- जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर
पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की है कि क्वारंटीन केन्द्र में किसी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति में नशे की लत में होने की वजह से शरीरिक या मानसिक परेशानी के लक्षण दिखें तो तत्काल सूचना दें
महासमुंद 10 जून : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले में संचालित तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र दल, क्वारंटीन केन्द्रों में नशा उन्मूलक जागरूकता लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। सीमित मानव संसाधन होने व समय की बचत कर अधिकाधिक संख्या में क्वारंटीन केन्द्रो तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वे विशेष कर बाहर से आए प्रवासी श्रमिक वर्ग के कोविड-19 संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन करने के पूर्व फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर मादक द्रव्यों की जमा-तलाशी अनिवार्य रूप से ले। ताकि क्वारंटीन केेन्द्रों में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के साथ प्रवेश ना कर पाए। जिससे कि उनके मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले संक्रमण फैलाव की आशंका भी समाप्त हो जाए। नशा उन्मूलन जागरूकता प्रयासों में गति लाने के उद्देश्य से कार्यक्रम के सामाजिक कार्यकर्ता का दूरभाष क्रमांक 93996-81428 जारी कर अनुरोध किया गया है कि अगर क्वारंटीन केन्द्र में किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज यदिं गुटखा, तंबाकू, गुड़ाखू, बीड़ि, सिगरेट या अन्य किसी भी प्रकार के नशे का आदी होने के लक्षण दिखें, तो संबंधित क्वारंटीन केन्द्र का नाम, गांव सहित पूरा पता एवं वांछनीय जानकारी उक्त दूरभाष क्रमांक पर व्हाट्सएप करें। जैसे ही सूचना प्राप्त होने पर जिला तंबाकू नशा-मुक्ति दल के कर्मचारी यथाशीध्र मौके पर पहुंच कर उन्मूलन संबंधी अभ्यास दोहराएंगे।इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे के निर्देशानुसार मंगलवार व बुधवार 09 एवं 10 जून 2020 को जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र दल के सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा क्रमशः विकासखण्ड पिथौरा व बसना के ग्राम ढांक, साल्हेतराई, भठोरी, एवं पौंसरा के क्वारंटीन केंद्रों में कोरोना वायरस एवं तंबाकू नशा उन्मूलक जागरूकता परामर्श प्रदान करने के दौरान व्यवस्था सम्हाल रहे पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात कर कार्यक्रम की ओर से संदर्भित अपील की गई। बता दें कि इसके लिए सबसे जरूरी है - व्यक्ति में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की जागरूकता और नशा छोड़ने की कटिबद्धता वाली प्रबल इच्छा शक्ति होना। यद्यपि, उपचार मुख्यतः किसी नशा-मुक्ति केन्द्र या अन्य स्रोतों के द्वारा संभव है। बावजूद इसके, क्वारंटीन के दिनो में भी विनिवर्तन लक्षणों (विड्राल सिम्टम्स) को ठीक किया जा सकता है। विभिन्न जैविक एवं मनोवैज्ञानिक उपचार पद्धतियों के विकल्प आगे भी जारी रखने के लिए उपलब्ध हैं।
ऐसे सुनिश्चित करें व्यसनी की पहचान
नशीले उत्पदों का सेवन बंद होने से विनिवर्तन लक्षण (विड्राॅल सिम्टम) उत्पन्न होना, जैसेः- हाथ-पैर व शरीर में कंपन या दर्द, अनियमित रक्तचाप, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, भारीपन, भूख न लगना आदि। सुबह-शाम, भोजन लेने के पूर्वध्पश्चात या खाली समय में कई बार तंबाकू या निकोटिन आदि की तलब होना। क्वारंटीन की अवधि में अन्य गतिविधियों से विमुख हो कर बार-बार नशीले पदार्थ और उनके जुगाड़ की बातें करना।
शारीरिक व मानसिक दुष्प्रभाव जानते हुए भी नशा करना जारी रखना या कोशिश करने के बावजूद सेवन बंद नहीं कर पाना। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम वाले भी दे रहे समझाईश इस दौरान राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के योग प्रशिक्षक भी मौजूद रहे, वे अब तक तकरीबन तीस क्वारंटीन केंद्रों में जाकर कोरोना वायरस के चलते महसूस किए जाने वाले तनाव के संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंधन एवं सुरक्षा बनाए रखने जानकारी प्रदान कर चुके हैं। -
महासमुंद जिले में आज वाहन चेकिंग के दौरान एक कार से नोटों का बंडल भारी मात्रा में बरामद किया गया है मामला महासमुंद के सिंघोरा बार्ड का है बरामद की गई रकम 1 करोड़ 12 लाख 99 हजार 200 रुपए बताई जा रही है कार में ड्राइवर और एक कारोबारी प्रतीक छाबड़िया भी मौजूद था। पैसे के बारे में पूछे जाने पर दोनों ने नगद के बारे में गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने आईटी डिपार्टमेंट को भी इसकी खबर दे दी है.
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महासमुंद 09 जून : जिला खाद्य अधिकारी द्वारा सोमवार 8 जून को मेसर्स एन.एल. राईस इण्डस्ट्रीज घोड़ारी, तहसील महासमुंद के विरूद्ध सिटी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि भा.द.वि. की धारा 420 के तहत मेसर्स एन.एल.राईस इण्डस्ट्रीज घोड़ारी के प्रोपराईटर अक्षत गोयल पिता अनूप गोयल निवासी पिटियाझर रोड़ महासमुन्द के विरूद्ध दर्ज शिकायत में इनके घोड़ारी स्थित मिल परिसर में अवैध धान का भण्डारण किया जाना पाया गया।
उन्होेंने बताया कि 24 जनवरी 2020 को मेसर्स एन.एल.राईस इण्डस्ट्रीज घोड़ारी, तहसील महासमुंद की जांच में फर्म के मिल परिसर में धान के 756 कट्टों पर मार्कफेड का मार्का के.एम.एस. 2019-20 तथा धान उपार्जन केन्द्र मामाभांचा का वर्ष 2019-20 का मार्का लगा हुआ पाया गया। जिसके बारदानों की सिलाई लाल रंग की सुतली से की गई है। जांच तिथि तक फर्म का खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करने हेतु पंजीयन नहीं हुआ था। जिससे स्पष्ट है कि फर्म के द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन एवं मार्कफेड से अनुबंध कराए बिना शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान अवैध रूप से मिल परिसर में संग्रहित किया गया। मेसर्स एन.एल.राईस इण्डस्ट्रीज घोड़ारी, तहसील महासमुंद का उपरोक्त कृत्य छ.ग. शासन, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर के पत्र क्रमांक एफ 4-9/खाद्य/2019/ 29-1 रायपुर दिनांक 06 नवम्बर 2019 खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान उपार्जन एवं मक्का उपार्जन नीति की कंडिका 16.6 एवं 18.1 का तथा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग नीति की कंडिका 6.1, 6.3 एवं 9.2 का स्पष्ट उल्लंघन है।
