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महासमुंद 25 जून : जिले के कृषक पारम्परिक खेती को कम कर नए तरीके से साग-सब्जी की खेती करना शुरु कर दिए है। सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम पाटसेन्द्री के कृषक श्री भरत पटेल का 1.98 हेक्टेयर रकबा बंजर था। उन्होने अपने बंजर भूमि पर 2 फीट मिट्टी भरवाकर खेती करने लायक बनवाया है। कृषक द्वारा उद्यानिकी विभाग की योजना से 0.40 हेक्टेयर मे शेडनेट हाउस एवं ड्रिप लगाया है। कृषक अपने रुचि अनुसार टमाटर और करेला लगाया है, जो कि अच्छी स्थिति में हैै। पहली तुड़ाई में करेला 12 क्विंटल लगभगा 42 हजार रूपए की बिक्री कर चुके है।
ड्रिप इरिगेशन स्थापन से मजदूर की समस्या भी कम हो रहे है। इसे वैज्ञानिक तरीके से देखे तो पौधे उर्वरक दो तरीके से लेते है, एक भूमि से दूसरा पानी के जरिए भूमि में खाद डालने से उसका पूर्ण हिस्सा उपयोग नहीं हो पाता और खाद अनुपयोगी हो जाता है। इसलिए ड्रिप के माध्यम से किसान रासायनिक खाद, दवा एवं पानी एक साथ पौधें को देतें है। इस विधि को फर्टिगेशन कहते है। अर्थात् फर्टिलाइजर एवं इरिगेशन (सिंचाई) एक साथ होता है। इससे पौधों को उर्वरक एवं जल दोनांे एक साथ प्राप्त होता है।
सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए नेट हाउस अच्छा विकल्प है। सब्जियों की खेती में लागत नियंत्रण मौसम पर निर्भर करता है। यदि किसान प्रतिकुल मौसम मंे सब्जियों का उत्पादन लेता है, तो उसे पौधों को बचाने के लिए अधिक कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता हैं। जिससे लागत बढ़ती है कीट व्याधि का प्रकोप भी शेडनेट हाउस मे कम होता है। जिससे लागत को कम करके अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है। इसी प्रकार ग्राम ईच्छापुर के कृषक श्री राम नायक ने फूलों की खेती की ओर ध्यान दिया और गुलाब की खेती पाॅलीहाउस मे 0.40 हेक्टेयर में शुरू किया तथा खुद से ही खेती कर गुलाब से मुनाफा कमा रहे है। किन्तु उन्हंे गुलाब की तोड़ाई के बाद कटाई, छटाई एवं देखरेख मे समस्या होने लगी तब उनके मांग अनुसार उद्यानिकी विभाग से वर्ष 2018-19 मे पैक हाउस दिया गया। जिससे उनकी भंडारण की समस्या दूर हुई है। वर्तमान में वह प्रतिदिन 55-60 बंच की भंडारण कर रहे है तथा उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। -
महासमुंद 24 जून : कृषि विभाग के उप संचालक श्री चिरंजीव सरकार ने सशक्त और शिकायत निवारण प्रणाली को कृषकों के प्रति अपने स्वयं के साथ-साथ कार्यालय स्टॉफ मैदानी अमलों की जिम्मेदारी पारदर्शी जवाबदेही स्पष्टता के साथ संस्कृति व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में सहायक संचालक कृषि श्री एस.आर.डोंगरे को नोडल अधिकारी एवं सहयोग के लिए वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री के.एस. साहू (कार्यालयीन) को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। शिकायत निवारण के लिए दूरभाष क्रमांक 07723-222132 पर कार्यालयीन समय प्रातः 10ः30 बजे से शाम 05ः30 बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है। -
महासमुंद 24 जून : सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महासमुंद श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतक के परिवार जनों तथा घायलों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत किया हैं। इनमें महासमुंद विकासखंड के ग्राम पिटियाझर महासमुंद निवासी श्री देवा आडिल उर्फ भूपेन्द्र आवड़े की मृत्यु 24 अप्रैल 2018 को सड़क दुर्घटना में होने पर उनके पिता श्री सुखनंदन आवड़े को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई हंै। -
महासमुंद 24 जून : जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक 29 जून 2020 को दोपहर 12ः00 बजे से जिला पंचायत महासमुंद के सभा कक्षा में जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। बैठक में सभी संबंधितों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित अद्यतन पूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया हैं। बैठक में कृषि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यो की समीक्षा सहित अन्य विषय पर चर्चा की जाएगी। -
महासमुंद 24 जून : वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने बताया कि जिले के मरीजो का सैम्पल जाॅच के लिए भेजा गया है। जिसमें महासमुंद जिले के बसना तहसील के ग्राम अखराभांठा टुकड़ा (फुलवारी) के मरीज की जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम अखराभांठा टुकड़ा (फुलवारी के नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसमें उत्तर दिशा में तुलाराम का मकान, दक्षिण दिशा में बोधराम का दुकान, पूर्व दिशा में तालाब एवं पश्चिम दिशा मंे बाबाकुटी शामिल हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं।
इसी प्रकार जिले मंे बसना तहसील के ग्राम पिलवापाली के मरीज की जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पिलवापाली के नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसमें उत्तर दिशा में निर्वेदन राम का मकान, दक्षिण दिशा में गंगाराम सिदार का मकान, पूर्व दिशा में ललीत राम का मकान एवं पश्चिम दिशा मंे तुलसीराम का मकान शामिल हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई
कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र मेें घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेन्टमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री गोयल ने कन्टेन्टमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए है। इनमें सम्पूर्ण प्रभार एवं इंसीडेन्ट कमांडर के रूप मंे श्री कुणाल दुदावत, कंटेनमेंट जोन में दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाना, आवागमन पर प्रतिबंध रखते हुए सुसंगत आवश्यक कार्रवाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) श्री विकास पटेल, केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था हेतु बेरिकेटिंग के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस.आर. सिन्हा, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन डाॅ. आर.के. परदल, प्रवेश एवं निकास सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था एवं आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जनपद पंचायत बसना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जी.डी. सोनवानी, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी. अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई. किट इत्यादि उपलब्ध कराना एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए खंड चिकित्सा अधिकारी डाॅ जयप्रकाश प्रधान, घरों का एक्टिव सर्विलांस के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती गरिमा कैवत्र्य एवं श्रीमती स्वर्णलता मैथ्य, खंड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री जे.आर. डहरिया, पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में तहसीलदार श्रीमती ललिता भगत होंगे। इसी तरह कंटेनमेंट जोन के लिये गूगल मैप तैयार करने के लिए (राजस्व अमले द्वारा दिये गये नजरी नक्शा के आधार पर) जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी श्री आनंद सोनी एवं ई-जिला प्रबंधक श्री भूपेन्द्र अंबिलकर, भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को नियुक्त किया गया हैं। सभी अधिकारी-कर्मचारी आपस में समन्वय बनाकर उक्त समस्त कार्यों का निर्वहन करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर उपरोक्त कार्यों के लिए अन्य स्थानीय अमलों की ड्îूटी लगाने के लिए भी अधिकृत होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। -
