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महासमुंद 13 जून 2020/कोविड-19 से पाॅजिटिव होकर बीमार होने के बाद पुनः स्वस्थ हो जाने वाले कोविड फाइटर्स ने जिले में अब तक के सुखद समाचारों का रिकार्ड तोड़ दिया है। शनिवार 13 जून 2020 को एक ही दिन में जिले के कुल दस और कोविड पाॅजिटव मरीजों के कोविड निगेटिव होकर स्वस्थ हो जाने की पुष्टि हुई है। इस तरह, अब तक जिले में मिले कुल 61 कोविड पाॅजिटिव मरीजों में कुल सत्ताईस ऐसे प्रकरण सामने आ चुके हैं, जो उपचार उपरांत पूरी तरह से स्वस्थ हो कर चिकित्सालयों से छुट्टी ले चुके हैं। शनिवार को कोविड को मात देकर स्वस्थ होने वालों में चार प्रकरण सरायपाली विकासखण्ड के रहे, वहीं तीन-तीन प्रकरणों में विकासखण्ड पिथौरा और बसना के रहवासियों के हैं। स्वास्थ्य विभाग की एकीकृत रोग निगरानी इकाई से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले के 34 कोविड पाॅजिटिव प्रकरण ही शेष रह गए हैं, जिनका उपचार राजधानी के चिकित्सालयों में चल रहा है। जल्द ही इनके भी स्वस्थ होकर लौटने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इधर, लगभग पिछले अड़तालीस घंट बीत चुके हैं, जब से कोविड-19 का एक भी नया पाॅजिटिव प्रकरण देखने में नहीं आया, ऐसे में पाॅजिटिव प्रकरणों के निगेटिव में तब्दील होने की सूचनाएं मिलने से जिलेवासी राहत महसूस कर रहे हैं।
- महासमुंद: जिला चिकित्सालय और कोविड केयर सेंटर में नए प्रारूप के तहत किए जा रहे आमूल-चूल परिवर्तनों में जिला स्तरीय अफसरों के अलावा राज्य स्तर के आला अधिकारी भी विशेष रुचि ले रहे हैं। 12 जून 2020 को राज्य स्तरीय उच्चाधिकारियों के चार सदस्यीय टीम मे राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ प्रदीप टण्डन और राज्य सलाहकार डाॅ रणवीर बघेल सहित दो अन्य उच्च स्तरीय विशेषज्ञों ने जिला चिकित्सालय के कोविड और नाॅन कोविड सेक्शन में किए जा रहे बदलावों का आंकलन किया। उन्होने यहा किए जा रहे कार्य की प्रगति को देखकर सराहना। करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। इस दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय के कोविड सेक्शन से शुरूआत की और बारी-बारी सभी कक्षों में भ्रमण किया। सेंट्रल ऑक्सीजन की पाइप लाइन देखी एवं बनाए जा रहे पार्टीशन चैम्बर्स की व्यवस्था में प्रयोग में लाई जा रही नई तकनीक की सराहना भी की। डाॅनिंग और डाॅफिंग क्षेत्र में हुए निर्माण का नक्शा परखा और नहाने के साथ-साथ पीपीई किट बदलने एवं सैनिटाइज्ड होने की जगह का माप लेकर प्रक्रिया के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में अद्यतन जानकारी दी। इसके बाद नाॅन-कोविड सेक्शन के लिए भी ओपीडी एवं आईपीडी में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया।उन्होने कहा कि किसी भी स्थिति में कोविड और नाॅन-कोविड मरीजों के सम्पर्क नही होनी चाहिए ।. जिस पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने उन्हें बताया कि कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में बन रहे इस माॅडल को कई अनुभवी सलाहकारों द्वारा परखा जा चुका है, साथ ही स्वास्थ्य विभाग सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में कार्यो मे दक्ष और जानकार मिस्त्रियों से काम लिया जा रहा है। इससे आंतरिक परिसर में संक्रमण फैलाव की आशंका नही के बराबर है। इस दौरान टीम के साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार डाॅ निखिल गोस्वामी और जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री उत्तम श्रीवास सहित अन्य विभागीयअधिकारी उपस्थित थे।
- महासमुंद : जिला चिकित्सालय और कोविड केयर सेंटर में नए प्रारूप के तहत किए जा रहे आमूल-चूल परिवर्तनों में जिला स्तरीय अफसरों के अलावा राज्य स्तर के आला अधिकारी भी विशेष रुचि ले रहे हैं। 12 जून 2020 को राज्य स्तरीय उच्चाधिकारियों के चार सदस्यीय टीम मे राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ प्रदीप टण्डन और राज्य सलाहकार डाॅ रणवीर बघेल सहित दो अन्य उच्च स्तरीय विशेषज्ञों ने जिला चिकित्सालय के कोविड और नाॅन कोविड सेक्शन में किए जा रहे बदलावों का आंकलन किया। उन्होने यहा किए जा रहे कार्य की प्रगति को देखकर सराहना। करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। इस दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय के कोविड सेक्शन से शुरूआत की और बारी-बारी सभी कक्षों में भ्रमण किया। सेंट्रल ऑक्सीजन की पाइप लाइन देखी एवं बनाए जा रहे पार्टीशन चैम्बर्स की व्यवस्था में प्रयोग में लाई जा रही नई तकनीक की सराहना भी की। डाॅनिंग और डाॅफिंग क्षेत्र में हुए निर्माण का नक्शा परखा और नहाने के साथ-साथ पीपीई किट बदलने एवं सैनिटाइज्ड होने की जगह का माप लेकर प्रक्रिया के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में अद्यतन जानकारी दी।इसके बाद नाॅन-कोविड सेक्शन के लिए भी ओपीडी एवं आईपीडी में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया। उन्होने कहा कि किसी भी स्थिति में कोविड और नाॅन-कोविड मरीजों के सम्पर्क नही होनी चाहिए । जिस पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने उन्हें बताया कि कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में बन रहे इस माॅडल को कई अनुभवी सलाहकारों द्वारा परखा जा चुका है, साथ ही स्वास्थ्य विभाग सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में कार्यो मे दक्ष और जानकार मिस्त्रियों से काम लिया जा रहा है। इससे आंतरिक परिसर में संक्रमण फैलाव की आशंका नही के बराबर है। इस दौरान टीम के साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार डाॅ निखिल गोस्वामी और जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री उत्तम श्रीवास सहित अन्य विभागीयअधिकारी उपस्थित थे।
- स्ंाबंधित नोडल अधिकारी एवं कर्मचारी को नोटिस जारी
महासमुंद : ग्राम आवलाचक्का में एक प्रवासी महिला जो 24 मई 2020 को लौटकर आये थे को क्वारंटाइन सेण्टर में रखा गया था। 07 जून 2020 तक ये महिला क्वारंटाइन सेण्टर में रही अवं उसके उपरान्त इनको होम क्वारंटाइन का निर्देश दिया गया था। महिला का सैंपल का रिपोर्ट 10 जून 2020 को पॉजिटिव आया। महिला के द्वारा होम क्वारंटाइन की अवधि में ग्राम में भ्रमण किया गया एवं आम जनता से मुलाकात किया गया। इससेे ग्राम में संक्रमण का खतरा बढ़ा। मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना सरायपाली ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं महामारी अधिनियम की धारा 03 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।