- महासमुंद: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन घोषित हैं। इस कारण ऐसे छात्र जो छत्तीसगढ़ राज्य क बाहर रहकर अन्य राज्यों के शहरों में अध्ययन कर रहें हैं उनका जिला प्रशासन द्वारा जिले के ऐसे छात्रों का डाटा संकलन प्रारम्भ कर दिया गया हैं। डाटा संकलन के लिए शिक्षा विभाग एवं जनपद पंचायतों को जिम्मेदारियाॅ सौंपी गई हैं। शिक्षा विभाग अपने विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं संकुल समन्वयक के माध्यम से तथा जनपद पंचायत अपने सचिवों के माध्यम से डाटा संकलन का कार्य करेंगे। इसके पश्चात् दोनों के समन्वय से सूची तैयार की जाएगी। अभिभावक जनपद पंचायत कार्यालयों एवं विकासखंड शिक्षा कार्यालायों में जानकारी देवें। इसके अलावा जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जहां जानकारी दी जा सकती हैं। भू-अभिलेख शाखा के प्रभारी अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को नियंत्रण कक्ष का प्रभारी अधिकारी बनाया गया हैं। अभिभावक जिला कार्यालय के कोरोना नियंत्रण कक्ष के दूरभाष क्रमांक 07723-223305 में भी जानकारी दे सकते हैं।
- महासमुंद : जिला प्रशासन के आग्रह पर कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम के कारण नगरीय क्षेत्र में निवासरत गरीब, मजदूर, असहाय जरूरतमंद वर्ग जिनके परिवार के पास इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लाॅकडाउन होने के कारण उन्हें जीवन-यापन करने में परेशानी हो रही है, उन सभी को खाद्य सामग्री, भोजन, राशन आदि व्यवस्थाओं में प्रशासन को सहयोग देने के लिए जिले के विभिन्न स्वयं सेवी संस्था, सामाजिक संगठन, उद्योगपति, व्यापारी, जनप्रतिनिधि सहित अन्य गणमान्य नागरिकों का समय-समय पर क्षमता अनुरूप सहयोग लगातार डोनेशन आॅन व्हील के माध्यम से मिल रहा है।अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि 26 अप्रैल 2020 की स्थिति तक महासमुंद अनुविभाग के दानदाताओं द्वारा प्रशासन को 2555 किलोग्राम चावल, 698 किलोग्राम दाल, 757 किलोग्राम आटा, 265 किलोग्राम शक्कर, 308 किलोग्राम नमक, 787 पैकेट खाद्यान्न तेल, 819 किलोग्राम आलू, 643 किलोग्राम प्याज, 805 पैकेट हल्दी, 722 नग नहाने का साबुन, 608 नग कपड़े धोनें का साबुन तथा 88 हजार 659 रूपए दानदाताओं से नगद प्राप्त हुआ हैं। इनमें से निर्धन एवं जरूरतमंदों को 2381 किलाग्राम चावल, 503 किलोग्राम दाल, 593 किलोग्राम आटा, 265 किलोग्राम शक्कर, 308 किलोग्राम नमक, 562 पैकेट खाद्यान्न तेल, 610 किलोग्राम आलू, 565 किलोग्राम प्याज, 573 पैकेट हल्दी, 585 नग नहानें का साबुन, 471 नग कपड़े धोनें का साबुन वितरित कराया जा चुका हैं। निर्धन एवं जरूरतमंद 502 परिवार में 1304 व्यक्तियों को उपलब्ध कराई गई हैं। दानदाताओं द्वारा प्राप्त नगद राशि को दान से प्राप्त सामग्री में अत्यावश्यक सामग्री पूर्ण नहीं होने से अलग से सामग्री क्रय कर जरूरतमंदों को खाद्यान्न किट बनाकर दी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 291 निर्धन, जरूरतमंद परिवारों में 796 व्यक्तियों को छात्रावास में 44 व्यक्तियों को राशन सामग्री वितरण की गई हैं। इस तरह महासमुंद अनुविभाग में 2144 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया हैं।
- महासमुंद : जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली में जवाहर नवोदय विद्यालय निजामाबाद (तेलंगाना) के नवोदय विद्यालय के 24 विद्यार्थी फंसे हुए हैं तथा जवाहर नवोदय विद्यालय महासमुंद में चयनित 23 विद्यार्थी कर्नाटक के हावेरी जिले के नवोदय विद्यालय में फंसे हुए हैं। इन विद्यार्थियों को सत्र पूरा हो जाने पर वापस भेजे जाने के संबंध में दोनों विद्यालय के विद्यार्थियों की अदला-बदली निजामाबाद (तेलंगाना) में होगी।कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने यह अनुमति जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली के प्राचार्य द्वारा प्रस्तुुत आवेदन के तथ्यों के आधार पर जारी किया गया हैं। दण्डाधिकारी ने निर्धारित शर्तों के अधीन अनुमति प्रदान की हैं, जिसमें कहा गया है कि दस्तावेज एवं तथ्यों में किसी प्रकार की त्रुटि एवं मिथ्या कथन से अनुमति स्वयंमेव निरस्त मानी जाएगी एवं आवेदक के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता एवं एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के तहत् कार्रवाई की जाएगी। आवेदक को शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जारी समस्त निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह अनुमति केवल जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली महासमुंद से जवाहर नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों को निजामाबाद (तेलंगाना) ले जाने एवं वापस आने के लिए मान्य होगा। यात्रा करने वाला व्यक्ति जिस जिले में अपनी यात्रा समाप्त कर रहा है उस जिले के जिला कार्यालय, कलेक्ट्रेट, अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। उसके पश्चात् ही अपने गंतव्य स्थल के लिए रवाना होगा। यदि कोई आवेदक या व्यक्ति वैद्य अनुमति के माध्यम से संक्रमित क्षेत्रों, राज्यों, शहरों से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में प्रवेश करता है तो उसे जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित होम आईशोलेशन, शासकीय क्वारेंटाईन में रहना अनिवार्य होगा। सरायपाली आने वाले सभी विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रावास में 14 दिन के क्वारेंटाईन में रहेंगे। उन्होंने अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली को वाहन में एक महिला और एक पुरूष बल की ड्यूटी लगाकर भेजने, व्यवस्थापक द्वारा विद्यार्थी एवं स्टाफ के लिए भोजन-पानी की उचित व्यवस्था करके लाने, ले जाने की व्यवस्था करने, छात्र-छात्राओं के महासमुंद जिला पहुॅचने पर स्टाफ सहित सभी का रैपिड किट से स्वास्थ्य परीक्षण करने तथा उन्हें 14 दिन की क्वारेंटाईन में रखने के शर्तों के अधीन अनुमति प्रदान की गई हैं।
