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पंजीयन कराने के लिए ’प्रवासी खाद्य मित्र’ एप्प जारी
कोरबा 11 जून 2020/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में देश के अन्य राज्यों से वापस आ रहे ऐसे श्रमिकों एवं व्यक्तियोें को जिनके पास किसी भी योजना के अंतर्गत राशनकार्ड नहीं है, उन्हें भी मई एवं जून माह में प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न और एक किलो चना प्रति परिवार प्रति माह निःशुल्क दिया जाएगा। इसके पंजीयन हेतु खाद्य विभाग द्वारा ’प्रवासी खाद्य मित्र’ एप्प जारी किया गया है।प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों को निःशुल्क खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एंड्राइड मोबाईल से गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से एप्प https://play-google-com/store/apps/details\id¾com-nic-cgcitizen को डाउनलोड कर सरलता पूर्वक अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों का पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की जनभागीदारी वेबसाईड https://khadya-cg-nic-in/citizen/citizenhome-aspÛ में भी ऑनलाईन पंजीयन का प्रावधान किया गया है। प्रवासी श्रमिक वेबसाईड के माध्यम से भी पंजीयन कर सकते हैं अथवा खाद्य विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय द्वारा करा सकते है।पंजीयन के लिए आधार नम्बर नहीं होने की स्थिति में राज्य शासन द्वारा पांच अन्य पहचान पत्रों को भी मान्यता दी गई है। जिसमें से किसी एक का उपयोग कर सकते है। यदि हितग्राही का आधार पंजीयन हो चुका है, किन्तु आधार नम्बर प्राप्त नहीं हुआ है तो वे आधार पंजीयन पर्ची (इनरोलमेन्ट आईडी) का उपयोग कर सकते है। इसके अलावा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र, आयकर विभाग द्वारा जारी स्थाई खाता संख्या (पैन कार्ड), किसान फोटो पासबुक, किसी राजपत्रित अधिकारी अथवा तहसीलदार द्वारा उनके शासकीय पत्र पर जारी फोटो सहित कोई पहचान प्रमाण पत्र का उपयोग किया जा सकता है। -
धार्मिक स्थलों, पूजा घरों में जल चढ़ाना और प्रसाद वितरण प्रतिबंधित रहेंगे, मूर्तियों को स्पर्श भी नहीं कर सकेंगे श्रद्धालू
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना होगा अनिवार्यकोरबा 11 जून 2020/ वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल ने भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करने की शर्तों के आधार पर धार्मिक स्थलों तथा पूजा घरों को खोले जाने की अनुमति दे दी है। जारी किये गये आदेश में सार्वजनिक पार्क एवं उद्यानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है। क्लबों में केवल आउटडोर गतिविधियां संचालित हो सकेगी। स्पोटर््स काम्पलेक्स और स्टेडियम में भी केवल आउटडोर खेल गतिविधियां हो सकेगी। शापिंग माल आगामी आदेश तक अभी बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट केवल टेकअवे या पार्सल सुविधा अनुसार ही संचालित होंगे।धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर कोरोना कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपाय के संबंध में पोस्टर-स्टैण्ड लगाया जाना अनिवार्य होगा। संक्रमण से बचाव के संबंध में ऑडियो-वीडियो क्लिप के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी। इन स्थलों में आने वाले आगंतुक जूते-चप्पल स्वयं के वाहन में रखकर प्रवेश करेंगे अथवा प्रत्येक परिवार के जूते-चप्पल अलग से रखे जाएंगे। परिसर के अंदर एवं बाहर भीड़ को व्यवस्थित करने व सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए प्रबंधन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। परिसर के भीतर व बाहर स्थित सभी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया को सोशल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का पालन करना जरूरी होगा। परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए आगंतुकों की कतार के लिए चिन्हांकन किया जाना अनिवार्य रहेगा। परिसर में प्रवेश एवं निकास की अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। प्रवेश के समय प्रत्येक व्यक्ति के बीच छह फीट की दूरी रखना जरूरी रहेगा और परिसर में बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।धार्मिक स्थलों के गर्भगृह में जहां तक संभव हो ताजा हवा व क्रॉस वेटिंलेशन की व्यवस्था इन स्थलों में होनी चाहिए। मूर्तियों, पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी, साथ ही बड़ी सभाएं निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण के फैलने के संभावित खतरे के मद्देनजर, जहां तक संभव हो, रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत अथवा गाने बजाए जा सकते हैं। गाना बजाने वालों या गायन समूहों को अनुमति नहीं दी जाएगी। श्रद्धालू एक-दूसरे को बधाई देते समय परस्पर शारीरिक सम्पर्क नहीं कर सकेंगे। प्रार्थना के लिए सार्वजनिक मेट (चटाई) का उपयोग वर्जित होगा, प्रत्येक आगंतुक स्वयं के मेट अथवा दरी का इस्तेमाल करेंगे। धार्मिक स्थल परिसर के भीतर प्रसाद वितरण व मूर्तियों पर जल चढ़ाना प्रतिबंधित रहेगा। सामाजिक रसोई-लंगर-अन्नदान के दौरान सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। परिसर के भीतर व हाथ-पैर धोने वाले स्थानों पर प्रभावी सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखना होगा। परिसर में फ्लोर की लगातार सफाई करनी होगी। यहां आने वाले आगंतुक व कर्मचारी फेस कव्हर-मास्क को सही तरीके से डिस्पोज करेंगे। धार्मिक संस्थान के किसी कर्मचारी, सदस्य में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं करनें दें तथा इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन को देना सूचित करेंगे। कंटेनमेंट घोषित जोन में पूर्व में लगाए गए सभी प्रतिबंध यथावत् रहेंगे। -
*कोरबा कोविड अपडेट *
: कोरबा जिले में फिर देर शाम मिले 12 नए कोरोना संक्रमित,सभी प्रवासी मज़दूर, देर रात आई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मे मिले संक्रमित,सभी पहले से ही है चार क्वाँरेटाईन सेंटर में रूके प्रवासी श्रमिक,क़ुदमुरा के क्वाँरेटाईन सेंटर में तीन और जरवे के क्वाँरेटाईन सेंटर में 5 प्रवासी श्रमिक मिले कोविड पाजीटिवमिनिमाता गर्ल्स होस्टल के क्वाँरेटाईन सेंटर में तीन, पाली विकासखंड के पौड़ी स्कूल के क्वाँरेटाईन सेंटर में एक संक्रमित मिला...ये सभी दिल्ली,पंजाब,महाराष्ट्र, ओड़िशा, और उत्तरप्रदेश से कोरबा लौटे है प्रवासी श्रमिक,सभी मे कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं,प्रशासनिक अधिकारियों का दल और मेडिकल टीम पहुँची मौक़ों पर,संक्रमितो को इलाज के लिए बिलासपुर रायपुर भेजने की तैयारीकोरबा जिले में अब कुल संक्रमित हुए-162इलाज के बाद स्वस्थ हुए- 41कुल एक्टिव केस- 121: *कोरबा कोविड अपडेट *: कोरबा जिले में फिर मिले 6 नए कोरोना संक्रमित,सभी प्रवासी मज़दूर, देर रात आई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मे मिले संक्रमित,सभी पहले से ही है चार क्वाँरेटाईन सेंटर में रूके प्रवासी श्रमिक,क़ुदमुरा के क्वाँरेटाईन सेंटर में तीन और जरवे के क्वाँरेटाईन सेंटर में 1 प्रवासी श्रमिक मिले कोविड पाजीटिवमिनिमाता गर्ल्स होस्टल के क्वाँरेटाईन सेंटर में एक, आफ़िसर क्लब जेलगाँव के क्वाँरेटाईन सेंटर में एक संक्रमित मिला...ये सभी दिल्ली, महाराष्ट्र, ओड़िशा, और उत्तरप्रदेश से कोरबा लौटे है प्रवासी श्रमिक,सभी मे कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं,प्रशासनिक अधिकारियों का दल और मेडिकल टीम पहुँची मौक़ों पर,संक्रमितो को इलाज के लिए बिलासपुर रायपुर भेजने की तैयारीकोरबा जिले में अब कुल संक्रमित हुए- 168इलाज के बाद स्वस्थ हुए- 41कुल एक्टिव केस-129 -