उक्त गंभीर अनियमितता के लिए मेसर्स एन.एल.राईस इण्डस्ट्रीज घोड़ारी, तहसील महासमुंद के प्रोपाईटर श्री अक्षत गोयल आत्मज श्री अनूप गोयल के विरूद्ध पुलिस थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुये जांच संबंधी नस्ती खाद्य अधिकारी अजय कुमार यादव के आदेश पर खाद्य निरीक्षक महासमुन्द मदन मोहन साहू द्वारा मूल नस्ती प्रस्तुतकरते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई। - महासमुंद 09 जून : कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद द्वारा कोविड-19 के तहत् लैब तकनीशियन के अस्थायी पदों पर विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जिसके तहत् इच्छुक अभ्यर्थियों द्वारा निर्धारित तिथि तक प्रस्तुत आवेदनों पर दावा-आपत्ति आमंत्रित की गईं थीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्राप्त आवेदनों का निराकरण करते हुए मेरिट सूची, कौशल परीक्षा के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची, कौशल परीक्षा, प्रवेश पत्र (तिथि सहित) सूचना आदि जारी कर दी गई है। लैब तकनीशियन की भर्ती नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से संबंधित प्रकरणों में जांच के लिए की जा रही है। निर्धारित तिथि अनुसार अभ्यर्थियों की कौशल परीक्षा आगामी 15 जून 2020 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला महासमुद के कार्यालय में सुबह 10ः00 बजे से आयोजित की जाएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा कर दी गई है। इसके अलावा अभ्यर्थी जिले की वेबसाइट ूूूण्उंींेंउनदकण्हवअण्पद में भी इसका अवलोकन कर सकते हैं।
- कोविड-19 आपदा से निपटने के लिए क्रेडा विभाग ने भी हाथ बढ़ाए
क्रेडा विभाग ने आगामी समय में पंखे लगाने का भी रखा प्रस्ताव
महासमुंद 09 जून : कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए जिला चिकित्सालय और जीएनएम नर्सिंग सेंटर महासमुंद के नए सिरे से संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग ने भी रूचि दिखाते हुए जिला चिकित्सालय और आइसोलशन वार्ड में बिजली की कम खपत करने के लिए कम भार लेकर अधिक रोशनी देने वाली 170 नग ट्यूब लाइट्स उपलब्ध कराई हैं। मंगलवार को अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के सहायक अभियंता श्री एनके गायकवाड ने सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल से मुलाकात कर बताया कि अस्पताल को उपलब्ध कराई गई ट्यूब लाइटें ऊर्जा संरक्षण मद से की गईं हैं। इसके साथ ही क्रेडा की ओर से कम बिजली की खपत और कम करने के लिए तीस वाट वाले सीलिंग फैन भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया। आगामी समय में चिकित्सालय परिसर में बाहर की ओर लगी 400 वाट की बिजली की खपत वाली बड़ी लाइटों को भी 110 वाट वाली एलईडी से रिप्लेस किया जाएगा। -
महासमुंद 09 जून : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, के प्रबंध संचालक श्री अंकित आनंद के द्वारा जिले का आकस्मिक दौरा किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल एवं जिला खाद्य अधिकारी श्री अजय यादव सहित उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधि एवं खाद्य विभाग से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान श्री आनंद ने जिला मुख्यालय स्थित धान संग्रहण केन्द्र तुमाडबरी का निरीक्षण किया। उन्होंने धान के रख-रखाव, बारिश से बचाव के लिए संबंधित अधिकारियांे को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आसन्न मानसून से प्रभावित होने की संभावना वाले स्टैग का सूक्ष्मता के साथ निरीक्षण किया और ऐसे स्टैग के प्राथमिकता के आधार पर उठाव एवं निराकरण के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने संग्रहण केन्द्र के अभिलेखों का निरीक्षण किया और संग्रहण केन्द्र प्रभारी को निर्देश देते हुए कहा कि संग्रहण केन्द्र के समस्त दस्तावेजों को अपडेट रखें।
इसके उपरांत विपणन संघ के प्रबंध संचालक श्री अंकित आनंद ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर जिले के धान संग्रहण केन्द्र में संग्रहित एवं उपार्जन केन्द्रांे में शेष धान के निराकरण के संबंध में विस्तृत चर्चा की। बैठक में उन्होंने कहा कि समितियों में मौजूद धान के उठाव मिलर्स से प्राथमिकता से कराना सुनिश्चित करें, संग्रहण केन्द्रों से अधिकतम धान मिलरों द्वारा उठाए जाना चाहिए। उन्होंन यह भी कहा कि संग्रहण केन्द्रों से उठाए गए धान मिलर्स अपनी क्षमता के अनुसार मिलिंग करंे, इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात् जिले के मिलर द्वारा भी प्रबंध संचालक श्री आनंद से सौजन्य मुलाकात कर जिले में शेष धान के कस्टम मिलिंग के संबंध में चर्चा की गई। -
महासमुंद 09 जून : भारत के अनेक राज्यों सहित छत्तीसगढ राज्य भी़ कोरोना संक्रमण (कोविड-19) का दंश झेल रहा है। लॉकडाउन की स्थिति के कारण अनेक लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए है। लेकिन वहीं लॉकडाउन में कुछ सकारात्मक सामाजिक बदलाव भी देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ी समस्या उन परिवारों की थी, जिसमें शादी जैसे मांगलिक कार्यक्रम होने थे। पूर्व में समाज के मुखियाओं के द्वारा कई सामाजिक बैठकों में भी निर्णय किया जा चुका है कि वैवाहिक कार्यक्रमो में होने वाले अनावश्यक खर्चो को कम किया जाए। लेकिन इस निर्णय को अमली जामा पहनना मुशिकल हो चुका था।
वैवाहिक कार्यक्रमों में इससे जुड़े अनेक फिजूल खर्चें समाज मे इस कदर अपनी पैठ बना चुका है कि इनसे बाहर निकलना केवल कागजों तक सीमित रह चुका था। कहा जाता है जब समुद्र मंथन होता है तो विष के साथ-साथ अमृत भी निकलता है। ठीक उसी प्रकार कोरोना संक्रमण के दौर में भी कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। जहाँ पूर्व में मांगलिक कार्यो मे जन सामान्य अपनी शक्ति से बाहर खर्च कर अपने सामाजिक रुतबे को पहचान देने के कारण अनावश्यक खर्चें करते हैं, वही गरीब तबके के लिए भी ये खर्चे, आवश्यक चीजों में गिने जाते है, जिसके कारण लोगों में बेवजह कर्ज का बोझ बढ़ जाता था और इसको चुकाने में उम्र बीत जाती थी। पर अब ऐसा नही है संक्रमण के इस समय मे लोग वैवाहिक कार्यक्रम में होने वाली बेवजह के खर्चो से बच रहे है। वर या वधु दोनांे पक्ष के तरफ से मात्र 20 हजार से 50 हजार तक के खर्च में अब शादी जैसे बड़े कार्यक्रम होने लगे है।पूर्व से ही राज्य शासन द्वारा कई योजनाओं के तहत सामूहिक विवाह करवाए जाते है। लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में लॉकडाउन की स्थिति में यह विवाह, सामूहिक विवाह के अंतर्गत आने वाले खर्च से भी कम खर्च में संपन्न हो रहा हैं।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा श्री भागवत जायसवाल ने बताया कि विवाह की अनुमति के लिए न केवल गरीब परिवार अपितु सम्पन्न परिवार भी आते है। उन्हीं परिवारों से पता लगा कि इस कोरोना संक्रमण के दौर में शादियां कितनी सस्ती हो गई है। अगर वधु पक्ष के आभूषणांे को छोड़ दे तो दोनों पक्षों वैवाहिक अनुमानित लागत 20 हजार से 50 हजार तक आ रहा है। इससे वर-वधु दोनों पक्ष इस विवाह से काफी खुश है। यह बदलाव की स्थिति निम्न, मध्यम और उच्च आर्थिक स्थिति रखने वाले सभी वर्गों के लोगांे को आकर्षित कर रही है। अनुविभागीय कार्यालय (राजस्व) बागबाहरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 651 लोगों को वैवाहिक कार्यो के लिए अनुमति प्रदान किया जा चुका है।
