- महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग रायपुर के अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे विगत दिनों महासमुन्द जिले के प्रवास पर थी। इस दौरान उन्होंने जिले में संचालित पंजीकृत बालगृह श्रीकृष्ण अग्रवाल सेवा केन्द्र बालक आश्रम बिहाझर, बागबाहरा का औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान संस्था के कर्मचारियों से संस्था के व्यवस्था के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी ली तथा बच्चों से मिलकर कोविड-19 के बचाव एवं अन्य विषय पर चर्चा किया गया। संस्था की व्यवस्था को देखकर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। बच्चों को ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
इसके उपरांत उन्होंने विश्राम गृह बागबाहरा में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें भिक्षावृत्ति, बाल श्रम, अपशिष्ट संग्राहक के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए विशेष पहल किए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही किसी विशेष जनजाति के लोगों के द्वारा भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्राहक की जाती है तो उनके मुखिया से सम्पर्क कर समझाईश दिए जाने व ऐसे कामों में लिप्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़नें को कहा। - महासमुन्द : देशभर में 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ही महासमुन्द जिले में कल गुरूवार 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाएगा।
इस संबंध में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर जिला खाद्य अधिकारी, औषधि नियंत्रक, खाद एवं औषधि प्रसाधन महासमुन्द को समुचित कार्यवाही करने के लिए पत्र जारी किया है। किए गए आयोजन में कोविड-19 के संबंध मंे केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी गाईड-लाईन एवं नियमों का पालन करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन करने के बारें में भी कहा गया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर शासन के साथ-साथ सभी शासकीय एजेंसियों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों, शैक्षिक संस्थानों और मीडिया के सहयोग से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के संबंध में जागरूक हेतु जिले में बैठक समारोह, रैलियां, कार्यशाला, सेमीनार आदि गतिविधियाॅ आयोजित करते हुए कार्यवाही करने का लेख किया गया है।
यहां बता दे कि देश भर में 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है। चाहे सामान कम ले या ज्यादा पर हमें उपभोक्ता के नाते ऐसी बहुत सी जरूरी चीजें है जिनके बारें मंे पता नहीं है या अपने अधिकारों के बारें में नहीं जानते।
1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए सामान खरीदता है उसे ही उपभोक्ता कहते है। लोगों को अधिकार बताने के लिए 24 दिसम्बर 1986 को उपभोक्ताओ ंको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए उपभोक्ता दिवस मनाया जाने लगा। - महासमुंद : छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियांे पर आधारित गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ छायाचित्र विकास प्रदर्शनी आज महासमुंद जिले के विकासखण्ड मुख्यालय बागबाहरा में लगाई गई। यह एक दिवसीय प्रदर्शनी जनपद पंचायत बागबाहरा परिसर पर लगाई गई थी, जिसे लोगों ने खूब सराहा।
प्रदर्शनी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास, गाय-गौठान-गोबर ने बदली गाॅव की तस्वीर, डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी, गढ़कलेवा, वनोपज, सार्वभौम पीडीएस के साथ ही मुख्यमंत्री शहरी स्लम योजना आदि आकड़ों सहित दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में अधिकारी-कर्मचारी के साथ-साथ युवा वर्ग ने खास रूचि दिखाई।
मालूम हो कि जिला मुख्यालय महासमुन्द में आयोजित दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने इसी माह के 27 दिसम्बर को किया था। प्रदर्शनी में राज्य सरकार के विभिन्न योजना और जन कल्याण योजना पर आधारित पुस्तक और पाॅम्प्लेट का भी वितरण किया जा रहा है।
जिले के सभी विकासखण्डों में आम जनता को सरकारी योजनाएं बतानें और उनका लाभ उठानें के लिए एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी स्थल पर निःशुल्क प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है। - महासमुंद : महासमुंद जिले के बसना ब्लाॅक के श्री भागीरथी ने अपनी पारम्परिक खेती को छोड़ खेत में सब्जी उप्पादन कर इलाकें में अपनी अलग छाप बनाई हैं। पहले वो अपने 05 एकड़ खेत में सिर्फ एक फसली धान की पैदावार लेते थे। जो बदलते दौर में आर्थिक रूप से कम थी।लेकिन उन्होंने अब विभिन्न प्रकार की साग भाजी के साथ-साथ सब्जियों की पैदावार करने लगे है। उनकी आगे बढ़नें की दृढ़ ईच्छा शक्ति, मेहनत और लगन से उनकी आर्थिक स्थिति में पहले से बेहतर ईजाफा हुआ है। उन्होंने दूरभाष पर कहा कि बदलते वर्तमान दौर में स्वयं को हर बात से अपडेट रखें और खेती किसानीं की नई-नई तकनीक और जानकारी लेते रहें।
यह कामयाबाी का गुरू मंत्र है। बसना विकासखण्ड के ग्राम उमरिया के प्रगतिशील किसान श्री भागीरथी पटेल का कहना है कि उनके पास लगभग 05 एकड़ सिंचित कृषि योग्य भूमि है। पहले वे परम्परागत तरीके से धान की खेती करते थे। जिससे वे बड़ी मुश्किल से लगभग 02 लाख रूपए का धान बेचा करते थे। धान की खेती में लागत एवं पानी अधिक लगने से भी उन्हें अच्छी आमदनी नहीं मिल पा रहा था।
उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने उन्हें उद्यानिकी कृषि करने के लिए प्रेरित किया तथा उद्यानिकी अधिकारियों ने उद्यानिकी खेती के आधुनिक गुर सिखाएं। जिससे वे अब उन्नत तरीकें से खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 08 से 09 लाख रूपए की आमदनी प्र्राप्त हो रही है।
वे अपने खेत में डी.एम.एफ. विकास बाड़ी योजना के तहत् ड्रीप सिंचाईं करने के लिए स्प्रिंक्लर एवं शेड नेट हाउस अनुदान के तहत लगाए हुए हैं। ड्रीप सिंचाईं से पानी की बचत भी हो रही है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी विभाग द्वारा ग्राफ्टेड टमाटर प्रदर्शन के रूप में भी लगाए हैं।
जिसका उत्पादन सामान्य फसल से डेढ़ गुना हो रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी फसल लेने से मेरी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आई है। उद्यानिकी फसल के आमदनी से नए ट्रेक्टर खरीदा है। आमदनी बढ़ने से बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहा हॅू।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में अपने खेत में टमाटर, बरबट्टी, बैंगन जैसे अन्य फसल लिए हुए हैं। मेरे द्वारा लिए गए उद्यानिकी फसलों को देखने के लिए अन्य गाॅवों के किसान लोग पहुंचते हैं। फसल के उत्पादन को देखकर वे काफी प्रभावित होकर नए तकनीकी से खेतीं करने के लिए प्रेरित हो रहे है। - महासमुंद : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले मंे 12 हाट बाजार क्लिनिक योजना का संचालन किया जा रहा हैं। जिसका प्रतिसाद भी आसपास के मरीजों को मिल रहा हैं।इस क्लिनिक में एनीमिया, बुखार, दस्त, मलेरिया, डायरिया, एच.आई.वी., कुष्ठ, टी.वी., मधुमेह, उच्च रक्त चाप, नेत्र, कोविड-19 जाॅच एवं अन्य उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जाॅच एवं टीकाकरण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