कलेक्टर श्रीमती कौशल की मौजूदगी में विशेष कोविड अस्पताल से मिली विदाईसभी ने तालियों की गड़गड़ाहट से बढ़ाया मरीजों और मेडिकल स्टाफ का हौसला
कोरबा 11 जून : कोरबा जिले के लिए कोरोना से जुड़ी राहत भरी खबर मिली है। जिले के विशेष कोविड अस्पताल में भर्ती तीन कोरोना मरीज ईलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गये हैं। इन तीनों मरीजों को आज सुबह कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और सीएमएचओ डा. बी.बी.बोडे की मौजूदगी में डिस्चार्ज किया गया। कोरोना से जंग जीतने वाले इन तीन मरीजों में से दो कोरबा और एक जशपुर जिले का है। स्वस्थ्य होकर अपने घर के लिए रवाना होने के मौके पर कोविड अस्पताल में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, अन्य उपस्थित अधिकारियों और अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने तालियों की गड़गड़ाहट से इन मरीजों की हौसला अफजाई की और उन्हें शुभकामनाओं सहित विदाई दी। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पद्माकर शिंदे और कोविड अस्पताल के एमडी डा. प्रिंस जैन भी मौजूद रहे। तीन मरीजों के ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाने के बाद अब कोरबा के विशेष कोविड अस्पताल में 97 कोरोना संक्रमितों का ईलाज चल रहा है। जिसमें 87 पुरूष एवं 10 महिलाएं हैं। कोरोना का ईलाज करा रहे 97 संक्रमितों में से 50 कोरबा के, 35 जशपुर के और 12 जांजगीर जिले के हैं।
कोरोना को हराकर घर लौट रहे तीनों लोगों ने कोविड अस्पताल की व्यवस्थाओं और ईलाज को जमकर सराहा। सभी ने अस्पताल के डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ के संयमित, सुरक्षित और प्रोत्साहित करने वाले व्यवहार की भी खूब तारीफ की। इन लोगों ने कहा कि यकीन नहीं होता कोरबा में भी कोरोना जैसी महामारी का ईलाज करने की व्यवस्थाएं जिला प्रशासन ने की है। इन्होंने कहा कि ऐसी अस्पताल और ऐसी व्यवस्थाएं किसी मैट्रो सिटी की व्यवस्थाओं से कम नहीं है। डाक्टरों की समर्पित टीम और मेडिकल स्टाफ नर्सों का मरीजों के ईलाज में समर्पण की बदौलत ही हम लोग कोरोना को हराकर घर लौट रहें हैं। सभी ने अस्पताल में ठहरने, खाने-पीने से लेकर संक्रमण को फेलने से रोकने के लिए किये गये इंतजामों के लिए मौके पर मौजूद कलेक्टर श्रीमती कौशल को भी धन्यवाद दिया।
ठीक होकर वापस लौटते समय मरीज भावुक हो गये। कोरोना से जंग जीतने की खुशी उनके आंखों और उत्साह उनके व्यवहार से साफ झलक रहा था। ऐसे में कलेक्टर और अन्य बड़े डाक्टरों की मौजूदगी ने मरीजों को नये आत्मविश्वास से भर दिया। ठीक होने वाले एक मरीज ने बताया कि वे भोपाल से कोरबा लौटे थे। उन्हें प्रशासन द्वारा 14 दिनों के लिए शहर के ग्रीन पार्क होटल में क्वारेंटाइन किया गया था। इस दौरान कोरोना टेस्ट के लिए उनका सेम्पल लिया गया था जिसकी जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। 31 मई को उन्हें डाक्टर प्रिंस जैन और अन्य मेडिकल स्टाफ की देखरेख में कोरबा के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकाल और आईसीएमआर द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर जरूरी दवाईयां और उपचार दिया गया। पिछले दिनों मरीज का सेम्पल पुनः जांच के लिए भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार आज मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी गई। मरीजों को अगले 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गये हैं। इन दिनों में किसी भी तरह की परेशानी सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर तत्काल चिकित्सकों को सूचित करने के लिए भी कहा गया है। -
पहले ही प्रशासन ने सभी को कर रखा है क्वारेंटाइन, ईलाज के लिए भेजा गया बिलासपुर, रायपुर के कोविड अस्पताल
कोरबा 11 मई : कल देर रात कोरबा मेें फिर कोरोना के 27 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है। यह सभी प्रवासी श्रमिक हैं, जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा पहले ही क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है। देर रात इन सभी प्रवासी श्रमिकों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव आई है। कुदमुरा क्वारेंटाइन सेंटर में रूके 10 प्रवासी श्रमिकों और जर्वे के क्वारेंटाइन सेंटर में रूके 17 प्रवासी श्रमिकों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कुदमुरा क्वारेंटाइन सेंटर में तीन महिलाएं एवं सात पुरूष संक्रमित पाये गये हैं। जर्वे में चार महिलाओं एवं 13 पुरूषों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। जर्वे के क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे दो साल के बच्चे के भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह सभी प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र, जम्मू, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश से कोरबा लौटे हैं। इन सभी श्रमिकों में कोरोना के कोई भी प्रारंभिक लक्षण नहीं हैं। दोनों क्वारेटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने की सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल टीम तत्काल मौके पर पहुंचे। सभी संक्रमितों को ईलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर के कोविड अस्पतालों में भेजा गया है।
देर रात आई रिपोर्ट के बाद कोरबा जिले में अब तक 150 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पहचान हो चुकी है। जिनमें से ईलाज के बाद 41 लोग स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं। शेष 109 संक्रमितों का ईलाज एम्स, माना कोविड अस्पताल रायपुर, सिम्स बिलासपुर और कोरबा के विशेष कोविड अस्पताल में चल रहा है। इकतालीस ठीक हुए कोरोना मरीजों में से 31 एम्स रायपुर से, छह मानाा कोविड अस्पताल रायपुर से, तीन विशेष कोविड अस्पताल कोरबा से और एक सिम्स बिलासपुर से डिस्चार्ज किये गये हैं। -
कोरबा : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की मौजूदगी में तीनो को आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई... ठीक हुए मरीज़ों मे दो कोरबा के और एक जशपुर जिले के है.... उन्हें ३१ मई और १ जून को कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव आने पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था....अस्पताल से डिसचार्ज होते समय कलेक्टर सहित सीएमएचओ डा. बोडे, डीपीएम श्री पद्माकर शिंदे, डा प्रिंस जैन सहित अस्पताल के पुरे स्टाफ़ ने ताली बजकर मरीज़ों को विदा किया.... मरीज़ों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की खूब तारिफ़ की और इलाज तथा मेडिकल स्टाफ़ के व्यवहार की प्रशंसा की....
