संबंधी सभी अनिवार्य संसाधनों की उपलब्धता बनाई जा चुकी है, साथ ही प्रशासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य महकमा चौबीसों घंटे सेवा में तत्पर है। इन कठिन परिस्थतियों में हम सभी को मिल कर एक-दूसरे को संक्रमण से बचाना है। जिसके लिए सभी को सोशल डिस्टेंसिंग और होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करना होगा।
इस दौरान उनके साथ विधायक श्री चंद्राकर, कलेक्टर श्री जैन, एसपी श्री प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, वरिष्ठ समाजसेवी श्री दाऊलाल चंद्राकर, जिला पंचायत सीईओ डॉ रवि मित्तल, अनुविभागीय अधिकारी (प्रशासन) श्री सुनील चंद्रवंशी, जनसंपर्क अधिकारी श्री आरपी शुक्ला, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ परदल, कोरोना कंट्रेल रूम के नोडल अधिकारी डॉ आई नागेश्वर राव, डॉ कसार एवं डीपीएम श्री ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार श्री निखिल गोस्वामी एवं मीडिया प्रभारी असीम श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
कोविड अस्पताल को दिए प्रबंधकीय दिशा-निर्देश
मंत्री श्री लखमा और उनका दल जिले में कोविड अस्पताल के लिए चिन्हांकित किए गए आरएलसी हॉस्पिटल भी पहुंचा। जहां, कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ रवि मित्तल के साथ बारी-बारी सभी वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया गया। कोरोना पॉजिटव प्रकरण मिलने की स्थिति में मरीजों को भर्ती कर दी जाने वाली चिकित्सकीय सेवाओं का आंकलन करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। -
आपात उपबंधः- गृह विभाग से मिले आदेशानुसार अत्यावश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में बने रहने के लिए सीएमएचओ ने जारी किए निर्देश
आपातकालीन स्थिति में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण रोकथाम और बचाव के लिए जिला स्तरीय समस्त शासकीय एवं अशासकीय स्वास्थ्य सुविधाओं सहित चिकित्सकीय अमले के साथ आठ अन्य पर छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागूमहासमुंद 07 अप्रैल 2020/ यद्यपि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर प्रदेश स्तरीय आंकलन में संक्रमण फैलाव संबंधी पुष्टिकृत प्रकरणों की संख्याएं अब अवरोही क्रम में उजागर हो रही हैं। फिर भी सावधानी और सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए गृह विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारियों से ली जा रही सेवाओं में कसावट लाने के लिए आदेशित किया गया है। बता दें कि गृह विभाग से मिले आदेशानुसार जिले में समस्त शासकीय एवं अशासकीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम संबंधी सेवा दायित्वों के निर्वहन के लिए चिकित्सक, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य आठ को छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 का पालन करने के लिए कहा गया है।तत्संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने जिले के समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों सभी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, आयुष एवं एलोपैथी क्लीनिक व प्रयोग शालाओं के लिए निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कार्यालय द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे आदेशों एवं निर्देशों के परिपालन में शासकीय सेवाओं सहित निजी स्वास्थ्य संस्थाओं का संचालन भी किया जाएगा। वहीं, 28 मार्च 2020 से राज्य शासन के प्रतिषेधात्मक आदेशानुसार छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विचिछन्नता निवारण अधिनियम 1979 (क 10 सन 1979) की धारा 04 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किए जाने की प्रवृति पर रोक लगा दी गई है। उक्त संदर्भ में जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि यह आदेश समस्त शासीकय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थाओं पर लागू कर दिया गया है। जिसमें क्रमशः समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं में चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों, स्वच्छता कर्मचारियों सहित मेडिकल उपकरण एवं दवाओं की बिक्री, संधारण एवं परिवहन, खाद्य एवं पेय जल प्रावधान-प्रबंधन, बिजली-पानी की सुविधाएं, एम्बुलेंस सुविधा, बीएमडब्लू कचरा प्रबंधन व सुरक्षा संबंधी सेवाओं को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि संबंधित कार्यों के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को आवश्यकता अनुसार कभी भी काम पर लगाया जा सकता है वे सौंपे गए दायित्व के निर्वहन करने से मना नहीं कर सकते। कार्यभार मिलने के बावजूद दिए गए कायों का संपादन नहीं किए जाने की स्थिति में नियमानुरूप कार्रवाई की जा सकती है।क्रमांक/24/24/एस शुक्ल/हेमनाथ -
महासमुंद07 अप्रेल2020/कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के बैंकों एवम माइक्रो फायनेंस कंपनियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि ऋण वसूली प्रक्रिया में किसी प्रकार के दबाव की कार्यवाही नहीं करें अन्यथा दबाव बनाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ विधिक प्रावधानों के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जारी निर्देशों में कलेक्टर ने कहा कि क़ुछ बैंकों एवम माइक्रो कम्पनियों द्वारा अपनी ऋण वसूली के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 के कारण लॉक डाउन एवम धारा 144 प्रभावशील है,जिससे लोगों की आमदनी का जरिया प्रभावित है। ऐसी स्थिति में ऋण वसूली के लिए दबाव बनाया जाना अनुचित है। इसलिए बैंक एवम माइक्रो कंपनियां ऋण वसूली करने का किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएं अन्यथा कठोर कार्यवाही की जाएगी। -
महासमुंद 07 अप्रेल 2020/कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन में लॉक डाउन के दौरान जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग आई सी डी एस की सेवाएं हितग्राहियों तक पहुँचा रहा है । जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मनोज सिन्हा ने बताया कि, जिले की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएँ टी एच आर के रूप में रेडी टू ईट पैकेट और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत गर्मभोजन हेतु सामग्री हितग्राहियों को घर पहुँच सेवा के माध्यम से उपलब्ध करवा रही हैं । इस गृहभेंट के दौरान कार्यकर्ताएँ कोरोना के प्रति ग्रामीण जनों को जागरूक भी कर रही हैं । हाथ धुलाई का तरीका , कोरोना के लक्षण , सोशल डिस्टेन्सिंग के बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी जा रही है । गाँव की गर्भवती माताओं और बच्चों का टीकाकरण भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन द्वारा सुचारू रूप से करवाया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि अनौपचारिक शिक्षा (ई सी सी ई) 3 से 6 वर्ष के बच्चों को दिया जाना बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए अनिवार्य है । इसके दृष्टिगत शासन के निर्देशानुसार शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा (ई सी सी ई) को डिजिटल रूप में क्रियान्वित करने की कार्य योजना विभाग द्वारा तैयार की गई है । इसके अंतर्गत बच्चों के शारीरिक,बौद्धिक,भाषायी,नैतिकता के विकास को सुनिश्चित करने हेतु 3 से 5 मिनट के ऑडियो क्लिप पालकों के लिए विभाग द्वारा तैयार करवाया जा रहा है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मोबाइल फ़ोन के माध्यम से यह जानकारी बच्चों के पालकों को दी जाएगी । इस संबंध में जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले द्वारा ज़ूम एप के माध्यम से समस्त परियोजना अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं । -
श्री शेष नारायण नामदेव ने कपड़े के बने दो सौ नग मास्क कलेक्टर को सौंपा
महासमुंद 07 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए इस समय जिले में प्रशासन द्वारा कई कदम उठाये गए हैं और आम जन को इससे बचाव के उपायों को अपनाने से लेकर जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एक ओर जहां प्रशासन का पूरा अमला इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ चौबीसों घंटे जुटा है, वहीं सामाजिक संगठनों ,स्वंय सेवी संस्थाओं के साथ जिले के नागरिक भी इस कार्य मे जुटे हैं। आम जन जरूरत मन्द लोगों को भोजन एवम अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रहे हैं। इसी तारतम्य में आज महासमुंद के श्री शेष नारायण नामदेव ने लोगों के उपयोग के लिए कपड़े से बने दो सौ मास्क आज यहाँ कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन को सौंपा। कलेक्टर ने श्री नामदेव को धन्यवाद दिया। उन्होंने लोगों से अपेक्षा की कि अन्य लोग भी इस समय आगे आकर सहयोग कर सकते हैं।
फ़ोटो संलग्न
-
महासमुंद 07 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य शासन के मार्गदर्शी निर्देशों के तहत महासमुंद जिले में बचाव के उपाय किए गए हैं। वहीं जरूरतमंद लोगों को राहत एवं सहायता सामग्री उपलब्ध कराई जा रही हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर पूरे जिले मे बचाव के लिए कदम उठाए हैं। वहीं राहत सामग्री भी प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों सहित राजस्व के अमले एवं अन्य विभागों के अमले को निर्देशित किया है। इसके अलावा जिले में सामाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं आमजनों की सहायता से जरूरतमंदो को भोजन सहित सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।
सरायपाली अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि सरायपाली अनुविभाग में जरूरतमंदों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही हैं। अनुविभाग सरायपाली में नगरपालिका क्षेत्र सरायपाली एवं बसना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दो क्विन्टल चावल का भंडारण शुरु किया गया है एवं विभिन्न दानदाताओं के मदद से नमक, तेल, मसाले, दाल, आलू एवं अन्य सब्जियों का भंडारण किया गया है। 07 अप्रैल 2020 को नगरपालिका क्षेत्र सरायपाली में 367 परिवार यानि 1622 व्यक्तियों को दाल,चावल, तेल, शक्कर , मशाले एवं सब्जियों के पैकेट बनाकर वितरण किया गया। नगर पंचायत क्षेत्र बसना में अभी तक 387 परिवार यानि 1650 व्यक्तियों को सूखा राशन वितरित किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र ग्राम पंचायत में दो क्विन्टल चावल का भंडारण किया गया है एवं निराश्रित व्यक्तियों का चिन्हांकन किया गया है। जनपद पंचायत सरायपाली के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में अभी तक लगभग 250 व्यक्तियों को राशन वितरण किया गया है। जनपद पंचायत बसना के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में 352 व्यक्तियों को राशन वितरण किया गया है।नगरपालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्र में निराश्रित, भिखारी एवं अन्य बेघर लोगों को चिन्हांकित कर नगरपालिका एवं सिविल सोसायटी की मदद से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें गौ सेवा समिति सरायपाली द्वारा रोजाना 100 व्यक्तियों को भोजन कराया जा रहा है एवं सिविल सोसायटी की मदद से नगरपालिका सरायपाली द्वारा 50 व्यक्तियों को भोजन कराया जा रहा है।