- महासमुंद: कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से उत्पन्न परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में कृषकों को होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए जिला कार्यालय में स्थंक हेल्प लाइन नं 07723-223305 प्रारंभ की है। स्थंक हेल्पलाईन सुविधा 24 घंटे चालू रहेगी। भू-अभिलेख शाखा (99815-84877), (91203-84650) से प्रभारी अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को महासमुन्द जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में एवं कृषि विभाग से उप संचालक श्री एस.आर. डोगरे को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्ति की गई है। उन्होंने हेल्प लाईन सुविधा के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की 08-08 घंटे की तीन पालियों में ड्यूटी लगाई है। इनमें प्रथम पाली में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी श्री बी.एल. भगत (97707-58925) एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार विकास अधिकारी श्री भीमराव घोड़ेसवार (90092-29778) सुबह 06ः00 बजे से दोपहर 02ः00 बजे तक, द्वितीय पाली में सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी श्री अमित कुमार मोहांती (94255-23196) एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अर्जुन लाल साहू (99261-77176) दोपहर 02ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक तथा तृतीय पाली में सहायक संचालक कृषि अधिकारी श्री यू.एस. तोमर (98266-23421) एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री के.एस. साहू (99261-58190) का रात्रि 10ः00 बजे से सुबह 06ः00 बजे तक ड्यूटी लगाई गई है। स्थंक हेल्प लाईन नम्बर में लगे कर्मचारी हेल्प लाईन नम्बर में आने वाले कॉल्स का पंजी संधारण करेंगे एवं कृषकों की समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित कराएंगे। कृषक हेल्प लाईन नंबर के अलावा अधिकारी-कर्मचारी के मोबाईल नंबर पर भी संपर्क कर सकते है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
- महासमुंद: राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना जिले के कृषकों के लिए वरदान साबित हो रही है। महासमुंद विकासखंड के आदर्श गोठान ग्राम कछारडीह, बागबाहरा के ग्राम तिलाईदादर, पिथौरा के ग्राम परसापाली एवं बसना विकासखंड के ग्राम नवागांव (गनेकेरा) मंे गोठान के साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं विक्रय किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद को उद्यान विभाग द्वारा अब तक 119.00 क्विंटल क्रय किया गया है, जिसे डी.एम.एफ. बाड़ी के कृषकों को वितरण किया गया है। जिसकी राशि लगभग एक लाख एक हजार 150 रूपए है। महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य इस तरह की रोजगार पाकर आत्मनिर्भर हो रही है।डी.एम.एफ. बाड़ी कार्यक्रम के तहत् ग्राम कछारडीह के कृषक श्री नन्दुराम पटेल ने बताया की उद्यानिकी विभाग द्वारा उन्हे बाड़ी योजना के तहत् भिण्डी एवं लौकी के बीज तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद प्रदाय किया गया है। उनकेे द्वारा लगाई गई भिण्डी की फसल वर्तमान मे दो दिन के अंतराल मे 10 से 12 किलोग्राम निकल रहा है। इसी तरह जिले मंे चार हजार बाड़ी क्रियान्वित है, जिससे प्रतिदिन लगभग 250 क्विंटल सब्जी का उत्पादन हो रहा है। बाड़ी योजना किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बन गया है। जो कि लाॅकडाउन की स्थिति में भी कृषकों के लिए लाभदायक साबित हुआ है।इसी प्रकार बसना विकासखंड के ग्राम कलमीदादर के बाड़ी कृषक श्री अहिबरन सिदार ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा प्रदाय भिण्डी बीज के साथ-साथ बरबटी की फसल भी ली जा रही है। भिण्डी दो दिन के अंतराल मे 18 से 20 किलोग्राम एवं बरबटी प्रतिदिन 3 किलोग्राम निकल रहा है। जिससे उन्हें प्रतिदिन अच्छी आमदनी हो रही है। बाड़ी कृषकों को विभागीय मैदानी अमलें के द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिससे कि किसान आत्मनिर्भर होकर सफलतापूर्वक सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं।
- महासमुंद: प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री त्रिभुनेश्वर शरण सिंह देव एवं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जिले के तेरह हितग्राहियों के लिए स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत किया है। इनमें ग्राम फुटगुना के श्रीमती चम्पा बाई नायक, महासमुंद के श्री नंद कुमार लहरे, देवन्तीन बाई साहू एवं श्रीमती द्रोपती ध्रुवग्राम छिंदौला की श्रीमती राधिका निराला, घाटकछार के श्री श्रवण कुमार दास, अरण्ड के श्री डोमार सिंह सेन, मोहंदा के श्री चतुर्भज राणा, पतेरापाली की श्रीमती सावित्री साहू, केशरटाल के श्री बबलू प्रधान, भगतदेवरी की श्रीमती जानकी नायक तथा कोड़ियाराज जामपाली श्री अरूण कुमार ध्रुव एवं योगेश कुमार ध्रुव शामिल हैं। संबंधित हितग्राहियों को राशि प्राप्त करने के लिए मतदाता फोटो परिचय पत्र, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, स्वयं की दो फोटो एवं अन्य दस्तावेज संस्था का पंजीयन प्रमाण पत्र एवं साक्ष्य के साथ संबंधित क्षेत्र के तहसील कार्यालय के पास प्रस्तुत करना होगा। ताकि स्वीकृत राशि का भुगतान आर. टी. जी. एस. के माध्यम से किया जा सकेेें।
- महासमुंद : पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना अंतर्गत महासमुंद जिले में खरीफ 2019 में बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा अदरक, टमाटर, बैंगन एवं अमरूद आदि उद्यानिकी फसलों के लिए कुल 161 कृषकों के 124.746 हेक्टेयर रकबा के लिए बीमा किया गया था। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि बीमा कम्पनी द्वारा इस सीजन के लिए स्वचलित मौसम स्टेशन से प्राप्त मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर बीमित पात्र कृषकों को क्षति हुए फसल का बीमा दावा भुगतान कृषकों के बैंक खातें में जमा कर दिया गया है। जिसके अनुसार जिले के कुल 68 कृषकों को कुल 54.98 हेक्टेयर रकबे के लिए कुल 07 लाख 58 हजार 899 रूपए की राशि भुगतान कर दी गई हैं। इनमें महासमुंद विकासखंड के 36 कृषकों को 33.260 हेक्टेयर रकबे के लिए चार लाख 57 हजार 482 रूपए, विकासखंड बागबाहरा के 29 कृषकों को 21.02 हेक्टेयर रकबे के लिए दो लाख 98 हजार 432 रूपए तथा विकासखंड बसना के तीन कृषकों को 0.700 हेक्टेयर के लिए दो हजार 985 रूपए का बीमा दावा राशि का भुगतान किया गया हैं। खरीफ 2019 में उद्यानिकी फसलों के लिए बीमा कराने वाले कृषक अपने संबंधित बैंक शाखा से सम्पर्क स्थापित कर जमा राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- महासमुंद: छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल रायपुर द्वारा पी.ए.टी. एवं पी.व्ही.पी.टी. प्रवेश परीक्षा का आयोजन 28 मई 2020 को आयोजित किया गया हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने परीक्षा के सुचारू, निर्विघ्न रूप से संचालन के लिए डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया हैं।
