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मध्यान्ह भोजन के रूप में सूखा राशन से बच्चों के पोषण में नहीं आई कमीएक लाख 15 हजार बच्चों, शिशुवती एवं गर्भवती माताओं के घरों में पहुंचा पोषण आहारलगभग 53 हजार बच्चों और शिशुवती माताओं को मिला सूखा राशनआगामी दिनों के लिए तेल, नमक, सोया बड़ी, आचार भी दिये गये
कोरबा : कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान बंद स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पूरे राज्य सहित कोरबा जिले में भी कोविड-19 आपदा के दौर में शासन ने बच्चों का खास ध्यान रखा। लाॅकडाउन पीरिएड में बच्चों का पोषण किसी तरह बाधित न हो इसलिए सभी बच्चों के घरों में मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। साथ ही ग्रीष्मकाल में भी बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था हेतु सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। जिले में बच्चों और शिशुवती-गर्भवती माताओं के घर-घर जाकर दो चरणों में रेडी टू ईट एवं मध्यान्ह भोजन के सूखा राशन के पैकेट वितरण हुआ। प्रथम चरण में जिले के ढाई हजार से अधिक अंागनबाड़ी केन्द्रांे में दर्ज 6 माह से 3 वर्ष के तथा 3 से 6 वर्ष के लगभग 94 हजार बच्चों को पूरक पोषक आहार रेडी टू ईट घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उपलब्ध कराया साथ ही जिले की 10 हजार 719 शिशुवती एवं 10 हजार 669 गर्भवती माताओं को भी रेडी टू ईट के पैकेट दिये गये।
दूसरे चरण में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् 01 से 03 वर्ष के 42 हजार 203 बच्चों एवं 10 हजार 719 शिशुवती माताओं को गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन दिया गया। दूसरे चरण में चांवल, मिक्स दाल, चना, सोया बड़ी, गुड़ एवं तेल का पैकेट सुपोषण किट के रूप में दिया गया जिससे आवश्यकतानुसार बच्चों और शिशुवती माताओं को पूरा पोषण मिला। आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था निरंतर होने से लाॅकडाउन के बावजूद किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, पर्यवेक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की। सूखा राशन लेने अपने बच्चों के साथ पहुंचे अभिभावकों ने भी सरकार की इस व्यवस्था की तारीफ की और बच्चों तथा माताओं के पोषण और स्वास्थ्य का ऐसे विपरीत समय में भी ध्यान रखने पर आभार जताया। पोषण के लिए जरूरी प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा देने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को प्रति छात्र प्रतिदिन 15 ग्राम के हिसाब से 390 ग्राम सोया बड़ी दी गई। साथ ही शिशुवती माताओं को 30 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से इस प्रकार 780 ग्राम सोया बड़ी सूखा राशन का पैकेट दी गई।
जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभी भी गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरण कार्यक्रम संचालित है। इसमें कोरबा ब्लाॅक के 554 आंगनबाड़ी, कटघोरा ब्लाॅक के 277 आंगनबाड़ी, करतला ब्लाॅक के 393 आंगनबाड़ी पाली ब्लाॅक के 582 आंगनबाड़ी एवं पोंड़ीउपरोड़ा ब्लाॅक के 733 आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म पका भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरण कार्यक्रम संचालित है। इसमें से 2539 आंगनबाड़ियों में स्व सहायता समूहों द्वारा गर्म पका भोजन का संचालन होता है। इन सभी में सूखा राशन का पैकेट का वितरण किया जा चुका है। लाॅकडाउन के दौरान क्वारांटाईन सेन्टरों में ठहराये गये प्रवासी मजदूरों के साथ उनके परिवार के 35 गर्भवती, 18 शिशुवती, 264 छः माह से 6 वर्ष के बच्चे एवं 41 किशोरी बालिकाओं को क्वारांटाईन सेन्टरों मंे ही रेडी टू ईट पैकेट का वितरण किया गया जिससे उन्हें अतिरिक्त पोषण मिल सके। -
मनरेगा और डीएमएफ मद से तीन करोड़ 36 लाख रूपये मंजूर
कोरबा : ग्रामीणों की मांगों, समस्याओं और शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में सहूलियत के लिए जिले में तेजी से 23 नये ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ग्राम पंचायत से संबंधित सेवाओं का लाभ ग्रामीण अब अपने नजदीकी नवीन पंचायत भवन में उपस्थित सरपंच, सचिव, पंच से संपर्क कर ले पायेंगे। ग्राम पंचायतों के कार्यालय, उनकी बैठकों के आयोजन तथा ग्राम स्तर पर पंचायत सचिव की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवास को दृष्टिगत रखते हुए नवीन पंचायत भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीण अपनी मांग, समस्या, सेवा से संबंधित कारणों को अपने गांव में निर्मित पंचायत भवन में जाकर प्रस्तुत कर सकेेंगे। ग्रामीणों को अपनी बिजली, पानी, रोजगार से संबंधित समस्याओं के निदान गांव में ही स्थित पंचायत भवन में मिल सकेगा। नवीन पंचायत भवनों में सरपंच, सचिव, पंचों के लिए अलग-अलग कक्ष होंगे तथा दिव्यांगजनों को ध्यान में रख कर रैंप का भी निर्माण किया जायेगा।
जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि जिले के कोरबा, करतला, पाली एवं पोंड़ी उपरोड़ा जनपद में कुल 23 नवीन पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। सभी 23 पंचायत भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है तथा निमा्रण कार्य तेजी से गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंचायत भवन निर्माण के लिए मनरेगा तथा डीएमएफ मद से कुल तीन करोड़ 36 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। 69 लाख रूपये मनरेगा से तथा दो करोड़ 67 लाख रूपये डीएमएफ निधि से स्वीकृत की गई है। जनपद पंचायत कोरबा में दो पंचायत भवन के लिए कुल 33 लाख 84 हजार, करतला में पांच पंचायत भवन के लिए 72 लाख दस हजार, पाली में दो पंचायत भवन के लिए 28 लाख 84 हजार एवं जनपद पोंड़ी उपरोड़ा में 14 पंचायत भवनों के लिए कुल दो करोड़ एक लाख 88 हजार रूपये की राशि मंजूर की गई है।
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि जनपद पंचायत करतला के ग्राम पंचायत बरकोन्हा, दमखांचा, ढनढनी, रोगदा एवं जोगीपाली (क) में निर्माण कार्य जारी है। इसी प्रकार जनपद कोरबा के ग्राम पंचायत माखुरपानी एवं डोकरमना में पंचायत भवन निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद पोंड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत बरबसपुर, बरतराई, चोटिया, दम्हामुड़ा, दर्राभाठा, हरदेवा, कापूबहरा, खम्हारमुड़ा, नवापारा सि.,पंडरीपानी, पोड़ी गोसाई, पनगवां, सेन्दूरगढ़ एवं ग्राम पंचायत सेन्हा में नवीन पंचायत भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। जनपद पंचायत पाली के ग्राम पंचायत सगुना और तालापारा में पंचायत भवन बनाने का काम शुरू हो गया है। -
- स्वयंसेवी संस्था ने चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ का किया सम्मान
कोरबा 2 जुलाई : कोरबा जिले में कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। जिले में जहां निरंतर सैंपलिंग ली जा रही, तो वहीं पॉजिटिव मरीजों के इलाज की फौरन व्यवस्था भी हो रही है। छत्तीसगढ़ में कोरोना हॉट स्पॉट रहा कोरबा जिला, अब प्रदेश के अन्य जिलों के समान है। इसी के मद्देनजर स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब ने कोविड-19 रोकथाम कार्य में जुटे हुए जिले के स्वास्थ्य कार्यकर्ता, अधिकारियों का राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के मौके पर जिले के 19 चिकित्सकों का सम्मान किया।
दूसरी ओर सीएमएचओ कार्यालय कोरबा में भी चिकित्सक दिवस के मौके पर केक काटकर सभी चिकित्सकों का आभार प्रकट किया गया। सीएमएचओ डॉ. बी.बी. बोर्डे ने इस मौके पर कोविड-19 रोकथाम में जुटे हुए स्वास्थ्य कर्मियों ( अधिकारियों एवं कर्मचारियों) को बधाई दी। इसके उपरांत सीएमएचओ कार्यालय कोरबा में लायंस क्लब कोरबा के चेयरमैन ने शॉल और श्रीफल देकर सीएमएचओ कोरबा डॉ. बी.बी. बोर्डे समेत 19 चिकित्सकों का सम्मान किया।
इन चिकित्सकों का हुआ सम्मान- सीएमएचओ कोरबा डॉ. बी.बी. बोर्डे, डीपीएम पद्माकर शिंदे, डॉ. के.एल. ध्रुव, डॉ. प्रिंस जैन, डॉ. रूद्रपाल सिंह, डॉ. सीएल रात्रे, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. दीपक राज, डॉ. कृष्णभान सिंह, डॉ. राकेश पटेल, डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर, अशोक सिंह, डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद, विमलेष बारी, व्यास कोसले, प्रभात तिवारी, बी.पी. बघेल एवं स्वरूप धारा को सम्मानित किया गया।
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मनरेगा योजना के तहत सैकड़ों ग्रामीणों को मिल रहा रोजगारकलेक्टर श्रीमती कौशल ने तेजी से काम पूरा करने के दिए निर्देश
कोरबा 01 जुलाई : किसानों के कड़ी मेहनत से उपजाए गए धान को सड़ने, खराब होने तथा कीट-पतंगों के नुकसान से बचाने की चाक चैबंद व्यवस्था अभी से होनी शुरू हो गई है। धान संग्रहण केंद्रों में पक्के चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। जिले के पांचों ब्लाकों में कुल 149 चबूतरा बनाने का काम शुरू हो गया है। धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरा बनाने के लिए शासन द्वारा दो करोड़ 96 लाख रूपये की राशि मंजूर की गई है। 149 पक्के धान चबूतरों का निर्माण कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि से स्वीकृत किया गया है। प्रत्येक चबूतरा निर्माण हेतु ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। इस निर्माण कार्य की स्वीकृति से ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। चबूतरा बनाने के इस कार्य में मनरेगा योजना के तहत सैकड़ों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। चबूतरे की नींव खुदाई से लेकर मटेरियल भराई के कार्य भी ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने सभी चबूतरे बनाने का काम पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। संग्रहण केंद्रों में बनने वाले चबूतरों का निर्माण कार्य मनरेगा योजना के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों की मदद से किया जा रहा है। चबूतरा निर्माण में स्थानीय ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार की प्राप्ति हो रही है। मनरेगा के द्वारा चबूतरा निर्माण में काम मिलने से ग्रामीण संतुष्ट नजर आ रहे हैं। किसानों से खरीदे गए धान के समुचित रख-रखाव करने के लिए जिले के विभिन्न धान संग्रहण केंद्रों में पक्के चबूतरों का निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। चबूतरे बन जाने से धान को वर्षा में भीगने से बचाया जा सकेगा साथ ही चूहों एवं कीड़े मकोड़ों के प्रकोप से भी धान की सुरक्षा हो सकेगी।
सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार ने बताया कि जिले के 36 ग्राम पंचायतों में धान संग्रहण केद्रों में 149 चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है। सभी चबूतरों का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है जिसके जल्द ही पूर्ण होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जनपद कोरबा के पांच ग्राम पंचायतों में कुल 33 चबूतरा, कटघोरा जनपद के दो ग्राम पंचायतों में सात चबूतरा, जनपद करतला के 15 ग्राम पंचायतों में 66 चबूतरा, पाली जनपद के 06 ग्राम पंचायतों में 26 चबूतरा तथा पोंड़ी उपरोड़ा जनपद के आठ ग्राम पंचायतों में कुल 17 चबूतरों के निर्माण कार्य जारी है।
श्री कंुदन कुमार ने बताया कि जनपद कोरबा के ग्राम पंचायत श्यांग में पांच, बरपाली में आठ, कुदुरमाल में आठ, कोरकोमा में चार एवं ग्राम पंचायत सोनपुरी में आठ चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार जनपद कटघोरा के ग्राम पंचायत जवाली में तीन एवं अखरापाली में चार चबूतरो का निर्माण, जनपद करतला के सोहागपुर में छह, कोथारी में तीन, उमरेली में पांच, फरसवानी में चार, कनकी में तीन, पटियापाली में दो, बरपाली में दो, चिकनीपाली में तीन, तुमान में छह, करतला में चार, केरवाद्वारी में आठ, केरवाद्वारी भाग दो में सात, रामपुर में तीन, नवापारा में छह तथा नवापारा भाग दो में चार चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है। जनपद पाली के ग्राम पंचायत लाफा में दो, चैतमा में पांच, चैतमा भाग दो में पंाच, हरदीबाजार में चार, उतरदा में पांच एवं कोरबी में पांच चबूतरों का निर्माण कार्य जारी है। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत पसान में तीन, जटगा में दो, बिंझरा में एक, पोंड़ीउपरोड़ा में एक, मोरगा में दो, सिरमिना में दो, कोरबी में चार और ग्राम पंचायत पिपरिया के धान संग्रहण केंद्र में दो चबूतरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। -
लगभग तीन हजार 049 हेक्टेयर में फसल परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित
कोरबा 01 जुलाई : राज्य शासन ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सजग है। ग्रामीणों तथा किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा पारंपरिक धान की खेती के बदले अन्य दलहन, तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में धान की खेती के बदले मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल तथा अन्य फसलों के उत्पादन के लिए लगभग तीन हजार 49 हेक्टेयर जमीन में फसल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य शासन की मंशानुसार जिले में कृषि विभाग द्वारा दलहन-तिलहन मक्का आदि की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है।
उप संचालक कृषि श्री श्यामकुंवर ने बताया कि धान के लगातार फसल लेने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होती जाती है। इसके साथ ही एक ही फसल लेने से हानिकारक कीड़े और बीमारियों की संख्या भी बढ़ती है। फसल उत्पादन बढ़ाने रासायनिक उर्वरकों एवं बीमारियों के उपचार के लिए अत्याधिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इससे खेती की लागत में भी बढ़ोत्तरी होती है। अधिक कीट नाशकों के उपयोग से पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में दलहन-तिलहन फसल लेने की व्यापक अवसर है। धान के बदले दलहनी एवं तिलहनी फसल लेने से खेती की जमीन की उर्वरता बढ़ती है तथा फसल का उत्पादन अधिक होता है। उन्होंने बताया कि धान के बदले कम पानी में आसानी से मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मुंगफली, तिल की फसलें ली जा सकती है। इन फसलों का बाजार मूल्य भी धान से अधिक है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के विकासखंड कोरबा में 466 हेक्टेयर, करतला में पांच सौ हेक्टेयर, कटघोरा में 172 हेक्टेयर, पाली में 308 हेक्टेयर तथा पोंड़ी उपरोड़ा में सर्वाधिक 1604 हेक्टेयर में धान के बदले अन्य फसल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए मक्का क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। धान के बदले अन्य फसलों की खेती करने में मक्का की खेती के लिए सर्वाधिक 1670 हेक्टेयर जमीन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है। अरहर के लिए 230 हेक्टेयर, उड़द के लिए 370 हेक्टेयर, मूंग 147 हेक्टेयर, मूंगफली 315 हेक्टेयर, तिल 261 हेक्टेयर तथा अन्य दलहनी-तिलहनी फसलों के लिए 50 हेक्टेयर में खेती करने की रूपरेखा तैयार किया गया है।
श्री श्यामकुंवर ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए विकासखंड कोरबा में मक्का के लिए 205 हेक्टेयर, अरहर के लिए 40 हेक्टेयर, उड़द की खेती के लिए 95 हेक्टेयर, मूंग के लिए आठ हेक्टेयर, मूंगफली के लिए 68 हेक्टेयर, तिल के लिए 40 हेक्टेयर में तथा अन्य 10 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड करतला में मक्का 145 हेक्टेयर, अरहर 50 हेक्टेयर, उड़द 113 हेक्टेय, मूंग 71 हेक्टेयर, मूंगफली 80 हेक्टेयर, तिल 31 हेक्टेयर एवं अन्य की खेती 10 हेक्टेयर में करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार विकासखंड कटघोर में मक्का 16 हेक्टेयर, अरहर 45 हेक्टेयर, उड़द 48 हेक्टेयर मूंग 9 हेक्टेयर, मूंगफली 50 हेक्टेयर, तिल 9 हेक्टेयर एवं अन्य 10 हेक्टयर मेंखेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड पाली में कक्का 47 हेक्टेयर, अरहर 45 हेक्टेयर, उड़द 60 हेक्टेयर, मूंग छह हेक्टेयर, मूंगफली सात हेक्टेयर, तिल 133 हेक्टेयर एवं अन्य की खेती के लिए 10 हेक्टेयर जमीन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विकासखंड पोंड़ी उपरोड़ा में मक्का 1273 हेक्टेयर, अरहर 50 हेक्टेयर, उड़द 60 हेक्टेयर, मूंग 53 हेक्टेयर, मूंगफली 110 हेक्टेयर, तिल 48 हेक्टेयर एवं अन्य फसल 10 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। -
*कलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में दिखाई सख्ती, दिए जरूरी निर्देश*
*एक सप्ताह में सभी पात्र हितग्राहियों को सामाजिक पेंशन स्वीकृत करने दिए निर्देश**विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की धीमी गति पर दिखाई नाराजगी*कोरबा 30 जून 2020/जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के बाद कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की नजर अब अन्य विकास कार्यों और योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन पर है। उन्होंने जिले में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से पूरा करने और जिले वासियों को अधिक से अधिक संख्या में लाभान्वित करने के लिए पोस्ट कोरोना पीरियड में की जाने वाली गतिविधियों के बारे में आज अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। श्रीमती कौशल ने समय सीमा की बैठक में राजस्व प्रकरणों के लंबित रहने, वन अधिकार मान्यता पत्र बनाने और वितरण में धीमी गति, सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की स्वीकृति में विलंब जैसे विषयों पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये। कलेक्टर ने कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर और चेहरे पर मास्क लगाकर सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में जुट जाने के लिए भी निर्देशित किया।श्रीमती कौशल ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत भी कामों में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। वीडियो कांफेंसिंग के माध्यम से समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में सभी अनुभागों के एसडीएम एवं विभागों के मैदानी अधिकारी भी शामिल हुए।सभी विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में सहयोग करेंगे स्कूली शिक्षक- समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर ने स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करने की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की और शत प्रतिशत विद्यार्थियों को आगामी एक सप्ताह में जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जरूरी दस्तावेज आदि में सहयोग करने स्कूली शिक्षकों को निर्देशित किया। श्रीमती कौशल ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार करने शिक्षक पहल करें। उन्होंने इस काम के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरूरी आवेदन, सहपत्र दस्तावेज आदि शिक्षक विद्यार्थियों से लेकर पूरी तरह भरवाकर लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से आनलाईन प्रस्तुत करें। संबंधित जारीकर्ता अधिकारी बिना विलंब के इन आवेदनों की जांच कर पात्रता अनुसार प्रमाण पत्र जारी करें। श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि जारी प्रमाण पत्रों को रजिस्टर्ड डाक से विद्यार्थी के पते पर भेजा जाये ताकि मुख्यमंत्री की मंशानुसार उन्हें घर बैठे प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके।एक सप्ताह में करना होगा सभी पात्र हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की स्वीकृति- जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की स्वीकृति के मामले में भी कलेक्टर श्रीमती कौशल बैठक में सख्त हुईं। उन्होंने अभी तक शत प्रतिशत पात्र हितग्राहियों को पेंशनों की स्वीकृति नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की और विकासखंड मुख्यालयों में शिविर लगाकर आने वाले सात दिनों के भीतर सभी पात्र हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने कहा कि गांवों में सभी पात्र वृद्धों, दिव्यांगों, विधवाओं-निराश्रितों के नियमानुसार पेंशन प्रकरण तैयार करवाकर उन्हें तत्काल स्वीकृत किया जाये और उनका पूरा डाटावेस साफ्टवेयर में आनलाईन इंट्री किया जाये। श्रीमती कौशल ने ग्रामीण क्षेत्रों में वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण की भी बैठक में समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न कारणों से वन विभाग में लंबित पड़े प्रकरणों को जल्द से जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टों के वितरण के लिए भी तैयारी करने के निर्देश दिए।सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम की भी हुई समीक्षा, इस वर्ष आठ लाख से अधिक पौधे लगेंगे- चालू मानसून मौसम में जिले में आठ लाख से अधिक पौधों का रोपण करने की योजना है। सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए जिले में अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा भी कलेक्टर ने आज की बैठक में की। उन्होंने वृक्षारोपण के लिए गढढे खोदे जाने, खाद की आवश्यकता, जरूरत के हिसाब से सिंचाई की व्यवस्था और रोपे गये पौधों की सुरक्षाा की पूरी की गई तैयारियों की जानकारी अधिकारियों से ली। श्रीमती कौशल ने बैठक में निर्देशित किया कि सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत इस वर्ष जिला सहित विकासखंड और क्लस्टर स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय में कार्यक्रम के साथ-साथ विकासखंड को चार क्लस्टरों में बांटकर पौध रोपण के लिए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जायेगा। इसी प्रकार सभी नगरीय निकायों में भी सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम होंगे। श्रीमती कौशल ने इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए और अगले दो-तीन दिनों में पूरी कार्य योजना से अवगत कराने को कहा। इस वर्ष अकेले रेशम विभाग ही जिला में लगभग 18 जगहों पर साढ़े पांच लाख पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है।समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत सामुदायिक चारागाह एवं बाड़ी विकास के नये प्रस्ताव अगले दो दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने पहले और दूसरे चरण के अधूरे पड़े सभी गौठानों के काम अगले 07 दिनों में पूरा कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने पढ़ाई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर-घर जाकर मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। लाॅक डाउन के कारण एक से तीन वर्ष के छोटे बच्चों और शिशुवती माताओं को किए जा रहे सूखे राशन वितरण का भी निरीक्षण करने के निर्देश कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने जिले के सभी लोक सेवा केंद्रों को पूरी तरह सक्रिय कर लोगों को सभी उपलब्ध सेवाएं देने के निर्देश दिए। बारिश के मौसम को देखते हुए सभी शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्मित कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने बैठक में दिये। -
*समय सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दिए निर्देश, क्वारेंटाइन सेंटरों में सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने* *कहा*
कोरबा 30 जून 2020/प्रवासी श्रमिकों के लिए बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटरों के संचालन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सेंटरों में भोजन, पानी, स्वास्थ्य जांच, बीमार होने पर ईलाज के साथ-साथ सुरक्षा के इंतजामों में भी किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतने के निर्देश कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आज समय-सीमा की बैठक में दिए। उन्होंने पटियापाली के क्वारेंटाइन सेंटर के विषय में प्रकाशित भ्रामक खबर का उल्लेख करते हुए सेंटरों में सुरक्षा ओैर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने श्रमिकों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए उनकी समय-समय पर कांउंसिलिंग करने के भी निर्देश दिए हैं। क्वारेंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था, लापरवाहीपूर्ण संचालन और सेंटर में रह रहे प्रवासियों के अनाधिकृत रूप से बाहर जाने जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बैठक में श्रीमती कौशल ने सेंटर के प्रभारी अधिकारी सहित स्वास्थ्य एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियोकांफें्रसिंग के माध्यम से समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में क्वारेंटाइन सेंटरों के संचालन की समीक्षा की। इस बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस.जयवर्धन सहित अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया और सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी जनपद कार्यालयों और एसडीएम कार्यालयों से मैदानी अमला भी इस वीडियो कांफें्रसिंग से जुड़ा रहा।बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गये प्रवासियों के आरटीपीसीआर टेस्ट कराये जायें। टेस्ट के लिए प्रवासियों के सेम्पल भेजने के बाद उस क्वारेंटाइन सेंटर को फ्रीज कर और अतिरिक्त लोगों को न रखा जाये। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसी भी प्रवासी को क्वारेंटाइन सेंटर से कम से कम 14 दिन की अवधि पूरी होने और टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही छोड़ा जाये। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि सेंटरों से रिलीज होने वाले लोगों की पूरी जानकारी संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, सचिव, सरपंच और खंड चिकित्सा अधिकारी को अनिवार्यतः दी जाये ताकि आगे होम क्वारेंटाइन अवधि में इन लोगों की कोरोना संबंधी निगरानी की जा सके। कलेक्टर ने किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत अधिकारी की अनुमति के बिना क्वारेंटाइन सेंटर से रिलीज करने की मनाही की है। नगर निगम कोरबा क्षेत्र में आयुक्त श्री एस.जयवर्धन को, सभी अनुभागों में संबंधित एसडीएम को और पाली तहसील में तहसीलदार को क्वारेंटाइन सेंटर से लोगों को रिलीज करने के लिए अनुमति देने अधिकृत किया गया है।क्वारेंटाइन सेंटरों में भोजन, पानी, साफ-सफाई, सेनेटाइजेशन, बिजली, शौचालय जैसी सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश श्रीमती कौशल ने पहले ही अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने सभी जोनल अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बने क्वारेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में अगले चार दिनों में संपूर्ण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। -
*सिंचित धान का 900 रूपये में 45 हजार का और 660 रूपये में असिंचित धान का 33 हजार का बीमा होगा*
*बैंकों, लेम्पस और कृषि विभाग के कार्यालयों से संपर्क कर फसलों का बीमा कराने कलेक्टर की अपील*कोरबा 30 जून 2020/ चालू खरीफ मौसम में धान सहित उड़द, मूंग की फसलों का बीमा 15 जुलाई तक किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष ऋणी-अऋणी सभी किसानों के लिए यह फसल बीमा ऐच्छिक कर दिया गया है। खरीफ फसलों के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर बीमित राशि का 2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस वर्ष धान (सिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 45 हजार रूपए होगी, जिसके लिए किसान को 900 रूपये प्रीमियम देना होगा। धान (असिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 33 हजार रूपए होगी और बीमा प्रीमियम 660 रूपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह मूंग और उड़द की एक हेक्टेयर फसल का 15 हजार रूपये का बीमा 300 रूपये में होगा। इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान निकटतम बैंक,सहकारी समिति, कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते है।कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि ऋणी किसान जो फसल बीमा योजना में शामिल नही होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी घोषणा पत्र खरीफ फसल के लिये आठ जुलाई तक संबंधित संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों को बीमा कराने हेतु बी 1 की छायाप्रति,पहचान पत्र एवं बैक खाते के पासबुक की छायाप्रति, किसान पहचान पत्र की छायाप्रति एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस फसल बीमा योजना का लाभ उठाने किसानों से अपील करते हुये कहा है कि वे नजदीकी बैंक एवं सहकारी समितियों से संपर्क कर फसल बीमा जरूर कराएं।कृषि विभाग द्वारा बीमा आवरण की जानकारी देते हुए उप संचालक ने बताया कि बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं में बुआई, रोपण नहीं होने पर हानि से यह बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा गैर बाधित जोखिम जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत् जोखिम बीमा दिया जाएगा। यह बीमा आच्छादन अधिसूचित फसलों के कटाई के बाद अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) के लिए चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा और बेमौसम वर्षा के मामले में दिया जाएगा, जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा गया हो। अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषक भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू-स्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से भी यह सुरक्षा प्रदान करेगा। इस संबंध में बताया गया है कि युद्ध, नाभिकीय जोखिमों से होने वाली हानियों, दुर्भावनाजनित क्षतियों और निवारणीय जोखिमों को इस बीमा आवरण में शामिल नहीं किया गया है। -