क्वारंटाइन सेण्टर से सैंपल का रिपोर्ट आने से पहले महिला को डिस्चार्ज करने के लिए मामले का संज्ञान लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं इनसीडेंट कमांडर सरायपाली के द्वारा ग्राम पंचायत सचिव धरम सिंग सिदार एवं क्षेत्र के नोडल अधिकारी के के नारंग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह ग्राम पालसापली निवासी एक प्रवासी मजदूर जो दिनांक 14 मई 2020 को लौटकर आये थे को क्वारंटाइन सेण्टर में रखा गया था दिनांक 28 मई 2020 तक सम्बंधित व्यक्ति क्वारंटाइन सेण्टर में रहा एवं उसके उपरान्त इनको होम क्वारंटाइन का निर्देश दिया गया था। संबंधित प्रवासी मजदूर का सैंपल का रिपोर्ट 10 जून 2020 को पॉजिटिव आया। महिला के द्वारा होम क्वारंटाइन की अवधि में ग्राम में भ्रमण किया गया एवं आम जनता से मुलाकात किया गया इससेे ग्राम में संक्रमण का खतरा बढ़ा। मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना सरायपाली ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं महामारी अधिनियम की धारा 03 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।क्वारंटाइन सेण्टर से सैंपल का रिपोर्ट आने से पहले प्रवासी व्यक्ति को डिस्चार्ज करने के लिए मामले का संज्ञान लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं इनसीडेंट कमांडर सरायपाली के द्वारा ग्राम पंचायत सचिव भूमिधर साहू एवं क्षेत्र के नोडल अधिकारी के के नारंग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ग्राम पलसापली निवासी एक प्रवासी मजदूर जो 15 मई 2020 को लौटकर आए थे जिसे क्वारंटाइन सेण्टर में रखा गया था। 29 मई 2020 तक संबंधित व्यक्ति क्वारंटाइन सेण्टर में रहा एवं उसके उपरान्त इनको होम क्वारंटाइन का निर्देश दिया गया था। संबंधित प्रवासी मजदूर का सैंपल का रिपोर्ट 10 जून 2020 को पॉजिटिव आया। संबंधित प्रवासी व्यक्ति के द्वारा होम क्वारंटाइन की अवधि में ग्राम में भ्रमण किया गया एवं आम जनता से मुलाकात किया गया इससे ग्राम में संक्रमण का खतरा बढ़ा। मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना सरायपाली ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं महामारी अधिनियम की धारा 03 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। क्वारंटाइन सेण्टर से सैंपल का रिपोर्ट आने से पहले प्रवासी व्यक्ति को डिस्चार्ज करने के लिए मामले का संज्ञान लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं इनसीडेंट कमांडर सरायपाली के द्वारा ग्राम पंचायत सचिव मनोहर सिदार एवं क्षेत्र के नोडल अधिकारी एन एस ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।गौरतलब है कि क्वारंटाइन सेण्टर से अगर किसी एक भी व्यक्ति के कोरोना सैंपल का रिपोर्ट अगर प्राप्त नहीं हुआ है तो उस क्वारंटाइन सेण्टर से नियमानुसार किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जा सकता है। क्वारंटाइन सेण्टर से किसी भी व्यक्ति को छोड़ने के लिए स्वास्थय विभाग की टीम को अधिकृत किया गया है, स्वास्थ्य विभाग की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरान्त ही सम्बंधित व्यक्ति को क्वारंटाइन सेण्टर से जाने का आदेश दिया जाता है। क्वारंटाइन की अवधि पूर्ण होने के बाद भी सम्बंधित व्यक्ति को 10 दिन होम आइसोलेशन में रहना होता है। - महासमुंद: जिले में कोरोना (कोविड-19) संक्रमण को हराने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए नए अनुसंधान और प्रशिक्षणों का दौर भी लगातार जारी है। इस कड़ी में आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के पहले माले में स्थित सभा भवन में एक-एक कुर्सी छोड़ कर निर्धारित दूरी में बैठे परामर्शदाताओं को राज्य स्तरीय विशेषज्ञों ने संबोधित करते हुए कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखते हुए आइसोलेशन के मरीजों सहित क्वारंटीन एवं होम क्वारंटीन में रह कर 14 दिनों की अवधि काट रहे संदिग्ध मरीजों को वांछित सलाह देने के लिए प्रशिक्षित किया।प्राप्त जानकारी के अनुसार यह प्रशिक्षण ऑन-लाइन एप्लीकेशन के माध्यम से दिया गया। जिसमें महासमुंद सहित प्रदेश के अधिकांश जिले के लगभग पचास प्रशिक्षणार्थियों ने वर्तमान परिस्थितियों में प्रदान किए जाने वाले परामर्श संबंधी आवश्यक गुण-धर्म सीखे। इस प्रशिक्षण में कचरा प्रबंधन यानी बायो मेडिकल वेस्ट से शुरूआत की गई। इसके उपरांत हाथ धुलाई के तरीके सहित आइसोलेशन और क्वारंटीन में रह रहे मरीजों एवं सदिग्धों की मानसिकता को समझने के तरीके सुझाए गए तथा इस दौर में होने वाली घबराहट, चिड़चिड़ाहट, नशे की तलब और अन्य समस्याओं का निराकरण करने के लिए परामर्श प्रदान करने के लिए कहा गया। नई सीख यह सामने आई की संक्रमण बचाव को लेकर नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की छूट दी गई है। बताया गया कि परामर्शदाता अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने में रेडियो जिंगल्स, ऑडियो-वीडियो जानकारी, भजन-कीर्तन, योग ध्यान इत्यादि की परंपरा अपना कर तनाव प्रबंधन कर और करवा सकते हैं। शुक्रवार को दिए गए ऑन-लाइन प्रशिक्षण की तरह ऑन-लाइन परामर्श प्रदान करने की भी सलाह दी गई।डाॅ राव ने लागाई कोविड केयर सेंटर की पहली कक्षाशुक्रवार 12 जून 2020 से जिला मुख्यालय में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों, स्टाफ नर्स, पैरा-मैडिकल स्टाफ, वार्ड ब्वाय और स्वीपर्स आदि स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होना शुरू हो गई है। पहले फेज में जिला चिकित्सालय के कोविड सेक्शन और कोविड केयर सेंटर के प्रभारी अधिकारी डाॅ. आई नागेश्वर राव ने इन्हें प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण में बताया गया कि कोविड-19 का धनात्मक प्रकरण आने पर किस तरह से सेवाएं प्रदाय की जानी हैं। इसके लिए पीपीई किट और सैनिटाइजेशन की महत्ता सहित मरीज के साथ किए जाने वाले व्यवहार और उपचार दोनों को सुरक्षित तरीके से प्रदान किए जाने संबंध अनिवार्य दिशा-निर्देश दिए गए।
- जिले में कोविड-19 के धनात्मक प्रकरणों का आंकड़ा तेजी से घटने लगागुरूवार को राजधानी एम्स और माना अस्पताल से 03 और कोरोना संक्रमित मरीजों के हुए स्वस्थअब तक ठीक होकर लौटने वाले मरीजों की संख्या हुई पन्द्रह
महासमुंद : जिले में एक ओर जहां कोरोना वायरस के संक्रमण एवं रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहा है। जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों के उपचार के (स्वस्थ्य होकर आने) सकारात्मक परिणामों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की एकीकृत रोग निगरानी शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जून 2020 को तीन और कोविड-19 धनात्मक प्रकरणों के ऋणात्मक में तब्दील होकर चिकित्सालय से छुट्टी मिल गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इनमें एक प्रकरण बागबाहरा शहर के चैदह वर्षीय किशोर का है, जिसे रायपुर के एम्स चिकित्सालय में उपचारित कर स्वस्थ्य किया गया। वहीं दूसरा और तीसरा प्रकरण रायपुर के माना चिकित्सालय के हैं, इनमें क्रमशः बसना विकासखण्ड के ग्राम जलकोट एवं भूकेल के रहने वाले इक्कीस एवं तेईस वर्षीय युवा शामिल हैं। 12 जून 2020 को सुबह तक जिले में मिले कोरोना के धनात्मक प्रकरणों की संख्या 62 थी, जिनमें से 15 मरीजों के स्वस्थ हो जाने के बाद अब धनात्मक प्रकरण 47 हो गई है। ज्ञातव्य है कि चैबीस घंटों में जहां प्रदेश सहित भारत के अन्य राज्यों में कोविड-19 के कई नए धनात्मक प्रकरण सामने आए, वहीं इस दौरान जिले में नवीन प्रकरणों के उजागर होने का आंकड़ा थमा हुआ नजर आया। -
सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पी डी एस) अंतर्गत खाद्यान्न आपूर्ति के लिए दी जा रही घर पहुँच सेवा
