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महासमुन्द : जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि महासमुन्द नगरपालिका क्षेत्र के डॉ. राधाकृष्ण वार्ड एवं डॉ. अम्बेडकर वार्ड में स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान में छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2016 की कंडिका 9 के तहत् शासकीय उचित मूल्य दुकान का आबंटन किया जाना है। इन दोनों वार्डांे में शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन के लिए ईच्छुक संस्थाओं, समितियों (नगरीय निकाय, महिला स्व सहायता समूह प्राथमिक कृषि साख समिति एवं अन्य सहकारी समिति) से विहित परिशिष्ट एक में आवेदन पत्र समस्त दस्तावेजों के साथ 28 सितम्बर 2021 तक आमंत्रित किया गया है।
आवेदन पत्र कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा), महासमुन्द में कार्यालयीन अवधि में अवकाश दिवस को छोड़कर) अथवा खाद्य विभाग के जनभागीदारी वेबसाईट https://khadya.cg.nic.in/rationcards/Online ServieModule/Default3.aspx में ऑनलाईन प्रस्तुत किया जा सकता है। आवेदन पत्र का प्रारूप एवं विस्तृत विवरण ऑनलाईन अथवा कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। -
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महासमुन्द : 21 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में 15 सितम्बर से 19 सितम्बर तक आयोजित किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में हैण्डबॉल बालक-बालिका 17 से 19 वर्ष, बॉल बैडमिंटन बालक-बालिका 14 से 17 वर्ष तथा रग्बी बालक-बालिका 17 से 19 वर्ष के खिलाड़ी शामिल होंगे। -
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महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने पर मृतकों के स्वजनों के लिए आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। इनमें विकासखण्ड महासमुन्द के ग्राम झलप निवासी श्री रोशन मारकंडे की मृत्यु 29 सितम्बर 2018 को तालाब में डूबने से होने पर उनकी माता श्रीमती राजकुमारी मारकंडे के लिए एवं विकासखण्ड बसना के ग्राम लोहरिनडिपा निवासी श्री अमृतलाल सिदार की मृत्यु 06 जुलाई 2017 को सॉप के काटने से होने पर उनकी पत्नी श्रीमती रामकुमारी सिदार के लिए चार-चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई हैं। -
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महासमुंद : समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला मुख्यालय महासमुन्द के दलदली रोड में वृद्धाश्रम संचालित है। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्रीमती संगीता सिंह ने बताया कि वृद्धाश्रम संचालन के लिए समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त स्वयं सेवी संस्थाओं से वृद्धाश्रम संचालन के इच्छुक व्यक्तियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए है। इसके लिए विभागीय वेबसाईट ूूूण्ेूण्बहण्हवअण्पद में जाकर आवेदन कर सकते है। इसके उपरांत सम्पूर्ण आवेदन समाज कल्याण के जिला कार्यालय महामसुन्द में उपस्थित होकर कार्यालयीन अवधि में जमा कर सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी कार्यालयीन समय में प्राप्त किया जा सकता है। -
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साक्षर व्यक्ति की वैचारिक क्षमता समृद्ध होती है : श्री चंद्राकर
महासमुन्द : विकासखण्ड साक्षरता मिशन प्राधिकरण महासमुन्द के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर पढ़ना-लिखना अभियान के तहत सर्वे कार्य करने वाले शिक्षकांे, अनुदेशक एवं असाक्षर प्रशिक्षार्थियों का सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी का आयोजन नवकिरण अकादमी महामसुन्द में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि संसदीय सचिव एवं महासमुन्द विधायक श्री विनोद चन्द्राकर एवं अध्यक्षता जनपद पंचायत महासमुन्द के अध्यक्ष श्री यतेंद्र साहू की उपस्थिति में किया गया।
कार्यक्रम में अतिथियों ने सर्वे कार्य करने वाले शिक्षकों, उत्कृष्ट कार्य करने वाले अनुदेशकों एवं पढ़ने लिखने में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 5 असाक्षर प्रशिक्षार्थियों का सम्मान किया।
मुख्य अतिथि श्री विनोद चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा साक्षरता मिशन प्राधिकरण के माध्यम से पढ़ना-लिखना अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए संकल्पित है। इसके तहत साक्षर बनाने के साथ-साथ लोगों में सोच चिंतन करने की क्षमता विकसित करना भी है। आज हमारी वृद्ध माताएं साक्षर होकर समाचार पत्र पढ़कर देश दुनिया की जानकारी प्राप्त कर साझा कर रहे है। साक्षर व्यक्ति की वैचारिक क्षमता समृद्ध होकर अपना विचार प्रस्तुत कर रहे है। यह पढ़ना-लिखना अभियान की उपलब्धि है।
जिससे असाक्षर जुड़कर साक्षर होकर इस अभियान को सफल बना रहे है। साक्षरता के जिला परियोजना अधिकारी श्री रेखराज शर्मा एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री एम पी साहू ने भी अपना विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर बीआरसीसी श्री जागेश्वर सिन्हा, नोडल अधिकारी श्रीमती खेमीन साहू, समन्वयक श्रीमती भारती सोनी, पीताम्बर पाठक, पवन साहू, रसीद कुरैशी, मनोज साहू, आशीष साहू प्रदीप यादव महेश्वर यादव केशव साहू भुनेश्वर साहू समस्त शिक्षक, अनुदेशक एवं साक्षर प्रशिक्षार्थी उपस्थिति थे। कार्यक्रम का संचालन श्री ईश्वर चन्द्राकर एवं आभार प्रदर्शन सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री गजेंद्र ध्रुव ने किया। -
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महासमुंद : जिले में साक्षरता कार्यक्रम वातावरण निर्माण के लिए कल बुधवार 08 सितम्बर से 17 सितम्बर 2021 तक अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया जाएगा। दुनियाभर में 08 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए विशेष रणनीति तैयार कर सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।राज्य साक्षरता मिशन के प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि साक्षरता आज की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है इसका सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। साक्षरता में वो क्षमता है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। इसलिए लगातार शिक्षा को प्राप्त करने के लिए परिवार और समाज के लोग अपनी जिम्मेदारी को भी समझें।
