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कोरबा : कक्षा दसवी एवं बारहवीं के घोषित परीक्षा परिणामों के हिसाब से कोरबा जिले के तीन विद्यार्थियों ने प्राविण्य सूची में स्थान बनाया है। कक्षा बारहवीं में कोरबा के बालको नगर स्थित एमजीएम हायर सेकेण्डरी स्कूल की छात्रा फरहीन कुरैशी ने सातवां स्थान प्राप्त किया है। फरहीन ने यह स्थान 95.06 प्रतिशत अंक लाकर बनाया है। वहीं कक्षा दसवीं में ब्लू वर्ड स्कूल की छात्रा कुमारी अंजलि शर्मा और निर्मला स्कूल की छात्रा वर्षा डे ने 97.67 प्रतिशत अंक लाकर संयुक्त रूप से नौवां स्थान प्राप्त किया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सहित जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों ने दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। प्राविण्य सूची में अपना स्थान बनाने वाले तीन विद्यार्थियों को अपने बधाई संदेश में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा है कि खूब पढ़ो, आगे बढ़ो... परिवार का, अपने जिले का, अपने प्रदेश का गौरव बढ़ाओं..। कलेक्टर ने इन परीक्षाओं में सकारात्मक परिणाम नहीं पाने वाले सभी विद्यार्थियों को निराश नहीं होते हुए फिर से मन लगाकर मेंहनत करने का सुझाव भी दिया है। -
दसवीं में जिले का परिणाम लगभग आठ प्रतिशत बढ़ा तो बारहवीं में डेढ़ प्रतिशत हुआ कमदसवीं के परिणाम सूची में कोरबा नौवें स्थान पर और बारहवीं में चैदवें स्थान पर
कोरबा 23 जून : आज घोषित हुए कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के परीक्षा परिणामों में कोरबा जिले में बालिकाओं ने फिर बालकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। दसवीं कक्षा में 55.41 प्रतिशत और बारहवीं कक्षा में 83.19 प्रतिशत बालिकाओं ने सफलता हासिल की है। दसवीें कक्षा का जिले में औसत परिणाम 78.65 प्रतिशत रहा है। बारहवीं कक्षा में कुल शामिल हुए विद्यार्थियों में से 78.45 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए हैं। पूरे राज्य में दसवीं कक्षा के परिणाम में इस वर्ष कोरबा जिले ने पिछले वर्ष की तुलना में छह पायदानों की छलांग लगाई है। पिछले वर्ष दसवीं कक्षा का औसत परिणाम 70.78 प्रतिशत था और कोरबा जिला राज्य सूची में पंद्रहवे स्थान पर था। इस वर्ष जिले का दसवीं का औसत परीक्षा परिणाम 7.86 प्रतिशत बढ़ा है और राज्य में कोरबा को नौंवां स्थान मिला है। इसी प्रकार बारहवीं परीक्षा के परिणामों में कोरबा एक पायदान नीचे उतर गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जिले में बारहवीं कक्षा का परिणाम डेढ़ प्रतिशत कम हुआ है। पिछले वर्ष बारहवीं कक्षा के परिणामों में कोरबा जिले का राज्य में 13 वां स्थान था जोकि इस वर्ष चैदहवां हो गया है। - बारहवीं की परीक्षा में दस हजार 188 में से सात हजार 992 हुए पास, दो हजार 674 प्रथम श्रेणी में आये
कोरबा : जिले से कक्षा बारहवीं की परीक्षा में कुल दस हजार 188 विद्यार्थी शामिल हुए थे जिनमें चार हजार 523 बालक और पांच हजार 665 बालकाएं थीं। इनमें से सात हजार 992 विद्यार्थियों ने परीक्षा में सफलता हासिल की है। इस वर्ष चार हजार 712 बालिकाएं और तीन हजार 280 बालक बारहवीं की कक्षा में पास हुए हैं। बारहवीं की परीक्षा में इस वर्ष बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 83.19 रहा जबकि 72.51 प्रतिशत बालक परीक्षा में पास हो सके। एक बालिका का रिजल्ट अपरिहार्य कारणों से रोका गया है। जिले में 980 बालक और एक हजार 694 बालिकाओं को मिलाकर दो हजार 674 विद्यार्थी बारहवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।
द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले पांच हजार 035 विद्यार्थियों में दो हजार 909 बालिकाएं और दो हजार 126 बालक शामिल हैं। एक सौ चैहत्तर बालक और 109 बालिकाओं के साथ 283 विद्यार्थियों ने तृतीय श्रेणी में बारहवीं की परीक्षा पास की है। इस साल की बारहवीं की परीक्षा में एक हजार 316 विद्यार्थियों में से 679 बालकों और 637 बालिकाओं की सप्लीमेंट्री आई है। इस साल बारहवीं कक्षा में गृह विज्ञान संकाय में जिले का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहा है। जिले में कला संकाय में कुल रिजल्ट 80.77 प्रतिशत, विज्ञान संकाय में 75.98 प्रतिशत, वाणिज्य संकाय 77.55 प्रतिशत, कृषि संकाय में 89.94 प्रतिशत, ललित कला संकाय में 16.66 प्रतिशत रहा। - कोरबा ज़िले में दसवीं में 83 प्रतिशत बालिकाएं और 73 प्रतिशत बालक हुए पास, 78.65 प्रतिशत रहा औसत रिजल्ट कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणामों में भी बालिकाओं ने ही ज्यादा संख्या में सफलता हासिल की है। जिले का औसत रिजल्ट 78.65 प्रतिशत रहा है। जिसमें से 83.08 प्रतिशत बालिकाएं और 73.24 प्रतिशत बालक पास हुए हैं। कोरबा जिले में दसवीं की परीक्षा में छह हजार 471 बालक और सात हजार 886 बालिकाएं शामिल हुई थीं। जिसमें से चार हजार 740 बालक और छह हजार 552 बालिकाएं पास हुई हैं। जिले में दो हजार 059 छात्र और तीन हजार 303 छात्राओं को मिलाकर कुल पांच हजार 362 विद्यार्थी दसवीं की परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। द्वितीय श्रेणी में पास होने वाले पांच हजार 479 विद्यार्थियों में दो हजार 442 छात्र और तीन हजार 037 छात्राएं हैं। तृतीय श्रेणी में जिले के 451 विद्यार्थी पास हुए हैं। जिनमें 212 बालिकाएं और 239 बालक हैं। सात सौ 82 विद्यार्थियों को पूरक मिला है जिनमें 383 छात्र और 399 छात्राएं शामिल हैं।
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कोरबा ज़िले में क़ोरोना संक्रमितो का तिहरा शतक, कुल संख्या पहुँची 304..