ऑनलाइन खरीददारी की सुविधा से लोगों तक पहुंचाया जा रहा रोजमर्रा के समान
महासमुंद 12 जून : केन्द्र एवं राज्य शासन के गाईड लाईन के अनुसार विभन्न स्थानों में कोरोना पाॅजिटिव प्रकरणों के आधार पर इन स्थानों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है। इसी के तहत् 04 जून 2020 को 13 कोरोना पाॅजिटिव प्रकरणों के आधार पर नगरपालिका परिषद् बागबाहरा क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। तथा तीन किलोमीटर की परिधि को चारों ओर से सील किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बागबाहरा श्री भागवत प्रसाद जायसवाल के मार्गदर्शन में नगरपालिका परिषद् बागबाहरा के मुख्य मार्ग को भी कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य के आधार पर सील किया गया है। इसके साथ साथ बागबाहरा नगरीय क्षेत्र में लॉक डाउन के समय कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकले और घर पर रहते हुए स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। नागरिकों को इस अवधि में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके इसके लिए प्रशासन विशेष प्रयास कर रही हैं।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बागबाहरा के मार्गदर्शन में नागरिकों के लिए सर्वप्रथम सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली के अंतर्गत 02 वाहनों की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की गई है। ऐसे वाहन पी.डी.एस. प्रणाली के अंतर्गत राशन का वितरण घर पहंुच सेवा देकर कर रहे है। स्थानीय स्तर पर 36 व्यवसायिक संस्थानांे को आवश्यक सामग्रियों की घर पहुँच सेवा के लिए आदेश जारी किया गया है। इन व्यवसायिक संस्थानांे ने मात्र 04 घण्टे में 190 घरों तक अपनी घर पहुँच सेवा के माध्य्ाम से लोगांे को लाभान्वित किया है। इसी के साथ स्थानीय मेडिकल दुकानों, किराना व्यवसायी, सब्जी विक्रेताओं, दूध विक्रेताओं और अन्य सामग्रियों के लिए फुटकर विक्रेताओं को घर पहुँच सेवा प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। 10 किराना व्यवसायी को आदेश के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि रोजमर्रा के किराना समानों के लिए घर पहुँच सेवा प्रदान की जाए।इसके लिए ऐसे दुकानदारों के मोबाइल नंबर आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक किए गए है। इन नम्बरो पर कोई भी व्यक्ति सम्पर्क कर आवश्यक सामग्री हेतु आर्डर कर सकता है। उनके द्वारा किए गए आॅर्डर की सामग्री आधे घण्टे के भीतर नगरीय क्षेत्र में डिलीवर किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर जय शिव शंकर किराना स्टोर, श्री गुरु नानक प्रोविजन स्टोर, चक्रधारी किराना स्टोर मेन रोड, चक्रधारी किराना स्टोर, चिमनानी किराना स्टोर, अनिल ट्रेडिंग, द्वारिका प्रोविजन स्टोर, परमार किनारा दुकान, चंद्राकर किराना स्टोर, गुणवंत किराना स्टोर ऐसे किराना समान के विक्रेता है जो अपनी सेवाएं दे रहे है।
घर पहुँच सुविधा के लिए वाहनों का पंजीयन अनुविभागीय कार्यालय राजस्व में किया गया है। इस सुविधा का लाभ आम नागरिक सुबह 08.00 बजे से शाम 04.00 बजे तक ले सकते है। इस प्रकार की व्यवस्था देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि घर पहॅुचाने के लिए क्रेता से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नही लिया जाए। इसी प्रकार सब्जी क्रय करने के लिए भी घर पहुँच सेवा की व्यवस्था की गई है। सब्जी विक्रेताओं के दूरभाष नंबर सार्वजनिक किए गए है। इन नम्बरो पर सब्जियों की खरीदी हेतु आर्डर किया जा रहा है। सब्जियों की बिक्री के लिए सुबह 08.00 बजे से शाम 04.00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में दूध विक्रेता सुबह 05.00 बजे से शाम 07.00 बजे तक दूध की घर पहँुच सेवा प्रदान कर रहे है। बागबाहरा कंटेन्मेंट जोन के लिए स्थानीय ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर्स यश जी.डी.एस भी अतिआवश्यक सामग्रियों जैसे मेडिकल दवाइयों से लेकर राशन, सब्जी इत्यादि की घर पहुँच सेवा दे रहा है। इस हेतु कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन सामग्रियों का क्रय कर सकता है। या गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर आसानी से अपना आर्डर दे सकता है।
स्थानीय स्तर पर सामग्रियों की घर पहुँच सेवा के लिए आॅनलाईन व्यवस्था लोगो को पसंद आ रहा है। यश जी.डी.एस. के संचालक श्री पटेल जी के अनुसार लॉक डाउन में रोज ऑनलाइन आर्डर लिए जा रहे है। आॅर्डर के आधे घण्टे के उपरांत समानों की डिलिवरी दी जा रही है, जिसके लिए क्रेता से कोई भी अतरिक्त शुल्क नही लिया जा रहा है। प्रशासन न केवल आम नागरिकों को रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रहा है अपितु बरसात के मौसम में कृषि कार्यो में जुड़े भाइयो के लिए भी बीज, दवाई इत्यादि की खरीदी हेतु घर पहुच सुविधा प्रदान की गई है। इस हेतु कृषि व्यवसायियों को निर्देशित किया गया है कि किसानों तक आवश्यक सामग्रियों को घर पहुँच सेवा के माध्यम से प्रदान किया जाए। इसी तरह कृषकांे को कृषि व्यवसायियों के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए है, जिनसे सम्पर्क कर वो अपना सामान घर तक मंगवा सकते है। जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल मंे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले और नागरिकों को उनकी आवश्यक सामग्री घर तक पहुँचा के दी जा सके। व्यापारियांे से अपील की गई है कि वे जो सामग्रियों की घर पहुँच सेवा देना चाहते है वे अपना पंजीयन अनुविभागीय कार्यालय राजस्व में करवा सकते है। -
महासमुंद 12 जून : कोविड-19 के कारण अभी सभी विद्यालय और महाविद्यालय बंद हैं, ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों की पढ़ाई की भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विद्यालय और महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर योजना’’ के अंतर्गत की गई हैं। इसके लिए शासन ने सीजी स्कूल डॉट इन वेब पोर्टल भी लांच किया है, जिसमें स्कूली विद्यार्थी और महाविद्यालय के विद्यार्थी भी लाभ ले सकते हैं। यह वेब पोर्टल स्कूली शिक्षा और महाविद्यालय शिक्षा दोनों के लिए तैयार की गई है। इसमें प्रदेश व बाहर के शिक्षकों के द्वारा तैयार की गई अध्ययन सामग्री, वीडियो, ऑडियो व पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड किए गए हैं। शासकीय और अशासकीय विद्यार्थी भी पंजीकरण करके इसका लाभ ले सकते हैं