इसके सकारात्मक परिणाम को देखते हुए आवेदनों की संख्या बढ़ रही है, वहीं प्रशासन भी कोरोना के बीच रह कर आम जन जीवन को सामान्य बनाने में लोगो की मदद कर रहा है। आज भी कई जगह लॉकडाउन की वजह से कई शादियां टालनी पड़ी है। विभिन्न धार्मिक परंपराओं के अनुसार हमारे देश में वैवाहिक कार्यक्रम के लिए कुछ ही ऐसे महीने होते हैं जिसमें विवाह शुभ माना जाता है। आम नागरिकों की चिंता इसी बात को लेकर थी कि ऐसे मांगलिक कार्यक्रम लॉक डाउन में शुभ मुहर्त पर संभव हो पाएगा कि नहीं। जनसामान्य की इन्हीं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बागबाहरा ने लॉक डाउन के दौरान शादी की इजाजत कुछ शर्तों के साथ दी हैं। पूर्व के नियमांे और शर्तों में वर पक्ष और वधु पक्ष से 2 से 4 व्यक्तियों की मौजूदगी में वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न किए जाते थे। परन्तु वर्तमान में इस नियम को शिथिल करते हुए वर और वधु दोनों पक्षों को मिला कर कुल 50 व्यक्तियों के साथ ये मांगलिक कार्य किए जा सकते है। इन शादियों में भी कोरोना संकटकाल के प्रोटोकॉल लागू हो रहे हैं जैसे मुंह में मास्क लगाना, हाथ धोना, सामाजिक दूरी का पालन करना, अधिक भीड़-भाड़ ना करना, सामूहिक भोजन का आयोजन ना करना एवं अनावश्यक आवागमन नहीं करना आदि प्रमुख नियमों का पालन सुरक्षा से किया जा रहा है। नियम और शर्तों के साथ ऐसे प्राप्त आवेदनों में वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित व्यक्तियों, रिश्तेदारांे के नाम लिख कर अनुमति दी जा रही है।
ऐसे में कहीं न कहीं समाज में यह बात पहुंच रही है कि विवाह जैसे मांगलिक कार्य कम खर्चे और कुछ अनिवार्य परिवारिक सदस्यों के मध्य में करवाए जा सकते है। इससे बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगेगी। कोरोना काल मंे लोग वैवाहिक कार्यक्रमांे में होने वाले बेफिजूल खर्चो पर पुनः विचार कर अपने रूढ़ि-धारणाओं को बदल रहे है। तहसील बागबाहरा में स्थानीय प्रशासन कोरोना संक्रमण से आम नागरिकों के बचाव के साथ-साथ उनके सुख-दुख में सहयोग प्रदान कर रहा है। इसी के साथ ही स्थानीय प्रशासन आम नागरिकों से अपील कर रहा है कि कोरोना की जानकारी ही कोरोना से बचाव है। सोशल डिस्टंेनसिंग का पालन करना, समय समय मे हाथ धोना, अनावश्यक घर से बाहर न निकलना ,मास्क पहनना आदि कोरोना सक्रमण से बचाव के तरीके है। -
महासमुंद 09 जून : कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों एवं जिले में फंसे प्रवासी श्रमिक एवं नागरिक अपने गृह ग्राम पहुंच रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते ऐसे लोगों को जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में निर्धारित अवधि के लिए रखा गया हैं, जहां प्रशासन द्वारा उन्हें मूलभूत सामग्री के साथ-साथ उन्हें स्वाास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए समाजसेवी, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए यथासंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं। इसी कड़ी में सरायपाली निवासी श्री मदन लाल अग्रवाल द्वारा अपने माता-पिता स्वर्गीय श्री गजानन्द अग्रवाल एवं स्वर्गीया श्रीमती कमला देवी अग्रवाल की स्मृति में 1.5 टन का एयर कंडिश्नर एवं सरायपाली अघरिया समाज के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा 02 टन का एयर कंडिश्नर महासमुंद जिले में बनाए जा रहे कोविड-19 के आईसोलेशन वार्ड के लिए दान दिए हैं। - जिला चिकित्सालय के होंगे दो भागजीएनएम नर्सिंग सेंटर बदलेगा आइसोलेशन वार्ड मेंपार्टीशन कर की जा रही है पृथक से व्यवस्थाभोजन व निगरानी सहित कोविड के मरीजों की होगी अलग से देखभालबिना प्रभावित किए सामान्य उपचार यथावत रहेंगे जारी
जिला चिकित्सालय में की जाएंगी कोविड की विशेष सेवाएं
कोरोना से संक्रमित हो या साधारण मरीज बिना एक दूसरे के संपर्क में आए मरीजों की कि जाएगी उपचार
जिला चिकित्सालय में आंशिक रूप से बदलाव करते हुए परिसर को कोविड और नाॅन कोविड में तब्दील करने के साथ-साथ जीएनएम नर्सिंग सेंटर को आइसोलेशन वार्ड के लिए अपग्रेड किया जा रहा है
महासमुंद 09 जून : जिले में बढ़़ते प्रवासी मजदूरों की संख्या के साथ कोविड-19 के प्रकरण के आने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबंध की तैयारी में जुटे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय और जीएनएम नर्सिंग सेंटर में चिकित्सकीय प्रबंधन एवं व्यवस्थाओं को लेकर नई योजना तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसके तहत चिकित्सालय में शीट लगा कर पार्टीशन के जरिए भवन को दो भागों में बांटा जा रहा है। पहले भाग को नाॅन कोविड पार्ट में ओपीडी व सामान्य उपचार सहित आपातकालीन सेवाएं मरीजों को निर्बाध रूप से उपलब्ध होती रहेंगी। इसी तरह दूसरे भाग को कोविड क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे दो पृथक-पृथक भागों में अलग-अलग प्रकार के मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित और सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों का आपसी संपर्क ना हो। कोविड पार्ट कोे अट्ठाईस बिस्तरों सहित अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। यहां जिले भर से आए अनुभवी चिकित्सकीय दल की ड्यूटी लगाई जाएगी। इस नई योजना का दूसरा अहम बिंदु जीएनएम नर्सिंग सेंटर है, जहां पृथक कक्षों में पहले से आपेक्षित अधिकांश सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब इसे पूर्ण रूप सेे आइसोलेशन वार्ड में बदलाव किया जा रहा है। दोनों तरह के बदलाव होने से सही समय पर मरीजों का उपचार करने में आसानी होगी।
आने वाले समय में आने वाले मरीजों को दो श्रेणियों में क्रमशः ए यानी कोविड पाॅजिटिव के वे मरीज जिनमें सर्दी, खांसी या बुखार जैसे कोरोनिक लक्षण नहीं होंगे, उन्हें जीएनएम नर्सिंग सेंटर के आइसोलेशन में रखा जाएगा, वहीं पार्ट बी मतलब जिला चिकित्सालय के कोविड पार्ट में कोविड-19 के ऐसे पाॅजिटिव मरीजों को उपचारित किया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई देंगे। सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए जिला चिकित्सालय के कोविड पार्ट सहित जीएनएम आइसोलेसन वार्ड दोनों में अलग-अलग डाॅनिंग और डाॅफिंग क्षेत्र बनाए जाएंगे। यहां प्रवेश एवं निकासी के दौरान संक्रमण रोकथाम के लिए पीपीई किट एवं वस्त्र इत्यादि बदलने के साथ-साथ सैनिटाइजेशन की पूरी सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस कार्य के लिए चिकित्सालय परिसर के अंतिम छोर से जीएनएम नर्सिंग सेंटर के आइसोलेशन वार्ड की ओर एक पृथक मार्ग का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि कोविड-19 की व्यवस्था प्रदाय करते समय अन्य चिकित्सकीय सेवाओं में संलग्न कर्मचारियों एवं मरीजों में आपसी संपर्क नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यह बदलाव बहुत सोच-विचार के बाद जिला प्रशासन के अनुभवी अधिकारियों एवं चिकित्सकों की देख-रेख में किए जा रहे हैं। इस प्रकार सेवाओं और सुविधाओं के मिलने से मरीजों के लिए बाहर जा कर उपचार कराने की बाध्यता समाप्त होगी। -