कोरबा जिले आज फिर मिले छः नए कोरोना संक्रमित,शाम को आई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मे मिले सभी संक्रमित,संक्रमितो में तीन पुरुष और तीन महिला शामिल...चार संक्रमित पटियापाली और एक-एक कटघोरा तथा चचिया के क्वाँरेटाईन सेंटर में रूके प्रवासीसंक्रमितो में कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं,सोमनाथ-गुजरात,और ओड़िशा से लौटे थे प्रवासीप्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल टीम पहुँची मौक़े पर,संक्रमितों को ईलाज के लिए कोविड अस्पताल कोरबा भेजने की तैयारीअभी तक ज़िले से इलाज के लिए भेजे गए 173 संक्रमित हुए स्वस्थ...वर्तमान में 131 का चल रहा इलाज, सभी की हालत सामान्य, डाक्टरों ने जताई जल्द ठीक होने की सम्भावना - कोरबा : कोविड-19 महामारी के कारण 21 जून को छठवें अंतर्राष्ट्रीय सामूहिक योग दिवस का आयोजन नहीं किया जाएगा। इस वर्ष 21 जून को सामूहिक योग दिवस डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर मनाया जाएगा। इसकी थीम योग एट होम एण्ड योग विद फैमिली है। लोग अपने घरों में 21 जून को सुबह 7 बजे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित योग दिवस समारोह में शामिल हो सकेंगे। छठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सामान्य प्रोटोकाल की जानकारी के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जारी विवरण सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी गई है। कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा ‘‘माई लाईफ माई योगा’’ प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में किया जा रहा है। प्रतिभागियों को तीन यौगिक अभ्यासों (क्रिया, आसन, प्राणायाम-बंध एवं मुद्रा) का 3 मिनट का वीडियों फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम#MylifeMyyoga पर अपलोड करना होगा । आयोजन के संबंध में अद्यतन सूचनाओं के लिए वेबसाइट innovate.mygov.in का अवलोकन किया जा सकता है।
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रोका-छेका अभियान की शुरूआत पर उत्साहित ग्रामवासी
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के आवाह्न पर फसलों को चराई से बचाने के लिए पूरे प्रदेश में शुरू हुए रोका-छेका अभियान से कोरबा जिले के ग्रामीण भी उत्साहित हैं। जिले के सभी ग्राम पंचायतों और गौठान गांवों में आज इस अभियान की शुरूआत हुई। स्थानीय विधायकों, जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने भी इस अभियान की शुरूआत में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। कोरबा जिले की चिर्रा ग्राम पंचायत के गौठान परिसर में रिमझिम बारिश के बीच मुंह पर मास्क बांधे और सोशल डिस्टेंसिंग मेन्टेन करते हुए पचास से अधिक संख्या में ग्रामीणों और गौठान समिति के सदस्यों, स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने पूरे उत्साह से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। गौठान समिति के सदस्य ललिता राठिया ने उत्साह पूर्वक बताया कि सरकार कोई कार्यक्रम शुरू करती है तो लोग जागरूक होते हैं। अपने फायदे के लिए लोग उस कार्यक्रम को अपनाते हैं। रोका-छेका अभियान भी गांव वालों के फायदे का अभियान है। ललिता राठिया ने बताया कि अब गांव के जानवर खुले में नहीं छोड़े जायेंगे। खेतों और बाड़ियों में घुसकर फसलों और सब्जियों को नहीं खायेंगे। बाहर छुटे जानवरों को सीधे गौठान में छेका जायेगा और पचास रूपये जुर्माना वसूलकर ही छोड़ेंगे। ललिता राठिया ने बताया कि इससे धान, सब्जी का उत्पादन ज्यादा होगा और किसानों को ज्यादा फायदा होगा। जुर्माने की राशि से पशुओं और गौठानों को सक्षम बनाया जायेगा। गांव की माली हालत सुधरेगी। ललिता राठिया ने रोका-छेका अभियान के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार व्यक्त किया।
ग्राम गौठान समिति की सदस्य श्रीमती कुंती राठिया ने कहा कि गौठान बनने से महिलाओं को अच्छा फायदा हुआ है। महिलाएं गौठान में केचुआ खाद बना रहीं है। एक लाख रूपये से अधिक की खाद अभी तक बेच दिये हैं। गौठान की बाड़ी में सब्जी लगा रहे हैं और उसे बेचकर भी फायदा कमा रहें हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि अब आजीविका ठीक से चल रही है। पहले काम नहीं मिल रहा था, अब 10 से ज्यादा महिलाओं को रोज का रोजगार मिल गया है। श्रीमती राठिया ने आशा जताई की गौठानों में अच्छे से काम करने पर एक साल में ही गांव की तस्वीर बदल सकती है। -
मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए रिमझिम बारिश में हुआ कार्यक्रम
कोरबा : खेतों में लगी खरीफ की फसलों को पशुओं की चराई से बचाने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में आज से रोका-छेका अभियान शुरू हो गया है। कोरबा जिले में सभी ग्राम पंचायतों और गौठान गांवों में ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों के साथ बैठकर अपने गांव की परिस्थितियों के हिसाब से पशुओं को रोकने और छेकने के लिए योजना बनाई और उन्हें खुले में नहीं छोड़ने की शपथ ली। कोरबा जिले के चिर्रा ग्राम पंचायत के गौठान परिसर में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। पूर्व गृह मंत्री एवं वर्तमान रामपुर विधायक श्री ननकीराम कवर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार की मौजूदगी में बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच सभी ग्रामवासियों ने अपने-अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ने की शपथ ली। कार्यक्रम स्थल पर ही सरपंच, सचिव, गौठान समिति के सदस्यों और ग्रामवासियों ने मवेशियों को खुला छोड़ने पर पचास रूपये प्रति मवेशी जुर्माना वसूलने का भी निर्णय लिया।
कार्यक्रम स्थल पर गौठान समिति और स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट, सब्जी और फलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। रेशम विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किसानों को सामग्री भी उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर चिर्रा गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर उद्यानिकी विभाग को बेचने पर स्व सहायता समूह की महिलाओं को 20 हजार एक सौ रूपये की राशि का चेक भी दिया गया। दो किसानों को मछली जाल, पांच किसानों को स्पे्रयर पंप और पांच हितग्राहियों को रेशम विभाग द्वारा कोसा धागा की रेलिंग मशीनें भी दी गई। जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती शिवकला कंवर, विधायक श्री ननकीराम कंवर, कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार ने गौठान परिसर में आम के पौधों का रोपण भी किया।
गौठान और रोका-छेका के लिए पूर्व गृह मंत्री ने की मुख्यमंत्री श्री बघेल की प्रशंसा, दिया धन्यवाद- रोका-छेका अभियान के शुभारंभ अवसर पर पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान रामपुर विधायक श्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सीधे मंच से जमकर प्रशंसा की। छत्तीसगढ़ की परंपरागत प्रथा को पुनः जीवित करने, गौठानों को पशुधन की देखरेख के लिए नया स्वरूप देने और गौठानों को ग्रामीण महिलाओं की आजीविका का साधन बनाने के लिए श्री कवर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ग्रंथों, वेद पुराणों में भी गाय की सेवा को असीमित पुण्य का काम बताया गया है। पशुधन के विकास और सेवा के लिए मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम शुरू करके बड़े पुण्य का काम किया है। श्री कंवर ने गौठानों को सशक्त बनाने, गौठानों में पानी की स्थाई व्यवस्था करने की भी वकालत की। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने तथा हमेंशा मुंह को ढंककर रखने की भी सलाह दी। विधायक ने कार्यक्रम स्थल पर की गई सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की भी तारीफ की।