- कोरबा 03 जून : एकलव्यआदर्श आवासीय विद्यालय छुरीकला एवं पाली के कक्षा छठवी में भर्ती हेतु प्रवेश के लिए चयन परीक्षा एकलव्य आवासीय विद्यालय छुरीकला में 11 जून को आयोजित होगी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि कि परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त आवेदन पत्रों में पात्र पाए गये आवेदकों को प्रवेश पत्र जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि पात्र आवेदक अपना प्रवेश पत्र अपने क्षेत्र से संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। प्रवेश पत्र प्राप्त नहीं होने की स्थिति में प्रवेश पत्र की द्वितीय प्रति परीक्षा प्रारंभ होने के एक घंटे पूर्व परीक्षा केंद्र से प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए अभ्यर्थी को स्वयं का दो पासपोर्ट साइज फोटो प्रस्तुत करना होगा।
-
कोरबा 03 जून :उप तहसील हरदीबाजार के ग्राम अमगांव के दर्राखांचा मोहल्ला में एक नया कोरोना मरीज पाया गया है। कोरोना संक्रमित मिलने के कारण दर्राखांचा मोहल्ला के पूर्व में अशोक राठौर का मकान, पश्चिम में शास्त्री हायर सेकेण्डरी स्कूल, उत्तर में यादव किराना स्टोर और दक्षिण में ग्राम हरदीबाजार का पंचायत भवन तक के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इस कंटेनमेंट जोन के के चारों तरफ बेरिकेटिंग लगाये गये हैं। सभी लोगों के बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस कंटेनमेंट जोन में एकल प्रवेश द्वार बनाया गया है। जिसमें तैनात पुलिस अधिकारी द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करते हुए मेडिकल सुविधा, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों का विवरण दर्ज किया जायेगा। इस कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी दुकानें,आफिस एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अगले आदेश पर्यन्त तक पूर्णतः बंद रहेंगें। प्रभारी अधिकारी द्वारा कंटेन्मेंट जोन में घर पहुँच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर किया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन में शासन के मानकों के अनुसार व्यवस्था बनाये रखने हेतु जिला पुलिस रायपुर द्वारा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा संबंधित क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य निगरानी, सेम्पल की जाँच आदि आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएगी।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि कंटेंटमेंट जोन में आवश्यक सुरक्षा एवं व्यवस्था के लिये अधिकारियों को दायित्व सौपे गए है। कंटेंनमेंट जोन में प्रवेश एवं निकास की केवल 01 द्वार की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग श्री अशोक वर्मा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण विभाग की मांग अनुसार बैरिकेटिंग हेतु बांस बल्ली की आपूर्ति वनमंडलाधिकारी कटघोरा वन मंडल सुश्री शमा फारूखी, सेनेटाईजेशन तथा आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति व्यवस्था श्री कुंदन कुमार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा, घरों का एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी, अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई. इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट का प्रबंधन डाॅ. बी.बी.बोडे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु श्रीमती सूर्य किरण तिवारी, अनुविभागीय दंडाधिकारी कटघोरा और लाॅक डाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने हेतु श्री अभिषेक मीणा पुलिस अधीक्षक कोरबा को नियुक्त किया गया है। -
कटघोरा में नया कोरोना संक्रमित मिलने के कारण कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कोरबा 03 जून : नगर पालिका परिषद कटघोरा के वार्ड क्रमांक 10 खाल्हे पारा मोहल्ला में एक नया कोरोना मरीज पाया गया है। कोरोना संक्रमित मिलने के कारण वार्ड क्रमांक 10 के पूर्व में राममूर्ति का मकान एवं लक्ष्मीन बाई का मकान, पश्चिम में गौरिया घाट, शिव मंदिर एवं हेमंत का मकान, उत्तर में संजय जायसवाल का मकान, दक्षिण में तीजराम का मकान तक के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इस कंटेनमेंट जोन के के चारों तरफ बेरिकेटिंग लगाये गये हैं। सभी लोगों के बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस कंटेनमेंट जोन में एकल प्रवेश द्वार बनाया गया है। जिसमें तैनात पुलिस अधिकारी द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करते हुए मेडिकल सुविधा, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों का विवरण दर्ज किया जायेगा। इस कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी दुकानें,आफिस एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अगले आदेश पर्यन्त तक पूर्णतः बंद रहेंगें। प्रभारी अधिकारी द्वारा कंटेन्मेंट जोन में घर पहुँच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर किया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन में शासन के मानकों के अनुसार व्यवस्था बनाये रखने हेतु जिला पुलिस रायपुर द्वारा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा संबंधित क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य निगरानी, सेम्पल की जाँच आदि आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएगी।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि कंटेंटमेंट जोन में आवश्यक सुरक्षा एवं व्यवस्था के लिये अधिकारियों को दायित्व सौपे गए है। कंटेंनमेंट जोन में प्रवेश एवं निकास की केवल 01 द्वार की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग श्री अशोक वर्मा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण विभाग की मांग अनुसार बैरिकेटिंग हेतु बांस बल्ली की आपूर्ति वनमंडलाधिकारी कटघोरा वन मंडल सुश्री शमा फारूखी, सेनेटाईजेशन तथा आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति व्यवस्था श्री कुंदन कुमार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा, घरों का एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी, अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई. इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट का प्रबंधन डाॅ. बी.बी.बोडे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु श्रीमती सूर्य किरण तिवारी, अनुविभागीय दंडाधिकारी कटघोरा और लाॅक डाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने हेतु श्री अभिषेक मीणा पुलिस अधीक्षक कोरबा को नियुक्त किया गया है। -
कोरबा 03 जून : क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय महाविद्यालय करतला में ठहराये गये व्यक्तियों के कोरोना जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति का कोरोना जांच पाजिटिव पाया गया है। यह व्यक्ति भुसावल महाराष्ट्र से बस के माध्यम से कोरबा जिला के सीमा स्थित उच्चभिट्ठी बेरियर पहुंचा था। इस व्यक्ति को प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय महाविद्यालय करतला में ठहराया गया था। यह क्वारेंटाइन सेंटर उरगा-करतला-हाटी मार्ग से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्वारेंटाइन सेंटर बाउंड्रीवाल से घिरा हुआ है। इस सेंटर से एक सौ मीटर में कोई आबादी नहीं है। एक व्यक्ति का कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद इस महाविद्यालय परिसर की चारों दिशाओं में लगभग 50-50 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन किये गये समस्त लोगों सहित कार्यरत स्टाफ को भी सेंटर में ही निवास करने के निर्देश दिए गये हैं सभी लोगों के बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय महाविद्यालय करतला के चारों तरफ बेरिकेटिंग लगाये गये हैं।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि इस कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 के ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। आपात स्थिति में उक्त क्षेत्र से किसी व्यक्ति के आने-जाने के लिए स्थानीय प्रशासन एवं मेडिकल टीम की सलाह से निर्णय लिया जायेगा। इस संबंध में नियमानुसार लाॅगबुक भी संधारित किया जायेगा। शासकीय महाविद्यालय करतला क्वारेंटाइन सेंटर कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले सभी कर्मियों के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सामाग्री आपूर्ति संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित किया जायेगा। -