गर्भवती माताओं के डिलीवरी के लिए ब्लॉक मुख्यालय बागबाहरा में बनाया गया विशेष आइसोलेशन वार्ड
महासमुंद 08 जून : बागबाहरा तहसील के अंतर्गत स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों का आना जारी है। इन प्रवासी श्रमिकों में पुरुष, महिला एवं बच्चे शामिल हैं। ये सभी प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों एवं जिले से आ रहे हैं। इन श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रोकना स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा श्री भागवत प्रसाद जायसवाल के मार्गदर्शन में ना केवल पुरुष, बच्चों अपितु महिलाओं की समस्याओं का भी विशेष ध्यान रखते हुए स्थानीय स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले माताओं को निःशुल्क गरिमा कीट (सेनेटरी पैड) का वितरण किया गया। बागबाहरा तहसील के अंतर्गत स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में वर्तमान में 1391 महिलाएं आइसोलेशन में है। इन महिलाओं के मासिक दिनों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा पहल करते हुए कुल 1160 गरिमा किट वितरण करने का लक्ष्य रखा है।
इस कड़ी में आज बागबाहरा तहसील के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों, मितानिन, महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से बड़ी संख्या में गरिमा किट का वितरण किया गया। इसमें 45 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड्स मासिक आवश्यकता की अनिवार्य वस्तु है, जिसे संकोच के कारण अन्य कर्मचारियों से मंगवा नही सकती। इसीलिए उन्हें यह उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वो इस दौरान होने वाले मानसिक दिक्कतों और शारीरिक संक्रमण से बच सके। इसके साथ-साथ विकासखण्ड मुख्यालय में 09 माह की गर्भ धारण अवधि वाली महिलाओं को विकासखंड स्तर के आइसोलेशन चिकित्सा केन्द्र में लाकर उनकी सुरक्षित डिलीवरी की भी तैयारी की जा रही है, जिससे कि उनको और उनके होने वाले बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
प्रशासन की इस योजना को लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाली महिलाएं प्रशासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत खाद्य पदार्थों का वितरण, क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने की व्यवस्था ,पीने के पानी की व्यवस्था ,गर्मी के दिनों में कूलर की व्यवस्था और अब गरिमा किट का जो वितरण किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने भी बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे अपने आने की किसी भी प्रकार की जानकारी प्रशासन से ना छुपाएं एवं 14 दिन के अनिवार्य क्वॉरेंटाइन को स्वीकार करते हुए स्थानीय स्तर पर बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहकर प्रशासन एवं स्थानीय लोगों की मदद करें जिससे कोविड-19 के संक्रमण को रोका जा सकें। -
क्वारंटीन केन्द्रों में सुरक्षा जागरूकता के साथ बनाया जा रहा नशा उन्मूलन का माहौल
महासमुंद 08 जून : वर्तमान परिपे्रक्ष्य में जिले में अन्य राज्यों से आए बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक क्वारंटीन केन्द्र में रह रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा इनके समुचित देख-रेख और खान-पान के लिए पर्याप्त प्रबंध क्वारंटीन केन्द्रों पर ही किए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् जिला तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र दल आवश्यक सावधानियां बरतकर लगातार क्वारंटीन केन्द्रों में जाकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नशा उन्मूलन के लिए जागरूकता जानकारी प्रदान कर रहे है। इसी कड़ी में सोमवार 08 जून 2020 को महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम फुलवारी, बावनकेरा और पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम गड़बेड़ा एवं ग्राम मुढ़ीपार के शासकीय विद्यालयों में स्थापित दो क्वारंटीन केन्द्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षा, सावधानी एवं तंबाकू व अन्य नशा उन्मूलन संबंधी जागरूकता जानकारी दी गई।
इस दौरान ग्राम बावनकेरा के लोगों ने हरी सब्जियों के थोड़ी कमी होने की जानकारी दी। जिस पर जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र दल के सदस्यों ने गांव के सरपंच से चर्चा कर हरी सब्जियों के साथ हरी मिर्च एवं नमकीन इत्यादि की व्यवस्था करने को कहा। उल्लेखनीय है कि चिकित्सकों की राय में क्वारंटीन की अवधि में रह रहे नशे के आदी मरीजों के लिए उक्त खाद्य पदार्थ विड्रो सिमटम्स को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता हैं। यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे के मार्गदर्शन में जिला तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र के सामाजिक कार्यकर्ता श्री असीम श्रीवास्तव एवं उनके टीम द्वारा लगातार क्वारंटीन संेटर पहुंचकर क्वारंटीन केन्द्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षा, सावधानी एवं तंबाकू व अन्य नशा उन्मूलन संबंधी जानकारी लगातार दी जा रही हैं। -
सोमवार की अल-सुबह तीन कोरोना पाॅजिटिव प्रकरणों के स्वस्थ होकर घर वापस लौटने के साथ-साथ दोपहर तक एक अन्य प्रकरण में पाॅजिटिव से निगेटिव होने का सुखद समाचार मिला,
जिले में पाॅजिटिव से निगेटिव होने का कुल आंकड़ा पांच प्रकरणों के साथ तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है
महासमुंद 08 जून : जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम भदरसी के रहने वाले पहले प्रकरण के स्वस्थ होकर घर वापस कल 07 जून को लौटने के बाद आज 08 जून 2020 को सुबह लगभग ढ़ाई से चार बजे के बीच ही तीन और कोरोना पाॅजिटिव प्रकरण राजधानी स्थित एम्स के चिकित्सालय से उपचारित होकर सकुशल घर वापस लौट आए हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें सरायपाली विकाखण्ड के ग्राम तोषगांव के 24 वर्षीय युवा के साथ बसना विकासखण्ड के ग्राम बरतियाभाठा के 48 वर्षीय तथा बागबाहरा मुख्यालय से 54 वर्षीय पुरुष शामिल हैं। इन्हें, 31 मई 2020 को उपचार के लिए राजधानी रायपुर के एम्स चिकित्सालय भेजा गया था, वहीं बसना विकासखण्ड के ग्राम संतपाली निवासी एक और कोविड-19 पाॅजिटिव प्रकरण 29 मई 2020 को उपचार के लिए एम्स रवाना किया गया था। पिछले चैबीस घंटों में यह चैथा प्रकरण रहा जिसे मंगलवार 08 जून 2020 की दोपहर तक उपचार उपरांत कोविड-19 का निगेटिव घोषित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिले में लगातार दो दिनों से मिल