- महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने सामान्य पुस्तक परिपत्र के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कैलेण्डर वर्ष-2021 के लिए महासमुन्द जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों तथा संस्थाओं के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया हैं। इनमें शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 को गणेश चतुर्थी को, गुरूवार 14 अक्टूबर 2021 को दशहरा (महानवमी) एवं शनिवार 06 नवम्बर 2021 भाई दूज को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। उपरोक्त स्थानीय अवकाश बैंक, कोषालय, उपकोषालय के लिए लागू नहीं होगा।
- महासमुंद : महासमुंद ज़िले के पिथौरा तहसील के अंतर्गत नायब तहसीलदार श्री सतीश रामटेके के नेतृत्व में राजस्व विभाग, खाद्य विभाग एवं मंडी प्रशासन की संयुक्त टीम के द्वारा परसवानी धान खरीदी केंद्र की जांच की गई। जांच के दौरान मानसिंह बरिहा पिता दसरू बरिहा ग्राम सिंगारपुर को सेवकराम पटेल के पंजीयन मे 301 कट्टा वजन 120.40 क्विंटल धान बेचते हुए पाए जाने पर धान की जप्ती की कार्यवाही की गई।
नायब तहसीलदार श्री सतीश रामटेके, खाद्य निरीक्षक श्रीमति सुशीला गबेल और मंडी उप निरीक्षक श्री संतराम निषाद, नरेंद्र साहू और सुधीर श्रीवास्तव के साथ पटवारी मोहन प्रधान शामिल रहे। नव वर्ष के पहले ही दिन में प्रशासन ने मुस्तैदी से कार्यवाही करते हुए अवैध धान खपाने के प्रयास को निष्फल कर दिया। अवैध रूप से धान खपाने की कार्यवाही की लगातार जारी है। अभी तक पिथौरा तहसील के भीतर अवैध रूप से धान खपाने अथवा संग्रहण के 21 प्रकरण राजस्व विभाग, खाद्य विभाग और मंडी प्रशासन के द्वारा बनाये गये हैं। इन प्रकरणों में 1144 कट्टा धान वजन 457.60 क्विंटल धान जप्त किया गया है। - महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आज राजस्व एवं खाद्य विभाग की टीम ने जिले में 04 प्रकरणोें पर 142 बोरा धान अर्थात् (56.8 क्विंटल) धान जप्त किए गए।प्राप्त जानकारी अनुसार इनमें बागबाहरा तहसील के ग्राम डुमरडीह निवासी श्री गौतम सिन्हा से 30 बोरी धान, पिथौरा तहसील के ग्राम खेड़ीगांव निवासी श्रीमती माधुरी डडसेना से 22 बोरी धान तथा महासमुन्द तहसील के ग्राम बेमचा निवासी श्री कपिल गुप्ता एवं श्री ईश्वर प्रसाद से क्रमशः 40 एवं 50 बोरी धान जप्त कर उचित कार्यवाही किया गया।
अब तक जिले में कुल 169 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिनमें 8699 बोरा धान अर्थात् 3479.6 क्विंटल धान की जप्ती की गई है। इनमें 10 वाहन भी शामिल हैं। जिले में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में तहसीलदार, थाना प्रभारी, खाद्य निरीक्षक की संयुक्त उड़नदस्ता टीम का गठन कर अवैध धान परिवहन और अवैध धान भंडारण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। -
किसानों के लिए बाड़ी विकास योजना बना वरदान
महासमुंद : राज्य सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना संचालित की गई है। जिसके तहत् नरवा का जीर्णोद्धार, घुरूवा में खाद निर्माण और बाड़ी में सब्जी-भाजी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।इसी कड़ी में बसना विकासखण्ड के ग्राम हाड़ापथरा के कृषक श्री यादराम साव का डी.एम.एफ. बाड़ी विकास अंतर्गत चयन किया गया है। वे अपने बाड़ी में साग-सब्जी की खेती कर रहें हैं।
किसान श्री यादराम साव ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जाता है। उनके द्वारा लगाई गई फसल से अनेक सब्जियों का उत्पादन होे रहा है। जिसमें प्रतिदिन के हिसाब से भिण्डी 10 किलोग्राम, बरबटी 5 किलोग्राम, टमाटर 10 किलोग्राम एवं बैंगन 15 किलोग्राम।
इसी प्रकार 02 दिवस के अंतराल में लौकी 20 नग, 03 दिवस के अंतराल में करेला 05 किलोग्राम एवं 05 दिवस के अंतराल में मिर्च 01 किलोग्राम उत्पादित हो रहा हैं। जिससे उन्हें अच्छी लाभ प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि घर में सब्जी के उपयोग के साथ अब तक लगभग 35 हजार रुपए तक सब्जी का विक्रय उनके द्वारा किया जा चुका है।
कृषि विभाग द्वारा उन्हें 20 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट, टमाटर बीज 05 ग्राम, बैंगन बीज 05 ग्राम, भिण्डी बीज 556 ग्राम, करेला बीज 40 ग्राम, लौकी बीज 40 ग्राम एवं मिर्च बीज 15 ग्राम उपलब्ध कराया गया था।इसी प्रकार ग्राम कलमीदादर के बाड़ी कृषक श्री अहिबरन सिदार ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा प्रदाय भिण्डी बीज के साथ-साथ बरबटी की फसल भी उनके द्वारा लिया जाता है।
भिण्डी दो दिन के अंतराल मे 18-20 किलोग्राम एवं बरबटी प्रतिदिन तीन किलोग्राम निकल रहा है। जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। बाड़ी कृषकों को विभागीय मैदानी अमलें द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। जिससे आत्मनिर्भर होकर सफलतापूर्वक सब्जी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं।
इसके अलावा महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम कछारडीह के कृषक श्री नंदुराम पटेल को बाड़ी योजना के तहत् भिण्डी एवं लौकी के बीज तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद प्रदाय किया गया है। कृषक के द्वारा लगाई गई भिण्डी की फसल दो दिन के अंतराल मे 10-12 किलोग्राम निकल रहा है। जबकि जिले मे 4000 बाड़ी क्रियान्वित है। जिससे प्रतिदिन लगभग 250 क्विंटल सब्जी का उत्पादन हो रहा है, जिससे उनके लिए अतिरिक्त आय का साधन बन गया है।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने कृषकों को पोषण बाड़ी के लिए सलाहउद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने कृषकों को पोषण बाड़ी के लिए सलाह दी हैं। जिसमें किसानों को अपने निवास स्थान के आसपास के खाली भूमि का बाड़ी कार्य के लिए समुचित उपयोग करना, सब्जियों के उत्पादन के लिए फसल चक्र अपनाना, जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करना, झाड़ियों, लताओं एवं वृक्षों की समय-समय पर कटाई छटाई करते रहना, बाड़ी में घेरा लगाए, घेरा के लिए किसान जैव फैसिंग के रूप में नींबू, मेंहदी, करौंदा, सेसबेनिया आदि लगाए, जिससे फसल सुरक्षा हेतु फैंसिंग के साथ-साथ उक्त पौधों से फल प्राप्त कर अतिरिक्त आमदनी कमाई कर सके, लता युक्त सब्जियों को पंडाल या फेंसिंग द्वारा सहारा देना चाहिए तथा लता युक्त सब्जियों केा किनारे में लगाए जिससे अधिक स्थान ना लें, टमाटर की फसल को लकड़ी द्वारा सहारा देना चाहिए, जिससे फल जमीन के संपर्क में न आए, समय-समय में सिंचाई करें, बाड़ी में पानी का भराव न होने दे, रासायनिक दवाईयों के स्थान पर जैविक कीटनाशी दवाईयों का प्रयोग करें, कीट नियंत्रण के लिए प्रकाश फेरोमेन प्रपंच का प्रयोग करे तथा माहू जैसे कीट के लिए स्टीकी प्रपंच का प्रयोग करे एवं बाड़ी में अधिकतम उत्पादन हो इसके लिए संतुलित उद्यानिकी क्रियाएं अपनाई जाए। किसानों को रासायनिक कीटनाशी दवाईयों का कम से कम उपयोग करना चाहिए, रासायनिक कीटनाशी दवाईयों के उपयोग के 5-10 दिन तक सब्जियों एवं फलांे की तुड़ाई नहीं करनी चाहिए एवं घने छायादार वृक्षांे को नहीं लगाना चाहिए। -
अछोला के किसानों को फसल लेने के लिए अब मानसूनी बारिश पर
नहीं रहना पड़ता ज्यादा निर्भर
सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के माध्यम से अछोला में 11 हजार 500 मीटर पाईप लाईन बिछाकर समोदा बैराज का पानी कृषकों के खेतों तक पहुंचाया जा रहा है
महासमुंद : जिले में मानसून पर निर्भर रहने वाले कृषकों की संख्या बहुत है, जिनके पास कृषि हेतु भूमि तो उपलब्ध है, किन्तु सिंचाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं है।ऐसे कृषक अपने कृषि भूमि के निकट जल स्त्रोतों जैसे नदी नाला उपलब्ध होने पर डीजल, केरोसिन पंप स्थापित कर सिंचाई के लिए जलापूर्ति करते हैं, या तो जलस्त्रोत उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में उन्हें पूरे साल बारिश का इंतजार करना पड़ता है।
जिसके कारण किसानों के कृषि कार्य काफी प्रभावित होती है और बारिश नहीं होने पर किसानों के फसल बर्बाद हो जाता है। जिससे कृषक आर्थिक रूप से और कमजोर होते जाते है। इससे उनके परिवारों के लिए भरण-पोषण की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है।
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पावर फाईनेन्स कार्पोरेशन (भारत सरकार का उपक्रम), नई दिल्ली के पहल एवं छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा (क्रेडा) के वित्तीय सहयोग से राज्य के ऐसे स्थलों जहां स्टाप डैम, बैराजों एवं ऐसे जल स्त्रोंतों जहां पर्याप्त मात्रा में सरफेस वाटर उपलब्ध है वहां सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप के साथ-साथ सिविल अधोसंरचना एवं पाईप लाईन विस्तार कर सिंचाई कार्य किया जा रहा हैं।
