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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लोगों ने की विभिन्न खेल गतिविधियां और योगा, जुंबा
महासमुंद : लोगों की बेहतर सेहत और जागरूक करने के साथ ही उनकी इम्यूनिटी सिस्टम को और मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज शनिवार को अनूठी पहल की गयी। ‘गुड मॉर्निंग महासमुन्द’ बैनर से सबेरे 06ः00 बजे से 08ः00 बजे तक दो घंटे का कार्यक्रम महासमुंद के मिनी स्टेडियम में रखा। ‘गुड मॉर्निंग महामसुन्द’ का यह दो घंटे का कार्यक्रम लोगों में इम्यूनिटी बढ़ाने और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए यथा सम्भव हर शनिवार को होगा। आज हुए इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों सहित बच्चें, युवाओं और महिलाओं ने भी विभिन्न खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया।
उपस्थित लोगों ने म्यूजिक पर जुंबा, योगा किया। इसके साथ ही विभिन्न खेल हॉकी, हैण्डबॉल, सॉफ्टबॉल, कराटे, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल व क्रिकेट के साथ विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां हुई। इस दौरान कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव एवं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर (इम्यूनिटी सिस्टम) को मजबूत करने के लिए आयुष विभाग द्वारा खिलाड़ियों को आयुष काढ़ा का वितरण किया गया।
यह आयोजन खेल विभाग व जिला खेल संघ और जिला प्रशासन के सहयोग से हो रहा है। आज के गुड मॉर्निंग महासमुन्द 6ः00 से 8ः00 बजे (दो घंटे) तक कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव एवं इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने बच्चों सहित बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग भी आए। कलेक्टर श्री डोमन सिंह सहित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत सहित संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने विभिन्न खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया और योगा भी किया। कलेक्टर ने मिनी स्टेडियम में खिलाड़ियों एवं बच्चों के साथ योगा, क्रिकेट, बॉस्केटबॉल, बॉलीबाल खिलाड़ियों की भॉति खेलकर उनका उत्साहवर्धन किया। खिलाड़ियों के खेल भावना को देखकर उन्हें बचपन की याद आई। -
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महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य आजीविका मिशन ‘बिहान’ योजना में उज्ज्वला महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती मोंगरा चक्रधारी की आकस्मिक निधन हो गया। वे जनपद पंचायत बागबाहरा ग्राम खल्लारी निवासी थी। उनकी चार बेटियां है और घर उनकी आजीविका से चलता था।
उनके जाने से घर की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी। इस दुःख की घड़ी में ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना कैडर भारतीय स्टेट बैंक के बैंक मित्र कु. कुलवन्तीन ठाकुर और कु. रूपा यादव ने उनकी परिवार की मदद की और बैंक में बीमा क्लेम कराया। उनके नॉमिनी श्री पवन चक्रधारी के खातें में पिछले माह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की राशि दो लाख रूपए क्लेम दिलवाया। राशि मिलने से परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ दूर हुई। -
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समूह की महिलाएं सामुदायिक सब्जी-भाजी लगाकर कर रही कमाई
महासमुंद : अंबा निदान एवं लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह का गठन एक ही तारीख को हुआ। इन समूहों में महिला सदस्यों की संख्या 10-10 कुल 20 है।। यह समूह महासमुन्द जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम ढोड़ का है। दोनों समूहों को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् पुनर्गठन कर दोनों को एक साथ जोड़ा गया। योजनांतर्गत बैंक लिंकेज की राशि से उन्होंने टेंट हाऊस का काम किया। परंतु कोरोना काल के चलते शादी-ब्याह एवं अन्य कार्यक्रम न होने के कारण उनका यह व्यवसाय नहीं चला।
समूह के महिला सदस्यों ने आस नहीं छोड़ी। बिहान के अधिकारी-कर्मचारियों ने उन्हें आजीविका गतिविधि संबंधी प्रशिक्षण के दौरान उन्हें उनकी अपनी जमीन पर सब्जी-भाजी लगाकर लाभ कमाने का सुझाव दिया। इन दोनों समूह की महिलाओं के पास लगभग 7 एकड़ की कृषि भूमि एक ही स्थान पर होने के कारण उनको यह सुझाव पसंद आया। समूह की महिलाओं को पहले से खेती-बाड़ी का अनुभव था। उन्होंने बैंक लिंकेज की राशि से खेती-बाड़ी का काम शुरू किया। ये दोनों समूह की 20 महिलाओं ने मिलकर बैंक लिंकेज के 5 लाख रूपए की राशि से अपने पूरे 7 एकड़ की जमीन पर पारम्परिक विधि से विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियां का उत्पादन कर उसे स्थानीय बाजार और आसपास नगर की मंडियों में बेचकर अच्छा खासा लाभ कमा रही है।
वे अपनी खेती-बाड़ी की सिंचाई के लिए कुॅए के पानी का उपयोग करती है इसके साथ ही सब्जी बाड़ी में जैविक खाद का उपयोग करती है। इससे उनकी सब्जियां ज्यादा आकर्षक और खाने में स्वादिष्ट होती है। वे स्वयं सब्जी की तोड़ाई और स्वयं सब्जी बेचने अपने गांव के अलावा आसपास के गांव और बागबाहरा के साथ ही महासमुन्द मंडी तक ले जाती है। पूरे 7 एकड़ में बोई गयी सब्जी से सीजन में एक दिन में 10 हजार तक बिक्री कर लेती है।