- महासमुंद : राज्य शासन द्वारा डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ को राज्य गीत घोषित किया गया हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि इस गीत को छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा टसर कोसा, सूती सिल्क के साड़ियों में तथा शाॅल, स्टोल, साफा में हाथकरघा के माध्यम से बुनवाया गया हैं। कोसा सिल्क साड़ी में राज्य गीत हाथ की बुनाई के अतिरिक्त हाथ से कढ़ाई, मशीनी कढ़ाई एवं प्रिंट के माध्यम से भी उकेर कर व्यक्त किया गया हैं।सहकारी संघ के इस प्रयास से जहां राज्य गीत का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ हैं, वहीं बुनाई, कढ़ाई के माध्यम से राज्य के कुशल कारीगरों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। इसे प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट देने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह उत्पाद बिलासा हैण्डलूम एम्पोरियम जी.ई. रोड रायपुर में विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। इन सभी तैयार वस्तुओं के संबंध में समस्त शासकीय विभागों से आग्रह किया गया है कि राज्य गीत के प्रचार-प्रसार एवं कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से शासकीय कार्यक्रमों में ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ के उकेरे गए कोसा सिल्क साड़ियों अथवा स्टोल आदि को भी प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट देने के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इसे बढ़ावा देने का आग्रह किया गया हैं।
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543 ग्राम पंचायतों में नरेगा के तहत् जल संरक्षण, जल संवर्धन के साथ हितग्राही मूलक कार्य कराया जा रहा है
महासमुंद : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए चल रहे लाॅकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है। ऐसे मे गरीब मजदूर परिवार अपने आजीविका को लेकर चिंतित थे। जिसे ध्यान मे रखते हुए केन्द्र एवं राज्य शासन से निर्देश प्राप्त होने के उपरांत जिले के प्रत्येक गांवो मे महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से हितग्राही मूलक कार्य प्रारंभ कराकर जाॅब कार्डधारियों को प्राथमिकता के साथ उनके गाॅव में ही कार्य उपलब्ध कराएं जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि जिले की 543 ग्राम पंचायतों में एक हजार 743 कार्य प्रारंभ किए गए हैं, जिसमें एक लााख 30 हजार मजदूरों को रोजगार प्रदाय किया गया है। इनमें जनपद पंचायत सरायपाली के 103 ग्राम पंचायतों मंे 28 हजार से अधिक मजदूर कार्य कर रहे है, इसी प्रकार जनपद पंचायत बसना केे 100 ग्राम पंचायत मंेे 20 हजार 777, जनपद पंचायत बागबाहरा के 110 ग्राम पंचायतों में 23 हजार 955, महासमुन्द के 103 ग्राम पंचायत में 23 हजार 260 तथा पिथौरा के 120 ग्राम पंचायत मंे 20 हजार 863 मजदूरों को कार्य प्रदाय किया गया है। महात्मा गांधी नरेगा की योजना गरीब मजदूर परिवारों के लिए लाॅक डाउन में सहारा बना हुआ है।कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने जिले के सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे समस्त जाॅब कार्ड धारियों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य प्रदाय करें। मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी श्री प्रथम अग्रवाल ने बताया कि जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कार्यो के साथ-साथ हितग्राही मूलक कार्यो को प्राथमिकता पर कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में मजदूरों को काम के दौरान पंच सूत्र का पालन करने कि समझाईश अधिकारियों द्वारा दी जा रही हैं। अधिकारियों द्वारा बताया जाता है कि उन्हें घर से बाहर निकलते समय और काम के दौरान मुॅह और नाक को साफ कपड़े या गमछे से ढंककर रखें, कार्य स्थल पर कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें, सार्वजनिक स्थलों पर ना थूंके, बार-बार साबुन से कम से कम 20 सेकण्ड तक हाथ धोएं, पौष्टिक आहार जैसे अदरक, दालचीनी, हल्दी, जीरा, तुलसी, गर्म पानी पीएं, इसके अलावा बुखार, सूखी खाॅसी, श्वाॅस की परेशानी होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जाॅच कराने की सलाह दी जा रही हैंउन्होंने बताया कि जिले में लगभग सात हजार 80 विभिन्न कार्यों के लिए 118 करोड़ 73 लाख 80 हजार रूपए की राशि स्वीकृत कर मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने के लिए की गई है। जिनमंे से वर्तमान में चार हजार 676 कार्य प्रगतिरत् है। जिसमें नया तालाब 33, तालाब गहरीकरण 621, डबरी निर्माण 689, भूमि सुधार 418, गौठान निर्माण 116, चारागाह निर्माण 49, बकरी शेड 96, मुर्गी शेड 05, पशु शेड 12, नाला बंधान 286, वर्मी, नाडेप 70 एवं अन्य कार्य 2281 कार्य प्रगतिरत हंै। समस्त तकनीकी सहायक, सचिवों, रोजगार सहायकों के माध्यम से निर्देशो का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। -
प्रशासन द्वारा ऐसे छात्रों के डाटा एकत्र करने की कवायद शुरू अभिभावकों से सहयोग करने की अपील
महासमुंद : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन घोषित हैं। इस कारण ऐसे छात्र जो छत्तीसगढ़ राज्य क बाहर रहकर अन्य राज्यों के शहरों में अध्ययन कर रहें हैं उन्हें भी शासन द्वारा यदि भविष्य में वापस लाने की योजना बनती है तो उन्हें वापस लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई हैं। इस संबंध में कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जिले के ऐसे छात्रों का डाटा संकलन प्रारम्भ कर दिया गया हैं। डाटा संकलन के लिए शिक्षा विभाग एवं जनपद पंचायतों को जिम्मेदारियाॅ सौंपी गई हैं। शिक्षा विभाग अपने विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं संकुल समन्वयक के माध्यम से तथा जनपद पंचायत अपने सचिवों के माध्यम से डाटा संकलन का कार्य करेंगे। इसके पश्चात् दोनों के समन्वय से सूची तैयार की जाएगी।