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डिप्टी कलेक्टरों के प्रमोशन पदों में 10 प्रतिशत कटौती वापस लेने और लंबित पदोन्नतियां की मांग
पूरे प्रदेश सहित कोरबा जिले में भी तहसीलदार और नायब तहसीलदारो ने लंबित पदोन्नति प्रक्रिया और डिप्टी कलेक्टर के प्रमोशन पदो में की गई कटौती वापस लेने की मांग करते हुए आज काली पट्टी लगाकर विरोध जताया। तहसीलदार सुरेश साहू, रोहित सिंह सहित नायब तहसीलदार पवन कोशमा, पंचराम सलामे, आराधना प्रधान, शशि भूषण सोनी, सहित कटघोरा, पाली, कोरबा, करतला, पोड़ी तहसील कार्यालयो में भी अपनी मांगो को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्यों ने काली पट्टी लगाकर विरोध जताया। तहसीलदार श्री सुरेश साहू ने बताया कि अपनी मांगो को लेकर तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों द्वारा 31 जुलाई तक काली पट्टी लगाकर काम किया जाएगा। इसके बाद 31 जुलाई तक मांग पूरी नहीं होने पर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की बैैठक में आगे की रणनीति तय की जायेगी।
छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का कहना है कि राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रशासनिक सेवा के पदोन्नति नियमों में संशोधन करते हुए तहसीलदारों से डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति पदों में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी है। शासन द्वारा डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति से भरे जाने वाले 50 प्रतिशत पदों को घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे प्रदेश के कई तहसीलदारों की डिप्टी कलेक्टर बनने की आशाओं पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही शासन ने नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने के लिए इस साल फरवरी में पदोन्नति समिति की बैठक कर ली थी, 5 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उन तहसीलदारों का पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो पाने से कई नायब तहसीलदार अपने तहसीलदार बनने का इंतजार कर रहे हैं। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कुछ समय पूर्व सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह और राजस्व सचिव रीता शांडिल्य से रायपुर में मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराया था और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। संघ के पदाधिकारियों ने डिप्टी कलेक्टरों के पदोन्नति पदों में 10 प्रतिशत की कटौती को वापस लेने तथा तहसीलदारों की पदोन्नति सूची जल्दी जारी करने की मांग की है ।
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कोरोबा : भंडार गृह सर्वमंगला क्वॉरंटाईन सेंटर से एक साथ आठ पॉज़िटिव मिलें 12 वर्ष की बच्ची सहित दो महिलायें और 12 पुरुष संक्रमित कटघोरा के दिपका प्री मेट्रिक होस्टल में दो, करतला के घिनारा प्राथमिक शाला में एक और लेमरु के देवपहरी सेंटर में तीन प्रवासी क़ोरोना संक्रमित निकले तमिलनाडु के सेलम,बिहार ख़गड़िया, रजिस्थान के बारा, गुजरात के दाहूँद, उत्तर प्रदेश के इलाहबाद और ओड़िशा के झरसुगुडा से लौटे है प्रवासी... सभी पहले से थे क्वॉरंटाईन सेंटरो में..१२ वर्षीय बच्ची को इलाज के लिए भेजा जाएगा AIIMS रायपुर, अन्य १३ को इलाज के लिए कोविड अस्पताल कोरबा लाया जाएगा सभी को अस्पताल शिफ़्ट करने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियाँ शुरू..
अब तक कोरबा ज़िले में कुल क़ोरोना संक्रमित- 381 इलाज के बाद ठीक हुए -341 एक्टिव केस-40 -
प्रतिबंधात्मक कार्रवाई सहित कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करने की दी हिदायत
कोरबा 24 जुलाई 2020/कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रो मे एक सप्ताह का लाॅकडाउन जारी है। इस दौरान लोगो को जरूरत की चीजें पर्याप्त मात्रा में निर्धारित नियंत्रित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए खाद्य विभाग की जिला लाॅजिस्टिक टीम सक्रिय है। कोरबा के जिला खाद्य अधिकारी श्री आशीष चतुर्वेदी के निर्देश पर आज सहायक खाद्य अधिकारी श्री जितेंद्र सिहं और खाद्य निरीक्षक श्री शुभम के दल ने शहर की होटलांे तथा मिठाई दुकानों की अचानक चेकिंग की । इस चेकिंग के अभियान के दौरान मुड़ापार स्थित दीपक स्वीट्स एवं डेयरी स्टोर्स मंे खाद्य निरीक्षक तथा उसके दल ने घरेलू गैस सिलेंडर का अवैध रूप से व्यावसायिक उपयोग करते पाया और जब्ती बनाई इसके साथ ही दुकान में अवैध रूप से कैरोसीन का उपयोग करने पर भी संचालक के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाई की गई है। लाॅजिस्टिक दल ने निहारिका और सुभाष ब्लाॅक मुड़ापार की अनाज एवं किराना दुकानो सहित मिठाई और डेयरी दुकानों का भी निरीक्षण किया और स्टाॅक तथा दामों की जानकारी ली।जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस समय में लाॅकडाउन के दौरान खाद्य विभाग द्वारा वस्तुओं के मूल्य नियंत्रण तथा कालाबाजारी को रोकने के लिए जांच अभियान चलाया जा रहा है। राशन दुकानो के साथ साथ डेयरीयों एवं दूध उत्पादो की बिक्री करने वाली दुकानो की निगरानी की जा रही है ताकि शहर वासियों को सामान्य दरो पर चीजों की पर्याप्त आपूर्ति हो सके। उन्होने बताया कि आज लाॅजिस्टिक दल द्वारा सुभाष ब्लाॅक मुड़ापार के दीपक स्वीट्स एंड डेयरी में आकस्मिक निरीक्षण किया गया जहाॅं घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक उपयोग और अवैध रूप से नीले कैरोसीन का उपयोग करते पाया गया। दुकान से एक घरेलू गैस सिलेंडर और एक लीटर नीला कैरोसीन जप्त कर संचालक के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।श्री चतुर्वेदी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लाॅजिस्टिक टीम ने लोगो को खरीदी बिक्री के समय मुॅह पर मास्क लगाए रखने, सोशल डिस्टेसिंग मेन्टेन करने ओैर अपने हाथो को बार बार साबुन से धोने या सेनेटाइज करने की भी सलाह दी। दल के सदस्यों ने सभी दुकानदारो को अपनी दुकानों के सामने दो-दो गज की दूरी पर गोल घेरे या मार्क लगाने के निर्देश भी दिए ताकि समान खरीदने आने वाले लोग कोरोना से बचाव के लिए एक दूसरे पर्याप्त दूरी बनाए रखे। जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान राशन, अनाज या खाने पीने की अन्य चीजों के साथ-साथ फल सब्जी जैसी अतिआवश्यक वस्तुओं के अवैध भण्डारण और कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग द्वारा ऐसी कार्रवाई लगातार जारी रहेंगी।/ -
अब सात अगस्त तक लिए जायेंगे आवेदन, कोरबा निगम क्षेत्र में खुलेंगी पचास नयी राशन दुकानें
विस्तृत जानकारी जिले की वेबसाइट www.korba.gov.in पर भी उपलब्धकोरबा 24 जुलाई 2020 / लाॅकडाउन के कारण कोरबा नगर निगम क्षेत्र मे खुलने वाली पचास नयी राशन दुकानो के लिए आवेदन की तिथि सात अगस्त तक बढ़ा दी गई है। राज्य शासन के निर्देश के बाद कोरबा नगर निगम क्षेत्र में राशन दुकानों का युक्तियुक्त करण किया जा रहा है। राशनकार्ड धारकों की संख्या के आधार पर नगर निगम क्षेत्र में पचास नयी शासकीय उचित मूल्य की दुकाने खुलेंगी। पहले इन नयी दुकानो के आबंटन के लिए जिला खाद्य अधिकारी कार्यालय द्वारा 27 जुलाई शाम पाॅच बजे तक आवेदन मंगाए गए थे, अब तिथि को ग्यारह दिन बढ़ाकर सात अगस्त 2020 कर दिया गया है। आवेदन कलेक्टोरेट खाद्य शाखा कमरा नम्बर 25 से प्राप्त किए जा सकते है। नई दुकानो के आबंटन के आवेदन पत्र एवं विस्तृत जानकारी जिले की वेबसाइट ूूूणवतइंण्हवअण्पद से भी डाउनलोड की जा सकती है।जिला खाद्य अधिकारी श्री आशीष चतुर्वेदी ने आज यहाॅ बताया कि कोरबा नगर निगम क्षेत्र में सभी 67 वार्डो में वर्तमान में 53 शासकीय उचित मूल्य की दुकाने संचालित है। इन दुकानो पर राशनकार्ड धारको की अधिक संख्या के कार्य दबाव और लोगो को आसानी से समय पर राशन उपलब्ध कराने की सहूलियत देने के लिए दुकानो का युक्तियुक्तकरण किया गया है। युक्तियुक्तकरण के तहत नगर निगम क्षेत्र में पचास नयी दुकाने आबंटित होंगी। नयी दुकानो के आबंटन के लिए अब सात अगस्त शाम पांच बजे तक आवेदन जमा किए जा सकेंगे। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि नगर निगम के वार्ड क्रमांक 1 रामसागर पारा , वार्ड क्र 2 साकेत नगर, वार्ड क्र 3 राताखार, वार्ड क्र 4 देवांगन पारा, वार्ड क्र 5 धनुहारपारा, वार्ड क्र 7 मोतिसागर पारा, वार्ड क्र 8 इमलीडुग्गु वार्ड नम्बर 11 नईबस्ती वार्ड क्र 12 शारदा विहार में एक-एक अतिरिक्त दुकान खोली जाएगी । वार्ड क्र 14 पंपहाउस में दो उचित मुल्य की नई दुकाने खुलेंगी । सीएसईबी मण्डल वार्ड क्र 15, सीएसईबी मण्डल वार्ड क्र 19, काशीनगर वार्ड क्र 20, बुधवारी वार्ड क्र 21, पं रविशंकर शुक्ल नगर वार्ड क्रं 23, महाराणा प्रताप नगर वार्ड क्र 24, नेहरू नगर वार्ड क्र 25, एसईसीएल वार्ड क्रं 27, राजेन्द्र प्रसाद नगर वार्ड क्रं 28, पोड़ीबहार वार्ड क्रं 29, मानिकपुर वार्ड क्रं 30, खरमोरा वार्ड क्रं 31, कोसाबाड़ी वार्ड क्र 32 एवं रामपुर वार्ड क्र 33 में एक एक अतिरिक्त दुकान खोली जाएगी। लाल घाट वार्ड क्र 34 एवं पाढीमार वार्ड क्र 37 में दो-दो नई उचित मुल्य की दुकाने खोली जाएगी। बालको नगर वार्ड क्र 38, परसाभाठा वार्ड क्र 40, रूमगरा वार्ड क्र 42, हसदेव वार्ड क्र 43, हसदेव वार्ड क्र 44, हसदेव वार्ड क्र 45, अयोध्यापुरी वार्ड क्र 46, जमनीपाली वार्ड क्र 47 मे एक-एक दुकान खोली जाएगी। शक्तिनगर वार्ड क्र 49 एवं 50 के लिए अब एक उचित मूल्य की दुकान होगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड क्र 51, दर्रीखार वार्ड क्र 52, दर्रीखार वार्ड क्र 53, सर्वमंगला वार्ड क्र 54 मे एक-एक उचित मूल्य की दुकान होगी। डगनियाखार वार्ड क्र 56 में दो नई उचित मूल्य की दुकान होगी। इसी प्रकार नरईबोध वार्ड क्र 62 में दो नई दुकान होगी। मोंगरा वार्ड क्रं 63, घुड़देवा वार्ड क्रं 64, बांकीमोंगरा वार्ड क्रं 66 और गजरा वार्ड क्र 67 में एक-एक उचित मूल्य की नई दुकान खोली जाएगी।