अब हर महिला को साल भर अच्छी आमदनी हो जाती है। ये दोनों समूह की महिलाएं अपने गांव के साथ-साथ काम की तलाश में भटकने वाली अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स़्त्रोत है। उनकी सामुदायिक बाड़ी स्कीम कारगर साबित हो रही है। वे अपने इस व्यवसाय को बिहान योजना की मदद से और बढ़ाना चाहती है। सब्जी खेती कर रोजगार से जुड़ी महिलाएं उत्पादित सब्जी को बेचकर आत्मनिर्भर हो रही है। इसके साथ ही गांव के अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने लगी है। -
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महासमुंद : शासकीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत् कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों का बेसलाईन आंकलन 31 अगस्त से शुरू हो गया है यह 10 सितम्बर तक चलेगा। विभागीय अधिकारी ने बताया कि बेसलाईन आंकलन से यह पता चलेगा कि बच्चें ने कितना सीखा है और वर्तमान में उसका शिक्षा स्तर किस कक्षा के अनुरूप पाया गया। इससे कक्षा अध्यापन करने में शिक्षकांे को मदद मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि सत्र में 03 आंकलन बेसलाईन, मिडलाईन एवं एंडलाईन और पॉच इकाई मूल्यांकन होगा। बेसलाईन कक्षावार, विषयवार निर्मित सेतु कार्यक्रम पर आधारित होगा। मिडलाईन आंकलन कक्षावार, विषयवार, पाठ्यक्रम के 60ः भाग से होगा। एंडलाइन आंकलन पाठ्यक्रम के शेष 40ः भाग से होगा। आंकलन की संपूर्ण प्रक्रिया संपादित करते समय शालाओं में कोविड-19 के लिए भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। -
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महासमुंद : जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल की अध्यक्षता में सामान्य प्रशासन समिति एवं सामान्य सभा की बैठक 08 सितम्बर को होगी।
यह बैठक जिला पंचायत के सभाकक्ष में आहुत की गयी है। सामान्य प्रशासन समिति की बैठक प्रातः 10ः30 बजे से तथा सामान्य सभा की बैठक प्रातः 11ः00 बजे से रखी गयी है।बैठक में शिक्षा, कृषि, पशुपालन, वन, लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक जानकारी के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए है। -
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महासमुंद : कोविड-19 महामारी ने लोगों को उनकी सेहत को लेकर जागरूक करने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। लोगों को इस बात का बख़ूबी एहसास कराया जाएगा कि स्वस्थ जीवन के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता का बेहतर होना कितना ज़रूरी है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने ज़िला खेल अधिकारी को लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर (इम्यूनिटी सिस्टम) को मजबूत करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे।
इसी के तहत खेल विभाग व जिला खेल संघ के आह्वाहन पर जिला प्रशासन महासमुंद के सहयोग से स्थानीय मिनी स्टेडियम महासमुंद में कल शनिवार 4 सितम्बर को सवेरे 6ः30 से 8ः00 बजे (दो घंटे) तक कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव एवं इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने हेतु योगा, जुंबा, कराटे, बास्केटबॉल, बालीबाल व क्रिकेट के साथ विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां आयोजित हैं। खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे ने बताया कि इस अवधि में शामिल लोग अपनी इच्छानुसार गतिविधियां कर सकते हैं तथा संचालित गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने सभी गणमान्य नागरिकगण एवं अधिकारी-कर्मचारीगण कोविड नियम का पालन कर उपस्थित होकर गतिविधियों में सपरिवार शामिल होने का आग्रह किया है। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने गुरुवार को अपराह्न जिला मुख्यालय महामसुन्द के समीप ग्राम झालखम्हरिया के वार्ड एक की गलियों में जाकर किए जा रहे अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण के कार्य की कार्रवाई देखी। यहाँ पर्यवेक्षकों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों का सूची तैयार किए जाने के लिए ऑनलाईन पंजीकरण एवं डाटा संग्रहण व सत्यापन का कार्य डोर-टू-डोर किया जा रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार और सांख्यिकी अधिकारी साथ थे। पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ज़िले में यह कार्य गुरूवार को 01 सितम्बर से शुरू हुआ है और आगामी 12 अक्टूबर 2021 तक चलेगा। कार्य के सुचारू रूप से संपादन करने और सर्वे कार्य के लिए सुपरवाईजर भी नियुक्त हो चुके हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इस कार्य में लगे कर्मचारियों को पंजीयन में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या होने पर ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर से सम्पर्क कर अपनी एप संबंधी तकनीकी समस्या दूर कर सकते है। बड़ी तकनीकी समस्या का समाधान चिप्स रायपुर के समन्वय से उसका समाधान कराया जा सकता है। उन्होंने इस कार्य के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश देते हुए निर्धारित समय पर ऑनलाईन पंजीयन का कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिन उपयोगकर्ताओं के पास ऑनलाइन पंजीयन के लिए किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है वह अपना पंजीयन नियुक्त सुपरवाईजर से करा सकते हैं। कलेक्टर ने पंजीयन करा रहें लोगों को सही-सही जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की।गौरतलब है कि अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना है। सर्वे के दौरान ऐप एवं वेब के माध्यम से डाटा संग्रहित किया जा रहा है। डाटा की प्रविष्टि एवं सुरक्षित रखने के लिए सुपरवाईजर ने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड किया है। जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया।