रही सकरात्मक सूचनाओं के साथ स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कुल पांच प्रकरणों में कोविड पाॅजिटिव से कोविड निगेटिव हो जाने की पुष्टि कर दी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य शासन, जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य अमला लगातार बेहतर प्रबंधन और सुचारू व्यवस्था संचालन व नियोजन के लिए तत्परता से कार्य कर रहे है, जिसके परिणास्वरूप अब जिले में कोविड-19 पाॅजिटिव प्रकरणों के निगेटिव होनेे की जानकारी मिल रही हैं। - महासमुंद 08 जून : वैश्विक महामारी के इस आपातकाल दौर में जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंदो तक हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हैं। सामाजिक निगमित दायित्व के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् चयनित महिला स्व-सहायता समूह के सहयोग से लगभग 600 लीटर सेनेटाईजर का निर्माण कराकर आम जनों को उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा हैं, ताकि महासमुंद में सामाजिक स्तर पर वैश्विक महामारी से लड़ने की क्षमता आ सकें। वर्तमान समय में जहां लोग घर से बाहर निकलकर काम करने को तैयार नही हो रहे हैं, वहीं महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पतेरापाली की जय माॅ ख्ल्लारी स्व-सहायता समूह की महिलाओं (12 सदस्य) एवं ज्ञान ज्योति महिला स्व-सहायता समूह (10 सदस्य) तथा ग्राम पंचायत लभराखुर्द की एकता स्व सहायता समूह (10 सदस्य) एवं रिद्धि-सिद्धि (13 सदस्यीय) महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही हैं। महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा सेनेटाईजर का निर्माण किया जा रहा है और उसे कम कीमत में विक्रय करने का कार्य कर रही है।
- महासमुंद 08 जून : जिले के विभिन्न गांवों में बनाए गए क्वारेंटाईन सेंटर में लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वहां पर निवासरत् महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान मंे रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विशेष पहल कराई जा रही हैं। महिलाओं के मासिक धर्म के समय स्वच्छता उनकी स्वास्थ्य मूलभूत आवश्यकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए महासमुन्द जिले के सभी क्वारंेटाईन सेंटर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा निवासरत् सभी महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को सैनेटरी पैड वितरित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने बताया कि इनमें विकासखण्ड महासमुन्द में 850, सरायपाली में 635, बसना में 1336, पिथौरा में 1643 एवं बागबाहरा विकासखण्ड में 1451 महिलाएँ एवं किशोरी बालिकाएं क्वारंेटाईन सेंटरों में निवासरत् हैं।
जिले के सभी सेंटरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सैनेटरी पैड वितरित कराया जा रहा है। आठ जून 2020 को विकासखण्ड सरायपाली के ग्राम मोखापुटका क्वारंेटाईन सेंटर में जनपद पंचायत के मुुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती स्निग्धा तिवारी, महासमुन्द विकासखण्ड के विभिन्न क्वारेंटाईन सेंटर जाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेम्भुलकर, डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल एवं बागबाहरा विकासखण्ड में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सुश्री लितेश सिंह द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में जाकर किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को सैनेटरी पैड वितरित किया गया। -
क्वांरटीन तंबाकू मुक्ति अभियान- डब्ल्यूएचओ और एनटीसीपी के अनुसार जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र ने जारी की एडवाइजरी
नशा छोड़ने के बीस मिनट के अंदर ही हृदय की धड़कन और रक्तचाप सामान्य होने लगता हैंदो घंटे बाद शरीर में मौजूद कार्बन मोनो-ऑक्साइड का स्तर घटने लगता हैबारह हफ्तों के अंदर फेफड़ों की कार्य क्षमता में सुधार महसूस होता हैतीन महीने के नियमित अभ्यास से तंबाकू का नशा छूट सकता हैविड्रोल सिमटम्स में सौंफ, लौंग, इलाइयची, अजवाइन, च्यूइंगम और पैचेस मददगार होते हैं
महामारी अधिनियम 1897 लागू होने से तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित है। इस दौरान तंबाकू या सिगरेट आदि के न मिलने से ही कई लोगों की तलब अपने आप कम हो रही है। यदि आप चाह कर भी नशे से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं, तो जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र से मुफ्त दवा लेकर इससे छुटकारा पा सकते हैं
महासमुंद 07 जून : देशव्यापी लाॅकडाउन के दौर में स्वयं और अपने परिवार का स्वास्थ्य ही सर्वोच्च प्राथमिकता है, तो नशे की लत को भी स्वयं पर क्यों हावी होने दिया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू और निकोटिन से दूषित हाथ-मुंह और कमजोर पड़ रहे फेफड़े, कोरोना वायरस केे संक्रमण का दायरा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र दल ने आमजन से अपील करते हुए तंबाकू के आदी लोगों को कोविड-19 के खतरे के प्रति विशेष तौर पर आगाह किया है। उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष लगभग एक हजार से अधिक लोगों ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत संचालित जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र में परामर्श लिया और नागरिकों को नशा उन्मूलन की दिशा में आगे आए। इस समय कोरोना वायरस के संक्रामक दौर में लोगों ने कुछ ही माह में ही नशा छोड़ने का अभ्यास किया और अब उनके द्वारा किसी भी तरह का नशा का सेवन नहीं किया जा रहा है। नशा-मुक्ति परामर्शदाता की राय में तंबाकू छोड़ने के लिए लॉक डाउन और क्वारंटीन का समय सर्वोत्तम है। उन्होंने बताया कि अगर तीन महीने तक कोई धूम्रपान या तंबाकू आदि से दूर रह ले, तो फिर वापस से इनकी लत लगने की संभावना एक चैथाई प्रतिशत से भी कम रह जाती है। इस अवधि में जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र से परामर्श कर अपनी सबसे बुरी आदत से पीछा छुड़ा सकते हैं। नशा मुक्ति केन्द्र के सामाजिक कार्यकर्ता श्री असीम श्रीवास्तव ने महासमुंद विकासखण्ड के तुमगांव, नवागांव, चिरको एवं बनपचरी में क्वारंटीन केन्द्र पर रह रहे लोगों को फिजिकल डिस्टिेंसिंग में सवाल-जवाब कर विड्रोल सिमटम्स से उबरने के मनोवैज्ञानिक तरीके बताया।
केस वनः- मैं बीड़ी पीता हूं तो क्या मुझे कोरोना पकड़ सकता है...
उत्तर- सिगरेट और बीड़ी जैसे धूम्र उत्पाद सीधे तौर पर कोरोना का संक्रमण नहीं फैलाते, लेकिन ये फेफडे के कैंसर का प्रमुख कारण होने के साथ-साथ उनमें कार्बन मोनो-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ा देते है, इससे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने की क्षमता कम हो जाती है।
केस टूः- बीड़ी तो नहीं पीता लेकिन, गुटखा और गुड़ाखू की लत कैसे छोड़ूं...