विभागीय अधिकारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताया कि साक्षरता सप्ताह के अंतर्गत (अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस) 08 सितम्बर को जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों और जिला अधिकारियों की उपस्थिति में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेवी शिक्षक/नवसाक्षर को सम्मानित किया जाएगा। दूसरे दिवस प्रौढ़ एवं युवाओं के लिए डिजिटल साक्षरता, विषय पर संगोष्ठी का आयोजन होगा।तो तृतीय दिवस साक्षरता पर भाषण, निबंध लेखन, रंगोली प्रतियोगिता का कार्यक्रम रखा गया है। चतुर्थ दिवस पंचायती राज प्रतिनिधियों का सम्मेलन में साक्षरता पर केन्द्रित विचार गोष्ठी, पाचवां दिवस शिक्षार्थियों के लिए चित्र देखो और लिखो प्रतियोगिता, छठवां दिवस महिला साक्षरता पर केन्द्रित जागृति शिविर का आयोजन होगा। अंतिम सातवां दिवस 17 सितम्बर 2021 को जिला स्तरीय अक्षर सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।
मालूम हो कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की योजना यूनेस्को द्वारा 07 नवम्बर 1965 को की गयी थी कि हर वर्ष 08 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाएगा। इस प्रकार पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 08 सितम्बर 1966 को मनाया गया। मनाने का उद्देश्य लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है और व्यक्ति, समाज, समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 साक्षरता दिवस की थीम ‘‘मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना’’ है। वहीं 2020 की थीम कोविड-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा थी। -
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25 वर्ष से कम आयु की बालिका-महिला करा सकती पंजीयन
महासमुंद : महिलाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिले में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन चालू माह में किया जाएगा। इसके लिए तिथि तय की जा रही है। महिलाओं की खेलकूद प्रतियोगिता विकासखण्ड स्तर और जिला स्तर पर आयोजित होंगी। इस खेलकूद में 25 वर्ष से कम उम्र के सभी महिलाएं/बालिकाएं शामिल हो सकती है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज समय-सीमा बैठक के बाद संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर पूरी रूपरेखा तय करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि इन प्रतियोगिताओं के दौरान कोविड-19 के दिशा-निर्देशों एवं जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील चंद्रवंशी, सहायक संचालक स्कूल शिक्षा श्री हिमांशु भारतीय, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री समीर पांडे मौजूद थे।
खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरें ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तर पर आयोजित होने वाले 12 तरह की क्रीड़ा प्रतियोगिता होंगी। जिसमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बास्केटबाल, फुटबॉल, हैण्डबाल, हॉकी, कबड्डी, बॉलीबॉल, भारोत्तोलन, स्वीमिंग, कुस्ती और रस्साकसी का आयोजन होगा। वही विकास खण्ड स्तर पर इन 12 खेलों में से कम से कम 05 खेलों का आयोजन उपलब्ध खेल संसाधनों पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर आयोजित खेलों के विजेता दल या प्रतिभागी जिला स्तर के खेलों में भाग लेगा। जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता दल या प्रतिभागी सीधे राज्य स्तरीय खेल आयोजन में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्तर पर भाग लेने वाले खिलाड़ी की जानकारी देना होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले महिला/बालिकाओं को आयु संबंधी प्रमाण पत्र की छायाप्रति लाना होगा। अधिक जानकारी के लिए खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण महासमुन्द के मोबाईल नम्बर 96175-00748 या सीधे कार्यालय में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है। -
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कार्यों पर एजेंडावार हुई चर्चा
महासमुंद : कलेक्टर श्री डोमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जल जीवन मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यों पर एजेंडावार चर्चा हुई। यह बैठक समय-सीमा की बैठक के तुरंत बाद हुई। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक में शासकीय स्वीकृति तथा ऑनलाईन निविदा आमंत्रण आदि का अनुमोदन किया गया। कार्यपालन अभियंता श्री एस.एस. धकत ने जल जीवन मिशन से संबंधित जानकारी दी। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा सहित समिति सदस्य उपस्थित थे। बैठक में रेट्रोफिटिंग एवं सिंगल विलेज प्रस्ताव पर चर्चा एवं अनुमोदन हुआ। बाकि एजेंडो पर अगली बैठक में विचार विमर्श के बाद रखने को कहा।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्धारित समय में जिले के प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील घरेलू कनेक्शन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकताओं मंे है। उन्होंने कहा कि समस्त प्रक्रियाओं को नियमानुसार पूरा कर इस योजना में आवश्यक पाईप विस्तार अथवा घरेलू कनेक्शन शत्-प्रतिशत् पूर्ण करने का कार्य करें। -
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सर्वाधिक प्रभावित गांवों में रोजगार मूलक काम होते रहें
महासमुंद : जिले में इस साल अब तक अल्प वर्षा एवं खण्ड वर्षा के कारण खरीफ फसल कुछ इलाकों में प्रभावित हो रही है। जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी पटवारी, आरआई कृषि आदि अमले के साथ ऐसे पॉच-पॉच ग्रामों में जाकर फसल की स्थिति का स्थल निरीक्षण कर आंकलन करें। प्रभावित इलाकों के स्थानीय निवासी एवं किसानों को राहत पहुंचाने का काम करें। बारिश की कमी से वर्षा आधारित फसल की स्थिति फिलहाल उतनी अच्छी नहीं जितनी होनी चाहिए। कृषि अधिकारी किसानों को कम समय की फसल लेने की किसानों को सलाह दें। उक्त बातें कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज समय-सीमा की बैठक में कही। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील चंद्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि सूखा संभावित प्रभावित इलाकों में रोजगार संबंधी काम चलते रहें। जिन विभागों के लंबित कार्य जो शुरू नहीं हुए है, उन्हें तत्काल शुरू करें। ताकि लोगों को रोजगार मिलें। उन्होंने कहा मनरेगा के काम भी सुचारू रूप से चलते रहे यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को संभावित सूखा क्षेत्र प्रभावित की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए पेयजल एवं निस्तारी के लिए पानी की उपलब्धता हेतु आवश्यकतानुसार व्यवस्था करने के निर्देश दिए। वही नलकूपों में आवश्यक दवाइयां डालने को भी कहा। जल संसाधन अधिकारियों को भी प्रभावित क्षेत्र में सिंचाई हेतु बॉधों में नियत मात्रा से अधिक पानी उपलब्ध होने पर कृषि भूमि जहां फसल बचाया जा सकता है वहां पानी उपलब्ध कराने एवं नहर आदि विकास कार्य में गति लाने को कहा।