विशेष बात यह है कि उपयोगकर्ता द्वारा स्वयं ही यूजर वेब www.cgqdc.in के माध्यम से आधार कार्ड, राशन कार्ड या मोबाइल नंबर के माध्यम से अपने डेटा की प्रविष्टि की जा सकती है। डेटा प्रविष्टि के लिए सामान्य जानकारी जैसे मुखिया का नाम, पिता/पति का नाम, लिंग, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, वर्ग, जाति, आर्थिक स्थिति, जिला, निकाय, वार्ड, पिन कोड, पता, विकासखंड, परिवार के अन्य सदस्यों का विवरण इत्यादि की प्रविष्टि करनी होगी । -
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महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ अंतर्गत विकासखण्ड सरायपाली के गौठान ग्राम पंचायत पाटसेन्द्री से जय माँ लक्ष्मी स्व सहायता समूह के सदस्य द्वारा किराना दुकान व मुर्गी, बत्तख पालन कर आजीविका गतिविधि का कार्य किया जा रहा है। किराना दुकान चलाकर समूह की महिलाओं द्वारा आजीविका के अन्य साधन अपनाए जा रहे हैं दुकान के माध्यम से समूह की इन महिलाओं एवं गांव वालांे को गाँव से बाहर सामान खरीदने जाने की जरूरत नही पड़ती है। दैनिक उपयोग होने वाली सभी सामान गांव में उपलब्ध हो जाने से समूह के महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है। समूह की महिलाओं को किराना दुकान व मुर्गी बतख पालन से अच्छी आमदनी होने से बहुत खुश है एवं अपने आर्थिक जीवन को मजबूती प्रदान करने में पीछे नहीं हैं। गांव स्तर पर घर पर ही काम मिल जाने के कारण समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को समय-समय पर आजीविका संबंधित कार्यों की जानकारी संबंधित कार्यक्षेत्र के एडीईओ, पीआरपी एवं एफएलसीआरपी के माध्यम से दिया जाता है। -
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महासमुंद : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी के अंतर्गत महासमुन्द जिले की बात करें तो यहां पहले चरण में 65 गौठान निर्माण की अनुमति दी गयी थी। जिसकी संख्या बढ़कर अब 554 हो गयी है। जिसमें से वर्तमान में 305 पूर्ण, 202 प्रगतिरत् और 44 गौठान अप्रारम्भ है। जिले में 17 से अधिक आदर्श गौठान बन गए है। गरवा कार्यक्रम के तहत् महासमुन्द जिले के ग्राम पंचायत में गौठान बनने से मवेशियों को आश्रय मिला है और अब सड़कों पर मवेशियों का विचरण कम हुआ है। गौठानों में ग्रामीणों द्वारा चारे के दाने के साथ-साथ मवेशियों के उचित प्रबंधन, देखरेख के लिए ग्राम स्तर पर गौठान प्रबंधन समिति का चयन किया गया है। जिनके द्वारा गौठान का संचालन किया जा रहा है।नरवा के तहत् जिले को तीन सेक्टर में बांटा गया है। इसके अंतर्गत 84 नरवा का डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लिया गया। जिसमें नालों की मरम्मत की गयी। जिसके अंतर्गत 1,33,681 हेक्टेयर केचमेन्ट एरिया आता है। उक्त नरवा उपचार क्रियान्वयन हेतु 70 नरवा का डीपीआर तैयार किया गया। अब नरवा मंे वर्षा के बाद भी दो माह तक पानी भरा रहता है। जिससे जल संरक्षण एवं जल संवर्धन भी बढ़ा है। इन कार्य से आसपास के क्षेत्र में हरियाली है।
गौठानों में पशु अवशेषों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन कर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद के साथ ही विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधियां संचालित है। ग्राम गौठान प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा गौठान का संचालन करने से अब मवेशियों से फसल सुरक्षित होने से किसान भी निश्चिंत है। साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आयी है। मवेशियों के चराई हेतु जिले में कुल 1115 एकड़ में 296 चारागाह के लिए राशि स्वीकृत की गयी है। इनमें 112 पूर्ण, वही 88 प्रगतिरत् है, शेष अप्रारम्भ है। जिले के 139 गौठानों में पशुओं के पौष्टिक हरे चारे के लिए 6,32,400 नेपियर रूट की व्यवस्था की गयी है। जो चयनित गौठानों में उपलब्ध जमीन उपलब्धता के आधार पर कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 22 गौठानों में 1,36,000 नेपियर रूट चारा उत्पादन की व्यवस्था की गयी है।
इसके अलावा स्वयं की व्यवस्था से 7 गौठानों में 46,400 नेपियर रूट लगाया गया। तो वही पशुधन विभाग द्वारा 110 गौठानों में 4,50,000 नेपियर रूट चारा उत्पादन की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही मनरेगा अंतर्गत 122 नवीन चारागाह रकबा 256 एकड़ स्वीकृत किया गया है। जिसमें 13 लाख नेपियर रूट लगाने की कार्ययोजना है। ताकि मवेशियों को पूरे वर्ष हरे चारे की उपलब्धता हो सके। यह योजना पूरें प्रदेश में लागू है। बाड़ी लगाने के लिए मनरेगा से सहायता दी जा रही है। तो वही स्व-सहायता समूहों को महिला एवं समाज कल्याण की ओर से मदद दी जा रही है। ग्रामीण खुद ही आगे बढ़कर मदद कर रहें हैं। गांवों में आवारा मवेशियों की समस्या कम हो गयी है। इसलिए किसान दूसरी एवं तीसरी फसल लगाने को लेकर उत्साहित और ललाइत है।