अन्य राज्यों से आये व्यक्तियों को रहने के लिए पाँच राहत कैम्पो का संचालन किया जा रहा है । इसमे शिविर स्थान पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास सरायपाली में रखें गए व्यक्तियों की संख्या 10, सिंघोडा में 8, पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास सरायपाली में 43 , पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास सरायपाली में 44 एवं प्री मेट्रिक कन्या छात्रावास छुईपाली में 41 व्यक्तियों को रखा गया है। सभी राहत शिविर में रुके हुए व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है एवं आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।राहत शिविर में शासन के द्वारा बताए गए मीनू के अनुसार तीन समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है एवं रुके हुए सभी व्यक्तियों को नहाने के लिए साबुन, कपड़े, धोने का साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, मच्छर अगरबत्ती इत्यादि भी उपलब्ध कराया जा रहा है। राहत शिविर में13 बच्चे भी शामिल हैं । बच्चों की आवश्यकता को ध्यान रखते हुए विभिन्न समाजसेवियों की मदद से बच्चों को दूध, बिस्किट, खिलौने, आदि की व्यवस्था भी की गई हैं। -
विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेषः- नौकरी के साथ-साथ पारिवारिक दायित्वों का समन्वय बना कर चल रही विभाग की माताएं।
महासमुंद 06 अप्रैल 2020/ चिकित्सक हों या स्वास्थ्य सलाहकार भगवान का रूप कहे जाते हैं। इन दिनों ये इस कदर काम में मग्न हैं कि इन्हें न तो अपने आहार की चिंता है और न ही ये अपने परिवार के साथ वक्त बिता पा रहे हैं। लगन है तो बस कोविड 19 के खतरे से जन-जीवन को सुरक्षित बचा ले जाने की। हम बात कर रहे हैं जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के सशंकित माहौल में क्वारंटीन केंद्र में सुरक्षा कवच बना कर होम आइसोलेशन की लक्ष्मण रेखा खींच रहे कुछ ऐसे जुझारू स्वास्थ्यकर्मियों की, जो तमाम दिक्कतों को दरकिनार कर, चौबीसों घंटे-सातों दिन लगातार नियंत्रण का दायरा बढ़ाते नजर आ रहे हैं।वाकया शहर के इमलीभाठा क्षेत्र में दी गई समझाइश का है। जहां, एक ही परिवार के पांच सदस्यों को होम आइसोलेट कर लौटीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सिस्टर ट्यूटर श्रीमति लिशा जिसबिन की आंखों में नमी दिखी। पूछने पर पता चला कि हाल ही में विदेश की यात्रा कर वापस घर पहुँची संबंधित परिवार की लाडली बेटी की सलामती दुआ मांगते सभी परिजन तुरंत आइसोलेट हो गए। बेटी के लिए परिजनों का स्वस्फूर्त एहतियाती कदम देख कर सहसा, उन्हें अपने दूधमुंहे बेटे (कियान जिसबिन) की याद आ गई, जिसे वे अपनी ससुराल (जिला दुर्ग) में छोड़ आई हैं। रोके न रुकने वाले मातृत्व अश्रु पोंछते हुए श्रीमति जिसबिन ने बताया कि इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम नियंत्रण दल में उनकी ड्यूटी लगी है। जहाँ, कोरोना वायरस संक्रमण की प्रबल संभावना वाले संदिग्ध प्रकरणों से निरंतर रूबरू होना पड़ता है। इधर, वर्तमान में उनका निवास भी एमपीडब्लू कॉलेज के हॉस्टल में है, जहाँ उनके डैक आहार का भी कोई निश्चत ठिकाना नहीं है। ऐसे में महज एक साल के नन्हें बालक की उचित देख-भाल कर पाना संभव नहीं था, जिसके चलते उन्हें बच्चे को उसके दादा-दादी को सौंपना पड़ा। हालात ऐसे है कि लॉक डाउन के पहले तक हर रोज मां की गोद में अठखेलियां करने वाले बाबा कियान और माता जिसबिन को एक-दूजे से मिले अब दो हफ्ते बीत चुके हैं और वे अपने जिगर के टुकड़े को केवल वीडियो कॉल पर ही निहार पा रही है। गौरतलब हो कि वात्सल्य सुख से वंचित होने के बावजूद उनके माथे पर शिकन तक नहीं है, अगर है तो सिर्फ और सिर्फ कर्तव्यनिष्ठ सेवा का भाव जो हर किसी के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।