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर योजना’’ में सीजी स्कूल डॉट इन वेब पोर्टल का उपयोग विद्यार्थी इस प्रकार करेंगे। वेब पोर्टल में पंजीकृत होने के लिए प्रक्रिया के अंतर्गत, सर्वप्रथम विद्यार्थी किसी भी वेब ब्राउजर में जाकर सीजी स्कूल डॉट इन टाइप करें और सर्च करें, उसके पश्चात विद्यार्थी पंजीयन ऑप्शन को क्लिक करें, मोबाइल नंबर डालें और ओटीपी भेजें वाले ऑप्शन को क्लिक करें, इस प्रकार आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। जिसे निर्धारित बॉक्स में लिखें और स्वयं से संबंधित चाही गई जानकारियां प्रविष्ट करें और अंत में पंजीयन करें बटन को क्लिक करें।पंजीयन पूर्णता का मैसेज प्राप्त होगा। अब यह पंजीकृत विद्यार्थी स्वयं पोर्टल का उपयोग करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड से लाॅगिन कर सकता है, फिर मेनू ऑप्शन में जाकर विद्यार्थी के कार्य ऑप्शन को क्लिक करें और कक्षा विषय टॉपिक का चुनाव करके अपलोडेड सामग्री का अध्ययन करें, किसी विषय वस्तु पर संदेह होने पर मेनू ऑप्शन में ही दिए गए संदेह के प्रश्न अंतर्गत अपने मन की शंका को लिखें और प्रविष्ट करें जिससे वह संबंधित स्कूल के शिक्षक के पास शंका समाधान के लिए चला जाएगा। राज्य और जिला स्तर पर शिक्षकों द्वारा चलाए जा रहे ऑनलाइन क्लास को भी विद्यार्थी अपने यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा लॉगिन करके ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें यह प्रक्रिया अपनानी होगी।
सर्वप्रथम गूगल प्ले स्टोर में जाकर सिस्को वेबैक्स एप डाउनलोड कर पंजीयन करें, फिर सीजी स्कूल डॉट इन वेब पोर्टल में अपने विद्यार्थी आईडी से लॉगिन करें, मेनू में जाकर विद्यार्थी के कार्य को क्लिक करें, कक्षा का चुनाव, विषय का चुनाव करें। जैसे ही सबमिट बटन क्लिक करते हैं, यदि उस कक्षा और विषय की कोई ऑनलाइन क्लास उपलब्ध होगी तो उसकी जानकारी स्क्रीन पर आती है, जिसे क्लिक करके हम अपनी मनचाही ऑनलाइन क्लास को अटेंड कर सकते हैं। इस प्रकार विद्यार्थी घर बैठे विभिन्न शैक्षणिक सामग्रियों का उपयोग करके अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा भी विद्यार्थी पोर्टल में विभिन्न प्रकार की क्रिएटिविटी के लिए एक सुविधा भी दी जा रही है । जिससे कि उनके सामान्य ज्ञान व रचनात्मकता में वृद्धि हो। जिले के समस्त पालकांे और विद्यार्थियों से अपील की गई है कि वे छत्तीसगढ़ शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा बनकर लाभ ले। इसके लिए जिले में 69 हजार 667 विद्यार्थियों एवं 07 हजार 35 शिक्षकों का पंजीयन हो चुका है। इसके अलावा एक हजार 154 स्कूलों में से एक हजार 908 स्कूलों में वर्चुअल स्कूलों का निर्माण हो चुका है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री रॉबर्ट मिंज,, जिला मिशन समन्वयक श्री एम.जे. सतीश नायर, सहायक संचालक शिक्षा श्री हिमांशु भारतीय, ए.पी.सी. श्री पीसी पुरोहित एव जिला नोडल अधिकारी श्री विवेक वर्मा के मार्गदर्शन में विद्यार्थी उत्साह पूर्वक आनलाइन क्लास अटेंड कर रहे हैं। -
महासमुंद 12 जून : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल को निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान सहायक अभियंता एवं उप अभियंता द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत करोड़ों की लागत से बनी सड़कें डबल कैजव्हील ट्रैक्टर के चलने से क्षतिग्रस्त हो रही है। इस पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री गोयल ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं संबंधितों को पत्र प्रेषित कर कहा है कि वर्षा ऋतु का प्रारम्भ होने को है, कृषकों के द्वारा धान बुआई कार्य के लिए मिट्टी की मताई के लिए कैजव्हील ट्रेक्टर का उपयोग किया जाता है, जिससे डामरीकृत सड़क क्षतिग्रस्त होती है। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ट्रैक्टर में कैजव्हील लगाने के प्रतिबंध के लिए जनपद में प्रस्ताव पारित कर ग्राम पंचायत के सरपंच को केजव्हील ट्रेक्टर के प्रतिबंध के लिए गांव में कोटवार के माध्यम से मुनादी कराने को कहा है।
जिन कृषकों के द्वारा डबल केजव्हील ट्रैक्टर का उपयोग किया जा रहा है, उसकी सूची पटवारी, सचिव एवं कोटवार के माध्यम से प्राप्त कर ऐसे कृषकों के ट्रैक्टर की डबल केजव्हील के साथ जब्ती कर थाने में नियमानुसार कार्रवाई करें। डबल केजव्हील फेब्रिकेटर्स की सूची विकासखण्ड स्तर पर प्राप्त करें एवं फेब्रिकेटर्स को तत्काल डबल केजव्हील का निर्माण कार्य बंद करने के लिए नोटिस जारी करें। उनके द्वारा पुनः डबल केजव्हील का विक्रय करने पर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
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महासमुंद 12 जून : छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण महासमुन्द अंतर्गत पैकेज क्रमांक सी जी 12-69 की सड़क जोबा से पीढ़ी-सिरपुर का उन्नयन कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् मेसर्स रायपुर कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड रायपुर द्वारा 05 सितम्बर 2019 को सड़क कार्य पूर्ण किया गया है। उक्त सड़क की क्रस्ट डिजाइन 165 काॅर्मिशियल वाहन (ट्रक, ट्रैक्टर एवं बस) प्रतिदिवस के अनुसार की गई है, किन्तु वर्तमान में उक्त मार्ग पर रेत घाट केडियाडीह से रेत का परिवहन लगभग 250 कार्मिशियल वाहन (200 ट्रक व 50 ट्रैक्टर) प्रतिदिवस लोडिंग के साथ किया जा रहा है। जिससे क्रस्ट डिजाइन की क्षमता से अधिक वाहन चलाने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा उक्त सड़क पर भारी वाहन द्वारा रेत परिवहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।
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महासमुंद 12 जून : जिला पंचायत महासमुंद के अंतर्गत राज्य मिशन संचालक एन.आर.एल.एम. शाखा द्वारा 02 फरवरी 2019 को लेखा सह एम.आई.एस. सहायक के 04 पद (अनुसूचित जनजाति 01, अनारक्षित 02 तथा अन्य पिछडा वर्ग 01) एवं क्षेत्रीय समन्वयक के 05 पद (अनारक्षित 02, अन्य पिछड़ा वर्ग 01, अनुसूचित जनजाति 01, अनुसूचित जाति 01) रिक्त पद के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें लेखा सह एम.आई.एस. सहायक की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन, कौशल परीक्षा 23 जून 2020 को शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बरोण्डा बाजार महासमुंद में तथा क्षेत्रीय समन्वयक की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन, समूह चर्चा, साक्षात्कार 24 जून 2020 को जिला पंचायत महासमुंद में प्रातः 10ः30 बजे से आयोजित की गई है। इसके लिए अभ्यर्थी निर्धारित समय में अपना उपस्थिति सुनिश्चित करंे। अभ्यर्थी साक्षात्कार की सूची जिला पंचायत के सूचना पटल एवं जिले के वेबसाईट ूूूण्उंींेंउनदकण्हवअण्पद पर भी देख सकते हैं।
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‘‘एक मुश्त निपटान योजना’’ की समाप्ति के पश्चात्, शास्ति सहित पूर्ण राशि वसूल की जाएगी