कलेक्टर ने जिले में भू-अर्जन संबंधित प्रकरणों के कार्यों में गति लाने, भू-अर्जन प्रकरणों में पारित अवार्ड अनुसार प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि जल्द प्रदाय करने एवं पारित अवार्ड प्रकरणों में राजस्व अभिलेख दुरुस्ती तत्काल करने को कहा। उन्होंने संभावित सूखा प्रभावित क्षेत्रों को भ्रमण करने एवं गिरदावरी के संबंध में शत्-प्रतिशत् कार्य पूर्ण करने के साथ ही ग्रामीणों और किसानों से फसल आदि बचाने के संबंध में बातचीत करने को भी कहा। कलेक्टर ने बारी-बारी विभागवार जिला अधिकारियों से लंबित प्रकरणों और उनके निराकरण संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने गौठानों में मल्टी एक्टिविटी करने पर बल दिया। वही चारागाह में नेपियर ग्रास और लगाई जाने वाली नेपियर रूट के बारे में भी जानकारी ली। -
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महासमुंद : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी से महासमुंद जिले के 131 गौठान में 464 महिला स्व सहायता समूहों के 3956 सदस्यों को रोजगार के साथ-साथ स्वावलंबन की राह मिल रही है। गौठान के माध्यम से जहां स्व-सहायता समूह के ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक छोटे-छोटे व्यवसाय से सशक्त हो रही है। तो वही गौठान को मल्टी एक्टिविटी केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाकर काम किया जाकर विभिन्न आजीविका गतिविधियां वहां संचालित करके वर्मी खाद बनाने में लगे समूह की महिलाओं की आय के स्रोत बढ़ाए गए हैं।
इसमें उद्यानिकी फसल, सब्जी उत्पादन के लिए किट, गोबर से गोकाष्ट दिया, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादन इकाई, सीमेंट पोल निर्माण, मुर्गी, बकरी, मछली, पशु-पालन, दोना-पत्तल की इकाई, पेन निर्माण, बांस शिल्प, टेरा कोटा, सिलाई संबंधी इत्यादि कार्य गौठान में संचालित किये जा रहे है। जिससे कि विलेज इंडस्ट्रीयल पार्क बनाया जा सके। पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रयास से आदर्श गौठानो में स्व-सहायता समूह की महिलाओ को सतत् रूप से रोजगार का जरिया उपलब्ध कराते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है इसमें सफलता भी मिलने लगी है। विभिन्न आजीविका गतिविधियॉ कर इन 464 महिला स्व-सहायता समूहों के 3956 सदस्यों ने अब तक कुल एक करोड़ 66 लाख 90 हजार 278 रूपए की राशि कमाई।
गौठान में मल्टी एक्टिविटी केंद्रो पर संचालित विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों में 132 महिला समूह के 1350 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 47,69,871 किलोग्राम वर्मी खाद उत्पादन कर बिक्री से 99,76,113 रूपए की राशि का लाभ प्राप्त किया। वही 39 समूह के 345 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 15519 किलो सब्जी उत्पादन कर 674130 रूपए कमाए। इसी प्रकार 13 महिला समूहों के 123 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 569 किलो मशरूम उत्पादन कर 149000 रूपए का बेचा।
इसी प्रकार 32 समूहों के 300 सदस्यों द्वारा 17624 किलो मछली उत्पादन कर 734000 रूपए की मछली बेची। महिला समूह द्वारा मुर्गी पालन का व्यवसाय भी किया जा रहा है। इन 17 समूह की 132 सदस्य जुड़ी हुई है। इनके द्वारा मुर्गी पालन व्यवसाय से अब तक 195200 रूपए की आय प्राप्त की। समूह की महिलाएं बकरी पालन से भी जुड़ गयी है। इन 34 समूह के 240 सदस्यों द्वारा बकरी पालन कर 423000 राशि लाभ प्राप्त किया। महिला स्व-सहायता की 16 समूह के 112 सदस्यों द्वारा पशु पालन कर 278200 लाभ अर्जित किया। पन्द्रह समूह के 118 सदस्यों द्वारा गोबर से गोकाष्ट, दीया, अगरबत्ती निर्माण कर 38950 राशि का लाभ कमाया। इसी प्रकार 166 समूह के 1236 सदस्यों द्वारा अचार, साबुन, फिनाइल आदि सामग्री निर्माण कर 4221685 रूपए की कमाई कर चुकी है। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने 6 लोगांे की विभिन्न प्राकृतिक आपदा से हुई मृत्यु के प्रकरणों में उनके परिजनों के लिए कुल 24 लाख की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें महासमुन्द जिले की तहसील बागबाहरा के ग्राम कारागुला निवासी चेतन ठाकुर व कुनाल दीवान की कॅुआ में डूबने से मृत्यु होने पर चेतन ठाकुर के पिता श्री धनेश ठाकुर एवं कुनाल के पिता श्री शिवचरण दीवान के लिए तथा हिरउराम की मृत्यु तालाब में डूबने से होने पर उनकी वारिस श्रीमती कांतीबाई के लिए चार-चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गयी है।
इसी प्रकार पिथौरा तहसील के ग्राम लाखागढ़ निवासी केशु ढीमर की मृत्यु कुॅए मेें डूबने से होने पर उनके पिता ढीमर लाल के लिए, बसना तहसील के ग्राम बंसुला निवासी प्रवीण कुमार की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने से होने पर एवं पूजा विशाल की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने से होने उनके परिजनों के लिए चार-चार लाख की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गयी है। स्वीकृत राशि का भुगतान संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से किया जाएगा। -