सी.एस.सी. के द्वारा वित्तीय लेन-देन में महासमुन्द का प्रदेश मे प्रथम स्थान
महासमुंद 24 जून : सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामान्य सेवा केन्द्र या सी.एस.सी. ( काॅमन सर्विस संेटर) कार्यरत है, जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र एवं राज्य शासन की अधिकाधिक योजनाओं का लाभ प्रत्येक हितग्राही तक सरल एवं सुलभ रूप से उपलब्ध कराया जाना है। इसके माध्यम से आम जन को अनेक योजनाओं का लाभ महासमुंद जिले में दिलाया जा रहा हैं। इस संबंध में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर श्री भूपेन्द्र अम्बिलकर ने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल 616 सी.एस.सी. संचालित हैं। इन लोक सेवा केन्द्रों में से 108 केन्द्र महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। ये सभी लोक सेवा केन्द्र विभिन्न प्रकार के कार्य संपादित कर रहे हैं।
लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से शहर एवं ग्राम पंचायत पर क्प्ळप्च्।ल् च्ंलउमदज ।चच के द्वारा भुगतान किया जा रहा है, जिनमें विभिन्न शासकीय योजनाओं को सम्मिलित किया गया है। इसके तहत् विभिन्न पेंशन भुगतान, मनरेगा भुगतान, सरपंच, पंच मानदेय भुगतान, धान बोनस भुगतान, आंगनबाड़ी सहायिका रसोईया भुगतान, वनोपज संग्राहकों को भुगतान, विभिन्न समूहों के लेनदेन आदि अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनधन योजना, किसान सम्मान निधि, अन्य शासकीय योजनांतर्गत भुगतान तथा विभिन्न बैंको के खाताधारकों के व्यक्तिगत लेनदेन भी सम्मिलित है। वर्तमान में इस सेवा के माध्यम से माह अप्रेल में कुल 06 करोड़ के वित्तीय लेन-देन, माह मई में 13 करोड़ तथा माह जून में अब तक 17 करोड़ का वित्तीय लेन-देन इनके माध्यम से किया गया है। जिले में सी.एस.सी. के द्वारा अधिकतम लेनदेन एवं भुगतान का कार्य किया जा रहा हैं। सी.एस.सी. के द्वारा वित्तीय लेन-देन में जिला महासमुन्द का प्रदेश मे प्रथम स्थान है। इसके अलावा विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा टेली लॉ शुरू की गई सेवा है जिसके अंतर्गत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के अंतर्गत निःशुल्क कानूनी सलाह एवं उपचार प्रदाय की जा रही है। अब तक जिले में कुल 4240 प्रकरण टेली लाॅ में पंजीकृत किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के सुझाव पर भारत बिल पे सेवा लागू की गई है, जिसमें हितग्राही लोक सेवा केन्द्र में जाकर बिजली का बिल, मोबाईल रिचार्ज एवं बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा का भुगतान, डी.टी.एच. रिचार्ज, गैस रिफिलिंग का भुगतान एवं अन्य सुरक्षित लेनदेन किया जा रहा है। जिले में बागबाहरा विकासखंड से तेंदुकोना पंचायत एवं आस-पास क्षेत्रों के ग्रामीणों को सी.एस.सी. के माध्यम से विद्युत देयक भुगतान करने की अच्छी सुविधा पहुंच रही है, तेंदुकोना पंचायत के सी.एस.सी. अरूण साहू के द्वारा ग्रामीणों के विद्युत देयक का भुगतान किया जा रहा है, उनके द्वारा लगभग 7 लाख प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है, जो कि प्रदेश में सर्वाधिक है। साथ ही सी.एस.सी. के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए जिले के 08 सी.एस.सी. संचालक को भारत गैस का सब-डिस्ट्रीब्युटर बनाया गया है जिसमें से तीन महिला सी.एस.सी. भी सम्मिलित हैं।
उन्होंने बताया कि ई-जिला परियोजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का पंजीयन कराया जाकर प्रमाण पत्र लिया जा सकता है, यथा - जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, आय, जाति, निवास तथा अन्य 50 से अधिक सेवा एवं योजनाओं को सम्मिलित किया गया है। हितग्राही निकटतम लोक सेवा केन्द्र में जाकर आवश्यक दस्तावेजों सहित ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भारत नेट परियोजना के प्रथम चरण में जिले के विकासखंड महासमुन्द एवं बागबाहरा को सम्मिलित किया गया था जिसमें 96-96 ग्राम पंचायतों में फाईबर आप्टिक का कार्य बी.एस.एन.एल. के द्वारा किया जा चुका है, जिसका रखरखाव एवं प्रबंधन का कार्य सी.एस.सी. को सौंपा गया है। सी.एस.सी. के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के 5 शासकीय परिसर को एक वर्ष तक निःशुल्क इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है, जिससे शासकीय स्कूल, आंगबाड़ी, ग्रामीण पोस्ट आॅफिस, राशन दुकान आदि को इसका लाभ मिल सकता है। परियोजना के द्वितीय चरण में शेष 03 विकासखंड में कार्य प्रगति पर है।
लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ग्रामीण ई-स्टोर सेवा प्रारम्भ की गई हैं। यह सेवा एक प्रकार से ई-काॅमर्स सेवा के तर्ज पर कार्य करती है। इस सेवा के माध्यम से जनसामान्य आॅनलाईन माध्यम से घर बैठे ही विभिन्न सामग्रियों को मंगा सकते हैं। सेवा में दैनिक उपभोग, खाद्य सामग्री तथा इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को भी मंगाया जा सकता है। शहरी एवं ग्रामीण उपभोक्ता प्ले स्टोर से सी.एस.सी. ग्रामीण ई-स्टोर एप्लीकेशन डाउनलोड कर इस सेवा का लाभ ले सकते हैं। जिले में ग्रामीण ई-स्टोर के लिये 77 सी.एस.सी. संचालक पंजीकृत हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सी.एस.सी. के माध्यम से ळ2ब्ए ठ2ब् वित्तीय समावेसन, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, आधार, वोटर आई.डी. एवं पैन कार्ड तथा समय-समय पर अन्य शासकीय योजनाओं की जानकारी एवं लाभ इत्यादि शहरी एवं ग्रामीण जनसामान्य को दी जा रही है। लोक सेवा केन्द्रों द्वारा प्रदत्त सेवाओं की मानिटरिंग तथा समीक्षा समय-समय पर विकासखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर किया जाता है। -
महासमुंद 24 जून : महासमुंद जिले में अब तक 333.5 मि.मी. औसत बारिश दर्ज की गई है। भू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में आज 24 जून 2020 को 0.9 मिमी की औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले के पाॅचों तहसीलवार वर्षा में महासमुंद तहसील में 3.1 मि.मी, पिथौरा तहसील में 1.6 मि.मी., बारिश दर्ज की गई है। -