महासमुंद 12 जून :परिवहन विभाग द्वारा राज्य के उन सभी व्यावसायिक वाहन मालिकों को जिन्होंने लंबे समय से अपनी व्यवसायिक वाहनों पर कर शास्ति एवं ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है, उन सभी कर दाताओं के लिए ‘‘एकमुश्त कर समाधान योजना’’ (वन टाईम सेटलमेंट स्कीम) लागू की गई है, जिसकी मियाद अवधि 30 सितम्बर 2020 तक निर्धारित है। परिवहन विभाग एकमुश्त कर समाधान योजना में कर, शास्ति एवं ब्याज में छूट प्रदान की गई है। इनमें त्रैमासिक एवं मासिक कर देय वाहनों में 31 मार्च 2013 तक वाहन में अधिरोपित लंबित कर की राशि में पूर्णतः छूट त्रैमासिक एवं मासिक कर देय वाहनों में 31 मार्च 2013 तक वाहन में अधिरोपित लंबित शास्ति एवं ब्याज की राशि में पूर्णतः छूट, इसके अलावा त्रैमासिक कर देय वाहनों में 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2018 तक अधिरोपित लंबित शास्ति की राशि में पूर्णतः छूट। वाहनों में लंबित कर एवं अधिरोपित ब्याज देय होगी, मासिक कर देय वाहनों में 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2018 तक अधिरोपित लंबित शास्ति की राशि में पूर्णतः छूट।वाहनों में लंबित कर एवं अधिरोरित ब्याज देय होगा एवं मासिक कर देय वाहनों (यात्री वाहनों) में, यदि व्हील-बेस के कारण वाहन में कर, ब्याज एवं शास्ति अधिरोपित है, तो कर एवं ब्याज देय होगा, किन्तु अधिरोपित शास्ति में ‘‘एक मुश्त निपटान’’ की निर्धारित अवधि तक पूर्णतः छूट दिया जाएगा। इसी प्रकार ‘‘एक मुश्त निपटान’’ की अवधि, 01 अप्रैल 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक छः माह के लिए होगी। उल्लेखित शास्ति में छूट, केवल ‘‘एक मुश्त निपटान’’ योजना अवधि तक होगी ‘‘एक मुश्त निपटान योजना’’ की समाप्ति के पश्चात्, शास्ति सहित पूर्ण राशि वसूल की जाएगी। -
मनरेगा के तहत् 524 ग्राम पंचायतों में एक लाख 34 हजार 67 जाॅब कार्डधारी मजदूर कर रहे है कार्यमनरेगा के तहत् जिले में बनाए जा रहे है 374 धान संग्रहण केन्द्र (चबुतरा) निर्माणमहासमुन्द जिला प्रदेश में समयबद्ध मजदूरी भुगतान में अव्वल
महासमुंद 12 जून : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत जिले में 374 धान संग्रहण केन्द्र (चबुतरा) निर्माण किया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा एवं प्राथमिक कृषि साख समिति के अभिसरण से धान संग्रहण केन्द्र (चबुतरा) बनाए जा रहे है, जिससे वर्षा ऋतु में भी धान को रखने की उचित व्यवस्था हो सके और धान को सुरक्षित रखा जा सके। धान संग्रहण केन्द्रों में चबुतरा निर्माण होने से धान को पाॅलीथीन में ढंककर रखा जा सकता है, जिसेे धान को अंकुरित होने से बचाया जा सकता है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत जिले के 551 ग्राम पंचायतों में से 524 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहे है। जिसमें एक लाख 34 हजार 67 जाॅब कार्डधारी मजदूर कार्य कर रहे है, जो कि राज्य में दूसरे स्थान पर है। जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 में तीन हजार 154 कार्यांे के लिए 87 करोड़ 80 लाख 18 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें निजी डबरी निर्माण के 383 कार्य, मत्स्य पालन हेतु निजी डबरी के 44 कार्य, भूमि सुधार के 911 कार्य, बकरी शेड के 106 कार्य, मुर्गी शेड के 28 कार्य, पशु शेड के 44 कार्य, नया तालाब निर्माण के 27 कार्य, तालाब गहरीकरण के 491 कार्य, जल संवर्धन के 170 कार्य, सोक पिट के 210 कार्य, रिचार्ज पिट के 104 कार्य, वर्मी टेंक के 25 कार्य एवं नाडेप टेंक के 58 कार्य स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार स्टाॅपडेम 23, चेकडेम 05, नहर लाईनिंग कार्य 01, नवीन पंचायत भवन के 07, आंगनबाड़ी भवन निर्माण के 93 कार्य स्वीकृत किया गया है। ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के 109 कार्य स्वीकृत किए गए है।
इसके अलावा मजदूरों के लिए छः हजार से अधिक नए जाॅब कार्ड बनाये गए है। क्वारेन्टाईन अवधि पूर्ण कर चुके मजदूरों को चार हजार से अधिक मानव दिवस रोजगार प्रदाय किया जा रहा है। जिले में अब तक लगभग 60 करोड़ रूपए राशि के कार्य कराए जा चुके है। जिले में रोजगार गारंटी के कार्य चालू होने के कारण लाॅकडाउन की अवधि में भी मजदूरों को जीवकोपार्जन के लिए राशि की कमी नहीं हो रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 34 लाख 33 हजार 43 मानव दिवस सृजित किया गया है, जो कि माह मई 2020 के लक्ष्य का 150 प्रतिशत से अधिक है।
सुराजी गांव योजना ‘‘नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी’’ के तहत गरूवा अंतर्गत 241 गौठान एवं 80 चारागाह स्वीकृत किए गए है। जिसमें से 87 गौठान एवं 61 चारागाह पूर्ण हो चुके है तथा 72 गौठान एवं 19 चारागाह प्रगतिरत है। पशुओं के पीने के लिए पानी की व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बोर खनन का कार्य करवाया गया है। गौठान में पशुओं की स्वास्थ्य एवं देखरेख का कार्य पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किया जा रहा है। सोलर पंप लगाने के लिए क्रेडा विभाग को 163 का लक्ष्य प्रदाय किया गया है, जिसमें उसके द्वारा कार्य कराया जा जा रहा है। पशुओं के चारे की समुचित व्यवस्था हेतु कृषि विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा पैरा एकत्रीकरण का कार्य करवाया जा रहा है। गौठान एवं चारागाह में वृक्षारोपण का कार्य वन विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में गौठान ग्राम प्रबंधन समिति को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गौठानों के सुचारू रूप से संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए है।
नरवा अंतर्गत जिले में एक हजार 641 कार्य स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 977 कार्य में एजेन्सी वन विभाग है। 976 कार्य पूर्ण हो चुके है एवं 395 कार्य प्रगतिरत है। नरवा कार्यक्रम के अंतर्गत कंटूर ट्रेंच, अंडरग्राउण्ड डाईक, चेक डेम, स्टाॅपडेम, लूज बोल्डर चेक, परकोलेशन टेंक आदि कार्य स्वीकृत किए गए है। नरवा अंतर्गत कार्य स्वीकृत होने से कृषकों के खेतों में सिंचाई के लिए सुविधा उपलब्ध होगी तथा जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी।घुरूवा अंतर्गत कम्पोस्ट पिट, भू-नाडेप के 12, नाडेप टांका 185, वर्मी टांका 307 एवं वर्मी बेड के 231 कार्य स्वीकृत किए गए है, जिसमें कार्य एजेन्सी कृषि विभाग है। गौठान में अब तक 1036.55 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादित किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है।
बाड़ी अंतर्गत 4000 कार्य उद्यानिकी विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए है। जिले में चार हजार बाड़ी कृषकों को भिण्डी बीज-800 किग्रा., बरबट्टी बीज सौ किलोग्राम तथा मिर्च बीज 5 किलोग्राम. एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद 79.80 क्विंटल वितरण किया गया है। इसके साथ ही 983 हितग्राही कृषकों को नौ हजार 526 पपीता, मुनगा, कटहल, अमरूद एवं सीताफल फलदार पौधे बाड़ियों में रोपण हेतु निःशुल्क प्रदाय किया गया है। -
आंशिक छूट के साथ टैक्स जमा करने की अवधि 30 जून 2020 की गई तक नियत
महासमुंद 12 जून नोवेेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते संक्रमण तथा राज्य में लॉकडाउन की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा जनहित में समस्त यात्री वाहनों एवं मालवाहनों के मोटरयान कर के भुगतान में आंशिक छूट प्रदान की जा रही है। जिला परिवहन अधिकारी श्री मोहन लाल साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 (क. 25 सन् 1991) की धारा 21 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा सभी यात्री वाहनों, मालवाहनों, स्कूल बसों, सिटी बसों एवं प्रायवेट सेवायान बसों को उक्त अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत उदग्रहणीय मोटर यान कर के भुगतान से निम्नानुसार छुट प्रदान की गई है।