कोरबा 30 जून 2020/ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए किसान अपने डेटा में 15 जुलाई तक सुधार करा सकते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पोर्टल में त्रुटिपूर्ण दस्तावेज अपलोड किए जाने के फलस्वरूप जिले के कुछ किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। ऐसे सभी किसान 15 जुलाई तक कृषि विभाग के विकासखण्ड स्तरीय कार्यालय अथवा स्थानीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से तहसील कार्यालय में त्रुटिपूर्ण कागजात सुधरवा सकते हैं। उप संचालक कृषि श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में पोर्टल में पंजीयन के बाद भी 19 हजार 019 किसानों को लाभ नहीं मिल रहा था। आधार नम्बर अथवा पीएफएमएस त्रुटि के कारण उन्हें राशि नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि सघन अभियान चलाकर अभी तक लगभग 10 हजार 422 किसानों का डेटा सुधार कर दिया गया है। आठ हजार 341 किसानों का डेटा सुधार किया जाना है, जिसके लिए किसानों के दस्तावेजों की आवश्यकता है। उप संचालक ने बताया कि त्रुटिपूर्ण डेटा वाले किसान 15 जुलाई तक अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर डेटा में सुधार करा सकते हैं ताकि उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को 2-2 हजार के तीन किश्तों में कुल 6 हजार की राशि सम्मान स्वरूप मिलती है। कोरबा जिले में केवल 91 हजार 839 किसानों के खाते में किश्त की राशि अंतरित हुई है जबकि जिले में इसके पोर्टल पर 01 लाख 01 हजार 833 किसानों का पंजीयन हुआ है। उप संचालक कृषि ने यह भी बताया कि योजना में नए किसान भी ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। विकासखण्ड स्तरीय कृषि कार्यालय अथवा ग्रामीण कृषि विस्तारी के माध्यम से यह काम होगा। भू-धारक किसान को आधार कार्ड, जमीन का दस्तावेज, बैंक पासबुक एवं मोबाइल नम्बर के साथ घोषणा पत्र भरकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। योजना के अंतर्गत ऐसे किसान जो कि पेशे से डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, आयकरदाता, केंद्र-राज्य सरकार के अधिकारी, 10 हजार से अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले भूतपूर्व अथवा वर्तमान संवैधानिक पदधारी विधायक, सांसद, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष आदि अपात्र माने जाएंगे। - कटघोरा एसडीएम श्रीमती तिवारी करेंगी जांच, तीस दिन समय सीमा निर्धारित
कोरबा : जिले की कटघोरा उप जेल में निरूद्ध विचाराधीन बंदी रामकुमार चैहान की मौत की दण्डाधिकारी जांच होगी। जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल ने इसके आदेश जारी कर दिये हैं। दण्डाधिकारी जांच के लिए कटघोरा की एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच के उपरांत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि उप जेल कटघोरा में निरूद्ध विचाराधीन बंदी रामकुमार चैहान की तबियत खराब होने के कारण उसे जेल प्रहरियों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा भेजा गया था। 21 जून को विचाराधीन बंदी की सुबह सवा चार बजे उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने इसके दण्डाधिकारी जांच के निर्देश जारी किये हैं।
जांच के दौरान विचाराधीन बंदी को पहले से किसी बीमारी से पीड़ित होने, ईलाज कराने संबंधी पड़ताल भी की जायेगी। इसके साथ ही विचाराधीन बंदी किस धारा में कब से जेल में निरूद्ध था, हवालात में उसे किसी प्रकार की शारीरिक यातना तो नहीं दी गई, बंदी के ईलाज के दौरान ड्यूटी पर उपस्थित प्रहरियों की भी जानकारी जांच के दौरान ली जायेगी। प्रकरण की दण्डाधिकारी जांच के दौरान विचाराधीन बंदी के ईलाज के संबंध में की गई कार्यवाही, मृत्यु का कारण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि सभी पहलुओं को शामिल कर सूक्ष्म जांच होगी। -
15 जुलाई अंतिम तिथि निर्धारित, पांच प्रतिशत देना होगा प्रीमियम
कोरबा : चालू खरीफ मौसम में जिले के सब्जी और फल उत्पादक किसानों की फसलों का भी बीमा कराया जायेगा। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत प्रतिकूल मौसम से उद्यानिकी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई किसानों को हो सकेगी। जिले में चालू खरीफ मौसम में टमाटर, अमरूद, बैगन, केला, पपीता, मिर्च और अदरक की फसलों का बीमा होगा। किसानों को फसलों के बीमा के लिए निर्धारित ऋणमान का पांच प्रतिशत प्रीमियम के रूप में देना होगा। जिले के ऋणी और अऋणी किसान अपनी उद्यानिकी फसलों का बीमा कराने के लिए 15 जुलाई तक उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
जिले में पदस्थ उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि सब्जी और फलों की फसल लेने वाले किसान अपने-अपने क्षेत्र में शासकीय नर्सरियों मंे जाकर फसलों का बीमा कराने के लिए उद्यानिकी विस्तार अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। सहायक संचालक ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में बीमित उद्यानिकी फसलों में प्रतिकूल मौसम जैसे अधिक वर्षा, कम वर्षा, बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि, अधिक तापमान, कम तापमान, बीमारी अनुकूल मौसम, तेज हवा, कीट एवं व्याधि प्रकोप से उद्यानिकी फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति मिलेगी। उन्होने बताया कि बीमा संबंधी जानकारी के लिए किसान शासकीय नर्सरी पताढ़ी, शासकीय नर्सरी पटियापाली, शासकीय नर्सरी पण्डरीपानी, शासकीय नर्सरी नगोई और शासकीय नर्सरी पोंड़ीलाफा में संपर्क कर सकते हैं। -
किसी श्रमिक को नहीं पिलाया गया मूत्र, मानसिक तनाव रहा घटना का मुख्य कारणकलेक्टर के निर्देश पर चार अधिकारियों के दल ने की प्रकरण की जांच,सौंपी रिपोर्ट
कोरबा : करतला विकासखंड के पटियापाली हाईस्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर में किसी भूत-पे्रत का साया नहीं है। इस सेंटर में भूत-पे्रत के साये से प्रभावित होने पर प्रवासी मजदूर को मूत्र पिलाने की घटना भी अफवाह मात्र निकली। घटना के समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इसके त्वरित जांच के निर्देश दिये थे। डिप्टी कलेक्टर श्री देवेन्द्र प्रधान की नेतृत्व में नायब तहसीलदार बरपाली, करतला के खंड शिक्षाधिकारी और उरगा थाना प्रभारी ने आज सुबह पटियापाली हाईस्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। जांच से स्पष्ट हुआ है कि सेंटर में रूके प्रवासी मजदूरों ने ही जल्दी घर जाने की चाह में भूत-पे्रत का साया होने की अफवाह अन्य मजदूरों के बीच फैलाई थी। जांच दल ने क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के शपथपूर्ण बयान भी लिये और डाक्टर की मौजूदगी में मजदूरों की मानसिक कांउंसिलिंग भी की गई। क्वारेंटाइन सेंटर में रूके मजदूरों ने जांच दल को दिये अपने बयान में स्पष्ट किया है कि खेती-किसानी का समय होने के कारण सभी लोग जल्दी अपने-अपने घर जाना चाहते हैं। क्वारेंटाइन सेंटर से उन्हें निर्धारित समयावधि पूरा करने के पहले घर जाने नहीं दिया जा रहा था। मजदूरों ने भूत-प्रेत के नाम पर भय फैलाकर जल्दी घर जाने की सोंच के साथ यह अफवाह फैलाई थी। प्रवासी श्रमिकों ने यह भी स्पष्ट किया कि भूत-पे्रत की साये के नाम पर किसी भी प्रवासी मजदूर को मूत्र पिलाने जैसी घटना क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं हुई है।
घटना की जांच के लिए आज क्वोरंटाइन सेंटर में जांच दल में शामिल अधिकारियों के साथ डा. पवन मिश्रा भी शामिल थे। उन्होने सेंटर में रूके सभी प्रवासी श्रमिकों से बात की और भूत-पे्रत जैसे अंधविश्वास को दूर करने के लिए उनकी मानसिक कांउंसिलिंग भी की। डा. मिश्रा ने सभी श्रमिकों को योग करने की सलाह भी दी। पटियापाली के क्वारेंटाइन सेंटर में 62 प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। चार श्रमिकों के कोरोना संक्रमित होने के कारण उन्हें कोरबा के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेंटर में रूके एक प्रवासी श्रमिक की तबियत खराब होने के कारण उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। अभी सेंटर में 57 प्रवासी श्रमिक रूके हैं। जांच के दौरान सुखरी खुर्द निवासी और उत्तर प्रदेश से लौटे प्रवासी श्रमिक श्री श्यामलाल ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में भूत-पे्रत का साया या किसी श्रमिक को भूतपे्रत के प्रभाव में होने के कारण मूत्र पिलाने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। महिला श्रमिक लक्ष्मीन बाई ने बताया कि वे गर्भवती हैं और डाक्टर ने उनका मेडिकल चेकअप किया है तथा टीका भी लगाया गया है।