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महासमुंद : राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् 25 अगस्त से 08 सितंबर 2021 तक महासमुन्द जिले के समस्त शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में 36 वाँ राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एन.के.मंडपे ने बताया कि इसके तहत् नर्सिंग कॉलेज के 16 विद्यार्थियों ने नेत्रदान करने की घोषणा की है। सूर्या नर्सिंग कॉलेज और फैलोशिप स्कूल ऑफ नर्सिंग में 07 सितंबर को नेत्रदान पखवाडे के अन्तर्गत नेत्रदान परिचर्चा एवं सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय के नेत्र सहायक अधिकारी श्री उमेश गोतमारे एवं श्री अवधेश यादव द्वारा नेत्रदान के विषय में बताया कि प्रदेश में करीब 15 से 20 हजार व्यक्ति कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (आंख की पुतली में सफेदी) के कारण अंधे हो जाते है। उन्हंे केवल नेत्र प्रत्यारोपण द्वारा रोशनी दी जा सकती है। जिन्हें आप मृत्यु के बाद आंखे दान कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि कॉर्नियल अंधापन आंखों में चोट लगने, आंखों में संक्रमण होने, बच्चों में कुपोषण, रसायन से, बच्चों में विटामिन ए की कमी से होती है। कॉर्नियल दृष्टिहीनता को रोकने हेतु आंखों को चोट लगने से बचायें। बच्चों को नोकदार खिलौनें व वस्तुएं न दे तथा पटाके, फुलझड़ी, अनारदाना, आदि पटाकों से बचायें। आंखों में संक्रमण होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। छोटे बच्चों में टीकाकरण समय पर कराये एवं विटामिन ए का खुराक समय पर अवश्य दें। बच्चों को कुपोषण न होने दें। वाहन चलाते समय चश्मा का प्रयोग करें।
सामान्यतः नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है। नेत्रदान के लिए आयु, लिंग, जाति का कोई बंधन नहीं है। चश्मे पहनने वाले एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने वाले भी नेत्रदान कर सकते है। नेत्रदान मृत्यु के 6 घण्टे के भीतर करना होता है। मृत्यु उपरान्त मृतक के वारिस, मित्र, रिश्तेदार नेत्रदान के लिए अपने निकट के नेत्र बैंक, जिला चिकित्सालय को शीघ्र सूचित करें। यदि आपने संकल्प पत्र नहीं भरा है फिर भी नेत्रदान कर सकते है। नेत्र चिकित्सक आपके घर पर ही नेत्र प्राप्त करने का कार्य 15 से 20 मिनट में पूरा कर सकता है, यह सेवा निःशुल्क है। प्रत्यारोपण हेतु आंख की कॉर्निया (पुतली) ही केवल उपयोग में आती है, पूरी आंख नहीं निकाली जाती। एक मृत व्यक्ति की 02 आंख 02 अंधे व्यक्ति को रोशनी दे सकती है। मृतक की आंख निकालने से कोई विकृति नहीं आती है, और अगले जन्म में किसी प्रकार की विकृति नहीं आती है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं भं्रातियों को दूर रहें। इस कार्यक्रम में कॉलेज के संचालक, प्राध्यापक एवं कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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महासमुंद : जिले में उर्वरक के नियमानुसार वितरण के लिए लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर डोंगरे द्वारा 06 सितम्बर को 04 कृषि संस्थानों इनमें पिथौरा के दो शिवम् कृषि केन्द्र एवं कांशीराम ज्ञानचंद अग्रवाल, देवरी के विनायक कृषि केन्द्र एवं बसना के महेश ट्रेडिंग कंपनी का औचक निरीक्षण किया गया। इन संस्थानों के द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1965 के पालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये दो दिनों में जवाब प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए है। जवाब संतोषप्रद प्राप्त नहीं होने की स्थिति में उनके लायसेंस निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। -
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ख़बर मिलते ही मौक़े पर पहुँचे विभाग के अधिकारी किया पोस्टमार्टम
महासमुंद : पटेवा में आकाशीय बिजली गिरने से लगभग 47 बकरीयो की मौत की सोशल मीडिया और अपने अमले से खबर मिलते ही उपसंचाल पशु चिकित्सा विभाग डा. झारियाँ ने अपने अमले को मौक़े पर तुरंत भेजा। डॉ.अंजु शर्मा मौक़े पर तुरंत पहुँची और देर शाम मौक़े पर पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने उपसंचालक पशु विभाग से पूरी स्थित की जानकारी ली। तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
मिली जानकारी में पटेवा थाना क्षेत्र अंतर्गत चरवाहा परऊ राम यादव और किशुन बघेल रोज की तरह अपनी बकरियों को चराने के लिए सहदेव खार माता देवाला के बगल में गया था,दोपहर करीब 3 बजे के आसपास बकरियों को चरा रहा था तभी अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ और बारिश होने लगी जिससे सभी बकरियां इमली पेड़ के नीचे आ गई,बारिश तेज हो रही थी इस दौरान बिजली चमकने के साथ ही अचानक आकाशीय बिजली गिरी।
इस हादसे में परऊ राम यादव और किसुन बघेल की लगभग 47 बकरियों की मौके हो गयी। वहीं दोनों चरवाहे परऊ राम और किसुन बघेल भी बिजली की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया,दोनों चरवाहे ने बताया कि तेज बारिश के साथ बिजली कड़कड़ाने की आवाज आ रही थी जैसे ही आकाशीय बिजली इमली पेड़ से टकराई हम दोनों के सामने अंधेरा छा गया, इस बात की सूचना ग्रामीणों सहित परिजनों को लगी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे औऱ पुलिस व पटवारी आरआई को सूचना दी। -
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महिला कोष की ऋण योजना के अंतर्गत महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ करने की घोषणा की
ज़िले की समूह महिलाओं में हर्ष,अब वे और बेहतर तरीक़े से आर्थिक गतिविधियाँ संचालित कर सकेंगी
महासमुंद : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास में आयोजित तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को दी बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने सभी महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ़ करने की घोषणा की है ताकि वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियाँ आरम्भ कर सकें। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही महिला समूहों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना वृद्धि की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की पहल करते हुए घोषणा पत्र का अपना एक और वादा पूरा कर दिया है।
महासमुंद ज़िले में तक़रीबन 6500 महिला स्व सहायता समूह है। इनमें महिला सदस्यों की संख्या 68825 के क़रीब है। कुछ महिला समूहों द्वारा लिए गए ऋणों को कतिपय कारणों से ऋण नही चुका पाने के करण इन महिलाओं को नया ऋण लेने में मुश्किल थी। लेकिन अब ऐसा नही होगा। मुख्यमंत्री द्वारा आज की गई कालातीत ऋणों को माफ़ करने की घोषणा से ऐसी महिला समूहों को भी फ़ायदा होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार के आने के बाद महिला समूहों की आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे ज़िले की हज़ारों महिलाओं की आय वृद्धि से आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अधिक से अधिक महिलाओं में आत्म निर्भरता की ललक बढ़ी है। अब वे और बेहतर तरीक़े तथा नए सिरे से आर्थिक गतिविधियाँ संचालित कर सकती हैं। -