महासमुंद विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मानपुर में सोमवार को, ग्राम चैकबेड़ा में गुरूवार को, ग्राम खैरझिटी एवं ग्राम नयापारा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। इसी तरह बागबाहरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम ओंकारबंद में रविवार को एवं ग्राम खट्टी में मंगलवार को हाट बाजार क्लिनिक लगाए जा रहे है।
पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम खैरखुटा में गुरूवार को, लिमदरहा में सोमवार को एवं ग्राम केसरीपुर में शुक्रवार को तथा बसना विकासखण्ड के ग्राम कुड़ेकेल एवं ग्राम कुरचंुडी में मंगलवार को एवं ग्राम बेलटुकरी में रविवार को हाट बाजार में क्लिनिक आयोजित किया जा रहा है।
इस क्लिनिक योजना में जिला चिकित्सकीय अधिकारी-कर्मचारी समय पर उपस्थित रहकर हितग्राहियों के परीक्षण कर उन्हें आवश्यक दवाईयां उपलब्ध करातें है। इस योजना के तहत् वर्ष 2020-21 में अब तक 1924 हितग्राही लाभान्वित हुए है। - जिले में अब तक 6830 बोरा धान अर्थात् 2732 क्विंटल धान एवं 06 वाहन जप्त
महासमुंद : जिला खाद्य अधिकारी श्री नीतिश त्रिवेदी ने बताया कि आज जिले में 09 प्रकरणोें पर 329 बोरा धान अर्थात् (131.6 क्विंटल) धान जप्त किए गए। जिसमें एक ट्रेक्टर भी शामिल है।उन्होंने बताया कि इनमें बसना तहसील केे ग्राम अरेकेल निवासी श्री हरिराम डड़सेना से 30 बोरी धान एवं ग्राम पोटापारा के श्री साखाराम से 55 बोरा धान जप्त किया गया है।
इसी तरह सरायपाली तहसील के अंतर्गत रायगढ़ जिला के अंतर्गत बरमकेला तहसील के ग्राम केरमेली के श्री समारू बरिहा से 70 बोरी धान एवं एक अंतर जिला आईसर ट्रेक्टर जप्त किया गया तथा ग्राम बलौदा निवासी श्री फिरू बारिक से 22 बोरी धान जप्त किया गया।
इसके अलावा महासमुंद तहसील के अंतर्गत ग्राम सिंघुपाली निवासी श्री रूपलाल निषाद से 20 बोरी धान, ग्राम बम्हनी के श्री खिलावन यादव से 40 बोरी एवं ग्राम चिंगरौद निवासी श्री दिनेश साहू से 30 बोरी धान जप्त किया गया हैं। इसके अलावा बागबाहरा तहसील के अंतर्गत ग्राम भिलाई दादर निवासी श्री महेश सिन्हा से 32 बोरी एवं ग्राम बोकरामुड़ा के श्री केशव सिन्हा से 30 बोरी अवैध धान भंडारण करने पर जप्त कर कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में धान खरीदी का कार्य 01 दिसम्बर 2020 से शुरू हुई है। अब तक जिले में कुल 177 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिनमें 6830 बोरा धान अर्थात् 2732 क्विंटल धान की जप्ती की गई है। इनमें 06 वाहन भी शामिल हैं। महासमुंद जिला राज्य की सीमावर्ती जिला होने के कारण अन्य राज्यों से अवैध धान परिवहन की आशंका बराबर बनी रहती है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में जिले में तहसीलदार, थाना प्रभारी, खाद्य निरक्षक की संयुक्त उड़नदस्ता टीम का गठन कर अवैध धान परिवहन और अवैध धान भंडारण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। ओड़िशा सीमा पर बसे गांव आदि पर अवैध धान परिवहन को रोकने के लिए जांच नाका भी बनाए गए है। इन नाकों पर संबंधित अधिकारी बराबर नजर और निरीक्षण कर रहे हैं। - कलेक्टर श्री गोयल ने किसानों को रबी सीजन में धान के बदलेंअन्य फसल लेने पर दिया जोर
महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल की उपस्थिति में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में जिले मंे उपलब्ध वृहद्, मध्यम एवं लघु जलाशयों से जल उपलब्धता के आधार पर रबी सिंचाई के लिए जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में जल प्रदाय करने का निर्णय लिया गया।
कलेक्टर श्री गोयल ने रबी सीजन में धान फसल के बदलें गेहूॅ, दलहन, तिलहन, मक्का, उड़द, मूंग, मूंगफली सहित अन्य फसलें लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जलाशयों के उपलब्ध जल से धान के बदले में अन्य फसलें लगाने से अधिक रकबें में फसलों की सिंचाईं किया जा सकता है।
इस अवसर पर महासमुंद विधायक प्रतिनिधि श्री अरूण चन्द्राकर, महासमुंद के जनपद पंचायत सदस्य श्री रमाकांत धु्रव, जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता श्री जे.के. चन्द्राकर, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर. डोंगरें सहित जल संसाधन विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जिले में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत एक वृहद कोडार जलाशय परियोजना, एक मध्यम केशवा जलाशय योजना तथा एक अंतर्राज्यीय परियोजना, मध्यम अपर जोक नहर परियोजना तथा 123 लघु सिंचाईं योजनाएं निर्मित है। - महासमुंद : अस्थिबाधित दिव्यांग कुमारी लक्षवन्तीन साहू एक ऐसा नाम हैं। जिसे उसके माता-पिता ने भी उन्हंे अभिशप्त समझकर बचपन से ही अपने से दूर कर दिया था। उसका बचपन अपनी नानी के घर-आॅगन में गुजरा। नानी ने बड़े प्यार से उसका पालन-पोषण शिक्षा-दीक्षा दिलाई। दिव्यांग होते हुए उसने नानी को कभी निराश नहीं किया।
अपने जुझारूपन, कार्य के प्रति लगन को ताकत बनाया और ना अपना हौसला खोया और इस संघर्ष के बल पर उसने दिव्यांगता को कभी अपने जीवन में बाधक नहीं बनने दिया और मेहनत के बल पर कक्षा 12 वीं तक की पढ़ाई की हैं।
कुमारी लक्षवन्तीन साहू बताती है कि वे अस्थिबाधित दिव्यांग होने के कारण लोग उनसे अलग रहा करते थे। स्वयं के मन में कुछ कर गुजरनें की दृढ़ ईच्छा शक्ति होने के कारण वे शिक्षा हासिल कर पाई। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे अपने जरूरतमंद सामग्रियों को क्रय करने का खर्च भी नहीं उठा पा रही थी।
एक दिन उन्होंने बढ़े ही निश्चय करके समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में पहुंचकर अपनी वस्तुस्थिति बताई तब वहां के अधिकारियों ने उनके आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्यालय पर ही हल्का-फुल्का काम करने के लिए रख लिया। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बतातें है कि कुमारी लक्षवन्तीन साहू काफी मेहनती लड़की है। यहां विगत माह से पूरी लगन और निष्ठा के साथ कार्य कर रहीं हैं। वह अल्प समय मंे अधिकारियों-कर्मचारियों की सबकी चहेती बन गई हैं।