क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी श्री घनश्याम प्रसाद शर्मा में बताया कि पिछले दिनों प्रवासी श्रमिक लक्ष्मीन बाई की तबियत खराब होने पर जांच के लिए डा. पवन मिश्रा को बुलाया गया था। डा. पवन मिश्रा ने बताया कि मरीज का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जिसके कारण वे कभी भी किसी को भी कुछ भी बोल देती हैं। इस कारण से अन्य प्रवासी श्रमिकों ने लक्ष्मीन बाई पर भूत-पे्रत का साया होने की अफवाह फैलाई थी। डा. पवन मिश्रा ने यह भी बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर के एक अन्य श्रमिक चंद्रशेखर के सीने में दर्द होने और उस पर भी भूत-पे्रत का साया होने की आशंको को लेकर ईलाज के लिए सेंटर में बुलाया गया था। परंतु भूत-पे्रत जैसी कोई बात श्रमिक के साथ नहीं थी। - गर्मी के तीन महिनों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को मिला आय का जरिया
कोरबा : एक ओर जहां दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर से गुजर रही थी वहीं दूसरी ओर जय अंबे स्व सहायता समूह की महिलाएं खेतों में सब्जी उगाकर अपने परिवारों के लिए आय का जरिया प्रदान कर रही थी। चिलचिलाती धूप और कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के बीच ग्राम नोनबिर्रा के स्व सहायता समूह की दस महिलाएं खेतों में सामूहिक सब्जी उत्पादन करके बीते तीन महिनों में एक लाख बीस हजार रूपये की सब्जियां बेचीं। कोरोना काल में जहां पैसा कमाने का कोई साधन नजर नहीं आ रहा था। उस समय समूह की महिलाएं सब्जी उगाकर अपने परिवारों के लिए भरण-पोषण का स्त्रोत पैदा कर रहीं थीं। जिले के करतला ब्लाक के ग्राम नोनबिर्रा के जय अंबे स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती रजनी पटेल ने बताया कि गर्मी के दिनों में खेत खाली पड़े रहते हैं, ऐसे खेतों को हम सब्जी उगाने की योजना में शामिल करने का प्रयास किये। उन्होंने बताया कि गांव के ही करीब डेढ़ एकड़ पट्टा जमीन को तीन महिने के लिए खेती करने के लिए उपयोग में लिये। खेत में पानी की व्यवस्था के लिए बोरवेल की सुविधा उपलब्ध है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा 15 हजार रूपये चक्रीय निधि तथा एक लाख रूपये का लोन प्रदान किया गया था।समूह की अध्यक्ष श्रीमती पटेल ने बताया कि हमारे समूह की दस महिलाओं ने मिलकर सामूहिक खेती करने के लिए गर्मी के सीजन में खाली पड़े जमीन पर सब्जी की फसल लेना शुरू किए। गर्मी के सीजन में खेतों में भिंडी, करेला, लौकी, बैगन, मिर्ची आदि सब्जियों का उत्पादन किये। उत्पादित सब्जी को स्थानीय बाजारों रजगामार बाजार तथा खुले में बेचकर विगत तीन महिनों में सवा लाख रूपये से ज्यादा का आय प्राप्त कर चुके हैं। जय अंबे स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गर्मी के सीजन में तथा कोरोना महामारी के दौर में हमारे परिवार के आय का जरिया खेतों में उगाये सब्जी बना है। लाॅक डाउन में काम-धंधे ठप्प पड़े थे ऐसे में सामूहिक खेती के द्वारा की गई सब्जी उत्पादन से पैसे की आवक ने हमारे परिवार की दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा कर दिया है। आय का जरिया बनने से हमारे परिवार के सभी सदस्य बहुत खुश हैं। सब्जी बेचकर कमाए हुए पैसे से जरूरत की सामानों के साथ-साथ अन्य चीजें भी खरीद पा रहे हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि बच्चों के कपड़े, राशन की भी जरूरत खेती के पैसे से पूरी हो पाई है। -
पचास पैसे प्रतिकिलो की दर से गोबर खरीदने पर भी केवल गोठान गांवों से 172 करोड़ रूपये की सालाना आय की संभावना
कोरबा 27 जून : प्रदेश के किसान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आगामी हरेली त्यौहार से शुरू की जा रही गोधन न्याय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज गति देने वाला प्रयास साबित हो सकती है। सरकार के गोबर खरीदने के निर्णय से अभी से ही ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। गांव-गांव में चर्चा है कि गोबर से गांव की अर्थ व्यवस्था को आगे बढ़ाने और मजबूत करने का काम एक किसान मुख्यमंत्री ही कर सकता है। कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस योजना को लेकर भारी उत्साह है। पढ़े-लिखे पशुपालक और पशुधन विकास विभाग से जुड़े अधिकारी तथा विशेषज्ञ अभी से ही इस योजना के फायदों को लेकर अपने-अपने तर्क और सुझाव लोगों के बीच साझा कर रहें हैं। कोरबा जिले के केवल 197 गोठान गांवों में पशुधन से मिलने वाले गोबर से ग्रामीणों को सालाना 17 करोड़ रूपये से अधिक की अतिरिक्त आय मिल सकती है। केवल गोठान गंावों से मिले गोबर से यदि कम्पोस्ट खाद बना दी जाये तो यह आय लगभग दस गुना तक बढ़कर 171 करोड़ रूपये तक पहुंच सकती है। इस पूरे कैलकुलेशन के पीछे पशुधन विशेषज्ञों का पूरा गणित है।
पशुधन विकास विभाग के उप संचालक डा. एस.पी.सिंह के मुताबिक पूरे कोरबा जिले में सात सौ से अधिक गांव हैं। जिनमें से अभी तक केवल 197 गांवों में ही नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत सुव्यवस्थित गोठानों का निर्माण पूरा हो गया है। इन गोठान गांवों में पशु संगणना के अनुसार एक लाख 56 हजार 279 पशु हैं। औसतन छह किलोग्राम गोबर प्रतिदिन प्रति पशु के हिसाब से एक दिन में ही इन गांवों में नौ लाख 37 हजार 674 किलोग्राम गोबर का उत्पादन संभावित है। इस हिसाब से कोरबा जिले के 197 गोठान गांवों में ही प्रति वर्ष लगभग 34 करोड़ 22 लाख 51 हजार किलोग्राम गोबर का उत्पादन हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि राज्य सरकार पचास पैसे प्रति किलो की दर से भी ग्रामीणों से गोबर खरीदती है तो कोरबा के केवल गोठान गांवों से ही प्रतिदिन ग्रामीणों को चार लाख 68 हजार 837 रूपये और प्रतिवर्ष 17 करोड़ 11 लाख 25 हजार 505 रूपये की अतिरिक्त आमदनी हो सकती है। इसी गोबर से यदि वर्मी कम्पोस्ट खाद बना लिया जाये तो उसका रेट लगभग दस गुना बढ़ सकता है। दो किलो गोबर से एक किलो खाद उत्पादन के मान से भी केवल गोठान गांवों से ही लगभग 17 करोड़ 11 लाख 25 हजार किलो से अधिक खाद का उत्पादन हो सकता है। जिले में वर्तमान में गोठानों में उत्पादित होने वाले वर्मी कम्पोस्ट को महिला स्व सहायता समूहों द्वारा दस रूपये प्रतिकिलो की दर से बेचा जा रहा है। पशुधनों के गोबर से बनी खाद को भी यदि इसी दर पर बेचा जाता है तो ग्रामीणों को 171 करोड़ 12 लाख 55 हजार रूपये की सालाना अतिरिक्त आमदनी मिल सकती है।
इसके साथ ही गोधन न्याय योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों को गौ पालन की ओर प्रोत्साहित किया जा सकता है। खुले में घूमने वाले पशुओं की रोकथाम से फसलों और जानमाल के नुकसान पर भी लगाम लगेगी। पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ खेती-किसानी में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने में भी यह योजना खासी महत्वपूर्ण होगी। जैविक खाद उत्पादन से ग्रामीणों को रोजगार और आजीविका संवर्धन का नया साधन इस योजना से मिलेगा। -
- उत्तम देखभाल से प्रफुल्लित कोविड पॉजिटिव स्वस्थ्य होकर पहुंचे घर अब करेगें लोगों को जागरूक( स्वस्थ्य होकर घर लौटे, कोरोना पीड़ित से विशेष बातचीत)
कोरबा. 27 जून : कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमितों की संख्या बीते कुछ दिनों में बढ़ी है। लेकिन यह भी सच है ,ठीक होने वाले मरीजों का ग्राफ भी काफी अच्छा है। छत्तीसगढ़ राज्य में ही (26 जून तक) एक्टिव केस 647 है, जबकि 156 लोग स्वस्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज हुए। कोविड-19 को मात देकर शुक्रवार को डिस्चार्ज होने वालों में कोरबा जिले के 4 मरीज भी शामिल हैं, जिन्होंने डॉक्टरों और कोविड-19 महामारी में योगदान दे रहे कर्मवीरों का धन्यवाद दिया है। घर लौटते हुए सभी मरीज काफी खुश दिखे क्योंकि वह कोविड-19 पॉजिटिव हैं , इसका अहसास उन्हें उपचार के दौरान कभी नहीं हुआ।
कोरोनावायरस संक्रमण से स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का कहना है “कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी उन्हें मौत से सामना करवाने जैसी प्रतीत हो रही थी। परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मठ और सक्रिय डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ (जो कोविड-19 में विशेष ड्यूटी कर रहा है) के सकारात्मक व्यवहार, हौसले और देखभाल की वजह से हमें नई जिंदगी मिली है।“ फिलहाल ठीक हुए मरीजों को 14 दिन अपने-अपने घरों में ही होम कोरेंटाइन रहना होगा। परंतु उनका कहना है जैसे ही होम कोरेंटाइन अवधि समाप्त होगी वह उनकी देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का स्वागत और सत्कार करेंगे। साथ ही समुदाय को कोरोनावायरस से डरने की बजाए, जागरूक होकर मुकाबला करने के प्रति जागरूक भी करेंगे।
भेद-भाव किए बिना स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने मुझे दी नई जिंदगी - 16 जून 2020 को मुंबई से कोरबा पहुंचे 26 वर्षीय राजेश ( परिवर्तित नाम) पेड कोरेंटाइन सेंटर में थे, इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि वे कोविड-19 पॉजिटिव हैं। राजेश बताते हैं बिना कोरोना के लक्षण के पॉजिटिव होने की जानकारी मिलते ही, उन्हें चिंता सताने लगी। उनकी भूख-प्यास भी मर गईI हर वक्त बस बच पाएंगे की नहीं, इसकी ही चिंता लगी रहती थी। राजेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों की देखभाल, अपनापन और हौसले की वजह से वह 10 दिन में ही ठीक होकर घर लौटे हैं। राजेश कहते हैं कोविड-19 पॉजिटिव होने की जानकारी होने पर भी कोरबा के कोविड अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों ने कभी भेदभाव नहीं किया और अपनी जान की परवाह किए बगैर उनकी देखभाल की। वह कहते हैं होम कोरेंटाइन के बाद सबसे पहले अस्पताल के कर्मचारियों का आभार करेंगे और समुदाय के अन्य लोगों को भी कोविड बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे।