महासमुंद 24 जून : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसील एवं जनपद पंचायत कार्यालय के संयुक्त प्रांगण में बनाए जा रहें नवनिर्मित तहसील कार्यालय का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को बचे हुए निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए ताकि तहसील कार्यालय को नवनिर्मित भवन पर स्थानांतरित किया जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को तहसील कोर्ट को ठीक बनाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने परिसर के चारों ओर बाॅण्ड्री वाॅल एवं पौधरोपण करने एवं परिसर में पानी के जमाव होने पर जनभागीदारी के माध्यम से मुरूम डलवाने को कहा। -
महासमुंद 24 जून : जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, महासमुंद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि जिले के लिए वर्ष 2020-21 के लिए संभावित लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग टेªक्टर ट्राली (ई.ला. 10.50 लाख) के लिए 01 इकाई, पैसेंजर व्हीकल (ई.ला. 6.00 लाख) के लिए 01 इकाई, गुड्स कैरियर (ई.ला. 7.00 लाख) के लिए 01 इकाई, स्माॅल बिजनेस (ई.ला. 1.00 लाख) के लिए 02 इकाई, स्माॅल बिजनेस (ई.ला. 2.00 लाख) के लिए 02 इकाई, स्माॅल बिजनेस (ई.ला. 3.00 लाख) के लिए 02 इकाई, समूह हेतु प्रति समूह (ई.ला. 5.00 लाख) केवल 03 समूह हेतु, पिछड़ा वर्ग टर्म लोन (ई.ला. 1.00 लाख) के लिए 01 इकाई, टर्म लोन (ई.ला. 3.00 लाख) के लिए 01 इकाई, स्व सहायता समूह महिला समृद्धि योजना (ई.ला. 3.00) के लिए 01 समूह, एवं अल्पसंख्यक टर्म लोन स्व सहायता समूह (ई.ला. 10.00 लाख) प्राप्त हुए हैं।इच्छुक आवेदक ऋण लेना चाहते हैं तो 10 जुलाई 2020 तक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, कलेक्ट्रेट परिसर महासमुंद से कार्यालयीन समय में प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन के साथ सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड एवं शपथ पत्र, नोड्यूज के लिए जमा करना आवश्यक होगा, आवेदक जिले का मूल निवासी हो उम्र 18-50 वर्ष तक हो। आवेदक की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 98000/- एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 120000/- से अधिक नहीं हो। वाहन के लिए वैद्य कामर्शियल ड्रायविंग लायसेंस होना अनिवार्य है। टेªक्टर ट्राली हेतु आवेदक के नाम पर 5 एकड़ कृषि भूमि होना अनिवार्य है। जिसका बी-वन, नक्शा, खसरा, ऋण पुस्तिका जमा करना आवश्यक होगा। -
महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सलाह का करें पालन: कलेक्टर
महासमुंद 24 जून : राज्य शासन द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को सुव्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग का गठन किया गया है। समेकित बाल विकास सेवा अंर्तगत गर्भवती, शिशुवती महिलाएं एवं 06 वर्ष आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति सुधार के लिए सेवाएं प्रदाय की जाती है। इस कार्यक्रम के साथ-साथ महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाएँ विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम नयापारा खुर्द में मंगलवार को आकस्मिक भ्रमण कर ग्रामीण क्षेत्रों में इन योजनाओं का क्रियान्वयन भली-भाॅति हो रहा है कि नहीं, इसकी जानकारी ली। उन्होंने गाॅव में पैदल चलकर एक गर्भवती एवं एक शिशुवती माता के यहां जाकर गृह भेंट किया। इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम शिशुवती माता श्रीमती धनेश्वरी साहू यहां पहुंचकर उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सेवाओं एवं सुविधाओं के बारें में जानकारी ली। श्रीमती साहू ने बताया कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में रेडी-टू-ईट फूड उपलब्ध कराया जाता हैं।
इसके उपरांत कलेक्टर ने गर्भवती माता श्रीमती कीर्ति यादव यहां पहुंचकर गृह भेंट किया तथा उनसे निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार ए.एन.सी. चेकअप, आयरन- कैल्श्यिम टैबलेट का स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदाय हीमोग्लोबिन टेस्ट के बारें में जानकारी ली। इस दौरान श्रीमती यादव ने बताया कि वे आज ही अपना स्वास्थ्य जाॅच कराकर आई हैं, उन्हें चिकित्सकों द्वारा दवाईयां उपलब्ध कराई गई हैं । इस पर कलेक्टर ने उन्हें समयानुसार दवाईयां खाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सलाह का पालन करें। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने बताया कि इस गांव में 03 गर्भवती माताएं, 06 शिशुवती माताएं तथा 06 माह से तीन वर्ष तक के 23 बच्चे हैं, जिन्हें महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर, आॅगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा नियमित रूप से गृह भेंटकर आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है । फील्ड विजिट के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर श्री शरीफ मोहम्मद खान, अनुविभागीय अधिकारी श्री बी.एस. मरकाम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
महासमुंद 24 जून : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने कल जनपद पंचायत पिथौरा एवं जनपद पंचायत बसना के कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कर अधिकारी-कर्मचारियों, उप-अभियंता, नरेगा के तकनीकी सहायकों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय भूमि पर किसी अन्य का अधिकार नहीं हैं। शासकीय भूमि पर शासकीय उपयोग के लिए निर्माण कार्य ही कराए जा सकते हैं। यदि कही शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है, तो उसे हटाने की कार्रवाई की जाए और उस जमीन पर घेरा कराएं। उन्होंने कहा कि सी.सी. रोड का निर्माण बिना नाली के बिना प्रस्ताव ना भेंजे और ना ही स्वीकृत करें। सी.सी रोड का निर्माण केवल आबादी वाले स्थलों पर ही बनाएं। शासकीय घास मद की भूमि पर सी.सी रोड के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। इंजीनियर साईड सलेक्शन ठीक तरह से करें, जिससे कि कम लागत पर अच्छा निर्माण कार्य हो सकें। किसी भी निर्माणस्थल पर सूचना पटल अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें। शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य के लिए अनुमति लेना आवश्यक हैं। शासकीय स्कूल, छात्रावास, आॅगनबाड़ी केन्द्र, चिकित्सालय, शासकीय भवन या काॅलोनी में बाॅण्ड्री वाॅल बनाने के लिए राजस्व विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कहीं पर भी भवन बनाया जा रहा है, तो वहां हवा के लिए पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर, बरामदा के लिए जगह अनिवार्य रूप से रखें। खिड़कियों पर एल्युमिनियम की मच्छरदानी अनिवार्य रूप से लगाएं। निर्माण कार्यों पर गुणवत्ता बनाए रखें। भवन निर्माण के दौरान भू जलस्त्रोत को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक सावधानीं बरतें। तालाबों में अनावश्यक पचरी के लिए प्रस्ताव ना भेंजे और ग्रामीण क्षेत्रों में बिना जरूरत के लिए सामुदायिक भवन बनाने का प्रस्ताव ना भेंजे। एक तालाब पर निस्तारी के लिए दो पचरी पर्याप्त हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् हितग्राहियों के लिए बनाए जा रहें मकान आबादी वाले स्थलों पर ही बनाएं। मनरेगा के तहत् प्लाॅन्टेशन कराने पर करंज, नीम, बबूल सहित अन्य औषधीय पौधें लगाएं और वहां पर फैेन्सिंग कराएं। बैठक के दौरान उन्होंने निर्धारित समय-सीमा में कार्यों का मूल्यांकन करने को कहा। हितग्राहियों एवं निर्माण एजेंसियों को भुगतान संभवतः आर.टी.जी.एस. से करने को कहा। जनपद पंचायत के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैश बुक, उपस्थिति पंजी, मूल्यांकन पंजी सहित अन्य फाईलों का बारिकी से निरीक्षण किया तथा अपूर्ण कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। -
राजस्व कार्यालय में आने वाले प्रकरणांे का समय-सीमा में करें निराकरण: कलेक्टर
महासमुंद 24 जून : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने कल पिथौरा के तहसील, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा बसना के तहसील कार्यालयों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने पिथौरा तहसील कार्यालय पहुंचकर अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति पंजी, नामान्तरण, बॅटवारा, आॅनलाईन ई-कोर्ट प्रकरण की एण्ट्री, दायरा पंजी, भू-अर्जन, सीमांकन रिपोर्ट के प्रकरण, आवक-जावक रजिस्टर सहित अन्य कार्यों एवं फाईलों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्धारित समय पर अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय पर उपस्थित नहीं होने पर काफी नाराजगी जताई और उन्हें अनुपस्थित करने, कारण बताओं नोटिस जारी करने तथा उनसे संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर उनका वेतन आहरण नहीं करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। तहसील कार्यालय में फाईलों का सही तरीके से संधारण एवं कार्य ठीक तरह से नहीं होने पर अधिकारी-कर्मचारियों को सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि शासकीय कार्यों का संपादन समय-सीमा में सुनिश्चित करने और पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता के अनुरूप शीघ्र पूरा करने को कहा शासकीय कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि समाज के वंचित एवं कमजोर वर्गों के लोगों के कल्याण के प्रति सदैव तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि समाज के जरूरतमंद एवं कमजोर वर्ग के लोगों को मदद पहुंचाना हम सभी शासकीय सेवकों का दायित्व है। उन्होंने सभी शासकीय कार्यालयों में आने वाले आम नागरिकों से मधुर एवं आत्मीय व्यवहार रखें।कलेक्टर ने कहा कि शासन के जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके, इसके लिए शासकीय कार्यों को समय-सीमा में पूरा करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी अधिकारियों को टीम वर्ग तथा आपसी समन्वय से निर्धारित समयावधि में सभी कार्यों का निपटारा करने को कहा। उन्होंने कार्यालय में विभाग विभागीय समन्वय के साथ प्रकरणों को बातचीत कर तथा सतत् संपर्क स्थापित कर कार्यों को समय-सीमा में निपटारा करने को कहा। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली श्री कुणाल दुदावत, अपर कलेक्टर श्री शरीफ खान, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिथौरा श्री बी.एस. मरकाम सहित संबंधित तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे। -
महासमुंद : बागबाहरा में हुए तेज बारिश के कारण छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सीमा में लगे खट्टी ग्राम के बैराज पुल आज बह गई है
विदित हो कि या फूल कोरोना संक्रमण से रोकने के रोकथाम के लिए स्थाई बैरियर के रूप में पिछले 2 माह से बंद था इस कारण इसमें किसी प्रकार के जान माल का नुकसान या आवाजाही या अत्यावश्यक सेवाओं के आदान-प्रदान में दिक्कत नहीं हुई उपरोक्त पुल लगभग 35 साल पुराना है तथा यह उड़ीसा सरकार द्वारा बनाई गई पुल है इस पुल कटान के कारण नागरिकों को कोई दिक्कत ना हो और ना ही किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ेइसके लिए आस-पास के गांव में मुनादी करा दी गई है एवं इन क्षेत्रों में स्वयं या वाहन आदि का नदी के प्रवेश को पूर्व की भांति ही रोक लगा दी गई है
इस क्षेत्र में स्थाई बेरियर होने कारण पुलिस और प्रशासन की ड्यूटी भी लगी हुई है यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि इसमें किसी प्रकार की भूलवश आवाजाही ना हो सके। मौके पर तहसीलदार, पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम ,पहुंच इससे हुई क्षति का आकलन एवं आपदा प्रबंधन के संबंध में निर्देश भी दिये । खट्टी व आसपास के ग्रामो का मूलभूत सुविधाओं के लिए कोमाखान बाजार एवं आसपास के क्षेत्र के ऊपर निर्भरता है साथ ही इसकी दूसरी ओर खलना ग्राम उड़ीसा का से लगे हुए खरियार रोड की बाजार पर निर्भरता है जिसके कारण यह उम्मीद की जा रही है कि लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाएं एवं कृषि कार्यों के लिए वर्तमान में कोई दिक्कत नहीं होगी। -
महासमुंद : जिले में आज कोरोना के 05 धनात्मक प्रकरण की पुष्टि हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर ने जांच के बाद मामले के धनात्मक रिपोर्ट की सूचना जिला प्रशासन को दी है। जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सभी संक्रमित बसना विकासखण्ड के हैं। इनमें 3 पुरुष एवम 2 महिलाएं हैं। ग्राम पिलवापली बसना के 2 पुरुष पॉजिटिव पाए गए हैं, इनमें से एक की उम्र 28 वर्ष है और यह महाराष्ट्र से आया है, वहीं दूसरे व्यक्ति 35 वर्ष का है और यह राँची (झारखंड) से आया है। बसना के ग्राम अखराभाटा के 03 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं,इनमें एक पुरूष जिसकी उम्र 48 वर्ष है और यह झारखंड से आया है, वहीं दोनों महिलाएं उत्तर प्रदेश से आई हैं। इनकी उम्र क्रमशः 20 एवम 22 वर्ष है, इनमें से एक फैजाबाद(यू पी)एवम दूसरी सुल्तानपुर(यू पी)से आई है। ये सभी संक्रमित क्वारेन्टीन सेंटर में हैं और इन्हें कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी की जा रही है। -
महासमुंद :/ कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं संबंधित अधिकारियों को संभावित क्षेत्रों में उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रों के गांवों में मुनादी करवाकर सचेत करवाने को कहा है। उन्होंने कहा है कि किसी भी क्षेत्र में कहीं पर भी जन-धन, पशु क्षति की सूचना प्राप्त होने पर जिला कार्यालय स्थित कन्ट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर 07723-223305 पर अनिवार्य रूप से दें। जिला स्तर पर बाढ़ एवं आपदा से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि बाढ़ के संबंध मंे किसी भी प्रकार की सूचना के लिए जिला कार्यालय एवं सभी तहसील मुख्यालयों मंे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की गई हैं।
जिला स्तर पर डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सीमा ठाकुर को बाढ़ आपदा के नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनका दूरभाष क्रमांक फोन नं. 07723-223305, फैक्स 07723-223302 हैं, इसी प्रकार भू-अभिलेख के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को बाढ़ आपदा के प्रभारी अधिकारी बनाया गया हैं, जिनका दूरभाष क्रमांक 07723-223969 एवं मोबाईल नम्बर 99936-81890 हैं। इसी प्रकार महासमुंद तहसील के लिए तहसीलदार श्री मूलचंद चोपड़ा फोन नं. 07723-223309 मो0 83494-43069, बागबाहरा तहसील के लिए नायब तहसीलदार श्री बलराम तम्बोली फोन नं. 07707-242428 मो0 81035-34241, पिथौरा तहसील के लिए तहसीलदार श्री टी.आर. देवांगन फोन नं. 99261-74177बसना तहसील के लिए नायब तहसीलदार सुश्री सुशीला साहू फोन नं. 07724-247249 मो. नं. 88893-84102 इसके अलावा सरायपाली तहसील के लिए नायब तहसीलदार श्री इंद्र राम चन्द्रवंशी फोन नं.ं. 07725-227750 मो0 94790-58202 हैं, इनको प्रभारी अधिकारी बनाया गया हैं।क्रमांक/159/419/एस शुक्ल/हेमनाथ -
महासमुंद 20 जून : जिले के धान उपार्जन केन्द्र केना में समिति प्रवन्धक, उपार्जन केंद्र प्रभारी एवम ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर का मामला दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ प्रथम दृष्टया 831किविंटल से अधिक के धान के गबन का मामला सामने आया है। धान उपार्जन केन्द्र केना तहसील सरायपाली में 16 जून 2020 को खाद्य तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच की गई। जिसमें पाया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के धान उपार्जन केन्द्र केना के कम्प्यूटर में दर्ज रिकार्ड के अनुसार खरीदी केन्द्र केना द्वारा कुल 41203.60 क्विंटल धान की खरीदी की गई। जिसमें से मिलर तथा संग्रहण केन्द्र को 40372.47 क्विंटल धान प्रदान किया गया। इस प्रकार समिति में 831.13 क्विंटल धान उपलब्ध होना चाहिए था लेकिन मौके पर खरीदी केन्द्र में धान का स्टॉक निरंक पाया गया। धान की 831.13 क्विंटल की कमी के बारे में समिति प्रबंधक तथा खरीदी प्रभारी से पूछताछ की गई, जिसमें उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसलिए जांच अधिकारियों के द्वारा जांच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया 831.13 क्विंटल धान का गबन की जाना पाया गया जिसके लिए समिति के उपाध्यक्ष समिति प्रबंधक,खरीदी प्रभारी तथा कम्प्युटर ऑपरेटर को दोषी मानते हुए समिति तथा शासन को लगभग इक्कीस लाख रुपये की क्षति पहुँचाने के आरोप में थाना सरायपाली में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई।
छ.ग.शासन खाद्य विभाग द्वारा जारी धान खरीदी नीति के अनुसार समितियां धान खरीदी करती है, जिसकी कण्डिका क्रमांक 15.9 में स्पष्ट उल्लेंख है कि खरीदी केन्द्रों में संग्रहित धान के लिए कोई सूखत मात्रा मान्य नहीं होगी। इस नीति के तहत् मार्कफेड तथा समिति के बीच अनुबंध पत्र निष्पादित किया जाता है जिसकी कंण्डिका 1.10 में उल्लेख है कि धान उपार्जन केन्द्रों में क्रय किये गये धान पर कोई सूखत मान्य नहीं है। मार्कफेड द्वारा धान खरीदी केन्द्रों में खरीदे गये धान के सुरक्षित रख रखाव के लिए राशि भी प्रदान की जाती है। उप पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, जिला महासमुन्द द्वारा बताया गया है कि शासन के निर्देशानुसार इस प्रकार की जाँच कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी तथा जिन खरीदी केन्द्रों में धान की कमी अथवा अनियमितता पायी जाती है तो उस समिति के कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। -
कोरोना को बस में करने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने किए हैं अच्छे इंतजाम
जांच, उपचार एवं दवाओं सहित आने-जाने और रहने-खाने की सुविधाएं भी निशुल्क हैंकोरोना वायरस को लेकर फैली अफवाह और भ्रांतियों के कारण बढ़ रहा भय का माहौलसुरक्षा के नियमों का शब्दशः पालन करते रहने से आपको जरा भी छू नहीं पाएगा कोरोना
बिना डरे हिम्मत से काम लंेगे तो पॉजिटिव से निगेटिव होना पक्का
महासमुंद : नववर्ष के प्रथम माह यानी जनवरी 2020 से देशभर में फूटा कोरोना का विस्फोट देखते ही देखते प्रदेश में भी कहर बरपाने लगा। जब, जिले में दर्जनों लोगों के इसकी चपेट में आने की खबरें आने लगीं, उस वक्त विकासखण्ड बागबाहरा के बारह ऐसे योद्धा उभर कर सामने आए, जिन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की, यह वायरस चुपके से उनके शरीर में भी घर कर जाएगा। 04 जून 2020 को, उनके कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो मानों पैरों तले जमीन ही खिसक गई। मानवीय स्वभाव की घबराहट जरूर हुई, किंतु हौसला काबिले-तारीफ रहा, पल भर के लिए भी किसी ने भी हार नहीं मानी और सभी ने कोरोना को परास्त कर दिया।
उल्लेखनीय है कि जुनवानी दुर्ग स्थित शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रिफर होने से लेकर उपचार उपरांत तंदरुस्त हो जाने तक के सफर में जिला प्रशासन की तत्परता और चिकित्सकीय दल की तन्मयता रंग लाई। मरीजों ने भी भरपूर सहयोग किया और महज दस दिनों के भीतर ही शरीर से संक्रमण का कतरा-कतरा जड़ से निकाल फेंक दिया गया। वे अब, स्वस्थ होकर वापस महासमुंद लौट चुके हैं। जहां, सीने से लगाने वाले घर वालों को उनकी सात दिवसीय क्वारंटीन की अंतिम कड़ी पूरी होने का बेसब्री से इंतजार है।
विदित हो कि महासमुंद में कोरोना के पीड़ित बारह मरीज 14 जून 2020 को स्वस्थ होकर लौटे, इन्हें बागबाहरा के प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास में दोबारा क्वारंटीन किया गया। मूलतः दस व्यक्तित्व बागबाहरा शहर के निवासी हैं। वहीं, ग्यारहवें ग्राम भदरसी और बारहवें नर्रा गांव के रहने वाले हैं। गौरतलब हो कि इनमें कोई जनप्रतिनिधी है, तो कोई स्वास्थ्य या फिर नगर पालिका से ताल्लुक रखता है, कुछ ऐसे भी हैं जो लंबे समय से संवेदनशील क्षेत्रों में बतौर स्वच्छता कमांडो कोरोना से दो-दो हाथ करते रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग वाली इस अल्पकालिक गुफ्तगूं में उन्होंने आमजन की ओर राहत भरे स्वरों वीडियो संदेश प्रसारित किया कि अब वे पूरी तरी स्वस्थ हैं। संक्रमण का खतरा उनके शरीर से कोसों दूर है। यह नई जिंदगी के पहले कदम जैसा अहसास यह है, जो सबक देता है कि हम कोरोना से उतना ही डरें जितना जरूरी है, जरूरत से ज्यादा घबराएं भी नहीं। सरकारी व्यवस्थाओं पर भरोसा रखें और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए स्वच्छता, सफाई एवं संक्रमण रोकथाम नियमावली का पालन कर एक-दूसरे को सुरक्षित रखने के लिए अनिवार्य दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते रहें।
महामारी के प्रकोप में कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम के जिला दल ने निरंतर संपर्क बनाए रखा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसपी वारे के निर्देशानुसार जनसंपर्क प्रभारी असीम श्रीवास्तव उनसे मिलने पहुंचे। दो मीटर की दूरी पर हुई गुफ्तगूं में मरीजों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस दौरान उन्होंने क्या महसूस किया, वे कैसे रहे और कैसा उपचार मिला...
आईसोलेशन वार्ड तो वीआईपी रूम से भी बेहतर था
शासकीय सेवा प्रदाता उपचारित मरीज ने बताया कि आईसोलेशन वॉर्ड में प्राइवेट वॉर्ड के चका-चक वीआईपी रूम से अच्छी सुविधाएं थीं। मोटिवेशनल माहौल में संगीत सुनते हुए योग और व्यायाम का अभ्यास ने तनाव तो कम किया ही, ऊर्जा संचार भी बनाए रखा। सादा भोजन, प्रेरक किताबें और घरवालों से बात करने के लिए मोबाइल सहित न्यूज अपडेट, सब कुछ आम दिनचर्या की तरह ही रहा। पता ही नहीं चला कि वे कब स्वस्थ हो गए।
पहली रिपोर्ट निगेटिव आते ही हम रिलैक्स हो गए
स्थानीय जनप्रतिनिधि के रूप में सेवाएं देने वाले उपचारित मरीज ने कांटेक्ट ट्रेसिंग का समय याद कर बताया कि लोग दस तरह की बात कर दिग्भ्रमित कर रहे थे। एक दफा तो लगा कि पता नहीं लौटूंगा भी या नहीं। पर, यथार्थ बहुत अलग था, चिकित्सक दिन में दो बार जांच करते, नर्स हर 10 से 15 मिनट में माइक और स्पीकर के जरिए नाम लेकर हाल-चाल पूछतीं। उनके कहे शब्दों में भी मानो जादू था। इस बीच पहली रिपोर्ट के निगेटिव आते ही हम समझ गए कि अभी तो लंबा जीना है।
ज्यादा दवाएं नहीं खानी पड़तीं
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े उपचारित मरीज के मुताबिक साथ रहने वाले सभी एसिमटमेटिक यानी लक्षण रहित मरीज थे। उपचार निशुल्क हुआ, हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन, विटामिन-सी, मल्टी-विटामिन और ओआरएस का घोल निर्धारित मात्रा में दिए गए। लोगों को इस भ्रम से भी बाहर निकलना चाहिए कि बहुत हाई डोज की एंटीबायोटिक्स लेनी ही पड़ती हैं। दरअसल, ऐसा सिमटमेटिक मलतब लक्षण वाले अतिगंभीर मरीजों के प्रकरण में बीमारी पर काबू पाने के लिए किया जाता है। -
गौठान ग्रामों के हितग्राही हुए लाभान्वित
महासमुंद : पशुधन विकास विभाग द्वारा व्यक्तिमूलक योजनान्तर्गत जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 20 हितग्राहियों को नरसुकर इकाई एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 33 हितग्राहियों को सुकरत्रयी इकाई का वितरण किया गया। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि विकासखण्ड महासमुंद के श्रीमती बिरीज, नाजुक, लक्ष्मी, लता, भूशू, पुजारी देवार महासमुंद, श्रीमती नगमा देवार तुमगांव एवं गौठान ग्राम सिरपुर के राजेन्द्र मेहर को नरसुकर प्रदान किया गया। वहीं बैशाखु जमीर महासमुंद, ईश्वर ग्राम बनसिवनी, रामप्रसाद धनसुली, राजाराम, सवंरा तुमगांव, गोपीसिंह, पोखन, गौठान ग्राम सिरपुर को सुकरत्रयी वितरित किया गया। इसी प्रकार विकासखण्ड बागबाहरा के मनोहर एवं जीवनलाल गोड़ ग्राम-जुनवानीखुर्द को सुकरत्रयी इकाई वितरित किया गया।
विकासखण्ड पिथौरा में श्री गोपाल गौठान ग्राम नवागांवकला को नरसुकर प्रदान किया गया। वहीं अश्वनी, दुलारासिंह, टोपराम ग्राम कोल्दा, रामप्रसाद, रामसिंह गौठान ग्राम सोहागपुर, श्यामकुमार, बुधराम राजासेवैयाखुर्द को सुकरत्रयी इकाई वितरण किया गया। इसी प्रकार विकासखण्ड बसना के सालिकराम, श्यामलाल बरिहापाली, सोहनलाल गनेकेरा, रामेश्वर खरोरा, सतपती डुमरपाली, श्रीमती नुरजोबाई नवागांव, अजय कुमार भुकेल, एवं डोरीलाल ग्राम उड़ेला को नरसुकर प्रदान किया गया। वही श्रीमती संतराबाई, सुरेश ग्राम भुकेल, पीरथी गनेकेरा, मायाराम बिजराभाठा, बाबुलाल, शाहदूल ग्राम अजगरखार, कुबेर गौठान ग्राम सिंघनपुर, श्रीमती अगिनमोती बोहारपाल, श्रीमती कचराबाई, अखराबाई, नानबाई एवं सागर ग्राम उड़ेला को सुकरत्रयी वितरण किया गया। इसी प्रकार सराईपाली विकासखण्ड के श्री दुरवासा ग्राम मोहनमुड़ा, सालिकराम, हेमराम भीखापाली को नरसुकर वितरित किया गया वही सफेदसिंह, धरमसिंह ग्राम जामपाली, सीताराम, घनश्याम गौठान ग्राम जटाकन्हार को सुकरत्रयी वितरित किया गया।
उल्लेखनीय है कि नरसुकर इकाई वितरण योजना में प्रति इकाई एक उन्नत नस्ल का नरुसकर प्रजनन हेतु प्रदान किया जाता है जिससे हितग्राहियों के पास उपलब्ध देशी मादाओं से उन्नत नस्ल की संतति उत्पादित होकर हितग्राही को अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। प्रति इकाई लागत साढ़े तीन हजार रूपये है जिसमें 10 प्रतिशत की राशि हितग्राही अंशदान एवं 90 प्रतिशत राशि शासकीय अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राही इस योजना के पात्र होते है। इसी प्रकार सुकरत्रयी इकाई वितरण योजना के अंतर्गत हितग्राही को उन्नत नस्ल की 2 मादा एवं एक नरसुकर प्रदान किया जाता है। इसका भी उद्देश्य देशी नस्लों का उन्नत नस्ल में सुधार कर अधिक आय अर्जित कर आर्थिक रूप से हितग्राही को समृध्दि करना है। प्रति इकाई इसकी लागत 9 हजार रूपये है जिसमें 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान एवं 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राही इसके पात्र होते है। -
हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए जिले को लक्ष्य
महासमुंद : राज्य शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता अनुसार नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बारी योजनान्तर्गत जिले के संचालित गौठानों में रोका-छेका परम्परा अभियान का शुभारंभ अतिथियों द्वारा विभागीय गतिविधियों के माध्यम से आज शुभारंभ किया गया जो 30 जून 2020 तक चलेगा। 12 दिवसीय इस अभियान के अंतर्गत पशुधन, कुक्कुट ईकाई वितरण, विभागीय व्यक्तिमूलक योजनाओं के प्रकरण तैयार किया जाना, चारा विकास एवं अन्य विभागीय कार्य चयनित गौठान ग्रामों में किया जाएगा। सुचारू रूप से क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक गौठान ग्रामों में नोडल अधिकारी एवं गौठान प्रभारी नियुक्त किया गया हैं।
पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक ने बताया कि हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए जिले को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इनमें 800 बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई, अनुदान पर 35 सुकरत्रयी इकाई, बकरी नस्ल सुधार हेतु 80 उन्नत नस्ल बकरा वितरण, गौवंशीय पशुधन में नस्ल सुधार हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर 09 उन्नत नस्ल के सांडो का वितरण किया जाना लक्षित है। इस प्रकार गौठान ग्रामों में 82 उन्नत नस्ल की बछिया के भरण पोषण हेतु पशु आहार अनुदान राशि का वितरण प्रस्तावित है। गौठान ग्राम एवं उसके आसपास के ग्रामों के चयनित हितग्राहियों को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत स्थापित डेयरी के भौतिक सत्यापन पश्चात अनुदान राशि का वितरण किया जाएगा।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत उपलब्ध लगभग ढाई लाख नेपीयर रूटकट्स (हरा चारा) का रोपण गौठान ग्राम के विकसित चारागाहों में किया जावेगा। प्राईवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता/पशुधन मित्र को कार्य आधारित मानदेय का वितरण किया जाएगा। प्रत्येक संचालित गौठानों में विभागीय शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बांझ पशु उपचार, पशु स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम अंतर्गत टीकाकरण, डिवर्मिंग, मिनरल मिक्शचर प्रदाय, उपचार आदि कार्य तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड हेतु इच्छुक पशुपालकों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्राप्त किया जाएगा। नेशनल लाईवस्टाॅक मिशन अंतर्गत चाराबीज मिनीकिट हेतु गौठान ग्रामों में प्रकरण तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही योजना के तहत् बकरी इकाई (10 मादा बकरी$01 उन्नत बकरा) वितरण के लिए प्रकरण तैयार किया जाएगा। -
महासमुंद : मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आज महासमुंद जिले के निकटस्थ ग्राम बरोण्डाबाजार में आयोजित रोका-छेका परम्परा कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री पहुंचने पर चरवाहे झुमकर नाचने लगें। फसल बुवाई कार्य से पूर्व खुले चराई कर रहे पशुओं पर नियंत्रण तथा पशुधन प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था हेतु रोका-छेका व्यवस्था की शुरूआत हुई। ग्राम बरोण्डा बाजार के गौठान में रोका-छेका शुरू होने पर काफी खुश हुए और मनमोहक दोहा सुनाकर झूमकर नाचते रहे। प्रभारी मंत्री श्री लखमा एवं उपस्थित नागरिकों ने ताली बजाकर चरवाहों की सराहना की और कहा कि वे मवेशियों का अच्छी तरह देखभाल करें। -
प्रभारी मंत्री श्री लखमा ने उनके कार्याें की सराहना करते हुए उनका हौसला बढ़ाया
महासमुंद : जिला मुख्यालय महासमुंद के निकटस्थ ग्राम बरोण्डा बाजार के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं घुरवा से आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही है। कामधेनू महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों ने आज यहां जिले के प्रवास पर पहुंचे प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा से मुलाकात कर बताया कि वे कृषि विभाग के सहयोग से गौठान के गोबर एवं अपशिष्ट पदार्थ का उपयोग कर जैविक खाद का उत्पादित कर रही हैं। महिला समूह के सदस्यों ने बताया कि यह कार्य उनके समूह ने दिसम्बर 2019 से प्रारम्भ किया था। उन्होंने बताया कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत निर्मित बने इस गौठान में आने वाले प्शुओं के उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थ से अब तक 35 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादित किया जा चुका हैं। उत्पादित खाद जैविक खाद को प्रति क्विंटल 800 रूपए की दर से विक्रय किया जाता हैं। इससे उन्हें फायदा मिल रहा हैं। उत्पादित खाद को स्थानीय स्तर पर भी विक्रय किया जाता हैं। इस पर प्रभारी मंत्री श्री लखमा ने उनके इन कार्याें की सराहना करते हुए उनका हौसला आफजाई किया। -
जिले के गौठान ग्रामों में आने वाले पशुओं की संख्या साढ़े चार हजार से अधिक रही
महासमुंद : नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बारी योजनान्तर्गत जिले के संचालित गौठानों में रोका-छेका परम्परा अभियान का शुभारंभ किया गया। जिला मुख्यालय के समीपस्थ गौठान ग्राम बरोंडाबाजार आयोजित कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने हितग्राहियों को नेपीयर रूट प्रदान किया। इस दौरान ग्राम बरोंडाबाजार के बैकयार्ड कुक्कुट इकाई से लाभान्वित हितग्राही श्री संजय बंजारे ने मंत्री श्री लखमा को बताया कि पशुधन विकास विभाग से प्राप्त चूजों को पालकर बड़े होने पर प्रति पक्षी 300 रूपए की दर से 25 मुर्गियां विक्रय किया एवं प्रति अण्डे 30 रूपए की दर से बिक्री कर आर्थिक लाभ ले रहा हूॅ।
अभियान के अंतर्गत आज जिले के गौठान ग्रामों में आने वाले पशुओं की संख्या 4606 रही। टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पशुओं में खुरहा-चपका- 189, गलघोटू-8388, एकटंगिया-2046, इन्ट्रोटाक्सिमया-48, इस प्रकार कुल- 10 हजार 671 पशुओं का टीकाकरण किया गया। इसके अलावा कुक्कुट पालन के लिए 252 प्रकरण तैयार किया गया। इसी प्रकार किसान के्रडिट कार्ड- 23, डेयरी प्रकरण- 41 एवं बकरी पालन के 06 प्रकरण तैयार किया गया। -
महासमुंद : आगामी फसल बोआई कार्य के पूर्व खुले मे चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन हेतु रोका-छेका परम्परा प्रचलित है, जिसमें फसल बोआई को बढावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाले हानि से बचाने के लिये पशु-पालक तथा ग्राम वासियों द्वारा पशु को बांधकर रखने अथवा पहाटिया की व्यवस्था इत्यादि कार्य किया जाता है। उक्त प्रयास से ना सिर्फ कृषक द्वारा शीघ्र बुआई कार्य संपादित कर पाये अपितु द्वितीय फसल लेने हेतु भी प्रेरित होंगे।
इस प्रथा अनुसार व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आज 19 जून 2020 को ग्राम पंचायत बरोण्डा बाजार के गौठान में जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा एवं क्षेत्रीय विधायक विनोद सेवनलाल चन्द्राकर द्वारा कार्यक्रम का संपादन कर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये संकल्प प्रपत्र को पढकर सभी सभागण के समक्ष संकल्प लिया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित हैण्डवाश, हारपिक, सेनेटाईजर, फिनाईल, वाशिंग पाउडर, मिक्चर, मास्क, साबुन, शैम्पू, लडडू, आचार, बडी, पापड, अगरबत्ती, मोमबत्ती, जैविक कीटनाशक, दोना-पत्तल, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, मशरूम, एलईडी बल्ब, बैग, बास उत्पाद, मिटटी उत्पाद, एवं जैविक खाद के प्रदर्शनी का अवलोकन कर महिलाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उत्पादो का विक्रय भी किया गया । -
महासमुंद : प्रदेश के वाणिज्यकर, आबकारी, उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने आज ग्राम बरोण्डा बाजार में ‘‘रोका-छेका’’ की व्यवस्था को लागू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गौठान परिसर में आम का पौधरोपण किया। इस अवसर पर महासमुंद विधायक श्री विनोद चन्द्राकर ने भी पौधरोपण किया। -
कृषक एवं पशुपालकों को शिविर में उपस्थित होकरयोजनाओं का लाभ उठाने की कि गई अपील
महासमुंद : राज्य शासन के निर्देशानुसार परम्परागत ‘‘रोका-छेका’’ कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है। पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया ने बताया कि इसके अंतर्गत खुले में घूम रहे मवेशियों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए गौठानों में पशुओं को एकत्रित करने के लिए सभी ग्राम के चरवाहों को निर्देशित किया गया है। 19 जून 2020 से 30 जून 2020 तक चिन्हित 89 गौठानों में तिथिवार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके लिए नोडल अधिकारी एवं गौठान प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए पशु स्वास्थ्य रक्षा, पशु संवर्धन, किसान क्रेडिट कार्ड एवं विभागीय व्यक्तिमूलक योजनान्तर्गत हितग्राहियों के प्रकरण तैयार करेंगे।
इनमें महासमुंद विकासखण्ड के गौठान ग्राम में 19 जून 2020 को कछारडीह, बरेकेलकला, गोपालपुर, बांसकुड़ा, पतेरापाली, शेर, खट्टी, बम्हनी, कोना, बरोंडाबाजार, में शिविर का आयोजन किया गया। इसी प्रकार 20 जून को गौठान ग्राम जोरातराई एवं लोहारडीह में, 21 जून को रूमेकेल, पथर्री, कौआझर, पासिद एवं कौंदकेरा में, 22 जून को गौठान ग्राम डुमरपाली में, 23 जून को गौठान ग्राम रायतुम, सरेकेल, दर्रीपाली एवं अमावस (बेलटुकरी) में तथा 25 जून 2020 को गौठान ग्राम चैकबेड़ा में शिविर का आयोजन किया जाएगा।
इसी प्रकार बागबाहरा में 19 जून 2020 को गौठान ग्राम जोरातराई, बांदुमुड़ा, बसुलाडबरी, साल्हेभाठा, कमरौद, बागबाहराकला, बंजारीडीह एवं बोईरगांव, में शिविर का आयोजन किया गया। इसी प्रकार 21 जून को गौठान ग्राम बी.के.बाहरा, तिलाईदादर, टेमरी, मोहंदी, मनबाय एवं बोडरीदादर में, 23 जून को गौठान ग्राम एम.के.बाहरा, मोंगरापाली स, छिबर्रा मंे, 24 जून को गौठान ग्राम मोंगरापाली रे में, 25 जून को गौठान ग्राम कोमा एवं करहीडीह में, 27 जून को गौठान ग्राम देवरी में, 28 जून को गौठान ग्राम पटरपाली मंे, 29 जून को गौठान ग्राम सुवरमार में तथा 30 जून 2020 को टोंगोपानी कला में शिविर का आयोजन किया जाएगा। पिथौरा में 19 जून 2020 को गौठान ग्राम परसापाली, झाखरपाली, धनोरा, चिखली में कंचनपुर में शिविर का आयोजन किया गया। इसी प्रकार 21 जून को गौठान ग्राम गड़बेड़ा, नवागांवकला, बगारपाली एवं छुवालीपतेरा में, 23 जून को डिघेपुर, सोहागपुर एवं घोघरा में, 25 जून को बरतुंगा एवं कोदोपाली में शिविर का आयोजन किया जाएगा। बसना में 19 जून 2020 को गौठान ग्राम नवागांव, हाड़ापथरा, सकरी एवं ठुठापाली में शिविर का आयोजन किया गया। इसी प्रकार 21 जून को छोटेपटनी, गिधली एवं संतपाली में, 23 जून को चिमरकेल, सिंघनपुर एवं बिछिया सा में, 25 जून को खोरापाली (बरपेलाडीह) एवं बड़ेसाजापाली में तथा 27 जून को हेडसपाली में शिविर का आयोजन किया जाएगा। सराईपाली में 19 जून 2020 को गौठान ग्राम पाटसेन्द्री, पेलागढ़, परेवापाली एवं कुसमीसरार में शिविर का आयोजन हुआ। इसी प्रकार 21 जून 2020 को कुटेला, बैदपाली, कलेण्डा एवं सिरबोड़ा में, 23 जून को मुधा, छिबर्रा एवं जटाकन्हार में, 25 जून को सिरपुर में, 27 जून को भुथिया में, 29 जून को मनकी में एवं 30 जून 2020 को बेलमुण्डी में शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कृषक एवं पशुपालक बंधुओं से अपील की है कि उक्त शिविरों में उपस्थित होकर योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।