इस संबंध मेें डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल ने बताया कि लाॅक डाउन के चलते प्रदेश के विभिन्न जिलो के छात्र जो कोटा (राजस्थान)में फँसे थे उन्हें लाया गया है, उसी तरह भविष्य में राज्य के बाहर अन्य राज्यों के बड़े शहरों जैसे बेंगलुरू, कोलकाता आदि में पढ़ रहे हैं और वे वापस आना चाहते हैं, तो भविष्य में शासन द्वारा यदि ऐसे छात्रों को लाने की योजना बनाई जाती है तो उन्हें भविष्य में वापस लाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिले के ऐसे पालकों एवं अभिभावकों से अपील की गई है कि वे इसकी जानकारी अपने जनपद पंचायतों केे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के कार्यालय एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय को देवें। इन दोनों कार्यालयों द्वारा समन्वित एवं सम्मिलित रूप से छात्रों की सूची तैयार की जाएगी, ताकि छात्रों के नाम में दुहराव या पुनरावृत्ति नहीं होने पाएं। इसके अलावा यदि कोई अभिभावक जानकारी देना चाहता है तो विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दे सकता हैं। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, अभिभावक जिला कार्यालय के कोरोना नियंत्रण कक्ष के दूरभाष क्रमांक 07723-223305 में जानकारी दे सकते हैं। प्रदत्त जानकारी में छात्र का पूरा विवरण, राज्य, शहर सहित पूर्ण पता, सम्पर्क नम्बर आदि की विस्तार से जानकारी देवें। जानकारी के तहत् छात्र का नाम, छात्र का मोबाईल नम्बर, वर्तमान निवास का पूर्ण पता, अध्ययनरत् संस्था का नाम, पिता या पालक का नाम, पिता-पालक का मोबाईल नम्बर एवं पिता-पालक का पूर्ण पता दिया जाना चाहिए। इसमें सभी से सहयोग की अपील की गई हैं। -
- पॉजिटिव 28 में से 24 डिस्चार्ज पर अभी जिले में हुए क्वारेंटाइन
कोरबा 28 अप्रैल, 2020। स्वास्थ्य विभाग कर हर व्यक्ति इस समय कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी भूमिका निभा रहा है| फिर चाहे वह लैब तकनीशियन ही क्यों न हो। इस क्रम में कोरबा जिले के स्वास्थ्य विभाग के दो लैब टेक्नीशियन अपनी जान की परवाह किए बगैर कर्मवीर के रूप में सैंपल लेने में जुटे हैं। इनकी मुस्तैदी की वजह से जिला धीरे-धीरे रेड जोन से निकलकर औरेंज जोन की ओर बढ़ रहा है।प्रदेश का कोरबा जिला इन दिनों कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के रूप में उभरा हैI परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मयोद्धाओं और जुझारू स्वास्थ्य अधिकारियों की बदौलत कोरोना की रोकथाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।दोनों लैब टेक्नीशियन 24 घंटे सेवाएं देते हुए लोगों का सैंपल ले रहे हैं। जिला अस्पताल कोरबा के लैब टेक्नीशियन दिनेश कुमार साहू और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पताड़ी के राजेन्द्र मानसर सैंपल लेने के साथ ही उनकी पैकिंग कर जांच केन्र्द तक भेजने का कार्य भी पूरी मुस्तैदी से कर रहे हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डॉक्टर डॉ. हेमंत पटेल और उनका स्टाफ भी संक्रमित क्षेत्रों में सर्विलेंस सेवाएं देते हुए घर-घर भ्रमण कर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर रहे हैं। इनके साथ ही इंटीग्रेटेड जिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) डेटा मैनेजर विमलेश बारी व उनकी टीम दिन रात डेटा अपडेट कर जानकारी देने में जुटी है।अब तक की जांच की स्थिति- पहला केस मिलने के बाद से ही कोरबा जिले व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना जांच शुरू हुई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 26 अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार विदेश के आए 261 व्यक्तियों की जांच की गई जिसमें 120 व्यक्ति कोरबा जिले से बाहर के शामिल थे। दूसरे राज्यों और जिले के बाहर से आए कुल 9002 व्यक्तियों की स्क्रिनिंग हुई जिसमें से 257 व्यक्तियों को क्वारेन्टाईन किया गया और 4956 को होम आईसोलेशन में रखा गया।जिले के 3896 का लिया सैंपल - जिले के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. कुमार पुष्पेश एवं जिला एपीडिम्योलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद ने बताया सीएमएचओ बी.बी. बोर्डे के नेतृत्व में कोरोना सर्विलेंस का कार्य किया जा रहा है। 26 अप्रैल तक कोरबा में 3896 लोगों के सैंपल लिए गए जिनमें 3713 व्यक्तियों की रिपोर्ट मिली है। इनमें 3683 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 28 व्यक्ति पॉजिटिव मिले तो 183 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। सभी पॉजिटिव मरीजों का इलाज एम्स अस्पताल रायपुर में किया गया। 28 में से 24 लोगों को एम्स रायपुर से डिस्चार्ज कर कोरबा भेज दिया गया है। मगर कोरबा सर्विलेंस स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उन मरीजों को उनके घर ना भेजकर कोरबा के क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है।कोरेन्टाईन और आईसोलेशन सेंटर की स्थिति- कोरबा जिले में कुल 10 कोरेन्टाईन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें रशियन हॉस्टल कोरबा, सीटीआई गेस्ट हाउस गेवरा, होटल टॉप एंड टाउन, एकलव्य आवासीय विद्यालय, होटल ग्रीन पार्क, होटल रीलेक्स इन, आईटी कॉलेज झगरहा, बालाजी हॉस्पीटल, सरस्वती शिशु मंदिर प्रगति नगर, इरेक्टर हॉस्टल आदि शामिल हैं। वहीं तीन आईसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं जिनमें जिला अस्पताल कोरबा, ईएसआईसी हॉस्पिटल तथा एनटीपीसी हॉस्पिटल शामिल हैं। -
महासमुंद 28 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर नोवेल कोरोना वायरस COVID-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु पंजीयन विभाग द्वारा कई उपाय किये जा रहे हैं। जिला पंजीयक श्री दीपक मंडावी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना अभी भी बनी हुई है। अतः किसी भी प्रकार के संक्रमण के रोकथाम हेतु एहतियात के तौर पर अब आगामी। 03 मई 2020 तक जिले के सभी पंजीयन कार्यालय बंद रहेंगे। इस दौरान दस्तावेजों का पंजीयन नहीं किया जाएगा।
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महासमुंद 28 अप्रैल 2020 / कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर तथा इसके संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलेक्टर महासमुंद के द्वारा गुड़ाखू तंबाकू पाउच आदि पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद शहर बागबाहरा में यह सब सामग्री मिलने की शिकायत आ रही थी।
इस पर त्वरित एक्शन लेते हुए प्रशासन एवं पुलिस की टीम ने आज जर्दा गुटखा गुड़ाखू जैसे वर्जित सामान बड़ी मात्रा में जप्त किए हैं एवं उन दुकान संचालकों पर जुर्माना रोपित किए हैं । उपरोक्त कार्रवाई से आसपास के अन्य दुकानों में यह सामग्री मिलना अब पूरी तरह से बंद हो गया है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य कलेक्टर महोदय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना और कोरोना संक्रमण की संभावनाओं को रोकना है।