इसके तहत् अंतर्राज्यीय, आखिल भारतीय पर्यटक परमिट तथा समस्त मंजिली यात्री वाहनों के लिए माह अप्रैल एवं मई 2020 की अवधि के लिए मासिक कर के भगुतान से पूर्णतः छूट होगी। समस्त माल वाहनों, स्कूल बसों, सिटी बसों एवं प्रायवेट सेवायान बसों के लिए (अप्रैल-मई-जून 2020) के लिए देय त्रैमासिक कर की कुल राशि में से 1/3 भाग के भुगतान में पूर्णतः छुट होगी। मासिक त्रैमासिक कर में उपरोक्तानुसार आंशिक छूट के साथ टैक्स जमा करने की अवधि 30 जून 2020 तक नियत की गई है। अतः संबंधित वाहन मालिक समय से पूर्व अपने वाहन का कर अदा करें। समयावधि में छूट के साथ कर जमा नहीं करने पर वाहन मालिक से छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 के तहत पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। -
कोविड-19 के नियंत्रण के लिए प्रशासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग सहित जनप्रतिनिधी व ऐसेे आमजन जो कोविड-19 के धनात्मक प्रकरणों के प्राथमिक संपर्क में आते हैं, उन्हें हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन की टैबलेट खिलाने का आंकड़ा आठ सौ के पार पहुंचा
महासमुंद 11 जून : कोरोना से संक्रमण के संक्रमणीय खतरे से निपटने के लिए कार्य कर रहे जिला प्रशासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग सहित जनप्रतिनिधियों एवं आमजन को खिलाई जा रही है, हाइड्राक्सी क्लारोक्वाीन की दवा। यह दवा संवेदनशील इलाकों और परिस्थितियों में स्वास्थ्य परीक्षण, निगरानी और प्रबंधन सहित कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन का दायित्व निर्वहन कर रहे लगभग आठ सौ से अधिक कोरोना वाॅरियर्स ने इसकी खुराक दी गई है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे के मार्गदर्शन में एहतियात के तौर पर ये कदम उठाए गए है। जिसमें वर्षों पुरानी मलेरिया की दवा हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन का सेवन कराया जा रहा है। यद्यपि यह कोविड-19 की बीमारी या उपचार के लिए पूर्णतः सटीक व कारगर नहीं मानी जाती।लेकिन वर्तमान परिवेश को ध्यान में रखते हुए शासन की निर्देशिका के अनुसार जिला मलेरिया अधिकारी एवं उनके दल द्वारा चलाए जा रहे इस अभ्यास में हाइड्राक्सी क्लोराक्वीन की दवा का सेवन कोरोना वारियर्स के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के परामर्श एवं उनके देख-रेख में विभिन्न आयु के लोगों एवं शरीरिक क्षमता के अनुरूप दवा सेवन का सेवन निरंतर कराया जा रहा हैं। जिससे कोरोना वाॅरियर्स को सुरक्षित रह सके। - महासमुंद 11 जून : जिला चिकित्सालय में प्रत्येक बुधवार को दिव्यांगजनों के लिए मेडिकल बोर्ड स्थगित की गई है। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्री धर्मेन्द्र साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक से दूरभाष पर हुई चर्चा के अनुसार दिव्यांगजनों के लिए प्रति बुधवार को आयोजित होने वाले मेडिकल बोर्ड में दिव्यांगजन जिला चिकित्सालय परिसर में अधिक मात्रा में आते है, जिससे नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की संभावना अत्यधिक है। संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए मेडिकल बोर्ड को स्थगित किया गया है।
इस संबंध मे समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने सभी जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर कहा है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों, ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से दिव्यांगजनों को प्रति बुधवार को जिला चिकित्सालय में आयोजित होने वाले मेडिकल बोर्ड स्थगन की सूचना दें। ताकि दिव्यांगजनों को नोवेल कोरोना वायरस कोविड- 19 के संक्रमण से बचाया जाना संभव हो सके। - महासमुंद 11 जून : कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते शासन द्वारा जारी आदेशों का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रशासन द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। जिसमें अन्य राज्यों एवं जिले से आए प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकांे को ऐहतियात के तौर पर 14 दिन के लिए क्वारेंटाईन सेंटर पर रखा जाता हैं। इसके उपरांत संदिग्ध लोगों का स्वैब सैम्पल परीक्षण के लिए राजधानी रायपुर भेजा जाता हैं। लेकिन कुछ क्वारेंटाईन सेंटर से 14 दिन की अवधि पूर्ण किए बिना या उनके सैम्पल आने के पूर्व ही कुछ लोग बाहर निकलने का प्रयास करतेे हैं। जिसके कारण अन्य व्यक्तियों को संक्रमण होने का भय बना रहता हैं। जिले के सभी क्वारेंटाईन सेंटर के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई हैं। नोडल अधिकारी का यह दायित्व है कि संबंधित क्वारेंटाईन सेंटर से लिए गए स्वैब नमूने का जब तक परिणाम ना आए तब तक किसी भी व्यक्ति को क्वारेंटाईन सेंटर से बाहर निकलने की अनुमति ना दें। यदि कोई व्यक्ति क्वारेंटाईन सेंटर से इस दौरान बाहर निकलता है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदारी संबंधित नोडल अधिकारी की होगी तथा उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- महासमुंद जीतेगा कोरोना हारेगा, बुधवार को मिली दो लोगों के स्वस्थ्य होने की जानकारी
महासमुंद 11 जून : जिले में बढ़ते कोविड-19 के पाॅजिटीव प्रकरणों में सुधार होने का सिलसिला जारी है। कोरोना संक्रमण के कारण जहां नए धनात्मक प्रकरणों की पुष्टि हो रही है। वहीं धनात्मक प्रकरणों के ऋणात्मक में होने का सकारात्मक परिणाम भी शीघ्रता से मिल रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग की एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की जिला इकाई से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में लगातार मिल रही कोविड पाॅजिटिव प्रकरणों के निगेटिव होने की सूचनाओं में यह दूसरा मौका रहा जब बुधवार 10 जून को विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम भदरसी एवं सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम तोषगांव से दूसरी बार अच्छी खबर आई। उल्लेखनीय है कि जिले में स्वस्थ होकर वापस घर लौटने वाले सबसे पहला प्रकरण भदरसी गांव का रहने वाला ही था, जो कोविड-19 के संक्रमण से ठीक होकर वापस आया था, वहीं एक और प्रकरण में तोषगांव के मरीज के ठीक हो जाने की पुष्टि होने के बाद अब दोबारा इन्हीं दोनों क्षेत्रों से खुशखबरी आई है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड बागबाहरा के भदरसी गांव के 24 वर्षीय युवक के साथ सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम तोषगांव के 40 वर्षीय पुरुष के कोविड-19 पाॅजिटिव से निगेटिव हो जाने की पुष्टि हुई हैं। जिले में अब तक आए कुल 61 कोविड-19 पाॅजिटिव प्रकरणों में स्वस्थ होकर लौटने वालों में 12 की संख्या घटा कर कुल गतिमान प्रकरणों का आंकड़ा पचास से कम तक आकर सिमट गया है। शेष प्रकरणों के भी जल्द ही स्वस्थ होकर लौटने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। -
मरीजों और चिकित्सकीय दल के रहने व भोजन के लिए अलग-अलग व्यवस्था
