- खरीदी केन्द्र में व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण, किसानों से ली जानकारी
कोरबा : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज भैंसमा, तिलकेजा, तुमान, बरपाली धान उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने खरीदी केन्द्रों में पहुंचकर किसान उत्पादन प्रमाण पत्र, बारदाना की उपलब्धि, जारी किये जा रहे टोकन, पंजी संधारण तथा धान खरीदी की मात्रा का जायजा लिया।
कलेक्टर ने समिति के प्रभारियों को पंजीकृत किसानों के धान खरीदी के लिए अधिक से अधिक संख्या में टोकन जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने खरीदी केन्द्र पर अपना धान बेचने आये किसानों से भी बात की तथा धान खरीदी में किसी भी प्रकार की समस्या के बारे में पूछा।
उपस्थित किसानों ने कलेक्टर को धान बेचने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होने की जानकारी दी। कलेक्टर ने केन्द्र पर धान खरीदी के लिये किये गये इंतजामों का निरीक्षण किया।इस दौरान अतिरिक्त एसडीएम कोरबा श्री सुनील नायक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री जोशी एवं जिला खाद्य अधिकारी श्री आशीष चतुर्वेदी, जिला विपणन अधिकारी भी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने चारों धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी से संबंधित रजिस्टरों, बारदानों की उपलब्धता, नमीं मापक यंत्र, समर्थन मूल्य से संबंधित डिस्प्ले और बारिश की स्थिति में धान को बचाने के लिये तारपोलिन आदि की व्यवस्था की जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने धान खरीदी के लिये पंजीकृत किसानों की संख्या पटवारियों द्वारा बोंये गये धान के रकबे के सत्यापन की सूचना देने की जानकारी किसानों से ली।
किसानों ने बताया कि खरीदी शुरू होने के पहले राजस्व अमले द्वारा बोयें गये धान के रकबे के सत्यापन करने की जानकारी उन्हें दी गई थी और पटवारियों द्वारा उनके खेतों में जाकर धान का सत्यापन भी किया गया है। कलेक्टर ने बोंये गये धान के रकबे के आधार पर धान खरीदने के लिये टोकन जारी करने आदि के बारे में भी पूछा।
श्रीमती कौशल ने खरीदी केन्द्र पर रखे बारदानों को भी देखा और खरीदे गये धान से भरे बोरों की स्टैगिंग ठीक ढंग से करने के निर्देष उपस्थित कर्मचारियों को दिये। कलेक्टर ने खरीदे जा रहे धान में से कुछ बोरों से धान हाथ में लेकर नमीं भी जाॅंची और उचित नमीं वाला धान ही समिति को खरीदने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने धान उपार्जन केन्द्रों में पंजीकृत किसानों, टोकन की व्यवस्था, कम्प्यूटर उपकरण, नमी मापक यंत्र सहित उपलब्ध नये-पुराने बारदाने की जांच की। - कोरबा : जिला पंचायत कोरबा के स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण स्थाई समिति की बैठक का आयोजन तीन दिसंबर को किया जाएगा। यह बैठक कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा में दोपहर तीन बजे कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आयोजित किया जाएगा।
सचिव स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण स्थाई समिति जिला पंचायत कोरबा ने बताया कि इस बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की विभागीय योजनाओं तथा मौसमी बीमारियों, महिला एवं बाल विकास की विभागीय योजनाओं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की विभागीय योजनाओं, नल-जल प्रदाय योजना तथा राजस्व विभाग की विभागीय योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। - अब तक 12 हजार 851 पाॅजिटिव मिले, एक हजार 357 सक्रिय, 11 हजार 391 मरीज हुये स्वस्थ
कोरबा : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने तथा संक्रमित मरीजों को ठीक करने मुहैया कराये जा रहे विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण जिले में कोरोना संक्रमित मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के ठीक होने के कारण औसत रिकवरी रेट बढ़कर 88 प्रतिशत हो गया है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग सजगता और गंभीरता से कोरोना संक्रमण को रोकने और कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करनेे में लगे हुए हैं जिसके कारण जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की स्वस्थ होने की दर बढ़ रही है।
जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराई जा रही इलाज की बेहतर सुविधा, जांच की अच्छी व्यवस्था और मेडिकल सुविधाओं के कारण औसत रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरबा जिले में अब तक 12 हजार 851 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