खाद्य अधिकारी श्री आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि नयी 50 उचित मूल्य की दुकानो का आबंटन शासन द्वारा निर्धारित एजेंसियों को ही किया जाएगा। यह दुकाने वृहदाकार आदिमजाति बहुद्देशीय सहकारी समिति लेम्पस, ग्राम पंचायत या स्थानीय नगरीय निकाय, शासन द्वारा पंजीकृत महिला स्वसहायता समूह, वन सुरक्षा समितियां, अन्य सहकारी समितियां जिसका कार्य क्षेत्र नगर निगम कोरबा के वार्ड क्षेत्र मे अनिवार्य हो एवं राज्य शासन द्वारा विनिर्दिष्ट उपक्रम को ही आबंटित की जाएंगी। नयी उचित मूल्य दुकानो के आबंटन के लिए संस्था को निर्धारित प्रारूप में आवेदन के साथ जीवित पंजीयन प्रमाण पत्र, बायलास की प्रति, समिति के पदाधिकारियों की सूची, समिति के बैंक पासबुक की सत्य प्रतिलिपि, वर्तमान में बैंक में उपलब्ध धनराशि का विवरण और कोरबा नगर निगम से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। दुकान आबंटन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कलेक्टोरेट स्थित खाद्य शाखा में सम्पर्क किया जा सकता है। - कोरबा: पंजीकृत महिला बचत स्व सहायता समूह स्वरोजगार स्थापित करने ऋण लेने के लिए 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते है। आवेदित महिला समूह को शासन की योजनाओं में विभिन्न विभागों में आपूर्ति की जाने वाली सामाग्री प्रदाय करने के लिये आवश्यक प्रयास किया जायेगा। जिससे महिला समूह कों व्यवसाय से ऋण अदायगी पश्चात अधिक से अधिक आय अर्जित हो सके। महिला समूह को ऋण देने के लिए कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी जैसे व्यवसायों में स्वरोजगार स्थापित करने वालो को प्राथमिकता दी जायेगी। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा द्वारा जिले के पंजीकृत महिला बचत स्व सहायता समूह को स्वयं के स्वरोजगार किये जाने हेतु 31 जुलाई 2020 तक आवेदन आमंत्रित किये गये है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा ने बताया कि कोरबा जिला में निवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के 10 से 15 सदस्यीय वाले समूह आवेदन कर सकते है। समूह का फर्म एवं सोसायटी के धारा 7 के अधीन या राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के वेब पोर्टल पर पंजीयन हो, समूह के सदस्यों के आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष से अधिक न हो, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हो समूह में 80 प्रतिशत सदस्य संबंधितवर्ग के एवं 20 प्रतिशत सदस्य अन्य वर्ग के शामिल किये जा सकते है। समूह का गठन की अवधि एक वर्ष से कम न हो, समूह के बैठक पंजी, आय व्यय लेन देन पंजी, कार्यवाही विवरण पंजी, बैंक में बचत खाता हो। समूह के सदस्य कार्यालयीन दिवस एवं अवधि में अंत्यावसायी, कार्यालय कलेक्टर, कोरबा से ऋण आवेदन फार्म निःशुल्क प्राप्त कर आवेदन प्राप्त कर सकते है। आवेदन पत्र में वर्तमान का फोटो चस्पा कर स्व प्रमाणित करके आवेदन पत्र के प्रत्येक कालम को सुस्पष्ट अक्षरों में भर कर वांछित दस्तावेज के साथ जमा कर सकते है। दस्तावेजो मे आवेदक का आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, मोबाईल नं., महिला बचत समूह का पंजीयन प्रमाण पत्र, समूह की उपविधि, नियम शर्ते, बैठक पंजी, लेन देन आय-व्यय पंजी, कार्यवाही विवरण प्रस्ताव पंजी, समूह का बचत बैंक खाता शामिल है। जो व्यवसाय करना चाहते है उसके लिये स्थल भूमि भवन, तालाब के नक्शा खसरा अनुबंध पत्र भी आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।समूह को प्रत्येक सदस्य के मान से 0.50 लाख के मान से 10 सदस्यों में 5.00 लाख तक ऋण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के समूह के सदस्यों को प्रति सदस्य 0.10 लाख के मान से जो गरीबी रेखा के नीचे होंगे अनुदान राशि जो 10 सदस्यों में 1.00 लाख तक होगी। 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 60 समान किश्तों में वसूली की जायेगी। जिला स्तरीय चयन समिति से चयन मुख्यालय से प्राप्त आबंटन एवं लक्ष्य अनुसार आवेदित समूह को आर्थिक सहायता ऋण के रूप में दी जाएगी।
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कोरबा : सफाई कामगार वर्ग के बेरोजगार युवक, युवतियां स्वरोजगार स्थापित करने ऋण लेने के लिए 31 जुलाई तक जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा में आवेदन कर सकते है। कोरबा जिले के सफाई कामगार वर्ग के युवक युवतियों के लिए माइक्रो क्रेडिट योजना, गुड्स कैरियर योजना, महिला समृद्धि योजना, स्कीम अप टू योजना एवं महिला अधिकारिता योजना के तहत स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए बेरोजगार युवक, युवतियों से 31 जुलाई 2020 तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा ने बताया कि उक्त योजना में आवेदन करने वाले आवेदक कोरबा जिले का निवासी, सफाई कामगार परिवार के आश्रित सदस्य हो जिनकी पहचान राष्ट्रीय स्वच्छकार मुक्ति एवं पुर्नवास योजना अथवा पंजीकृत सहकारी समिति सफाई कर्मचारी निर्मित संस्था, सर्वेक्षण अन्तर्गत नहीं आते हो तथा आवेदक को स्थानीय राजस्व अधिकारी नगर पालिक निगम के अधिकारी राजपत्रित से सफाई कामगार पहचान प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।निवास प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार अनुविभागीय अधिकारी का मान्य होगा। आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष तक हो और किसी शासकीय, अशासकीय वित्तीय संस्था से ऋण अनुदान प्राप्त नहीं हो। इस संबंध में शपथ पत्र के साथ कार्यालयीन दिवस एवं समय पर आवेदक स्वयं उपस्थित होकर आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त कर सकते है।आवेदन पत्र में अपना फोटो चस्पा स्वप्रमाणित करके आवेदन के प्रत्येक कालम को सुस्पष्ट अक्षर में पूर्ण रूप से भरकर स्वयं एवं दो गवाहों के हस्ताक्षर पश्चात जमा कर सकते है। आवेदक को उनके आवेदित व्यवसाय के लिये गुड्स कैरियर योजना में 6.26 लाख, माइक्रो क्रडिट योजना 0.50 लाख, महिला समृद्धि योजना 0.50 लाख, स्कीम अप टू योजना 1.00 लाख एवं महिला अधिकारिता योजना 1.00 लाख तक ऋण तीन से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर तीन से पांच वर्षों में ऋण अदायगी की शर्त पर जिला स्तरीय चयन समिति से चयन उपरांत मुख्यालय से आबंटन प्राप्त होने एवं आवेदकों द्वारा ऋण दस्तावेज की पूर्ति उपरांत ऋण स्वीकृत एवं वितरण की कार्यवाही की जायेगी। 31 जुलाई 2020 के पश्चात प्राप्त आवेदन पर कोई विचार नहीं की जायेगी। - कलेक्टर श्रीमती कौशल ने खाद-बीज के वितरण सुनिश्चित करने दिए निर्देशकोरबा : चालू खरीद सत्र में जिले में अभी तक लगभग 78 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। जिले में इस वर्ष एक लाख 38 हजार 350 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने चालू खरीफ सत्र में खेती के लिए बीज-खाद की उपलब्धता किसी भी परिस्थिति में किसानों को पर्याप्त मात्रा में समय रहते सुनिश्चित करने के निर्देश मार्कफेड सहित सभी संबंधित अधिकारियों को दिए है। इस वर्ष 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन और तिलहनों की फसलें लगेंगी जोकि पिछले वर्ष से चार हजार 815 हेक्टेयर अधिक होगा। पिछले वर्ष 12 हजार 435 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन-तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। चालू खरीफ मौसम में कोरबा जिले में धान के रकबे में तीन हजार 049 हेक्टेयर की कमी कर 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धान, ज्वार, मक्का, कोदो, कुटकी को मिलाकर जिले में चालू खरीफ मौसम में एक लाख तीन हजार 200 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज की फसलें ली जायेंगी।उप संचालक कृषि श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि कोरबा में चालू खरीफ मौसम में 11 हजार छह सौ हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी और पांच हजार 50 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलें लगाई जायेगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दलहनी फसलों का रकबा दो हजार 538 हेक्टेयर और तिलहनी फसलों का रकबा लगभग एक हजार 677 हेक्टेयर बढ़ेगा। जिले में चालू खरीफ मौसम में 18 हजार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी व अन्य दूसरी फसलें ली जायेगी। सब्जी व अन्य फसलो का रकबा इस वर्ष दो सौै हैक्टेयर बढ़ेगा। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि इस वर्ष खरीफ मौसम में साढ़े 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रोपा पद्धति से और साढ़े 68 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोता पद्धति से धान की खेती होगी। जिले में अभी तक हुई वर्षा के आधार पर खेतों में नमी और पानी को देखते हुए किसानों ने 16 हजार 353 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के बीज बो दिये हैं। उप संचालक ने बताया कि आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, 150 हेक्टेयर क्षेत्र में कोदो-कुटकी और पांच हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार की फसल ली जायेगी। किसानों ने अभी तक छह हजार 49 हेक्टयर क्षेत्र में मक्के की बोनी पूरी कर ली है।उप संचालक ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर, तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द, तीन हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल्थी व अन्य फसलें तथा एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की खेती होगी। इसी प्रकार दो हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में तिल, एक हजार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में रामतिल और एक हजार पचास हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की बोनी की जायेगी। इस बार खरीफ के मौसम में 18 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती होगी। उप संचालक ने बताया कि अभी तक कुल लक्ष्य के हिसाब से जिले में लगभग 78 प्रतिशत बोनी हुई है। 