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महासमुन्द : समाज कल्याण विभाग के द्वारा मोटराईज्ड ट्रायसायकल योजनांतर्गत गत दिवस बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम खल्लारी निवासी 50 वर्षीय दिव्यांग श्री नान्हेलाल मन्नाडे को मोटराईज्ड ट्रायसायकल सौंपी गई।
श्री मन्नाडे ने बताया कि अस्थिबाधित होने के कारण पूर्व में मुझे अपने काम के सिलसिले से कही भी आने-जाने के लिए बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था और किसी अन्य व्यक्तियों पर निर्भर रहना पड़ता था। जिसके कारण वे बहुत परेशान रहते थे। क्योंकि वे स्वयं अपने कार्य के लिए दूसरों पर आश्रित रहना पसंद नहीं करते थे। उन्होंने आगे बताया कि वे बढ़ई का कार्य करते हैं और उन्हें इस कार्य के लिए अक्सर कही बाहर आना-जाना पड़ता था। समाज कल्याण विभाग में विधिवत् आवेदन प्रस्तुत करने से उन्हें पात्रतानुसार मोटराईज्ड ट्रायसायकल से लाभान्वित किया गया।
समाज कल्याण विभाग द्वारा उनकी स्थिति को देखते हुए दिव्यांगजन प्रमाणीकरण, नवीनीकरण एवं सेवा सुविधा शिविर में उन्हें मोटराईज्ड ट्रायसायकल प्रदाय किया गया। जिससे वे अब अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए कही भी आसानी से आना-जाना कर बढ़ई का कार्य कर पा रहें हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार हो रहा है। -
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महासमुन्द : राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद् नई दिल्ली द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बच्चों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर बाल वीरता पुरस्कार-2021 अवार्ड से पुरस्कृत किए जाने के लिए 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों से आवेदन आमंत्रित किए गए है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि यह पुरस्कार किसी बालक के अदम्य साहस के परिचय देते हुए किए गए कार्यों जो किसी अन्य बालक की प्रेरणा बनने में सहायक हो तथा विशिष्ट साहसिक कार्य संपादन के लिए दिया जाता है।पुरस्कार के रूप में प्रथम बच्चे को स्वर्ण पदक, प्रशस्ति पत्र एवं नगर राशि तथा अन्य बच्चों को रजत व कांस्य पदक तथा प्रशस्ति पत्र दिए जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन चाही गयी है। घटना 1 जुलाई 2020 से 30 सितम्बर 2021 के मध्य होना चाहिए तथा आवेदन के साथ प्रमाणित दस्तावेज जैसे एफ.आई.आर. अथवा पुलिस डायरी, पेपर कतरन जिसमें घटना का उल्लेख हो जमा करना होगा।
जिले के ऐसे उपलब्धि प्राप्त किए बच्चे अथवा उनके अभिभावक इस पुरस्कार के लिए निर्धारित आवेदन पत्र विकासखण्ड स्तर पर एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय तथा जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद के कार्यालय में सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है। निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदनकर्ता अपनी व्यक्तिगत प्रोफाइल सहित जानकारी 10 अक्टूबर 2021 के पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद के कार्यालय में जमा कर सकते है। -
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महासमुन्द : बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा 6 सितम्बर से महामसुन्द जिले के 18 से 45 वर्षीय पुरूषों के लिए इलेक्ट्रिशियन व एसी, फ्रीज रिपेयरिंग एवं महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर में प्रशिक्षण हेतु पंजीयन प्रारम्भ हो गया है।
बड़ौदा आरसेटी के निदेशक श्री संजीव प्रकाश ने बताया कि इन तीनों प्रशिक्षणों के लिए जिसमें भी 30 से 35 प्रशिक्षणार्थियों का पंजीयन पहले होगा उस प्रशिक्षण की शुरूआत की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए पंजीयन हेतु बड़ौदा आरसेटी संस्थान पहुंचकर या कार्यालय के फोन नम्बर 07723-299155, श्री कमलेश पटेल के मोबाईल नम्बर 79997-00673 व श्री प्रतीक साहेब गुप्ता के मोबाईल नम्बर 93402-81974 पर सम्पर्क कर सकते है। प्रशिक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेज बी.पी.एल. राशन कार्ड, आधार कार्ड, 3 पासपोर्ट साईज फोटो साथ लाना होगा। -
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कम्प्यूटर में दर्ज की जा रही जानकारी
महासमुन्द : राज्य शासन की नई महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 01 सितम्बर से जिले में हितग्राही परिवार के मुखियाओं से आवेदन लेना शुरू हुआ । ज़िले में चार दिन में (4 सितम्बर) तक 15924 आवेदन आए। यह आवेदन जिले के सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों में कार्यालयीन समय में लिए जा रहें हैं। डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी डॉ.नेहा कपूर ने बताया कि ज़िले में सर्वाधिक आवेदन महासमुंद की ग्राम पंचायत कार्यालयों में 3964 हितग्राहियों ने आवेदन किए। वही सरायपाली पंचायतों में 3780 आवेदन, पिथौरा में 3283,बसना में 3766 हितग्राहियों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन मिले। वही बागबाहरा ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में 2131 आवेदन प्राप्त हुए । सभी आवेदनों की उसी दिन कम्प्यूटरमें एंट्री की जा रही है ।
इसके लिए अलग से कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है।ताकि समय पर काम होता रहे ।हितग्राहियों को आवेदन जमा करने की पावती भी दी जा रही है। जो हितग्राही आवेदन भरने में सक्षम नही है उनकी कर्मचारी मदद कर रहे है।
निर्धारित प्रपत्र ग्राम पंचायत कार्यालय से नि:शुल्क दिया जा रहा है ।ज़िले के क़रीबन 63000 ग्रामीण परिवारों को इस योजना से फ़ायदा मिलेगा। फ़ायदा इसी वित्तीय वर्ष से मिलेगा। पात्र पाए गए हितग्राहियों को सालाना 6000 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में जाएँगे । यह योजना उन छत्तीसगढ़ के मूल निवासी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर के लिए है जिनके पास कोई खेती की ज़मीन नही है। -
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सरायपाली ब्लॉक में सौ फ़ीसदी लोगों का हुआ वेक्सिनेशन