जिनमें से तीन हजार 830 ग्रामीण क्षेत्र से और नौ हजार 021 मरीज शहरी क्षेत्र के हैं। जिले में कुल 11 हजार 391 मरीज कोरोना से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में एक हजार 357 संक्रमित मरीजों की ईलाज कोविड अस्पतालों और होम आईसोलेशन में रखकर किया जा रहा है। अब तक जिले के 103 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है जिनमें से अधिकांश जिले से बाहर के कोविड अस्पतालांे में ईलाज के लिये भर्ती थे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैै।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक मिले पाॅजिटिव मरीजों और अस्पतालों में इलाज के बाद ठीक हुये मरीजों के हिसाब से पाली विकासखण्ड में रिकवरी रेट जिले मंे सबसे अधिक है। पाली में कोरोना संक्रमित मरीजों का औसत रिकवरी रेट 94 प्रतिशत है। पाली में अब तक 817 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है जिनमें से 774 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं तथा 39 सक्रिय मरीज है। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में अब तक 400 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है जिनमें से अभी तक इलाज के बाद 384 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में 15 कोरोना संक्रमित मरीजों का ईलाज चल रहा है।
कोरबा विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक 855 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिले हैं जिनमें से 776 ठीक हो गये हैं तथा 72 सक्रिय मरीज हैं। कोरबा के शहरी क्षेत्रों में अब तक पांच हजार 971 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की पहचान हुई है जिनमें से पांच हजार 176 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं तथा 733 सक्रिय मरीज हैं। कटघोरा विकासखण्ड में मिले तीन हजार 648 कोरोना मरीजों में से अब तक एक हजार तीन हजार 221 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गये हैं तथा 402 मरीजों का ईलाज जारी है। विकासखण्ड करतला में एक हजार 160 कोरोना मरीजों की पहचान हुई है, जिनमें से एक हजार 060 मरीज ईलाज के बाद ठीक हो चुके हैं एवं 96 कोरोना मरीजों का ईलाज जारी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले मंे कोरोना की जांच आरटीपीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट और ट्रु-नाॅट तीन पद्धतियों से की जा रही है। जिले में अभी तक कुल एक लाख 25 हजार 969 कोरोना जांच सैम्पल लिये जा चुके हैं जिनमें से एक लाख 12 हजार 211 सैम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। केवल 12 हजार 851 सैम्पलों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है तथा 261 सैम्पलों की रिपोर्ट आना बाकी है एवं 646 सैम्पल विभिन्न तकनीकी कारणों से रिजेक्ट हुए हैं।
अभी तक आरटीपीसीआर पद्धति से जांच के लिये जिले से कुल 43 हजार 291 सैम्पल प्रयोगशालाओं में भेजे जा चुके हैं जिनमें से चार हजार 101 सैम्पल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है तथा 38 हजार 461 सैम्पलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। भेजे गये सैम्पल में से 261 सैम्पलों की रिपोर्ट आनी बाकी है तथा 468 सैम्पल तकनीकी कारणों से रिजेक्ट हुए हैं।
जिले से अब तक रैपिड एंटीजन विधि से जांच करने के लिये 78 हजार 003 सैम्पल लिये जा चुके हंै। 69 हजार 503 की जांच नेगेटिव और आठ हजार 341 सैम्पलों की जांच पाॅजिटिव आई है तथा 132 सैम्पल तकनीकी कारणों से रिजेक्ट हुए हैं। ट्रु-नाॅट पद्धति से जिला अस्पताल में अभी तक चार हजार 675 सैम्पल लिये जा चुके हैं। इनमें से चार हजार 220 कोरोना नेगेटिव और केवल 409 कोरोना पाॅजिटिव मिले हैं तथा 046 सैम्पल रिजेक्ट हुए हैं। - पशुओं की देखभाल के साथ रोजगार मूलक गतिविधियों का केन्द्र बना महोरा गौठान
साल के ऊंचे पेड़, अहिरन नदी का कल-कल बहता पानी और पशुओं की अठखेलियां भी हो रही मशहूर
कोरबा : साल के 80 से 100 फिट तक ऊंचे वृक्षों, अहिरन नदी का कल-कल बहता पानी, हरियाली से भरपूर चारागाह, 300 से अधिक छोटे-बड़े पशुओं की अठखेलियों के बीच महिला समूहों द्वारा कई रोजगार मूलक गतिविधियों का संचालन... कोरबा के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड की भांवर ग्राम पंचायत के आश्रित गांव महोरा के गौठान की यही पहचान है।
नदी के बहते पानी की सुरमई ध्वनि और गाय-बैलों के गले में बजती घंटियों की मधुर आवाज के बीच छत्तीसगढ़ की पुरानी ग्राम्य संस्कृति के साथ खेती-किसानी, गोबर खरीदी, जैविक सब्जी उत्पादन के साथ-साथ गोबर के दीये और गमले से लेकर सर्टिफाइड जैविक खाद और दवाईयां भी इस गौठान में बन रहीं हैं।कोरबा जिले का यह गौठान वास्तव में अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक आदर्श मल्टी-एक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित हो चुका है। गौठान संचालन समिति के अलावा इस गौठान में सात दूसरे महिला स्व-सहायता समूह भी आजीविका से जुड़ी गतिविधियों में संलग्न है।