लक्षवन्तीन ने बताया कि शिक्षा के बलबूते पर ही मुझे समाज कल्याण विभाग महासमुंद के कार्यालय पर काम मिला हुआ है। मैंने किसी भी कार्य को छोटा या बढ़ा न समझकर मुझसे जो बन पाता है वो कार्य करती हूॅ जिससे मुझे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। विभाग द्वारा मुझे अपने कार्यों के बदले में मासिक खर्च चलानें के लिए संतुष्टिजनक मेहनताना दिया जाता है। इसके अलावा विभाग के अधिकारी एवं अन्य लोग मुझे आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते है।
उन्होेंने बताया कि एक ओर जहां आजकल के पढ़े-लिखें युवा रोजगार की तलाश में ईधर-उधर भटक रहें हैं, वहीं मुझे इस विभाग में काम मिलनें से काफी खुशी महसूस कर रही हूं। समाज कल्याण विभाग द्वारा मुझे ट्रायसायकल एवं बैशाखी उपकरण भी प्रदाय किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा दिव्यांगों के हित के लिए अनेक प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका लाभ हमारें जैसे अनेक दिव्यांगों को मिल रही है। - शीतलहर को देखते हुए रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें: कलेक्टर श्री गोयल
निरस्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टें पुनर्विचार कर भेजें
महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक हुई।
उन्होंने जिले के सभी नगरपालिका अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शीतलहर और सर्दी को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्र में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, आवास विहीन, अदृश्य श्रेणी के निःसहाय व्यक्ति हेतु रैन बसेरा में ठहरानें हेतु समुचित व्यवस्था एवं कम्बल आदि की भी व्यवस्था की जाए।
कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि रैन बसेरा में रूकने वाले मजदूरों की कोविड-19 की जाॅच भी कराई जाए। इसके साथ ही पूर्व निर्धारित स्थानों पर अलाव जलानें की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने बारी-बारी से विभागवार लम्बित प्रकरणों के निराकरण की जानकारी ली।
कलेक्टर ने बैठक में वीडियों कांफ्रेन्सिंग के जरिए शामिल हुए सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को कहा कि जिन लोगों के व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टें निरस्त हुए हैं।
उन्हें ग्राम सभा स्तर से पुनर्विचार कर कारण दर्शातेें हुए जिला स्तर की ओर प्रेषित करें। इस संबंध में कोई दिक्कत या परेशानी हो तो कारण बतातें हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वनमण्डलाधिकारी या मुझे फोन से जानकारी दें। पुनर्विचार करने में निरस्त किए गए व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टें, स्पष्ट रूप से निरस्ती का कारण और आधार भी अवश्य दर्शाएं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक, एस.डी.एम. महासमुंद श्री सुनील कुमार चन्द्रवंशी सहित डिप्टी कलेक्टर और जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को कहा कि आगामी माह से बिना कलेक्टर की अनुमति से एनीकट (चेकडेम) के गेट ना खोलें जाए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग अपने स्वार्थ के कारण इन एनीकट (चेकडेम) के गेट खोल देते है।
ऐसे लोगों पर कड़ाई की जाए। जो व्यक्ति ऐसा करते पाए जाए उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही किया जाए। कलेक्टर ने स्कूली बच्चों के पोर्टल में जाति प्रमाण-पत्र त्रुटिपूर्ण अपलोड होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने धान के रकबें की त्रुटिपूर्ण एण्ट्री एवं सुधार आदि की जानकारी ली। समय-सीमा की बैठक में पिथौरा और तुमगाॅव के सी.एम.ओ. उपस्थित न होने पर उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश अपर कलेक्टर को दिए।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जवाहर नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल में पात्र विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा आवेदन भरवानें के निर्देश स्कूल शिक्षा अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही सैनिक स्कूल के लिए विद्यार्थियों को कोचिंग देने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों मंे जन्म मृत्यु प्रमाण-पत्र आॅनलाईन जारी करेंगे।
कोई भी ग्राम सचिव जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र मैन्युअल नहीं बनायेंगे। इस संबंध में पूर्व भी निर्देश जारी किए जा चुके है। कलेक्टर ने बैठक के बाद संबंधित अधिकारियों की मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में ली गई वीडियों कांफ्रेन्सिंग में दिए गए एजेण्डा की बिन्दुवार प्रगति की जानकारी ली।
जिले में नव पदस्थ वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने अपना परिचय देते हुए सभी एस.डी.एम. से कहा कि जिले के नदी-नालें या आसपास ऐसी राजस्व भूमि जिसके लम्बंे-लम्बें चक हो उन्हें चिन्हांकित कर उसकी सूची बनाए जिससे कैम्पा मद से बड़े स्तर पर वृक्षारोपण की अभी से तैयारी शुरू की जा सकें। ताकि नदी-नालों का कटाव भी इससे रोका जा सकें। - महासंमुद : जिले में धान उपार्जन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं लैम्प्स के माध्यम से किया जा रहा है। समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का उपार्जन की समस्त कार्रवाई एवं व्यवस्था कलेक्टर के निरीक्षण पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में सम्पन्न की जा रही है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के व्यवस्थित एवं सुचारू संचालक के लिए व्यवस्था की दृष्टि से जिले के 17 उपार्जन केन्द्र के कम्प्यूटर ऑपरेटरों के कार्यस्थल में परिर्वतन किया गया है।
कम्प्यूटर ऑपरेटर सर्वश्री गजानंद पटेल पचरी उपार्जन केन्द्र से चनाट उपार्जन केन्द्र, धनंजय चन्द्राकर पिटियाझर से टांगापासा,सेवाराम साहू बेमचा से जगदीशपुर, मुकेश पटेल, सरकण्डा समिति उपार्जन केन्द्र टांगापासा से बेमचा, राकेश पटेल चनाट से बसुलाडबरी, राकेश पांडेय तेन्दुकोना से पचरी, रोशन चन्द्राकर, बावनकेरा से रसोड़ा, राहुल मन्नाडे भोरिंग (तुमगांव) से बरेकेल,चेतन यादव गांजर से भोरिंग, राजकिशोर सिन्हा बावनकेरा समिति उपर्जान केन्द्र चौकबेडा से भस्करापाली, गोपी निषाद सिरपुर से पिथौरा, श्रीमती पूनम चन्द्राकर बसुलाडबरी से पिटियाझर,श्रीमती जस्मिता साहू रसोड़ा से बावनकेरा, श्री लाल बिहारी प्रधान पिथौरा से सिरपुर, श्री धनंजय साहू बरेकेल से चौकबेड़ा, श्री राजेश प्रधान जगदीशपुर से गांजर और श्री विनोद प्रधान भस्करापाली से तेन्दूकोना उपार्जन केन्द्र कार्यस्थल परिवर्तन किया गया है। इस आशय के आदेश कलेक्टर के अनुमोदन के बाद प्रभारी उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं महासंमुद के हस्ताक्षर से जारी कर दिय गए है। -