कोविड से डरने की नहीं ,सावधानी रखने की जरूरत है- कोरबा के एक कोरेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच करने वाले रमेश ( परिवर्तित नाम) खुद संक्रमित हो गए। रमेश बताते हैं उनकी ड्यूटी 1 जून से कोरेंटाइन सेंटर में लगी थी, वहीं प्रवासी श्रमिकों को रखा गया था। उनकी जांच हुई और 5 जून को श्रमिकों में से 36 श्रमिकों के पॉजिटिव होने की जानकारी मिली। इसके बाद वहां सेंटर में तैनात सभी लोगों की जांच हुई जिसमें उन्हें पता चला की वह खुद कोविड संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्हें रायपुर रेफर किया गया और शुक्रवार को वह पूरी तरह स्वस्थ्य होकर घर रवाना हुए। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा इसलिए कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि बिना घबराए सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।
संगीत और न्यूज से काट रहे थे समय - कोविड को मात देने वाले मरीजों ने बताया अस्पताल में इलाज के दौरान उनका समय काटे नहीं कटता था। ऐसे में फोन पर गाना और न्यूज सुनकर तथा कुछ टीवी सीरियल देखकर समय काटते थे।जिले में कोविड-19 की स्थिति- स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक 25 जून तक जिले में कुल 309 पॉजिटिव केस मिले, जिनमें एक्टिव केस की संख्या 82 है। वहीं 12,972 सैंपल लिए,12,316 निगेटिव, 209 रिपोर्ट का इंतजार, 227 स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए हैं। -
स्पोर्टिंग काम्पलेक्स एवं स्टेडियम में केवल खेल गतिविधियां, दर्शकों को प्रवेश की अनुमति नहींसिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार एवं ऑडिटोरियम एसेम्बली हॉल रहेंगे बंदकलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किया आदेश
कोरबा 27 जून : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में क्लबों, शॉपिंग माल, रेस्टोरेंट और होटलों को कोविड-19 प्रोटोकाल के शर्तों के अधीन संचालन की अनुमति दे दी है। कलेक्टर ने इन संस्थानों के संचालन के संबंध में विस्तृत आदेश जारी किया है। क्लबों, शॉपिंग माल, रेस्टोरेंट, होटल संचालन के लिए पूर्व निर्धारित अनुमति तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार द्वारा जारी एसओपी की शर्तों और सोशल-फिजिकल डिस्टेंस का पालन करना अनिवार्य होगा। सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार एवं ऑडिटोरियम एसेम्बली हॉल एवं इस प्रकार के अन्य स्थान बंद रहेंगे।
शॉपिंग माल के भीतर गेमिंग आरकेड और बच्चों के लिए प्ले एरिया बंद रहेगा। इसी तरह स्पोर्टिंग काम्पलेक्स एवं स्टेडियम में केवल खेल गतिविधियां संचालित हो सकेंगी। दर्शकों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक आयोजनों पर पूर्वानुसार प्रतिबंध जारी रहेगा। किसी क्षेत्र के कन्टेंनमेंट घोषित होने की दशा में शासन द्वारा कन्टेंनमेंट जोन में केवल अत्यावशक सेवाओं की अनुमति होने के संबंध में जारी निर्देश प्रभावी होंगे तथा अतिरिक्त अनुमति प्राप्त गतिविधियों को निष्पादित करने की अनुमति कन्टेंनमेंट जोन में नहीं होगी। पूर्व में जारी अन्य निर्देश यथावत लागू रहेंगे। -
इंडियन ऑयल कारपोरेशन (भारत सरकार का उपक्रम ) का शासकीय भूमि का व्यवस्थापन तथा भूमि अधिकार में परिवर्तन प्रस्ताव को अंतरविभागीय समिति की बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने दी स्वीकृति
रायपुर : प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अध्यक्षता में अंतर विभागीय समिति की बैठक संपन्न हुई।बैठक में इंडियन ऑयल कारपोरेशन (भारत सरकार का उपक्रम ) का शासकीय भूमि का व्यवस्थापन तथा भूमि अधिकार में परिवर्तन प्रस्ताव को अंतरविभागीय समिति की बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने स्वीकृति दी ।
भूमि आवंटन के लिए नियमानुसार छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता के तहत निर्धारित प्रब्याजी एवं भू भाटक निर्धारित कर भारत सरकार का उपक्रम इंडियन ऑयल कारपोरेशन को विशेष शर्तों पर हस्तांतरण किया जाना प्रस्तावित किया गया, बैठक में तीन अन्य प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गयी ।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड चार क्रमांक-1 कंडिका 23 के तहत भूमि आबंटन वर्ष को प्रचलित गाईड लाईन दर पर आबंटित करने का प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन , राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय के आदेश दिनांक 26 अक्टूबर, 2019 के अनुसार 7500 वर्गफीट तक शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन एवं स्थायी पट्टे की भूमिस्वामी अधिकार में प्रदान करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है।राजस्व मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 को प्रचलित गाईड लाईन दर के 152 प्रतिशत की दर से आवेदक इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, रायपुर ( भारत सरकार का उपक्रम) को भूमिस्वामी अधिकारी में व्यवस्थापन प्रस्ताव को आज अंतर्विभागीय समिति की बैठक में स्वीकृति दी गयी। बैठक मे सुश्री रीता शांडिल्य सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन , श्रीमती पी. संगीता सचिव वाणिज्यिक कर( पंजीयन), श्री सतीष पाण्डेय अपर सचिव वित्त उपस्थित थे - जल भराव की स्थिति में फोन नंबर 07759-228548 पर दी जा सकेगी सूचनानगरीय क्षेत्र और तहसील क्षेत्र के लिए भी अलग-अलग बने कंट्रोल रूम
कोरबा : पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश को देखते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर कोरबा जिले में बाढ़ और अति जल भराव की स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत के सभी इंतजाम पूरे कर लिये गये हैं। कलेक्टर के निर्देश पर जिले में राजस्व और नगरीय निकाय अमले ने सर्वे कर बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों की पहचान की गई है। कोरबा तहसील के तहत मुख्यतः हसदेव नदी और उसके साथ ढेंगूरनाला, बेलगिरी नाला, सीतामणी नाला तथा मानिकपुर नाले में अधिक जल भराव की स्थिति पर आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। इसी प्रकार कटधोरा तहसील में हसदेव, तान एवं अहिरन नदी के जल स्तर में सामान्य से अधिक बढ़ोत्तरी होने पर बाढ़ की संभावना बन सकती है। कोरबा तहसील में हसदेव बैराज दर्री एवं कटघोरा तहसील में बांगो बांध माचाडोली से पानी छोड़ने पर आसपास के गांवों में बाढ़़ की स्थिति की आशंका हो सकती है।जिले में हसदेव बराज से बाढ़ प्रभावित संभावित क्षेत्रों में चारापारा, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडूग्गू, खैरभवना, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, चिचोली, कटबितला, झिंका एवं डिठोली आते हैं। मिनीमाता बांगों बांध से बाढ़ प्रभावित संभावित गांवों में बांगों, छिनमेर, चिर्रा, पोड़ी, कोडा, हथमार, सिरकीकला, मछली बांट (तिलाईडांड), झोरा, कोहड़िया, धनगांव, नरबदा एवं जैलगांव शामिल हैं। नगर निगम कोरबा अंतर्गत बाढ़ प्रभावित संभावित क्षेत्रों में सीतामणी मोहल्ला, डीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के आसपास का एरिया मिशनपारा, रामसागर पारा, मोतीसागर पारा, रानीरोड बस्ती, कुम्हारपारा, लालघाट, चेकपोस्ट, कैलाशनगर, शांति नगर, जोगियाडेरा, अयोध्यापुरी, इमलीडुग्गू, जेलबस्ती, डाडपारा, नगोईखार, गेरवाघाट, सुमेधा, कटाईनार, रेल्वेदफाई, पे्रमनगर, भैरोताल एवं घुड़देवा आते हैं।जिला, तहसील स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित- कोरबा जिले में बाढ़ की किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर तक नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की प्रभारी डिप्टी कलेक्टर श्री अजय उरांव मनोनीत किये गये हैं। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07759-228548 है। इसके साथ ही तहसील स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं। कोरबा तहसील के नियंत्रण कक्ष प्रभारी तहसीलदार श्री सुरेश कुमार साहू हैं। कोरबा तहसील के नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07759-224988 है। करतला तहसील के नियंत्रण कक्ष के प्रभारी तहसीलदार श्री सोनित मेरिया हैं तथा इसका दूरभाष क्रमांक 07759-279757 है। कटघोरा तहसील के नियंत्रण कक्ष के प्रभारी तहसीलदार श्री रोहित कुमार सिंह और कार्यालय दूरभाष क्रमांक 07815-250600 है। पाली नियंत्रण कक्ष के प्रभारी तहसीलदार श्री विश्वास राव मस्के हैं और कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07816-232007 है। पोड़ीउपरोड़ा तहसील के नियंत्रण कक्ष प्रभारी नायब तहसीलदार श्री डी.आर.धु्रव हैं और इनके कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07810-287292 है। संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी श्री ग्यास अहमद कार्यपालन अभियंता होंगे। जिनका मोबाइल नंबर 7773007188 है। नगर निगम कार्यालय में बने कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक 07759-226672 है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम में 15 अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी चरणबद्ध तरीके से राउंड द क्लाक लगाई गई है। साप्ताहिक अवकाश रविवार को भी अपने ड्यूटी समय पर यह अधिकारी-कर्मचारी कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। - जिला अंत्यावसायी विभाग 15 जुलाई तक लेगा आवेदनकोरबा : जिले के अनुसूचित जाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को अपना स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सुनहरा अवसर मिल रहा है। जिला अंत्यावसायी विभाग कोरबा द्वारा इसके लिए 15 जुलाई 2020 तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। कोरबा जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के लिए स्माल बिजनेस, गुड्स कैरियर, पैसेंजर व्हीकल, टेªक्टर ट्राली योजना, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए टर्म लोन योजना के तहत व्यवसाय हेतु जिले के इच्छुक शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों (महिला/पुरूष) से 15 जुलाई 2020 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये किये गये हैं।