77.94 प्रतिशत क्षेत्र में धान, 77.64 प्रतिशत क्षेत्र में अनाज और 22.29 प्रतिशत क्षेत्र में सब्जी फसलों के बीज बोये जा चुके हैं। जिले में मूंगफली 19.05 और तिल 45.60 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी पूरी कर ली गई है। मौसम को देखते हुए आगामी दिनों में खेती-किसानी के काम में तेजी आयेगी।जिले में अभी तक खेती के लिए 20 हजार 88 क्विंटल बीज का भंण्डारण- कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले में धान, मक्का, अरहर, उड़द, सन ढेंचा जैसी फसलों की खेती के लिए 20 हजार 88 क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। जिसमें से अभी तक 17 हजार 842 क्विंटल बीज किसानों ने खेतों में बोने के लिए उठाया है। जिले के किसानो द्वारा सर्वाधिक धान बीज 17 हजार 218 क्विंटल का उठाव किया जा चुका है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जा रहे है।जिले में अभी तक 10 हजार 953 टन रासायनिक उर्वरक का भंण्डारण- उपसंचालक कृषि श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में अभी तक दस हजार 953 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। जिसमें से जिले के किसानो द्वारा नौ हजार 44 टन उर्वरको का का उठाव किसानो द्वारा किया जा चुका है। जिले में अभी भी एक हजार 908 टन रासायनिक उर्वरक उठाव के लिए सोसाइटियो में शेष है। भण्डारित उर्वरको में सर्वाधिक मात्रा यूरिया का है। यूरिया पांच हजार 17 टन, डीएपी दो हजार 453 टन, एमओपी 492 टन, एसएसपी दो हजार 299 टन और एनपीके 689 टन भण्डारण किया गया है। जिले के किसानो ने अभी तक सर्वाधिक मात्रा में यूरिया का उठाव किया है। यूरिया चार हजार 353 टन, डीएपी दो हजार 78 टन, एमओपी 359 टन, एसएसपी एक हजार 709 टन और एनपीके 544 टन का उठाव अभी तक किसानो द्वारा किया जा चुका है।
- गोधन न्याय योजना शुरू होने से पशुपालन को लेकर आमजनो में उत्साहजिले मे दो दिनो में लगभग 11 हजार किलो गोबर बेचकर किसानो ने 21 हजार रूपए से अधिक कमाये
कोरबा : आमदनी के अतिरिक्त साधन के रूप में गोधन न्याय योजना पशुपालको के लिए वरदान साबित हो रही है। हरेली के पावन पर्व से शुरू हुए गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ग्रामीणों से दो रूपए प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। मवेशियों का गोबर आय का जरिया बन जाने से ग्रामीण बहुत खुश नजर आ रहे है। पशुपालक आर्थिक स्थिति मजबूत करने पशुपालन को लेकर उत्साहित है तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण गोबर खरीदी केन्द्र में गोबर बेचने आ रहे है। गौठानो मे स्थित गोबर खरीदी केन्द्र में गोबर बेचने के लिए सभी हितग्राहियों को गोबर क्रय पत्रक दिया गया है। क्रय पत्रक में गोबर खरीदी की मात्रा, राशि रजिस्टर किया जा रहा है। गोबर को दो रूपए प्रतिकिलो की दर से खरीद कर प्रत्येक 15 दिनो में भुगतान हितग्राही के बैंक अकाउंट में सीधे ही किया जाएगा। गोबर बिक्री का पैसा सीधे खाता में आने से पशुपालक बढ़-चढ़ कर गोधन न्याय योजना का लाभ उठा रहे है।जिले मे गोधन न्याय योजना शुरू होने के दो दिनों मे ही किसानो नेे लगभग 11 हजार किलो गोबर बेच दिए है। गोबर बेचने से 21 हजार रूपए से अधिक की आवक पशुपालको को हुई है। जनपद कोरबा में सर्वाधिक गोबर की बिक्री हुई है। किसानो ने तीन हजार 975 किलोग्राम गोबर बेचकर सात हजार 950 रूपए की आवक प्राप्त की है। जनपद करतला मे किसानो से एक हजार 817 किलोग्राम गोबर खरीदी की गई जिससे तीन हजार 634 रूपए की आमदनी किसानो को हुई। जनपद कटघोरा के किसानो ने एक हजार 753 किलोग्राम गोबर बेचकर तीन हजार 306 रूपए कमाए। जनपद पाली के किसानो ने एक हजार 216 किलोग्राम गोबर बेची और दो हजार 433 रूपए का लाभ प्राप्त किए। इसी प्रकार जनपद पोड़ी-उपरोड़ा में कुल दो हजार 130 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई जिससे किसानो को चार हजार 260 रूपए का लाभ मिला।विकासखंड पाली के ग्राम रैनखुर्द की महिलाएं गोधन न्याय योजना से बहुत ही संतुष्ट नजर आ रही है तथा इस योजना को किसान हितैषी और आय का अतिरिक्त साधन जुटाने का जरिया बताया। ग्राम रैनखुर्द की श्रीमती नंदनी यादव ने बताया कि उनके पास सात मवेशी है जिससे वह लगभग 35 किलो गोबर एक दिन में बेच रही है। श्रीमती यादव बताती है कि पहले गोबर को बिना उपयोगी समझकर फेंक देते थे अब गोबर के दो रूपए प्रतिकिलो पैसा मिलने से और अधिक संख्या में मवेशी रखने को प्रोत्साहित हो रही है। रैनपुर खुर्द गांव के ही श्रीमती चंद्रिका बाई ने बताया कि उनके पास अभी दो मवेशी है जिनका 10 किलो गोबर गौठान में बेच रही है। गांव के ही मधन बाई और सुनिश्चित लता ने बताया कि दो-दो मवेशी रखकर लगभग 10-10 किलो गोबर गोधन न्याय योजना के तहत बेच रही है। महिलाओ ने बताया कि पहले गोबर से खाद बनाने मे तीन महीने लग जाते थे जिससे गोबर खाद का उपयोग बेहतर तरीके से नहीं हो पाता था। अब गौठानो मे गोबर बेचने से 45 दिनो में ही वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जायेगा और किसान अपनी सुविधाजनक समय में उपयोग कर सकेंगे। गोधन न्याय योजना से महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी आर्थिक लाभ होगा। गौठान मे खरीदे गये गोबर से जैविक खाद बनायेंगे जिसको आकर्षक पैकिंग में तैयार करके आठ रूपए किलो की दर से सहकारी समितियों के माध्यम से बेचा जाएगा। जैैविक खाद से तैयार किये गये फसल से शुद्ध उत्पादन होगा और बिना रसायन के जैविक खाद्य उत्पाद लोगो को मिलेगा। ग्रामीणों ने बताया कि गोधन न्याय योजना से खुले में मवेशी चराई पर रोकथाम होगी। लोग अपने मवेशी को घर में रखकर गोबर उत्पादन को लेकर प्रोत्साहित होंगे। गोबर बेचकर आने वाले अतिरिक्त आय से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। - अभी 44 मरीजो का ईलाज जारी, नही हुई अभी तक कोई मौत, कोई मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित नहीं
कोरबा: कोरोना संक्रमितो के ईलाज के लिए बनाए गए विशेष कोविड अस्पताल में अभी तक 234 मरीजो का ईलाज सफलता पूर्वक किया जा चुका है। कोरबा के कोविड अस्पताल में अभी तक 283 कोरोना पाॅजिटिव मरीजो को ईलाज के लिए भर्ती कराया जा चुका है। भर्ती हुए कोरोना संक्रमितो में से किसी की भी मौत नही हुई है, 234 मरीज ईलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने-अपने घर लौट गए है। कोरबा के डिंगापुर स्थित ईएसआईसी अस्पताल को कोविड मरीजो के ईलाज के लिए तैयार किया गया है। अस्पताल की स्थापना के बाद से अब-तक छह जिलो के कोरोना संक्रमित 196 पुरूष और 87 महिला मरीज भर्ती हुए है। पांच मरीजो को उनकी उम्र और अन्य एमरजेंसी के कारण बड़े अस्पतालो के लिए रेफर भी किया गया है। कोरबा के इस अस्पताल मे कोरबा जिले ही नही बल्कि जांजगीर-चांपा, जशपुर, कोरिया, रायगढ़ और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कोरोना संक्रमितो का भी ईलाज किया गया है। वर्तमान मे अस्पताल मे ईलाज के लिए 44 मरीज भर्ती है।इस अस्पताल में कोरबा जिले के 213, जांजगीर-चांपा जिले के 13, जशपुर नगर जिले के 37, कोरिया और रायगढ़ जिले के 2-2 तथा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के 16 मरीजो का ईलाज किया गया है। जिसमें से अभी केवल कोरबा जिले के 28 और गौरेला पेंड्रा-मरवाही जिले के 16 मरीजो का ईलाज जारी है, बाकी मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है।कोरबा के ईएसआईसी अस्पताल में स्थापित डेडीकेटेड कोरोना हास्पिटल में सीएमएचओ डाॅ. बी.बी.बोर्डे, अस्पताल इंचार्ज डा. प्रिंस जैन सहित लगभग 20 मेडिकल स्टाफ की टीम दिन-रात संक्रमितों के ईलाज में लगी है। 142 बिस्तर के इस विशेष कोविड अस्पताल में ईलाज के दौरान कोरोना की रोकथाम और ईलाज के लिए शासन द्वारा जारी किये गये प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए क्रमबद्ध तरीके से डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगाई गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही ईलाज के दौरान इंफेक्शन से बचने और ईलाज के बाद डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ के डोफिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन ड्यूटी करने वाले डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अगले 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होता है। इस दौरान इन सभी की कोरोना जांच भी की जाती है। पूरी सावधानी और सुविधाओं के कारण ही कोरबा के इस अस्पताल में मरीजों के ईलाज में लगे किसी भी डाक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन या अस्पताल के सफाई कर्मी तक में कोई संक्रमण नहीं हुआ है। कोविड अस्पताल में काम करने वाले किसी भी मेडिकल स्टाफ की आज तक कोरोना की कोई रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। सभी मेडिकल स्टाफ कोरोना नेगेटिव पाये गये हैं।अस्पताल प्रबंधन के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पद्माकर शिंदे और अस्पताल कंसलटेंट डा. देवेन्द्र गुर्जर तथा उनकी टीम लगातार ईलाज के लिए जरूरी सुविधाओं और दवाइयों आदि के इंतजाम में लगी है। इस अस्पताल में कोरोना से ग्रसित मरीजों के ईलाज के लिए अलग-अलग कमरों वाले वार्डों के साथ-साथ गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की सुविधायुक्त वार्डों की व्यवस्था भी है। इस अस्पताल में सभी जरूरी दवाईंयां, पीपीई किट, मास्क, सेनेटाईजर आदि की पर्याप्त संख्या में पहले से ही व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। ईलाज के दौरान निकलने वाले संवेदनशील संक्रमित मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान के लिए अलग-अलग डस्टबीन भी पूरी सावधानी के साथ रखे गये हैं। प्रतिदिन मेडिकल वेस्ट को अस्पताल से हटाने के लिए विशेष वाहन की भी व्यवस्था की गई है। दवाओं के वितरण के लिए एक फार्मासिस्ट भी यहां उपलब्ध है। - तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों के सँघ ने की जीएडी-राजस्व सचिवों से मुलाकात, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापनफरवरी में हुई तहसीलदारो की डीपीसी का पदोन्नति आर्डर भी जल्द निकालने की मांग