बसना ब्लॉक भी इस श्रेणी में आने आतुरमहासमुंद : ज़िले का सरायपाली ब्लॉक आज अंतिम पात्र हितग्राही को कोविड का टीकाकरण कर शतप्रतिशत टीकाकरण करने वाला पहला विकासखंड बना। इससे पहले सरायपाली नगरीय क्षेत्र में सभी पात्र लोगों को टीकाकरण किया जा चुका था। जिले में शुरू की गई कोरोना मुक्त मुहिम और तेज हो गई है। वही बसना ब्लॉक भी इस श्रेणी में आने को आतुर है। सब ठीक रहा तो गणेश चतुर्थी से पहले इस श्रेणी में आने की पूरी उम्मीद है। यहाँ भी लगभग 85 फ़ीसदी लोगों का हो चुका टीकाकरण।
इससे पहले महासमुंद सहित सभी नगरीय क्षेत्र सरायपाली, पिथौरा, बसना, तुमगॉव और बागबाहरा में सभी पात्र लोगों को कोविड का टीका का शत्-प्रतिशत् लक्ष्य पूरा हो गया था। सरायपाली के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 25 हज़ार पात्र लोगों को टीकाकरण किया गया । इससे पहले इस नगरीय क्षेत्र में 15696 लोगों को वेक्सिनेशन किया जा चुका है। ज़िले में अब तक 5लाख 88 हज़ार 315 सभी आयु श्रेणी के पात्र लोगों को कोविड का टीका लगाया जा चुका है। गांवों में टीकाकरण के लिए लोगों में भारी उत्साह देखा गया था। गांवों की तरफ से इस मुहिम में सहयोग दिया गया।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने लक्ष्य हासिल करने वाले सभी गांवो को बधाई देते हुए ज़िले के दूसरे गांवों को भी आने वाले दिन में शत प्रतिशत टीकाकरण करवाने की अपील की। उन्होंने गांवों के सरपंचों, पंचायत सदस्यों और गणमान्य को जनप्रतिनिधियों सहित स्वास्थ्य अमले सहित सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी और अधिक से अधिक सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सामूहिक सहयोग के साथ ही इस महामारी को हराया जा सकता है। इसलिए ज़रूरी है कोई भी पात्र व्यक्ति वेक्सिनेश से न छूटे।
महासमुंद ज़िले के ग्रामीण इलाक़ों में कोरोना के कहर पर पूरी तरह काबू पाने के लिए वैक्सीनेशन जोर शोर से चल रहा है। यहाँ कोविड टीकाकरण की प्रतिदिन योजना बना कर काम किया जा रहा है। अभी 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इसके अलावा 45 वर्ष से अधिक उम्र को लोगों को प्लान अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों पर दूसरी डोज़ लगायी जा रही है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह रोज़ टीकाकरण प्रगति की हर घंटे रिपोर्ट ले रहे है। गांव में मोबिलाइजेशन हेतु प्रचार-प्रसार मुनादी आदि करवाने कहा गया।
मालूम हो कि ज़िले में 45 से अधिक उम्र के लोगों को लक्ष्य से अधिक का पहली डोज़ लगायी जा चुकी है। वही 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का दूसरे टीकाकरण युद्धस्तर पर जारी है । ज़िले में 18-44 साल वाले लोगों को वैक्सीन लगाने का अभियान तय समय पर शुरू हुआ था। अभी हाल ही ज़िले में पर्याप्त मात्रा में डोज़ सरकारी टीकाकरण केंद्रों के लिए उपलब्ध है। मालूम हो कि सबसे पहले महासमुंद की पहली ग्राम पंचायत जोगीडीपा बनी थी जिसमें सौ फ़ीसदी लोगों का वेक्सिनेशन हुआ था। इसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा । -
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महासमुंद : बाँस कला कलाकृति प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में लोकप्रिय शिल्पों में से एक है। बांस शिल्प की कलाकृतियां शहर,गांव के साथ ही अधिकांश घरों में किसी न किसी रूप में देखने को मिल जाती है, यह सुलभ, सरल एवं लोकप्रिय है। स्थानीय ग्रामीण और यहां की आदिवासी महिलायें बांस शिल्प का उपयोग और महत्व को जानती और पहचानती है, वे बांस का काम प्रमुखता से करते है और बांस से अनेक उपयोगी एवं मनमोहक सामग्रियां तैयार करते है। बांस से टोकरी,सूपा,चटाई,झाडू समेत रोजमर्रा के घरेलू उपयोग की कई चीजें बनाई जा रही है।
महासमुंद जिले के विकासखंड बागबाहरा ग्राम पंचायत ढोड़ की महालक्ष्मी आदिवासी महिला स्व सहायता समूह द्वारा बांस से गुलदस्ता बनाया जा रहा है। बांस के प्रति यहां के लोगों की रूचि और उसका बेहतर उपयोग के कारण स्थानीय निवासी महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बांस शिल्प के साथ ही काष्ठ कला का भी प्रशिक्षण दिया गया है।प्रमिला कमार अब अपनी बाड़ी के बांस का उपयोग कर समूह की महिलाओं के साथ विभिन्न प्रकार की बांस की सामग्री गुलदस्ते सूपा,टोकरी आदि बनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर रही है।शुरुआत में उनकी बाड़ी का का बांस कमाई का ज़रिया बना । मिशन द्वारा उन्हें अब बांस भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वे और बांस की घरेलू साज-सज्जा की सामग्रियाँ बनाए। जिले के विकासखंड बागबाहरा की महिला सुश्री प्रमिला कमार ने शुरुआत में अपनी बाड़ी का बांस उपयोग कर मनमोहक सामग्रियाँ बनाई है।
प्रशासन द्वारा भी बांस शिल्प कला को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे है। वन विभाग से बातचीत कर वन डिपो से बांस की खेप मंगा कर बांस की पूर्ति की जा रही है। जिससे बांस शिल्प कला में रुचि रखने वाली और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक स्थित से और मजबूत किया जा सके। बांस का सूपा, टोकरी, चटाई जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुयें आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि वे कलात्मक चीजों के साथ ये चीजें बनाकर अपना बेहतर जीवन यापन कर सके। स्थानीय लोगों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे ।जिले में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल पर कौशल उन्नयन के स्वरोजगारोन्मुख कार्यक्रम चलाए जा रहे है। प्लास्टिक के सामानों का उपयोग बढ़ने और सहज उपलब्धता के कारण इस शिल्प की बिक्री पर भी असर पड़ा है । बांस के सामानों की पूछपरख कम होने लगी है। लेकिन महासमुंद मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों के स्थानीय निवासियों एवं आदिवासी महिलाओं को बाँस कला के साथ-साथ महिलाओं की अभिरुचि और स्थानीय बाजार माँग के अनुसार अन्य कला में प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा रहा है। आदिवासी महिलाओं को बांस के निर्मित विभिन्न प्रकार की घरेलू सामग्रियों के साथ सजाबटी,गुलदस्ते आदि बनाने की कला सिखाई जाती है।