योजनान्तर्गत आवेदक को जिले का मूल निवासी तथा संबंधित वर्ग का होना आवश्यक है। आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष की हो। शैक्षणिक योग्यता हेतु 8वीं एवं 10वीं का अंकसूची आवेदन के साथ संलग्न होनी चाहिए। आवेदक के परिवार की वार्षिक आय अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग हेतु ग्रामीण क्षेत्र में 98 हजार एवं शहरी क्षेत्र में एक लाख 20 हजार रूपये से अधिक नहीं होना चाहिए। इस हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। आवेदक को स्वंय का आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड संलग्न करना होेगां। वाहन हेतु वैद्य काॅमर्शियल ड्रायविंग लायसेंस होना आवश्यक है। टेªक्टर ट्राली के लिए स्वंय के नाम पर 5 एकड़ से अधिक सिंचित कृषि भूमि होना आवश्यक है। आवेदक चयन उपरान्त सक्षम जमानतदार प्रस्तुत करने के लिए सक्षम होना चाहिए। आवेदक चयन उपरान्त निर्धारित अंश राशि जमा करने के लिए सक्षम हो। आवेदक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था, अर्द्धशासकीय संस्था का ऋणी अथवा अनुदान का लाभ न लिया हो।उपरोक्तानुसार पात्रता रखने वाले युवक एवं युवतियंा (महिला/पुरूष) 15 जुलाई 2020 तक कार्यालयीन समयावधि में कार्यालय कलेक्टर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्या. कोरबा के कक्ष क्रं. 27 से आवेदन पत्र प्राप्त कर आवेदन पूर्ण रूप से भरकर एवं निर्धारित आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर जमा कर सकते है।
- वन विभाग ने जारी किये फोन नंबर, काॅल करने पर मिलेगी पौधों की घर पहुंच सेवा
कोरबा: कोरबा जिले में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को लगभग नौ लाख निःशुल्क पौधे वितरित किये जायेंगे। कोरबा जिले के दोनों वनमण्डल कोरबा एवं कटघोरा में यह योजना शुरू हो गई है।कोरबा में महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद और कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और कटघोरा में विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर तथा श्री मोहित केरकेट्टा ने इस योजना की शुरूआत की। दोनों ही स्थानों पर हरियाली रथ को हरी झंडी दिखाकर जिले के विभिन्न इलाकों में निःशुल्क पौध वितरण के लिए रवाना किया गया। लोगों को फलदार और औषधीय पौधे एक फोन काॅल पर घर पहुंचाकर निःशुल्क मिलेंगे। वन विभाग ने लोगों को निःशुल्क पौधे देने के लिए विभागीय अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी कर दिए हैं। कोरबा वनमण्डल में इस योजना के तहत लगभग तीन लाख पौधे और कटघोरा वनमण्डल में छह लाख पौधों का वितरण आम लोगों को निःशुल्क किया जायेगा। लोगों की मांग के अनुसार एक फोन काॅल पर ही घर बैठे वन विभाग के अधिकारी घर तक पहुंचाकर लोगों को पौधे देंगे। योजना के तहत लोगों को ओैषधीय पौधे, फलदार पौधे, जामुन, पपीता, मुनगा, गिलोय, सीताफल, हाड़जोड़, अर्जून, शीशम, साल, नीम, गुलमोहर, आंवला आदि प्रजाति के पौध निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे। लोग 31 जुलाई तक संबंधित अधिकारियों को फोन कर अपने घरों तक निःशुल्क पौधे मंगा सकेंगे। कटघोरा वनमण्डल में वन विभाग की नर्सरियों में छह लाख पौधे और कोरबा वनमण्डल की नर्सरियों में तीन लाख से अधिक पौध वितरण के लिए तैयार कर लिये गये हैं।जन सामान्य पौधे मंगाने के लिए कोरबा वनमण्डल क्षेत्र के तहत बालको के वन परिक्षेत्राधिकारी के फोन नंबर 7000625744 पर, करतला वन परिक्षेत्र के अधिकारी के फोन नंबर 7869939187, लेमरू वन परिक्षेत्राधिकारी के फोन नंबर 6261578190 पर फोन कर सकते हैं। इसी प्रकार कटघोरा वनमण्डल क्षेत्र के अन्तर्गत निःशुल्क पौधे प्राप्त करने के लिए जन सामान्य उप वनमण्डलाधिकारी पाली से मोबाईल नंबर 9425227185, परिक्षेत्र अधिकारी कटघोरा से मोबाईल नंबर 9893539187, वनपाल श्री लाल यादव से मोबाईल नंबर 7354014577 और सहायक श्री रामकुमार यादव से मोबाईल नंबर 8719892202 पर संपर्क कर आवश्यकतानुसार पौधों की मांग कर सकते हैं। - अट्ठारह हजार क्विंटल से अधिक बीज और आठ हजार टन से अधिक उर्वरक उपलब्धकोरबा: पिछले एक सप्ताह से जिले में हो रही मानसूनी बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है, धान और खरीफ की अन्य फसलों के लिए बोआई का उपयुक्त समय है। इसे ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को खरीफ मौसम की फसलों के बीज बोने की तैयारियों के साथ-साथ जरूरी सभी काम तेज करने की सलाह कृषि अधिकारियों ने दी है। आगामी खरीफ मौसम के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कृषि विभाग की तैयारी लगभग पूरी है। किसानों को विभाग के मैदानी अमले द्वारा आगामी खरीफ मौसम में धान, ज्वार, मक्का, अरहर, उड़द के साथ-साथ सोयाबीन, मूंगफली की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेतों की तैयारी से लेकर खुर्रा बोनी, रोपा और श्री पद्धति से धान की फसल लगाने की जानकारी किसानों को दी जा रही है।कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने आज यहां बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले में 18 हजार क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। भण्डारित बीजों में से 14 हजार 515 क्विंटल समितियों में, 316 क्विंटल विभागीय प्रदर्शनों के तहत तथा लगभग तीन हजार 170 क्विंटल धान बीज निजी क्षेत्रों की दुकानों में भण्डारित किया गया है। जिसमें से अभी तक 13 हजार 430 क्विंटल धान किसानों ने खेतों में बोने के लिए उठाया है। किसानों ने धान का दस हजार छह सौ क्विंटल बीज समितियों से, 226 क्विंटल बीज कृषि विभाग से और लगभग दो हजार 600 क्विंटल धान बीज निजी क्षेत्रों से उठाया है। श्री श्यामकुंवर ने किसानों से तेजी से बीज-खाद का उठाव करने की अपील की है ताकि समय पर बीज की खेतों में बोनी की जा सके। जिले की समितियों में अभी भी धान का लगभग तीन हजार 900 क्विंटल बीज भण्डारित है। निजी तथा अन्य क्षेत्रों को मिलाकर जिले में अभी भी साढ़े चार हजार क्विंटल से अधिक धान का बीज उपलब्ध है। इसी प्रकार जिले में अरहर का 30 क्विंटल और उड़द का एक क्विंटल बीज भण्डारित किया गया है। जिसमें से लगभग 30 क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है। हरी खाद के लिए उपयोग किये जाने वाले सन और ढेचा के भी 240 क्विंटल बीजों का भण्डारण किया गया था जिनका २ात प्रतिशत वितरण किसानों को कर दिया गया है।उप संचालक श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में सहकारी प्राथमिक समितियों तथा निजी कृषि केंद्रों में वर्तमान में आठ हजार दो सौ 67 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। प्राथमिक सहकारी समितियों में छह हजार 543 टन और निजी दुकानों में एक हजार 724 टन रासायनिक उर्वरक खरीफ की खेती के लिए उपलब्ध है। किसानों ने अभी तक इसमें से केवल पांच हजार 794 टन उर्वरक ही अभी तक लिये हैं। उप संचालक कृषि ने बोनी के समय बेसल डोज के लिए रासायनिक उर्वरकों का भी उठाव तेज करने की सलाह किसानों को दी है। कोरबा जिले में अभी तक तीन हजार 960 टन यूरिया, एक हजार 607 टन सुपर फास्फेट, 353 टन पोटाश, एक हजार 771 टन डीएपी और 575 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है। जिसमें से अभी तक दो हजार 880 टन यूरिया, एक हजार 095 टन सुपर फास्फेट, 180 टन पोटाश, एक हजार 268 टन डीएपी और 371 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का उठाव हुआ है। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि किसानों के लिए यूरिया 50 किलो एवं 45 किलो की पैकिंग में उपलब्ध है। जैसे-जैसे किसानों द्वारा उवर्रकों का उठाव किया जाएगा वैसे-वैसे और उवर्रकों का भंडारण कराया जाएगा।कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों से खरीफ मौसम-2020 मंे फसल मंे लगने वाली खाद का उठाव तेजी से करने की सलाह दी जा रही हैं। खाद की कमी, इच्छित खाद की पूर्ति ना होने जैसी समस्याओं से बचने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त कर फसल की बोनी समय बेसल डोज के रूप में उपयोग करने के लिए किसानों को खाद उठाव की सलाह दी जा रही है। जो किसान सोसायटियों से लोन लेकर खेती के लिए बीज-खाद उठाते है उन्हें भी पर्याप्त मात्रा में खाद उठाने की सलाह कृषि विभाग ने दी है।कृषि विभाग के उपसंचालक श्यामकुवंर ने बताया कि चालू खरीफ मौसम के लिए अभी गोदामों में पर्याप्त रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है । खाद का उठाव होने पर गोदाम खाली होने से समय पर रासायनिक खाद की मांग अनुसार भंडारण कराया जा सकेगा ताकि किसानों को फसल की विभिन्न अवस्थाओं में जरुरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा के यूरिया, पोटास, सुपर फास्फेट खाद मिल सके। किसानों के उठाव करने पर गोदाम खाली होने से दूसरे चरण की खाद का भंडारण किया जाएगा।
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आज 25 मरीजों को किया गया डिस्चार्ज, अगले 14 दिन रहेंगे होम क्वारेंटाइन में