क्वारेंटाइन सेंटर में तीन कोरोना संक्रमित पाये जाने के कारण कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कोरबा 03 जून : तहसील पोंड़ी-उपरोड़ा के क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय हाईस्कूल पचरा में ठहराये गये व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट के बाद तीन व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। तीनों व्यक्ति 22 मई को महाराष्ट्र से बस, ट्रक के माध्यम से पोंड़ी-उपरोड़ा तहसील के ग्राम गुरसिया पहुंचे थे। इन लोगों को प्रशासन द्वारा ग्राम पचरा के क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय हाईस्कूल में ठहराया गया था। कोरोना संक्रमित मिलने के कारण क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय हाई स्कूल पचरा परिसर में स्थित संपूर्ण भवन एवं पचरा से खुर्रभांठा जाने वाले मार्ग को शामिल करते हुए चारों दिशाओं में लगभग 50-50 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय हाईस्कूल पचरा कटघोरा-अंबिकापुर मार्ग में स्थित ग्राम गुरसिया से जटगा तक पहुंच मार्ग पर स्थित है। इस सेंटर के आसपास भवन, गौठान, श्री सी.बी.सिंह तंवर का मकान, श्री कमलेश मिश्रा का मकान, श्री तिलक का मकान एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकान स्थित है। इस कंटेनमेंट जोन में चार आवासों में कुल 12 व्यक्ति निवासरत हैं। निवासरत सभी लोगों के बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। शासकीय हाई स्कूल पचरा के मुख्य द्वार को एकल प्रवेश द्वार बनाया गया है। यहां से कंटेनमेंट जोन में प्रवेश किया जा सकेगा। इसके लिए प्रवेश द्वार पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
इस कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 के ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। आपात स्थिति में उक्त क्षेत्र से किसी व्यक्ति के आने-जाने के लिए स्थानीय प्रशासन एवं मेडिकल टीम की सलाह से निर्णय लिया जायेगा। इस संबंध में नियमानुसार लाॅगबुक भी संधारित किया जायेगा। क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय हाईस्कूल पचरा कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले सभी कर्मियों के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सामाग्री आपूर्ति संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित किया जायेगा। -
क्वारेंटाइन सेंटरों में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद कलेक्टर ने जारी किया आदेश
मेडिकल सुविधा के अलावा किसी भी कारण से बाहर निकलना हुआ प्रतिबंधित
कोरबा 03 जून : जिले के क्वारेंटाइन सेंटर इरेक्टर हास्टल में दो, शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल पसान में एक, बिंझरी भाठा मोहल्ला ग्राम पंचायत केसला में एक और होटल ग्रीन पार्क में एक कोरोना संक्रमित पाया गया है। कोरोना संक्रमित मिलने के कारण क्वारेंटाइन सेंटर इरेक्टर हास्टल, पसान, होटल ग्रीन पार्क और बिंझरी भाठा मोहल्ला के आसपास का क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर इरेक्टर हास्टल के संपूर्ण भवन एवं कैम्पस की लगभग 50-50 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर इरेक्टर हास्टल चारों ओर से बाउंड्रीवाल से घिरा है जिसमें मुख्य मार्ग में दो गेट हैं। क्वारेंटाइन सेंटर के उत्तर दिशा में सीएसईबी का क्वार्टर, दक्षिण में रिक्त प्लंाट, पूर्व में सीएसईबी प्लंाट का मार्ग और पश्चिम दिशा में रिक्त प्लाट है। संपूर्ण भवन एवं कैम्पस को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर इरेक्टर हास्टल के चारों तरफ बेरिकेटिंग लगाये गये हैं। मुख्य प्रवेश द्वार को एकल प्रवेश द्वार बनाया गया है। यहां से कंटेनमेंट जोन में प्रवेश किया जा सकेगा। इसके लिए प्रवेश द्वार पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
इसी तरह क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय कन्या हायर सेकेंण्डरी स्कूल पसान के आसपास के क्षेत्र शिक्षक आवास, कन्या छात्रावास, बालक छात्रावास, व्यवसायिक काम्पलेक्स, संदीप जनरल स्टोर्स एवं धान उपार्जन केंद्र भवन व बगल में स्थित 13 शिक्षक आवास स्थल को शामिल करते हुए चारों दिशाओं में लगभग 50-50 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट घोषित किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय कन्या हायर सेकेंण्डरी स्कूल पसान के चारों तरफ बेरिकेटिंग लगाये गये हैं। स्कूल परिसर के मुख्य द्वार को एकल प्रवेश द्वार बनाया गया है। यहां से कंटेनमेंट जोन में प्रवेश किया जा सकेगा। इसके लिए प्रवेश द्वार पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
ग्राम पंचायत केसला के बिंझरी भाठा मोहल्ले के क्षेत्र में कुल 49 मकान सहित मोहल्ले के पूर्व में हरीलाल का मकान, पश्चिम में शमशान घाट, उत्तर में मेघनाथ का मकान एवं दक्षिण में शासकीय प्राथमिक शाला बिंझरी भाठा तक चारों दिशाओं को शामिल करते हुए मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यह जोन रहवासी क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कुल 61 परिवार के 264 सदस्य निवासरत हैं। समस्त लोगों को जहां हैं वहीं पर निवास करने के निर्देश दिये गये हैं तथा उनके बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कंटेनमेंट जोन बिंझरी भाठा मोहल्ले के मुख्य प्रवेश द्वार को एकल प्रवेश द्वार घोषित किया गया है। यहां से कंटेनमेंट जोन में प्रवेश किया जा सकेगा।
क्वारेंटाइन सेंटर होटल ग्रीन पार्क कोरबा-बिलासपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह होटल तीनों ओर से बाउंड्रीवाल से घिरा तथा इसके पीछे भवन स्थित है। क्वारेंटाइन सेंटर होटल ग्रीन पार्क के उत्तर दिशा में ग्रीन पार्क की बाउंड्रीवाल, दक्षिण में बेरिकेट्स, पूर्व में कोरबा-कटघोरा मुख्य मार्ग और पश्चित दिशा में ग्रीनपार्क भवन एवं आहाता स्थित है। होटल ग्रीन पार्क के संपूर्ण भवन को शामिल करते हुए चारो दिशाओं में लगभग 15-15 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यह जोन रहवासी क्षेत्र नहीं है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति निवासरत नहीं हैं। क्वारेंटाइन किये गये समस्त लोगों सहित होटल स्टाफ को भी होटल में ही निवास करने के निर्देश दिए गये हैं तथा बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि घोषित कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 के ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। आपात स्थिति में उक्त क्षेत्र से किसी व्यक्ति के आने-जाने के लिए स्थानीय प्रशासन एवं मेडिकल टीम की सलाह से निर्णय लिया जायेगा। इस संबंध में नियमानुसार लाॅगबुक भी संधारित किया जायेगा। कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले सभी कर्मियों के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सामाग्री आपूर्ति संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित किया जायेगा। - कोरबा ज़िले में एक और क़ोरोना संक्रमित मिला, 19 वर्षीया प्रवासी युवती की क़ोरोना रिपोर्ट आई पाज़ीटिव.. सेंद्रीपाली के क्वारंटाइन सेंटर में रूकी है प्रवासी युवती...... झारखंड से लौटी है युवती... २४ मई को लिया गया था युवती का जाँच के लिए सेम्पल... प्रशासन की टीम पहुँची सेंद्रीपाली, युवती को इलाज के लिए भेजा जाएगा कोविड अस्पताल.......