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कोरबा : सभी पहले से ही है क्वाँरेटाईन सेंटर में रूके प्रवासी श्रमिक, क़ुदमुरा के क्वाँरेटाईन सेंटर में १० और जरवे के क्वाँरेटाईन सेंटर में 17 प्रवासी श्रमिक मिले कोविड पाजीटिव, महाराष्ट्र, जम्मू, ओड़िशा, और उत्तरप्रदेश से कोरबा लौटे है प्रवासी श्रमिक, सभी मे कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का दल और मेडिकल टीम पहुँची दोनो मौक़ों पर, संक्रमितो को इलाज के लिए बिलासपुर रायपुर भेजने की तैयारी
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कोरबा 10 जून : शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए शासकीय शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्याल पेण्ड्रा में डीपीएड, बीपीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन 25 जून तक आमंत्रित किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने बताया कि पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय स्कूलों में कार्यरत इच्छुक नियमित सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक पंचायत से आवेदन पत्र प्राप्त कर कर्मचारियों का चयन किया जायेगा। इच्छेक आवेदक से आवेदन निर्धारित प्रारूप में अपने कार्यालय प्रमुख के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 25 जून तक आमंत्रित किया गया है। अधिक जानकारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सूचना पटल का अवलोकन किया जा सकता है।
- मुख्यमंत्री ने अब तक किए गए कोरोना नियंत्रण प्रयासों पर संतुष्टि जताई, राज्य के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की भी प्रशंसा की
कोरबा 10 मई : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए राजधानी रायपुर से ही राज्य में शासकीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की कलेक्टर्स कांफेंस द्वारा समीक्षा की। उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों पर संतुष्टि जताई और इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की तारीफ की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खास तौर पर कोरबा जिले में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और टीम द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों को बेहतर बताया तथा अन्य जिलों को भी उनका अनुकरण करने की सलाह दी। श्री बघेल ने कहा कि कोरबा जिले में बाहर प्रांतों से आ रहे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों को व्यवस्थित तरीके से 14 दिन क्वारेंटाइन रखने के लिए कोरबा जिले में बनाई गई व्यवस्था बेहतरीन है। उन्होंने कहा कि 14 दिन क्वारेंटाइन में रहने के बाद अपने गांव-घर जाने पर भी इन प्रवासी श्रमिकों की निगरानी जरूरी है।इसके लिए कोरबा जिले की तरह ही गांव-गांव में निगरानी समितियां बनाई जाए और अगले 14 दिनांे तक गांव में इन श्रमिकों की सत्त मानिटरिंग की जाए। इस दौरान किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण या सर्दी, खांसी, बुखार आने पर प्रवासी श्रमिकों को तत्काल आइसोलोशन वार्ड में भर्ती कराया जाये। श्री बघेल ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के साथ ही अन्य शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा उपलब्धियों की जानकारी भी सभी जिला कलेक्टरों से ली। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीणा, सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन तथा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक जिलों खासकर कोरबा, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ में बिना सूचना के अन्य प्रांतों से काम पर लौट रहे मजदूरों पर विशेष निगाह रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक संस्थानों को बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों की जानकारी प्रशासन को देना अनिवार्य किया जाए तथा श्रमिकों को सीधे काम पर लगाने के बजाय उन्हें कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुसार पहले 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा जाए। उनका कोविड टेस्ट कराया जाये तथा जांच रिपोर्ट निगेटिव होने पर एवं पूर्णतः स्वस्थ्य होने पर ही उन्हें फैक्ट्रियों में काम के लिए बुलाया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी निर्देशित किया कि बिना अनुमति या जानकारी के चोरी-छिपे अन्य प्रांतों से श्रमिक बुलाकर काम कराने वाले औद्योगिक संस्थानों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही भी की जाए ताकि कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ राज्य में फेलने से रोका जा सके।
ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित हो गौठान-शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सुराजी गांव योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को गौठानों को आय मूलक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। राज्य में इस योजना के तहत नरवा के उपचार की स्थिति की भी उन्होंने जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने नालों के उपचार के कार्य को प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नालों के उपचार का कार्य कराए जाने हेतु शीघ्र विस्तृत कार्य योजना तैयार करने तथा उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रमुख नदियों में आकर मिलने वाले नालों का उपचार कराए जाने के पूर्व नालों के किनारों पर स्थित गांवों के कुआंें, ट्यूबवेल का जलस्तर लिया जाना चाहिए। ताकि नालों के उपचार के बाद स्थिति में आए बदलाव का आंकलन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों के उपचार से नदियों को भी पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में गौठान बनाने के निर्देश दिए और कहा कि गौठानों को लोगों के रोजगार का जरिया बनाया जाए। गौठानों में सब्जी उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन के अलावा अन्य आय मूलक गतिविधयों से समूहों को जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ गई है। ऐसे में स्थानीय आवश्यकताओं का आंकलन कर इसकी आपूर्ति के लिए स्थानीय स्तर पर इसके उत्पादन की कार्य योजना तैयार की जाये ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री ने खुली चराई प्रक्रिया को बंद कर पशुओं को चारागाहों में उत्पादित चारा खिलाने तथा खेतों से दूर अन्य स्थानों पर चरवाहों द्वारा चराई के लिए ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ग्राम सभाओं में खुली चराई प्रथा पर रोक लगाने प्रस्ताव पारित कराने के निर्देश दिएं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठान समितियों को सक्रिय करने तथा प्रदाय की गई राशि से पशुओं के लिए चारे-पानी की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों से जुड़े महिला स्वसहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे खाद और अन्य सामग्रियों की बेहतर मार्केटिंग व्यवस्था करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में चारागाह विकास के काम को भी प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए ताकि गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से हरा चारा मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पशुओं के स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन बेहतर होगा। उन्होंने वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत गौठान की स्थापना सुनिश्चित करने तथा वन समितियों के माध्यम से हरे चारे के उत्पादन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बाड़ी विकास कार्यक्रम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सामूहिक एवं व्यक्तिगत बाड़ियों से -
24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था
बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों को घर जैसा माहौल भा रहा.....