145 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक होकर अपने घर पहुँचेंमहासमुंद : महासमुंद जिले में आज सोमवार को 58 व्यक्तियों की जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है ।वहीं आज 145 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक हो कर अपने घर गए । अब तक कुल 7261 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक होकर अपने घर सुरक्षित पहुँच गए है ।
ज़िला स्वास्थ्य से मिली आज की मेडिकल बुलेटिन में बताया की 1162 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की जाँच की गई। जिसमें 58 लोगों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है । सर्वाधिक सरायपाली विकासखंड में 18 कोरोना पॉज़िटिव मिले । वहीं बागबाहरा और बसना ब्लॉक से 11-11 लोगों की रिपोर्टों पॉज़िटिव आयी । महासमुंद विकासखंड से 10 तथा पिथौरा विकासखण्ड से 8 व्यक्तियों की जाँच रिपोर्ट कोरोना पॉज़िटिव पायी गई है । आज की जाँच आरटीपीसीआर से 102 ,ट्रू नाट से 106 और एंटीजन से सबसे ज़्यादा 972 टेस्ट किए गए। इस प्रकार कुल 1162 टेस्ट किए गए।ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि जिले में अब तक कुल 7865 कोरोना पॉज़िटिव आए जिनमें से 7261 स्वस्थ्य होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचें। आज 145 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक हो कर अपने घर गए। आज की तारीख़ में जिले में एक्टिव मरीज़ों की संख्या 492 है । -
पिथौरा अनुविभाग के अंतर्गत धान खरीदी केंद्रों में सोमवार को 1.22 लाख एचडीपीई बारदाने पहुंच गये
महासमुंद : जिला महासमुंद में धान खरीदी का कार्य सुचारू ढंग से जारी है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य 1 दिसंबर से चल रहा है। विगत सप्ताह के अंत में जिला प्रशासन के द्वारा 6.50 लाख एचडीपीई बारदाने चालू सप्ताह की सुचारू धान खरीदी के लिये जारी किये गये थे। सोमवार को अधिकांश धान खरीदी केंद्रों पर एचडीपीई बारदाने की खेप पहुंच गई। पिथौरा अनुविभाग के अंतर्गत धान खरीदी केंद्रों में सोमवार को 1.22 लाख एचडीपीई बारदाने पहुंच गये। इसके साथ ही पीडीएस बारदाने और मिलर से प्राप्त बारदानों की आपूर्ति भी की जा रही है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के द्वारा विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किये गये हैं कि विभागीय समन्वय के द्वारा सभी धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य का कार्य सुचारू रूप से जारी रहे।
अपर कलेक्टर श्री जोगेंद्र नायक के द्वारा सभी अनुविभागीय अधिकारियों को खाद्य विभाग, जिला विपणन अधिकारी, नोडल जिला सहकारी बैंक के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक व्यवस्थाओं की माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी कडी में अनुविभागीय अधिकारी(रा) पिथौरा के द्वारा तहसीलदार के साथ अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले उपार्जन केंद्रों के लिये नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी के कार्य की समीक्षा की गई जिसमें सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बारदानों की आपूर्ति और उठाव की जानकारी ली गई और सीमांत और लघु कृषकों के टोकन प्राथमिकता से जारी करने के निर्देश दिये गये। - जिले में 13.50 लाख बारदाना सभी उपार्जन केंद्रों में उपलब्ध कराये जा रहे
महासमुंद : महासमुंद जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020 21 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है तथा आवश्यकता अनुसार रविवार को 6 लाख 50 हजार नये एचडीपीई बारदाना उपार्जन कें्रदों में उपलब्ध कराये जा रहे है।
इसके साथ ही 3 लाख बरदाने मिलर्स के माध्यम और 3 लाख बारदान उपभोक्तान दुकानों में शेष बचें उन्हें प्राप्त कर इस तरह पहले और नए मिला कर कुल 13.50 लाख बारदानों जिले के सभी उपार्जन केंद्रों में पहुँचाया जाना रविवार से शुरू हो गया हैं। जिले में पर्याप्त मात्रा में नये उपलब्ध एचडीपीई बारदानो की उपलब्धता की संबंध में जिला विपणन अधिकारी श्री अनिल जोशी ने जानकारी दी।
कोविड 19 के कारण नये जुट बारदाने की फैक्टरियां बंद हो जाने से जूट बारदाना के कमी को देखते हुये नए एचडीपी बारदाने के साथ साथ पीडीएस बारदाने एवं मिलर्स से बारदानों के उपार्जन हेतु खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, नोडल अधिकारी बैक एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की बैठक अपर कलेक्टर महासमुंद श्री जोगेंद्र नायक द्वारा ली गयी तथा सभी संबंधितो को नियमित रूप से तालमेल एवं समन्वय बना कर बारदाना की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। वर्तमान में आगामी दिनों में धान खरीदी को देखते हुए जिले में पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है।
जिला खाद्य अधिकारी श्री नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी की मिलर्स के माध्यम से भी जिले में 3 लाख बारदाने उपलब्ध कराये जा रहे है। मिलर्स द्वारा दिये जा रहे बारदाने की गुणवत्ता का सत्यापन करा लिया गया है एवं मिलर्स को भी सख्त निर्देश दिये गये है कि कटेफटे निम्न गुणवत्ता वाले बारदाने उपार्जन केंद्रो में ना भेजें। साथ ही उपार्जन केंद्रो को भी यह निर्देश जारी किये गये है कि मिलर्स द्वारा प्रदाय किये जा रहे बारदाने यदि कटे फटे और गुणवत्ता विहीन है तो उपार्जन केंद्र उसे स्वीकार ना करें। इसके लिए तहसील स्तर पर सभी खाद्य निरीक्षकों को भी मोनिटरिंग हेतु निर्देशित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत दुकानो से भी जिले में 17 लाख बारदाना प्राप्त कर धान खरीदी में उपयोग किया जा चुका है। जिले के नोडल अधिकारी श्री डी एल नायक ने बताया कि पीडीएस उपभोक्ता के बारदानो के उपयोग धान खरीदी में करने का नीतिगत निर्णय राज्य शाशन द्वारा लिए जाने के कारण, शासन से जिले में 20 लाख बारदानों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसमें से 17 लाख बारदाने उपायोग किये जा चुके है। तीन लाख उपभोक्ता बारदाने भी उपभोक्तान दुकानों में शेष बचे है। जिन्हे प्राप्त कर उपयोग करने हेतु उर्पाजन केंद्रो को निर्देशित किया गया है। विगत वर्षो में उपभोक्ता दुकानों के बारदानो को खूले बाजार में बेचने की प्रथा रही है जिसे इस वर्ष प्रारंभ से ही लगाम लगा कर रखा गया है जिसके कारण ही इतनी संख्या में पी डी एस बारदानो का उचित उपयोग कर धान खरीदी बेहतर एवं सुचारू व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग मिला। - महासमुंद : मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। आवेदन की अंतिम तिथि 05 जनवरी 2021 है। ऐसे ईच्छुक युवा जो स्वरोजगार स्थापित करना चाहते है, वे आवेदन कर सकते है।
आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं उत्तीर्ण हो और आयु 18 से 35 वर्ष होनी चाहिए। योजना के तहत विर्निमाण उद्यम हेतु अधिकतम 25 लाख रूपये, सेवा हेतु 10 लाख रूपये एवं व्यवसाय हेतु 02 लाख रूपये बैंको के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो, परिवार की आर्थिक आय 03 लाख रूपये से अधिक न हो। आवेदक निर्धारित प्रपत्र निःशुल्क एवं अधिक जानकारी कार्यालय जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, पुराना तहसील परिसर, महासमुंद से प्राप्त कर सकते है। - महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ एक महत्वाकांक्षी योजना हैं। ‘‘बिहान’’ योजना महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की एक अनूठी पहल है।इस योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे महिलाएं स्वरोजगार प्राप्त कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
‘‘बिहान’’ योजना से जुड़ने वाली महिला स्व-सहायता समूह को आर्थिक रूप से सशक्त बनानें के लिए जिला प्रशासन द्वारा भी भरपूर सहयोग किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें एक निश्चित प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे अपने निर्मित सामग्रियों को आसानी से बिक्री कर सकें। प्रशासन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित विभिन्न सामग्रियों को स्कूल, आॅगनबाड़ी, आश्रम-छात्रावास के अलावा अन्य विभागों में भी सप्लाई किया जाता है। जिससे स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ हो सकें।
दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह भोरिंग की अध्यक्ष श्रीमती कुमारी साहू ने बताया कि इस समूह में गाॅव के 12 महिला सदस्य हैं। जिन्हें जिला प्रशासन के सहयोग से कलेक्ट्रेट के सामनें सामग्रियों को बेचनें के लिए स्टाॅल उपलब्ध कराया गया है। वे सभी महिलाएं एक वर्ष पूर्व जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारियों के द्वारा ‘‘बिहान’’ योजना के बारें में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करने से वे समूह में जुड़ने के लिए पे्ररित हुई।
इसके उपरांत अधिकारियों ने महिला स्व-सहायता समूह को 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया। समूह के कार्य और लगन को देखकर शासन द्वारा उन्हें बैंक के माध्यम से एक लाख का ऋण उपलब्ध कराया गया है। जिससे वे प्रतिमाह 10-10 हजार रूपए के आसान किस्तों में भुगतान कर रहें हैं। अब तक समूह के माध्यम से बैंक में पाॅच किस्त जमा कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने के पूर्व वे सब्जी-भाजी बेचकर अपने घर का जीविकोपार्जन करते थे। लेकिन उन्हें इस व्यवसाय में अच्छी आमदनी प्राप्त नहीं होती थी। इस कारण वे स्व-सहायता समूह में जुड़ी। स्व-सहायता समूह में जुड़ने से उनके साथ-साथ समूह की सभी महिलाओं को आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है।
कलेक्ट्रेट के सामने स्थित उनके स्टाॅल पर स्व-सहायता समूह की सामग्रियों की बिक्री काफी अच्छी होने के कारण अन्य महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य भी उनके द्वारा निर्मित अन्य सामग्रियां भी यहां बिक्री के लिए रखती है। जिसके कारण ग्राहकों को सभी प्रकार की सामग्रियां इस स्टाॅल से प्राप्त हो जाती है। जिससे ग्राहक यहां बड़ी संख्या में समूह द्वारा निर्मित सामग्रियों को लेने के लिए पहुंचते हैं। जिससे वे प्रतिदिन एक हजार रूपए से भी अधिक की बिक्री कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि यहां पर गणेश महिला स्व-सहायता समूह, प्रभु कृपा महिला स्व-सहायता समूह भोरिंग एवं साॅईनाथ महिला स्व-सहायता समूह टेमरी सहित अन्य महिला स्व-सहायता समूहों के सामग्रियां यहां बिक्री के लिए रखीं गई है। जिसमंे कपड़े, बर्तन धोनें एवं नहानें का साबुन, बर्तन साफ करने का लिक्विड, सर्फ, लाईट, मोमबत्ती, विभिन्न प्रकार के लड्डू, हर्बल शैम्पू, पैरदान, गोबर के दीएं, जैविक खाद, अगरबत्ती, करी लड्डू, बड़ी, पापड़, आचार, सेनेटाईजर, हैण्डवाॅश, झालर, माॅस्क सहित अन्य सामग्रियां उपलब्ध हैं।
श्रीमती कुमारी साहू ने बताया कि वे सबेरे 08ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक दुकान का संचालन करती है। उनके समूह के सदस्य घरांे में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का निर्माण करती हैं। वे प्रत्येक सप्ताह ग्राहकों द्वारा स्टाॅल से किए गए खरीदी का हिसाब-किताब करती है और प्रत्येक माह बैंक में निर्धारित तिथि पर 10 हजार रूपए मासिक किस्त का भुगतान भी कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि शासन की यह महत्वाकांक्षी ‘‘बिहान’’ योजना हमारें जैसे हजारों महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वरदान साबित हो रही है। -
महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बावजूद यहां के मूल निवासी एवं रहवासियों को विकास का वो लाभ नहीं मिल सका, जिनके वे असली हकदार थे।
गिरता हुआ भू-जल स्तर, खेतीं में लागत की बढ़ोत्तरी, मवेशी के लिए चारा संकट, आदि ने स्थिति को और भयावह बना दिया। साल 2018 के अन्त माह में नई सरकार के गठन के बाद से यह छत्तीसगढ़ इस कदर बदला है कि गांधी के सिद्धांतों पर चलने लगा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही नारा दिया - छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बाड़ी एला बचाना हे संगवारी (छत्तीसगढ़ की पहचान के लिए चार चिन्ह हैं, नरवा (नाला), गरवा (पशु एवं गोठान), घुरवा (उर्वरक) एवं बाड़ी (बगीचा), इनका संरक्षण आवश्यक है।इस योजना के माध्यम से भू-जल रिचार्ज, सिंचाई और आॅर्गेनिक खेती में मदद, किसान को दोहरी फसल लेने में आसानी हुई। पशुओं को उचित देखभाल सुनिश्चित हो सकी। परंपरागत किचन गार्डन एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आयी है तथा पोषण स्तर में भी सुधार देखा गया है। अब हम पुरातन संस्कृति और सरोकारों को सहेज कर रखने के काम की ओर भी लौट रहंे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के अंतर्गत महासमुंद जिले की बात करें तो यहाँ पहले चरण में 65 गौठान निर्माण की अनुमति दी गई थी। जिनकी संख्या बढ़ कर अब 300 से अधिक हो गई है। जिसमें से 175 गौठान पूर्ण हो गए है। 34 गौठान प्रगतिरत है। जिले में 17 आदर्श गौठान बन गए हैं।
गरूवा कार्यक्रम के तहत महासमुंद जिले की ग्राम पंचायत में गौठान बननें से मवेशियों को आश्रय मिला है और अब सड़को पर मवेशियों का विचरण कम हुआ है। गौठान में ग्रामीणों द्वारा चारे के दाने के साथ-साथ मवेशियों के उचित प्रबंधन, देखरेख के लिए ग्राम स्तर पर गौठान प्रबंधन समिति का चयन किया गया है, जिनके द्वारा गौठान का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है।
जिसमें पशु अवशेषों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन कर गोबर से आधुनिक खाद तैयार करने, गौ-मूत्र से कीटनाशक तैयार करने एवं गौठान स्थल पर विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधि संचालितहै। ग्राम गौठान प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा गौठान का संचालन करने से अब मवेशी एक जगह सुव्यवस्थित रूप से एकत्र रहते हैं। मवेशियों से फसल सुरक्षित होने से किसान भी निश्चिन्त हैं साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आयी है।