कोरोबा : राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रशासनिक सेवा के पदोन्नति नियमों में संशोधन करते हुए तहसीलदारों से डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति पदों में 10% की कटौती कर दी है। शासन द्वारा डिप्टी कलेक्टर के पदोन्नति से भरे जाने वाले 50% पदों को घटाकर 40% कर दिया गया है, जिससे प्रदेश के कई तहसीलदारों की डिप्टी कलेक्टर बनने की आशाओं पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही शासन ने नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने के लिए इस साल फरवरी में पदोन्नति समिति की बैठक कर ली थी, 5 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उन तहसीलदारों का पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो पाने से कई नायब तहसीलदार अपने तहसीलदार बनने का इंतजार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासन की रीढ़ माने जाने वाले दोनों पदों पर शासकीय विभागों का यह रवैया कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ को नागवार गुजर रहा है। ऐसे में संघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह और राजस्व सचिव रीता शांडिल्य से रायपुर में मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराया है और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने डिप्टी कलेक्टरों के पदोन्नति पदों में 10% की कटौती को वापस लेने तथा तहसीलदारों की पदोन्नति सूची जल्दी जारी करने की मांग की है । कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष अमित बैग,तहसीलदार अरविंद शर्मा और मोनिका सिंह शामिल रही।
संघ के अध्यक्ष अमित बेक बताया कि राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों को भरने के लिए पहले सीधी भर्ती व पदोन्नति के पदों में 50-50% का अनुपात था,परंतु राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसमें संशोधन कर पदोन्नति के पदों को 10% कम कर दिया है ।अब इसे 60 - 40 के अनुपात में संशोधित किया गया है, जिससे वर्तमान में कार्यरत तहसीलदारों में से कई को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।बेक ने बताया कि प्रदेश में कुल 460 के पद स्वीकृत है जिन पर पहले 230 पदों पर सीधी और उतने ही पदों पर पदोन्नति से भर्ती होती थी । अब शासन ने पदोन्नति के पदों को घटाकर 184 कर दिया है और सीधी भर्ती के पदों को बढ़ाकर 276 कर दिया है जिससे लगभग 46 तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा।बेक ने बताया कि 2014 बैच के सीधी भर्ती से नियुक्त हुए 14 नायब तहसीलदारों की पदोन्नति का मामला भी पिछले 5 महीनों से फाइलों में दबा है । इन नायब तहसीलदारों की पदोन्नति तहसीलदार पद पर करने के लिए इस वर्ष फरवरी में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हुई थी और करवाई भी पूरी कर ली गई थी परंतु आज तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो सका है ।उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग ने तकनीकी कारणों से रिवाइज डीपीसी के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा था परंतु आयोग ने पूर्व में डीपीसी होने का हवाला देकर फिर से डीपीसी करने से इंकार कर दिया है ।आयोग ने यह भी कहा है कि फरवरी माह में हुई डीपीसी के आधार पर ही पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं। इसके बाद भी विभाग द्वारा आज दिनांक तक तहसीलदारों के पदोन्नति आदेश जारी नहीं किए गए हैं ।कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से सेवा आयोग की 2019 की परीक्षा में पदोन्नति से भरे जाने वाले 13 डिप्टी कलेक्टरों के पदों को विलोपित कर पदोन्नति कोटा में समाहित करने की मांग भी की है ।इसके साथ ही जनवरी 2021 की स्थिति में सभी पात्र तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनाने के लिए शुरू करने की भी मांग संघ ने मुख्यमंत्री से की है। - कलेक्टर की जन सामान्य से लाॅक डाउन को सफल बनाने प्रशासन को सहयोग की अपीलआज से नगरीय क्षेत्रों सहित तीन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लागू होंगे कई प्रतिबंधकोरबा: कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आम जनता से कोरोना वायरस से बचाव के लिये सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कल 22 जुलाई से जिले के पांचों नगरीय निकाय क्षेत्रों और तीन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए लागू होने वाले प्रतिबंधों को मानने और जिला प्रशासन के प्रयास को सफल बनाने की अपील लोगों से की है। श्रीमती कौशल ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सबसे बेहतर उपाय इसके प्रभाव में आने से स्वयं को बचाना ही है। उन्होंने लोगों को अनावश्यक यहाॅं-वहाॅं जाने से बचने तथा सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होकर भीड़ जैसी स्थिति नहीं बनाने की सलाह दी है। श्रीमती कौशल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया सहित अन्य संचार माध्यमों में प्रसारित होने वाली कथित भ्रामक सूचनाओं से भी सावधान रहने की अपील आमजनों से की है। उन्होंने इस तरह की किसी भी सूचना को बिना आधिकारिक पुष्टि के सोशल मीडिया में वायरल नहीं करने की भी सलाह लोगों को दी है। कलेक्टर ने सभी व्यक्तियों से यह अपील भी की है कि अधिक संख्या में लोगों का एक स्थान पर जमाव रोका जाये। अति आवश्यक होने पर ही सामाजिक कार्यक्रमों को सादगीपूर्ण तरीके से एवं कम लोगों की उपस्थिति में आयोजित किया जाये।कलेक्टर ने आम नागरिकों से अपील करते हुये कहा कि यदि किसी ने कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया है या किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आये हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस प्रवाहित क्षेत्र की यात्रा की है, तो वे अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करायें। जिससे उनके मन में किसी भी प्रकार की शंका न रहे तथा वायरस से संक्रमित पाये जाने पर तत्काल उपचार किया जा सके। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु संक्रमण के लक्षण की पहचान करते हुये कारगर कदम उठाने की अपील की है। कलेक्टर ने अति आवश्यक होने पर ही घर से निकलने, घर से निकलते समय मुंह तथा नाक को मास्क या अन्य किसी कपड़े से अच्छी तरह ढंकने और बाहर पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने की भी अपील कोरबा वासियों से की है।कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति के निकट में आने से बचें, अपने हाथ साबुन से बार-बार धोते रहें, आॅंख व नाक को छूने से बचें, सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार आने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लें, भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि खांसते-छींकते समय रूमाल का उपयोग किया जाये तथा हाथ मिलाने से बचें।
- 22, 23 एवं 24 जुलाई को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन से करा सकते हैं रिकाॅर्डिंगकोरबा: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार न्याय योजनाएं, नयी दिशाएं विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 22, 23 एवं 24 जुलाई को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकाॅर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 9वीं कड़ी का प्रसारण 9 अगस्त को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों,एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक होगा।
- कोरबा 21 जुलाई 2020 : जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की 24 जुलाई को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है। जिले के नगरीय क्षेत्रो सहित तीन ग्राम पंचायत क्षेत्रो मे 22 जुलाई से लागू कोरोना नियंत्रण के प्रतिबंधो के कारण यह बैठक स्थगित की गई है। इस संबंध मे समिति के सचिव एवं कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एम जी श्यामकुंवर ने सभी सदस्यो को सूचना भी जारी कर दी है। समिति की बैठक की आगामी तिथि की सूचना अलग से जारी की जाएगी।
- कलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कोरोना नियंत्रण प्रतिबंधो को लागू करने दिए निर्देश, हुई शासकीय कामकाजों की समीक्षा