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने प्रश्नोत्तर शैली में बताये रोका-छेका के फायदे- चिर्रा गौठान परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ठेठ छत्तीसगढ़ी अंदाज में ग्रामीणों को रोका-छेका अभियान के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर ने कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीणों से प्रश्न पूछे और उनके उत्तर बताकर रोका-छेका के फायदे बताये। श्रीमती कौशल ने बताया कि खेतों में लगी फसलों को मवेशियों द्वारा चरने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए पशुओं को रोकना और छेकना जरूरी है। इससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को फायदा होगा। कलेक्टर ने लोगों से कहा कि वे मवेशियों को खुले में न छोड़ें। उन्होंने मवेशियों को खुले में छोड़ने पर उन्हें छेककर गौठानों में लाने और पचास रूपये प्रति मवेशी जुर्माना वसूलकर ही छोड़ने की सलाह लोगों को दी। कलेक्टर ने गौठानों को अधिक सक्षम बनाने की अपील ग्रामवासियों से की और कहा कि गांव के लोगों ने ही, गांव के विकास के लिए गौठान बनाये हैं और उनका संचालन भी गांव के लोगों द्वारा ही किया जा रहा है।
श्रीमती कौशल ने गौठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट और उगाये जाने वाले चारे, सब्जियों आदि से अतिरिक्त आमदनी लेकर अपनी जीवन शैली बेहतर करने की बात भी लोगों को समझाई। कलेक्टर ने कार्यक्रम में मौजूद सभी ग्रामवासियों को गौठानों के संचालन में पूरा सहयोग करने को भी कहा। उन्होंने गौठान समिति द्वारा एक लाख रूपये से अधिक की 110 क्विंटल कम्पोस्ट खाद बनाकर बेचने पर प्रसन्नता जाहिर की और आने वाले साल में 500 क्विंटल खाद बनाने के प्रयास करने को कहा।
सामुदायिक बाड़ियों से जुड़ेंगे ग्रामीण युवा- सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार ने इस अवसर पर कहा कि गौठानों को ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और आजीविका के साधनों के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिले में अब तक 230 गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। गौठानों में चारागाह और सामुहिक बाड़ी भी लगाई जा रही है। श्री कुमार ने बताया कि गौठानों की बाड़ियों में सब्जियो, मक्का या अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं को भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, ग्रामीण युवाओं की खेती-किसानी के प्रति रूचि भी बढ़ेगी। -
छह हजार चार सौ तीस सदस्यों को पांच किलो चांवल निःशुल्क मिलेगापंजीकृत परिवारों को एक किलो चना भी दिया जायेगा, दो महिने के चांवल-चने का आबंटन भी हुआ जारी
कोरबा 18 जून : कोरोना संक्रमण के कारण हुए लाॅक डाउन से कोरबा जिले में लौटे प्रवासी श्रमिक परिवारों को दो वक्त का भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए खाद्य विभाग द्वारा लगातार पंजीयन किया जा रहा है। ऐसे परिवार या व्यक्ति जिनके पास छत्तीसगढ़ सरकार का कोई राशन कार्ड नहीं है या जिनका नाम किसी राशन कार्ड में जुड़ा नहीं है, उन्हें पंजीयन करने के बाद प्रति सदस्य पांच किलो चांवल और प्रति परिवार एक किलो चना निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। कोरबा जिले में अब तक दो हजार 596 प्रवासी परिवारों के छह हजार 430 सदस्यों का पंजीयन निःशुल्क खाद्यान्न के लिए किया जा चुका है। इन सभी परिवारों के लिए मई और जून माह के चांवल एवं चने का आबंटन भी खाद्य विभाग ने जारी कर दिया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बाहर से आये सभी प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों को जिनका नाम राशन कार्ड में नहीं है या जिनके पास राशन कार्ड नही है, उन सभी प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन तेजी से करने के निर्देश खाद्य विभाग के अधिकारियों को दिये है। प्रवासी श्रमिकों को देने के लिए मई और जून दो माह का आठ सौ 54 मेट्रिक टन चांवल तथा लगभग 45 मेट्रिक टन चना का आबंटन प्राप्त हो चुका है। जिले के पंजीकृत कुल छह हजार 430 हितग्राहियो में से पांचों विकासखंड के कुल छह सौ 92 परिवारों के एक हजार 99 सदस्य तथा पांचों नगरीय निकायो के एक हजार 904 परिवारों के कुल चार हजार 731 सदस्य शामिल है। कोरबा विकासखंड मे अब तक 148 परिवारों के कुल 347 सदस्यो ने , करतला विकासखंड मे 230 परिवारों के कुल 524 सदस्यो ने, कटघोरा विकासखंड मे 58 परिवारों के कुल 149 सदस्यो ने, पाली विकासखंड मे 117 परिवारों के कुल 345 सदस्यो ने ,वं पोंडीउपरोड़ा विकासखंड मे 139 परिवारों के कुल 334 सदस्यो ने अपना पंजीयन करा लिया है। जिले के नगरीय निकायो मे कोरबा नगर निगम मे सत्रह सौ 30 प्रवासी परिवारों के कुल चार हजार 287 सदस्यो का पंजीयन हुआ है। नगर पालिका दीपिका मे 13 परिवारों के 41 सदस्यो ने, नगरीय निकाय कटघोरा मे 134 परिवारों के कुल 348 सदस्यो ने, नगर पंचायत छुरीकला मे 18 परिवारों के कुल 37 सदस्यो ने ,एवं नगर पंचायत पाली मे नौ परिवारों के कुल 18 सदस्यो ने अपना पंजीयन करा लिया है।
विभिन्न राज्यों से वापस जिले में आ रहे ऐसे श्रमिकों एवं व्यक्तियों जिनके पास किसी भी योजना के अंतर्गत राशनकार्ड नहीं है, इसके पंजीयन के लिये खाद्य विभाग ने ’प्रवासी खाद्य मित्र’ एप जारी किया है। प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों को निःशुल्क खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एंड्राइड मोबाईल से गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से एप https://play-google-com/store/apps/details\id¾com-nic-cgcitizen को डाउनलोड कर अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों का पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की वेबसाईट https://khadya-cg-nic-in/citizen/citizenhome-aspÛ में भी ऑनलाईन पंजीयन कराया जा सकता है। प्रवासी श्रमिक अपना पंजीयन वेबसाइट के माध्यम से या जिला प्रशासन के द्वारा भी करा सकते है। पंजीयन के लिए आधार नम्बर नहीं होने की स्थिति में राज्य शासन द्वारा पांच अन्य पहचान पत्रों को भी मान्यता दी गई है। जिसमें से किसी एक का उपयोग कर सकते है। यदि हितग्राही का आधार पंजीयन हो चुका है, किन्तु आधार नम्बर प्राप्त नहीं हुआ है तो वे आधार पंजीयन पर्ची का उपयोग कर सकते है। इसके अलावा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र, आयकर विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड, किसान फोटो पासबुक, किसी राजपत्रित अधिकारी अथवा तहसीलदार द्वारा उनके शासकीय पत्र पर जारी फोटो सहित कोई पहचान प्रमाण पत्र का उपयोग किया जा सकता है। -
लोकसेवा केन्द्र, सी.एस.सी. चॉइस केंद्र और स्वयं के एकाउंट से किया जा सकेगा आनलाईन आवेदनजिले में चिप्स द्वारा संचालित 16 लोकसेवा केन्द्रों और 650 सीएससी से सुविधा शुरू
कोरबा 18 जून : कोरोना संक्रमण से जिले में जारी लाॅक डाउन के दौरान भी शादी करने के इच्छुक लोगों को अब आनलाईन आवेदन पर ही अनुमति मिलेगी। कोविड-19 वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए राज्य शासन ने यह सुविधा शुरू की है। जिले में लाॅक डाउन के दौरान कई गतिविधियों की संचालन की छूट दी गई है और कई जरूरी काम शासकीय अनुमति से संचालित किये जा रहे हैं। जिले के तहसील कार्यालयों के साथ-साथ एसडीएम तथा कलेक्टर आफिस में विवाह की अनुमति के लिए प्रतिदिन आवेदन करने वालों की भीड़ बढ़ने लगी थी। फलस्वरूप फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराना अधिकारियों के लिए कठिन होने लगा था। इसी स्थिति को देखते हुए वैवाहिक अनुमति के लिए आनलाईन सुविधा प्रारंभ की गई है। चिप्स ने यह सुविधा अल्प समय में इनहाउस और अत्यंत कम लागत में विकसित की है।