महोरा का गौठान पिछले साल सितंबर महीने में बनकर तैयार हुआ है। अहिरन नदी के किनारे से लगभग 100 मीटर दूरी पर सात एकड़ रकबे में फैले इस गौठान में नदी किनारे कुंआ खोदकर सौर उर्जा से चलने वाली पांच हाॅर्सपावर शक्ति की मोटर लगाकर पानी की लगातार आपूर्ति की जा रही है।
गौठान में पशुओं को पीने के लिए पानी और खाने के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पशुओं को धूप और बरसात से बचाने के लिए सुसज्जित शेड भी बनाए गए हैं। बीमार पशुआंे का ईलाज और अन्य पशुओं की नस्ल सुधार के लिए ब्रीडिंग सेंटर भी वेटनरी डाॅक्टरों की देखरेख में यहां चलाया जा रहा है।
यह गौठान गांव के लगभग 300 पशुओं के लिए रोजाना आदर्श शरणास्थली बन गया है। यहां मुर्गी पालन शुरू करने के लिए भी लगभग 100 वर्ग फीट का शेड तैयार हो गया है। गौठान में ही चरवाहे के लिए कक्ष भी बना है।
कृषि विभाग द्वारा इस गौठान की संचालन समिति को चारागाह तैयार करने और खेती-किसानी से जुड़ी अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए 25 लाख रूपए लागत के टूल-किट भी दिये गये हैं। गौठान में दो ट्रैक्टर, कृषि यंत्र और मशीनें भी हैं। इनका उपयोग करके गौठान समिति के सदस्य और सात अन्य स्व-सहायता समूह सब्जी उत्पादन, हल्दी उत्पादन के साथ जैविक खाद उत्पादन और हरा चारा उगाने के काम में संलग्न हैं।
गौठान से लगे पांच एकड़ क्षेत्र में सुविकसित चारागाह बनाया गया है जिसमें दो एकड़ क्षेत्र में नेपियर घास के साथ-साथ मक्के की फसल भी चारे के लिए लगाई गई है। महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों द्वारा इसी चारागाह की बांकी बची जमीन पर बैगन, मूली, पालक, लाल भाजी, आलू-प्याज, बरबट्टी, करेला जैसी सब्जियां उगाई जा रहीं हैं। खास बात यह है कि इस सब्जी उत्पादन में रासायनिक खादों का नहीं बल्कि पूरी तरह जैविक खादों का उपयोग किया जा रहा है। स्व-सहायता समूहों ने पिछले दो-तीन सीजन में 20 से 30 हजार रूपए की सब्जी स्थानीय मार्केट में बेच दी हैं। चारागाह के छायादार भाग में हल्दी की खेती भी जैविक तरीके से की जा रही है।
ग्रामीण श्रीमती कौशल्या बाई और श्री हीरा साय ने गौठान बन जाने पर हर्ष जताते हुए बताया कि एक जगह पर गाँव के सभी पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाने से चरवाहों को अब पशुओं को लेकर दूर दूर तक नही घूमना पड़ता। जानवरों की सुरक्षा भी बेहतर हुई है। इलाज के लिए भी अब पशुओं को ले-ले कर पशु चिकित्सकों के चक्कर नही लगाने पड़ते। उन्होंने बताया कि रबी मौसम में खेतों में लगी फसलो के जानवरों द्वारा चर लेने की समस्या भी दूर हो गई है।
गौठान से जुड़े हरे कृष्णा स्व-सहायता समूह द्वारा बनाई गई जैविक खाद जिले की पहली सीजी सर्ट-सर्टिफाईड जैविक खाद है। गौठान के लगभग 11 वर्मी टांको में यह खाद बनाई जा रही है और इसे आठ रूपए प्रति किलो की दर से विभिन्न शासकीय विभागों को मांग अनुसार बेचा जा रहा है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अभी तक लगभग 150 क्विंटल खाद की बिक्री कर लगभग एक लाख 20 हजार रूपए का व्यवसाय कर लिया है।
हरे कृष्णा स्व-सहायता समूह ने नीम करंज आदि के तेल, अवशेष और अर्क से निमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्नेयास्त्र, फिनाइल, गौमूत्र से निर्मित जैविक कीटनाशक जैसे जैविक उत्पाद भी बनाए हैं और उन्हें खेती किसानी से लेकर घरों तक में उपयोग किया जा रहा है। समूह द्वारा बनाये गये खाद को हसदेव अमृत नाम के ब्राण्ड से बाजार में बेचा जा रहा है।
प्रचूर मात्रा में जैविक उत्पादों से समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधर गई है। हरे कृष्णा स्व सहायता समूह की कांति देवी कॅवर कहती है कि यह तो सोने पर सुहागा है कि हम जो उत्पादन करते है उसे बनाने का खर्च तो है ही नही और जैविक खाद को बेचकर कमाई भी हो रही है। खपत के लिये गाॅव मे ही जरूरत होती है, साथ ही शासकीय विभागो द्वारा माॅग जारी की जाती है। इस तरह बनी हुई खाद से कचरा प्रबंधन भी होता है और कम समय मे अच्छी कमाई भी हो जाती है।
इसके अलावा गौठान में गोधन न्याय योजना से खरीदे गये गोबर से वर्मी खाद के साथ-साथ दीये, गमले, मच्छर भगाने की अगरबत्तियां और अन्य सजावटी सामान भी स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाया जा रहा है। दीवाली के दौरान समूह ने गोबर के दीये बेचकर 10 से 15 हजार रूपए तक लाभ कमाया है।
तो वहीं गोबर के गमलों की बिक्री से समूहों को 20 हजार रूपए का फायदा हुआ है। गौठान से जुड़े स्व-सहायता समूहों द्वारा पिछले दो-तीन महीनों से केंचुआ उत्पादन भी किया जा रहा है। महोरा के केंचुआ की पूरे जिले के गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए बड़ी मांग है। केंचुआ उत्पादक समूह 400 रूपए प्रतिकिलो की दर से केंचुए की बिक्री करता है और अभी तक 30 हजार रूपए का फायदा - कलेक्टर श्रीमती कौशल सहित अधिकारी-कर्मचारियों ने किया संविधान की प्रस्तावना का वाचन