उत्तरः- यह आपके साथ-साथ दूसरों के लिए भी घातक है। प्रायः मुंह का कैंसर तंबाकू चबाने से ही होता है। यह हाथ-मुंह से छूने एवं थूकने से कोरोना संक्रमण के खतरे को भी बढ़ता है। क्योंकि, आप अभी क्वारंटीन में हैं, तो हल्का व्यायाम, योग, अधिक मात्रा में पानी, नमकीन एवं मिर्च आदि का उपयोग कर नियंत्रण बना सकते हैं। -
महासमुंद 07 जून : जिले में पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत् जिला शिक्षा अधिकारी श्री रॉबर्ट मिंज के मार्गदर्शन में बागबाहरा विकासखण्ड के उच्च प्राथमिक शाला पचेड़ा की शिक्षिका श्रीमती नेहा दुबे ने पी पी टी के माध्यम से कक्षा सातवीं अंग्रेजी, ममाभाचा के शिक्षक डी बसन्त साव ने कक्षा 6 वीं विज्ञान में पृथक्करण की विभिन्न विधियों को प्रयोगात्मक तरीके से रुचिकर अध्यापन किया उन्होंने आरेख चित्र के माध्यम से दैनिक जीवन मे उपयोग होने वाले उदाहरणों से घर मे करके देखो जैसे होम वर्क देकर सामान्य कक्षा की तरह वर्चुअल क्लास को नवाचारी ढंग से प्रस्तुत किया ।
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा वर्चुअल क्लास की छात्रों एवं शिक्षकों के बीच बढ़ती लोकप्रियता पर प्रसन्नता व्यक्त की। बी.आर.सी ने 15 तारीख तक सभी शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ कर विद्यार्थियों तक पहंुचने की योजना बताई। वर्चुअल प्रभारी सुबोध तिवारी ने ऑनलाइन क्लास में आने वाली दिक्कत को दूर कर सभी शिक्षकों के आॅनलाइन क्लास को प्रोत्साहित करने शिक्षकों का संकुल वार ग्रुप तैयार करने की बात कही। विजय शर्मा द्वारा पालकों को एन्ड्राॅयड मोबाईल की उपलब्धता के लिए योजना बनाने व पालकों से सहयोग करने पालक सम्पर्क अभियान चलाने के वर्चुअल तरीकंे पर शिक्षकों को आह्वान किया। वर्चुअल कार्यक्रम का संयोजन ममाभाचा समन्वयक श्री डी.डी. वैष्णव व उनकी शिक्षक टीम ने किया। सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री नितिन लहरे द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग किया जा रहा है। -
महासमुंद 07 जून : जिले में वैश्विक महामारी के इस आपातकाल दौर में जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंदो तक हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस क्रम में सामाजिक निगमित दायित्व के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् चयनित महिला स्व-सहायता समूह के सहयोग से 600 लीटर सेनेटाईजर का निर्माण कराकर आम जनों को उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा हैं, ताकि महासमुंद में सामाजिक स्तर पर वैश्विक महामारी से लड़ने की क्षमता आ सकें। वर्तमान समय में जहां लोग घर से बाहर निकलकर काम करने को तैयार नही है, वहीं महासमुंद विकासखण्ड की महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही हैं। महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा सेनेटाईजर का निर्माण किया जा रहा है और उसे कम से कम कीमत में विक्रय करने का कार्य कर रही है।
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कोविड 19 के नियंत्रण के लिए रविवार से प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग सहित जनप्रतिनिधियों और धनात्मक प्रकरणों के प्राथमिक संपर्क में आने वालों को हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन की टेबलेट
खिलाना शुरू किया गया
महासमुंद 07 जून : कोरोना से संक्रमण का सबसे अधिक खतरा उनको है, जो संवेदनशील इलाकों और परिस्थितियों में स्वास्थ्य परीक्षण, निगरानी और प्रबंधन सहित कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन की कवायद में जुटे हुए हैं। राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को उनकी सुरक्षा का भी ख्याल है। इसी कड़ी में 07 जून 2020 से एहतियात के तौर पर रोजाना कोरोना वायरस से सामना करने वाले प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य महकमे से आपालकालीन सेवाओं में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों सहित जनप्रतिनियों और कोविड-19 के प्राथमिक संपर्क यानि प्रायमरी कान्टेक्ट में आने वाले लोगों को हाइड्राक्सी क्लोराक्वीन की टेबलेट खिलानी शुरू की गई। उल्लेखनीय है कि यह वही दवा है जो तकरीबन सौ वर्ष पूर्व मलेरिया जैसी बीमारियों के उपचार के लिए ईजाद की गई थी। हालांकि यह कोविड 19 की बीमारी या उपचार के लिए पूर्णतः सटीक व कारगर नहीं मानी जाती हैं, किन्तु वर्तमान परिप्रेक्ष में विशेषज्ञों की राय के आधार पर इसका उपयोग शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
इस संबंध में हाल ही में जिले में तैयारियों का जायजा लेने आए राज्य के उच्च स्तरीय अधिकारियों में ओएसडी श्री वेंकट राहुल, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डाॅ. प्रणीत कुमार एवं जिला प्रभारी डाॅ वायके शर्मा ने महासमुंद के जिला चिकित्सालय सहित कन्टेन्मेंट जोन बागबाहरा एवं क्वारंटीन केन्द्रों का भ्रमण किया था। इसके उपरांत राज्य स्तरीय दल ने कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल से मुलाकात कर चर्चा की और इस दौरान हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन दवा खिलाए जाने पर विचार किया गया। इस तारतम्य में कलेक्टर श्री गोयल के निर्देश के परिपालन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा भंडारण कर रविवार से ही संबंधितों को दवा खिलानी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विशेषज्ञों की राय एवं उचित देख-रेख में आयु-वर्ग व शरीरिक क्षमता और आवश्यकतानुरूप दवा का सेवन कराया जाएगा। -
जिला प्रशासन की तत्परता और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत रंग लाईपॉजिटिव मरीज के निगेटिव हो जाने से मिलने लगे सकारात्मक संकेतबागबाहरा के भदरसी गांव का रहने वाला मजदूर बाराबंकी उत्तरप्रदेश से लौटा था, क्वारंटीन अवधि में ही उसके पाॅजिटिव होने की पुष्टि होने पर रातों-रात उसे उपचार के लिए भेजा गया राजधानी स्थित माना अस्पताल
महासमुंद 07 जून : रविवार का दिन जिले के लिए राहत भरा रहा। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तत्परता के चलते पहला प्रकरण सामने आया जो कोरोना को मात दे गया। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बागबाहरा विकासखंड के ग्राम भदरसी का रहने वाला व्यक्ति 23 मई 2020 को बाराबंकी उत्तरप्रदेश से लौटा था। लौटते ही उसे स्थानीय प्रशासन ने भदरसी के क्वारंटीन केन्द्र में 14 दिवस के लिए निगरानी में रखा गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 28 मई 2020 को उसके स्वाब के नमूने जांच के लिए एम्स भेजे गए और 31 मई 2020 को उसके कोविड-19 पाॅजिटिव होने की पुष्टि हुई। सूचना मिलते ही राज्य शासन एवं जिला प्रशासन ने प्रकरण को संज्ञान में लिया।उस व्यक्ति को तत्परता से 31 मई 2020 की रात में ही उपचार के लिए राजधानी स्थित माना अस्पताल भेजा गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उपचारित व्यक्ति कोविड 19 से जंग जीत कर सकुशल लौटा है। जिसे जिले में ही 07 दिवस निगरानी में रखा गया है। ज्ञात हो कि इस बात से न केवल संबंधित संदिग्ध मरीज के परिजन, बल्कि जिलेवासियों में भी खुशी की लहर है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तत्परता के चलते अब जिले में कोविड 19 पाॅजिटिव प्रकरणों के स्वस्थ होकर घर वापस लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। -