-
कोरबा 02 जून : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बाहर से आये श्रमिकों तथा अन्य लोगों को 14 दिन तक ठहराने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। इन क्वारेंटाइन सेंटर के संचालन के लिए प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। पाली तहसील के बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल हरदीबाजार क्वारेंटाइन सेंटर में व्याख्याता श्री बी.एन.दिवाकर को प्रभारी अधिकारी का दायित्व सौंपा गया था। श्री दिवाकर ने सौंपे गये दायित्व का उचित निर्वहन नहीं किया और कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन न करते हुए क्वारेंटाइन सेंटर के संचालन में लापरवाही बरती।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कार्य में लापरवाही बरतने व कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन नहीं करने के लिए प्रभारी अधिकारी क्वारेंटाइन सेंटर हरदीबाजार श्री बी.एन.दिवाकर व्याख्याता बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल हरदीबाजार को आगामी आदेश पर्यन्त तक निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री दिवाकर का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी पाली कोरबा में नियत किया गया है। -
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किए निर्देश, एक सप्ताह की समय सीमा तय
कोरबा 02 जून : कोरोना संक्रमण के कारण लाॅक डाउन से प्रभावित होकर अन्य प्रांतों से कोरबा जिले में लौटे सभी प्रवासी श्रमिक 14 दिनों तक क्वारेंटाइन हैं। जिले के 159 क्वारेंटाइन सेंटरों में लगभग छह हजार एक सौ श्रमिक रूके हैं। जहां प्रशासन ने उनके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर प्रशासन अब इन सभी प्रवासी श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की तैयारी कर रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर क्वारेंटाइन सेंटरों में रूके सभी प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मण्डल तथा छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में कराया जायेगा। इसके लिए सभी क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारियों को एक सप्ताह की समय सीमा तय कर निर्देश जारी कर दिए गये हैं।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि निर्माण कार्यों के साथ-साथ असंगठित रूप से काम करने जिले से कई लोग दूसरे प्रांतों में जाते रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण इन सभी मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। इन श्रमिकों को इस संकट की घड़ी में विपरीत परिस्थितियों से निकालने तथा इन्हें जरूरी सहायता के लिए श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है। श्रीमती कौशल ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटरों में रूके सभी प्रवासी श्रमिकों में से जो श्रमिक भवन, पुल-पुलिया बनाने जैसे कन्सट्रक्शन वक्र्स से जुड़े हैं, उनका पंजीयन छ.ग. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत निर्माणी श्रमिक के रूप में कराया जायेगा। ऐसे श्रमिक जो निर्माण कार्यों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में काम करते हैं उन्हें असंगठित कर्मकार के रूप में छ.ग. असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षाा मण्डल के तहत पंजीकृत किया जायेगा। पंजीयन के बाद पंजीकृत श्रमिकों को दोनों मण्डलों द्वारा संचालित श्रमिक कल्याण की लगभग 40 योजनाओं का मिल सकेगा। कलेक्टर ने बताया कि पंजीयन के बाद इन श्रमिकों को प्रसूति सहायता, औजार-उपकरण सहायता, बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, दुर्घटना में ईलाज के लिए सहायता, बीमा योजना, दुर्घटना मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि सहायता, सायकल, सिलाई मशीन सहायता, कौशल विकास सहायता आदि योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
प्रवासी श्रमिकों को असंगठित कर्मकार या निर्माणी श्रमिक के रूप में पंजीयन कराने के लिए एक फोटो, बैंक पास बुक की छाया प्रति, आधार कार्ड की छाया प्रति तथा परिवार के सदस्यों का ब्यौरा एवं आधार नंबर के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। क्वारेंटाइन सेंटरों में रूके सभी प्रवासी श्रमिकों से यह पूरी जानकारी सेंटर प्रभारी द्वारा ली जायेगी तथा पूरी तरह भरे हुए आवेदन, दस्तावेजों सहित सहायक श्रमायुक्त कार्यालय तहसील रोड कोरबा में एक सप्ताह के भीतर जमा कराये जायेंगे। निर्माणी श्रमिकों के रूप में पंजीयन के लिए श्रमिकों को दस रूपये पंजीयन शुल्क भी देना होगा। श्रमिकों के पंजीयन के बाद उन्हें पंजीयन कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा तथा ऐसे सभी पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। -
श्रमिकों को सेंटर से रिलीज करने प्राधिकृत अधिकारी भी नियुक्त हुए
कोरबा 02 जून :/ कोरबा जिले में अन्य प्रांतों से आये सभी प्रवासी श्रमिकों को कोरोना जांच की रिपोर्ट आ जाने पर ही क्वारेंटाइन सेंटरों से रिलीज किया जायेगा। जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर संक्रमित श्रमिक को ईलाज के लिए विशेष कोविड अस्पताल भेजा जायेगा। चैदह दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर चुके श्रमिकों की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर ही उन्हें घर जाने दिया जायेगा। ऐसे सभी श्रमिकों को घर में भी अगले 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने का शपथ पत्र भरना होगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में जरूरी निर्देश भी जारी किये हैं। श्रीमती कौशल ने कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी करने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गये लोगों को रिलीज करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की भी नियुक्ति की है। नगर निगम कोरबा क्षेत्र में स्थित क्वारेंटाइन सेंटरों से लोगों को रिलीज करने के लिए नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन प्राधिकृत अधिकारी होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारेंटाइन सेंटरों से 14 दिन की अवधि पूरी करने वाले जांच रिपोर्ट प्राप्त लोगों को रिलीज करने के लिए संबंधित अनुभाग के एसडीएम प्राधिकृत अधिकारी बनाये गये हैं। पाली तहसील के क्वारेंटाइन सेंटरों से लोगों को घर जाने के लिए छोड़ने का निर्णय तहसीलदार पाली करेंगे।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज यहां बताया कि अन्य राज्यों से कोरबा लौटे लोगों को कोविड प्रोटोकाल के आधार पर चैदह दिन क्वारेंटाइन में रखा गया है। इस अवधि में ऐसे सभी लोगों और श्रमिकों का आरटीपीसीआर पद्धति से कोरोना टेस्ट कराया जाता है। चैदह दिवस क्वारेंटाइन अवधि पश्चात भी यदि किसी श्रमिक का आरटीपीसीआर का रिपोर्ट जांच उपरांत प्राप्त नहीं हुआ है तो रिपोर्ट प्राप्त होने तक ऐसे श्रमिकों को किसी भी स्थिति में घर नहीं जाने दिया जायेगा। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को निगेटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही अगले 14 दिवस के लिए होम क्वारेंटाइन का शपथ पत्र भरवाकर ही छोड़ा जायेगा। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे जिन लोगों का क्वारेंटाइन अवधि के भीतर आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हो पाया है उनकी 14 दिन बाद रैपिड टेस्ट किट से जांच की जायेगी और रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त होने पर ही अगले 14 दिवस के लिए होम क्वारेंटाइन का शपथ पत्र भरवाकर छोड़ा जायेगा। चैदह दिन के बाद क्वारेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद छोड़े गये सभी श्रमिकों की निगरानी संबंधित क्षेत्र के सचिव, रोजगार सहायक, मितानीन-एक्टिव सर्विलेंस टीम के माध्यम से की जायेगी। -
सत्कार होटल कोरंटाइन सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद कलेक्टर ने जारी किया आदेशमेडिकल सुविधा के अलावा किसी भी कारण से बाहर निकलना हुआ प्रतिबंधित
कोरबा 02 जून : कोरबा शहर स्थित ईतवारी बाजार के पास सत्कार होटल को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। सत्कार होटल में क्वारंेटाइन किये गये एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमित मिलने के कारण सत्कार होटल तथा आसपास के 20 मीटर की परिधि को कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया है। कोरोना संक्रमित यह व्यक्ति 26 मई को महाराष्ट्र से ट्रक के माध्यम से सीपत जिला बिलासपुर तक आया था। सीपत से सीधे यह व्यक्ति बाईक द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर होटल सत्कार में पहुंचा था। सत्कार होटल क्वारेंटाइन सेंटर चांपा कोरबा रोड मार्ग से एक सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। सत्कार होटल के सामने रोड में छह दुकानें स्थित है। सत्कार होटल क्वारेंटाइन सेंटर के दाहिने ओर दो दुकान, बांये ओर दो दुकान एवं होटल के आसपास के संपूर्ण भवन को शामिल करते हुए चारों दिशाओं में लगभग 20-20 मीटर की परिधि को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि यह कंटेनमेंट जोन रहवासी क्षेत्र नहीं है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति निवासरत नहीं है। इस क्षेत्र में केवल व्यवसायिक दुकानें संचालित थी जिन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सत्कार होटल क्वारेंटाइन सेंटर ईतवारी बाजार कोरबा में क्वारेंटाइन किये गये समस्त लोगों सहित होटल स्टाफ को भी होटल में ही निवास करने के निर्देश दिए गये हैं तथा बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 के ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। आपात स्थिति में उक्त क्षेत्र से किसी व्यक्ति के आने-जाने के लिए स्थानीय प्रशासन एवं मेडिकल टीम की सलाह से निर्णय लिया जायेगा। इस संबंध में नियमानुसार लाॅगबुक भी संधारित किया जायेगा। सत्कार होटल क्वारेंटाइन सेंटर कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले सभी कर्मियों के द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सामाग्री आपूर्ति संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित किया जायेगा। -