कोरबा : डाॅ. बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर कलेक्टोरेट परिसर में आज संविधान दिवस मनाया गया। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सहित कलेक्टर कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आयोजित कार्यक्रम में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क पहनकर परिसर में स्थित सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने राष्ट्र की एकता और अखण्डता बनाये रखने की शपथ ली।
संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी, डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष देवांगन, एसडीएम कोरबा श्री सुनील नायक सहित सभी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। - सुपोषण अभियान से एक लाख से अधिक हितग्राही लाभान्वित, छह प्रतिशत से अधिक कम हुआ कुपोषण
कोरबा : महंगे प्रोटीन पाउडर, फूड सप्लीमेंट और स्वास्थ्य वर्धक दवाओं की जगह सस्ते और पौष्टिक मूंगफली के लड्डू और अण्डों से कोरबा जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं की सेहत संवर रही है।मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कोरबा जिले में ऐसे एक लाख 15 हजार से अधिक हितग्राहियों को अच्छी सेहत के लिए मूंगफली के लड्डू और अण्डे दिये जा रहे हैं। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा (प्रबल) और सुपोषित जननी कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
इन दोनो कार्यक्रमों के तहत जिले में अब तक एक से तीन वर्ष के 44 हजार 093 बच्चों को, तीन से छह वर्ष तक 50 हजार 576 बच्चों के साथ दस हजार 320 शिशुवती माताओं और दस हजार 795 गर्भवती महिलाओं को कुपोषण दूर कर स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक पोषक आहार निःशुल्क दिया जा रहा है।इस योजना से जिले में कुपोषण 22.48 प्रतिशत से घटकर 16.10 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है। मध्यम कुपोषण 18.22 प्रतिशत से घटकर अब 14.26 प्रतिशत रह गया है वहीं गंभीर कुपोषण के स्तर में 3.42 प्रतिशत की कमी आई है। जिले में गंभीर कुपोषण अब 4.26 प्रतिशत से घटकर 1.84 प्रतिशत रह गया है।
भले ही राज्य शासन द्वारा वर्ष 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस दो अक्टूबर से छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए सुपोषण अभियान शुरू किया है। परंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सहमति से कोरबा जिले की कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कटघोरा विकासखंड में कुपोषण मिटाने के लिए 2019 के जुलाई महिने से ही प्रबल योजना शुरू कर दी है।
‘‘प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा‘‘ उद्देश्य लेकर शुरू हुए प्रबल कार्यक्रम ने कटघोरा के 12 हजार 300 बच्चों को कुपोषण से निकालकर सुपोषित बनाने की दिशा में सकारात्मक परिणाम दिये और इसके बाद इस कार्यक्रम के साथ सुपोषित जननी कार्यक्रम को भी जोड़कर जिले के सभी पांचो विकासखण्डों में लागू कर दिया गया। कुपोषित बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को सप्ताह में एक दिन छोड़कर एक दिन की तर्ज पर सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मूंगफली के पौष्टिक लड्डू तथा मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को अण्डा या मूंगफली आंगनबाड़ी केंद्रों में दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत प्रबल और सुपोषित जननी कार्यक्रम में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में छः महिने से लेकर छः साल तक के नौनिहालों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए सप्ताह में तीन दिन विशेष शिशु आहार मूंगफली के लड्डू और तीन दिन अण्डा खाने के लिए दिया जा रहा है।
मूंगफली के लड्डू मूंगफली, शक्कर, दूध पावडर और नारियल तेल को मिलाकर बनाये जाते हैं। नारियल तेल से बच्चों की भूख बढ़ती है और दूध से बच्चों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं। बच्चों को 35-35 ग्राम के तो गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को 25-25 ग्राम के लड्डू तैयार कर दिये जाते हैं। इसके साथ ही गेहूं, चना, सोयाबीन और मूंगफली के मिश्रण से बना रेडी टू ईट पोषक आहार विभिन्न प्रकार के व्यजनों के रूप में नियमित रूप से दिया जा रहा है। इससे नौनिहालों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं की भूख बढ़ती है और उन्हें जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। जिले में बालमित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों द्वारा नियमित अंतराल पर घर-घर जाकर हिताग्राहियों के खान-पान की निगरानी भी करते हैं। - कलेक्टर ने की धान खरीदी के लिए व्यवस्थाओं की तैयारी की समीक्षा
इस वर्ष सात नये उपार्जन केन्द्र बने, साढ़े 32 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जल्द से जल्द सभी तैयारियां पूरी करने दिये निर्देश