अनुभविभागिय दंडाधिकारी,नगर पालिका व थाना बागबाहरा के संयुक्त टीम द्वारा नगर अंर्तगत दुकानों में बिक रहे गुटखा, गुड़ाखु , तंबाखू, सिगेरट की जप्ती कर 18 हजार रुपए जय दुर्गा पान पैलेस से जुर्माना वसूल किया गया जप्त साम्रग्री की क़ीमत लगभग 25 हजार रुपए की है। आगे भी इस प्रकार की कार्यवाही कर कसावट लायी जाएगी।
- महासमुंद : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम के लिए महासमुन्द जिले के सभी वर्गों द्वारा बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं।इसी कड़ी में आज बागबाहरा विकासखंड के ग्राम मोहंदी की सरपंच श्रीमती शांता दीवान एवं श्रीमती तुलसी दीवान ने जिला कार्यालय पहुॅचकर कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन से सौजन्य मुलाकात कर मुख्यमंत्री राहत कोष में 16 हजार रूपए की सहयोग राशि जमा करने के लिए प्रदाय किया। उन्होंने बताया कि यह सहयोग राशि गाॅव की महिला स्व-सहायता समूह एवं प्रत्येक घरों से उपलब्ध कराई गई हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर श्री शरीफ मोहम्मद खान उपस्थित थे।
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कोरोना वायरस नियंत्रण और रोकथाम के लिए जिले में भारतीय रेडक्राॅस सोसायटी और औद्योगिक संस्थान भी अपनी भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं, भागीदारी सुनिश्चित कर क्रमशः एक ने दो लाख के पीपीई किट बांटे तो दूसरे ने इस ओर इन्क्वान एवं पच्चीस हजार रुपए की धनराशि का स्वस्फूर्त सहयोग दिया
महासमुंद 26 अप्रैल 2020/ पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) यानी व्यक्गित सुरक्षा उपकरण कितने उपयोगी और अनिवार्य है इसके बारे में क्या कहें, सामान्य शब्दों में ये वे उपकरण हैं जो आपकी सुरक्षा जांच एवं उपचार के दौरान चिकित्सकीय अमले द्वारा उपयोग में लाए जाते हैं। लेकिन अब, कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशन एवं मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन मेें आपातकालीन सेवाओं में जुटे स्वास्थ्य महकमे की सलामती के लिए अब सुरक्षा उपकरणों की कोई कमी नहीं रहेगी। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण विक्राल होती समस्या में सरकारी मद की अनिवार्य सेवाओं के अतिरिक्त भारतीय रेडक्राॅस सोसायटी और कुछ औद्योगिक संस्थानों ने भी इस ओर सहयोगी दिशा में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।हाल ही में कोरोना कंट्रोल को लेकर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के दफ्तर में हुई एक बैठक के दौरान की गई समीक्षा के बाद भारतीय रेडक्राॅस सोसायटी के पदाधिकारियों ने पूर्ण मनोयोग व सहमति से अपनी जान को जोखिम में डाल कर जनहित में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले अमले की सुरक्षा अनिवार्यता को समझते हुए स्वस्फूर्त होकर लाखों रुपए की धनराशि व्यय की है। इस दौरान माननीय विधायक महोदय श्री विनोद सेवन लाल चंद्राकर जी की गरिमामय मौजूदगी में भारतीय रेडक्रॉस समिति की जिला इकाई द्वारा उपाध्यक्ष श्री धरमचंद श्रीश्रीमाल के सहयोग से जिले के कोरोनिक चिकित्सकीय अमले लिए राजधानी के कार्लटल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड रायपुर द्वारा निर्मित दो लाख एक हजार छह सौ रुपए के निशुल्क दौ सौ पीपीई किट प्रदान कर सहभागिता दी गई। साथ ही समिति द्वारा महामारी नियंत्रण के लिए भावी रूपरेखा तैयार कर हर संभव सहयोग प्रदान करने की मंशा भी जाहिर की गई।इस दौरान मुख्य रूप से जिला रेडक्राॅस समिति के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधि के रूप में अपर कलेक्टर श्री आलोक पांडेय एवं वरिष्ठ समाज सेवी श्री दाऊ लाल चंद्राकर उपस्थित रहे। उनके साथ समिति के सदस्यों में सभापति डॉ ए के शुक्ला, उप सभापति श्रीमति अनीता रावटे, श्रीमती सती साहू सदस्य जीवनदीप एवं रेडक्रॉस कनिष्ठ सचिव श्री अशोक गिरी गोस्वामी ने पीपीई किट वितरण में अभूतपूर्व योगदान दिया। इस दौरान सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से रेडक्राॅस समिति को आभार व्यक्त करते हुए डाॅ एनके मंडपे, डाॅ आई नागेश्वर राव, डाॅ वीपी सिंह, डाॅ कुलवंत आजमानी, डाॅ आरएल चंद्राकर, डाॅ सुरभि जैन एवं डाॅ हेमेश्वरी वर्मा एवं स्टाफ नर्स श्रीमति जे जाॅन, श्रीमति कविता पुरी एवं सुश्री नमिता खलखो ने साधुवाद ज्ञापित किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दल से श्री जीपी चंद्राकर एवं श्री पिंटु पवार की उपस्थिति रही। व्यवस्थागत कार्य में अस्पताल सलाहकार श्री निखिल गोस्वामी सहित स्वास्थ्य विभाग के मीडिया प्रभारी असीम श्रीवास्तव का योगदान उल्लेखनीय रहा।मदद के लिए औद्योगिक संस्थान भी आए आगेइधर, कलेक्टर श्री जैन से मुलाकात कर दो प्रमुख औद्योगिक संस्थानों में साबू एलपीजी इक्यूपमेंट प्राइवेट लिमिटेड एवं गणपति नमकीन भंडार ने भी पीपीई किट व्यवस्था के लिए क्रमशः इन्क्वान एवं पच्चीस हजार रुपए की धनराशि का सहयोग प्रदान कर यह साबित किया है कि विषम परिस्थिति में औद्योगिक क्षेत्र भी पीछे नहीं हैं। -
महासमुंद 26 अप्रैल 2020/ सरकारी हो या गैर सरकारी आज हर किसी के बीच कोरोना विरूद्ध लड़ाई ही प्राथमिक मुद्दा है। ऐसे में चहों ओर चल रहे कोरोना के अभ्यास में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन महासमुंद की जिला इकाई भी अमह भूमिका में नजर आ रही है। लगातार हो रहे अद्यतन जानकारियों के अंकन और हर रोज जुड़ रही उपचार की नई तकनीकों से अवगत होते हुए आईएमए की जिला इकाई ने भी प्रशिक्षण लेकर पूर्ण अभ्यास किया। बुधवार 22 अप्रैल को हुई एक वृहदत्तर कार्यशाला में जिले के शासकीय और अशासकीय दोनों ही क्षेत्रों से आए अनुभवी एवं नामी चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से आईएमए की जिला इकाई के बैनर तले कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम को लेकर प्रबंधकीय एवं चिकित्सकीय प्रशिक्षण लिया। डॉ विमल चोपड़ा की अध्यक्षता एवं डाॅ एनके मंडपे के मार्गदर्शन में हुई इस एक दिवसीय कार्यशाला में डाॅ सुरभि जैन ने कुल 12 चिकित्सकों सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को कोविड 19 की बीमारी व इसके वायरस के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया साथ ही संक्रमण जांच एवं उपचार के दौरान रखी जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में अवगत कराया गया।