हर शनिवार को रहेगा पूर्णतया लाॅक डाउन
कोरबा 02 जून :कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए कोरबा जिले में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों के खुलने-बंद होने के समय को एक बार फिर संशोधित कर दिया गया है। अब रविवार से लेकर शुक्रवार तक लाॅक डाउन में अनुमति प्राप्त दुकानें एवं प्रतिष्ठान सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक संचालित होंगे। पहले की तरह ही हर शनिवार को जिले में कंपलीट लाॅक डाउन रहेगा। इस दौरान कोरबा जिला सीमा क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तमाम दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। सड़कों पर बिना किसी काम के बेवजह लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जिले के सभी अनुमति प्राप्त दुकानें, प्रतिष्ठान, कार्यालय पहले की तरह ही केवल रविवार से शुक्रवार तक संचालित होगी। दुकानों का संचालन का समय सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक निर्धारित किया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज इस संबंध में नया आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश कंटेनमेंट जोन या कलेक्टर कार्यालय द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्रों पर लागू नहीं होगी।
जारी किये गये आदेश के अनुसार कम्पलीट लाॅक डाउन से केवल अत्यावश्यक सेवाओं एवं आपातकालीन सेवाओं को छूट होगी। कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा और अति आवश्यक सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मी एवं बिजली पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवाओं को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। लाॅक डाउन के दौरान सुरक्षा में लगी निजी एजेंसियों सहित सभी एजेंसियंा, अग्निशमन सेवाएं, एटीएम, टेलिकाम और इंटरनेट सेवाएं चालू रहेंगी। इस दौरान सभी अस्पताल और लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी खुले रहेंगे। मेडिकल स्टोर, चश्में की दुकान और दवा बनाने वाली इकाईयां तथा उनके परिवहन संबंधी गतिविधियां भी लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी। खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं इस दौरान चलती रहेंगी। मिल्क पार्लर और डेयरियां लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले विके्रता सुबह 6.30 बजे से 8.30 बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक दूध बांट सकेंगे। एटीएम वाहन, एलपीजी गेैस सिलेंडर वाहन भी इस दौरान चल सकेंगे। पेट्रोल, डीजल पंप एवं एलपीजी गैस के परिवहन तथा भंडारण की गतिविधियां चालू रहेंगी। टेक अवे, होम डिलेवरी रेस्टोरेंट, पहले से होटलों में रूके हुए अतिथियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी चालू रहेगी। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के दफ्तर एवं न्यूज पेपर वितरण संचालित होगा। अनवरत चलने वाली औद्योगिक संस्थानों और खदानों को भी इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध विधि सम्मत सख्त कार्यवाही की जायेगी। -
जिले के भीतर और अन्तरजिला टैक्सी-आटो परिवहन के लिए जारी हुए दिशा निर्देशकलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सवारियां बैठाने के दिये निर्देश
कोरबा 2 जून : राज्य शासन के निर्देश अनुसार आम नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोरबा जिले में टैक्सी एवं आटो परिचालन के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अनुमति जारी कर दी है। जिले के भीतर और अंतर्जिला टैक्सी आटो परिचालन के लिए कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं। चार पहिया वाहन कार-टैक्सी में ड्राईवर सहित केवल दो लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग मेन्टेन करते हुए यात्रा कर सकेंगे। जिले के भीतर ऑटो और टैक्सी का परिचालन नियमानुसार होगा। अंतर-जिला आवागमन के लिए ऑटो और टैक्सी के संचालन के लिए ई-पास अनिवार्य रहेगा। टैक्सी-आॅटो में यात्रा के दौरान चेहरे पर अनिवार्य रूप से मास्क लगाना होगा साथ ही कोरोना नियंत्रण के लिए जारी अन्य एडवाईजरी के पालन के साथ ही स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी होगा।
अंतर जिला आवागमन के लिए लोग सीजी कोविड-19 ई-पास एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा वेबलिंक https://epass-cgcovid19-in के माध्यम से भी मोबाइल नंबर से रजिस्टर कर अंतर-जिला आवागमन के लिए ई-पास हेतु आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन ई-पास के बिना अंतर-जिला टैक्सी, ऑटो परिचालन की अनुमति नहीं होगी। बिना अनुमति परिचालन की दशा में सख्त कार्रवाई की जाएगी। -
कोरबा 02 जून : आज कोरबा जिले में फिर दो नये कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। इनमें से एक प्रवासी श्रमिक है जिसे प्रशासन ने कोरबा लौटने पर करतला में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा था। दूसरी युवती कटघोरा निवासी है। जिला प्रशासन की टीम द्वारा दोनों पाजिटिव युवाओं की स्क्रिनिंग की जा रही है और उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तथा अन्य जानकारी खंगाली जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने दोनों संक्रमितों को कोरबा जिला मुख्यालय के ईएसआईसी अस्पताल भवन में निर्मित विशेष कोविड अस्पताल में भर्ती कराकर बेहतर ईलाज करने के निर्देश अधिकारियों तथा चिकित्सकों को दिए हैं। है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कटघोरा के लोगो से अपील की है कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए वे सभी अपने-अपने घरों में ही रहें। घरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते एक-एक मीटर की दूरी बनाए रखें। किसी भी व्यक्ति सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ लेने पर तत्काल कंट्रोल रूम में फोन करके सूचित करने की अपील कलेक्टर ने लोगो से की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करतला विकासखंड के बताती गांव का निवासी 24 वर्षीय युवक महाराष्ट्र के कुर्ला-मुंबई २ाहर में काम करता था। यह युवक लाॅक डाउन से बंद हुए काम के कारण वापस 23 मई को कोरबा पहुंचा था। युवक कुर्ला से भुसावल के रास्ते कोरबा वापस आया था। युवक की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर को सेनेटाइज किया जा रहा है। युवक को पूरी सावधानी से ईलाज के लिए कोविड अस्पताल भेजा जा रहा है। कटघोरा के वार्ड नंबर 10 की निवासी 23 वर्षीय एक अन्य युवती की भी कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और युवती को कोविड अस्पताल ईलाज के लिए भेजा गया है। युवती की कान्टेक्ट हिस्ट्री खंगाली जा रही है। युवती के परिजनों को भी मौके से हटाकर क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया है।
आज मिले दो नये कोरोना संक्रमितों को मिलाकर कोरबा जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 53 हो गई है। जिसमें से 32 संक्रमित ईलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गये हैं। उन्नीस संक्रमितों का ईलाज रायपुर, बिलासपुर और कोरबा के विशेष कोविड अस्पतालों में किया जा रहा है। कोरबा जिला मुख्यालय में बने विशेष कोविड अस्पताल में अन्य जिलों से भी कोरोना संक्रमित मरीज ईलाज के लिए भेजे गये हैं। अस्पताल में जशपुर जिले के आठ, जांजगीर जिले का एक और कोरबा जिले के 11 कोरोना संक्रमितों का ईलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। -
कोरबा से जाने के इच्छुक लोग 07759-224608 या 93400-64533 पर दें सूचना
कोरबा, 02 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाया जा रहा है साथ ही छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जा रहा है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से लाॅकडाउन में फंसे श्रमिकों को बड़ी राहत मिल रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में फंसे उत्तरप्रदेश के श्रमिकों एवं व्यक्तियों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए 5 जून को रायपुर रेलवे स्टेशन से एक स्पेशल ट्रेन बस्ती उत्तरप्रदेश के लिए रवाना होगी। यह ट्रेन उत्तरप्रदेश राज्य में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लेकर वापस लौटेगी। कोरबा से उत्तरप्रदेश जाने के इच्छुक लोग नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 07759-224608 या मोबाईल नंबर 93400-64533 पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं और अपना नाम, पता आदि लिखवा सकते हैं। अभी तक उत्तरप्रदेश जाने के लिए कोरबा जिले से लगभग एक सौ लोगों ने अपनी सहमति एवं अन्य जानकारियां प्रशासन को उपलब्ध करा दी हैं। उत्तर प्रदेश जाने वाले सभी लोगों को रायपुर से छुटने वाली स्पेशल रेलगाड़ी के निर्धारित समय अनुसार बसों द्वारा कोरबा से रायपुर पहुंचाया जायेगा। कोरबा से रवानगी के पहले उत्तर प्रदेश जाने वाले सभी लोगों का मेडिकल टेस्ट किया जायेगा। समस्त यात्रियों का चिकित्सकीय परीक्षण सुनिश्चित कराने, यात्रियों के नाम, मोबाईल नंबर, उनके गंतव्य स्थल के जिले का नाम आदि का विवरण संधारित करने के साथ ही ट्रेन की रवानगी के पूर्व श्रमिकों की सूची तथा ट्रेन परिचालन की सूचना उत्तरप्रदेश शासन को भी दी जायेगी। -
कोरबा में आज फिर मिले दो क़ोरोना संक्रमित, एक युवती और एक प्रवासी श्रमिक की रिपोर्ट पाजीटिव ........कटघोरा में 23 वर्षीय युवती मिली क़ोरोना संक्रमित... बताया जा रहा है कि क्वाँरेनटाईन सेंटर में 23 वर्षीय प्रवासी श्रमिक भी आया पाजिटिव.... प्रशासन सजग, इलाज के लिए लाया जाएगा कोविड अस्पताल ... अब 53 हुई कुल संक्रमित संख्या...