कोरबा : कोरबा जिले में आगामी एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर किसानों का धान खरीदने की तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही है। पिछले सात वर्षों की परंपरा को कायम रखते हुये जिले में इस वर्ष भी जीरो शॉर्टेज पर धान खरीदी के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां, खरीदी शुरू होने के पहले ही पूरी करने के निर्देश जारी किये हैं।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, राज्य सहकारी विपणन संघ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और लैम्पस के प्रबंधकों सहित खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने धान खरीदी के लिए किसानों को खरीदी केन्द्रों पर सभी संभवसुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होनें जीरो शॉर्टेज पर धान खरीदी के लिए समितियों और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारियों को जिला प्रशासन की तरफ से सभी संभव सहयोग भी देने का आश्वासन दिया।
कलेक्टर ने बैठक में पंजीकृत वास्तविक किसानों से ही धान खरीदने के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौशल ने अनाधिकृत रूप से धान बेचने के लिए आने वाले व्यक्तियों की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को देने के भी निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ऐसे अवैध रूप से बेचने की कोशिश करने वाले धान को जिला प्रशासन द्वारा जप्त करने की कार्रवाई की जायेगी और संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
कर्मचारी ऐसे किसी भी अवैध एवं अनाधिकृत धान बेचने के मामले की सूचना बिना किसी दबाव के सीधे अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया को दे सकते हैं। कलेक्टर ने धान खरीदी में लगे समिति प्रबंधकों और कर्मचारियों से भी ऐसी अवैध खरीदी नहीं करने की अपील की।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी धान खरीदी केन्द्रों में धान का क्रय मूल्य प्रदर्शित करने वाले बैनर अवश्य ही लगाये जाये। उन्होनें धान खरीदी केन्द्रों पर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सहित बिजली की व्यवस्था करने के भी निर्देश बैठक में दिये। कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्रों पर निर्मित चबूतरों पर ही सुरक्षित रूप से धान के बोरे रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
श्रीमती कौशल ने धान खरीदी केन्द्रों में जल निकासी की व्यवस्था और खरीदे गये धान को आकस्मिक बारिश से बचाने के लिए तालपत्री-केप कव्हर की भी पहले से ही व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होनें सभी धान खरीदी केन्द्रों में नापतौल के लिए कांटाबाट को संबंधित विभाग द्वारा जांच कराकर प्रमाणित कराने और सही तौल करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होनें धान रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में अच्छे बारदानों की भी समय रहते व्यवस्था कर लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
कलेक्टर ने धान खरीदी के समय किसानों से खरीदी जाने वाली धान की मात्रा को अनिवार्य रूप से उनकी ऋण पुस्तिका में इन्द्राज करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने धान में नमी की जांच के लिए सभी खरीदी केन्द्रों में आर्द्रतामापी यंत्रों की व्यवस्था करने और उनका कैलीबे्रसन खरीदी शुरू होने के पहले करा लेने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होनें सभी धान खरीदी केन्द्रों में कम्प्यूटर, प्रिंटर, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर आदि संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश भी बैठक में दिये।महत्वपूर्ण बिन्दु1 दिसम्बर 2020 से की जाएगी धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी।कोरबा जिले में 41 समितियों के 49 उपार्जन केन्द्रों पर होगी खरीदी।32 हजार 589 किसानों ने कराया पंजीयन, पांच हजार 746 नये किसान हुये पंजीकृत।लगभग एक लाख 28 हजार 500 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्यअब तक लगभग 21 लाख बारदानों की व्यवस्था पूर्ण।14 नई समितियां बनी। मोरगा, कुल्हरिया, पिपरिया, कोथारी, फरसवानी, कनकी, पटियापाली, तुमान, नवापारा, नीरधी, कोरबी, अखरापाली, तिलकेजा, बरपाली।तीन धान उपार्जन उपकेन्द्र - उमरेली, केरवाद्वारी, कुदुरमाल।इस वर्ष सात नये उपार्जन केन्द्र शुरू होंगे। करतला विकासखण्ड में करईनारा, नोनबिर्रा और लबेद, कटघोरा विकासखण्ड में सुमेधा, पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में कुल्हरिया, पाली में नीरधी तथा कोरबा में दादर खुर्द में नये उपार्जन केन्द्र शुरू किये है। - आज हुआ प्रशिक्षण मिली चुनाव प्रक्रिया की जानकारी