इस योजना कार्य से गांव के महिला स्व-सहायता समूहों और युवाओं को जोड़ा गया है। इस योजना से किसानों को जैविक खाद उपलब्ध हो रहा है। तो वही कृषि लागत भी कम हुई है। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। योजना के तहत् गरवा के आसपास के ग्रामों के किसानों द्वारा गौठानों के लिए स्वेच्छा से पैरादान भी किया जा रहा है। किसानों की इस कार्य की सराहना भी की गयी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है। बाड़ी योजना में किसानों के घरों की बाड़ी में सब्जियों और मौसमी फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पौष्टिक आहार उपलब्ध हो रहा है। वहीं शाला-आश्रमों, ऑगनबाड़ी केन्द्रों की खाली पड़ी जमीन पर किचन गार्डन बच्चों द्वारा तैयार कर हरी-सब्जी भाजी का उपयोग किया गया है। इस योजना के माध्यम से भू-जल रिचार्ज, सिंचाई और ऑर्गेनिक खेती में मदद, किसान को दोहरी फसल लेने में आसानी हुई है। -
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कम्प्यूटर एक्सेल शीट में एंट्री का काम जारी
महासमुंद : महासमुंद ज़िले में चिटफ़ंड कंपनियों में अपनी रक़म डुबाने वाले 87081 निवेशकों ने अंतिम तारीख़ तक अपने आवेदन प्रस्तुत किए है। बागबाहरा विकासखंड में सर्वाधिक 28200 चिटफ़ंड में रक़म गवाने वाले निवेशकों से आवेदन आए है। वही महासमुंद ब्लॉक से 25000, सरायपाली से 17934 और पिथौरा ब्लॉक से 15947 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें ज्यादातर आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के है। इन सभी आवेदनों को संबंधित एस.डी.एम. कार्यालयों में कम्प्यूटर एक्सेल शीट में एंट्री की जा रही। पूरी एंट्री दो-तीन दिन में हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की जमा राशि वापस दिलाने की कार्रवाई में तेजी लाने जिला स्तर पर निवेशकों और स्थानीय लोगों से चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों की जानकारी लेकर वसूली के लिए नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश बीते 2 जुलाई को अपने निवास कार्यालय में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए थे। छत्तीसगढ़ राज्य में 187 अनियमित चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 427 प्रकरण पंजीबद्ध है, इनमें से 265 प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन हैं। अब तक चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर नौ करोड़ 32 लाख रुपए की वसूली की गई है तथा 17 हजार 322 निवेशकों को सात करोड़ 86 लाख रुपए वापस किए गए हैं। -
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महासमुंद : जिला महासमुंद के सभी आरक्षी केन्द्र प्रभारियों एवं पैनल अधिवक्ताओं को ऑनलाइन सेमिनार के माध्यम से अर्ली एक्सेस टू जस्टिस एट प्री अरेस्ट, अरेस्ट एवं रिमांड स्टेज योजना के संबंध में बताया गया। इसके साथ ही आगामी लोक अदालत हेतु जारी समन्स की तामिली, धारा 188 आईपीसी के तहत लम्बित मामलों से सम्बंधित अभियोग पत्र को अविलंब प्रस्तुत करने को कहा। उक्त वेबिनार में समस्त आरक्षी केन्द्र प्रभारियों को यौन अपराधों से सम्बंधित मामलों में पीड़िता की ओर से पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत आवेदन प्रेषित करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा जारी कॉमन मिनिमम एक्टिविटी के प्रस्ताव पर यह सेमीनार रखा गया था। श्री मोहम्मद जहाँगीर तिगाला द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय महासमुंद में अर्ली एक्सेस टू जस्टिस एट प्री अरेस्ट, अरेस्ट एवं रिमांड स्टेज योजना की विस्तार से जानकारी दी गयी। उक्त वेबिनार में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महासमुंद श्रीमती मेघा टेम्भुल्कर एवं सीएसपी सुश्री कल्पना वर्मा उपस्थित थी। -
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महासमुंद : अल्पसंख्यक समुदाय (जैन, बौद्ध, सिक्ख, पारसी, मुस्लिम, ईसाई) के विद्यार्थियों को वर्ष 2021-22 के लिए प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति के अंतर्गत लाभान्वित किए जाने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है। प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 15 नवम्बर तक, पोस्ट मेट्रिक एवं मेरिट कम मीन्स के छात्रों के लिए 30 नवम्बर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की वेबसाईट www.minorityaffairs.gov.in पर या सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग से सम्पर्क कर सकते है। -
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महासमुंद : जिले की प्राथमिक शालाओं में कक्षा पहली से पॉचवी तक अध्यापन कार्य करने वाले सभी शिक्षकों एवं प्रधान पाठकों को क्षमता संवर्धन बढ़ाने के लिए ऑनलाईन कोर्स कराया जाएगा। शिक्षकों को दीक्षा पोर्टल में ऑनलाईन पंजीयन करना होगा।
शिक्षकों को ऑनलाईन पंजीयन करने हेतु पुराने एप अनस्टाल कर नए वर्जन (4.0 या अधिक) को इंस्टाल करना होगा। जिला शिक्षा मिशन समन्वयक ने बताया कि जिन शिक्षकों ने शिक्षा सत्र 2020-21 में ऑनलाईन कोर्स किया है, उन्हें भी यह कोर्स करना होगा। अधिकारियों ने बताया कि दीक्षा पोर्टल संबंधित जानकारी सभी प्राथमिक शालाओं में भेज दी गयी है। हर मॉड्यूल की अवधि 3-4 घंटे होगी। 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर ही ई-सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज गुरूवार को 01 सितम्बर 2021 से 12 अक्टूबर 2021 तक चलने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण के कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने जिला मुख्यालय महामसुन्द के समीप ग्राम झालखम्हरिया के पंचायत भवन एवं महासमुन्द के वार्ड क्रमांक 01 में पहुंचे जहां पर्यवेक्षकों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों का सूची तैयार किए जाने के लिए ऑनलाईन पंजीकरण एवं डाटा संग्रहण व सत्यापन का कार्य डोर-टू-डोर किया जा रहा है। इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार उपस्थित थे।