जिला ई-प्रबंधक सुश्री शिखा ठाकुर ने बताया कि जिले में शादी के लिए अनुमति के आनलाईन आवेदन लेने की सुविधा 12 जून से शुरू की गई है। केवल छह दिनों में ही शादी करने के लिए 337 लोगों ने आवेदन आनलाईन भर दिए हैं। जरूरी दस्तावेजों की जांच के बाद कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की शर्त पर प्रशासन द्वारा 282 लोगों को विवाह समारोह आयोजित करने की अनुमति भी दी जा चुकी है। सुश्री ठाकुर ने बताया कि यह सुविधा जिले के 16 लोक सेवा केन्द्रों सहित 650 कामन सर्विस सेंटरों से लोगों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आवेदक अपने आईडी से वेबसाइट edistrict.cgstate.gov.in पर भी पंजीयन कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय आवेदक को आधार कार्ड, वोटर आई.डी. कार्ड, पेनकार्ड, ड्राईविंग लायसेंस, राशन कार्ड या विवाह आमंत्रण पत्र में से कोई भी एक पहचान पत्र संबंधित लोक सेवा केंद्र या सीएससी में देना होगा। विवाह अनुमति प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया जाएगा जिसे नागरिक प्रिंट निकाल कर प्राप्त कर सकते हैं या केन्द्र जाकर भी प्रिंट प्राप्त कर सकते हैं। आम नागरिक घर बैठे भी अपने फोन पर प्ले स्टोर से m-choice एप्प डाउनलोड कर इस सुविधा का लाभ उठा सकते है। -
गांव-गांव में होगी बैठक, बनेगी रोका-छेका की योजना, गौठान बनेंगे मुख्य केंद्रकृषि विकास आधारित अन्य गतिविधियां भी होंगी, कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दिए जरूरी निर्देश
कोरबा 18 जून : कल 19 जून को जिले के सभी ग्राम पंचायतों में बैठकें आयोजित कर ग्रामीण जन अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ने की शपथ लेंगे। इसके साथ ही कोरबा जिले में चालू खरीफ मौसम में खेतों में लगाई गई फसलों को मवेशियों द्वारा चरने से बचाने के लिये रोका-छेंका की व्यवस्था लागू हो जायेगी। गौठान गांवों में ऐसी बैठकें गौठानों में होंगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों के नाम संदेश में इस व्यवस्था को स्थानीय जन प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मदद से लागू करने की मंशा जताई थी। मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार पूरे छत्तीसगढ़ सहित कोरबा जिले में भी इस व्यवस्था को 19 जून से शुरू करने के लिए तैयारियां पूरी हो गईं हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रोका-छेका व्यवस्था लागू करने महत्वपूर्ण बैठक ली। शुक्रवार 19 जून को जिले कीे सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीणजन जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रोका-छेंका व्यवस्था लागू करने के लिए अपनी पंचायत की कार्य योजना बनाएंगे। मवेशियों से फसल चराई को रोकने वाली यह व्यवस्था पूरे गांव की सहमति से कल से ही लागू हो जायेगी। इस व्यवस्था के क्रियान्वयन में गौठानों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। गौठान ग्राम वाली पंचायतों में बैठक गौठानों में आयोजित होगी। इस दौरान ग्रामीण यह शपथ भी लेंगे कि वे अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ेंगे।
बैठक में पंच-सरपंच, जन प्रतिनिधि, गांव के वरिष्ठ नागरिकों, चरवाहों सहित गौठान समिति, पूर्व सरपंच, महिलाओ को भी शामिल करने के निर्देश जारी किये गये है, ताकि गांव से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रोका-छेका के लिए प्रभावी योजना तैयार की जा सके। इस दौरान गौठानों में होने वाली बैठकों में विभिन्न शासकीय विभागों और अन्य जरूरतमंद किसानों को गौठानों में बनी कम्पोस्ट खाद का वितरण भी किया जायेगा। गौठानों से जुड़े स्व सहायता समूहों द्वारा बनाई गई सामग्रियों का प्रदर्शन और बिक्री भी होगी। गौठानों में पशुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए शिविर लगाये जायेंगे। पशु पालन और मछली पालन के इच्छुक किसानों के किसान के्रडिट कार्ड भी इस दौरान बनाये जायेंगे। कृषि, पशु पालन, मछली पालन, उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को सामग्री वितरण भी किया जायेगा। किसानों को अभी से गौठानों में पैरादान के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा और गौठानों में अपने मवेशियों को नियमित रूप से भेजने के लिए भी कहा जायेगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ग्राम पंचायतों में होने वाली इन बैठकों में सोशल डिस्टेसिंग मेन्टेन रखने और मास्क लगाकर ही बैठक में शामिल होने के निर्देश सभी को दिए हैं। श्रीमती कौशल ने बैठक स्थल पर हैंडवास की व्यवस्था रखने के लिए भी पंचायत सचिवों को निर्देशित किया है। - कोरबा 18 जून : छ0ग0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं प्रसार को कम करने हेतु सोशल डिस्टेसिंग को ध्यान में रखते हुये वर्तमान में विडियों कान्फेसिंग के माध्यम से कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई चल रही है। अधिवक्ताओं को ई-फायलिंग एवं विडियों कान्फेसिंग की समस्या के निराकरण एवं जानकारी प्रदाय करने के प्रयोजनार्थ श्री राकेश बिहारी घोरे, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मार्गदर्शन एवं निर्देश में कम्प्यूटर अनुभाग के सहायक प्रोग्रामर एवं सिस्टम आफिसर की सहयोग से जिला न्यायालय परिसर कोरबा के न्यायिक सर्विस सेन्टर कोरबा में ई-फायलिंग संपर्क क्रांति की स्थापना की गई है।
यहाॅं पर अधिवक्ताओं को ई फाईलिंग व विडियों कान्फेसिंग की प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण की जानकारी दी जाएगी साथ ही ई- फायलिंग एवं विडियों कान्फेसिंग करने में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जावेगा। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया कि इससे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रण एवं प्रसार में कमी आयेगी तथा अधिवक्ताओं का इसका लाभ मिलेगा तथा न्यायलीयन कार्य सुगमता से संपादित होगा। -
बाहर से आये लोगों की जानकारी के लिए बनी ग्राम निगरानी समितियांकोरोना नियंत्रण के लिए सक्रिय सामुदायिक सर्वाइलेंस की प्रशासन की तैयारियां पूरीपांच खंड स्तरीय समिति, 78 क्लस्टर समितियां और 412 ग्राम समितियां गठित
कोरबा 18 जून : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मौजूदा हालातों की समीक्षा के बाद कोरबा जिला प्रशासन ने अपनी रणनीति एवं तैयारियां तेजी से पूरी कर ली है। बड़े पैमाने पर संक्रमण को रोकने के लिए जिले में सक्रिय सामुदायिक सर्वाइलेंस अभियान शुरू किया गया है। होम क्वारेंटाइन या होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों की निगरानी के साथ-साथ आसपास के घरों में भी कोरोना संक्रमण संबंधी जानकारियां इकट्ठी करने गांवों में स्थानीय वालिंटियर्स ‘रक्षा मित्र‘ बनाये जा रहे हैं। विकासखंड स्तर, क्लस्टर स्तर और ग्राम स्तर पर निगरानी समितियां गठित की गई है। ग्राम स्तरीय समितियों में स्थानीय रक्षा मित्रों के साथ-साथ पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, स्थानीय शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी, कोटवार, मितानीन जैसे मैदानी स्तर पर काम करने वाले शासकीय कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि जिले में दूसरे राज्यों से आये लोगों से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावनाओं को देखते हुए सक्रिय सामुदायिक सर्वाइलेंस के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में त्रिस्तरीय ग्राम निगरानी समितियां बनाई गई है। जिले में पांच खंड स्तरीय समिति, 78 क्लस्टर समितियां और 412 ग्राम समितियां गठित की गई है। कोरबा विकासखंड में 14 क्लस्टर समितियां और 74 ग्राम समितियां, करतला विकासखंड में 16 क्लस्टर समितियां और 78 ग्राम समितियां, पाली विकासखंड में 18 क्लस्टर समितियां और 93 ग्राम समितियां, कटघोरा विकासखंड में 10 क्लस्टर समितियां और 53 ग्राम समितियां और पोंड़ीउपरोड़ा विकासखंड में 20 क्लस्टर समितियां और 114 ग्राम समितियां बनाई गई है। शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सक्रिय लोगों को भी इन समितियों में शामिल किया गया है। समिति के सदस्य होम क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में रहने वाले सभी लोगों की पूरी निगरानी करेंगे।