कोरबा : जिला योजना समिति के कुल 12 सदस्यों का चुनाव कल 26 नवम्बर को किया जाएगा। निर्वाचन प्रक्रिया का समय सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक निर्धारित किया गया है।आज इस संबंध में राजीव गांधी आॅडिटोरियम में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी नगरीय निकायों के पार्षदों सहित नगर निगम कोरबा के महापौर, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों को निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
नगरीय क्षेत्रों में निर्वाचन के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी श्री भरोसा राम ठाकुर, सहायक पीठासीन अधिकारी श्री पवन वर्मा और ग्रामीण क्षेत्रों के निर्वाचन के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी श्री आशीष देवांगन एवं सहायक पीठासीन अधिकारी श्री एम. एस. कंवर भी इस दौरान मौजूद रहे। मास्टर ट्रेनर डाॅ. एम. एम. जोशी ने योजना समिति के सदस्यों के निर्वाचन के संबंध में नियमों और प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी दी। इस दौरान नाम-निर्देशन भरने, नाम वापसी, मतदान पद्धति, लाॅट नियम एवं निर्वाचन के दूसरे पहलूओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत एवं नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों द्वारा जिला योजना समिति के सदस्यों का चुनाव किया जाएगा। जिला योजना समिति कोरबा के लिये जिला पंचायतों के सदस्यों के बीच से आठ सदस्य एवं नगरीय क्षेत्रों के निर्वाचित पार्षदों के बीच से नगर निगम से तीन एवं नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों से एक सदस्य का निर्वाचन किया जाएगा। समिति के सदस्यों के चुनाव के लिये जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्यों एवं नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों का सम्मेलन सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा।
जिला पंचायत सदस्यों का सम्मेलन समिति के आठ सदस्यों के निर्वाचन के लिये जिला पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में आयोजित किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों के निर्वाचित सदस्यों में से चार सदस्यों के चुनाव के लिये पार्षदों का सम्मेलन टीपी नगर स्थित राजीव आॅडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा।
समिति के सदस्यों का नाम निर्देशन के लिये दोपहर 12 बजे से एक बजे तक का समय तय किया गया है। नाम निर्देशन की संवीक्षा करने का समय दोपहर एक बजे से डेढ़ बजे तक तय किया गया है। नाम निर्देशन वापस लेने का समय डेढ़ बजे से दो बजे तक का तय किया गया है। आवश्यक होने पर मतदान करने का समय दोपहर दो बजे से तीन बजे निर्धारित किया गया है। मतों की गणना के लिये दोपहर तीन बजे से चार बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।
जिला योजना समिति में सदस्यों के निर्वाचन के लिये पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। जिला पंचायत के सदस्यों में से आठ सदस्यों के निर्वाचन के लिये डिप्टी कलेक्टर कोरबा श्री आशीष देवांगन को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। उप संचालक जिला योजना एवं सांख्यिकी श्री एम.एस. कंवर सहायक पीठासीन अधिकारी होंगे। नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों में से चार सदस्यों के निर्वाचन के लिये डिप्टी कलेक्टर कोरबा श्री भरोसा राम ठाकुर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। - कोरोना काल में आय का अतिरिक्त जरिया सृजित होने से जनता में छाई खुशहाली
कोरबा : कोरोना काल में लाॅकडाउन के दौरान एक ओर जहां पूरा देश ठप पड़ गया था तथा देश के लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे थे। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल प्रदेश के जनता के लिए आय का अतिरिक्त जरिया सृजित करने की योजना को मूर्तरूप देने में लगे हुए थे।श्री बघेल की गरीब हितैषी सोच और कमजोर वर्ग को विकसित करने की कार्यशैली ने प्रदेश की जनता के लिए अतिरिक्त आमदनी कमाने का रास्ता खोला। अब तक अमूल्य समझे जाने वाले गोबर को खरीदकर लोगों को आर्थिक सहयोग देने की मुख्यमंत्री की सोच ने निश्चित ही जनता में खुशहाली का द्वार खोल दिया है।20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन गोधन न्याय योजना की शुरूआत ने लोगों को गोबर बेचकर आय कमाने का रास्ता दिखाया। गोधन न्याय योजना शुरू होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने शासन का यह प्रयास ग्रामीणों के लिए निश्चित ही लाभप्रद रहा।गोबर संग्राहकों द्वारा शासन को गोबर बेचकर अपनी घरेलू आवश्यकता की चीजों की पूर्ति भी कर पा रहे है। प्रदेश के गोबर संग्राहकों के साथ-साथ जिले के गोबर संग्राहकों ने भी खूब लाभ कमाए हैं।जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि जिले में गोधन न्याय योजना सफलता पूर्वक संचालित हो रही है। गोबर बेचकर जिले के लोगों को गोधन न्याय योजना अंतर्गत खूब आमदनी भी हो रही है। जिले के गोबर संग्राहक गौठान में दो रूपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर बेच रहे हैं। अब तक जिले के लोगों ने एक करोड़ 75 लाख 73 हजार 823 रूपए की आय गोबर बेचकर अर्जित की है।जिले के 200 गौठानों के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है। गौठानों में गोबर क्रय केन्द्र स्थापित किया गया है जहां गोबर संग्राहक गाय-भैंस के गोबर को बेच रहे हैं। जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि गोबर बेचने के लिए अभी तक जिले के 11 हजार 121 गोबर संग्राहकों ने अपना पंजीयन कराया है।जिले में अब तक पंजीकृत गोबर संग्राहकों से 87 लाख 86 हजार 911 किलो गोबर की खरीदी की जा चुकी है और इन गोबर संग्राहकों को एक करोड़ 75 लाख से अधिक की राशि का भुगतान भी किया जा चुका है। जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि हर 15 दिन में गोबर विक्रेताओं को गोबर विक्रय की राशि का भुगतान किया जा रहा है।आय का अतिरिक्त जरिया सृजित होने से जिले की जनता गोधन न्याय योजना में सक्रिय रूप से भागीदारी कर रही है। निश्चित समयावधि में बेचे गये गोबर का पैसा मिलने से गोबर संग्राहक खुश हैं तथा पशुपालन करने के लिए जिले के लोग आगे आ रहे हैं। -
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने नियुक्त किये 44 नोडल अधिकारी
कोरबा : राज्य सरकार के निर्देश अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में धान खरीदी के लिये 49 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इन सभी उपार्जन केन्द्रों पर धान खरीदी की समुचित व्यवस्था के निरीक्षण-पर्यवेक्षण के लिये 44 नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये हैं। सभी नोडल अधिकारियों को समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के समय खरीदी गई मात्रा, किसानों को किये गये भुगतान आदि की माॅनीटरिंग के निर्देश भी जारी किये गये हैं।
इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यापक रूप से की जाती है। खरीदी केन्द्रों में किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने में कोई परेशानी न हो और वे आसानी से अपनी फसल को सही समय पर सही दाम पर बेच सकें, इसके लिये जिला प्रशासन ने तैयारियाॅं शुरू कर दी हैं।उपार्जन केन्द्रों में मूलभूत आवश्यकताओं जैसे- साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, कम्प्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, इंटरनेट की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। श्रीमती कौशल ने बताया व्यवस्थाआंे को सही ढंग से समय पर पूरा करने के लिये 44 नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिये गये हैं। उपार्जन केन्द्रों पर आर्द्रतामापी यंत्र, तौल यंत्र, बारदानों के साथ-साथ चबूतरों की संख्या और बारिश की स्थिति में धान को ढॅंकने के लिये तारपोलिन आदि की व्यवस्था भी की जा रही है।
किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था की जायेगी। धान खरीदी शुरू होने के पहले पटवारियों से पंजीकृत किसानों की सूची और उनकी पूरी डाटा एन्ट्री कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर में कर ली जायेगी।
श्रीमती कौशल ने बताया कि धान खरीदी के लिये नियुक्त सभी 44 नोडल अधिकारी उपार्जन केन्द्रों में धान की आवक, मिलरों को प्रदाय धान की मात्रा, धान की शेष मात्रा, प्राप्त बारदानों की संख्या, धान खरीदी में उपयोग किये गये बारदानों की संख्या तथा शेष बारदानों का सत्यापन भी करेंगे। धान खरीदी के समय किसानों के धान की तौलाई उसी दिन होगी।बोरों की सिलाई कर स्केटिंग लगाने का काम भी साथ-साथ किया जायेगा। उपार्जन केन्द्रों द्वारा आधे नये एवं आधे पुराने बारदानों का उपयोग धान खरीदी के लिये किया जायेगा। धान खरीदी केन्द्रों में केवल पंजीकृत किसानों से ही धान का उपार्जन होगा। बिचैलियों से धान की खरीदी नहीं की जायेगी। धान खरीदी केन्द्रों में पंजीकृत किसानों से खरीदे गये धान का तत्काल भुगतान ऑनलाइन किया जायेगा।
धान खरीदी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी मौके पर उपस्थित किसानों से पर्याप्त पूछताछ भी करेंगे और उनकी ऋण पुस्तिकाओं का अवलोकन कर विक्रय की गई धान की मात्रा आदि जानकारियों की पुष्टि भी करेंगे। दो से अधिक बार धान बेचने आने वाले किसानों से उनकी उपज के संबंध में सम्पूर्ण ब्यौरा लिया जायेगा और संबंधित पटवारी से सत्यापन भी कराया जायेगा। - नक्शा, खसरा, बी-1 सहित सीमांकन के भी समय-सीमा की बैठक में दिये निर्देश
रेत की उपलब्धता के अनुसार होगी नीलामी की तैयारी