-
प्रवासी मृतक की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव, हार्ट डिसीज का पुराना मरीज था मृतक
कोरबा 01 जून : कोरबा जिले में अभी तक कोरोना संक्रमण के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। कोरबा में अब तक 47 संक्रमित लोगों की पहचान हुई है जिनमें से 29 लोग ईलाज के बाद ठीक होकर वापस अपने घर लौट गए हैं। 18 लोगों का ईलाज बिलासपुर, रायपुर, कोरबा के विशेष कोविड अस्पतालों में चल रहा है।बिहार से कुछ समय पहले कोरबा लौटे श्री वसीर खान की मौत कोरोना से नहीं हुई है। श्री वसीर खान बुधवारी बाजार ईलाके के रहवासी थे। वे कुछ दिन पहले ही बिहार से वापस कोरबा लौटने पर उन्हें और मिनीमाता गल्र्स कालेज परिसर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया था। कोविड-19 प्रोटोकॅाल के अनुसार श्री वसीर खान के गले व नाक का स्वाब सेम्पल 23 मई को जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
जिला अस्पताल के अधीक्षक सह सिविल सर्जन डा. अरूण तिवारी ने बताया कि वसीर खान को कल रात सीने में दर्द व सांस लेने में परेशानी पर परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया था जहां एमरजेंसी वार्ड में इस भर्ती किया गया था। परिजनों ने मरीज को भर्ती करते समय उनके बिहार से वापस लौटने तथा क्वारेंटाइन सेंटर में रहने की बात नहीं बताई थी। डा. तिवारी ने बताया कि वसीर खान पहले से ही हृदय रोग से पीड़ित थे तथा हृदय रोग के ईलाज के लिए दवाईयां ले रहे थे। जिला अस्पताल में भर्ती के बाद देर रात वसीर खान की हालत बिगड़ने पर उन्हें बिलासपुर सिम्स अस्पताल के लिए रिफर किया गया था। परंतु बिलासपुर पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। डा. अरूण तिवारी ने बताया कि वसीर खान का मृत शरीर मरच्यूरी में रखा गया है। जिसे जरूरी शासकीय प्रक्रिया के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। -
तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कुल के क्वारेंटाइन सेंटर में रूके प्रवासियों ने पौधारोपण कर कोरोना काल को दी चिर स्थाई स्मृतियां, सजगता का दिया संदेश
कोरबा 01 जून : जब तक यह पौधे रहेंगे, कोरोना का यह भीषण संकट लोगों को याद रहेगा, इसी भयावहता, इसकी परेशनियां लोगों की स्मृति में रहेगी... हम मजदरों ने जो दुख-दर्द इस कोरोना के कारण सहे हैंः वैसा कोई और ना रहें, सभी ऐसा काम करें जो मनुष्य जाति के हित में हो इसी पे्ररणा, सजगता और संदेश के साथ हम लोगों ने इस क्वारेंटाइन सेंटर में पौधे रोपे हैं.....। तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में क्वारेंटाइन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों ने अपने घर जाने से पहले अपनी चिन्हारी इस स्कूल में पे्ररणा स्वरूप रोप दी है। इन मजदूरों ने अपनी मातृभूमि लौटने के लिए कोरोना के कारण जिस संकट का सामना किया है उस संकट से आगे लोगों को बचाने के लिए उसकी याद स्वरूप अपनी चिन्हारी पौधों के रूप में क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ दी है। तिलकेजा के इस क्वारेंटाइन सेंटर में महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, उड़ीसा, सहित अन्य राज्यों में काम करने गये प्रवासी मजदूरों को वापस कोरबा लौटने पर प्रशासन ने सभी सुविधाओं के साथ ठहराया है। यहां श्री शिव सिंह गोंड़, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लकेश्वरी, उनका पुत्र हर्ष, ग्राम सरईडीह, श्री करन खरिया, उनकी धर्मपत्नी श्री मनीषा खरिया, उनकी पुत्री अंजू खरिया,ग्राम आमापाली, श्रीमती पारोबाई चंद्रा, प्रमोद चंद्रा, दीपक चंद्रा ग्राम दोंदरो और विजय सोनवानी, श्रीमती सविता सोनवानी, आरती, पूजा ग्राम पहंदा सहित अन्य प्रवासी श्रमिक ठहराये गये हैं। इन सभी प्रवासी श्रमिकों को भोजन-पानी के साथ बिजली, पंखा, शौचालय तथा नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी प्रवासियों में अपन घर जाने की जल्दी तो है पर कोरोना संक्रमण से अपने गांव-घर, परिजनो, रिश्तेदारों, दोस्तों को बचाने वे खुशी-खुशी इस सेंटर में रह रहे हैं।
सेंटर में ठहरे प्रवासी श्रमिक श्री शिव सिंह गोंड़ ने बताया कि वे अपने गांव सरईडीह से काम-काज की तलाश में तेलीबहाली उड़ीसा गए थे। वहां वे रोजी-मजदूरी का काम करते थे। कोरोना के कारण लाॅक डाउन हुआ तो कामकाज ठप्प पड़ गया। बड़ी मुश्किलों से वापस कोरबा लौटे हैं। श्री शिव सिंह गोंड ने बताया कि अपनी मातृभूमि लौटकर आने पर प्रशासन ने 14 दिन के लिए तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में क्वारेंटाइन किया। क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन तक रूकने की बात सुनकर मन में आया कि हम कहां आकर फंस गये, यहां खाने-पीने की, रहने की व्यवस्था होगी की नहीं, बाहरी प्रदेश में लाॅक डाउन के दौरान फंसे होने के समय जो दुख-दर्द सहें उसका अंत अभी भी नहीं होगा क्या..? यह सब बातें सोचकर मन बहुत विचलित हो गया था।
श्री शिव सिंह गोंड ने आगे बताया कि मन में आने वाली चिन्ता, व्याकुलता से पर्दा उठना उस समय प्रारंभ हो गया जब क्वारेंटाइन सेंटर में आते ही हम सबको तथा हमारे सभी सामानों को दवाई से सेनेटाइज किया गया, परिसर में बने भवन में ठहरने का जगह दिखाया गया। भवन के कमरे में प्रवेश करते ही एक पल के लिए सुखद अनुभव हुआ क्योंकि दूसरे प्रदेश से भटकते हुए आते समय भोजन के साथ छाया भी नसीब नहीं हुआ था। साफ फर्श वाले कमरे में अपना सामान रखे, गर्मी का मौसम था, पसीना से तरबतर थे।
यहां कमरे में आने के बाद पंखें की हवा ने परेशानी के पसीना को गायब कर दिया। इसी तरह श्री करन खरिया ने सुखद अनुभव बताते हुए कहा कि सेंटर में सुबह चाय-नाश्ता दिया जाता है। भूख ठीक से लगना शुरू नहीं हुआ रहता, खाना मिलने का समय हो जाता है। फिर शाम को चाय-बिस्किट के साथ शरीर में उर्जा का संचार होने लगता है। रात का भरपेट खाना जल्दी ही मिल जाता है जिससे बच्चों को भी भूखे पेट नहीं सोना पड़ता। श्री खरिया ने बताया कि सेंटर में नियमित स्वास्थ्य चेकअप होता है, किसी को सर्दी-खांसी तथा कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर दवाई भी दी जाती है। रोज सभी कमरों की साफ-सफाई के साथ सेनेटाइज भी किया जाता है। महिला-पुरूषों के लिए साफ-सुथरी शौचालय की भी व्यवस्था है। बिजली, पानी की कोई समस्या नहीं है। सेंटर में रहते-रहते लाॅक डाउन के दौरान सभी दुख भरे लम्हों को भूल सा गये हैं। प्रशासन द्वारा किया गया व्यवस्था तथा यहां के प्रभारी अधिकारियों का व्यवहार हमें अपनेपन का अहसास दिला रहा है। सभी प्रवासी श्रमिकों ने क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं से संतुष्टि जताते हुए कहा कि चैदह दिन का क्वारेंटाइन सुख का अनुभव करा रहा है। -
कोरबा 27 मई : अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और अन्य लोगों को घर वापसी के क्रम में श्रमिक स्पेशल ट्रेन तमिलनाडू के कोयंबटूर से रवाना होकर आज सुबह 10 बजे कोरबा स्टेशन पहुंची। इस स्पेशल ट्रेन में कोरबा, रायगढ़ बलरामपुर, जशपुर, कोरिया सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के 311 श्रमिक सवार थे। ट्रेन के कोरबा स्टेशन पहुंचने पर एडीएम श्री संजय अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर श्री अजय उरांव सहित अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों ने श्रमिकों का स्वागत किया। श्रमिकों से भरी ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें बोगियों से बारी-बारी करकेे उतारा गया। सभी लोगों की जानकारी नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया गया। सभी लोगों की स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल टीम द्वारा थर्मल स्केनिंग एवं अन्य स्वास्थ्य जांच भी किया गया। कोविड-19 के संदिग्ध श्रमिकों का सेम्पल भी लिया गया। ट्रेन के कोरबा स्टेशन पहुंचने से पहले ही पूरे स्टेशन को सेनेटाइज किया गया था। स्वच्छता कर्मियों द्वारा लगातार स्टेशन पर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया और उतरने वाले सभी श्रमिकों एवं उनके सामानों को भी सेनेटाइज किया गया।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन में कोविड-19 संक्रमण का बचाव करते हुए कोरबा जिले के सभी श्रमिकों को सावधानीपूर्वक बसो द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। सभी श्रमिकों को हिदायत दी गई कि वे 14 दिन क्वारेंटाइन में रहें तथा कोरोना से बचाव एवं सुरक्षा के लिए सभी निर्देशों का पालन करें। स्टेशन पर उतरे सभी श्रमिकों को पीने का पानी और पैक्ड भोजन भी दिया गया। ट्रेन से आये कोरबा के सभी श्रमिकों को उनके गृह विकासख्ंाड के क्वारेंटाइन सेंटर में भिजवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। अन्य निकटतम जिला तथा अन्य राज्यों के श्रमिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन की व्यवस्था की गई है। सभी प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