कोरबा 24 जून : कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए कोरबा के ईएसआईसी अस्पताल में स्थापित डेडीकेटेड कोरोना हास्पिटल में पिछले एक महिने में 216 मरीज भर्ती हुए हैं। अस्पताल में सीएमएचओ डा. बी.बी.बोडे, अस्पताल इंचार्ज डा. प्रिंस जैन सहित लगभग 20 मेडिकल स्टाफ की टीम दिन-रात संक्रमितों के ईलाज में लगी है। कोविड अस्पताल में ईलाज के दौरान कोरोना की रोकथाम और ईलाज के लिए शासन द्वारा जारी किये गये प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही ईलाज के दौरान इंफेक्शन से बचने और ईलाज के बाद डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ के डोफिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। पूरी सावधानी और सुविधाओं के कारण ही कोरबा के कोविड अस्पताल से अभी तक 132 कोरोना संक्रमितों का ईलाज पूरा हो गया है और उन्हें स्वस्थ्य होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
इसके साथ ही अस्पताल में मरीजों के ईलाज में लगे किसी भी डाक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन या अस्पताल के सफाई कर्मी तक में कोई संक्रमण नहीं हुआ है। अस्पताल प्रबंधन के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पद्माकर शिंदे और अस्पताल कंसलटेंट डा. देवेन्द्र गुर्जर तथा उनकी टीम लगातार ईलाज के लिए जरूरी सुविधाओं और दवाइयों आदि के इंतजाम में लगी है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
अस्पताल के इंचार्ज डाक्टर प्रिंस जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए क्रमबद्ध तरीके से डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगाई गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन ड्यूटी करने वाले डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अगले 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होता है। इस दौरान इन सभी की कोरोना जांच भी की जाती है। डा.जैन ने बताया कि कोविड अस्पताल में काम करने वाले किसी भी मेडिकल स्टाफ की आज तक कोरोना की कोई रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। सभी मेडिकल स्टाफ कोरोना नेगेटिव पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में जांजगीर-चांपा, जशपुर, कोरिया और कोरबा जिले के 216 संक्रमितों को ईलाज के लिए भर्ती किया गया है।
इनमें से 132 मरीज पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिये गये हैं। जांजगीर जिले के 13, जशपुर जिले के 36 सहित 83 कोरबा के मरीज कोविड अस्पताल के ईलाज से ठीक हो गये हैं। डा. जैन ने बताया कि आज 25 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। जिनमें 11 पुरूष एवं 14 महिलाएं शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती किए गये मरीजों में से दो गर्भवती महिलाओं और दो बुजुर्गों को बेहतर ईलाज के लिए रायपुर एम्स रिफर किया गया है। कोरबा के कोविड अस्पताल में वर्तमान में 80 मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती कोविड संक्रमितों में 78 कोरबा और दो कोरिया जिले के हैं। -
कोरबा 24 जून : वर्षाकाल 2020 के दौरान आवश्यकता होने पर मिनीमाता बांगो बांध माचाडोली से हसदेव नदी में पानी प्रवाहित किया जायेगा। कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बंाध संभाग क्रमांक-3 माचाडोली ने बताया है कि वर्तमान में मिनीमाता बांगो बांध में लगभग 80 प्रतिशत जल भराव है। जिसके कारण मिनीमाता बांगो बांध के जलद्वार खोलकर हसदेव नदी में जल प्रवाह किये जाने की अधिक संभावना है। इसलिए सर्व साधारण एवं कार्य संबंधितों को सूचित किया गया है कि उक्त बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल सम्पत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जायें। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेवें। कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बंाध ने कहा है कि अकस्मात बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा।
बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्रामों के नाम- बांगो, लेपरा, टुुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, गाड़ाघाट, छिनमेर, सिरकीकला, कोड़ा, कछार, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डुग्गुपारा, कल्मीपारा, जूनापारा, तिलाईडाड, टुंगुमांड़ा, नवागांव, झोरा, कोरियाघाट, डोंगाघाट, पोंड़ीखोहा, धनगांव, लोतलोता, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ी, आदि हैं। -
खाद्य विभाग ने जारी किये निर्देश, 25 जुलाई समय सीमा निर्धारितजिले में लगभग तीस हजार सदस्यों के आधार नंबर राशन कार्डों में दर्ज होंगे
कोरबा 24 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से छत्तीसगढ़ को जोड़ने की घोषणा के बाद कोरबा जिले में भी तैयारियां शुरू हो गई है। एक देश एक राशन कार्ड के लिए वर्तमान में प्रचलित राशनकार्डों में मुखिया और परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबरों को अनिवार्यतः दर्ज किया जाना है। कोरबा जिले में वर्तमान में दो लाख 80 हजार 315 राशन कार्ड प्रचलन में हैं। जिनमें 29 हजार 902 सदस्यों के आधार नंबर दर्ज नहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने छुट गये इन सभी सदस्यों के आधार नंबर राशनकार्डों में दर्ज करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करने के निर्देश खाद्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। पच्चीस जुलाई तक अधिकारियों और मैदानी अमले को छुट गये सभी राशनकार्डों में आधार सीडिंग का काम पूरा करना होगा
भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए शुरू होने वाले ‘वन नेशन वन राशन कार्ड‘ कार्यक्रम के तहत आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से ही राशन सामग्री वितरण एवं पोर्टेबिलिटी का उपयोग किया जा सकेगा। कार्डधारियों को अपनी पसंद की उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बिना आधार नंबर वाले राशन कार्डधारियों, सदस्यों के आधार नंबर प्राप्त करने के लिए सभी एसडीएम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगरी निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और सहायक खाद्य अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिये है।
दुकान संचालको के खाद्य विभाग के मॉड्यूल में उपलब्ध कराया दी गई है। बिना आधार सीडिंग वाले राशन कार्ड धारी सदस्यों को माह जुलाई में राशन सामग्री प्रदान करते समय व्यक्तिगत रूप से आधार कार्ड की छाया प्रति या नामांकन पर्ची जमा करवाने कहा गया है। आधार कार्ड की स्वच्छ एवं पठनीय छायाप्रति प्राप्त कर क्यूआर कोड स्कैन कर विभागीय सर्वर में दर्ज किया जाएगा। जिला स्तर पर आधार की डाटा एंट्री का कार्य 25 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। आधार विहीन राशनकार्डों और सदस्यों के आधार नंबर की इंट्री उचित मूल्य दुकान संचालकों द्वारा वेबसाइट लिंक https://khadya.cg.nic.in/rationcards/rcmodule/FrmAadharEntryPublicly.aspx में जाकर आधार नंबर दर्ज किया जा सकता है। जिन राशनकार्डधारकों के पास आधार नंबर नहीं हैं वे पास के लोकसेवा केंद्र में आधार पंजीयन करवाकर नामांकन पर्ची की प्रति राशन दुकान संचालक के पास जमा कर सकते हैं। -
राज्य शासन ने 30 अगस्त तक मंगाये नामांकन प्रस्ताव, 2021 के गणतंत्र दिवस पर घोषित होंगे पुरस्कार
कोरबा 24 जून : देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों के लिए 15 सितंबर तक आनलाइन नामांकन एवं सिफारिशें स्वीकार की जायेंगी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इन पुरस्कारों के नामांकन और सिफारिशों के लिए वेब साईट पोर्टल ूूूण्चंकउंूंतकेण्हवअण्पद पर प्रस्ताव लेना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने भी पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कारों के लिए 30 अगस्त तक प्रस्ताव मंगाये हैं ताकि प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा कर सर्व योग्य नागरिक की सिफारिश केंद्र सरकार को की जा सके। प्राप्त नामांकनों में से पद्म पुरस्कार के लिए चयनित योग्य व्यक्तियों की घोषणा 2021 के गणतंत्र दिवस पर की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हेै। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामले, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि सभी क्षेत्रों और विषयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले भारतीय नागरिकों को यह पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी जाति, व्यवसाय, हैसियत या लिंग भेद के बिना इन पुरस्कारों के लिए पात्र है। पुरस्कार से संबंधित नियमावली और अन्य जानकारियां वेबसाइट ूूूण्चंकउंूंतकेण्हवअण्पद पर उपलब्ध हैं। आनलाइन नामांकन या सिफारिश में अनुशंसित व्यक्ति द्वारा किसी क्षेत्र या विषय विशेष में प्राप्त की गई विशिष्ठ या असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। विवरणात्मक रूप में अधिकतम आठ सौ शब्दों में विशिष्ठ कार्य या उपलब्धि की जानकारी पोर्टल पर मौजूद प्रारूप में देनी होगी।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि आमतौर पर सार्वजनिक जीवन में प्रचार या प्रमुखता की आकांक्षा के बिना असाधारण योगदान देने वाले लोगों की पहचान कर उनका नामांकन कराया जाये। इसके साथ ही इन पुरस्कारों के लिए महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति, जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों में से भी प्रतिभाशाली और असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके भी नामांकन के प्रयास किये जायें। डाक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में काम करने वाले व्यक्तियों सहित सरकारी सेवक पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं होंगे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पंद्रह सितंबर के बाद प्राप्त नामांकनों-सिफारिशों पर विचार नहीं किया जायेगा। नामांकन एवं सिफारिशें केवल आनलाइन ही स्वीकार की जायेगी।