बता दें कि श्रीमति जिसबिन की तरह जिले भर में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना कंट्रोल का महत्व समझाने वाली ऐसी सैकड़ों मायें हैं जो स्वस्थ समाज के निर्माण में जुटी हुई हैं। लेकिन, दुखद पहलु दर्शाता है कि संवेदनशील क्षेत्रों में कार्य करने के कारण, कभी उन्हें पारिवारिक दूरी, तो कभी सामाजिक असहयोग जैसी पीड़ाओं का दंश भी झेलना पड़ रहा है। दायित्व निर्वहन की दोहरी कसौटी पर खरा उतरने वाली इन महिला स्वास्थ्य सेविकाओं को सलाम।इन्हें परेशान किया तो सीधे एफआईआरजिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि आपातकाल में सेवा प्रदाता अमले को अकारण परेशान नहीं किया जा सकता। पुलिस विभाग की ओर से भी स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि उनके साथ दुर्व्यवहार या कार्य में बाधा पहुंचाए जाने जैसी शिकायतों पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।क्रमांक/19/19/एस शुक्ल/हेमनाथ -
महासमुंद 05 अप्रैल 2020/ वर्तमान में पूरे विश्व में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) को एक अति संक्रामक महामारी के रूप में देखा जा रहा है। उक्त स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2020 तक पूरे देश भर मे धारा 144 लागू की गई है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य से अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता है।
इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बद्येल द्वारा निराश्रितों एवं अति गरीब राशनकार्ड धारियों को 2 माह का चांवल प्रदाय किये जाने की घोषणा की गई है। ताकि जो व्यक्ति प्रतिदिन कमाकर खाने वाला परिवार का संचालन करता है उनके घर भूखमरी की स्थिति पैदा न हो।
इसी प्रकार महासमुंद जिले के विकासखण्ड तहसील बागबाहरा में राजस्व अनुविभागीय अधिकारी श्री भागवत जायसवाल के तत्वाधान में कोरोना राहत दल का गठन किया गया है। यह दल सभी ग्रामों एवं वार्डों में कोरोना संक्रमण रोकने के विभिन्न प्रकार के उपायों एवं अनुशासन को सुनिश्चित कर रही है।
लाॅकडाॅउन के कारण कई परिवार जो विभिन्न कारणों से अतिवंचन की श्रेणी में आते है उनको चांवल पी.डी.एस. के माध्यम से मिल जा रही है लेकिन आवश्यक किराना सामान एवं हरी-सब्जीयां इनको उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन परिवारों तक उपरोक्त राहत सामाग्री पहुचाने का जिम्मा राहत दल ने उठाया है।
जिसके अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 2500 परिवारों को प्रति सप्ताह किराना सामान एवं हरी-सब्जीयां पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रति ग्राम पंचायत एवं नगरीय वार्ड में ऐसे 20 आय स्त्रोत विहीन परिवारों को ग्राम एवं वार्ड स्तर में चयन करके उन्हें सप्ताह भर का राशन एवं सब्जी जैसे - टमाटर, पत्ता गोभी, बैंगन, लौकी, मखना (कद्दू), बरबट्टी, आलू, प्याज, बिस्किट, टोस्ट आदि सामाग्री की उपलब्धता के अनुसार वितरण किया जा रहा है, ताकि इन परिवारों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो।
इसके अंतर्गत इन परिवारों/व्यक्ितयों का चयन (सरपंच/सचिव/आंगनबाडी कार्यकर्ता/कोटवार/मितानीन आदि के द्वारा) किया जा रहा है, जिन्हें वर्तमान में इन राशन सामाग्रियों की अत्यंत आवश्यकता है। उनके चयन को ध्यान रखा जा रहा है कि -
परित्यक्त महिला - ऐसी महिलाऐं जो कि अपने पति या घर परिवार से अलग रहती है, जिनके पास आय का कोई साधन नहीं या प्रतिदिन कमाकर खाते है।
विधवा महिला - ऐसी महिलाऐं जो कि विधवा है एवं उनके पास घर चलाने हेतु कोई मुखिया नहीं है अर्थात स्वयं ही घर के मुखिया है एवं घर का पालन-पोषण करती है।
एकल महिला - ऐसी महिलाऐं जो कि अकेली रहती है, स्वयं ही आय का साधन जुटाकर या घर-घर भीख मांगकर अपना पालन कर रही है।
छोटे बच्चे वाले बिना अर्जन करने वाले पालक - ऐसे परिवार जिनके घर पिरवार के मुखिया के सिवा कोई भी व्यस्क सदस्य नहीं है एवं पालक द्वारा कोई भी आय साधन अर्जित करने में असक्त है।