कोयंबटूर-कोरबा स्पेशल ट्रेन से कोरबा पहुंचे कुल 311 श्रमिकों में से छत्तीसगढ़ के कुल 201 श्रमिक हैं जिसमें से कोरबा जिले के 120 श्रमिक शामिल है। इस ट्रेन द्वारा आये कोरबा जिले के 120 लोगों में से पाली विकासखंड के 14, करतला विकासखंड के 13, कोरबा विकासखंड के 38, पोंड़ी-उपरोडा विकासखंड के 39, कटघोरा विकासखंड के 16 श्रमिक
शामिल हैे। छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के श्रमिकों में बलरामपुर के 11, सरगुजा के दो, कोरिया के एक, रायगढ़ के 67 कुल 81 लोग शामिल हैं। इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में छत्तीसगढ़ के बाहर के भी श्रमिक सवार थे। जिसमें मध्यप्रदेश के सात, झारखंड के 14, बिहार के 40, ओड़िशा के चार, उत्तर प्रदेश के 45 कुल 110 श्रमिक शामिल थे।
रायगढ़ जिले के रहने वाले श्रमिक विमल तिग्गा ने बताया कि वह काम की तलाश में कोयंबटूर गया था। वहां के कपड़ा मील में काम मिलने से वहीं रहके काम करने लगा। कोरोना वायरस के कारण लागू लाॅक डाउन के कारण कपड़ा मील बंद हो गया और खाने-पीने की समस्या पैदा हो गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर चलाये गये विशेष श्रमिक ट्रेन की जानकारी मिली और राज्य शासन की द्वारा किये गये मदद से अपने गृह राज्य में घर वापसी का मौका मिला। ट्रेन के द्वारा सफलता पूर्वक कोरबा पहुंचने पर विमल तिग्गा और सभी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
-
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जिले के किसानों से सतर्क रहने की अपील कीटिड्डी दल को रोकने जिले में पर्याप्त मा़त्रा में कीटनाशक उपलब्ध
कोरबा 26 मई : करोड़ो की संख्या में दल के रूप में विचरण करते हुए फसलों को नुकसान पहुचाने वाले टिड्डी दल का प्रकोप राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य तक पहुंच गया है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यह हमारे राज्य और विभिन्न जिले में भी प्रवेश कर सकते है। केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारियों, कर्मचारियों एवं किसानों को सक्रिय रहने को कहा है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के किसानों को टिड्डी दल से सचेत रहने कहा है। श्रीमती कौशल ने किसानों को टिड्डी दल से संबंधित किसी भी तकनीकी सलाह के लिए कृषि विभाग के मैदानी अमले से जानकारी लेने की अपील की जिससे टिड्डी दल के हमले से फसलों को बचाने में सहायता मिल सकें। उन्होंने कहा कि फसलों पर टिड्डी दल का प्रकोप होने से भारी मात्रा में फसल को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। कलेक्टर ने जिले के किसानों को नही घबराने और सतर्क रहने को कहा है जिससे समय रहते फसल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। कलेक्टर ने किसानों से टिड्डी दल की गतिविधि पता चलने पर जरूरी दवाइयों का उपयोग करने एवं टिड्डी दल को भगाने के लिए लगातार कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में बने रहने की अपील की है।
उपसंचालक कृषि श्री एम.जी. श्यामकुंवर ने बताया कि टिड्डी दल सायंकाल 6-9 बजे खेतों में स्वार्म करते हैं इनकी गति 80-150 किलोमीटर प्रतिदिन होती है। कृषकों एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से तत्काल जानकारी प्राप्त करके नियंत्रण हेतु कृषि विभाग द्वारा पूर्ण तैयारी कर ली गई है। इसके रोकथाम के लिए जिले के प्राइवेट डीलर्स के यहां प्रभावशील दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। किसान कीटनाशक मैलाथियोन, फेनवलरेट, क्विनालफोस तथा फसलों एवं अन्य वृक्षों के लिए क्लोरोपायरीफोस, डेल्टामेथ्रिन, डिफ्लूबेनजुरान, फिप्रोनिल, लेमडासाइहेलोथ्रिन कीटनाशक का उपयोग कर सकते है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, टिड्डियों को उनके चमकीले पीले रंग और पिछले लंबे पैरो से उन्हे पहचाना जा सकता है। टिड्डी जब अकेली होती हैं तोे उतनी खतरनाक नही होती लेकिन झुंड में रहने पर इनका रवैया बेहद आक्रमक हो जाता है। टिड्डी दल करोड़ो की संख्या में होती है और फसलों को एकतरफा सफाया कर देती है। टिड्डी दल दुर से ऐसा लगता है जैसे फसलों के ऊपर किसी ने एक बड़ी-सी चादर बिछा दी हो। टिड्डिया खरीफ, रबी फसल एवं फलदार वृक्षों के फूल, फल, पत्ते, बीज, पेड़ की छाल और अंकुर सब कुछ खा जाती है। हर एक टिड्डी अपने वजन के बराबर खाना खाती है। इस तरह से एक टिड्डी दल, 2500 से 3000 लोगों का भोजन चट कर जाता है। टिड्डियों का जीवन काल लगभग 40 से 85 दिनों का होता है। कृषि विभाग के मैदानी अमलें टिड्डी दल की उपस्थिति को लेकर लगातार निगरानी कर रही है। रात के समय टिड्डियां जहां भी सेटल होती है उसकी खबर भारत सरकार की लोकस्ट टीम तक पहुंचाई जाती है। जिससे सुबह के समय टिड्डियों के उपर दवा का छिड़काव किया जा सकें।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसान टिड्डी दल से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों में फसल के अलावा ,टिड्डी किट जहा इक्कठा हो ,वह उसे फ्लेमथ्रोअर (आग के गोले )से जला दे ,टिड्डी दल आकाश में 500 फुट पर उड़ान भरता है ,कुछ टिड्डी नीचे भी उतरती है उसी समय भगाने के लिए थालियां ,ढोल ,नगाड़े ,लाउड स्पीकर या दूसरी चीजों के माध्यम से शोरगुल मचाएं जिससे फसलों को बचाया जा सकता है ,टीड्डों ने जिस स्थान पर अपने अंडे हों ,वह 25 कि.ग्रा., 5 प्रतिशत मेलाथियान या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स को मिला कर प्रति हेक्टेयर छिड़के ,टिड्डी दल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए 100 कि.ग्रा. की धान की भूसी को 0.5 किलोग्राम फेनीट्रोथीयोन और 5 कि.ग्रा. गुड़ के साथ मिलाकर खेत में डाल दे,टिड्डी दल के खेत में बैठने पर 5 प्रतिशत मेलाथियान या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स का छिड़काव करे ,कीट की रोकथाम के लिए 50 प्रतिशत ई.सी. फेनीट्रोथीयोन या मेलाथियान अथवा 20 प्रतिशत ई.सी. क्लोरपाइरिफोस 1 लीटर दवा को 800 से 1000 लीटर पानी में मिला कर प्रति हेक्टेयर के क्षेत्र में छिड़काव करें ,टिड्डी दल सवेरे 10 बजे के बाद ही अपना डेरा बदलता है। इसलिए ,इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए लिए 5 प्रतिशत मेलाथियोंन या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स घोलकर छिड़काव करें, 40मिली लीटर नीम के तेल को कपड़े धोने के पाउडर के साथ या 20-40 मिली नीम से तैयार कीटनाशक को 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से टिड्डे फसलों को नहीं खा पाते। फसल कट जाने के बाद खेत की गहरी जुताई करे। इससें इनके अंडे नष्ट हो जाते है।
सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है की जब तक कृषि विभाग का टिड्डी उन्मूलन विभाग ,टिड्डी दल प्रभावित स्थल पर पहुँचता है ,तब तक ये अपना ठिकाना बदल चुका होता है। ऐसे में किसान सावधान रहे की टिड्डी दल से संबंधित पर्याप्त जानकारी और उससे संबंधित रोकथाम के उपायों को मात्र अमल में लाना ही एक मंत्र विकल्प है। -