इस दौरान पूर्व से ही कोरोना कंट्रोल की प्लानिंग में जुटे दल के सदस्यों ने भी अपने विचार रखे और सामुहिक रूप से विचारों का आदान-प्रदान कर प्रशिक्षण को संगोष्ठी के रूप भी नियोजित किया गया। चर्चा के दौरान चिगत एक सौ तेईस वर्षों पहले बने महामारी कानून को लेकर बात हुई, जिसमें महामारी कानून को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन को उचित ठहराते हुए पूर्ण रूपेण समर्थन व्यक्त किया गया। आईएमए जिला इकाई के अध्यक्ष डाॅ विमल चोपड़ा ने संशोधित कानूनी प्रावधानों को प्रदेश एवं जिला स्तर पर भी लागू किए जाने मांग रखी। सदस्यों बहुमत के साथ इस प्रस्ताव का स्वागत किया। बढ़ते क्रम में डाॅ मंडपे ने भी प्रावधानों के लागू किए जाने की स्थिति में आने वाले सकारात्मक बदलाव एवं बढ़ने वाली सेवा सुविधाओं के बारे में अपने बात रखी। इस दौरान जिला चिकित्सालय के मुख्य रूप से सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल सहित डाॅ एके शुक्ला, डाॅ घनश्याम चंद्राकर, डाॅ आरएल चंद्राकर, डाॅ एचबी कालीकोटी, डाॅ आई नागेश्वर राव, डाॅ गिरधारी चंद्राकर, डाॅ मेमन, डाॅ गुरूदत्ता एवं डाॅ पिंचा सहित सहयोगी चिकित्सकीय अमला उपस्थित रहा। कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम को लेकर पूर्व में आ रही समस्याओं के नियोजन के लिए भी प्रारूप तैयार कर आपस में कार्यभार बांटे गए। साथ ही सभी ने कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम अभियान में सक्रिय योगदान के उद्देश्य लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हुए सेवाभावी शपथ ली। -
महासमुंद 26अप्रैल 2020/ कोरोना संक्रमण के कारण लाॅकडाउन घोषित होने के फलस्वरूप राजस्थान के कोटा में फॅसें छात्रों को लाने के लिए राज्य शासन द्वारा कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई हैंै। इस संबंध मंे कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहाॅ बताया कि कोटा में फॅसें महासमुंद जिले के छात्र जो यहाँ आने वाले थे,अब वे महासमुंद नहीं आकर सीधे कवर्धा(कबीरधाम)लाये जाएंगे। वही उन सभी छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और वहीं उन्हे 14 दिनों का क्वारेन्टीन में रखा जाएगा।
- महासमुंद : जिले में पशुधन विकास विभाग द्वारा विभिन्न योजनाए वर्षों की तरह सुचारू रूप से चल रही है। इस क्रम में बैकयार्ड पोल्ट्री वितरण योजना के अंतर्गत महासमुंद विकासखण्ड के आदिवासी बहुल्य एवं सामान्य पिछडे वर्ग के 36 ग्रामों में 153 गरीब परिवारों को मुर्गी के चूजे वितरण किये गये। पशुपालन विभाग के उपसंचालक ने बताया कि इस साल जिले के 800 गरीब परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हे चूजों के लालन-पालन एवं देख-रेख संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया है । लगभग तीन हजार रूपये मूल्य प्रति इकाई के अंतर्गत 45 रंगीन चूजे चयनित हितग्राहियों अनुसूचित जान जाति एवं अनुसूचित जाति को 90 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग को 75 प्रतिशत तक अनुदान पर दिये गये।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में पशुधन विकास विभाग की अहम भूमिका है। विभाग द्वारा ग्रामीण आर्थिक विकास के लिए अत्यंत गरीब तबके के हितग्राहियों के लिए बैकयार्ड योजना अंतर्गत इस साल जिले के 800 हितग्राहियों का चुनाव किया गया है। योजना अंतर्गत 28 दिवसीय रंगीन 45 चुजे प्रत्येक हितग्राही को प्रदाय किया जाता है। उन्हे दिये गये चूजे देशी प्रजाति के है, जिन्हे विशेष देख-रेख की जरूरत नही होती है। प्रत्येक हितग्राही को चूजे के साथ साथ कुक्कुट आहार भी प्रदाय किया जाता है।योजना के तहत प्रदाय किये जा रहे चूजे में 50 प्रतिशत नर एवं 50 प्रतिशत मादा है। इनका अंडा उत्पादन 60 से 70 प्रतिशत प्रतिवर्ष होता है तथा अंडे से बच्चे सेने की इनमें विशेष क्षमता होती है। इन मुर्गे एवं मुर्गियों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमताअधिक होती है, जिससे बीमारी उसमें कम लगती है। हितग्राहियों के यहा मुर्गियों की निरंतरता बनाये रखने के लिए उनको अंडा उत्पादन हेतु प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन दिया जाता है। चार से छह माह के उम्र में इन मुर्गे-मुर्गियों का वजन 2 से 2 किलो 500 ग्राम हो जाता है, तथा इनकी बिक्री दर देशी मुर्गे एवं मुर्गियों की तरह बाजार दर के बराबर होती है, जिसके कारण मुर्गे एवं मुर्गियों का 200 से 300 रू. प्रति किलो दर से आसानी से ग्रामीण परिवेश में ही बिक्री हो जाती है। इनको कोई विशेष बाजार की आवश्यकता नहीं होती।
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नहर परिचालन में जल क्षति को न्यूनतम कर अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग प्रयासरत्
महासमुंद : जिले में कुल कृषि योग्य भूमि लगभग 2 लाख 67 हजार 593 हेक्टेयर है। जल संसाधन विभाग द्वारा जिले के अधिकतम कृषि भूमि को सिंचित करने के लिए लगातार समग्र कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जल संसाधन संभाग महासमुंद के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि जिले में एक वृहद कोडार जलाशय परियोजना, दो मध्यम जलाशय परियोजना इसमें केशवा जलाशय एवं अपर जोंक परियोजना तथा 125 लघु जलाशयों का निर्माण कर 65 हजार 892 हेक्टेयर रूपांकित सिंचाई के विरूद्ध 65 हजार 722 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित किया जा चुका है। जिससे जिले की सिंचाई क्षमता में लगभग 25 प्रतिशत हो चुकी है। निर्मित सिंचाई योजनाओं से जल भराव उपलब्धता के अनुसार खरीफ एवं रबी सिंचाई तथा ग्रीष्म ऋतु में तालाबों को निस्तारी के लिए प्रति वर्ष जल प्रदाय किया जा रहा है। सिंचाई क्षमता के उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए नवीन सिंचाई योजनाओं का निर्माण तथा पुरानी सिंचाई योजनाओं से रूपांकित क्षमता से कम हो रही सिंचाई की प्रतिपूर्ति हेतु जीर्णोद्धार एवं नहरों के लाईनिंग कार्य किया जा रहा हैं, नहर परिचालन में जल क्षति को न्यूनतम कर अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा सतत् प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा जिले में एक वृहद, दो मध्यम एवं 125 लघु सिंचाई योजनाओं का निर्माण कर कुल 65 हजार 722 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सृजन किया जा चुका है। इसके अलावासंभागाधीन 19 सिंचाई योजनायें निर्माणाधीन है। इन योजनाओं के पूर्ण होने से सिंचाई क्षमता में 8563 हेक्टेयर की वृद्धि होगी। संभागाधीन 11 निर्मित योजनाओं का जीर्णोद्वार एवं लाइनिंग कार्य के लिए छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किया गया है। इन योजनाओं के पूर्ण होने के पश्चात् 3280 हेक्टेयर सिंचाई में हो रही कमी की प्रतिपूर्ति के साथ-साथ 544 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई की जा सकेगी। संभागाधीन 19 एनीकट एवं 03 स्टापडेम का निर्माण किया गया है। उपरोक्त 22 योजनाओं से जिले के सभी पाॅचों विकासखंडो में वर्षा के पानी को रोककर भू-जल संवर्धन एवं निस्तारी के साथ-साथ कृषकों के स्वयं के साधन से वर्तमान में 304 हेक्टेयर सिंचाई खरीफ एवं रबी सिंचाई किया जा रहा है।