हर जगह निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, टू वे माइकिंग सिस्टम से मरीज भी दे सकेंगे आवाजपांच स्तरीय डाॅनिंग-डाॅफिंग के रिस्ट्रिक्टिेड क्षेत्र में सब कुछ होगा सुपर सैनिटाइज्डजिला चिकित्सलय के कोविड सेक्शन में 28 बिस्तर तैयारकलेक्टर श्री गोयल की उपस्थिति में हुआ पूर्वाभ्यास
महासमुंद 11 जून : जिले में कोविड-19 की बीमारी को रोकने के लिए कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। कोरोना बीमारी से निपटने के लिए जिला चिकित्सालय को कोविड और नाॅन कोविड के लिए अलग-अलग किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस महामारी से जीतने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर चैबीसों घंटे कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप जीएनएम नर्सिंग सेंटर को सर्व-सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर में बदलाव किए गए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी एवं गामीण यांत्रिकी सेवा सहित लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एसआर सिन्हा और जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री पीयूष देवांगन, नायब तहसीलदार श्री देवेंद्र नेताम ने कार्यों का लगातार सुपरविजन करते रहे।
जिसके कारण कार्य शीघ्रता पूर्वक पूर्णता की ओर हैं। कोविड चिकित्सालय के प्रवेश एवं निकासी के लिए अलग से सड़क मार्ग एवं आंतरिक गलियारों का निर्माण कर लिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भी शीघ्र परिसर में पेयजल व्यवस्था बनाए रखने के लिए बोर खुदाई का कार्य शीघ्रता से किया, जिससे निर्माण कार्य में जलापूर्ति एवं आगामी समय में मरीजों को चैबीसों घंटे शुद्ध पेय जल उपलब्ध होने लगेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे ने विभागीय समन्यव बनाने में काफी मदद की।
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने बताया कि जिला चिकित्सालय को कोविड और नाॅन कोविड भागों में बांटा जा चुका है। 28 बिस्तरों में सेंट्रल ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए पाइप लाइन लगाई जा चुकी है। अगले 48 घंटें के भीतर यहां वैक्यूम सक्शन सहित सुविधाएं उपलब्ध करा लिया जाएगा। आर.एम.एन.सी.एच.ए. सलाहकार श्री संदीप चन्द्राकर एवं डाॅ मुकुन्द राव घोडे़सवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड केयर सेंटर में 72 कमरों में प्रदेश के नदियों के नाम पर रखे गए हैं। जिनमें 240 बिस्तरों का सेटअप तैयार कर लिया गया है। प्रवेश द्वार से लेकर सभी कमरों के सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल यूनिट से जोड़े जा चुके है। मरीजों की सहूलियत के लिए टू वे यानि द्वि-आयामी माइकिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों के आपसी समन्वय के अतिरिक्त जरूरत पड़ने पर मरीज भी मदद के लिए सीधा संपर्क कर सकेंगे। क्लीनिकल सेवाओं के लिए साफ-सुथरे किचन में मरीजों और चिकित्सकीय दल के लिए भोजन पकाने की पृथक व्यवस्था की गई है, साथ ही मरीजों को दी जाने वाली सभी अनिवार्य दवाओं का भी पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। कोविड-19 की चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कोविड केयर सेंटर और जिला चिकित्सालय लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है।
माॅक ड्रिल का अभ्यास करके लिया तैयारी का जायजा
कोविड केयर सेंटर की सेवाएं शुरू करने के पूर्व आज 11 जून को नमूने के तौर पर मरीज को लाकर सैनिटाइज्ड करने से लेकर प्राथमिक जांच उपरांत भर्ती वार्ड में पहुंचाने एवं उपचार शुरू करने तक की क्रियाओं का पूर्वाभ्यास किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर उपस्थित थे, जिन्होंने सेवाओं का जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। -
महासमुंद 11जून : वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल के समय भी नारी शक्ति अलग-अलग स्थान पर अनेक जिम्मेदारियाॅं वहन कर रही है, त्याग और समर्पण के साथ श्रेष्ठता के शिखर पर पहुॅंच रही है। इसी क्रम में महासमुन्द ब्लाॅक के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ’हमर विरासत सिरपुर’ ब्राॅड 600 लीटर हैंड-सेनेटाईजर का निर्माण कर विकासखंड मुख्यालयों में 100-100 लीटर एवं पशु चिकित्सा विभाग को 100 लीटर उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा सभी विकासखंडों में क्वारेंटाईन सेंटर तथा सभी आम जन मानस को आसानी से उपलब्ध हो पाए इसलिए वितरित किया जा रहा है। जिससे स्व-सहायता समूहों कि महिलाओं को रोजगार तथा आमजन को कोरोना के वैश्विक महामारी से बचाया जा सके। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से बचाव व रोकथाम के लिए जिला पंचायत के सहायक परियोजना अधिकारी श्री मोतीलाल मालेकर, श्री के. जी., मनोज डीडीएम, नाबार्ड एवं विकासखंड परियोजना प्रबंधक श्री अशोक कुमार यादव के मार्गदर्शन से स्व-सहायता समूह की महिलायें हैंड-सेनेटाईजर का निर्माण कर अपने आजीविका के रूप में अपना रहे है जिससे स्व-सहायता समूह की महिलाओं में आत्मनिर्भरता आई है।
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महासमुंद 10 जून : प्रदेश में मानसून पहुंचने के पूर्व ही किसान खेती-बाड़ी की तैयारी करने में लग जाते है। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को मिले प्रोत्साहन राशि ने काफी सहयोग किया है। जिसके कारण किसान खरीफ की तैयारियां उत्सुकता पूर्वक करने में जुट गए हैं। सही समय पर किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् प्रोत्साहन राशि मिलने से वे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।
महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम रुमेकेल के 60 वर्षीय किसान श्री रायसिंह यादव के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना राहत लेकर आया है। उन्होंने बताया कि वे अपने 02 एकड़ खेत पर खरीफ सीजन में धान की फसल लगाए थे, उसके पश्चात् ग्रामीण सेवा सहकारी समिति रायतुम में समर्थन मूल्य पर 29 क्विंटल धान बिक्री किए थे। कोरोना संक्रमण के कारण वे अन्य जगह पर खाली समय में काम करने के लिए भी नहीं जा पा रहे थे। जिसके कारण उन्हें अपने परिवार के खर्च चलाने के लिए आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही थी। उन्हंे पूर्व में बिक्री किए गए समर्थन मूल्य पर धान की राशि का भुगतान प्राप्त हो चुकी थी और उनकी यह राशि भी समाप्त हो चुकी थी। इस दौरान मई माह में उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् बिक्री किए गए धान की राशि 05 हजार रूपए उनके बैंक खातें में प्राप्त हो गई। श्री यादव कहते है कि उक्त राशि सही समय में मिलने से आर्थिक तंगी से सामना करने से बच गए इस कारण वे बहुत खुश हैं। इस पैसे से वे कृषि कार्य के लिए खाद-बीज का उठाव सहकारी समिति के माध्यम से कर रहे हैं। - महासमुंद 10 जून : शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में कोरोना वायरस के संक्रमण के इस आपातकाल के दौरा में जिला प्रशासन महासमुंद ने जरूरतमंदो को यथासंभव सहयोग पहंुचाने के लिए प्रयास कर रहा है। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार सामाजिक निगमित दायित्व के अंतर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् महासमुंद विकासखण्ड के चयनित महिला स्व-सहायता समूह इनमें ग्राम लभराखुर्द के एकता स्व-सहायता समूह, मुनगाशेर के शारदा स्व-सहायता समूह, कछारडीह के जयश्री कृष्णा स्व-सहायता समूह एवं भोरिंग के दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह के सहयोग से कुल 600 लीटर सेनेटाईजर का निर्माण किया गया। जिसे नागरिकांे को उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि सामाजिक स्तर सेनेटाईजर के माध्यम से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा कोविड-19 के वायरस से बचाव के लिए महिला स्व-सहायता समूहांे के द्वारा सेनिटाइजर का निर्माण कर रहे है।