जिला मुख्यालय महासमुंद से लगभग 20 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में ग्राम अछोला स्थित है। जहां समोदा बैराज में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहता है परन्तु स्थल, विद्युत बाधित होने एवं डीजल पंपों में आवश्यकता से अधिक व्यय होने के कारण ग्राम अछोला के किसान समोदा बैराज के जल का समुचित उपयोग सिचंाई के लिए नहीं कर पाते थे।
ऐसे में सिंचाई के लिए बारिश की उम्मीद में आसमान की ओर ताक रहे ग्राम अछोला के किसानों को अब संजीवनी मिल गई है। अब यहां के किसानों को सिर्फ मानसूनी बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता क्योंकि क्रेडा द्वारा पाॅवर फायनेस काॅरर्पोरेशन लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) के सहयोग एवं छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (क्रेडा) के वित्तीय सहयोग से 10 एच.पी. क्षमता के 04 नग सोलर सामुदायिक सिंचाई पंप (सोलर पंप) का स्थापना कार्य किया गया है। जिसमें लगभग 11 हजार 500 मीटर पाईप लाईन बिछाकर समोदा बैराज का पानी कृषकों के खेतों में पहुंचाया जा रहा है।
जिसमें 57 खाताधारी कृषकों द्वारा इस योजना का लाभ लेकर लगभग 67 हेक्टेयर खेतों में पानी सिंचित कर रहे है। जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है एवं वहां के किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। वर्तमान में कृषक अपने खेतांे में सब्जी भाजी जैसे-करेला भिन्डी बरबट्टी टमाटर, खीरा लगाकर लाभ प्राप्त कर रहे है। इसी प्रकार अन्य कृषकों द्वारा अपने खेतों में गेहूं, चना, मसूर का बोवाई कार्य किया गया है। इसी तरह अन्य कृषक भी तैयारी कर रहे है।
इस योजना के शुरू होने के बाद किसानों को विद्युत के लिए किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ता है। जिससे सरकार के बिजली बचत करने में भी मदद मिल रही है एवं किसानों को अनावश्यक खर्चाें से भी मुक्ति मिली है। पंप स्थापित करने से किसानों को लगभग प्रतिदिन 150 से 160 यूनिट अर्थात् माह में 4500 से 4800 यूनिट तक की बिजली की बचत होती है।
जिसकी अनुमानित बचत प्रतिमाह लगभग 25 हजार तक हो रही है। इसके अलावा लगभग 2421 किलो कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले काॅर्बन डाईआॅक्साईड, धुॅएं से मुक्ति मिली हैं। -
महासमुंद : कृषि - राजीव गाॅधी किसान न्याय योजना महासमुन्द जिले के किसानों और मजदूरों की तकदीर ही बदल दी है। जिले के एक लाख 28 हजार से ज्यादा किसानों को लगभग 3 करोड़ 22 लाख 50 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान अब तक किया जा चुका है।
इस योजना के लाभ से किसान स्वावलंबी तो बनें ही उनकी आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार आया है। राज्य सरकार द्वारा अगली किश्त का भुगतान किया जा रहा हैं।
जिले में दो साल में खरीफ वर्ष 2019-2020 में अनाज, दलहन, तिलहन सहित कुल 57 हजार 200 क्विंटल से ज्यादा बीज का वितरण किया गया। वहीं खरीफ वर्ष 2020-21 में 75 हजार 450 क्विंटल से ज्यादा बीज का वितरण किसानों को किया गया। इसी प्रकार रबी मौसम में वर्ष 2019-20 में लगभग 3 हजार 752 क्विंटल और 2020-21 में 3 हजार 436 क्विंटल बीज का वितरण किया गया।
पिछले साल 2019-20 में 72 लाख 72 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। जिसका भुगतान किसानों को किया गया है। जिले में 75 लाख क्विंटल धान के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 29 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है।
जिले मेे किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से कृषि कार्यों के लिए आसानी से ऋण मिल रहा है। इन 17 हजार 500 किसानों को कृषि कार्यों के लिए लगभग 300 करोड़ रूपए का ऋण दिया गया है।इसके अलावा कृषि यंत्रीकरण सबमिशन योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं लघु सीमांत वर्ग के 12 किसानों को ट्रेक्टर पर योजना प्रावधान अनुसार 50 प्रतिशत् अनुदान लागत का अधिकतम 5 लाख रूपए अनुदान दिया गया है।गौधन न्याय योजना के तहत् जिले के पशुपालक, किसान व ग्रामीण अब आत्मनिर्भर हो रहे है तथा गोबर बेचकर भी लाभ कमा रहे हैं वहीं बिहान समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रही है।
जल संसाधन विभाग - महासमुन्द जिले में वर्ष 2019-20 में जल संसाधन विभाग द्वारा लगभग 40 हजार 899 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया है।इस वर्ष खरीफ फसल के लिए भी 40 हजार 968 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी जिले के विभिन्न जलाशयों से उपलब्ध कराया गया। वहीं वर्ष 2019-20 में 11 निर्मित योजनाओं में 3 हजार 325 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति एवं 419 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई तथा वर्ष 2020-21 में 02 योजनाओं से 380 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की कमी की पूर्ति तथा 37 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा जल संसाधन विभाग द्वारा सरायपाली विकासखण्ड के अर्तुण्डा, बानूभाटा, ब्यपवर्तन योजना एवं दर्राभाठा ब्यपवर्तन योजना के कार्य पूर्ण किया गया है। इस योजना से क्रमशः 120 हेक्टेयर एवं 155 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग - दो साल वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले में कुल लक्ष्य 55 लाख मानव दिवस के विरूद्ध 57 लाख मानव दिवस से अधिक का रेाजगार दिया गया जो कि लक्ष्य का 103 प्रतिशत् से अधिक है। इसमें कुल एक लाख 09 हजार से ज्यादा परिवारों के 02 लाख से अधिक मजदूरों को रेाजगार मिला।
मजदूरी और सामग्री की भुगतान कर कुल राशि 10 हजार 684 लाख रूपए से अधिक राशि का व्यय किया गया। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल लक्ष्य 67.73 लाख मानव दिवस के विरूद्ध नवम्बर माह अंत तक 46 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जो लक्ष्य से 68 प्रतिशत् अधिक है।
इसमें एक लाख 20 हजार से अधिक परिवारों के 02 लाख 45 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार प्रदाय किया गया। इसमें मजदूरी और सामग्री के भुगतान पर 9471 लाख से अधिक व्यय हुआ। बिहान योजनांतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जिले में 5 हजार 223 महिला स्व-सहायता समूह काम कर रहे है। इस समूह में लगभग 56 हजार महिलाएं जुड़ी हुई है।
जो विभिन्न प्रकार की सामग्रियां मोमबत्ती, दीयां से लेकर वाशिंग पाउडर, फिनाॅयल, साज-सज्जा की सामग्रियां बना रही है। महासमुन्द जिले के 84 गौठानों मंे सप्ताह में एक दिन डिजी पे (वीएलई ) के माध्यम से हितग्राहियों को उनके बैक खातें से उनकी जरूरत की मुताबिक राशि दी जा रही है। आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित हो रहे गौठान समूह की आमदनी बढ़ी है। वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है।
वन एवं क्रेडा विभाग - पर्यावरण संरक्षण - वन विभाग द्वारा जिले में स्थाई चेकडेम बनाया जा रहा हैं जिससे भू-संरक्षण और सिंचाई के साधन उपलब्ध हो रहे हैं। वन विभाग द्वारा जिले में 10 स्थाई चेकडेम, 2000 बोल्डर चेकडेम, 3000 सोख्ता का निर्माण कराकर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध तो कराया वहीं सिंचाई के लिए पानी और जमीन का वाटर लेबल बढ़ रहा है।क्रेडा द्वारा सौर सामुदायिक पम्प की स्थापना कर अछोला गाॅव के लगभग 100 किसानों द्वारा 67 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है। क्रेडा विभाग द्वारा लगाया सौर सामुदायिक पम्प द्वारा समोदा बैराज से इस इलाके के इन खेतों में पानी पहुंचाया जा रहा हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग - महासमुन्द शहर में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू हो गया है। वर्तमान में वर्चुअल क्लास के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है। पढ़ई तुंहर दुवार के तहत् बच्चों को आॅनलाईन शिक्षक पढ़ाई करा रहें है। जिले के अधिकांश सभी शिक्षाकर्मियों का संविलयन इन दो सालों मंे किया जा चुका है। विगत नवम्बर माह में 510 शिक्षाकर्मियों का संविलयन किया गया। जिले में कोरोना काल के चलते 1 लाख 30 हजार बच्चों को सूखा राशन वितरण किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग - जिले में पौने 6 करोड़ की लागत से 90 आॅगनबाड़ी केन्द्र बनाए जा रहें है। जहां बच्चों को और बेहतर सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत् कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 17 प्रतिशत् की कमी आई है। वहीं एनीमिक पीड़ित महिलाओं की स्थिति में भी सुधार हुआ है।