कोरबा 09जून : कोरोना वायरस के कारण लागू लाॅक डाउन में अपने घर वापसी के लिए पैदल चलते हुए सुनीता को यह चिंता थी कि इस विकट परिस्थिति में मेरे पेट में पल रहे नन्ही सी जान की देखभाल केैसे करूं.......? दर-दर भटकते हुए इसे सुरक्षा कैसे प्रदान करूं....? जैसे-तैसे पैदल, ट्रकों के सहारे करतला पहुंचते ही जिला प्रशासन द्वारा बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया। सेंटर पहुंचने के बाद एक सुखद अहसास हुआ कि इतने दिनों तक बाहरी राज्य में भटकने के बाद अपने प्रदेश की छाया में रहने का मौका मिल रहा है। सुनीता की खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब गर्भवती होने के कारण सेंटर के प्रभारी ने उसकी विशेष देखभाल का जिम्मा लिया। सुनीता के लिए मेडिकल जांच, जरूरी दवाईयां, पौष्टिक आहार की व्यवस्था प्राथमिकता सें की गई। साथ ही साथ सुनीता की टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई। क्वारेंटाइन सेंटर में हो रही गर्भवती सुनीता की देखभाल की तरह सुनीता ही नहीं सेंटर में ठहरे अन्य लोग भी बेहद सुखद अनुभव कर रहे हैं। सेंटर में मिलने वाले रहने, खाने-पीने की सुविधा को रीवांबहार के रहने वाले श्री जितेन्द्र मिरी ने सेंटर की व्यवस्था को घर की व्यवस्था से और भी बहुत सुविधाजनक बताया हैं।
बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी बच्चों के मनोरंजन और उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। अपने मां-बाप के साथ सेंटर में रह रहे चार वर्षीय तारा और राकेश की आंखें खुशी से उस समय प्रफुल्लित हो गई जब उन्हें चित्रकारी करने की किताब और रंगीन पेंसिल मिली। सेंटर में रहने वाले सभी 16 बच्चों को मनोरंजन के साथ ज्ञान सिखाने के लिए कलर पेंसिल के साथ पुस्तक भी दी गई है। बच्चे बड़े आनंद और उत्साह के साथ रंग भरकर और खेलकर अपना समय खुशी-खुशी व्यतीत कर रहे हैं। बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराये गये सभी प्रवासी श्रमिकों की उत्तम खानेे-पीने की व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और गरिमा का भी ख्याल रखा जा रहा है। सभी महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था है, जहां पानी की सप्लाई 24 घंटे हो रही है। महिलाओं की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सभी किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन प्रदान की गई है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन्हें सभी जरूरी सलाह एवं जानकारियां दे रहीं हैं। सभी का ख्याल रखने के लिए प्रवासी श्रमिक महिलाएं छत्तीसगढ़ की सरकार का धन्यवाद कर रहीं हैं। रीवांबहार की तुलसी देवी बताती हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर में सभी का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है। कोई भी परेशानी होने पर प्रभारी अधिकारी परेशानी को दूर कर रहे हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर में बिजली की आपूर्ति 24 घंटे बनी रहे इसके लिए विद्युत जनरेटर की भी व्यवस्था की गई है। जनरेटर की व्यवस्था होने से बिजली बंद होने पर पानी का पंप चालू करने में कोई परेशानी नहीं होती तथा 24 घंटे अबाध पानी और बिजली की आपूर्ति बनी रहती है। बिजली-पानी की व्यवस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच की भी उत्तम व्यवस्था क्वारेंटाइन सेंटर में की गई है। सभी प्रवासी श्रमिकों का नियमित स्वास्थ्य जांच हो रहा है तथा सर्दी, बुखार, दर्द जैसे सामान्य बिमारियों का तुरंत ईलाज कर दवाईयां भी दी जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों को बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में हरियाणा, राजस्थान एवं उड़ीसा से आये 84 प्रवासी श्रमिकों को ठहराया गया है। सभी प्रवासी श्रमिक करतला ब्लाक के अलग-अलग गांव उमरेली, पहाड़गांव, बुंदेली, टुण्डा आदि के मूल निवासी हैं। सभी प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में राज्य से बाहर गये थे। जिले में वापस आते ही शासन के द्वारा 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि में कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है, जहां नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ रहने, खाने-पीने की सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। -
15 जून तक बंद रहेंगे बार, 19 देशी और 18 विदेशी दुकानों में बिकेगी शराब
कोरबा 09 जून : जिले में अब मदिरा दुकानों का संचालन सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक किया जायेगा। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने निर्देश-आदेश जारी कर दिया है। जिले के सभी बार अब 15 जून तक बंद रहेंगे। सभी खुलने वाली दुकानों को समय-समय पर राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकाल के दिशा निर्देशों के तहत संचालित किया जायेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मदिरा दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। जिले में कुल 37 मदिरा दुकानें हैं। जिले की सभी 19 देशी मदिरा की दुकानें खुलेंगी। इसी प्रकार विदेशी मदिरा की सभी 18 दुकानों से शराब की बिक्री होगी।राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दुकानों के सामने बेरिकेटिंग आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती कौशल ने शराब बिक्री के दौरान कानून व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल लगाने के निर्देश भी दिए हैं। शासन के निर्देश अनुसार कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर डिलेवरी ब्वाय के माध्यम से मदिरा प्रदाय करने की व्यवस्था भी की गई है। - कोरबा 9 जून : वर्षाकाल 2020 के दौरान आवश्यकता होने पर बांगो, बांध माचाडोली एवं हसदेव बराज दर्री से नदी में पानी प्रवाहित किया जायेगा। अधीक्षण अभियंता हसदेव परियोजना मंडल द्वारा सर्व साधारण एवं कार्य संबंधितों को सूचित किया गया है कि उक्त बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल सम्पत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जायें। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेवें। अधीक्षण अभियंता ने कहा है कि अकस्मात बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा।
बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्रामों के नाम- बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कौेरीघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झााबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि हैं। -
कोरबा : कोरबा में आज रात फिर मिले 13 क़ोरोना संक्रमित, सभी प्रवासी श्रमिक , सभी को ज़िला प्रशासन ने सभी को किया था क्वारेंटाईन,10 संक्रमित पसान के गल्स स्कूल क्वारेंटाईन सेंटर में रूके है, तीन क़ोरोना पोसिटिव कटघोरा के गोपालपुर चोरभट्टी ITI के क्वारेंटाईन सेंटर में ठहरे है...