प्रवेश करने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज
प्रवासी व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण सभी को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया गयामहासमुंद 01 जून 2020/ कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले में शासन के निर्देशों के तारतम्य में अनेक कदम उठाए गए हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंेटाईन सेंटर बनाए गए है। इसी कड़ी में महासमुंद के सरायपाली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम कलेण्डा ब्लाक सरायपाली में शासकीय उच्चतर माध्यमिक. विद्यालय कलेण्डा को शासकीय क्वारटाईन सेंटर बनाया गया है। इस क्वारंटाइन सेंटर में वर्तमान में 29 प्रवासी मजदूर रखे गये है। क्वारंटाइन में रखे गये प्रवासी मजदूर त्रिपुर (तमिलनाडू), पुणे (महाराष्ट्र) उत्तर प्रदेश एवं उडिसा के विभिन्न जिले से आये है जो की अंत्यंत संवेदनशील है।सरायपाली अनुविभागीय अधिकारी श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि 05 जून 2020 को शाम 04ः30 बजे ग्राम कोटवार कलेण्डा एवं अन्य ग्रामवासी ग्राम पंचायत कलेण्डा द्वारा प्रशासन एवं पुलिस को सूचना दिया कि ग्राम कलेण्डा के शासकीय क्वारंटाइन सेंटर में 12 लोगों ने अनाधिकृत रूप से प्रवेश किया है, यह सूचना मिलने के उपरांत थाना प्रभारी सिंघोडा तत्काल बल के साथ ग्राम कलेण्डा पहुंचे। थाना सिंघोंडा के बल मौके पर जब पहुंचे, तो सभी 12 व्यक्ति क्वारंटाइन सेंटर के अंदर मौजूद थें, एवं पुलिस बल के द्वारा सभी को आईसोलेट किया गया। अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के द्वारा मौके पर जाकर मामले की जांच की गई। इस जांच में पाया गया कि सभी 12 व्यक्तियों के द्वारा शासकीय क्वारंटाइन सेंटर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश किया गया है। जिन व्यक्तियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश किया गया उनमें श्री विमल चोपड़ा, श्री रामलाल चैहान, श्रीमती रूपकुमारी चैधरी, श्री त्रिलोचन पटेल, श्री धनेश नायक, श्री राजेन्द्र उपवेजा, श्री कामता पटेल, श्री ऐतराम साहू, श्री विक्की गुरूदत्ता, श्री मोहन कन्नौजे, संजय डउसेना और आनंद बरिहा के नाम शामिल हैं। इन सभी व्यक्तियों का लिखित बयान लिया गया जिसमें उन्होने यह स्वीकार किया गया है कि उनके द्वारा भूलवश क्वारंटाइन सेंटर में प्रवेश किया गया है।अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि शासकीय क्वारंटाइन सेंटर अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने वाले 12 व्यक्तियों को क्वारंटाइन सेंटर के अंदर पृथक किया गया एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचना दिया गया। इसके पश्चात् स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौके पर पहुंच कर सभी व्यक्तियों का रेपिड टेस्ट किट से जांच किया गया तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी व्यक्तियों को क्वारंटाइन में रह रहे प्रवासी व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया गया। इस मामले में पुलिस विभाग के द्वारा सभी व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 ,34 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया है।गौरतालब है की कुछ दिन पूर्व मे ग्राम तोषगांव के क्वारंटाइन सेंटर में त्रिपुर (तमिलनाडू), से वापस आया एक प्रवासी मजदूर 31 मई 2020 को केारोना पाजीटिव पाया गया था। ग्राम भूकेल के शासकीय क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरेां मे से 01 प्रवासी मजदूर का 31 मई 2020 को रिपेार्ट कोरोना पाजीटिव का पाया गया था तथा क्वारंटाइन सेंटर में रिपोर्ट आने से पूर्व अनाधिकृत रूप से मजदूर के माता-पिता मिलने गये थें। रिपोर्ट आने के पश्चात माता-पिता का कोरोना टेस्ट किया गया तो माता का रिपोर्ट 03 जून 2020 को कोरेाना पाजीटिव आया। क्वारंटाइन सेंटर में अनाधिकृत प्रवेश से कोरोना वायरस के समाजध्क्षेत्र में कम्यूनिटी ट्रान्समिशन एवं संक्रमण फैलने का संभावना बढ जाती है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देशों के तहत क्वारंटाइन सेण्टर से क्वारंटाइन अवधी में बाहर जाना एवं किसी भी बाहरी व्यक्ति का अनधिकृत प्रवेश वर्जित है।(फोटो संलग्न) -
प्रथम किस्त की राशि पाकर भागवत सिंह ध्रुव अपने खेतों
की जुताई कर, खाद-बीज की कर रहें हैं खरीदीमहासमुंद 06 जून 2020/ राज्य शासन ने अपने किए गए वायदों को पूरा करते हुए वैश्विक महामारी संकट कोरोना के संक्रमण उपरांत भी किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ के तहत् किसानों को बोनस राशि चार किस्तों में उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के किसानों को प्रथम किस्त 21 मई 2020 को योजना के प्रारंभ होने की तिथि में ही किसानों के खातें में अंतरण की गई थी, जिससे जिले के हजारों किसानों के घर में खुशहाली आई है, जो किसान कोरोना महामारी के कारण किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान घर का खर्च उठाने में असहाय थे, उन्हें अंतरण राशि मिलने से काफी राहत मिली है, जिससे किसान प्रथम किस्त की राशि पाकर प्रारम्भिक तौर पर अपने खेतों की जुताई, खाद तथा बीज की खरीदी का कार्य कर रहें हैं। महासमुंद जिले में भी बड़ी संख्या में किसानों को अंतरित राशि मिली हैं। ऐसे ही एक किसाभागवत सिंह ध्रुव भी है, जिन्हे प्रथम किस्त की राशि मिली हैं और इस राशि से उन्होंने अपनी खरीफ फसल के लिए तैयारी भी शुरू कर दी हैं।महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम बरेकेलखुर्द के 45 वर्षीय किसान श्री भागवत सिंह ध्रुव के लिए ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ वरदान साबित हुआ है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीनों से काम-धन्धा नहीं मिल रहा था, ऐसे समय मे उनके साथ-साथ 07 सदस्यीय परिवार का पालन-पोषण एवं खरीफ फसल की तैयारी करना काफी मुश्किल हो रहा था। इस दौरान राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ होते ही उनके खातें में प्रथम किस्त की राशि 07 हजार 500 रूपए प्राप्त हुआ। यह राशि बहुत ज्यादा तो नहीं थी, पर कोरोना संक्रमण के संकट के समय में दिए जाने से खरीफ फसल के लिए सही समय में खेत की तैयारी व खाद-बीज खरीदनें के लिए काफी मददगार हुई हैं। उन्होने बताया कि ग्रामीण सेवा सहकारी समिति बनपचरी के माध्यम से खरीफ फसल के उपरांत 40 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर ब्रिकी किया था। उन्होंने बताया कि वे 03 एकड़ जमीन में धान की फसल लगाते हैं, जिससे अपने 07 सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करते है। समर्थन मूल्य पर बिक्री किए गए धान की राशि पहले ही भुगतान हो चुका है। बोनस की राशि शेष थी, उक्त बोनस की राशि को राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मई माह में बैंक खाते के माध्यम से प्रथम किस्त के रूप में भुगतान किया है, यह राशि सही समय में मिलने से वे बहुत प्रसन्न है, उन्हांेने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को साधुवाद दिया हैं। उल्ल्ेाखनीय है कि राज्य शासन द्वारा इस योजना में खरीफ विपणन वर्ष 2020 के लिए धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी और रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। -