- कोरेंटाइन सेंटर्स के श्रमिकों एवं अन्य को मिल रहा परामर्श-गर्भवती और किशोरी स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान, दे रहे पौष्टिक आहार
कोरबा. 25 मई : कोरोना वायरस संक्रमण के संचरण की संभावना को रोकने के लिए बाहर से आए ( दूसरे राज्यों से आए) हुए लोगों को ऐसे समय में क्वारेंटाइन सेंटर में रखने की सलाह दी जा रही है। क्वारेंटाइन हुए लोगों में ऐसे वक्त मानसिक तनाव एवं अन्य तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग. कोरबा द्वारा शासन के निर्देशानुसार क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वालों की सभी समस्याओं का निराकरण काउंसिलर्स (परामर्शदाता) की मदद से किया जा रहा है। इतना ही नहीं शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जा रही है। वहीं काउंसिलिंग के माध्यम से उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जा रहा है।
सीएमएचओ कोरबा डॉ. बी.बी. बोर्डे ने बताया शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग जिले के सभी क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों एवं अन्य लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रही है। कोरोनावायरस के अलावा सेंटर में रह रहे लोगों की इस दौरान स्वास्थ्यगत सभी तरह की समस्याओं का निराकरण चिकित्सकीय परामर्श देकर किया जा रहा है। घर और परिवार वालों से दूर कई लोग क्वारेंटाइन सेंटर में हैं , मानसिक तनाव एवं अन्य समस्याओं से गुजर रहे लोगों को विशेष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। ऐसे लोग जिन्हें काउंसिलिंग की आवश्यकता थी उनके लिए सेंटरों में विशेष परामर्शदाता की नियुक्ति कर उनकी काउंसिलिंग की जा रही है।
यह दे रहे विशेष सेवाएं- विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों में क्लीनिकल फिजियोलॉजिस्ट स्पर्श क्लीनिक संजय तिवारी, आईसीटीसी एवं किशोर स्वास्थ्य केन्द्र परामर्शदाता वीणा मिस्त्री, आरएमसीएच एवं परामर्शदाता नीलू चौधरी, फिजियोलॉजिकल सोशल वर्कर स्पर्श क्लीनिक ताराचंद श्रीवास एवं एनसीडी परामर्शदाता संजय मानिकपुरी आदि लोगों की विभिन्न तरह की स्वास्थ्यगत एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। यह सभी परामर्शदाता क्वारेंटाइन सेंटर में भी जा रहे हैं और जिला अस्पताल में भी पहुंचने वाले लोगों की नियमित काउंसिलिंग कर रहे हैं।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान- परामर्शदाताओं ने बताया बाहर से आने वाले ज्यादातर लोग घर से दूर हैं इस वजह से तनावग्रस्त हैं। कई लोग कोरोना की वजह से कोरेंटाइन सेंटर में रखे जाने से परेशान हैं। ऐसे लोगों की बातों को सुनना और उन्हें ढाढ़स बंधाना भी जरूरी होता है। काउंसिलिंग के दौरान यह रमजान में अलग व्यवस्था, उच्च रक्तचाप ,मधुमेह वाले रोगियों को सेहत की चिंता तथा गर्भवती महिलाओं की विशेष व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई। प्रशासन से इस संबंध में चर्चा कर लोगों को सारी अलग व्यवस्था प्रदान की जा रही है।
मासिकधर्म स्वच्छता की सीख- परामर्शदाता वीणा मिस्त्री के मुताबिक सेंटर में कुछ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार की जरूरत महसूस हुई तो उन्हें विशेष आहार का प्रबंध किया जा रहा है। काउंसिलिंग करते वक्त कुछ महिलाएं व किशोरियों ने मासिकधर्म स्वच्छता की चिंता जाहिर की। वहीं कुछ महिलाओं मासिकधर्म स्वच्छता के बारे में बताते हुए उन्हें सैनेटरी पै़ड्स उपयोग करने की सलाह दी गई। महिलाओं को सैनेटरी पै़ड्स का प्रबंध भी किया जा रहा है। -
मुख्यमंत्री भूपेश ने छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देशवासियों को भोजन कराने चलाई है योजनाराजीव गांधी किसान न्याय योजना से कोरबा के किसानों को मिलेंगे लगभग 18 करोड़ रूपये, दोगुने उत्साह से करेंगे खेती
कोरबा 25 मई : किसान सिर्फ अपने लिए नहीं कमाता... किसान की उपज से पूरे देश के लोगों का पेट भरता है... लागत का इंतजाम नहीं होने से किसान खेती नहीं कर पायेगा तो देश वासियों को दो जून की रोटी कैसे मिलेगी... कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लाॅक डाउन से कामकाज ठप्प पड़ गया है... किसानों के पास भी जो थोड़ी-मोड़ी जमा पूंजी थी घर परिवार चलाने में खतम हो गई...ऐसे में आने वाले खरीफ मौसम में खेती कैसी होगी इसकी चिन्ता अभी से सताने लगी थी... यह चिन्ता कोरबा जिले के पोंड़ी उपरोड़ा विकासखंड के गुरसियां गांव निवासी श्री हरिशचंद्र जायसवाल, लेपरा निवासी जीवन प्रताप सिंह के साथ सभी किसानों को परेशान कर रही थी। ऐसे नाजुक समय में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों को इस चिन्ता से निकाल लिया है। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर जिले के 23 हजार 832 किसानों के खाते में पहली किश्त के रूप में 17 करोड़ 85 लाख रूपये सीधे जमा करा दिए हैं। कोरबा सहित पूरे प्रदेश के किसान इस योजना के शुरू होने से खरीफ फसलों की खेती के लिए तैयारियों में जुट गये हैं।
लेपरा गांव के किसान जीवन प्रताप ने इस योजना को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता और किसानों तथा किसानी से उनके जुड़ाव-अनुभव का निचोड़ बताया है। जीवन प्रताप को इस योजना से चार किश्तों में साठ हजार रूपये से अधिक की राशि मिलेगी। योजना के शुरू होते ही जीवन प्रताप सिंह के खाते में सीधे पहली किश्त के रूप में 15 हजार रूपये से अधिक की राशि जमा हो गई है। जीवन प्रताप सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य शासन ने ऐसे समय में पैसे दिए हैं जब किसानों को इस पैसे की बहुत ही जरूरत थी क्योंकि खेती-किसानी करने का समय आ गया है और यह राशि से खाद-बीज लेने में सहायक साबित होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना सभी किसानों के लिए बहुत ही लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि किसान के पास पैसा नहीं रहेगा तो खेती किसानी करने में दिक्कत आती है। किसान अपने ही लिए नहीं, पूरे देश के लिए अनाज उपजाता है। किसान पूरे देश का पेट भरता है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री ने सभी बड़े, छोटे, मध्यम सभी किसानों के बारे में सोच विचार करके सभी लोगों को आगे होने वाली अनाज की कमी से समय रहते बचा लिया है। जीवन प्रताप सिंह ने कहा कि न्याय योजना से मिले पैसे से खेती करने के लिए किसान प्रोत्साहित होंगे। इस योजना से मिले रूपयों से आगामी खरीफ में खेती के लिए बीज, खाद, दवाई, काम करने वाले मजदूरों आदि की लागत आसानी से निकल जायेगी। खेतों में फसले लहलहायेंगी और देश के हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिल सकेगा।
कोरोना संक्रमण से बने संकट की इस घड़ी में किसानों की आर्थिक मदद से जिले के किसान बहुत खुश हैं और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का बहुत आभार जता रहे हैं। कोरोना काल में जहां सभी गतिविधियां रूक सी गई, इस दौरान अपने खाते में पैसे पाकर किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गये है। इस समय किसानों को खेती की तैयारी के लिए खाद, बीज आदि चीजों के लिए पैसों की जरूरत पड़ती हेै। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्राप्त प्रथम किश्त खेती-किसानी की तैयारी के लिए संजीवनी का काम कर रही है।
जिले के पोंड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत के ग्राम गुरसियां के किसान हरिशचंद्र जायसवाल ने बताया कि उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत दो लाख रूपये से ज्यादा की राशि मिलने वाली है। प्रथम किश्त के रूप में 52 हजार 800 रूपये की राशि प्राप्त हुई। वर्ष 2019-20 में 294 क्विंटल धान सहकारी समिति के धान खरीदी केंद्र में बेचा था। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि कोरोना काल के कारण काम-धंधा सब रूका हुआ था, पैसे की तंगी थी पर अब सब ठीक हो गया है। किसान न्याय योजना से मिले रूपये खेती-किसानी की तैयारी करने में बहुत फायदेमंद साबित होगें।