13 में से दो उत्तरप्रदेश से, एक गुजरात से, 6 महाराष्ट्र से और4 मध्य प्रदेश से लौटे है कोरबा...संक्रमितो में एक महिला और12 पुरुष ....दोनो क्वारेंटाईन सेंटरो पर पहुँची प्रशासनिक और मेडिकल टीम.... सभी संक्रमित लोगों को बिलासपुर कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी....जिले में अब कुल संक्रमित-122 इलाज के बाद स्वस्थ होकर लौटे- 36 ऐक्टिव केस-86 -
बाढ़ के नुकसान से बचने के लिए जल प्रबंध संभाग ने जारी की सूचना
कोरबा: वर्षाकाल 2020 के दौरान हसदेव बराज दर्री से नदी में पानी छोड़े जाने पर जिले के 16 गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। इन सभी गांवों में चल, अचल संपत्ति के बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर हटा लेने की सूचना स्थानीय हसदेव बराज जल प्रबंध संभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। हसदेव बराज दर्री से पानी छोडे जाने की स्थिति में कोरबा जिले के 16 गांव चारपारा, खैरभवना, बलरामपर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, ईमलीडूग्गू, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, कटबितला, झींक, ठिठोली और बिचैली बाढ़ संभावित गांवों में शामिल किये गये हैं। जांजगीर-चांपा जिले के दो गांव चांपा और देवरी भी संभावित गांवों में शामिल हैं। हसदेव बराज जल प्रबंध संभाग द्वारा बराज के नीचे और किनारे के सभी गांवों में चल, अचल संपत्ति को सुरक्षित स्थानों पर हटा लेने की सूचना जारी की गई है। बाढ़ प्रभावित गांवों में स्थापित खनिज, खनिज ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयों और संस्थानों को भी अपनी सभी परिसंपत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर सुरक्षित स्थान पर हटा लेने की सूचना जारी की गई है। जारी सूचना में उल्लेख है कि अचानक बाढ़ से होने वाली किसी भी क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा। -
कोरबा :जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक 16 साल के युवक की मौत क़ोरोना से नही हुई है। युवक की कोविड जाँच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। सावधानी वश जिला प्रशासन ने युवक का सेम्पल जाँच के लिए भेजा था। रायपुर के मेडिकल कालेज लेब से जाँच रिपोर्ट नेगेटिव मिली है।युवक के परिजन उसे सर्दी ,खांसी , बुखार व सांस लेने में तकलीफ पर शनिवार को सुबह अस्पताल ले कर आए। कोरोना के सम्भावित लक्षण की वजह से किशोर को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। खुद से चल कर बेड तक पहुँचे किशोर ने उपचार के दौरान जिला अस्पताल में रात को दम तोड़ दिया था । शव को जिला अस्पताल के मर्च्युरी में रखा गया था।नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रक्रिया पूरी कर युवक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
- कोरबा : कल रात सात और आज फिर एक क़ोरोना संक्रमित मिला कोरबा जिले में कल रात के सात मिलाकर अब संख्या हुई आठ आज मिला नया संक्रमित भी प्रवासी श्रमिक, पसान के गल्स स्कूल में क्वॉरंटाईन में है ३५ वर्षीय युवक महाराष्ट्र से लौटा है कोरबा स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने की पुष्टि एसडी॰एम॰ सहित मेडिकल टीम और प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे पसान युवक को कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी
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: कोरबा में फिर मिले 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज, एक्टिव मरीजो की संख्या बढ़कर पहुंची 70, चोरभट्ठी आई टी॰आई॰ के। कोरेन्टीन सेन्टर में 4 संक्रमित मरीज, 3 पसान के गल्स स्कूल कोरेन्टीन सेंटर में ठहरे है. सभी संक्रमित पुरुष....
महाराष्ट्र से चार तथा दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से १-१ लौटे प्रवासी श्रमिक कोरोना संक्रमित मिले....प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल टीम पहुँची मौक़े पर.. सभी को इलाज के लिए भेजा जा रहा कोविड अस्पताल..[06/06, 23:31] : देर रात दो और क़ोरोना संक्रमितो की कोरबा में हुई पहचान, आज एक दिन में बारह लोगों की जाँच रिपोर्ट आई पाजीटिव,अमगाँव में एक और उरगा में मिला एक और क़ोरोना मरीज़, दोनो प्रवासी श्रमिक ,अमगाव के क्वोरंटाईन सेंटर में मिला प्रवासी मुंबई थाने से लौटा था कोरबा,उरगा के क्वोरंटाईन सेंटर में ठहरा श्रमिक कुर्ला मुंबई से आया है वापस..प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल टीम पहुँची मौक़े पर.. सभी को इलाज के लिए भेजा जा रहा बिलासपुर कोविड अस्पताल..[06/06, 23:38] : कोरबा ज़िले में अब तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या-106 हुई, 34 इलाज के बाद स्वस्थ हुए, 72 का इलाज AIIMS रायपुर सहित रायपुर के माना, बिलासपुर के सिम्स और कोरबा के कोविड अस्पताल में चल रहा है.... -
क्वारेंटाइन सेंटर अमगांव से दो और पचरा से एक प्रवासी श्रमिक कोरोना संक्रमित
कोरबा 06 जून : जिले में आज तीन नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। तीनों मरीज क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराये गये प्रवासी श्रमिक हैं। इनमें से 2 श्रमिक पाली विकासखंड के क्वारेंटाइन सेंटर अमगांव में ठहराये गये हैंे और एक श्रमिक पोड़ीउपरोड़ा के पचरा क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराये गये हैं। श्रमिकों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आते ही मेडिकल टीम और वरिष्ठ अधिकारी तत्काल दोनों जगहों पर पहुंचे। यहां उन्होंने श्रमिकों की टेªवल हिस्ट्री और संपर्क में आये लोगों के बारे में जानकारी ली। पूरे सुरक्षा मापदण्डों के साथ तीनों श्रमिकों को ईलाज के लिए विशेष कोविड अस्पताल कोरबा भेज दिया गया है। इन दोनों क्वारेंटाइन सेंटरों को कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुसार सेनेटाइज करने और मजबूत बेरिकेटिंग कर इलाके में किसी भी प्रकार की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश मौके पर दिये हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर अमगांव में ठहराये गये दोनों प्रवासी श्रमिक बस के माध्यम से महाराष्ट्र के ठाणें से 22 मई को कोरबा जिला पहुंचे थे जिन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनमें से एक 20 वर्षीय युवक श्रमिक पाली विकासखंड के बंधिया पारा सिल्ली और दूसरा 21 वर्षीय युवक श्रमिक जिल्गा बरपाली का मूल निवासी है। यह दोनों श्रमिक काम की तलाश में महाराष्ट्र गये थे। क्वारेंटाइन सेंटर अमगांव में दो जून को कोरोना जांच के लिए दोनो प्रवासी श्रमिकों के मुंह एवं नाक का स्वाब सेम्पल लिया गया था। आज आये रिपोर्ट में दोनों श्रमिकों का कोरोना टेस्ट पाजिटिव पाया गया है। क्वारेंटाइन सेंटर अमगांव में कुल 30 प्रवासी श्रमिकों को ठहराया गया है। जो अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात एवं दिल्ली से लौटे हैं।
पोंड़ी उपरोड़ा विकासखंड के पचरा क्वारेंटाइन सेंटर में भी एक युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। यह युवक 28 मई को दिल्ली से यहां पहुंचा था। जिसे प्रशासन ने एतिहातन क्वारेंटाइन किया था। इसी सेंटर से तीन दिन पहले दो अन्य श्रमिक भी कोरोना संक्रमित पाये गये थे। युवक की ट्रेवल हिस्ट्री और कान्टेक्ट हिस्ट्री स्वास्थ्य विभाग द्वारा पता की जा रही है। युवक को ईलाज के लिये विशेष कोविड अस्पताल भेज दिया गया है। -
कोरबा में तीन नए क़ोरोना केस.... सभी प्रवासी श्रमिक, पहले से ही थे क्वॉरंटाईन में, दो पाली और एक पौड़ी के सेंटर में है ठहरे.... सभी पुरुष ... पूरी जानकारी थोड़े समय में दो जाएगी..