इनकी संख्या में भी 10 प्रतिशत् की गिरावट आई है। जिले में चलाए जा रहें मिशन 3.5 कार्यक्रम के तहत् पिछले 06 माह में कम वजन (लोवेट) के पैदा होने वाले बच्चों में भी कमी आई है। इसके साथ ही शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। कोरोना काल में आॅगनबाड़ी केन्द्रों में शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं को चावल, दाल एवं अन्य सामग्रियां (सूखा राशन) का वितरण आॅगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिका द्वारा किया गया।
स्वास्थ्य विभाग - महासमुन्द जिलेवासियों को इस साल में मेडिकल काॅलेज की सौगात मिली है। कोविड अस्पताल शुरू होने से कोरोना पाॅजिटीव व्यक्तियों का बेहतर ईलाज हुआ। कोविड सेंटरों में भी बेहतर सुविधा के साथ लोग ठीक हुए। जिले में 30 दिसम्बर तक 8345 कोरोना पाॅजिटीव पाए गए। जिनमें से 7877 पूरी तरह ठीक होकर अपने घर सुरक्षित पहुंचे। वहीं कोरोना एवं अन्य बीमारियों के चलते 119 लोेगों की अब तक मौत हुई है। आज की स्थिति में केवल 349 जिले में एक्टिव प्रकरण है।
लोक निर्माण विभाग - लोक निर्माण विभाग द्वारा 31 मार्ग निर्माण कार्य चल रहें है। 32 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई गई जिसमें 6843 लाख व्यय हुए। वहीं 41 मार्ग नवीनीकरण के तहत् लगभग 128 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई गई, जिसमे ं405 लाख रूपए व्यय हुई। लोक निर्माण विभाग 2079 लाख रूपए से 76 भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है। - राजकुमार अपनी डबरी में करते मत्स्यपालन कमाते मुनाफा
महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के साथ-साथ मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। महासमुंद जिले में मछली पालन किसानों के लिए आर्थिक लाभ का सबब साबित हो रहा है।
नतीजा यह है कि मछली पालन के प्रति किसानों का मोह भी तेजी से बढ़ा है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि वर्ष में दो बार एक तालाब से मछलियां बिक्री के लिए प्राप्त की जा सकती हैं।ग्रामीणों की बढ़ती रुचि इसलिए भी है, क्योंकि जहां एक हेक्टेयर खेत मैं धान व गेहूं की फसल से किसानों को अधिकतम सवा लाख रुपये तक का लाभ मिलता है, वहीं इतनी ही भूमि में मछली पालन करने से लगभग ढाई लाख रुपये की आय की जा सकती है।
यहां मुख्यतः धान की खेती की जाती है। हालांकि इन फसलों की खेती व फिर उपज की बिक्री करने में किसानों को जिस प्रकार लगातार विभिन्न कठिनाइयों का सामना वर्ष दर वर्ष करना पड़ता है, उससे ग्रामीणों का ध्यान अन्य विकल्पों की तरफ तेजी से जा रहा है। साथ ही मछली पालन भी इसमें सर्व प्रमुख है। जिले में मछली पालन की तरफ बीते दो वर्षों में ग्रामीणों का रुझान तेजी से बढ़ा है।
जिले में मछली पालन करना काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है। मछली पालन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार उत्पन्न कर स्थानीय लोगों की पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में महासमुंद जिला अपनी पहचान बना रहा है। इस कारोबार को शुरू करने के लिए खेती-किसानी करने वालें किसान भी करने लगे हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण बसना ब्लाॅक के ग्राम पंचायत चिर्राचुवा के किसान श्री राजकुमार ने खेती किसानी के साथ-साथ अपनी 25 डिस्मिल जमीन पर मनरेगा योजनान्तर्गत डबरी निर्माण कराकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया है।
जिससे वे बाजार में मछली बेचकर मुनाफा कमा रहे है। वे अपनी डबरी के पानी से लगभग ढाई एकड़ की खेती को भी सिंचित कर लेते हैं। उन्होंने इस साल अपने डबरी में मछली बीज डाला है। उनके डबरी की मछली का वजन कुछ ही महीनों में तकरीबरन 4-5 किलोग्राम हो गया हैं। जिसकी बाजार में कीमत लगभग एक लाख रुपए से अधिक हैं। उन्होंने बताया कि लगभग एक से डेढ़ माह बाद इन मछलियों का वजन एक से डेढ़ किलोग्राम और बढ़ जाएगा। जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी।
मछली पालनकर्ता श्री राजकुमार ने अपनी मछलियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए आधुनिक यंत्रों का सहारा लिया हैं। उन्होंने मछली तालाब निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरें लगाए हैं और मोबाईल एप के जरिए घर बैठें निगरानी कर रहे हैं। उनके इस कार्य में मनरेगा के बेयरफुट तकनीशियन (बीएफटी) श्री शिवकुमार ने मदद की हैं।
किसान श्री राजकुमार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी मिला हुआ है। श्री राजकुमार राज्य और केन्द्र सरकार की हितकारी योजनाओं का बेहतर उपयोग कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ अपने परिवार और बच्चों का बेहतर भविष्य बनानें में भी लगे हैं। - महासमुंद : गोधन न्याय योजना जिले के पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से वरदान साबित हो रही है। इस योजना से किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट के जरिए जैविक खेती की ओर किसान बढ़ रहे है।गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समतियों के माध्यम से हो रही है। किसानों के साथ-साथ वन, विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन को पौधरोपण एवं उद्यानिकी खेती के समय जैविक खाद भी मिलने लगा है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार मिलने लगा है।
गोधन न्याय योजना से शुरूआत से लेकर अब तक महासंमुद जिले में 4108 गोबर विक्रेता है, इनमें 3440 सक्रिय पशुपालक गोबर विक्रेता है। इन गोबर विक्रेताओं निर्धारित दर पर अब तक 2 करोड़ 66 लाख 98 हजार रूपये का अब तक कुल एक करोड़ 33 लाख 49 हजार किलो गोबर की खरीदी की गई है।उक्त हितग्राहियों को अब तक छह किश्तों के माध्यम से अब तक 2 करोड 5 लाख 94 हजार रूपए से अधिक का भुगतान सीधे बैंक खातों के जरिए मिल चुका है। शेष राशि का भुगतान चार किश्तों में और किया जा रहा है।
जिले की महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 93 क्विंटल 25 किलो वर्मी कम्पोस्ट खाद अब तक बेचा है। जिसके एवज में उन्हें 89 हजार 840 रूपए की कमाई हुई। महासंमुद जिले के 86 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। सबसे कम महासंमुद ब्लाॅक के कौंआझर गौठान में और गौठानों की अपेक्षा सबसे कम केवल 15 हजार 675 किलो गोबर ही पशुपालकों द्वारा बेचा गया है।
गोधन न्याय योजना से स्थानीय लोगांे और किसानों के लिए रोजगार उपलब्ध हो रहें है। पशुओं की भी अच्छी देखभाल हो रही है। किसानों और पशुपालकों दोनो के लिए बेहतर योजना सबित हो रही है।योजना के तहत् पशुपालक पशुओं की अच्छी तरह से देखभाल कर रहें है। क्योंकि वे गोबर बेचकर आसानी से कमाई जो कर रहे है। इसके अलावा इस योजना से पशुओं के खेतों में जाने पर भी लगाम लगी है। इस योजना से गौठानों में बड़े पैमाने पर स्व-सहायता समूह की महिला वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रही है।
अब तक सबसे अधिक गोबर की खरीदी महासंमुद ब्लाक के बम्हनी गौठान में हुई है। यहां 74 सक्रिय पशुपालकों से 8 लाख 70 हजार 853 किलो गोबर की खरीदी की गई है। सबसे कम इसी विकासखण्ड के कौंआझर गौठान में अब तक केवल 15 हजार 675 किलो गोबर की खरीदी हुई है।
यहां बताना लाजमी होगा कि अबसे अधिक इसी विकासखण्ड के बम्हनी के श्री ईश्वर यादव ने एक लाख लगभग 91 हजार रूपए का 95 हजार 500 किलो गोबर बेचा है। पशुपालक श्री ईश्वर यादव ने फोन पर बताया कि लगभग इनके पास 55-57 गाय-भैंस है। वहीं बसना ब्लाॅक के सकरी गौठान में श्री बिहारी पशुपालक किसान ने 60 हजार किलो से अधिक गोबर बेचकर एक लाख 20 हजार से अधिक की राशि कमाई। पशुपालकों ने बताया कि उन्हें किश्तों का भुगतान समय-समय पर आ रहा है। - महासमुंद : गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश एवं छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, नवा रायपुर के पत्र तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मानक प्रचालन प्रक्रिया के द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने जिला महासमुन्द में नोवेल कोरोना वायरस ;ब्व्टप्क्.19द्ध के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों पर सिनेमाघर, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के माध्यम से फिल्म प्रदर्शनी गतिविधियों की अनुमति निम्न मानक प्रचालन प्रक्रिया एवं शर्तों के अधीन दी गई है।