इन रक्षा मित्रों द्वारा होम आइसोलेशन या होम क्वारेंटाइन किये गये व्यक्ति के घर के आसपास के 50 मकानों या संस्थाओं का नजरी नक्शा तैयार कर घर-घर सर्वे किया जायेगा और प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सभी लोगों की जानकारी इकट्ठी की जायेगी। होम क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में रखे गये व्यक्ति के घर के बाहर बड़ा सा स्टिकर भी चिपकाया जायेगा। क्वारेंटाइन नियमों तथा निर्देशों का उल्लंघन करने पर समिति सक्षम अधिकारी को सूचित करेगी और संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। रक्षा मित्र गांवों में समय-समय पर नियमित रूप से भ्रमण कर क्वारेंटाइन किये गये व्यक्ति के स्वास्थ्य, रहन-सहन आदि की पूरी जानकारी लेते रहेंगे। क्वारेंटाइन सेंटरों से छूटकर घर पहुंचने वाले, कोविड अस्पतालों से ठीक होकर होम क्वारेंटाइन में रहने के लिये घर पहुंचने वाले या बाहर से आये लोगों के संबंध में रक्षा मित्र क्वारेंटाइन अवधि के दौरान सघन निगरानी करेंगी। ऐसे किसी भी व्यक्ति की तबीयत खराब होने या इनफ्लूएंजा तरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जायेगा और ऐसे लोगों को समय रहते ईलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती किया जा सकेगा।
ग्राम स्तरीय समितियों द्वारा किये गये सर्वे का सत्यापन करने के लिए क्लस्टर स्तरीय समिति भी गठित की गई है। क्लस्टर स्तरीय समिति के सदस्य रक्षा मित्रों द्वारा किये गये सर्वे और दी गई जानकारी का रेण्डम आधार पर मौके पर जाकर सत्यापन करेंगे और इसकी पूरी जानकारी खंड स्तरीय समिति को देंगे। खंड स्तरीय समिति एसडीएम के माध्यम से जिला प्रशासन से समन्वय करेगी। -
ऐसे लोगों की राज्य स्तर पर भी रखी जायेगी पूरी जानकारीरेलवे स्टेशनों पर भी होंगे विशेष इंतजाम, कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दिए निर्देश
कोरबा 18 जून : विदेश से कोरबा जिले में लौटने वाले सभी लोगों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में रहना होगा। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए विदेश से आये लोगों का 14 दिन का क्वारेंटाइन अनिवार्य किया गया है। ऐसे लोगों को कोरबा जिले में पहुंचने की सूचना प्रशासन को अनिवार्यतः देनी होगी और प्रशासन द्वारा निर्धारित पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में रहना होगा। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदारों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी जरूरी निर्देश दिए हैं।
विदेशों से लौटकर दिल्ली या मुंबई या अपने एराइवल स्थान पर कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर रायपुर के रास्ते कोरबा आने वाले लोगों को भी यहां क्वारेंटाइन में रहना होगा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि केंद्र एवं राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों द्वारा विदेशों से आने वाले लोगों से कोरोना संक्रमण फैलाव की सर्वाधिक संभावना जताई गई है। शासन द्वारा विदेश से लौटने वाले लोगों को लेकर कोरोना से संबंधित विशेष निगरानी और सावधानी रखने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि विदेशों से लौटकर दिल्ली, मुंबई या किसी भी आगमन स्थान पर क्वारेंटाइन में रहे लोग घरेलू उड़ानों से रायपुर पहुंचकर सड़क रास्ते से कोरबा तक पहुंचेंगे। घरेलू उड़ानों और सड़क मार्ग में उनके कोरोना संक्रमित होने की संभावना रहेगी। ऐसे में विदेश यात्रा के बाद कोरबा पहुंचे सभी लोगों को यहां भी 14 दिन तक पेड क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। कलेक्टर ने बताया कि ऐसे सभी आये हुए लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री सहित पूरी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा रखी जायेगी और उसे राज्य शासन को भी भेजा जायेगा ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में इस जानकारी का उपयोग कोरोना संक्रमण नियंत्रण में किया जा सके। ऐसे लोगों की स्वास्थ्य जांच भी समय-समय पर की जायेगी और उसका भी पूरा रिकार्ड रखा जायेगा।
विशेष रेलगाड़ियों द्वारा कोरबा पहुंचने वाले लोगों से संक्रमण की फैलाव की संभावना को देखते हुए कलेक्टर ने कोरबा जिले के सभी रेलवे स्टेशनों पर भी कोविड प्रोटोकाल के अनुसार जरूरी इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को एक-एक कर बोगियों से उतारने, यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने, स्टेशन पर ही स्वास्थ्य जांच संबंधी इंतजाम रखने और यात्रियों तथा उनके सामान आदि के सेनेटाइजेशन की व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिये हैं। ऐसे सभी यात्रियों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन करने के लिए क्वारेंटाइन सेंटरों तक पहुंचाने और उनके स्वल्पाहार, भोजन आदि की भी व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित कर लेने के निर्देश कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए हैं।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने विदेशों से लौटने वाले सभी लोगों और उनके कोरबा में रह रहे परिजनों से अपील की है कि वे अपने या अपने परिजनों की विदेश यात्रा के बाद कोरबा पहुंचने की सूचना प्रशासन को देवें। कलेक्टर ने यह भी अपील की है कि विदेश यात्रा से लौटकर सीधे अपने घर पहुंचने पर परिजनों के भी संक्रमित होने की संभावना बनी रहेगी। इसलिए विदेश यात्रा के बाद कोरबा आने वाले लोग सीधे अपने घर न जायें। विदेश यात्रा से लौटे लोग अगले 14 दिनों तक शहर में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटरों पर रूकें। उन्होंने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में जिला प्रशासन को सहयोग करने की भी अपील की है। -
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कठराडेरा पहुंच हाथी के स्वास्थ्य की ली जानकारीअर्द्धव्यस्क हाथी के स्वास्थ्य में आ रहा सुधार, चिकित्सक जता रहे जल्द स्वस्थ्य होने की संभावना
कोरबा 17जून : कोरबा वनमंडल अंतर्गत कुदमुरा वनपरिक्षेत्र के ग्राम कठराडेरा में 14 जून से बीमार अर्द्धव्यस्क नर हाथी के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है। बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅक्टरों की देखरेख में हाथी को स्पेशल ट्रीटमेंट के साथ विशेष डाईट दिया जा रहा है। हाथी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने आज कोरबा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल भी मौके पर पहुंची। यहां उन्होने वनमंडलाधिकारी सहित चिकित्सकों से हाथी के किए जा रहे ईलाज की पूरी जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने दवाओं के साथ-साथ हाथी के लिए भोजन आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश वन अमले सहित प्रशासनिक अधिकारियों को दिए है। उन्होने हाथी के ईलाज के लिए प्रशासन द्वारा सभी संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान अतिरिक्त जिलादण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, डीएफओ एन. गुरूनाथन, डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र प्रधान, बैंगलुरू से आए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डाॅ. अरूण ए. शाह एवं डाॅ. प्रयाग एच. एस. भी मौजूद रहे।