मनरेगा के अन्तर्गत नहर सुधार, लाईनिंग एवं जल संवर्धन के 74 कार्यों के लिए 1822.77 लाख रूपए के कार्य प्रगतिरत है। जिसके पूर्ण होने से 438 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई में हो रही कमी की प्रतिपूर्ति तथा भू-जल संवर्धन एवं निस्तारी की सुविधाएॅ उपलब्ध हो सकेगा। संभागाधीन 14 नवीन सिंचाई योजनायें प्रस्तावित कर प्रशासकीय स्वीकृति के लिए शासन को जानकारी प्रेषित किया गया है। स्वीकृति पश्चात् निर्माण पूर्ण होने से 3 हजार 472 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई में वृद्धि होगी। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक बजट में नवीन मद में संभागाधीन 27 योजनाओं के जीर्णोद्धार एवं लाईनिंग कार्यों को प्रावधानित किया गया है, जिसके स्वीकृति उपरान्त कार्य पूर्ण होने से 9 हजार 455 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही सिंचाई में कमी की पूर्ति के साथ ही 295 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई होगी। संभाग में 07 योजनाएं वन प्रभावित होने के कारण अपूर्ण स्थिति में लंबित हंै।इन योजनाओं को भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण उपरान्त एक हजार 861 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित होगा। जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित सिंचाई योजनाओं से सृजित सिंचाई क्षमता 65 हजार 722 हेक्टेयर है, जो कि कुल कृषि भूमि का 25 प्रतिशत है। निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सिंचाई योेजनाओं से कुल 14 हजार 735 हेक्टेयर नया सिंचाई क्षेत्र निर्मित होकर, कुल सिंचाई क्षेत्र 80 हजार 457 हेक्टेयर हो जाएगा, जिससे जिले की सिंचाई क्षमता 30 प्रतिशत हो जाएगी। - महासमुंद : कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देश पर कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए जिला प्रशासन निरन्तर कार्य कर रहा हैं। जिले में भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा हैं, जिससे नागरिकों को संक्रमण से बचाया जा सकें। जिला पंचायत महासमुंद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमण से बचाव के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अन्तर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बने महिला स्व सहायता समूह को सक्रियता के साथ ग्रामीणजनों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी हैं, जो नियमित रूप से गाॅव में इस काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं।डाॅ मित्तल के मार्गदर्शन में विकासखंड महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली से ऐसे समूह सदस्य जो सिलाई का कार्य जानती हैं, उनसे मास्क की सिलाई करने का कार्य कराया जा रहा हैं। उनके द्वारा निर्मित मास्क का विक्रय स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायत, लोकल मार्केट और व्यक्तिगत किया जा रहा हैं। मास्क निर्माण के लिए कपड़ा और धागा जिला प्रशासन के माध्यम से प्रारंभ में समूह सदस्य को उपलब्ध कराया गया हैं। जिसके पश्चात् समूह अपने बचत राशि तथा शासन से प्रदाय आरएफसीआईएफ और बैंक लिंकेज की राशि का भी उपयोग कर मास्क निर्माण का कार्य कर रही हैं। वर्तमान समय में जिले में कुल 41 महिला स्व सहायता समूह की 130 सदस्यों ने 19 हजार 269 मास्क का निर्माण कर चुकी हैं, जिसमें 14 हजार 540 मास्क का विक्रय स्वास्थ्य विभाग, पंचायत स्तर पर एवं लोकल मार्केट में किया गया है। इसके अतिरिक्त गाॅव के गरीब परिवारों को समूह द्वारा निःशुल्क मास्क का वितरण भी किया गया हैं। मास्क निर्माण में नाबार्ड तथा निदान एनजीओ भी अपना योगदान दे रहे हैं। स्व सहायता समूह के सदस्य मास्क निर्माण के अलावा गाॅवों में स्वास्थ्य जागरूकता, दीवाल लेखन, हाथ धुलाई एवं स्वच्छता पर कार्य कर रही हैं तथा गरीब, असहाय और जरूरतमंदो को खाद्य सामग्री का वितरण भी निःशुल्क कर रही है, जिससे उन्हें थोड़ी सहुलियत हो सकें। इस विषम परिस्थिति में महिला स्व सहायता समूह की सदस्य अपने-अपने घर में ही कार्य कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर रही हैं।
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छात्रों का होगा रैपिड टेस्ट, टेस्ट निगेटिव आने पर ही घर जा सकेंगे
14 दिन के क्वारेंन्टाईन में रहना होगा
अभिभावक अपने बच्चों को विकासखंड मुख्यालय से घर ले जा सकेंगे
बच्चों के पालकों से जिला स्तर पर नहीं आने का आग्रह
महासमुंद : कोरोना संक्रमण के कारण लाॅकडाउन घोषित होने के फलस्वरूप राजस्थान के कोटा में फॅसें छात्रों को लाने के लिए राज्य शासन द्वारा कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई हैंै। इस संबंध मंे कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहाॅ बताया कि कोटा में फॅसें महासमुंद जिले के सभी 112 छात्रों की सूची जिले के संबंधित अधिकारियों को दे दी गयी हैं। इन सभी छात्रों को यहाॅ सम्भवतः मंगलवार या बुधवार तक आने की संभावना हैं।इस संबंध में कलेक्टर श्री जैन ने बताया जो भी छात्र कोटा से यहां पहुॅचेंगे, उन सभी छात्रों का रैपिड टेस्ट कराया जाएगा। रैपिड टेस्ट के दौरान उनकी निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही वे अपने घर जा पाएंगे और उन्हें 14 दिन की क्वारेंन्टाईन में रहना होगा। इन सभी छात्रों को अपने-अपने विकासखंडों में भेजा जाएगा जहाॅ से वे अपने घर जा सकेंगे। इस संबंध में छात्रों के पालकों से कलेक्टर ने आग्रह किया है कि वे जिला मुख्यालय पर नहीं आवे और ना ही जिला स्तर पर भीड़ बढ़ाएं, इससे अव्यवस्था हो सकती हैं। इसके लिए सभी पालक अपने-अपने जनपद के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं तहसीलदार से सम्पर्क में रहें और जनपद मुख्यालयों से ही अभिभावक अपने बच्चों को ले जावें। -