कंटेनमेंट जोन में उक्त गतिविधि रहेगी बंद
65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है। सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के प्रबंधक व्यक्तियों को सलाह देंगे। कम से कम 6 फीट की दूरी का पालन किया जाए।
फेस कवर, मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। प्रवेश और निकास बिन्दुओं के साथ-साथ परिसर के भीतर सामान्य क्षेत्रों में हैण्ड सैनिटाईजर (अधिमानतः टच-फ्री मोड) की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा।सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स में प्रवेश करने के पूर्व कम से कम 40-60 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना अथवा एल्कोहल युक्त हैण्ड सैनिटाईजर का उपयोग (कम से कम 20 सेकंड के लिये) करना अनिवार्य होगा।
खांसते या छींकते समय टिशु पेपर, रूमाल, कोहनी का उपयोग किया जाए तथा टिशु पेपर को ठीक से निपटान, डिस्ट्राय किया जाए। स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और किसी भी बीमारी की जल्द से जल्द राज्य और जिला हेल्पलाईन नंबरों पर रिपोर्ट करना। थूकना सख्त प्रतिबंधित रहेगा तथा सभी व्यक्तियों को आरोग्य सेतु एप्प इंस्टाल कर उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
प्रवेश एवं निकास द्वार
सिनेमाघर, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के प्रवेश द्वार पर सेनिटाईजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। केवल बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को प्रवेश हेतु अनुमति दी जाए। हैण्ड सैनिटाईजर सभी प्रवेश द्वार एवं कार्य क्षेत्रों में उपलब्ध कराना होगा।
आॅडिटोरियम और परिसर में दर्शकों के प्रवेश और निकास के लिए कतार व्यवस्था एवं सोशल डिस्टेंसिंग (6 फीट की सामाजिक दूरी) का पालन कराने के लिए चुने या अन्य किसी उचित रंग से गोल घेरा, सर्कल, निशान लगाई जाए साथ ही अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था की जाए।
एकल स्क्रीन पर और साथ ही एक मल्टीप्लेक्स में विभिन्न स्क्रीन पर लगातार स्क्रीनिंग के बीच पर्याप्त समय अंतराल प्रदान किया जाए, ताकि दर्शकों के पंक्तिबद्धवार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर निकलना सुनिश्चित हो सके।
बैठने की व्यवस्था
सिनेमाघरों, थिएटरों, मल्टीप्लेक्सों की कुल बैठने की क्षमता के 50ः क्षमता का ही उपयोग किया जाए। भीतर बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जानी चाहिए कि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे। सीटें जो ‘‘बैठने के लिये प्रयुक्त नहीं की जाएगी’’ को बुकिंग के दौरान (आॅनलाईन बुकिंग और काउन्टर बिक्री के लिये) चिन्हित किया जाएगा।
भौतिक दूरी बनाए रखने संबंधी निर्देश
परिसर और परिसर के बाहर पार्किंग स्थल में विधिवत भौतिक दूरी मानदण्डों का पालन सुनिश्चित किया जाए। लिफ्ट में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित किया जाए, जिससे सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित हों। मध्यांतर (इंटरमिशन) के दौरान लाॅबी और वाॅशरूम में अधिक भीड़ से बचने के प्रयास किये जाए।
मध्यांतर के दौरान आने जाने से बचने के लिये दर्शकों को प्रोत्साहित किया जाए। आॅडिटोरियम की अलग-अलग पंक्तियों में बैठे दर्शकों को एक क्रम से स्थानांतरित करने की अनुमति देने के लिए लंबे अंतराल का उपयोग किया जा सकता है। मध्यांतर की अवधि ज्यादा रखी जाए, जिससे अलग-अलग पंक्तियों में बैठे दर्शक लंबे अंतराल में आना-जाना कर सके।
मल्टीप्लेक्स में शो टाइमिंग
भीड़ से बचने के लिये एक ही मल्टीप्लेक्स की अलग-अलग स्क्रीन के लिए अलग-अलग शो समय का पालन किया जाए। किसी भी स्क्रीन पर शो का प्रारंभ समय, मध्यांतर अवधि और समाप्ति समय उसी मल्टीप्लेक्स में किसी अन्य स्क्रीन पर प्रारंभ समय, मध्यांतर अवधि या शो के समापन के समय के साथ ओवरलैप न हों।
बुकिंग और भुगतान
टिकिट, भोजन, पेय पदार्थ के लिये डिजिटल नो-काॅन्टैक्ट लेन-देन भुगतान तकनीक जैसे आॅनलाइन बुकिंग, ई-वाॅलेट का उपयोग, क्यूआर कोड स्कैनर आदि का उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग की सुविधा के लिए टिकटों की बुकिंग के समय संपर्क नंबर लिया जाए। टिकट की खरीद पूरे दिन खुली रहेगी और बिक्री काउंटरों पर भीड़ से बचने के लिये अग्रिम बुकिंग की अनुमति होगी।
टिकटों की भौतिक बुकिंग के दौरान भीड़ रोकने के लिये, पर्याप्त संख्या में काउंटरों को पर्याप्त सामाजिक दूरी मानदंडों के साथ खोला जाए। कतार प्रबंधन के दौरान सामाजिक दूरी के लिये फर्श मार्कर का उपयोग किया जाए।
परिसर का सेनिटाइजेशन
पूरे परिसर, सामान्य सुविधाएं और सभी बिन्दु जो अधिकतम मानव संपर्क में आते हैं, उदाहरण हैंडल, रेलिंग आदि का सेनिटाइजेशन बार-बार सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक स्क्रीनिंग के बाद सफाई एवं सेनिटाईजेशन की जाए।
बाॅक्स आॅफिस, खाद्य और पेय क्षेत्र, कर्मचारी और कर्मचारियों के लाॅकर, शौचालय, सार्वजनिक क्षेत्र, आॅफिस क्षेत्र एवं पार्किंग क्षेत्रों की नियमित सफाई और कीटाणुशोधन सुनिश्चित किया जाए। स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा के लिये उपाए जैसे दस्ताने, जूते, मास्क, पीपीई इत्यादि के तर्कसंगत उपयोग के लिये पर्याप्त व्यवस्था किया जाए। यदि किसी व्यक्ति को कोरोना पाॅजिटीव पाया जाता है, तो परिसर का सैनिटाईजेशन किया जाए।
स्टाॅफ संबंधित उपाय
सभी कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के लिये फेस कवर पहनना अनिवार्य है और ऐसे फेस कवर का पर्याप्त स्टाॅक उपलब्ध कराया जाए। सिनेमाघरों, थिएटरों, मल्टीप्लेक्सों के उच्च जोखिम वाले अधिकारी-कर्मचारी, जैसे वृद्ध कर्मचारी, गर्भवती कर्मचारी और कर्मचारी जिन्हे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हैं, अतिरिक्त सावधनी बरतने हेतु उन्हें जनता के साथ सीधे संपर्क की आवश्यकता वाले किसी भी फ्रंट लाईन कार्य के संपर्क में नहीं आना चाहिए।
यह सुनिश्चित किया जाए कि आरोग्य सेतु सभी कर्मचारियों द्वारा मोबाईल फोन में स्थापित और अद्यतन किया गया है। कोविड-19, श्वसन शिष्टाचार एवं हाथ स्वच्छता आदि से संबंधित सावधानियों पर कर्मचारियों का प्रशिक्षण कराया जाए। सभी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा किसी भी बीमारी की स्थिति में अपनी उच्चाधिकारी को रिपोर्ट त्वरित रूप से दी जाए।
जन जागरूकता
‘‘क्या करें और क्या न करें’’ की जानकारी सहज जाने योग्य स्थान पर प्रदर्शित किया जाए एवं आॅनलाईन बिक्री बिन्दु, डिजिटल टिकट, सार्वजनिक क्षेत्र जैसे लाॅबी, वाॅशरूम आदि के लिए माईक के माध्यम से घोषणा की जाए। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और हाथ की स्वच्छता को बनाए रखने के साथ-साथ परिसर के भीतर और बाहर होने वाली सावधानियों और उपायों पर विशिष्ट घोषणाएं स्क्रीनिंग से पहले, मध्यांतर के दौरान और स्क्रीनिंग के अंत में की जाएगी। कोविड-19 के निवारक उपायों पर पोस्टरों, स्टैंडर्स, आॅडियो-विडिया मीडिया के प्रदर्शन के लिये प्रावधान किया जाए।
एयर कंडीशनिंग/शीतलक
एयर कंडीशनिंग/वेंटिलेशन के लिये, ब्च्ॅक् के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस की सीमा में होनी चाहिए। सापेक्ष आर्द्रता 40-70ः की सीमा में होनी चाहिए। क्राॅस वेंटिलेशन पर्याप्त होना चाहिए।
अनियंत्रित व्यवहारकोविड-19 संबंधित अनियंत्रित व्यवहार को प्रबंधक (स्थानीय) और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय द्वारा सख्ती से निपटा जाएगा।
खाद्य और पेय क्षेत्र
ग्राहकों को यथासंभव भोजन आर्डर करने के लिए सिनेमा ऐप, क्यूआर कोड आदि का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। खाद्य और पेय क्षेत्र में एकाधिक बिक्री काउंटर जहां भी संभव हो उपलब्ध कराया जाए। हर बिक्री काउंटर पर सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए फर्श स्टिकर का उपयोग करने के लिए एक पंक्ति प्रणाली का पालन किया जाए।
केवल पैकेज्ड फूड और पेय पदार्थों की अनुमति होगी। हाॅल, आॅडिटोरियम के अंदर भोजन और पेय का वितरण निषिद्ध होगा। प्रबंधन द्वारा भोजन और पेय अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।उपरोक्त आदेशों एवं दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करते हुए पाये जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों जैसे लागू हो, के अंतर्गत कार्यवाही के भागी होंगे।
सिनेमाघर, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के माध्यम से फिल्म प्रदर्शनी गतिविधियों को निष्पादित करने की अनुमति कंटेनमेंट जोन में कदापि नहीं होगी। - महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट, गोबर के कण्डे एवं जैविक कीटनाशक दवा का कर रही निर्माण