डाॅ. अरूण शाह ने बताया कि हाथी के पेट में कीड़ो का संक्रमण है जिसके कारण वह कुछ खा पी नहीं पा रहा था। हाथी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराकर उसका उपचार किया जा रहा है। इस दौरान हाथी जल्दी रिकवर हो इसके लिए उसे दवाईयों के साथ ही विशेष आहार भी दिया जा रहा है। हाथी के मलमूत्र, खून और गले की लार भी विशेष जांच के लिए रायपुर स्थित लैब भेजी गई है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही हाथी को विशेष दवाईयां देना शुरू किया जाएगा। डाॅ. अरूण शाह ने बताया कि लगातार हाथी हर दो घंटे में तापमान और सांस की गति को नापा जा रहा है। उसे बेहतर सुविधा और आराम के लिए हर 6 घंटे में करवट दिलाई जा रही है। हाथी के हड़डियों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष दवाईयां तथा स्प्रे भी किए जा रहे है। डाॅक्टरोें ने उम्मीद जताई है कि कुछ ही दिनों में यह नर हाथी पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
डीएफओ एन गुरूनाथन ने बताया कि यह हाथी 14 जून को अपने झूंड से बिछडकर कठराडेरा गांव में एक ग्रामीण के घर में घूस गया था और पेट के बल लेट गया था। प्रारंभिक तौर पर कोरबा में उपलब्ध विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों ने हाथी की जीवन रक्षा के जरूरी प्राथमिक उपचार किया था। बाद में कलेक्टर व उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर हाथी को रेस्क्यु करने के लिए कोरबा तथा बिलासपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम भी कठराडेरा पहुंची हुई है।
आसपास के गांवों में अलर्ट जारी - कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गुरमा तथा आसपास के गांवो के निवासियो को हाथियों से सर्तक और सजग रहने की अपील की है। कलेक्टर ने कहा है कि अपने झूंड से बिछड़कर आए अर्द्धव्यस्क हाथी की खोज में हाथियों का झूंड गांव तक पहुंच सकता है। इसलिए सभी लोगो को हाथियों से सर्तक रहना चाहिए। अपने घरों में बहुत ज्यादा धान का भंडारण न करें। महुआ व शराब आदि न रखें, कटहल, केला आदि सब्जी तथा फलो को भी घरों से दूर रखें। श्रीमती कौशल ने वन अमले को लगातार ग्रामीण इलाकों में पेट्रोलिंग करने और पहले से ही हाथियों से बचाव के सभी इंतजाम रखने के निर्देश दिए है। उन्होने जनपद पंचायत के सीईओ को कोटवारों के माध्यम से हाथियों से बचाव संबंधी मुनादी भी गांव-गांव में कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने हाथी की स्थिति और किए जा रहे ईलाज को देखते हुए उसके जल्द ही स्वस्थ्य होने की भी संभावना जताई है। -
कोरबा जिले में संक्रमितो की संख्या 250 हुई
आज देर शाम फिर पाँच प्रवासियों को रिपोर्ट पाजीटिव आई..सभी पहले ही है क्वारेंटाईन... संक्रमितो में चार पुरुष और एक महिला शामिल..दो संक्रमित जरवे, और एक -एक एसईसीएल आइसोलेसन सेंटर, छुरीकला क्वारेंटाईन सेंटर तथा सेंटर पोईंट होटल में है क्वारेंटाईन... सभी ओड़िशा, तैलंगाना. पश्चिम बंगाल और दिल्ली से लौटे प्रवासी....सभी संक्रमितो को इलाज के लिए भेजा जाएगा कोविड अस्पताल...इन्हें मिलाकर जिले में अब तक संक्रमितो की कुल संख्या-250स्वस्थ हुए -108एक्टिव केस-142...——————————————सीएमएचओ डॉ बी.बी. बोर्डे डीपीएम पद्माकर शिंदे, चिकित्सक डॉ प्रिंस जैन, डॉ देवेंद्र गुर्जर और उनकी टीम की बड़ी सफलताकोरबा कोविड हॉस्पिटल से आज फिर 16 कोरोना मरीज हुए डिस्चार्ज,यहां से अब तक 27 मरीजों को उपचार के बाद हुए डिस्चार्ज,35 बिस्तर अतिरिक्त बढ़ाई गई अस्पताल की क्षमता....अभी 134 मरीजों का कोरबा कोविड अस्पताल में उपचार जारी,डॉ कुमार पुष्पेश के नेतृत्व में सैम्पलिंग टीमने लिए 11800 से अधिक सैम्पल - कोरबा 16 जून : वर्षा ऋतु में मछलियों की वंशवृद्धि (प्रजनन) के दृष्टिकोण से उन्हे संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3 उपधारा 2 के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक क्लोज सीजन के रूप में घोषित किया गया है। उक्त अवधि में कोरबा जिले की समस्त नदियों, नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों जिन पर सिंचाई के तालाब, जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गए हैं, में सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2020 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इन नियमों का उलंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम 3(5) के अंन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा पांच हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होेने का प्रावधान है। यह नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं है, में लागू नहीं होगा।
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कोरबा जिला अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में शामिल
कोरबा 16 जून : छत्तीसगढ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेश के कोरबा सहित रायगढ़, महासमुंद और बस्तर जिले को अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में चिन्हांंिकत किया है। आकाशीय वज्रपात की वजह से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु एवं जन धन की हानि होती है। सामान्यतः जून से सितम्बर माह में वज्रपात की अत्याधिक घटनाये होती है। राज्य शासन द्वारा वज्रपात की घटनाओं के दौरान जनधन की हानि को रोकने एवं बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील आम नागरिकों से की गई है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वज्रपात/आकाशीय बिजली से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती है।
यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहे तथा बिजली से चलने वाली यंत्रों/उपकरणों को बंद कर दें। यदि दो पहिया वाहन, साईकिल, ट्रक खुले वाहन नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। वज्रपात/आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें। धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। टेलीफोन व बिजली के पोल/खम्भे तथा टेलीफोन टावर से दूर रहे। कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करें। जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें। बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एव एकल पेड़ों पर नहीं जायें। यदि आप जंगल में हो तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाये। वृक्षों दलदल वाले स्थलों तथा जल स्रोतों से यथा संभव दूर रहे परंतु खुुले आकाश में रहने से अच्छा है कि, छोटे पेड़ों के नीचे रहे।
खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने। एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो। दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो। तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाये। गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसानों तथा मजदूरों या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर जाये। धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें। यदि आप खेत-खलिहान मे काम कर रहे हो, तथा किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले ताए तो- जहां है वही रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीज जैसे लकड़ी ,प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआएंे। जमीन पर कदीपि न लेटे। अपेने घरों तथा खेत-खलिहान के आस-पास कम ऊचांई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाये। ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफी गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाये। यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथासंभव खुले क्षेत्र में स्वंय को धात्विक संपर्क से बचाये रखे। -
कोरबा में आज सात लोगों की आई कोरोना रिपोर्ट पजिटीव... सभी अन्य प्रांतो से लौटें प्रवासी श्रमिक और काम काजी लोग.... सिद्धी विनायक होटल में रूके दो, टाप एंड टाउनहोटल से एक, चोढ़हा सेंटर से एक, मोरगा से एक,और कूदूँरमाल सेंटरसे दो लोग संक्रमित पाए गए.... सभी महाराष्ट्र, गोआ, नोएडा, हरियाणा, मुम्बई से लौटे प्रवासी.. सभी को कोविद अस्पताल इलाज के लिए भेजने की तैयारी मे लगा प्रशासन..