महासमुंद विकासखण्ड में 31 हजार से अधिक मजदूरों को मिल रहा रोजगार,
कार्यस्थल पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए दिया जा रहा है संदेशमहासमुंद 06 जून 2020/ जिला कलेक्टर द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगातार दिशा-निर्देश दिए जा रहे हंै। उन्होने लाॅकडाउन के दौरान ग्रामीण श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने, कार्यस्थल पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने और समय-समय पर हाथों को साबुन एवं सैनिटाईजर से धोने की अपील की है। कलेक्टर ने बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के माध्यम से मनरेगा कार्यस्थल पर मजदूरों, ग्रामीणों को संक्रमण से बचाने के उपाय बताए जा रहे है। इसके तहत अधिकारियों द्वारा 12 बिन्दुओं पर दी गई जानकारी का प्रचार किया जा रहा है।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से कार्यस्थल पर कोरोना वायरस से बचने के लिए ‘क्या करंे और क्या नहीं’ के संदेश का वाचन किया जा रहा है। नोवेल कोरोना वायरस से निपटने और इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तैयार किया गया 12 बिन्दुओं का जनजागृति संदेश मनरेगा के मजदूरों सहित ग्रामीणों में सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, जिसका प्रभाव यह हो रहा है वे इस संदेश का वाचन शपथ की तरह लेकर कर रहे है। इस संदेश को मजदूरों ने ध्यान से सुनकर अपने प्रतिदिन के कार्यो में शामिल करने की शपथ लेते हैं। -
महासमुंद 06 जून 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे है। उक्त संस्थाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए चयन परीक्षा का आयोजन कर प्रावीण्याता के आधार पर 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग महासमुंद से प्राप्त जानकारी के अनुसार चयन परीक्षा 11 जून 2020 को निर्धारित किया गया था, किन्तु अपरिहार्य कारणों से उक्त प्रवेश परीक्षा की तिथि में संशोधित करते हुए अब शुक्रवार 26 जून 2020 को सुबह 10ः00 बजे से दोपहर 12ः30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। शेष नियम निर्देश यथावत् रहेंगे।
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गुटखा और तंबाकू के सेवन से कोरोना को आमंत्रण, क्वारंटीन वाले भी रहें सावधान
क्वारंटीन केन्द्र पर तंबाकू और कोरोना के संक्रमण से बचने की दी गई समझाईशमहासमुंद : /तंबाकू जानलेवा तो है ही, किन्तु कोरोना वायरस के संक्रामक दौर में यह और भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अधिकारियों ने क्वांरटीन केन्द्रों पर रह रहे संदिग्ध मरीजों को इन दोनों ही घातक बीमारियों से बचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इस कड़ी में 05 जून को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे के निर्देश पर जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केन्द्र दल ने विकासखण्ड बागबाहरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में बनाए गए क्वारंटीन केन्द्र में तंबाकू सेवन से बढ़ने वाले कोरोना वायरस के संक्रमणीय खतरे के बारे में लोगों को सर्तक रहने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्वारंटीन के दिनों में तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी एवं अन्य नशे की तलब होने के दौरान उपलब्धता नहीं होने पर आमतौर पर महसूस की जाने वाले विड्रोल सिमट्म्स की परेशानी से उबरने के लिए मनोवैज्ञनिक तरीकों के बारें में उपाय बताए। जिसमें हल्का व्यायाम जैसे योगा, ध्यान लगाना, मन को नशे की जगह अन्य कार्यों में व्यस्त रखने सहित आहार व्यवस्था में मिल रहे मिक्चर एवं नमकीन चीजों को उपयोग में लाने की सलाह दी गई। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस क्वारंटीन केन्द्र में लगभग 50 प्रवासी श्रमिक बाहर से आए हैं। ये सभी लोग कोरोना संक्रमण संदिग्ध के रूप में क्वारंटीन की अवधि पूरी कर रहे हैं। इस दौरान जिला तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र के सामाजिक कार्यकर्ता सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाते हुए उन्हें जानकारी दी।ऐसे बढ़ता है तंबाकू से कोरोना का खतरासिगरेट, बीड़ी या गांजा इत्यादि का सेवन करने से उंगलियां और होंठ सीधे संपर्क में आते हैं। इनमें मौजूद अमोनिया, टार, फार्मेल्डिहाइड व एसीटोन जैसे खतरनाक कैमिकल फेफड़ों को कमजोर करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं। आम-तौर पर सेवनकर्ता तंबाकू, खैनी, गुटखा या पान-मसाला आदि खा कर लोग थूकते रहते हैं। जिससे लार रूपी थूक की पीक में कोरोना वायरस कई घंटों तक जीवित रह सकता है। इससे कोविड-19 की बीमारी के फैलने का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। -
महासमुंद 05 जून : कोविड-19 के संक्रमण एवं बचाव के लिए जिले में जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न टीमों का गठन किया गया हैं और इन टीमों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया। इसी तारतम्य में आज यहां कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में श्री वेंकट राहुल डब्ल्यू. एच. आ.े, डॉ प्रणीत कुमार एवं राज्य से आये जिला प्रभारी डॉ वाय के शर्मा की उपस्थिति में कोरोना पाॅजिटीव मरीजों के काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम के सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान श्री वेंकट राहुल डब्ल्यू. एच. आ.े ने काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्यों से कोरोना मरीज की रिपोर्ट आने पर टीम द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी ली। ट्रेसिंग टीम के सदस्यों के कार्य ब्लाॅक स्तर पर उनकी सम्पूर्ण जानकारी, गठित टीमों के सदस्यों की जानकारी, कोरोना पाॅजिटीव से उसके काॅन्टेक्ट की विस्तार से जानकारी लेने की प्रक्रिया सहित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान टीम के सदस्यों ने प्रश्न किए और उनका समाधान भी किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने भी विभिन्न टीमों द्वारा किए जाने वाले कार्यो के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने टीम के सभी सदस्यों को पूरी सक्रियता एवं तत्परता के साथ कार्य करने का आव्हान किया। प्रशिक्षण के दौरान डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल, मुुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे, सिविल सर्जन एवं अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल, डाॅ अनिरूद्ध कसार, डाॅ छत्रपाल सहित टीमों के सदस्यगण उपस्थित थे।