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कोरबा 05 जून : कोरबा में आज एक साथ मिले 40 कोरोना पाजिटिवों को मिलाकर जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 94 हो गई है। इनमें से 32 लोग एम्स रायपुर और रायपुर तथा बिलासपुर के विशेष कोविड अस्पतालों में ईलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गये हैं। अन्य 62 संक्रमितों का ईलाज कोरबा, रायपुर और बिलासपुर के कोविड अस्पतालों में चल रहा है। इनके भी जल्द ही ठीक होकर वापस लौटने की उम्मीद है। कोरबा जिले में कोरोना का पहला पाजिटिव केस शहर के रामसागर पारा में 29 मार्च को मिला था। इसके बाद तीन अपे्रल को कटघोरा की पुरानी बस्ती में दूसरा केस मिलने के बाद अगले दस दिनों में ही कटघोरा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 27 तक पहुंच गई थी। एम्स रायपुर में ईलाज के बाद यह सभी 28 संक्रमित स्वस्थ्य होकर वापस अपने घर लौट चुके हैं।
इसके बाद 19 मई को शहर के महाराजा इन होटल के क्वारेंटाइन सेंटर में दिल्ली से आकर रूके युवक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि जांच रिपोर्ट से हुई थी। यह युवक भी ईलाज के बाद ठीक होकर वापस लौट आया है। 22 मई को कुदुरमाल के क्वारेंटाइन सेंटर में रूके 12 प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इन सभी मजदूरों को ईलाज के लिए कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। जिनमें से छह प्रवासी श्रमिक स्वस्थ्य होकर वापस लौट चुके हैं। इसके बाद 29 मई को पसान के हायर सेकेण्डरी स्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर में रूके युवक की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। 30 मई को हरदीबाजार के क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे युवक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। 31 मई को जिले में कोरोना के चार नये केस मिले थे। इसके बाद जिले के पचरा, पाली, सेंद्रीपाली, कटघोरा और करतला के क्वारेंटाइन सेंटरों में एक जून को पांच और दो जून को दो नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई थी।
इसी बीच दो जून की देर रात को तिलकेजा में जांजगीर-चांपा जिले के क्वारेंटाइन सेंटर से लौटी एक महिला के भी कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि हुई थी जिसे ईलाज के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह महिला महाराष्ट्र के पुणें से वापस अपने मायके जांजगीर-चांपा जिले में लौटी थी। जांजगीर जिला प्रशासन द्वारा उसे पुंछेली क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। -
महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड से लौटे सभी प्रवासी, प्रशासन ने पहले ही किया था क्वारेंटाइन
सभी को ईलाज के लिए भेजा गया कोविड अस्पताल
कोरबा 05 जून : आज एक ही दिन में कोरबा जिले के तीन क्वारेंटाइन सेंटरों में ठहराये गये 40 प्रवासियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव प्राप्त हुई है। प्रवासियों की जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि पाये जाते ही अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीणा सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बारी-बारी से तीनों क्वारेंटाइन सेंटरों तक पहुंची। आज कोरबा विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल कुदुरमाल में बने क्वारेंटाइन सेंटर से 36 प्रवासी मजदूरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। शहर के श्री हरिमंगलम होटल में पेड क्वारेंटाइन में रह रहे दो प्रवासी व्यक्तियों और पोंड़ीउपरोड़ा विकासखंड के जटगा में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे दो अन्य प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव मिली है। अधिकारियों ने इन तीनों क्वारेंटाइन सेंटरों को कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुसार सेनेटाइज करने और मजबूत बेरिकेटिंग कर इलाके में किसी भी प्रकार की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश मौके पर दिये। तीनों सेंटरों से सभी कोरोना पाजिटिवों को एंबुलेंसों से कोरबा जिला मुख्यालय के विशेष कोविड अस्पताल में ईलाज के लिए भेज दिया गया है। कोरोना संक्रमित पाये गये सभी 40 लोग 19 से 55 साल के आयु वर्ग के पुरूष हैं। इनमें से दो 55 एवं 54 साल के बुजुर्गों को स्वास्थ्यगत परेशानी के कारण एम्स रायपुर ईलाज के लिए भेजा गया है।
कुदुरमाल के हायर सेकेण्डरी स्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर में गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से पिछले महिने लौटे 63 प्रवासी मजदूरों को रखा गया था। इनमें से 22 मई को पहले 12 प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी जिनका ईलाज बिलासपुर और रायपुर के विशेष कोविड अस्पतालों में चल रहा है। इनमें से तीन संक्रमित व्यक्ति ईलाज के बाद पूरी तरह ठीक भी हो गये हैं। उस दौरान अन्य सभी प्रवासी मजदूरों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। कुदुरमाल क्वारेंटाइन सेंटर में एक साथ 12 संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुनः अन्य प्रवासी मजदूरों का सेम्पल जांच के लिए भेजा था जिसमें से आज 36 अन्य प्रवासी श्रमिक पाजिटिव मिले हैं। कुदुरमाल क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे अन्य 15 श्रमिकों को अब वहां से हटाकर चचिया के क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जा रहा है। कुदुरमाल क्वारेंटाइन सेंटर में आज मिले 36 कोरोना संक्रमितों में से 16 लोग गुजरात से, 19 महाराष्ट्र से एवं एक मध्यप्रदेश से वापस कोरबा लौटे हैं। यह प्रवासी श्रमिक कोरबा जिले के कथरीमाल, साजापानी, तुमान, जामपाली, नोनबिर्रा, फत्तेगंज, उमरेली, गोढ़ी, बुनबिर्रा, सोहागपुर, सोहनपुर, बुढ़ियापाली, बुंदेली, कराईनारा, भंवरखोल, नवापारा, पहंदा के मूल निवासी हैं।
कोरबा शहर के श्री हरिमंगलम होटल में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटर में अन्य प्रांतो से आये 43 प्रवासी लोगों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया है। यहां ठहरे दो युवकों की भी कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इनमें से एक 35 वर्षीय युवक लखनउ से दिल्ली होकर हवाई जहाज से रायपुर पहुंचा था और रायपुर हवाई अड्डे से निजी टैक्सी द्वारा कोरबा आया था। प्रशासन ने उसे कोरबा पहुंचने पर क्वारेंटाइन किया था। इसी प्रकार झारखंड के गिरीडीह से राताखार निवासी एक अन्य 23 वर्षीय युवक भी निजी वाहन से कोरबा पहुंचा था। उसे भी प्रशासन ने पेड क्वारेंटाइन में रखा था। इस युवक की जांच रिपोर्ट भी पाजिटिव आई है। इन दोनों युवकों को भी ईलाज के लिए कोरबा कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी प्रकार जटगा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर में 47 प्रवासी श्रमिकों को प्रशासन ने ठहराया है। जिसमें से बांगों और कांटाद्वारी निवासी दो युवकों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि जांच रिपोर्ट से हुई है। -