कलेक्टर ने इस कार्य में लगे कर्मचारियों को कहा कि पंजीयन में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या होने पर ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को जानकारी देने को कहा। ताकि तकनीकी समस्या का समाधान चिप्स कार्यालय रायपुर के समन्वय से समाधान कराया जा सके और निर्धारित समय पर ऑनलाईन पंजीयन का कार्य किया जा सके। कलेक्टर ने पंजीयन करा रहें लोगों को सही-सही जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की। -
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दो वर्ष में 512 डबरी और 40 तालाबों का निर्माण हुआ
महासमुंद : महासमुंद ज़िले में पानी बचाने और जल संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत डबरी, तालाब, और कुआँ के साथ तालाब गहरीकारण, स्टॉप डेम, चेक डेम आदि का निर्माण किया जा रहा है। ज़िला पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत ज़िले में जल संरक्षण के लिए पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1056 कार्य किए गए। जिसमें 40 नए तालाब का निर्माण शामिल है। वही 499 तालाबों का गहरीकरण हुआ। किसानों की ज़मीन पर 473 निजी डबरी बनाई गई। तो वही 31 नहर लाईनिग कार्य हुए। इसी प्रकार 13 कुँआ, चेकडेम और स्टाप डेम निर्मित हुए। इन सभी से 1527 हेक्टेयर खेत सिंचित हुए।
चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 41 तालाबों का गहरीकरण और 39 निजी डबरी का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इससे 131.72 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी और भू-जल स्तर में भी वृद्धि होगी। ज़िले में इन दो वर्षों में 512 तालाबों का गहरीकरण किया गया है। इस दौरान दोनों वित्तीय वर्षों में कुँआ और 12 चेकडेम और स्टॉप डेम भी बनवाए गए हैं। सिंचाई नहरों की लाईनिंग का कार्य भी मनरेगा में लिया जा रहा है। दोनो वर्ष में नहर लाईनिंग के 34 कार्य पूर्ण किए गए, जिनसे 170 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार हुआ, वहीं वर्ष 2021-22 में जुलाई तक नहर लाईनिंग के 3 कार्य पूर्ण कर 15 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित की गई।
वित्तीय वर्ष 2020-21 व चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 512 निजी डबरियों का निर्माण किया गया। पिछले वर्ष 473 बनी थी। पौध रोपण के लिए कार्य योजना के तहत नर्सरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राशि मंजूर की गई है। इन नर्सरियों में पौधे तैयार किए गए हैं, जो चालू मानसून के दौरान लगाए जा रहे है। -
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महासमुंद : सड़क दुर्घटना में मृतक श्री संतोष यादव की पत्नी श्रीमती संतोषी यादव को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है। महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम तुमगांव निवासी श्री संतोष यादव की मृत्यु एक सड़क दुर्घटना से हो गई थी। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने उनकी पत्नी श्रीमती संतोषी यादव उक्त आर्थिक अुनदान सहायता राशि स्वीकृत की है। -
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महासमुंद : बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा महामसुन्द जिले के खासकर ग्रामीण क्षेत्र के 47 युवक-युवतियों को विभिन्न रोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले शुक्रवार 24 अगस्त से 32 प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क 30 दिवसीय मोबाईल रिपेयरिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी प्रकार 28 अगस्त से 15 युवतियों को सामान्य उद्यमिता विकास संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन दोनों प्रशिक्षण में सभी प्रशिक्षणार्थी को बाजार सर्वेक्षण, बैंक संबंधी, वित्तीय प्रबंधन व कुशल उद्यमी बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बड़ौदा आरसेटी निदेशक श्री संजीव प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम दिवस में सहायक नियंत्रक मूल्यांकन और प्रमाणन छत्तीसगढ़ के द्वारा अंतिम परीक्षा ली जाएगी, जिसमें उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को नेशनल एकेडेमी ऑफ रूडसेटी द्वारा प्रमाण-प्रत्र प्रदान किया जायेगा। साथ ही मोबाईल रिपेयरिंग प्रशिक्षण के अंतिम दिवस बड़ौदा आरसेटी महासमुन्द के द्वारा प्रमाण प्रत्र प्रदान की जायेगी। -
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कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों की बैठक लेकर ली जानकारी