यह योजना पूरे प्रदेश भर में लागू है। बाड़ी लगाने के लिए मनरेगा से सहायता दी जा रही है तो वहीं स्व-सहायता समूहों की महिला एवं समाज कल्याण के ओर से मदद दी जा रही है। ग्रामीण खुद ही आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं। गांवों में आवारा मवेशी की समस्या कम हो रही है, इसलिए किसान दूसरी एवं तीसरी फसल लगाने को लेकर भी उत्साहित और ललायित है।
इस योजना कार्य से गांव के महिला स्व-सहायता समूहों और युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इस योजना से पशुओं से फसल बचाने के लिए खेतों को घेरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। किसानों को जैविक खाद उपलब्ध हो रहा है तो वहीं कृषि लागत भी कम हुई ह। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलें। प्रदेश में पहले चरण में दो हजार गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में इनकी संख्या में बढ़ोतरी की गई। महासमुंद जिले की बात करें तो यहाँ पहले चरण में 65 गौठान निर्माण की थी जिनकी संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो गई है। जिले में 17 आदर्श गौठान बन गए हैं।
योजना के तहत गरूवा के आस-पास के ग्रामों के किसानों द्वारा गौठानों के लिये स्वेच्छा से पैरा दान भी किया जा रहा है। लाए गए पैरा से भरे ट्रेक्टर गौठानों की आते देखें जा सकतेे है। किसानों के इस कार्य की सराहना की जा रही है। बाड़ी योजना में किसानों के घरों की बाड़ी में सब्जियों और मौसमी फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पौष्टिक आहार उपलब्ध हो रहा है। वहीं शाला-आश्रमों, आंगनबाड़ी केंद्रो की खाली पड़ी जमीन पर किचन गार्डन बच्चों द्वारा तैयार कर हरी सब्जी-भाजी का उपयोग किया गया। वर्तमान में देशव्यापी लाकडाउन के चलते अभी ये संस्थाएँ बंद है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में वर्तमान में कुल लक्ष्य 67.73 लाख मानव दिवस के विरूद्ध 46.55 लाख मानव दिवस की उपलब्धि हुई है, जो लक्ष्य का 68 प्रतिशत अधिक है। जिले में मनरेगा के तहत एक लाख 20 हजार से अधिक परिवारों के लगभग 2.50 लाख मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाया गया। 9471.58 लाख रूपए व्यय किए गए। इसमंे मजदरी पर 8287.92 लाख एवं सामग्री पर 1183.66 लाख रूपए व्यय हुए है।
शासन की महत्वाकांक्षी योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में महासमुंद जिले में 5223 महिला स्व-सहायता समूह काम कर रही है। इसमें 55 हजार से ज्यादा महिलाएं स्थानीय बाजार मांग के अनुसार विभिन्न प्रकार की सामग्रियां मोमबत्ती, दीया, वाशिंग पाउडर से लेकर अचार, बड़ी, पापड़ आदि बनाकर आत्मनिर्भर हो रही है। - महासमुंद : तहसीलदार श्री मूलचन्द्र चौपड़ा द्वारा अवैध रूप से धान का भंडारण करने वाले दो लोगों पर कार्यवाही की गई है।इनके पास से लगभग 49 कट्टा अवैध धान बरामद हुआ । मंडी अधिनियम के तहत जुर्माना की कार्यवाही की गयी । की गई कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार सर्वश्री देवेंद्र नेताम और सूरज बछोर मौजूद थे ।
तहसीदारो को सूचना मिली कि कुछ मंझले धान लायसेंसधारी सीमा से अधिक धान का भंडारण क़र रहे है । पुख़्ता जानकारी के आधार पर ग्राम भोरिंग में,साहू ट्रेडर्स के दुकान से 37 कट्टा और राम अछोली में झम्मन किराना दुकान से 22 कट्टा अवैध धान की जब्ती की गई । अवैध रूप से भंडारण किया जाना पाया गया।
वहीं आज महासमुंद ज़िले की पिथौरा तहसील के अंतर्गत मंडी सचिव गिरधारी अग्रवाल के नेतृत्व मे मंडी कर्मचारियों ने मण्डी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए ग्राम तरेकेला मे फुटकर विक्रेता शंकर लाल नायक के यहा स्टॉक निर्धारित मात्रा से अधिक पाए जाने पर 70 बोरा धान जब्त किया गया है।जिसका मानक वजन 28 क्विंटल है। फुटकर व्यापारी के द्वारा दस्तावेज का सही संधारण नही किया गया और अपनी क्षमता से अधिक भण्डारण किए जाने पर अधिक मात्रा को जब्त कर मण्डी अधिनियम के तहत् कार्रवाई की गई।अभी तक कृषि उपज मण्डी पिथौरा के अधिकारियांे के द्वारा तहसील पिथौरा के अन्तर्गत कुल 11 प्रकरण मण्डी अधिनियम के तहत बनाए गए हैं और 228.40 क्विंटल धान की जब्ती की गई है। इस प्रकार ज़िले में आज 119 कट्टा अवैध धान भंडारण करने पर जप्त क़र कार्रवाई की गई ।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान खरीदी 1 दिसम्बर से शुरू हुई है। महासमुंद जिला राज्य की सीमावर्ती जिला होने के कारण अन्य राज्यों से अवैध धान परिवहन की आशंका बराबर बनी रहती है । कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में ज़िले में तहसीलदार,थाना प्रभारी,खाद्य निरक्षक की संयुक्त उड़नदस्ता टीम का गठन कर अवैध धान परिवहन और अवैध धान भंडारण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। ओड़िशा सीमा पर बसे गांव आदि पर अवैध धान परिवहन को रोकने के लिए जांच नाका भी बनाए गए है । नाकों पर संबंधित अधिकारी बराबर नज़र और निरीक्षण कर रहे है - जिला प्रशासन के द्वारा किसानो और समिति के कर्मचारियो से सोशल डिस्टैंसिंग एवं सुरक्षा मानको का पालन करने की पुनः अपील
महासमुंद : महासमुंद के सभी धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य में लगे समिति के कर्मचारियो की कोविड -19 की जांच का कार्य किया जा रहा है।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा धान खरीदी केन्द्रों में भी कोरोना जांच टीम द्वारा कोरोना लक्षण वाले संदिग्ध व्यक्तियों - कर्मचारियों की जाँच की जा रही है ।महासमुंद ज़िले के पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत पेण्ड्रावन, जगदीशपुर, भस्करापाली, घोंच, परसदा, भुरकोनी इत्यादि धान खरीदी केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों की कोविड-19 की जांच की गई जिसमें 17 कर्मचारियों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है । इन सभी कर्मचारियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराते हुए आइसोलेशन में लिया गया है ।
इसी कड़ी में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर तहसील पिथौरा के अंतर्गत सभी धान उपार्जन केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 18 एवं 19 दिसम्बर को धान खरीदी कार्य मे लगे कर्मचारियों की कोविड जांच हेतु अभियान चलाया जा रहा है।खण्ड चिकित्सा अधिकारी तारा अग्रवाल और विकासखण्ड कार्यक्रम समन्वयक जयकांत विश्वकर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 18 दिसम्बर को महासमुंद ज़िले के पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत पेण्ड्रावन, जगदीशपुर, भस्करापाली, घोंच, परसदा, भुरकोनी इत्यादि धान खरीदी केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों की कोविड-19 की जांच की गई जिसमें 17 कर्मचारियों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है ।