महिलाओं को बांस के द्वारा बनाई जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया गया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रमों में ख़ासकर आदिवासी महिलाओं की विशेष तौर पर भागीदारी रही। हाल ही में आदिवासी महिलाओं द्वारा बांस निर्मित, गुलदस्ते एवं अन्य घरेलु उपयोगी बांस से निर्मित सामग्री का निर्माण किया गया है। कोरोना से बंद पड़े स्थानीय बाजार, और हॉट-बाजारों खुलें तो बांस सामग्री बेच कर अपनी आय बढ़ा रही है। इनके द्वारा बनाई जाने वाली बॉस की सामग्रियों को अशासकीय संस्थाओं द्वारा भी क्रय किया जाने की बात कही गयी है। जिससे उनकी मासिक आय में वृद्धि तो हो रही है, उसके साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार आ रहा है। जिला पंचायत द्वारा मापदण्ड के आधार पर 18 वर्ष से 30 साल उम्र के साक्षर लोगों को उनकी अभिरूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सूप, टोकरी, कंधे पर ढोई जाने वाली बहगी, मछली फंसाने वाला जाल के साथ ही घरेलू सजावट की वस्तुएं फूलदान, हैंडबैग आदि है। जिनका विक्रय इस संस्था और आसपास के बाजारों और मड़ई मेलों प्रदर्शनी के समय विक्रय किया जाता है। -
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महासमुंद : दुर्लभ वस्तु की सुलभ प्राप्ति और सुलभ वस्तु की दुर्लभ प्राप्ति ही वस्तु का मूल्य तय करती है। यह युक्ति पानी पर बिल्कुल सही बैठती है। आज हम इसे सुलभ समझकर जिस तरह इसका दुरूपयोग दोहन कर रहे है। जब जल हमें इतनी सुलभता से नहीं मिलेगा तब शायद इसकी अहमियत का पता चलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पानी के दुर्लभ प्राप्ति को समय रहते जान लिया। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा घुरवा, बाड़ी जैसी महत्वकांक्षी योजना लागू की। इससे ग्रामीण की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में पहले से और अधिक सुधार हो रहा है। महासमुन्द जिले में गिरते भू-जल स्तर हेतु जल संवर्धन का काम तेजी से हो रहा है। नरवा कार्यक्रम के तहत् पिछले दो साल में नदी-नालों के पुनर्रोद्धार के काम किए गए है। जिले में गौठानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं नालों के बंधान का लक्ष्य भी दिया गया है। इस योजना के तहत मनरेगा से 2019-20 में 21 नरवा के उपचार से 1694 से अधिक हितग्राहियों को खरीफ फसल के साथ ही रबी फसलों के लिए पानी मिल रहा है। पहले बहुत मुश्किल सितम्बर माह तक बहने वाले नरवा के ड्रनेज ट्रीटमेंट और केंचमेंट एरिया ट्रीटमेंट के बाद अब माह नवम्बर तक बह रहा है। नरवा के पुनर्जीवन के लिए किए गए योजनाबद्ध कार्यों ने किसानों की खुशहाली और समृद्धि का रास्ता खोल दिया है। खेती-किसानी को मजबूती मिल रही है।
महासमुन्द जिले के सरायपाली विकासखण्ड के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत खोखेपुर के आश्रित ग्राम टिभूपाली में नरवा योजना का लाभ इस ग्राम के ग्रामवासी ले रहे है। टिभूपाली में नाला में पानी रोकने और ग्रामीणों के जरूरतों को देखते हुए प्रशासन द्वारा नाला बंधान का कार्य शुरू किया गया। वहीं सरकारी ईमारतों में रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए है। जहां जल संवर्धन में बारिश के जल को धरती के अन्दर सुरक्षित करने में मदद मिली है। गॉव में नालें के पानी रोकने से ग्रामीणों के जरूरत का पानी और मवेशियों के लिए भी पानी की व्यवस्था हुई है। वहीं नाला बंधान से पानी ठहरने के कारण गॉव के कुॅओं और हैण्ड पम्पों का जल स्तर भी बढ़ गया है।
प्रशासन द्वारा कुछ जगहों पर सामूहिक खेतीं पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही कम पानी के फसल लेने पर भी बल दिया जा रहा है। जिले के दूरस्थ वनांचल के लोगों पेयजल के लिए हैण्ड पम्प, ट्यब वेल, छोटे नरवा, तालाब का सहारा लेते है। सरकार इनके लिए शुद्ध जल पहुंचाने का भरपूर प्रयास कर रही हैं। हाल ही मेें जन जीवन मिशन के तहत् 56 ग्राम पंचायतों के 79 गांवों के स्कूल, ऑगनबाड़ी, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं सरकारी भवनों में रनिंग वाटर के माध्यम से शुद्ध पेयजल कराने प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है। इससे पहले भी गांव में इस योजना के तहत् 20 नवीन सिंगल विलेज योजना को भी अनुमोदित किया गया। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम जल का उपयोग किस तरह करें, भविष्य में कैसे करना है तथा जल संकट हेतु क्या कदम उठाएं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए बनाई गई यह योजना अब धरातल की हकीकत बनने लगी है। नरवा विकास योजना के माध्यम से जिले के ग्राम टिभूपाली में वर्षा जल का संचयन, भण्डारण, सिंचाई एवं ग्रामीण लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने से उनके आजीविका के साधनों में तेजी से विकास हो रहा है। इस योजना के तहत वर्ष 2019 में नाला व खेत के किनारे बने नहर को जगह-जगह स्ट्रक्चर बनाकर किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही साथ जल संरक्षण एवं संवर्धन हो रहा है। जिसके तहत यहां के किसानो को खेती में अधिक लाभ मिल रहा है। स्ट्रक्चर बनने से चौतराम, गोपी, निलाम्बर, सुखसागर, गुरूवारू, एवन, जघुवन, गेलाई, धनीराम आदि अन्य और किसानों को सिंचाई की समस्या से निदान मिल गया तथा इस वर्ष अधिक से अधिक धान उपज हुई।
नरवा योजना के क्रियान्वयन से यहां के किसान रबी के सीजन में मूंगफली, धान तथा साग सब्जी की खेती कर रहे हैं। जिसके तहत इन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है। शासन का यह योजना यहां के ग्रामवासियों को एक वरदान की तरह मिला है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लिए आजीविका का साधन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत नाला की साफ-सफाईं एवं भूमि सुधार कर नाले के क्षेत्रफल को बढ़ाया गया। जिसके अन्तर्गत गाम टिभूपाली में नाला उपचार के लिए लूज बोल्डर चेकडेम निर्माण कार्य कराया गया।
खोखेपुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम टिभूपाली के किसानें ने बताया कि नरवा के पानी से बाडी का जल स्तर बढ़ गया है। जिससे सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है वे अपने खेतों में अभी भी फसल लेने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही नरवा के पानी से उनके बाड़ी में लगे हुए सब्जी-भाजी को इस मौसम में भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो रहा है। -