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कलेक्टर की अपील: मानें क्वारेंटाइन के नियम, कोविड नियंत्रण में करें प्रशासन का सहयोग
कोरबा 15 जून :अन्य प्रांत या कोरोना हाॅट स्पाॅट वाले शहरों से आकर क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा क्वारेंटाइन नियमों का पालन नहीं करने पर एक साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बाहर से आने वाले सभी लोगों से क्वारेंटाइन और होम क्वारेंटाइन के लिए कोविड प्रोटोकाल तथा निर्धारित नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने क्वारेंटाइन नियमों का पालन कर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहयोग करने की अपील भी लोगों से की है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले में अन्य राज्यों से आये व्यक्तियों और प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिले में प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के लिए निःशुल्क एवं सशुल्क क्वारेंटाइन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। अन्य प्रांतों से आने वाले सक्षम लोग अपनी सुविधानुसार पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए ठहर सकते हैं। इन दोनों सुविधाओं के अतिरिक्त अब अन्य राज्यों से अपने निजी वाहन या हवाई यात्रा कर जिले में लौटे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा होम क्वारेंटाइन की सुविधा देने की भी तैयारी कर ली गई है। अपने निजी वाहन से या हवाई जहाज से यात्रा कर कोरबा जिले में लौटे लोग जिला प्रशासन को आने की सूचना देकर शपथ पत्र भरकर होम क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए अपने घरों में अलग कमरों में क्वारेंटाइन रह सकेंगे।
इस दौरान इन सभी लोगों को कोविड-19 प्रोटोकाल और समय-समय पर शासन द्वारा निर्धारित नियमों का अनिवार्यतः पालन करना होगा। सशुल्क एवं निःशुल्क क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिन की अवधि पूरी करने एवं कोविड टेस्ट की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सेंटरों से विमुक्त किये गये लोगों को भी अगले 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। होम क्वारेंटाइन में रखे गये सभी लोगों को क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले सार्वजनिक स्थलों पर जाने, कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत छह महिने की कैद या एक हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ऐसे मामलों में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत एक वर्ष का कारावास भी हो सकता है। होम क्वारेंटाइन किये गये व्यक्ति द्वारा नियमों का उल्लंघन करने में सहयोग करने वाले पारिवारिक सदस्यों के विरूद्ध भी इसी प्रकार की कार्यवाही हो सकती है। -
पुरे घटनाक्रम पर कलेक्टर किरण कौशल सहित वरिष्ठ अधिकारियों की नज़र
-बिलासपुर से पहुँचे सी॰एफ़॰ सहित डी॰एफ़॰ओ॰, वेटनरी डाक्टरो,राजस्व विभाग की टीम मौक़े पर मौजूद..कोरबा के कुदमुरा रेंज मे गुरमा गाँव के एक घर मे घुसे हाथी की हालत अब ख़तरे से बाहर है। ग्रामीण जनो की सूचना पर डी॰एफ़॰ओ॰ एस॰ गुरुनाथन मौक़े पर पहुँचे ।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने तत्काल पशु चिकित्सकों का दल मौक़े पर भेजा था। पशु चिकित्सकों ने हाथी की प्रारम्भिक जाँच कर उसे ज़रूरी दवाएँ और गलूकोस सेलाईन आदि लगाकर उपचार कर दिया है। पशु चिकित्सकों के अनुसार अब हाथी की हालत ख़तरे से बाहर है। हाथी के बेहतर इलाज के लिए राजधानी रायपुर से विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल भी गुरमा के लिए रवाना हो गया है। मौक़े पर मौजूद सी॰एफ़॰ और डी॰एफ़॰ओ॰ तथा राजस्व एवं वन विभाग का अमला पुरी तरह से मुस्तैद है।पशुधन विकास विभाग के उप संचालक डाक्टर एस पी सिंह ने बताया को ७-८ वर्ष का नर हाथी अपने झुंड से भटककर गुरमा गाँव में घुस गया है। इसकी तबियत पहले से ही कुछ ख़राब होने का अंदेशा पशु चिकित्सकों ने किया है और बताया कि इस छोटे हाथी के गाँव में भीड़भाड़ के कारण और बाहर निकलने के प्रयास में तबियत थोड़ी बिगड़ गई थी ।वन विभाग द्वारा सूचना पर तत्काल पशु चिकित्सकों का दल डाक्टर सिंह के नेतृत्व में गुरमा पहुँचा और हाथी का प्राथमिक उपचार किया । अभी हाथी का स्वस्थ्य पहले से बेहतर है। उसकी आँखे, हृदयगति सभी सामान्य रूप से काम कर रही है। हाथी को प्राथमिक उपचार और ग्लूकोज़ सेलाईन लगाया गया है। कलेक्टर स्वयं इस घटना पर नज़र बनाए हुए है और हाथी के स्वस्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ले रही है। कलेक्टर ने रायपुर से वाईल्ड लाइफ़ विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों के गुरमा पहुँचने तक हाथी के स्वस्थ पर पूरी निगरानी रखने और इलाज के बेहतर इंतज़ाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। -
: कोरबा जिले में फिर 44 नये केस कोरोना संक्रमित मिले
आज देर शाम में आई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मे मिली संक्रमित,34 चोरभठट्टी गोपालपुर और 3 आमगावं, 3 चचिया , 2 सन साइन होटल , 2 श्री हरिमगलंम् कोरबा के क्वाँरेटाईन सेंटर में ठहरे प्रवासी ....संक्रमितों में कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं, सक्रमितों में 28 पुरुष,16 महिलासभी उडीसा,जम्मु,बिहार से लौटे ..एक संक्रमित छत्तीसगढ़ रायगढ़ से आया...प्रशासनिक अधिकारियों का दल और मेडिकल टीम पहुँची मौक़े पर,संक्रमितो को ईलाज के लिए कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी -
नरवा विकास के हुए कामों का लिया जायजा, क्षेत्र के रेंजर का एक दिन का वेतन काटने दिए निर्देश
कोरबा 12 जून : विश्व व्यापी कोरोना संक्रमण के जिले में नियंत्रण के प्रयासों के साथ-साथ दूसरे जनहितकारी तथा विकास कार्यों के लिए भी कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सक्रिय हो गईं हैं। आज सुबह-सुबह कलेक्टर अन्य अधिकारियों के साथ मुख्य सड़क से लगभग दो किलोमीटर पैदल चलकर पोंड़ीउपरोड़ा विकासखंड में अमझर के तराई वाले इलाके के झोंका नाला तक पहुंची। यहां उन्होंने राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सुराजी गांव योजना के तहत नरवा विकास के कामों का जायजा लिया। उन्होंने झोंका नाले पर बने गेवियन का निरीक्षण किया और गेवियन में लगाये गये पत्थरों के आकार, पानी प्रवाह को झेलने की क्षमता आदि की जानकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंता से ली। कलेक्टर ने इस नाले को जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयोग करने के बारे में भी अधिकारियों और उपस्थित ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा की। लगभग साढ़े सात किलोमीटर लंबाई के इस नाले के प्रवाह मार्ग में राजस्व विभाग द्वारा 29 और वन विभाग द्वारा अपने क्षेत्र में सात विभिन्न संरचनाएं बनाई जा रही है। वन विभाग द्वारा बनाई जा रही संरचनाओं का काम अभी तक शुरू नहीं होने और विभाग संबंधी जानकारी देने किसी सक्षम अधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण श्रीमती कौशल ने क्षेत्र के रेंजर का एक दिन का अवैतनिक स्वीकृत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
इस दौरान कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से भी विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से तेन्दूपत्ता संग्रहण, महुआ संग्रहण के साथ-साथ वन अधिकार मान्यता पत्र मिलने की भी जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण का काम खतम हो गया है। फड़ भी 24-25 मई को बंद हो गये हैं। सूखे पत्ते भी विभाग द्वारा उठा लिये गये हैं। कलेक्टर ने इस दौरान ग्रामीणों से राशन कार्ड बनाने, नियमित राशन मिलने से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के भुगतान के बारे में भी पूछा। उन्होंने मौके पर मोैजूद ग्राम पंचायत सचिव को सभी पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने क्षेत्र में मिलने वाली वन औषधियों और औषधी पौधों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने गांवों में प्रचलित वैद्य या वन औषधियों की जानकारी रखने वाले लोगों को बुलाकर ग्रामीणों को इनके सीधे संग्रहण से लाभान्वित करने की योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी भी कलेक्टर ने ग्रामीणों को दी- अमझर के अपने प्रवास के दौरान कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में भी ठेठ छत्तीसगढ़ी में विस्तार से बताया।