इन सभी कर्मचारियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराते हुए आइसोलेशन में लिया गया है और आवश्यक मार्गदर्शन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी और इंसीडेंट कमांडर पिथौरा ने धान खरीदी कार्य में लगे सभी कर्मचारियों और मजदूरों से अपील की है कि वे सभी इस अभियान में शामिल होकर अपनी कोविड जांच अवश्य करा लें और साथ ही धान खरीदी केंद्र में आने वाले किसान भी मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन अवश्य करें।
एक दिसंबर से समर्थन मुल्य पर धान खरीदी शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक समय बीतने के पश्चात् जिले के 60303 कृषकों से अब तक 196413 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। कोविड -19 की वर्तमान परिस्थितियों में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए मास्क और अन्य सुरक्षा मानकों के समुचित उपयोग की अपील जिला प्रशासन के द्वारा बार-बार किसानों एवं धान खरीदी में लगे कर्मचारियों से की गई है। - किसानों द्वारा बेची गई फसल का भुगतान सीधे पीएफएमएस के माध्यम से
महासमुंद : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 हेतु समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य अपनी पूर्ण गति से चल रहा है। जिलें में वर्तमान में 138 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 60303 किसानों से 196202.32 मेट्रिक टन धान की ख़रीदी की जा चुकी है।जिले में 110 उपार्जन केंद्रो से 84860 मेट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है। जिसमें अभी तक जिले में 26339.4 मेट्रिक टन धान कि उठाव हो चुका है। बाक़ी धान का उठाव जारी है।
इस वर्ष किसानों द्वारा बेची गई फसल का भुगतान सीधे PUBLIC FINANCIAL MANAGEMENT SERVICE (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सेवा) (पीएफएमएस )के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त तकनीकी कारणों से किसानों के रकबा में जो त्रुटि हुई थी उसका सुधार भी आनलाईन माध्यम से किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड -19 के कारण जहां सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। सभी औद्योगिक कार्य बंद रहे है। ऐसी स्थिति में भी ज़िले में धान सुचारू रूप से उपार्जन हेतु पर्याप्त मात्रा में बारदाना की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यम से की गई है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध है।
वहीं धान मिलर्स द्वारा भी उपार्जन केंद्रो में बारदाना की नियमित रूप से आपूर्ति की जा रही है। मिलर्स द्वारा प्रदाय किये जा रहे बारदानों को पहले सत्यापन किये जाने के बाद ही उपार्जन केंद्रो में भेजा रहा है। उपार्जन केंद्रो द्वारा उपार्जित धान का परिवहन का कार्य भी जिले में मिलर के माध्यम से प्रारंभ हो गया है।
अगर पूरे छत्तीसगढ़ की बात करें तो अब तक यानी 17 दिसंबर तक 2876554.76 मेट्रिक टन धान की ख़रीदी हुई है। जिसमें 727639 मेट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है। 321677.36 मेट्रिक टन धान का अब तक उठाव हुआ है। महासमुंद ज़िला धान ख़रीदी के मामले में पूरे छत्तीसगढ़ में तीसरे पायदान पर है। - धान खरीदी के कार्य मे लगे कर्मचारियो की कोरोना जांच,17 की रिपोर्ट पॉज़िटिव
जिला प्रशासन के द्वारा किसानों और समिति के कर्मचारियो से सोशल डिस्टेंसिंग एवं सुरक्षा मानकों का पालन करने की पुनः अपील
महासमुंद : महासमुंद के सभी धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य में लगे समिति के कर्मचारियो की कोविड जांच का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा धान खरीदी केन्द्रों में भी कोरोना जांच टीम द्वारा कोरोना लक्षण वाले संदिग्ध व्यक्तियों - कर्मचारियों की जाँच की जा रही है।
महासमुंद ज़िले के पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत पेण्ड्रावन, जगदीशपुर, भस्करापाली, घोंच, परसदा, भुरकोनी इत्यादि धान खरीदी केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों की कोविड-19 की जांच की गई जिसमें 17 कर्मचारियों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है । इन सभी कर्मचारियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराते हुए आइसोलेशन में लिया गया है।
एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक समय बीतने के पश्चात् जिले के 60303 कृषकों से अब तक 196413 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। कोविड -19 की वर्तमान परिस्थितियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क और अन्य सुरक्षा मानकों के समुचित उपयोग की अपील जिला प्रशासन के द्वारा बार-बार किसानों एवं धान खरीदी में लगे कर्मचारियों से की गई है।
इसी कड़ी में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर तहसील पिथौरा के अंतर्गत सभी धान उपार्जन केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 18 एवं 19 दिसम्बर को धान खरीदी कार्य में लगे कर्मचारियों की कोविड जांच हेतु अभियान चलाया जा रहा है।
खण्ड चिकित्सा अधिकारी तारा अग्रवाल और विकासखण्ड कार्यक्रम समन्वयक जयकांत विश्वकर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 दिसम्बर को महासमुंद ज़िले के पिथौरा विकासखंड के अंतर्गत पेण्ड्रावन, जगदीशपुर, भस्करापाली, घोंच, परसदा, भुरकोनी इत्यादि धान खरीदी केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों की कोविड-19 की जांच की गई, जिसमें 17 कर्मचारियों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है ।
इन सभी कर्मचारियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराते हुए आइसोलेशन में लिया गया है और आवश्यक मार्गदर्शन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी और इंसीडेंट कमांडर पिथौरा ने धान खरीदी कार्य में लगे सभी कर्मचारियों और मजदूरों से अपील की है कि वे सभी इस अभियान में शामिल होकर अपनी कोविड जांच अवश्य करा लें और साथ ही धान खरीदी केंद्र में आने वाले किसान भी मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन अवश्य करें। -
अब तक क़रीबन 7000 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचें
महासमुंद : महासमुंद जिले में आज शुक्रवार को 89 व्यक्तियों की जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है।वहीं आज 131 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक होकर अपने घर गए। अब तक कुल 6962 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक होकर अपने घर सुरक्षित पहुँच गए है।