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क्वारेंटाईन सेंटर में गर्भवती माताओं को परेशानी ना हो इसके लिए 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाएं
महासमुंद 10 जून : जिला प्रशासन द्वारा कोरोना से संदिग्ध एवं संक्रमित गर्भवती माताओं के लिए तहसील मुख्यालय सरायपाली, बसना, पिथौरा, बागबाहरा एवं महासमुंद के पटेवा में अलग से क्वारेंटाईन सेंटर की व्यवस्था की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस क्वारेंटाईन सेंटर में विशेषकर गर्भवती माताओं को रखा गया हैं। जिससे गर्भवती माताओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस सेंटर में चिकित्सक के अलावा महिला स्वास्थ्यकर्ता हमेशा उपलब्ध रहती हैं। जो समय-समय पर गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच करते रहते हैं। इन क्वारेंटाईन सेंटर में सरायपाली में 23, बसना में 08, पटेवा में 03 तथा पिथौरा एवं बागबाहरा में 11-11 गर्भवती माताएं रह रही हैं। -
डाॅनिंग और डाॅफिग सहित उपचार के लिए अनुभवी चिकित्सकों के साथ आवश्यक उपकरणों से लैस
महासमुंद 10 जून : जिले में कोराना वायरस के संक्रमण और रोकथाम को लेकर कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से कड़ी मेहनत कर कोविड-19 केयर सेंटर शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है। कोविड केयर यूनिट के लिए लगभग सभी तैयारियां कर ली गईं हैं। जल्द ही कोविड-19 से पीड़ित मरीजों का उपचार जिला मुख्यालय में ही किया जा सकेगा। कोरोना से संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों को उपचार के लिए राजधानी रिफर किए जाने की बाध्यता अब समाप्त हो जाएगी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल ने बताया कि कोविड केयर यूनिट में अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सक, आयुष अधिकारियों, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल स्टाफ सहित आया, वार्ड ब्वाय की चैबीसों घंटे ड्यूटी लगेगी। कोविड केयर यूनिट को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है।इससे मरीजों को वही सारी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। जो राजधानी सहित अन्य बड़े चिकित्सालयों में उपलब्ध होता हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड केयर सेंटर में तकनीकी उपकरणों से परिपूर्ण कंट्रोल रूम, कुल 240 बिस्तर और अन्य चिकित्सकीय उपलब्धताएं बनाई गईं है। यहां मरीज केे आते ही सबसे पहले उन्हें सैनिटाइज्ड कर स्पेशल किट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके पश्चात् उनका गहनता से स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरांत संक्रमण की स्थिति, लक्षण एवं उम्र अनुसार शारीरिक क्षमता के अनुभवी चिकित्सकों की देख-रेख में चरणबद्ध तरीके से हाइड्राॅक्सी क्लोरोक्वीन की खुराक दी जाएगी, साथ ही विटामिन बी-काॅम्प्लेक्स, जिंक एवं विटामिन-डी की दवाएं देते हुए उपचार की सेवाएं जारी रहेंगी। दूसरी ओर संक्रमण पीड़ितों के लिए यहां विशेष डाइट चार्ट तैयार किया गया है। जिसमें उनके लक्षणों और पूर्व से चल रहे डायबिटीज एवं ब्लड प्रेसर जैसी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ और पौष्टिक भोजन की सुविधा भी दी जाएगी।
खास बात यह है कि संक्रमण से पूर्ण सुरक्षा के लिए यहां काम करने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मी प्रवेश एवं निकासी के दौरान डॉनिंग और डाॅफिंग क्षेत्र में सबसे पहले स्वयं को सैनिटाइज्ड करेंगे। साथ ही उनके ठहरने के लिए भी कोविड केयर सेंटर परिसर में ही कार्यभार व सेवा दायित्व के अनुरूप अलग-अलग कक्षों की व्यवस्था की गई है। ऐहतियात के तौर पर यहां सेवाएं प्रदान करने वाले चिकित्सकीय दल को भी 14-14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। -
महासमुंद 10 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव की दिशा में सभी जिलांे द्वारा प्रसंशनीय कार्य किया गया हैं। अवकाश के दिनों में भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कार्य किया हैं। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी प्रकार से सभी कार्य करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं की गई है। इसके अलावा मजदूरों को मनरेगा के तहत् कार्य भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को अंतर की राशि की पहली किश्त प्रदाय की गई हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना की प्रगति, हाट बाजार क्लीनिक योजना प्रगति विवरण, इंग्लिश मीडियम स्कूल स्थापना, प्रत्येक विकास खण्ड मुख्यालय पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों एवं आई.टी.आई. में समन्वय स्थापित करके रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सुपोषण अभियान ग्रामीण भूमिहीन मजदूर परिवारों का चिन्हांकन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण, वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त पट्टेधारियों की आय वृद्धि हेतु कार्य योजना, खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, धान के बदले अन्य फसलों को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना, भाषाओं के रंग-रोगन, आवश्यक मरम्मत कराना, मनरेगा-प्रगति, 7500 वर्ग फुट भूमि का आबंटन, नियमितिकरण, शहरी स्लम पट्टो का नवीनीकरण, फ्री होल्ड करना, स्कैप का डिस्पोजल, शासकीय हॉस्टल, आश्रम अन्य आवासीय भवनों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सभी सामग्रियों का प्रदाय महिला समूह के माध्यम से, जिलों में टिड्डी की समस्या, स्कूलों और आश्रमों को साफ-सुथरा कर जून के अंत तक सामान्य संचालन के लिए तैयार करना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर चर्चा की।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत् महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से पोषण युक्त लड्डू प्रदान किए जा रहे थे, अब मार्च से उन्हें गर्म भोजन दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना कि सतत् माॅनिटरिंग बढ़ाई जाएगी और कुपोषण से मुक्ति की दिशा में प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, वन मण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेम्भुलकर, अपर कलेक्टर श्री शरीफ मोहम्मद खान, श्री आलोक पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।