उन्होंने संक्रमण से बचने के तरीके भी लोगों को बताया। हमेंशा मास्क पहनकर रखने या अपने मुंह-नाक को गमछा आदि से पूरी तरह ढंककर रखने की जानकारी कलेक्टर ने लोगों को दी। उन्होंने हर समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह भी लोगों को दी। श्रीमती कौशल ने गांवों में भीड़-भाड़ नहीं करने की समझाईस भी लोगों को दी। उन्होंने मनरेगा के कामों के साथ-साथ खेती-किसानी के कामों के दौरान एक दूसरे के बीच एक मीटर की दूरी बनाये रखने के लिए भी कहा। कलेक्टर ने गांव में बाहर से लौटे किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल प्रशासन को देने की सलाह भी लोगों को दी। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार और संास लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों वाले लोगों की सूचना भी समय रहते स्वास्थ्य विभाग को देने के लिए कहा।
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आदर्श गौठान के रूप में विकसित होगा अमरपुर का गौठान, कलेक्टर ने सुविधायें बढ़ाने दिये निर्देश
)गौठान समितियों को आजीविका बढ़ाने के कामों से जोड़ा जायेगा, फूलों -सब्जियों की खेती भी होगी
कोरबा 12 जून : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल आज अलसुबह कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत विजयपुर के गांव अमरपुर पहुंचीं और यहां बन रहे गौठान के कामों का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने इस गौठान को आदर्श गौठान के रूप में विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौशल ने गौठान में उपलब्ध और अब तक विकसित की गई सुविधाओं की जानकारी मौके पर अधिकारियों से ली। उन्होंने गौठान समिति के सदस्यों से किये जा रहे कामों की पूरी जानकारी ली। वर्मी कम्पोस्ट बनाने से लेकर पशुओं की देखरेख, चारे का रखरखाव और चारागाह विकास के सभी कामों की जानकारी कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से ली। श्रीमती कौशल ने गौठान में उग आई झाड़ियों-लंबी घासों और निर्माण कार्यों के बाद बची हुई गिट्टी, रेत आदि निर्माण सामग्री के बेतरतीब और अव्यवस्थित रूप से रखे होने पर रोजगार सहायक के प्रति नाराजगी व्यक्त की। श्रीमती कौशल ने एक सप्ताह के भीतर गौठान को साफ-सुथरा कर व्यवस्थित रूप से संचालन के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।उन्होंने गौठान में आने वाले पशुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में चारे की व्यवस्था और किसानों से पैरादान से मिले पैरा को सुरक्षित रखने की व्यवस्था का भी अवलोकन किया। श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौठान को आदर्श रूप में विकसित करने के लिये बचे हुए कामों को पूरा करने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर दो दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी और तहसीलदार श्री रोहित सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहे।
खोलार नाला से आयेगा अमरपुर गौठान में पानी, पूरी तरह सौर उर्जा आधारित सप्लाई सिस्टम लगेगा- कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान गौठान में पशुओं के पीने और अन्य जरूरतों के लिए पानी की आपूर्ति की जानकारी अधिकारियों से ली। भूजल स्तर नीचा होने के कारण वर्तमान में चालू ट्यूबवेल से गौठान में पानी की जरूरत पूरी नहीं होने की जानकारी समिति के सदस्यों ने कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने गौठान के पास से बहने वाले खोलार नाला से पानी आपूर्ति के लिए विस्तृत कार्य योजना एवं प्राक्कलन तैयार कर आगामी एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश के्रडा विभाग के अधिकारियों को दिए। इसके बाद कलेक्टर स्वयं ही खोलार नाला तक गईं और इस बारहमासी नाले में पानी की उपलब्धता तथा नाले से पानी सप्लाई की व्यवस्था को मौके पर देखकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस नाले से गौठान तक पानी पहुंचाने के लिए पूरी तरह से सौर उर्जा आधारित सप्लाई सिस्टम लगाने के निर्देश के्रडा विभाग के अधिकारियों को दिए। के्रडा के प्रभारी अधिकारी श्री राय ने बताया कि खोलार नाला से अमरपुर गौठान तक लगभग डेढ़ किलोमीटर पाईप लाईन बिछाकर पानी सप्लाई की योजना है। पहले ही स्थल निरीक्षण कर योजना का खाखा तैयार कर लिया गया है। दो दस-दस हार्स पावर के सौर उर्जा चलित पंप लगाकर पाईप लाईन के माध्यम से नाले के पानी को लिफ्ट कर गौठान तक पहुंचाया जा सकता है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सभी तकनीकी पहलुओं का बारिकी से परीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट और कार्ययोजना देने के निर्देश श्री राय को मौके पर दिये।
चारागाह में चारे के साथ-साथ हल्दी, मुनगा, केले के भी होगी खेती- कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि गौठान से लगे पांच एकड़ रकबे के चारागाह में चारे के साथ-साथ हल्दी, अदरक, मुनगा, केला, पपीता आदि उद्यानिकी फसलों की खेती की जायेगी। अधिकारियों ने बताया कि पांच एकड़ के रकबे में से साढ़े तीन एकड़ रकबे में पशुओं के लिए हरा चारा उगाया जायेगा और शेष डेढ़ एकड़ भूमि पर उद्यानिकी फसलों की खेती होगी। कलेक्टर ने चारागाह परिसर में ही बनी डबरी का भी निरीक्षण किया और बारिश के पानी को अधिक से अधिक रोककर रखने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
आठ एकड़ में विकसित होगा आजीविका क्षेत्र, धान के साथ फूलों की भी खेती होगी- अधिकारियों ने बताया कि अमरपुर गौठान के चारागाह से लगे हुए अगले आठ एकड़ के रकबे में आजीविका क्षेत्र विकसित किया जायेगा। इस क्षेत्र में गौठान समिति के सदस्यों को आजीविका बढ़ाने के लिये उद्यानिकी फसलों की खेती कराने के प्रयास किये जायें। आठ एकड़ के इस रकबे में से चार एकड़ में फूलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों और सब्जियों की खेती की जायेगी। लगभग दो एकड़ क्षेत्र में मौसम अनुसार अनाज जैसे धान, मक्का आदि की खेती होगी। अधिकारियों ने बताया कि आजीविका क्षेत्र में दो डबरी तथा दो नलकूप बना दिये गये हैं। बारिश के पानी को अधिक से अधिक रोकने और आगे उसका उपयोग करने की पूरी कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।
गोैठान से मिलेगें किसानों को खेती के लिए किराये पर उपकरण- अमरपुर गौठान से किसानों को चालू खरीफ और आगामी रबी मौसम में खेती के लिए कृषि यंत्र और उपकरण किराये पर मिल सकेंगे। गौठान में कृषि उपकरण सेवा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में अभी दो ट्रेक्टर, सीड ड्रील, कल्टीवेटर, जुताई यंत्र, रीपर, पावर टीलर जैसे आधुनिक कृषि यंत्र मौजूद हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इन कृषि यंत्रों को किसानों को किराये पर उपलब्ध कराने के लिए एसडीएम कटघोरा की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। समिति द्वारा कृषि यंत्रों की किराया दर निर्धारित की जायेगी। गांव-गांव में कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के मैदानी अमले को इस बारे में सभी किसानों को जानकारी देने और व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिया - कोरबा : कोरबा जिले में फिर एक और नई युवती मिली कोरोना संक्रमित, दोपहर में आई कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मे मिली संक्रमित, मिनिमाता गर्ल्स होस्टल के क्वाँरेटाईन सेंटर में एक संक्रमित युवती युवती में कोरोना के कोई प्रारम्भिक सिम्पटम नहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का दल और मेडिकल टीम पहुँची मौक़े पर, संक्रमित युवती को इलाज के लिए कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी कोरबा जिले में अब कुल संक्रमित हुए-163 इलाज के बाद स्वस्थ हुए-41 कुल एक्टिव केस-130