-ग्राम तिलकेजा मे महिला कोरोना पाजीटिव -जाँजगीर चम्पा जिले के पुछेली क्वारन्टीन सेंटर से लौटी थी महिला
-16 मई को पूना महाराष्ट्र से आई थी अपने मायके, जाँजगीर में किया गया था क्वाँरेनटाईन..-14 दिन पूरा होने पर 31 मई को लौटी थी तिलकेजा-क़ोरोना जाँच रिपोर्ट कल आई थी पाजीटिव, महिला को इलाज के लिए देर रात भेजा गया कोविड अस्पताल-घर आस पास का इलाक़ा बेरिकटिंग कर घेरा गया, बनेगा कंटेनमेंट एरिया.. -
इलाके का सेनिटाईजेसन और घर घर सर्वे करने के दिए निर्देश,कल यहाँ मिली थी एक कोरोना संक्रमित महिला
कोरबा 03 जून : नगर पालिका परिषद कटघोरा के वार्ड क्रमांक 10 में रहने वाली महिला का कोरोना टेस्ट पाजिटिव पाये जाने पर आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अधिकारियों और डाक्टरों सहित कटघोरा के वार्ड क्रमांक 10 की संकरी गलियों में पहुंचकर सभी व्यवस्थाएं और स्थिति का जायजा लिया। वार्ड क्रमांक 10 में रहने वाली महिला का कोरोना टेस्ट पाजिटिव पाये जाने की पुष्टि हुई थी। महिला को कोविड अस्पताल कोरबा में भर्ती करा दिया गया था जहां पर उसका ईलाज जारी है। युवती के परिजनों को भी मौके से हटाकर क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया है। संक्रमित महिला के परिजनों का सेम्पल भी जाँच के लिए भेज दिया गया है। कलेक्टर ने आज पहुंचकर पूरे इलाके का मुआयना किया तथा संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी निर्देश दिए। कलेक्टर ने संक्रमित महिला के सम्पर्क में आए लोगों की पहचान कर सभी का कोरोना जाँच कराने के भी निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने महिला के घर की तरफ जाने वाली सभी रास्तों को बेरिकेटिंग कराकर बंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने वार्ड क्रमांक 10 तथा आसपास के घरों का सर्वे कराकर सभी लोगों का स्वास्थ्य जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उस क्षेत्र के लगभग 55 घरों का सर्वे किया जा चुका है। महिला के आने जाने के रास्तों में पड़ने वाले घरों के लोगों की रेंडम जाँच कराने के भी निर्देश दिए। संक्रमित महिला के सम्पर्क में आए अभी तक लगभग 35 लोगों को चिह्नांकित किया गया है। जिनके सेम्पल लेकर जाँच के लिए भेजने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने संक्रमित महिला के घर के आसपास के सभी लोगों का रेपिड टेस्ट किट से कोरोना जांच कराने के निर्देश दिए हैं।महिला की कोरोना पाजिटिव्ह रिपोर्ट मिलते ही प्रशासन द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए महिला की घर की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बेरिकेटिंग लगाकर आमजनों को उन सड़कों से आवागमन की मनाही की जा रही है। सभी प्रवेश सड़कों पर पुलिस के जवानों का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। पूरे इलाके को सेनेटाईज करने के लिए कटघोरा नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दवाओं का छिड़काव किया गया है। सभी घरों और बाहर के रास्ते को दवा छिड़ककर सेनेटाईज किया गया है। संक्रमित महिला की ट्रेवल हिस्ट्री के साथ-साथ उसके संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने वर्तमान परिस्थितियों में कटघोरा वासियों से संयम बरतने और अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। श्रीमती कौशल ने कहा है कि लोग घबरायें नहीं, जिला प्रशासन कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक ईलाज,सेनेटाईजेशन आदि के लिए सभी व्यवस्थाएं पहले से ही पूरी कर ली गई है। -
क्वारेंटाइन सेंटरों में लापरवाही बरतने और प्रवासियों के अनाधिकृत तरीके से सेंटर छोड़ने पर होगी प्रभारी पर भी कार्रवाईसमय सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दिए निर्देश, अन्य विभागीय योजनाओं की भी समीक्षा की
कोरबा 03 जून : कोरबा जिले में अन्य प्रांतों से लौटे प्रवासी श्रमिकों और लोगों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है। इन प्रवासियों के कोरोना जांच कराई जा रही है। चैदह दिन की अवधि पूरी होने और जांच की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त होने के बाद ही प्रवासियों को उनके घर जाने के लिए क्वारेंटाइन सेंटरों से रिलीज किया जा रहा है। सेंटरों से रिलीज किये गये ऐसे सभी लोगों को आने वाले 14 दिनों तक अपने घरों में होम आइसोलेशन में रहना होगा। होम आइसोलेशन की अवधि में स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग सहित जिला प्रशासन की टीम ऐसे लोगों की निगरानी करेगी। ऐसे सभी लोगों के घरों के बाहर होम आइसोलेशन के स्टिकर भी चस्पा किये जायेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियोकांफें्रसिंग के माध्यम से समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में क्वारेंटाइन सेंटरों के संचालन सहित अन्य शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस.जयवर्धन सहित अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया और सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी जनपद कार्यालयों और एसडीएम कार्यालयों से मैदानी अमला भी इस वीडियो कांफें्रसिंग से जुड़ा रहा।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गये सभी प्रवासियों के आरटीपीसीआर टेस्ट कराये जायें। टेस्ट के लिए सभी प्रवासियों के सेम्पल भेजने के बाद उस क्वारेंटाइन सेंटर को फ्रीज कर और अतिरिक्त लोगों को न रखा जाये। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसी भी प्रवासी को क्वारेंटाइन सेंटर से कम से कम 14 दिन की अवधि पूरी होने और टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही छोड़ा जाये। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि क्वारेंटाइन सेंटर में आखिरी प्रवासी के आने की तिथि या उस सेंटर में कोरोना पाजिटिव केस मिलने की तिथि से आगे 14 दिन क्वारेंटाइन अवधि की गणना की जाये और उसी आधार पर लोगों को सेंटरों से रिलीज किया जाये। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि सेंटरों से रिलीज होने वाले लोगों की पूरी जानकारी संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, सचिव, सरपंच और खंड चिकित्सा अधिकारी को अनिवार्यतः दी जाये ताकि आगे होम क्वारेंटाइन अवधि में इन लोगों की कोरोना संबंधी निगरानी की जा सके। कलेक्टर ने किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत अधिकारी की अनुमति के बिना क्वारेंटाइन सेंटर से रिलीज करने की मनाही की है। नगर निगम कोरबा क्षेत्र में आयुक्त श्री एस.जयवर्धन को, सभी अनुभागों में संबंधित एसडीएम को और पाली तहसील में तहसीलदार को क्वारेंटाइन सेंटर से लोगों को रिलीज करने के लिए अनुमति देने अधिकृत किया गया है।