ज़िला स्वास्थ्य से मिली आज की मेडिकल बुलेटिन में बताया की 1139 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की जाँच की गई। जिसमें 89 लोगों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। सर्वाधिक महासमुंद विकासखंड में 33 कोरोना पॉज़िटिव मिले। वहीं पिथौरा ब्लॉक से 39 लोगों की रिपोर्टों पॉज़िटिव आयी। सरायपाली विकासखंड से 11, बसना से 7 और बागबाहरा विकासखण्ड से 6 व्यक्तियों की जाँच रिपोर्ट कोरोना पॉज़िटिव पायी गई है।
आज की जाँच आरटीपीसीआर से 206, ट्रू नाट से 39 और एंटीजन से सबसे ज़्यादा 884 टेस्ट किए गए। इस प्रकार कुल 1129 टेस्ट किए गए।ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि जिले में अब तक कुल 7699 कोरोना पॉज़िटिव आए जिनमें से 6962 स्वस्थ्य होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचें। आज 131 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक हो कर अपने घर गए। आज की तारीख़ में जिले में एक्टिव मरीज़ों की संख्या 626 है । - महासमुंद : राज्य सरकार के 2 साल पूरा होने पर सरकार के 2 साल के कार्यकाल में की गई उपलब्धियों पर आधारित महासमुंद के श्यामा प्रसाद मुखर्जी (टाउन हाल) में लगाई गई दो दिवसीय छायाचित्र विकास प्रदर्शनी में युवाओं के साथ महिला-पुरुष प्रदर्शनी में योजनाओं की जानकारी के साथ अपने फ़ोटो भी ले रहे है ।
आज शुक्रवार को प्रदर्शनी का अंतिम दिन था । महासमुंद की रहने वाली श्रीमती उत्तरा विदानी ने मुख्यमंत्री की शहरी स्लम योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओं के साथ फ़ोटो लिए । वही एक और व्यक्ति ने प्रदर्शनी देखी और फ़ोटो लिया ।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने गुरुवार को राज्य सरकार की दो साल की उपलब्धियों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारम्भ किया।प्रदर्शनी शुभारम्भ अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील कुमार चन्द्रवंशी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी और इलेक्ट्राॅनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकारगणों के साथ ही नागरिकगण उपस्थित थे।
यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए प्रातः 11ः00 बजे से रा़ित्र 08ः00 बजे तक खुली थी। इसमें निःशुल्क प्रवेश था। प्रदर्शनी में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के फोटो और योजनाओं की जानकारी दी गई थी। प्रदर्शनी स्थल पर प्रचार सामग्री का निःशुल्क वितरण किया गया ।
आगामी दिनों में जिले के सभी विकासखण्डों में एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है और उसमें भी निःशुल्क प्रचार सामग्री का वितरण होगा। - महासमुंद : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने ग्राम पौसरा वार्ड क्रमांक 4 क्षेत्र तहसील बसना ज़िला महासमुंद को कंटेनमेंट ज़ोन से मुक्त कर दिया गया है।इस क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) पाॅजिटिव पाये जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। अब इसे कंटेनमेंट जोन से मुक्त कर दिया गया है। इस आशय के आदेश आज अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी कर दिए है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 17 दिसम्बर2020 को प्रतिवेदित किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु कंटेनमेंट संबंधी दिशा-निर्देश के तहत इन कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में 14 दिनों की अवधि पूर्ण हो चुकी है एवं उपरोक्त कंटेनमेंट जोन में विगत 14 दिनों से कोई भी धनात्मक मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है।कोरोना पॉज़िटिव के सम्पर्क में आए 18 व्यक्तियों की जाँच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। इस कारण कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने उक्त ग्राम पौसरा वार्ड क्रमांक 4 को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया गया है। - महासमुन्द : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल की उपस्थिति में आज जिला कार्यलय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई । यह कोविड टीकाकरण के संबंध में दूसरी बैठक थी।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए जिसमे हर कर्मचारियों का दायित्व सम्मिलित किया गया हो।
जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा बताया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरकोनी और भुरकोनी में कोल्ड चैन के उपकरण लगातार खराब हो रहे है, इस पर उन्होंने बिजली की जांच करने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि सामुदायिक भवन और पंचायत भवन का उपयोग इस टीकाकरण में लगाने के लिए किया जा सकता है।
बैठक में विकासखण्ड से खंड चिकित्सा अधिकारी और विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक और राज्य से सर्विलेंस मेडिकल आफिसर (WHO)ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डॉ एन. के. मंडपे, डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल, कोविड नोडल श्री अनिरुद्ध कसार, जिला सर्विलेंस अधिकारी श्री छत्रपाल चंद्राकर, जिला सलाहकार डॉ मुकुंद राव एवं अन्य विभाग से जुड़े अधिकारी उपास्थित थे।मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रवि मित्तल ने कहा कि हितग्राहियो की सूची सार्वजनिक की जाए और ऐसे हितग्रहियों को टिका न लगे जो पात्र न हो।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ अरविंद गुप्ता द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से टीकाकरण की तैयारी के संबंध में विस्तार से बताया गया । उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय प्रशिक्षण हो चुका है और आने वाले सप्ताह में विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विगत 03 वर्षो में सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों की जानकारी एकत्र कर ली गई है और आवश्यकता होगी तो टीकाकरण में उनकी सहायता ली जाएगी। जिले में कुल 8457 हितग्राहियों की सूची तैयार कर ली गई है। जिसे कोविन पोर्टल में अपलोड भी कर लिया गया है। जिले में 03 नए कोल्ड चैन पाइंट बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए आवश्यक उपकरण राज्य से लाया जा चुका है। ड्राई स्टोरेज के लिए उपयुक्त स्थान का चयन जिला स्तर पर किया जा चुका है। टीकाकरण के लिए माइक्रोप्लान बनाया जा रहा है। -
महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने पर मृतक के स्वजन के लिए आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है।
इनमें महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम नादगांव निवासी श्री तोमन पटेल की मृत्यु 27 अप्रैल 2020 को गाज गिरने से होने पर उनकी पत्नी श्रीमती मानकी पटेल के लिए चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई हंै।