महासमुंद : पूरे छत्तीसगढ़ सहित महामसुन्द जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की गिनती (गणना) बुधवार 01 सितम्बर से शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ क्वांटीफायबल डाटा आयोग के मोबाईल एप में संबंधित व्यक्ति स्वयं अपने से संबंधित जानकारी का पंजीयन कर सकता है। यह ‘सीजीक्यूडीसी‘ ¼CGQDC) एप छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) द्वारा तैयार किया गया है। मोबाईल एप को प्लेस्टोर में जाकर डाउनलोड कर तय प्रारूप में चाही गई जानकारी अपलोड किया जा सकता है। पंजीयन हेतु लॉगईन करने हेतु कुछ विकल्प दिए गए है। जिसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड और मुखिया का मोबाईल नम्बर का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑनलाईन पंजीयन एवं डाटा संग्रहण व सत्यापन का कार्य 01 सितम्बर से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज यहां कलेेक्ट्रेट के सभाकक्ष में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के सर्वेक्षण एवं डाटा संग्रहण की कि गई तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के लिए हर तरह के अवसरों की समानता निर्मित करना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। बुधवार 01 सितम्बर को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना हेतु मोबाईल एप ‘सीजीक्यूडीसी‘ ¼CGQDC) और वेब पोर्टल www.cgqdc.in लांच किया। इस एप में अपने से संबंधित जानकारी दर्ज कर एप के माध्यम से गणना हेतु सर्वे कार्य का प्रदेशव्यापी शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी ने बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के सर्वेक्षण का कार्य 01 सितम्बर 2021 से प्रारम्भ किया गया है। ऑनलाईन पंजीकरण एवं डाटा संग्रहण व सत्यापन का कार्य 01 सितम्बर 2021 से 12 अक्टूबर 2021 तक किया जाएगा। डाटा संग्रहण पश्चात्् ग्राम पंचायत वार एवं वार्ड चार सूची का प्रारंभिक प्रकाशन सूची सभी ग्राम पंचायत कार्यालय, जनपद कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं जोन कार्यालय में प्रकाशित 30 अक्टूबर 2021 तक किया जाएगा। प्रारंभिक प्रकाशन पर दावा एवं आपत्ति 16 नवम्बर 2021 तक प्राप्त कर निराकरण 30 नवम्बर 2021 तक किया जायेगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र में ग्राम सभा द्वारा एवं नगरीय निकाय क्षेत्र में पी. आई. सी. एवं एम.आई.सी. द्वारा 20 दिसम्बर 2021 तक अनुमोदन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में जनपद स्तर पर एवं नगरीय क्षेत्र में निकाय स्तर पर डाटा संकलन का कार्य 31 दिसम्बर 2021 तक किया जाना। जनपद एवं निकाय स्तर से जिला स्तर पर डाटा सम्प्रेषण 14 जनवरी 2022 तक किया जायेगा। सर्वे के लिए 183 पर्यवेक्षकों की नियुिक्त की गई है। जिनमें से शहरी क्षेत्रों में 27 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 156 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। संबंधित व्यक्तियों द्वारा भरी गयी जानकारियां ग्राम पंचायत, नगर पंचायत अथवा नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त सुपरवाईजर के पास स्वयं ही फारवर्ड हो जाएगी। आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाईजर को जैसे ही आवेदक की जानकारी मिलेगी, वह उसका सत्यापन करेगा। इसके बाद डाटा सर्वर में सुरक्षित हो जाएगा। यही डाटा राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना में सहायक होगा। -
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महासमुन्द : नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गौठानों और चारागाहों में पशुओं के उत्तम चारा के लिए नेपियर ग्रास लगाने का कार्य स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में तुमाडबरी गौठान में लगभग आधा एकड़ में घास लगाया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। तो वही महासमुन्द के 05 चारागाह में 28200 नेपियर रूट ग्राम पंचायत कछारडीह व बम्हनी के चारागाहों से लगाये गये है। तो वही चारागाह ठुठापाली, जनपद पंचायत बसना में नेपियर ग्रास अब लहलहा रहा है। पशुओं के लिए पौष्टिक माने जाने वाले नेपीयर घास की खासियत एवं गुणवत्ता को देखते हुए इसे रोपित किये जाने कार्य प्रारंभ किया गया। पौष्टिकता से भरपूर मवेशियों का प्रिय आहार हरा-चारा नेपियर घास जिलें के गौठान में विकसित किये गए चारागाहों में लहलहा रहे हैं। जिले में बारिश और धूप भी अच्छी हो रही है जिसके परिणामस्वरूप चारागाहों में लगाए गए नेपियर घास तेजी से विकसित हो रहे हैं, जिससे चारागाह में हरियाली छाई है।
जिले की 283 पूर्ण गौठान के चारागाहों में अनिवार्य रूप से नेपियर घास पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, उद्यानिकी विभाग और जनपद पंचायत गौठान प्रबंधन समिति को दिए हैं। अब तक 283 ग्राम पंचायतों में 448 एकड़ रकबा चारागाह हेतु प्रस्तावित किया गया है। जिसमें से 89 गौठानों के चारागाह में 89.9 एकड़ क्षेत्र में नेपियर घास लगाया गया है। साथ ही डी.एम.एफ. अन्तर्गत 4.00 लाख खरीदी हेतु रू. 7.00 लाख स्वीकृत किये गए है। महात्मा गांधी नरेगा से कुल 122 चारागाह इस वर्ष स्वीकृत किये गए है। जो कि कुल लगभग 232 एकड़ है। पशु विभाग द्वारा अब तक कुल 4.00 लाख नेपियर प्रदाय किया जा चुका है, व कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 1लाख 36 हजार नेपियर रूट प्रदाय किया गया है, साथ ही पशु विभाग द्वारा गौठान प्रबंधन समितियों के माध्यम से 27 चारागाहों में 42.5 एकड़ में बाजरा, मक्का, ज्वार लगाया गया है।
शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा व बाड़ी योजना में गौठान में पशुओं को हरा चारा हमेशा उपलब्ध रहे इसके लिए कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कार्ययोजना बनाकर सबसे पहले चारागाहों को नेपियर घास के लिए आत्मनिर्भर बनाने सभी गौठानों में जहां पानी की समुचित व्यवस्था है वहां पर नेपियर रूट लगाए जा रहें हैं। जनपद पंचायत आगामी वर्षो में अन्य जिलों के चारागाहों को भी नेपियर गांठ बेचकर गौठान समितियां आमदनी प्राप्त कर सकेंगी। नेपियर को हाथी घास भी कहा जाता है। पशुओं के लिए यह पौष्टिक चारा है। जिन चारागाहों में पानी आदि की समस्या है वहां पर बोर, डबरी, कुआँ जल्द से जल्द कराने की कार्यवाही की जा रही है। जिससे पानी की समस्या दूर हो तथा बरसात के बाद भी चारागाह सुचारू रूप से संचालित रहें। गौठान प्रबंधन समितियों को गौठान के साथ-साथ चारागाह देखभाल कर इसका उपयोग किये जाने हेतु पशु विभाग व कृषि विभाग के अमलों द्वारा प्रेरित किया जा रहा है।
संकर नेपियर घास की खेती इस क्रम में एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे अन्य चारा फसलों की अपेक्षा कई गुना हरा चारा मिलता है। साथ ही इसकी खेती से 4-5 वर्षों तक बुवाई पर होने वाले व्यय की भी बचत होती है। संकर नेपियर घास एक बहुवर्षीय चारा फसल है एक बार बोने पर 4-5 वर्ष तक सफलतापूर्वक हरा चारा उत्पादन करती है। नेपियर घास की खास बातें नेपियर घास बाजरा की हाईब्रिड वैरायटी है। जो कि न केवल बंजर जमीन बल्कि खेतों की मेड़ों पर उगाई जा सकती है। केवल सिंचित करने की आवश्यकता है। यह समय यानि बरसात का समय नेपियर घास की रोपाई करने का सही समय है। यह घास बीस से पच्चीस दिन में तैयार हो जाती है। नेपियर घास का उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 300 से 400 क्विंटल होता है। एक बार घास की कटाई करने के बाद उसकी शाखाएं पुनः फैलने लगती है। -
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महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने पर मृतक के स्वजन के लिए आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। इनमें विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम सुनसुनिया निवासी श्री प्रमोद कुमार ठाकुर की मृत्यु 17 जुलाई 2020 को तालाब में डूबने से होने पर उनके पिता श्री साधुराम के लिए चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई हैं। -
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सर्वाधिक आवेदन महासमुंद विकासखंड में आए
महासमुन्द : राज्य शासन की नई महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत आज 01 सितम्बर से जिले में हितग्राही परिवार के मुखियाओं से आवेदन लेना शुरू हो गया है। आवेदन जिले के सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों में कार्यालयीन समय में लिए जा रहें हैं। डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी डॉ.नेहा कपूर ने बताया कि आज महासमुंद ज़िले में 5006 आवेदन प्राप्त हुए। ज़िले में सर्वाधिक आवेदन महासमुंद की ग्राम पंचायत कार्यालयों में 1635 हितग्राहियों ने आवेदन किए। पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायतों में 658 आवेदन,बसना में 915 हितग्राहियों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन मिले। वही सरायपाली ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में 1005 और बागबाहरा में 793 आवेदन प्राप्त हुए।
निर्धारित प्रपत्र ग्राम पंचायत कार्यालय से नि:शुल्क दिया जा रहा है। ज़िले के क़रीबन 63000 ग्रामीण परिवारों को इस योजना से फ़ायदा मिलेगा। पात्र पाए गए हितग्राहियों को सालाना 6000 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में जाएँगे। यह योजना उन छत्तीसगढ़ के मूल निवासी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर के लिए है जिनके पास कोई खेती की ज़मीन नही है ।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने भी महासमुंद के अंदरूनी ग्राम पंचायत कौंदकेरा जाकर की आवेदन लेने की प्रक्रिया को देखा और एक महिला हितग्राही श्रीमती अग्नि ध्रुव से आवेदन लिया। इस मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री भागवत प्रसाद जायसवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री शशिकांत कुर्रे, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर उपस्थित थे। -
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महासमुन्द : जिले में इस साल अब तक अल्प वर्षा एवं खण्ड वर्षा के कारण खरीफ फसल की स्थिति अभी उतनी अच्छी नहीं है, जितनी इस समय होनी चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी एसडीएम को फसल सिंचाई एवं अल्प वर्षा तथा खण्ड वर्षा के कारण खरीफ फसल की स्थिति के संबंध में जानकारी मांगी है।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बुधवार को महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम गढ़सिवनी एवं बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम खुर्सीपार के खेतों में जाकर फसल की जमीनी हकीकत का जायजा लिया। उन्होंने किसानों से भी बात की। किसानों ने बताया कि इलाकों में इस साल अब तक अवर्षा एवं खण्ड वर्षा के कारण फसल की स्थिति उतनी ठीक नहीं है जितनी होनी चाहिए। किसानों ने कहा कि कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो फसल को काफी नुकसान होगा। कलेक्टर ने अपने भ्रमण के दौरान गिरदावरी का कार्य भी देखा। पटवारियों को गिरदावरी संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने किसानों को कहा कि अल्प वर्षा एवं खण्ड वर्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए धान के बदले