क्वारेंटाइन सेंटरों में भोजन, पानी, साफ-सफाई, सेनेटाइजेशन, बिजली, शौचालय जैसी सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश श्रीमती कौशल ने पहले ही अधिकारियों को दिए हैं। आज की बैठक में उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटरों को समूह में बांटकर जोनल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए हैं। सभी जोनल अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बने क्वारेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में अगले चार दिनों में संपूर्ण प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। क्वारेंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था, लापरवाहीपूर्ण संचालन और सेंटर में रह रहे प्रवासियों के अनाधिकृत रूप से बाहर जाने जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बैठक में श्रीमती कौशल ने सेंटर के प्रभारी अधिकारी सहित स्वास्थ्य एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत सामुदायिक चारागाह एवं बाड़ी विकास के नये प्रस्ताव अगले दो दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने पहले और दूसरे चरण के अधूरे पड़े सभी गौठानों के काम अगले 15 दिनों में पूरा कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने पढ़ाई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर-घर जाकर मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। लाॅक डाउन के कारण एक से तीन वर्ष के छोटे बच्चों और शिशुवती माताओं को किए जा रहे सूखे राशन वितरण का भी निरीक्षण करने के निर्देश कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने जिले के सभी लोक सेवा केंद्रों को पूरी तरह सक्रिय कर लोगों को सभी उपलब्ध सेवाएं देने के निर्देश दिए। बारिश के मौसम को देखते हुए सभी शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्मित कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने बैठक में दिये। श्रीमती कौशल ने कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर और चेहरे पर मास्क लगाकर सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में जुट जाने के लिए भी निर्देशित किया। -
कृषि विभाग की तैयारियां पूरी, साढ़े ग्यारह हजार क्विंटल बीज और साढ़े पांच हजार टन उर्वरक सोसायटियों में उपलब्ध
कोरबा 03 जून : मौसमी हलचलों को देखते हुए मौसम वैज्ञानिकों सहित कृषि विभाग के अधिकारियों ने जल्द ही मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना जताई है। आने वाले आठ से दस दिनों में मानसून की बारिश छत्तीसगढ़ में हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को खरीफ मौसम की फसलों के बीज बोने के लिए खेतों की तैयारियों के साथ-साथ जरूरी सभी काम तेज करने की सलाह कृषि अधिकारियों ने दी है। आगामी खरीफ मौसम के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कृषि विभाग की तैयारी लगभग पूरी है। किसानों को विभाग के मैदानी अमले द्वारा आगामी खरीफ मौसम में धान, ज्वार, मक्का, अरहर, उड़द के साथ-साथ सोयाबीन, मूंगफली की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेतों की तैयारी से लेकर खुर्रा बोनी, रोपा और श्री पद्धति से धान की फसल लगाने की जानकारी किसानों को दी जा रही है।
कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने आज यहां बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले की लगभग 27 सोसायटियों में 11 हजार 556 क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। जिले में अभी तक चार हजार 344 क्विंटल स्वर्णा, एक हजार आठ सौ क्विंटल एमटीयू 1001, तीन हजार 905 क्विंटल एमटीयू 1010, दो सौ 92 क्विंटल एचएमटी, 381 क्विंटल बीपीटी 5204, दो सौ पैंतीस क्विंटल आरपीबायो 226, इकसठ क्विंटल राजेश्वरी और तीस क्विंटल इंदिरा एरोबिक धान बीज का भंडारण सोसायटियों में किया जा चुका है। जिसमें से अभी तक दो हजार 729 क्विंटल धान किसानों ने खेतों में बोने के लिए सोसायटियों से उठाया है। श्री श्यामकुंवर ने किसानों से तेजी से बीज-खाद का उठाव करने की अपील की है ताकि समय पर बीज की खेतों में बोनी की जा सके।
श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में सहकारी प्राथमिक समितियों तथा निजी कृषि केंद्रों में वर्तमान में पांच हजार पांच सौ 47 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। प्राथमिक सहकारी समितियों में चार हजार 177 टन और निजी दुकानों में एक हजार 371 टन रासायनिक उर्वरक खरीफ की खेती के लिए उपलब्ध है। किसानों ने अभी तक इसमें से केवल दो हजार 83 टन उर्वरक ही अभी तक लिये हैं। उप संचालक कृषि ने समय पर बेसल डोज के लिए रासायनिक उर्वरकों का भी उठाव तेज करने की सलाह किसानों को दी है। कोरबा जिले में अभी तक दो हजार 492 टन यूरिया, एक हजार 209 टन सुपर फास्फेट, 240 टन पोटाश, एक हजार 67 टन डीएपी और 540 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है। जिसमें से अभी तक एक हजार 074 टन यूरिया, 380 टन सुपर फास्फेट, 46 टन पोटाश, 424 टन डीएपी और 157 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का उठाव हुआ है। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि किसानों के लिए यूरिया 50 किलो एवं 45 किलो की पैकिंग में उपलब्ध है। जैसे-जैसे किसानों द्वारा उवर्रकों का उठाव किया जाएगा वैसे-वैसे और उवर्रकों का भंडारण कराया जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों से खरीफ मौसम-2020 मंे फसल मंे लगने वाली खाद का उठाव अभी से करने की सलाह दी जा रही हैं। खाद की कमी, इच्छित खाद की पूर्ति ना होने जैसी समस्याओं से बचने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त कर फसल की बोनी समय पर करने के लिए किसानों को अभी से खाद उठाव की सलाह दी जा रही है। जो किसान सोसायटियों से लोन लेकर खेती के लिए बीज-खाद उठाते है उन्हें भी अभी से ही पर्याप्त मात्रा में खाद उठाने की सलाह कृषि विभाग ने दी है।
कृषि विभाग के उपसंचालक श्यामकुवंर ने बताया कि चालू खरीफ मौसम के लिए अभी गोदामों में पर्याप्त रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है तथा किसानों के उठाव करने पर गोदाम खाली होने से दूसरे चरण की खाद का भंडारण किया जाएगा। अभी से खाद का उठाव होने पर गोदाम खाली होने से समय पर रासायनिक खाद की मांग अनुसार भंडारण कराया जा सकेगा ताकि किसानों को फसल की विभिन्न अवस्थाओं में जरुरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा के यूरिया, पोटास, सुपर फास्फेट खाद मिल सके।