महासमुंद : महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम कोना की जय कोनापाठ स्व-सहायता समूह की महिलाएं कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग (आत्मा) द्वारा हरित क्रांति विस्तार योजना के तहत् प्रशिक्षण लेकर वर्मी कम्पोस्ट खाद, गोबर के कण्डे एवं जैविक कीटनाशक बना रहीं हैं।जय कोनापाठ महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्री सुमित्रा धु्रव एवं सचिव श्रीमती कांति ध्रुव ने बताया कि गाॅव की 13 महिला सदस्यों के साथ मिलकर हमनें एक स्व-सहायता समूह का गठन किया।
उन्होंने बताया कि पहले वे लोग समूह में नहीं जुड़े थे तब वे कृषि, मजदूरी एवं अन्य दैनिक कार्य किया करते थे। कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में उन्हें सफलता पूर्वक प्रशिक्षण दिलाकर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्रियां जैसे वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन में लगने वाले कृषि सामग्री, वर्मी बेड, पैकिंग मटेरियल, तराजू, सिलाई मशीन, हजारा, रस्सी, ड्रम, कीटनाशक के लिए पैकिंग सामग्री सहित अन्य मटेरियल उपलब्ध कराया गया।
इसके उपरांत समूह की महिलाएं नियमित रूप से वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन कर स्थानीय कृषकों तथा वन विभाग को विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं।जिससे उनके आय में वृद्धि तथा जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। इसके अलावा वे लोग आगामी समय मंे मशरूम उत्पादन एवं जैविक उत्पाद बनानें की विधि का भी प्रशिक्षण लेना चाहते है। - महासमुंद : जिला मुख्यालय महासमुन्द सहित जिले के सभी ब्लाॅक मुख्यालय बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल में किए गए कार्यों और उपलब्धियांे पर आधारित ‘‘गढ़बों नवा छत्तीसगढ़’’ छायाचित्र विकास प्रदर्शनी का आयोजन जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया जा रहा है।
प्रदर्शनी के आखिरी दिन जनपद पंचायत मुख्यालय सरायपाली के मनरेगा भवन परिसर में लगाई गई थी। प्रदर्शनी स्थल पर आम जन को प्रचार सामग्री, योजनाओं पर आधारित पुस्तक, पाॅम्प्लेट का भी निःशुल्क वितरण किया गया।लगाई गई प्रदर्शनी को पंचायत प्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी एवं आम लोगों ने उत्सुकता अवलोकन कर रहें और शासन के योजनाओं के बारे जानकारी ले रहें है।
सरायपाली के पूर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री एम.एस. कश्यप ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यह राज्य शासन की बहुत ही सराहनीय पहल है।इस प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी सभी वर्गाें के लोगों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें विद्यार्थियों के लिए भी लाभप्रद है।
जीव विज्ञान के व्याख्याता श्री देवेन्द्र सिंह राय ने कहा कि प्रदर्शनी में शासन की प्रचार सामग्री के साथ-साथ लोगों को पुस्तक, पाॅम्प्लेट भी निःशुल्क दिए जा रहे है यह लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।इसी तरह ग्राम पंचायत संतपाली के किसान श्री कार्तिकेश्वर सिंह ने बताया कि बहुत से लोगों को शासन की योजनाओं के बारें में जानकारी नहीं रहती प्रदर्शनी एवं प्रचार-प्रसार सामग्री प्राप्त करने से शासन की योजनाओं के बारें में जानकारी मिलती है।
बतादें कि जिला मुख्यालय महासमुन्द के श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी टाउन हाॅल में दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। यह इस महीनें की 17 एवं 18 तारीख को लगी थी। दो दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारम्भ कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने किया था।शुभारम्भ अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील कुमार चन्द्रवंशी के अलावा महासमुन्द प्रेस क्लब के अध्यक्ष पत्रकार, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया न्यूज 18 के, स्वराज एक्सप्रेस के संवाददाताओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया था।
इसी प्रकार पिथौरा, बसना में भी ब्लाॅक स्तरीय प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के पत्रकारों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास, गाय-गौठान-गोबर ने बदली गाॅव की तस्वीर, डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी, गढ़कलेवा, वनोपज, सार्वभौम पीडीएस के साथ ही मुख्यमंत्री शहरी स्लम योजना आदि फोटो और आकड़ों सहित दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में युवा वर्ग ने खास रूचि दिखाई। इस एक दिवसीय प्रदर्शनी को देखने के लिए जनपद पंचायत में अपने कार्य पर आए नागरिकों में प्रदर्शनी को देखने काफी उत्साह थी। - ज्योति महिला स्व-सहायता समूह दिव्यांग महिलाएं करती काम-काज
महासमुंद : रोजगार के सीमित संसाधनांे में आजीविका चलाने का एक मात्र विकल्प स्वरोजगार ही है। आज समाज में महिलाएं घरों की चार दीवारी तक ही सीमित रहती है और उनको सिर्फ पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए समझा जाता है।
मगर ऐसी बहुत सी महिलाएं है जो अपनी कार्यकुशलता एवं क्षमता के आधार पर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करने के साथ-साथ समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्त्रोत हैं।जिले के बसना जनपद पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायत परिसर में स्थित ‘‘फुलझर कलेवा’’ में ज्योति महिला स्व-सहायता समूह, अरेकेल की दिव्यांग महिलाओं ने बिहान योजनांतर्गत विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के साथ-साथ समोसा, कचैड़ी, बड़ा, चीला, मिर्ची भजिया, डोसा, इडली, मुंगौड़ी, गुलगुला भजिया, चाय सहित अन्य प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बना रही हैं।
महिलाओं ने फुलझर कलेवा की दीवालों पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोकनृत्य आदि को विभिन्न रंगों के साथ उकेरा है। यहां लोग छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी निहारते है और तारीफ करते हैं।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित करते हुए पारम्परिक खान-पान, आहार एवं व्यंजनों से देश दुनिया को परिचित कराना, वर्तमान में लोगों के पास समय की जब कमी है तब छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लोगों को सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराना, छत्तीसगढ़ी लुप्तप्राय विधि को जीवंत्य बनाए रखना हैं।उन्होंने बताया कि ज्योति महिला स्व-सहायता समूह में 05 सदस्य हैं। इनके अध्यक्ष कुमारी देवांगन, सचिव श्याम बाई सिदार, सदस्य सुमन साव, उकिया भोई एवं चन्द्रमा यादव शामिल हैं।
समूह की अध्यक्ष कुमारी देवांगन ने बताया कि जनपद पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें ‘‘बिहान’’ योजना के बारें में जानकारी दी। उन्हंे यह जानकारी अच्छी लगी। इससे वे प्रेरित होकर अपने सहयोगियों के साथ सपनों को साकार करने का मन बनाया।पिछले माह 11 नवम्बर को यहां ‘‘फुलझर कलेवा’’ का शुभारम्भ हुआ था। ‘‘फुलझर कलेवा’’ का संचालन समूह की महिलाओं द्वारा रोज सुबह 09ः00 बजे से शाम 06ः00 बजे तक किया जाता है।जिससे उन्हें रोज अच्छी खासी कमाई हो रही है इस कमाई से वे काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि पहले वे लोग बेरोजगार रहते थे तो उन्हें काफी आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था। अब ‘‘फुलझर कलेवा’’ के संचालन होने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और सफलता की राह खुल गई है।उन्होंने बताया कि ‘‘फुलझर कलेवा’’ में आस-पास के शासकीय कार्यालय इनमें जनपद पंचायत, मनरेगा, पोस्ट आॅफिस, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा यहां काम काज के लिए दूर-दराज के ग्रामीण भी यहां चाय-नाश्ता किया करते हैं। जिससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हो रही है।समूह से जुड़ने पर उनको जिला स्तरीय अधिकारी एवं जनपद के अधिकारियों ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा उन्हें लेन-देन सही तरीके से करना, बचत करना ,उधार वापस करना, बैंक में खाता खुलवाना और हर हफ्ते बैठक करना ये सब बाते सिखाई गई।राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ी खान पान एवं व्यंजन विक्रय के लिए गढ़कलेवा छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में वित्तीय वर्ष 2020 में प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया।इसके अंतर्गत स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह को प्रशिक्षित कर तथा गढ़कलेवा हेतु स्थल, शेड आदि तैयार कर संचालन हेतु दिए जा रहे हैै। जिससे समूह के गरीब परिवारों को जीवन यापन के लिए रोजगार प्राप्त हो रहा है तथा वे आत्मनिर्भर बन रहें है।उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षणों से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और उन्हें समाज में एक पहचान मिली और उनके नाम से लोग उन्हें जानने लगे। आज उनके माता-पिता और उनके पूरे परिवार को उन पर गर्व है।बिहान योजना के माध्यम से ऐसी महिलाएं जो अपने सपने पूरे करना चाहते है उन्हें रोजगार एवं समाज में एक नई पहचान मिल पाई। समाज में जो महिला सशक्तिकरण की अवधारणा है जहाँ महिलाएँ परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हो। वह सार्थक होती दिखाई दे रही है।उन्होंने बताया कि इस योजना से जुड़ने और ‘‘फुलझर कलेवा’’ में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने से हो रही आमदनी के बाद वे अपनी जैसी अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने का प्रयास भी कर रहीं है। - महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आज राजस्व एवं खाद्य विभाग की टीम ने जिले में 07 प्रकरणोें पर 232 बोरा धान अर्थात् (92.8 क्विंटल) धान जप्त किए गए।प्राप्त जानकारी अनुसार इनमें बागबाहरा तहसील के ग्राम खल्लारी निवासी श्री विजय अग्रवाल से 52 बोरी धान, पिथौरा तहसील में श्री संजय अग्रवाल (कामेश्वरी ट्रेडर्स) से 40 बोरी धान एवं बसना तहसील के ग्राम कुड़ेकेल निवासी श्री दामोदर साव से 30 बोरी धान जप्त किया गया।
इसी प्रकार महासमुंद तहसील के ग्राम बेलसोंडा निवासी श्री जनक राम साहू से 25 बोरी धान, श्री रामकृष्ण चंद्राकर से 30 बोरी धान, श्री प्रमोद चंद्राकर से 25 बोरी धान एवं श्री बिशहत चंद्राकर से 30 बोरी धान जप्त कर उचित कार्यवाही किया गया।
अब तक जिले में कुल 165 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिनमें 8557 बोरा धान अर्थात् 3422.8 क्विंटल धान की जप्ती की गई है। इनमें 10 वाहन भी शामिल हैं। जिले में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में तहसीलदार, थाना प्रभारी, खाद्य निरीक्षक की संयुक्त उड़नदस्ता टीम का गठन कर अवैध धान परिवहन और अवैध धान भंडारण पर सतत निगरानी की जा रही है। - महासमुंद : महासमुन्द जिले में राष्ट्रीय शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित समस्त हाई/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों के खातों को सत्र 2019-20 हेतु वैद्यानिक अंकेक्षण (आॅडिट) किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पहले अंकेक्षण अगस्त 2020 में होना था।
जिसे कोविड-19 के चलते स्थगित कर दिया गया था। इसमें बैक पासबुक, रोकड़ बही (कैशबुक), खाता बही (लेजर) के अलावा एडवांश रजिस्टर स्टाॅक पंजी, शाला विकास समिति बैठक पंजी आदि का अंकेक्षण (आॅडिट) किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नए साल के पहले दिन 01 जनवरी 2021 से आॅडिट होगा। विकासखण्ड सरायपाली में 01 जनवरी को शासकीय बालक आदर्श हायर सेकेण्ड्री स्कूल में, बसना विकासखण्ड में 02 जनवरी आदर्श बालक हायर सकेण्ड्री स्कूल बसना में, पिथौरा विकासखण्ड में 04 जनवरी को शासकीय कन्या हायर सेकेण्ड्र स्कूल में एवं 05 जनवरी को विकासखण्ड बागबाहरा के शासकीय आदर्श हायर सेकेण्ड्री स्कूल में आॅडिट होगा।
इसी तरह महासमुन्द विकासखण्ड में 06 जनवरी को शासकीय आशी बाई गोलछा हायर सेकेण्ड्री महासमुंद में आॅडिट रखा गया है। सभी का समय पूर्वाह्न 11ः00 बजे निर्धारित है। अनुपस्थित या आॅडिट नहीं कराए जाने पर जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। - सरपंच बोले एक ही जगह मिल रही योजनाओं की जानकारी
महासमुंद : छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियांे पर आधारित गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ छायाचित्र विकास प्रदर्शनी आज महासमुंद जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय बसना के कार्यालय परिसर में लगाई गई।प्रदर्शनी स्थल पर आम जन को प्रचारसामग्री योजनाओं के पामपलेट का भी वितरण किया गया। जिसे दूर-दूर से आए पंचायत प्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारी कर्मचारी एवं आम लोगों ने उत्सुकता से देखा और शासन के योजनाओं के बारे में जाना।
प्रदर्शनी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास, गाय-गौठान-गोबर ने बदली गाॅव की तस्वीर, डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी, गढ़कलेवा, वनोपज, सार्वभौम पीडीएस के साथ ही मुख्यमंत्री शहरी स्लम योजना आदि फोटो और आकड़ों सहित दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में युवा वर्ग ने खास रूचि दिखाई। यह एक दिवसीय प्रदर्शनी को देखने के लिए जनपद पंचायत में अपने कार्य पर आए नागरिकों में प्रदर्शनी को देखने मे बड़ी उत्सुकता रही।
ग्राम पंचायत बरडीह के सरपंच श्री दुष्कल प्रधान ने अपनी प्रक्रिया देते हुए बताया कि यह एक अच्छी पहल है की राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी हमें एक ही जगह मिल रही है । और अधिक जानकारी और लाभ लेने के लिए प्रचार सामग्री के रूप में पुस्तक, पेंपलेट भी दिए जा रहे है। इसी तरह ग्राम पंचायत गिधली के उपसरपंच श्री दिव्य किशोर बारिक का कहना है कि प्रदर्शनी लगने से आम लोगो को योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो रही है।
इसके अलावा बरडीह के उपसरपंच श्री प्रफुल्ल शराफ ने भी प्रदर्शनी को सराहा। ग्राम केरामुण्डा के बी एड कर रहे छात्र श्री खगेन्द्र सिंग और पीजीडीसीए कर रही छात्रा कुमारी ज्योति सिंग ने भी प्रदर्शनी अवलोकन कर तथा प्रचार सामाग्री प्राप्त कर इसे प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बतलाया।उलेखनीय है कि जिला मुख्यालय महासमुन्द में आयोजित दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने इसी माह के 17 दिसम्बर को किया था। प्रदर्शनी में राज्य सरकार के विभिन्न योजना और जन कल्याण योजना पर आधारित पुस्तक और पाॅम्प्लेट का भी वितरण किया जा रहा है।
जिले के सभी विकासखण्डों में आम जनता को सरकारी योजनाएं बतानें और उनका लाभ उठानें के लिए एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी स्थल पर निःशुल्क प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है। - महासमुन्द जिले में दो साल में 1350 से ज्यादा किसानों को मिला सोलर पम्प
महासमुन्द : महासमुन्द जिले में सौर सुजला योजना में दो वर्ष मंे (जनवरी 2019 से दिसम्बर 2020) तक 1356 किसानों के खेतों में कृषि सिंचाई हेतु सोलर पम्प स्थापित किया गया।जिन किसानों के खेतों में परम्परागत् बिजली नहीं पहुंची या जिसके पास कृषि भूमि उपलब्ध होते हुए भी सिंचाई व्यवस्था नहीं थी या कृषक के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वह वहन करने की स्थिति में नहीं था।
ऐसे किसानों के खेतों में राज्य सरकार द्वारा सोलर पम्प स्थापित किए हैं। इन सिंचाई पम्पों के लिए किसानों को बिजली का कोई बिल नहीं लगेगा। यह पम्प सूरज की रोशनी से चलते हैं। यानि कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सूर्य देवता के आशीर्वाद से मुफ्त बिजली मिलती है।
महासमुन्द जिले के पिथौरा के ग्राम बगारपाली के किसान श्री मोहर सिंह का कहना है कि उनके यहां पहले खेतों के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण खेतों से सालाना आय मात्र 23 हजार से 26 हजार ही हो पाती थी। किन्तु जबसे सोलर पम्प लगा है, वे अपने खेत में धान फसल के बाद मौसमी सब्जी-भाजी आलू, टमाटर, बरबट्टी इत्यादि उगाकर अब उनकी आमदनी में पाॅच गुणा से अधिक वृद्धि हुई है। अब उसकी वार्षिक आमदनी 1.50 से 1.75 लाख रूपए हो जाती है।
इसी प्रकार किसान सर्वश्री मोतीराम ठाकुर, नेमसिंग ठाकुर, हेम सिंग ठाकुर एवं श्री सालिक राम इत्यादि 16 कृषकों के यहां सोलर पम्प का स्थापना कार्य किया गया है। उनकी आमदनी में भी काफी ईजाफा हुआ है। वह भी पारम्परिक खेती के साथ सब्जी-भाजी उगा रहें हैं।
इसी प्रकार वहीं विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम टूरीझर के किसान भी नाला किनारें डीजल पम्प लगाकर अपने एक से 1.5 एकड़ खेत में केवल धान फसल ले रहें थे, लेकिन 3 एचपी सोलर पम्प लगने के बाद अब वो बारह महीने सब्जी की खेती कर उनकी वार्षिक आय में बढ़ौतरी हुई है।