उल्लेखनीय है कि सीएम भूपेश बघेल नेे 21 मई को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की है। इस योजना से छत्तीसगढ़ के धान, मक्का, एवं गन्ना पैदा करने वाले 19 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। गुरुवार 21 मई को 1500 करोड़ की पहली किश्त प्रदेश के किसानो के खाते में पहुंचाई गई। इसके माध्यम से किसानों एवं कमजोर वर्ग के लोगों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर मिलेगा बल्कि गरीबी से भी मुक्ति मिल सकेगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू हो गया है। इस योजना से लाभान्वित होने वालों में 90 प्रतिशत लघु-सीमांत किसान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब तबके के है। योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को इस वर्ष 5750 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत धान की खेती के लिये किसानों को प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार रूपये तथा गन्ना की खेती के लिये प्रति एकड़ 13 हजार रूपये आदान सहायता के रूप में दी जाएगी। योजना से कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को फायदा होगा। उनके खातों में पहली किश्त के रूप में 17 करोड़ 85 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से पहुंचाई दी गई है। - कोरबा 25 मई : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सल हिंसा में शहीद हुए वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस हमले में छत्तीसगढ़ के विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता व जवान शहीद हुए थे। 25 मई को झीरम श्रद्धांजलि दिवस के रूप कलेक्टोरेट कोरबा में मनाया गया। इस अवसर पर कलेक्टोरेट कोरबा के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दो मिनट का मौन धारण किया गया तथा राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने हेतु संकल्प लिया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, डिप्टी कलेक्टर श्री अजय उरांव, श्रीमती नंदिनी साहू सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
-
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से लौटे हैं सभी प्रवासी मजदूरईलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर के विशेष कोविड अस्पतालों में कराया गया भर्ती
कोरबा 22 मई : कोरबा विकासखंड के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कुदुरमाल में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराये गये 12 प्रवासी मजदूरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई है। प्रवासी मजदूरों की रिपोर्ट पाजिटिव आते ही कलेक्टर श्रीमती किरण कोैशल सहित मेडिकल टीम और वरिष्ठ अधिकारी तत्काल कुदुरमाल के क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने चारों तरफ से सील क्वारेटाइन सेंटर को पूर्ण सेनेटाइजेशन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मजदूरों के ट्रेवल हिस्ट्र और संपर्क में आये लोगों की जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती कौशल की मौजूदगी में ही पूरे सुरक्षा मापदण्डों के साथ सभी संक्रमित मरीजों को चार एंबुलेंसों से ईलाज के लिए बिलासपुर और रायपुर के माना स्थित विशेष कोविड अस्पताल भेज दिया गया। सात संक्रमित मरीजों को रायपुर के माना में स्थित कोविड अस्पताल और पांच को बिलासपुर के कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। सभी संक्रमित प्रवासी मजदूर आठ दिन पहले महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से कोरबा लौटे थे, जहां उन्हें कुदुरमाल के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में क्वारेंटाइन किया गया था। सभी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की गई थी और उनमें कोरोना वायरस के कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं आये थे।
क्वारेंटाइन में ठहराने के बाद ऐहतिहातन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट के लिए नाक एवं गले का स्वाब सेम्पल लिया गया था जिसमें आज आये टेस्ट रिपोर्ट में 12 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये। आज कोरोना जांच में पाजिटिव मिले प्रवासी श्रमिक कोरबा जिले के कटबितला, तुमान, गाड़ापाली, पहंदा, रीवांपार, बरीडीह गांवों के साथ-साथ बेलगरी बस्ती बालको एवं दर्री क्षेत्र के मूल निवासी हैं। इनमें से दो लोग कानपुर, दो नागपुर, चार नासिक और एक-एक अलीगढ़, चंद्रपुर, भंडारा तथा दमोह से वापस कोरबा लौटे हैं।
कुदुरमाल के इस क्वारेंटाइन सेंटर में कुल 61 प्रवासी श्रमिकों को कोरबा वापस लौटने पर क्वारेंटाइन किया गया है। इन सभी की नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ अन्य लोगों से उनके संपर्क नहीं होने के भी पर्याप्त उपाय किये गये हैं। पूरे क्वारेंटाइन सेंटर को चारों तरफ से बेरिकेटिंग कर पहुंच मार्गों को सील कर दिया गया है। प्रवासी श्रमिकों को भोजन देने की भी ऐसी व्यवस्था की गई है कि वालिंटियरों का उनसे कोई संपर्क नहीं है। पानी के लिए नलकूप भी परिसर में ही है और उसे चालू या बंद करने के लिए इलेक्ट्रिक स्वीच भी परिसर में ही स्थापित है। स्वीच को बंद एवं चालू करने की जिम्मेदारी इन प्रवासी श्रमिकों को ही दी गई है। परिसर से लगे पृथक भवन में इन सभी श्रमिकों के लिए भोजन बनाने की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए भी पुलिस कर्मियों का पहरा परिसर में लगाया गया है। भोजन, साफ-सफाई, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं में लगे सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच और रेपीड टेस्टिंग कीट से संक्रमण की जांच के निर्देश भी कलेक्टर ने मौके पर दिए हैं।
इसके पूर्व दिल्ली से लौटे 25 वर्षीय युवक की टेस्ट रिपोर्ट भी 19 मई को पाजिटिव आई थी। युवक का ईलाज वर्तमान में बिलासपुर कोविड अस्पताल में जारी है। कोरबा जिले में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 13 हो गई है। इसके पूर्व कोरबा के रामसागर पारा के एक युवक तथा कटघोरा के 28 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाये गये थे जो अब पूरी तरह ठीक होकर अपने-अपने घर लौट चुके हैं। इस प्रकार कोरबा जिले से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 42 हो गई है जिसमें से 29 मरीज पूरी तरह ठीक होकर वापस लौट चुके हैं और 13 मरीजों का ईलाज जारी है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे अन्य लोगों की भी नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने के निर्देश सीएमएचओ को दिए। -
कोरबा 21 मई : कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र, कोरबा द्वारा रोजगार सहायता के इच्छुक अभ्यर्थियों का पंजीयन नवीनीकरण का कार्य अब वाट्सएप्प के माध्यम से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर किया जायेगा। जिला रोजगार अधिकारी जे.पी. खाण्डे ने बताया है कि अब युवाओं को लॉक-डाउन अवधि में कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है, वे रोजगार पंजीयन के नवीनीकरण के लिए वाट्सएप्प नंबर 9109308593 पर अपने रोजगार पंजीयन कार्ड को भेजकर नवीनीकरण करा सकते है। इसके एक हफ्ते बाद अभ्यर्थी रोजगार कार्यालय से ओरिजनल रोजगार पंजीयन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। लॉक-डाउन अवधि में कार्यालय की ओर से युवाओं के लिए यह सुविधा प्रारंभ की गई है। जिन आवेदकों को कैरियर कांउंसिलिंग एवं मार्गदर्शन की जरूरत हो वे जिला रोजगार अधिकारी के वाट्सएप नंबर 9109308593 पर संपर्क कर सकते हैं।