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महासमुंद : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.के. मंडपे के निर्देशन में एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार के मार्गदर्शन में एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला व संकेंद्रित समूह चर्चा का आयोजन किया गया।
जिसमें शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर बागबाहरा ब्लॉक के समस्त संकुल समन्व्यको को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके अंतर्गत उन्हें तंबाकू के दुष्प्रभावो के प्रति जागरुक करते हुए कोटपा एक्ट 2003 की धारा 04 व धारा 06 के बारे मे विस्तार से बताया गया। साथ ही उन्हे अपने संकुल के समस्त विद्यालयो को तंबाकू मुक्त करने के लिए प्रेरित किया गया व समस्त विद्यालयो में नोडल अधिकारी नियुक्त कर सेक्शन 04 व 06 के बोर्ड लगाते हुए विद्यालयो को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
जिससे विद्यालय परिसर के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा सके। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की टीम के द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया जिसमें एन टी सी पी सैकोलॉजिस्ट काउंसलर श्रीमती मेघा रानी ताम्रकार व मनोचिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता श्री राम गोपाल खूंटे उपस्थित थे। जिला चिकित्सालय में जिला तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र स्थापित है जहां तंबाकू व तंबाकू से बने पदार्थो का सेवन करने वालों को निःशुल्क परामर्श की सुविधा प्रदान की जाती है साथ ही नशा छोड़ने हेतु निःशुल्क दवाइयाँँ व स्वांस परीक्षण जांच किया जाता हैं। -
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महासमुंद : जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र-महासमुन्द में छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षित स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 07 सितम्बर 2021 को रोजगार कार्यालय परिसर महासमुन्द में प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह कैम्प प्रातः 11.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि हकदर्शक इम्प्लॉयमेंट सॉल्यूशन रायपुर द्वारा डिलीवरी बॉय, देखभाल कर्ता (केयर गिवर) के पद पर भर्ती की जाएगी। इच्छुक अभ्यर्थी अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार एवं स्व-रोजगार मार्गदर्शन केन्द महासमुन्द में सम्पर्क कर सकते है। -
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महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज वीडियों कांफ्रेन्स के जरिए कृषि विभाग, पशुपालन, क्रेडा सहित जनपद पंचायत, नगर पालिका अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों से खरीदी गई गोबर की मात्रा के मान से बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट की समीक्षा की। उन्होंने अगस्त तक खरीदें गए गोबर, बनाए गए वर्मी और बेचें गए वर्मी का हिसाब-किताब संधारित करने तथा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय का सहकारी समिति के माध्यम से किए गए भुगतान एवं लम्बित भुगतान की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि खरीदे गए गोबर का उपयोग अन्य उत्पाद बनाने पर जोर दिया। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा, संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील चंद्रवंशी, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर. डोंगरे, पशु चिकित्सक एवं सेवाएं के उप संचालक डॉ. डी.डी. झारिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार मौजूद थे।
कलेक्टर ने जिले के स्वावलंबी गौठान के प्रगति के बारें में जानकारी लेते हुए कहा कि स्वावलंबी गौठान के अंतर्गत स्वीकृत कार्यांे एवं अप्रारम्भ कार्याें को शीघ्र पूरा करें। जिले के गौठानों एवं चारागाहों में शत्-प्रतिशत् बिजली कनेक्शन एवं नलकूप खनन कराएं। जहां बिजली कनेक्शन काफी दूर हैं ऐसे गौठानों एवं चारागाहों के लिए सोलर के माध्यम से विद्युत एवं सोलर पम्प की व्यवस्था करें। जिन गौठानों एवं चारागाहांे पर किसी भी व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण किया गया है तो उसे हटाने की कार्रवाई राजस्व अधिकारी करें। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 131 स्वावलंबी गौठान है। इनमें महासमुन्द विकासखण्ड में 24, बागबाहरा में 27, पिथौरा में 24 बसना एवं सरायपाली में 28-28 है। नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी के अंतर्गत जिले मंे 554 कार्य स्वीकृत है। इनमें से 338 निर्माण कार्य पूर्ण, 175 कार्य प्रगतिरत् है और 41 कार्य अप्रारम्भ है।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब तक औसत वर्षा 65 प्रतिशत् हुई है। जिन क्षेत्रों में अल्प वर्षा एवं खण्ड वर्षा के कारण फसलों को क्षति हुई है ऐसे प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में राजस्व, कृषि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन विभाग के अधिकारी जाकर मौका मुआयना करें। प्रभावित गांवों की सूची बनाकर संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को उपलब्ध कराएं तथा इन गांवों में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराएं। इन गांवों में ग्रामीणों के भू-अर्जन की राशि यदि किसी कारणवश लम्बित हो तो उनका शीघ्र भुगतान कराएं। कृषि विभाग प्रभावित क्षेत्रों में जाकर किसानों से बैठक कर उन्हें समय अनुरूप बीज की व्यवस्था कराएं। जिन गांवों में पेयजल की समस्या हो रही हो वहां शीघ्र ही पेयजल की व्यवस्था करें।
जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की गिनती (गणना) बुधवार 01 सितम्बर से शुरू हो गई है जो 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस कार्य को जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, तहसीलदार, एसडीएम इसका अनवार्य रूप से निरीक्षण करें। कलेक्टर ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कहा कि गांवों में इंटरनेट कनेक्शन मिले इसके लिए भारत नेट परियोजना फेज 02 के तहत जिले के पिथौरा, बसना एवं सरायपाली विकासखण्ड के सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदाय की गई है। इसके लिए ग्राम पंचायतों में आईटी उपकरण राउटर लगाए जा चुके है। राउटर इंटरनेट से जुड़ सके इसके लिए पंचायतों के माध्यम से सुचारू रूप से विद्युत की व्यवस्था करें। ताकि इंटरनेट सुचारू रूप से जारी रहें।