कोरबा 21 जुलाई 2020 : कोरबा जिले मे कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिए 22 जुलाई से पांचो नगरीय क्षेत्रो के साथ-साथ तीन ग्राम पंचायत क्षेत्रो में भी लाॅकडाउन रहेगा। जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल ने पोड़ीउपरोड़ा विकास खण्ड की पसान, कोरबा विकास खण्ड की बरपाली और कुदुरमाल ग्राम पंचायत क्षेत्रो को कोरोना संक्रमण के कारण कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। तीनो ग्राम पंचायत क्षेत्रो में अभी तक कुल 73 कोरोना संक्रमित मिले है जिनमे से सात एक्टिव है जबकि 66 इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके है। पसान के दो क्वारेंटाइन संेटरो मे 16 और कुदुरमाल क्वारेंटाइन सेंटर में 50 प्रवासी श्रमिको की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी। जिन्हे ईलाज के लिए कोविड अस्पतालो मे भेजा गया था। ये सभी प्रवासी स्वस्थ होकर अस्पतालो से वापस लौट चुके है। इसी प्रकार बरपाली क्वारेंटाइन सेंटर से 7 प्रवासी कोरोना संक्रमित पाए गए है जिनका ईलाज कोविड अस्पताल में चल रहा है। इन ग्राम पंचायतो में इतनी अधिक संख्या मे कोरोना संक्रमित मिलने के कारण संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुये प्रतिबंध लागू किए जा रहे है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में 22 जुलाई से लागू हो रहे कोरोना रोकथाम के प्रतिबंधो को कड़ाई से पालन कराने संबंधी तैयारियो की समीक्षा की। कलेक्टर ने शहरी क्षेत्रो सहित कोरोना संक्रमित घोषित तीनो ग्राम पंचायतो में अतिआवश्यक सेवाओ को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की दुकाने और व्यापारिक प्रतिष्ठान जारी निर्देशो के अनुसार बंद होना सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इन सभी क्षेत्रो में दूध, फल, सब्जी, किराना दुकाने आदि निर्देश अनुसार निर्धारित समय पर ही खुलेंगे। ग्रामीण क्षेत्रो में राशन दुकाने, खाद-बीज की दुकाने सुबह 10 बजे तक ही खुलेंगी। तीनो ग्राम पंचायत क्षेत्रो में शहरी क्षेत्रो की तरह ही सार्वजनिक आयोजनो पर प्रतिबंध रहेगा। बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार, नगर पालिक निगम के आयुक्त श्री एस जयवर्धन, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं विभिन्न विभागो के जिला तथा ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक में सामान्य तौर पर विभिन्न शासकीय विभागो द्वारा संचालित योजनाओ और कार्यक्रमो की भी समीक्षा की गई।
बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी गौठानो में हर्रा, बहेड़ा और आंवला के पौधे रोपने के निर्देश दिए। उन्होने खाली हो गए क्वारेंटाइन सेंटरो की साफ-सफाई और पूर्ण सेनेटाइजेशन कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दिए। श्रीमती कौशल ने सेनेटाईज हो चुके स्कूलो और आश्रमो में पुनः प्रवासी मजदूरों को नही रखने के निर्देश दिए। उन्होने आने वाले दिनो के लिए सभी विकास खण्डो में आंकलन अनुसार क्वारेंटाइन संेटर ही संचालित करने को कहा। बैठक में कलेक्टर ने वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण की भी समीक्षा की। श्रीमती कौशल ने सभी पात्र हितग्राहियों को 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण की तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होने वन अधिकार मान्यता पत्र बनाने के लिए प्राप्त आवेदनो की जांच, मौके का निरीक्षण और आवेदनो में दस्तावेजो की कमी आदि को भी जल्द से जल्द पूरा कर पात्र लोगो के अधिकार पत्र बनाने के निर्देश वन, राजस्व और आदिवासी विभाग के अधिकारियों को दिए। बैठक में एडीएम श्री संजय अग्रवाल ने प्रत्येक गांव में निस्तार, लघु वनोपज संग्रहण, जैव विविधता एवं बौद्धिक क्षमता, जलाशय एवं चारागाह सहित देवस्थल और गांव की अन्य पारंपरिक आवश्यकता के लिए भी सामुदायिक वन अधिकार पट्टा बनाने के प्रकरण तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में श्रीमती कौशल ने पिछले दिनो हुई बारिश से फसल क्षति, मकान क्षति और पशुधन हानि की भी जानकारी तहसीलदार तथा नायब तहसीलदारों से ली। उन्होने ऐसे सभी प्रकरणों में जल्द से जल्द परीक्षण कर मुआवजा भुगतान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। - खरीफ फसलों की गिरदावरी 20 सितंबर तक होगी, प्रारंभिक प्रकाशन 21 सितंबर कोकलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय सीमा की साप्ताहिक बैठक मे दिए निर्देशकोरबा : राज्य शासन के निर्देश अनुसार इस वर्ष फसलो की गिरदावरी करते समय राजस्व अमले पटवारियों को संबंधित फसल के खेत में खुद खड़े होकर फोटो भी खीचनी होगी। फोटो मे खेत-किसान-पटवारी को दिखना होगा। राजस्व विभाग द्वारा चालू खरीफ मौसम की फसलो की गिरदावरी के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में जिले में गिरदावरी के लिए की गई तैयारियों और कार्ययोजना पर राजस्व अधिकारियो के साथ गहन मंत्रणा की। जिले में खरीफ फसलों की गिरदावरी एक अगस्त से 20 सितंबर तक की जाएगी। बैठक मे एडीएम श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार सहित राजस्व अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियो को चेताया कि गिरदावरी के काम में लापरवाही बर्दाश्त नही होगी। गिरदावरी के आधार पर ही आगामी धान खरीदी सीजन में किसानो के धान के रकबे का पंजीयन किया जायेगा, इसलिए गिरदावरी का काम पूरी सावधानी और तत्परता से करना होगा। उन्होने इस काम में लापरवाही बरतने पर तत्काल निलंबन की कार्यवाही की चेतावनी भी राजस्व विभाग के मैदानी अमले को दी।बैठक मे कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गिरदावरी के दौरान अन्य फसलों का रकबा किसी भी परिस्थिति में धान और मक्के के रकबे में शामिल न होने पाए। जिले में सब्जियां, फल-फूल सहित अन्य फसलें खरीफ सीजन के दौरान उगायी जाती है। गिरदावरी के दौरान अन्य फसलों के रकबे का धान विक्रय के लिए पंजीयन न हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। गिरदावरी के दौरान पटवारी और किसान सहित लगाई गई फसल वाले खेत का खसरावार फोटोग्राफ मोबाइल पर अनिवार्य रूप से लिए जाने तथा इसको डिजिटली संबंधित राजस्व अधिकारी को अभिलेख के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। स्लेट में खसरा नम्बर चाॅक से लिखकर खसरा नम्बर बढ़ते अनुक्रम में फोटोग्राफ लेने को कहा गया है।ग्रामवार बोई गई फसलांे के रकबे का प्रारंभिक प्रकाशन 21 सितंबर तक किया जाएगा। राज्य के सभी गांवो में किसानवार, फसल क्षेत्राच्छादन का प्रकाशन कर दावा आपत्ति 28 सितंबर तक प्राप्त की जाएगी। प्राप्त दावा-आपत्ति का निराकरण कर खसरा पांच साला एवं भुइंया साॅफ्टवेयर की प्रविष्टि में 14 अक्टूबर तक संशोधन किया जाएगा। कलेक्टर सभी अनुभागीय राजस्व अधिकारियो को गिरदावरी के कार्य को पूरी सतर्कता और पारदर्शिता के साथ पूरा कराने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश है कि राजस्व अभिलेखों की शुद्घता के साथ ही समर्थन मूल्य पर धान और मक्के की खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत आर्थिक अनुदान और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सफल क्रियान्वयन गिरदावरी की शुद्घता पर निर्भर है। इसके मद्देनजर गिरदावरी शत-प्रतिशत सही और सटीक हो इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाए।
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अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें रहेंगी बंद, नगरीय क्षेत्रों के सभी कार्यालय भी बंद रहेंगे
फल, सब्जी, दूध, राशन की दुकानें सुबह छह से 10 बजे तक खुलेंगीकोरबा 20 जुलाई 2020/कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सभी पांच नगरीय निकाय क्षेत्रों में 22 जुलाई से 28 जुलाई रात्रि 12 बजे तक सख्त लाॅकडाउन रहेगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। जिले के कोरबा नगर निगम क्षेत्र सहित नगर पालिका परिषद कटघोरा और दीपका तथा नगर पंचायत पाली एवं छुरीकला के सीमा क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। लाॅकडाउन अवधि में अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। जारी किये गये आदेश के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सख्त सामाजिक अलगाव का पालन कराया जाना आवश्यक हो गया है। जिसे देखते हुए शहरी क्षेत्रों में यह लाॅकडाउन किया जा रहा है।*कार्यालय रहेंगे बंद, घर से काम करेंगे कर्मचारी*- पांचों नगरीय निकाय क्षेत्रों के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय और अशासकीय कार्यालय लाॅकडाउन की अवधि में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक बंद रहेंगे। सभी पदाधिकारी और कर्मी अपने घरों से कार्यालयीन कार्यों का निष्पादन करेंगे। किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। कलेक्टोरेट, एसपी आफिस, एडीएम कार्यालय, एडिशनल एसपी कार्यालय, डीएसपी कार्यालय, कोषालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, सभी ब्लाक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, सभी एसडीएम आफिस, तहसील एवं पुलिस थाना तथा चैकियां इस प्रतिबंध से पृथक रहेंगी। परंतु इन कार्यालयों में आम जनता का प्रवेश निषिद्ध होगा। शासकीय कार्यालयों में कार्यालय प्रमुख की अनुमति के बिना आगंतुकों का प्रवेश नहीं हो पायेगा। पंजीयन कार्यालयों में एप्प के माध्यम से एपाइंटमेंट लेकर निर्धारित समय सीमा और कोविड प्रोटोकाल का पालन करने पर ही रजिस्ट्रियां होंगी। भारत सरकार के अधीनस्थ केंद्रीय कार्यालय, अस्पताल, मेडिकल कालेज, लाईसेंस प्राप्त क्लिनिक भी लाॅकडाउन की अवधि में खुले रहेंगे। दवा की दुकानें, चश्में की दुकानें और दवा उत्पादन ईकाईयां पहले की तरह ही खुलेंगे। दफ्तरों और कार्यालयों के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी कर्मचारियों के मोबाईल फोन पर आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड कराने और उसे एक्टिव रखने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख या नियोक्ता की होगी।*सब्जी,फल, दुध और किराना दुकाने सुबह छह से 10 बजे तक ही खुलेंगी*- कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 22 जुलाई से लगाये जा रहे लाॅकडाउन की अवधि में अति आवश्यक सेवाओं में शामिल किराना, दूध, फल, बे्रड, सब्जी, चिकन, मटन, मछली, अंडा विक्रय, वितरण, भण्डारण और परिवहन की गतिविधियों की अनुमति सुबह छह से 10 बजे तक होगी। ठेले पर घूम-घूम कर फल, सब्जी बेचने वाले व्यक्ति भी सुबह छह से 10 बजे तक ही बिक्री कर सकेंगे। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दुध विके्रताओं और समाचार पत्र हाकरों के लिए सुबह छह से 9.30 बजे तक अनुमति रहेगी। मास्क, सेनेटाईजर, दवाईयां, एटीएम वाहन, एलपीजी गैस सिलेंडर के वाहन आदि अति आवश्यक श्रेणी में आने वाली वस्तुओं के परिवहन करने वाले वाहनों को लाॅकडाउन से छुट रहेगी। बिजली, पेयजल आपूर्ति, सफाई, सिवरेज, कचरे की डिस्पोजल की सेवाएं, जेल, अग्निशमन सेवाएं, टेलीकाॅम इंटरनेट सेवाएं, आईटी आधारित सेवाएं, मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसिंग की सेवाएं, पेट्रोल-डीजल पंप, एलपीजी और सीएनजी गैस के परिवहन तथा भंडारण की गतिविधियां, पोस्टल सेवाएं, पशु चारा, सभी प्रकार की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियां को लाॅकडाउन के प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है।अनवरत उत्पादन वाले औद्योगिक संस्थानों को भी रहेगी छुट- 22 से 28 जुलाई तक लाॅकडाउन अवधि के दौरान अनवरत उत्पादन प्रक्रिया वाले औद्योगिक संस्थानों और फेक्ट्रियांे जिनमें ब्लास्ट फर्नेस, बायलर, स्मेलटर आदि हो, और सीमेंट, स्टील, शक्कर, उर्वरक, एल्युमिनियम कारखानें और कोयला खदानों को लाॅकडाउन के प्रतिबंधों से छुट रहेगी। ये सभी संस्थान कम से कम अनिवार्य आवश्यकता के हिसाब से अधिकारी-कर्मचारियों का उपयोग कर संस्थानों में काम करा सकेंगे। संस्थानों में काम के दौरान कर्मचारियों के बीच कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने की जिम्मेदारी कार्यकारी औद्योगिक संस्थान की होगी। संस्थानों में घर से काम की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जायेगा और काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी, श्रमिकों की पूरी जानकारी प्रतिदिन जिला प्रशासन को देनी होगी। सभी कारखानों तथा औद्योगिक संस्थानों में थर्मल स्केनर, सेनेटाईजर, हाथ धोने के लिए साबुन, पानी और मास्क की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी संस्थान की होगी। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया सहित कृषि उत्पादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियों, मंडियों को भी लाॅकडाउन के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है।*मास्क पहनना अनिवार्य, भीड़ इकट्ठा होने पर होगी कार्रवाई*- जिला प्रशासन द्वारा बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के खिलाफ सख्त और तेज कार्रवाई की जायेगी। कोविड वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे जिले में बिना मास्क के घरों से निकलना प्रतिबंधित किया गया है। बिना मास्क के पाये जाने पर प्रति व्यक्ति एक सौ रूपये का जुर्माना वसूला जायेगा। दुकानदारों को अपनी दुकानों पर पंाच से अधिक लोगों को एक समय में इकट्ठा करने की मनाही होगी। भीड़ इकट्ठी होने पर लोगों तथा दुकानदार दोनों पर कार्रवाई होगी। दुकानों पर खरीददारी करने आने वाले लोगों को मास्क लगाये रहने पर ही सामान मिलेगा। इसके साथ ही दुकानदार को भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के सामान की खरीदी-बिक्री पर दुकानदार तथा ग्राहक दोनों पर कार्यवाही की जायेगी। दुकानों को प्रतिदिन खोलने के पूर्व सेनेटाईज किया जाना -
कोरबा योजना के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में गौठानो के निर्माण, गौठानो मे आर्थिक गतिविधियों के साथ गोबर खरीदी के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि जिले में 282 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 210 गौठान पूरे हो चुके है। गौठान संचालन के लिए समितियों को 10-10 हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जा रहे है। श्रीमती कौशल ने बताया कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार गोधन न्याय योजना से एकत्रित किए गए गोबर से जिले में चैदह हजार टन से अधिक जैविक खाद उत्पादन होगा। उन्होने बताया कि इस योजना से जिले मे एक लाख चैतीस हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे तथा लगभग 282 स्वसहायता समूहो को रोजगार मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण हितग्राहियों को बीज मिनी किट, मछली जाल, मुर्गी पालन के लिए चूजे भी वितरित किए गए। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान धवईपुर क्लस्टर के महिला स्वसहायता समूह द्वारा बनाई जा रही छत्तीसगढ़ थीम की राखियों के ब्रोशर उजियारा राखी का विमोचन किया। इस ब्रोशर में समूह द्वारा चावल, दाल, बांस, रेशम, कौड़ी, गेहूं जैसे स्थानीय चीजों से बनाई गई राखियों का सचित्र विवरण शामिल किया गया है। इस दौरान उद्यानिकी विभाग द्वारा अमरपुर, रंजना, ढेलवाडीह, ढपढप और भिलाईबाजार के महिला स्वसहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर विक्रय करने पर लगभग चालीस हजार रूपए के चेक भी वितरित किए गए। सभी अतिथियों ने गौठान परिसर में वृक्षारोपण भी किया।मिनी किट, गोबर क्रय पत्रक मछली जाल हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कार्यक्रम की समाप्ति पर गोधन न्याय योजना से जुड़े समिति की सदस्यों को गोबर खरीदी पत्रक वितरित किया गया तथा स्वसहायता समूहों को चेक वितरित किया गया।योजना के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में गौठानो के निर्माण, गौठानो मे आर्थिक गतिविधियों के साथ गोबर खरीदी के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि जिले में 282 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 210 गौठान पूरे हो चुके है। गौठान संचालन के लिए समितियों को 10-10 हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जा रहे है। श्रीमती कौशल ने बताया कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार गोधन न्याय योजना से एकत्रित किए गए गोबर से जिले में चैदह हजार टन से अधिक जैविक खाद उत्पादन होगा। उन्होने बताया कि इस योजना से जिले मे एक लाख चैतीस हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे तथा लगभग 282 स्वसहायता समूहो को रोजगार मिलेगा।कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण हितग्राहियों को बीज मिनी किट, मछली जाल, मुर्गी पालन के लिए चूजे भी वितरित किए गए। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान धवईपुर क्लस्टर के महिला स्वसहायता समूह द्वारा बनाई जा रही छत्तीसगढ़ थीम की राखियों के ब्रोशर उजियारा राखी का विमोचन किया। इस ब्रोशर में समूह द्वारा चावल, दाल, बांस, रेशम, कौड़ी, गेहूं जैसे स्थानीय चीजों से बनाई गई राखियों का सचित्र विवरण शामिल किया गया है। इस दौरान उद्यानिकी विभाग द्वारा अमरपुर, रंजना, ढेलवाडीह, ढपढप और भिलाईबाजार के महिला स्वसहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर विक्रय करने पर लगभग चालीस हजार रूपए के चेक भी वितरित किए गए। सभी अतिथियों ने गौठान परिसर में वृक्षारोपण भी किया।मिनी किट, गोबर क्रय पत्रक मछली जाल हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कार्यक्रम की समाप्ति पर गोधन न्याय योजना से जुड़े समिति की सदस्यों को गोबर खरीदी पत्रक वितरित किया गया तथा स्वसहायता समूहों को चेक वितरित किया गया। -
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किया आदेश
कोरबा 20 जुलाई 2020/कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरबा जिले के नगरीय क्षेत्रों में 22-28 जुलाई तक पूर्ण लाक़ डाउन रहेगा । कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज सुबह इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिया है । कलेक्टर श्रीमती कौशल ने लाक़ डाउन को सफल बनाने के लिए जिले के पांचों नगरीय क्षेत्रों में जरूरी इंतजाम करने अधिकारियों को निर्देशित किया। नगर निगम क्षेत्र कोरबा सहित दोनों नगर पालिका परिषदों कटघोरा एवं दीपका तथा दोनों नगर पंचायतों पाली एवं छुरीकला में 22 जुलाई से 28 जुलाई रात्रि १२ बजे तक एक हफ्ते का पूर्ण लाॅक डाउन लागू किया जायेगा।लॅाक डाउन के दौरान जिले के नगरीय निकायो के सभी शासकीय, अर्धशासकीय और निजी कार्यालय आम ज़नो के लिए बंद रहेंगे। लाॅक डाउन अवधि में केवल अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित जल प्रदाय कार्यालय, सफाई व्यवस्था, अस्पतालें, बिजली और अग्निशमन सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। परंतु इनमे आम जनो का प्रवेश वर्जित रहेगा।अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकानें बंद रहेंगी। अनाज और राशन की दुकानें ,दूध, सब्जी, फल की दुकानें लाॅक डाउन अवधि में सुबह छह बजे से 10 बजे तक ही खुली रहेंगी। दवाई दुकानें, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियां पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही खुलेंगी। अस्पताल तथा पशु चिकित्सालय भी निर्धारित समय अनुसार ही खुलेंगे। ढाबों तथा होटलों पूरी बंद रहेंगे। इस दौरान आटोरिक्शा और सार्वजनिक परिवहन बंद रहेगा। केवल अति आवश्यक होने पर या मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ही इन सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा। मालवाहक गाड़ियों का आवागमन यथासंभव रात में होगा।बिना मास्क के नहीं मिलेगा सामान, दुकानदारों पर भी होगी कार्यवाहीप्रशासन द्वारा बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी और मास्क नही लगाने पर जुर्माना अनिवार्यतः वसुला जाएगा। कोविड वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे जिले में बिना मास्क के घरों से निकलना प्रतिबंधित किया गया है। बिना मास्क के पाये जाने पर प्रति व्यक्ति एक सौ रूपये का जुर्माना वसूला जायेगा। दुकानों पर खरीददारी करने आने वाले लोगों को मास्क लगाये रहने पर ही सामान मिलेगा। इसके साथ ही दुकानदार को भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के सामान की खरीदी-बिक्री पर दुकानदार तथा ग्राहक दोनों पर कार्यवाही की जायेगी। -
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने एसपी श्री मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की बैठक