महासमुन्द जिले में दो साल में 1356 किसानों को सौर सुजला योजना से जोड़ा गया है। योजनांतर्गत हितग्राहियों का चयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है। बाजार में 5 हाॅर्स पावर के जिस सौर ऊर्जा पम्प (सोलर पम्प) की कीमत लगभग 4.50 लाख से अधिक है वह इस योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों के लिए सिर्फ 14800 रूपए में, पिछड़ा वर्ग के किसानों को मात्र 19800 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 24800 हजार रूपए मंे दी जा रही है।
इसी कड़ी में 3 हाॅर्स पाॅवर के सौर सिंचाई पम्प जिनकी कीमत बाजार में लगभग 3.50 लाख होती है वह सौर सुजला योजना के तहत् अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को केवल 10 हजार रूपए में, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को मात्र 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 21 हजार रूपए मंे दिए जाने का प्रावधान किया गया है। - रकबा त्रुटि सुधार में पूरी सावधानी बरतें: कलेक्टर श्री गोयल
महासमुन्द : जिले में पंजीकृत किसानों द्वारा गिरदावरी के समय रकबे त्रुटि संबंधी सुधार हेतु किए गए आवेदनों पर पूरी सावधानी बरती जाए। यह भी ख्याल रखा जाए कि रकबे में त्रुटि सुधार पूरी जाॅच पड़ताल के बाद केवल उन्हीं किसानों का हो जिन्होंने रकबें में त्रुटि सुधार का आवेदन दिया है।
खास तौर पर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इस बात का विशेष ख्याल रखें। खरीफ विपणन 2020-21 में धान खरीदी से संबंधित काॅल संेटर/112 में प्राप्त शिकायत/समस्या का त्वरित निराकरण किया जाए। यह उक्त बातें कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में ली समय-सीमा बैठक के दौरान कही।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील कुमार चन्द्रवंशी सहित डिप्टी कलेक्टर एवं विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री गोयल ने समय-सीमा एवं लम्बित प्रकरणों पर की गई कार्यवाही के बारें में जिला अधिकारियों से विभागवार एक-एक करके जानकारी ली। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से कन्या आश्रम, बालक आश्रम एवं अन्य विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इसका अवलोकन करेंगे।
उन्होंने धान खरीदी तथा धान उठाव की भी जानकारी ली। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जिले में किए जा रहे कोविड-19 टेस्ट की गति को रविवार को भी बढ़ानें के निर्देश दिए। उन्होंने वनाधिकार पट्टे आदि के बारें में भी जानकरी ली। - महासमुंद : महासमुंद ज़िले के ग्राम पंचायत बुन्देली में पंचायत प्रतिनिधियों ने आज सोमवार को सवेर-सवेरे गांव के बुजुर्ग युवा एवं छोटे बच्चों को आयुष काढ़ा का वितरण किया।कोविड 19 महामारी के चलते गांव के बुजुर्ग युवा एवं छोटे बच्चो को सुबह-सुबह कोविड-19 रोग प्रतिरोधक क्षमता में वद्धि हेतु आयुर्वेद उपाय करने के सभी को काढ़ा बनाकर पीने की सलाह दी जा रही है।
वहीं पंचायत के सामने भारी ठंड को देखते हुए मॉर्निंग वॉक से आने वाले लोगो को बैठाकर अभी चाय की जगह काढ़ा पीने की अपील की। विभाग एवं जनप्रतिनिधि भी गाँव के अधिकांश बुजुर्गो से ग्राम विकास पर चर्चा किया जाता है एवं आग जलाकर सभी लोग बैठते है काढ़ा सेवन करने एवं संक्रमण के उपाय हेतु पांमप्लेट का का भी वितरण कर रहे है।
सुबह काढ़ा पर चर्चा में विशेष रूप से ग्राम पंचायत के उपसरपंच पूनम मानिकपुरी किशोर सोनवानी हीरालाल जोशी शेखर सिन्हा तुलसी सिन्हा रेखा दास राजेश कुमार बिहारी निषाद तेज कुमार इनके द्वारा रोज सुबह अलाव जलाकर सभी को आयुष काढ़ा बनाकर वितरण किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि 10 दिनों तक लगातार आयुष काढ़ा बनाकर वितरण किया जाएगा। इस सर्दी के मौसम में छोटे बच्चे बुजुर्ग महिलाएं पुरुष रोज सुबह अलाव का सहारा लेकर काढ़ा का सेवन कर रहे। - महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आज राजस्व एवं खाद्य विभाग की टीम ने जिले में 10 प्रकरणोें पर 320 बोरा धान अर्थात् (128 क्विंटल) धान जप्त किए गए।प्राप्त जानकारी अनुसार इनमें महासमुंद तहसील के ग्राम रायतुम निवासी श्री संजय अग्रवाल से 25 बोरी धान, ग्राम तुमगांव निवासी श्री गोकुल साहू से 30 बोरी धान, ग्राम पासिद निवासी श्री टिकेश्वर निषाद से 50 बोरी एवं श्री ईशु कुमार से 30 बोरी धान, ग्राम जलकी निवासी श्री मोती निषाद से 25 बोरी धान, ग्राम छपोराडीह निवासी श्री राजेन्द्र सेन से 25 बोरी धान, ग्राम मरौद निवासी श्री दक्ष कुमार यादव से 30 बोरी धान एवं ग्राम सिरपुर निवासी श्री कमल किशोर टावरी से 25 बोरी धान जप्त किया गया तथा इसी प्रकार पिथौरा तहसील के ग्राम भुरकोनी निवासी श्री राधेश्याम अग्रवाल से 30 बोरी धान एवं सरायपाली तहसील के ग्राम पे्रतेनडीह निवासी श्री प्रशांत बारिक से 50 बोरी धान जप्त कर आवश्यक कार्यवाही किया गया।अब तक जिले में कुल 158 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिनमें 8325 बोरा धान अर्थात् 3330 क्विंटल धान की जप्ती की गई है। इनमें 10 वाहन भी शामिल हैं।
- महासमुंद : राज्य शासन के गृह विभाग के निर्देश के अनुपालन में जिलें में स्वापक औषधि मनः प्रभावी पदार्थों के अनाधिकृत व्यवसायियों पर व्यापक और प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर जिला स्तरीय एवं समन्वय समिति का गठन किया गया है।
जिसके अध्यक्ष कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल है। पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एन.के. मंडपे, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्रीमती संगीता सिंह, जिला आबकारी अधिकारी श्री दिनकर वासनिक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री जे.के. सिंह सदस्य होंगे।
इसके अलावा खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग के जिला अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। समिति द्वारा जिले में नशीली दवाओं के दुरूपयोग एवं तस्करी के परिदृश्य में नियंत्रण के लिए कार्य करेगी और समिति की बैठक प्रति माह आयोजित की जाएगी। - 28, 29 एवं 30 दिसम्बर को अपराह्न 3ः00 से 4ः00 बजे के बीच
फोन करके करा सकते हैं रिकाॅर्डिंग
10 जनवरी को प्रसारित होगी 14 वीं कड़ी
महासमुंद : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार युवाओं से बातचीत करेंगे। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 28, 29 एवं 30 दिसंबर को अपराह्न 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकाॅर्ड करा सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 14 वीं कड़ी का प्रसारण 10 जनवरी 2021 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11ः00 बजे तक होगा। - महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार राम वन गमन परिपथ रथ यात्रा जिले में राम वन गमन परिपथ रथ यात्रा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रथम दिवस रविवार 27 दिसम्बर 2020 को सुबह रथ तुमगांव नगर पंचायत से प्रारंभ होकर कौंदकेरा, परसदा (ब), बेमचा होते हुए शाम तक अयोध्या नगर पहुंची।द्वितीय दिवस सोमवार 28 दिसम्बर 2020 को रथ अयोध्या नगर से प्रारम्भ होकर इमली भाठा, अम्बेडकर चांैक, फव्वारा चैक, बरौंडा चैक, शास्त्री चैक होकर गांधी चैक तक पहुंची।इसी तरह तीसरे दिन मंगलवार को 29 दिसम्बर 2020 को रथ यात्रा खैरा से प्रारम्भ होकर लभरा खुर्द, झालखम्हरिया, कोसरंगी, खट्टी, केशवा, मोंगरा, बोरियाझर, शेर होते हुए जिला गारियाबंद में पहुंचेगी। रथ यात्रा का दर्शन एवं वीडियो देखने के लिए नागरिक कल पहुंच सकते हैं।
रथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन, जिला पंचायत, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग, नगरपालिका, लोक निर्माण विभाग, खेल विभाग एवं अन्य विभाग का सहयोग रहा।रथ यात्रा का दर्शन जिले के हजारों नागरिकांे ने किया। रथ यात्रा के दौरान नागरिकों को जागरूक करने के लिए रथ में पल्स पोलियों अभियान एवं मास्क पहनने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। - अधिकारी चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाकर शीघ्र कार्य प्रारम्भ करें: कलेक्टर
महासमुंद : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने आज जिला मुख्यालय से लगे हुए संजय कानन उद्यान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस उद्यान में घूमने आने वाले बच्चों, विद्यार्थियों एवं नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारम्भ करें।इसके अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए टाॅय ट्रेन को प्रारम्भ करने के साथ-साथ बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के फिसलपट्टी, झूला सहित अन्य खेल सामग्रियांे की भी व्यवस्था की जाए।
कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि नगरपालिका परिषद् महासमुंद के अंतर्गत संजय कानन उद्यान राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने के कारण शहर तथा ग्रामीण अंचलों के नागरिक इस उद्यान में बड़ी संख्या मंे यहां आयेंगे। इसके लिए उद्यान में सभी वर्गों के लिए रियायती दरों में नास्ता उपलब्ध हो सके इसके लिए यहां गढ़कलेवा भी प्रारम्भ किया जाएगा।
ताकि लोग ठेठरी, खुरमी, फरा, चीला जैसे छत्तीसढ़ी व्यंजन सहित अन्य व्यंजन का आनंद ले सकेंगे। कलेक्टर ने उद्यान के सभी क्षेत्रों का बारीकि से निरीक्षण किया।इस दौरान उन्होंने पूर्व में बनें स्केटिंग ग्राउण्ड पहुंचकर स्केटिंग ग्राउण्ड के मरम्मरत करने, उद्यान के चारों ओर बेहतर फेंसिंग एवं प्लांटेशन करने, शितली नाला के पानी को बेहतर ढंग से सहेजनें के लिए चेकडेम में पिंचिंग, गहरीकरण एवं वहां स्थित तालाब का गहरीकरण का कार्य प्रारम्भ कराएं।जिससे पानी सुरक्षित तरीकें से ठहर सकें। इसके अलावा उद्यान में आने वाले नागरिकों के लिए उद्यान के बाहर सुव्यवस्थित तरीके से पार्किंग की व्यवस्था करने को कहा।
इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, उप वनमण्डलाधिकारी श्री एस.एस नाविक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील कुमार चन्द्रवंशी, जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता श्री जे.के. चन्द्राकर, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री ए.के. हलदार, तहसीलदार श्री मूलचंद चोपड़ा, जिला खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे, नायब तहसीलदार श्री देवेन्द्र नेताम, पार्षद श्री महेन्द्र जैन सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। - नए साल के स्वागत में कोविड गाइड लाइन का पालन करें और सुरक्षित रहे- कलेक्टर
महासमुंद : ज़िले में कोविड-19 एवं कोरोना पॉज़िटिव की संख्या में हो रही वृद्धि को रोकने नियंत्रण हेतु सभी संभावित उपाय अमल मैं लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है ।31 दिसम्बर को नए साल के स्वागत एवं आगामी त्योहार में किसी प्रकार की खलल न पड़े, कोविड का भी पूरी तरह पालन हो इसे देखते एवं कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने 23 बिंदुओं की गाइड के अनुमोदन के बाद अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी के हस्ताक्षर से आदेश आज जारी कर दिए है ।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने ज़िले की जनता से नए साल एवं अन्य त्योहार में कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करने की अपील की है और जारी दिशा निर्देशों का भी पूरा ध्यान रखने का आग्रह किया है . उन्होंने आने वाले नए साल की भी ज़िले की जनता को अपनी शुभकामनाएँ दी । उन्होंने कहा कि नए साल के स्वागत में कोविड गाइड लाइन का पालन करें और सुरक्षित रहे।
नए साल के कार्यक्रम आयोजन में कोरोना के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। कार्यक्रम का आयोजन खुले एवं सार्वजनिक स्थान पर नही किया जाएगा । कार्यक्रम स्थल पर क्षमता के 50 प्रतिशत तक व्यक्तियों अथवा अधिकतम 200 व्यक्तियों का ही प्रवेश होगा। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश एवं निकासी हेतु अलग-अलग गेट होना आवश्यक है एवं दोनों गेट टच फ्री मोड पर होना आवश्यक है।कार्यक्रम की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी अनिवार्य होगी, ताकि किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधि होने पर अपराधी की पहचान की जा सके।कार्यक्रम का आयोजन रात 12ः30 बजे से अधिक समय तक नहीं किया जाएगा।
कार्यक्रम में छोटे बच्चे एवं बड़े बुजुर्गों का प्रवेश निषेध रहेगा।कार्यक्रम के दौरान रात 11ः55 से 12ः30 बजे तक केवल हरित पटाखों का ही उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना होगा।कार्यक्रम में डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। केवल दो छोटे बाक्स का ही प्रयोग करेंगे।
जारी आदेश मैं कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान आयोजक गण सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम का व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग किया जाना अनिवार्य होगा। कोरोना के लक्षण पाए जाने पर प्रवेश निषेध होगा एवं तत्काल हेल्पलाइन नंबर को सूचित करना अनिवार्य होगा।कार्यक्रम के दौरान पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था एवं अग्निशमन यंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था करना करना अनिवार्य होगा।
कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। व्यवस्थित पार्किंग नहीं पाए जाने पर वाहन चालक एवं आयोजक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।कार्यक्रम में अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रवेश वर्जित होगा।
कार्यक्रम के दौरान रजिस्टर में इंट्री करना अनिवार्य होगा एवं आयोजन में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा।शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के उल्लंघन करने पर अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर आयोजक की जिम्मेदारी होगी व उनके विरुद्घ आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। - राज्य शासन ने बढ़ाया रोजगार देने का लक्ष्य
’मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यो में 50 दिन अथवा उससे अधिक मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को मिले मातृत्व भत्ते
महासमुंद : महात्मा गांधी नरेगा में लोगों को मिल रहा अब फिर से रोजगार जिला महासमुंद में मजदूरों के लिए प्रारम्भ कराए गए हर ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाँव में कार्य सभी वर्ग श्रेणी के मजदूर जो जॉब कार्ड धारी है उनके परिवार को मिलेगा।
150 दिन का रोजगार और वन पट्टा धारियों को 50 दिवस अतिरिक्त रोजगार प्रदाय होगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा पृथक से कार्य योजना तैयार कर नरेगा से स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। जिले में 130 करोड़ के कार्य की स्वीकृति प्रदाय कर प्रत्येक जॉब कार्ड परिवार को न्यूनतम 100 दिवस रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है।साथ ही नए जॉब कार्ड हेतु आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में दिया जा सकता है। जिसके 15 दिन के भीतर नियमानुसार नवीन जॉब कार्ड प्रदाय किया जाएगा। साथ ही मजदूर द्वारा कार्य की मांग का मांग पत्र ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत में जमा करके 15 दिवस के भीतर कार्य पा सकते हैं। यदि किसी को महात्मा गांधी नरेगा में मांग अनुसार 15 दिन में कार्य नहीं दिया जाता है तो तत्काल जिला पंचायत के टोल फ्री नंबर 18002336601 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।
महासमुंद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत निर्माण कार्यो में मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को एक महीने के मातृत्व भत्ते के साथ प्रसूति अवकाश दिया गया है और इसी वित्तीय वर्ष में अब तक 18 महिलाआंे को मातृत्व भत्ता दिये जाने की प्रक्रिया की जा रही है।
यदि किसी अन्य को इसमें आवेदन करना हो तो वो भी जनपद पंचायत नरेगा शाखा को दे सकते हैं। मनरेगा में यह राज्य पोषित योजना है। इसमें होने वाले खर्च का प्रावधान बजट में किया जाता है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार प्राप्त आवेदन अनुरूप मातृत्व भत्ता प्रदाय किया गया एक माह की रोजी 190 रुपए प्रति कार्य दिवस के हिसाब से 5700 रुपए मातृत्व भत्ते के रूप में दिए गए है, ताकि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ रहे और सेहत दोनों की बनी रहे।
इसके अलावा हितग्राहियों हेतु डबरी मछली पालन तालाब, नया तालाब, तालाब गहरीकरण, नहर जीर्णोध्दार, लूस बोल्डर, बोलडर चेक डेम, गेबियन संरचना जैसे जल से संबंधित कार्य को प्राथमिकता छोटे वर्ग के किसान अपने भूमि और नालों पर अधिक उपजाऊ बनाने हेतु कार्य योजना तैयार कर कार्य कर सकते है।
अपने खेत में जल संरक्षण, संवर्धन कार्यो, फलदार वृक्षारोपण कार्य, दिए जा सकते हैं आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा जिला पंचायत में अपने जॉब कार्ड के छाया प्रति के साथ दिया जा सकता है। महात्मा गांधी नरेगा का है एक ही नारा, प्रत्येक जॉब कार्ड को 100 दिन रोजगार प्रदाय करना है कर्तव्य हमारा।