दिव्यांग प्रमुख परिवार - ऐसे परिवार जिनके परिवार के मुखिया दिव्यांग है, जो कि चलने एवं कार्य करने में असमर्थ है तथा घर पर अन्य कोई कार्य करने योग्य नहीं है।
ऐसे परिवार जिनके कमाउ सदस्य अभी ग्राम में उपस्थित न हो, - वर्तमान में अधिकांशतः परिवार अपने घर के रोजी-रोटी चलाने हेतु महिनों ग्राम से बाहर रहते है या बाहर कार्य करने भट्ठा जाते है, जिनकी अनुपस्थिति में घर में कोई भी सदस्य कमाकर खाने में असमर्थ है।
विक्षिप्त परिवार
न्यून आय वाले परिवार - ऐसे परिवार जिनके पास आय का साधन अत्यंत कम है, उनके आय से केवल कुछ दिनों के ही भोजन की व्यवस्था होती हो।
भूमिहीन परिवार - ऐसे परिवार जिनके पास कोई भी भूमि नहीं है, जिससे वे कमाकर भोजन की व्यवस्था कर सके।
दैनिक सामाग्री वितरण कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले परिवार - ऐसे परिवार जिनके घर के मुखिया द्वारा प्रतिदिन दैनिक बेचकर अपने घर का पालन पोशण करता है।
अन्य किसी वास्तविक कारण के आधार पर।
ऐसे परिवारों एवं व्यक्ितयों की भूखमरी की स्थिति न हो की जानकारी एकत्रित की जा रही है एवं उनके परिवारों को 1 सप्ताह का राशन राहत दल द्वारा प्रदाय किया जा रहा है।
इसमें प्रतिदिन 20-22 ग्राम पंचायतों का चयन कर उन ग्राम पंचायतों में राहत दल द्वारा उपलब्धता के अनुसार दैनिक उपभोग की सामाग्री संबंधित पंचायत या आंगनबाडी केन्द्रों तक पहुचाई जा रही है।
इस पैकेट राहत सामाग्री में (प्रत्येक ग्राम पंचायत में 20 परिवार के मान से) - आलू - 50 कि.ग्रा.,प्याज - 10 कि.ग्रा., झुरगा बीज - 5 कि.ग्रा., काबुली चना - 5 कि.ग्रा., मसुर - 5 कि.ग्रा., सोयाबीन बड़ी - 5 कि.ग्रा., टमाटर - 20 कि.ग्रा., बैंगन - 20 कि.ग्रा., पत्ता गोभी - 20 नग, बरबट्टी - 5 कि.ग्रा., मखना - 10 नग, मिर्च, लौकी - 20 नग एकमुश्त प्रदाय किया जा रहा है। जिसको पंचायत स्तर पर हितग्राहीवार पैकेट बनाकर वितरण किया जा रहा है तथा उक्त सामाग्रीयों को पंचायत समिति द्वारा प्राप्त कर वास्तविक जरूरतमंदो तक घर-घर जाकर वितरित किया जा रहा है एवं उनसे सामाग्री प्राप्त किये जाने की पावती प्राप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त अत्यावश्यक स्थिति में मांग किये जाने पर अतिरिक्त सामाग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है, एवं वितरण किये जाने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन एवं संक्रमण सम्बन्धित समस्त जानकारी का प्रचार किया जा रहा है।
अब तक राहत दल के द्वारा स्टोर रूम में संग्रहित सामाग्री - आलू - 4800 कि.ग्रा., झुरगा बीज - 420 कि.ग्रा., काबुली चना - 420 कि.ग्रा., मसुर - 510 कि.ग्रा., सोयाबीन बड़ी - 465 कि.ग्रा., टमाटर - 1200 कि.ग्रा., बैंगन - 3000 कि.ग्रा., पत्ता गोभी - 110 कि.ग्रा., बरबट्टी - 120 कि.ग्रा., प्याज - 1250 कि.ग्रा., मखना - 60 कि.ग्रा., मिर्च - 11 कि.ग्रा., लौकी - 2500 कि.ग्रा. वर्तमान में अब तक कुल 1560 परिवारों को (कुल 78 पंचायतों में) राहत दल द्वारा राहत साग्रायों का वितरण किया जा चुका है, जो क्रमशः जारी है। प्रशासन जनसहयोग के लिए भी अपील करती है कि लाॅकडाॅउन से प्रभावित होने वाले अति जरूरतमंद परिवारों तक राहत सामाग्री पहुंचाने हेतु सामाग्री एवं सहायता प्रदान करें, जिससे कोई भी परिवार भूखमरी या अतिकुपोषण की स्थिति तक नहीं पहुंच सके। सहायता हेतु सम्पर्क करें, बागबाहरा कोरोना हेल्पलाईन नंबर - 9926162102, 8602398968 एवं साथ ही आप स्वयं जनपद पंचायत बागबाहरा के सभा कक्ष राहत सामाग्री स्टोर रूम में भी योगदान कर सकते है। यदि आपके संज्ञान में कोई भी अतिजरूरतमंद परिवार जिन्हें राहत सामाग्री की अतिआवश्यकता हो उस हेतु आप संपर्क नंबर में फोन कर सकते है जिससे उन परिवारों को राहत सामाग्री तत्काल प्रदान की जा सके।
क्रमांक/17/17/एस शुक्ल/हेमनाथ