लाॅक डाउन के विभिन्न पहुलुओं पर हुई चर्चा, गुरूवार से लागू होगा लाॅक डाउनकोरबा 19 जुलाई 2020/कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरबा जिले के नगरीय क्षेत्रों में भी एक सप्ताह का लाॅक डाउन करने की जिला प्रशासन की योजना है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज एसपी श्री अभिषेक मीणा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आज जिले में अब तक कोरोना संक्रमण, जांच और अन्य परिस्थितियों पर गंभीर चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टरों को लाॅक डाउन के संबंध में निर्णय का अधिकार देने के बाद यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आने वाले दिनों में जिले के पांचों नगरीय क्षेत्रों में लाॅक डाउन की रूपरेखा पर चर्चा की और इसके लिए जरूरी इंतजाम करने अधिकारियों को निर्देशित किया। नगर निगम क्षेत्र कोरबा सहित दोनों नगर पालिका परिषदों कटघोरा एवं दीपका तथा दोनों नगर पंचायतों पाली एवं छुरीकला में आने वाले गुरूवार से एक हफ्ते का लाॅक डाउन लागू किया जायेगा। लाॅक डाउन लागू होने का कार्यालयीन आदेश कल अलग से जारी होगा।बैठक में निर्णय लिया गया कि संभावित लॅाक डाउन के दौरान जिले के शासकीय कार्यालयों में एक तिहाई कर्मचारियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्यों का संचालन किया जायेगा। लाॅक डाउन अवधि में अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित जल प्रदाय कार्यालय, सफाई व्यवस्था, अस्पतालें, बिजली और अग्निशमन सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकानें बंद रहेंगी। दूध, सब्जी, फल की दुकानें लाॅक डाउन अवधि में सुबह छह बजे से 10 बजे तक खुली रहेंगी। अनाज और राशन की दुकानें सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक खुलेंगी। दवाई दुकानें, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियां पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही खुलेंगी। अस्पताल तथा पशु चिकित्सालय भी निर्धारित समय अनुसार ही खुलेंगे। ढाबों तथा होटलों से पूरी लाॅक डाउन अवधि में टेकअवे-पार्सल की सुविधा भी दोपहर दो बजे तक ही होगी। इस दौरान आटोरिक्शा और सार्वजनिक परिवहन बंद रहेगा। केवल अति आवश्यक होने पर या मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ही इन सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा। मालवाहक गाड़ियों का आवागमन यथासंभव रात में होगा।बिना मास्क के नहीं मिलेगा सामान, दुकानदारों पर भी होगी कार्यवाही- कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में प्रशासन द्वारा बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के खिलाफ कल से कार्रवाई तेज करने और अनिवार्यतः जुर्माना वसूलने का भी निर्णय लिया गया है। कोविड वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे जिले में बिना मास्क के घरों से निकलना प्रतिबंधित किया गया है। बिना मास्क के पाये जाने पर प्रति व्यक्ति एक सौ रूपये का जुर्माना वसूला जायेगा। दुकानों पर खरीददारी करने आने वाले लोगों को मास्क लगाये रहने पर ही सामान मिलेगा। इसके साथ ही दुकानदार को भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के सामान की खरीदी-बिक्री पर दुकानदार तथा ग्राहक दोनों पर कार्यवाही की जायेगी। - आज 14 प्रवासियों की क़ोरोना रिपोर्ट पाजीटिव आई..बरपाली क्वॉरंटाईन सेंटर से एक साथ छः सहित कोरबी, आदर्श नगर कटघोरा, नूनेरा पाली, और मिनिमाता कालेज कोरबा में ठहरे प्रवासी क़ोरोना संक्रमित निकले....तमिलनाडु के त्रीमक,बिहार ले रानीघाट, मध्यप्रदेश के इंदौर व छिन्दवाड़ा, कर्नाटक के हवेली और रायचूर सहित आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश के गोंडा से लौटे है प्रवासी...सभी पहले से थे क्वॉरंटाईन सेंटरो में...सभी संक्रमित पुरुष, दो संक्रमित कोरबा वापसी के बाद होम क्वॉरंटाईन में भी थे,सभी को इलाज के लिए कोविड अस्पताल कोरबा लाया जाएगा.....अब तक कोरबा ज़िले में कुल क़ोरोना संक्रमित- 364इलाज के बाद ठीक हुए -334एक्टिव केस-30आज छः मरीज़ इलाज के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए....
- कटघोरा विकासखंड के अमरपुर गौठान में होगा कार्यक्रम, राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल भी होंगे शामिलकोरबा 19 जुलाई 2020 : छत्तीसगढ़ सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली गोधन न्याय योजना का कल प्रदेश सहित कोरबा जिले में भी शुभारंभ होगा। हरेली त्यौहार पर हल पूजन के साथ जिले के प्रभारी मंत्री डा.पे्रमसाय सिंह टेकाम कल प्रातः 11 बजे कटघोरा विकासखंड के अमरपुर गौठान से कोरबा जिले में योजना की शुरूआत करेंगे। इस दौरान प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल भी मौजूद रहेंगे। मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, कटघोरा विधानसभा के विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर, रामपुर क्षेत्र के विधायक श्री ननकीराम कंवर, पाली-तानाखार क्षेत्र के विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, कटघोरा जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती लता कंवर सहित विजयपुर ग्राम पंचायत के सरपंच श्री विश्रामसिंह कंवर और गणमान्य जनप्रतिनिधि तथा नागरिक भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। जिला स्तरीय कार्यक्रम के साथ-साथ गोबर खरीदी की इस योजना का जनपद और गौठान स्तर पर भी शुभारंभ होगा। कल जिले के सभी 197 ग्रामीण क्षेत्रों के गौठानों, नगर निगम कोरबा में गोकुल नगर गौठान तथा अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों में एसएलआरएम सेंटरों में पशुपालकों से दो रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की शुरूआत की जायेगी।ग्रामीणों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के जिला स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान अमरपुर गौठान में पौधरोपण भी होगा। धंवईपुर क्लस्टर के महिला स्वसहायता समूहों द्वारा बनाई जा रही छत्तीसगढ़ी राखियों पर आधारित उजियारा राखी ब्रोशर का अनावरण भी अतिथियों द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि वितरण और किसान कार्डों का भी वितरण किया जायेगा। अमरपुर गौठान में इस दौरान स्वसहायता समूहों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की आकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।
- शहर के हर पशुपालक का होगा पंजीयन, पशुओ के गले में मालिक के नाम, पता, मोबाइल नम्बर की पट्टी भी बंधेगीकोरबा : सोमवार हरेली पर्व के दिन शुरू होने वाले गोधन न्याय योजना के तहत शहरी क्षेत्रो में भी गोबर की खरीदी की जाएगी। गोबर खरीदने के लिए शहरी क्षेत्रो के सभी पशुपालको का नगरीय निकाय स्तर पर पंजीयन किया जाएगा। इसके लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन को पशुपालको द्वारा वार्ड कार्यालय, एसएलआरएम सेंटर, कम्पोस्ट शेड एवं गोठान आदि के काउंटर में जमा कराया जाएगा। आवेदन में पशुपालक का नाम, पशुओ की संख्या एवं उत्सर्जित गोबर की अनुमानित मात्रा की जानकारी पशुपालक द्वारा भरा जाएगा। योजना के वार्ड प्रभारी द्वारा भौतिक सत्यापन के पश्चात पशुपालको का पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत पशुपालको को गोधन न्याय योजनांतर्गत पंजीयन कार्ड दिया जाएगा जिसमें गोबर खरीदी की जानकारी दर्ज की जाएगी। शहरी क्षेत्र के प्रत्येक पशुओ के गले में पशुपालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर की पट्टी बांधी जाएगी। खुले में घुमते पाये जाने की स्थिति में पशुपालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। शहरी क्षेत्र में एसएलआरएम सेंटर कम्पोस्ट शेड, गोठान में गोबर खरीदी के लिए गोधन न्याय खरीदी केन्द्र बनाए जाएंगे।शहरी क्षेत्र में गोधन न्याय योजना लागू होने से सड़क में घूमने वाले आवारा पशुओ पर नियंत्रण होगा। खेत एवं बाड़ियो के लिए उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता होगी। इसके साथ-साथ शहरी स्वच्छता के माडल को मजबूती मिलेगी एवं पर्यावरण संरक्षण की पहल भी कामयाब होगी। शहरी क्षेत्र में पशुपालक से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों से भी बचाव होगी। शहरी क्षेत्र में गोबर खरीदी एवं गोबर से बने वर्मी कम्पोस्ट खाद को बेचने से गोठान समिति को आर्थिक संबल प्रदान होगी। गोधन न्याय योजना से शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक और सामाजिक मजबूती प्रदान होगी।
- हरेली त्यौहार से शुरू होगी योजना,कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षाकोरबा : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ हरेली त्यौहार के दिन होगा। कोरबा जिले में भी सभी 197 गौठानों में गोबर खरीदी की इस योजना की भव्य शुरूआत होगी।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर अभी तक की गई तैयारियों की वीडियो कांफेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। तीनों अनुभागों के एसडीएम, ब्लाक स्तरीय अधिकारी वीडियो कांफे्रसिंग से इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गोबर खरीदी का पूरा हिसाब-किताब सही तरीके से रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। ग्रामीण विकास और गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाली इस योजना पर अर्थ शास्त्रीयों सहित कई विशेषज्ञों की भी विशेष नजर है। श्रीमती कौशल ने योजना के सकारात्मक क्रियान्वयन के लिए सभी पर्याप्त इंतजाम, गोैठान समितियों तथा स्वसहायता समूहों के सदस्यों को टेªनिंग सहित कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ और सक्रिय अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में चेताया कि इस योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी। बैठक में एडीएम श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित कृषि, पशुपालन, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, उद्यानिकी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गौठानों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समग्र रूप से आर्थिक गतिविधियां संचालित की जायें। गौठान समिति के सदस्यों और स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षित किया जाये। उन्होंने कहा कि गोबर खरीदी के लिए पशुपालकों को दिए जाने वाले खरीदी पत्रक या कार्ड को पर्याप्त मात्रा में गौठान समितियों को उपलब्ध कराया जाये। श्रीमती कौशल ने जिले के जिन गांवों में गौठान नहीं बने हैं वहां गौठानों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने गोधन न्याय योजना की शुरूआत के दौरान गौठानों में गोबर तौलने के लिए तौल मशीन या पांच किलो, दस किलो, बीस किलो के बांस के बने झउआ या टोकरी की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बड़े फ्लैक्स पर गोधन न्याय योजना से संबंधित गौठान समितियों के सदस्यों की जानकारी, गोबर खरीदने के समय, गोबर की दर आदि का स्पष्ट उल्लेख गौठानों में करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने खरीदे गये गोबर को व्यवस्थित एवं सुरक्षित रखने के इंतजाम भी गौठानों में करने के निर्देश दिए। उन्होंने खरीदे गये गोबर को 15 से 20 दिन तक अपगठित होने के बाद ही वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए टांकों में डालने के निर्देश दिए।