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक ने जिला कोरोना कंट्रोल प्लान को किया अपडेट
कोरोना वायरस के मंडराते संक्रमण को देख एनएचएम की एमडी डाॅ प्रियंका शुक्ला सहित राज्य स्तरीय विशेषज्ञों ने जिला स्तरीय वस्तुस्थिति का जायजा लेकर न केवल जिलाधिकारियों से चर्चा की बल्कि आपदा प्रबंधन के लिए भावी योजनाओं का परिष्कृत प्रारूप भी तैयार कर लिया
महासमुंद : जिले में कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम के लिए स्वास्थ्य महकमा कितना सजग और सतर्क है इस बात का अंदाजा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान बेहतरी के लिए अमल में लाए जा रही मूल्यांकन प्रणाली को देख कर लगाया जा सकता है। आज शुक्रवार 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डाॅ प्रियंका शुक्ला, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक श्री उरिया नाग, आयुष ओएसडी डाॅ अभ्युद तिवारी एवं मेकाहारा के डाॅ ओपी सुंदरानी एवं डाॅ रविंद्र पंडा के साथ जिला भ्रमण पर रहीं। उन्होंने जिले के संबंध में अब तक किए गए रोकथाम प्रयासों और उपलब्धियों सहित उपलब्ध संसाधनों का बारीकी से आंकलन कर अद्यतन जानकारी एकत्र की, साथ ही कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ रवि मित्तल से मुलाकात कर आगामी रूपरेखा और योजना क्रियान्वयन के संशोधित प्रारूप के संबंध में अवगत कराया।इस दौरान अमले ने सर्वप्रथम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे से कोरोना कंट्रोल यूनिट में उपलब्ध मानव संसाधनों की जानकारी ली, फिर जिला चिकित्सालय के ओपीडी-आईपीडी, ऑपरेशन थियेटर, डायलिसिस, एसएनसीयू एवं शिशु रोग इकाई में प्रदाय की जा रही कोरोना एवं नाॅन कोरोना दोनों तरह की सेवाओं एवं सुविधाओं का गहनतापूर्वक आंकलन किया। चर्चा के दौरान पोषण पुर्नवास केंद्र के संदर्भ में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने उन्हें नीति आयोग से मिली सिफारिश के बारे में भी अवगत कराया। इस दौरान डाॅ शुक्ला ने कोरोना की कंट्रोलिंग को बेहतर बनाने के लिए जिला चिकित्सालय परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक अतिरिक्त वृहद कक्ष का निर्माण करने का सुझाव भी दिया। साथ ही केंद्र एवं राज्य स्तर से मिले निर्देशों के अनुसार आगामी कार्ययोजना भी तैयार की गई। बढ़ते क्रम में उन्होंने मरीजों से पूछ-परख करते हुए परोसे जा रहे भोजन की जांच की। आंकलन के दौरान कपड़ा धुलाई घर में एक्जास्ट फैन लगवाने और आरओ की सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए भी कहा गया। इस दौरान श्री संदीप ताम्रकार जिला कार्यक्रम प्रबंधक को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्राप्त राशि को प्राथमिकता के आधार पर दिशा-निर्देश अनुसार उपयोग करने एवं हस्तान्तरित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कोरोना नियंत्रण कक्ष के जिला नोडल अधिकारी डाॅ आई नागेश्वर राव, कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम दल के नोडल अधिकारी डाॅ अनिरुद्ध कसार, एकीकृत रोक निगरानी कार्यक्रम के नोडल अफसर डाॅ छत्रपाल चंद्राकर, चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ सुरभि जैन, डाॅ हेमेश्वरी वर्मा एवं डाॅ कुलवंत आजमानी सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार डाॅ निखिल गोस्वामी एवं अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थें।कोविड अस्पताल में डाॅनिंग और डाॅफिंग की होगी पृथक व्यवस्थाजिले में कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हांकित किए गए आरएलसी अस्पताल में बिजली, पानी और रसोई संबंधी मूलभूत सेवाओं सहित वार्डो में उपलब्घ वैंटिलेटर्स और आइसोलेशन की अनिवार्य व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया गया। अनुभवी निरीक्षण अमले के साथ मश्वरा कर डाॅ शुक्ला ने यहां, विशेष तौर पर प्रवेश एवं निकासी के दौरान डाॅनिंग एवं डाॅफिंग के लिए पृथक रूप से व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। इसमें संक्रमण रोकथाम के लिए हाइजेनिक पीपी किट पहनावे एवं वस्त्र बदलने की सुविधा सहित स्नान इत्यादि के लिए भी आवश्यक प्रबंध होंगे। - महासमुंद : कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं वहीं श्रमिकों एवं जरूरतमंदों के आवश्यक वस्तुएं और सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं।सभी वर्ग के लोग कुछ न कुछ सहयोग कर रहें हैं। इसी कड़ी में आज पी.एस. सर्जिकल बिरकोनी के संचालक श्री शाश्वत लुनावत आज यहाॅ जिला कार्यालय पहुॅचकर कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन को कोरोना से बचाव के लिए 25 सेफ्टी कीट सौंपा। इसका उपयोग चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र में महाप्रबंधक श्री ए.के. सिंह एवं जिला खनिज अधिकारी उपस्थित थें।
- महासमुंद : छत्तीसगढ़ शासन ने ऐसे जिले जहाँ कोरोना का प्रभाव कम है, वहाॅ कुछ शर्तों के साथ अनिवार्य सेवा कार्यो के लिए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गई है। ऐसीे स्थिति में खरीदारी के लिए घर से बाहर निकले नागरिकांे को सामाजिक दूरी एवं अन्य सावधानियों से अवगत कराने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।फिर भी कुछ लोगों द्वारा नियमांे को ताक पर रख कर खुले आम शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे है। इस पर बागबाहरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पुलिस प्रशासन और नगर पालिका परिषद की संयुक्त टीम द्वारा आज बिना माॅस्क पहने व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई। इसमें बागबाहरा के झलप चैक पर ऐसे चिन्हांकित लोगांे को रोक कर 100-100 रुपए का चालान काटा गया तथा उन्हें मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, बाईक में केवल ड्राइवर और चार पहियाॅ वाहनों में चालक के साथ केवल एक व्यक्ति को चलने की समझाईश दी गई, जिससे सामाजिक दूरी का पालन हो सके और उनके द्वारा इस तरह भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं करने और सदैव नियम का पालन करने का पालन करने का भरोसा दिलाने पर उन्हें छोड़ा गया। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इसके चक्र को तोड़ना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन द्वारा नागरिकों से अपील की गई है कि अति आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलंे।