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महासमुंद : महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने वार्ड क्रमांक 15 महात्मा गांधी वार्ड पालिका परिषद महासमुंद के संदिग्ध मरीज़ों की सेम्पल जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने एवं पाँच से अधिक सक्रिय प्रकरण के कलस्टर पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए वार्ड क्रमांक 15 महात्मा गांधी वार्ड को नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं।
इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं।उत्तर दिशा में जवाहर की दुकान,दक्षिण में , गांधी चौक,पूर्व दिशा में राधेश्याम अग्रवाल का मकान और पश्चिम दिशा में गुलाबा बाई ढीमर का मकान है ।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई
कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र मेें घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी अनुविभागीय दण्डाधिकारी महासमुंद को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार श्री नारद कुमार सूर्यवंशी अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपा गया हैं। इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस.आर.सिन्हा को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन डाक्टर आर.के परदल को प्रभार सौंपा गया हैं।
इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश चंद्र तारम को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा अधिकारी तुमगाँव डाक्टर विपिन कुमार राय को सौंपा गया हैं। घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक कुमारी स्वरूपा भोई को,खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमतीएस. चन्द्रसेन को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी तहसीलदार श्री मूलचंद्र चोपड़ा को नियुक्त किया गया हैं।
इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी श्री आनंद सोनी,ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान श्री भूपेन्द्र अबिलंकर एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को सौंपा गया हैं। - संक्रमण की स्थिति के अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्णय लेंगे
सामान्य मरीज़ों का होगा अब घर मे इलाज़
महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने कहा कि महासमुंद जिले में कोविड-19 से पीड़ितों व ज़रूरतमंदो को मदद पहुंचाने एवं संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी मिलजुल कर उल्लेखनीय काम कर रहे है । कोरोना की आधी जंग हम सफलतापूर्वक जीत चुके हैं। देखने से पता चलता है कि अभी संक्रमण पीक समय है।क़ोरोना वायरस संक्रमण को जड़ से ख़त्म करने के लिए और ज़ोर लगाने की ज़रूरत है और इस लड़ाई को जीतना है।उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वास्थ्य एवं सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की संयुक्त प्रयास से कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त करने में हम जरूर सफल होंगे जिले के अगर परिवार में किसी एक व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सम्पूर्ण परिवार को कोरोना पॉजिटिव मानते हुये तत्काल घर पर ही इलाज़ शुरू कर दिया जायेगा।
ऐसे लोगों को होम आइसोलेशन में रखकर अस्पताल जैसी दवाई-पानी उपलब्ध कराई जायेगी। जिला कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री जी से मिले मार्गदर्शन के बाद आज इस आशय के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल गंभीर मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। सामान्य लक्षण वाले मरीज़ों को प्रॉफ्रिलैक्टिक ड्रग किट वितरण होगा।
कोरोना की रोकथाम के संबंध में जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा । कलेक्टर ने कहा की पॉज़िटिव मरीज़ के होम आइसोलेशन के लिएअलग से हवादार कमरा और सेप्रेट टायलट होना ज़रूरी है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीईओ डॉ. रवि मित्तल, अति. पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे इस अवसर पर उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री गोयल ने कोविड -19 अस्पताल सहित सभी कोविड सेंटर में खान-पान और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी के जरिये इन अस्पतालों की रोज़ निगरानी रखी जायेगी। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों को निगरानी का दायित्व सौंपा गया है। कोरोना नियंत्रण कक्ष को 24 घण्टे सक्रिय कर दिया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि अब पहले से ज्यादा संख्या में मरीज़ों की पहचान हो रही है। इसका एक प्रमुख कारण पहले से ज्यादा संख्या में कोरोना की जाँच की जा रही है । उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिदिन लगभग 400 के आसपास टेस्ट हो रहे हैं। इसकी क्षमता बढ़ायी जा रही है । कलेक्ट ने जिले की जनता से आग्रह किया कि घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना, भीड़-भाड़ से बचे हाथो को बार-बार धोते रहे। -
महासमुंद : महासमुंद जिले में रेत का अवैध उत्खनन करने वालों पर पूरी सख़्ती की जा रही है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सिरपुर के पास अमलोट केडियाडिह मार्ग पर वर्टिकल बैरीयर लगाया गया है ।
मुख्य कार्यपालन अभियंता श्री आर.के.सिन्हा ने बताया कि इस बैरीयर के लग जाने से भारी वाहनो की आवाजाही ओर रोक लगेगी और रेत के अवैध उत्खनन पर भी रोका जा सकेगा ।अब इस मार्ग से छोटे वाहनो की आवाजाही ही हो सकेगी । - काफ़ी समय से हाथ-पैर में सूजन आने की बीमारी से था ग्रस्त
महासमुंद : महासमुंद के मोहारीभाठा निवासी चालीस वर्षीय कोविड-19 पॉज़िटिव मरीज की उपचार के दौरान शनिवार को मेकाहारा में मृत्यु हो गई। वे लम्बे समय से हाथ-पैर में सूजन आने की बीमारी से भी पीड़ित थे और काफ़ी समय से बीमार थे और उनकी दवाइयाँ भी चल रही थी।
जिले में कोविड-19 की बढ़ती जाँच के साथ ही धनात्मक प्रकरणों के आंकड़े बढ़े हैं, बेहतर चिकित्सकीय उपचार से पूरे प्रदेश के साथ जिले में कोरोना के मरीज़ों की ठीक होने की रिकवरी हुई है । एक नवीन प्रकरण के संबंध में जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में शनिवार 05 सितंबर को महासमुंद के मोहारीभाठा निवासी चालीस वर्षीय कोविड-19 धनात्मक मरीज की मेकाहारा में उपचार के दौरान मृत्यु होने की पुष्टि हुई है। रविवार को निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक के संबंध में परिजनों एवं परिचितों से मिली सूचना के मुताबिक वे पहले से ही कई तरह की बीमारियों से ग्रसित थे और उन्हें हाथ-पैर में सूजन की समस्या बनी रहती थी। जिसके चलते उन्होंने लंबे अरसे तक अपना उपचार करवाया और वे अब तक भारी दवाओं के सेवन भी करते रहे। जिससे तात्कालिक रूपी से उनकी सूजन तो उतर जाया करती थी, लेकिन अल्कालिक स्वास्थ्य लाभ मिलने की बात भी कही जाती रही।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.पी. वारे ने बताया कि लंबे समय से बीमार रहने वाले इस तरह के प्रकरणों में शरीर काफी कमजोर हो जाता है, रोगों से लड़ने की क्षमता भी क्षीण हो जाती है, साथ ही साथ लंबे समय तक भारी दवाओं के सेवन से किडनी संबंधी समस्या से व्यक्ति पीड़ित हो जाता है । शरीर के अलग-अलग अंगों में सूजन, अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को दर्शाती है। जैसे चेहरे व हाथ पैरों पर सूजन गुर्दे की बीमारी के कारण हो सकती है। जांघों व हाथों पर सूजन दिल की समस्याओं को दर्शाती है वहीं पेट की सूजन लीवर संबंधी समस्या हो सकती है।
डॉ. वारे ने जिले के निवासियों से पुनः अपील कि वे कोरोना से घबराएं नहीं, लेकिन 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति अपना विषेष ख़्यालरखें, साथ में जिन्हें किडनी/हृदय रोग, अनियमित रक्तचाप, मुधमेह, गर्देु की तकलीफ या कैंसर जैसी बीमारियां हैं, उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है।तहसीलदार महासमुंद श्री मूलचंद एवं चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनिमेस राय की उपस्थिति मेंआज विधिसम्मत निर्धारित प्रोटोकाॅल में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। - महासमुंद : राज्य सूचना आयोग द्वारा "सूचना के अधिकार" विषय पर मंगलवार 08 सितम्बर 2020 को जिला पंचायत महासमुंद में स्वान के वीसी सिस्टम (Swan Network) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रशिक्षण दिया जावेगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल ने कहा कि जो विभाग / कार्यालय अपने कर्मचारियों को उक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु नामांकित करना चाहते है, तो वे कु.वर्षा गजभिये, सहा.जिला समन्वयक महासमुंद, मो. नं. 7828898164 से सम्पर्क कर पंजीयन करवा सकते है। - राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम (क्लाइमेट चेंज) में मददगार साबित हो सकती नरवा, गरवा, घुरवा की सीखमहासमुंद : जहां, संयुक्त राष्ट्र संघ प्रदूषण को मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम और वैश्विक स्तर कई बीमारी का कारण मानता है। वहीं, इन दिनों कोविड-19 की वैश्विक महामारी ने समूचे विश्व को झकझोर कर रख दिया है। जिसे देख अधिकांश बड़ी शक्तियां प्राकृतिक विपदाओं से बचाव की ओर तवज्जों देने के लिए सिरे से पहल करते नजर आ रही हैं।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम (क्लाइमेट चेंज) के तहत आमूल-चूल सकारात्मक परिणाम पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और क्रियान्वयन गति को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला स्तर पर लोगों में प्रदूषण के दुष्प्रभाव बतलाकर प्रकृति के प्रति कर्तव्यों की मानसिकता को सही दिशा देने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तारतम्य शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में एक वृहदत्तर आॅनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों एवं मितानिन सहायकों को उक्त संबंध में किए जाने वाले क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण में वायु, जल एवं भूमि प्रदूषण के कारकों और दृष्प्रभावों पर अद्यतन जानकारी दी गई। साथ ही अधिकाधिक लोगों को इस दिशा में जागरूक करने की ओर लक्षित किया गया। क्लाइमेट जोन के नोडल अधिकारी श्री ताम्रकार ने बताया कि अब तक जिले में मुख्यालय एवं विकासखण्ड स्तर पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अगले क्रम में जमीनी स्तर पर गांव-गांव, गली-मोहल्लों तक प्रदूषणरोधी जागरूकता प्रयास शुरू कर दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि हाल ही में सरकार द्वारा शुरू किए गए ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा बारी की योजना से इस ओर काफी समन्वय मिल सकता है। प्रकृति से जुड़ी इस महत्वकांक्षी योजनांतर्गत बुहुतेरे अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्य नागरिकों के सहयोग से अच्छा प्रतिफल मिल रहा है, जो कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सकारात्मक क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में काफी मददगार साबित हो सकता है। - प्रदर्शनी का अवलोकन 30 दिनों तक
महासमुंद : नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा बसना विकास योजना प्रारूप 2031 का प्रकाशन प्रदर्शनी नगर पालिका परिषद बसना ज़िला महासमुंद के सभाकक्ष में 4 सितम्बर को किया गया है। समिति के संयोजक उप संचालक राजनांदगाँव श्री सूर्यभान सिंह ठाकुर ने प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर समिति सदस्य व स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।प्रदर्शनी का अवलोकन 30 दिनों तक कार्यालयीन दिवस एवं समय पर किया जा सकता है। प्रारूप विकास योजना की प्रति प्रदर्शनी स्थल पर शुल्क अदायगी के साथ प्राप्त की जा सकती है । बसना विकास योजना प्रारूप एवं मानचित्र के संबंध में आपत्ति एवं सुझाव, प्रदर्शनी स्थल एवं कार्यालय के संबंध में उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश महासमुंद में प्रस्तुत किया जा सकता है।
आवेदन के साथ भूमि बी-1, पी-2 खसरा, नक़्शा एवं अन्य भूमि स्वामित संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। - महासमुंद : महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने ग्राम तोषगाँव तहसील सरायपाली ज़िला महासमुंद के संदिग्ध मरीजों की सेम्पल जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने एवं पाँच से अधिक सक्रिय प्रकरण के कलस्टर पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम तोषगाँव तहसील सरायपाली ज़िला महासमुंद को नीचे वर्णित चौहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं। उत्तर दिशा में सड़क, दक्षिण में, हीरा का मकान, पूर्व दिशा में खेत और पश्चिम दिशा में सड़क व खेत है।कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार श्री कुणाल दूदावत अनुविभागीय दण्डाधिकारी महासमुंद को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार श्री विकास पाटले अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपा गया हैं। इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस.आर. सिन्हा को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन डॅा0 आर.के परदल को प्रभार सौंपा गया हैं। इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती स्निग्धा तिवारी को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा डा अमृत लाल को, घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक चंद्रिका कुमार को,खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था केलिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री आइ.पी. कश्यप को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी तहसीलदार श्री युवराज सिंह कुर्रे को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी श्री आनंद सोनी, ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान श्री भूपेन्द्र अंम्बिलकर एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को सौंपा गया हैं। - महासमुंद: महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल बागबाहरा तहसील के ग्राम तेंदुलोथा कला वार्ड नम्बर 14 के संदिग्ध मरीजों की सेम्पल जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने एवं पाँच से अधिक सक्रिय प्रकरण के कलस्टर पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम तेंदुलोथा कला वार्ड नम्बर 14 कला तहसील बागबाहरा ज़िला महासमुंद को नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं। उत्तर दिशा में गली संतोष का मकान,दक्षिण दिशा में देवसिंह का मकान,पूर्व दिशा में गली व जोगी तांडी का मकान और पश्चिम दिशा में शंकर तांडी का मकान है ।कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र मेें घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार श्री भगत प्रसाद जायसवाल अनुविभागीय दण्डाधिकारी बागबाहरा को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार सुश्री लितेश सिंह अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपा गया हैं। इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस.आर. सिन्हा को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन डॅा0 आर.के परदल को प्रभार सौंपा गया हैं। इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम आर यदु को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा अधिकारी बागबाहरा डाॅ0 राजकुमार कुरूवंशी को सौंपा गया हैं। घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक कुमारी भावना गुप्ता को, खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री के आर कोवाची को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी नायब तहसीलदार श्री बलराम तंबोली को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी श्री आनंद सोनी, ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान श्री भूपेन्द्र अंम्बिलकर एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को सौंपा गया हैं। - महासमुंद : महासमुंद जिले में 1 जून से अब तक 1167 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई है। भू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में आज 5 सितम्बर 2020 तक 1167 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। सबसे अधिक वर्षा सरायपाली विकासखंड में 1400 मिलीमीटर दर्ज की गई ।सबसे कम बारिश पिथौरा तहसीलवार में 745 मिलीमीटर हुई है। बसना तहसील में 1352 मिलिमीटर, बागबाहरा तहसील में 1291 मिलीमीटर और महासमुंद तहसील में 1044 मिलीमीटर दर्ज की गई। जिले में औसत बारिश 1192 से सिर्फ़ 23 मिलीमीटर दूर है।
- महासमुंद : महासमुंद जिले के बसना नगर पंचायत के टाउन हाल में बसना विकास योजना (2031) का प्रकाशन शुक्रवार 4 सितम्बर को किया गया।
- महासमुंद : जिला पंचायत महासमुंद की सामान्य सभा / सामान्य प्रशासन समिति की 7 सितंबर को आयोजित बैठक क़ोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आगामी आदेश तक के लिए स्थगित की गई है ।
- महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जनपद पंचायत बागबाहरा की सामान्य प्रशासन समिति के 8 जुलाई 2020 के पारित प्रस्ताव को विधि संगत नहीं होने के कारण निलंबित कर दिया है। जनपद पंचायत बागबाहरा की सामान्य प्रशासन समिति की दिनांक 8 जुलाई 2020 को जनपद पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सर्व समिति से 15 वंे वित्त आयोग के मद की राशि प्राप्त होने पर प्राक्कलन बनवानें के पहले अध्यक्ष जनपद पंचायत बागबाहरा से सहमति ली जाकर प्राक्कलन बनवाने तथा तकनीकी स्वीकृति प्राप्त लेने का प्रस्ताव पारित किया था।
वित्त आयेाग मद की राशि का व्यय पंचायत हेतु विकास योजना के अनुसार किया जायेगा एवं ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) तैयार करने हेतु दिशा निर्देश के अध्याय-04 अनुसार ग्राम पंचायत विकास योजना ग्राम पंचायत स्तर पर निर्मित एवं स्वीकृत होगी। जिला एवं जनपद विकास योजना की ड्राफ्ट मार्गदर्शिका के बिन्दु 4.1 एवं 4.2 के अनुसार जनपद पंचायत विकास योजना जनपद पंचायत स्तर पर एवं जिला पंचायत स्तर पर स्वीकृत होगी। पारित किया गया था ।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जनपद पंचायत बागबाहरा के सामान्य प्रशासन समिति के द्वारा पारित संकल्प क्रमांक 04 दिनांक 08 जुलाई 2020 को विधि के प्रतिकूल होने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 85 (1) (ख) के तहत निलंबित किया गया है। - गिरदावरी कार्य के दौरान शासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें:-श्री चुरेंद्र
अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को प्राथमिकता से राहत उपलब्ध करवाएं
महासमुंद : संभागायुक्त श्री जी.आर. चुरेंद्र आज शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महासमुंद जिले में ख़रीफ़ गिरदावरी कार्यों की समीक्षा की।इसके साथ ही अन्य महत्वपूर्ण और राज्य शासन की प्राथमिकता के समसामयिक विषयों पर अधिकारियों से चर्चा की। कमिशनर श्री चुरेंद्र जिला मुख्यालय के स्वान के वीसी सिस्टम के माध्यम से खरीफ गिरदावरी, डायवर्जन, कोविड-19, वृक्षारोपण, गोधन न्याय योजना, गोठान प्रबंधन, विद्यालयों की सफाई और तैयारी की जानकारी ली गई । इसी तरह से तहसील कार्यालय के प्रबंधन आदि विषयों पर मार्ग दर्शन दिया।उनके द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई। बैठक में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ.रवि मित्तल डिप्टी, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य डाॅ. एस.पी. वारे अधिकारी डा कलेक्टर श्री राकेश गोलछा, सुश्री पूजा बंसल के वन, कृषि, पशु चिकित्सा के अधिकारी स्वान वीसी हाल में उपस्थित थे। वही सभी तहसील के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, जनपद के मुख्य कार्य पालन अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल हुए ।
कमिशनर श्री चुरेंद्र ने शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध मे जानकारी ली। कमिश्नर ने गोधन न्याय योजना, गिरदावरी कार्य, जिले में वर्षा की जानकारी, राजस्व प्रकरणों के निराकरण के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं मैदानी क्षेत्र के दौरे पर जाकर गिरदावरी कार्य का अवलोकन किया। संभागायुक्त ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना क्रियान्वयन,के लिए त्रुटिरहित गिरदावरी कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को मैदानी क्षेत्रों का भ्रमण कर इसकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने गौठानों मे छायादार, फलदार पौधारोपण, सड़क किनारे लगाए गए पौधों की देखभाल की बात कही।कमिश्नर ने मौक़े पर जाकर गिरदावरी का निरीक्षण किया।
उन्होंने खसरा, गिरदावरी,भूमि रिकार्ड सहित राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। आयुक्त ने राजस्व विभाग से संबंधित अन्य लंबित कार्यों को शीघ्रता से निपटाने के लिए उपस्थित अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कहा- प्रत्येक ग्राम में राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और अन्य विभागीय अमले का निरीक्षण दल बनाएं और रूके हुए कार्यों को पूरा करें। गिरदावरी कार्य की प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गिरदावरी कार्य में अब तक हुई प्रगति के बारे में पाक्षिक रूप से जानकारी देवें। संभागायुक्त ने कहा कि नियमित रूप से की गई गिरदावरी की रिपोर्ट ज़िला कार्यालय को भेजें । उन्होंने कलेक्टर को भी कहा कि राजस्व अमले से गिरदावरी कार्य के बारे में रिपोर्ट लेते रहें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम में राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी एवं अन्य विभागीय अमले का गिरदावरी कार्य समय अवधि में पूरा करें।
कमिशनर श्री चुरेंद्र ने कहा कि गिरदावरी कार्य के दौरान शासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन होना चाहिए। संभागायुक्त ने कहा कि शासन द्वारा इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने, डायवर्सन के प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा कराने को कहा।
उन्होंने कहा कि सड़क, पानी, बिजली, चिकित्सा एवं जल संसाधन आदि विभागों के सभी अधिकारी आपस में समन्वय रखते हुए टीम भावना के साथ अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत उपलब्ध करवाएं।वहीं क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की जानकारी संकलित कर मय फोटोग्राफ्स आदि के साथ जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाएं। ताकि निर्धारित मापदंडों के अनुसार ज़िला और राज्य स्तर से आवश्यक कार्यवाही हो सकें।
अपने क्षेत्र के एसे बाढ़ अतिवृष्टि से प्रभावित हितग्राहियों को राहत राशि नियमानुसार मुहैया कराए । उन्होंने पंचायत के आय स्रोत बढ़ाने की बात कही ।कमिशनर श्री चुरेंद्र ने ग्रामीण सचिवालय शुरू करने, ग्राम चौपाल और बाज़ार चौपाल के माध्यम से लोगों के काम निपटाने पर भी बल दिया । - लोग मास्क पहने और सोशल डिस्टिन्सिग का पालन करें :- कलेक्टरमहासमुंद : महासमुंद जिले में संदिग्ध मरीज़ों की कोविड-19 की जांच निरंतर की जा रही है । कोविड-19 की RTPCR (Real-Time Reverse Transcription–Polymerase Chain Reaction )और एंटीजन (antigen) से की गई जाँच रिपोर्ट में जिले से अभी तक 74 कोविड-19 पॉज़िटिव मरीज़ों की पुष्टि हुई है। जाँच रिपोर्ट में महासमुंद ब्लाक से सबसे अधिक 33, पिथोरा और सरायपाली ब्लाक से 14-14, बागबाहरा ब्लाक से 11 पॉज़िटिव मरीज़ों की पुष्टि हुई है। सबसे कम बसना नगर पंचायत से सिर्फ़ 2 क़ोरोना पॉज़िटिव पाए गए है।
कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के डिस्ट्रिक्टि सर्विलिन्स अधिकारी डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि RTPCR की जाँच में 53 और एंटीजन से की गई क़ोरोना की जाँच में 21 इस प्रकार अब तक कुल 74 कोविड 19 की पॉज़िटिव जाँच रिपोर्ट आयी है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन जिले में बड़ी संख्या में कोविड -19 के संदिग्ध कीजाँच की जा रही है ।फीवर क्लीनिक में बड़ी संख्या में लोगों ने सर्दी-खांसी और बुखार के टेस्ट करवाने आ रहे है। पॉज़िटिव मरीज़ों का बेहतर उपचार की प्रक्रिया जारी है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले की जनता से फिर आग्रह किया कि वे मास्क पहनें और सोशल डिस्टेन्सिग का पालन अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि इस महामारी का अभी सिर्फ़ सावधानी और बचाव ही एक मात्र हल है । कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइड लाइन का पालन करें। - मेकाहारा के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक तैयार, सिम्टोमेटिक मरीजों के लिए अगले बहत्तर घंटों में सक्रिय कर लिए जाएंगे जिला चिकित्सालय के आईसीयू
विकासखण्ड स्तर पर भी बनेंगे कोविड केयर सेंटर, चिन्हान्कन एवं प्रबंधकीय उपबंध शुरू
महासमुंद : जिले में एका-एक तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के प्रकरणों के मद्देनजर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग आवश्यकतानुसार एतियात कदम उठाये जा रहे है। संक्रमित मरीजों को उपचार को समुचित चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत जिला स्वास्थ्य ने भी समय पूर्व तैयारी के लिए कुछ अहम फैसले लिए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे ने बताया कि कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल के निर्देशन में कोविड-19 की माहामारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नवीन एवं संशोधित सेवाएं शुरू की जा रही हैं। डाॅ. वारे के मुताबिक वर्तमान में कोविड केयर सेंटर में क्षतमानुरूप वर्तमान भर्ती एवं डिस्चार्ज संख्या आंकलन अनुसार पर्याप्त बिस्तरों की उपलब्धता है। किन्तु, धनात्मक प्रकरणों के आरोही क्रम में मिलने से अहतियात के तौर पर वैकल्पिक प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है।
इस तारतम्य, जल्द ही जिला मुख्यालय स्थित जय हिन्ह काॅलेज में भी भर्ती व उपचार की सेवाएं प्रारम्भ की जानी है। जिससे दोनों कोविड केयर सेंटर्स जोड़ कर हम कुल तकरीबन छह सौ एसिम्टोमेटिक मरीजों को भर्ती कर उपचारित करने के लिए सक्षम होंगे। डाॅ. वारे ने यह भी बताया कि सभी विकासखण्डों में 100-100 बिस्तरों के कोविड केयर सेंटर्स शुरू करने के लिए भवन चिन्हांकन सहित नैदानिकी यानी उपचार करने वाले चिकित्सकीय दल की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की कार्यवाही भी प्रगति पर है। जल्द ही विकासखण्ड स्तर पर भी स्थानीय मरीजों को उनके ही क्षेत्र में भर्ती कर उपचारित किया जाना सम्भव हो सकेगा।
वहीं, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 सिम्टोमेटिक मतलब लक्षण वाले धनात्मक मरीजों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला चिकित्सालय यानी डेडिकेटेड कोविड हाॅस्पिटल में गहन चिकित्सा इकाई (आई.सी.यू.) की सेवाएं शुरू करने के लिए तैयारियां लगभग पूर्ण की जा चुकी हैं। अब सोमवार से यहां, कोविड-19 आईसीयू के छह एवं हाई डिपेडेन्सी यूनिट में बाइस बिस्तर मिला कर कुल अट्ठाइस मरीजों को भर्ती एवं उपचारित करने के लिए आपेक्षित उपबंधों की समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध होगी।
इधर, गहन चिकित्सा इकाई में चिकित्सकीय अमले की दक्षता बढ़ाने के लिए गुरूवार 3 सितंबर 2020 को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें, मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल, रायपुर से आए सहायक प्राध्यापक डाॅ. ओ. पी. सुन्दरानी ने जिला स्तरीय चिकित्सकों एवं नर्सिग स्टाफ को अद्यतन उपचार विधि एवं प्रणालियों के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। खासतौर पर, मरीजों को भर्ती करते ही उनमें दिखने वाले लक्षणों को पहचान कर दी जाने वाली दवाओं की डोज और उपचार के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली चिकित्सकीय मशीनरी के इस्तेमाल संबंधी तकनीकी जानकारी भी प्रदान की गई।
इस दौरान डाॅ. सुन्दारानी व राज्य से आए प्रशिक्षण दल के विशेषज्ञ, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. वारे, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. परदल, कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेन्स अधिकारी डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर, जिला नोडल अधिकारी डाॅ. अनिरुद्ध कसार एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार सहित यहां सेवाएं प्रदाय करने वाले चिकित्सकगण व नर्सिंग स्टाफ उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि जिला चिकित्सालय के कोविड हाॅस्पिटल को अत्याधुनिक वेन्टिलेटर्स, पल्स ऑक्सिमीटर सहित उन तमाम चिकित्सा उपकरणों से लैस किया गया है, जो मरीजों को विषम परिस्थितियों में भी खतरे से बाहर निकालने के लिए मददगार साबित होते हैं। - जिले के जोंक नदी तटीय ग्रामों में करायी गयी मुनादी
महासमुंद : उड़ीसा राज्य के नुआपाड़ा पतोरा बांध से बीते बुधवार की शाम को जोंक नदी में 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे इसके तट से लगे व आसपास के ग्रामो में जल स्तर बढ़ने की संभावना है।जिले के तटीय ग्रामो डोंगरिपाली,रेवा, खेमड़ा,डोंगरगांव, खुडमुडी,खट्टी, बनियाटोला,परकोम,राटापाली,नर्रा, टेमरी,करगिडीह,सिमगाव, डोंगाखमरिया आदि के अलावा अन्य ग्रामों में। इस संबंध में सावधानी रखने मुनादी की जा चुकी है।
कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने भी लोगो से अपील की है कि वो अपने जानमाल, जानवरो का ध्यान रखे, बाढ़ क्षेत्र में न जाये, नदी पर करने, तट उपयोग करने के लिए न जाये।साथ ही उन्होंने राजस्व अमले,पुलिस, जलसंसाधन अधिकारीयो,पंचायत कर्मियों को भी अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए गए है।
आपदा की स्थिति में मछुआरा समिति,राहत दल को सतर्क रहने के निर्देश है।कार्यपालन अभियंता जलसंसाधन श्री जे.के.चंद्राकर ने बताया की पानी इतना ज़्यादा नही है फिर भी सावधानी ज़रूरी है । जिले के संबंधित अनुविभागीय अधिकारी ने राजस्व आपदा सामग्रियों के साथ साथ अनाज, ईंधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर रखी है । - 17 तरह के फलों के उन्नत पौधे तैयार करने पौधशाला
परियोजना से 402 परिवारों को 12 हजार 084 मानव दिवसों का सीधा रोजगार, किसानों की आय बढ़ाने बागवानी विस्तार
महासमुंद : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के भलेसर गांव में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) और कृषि विज्ञान केंद्र के अभिसरण से 15 एकड़ क्षेत्र में पौधशाला (Nursery) संचालित की जा रही है। वहां फलों का बगीचा भी तैयार किया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पांच सालों की कड़ी मेहनत से 17 किस्म के फलों के मातृवृक्ष तैयार किए हैं। इन वृक्षों से तैयार पौधे अनुवांशिक और भौतिक रुप से शुद्ध एवं स्वस्थ होने के कारण फलों का अधिक उत्पादन करेंगे। इससे किसानों को आमदनी बढ़ाने का अच्छा मौका मिलेगा। इस परियोजना से पिछले पांच सालों में 402 परिवारों को 12 हजार 084 मानव दिवस का सीधा रोजगार भी मिला है, जिसके लिए उन्हें कुल 20 लाख 18 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया है।
आपको मालूम हो कि यहाँ 17 तरह के फलदार वृक्षों के उन्नत किस्म के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। अच्छी गुणवत्ता के फलों की ज्यादा पैदावार देने वाले ये पौधे किसानों को वितरित किए जा रहे हैं। पिछले ढाई वर्षों में इस पौधशाला में तैयार एक लाख 69 हजार पौधे किसानों को बागवानी विस्तार के लिए दिए गए हैं। कुछ सालों में ये फलदार पौधे किसानों की अतिरिक्त कमाई का मजबूत संसाधन बनेंगे।
कृषि विज्ञान केंद्र, महासमुंद ने पांच साल पहले मनरेगा श्रमिकों के नियोजन से 34 लाख नौ हजार रूपए की लागत वाली इस पौधशाला और फलोद्यान की शुरूआत की थी। महासमुंद विकासखंड के भलेसर में 15 एकड़ भूमि का चिन्हांकन कर अवांछनीय झाड़ियों की सफाई, गड्ढों की भराई और समतलीकरण कर सालों से बंजर पड़ी भूमि को उपयोग के लायक बनाया गया। साल भर बाद इस परियोजना के दूसरे चरण में उद्यानिकी पौधों के रोपण के लिए ले-आउट कर गड्ढों की खुदाई की गई। इसमें वैज्ञानिक पद्धति अपनाते हुए गड्ढे इस तरह खोदे गए कि दो पौधों के बीच की दूरी के साथ ही दो कतारों के बीच परस्पर पांच मीटर की दूरी रहे। पौधरोपण के लिए एक मीटर लंबाई, एक मीटर चौड़ाई और एक मीटर गहराई के मापदण्ड को अपनाते हुए सभी गड्ढों की खुदाई की गई, जिससे की पौधों में बढ़वार आने के बाद भी उनकी जड़ों को जमीन के अंदर वृद्धि के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इसके बाद इनमें गोबर खाद, मिट्टी, रेत एवं अन्य उपयुक्त खादों को मिलाकर भराई की गई, जिससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हो सके।
कृषि विज्ञान केन्द्र ने उन्नत पौधशाला तैयार करने के लिए पूरे प्रक्षेत्र को 15 भागों में विभाजित कर अलग-अलग फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण किया। अनार, अमरुद, नींबू, सीताफल, बेर, मुनगा, अंजीर, चीकू, आम, जामुन, कटहल, आंवला, बेल, संतरा, करौंदा, लसोडा एवं इमली के पौधों की रोपाई की गई। परियोजना के तीसरे चरण में अगले दो वर्षों में रोपे गए पौधों की नियमित निंदाई-गुड़ाई की गई। पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए इनकी समय-समय पर कटाई-छटाई भी की गई, ताकि पेड़ के हर हिस्से में सूरज की रोशनी अच्छी तरह पहुंच सके। कीट-फफूंद का प्रकोप रोकने के लिए समय-समय पर कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव भी किया गया।
परियोजना से जुड़े कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सतीश वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018-19 से मातृवृक्षों से उन्नत किस्म के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। मनरेगा श्रमिकों की सहायता से गूटी दाब, कटिंग, ग्राफ्टिंग और बीज जैसी प्रक्रियाओं से उच्च गुणवत्ता के फलदार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पौधशाला में मनरेगा के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के अनावर्ती एवं आवर्ती मद से प्राप्त 14 लाख रुपए का अभिसरण किया गया है। इस राशि से प्रक्षेत्र की सीमेंट के पोल एवं चैन-लिंक द्वारा फेंसिंग, बोर खनन, पम्प स्थापना, बिजली व्यवस्था, गोबर खाद और उर्वरकों की खरीदी के साथ अन्य उद्यानिकी कार्य संपादित करवाए गए हैं।
पौधशाला से पिछले ढाई वर्षों में 18 हजार 210 किसानों को एक लाख 68 हजार 897 पौधे वितरित किए गए हैं। वर्ष 2018-19 में 4793 किसानों को 62 हजार 700 पौधे, 2019-20 में 13 हजार 072 किसानों को एक लाख एक हजार एक सौ तथा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 345 किसानों को 5097 पौधे दिए गए हैं। जिले के आठ गौठानों में भी यहां तैयार फलदार पौधे लगाए गए हैं। इनमें अमरुद की तीन किस्में इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ-49 व ललित, अनार की भगवा किस्म, नींबू की कोंकण लेमन किस्म, संतरा की कोंकण संतरा किस्म, मुनगा की पी.के.एम.-1 किस्म, अंजीर की पूना सलेक्शन किस्म, करौंदा की हरा-गुलाबी किस्म और आम की इंदिरा नंदिराज, आम्रपाली एवं मल्लिका किस्म के पौधे शामिल हैं।
वैज्ञानिक डॉ. वर्मा बताते हैं कि मातृवृक्ष परियोजना के सुचारु संचालन के लिए यहाँ रोपे गए फल वृक्षों के कतारों के मध्य अंतरवर्तीय फसलें ली जा रही हैं। इसके अंतर्गत खरीफ के मौसम में तिल, मूंग व उड़द तथा रबी के मौसम में बरबट्टी, टमाटर, बैगन व कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेती की जा रही है। इनके विक्रय की राशि से ही इस परियोजना को वर्तमान चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 और आगे के वर्षों में भी बढ़ाया जाएगा। मनरेगा और कृषि विज्ञान केन्द्र के अभिसरण से स्थापित यह पौधशाला आने वाले समय में किसानों को फलों की खेती करवाने एवं इसके उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के लिए एक आदर्श प्रदर्शन इकाई के रुप में कार्य करेगी। इससे अधिक से अधिक किसानों के लिए फलों की खेती से अपनी आय दुगुनी करने का मार्ग प्रशस्त होगा। - प्रशासन द्वारा परीक्षा के लिए नि:शुल्क वाहन की व्यवस्था
अब तक 138 परीक्षार्थी करा चुके है पंजीयन
महासमुंद : ज़िला मुख्यालय के कोविड -19 सेंटर में पिछले 30 अगस्त को कोरोना पॉज़िटिव की जाँच रिपोर्ट आने पर नीट की तैयारी कर रही पिथौरा की परीक्षार्थी को पढ़ने के लिए सेंटर में अलग से प्रबंध किया गया है। परीक्षार्थी ने ज़िला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को नीट की तैयारी करने के लिए होम क्वारंटीन का अनुरोध किया था।सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के तहत होम क्वारंटीन के स्थान पर उन्हें कोविड सेंटर में ही पढ़ने के लिए सभी ज़रूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है।परीक्षार्थी का अन्य पॉज़िटिव की तरह बेहतर उपचार किया जा रहा है । वह जल्दी स्वस्थ होकर अपने घर सुरक्षित पहुँच जाएगी। राष्ट्रीय स्तर की नीट की परीक्षा 13 सितम्बर 2020 को आयोजित है ।
मालूम हो कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य (जेईई मेन्स ) JEE Mains 1 सितम्बर से शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस प्रवेश परीक्षाओं जैसे आईआईटी जेईई (JEE) तथा नीट (NEET) परीक्षा के परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा केन्द्रों तक लाने और उनकी वापसी के लिए ज़िला प्रशासन द्वारा निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था की गई है । जो परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर आवश्यकतानुसार बस, मिनीबस, जीप आदि वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है ।
महासमुंद जिले से अब तक कुल 138 परीक्षार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर की आयोजित परीक्षा में ज़ाने-आने के नि:शुल्क वाहन के लिए अपना पंजीयन कराया है । जिला प्रशासन द्वारा परीक्षार्थियों के पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर परीक्षा तिथि से एक दिन पहले परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए निशुल्क परिवहन सेवा की पूरी जानकारी स्थान, तिथि समय आदि भेजी जा रही है । - जिले में आज 81 कोरोना पॉज़िटिव
बिना मास्क और सोशल डिस्टिन्सिग का पालन न करना पड़ सकता है भारी: सिर्विलन्स आॅफिसर
महासमुंद : महासमुंद जिले में संदिग्ध मरीज़ों की कोविड-19 की जांच निरंतर की जा रही है। कोविड-19 की वैश्विक महामारी से निपटने के लिए ज़िला चिकित्सा का स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार है । प्रतिदिन जिले में सैकड़ों की संख्या में कोविड -19 के संदिग्ध कीजाँच की जा रही है ।फीवर क्लीनिक में बड़ी संख्या में लोगों ने सर्दी-खांसी और बुखार के टेस्ट करवाने आ रहे है। डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि आज की जाँच में 81 संदिग्ध मरीज़ों की कोविड-19 जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव पायी गई है । इन सभी का बेहतर उपचार की प्रक्रिया जारी है ।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले की जनता से फिर आग्रह किया कि वे मास्क पहनें और सोशल डिस्टेन्सिग का पालन अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि इस महामारी का अभी सिर्फ़ सावधानी और बचाव ही एक मात्र हल है । कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइड लाइन का पालन करें ।इधर, कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के डिस्ट्रिक्टि सर्विलिन्स अधिकारी डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर ने स्पष्ट किया हे कि प्रबल संभावना है कि लोगांे द्वारा सावधानी नहीं बरतने के कारण ही इतने प्रकरण अचानक प्रकाश में आए हैं। कोविड-19 की बीमारी को हल्के में लेना हमारे लिए कठिन सबित हो सकता है। हमें चहिए कि हम सुरक्षा सावधानी के नियमों का भली प्रकार पालन करें और स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार और स्थानीय गणमान्य नागरिकों को भी सुरक्षित रखने की दिशा में अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हुए सहयोग प्रदान करें।
डॉ. छत्रपाल चंद्राकर ने जिले के नागरिकों से कोरोना के लक्षण नज़र आने पर नि:संकोच जाँच कराने की भी अपील की है ।उन्होंने कहा कि ज़िला चिकित्सालय सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व चुनिंदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की नि:शुल्क जाँच की जा रही है । कोरोना संदिग्ध मरीज़ों की रैपिड टेस्ट एवं अन्य से जाँच की जा रही है । बचाव जागरूकता परामर्श भी प्रदान किया गया।
डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. छत्रपाल चंद्राकर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों को भी ऐसा लग रहा है कि उन्हें कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है वे यहां आकर अपनी जांच करा सकते हैं। जांच एवं आवश्यक दवा वितरण आदि की सेवा-सुविधाएं निशुल्क प्रदाय की जा रही हैं। ऐसे में, जरूरत है तो बस जागरूकता की। - महासमुंद : आज ज़िला महासमुंद से (02 सिंतबर) को 23 लोगों के कोरोना वायरस पॉज़िटिव की पुष्टि हुई है। जिले के आज के आंकड़ों पर नजर डालें तो सर्वाधिक 10 महासमुंद ब्लाक से है। जिसमें 8 महासमुंद शहर से दो गाँव से है।
7 पिथौरा ब्लाक से, बागबहरा ब्लाक से 4 जिसमें तीन नगरीय क्षेत्र से एक गाँव से है ।बसना नगर पंचायत एवं सरायपाली से एक-एक कोरोना पॉज़िटिव की जाँच रिपोर्ट आयी है।
इनमें 7 महिलायें शामिल है । महासमुंद ब्लाक से 4 महिलायें और एक-एक महिलायें बसना, पिथौरा और सरायपाली से है। शेष 21 पुरुष है। सबसे कम उम्र का 12 वर्षीय बालक महासमुंद से और सबसे अधिक उम्र 67 वर्ष की महिला भी महासमुंद से क़ोरोना पॉज़िटिव पीड़ित पाई गई है। - सैकड़ों की संख्या में की जारी रही कोरोना संदिग्ध मरीज़ों की जाँच
बुधवार को और आयी 500 नग रैपिड एंटीजन किट
महासमुंद : महासमुंद जिले में संदिग्ध मरीज़ों की कोविड-19 की जांच निरंतर की जा रही है। बुधवार की दोपहर ही राजधानी रायपुर से 500 नग और एंटीजन किट कोविड सेंटर को प्राप्त हो गए है। एंटीजन किट जल्द ही बड़ी संख्या में और आयेंगी ।
कोविड-19 की वैश्विक महामारी से निपटने के लिए ज़िला चिकित्सा का स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार है । प्रतिदिन जिले में सैकड़ों की संख्या में कोविड -19 के संदिग्ध कीजाँच की जा रही है ।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में जिला स्तर पर कोविड जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की सेवाएं बिना किसी समस्या से संचालित हैं।
वहीं त्वरित जांच के लिए ट्रू-नॉट जांच के अतिरिक्त रैपिड एंटीजन टेस्ट भी निरंतर किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.पी. वारे के पर्याप्त मात्रा में रैपिड किटस की मांग की है ।
ताकि जिले में अधिक से अधिक क़ोरोना की जाँच की जा सके । सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल ने बताया कि बुधवार को ही राजधानी रायपुर से जिले के लिए 500 नग रैपिड एंटीजन किट मिल गए है । जिला स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 के लक्षण लोगों की निरंतर जाँच क़र पॉज़िटिव पाए गए लोगों का बेहतर उपचार भी किया जा रहा है ।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण दल के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अनिरुद्ध कसार ने अपील करते हुए कहा कि जिन्हें भी सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण प्रतीत हो रहे हैं, वे जिला चिकित्सालय या अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर निशुल्क कोविड-19 जांच करा सके हैं। - “जिले में कोविड-19 की जांच के लिए संदिग्ध एवं पीड़ित मरीजों को इंतजार न करना पड़े इसके लिए शुरू की गईं रैपिड एन्टीजन टेस्ट प्रणालीमहासमुंद : कोविड-19 के बढ़ते प्रकरणों को देख जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनो संयुक्त रूप से चिकित्सकीय प्रबंधन में जुटे हुए हैं। इस ओर, संक्रमण जांच के लिए प्रारंभ से चल रही आरटीपीसीआर परीक्षण की प्रक्रिया के साथ जिले में रैपिड एन्टीजन टेस्ट यानी कोविड-19 की त्वरित जांच सहित ट्रू-नाॅट का सेटअप भी स्थापित है। जिसमें, क्रमशः पंद्रह एवं औसतन एक से दो घंटे के बीच ही नमूनों का परीक्षण कर यह पता लगा लिया जाता है कि व्यक्ति में कोविड-19 का संक्रमण है या नहीं।
जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक इन व्यवस्थाओं के उन्नयन करने की पहल अब पूर्णता की ओर है। आगामी 24 से 48 घंटे के भीतर ही पहले से बेहतर सेवा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आपेक्षित बदलाव किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे ने बताया कि उनके दफ्तर के समीप बने सखी सेंटर में संचालित फीवर क्लीनिक और अधिक सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने भी हरी झंडी दे दी है। जिसके तहत उक्त परिसर में एक पृथक कक्ष का निर्माण होगा। इस कक्ष कोरोना वायरस पॉज़िटिव प्रकरणों के संबंध में कान्टेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वैसे तो अब तक यह कार्य फीवर क्लीनिक के विशाल परिसर में जानकारी
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संपादित किया जा रहा था। लेकिन, सुरक्षा बढ़ाने के दृष्टिगत मिलने वाली इस नवीन सुविधा से पृथक-पृथक रूप से संदिग्ध मरीजों के पॉज़िटिव मरीजों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग के साथ संदिग्ध मरीजों को परामर्श की उत्तम व्यवस्थाएं भी मिलने लगेंगी।
डाॅ. वारे के अनुसार स्वास्थ्य महकमा हर संभव प्रयास करने में तत्पर है, तीनों जरह की केविड-19 जांच मतलब आरटीपीसीआर टेस्ट, ट्रू-नाॅट परीक्षण एवं रैपिट एन्टीजन जांच के लिए सेटअप सहित जांच दल भी मुस्तैद है।आंशिक रूप से तकनीकी दिक्कतों के चलते यदि कभी परेशानी आ भी जाए तो जांच की प्रक्रिया बाधित नहीं होती, सुचारू रूप से चल रही दूसरी परीक्षण पद्वति से उसे पूरा कर लिया जाता है। आगामी व्यवस्थाओं के साथ अगले दो दिनों के भीतर और भी बेहतर सेवाएं प्रदाय की जाएगी ।
आगामी बदलाव के लिए मौका मुआयना कर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर के परदल ने बताया कि तीन तरह की जांच प्रणाली सेवाओं की उपलब्धता होने से जिले में अब मरीजों कभी भी इंतजार करने की स्थिति नहीं रही। त्वरित जांच प्रणालियां कम समय में शुद्ध परिणाम उपलब्ध करा देती है।
उन्होंने कहा कि जिले भर में अब तक ट्रू-नाॅट मशीनरी से कुल 2426 नमूने परखे गए, जिनमें केवल 44 प्रकरण ही ऐसे थे जो धनात्मक रहे। वहीं, 15 मिनट में परिणाम देने वाली एन्टीजन टेस्ट प्रणाली को लेकर विकासखण्ड महासमुंद की बात करें तो सोमवार 31 आगस्त 2020 तक हुए कुल 2556 परीक्षणों में 133 मामलों में ही धनात्मक परिणाम प्राप्त हुए। अब तक के आंकड़ो पर प्रकाश डाल उन्होंने आमजन से अपील की कि जिन्हें सर्दी, खांसी, या बुखार जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, वे निःसकोच जांच कराने के लिए आएं, किसी को भी बैरंग वापस लौटने की स्थिति नहीं मिलेगी, बल्कि हम उन्हें पहले से भी अधिक सुरक्षित माहौल में जांच सेवाएं उपलब्ध कराते रहेंगे। -
परीक्षार्थियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी
महासमुंद जिले के आज दो परीक्षार्थियों ने दी परीक्षा, जिला प्रशासन ने करायी नि:शुल्क वाहन की व्यवस्था
अब तक 90 परीक्षार्थी करा चुके है पंजीयन
महासमुंद : इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आज से संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य (जेईई मेन्स )JEE Mains का आयोजन किया जा रहा है। यह परीक्षा शुरू हो गई है। शारीरिक दूरी बनाए रखने से लेकर हर तरह के दिशानिर्देशों को अमल में लाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। आज मंगलवार 01 सितम्बर से शुरू 6 सितंबर तक होने वाली इस परीक्षा के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से 13425 परीक्षा देंगे ।महासमुंद जिले से अब तक कुल 90 परीक्षार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर की आयोजित परीक्षा में ज़ाने-आने के नि:शुल्क वाहन के लिए अपना पंजीयन कराया है । इनमें 30 परिक्षार्थियों ने जेईई मेन्स परीक्षा केंद्रो तक आने-जाने के नि: शुल्क वाहन के लिए पंजीयन कराया है। वही 13 सितम्बर को आयोजित नीट की परीक्षा के लिए अब तक 60 परीक्षार्थियों ने भी परीक्षा केंद्रो तक आने-ज़ाने के लिए पंजीयन कराया है ।जिला प्रशासन द्वारा परीक्षार्थियों के पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर परीक्षा तिथि से एक दिन पहले परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए निशुल्क परिवहन सेवा की पूरी जानकारी स्थान, तिथि समय आदि भेजी जा रही है ।आज जिले के बागबाहरा से दो परीक्षार्थी हिमांशु साहू और नेहा साहू रायपुर और भिलाई स्थित परीक्षा केंद्रो में परीक्षा देने पहुँचे । परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा हॉल में टच फ्री एंट्री थी ।छत्तीसगढ़ में 05 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। तीन बिलासपुर, और एक-एक परीक्षा केंद्र रायपुर और भिलाई में बनाया गया है ।कोरोना के खतरे को देखते हुए परीक्षा केंद्रो में सीटिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है और दो परीक्षार्थियों के बीच एक सीट खाली छोड़ी गई। महासमुंद जिले के विकासखंड बागबाहरा से नि: शुल्क वाहन का उपयोग कर सुबह की शिफ़्ट 9 से 12 की परीक्षा देने गए छात्र हिमांशु साहू ने बताया कि दोनों परीक्षार्थियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी थी ।परीक्षा के लिए दो शिफ्ट (सुबह 9 से 12 और दोपहर में 3 से 6 बजे) तय की गई है। परीक्षार्थियों को सुबह डेढ़ घंटे पहले से प्रवेश मिलना शुरू हो गया। परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र बार कोड से चेक किया गया । -
कल मंगलवार से शुरू जेईई की परीक्षा के लिए जाएंगे चार परीक्षार्थी
महासमुंद: कल मंगलवार एक सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की जेईई और 13 सिंतबर 2020 को आयोजित नीट की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिलंे में अब तक कुल 44 परीक्षार्थियों ने परीक्षा केन्द्रों तक आने-जाने के लिए निःशुल्क वाहन लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन कराया है। कल सोमवार एक सिंतबर 2020 को जेईई की परीक्षा के लिए जिले से चार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें दो बागबाहरा विकासखंड से और एक-एक परीक्षार्थी महासमुंद, बसना से है, जिन्होंने निःशुल्क वाहन सुविधा के लिए अपना पंजीयन कराया है। उक्त जानकारी श्रम निरीक्षक श्री अमित चाराय ने दी।जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि कल जाने वाले चार परीक्षार्थियों में दो परीक्षार्थी बागबाहरा और एक-एक परीक्षार्थी बसना, महासमुंद से है। इन चारों के लिए कल मंगलवार को आयोजित जेईई की परीक्षा में शामिल होने के लिए निःशुल्क वाहन की व्यवस्था की गई है। इनमें एक की परीक्षा सुबह 9 बजे से रायपुर परीक्षा केन्द्र में है। तीन लोगों की परीक्षा सांय 3 बजे से शुरू है। तीन लोगों का परीक्षा केन्द्र रायपुर और एक परीक्षा केन्द्र भिलाई में है। चारों परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क वाहन की व्यवस्था की गई है। सुबह 9 बजे से आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए बागबाहरा से छोटी वाहन में परीक्षार्थी सुबह 5 बजे रवाना होगा। वही तीन परीक्षार्थियों के लिए वाहन सुबह 9 बजे बसना से बागबाहरा होती हुई महासमुंद परीक्षार्थी को लेकर रायपुर एवं भिलाई के लिए रवाना होगी।