कलेक्टर ने बैठक में गोबर खरीदने से लेकर कम्पोस्ट बनाने तक की सभी गतिविधियों के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों की भी पूरी जानकारी सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दी गई।
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गौ पालकों से दो रूपये किलो में खरीदा जायेगा गोबर, हर 15 दिन में मिलेगा भुगतानगोबर खरीदी के लिए बनेगा कार्ड, हर दिन होगी इंट्री, गौ पालकों के हस्ताक्षर भी लिये जायेंगे
कोरबा 17 जुलाई : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना सोमवार 20 जुलाई से कोरबा जिले में भी शुरू हो जायेगी। हरेली के पवित्र त्यौहार के दिन से जिले की 197 गोैठान ग्राम पंचायतों में पशु पालकों से दो रूपये किलो में गोबर खरीदा जायेगा। राज्य सरकार के कृषि विभाग ने जिला कलेक्टरों को इस योजना के सफल संचालन के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही मंत्रालय महानदी भवन रायपुर से योजना के क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने भी हरेली त्योैहार के दिन 20 जुलाई से इस महत्वाकांक्षी योजना के शुभारंभ के लिए जरूरी तैयारियां समयय रहते पूरे करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
गोधन न्याय योजना के तहत जिले के पूरी तरह स्थापित हो चुके 197 गौठानों में गोबर खरीदी कर वर्मी कम्पोस्ट एवं गोबर के अन्य उत्पाद तैयार किये जायेंगे। गौ पालकों से खरीदे गये गोबर से तैयार किये गये वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पादों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर बेचा जायेगा। गौ पालकों से गोबर की खरीदी गौठान समितियों द्वारा परिवहन शुल्क सहित दो रूपये प्रति किलो के हिसाब से की जायेगी। गौठान समिति अपने ग्राम पंचायत में शामिल गांव के ही गौ पालकों से गोबर खरीदेगी। गोबर खरीदने के लिए गांव में जाने की समय सारिणी निर्धारित की जायेगी। गौठान समितियों द्वारा गौवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं का ही गोबर पशु पालकों से खरीदा जायेगा। अपने पशुओं द्वारा उत्पादित गोबर की बिक्री पशुपालक के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। गौठान समितियां हाथ में उठाये जाने लायक अर्द्ध ठोस प्रकृति का ही गोबर खरीदेंगी। कंाच, प्लास्टिक, मिट्टी आदि अपशिष्टों वाला गोबर नहीं खरीदा जायेगा। पशु पालकों से केवल गोबर खरीदा जायेगा, गोबर से बने अन्य उत्पाद जैसे कंडा आदि नहीं खरीदे जायेंगे।
गौठान समितियां पशुपालकों से खरीदे गये गोबर का पूरा लेखा-जोखा भी रखेंगी। हरेक पशुपालक के लिए गोबर खरीदी कार्ड या क्रय पत्रक बनाया जायेगा। प्रतिदिन खरीदे गये गोबर की मात्रा की इस कार्ड में इंट्री की जायेगी और इस पर पशुपालक के भी हस्ताक्षर लिये जायेंगे। गौठानों में रहने वाले पशुओं से मिले गोबर का स्वामित्व गौठान का होगा और उसके लिए पशुपालक को कोई राशि नहीं दी जायेगी। गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए पहले की तरह ही हरे चारे की यथासंभव व्यवस्था गौठान समितियों द्वारा की जायेगी। पशुपालकों से खरीदे गये गोबर को गौठान में लाकर सीपीटी में रखा जायेगा और 15-20 दिन के बाद वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए उपयोग किया जायेगा। पशुपालकों से खरीदे गये गोबर की मात्रा अनुसार भुगतान हर 15 दिन में होगा। गोबर को तौलने के लिए तराजू या कैलिबे्रटेड फर्मा का उपयोग किया जायेगां। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम स्थानीय स्व सहायता समूह करेंगे। इस काम में चरवाहों को भी जोड़ा जायेगा। जिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों की सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने की काम की निगरानी करेंगे। -
लैम्पस से वर्मी कम्पोस्ट के लिये किसानों को लोन भी मिलेगा, शासन ने जारी किए निर्देश
कोरबा 17 जुलाई :सोमवार 20 जुलाई से हरेली त्यौहार के दिन शुरू हो रही गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मजबूत होने वाली है। इस योजना के तहत गौठान समितियों द्वारा गांव-गांव में पशुपालकों से खरीदे गये गोबर से तैयार वर्मी कम्पोस्ट को आठ रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जायेगा। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम स्थानीय स्व सहायता समूह करेंगे। इन समूहों को कृषि विज्ञान केंद्र और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत वर्मी कम्पोस्ट बनाने का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। गौठानों में बनी खाद दो, पांच और तीस किलो की आकर्षक पैकिंग में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। राज्य शासन ने गौठानों में खाद उत्पादन और उसकी मार्केटिंग के संबंध में भी जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं।
ग्राम पंचायत के गांवों में पशुओं की संख्या और गोबर की उपलब्धता के आधार पर संबंधित गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए वर्मी टंाके बनाये जायेंगे। वर्मी टंाके बनाने के काम में भी स्थानीय ग्रामीणों को मनरेगा और आरईएस के माध्यम से रोजगार मिलेगा। वर्मी टंाका 3.6 मीटर लंबा, डेढ़ मीटर चैड़ा और लगभग पौन मीटर गहरा होगा। जिसे मनरेगा के प्राक्कलन अनुसार तैयार किया जायेगा। गौठान समिति द्वारा खरीदे गये तथा गौठान में एकत्रित किये गये गोबर से प्राथमिक तौर पर स्वसहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट बनायेंगे। स्थानीय मांग और जरूरत के हिसाब से ही गोबर के अन्य उत्पाद तैयार होंगे। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए टांकों की भराई कृषि विभाग के विशेषज्ञ मैदानी अमले की देखरेख में होगा। वर्मी टंाके में 15 से 20 दिन तक अपगठित गोबर का ही उपयोग किया जायेगा ताकि गोबर की गर्मी और मिथेन गैस से खाद बनाने वाले केचुआंे पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
वर्मी टांके में तैयार कम्पोस्ट खाद को छानकर केचुओं को अलग कर उसका उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में प्रमाणीकरण कराया जायेगा। गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग तथा उसकी गुणवत्ता जांच कृषि विभाग की देखरेख में स्वसहायता समूह द्वारा की जायेगी। प्रयोगशाला परीक्षण और अन्य व्यय के लिए गौठान समितियां 25 पैसे प्रतिकिलो की दर से पर्यवेक्षण शुल्क का प्रावधान रखेगी। प्रमाणित खाद की पैकेजिंग के लिए पैकिंग बैग, बैग प्रिंटिंग, वजन मशीन आदि की व्यवस्था गौठान समितियों द्वारा की जायेगी। गुणवत्ता नियंत्रण के परिणाम अनुसार मानक स्तर की खाद को दो किलो, पंाच किलो और 30 किलो के पॅाली पैक में स्वसहायता समूहों द्वारा पैक कराया जायेगा। पैकिंग बैग के उपर वर्मी कम्पोस्ट की पूरी जानकारी और विवरण प्रिंट कराया जायेगा। प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग के लिए 65 पैसे प्रतिकिलो की दर से स्वसहायता समूहों द्वारा व्यय किया जायेगा।
पॅालीबैग में पैक गौठान की वर्मी कम्पोस्ट को आठ रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जायेगा। किसानों को खेती और उद्यानिकी फसलों में उपयोग के लिए खाद विक्रय पर प्राथमिकता दी जायेगी। किसान गौठानों से सीधे वर्मी कम्पोस्ट नहीं खरीद सकेंगे। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट प्राथमिक सहकारी समितियों या लेम्पस के माध्यम से मिलेगा। वर्मी कम्पोस्ट खरीदने के लिए प्राथमिक सहकारी समितियों एवं लेम्पस के माध्यम से किसानों को ऋण भी दिया जायेगा। राज्य शासन ने निर्देश जारी कर गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं लेम्पसों से किसानों को खेती के लिए दिये जाने वाले अल्पकालिक कृषि ऋण के ऋणमान में शामिल कर लिया है। किसान लेम्पसों से बीज-खाद की तरह ही लोन लेकर वर्मी कम्पोस्ट भी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट प्राप्त करने के लिए लेम्पस या सहकारी समिति में परमिट कटाकर गौठान समिति में जाना होगा। गौठान समिति द्वारा निर्धारित मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट देकर परमिट पर प्रमाणीकरण किया जायेगा। किसानों द्वारा प्रमाणित पर्ची सोसायटी में जमा की जायेगी। इसके बाद वर्मी कम्पोस्ट की राशि किसानों के ऋण खाते में समायोजित की जायेगी। प्राथमिक सहकारी समितियों एवं लेम्पसों को 50 पैसे प्रतिकिलो के हिसाब से वर्मी कम्पोस्ट कमीशन मिलेगा। हर हफ्ते शुक्रवार को सोसायटी या लेम्पस द्वारा गौठान समिति को कम्पोस्ट खाद की राशि का आॅनलाईन ट्रांसफर खाते में किया जायेगा। स्वसहायता समूह तथा गौठान समितियां शुद्ध लाभ को 75 अनुपात 25 के मान से आपस में साझा करेंगे।