कोदो-कुटकी, उद्यानिकी फसलें एवं मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत पौधरोपण करने को कहा। उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारियों को क्षेत्रों में जाकर फसल क्षति के वास्तविक नुकसान के बारें में जानकारी लेने तथा किसानों को नियमानुसार लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम महासमुन्द श्री भागवत जायसवाल, एसडीएम बागबाहरा श्री राकेश कुमार गोलछा, डिप्टी कलेक्टर डॉ नेहा कपूर सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोमाखान में पहुंचकर चौपाल लगाई। उन्होंने ग्रामीणों को ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ के बारें में जानकारी दी। राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-2022 में बुधवार 01 सितम्बर से 30 नवम्बर तक इस योजना के तहत पंजीयन किया जाएगा। उन्होंने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान तथा भूमिहीन कृषि परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। इससे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के आय में वृद्धि होगी। पात्र भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए 6000 रूपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि सीधे उसके बैंक खातें मेें जमा करायी जाएगी। जिससे गरीब परिवारों को आर्थिक लाभ मिल सकें।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के मुखिया को पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। इसके लिए इच्छुक ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को निर्धारित समयवधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल आरजीजीबीकेएमएनवाय डाट सीजी डाट एनआईसी डाट इन ¼rggbkmny-cg-nic-in) में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पंजीयन हेतु मजदूर परिवार के मुखिया को आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन में यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा हितग्राही से प्राप्त आवेदन निर्धारित समय सीमा में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। जहां पोर्टल में इसकी प्रविष्टी की जाएगी। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईंया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-1 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जायेगी। जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके तथा भूमिहीन परिवारों को आवेदन भरने में सुविधा प्राप्त होगी। -
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बनायी गयी सामग्री की बिक्री आसानी से होने लगी
महासमुन्द : महासमुन्द से सटे ग्राम बरोण्डाबाजार में स्व-सहायता समूह की महिलाएं अब बहुत खुश है। क्योंकि समूह के लिए कार्यस्थल (वर्क शेड) सह दुकान का निर्माण समय से पहले ही पूरा हो गया है। क्योंकि पूर्व में उनके कार्य करने हेतु कोई स्थान नहीं था इस कारण उन्हें काफी दिक्कत होती थी। शेड में दो दुकानें भी है। इन दुकानों में जय शीतावर दाई स्व-सहायता समूह द्वारा सिलाई कार्य किया जाता है। तो वही दूसरे दुकान में गायत्री स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनायी गयी मिट्टी की सामग्री बर्तन व कलाकृति का विक्रय किया जाता है। उक्त निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मद से निर्मित है।समूह की महिलाओं को दोनों दुकानों के बीच स्थित वर्कशेड में उन्हें अपनी स्थानीय सामग्री बनाने के लिए सुरक्षित पर्याप्त स्थान मिल गया है। उपरोक्त निर्माण सड़क से लगे होने से आसपास शिक्षण संस्थान होने के कारण उनकी सामग्री की बिक्री भी आसानी से हो जाती है। इससे उन्हंे आर्थिक लाभ हो रहा है। उनके जीवन स्तर में भी सुधार आ रहा है। इससे पहले समूह की महिलाएं अपने छोटे घरों में कार्य करती थी। जिससे उन्हें काफी कठिनाई होती थी। इसके अलावा उनके द्वारा बनायी गयी सामग्री बेचने हेतु कोई सुरक्षित स्थान भी नहीं था। किंतु अब उनकी यह दिक्कत दूर हो गयी है। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बुधवार को ग्राम पंचायत कौंदकेरा, गढ़सिवनी भ्रमण के दौरान प्राथमिक शाला बनसिवनी पहुँचे। मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता देखी तथा बच्चों से भी बात की। उन्होंने बच्चों, शिक्षकों के साथ तस्वीर खिचवाई। कलेक्टर गढ़सिवनी से गिरदावरी और अवर्षा एवं खंड वर्षा के कारण ख़रीफ़ फसल की ज़मीनी हक़ीक़त का जायज़ा लेकर लौट रहे थे कि उनकी नज़र बच्चों पर पड़ी। इस मौके पर डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर भी साथ थी।
कलेक्टर के स्कूल पहुँचने पर शिक्षकों ने बताया कि अभी लंच टाईम है।
बच्चों ने भोजन कर लिया है। कलेक्टर ने मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और पढ़ाई लिखाई के संबंध में बात की। उन्होंने बच्चों की किताब-कॉपी और स्कूल यूनिफॉर्म मिलने के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने साफ़-सफ़ाई पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने पर रोज़ राष्ट्रगान हो यह सुनिश्चित किया जाए। शाला में पदस्थ शिक्षकों की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान कमरों की दीवारों पर पुराने एवं अस्पष्ट पोस्टर तत्काल बदलने एवं वॉल पेंटिंग कराने को कहा। कलेक्टर दोपहर 12ः00 बजे स्कूल पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों को समय पर शिक्षण कार्य प्रारंभ करने को कहा।