कोरबा : समय सीमा की बैठक में आज कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जिले में अवैध रेत निकासी वाली 28 जगहों की सर्वे रिपोर्ट सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों से मांगी है।कलेक्टर ने रेत के अवैध व्यापार पर लगाम कसने के लिए इन अवैध रेत घाटों को शासकीय नियमों के तहत नीलाम कर राजस्व बढ़ाने की भी तैयारी करने के निर्देश खनिज विभाग के अधिकारियों को दे दिये हैं। समय-सीमा की बैठक में श्रीमती कौशल ने जिले में रेत निकासी के अवैध घाटों और स्थानों की जानकारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों तथा खनिज विभाग के अधिकारियों से ली।
अधिकारियों ने जिले में 28 जगहों पर अवैध रूप से रेत खनन होना चिन्हांकित किया है। कोरबा तहसील में छह, नगर निगम क्षेत्र में छह, कटघोरा विकासखण्ड में चार, करतला विकासखण्ड में दो, पाली विकासखण्ड में चार तथा पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में छह जगहों पर अवैध रेत खनन चिन्हांकित किया गया है। इन सभी जगहों का सर्वे कराकर वास्तविक नक्शा, खसरा, बी-1 और रेत उपलब्धता संबंधी अनुमानित प्रतिवेदन कलेक्टर ने एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिये हैं।
श्रीमती कौशल ने इन सभी जगहों का सीमांकन भी करने के निर्देश बैठक में दिये हैं। समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने निर्देशित किया कि व्यावसायिक तौर पर उपयुक्त पाये जाने पर ऐसे सभी अवैध रेत घाटों का सीमांकन कराकर उनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाये। श्रीमती कौशल ने बैठक में कहा कि अवैध रेत घाटों की नीलामी से एक और जहां रेत का अवैध उत्खनन और उससे होने वाली परेशानियां खत्म होंगी वहीं दूसरी और रेत घाटों से शासन को राजस्व भी मिलेगा। अवैध रेत घाटों के शासकीय तौर पर नीलाम हो जाने से जिले में रेत घाटोें की संख्या बढ़ेगी जिससे रेत की उपलब्धता मंे भी बढ़ोत्तरी होगी और लोगों को कम दामों पर आसानी से निर्माण कार्यों के लिये रेत मिल सकेगी।
खनिज अधिकारी श्री एस.एस. नांग ने बताया कि कोरबा विकासखण्ड में ढेंगुरनाला, दोंदरो में बेलगिरी नाला, लेमरू में चोरनई नदी, कटबितला में हसदेव नदी, कुदमुरा में मांड नदी और अजगरबहार में बहने वाले नाले से अवैध रेत का खनन बड़ी मात्रा में किया जाता है। इसी तरह कटघोरा विकासखण्ड में बरमपुर में अहिरन नदी, विजयपुर में खोलारनाला, डुडगा में अहिरन नदी और छुरीखुर्द झोराघाट में हसदेव नदी से अवैध रेत का खनन होता है। खनिज अधिकारी ने बताया कि करतला में खरवानी में सोन नदी से और कछार में छिंदई नाला से अवैध रूप से रेत निकाली जाती है।
पाली विकासखण्ड में रैंकी में लीलागर नदी से, लबदा मंे खारून नदी से, मुनगाडीह में गाजरनाला से तथा नानपुलाली में खारून नदी से अवैध रेत का उत्खनन होता है। इसी प्रकार पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में बरतरई और कुटेसर नगोई में अहिरन नदी से, मातिम और कोठीखर्रा में गेज नदी से, रोंदे मेें फुलसर नाला से और बांगो दो में बांगो नदी से अवैध रेत निकाली जाती है। श्री नाग ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र कोरबा में हसदेव नदी से सेमीपाली, चारपारा, गेरवा, भिलाईखुर्द, मिशनघाट और मोतीसागर से अवैध रेत का खनन बड़ी मात्रा में होता है। कलेक्टर ने इन सभी जगहों पर अगले एक सप्ताह में नजरी सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और व्यावसायिक रूप से रेत निकालने के लिये उपयुक्त होने पर नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जिला खनिज अधिकारी को दिये। - कलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में दिये सख्त निर्देश
दुकानों पर कोविड प्रोटोकाॅल का पालन दुकानदारों की जिम्मेदारी होगी
कोरबा : दीवाली के त्यौहारी सीजन के बाद कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने के लिए समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में आज विशेष चर्चा हुई। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शहर में बेपरवाह और बिना मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये लोगों के कोरोना से निडर होकर घूमने पर गहरी चिंता जताई। कलेक्टर ने प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को सघन अभियान चलाकर कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश बैठक में दिये।
उन्होंने कहा कि कोविड वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे जिले में बिना मास्क के घरों से निकलना प्रतिबंधित किया गया है। बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाये। बिना मास्क के पाये जाने पर प्रति व्यक्ति एक सौ रूपये का जुर्माना वसूला जायेगा। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि त्यौहारी सीजन के बाद कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका को देखते हुए दुकानदारों को अपनी दुकानों पर अधिक लोगों को एक समय में इकट्ठा करने की मनाही होगी।
भीड़ इकट्ठी होने पर लोगों तथा दुकानदार दोनों पर कार्रवाई होगी। दुकानों पर खरीददारी करने आने वाले लोगों को मास्क लगाये रहने पर ही सामान मिलेगा। इसके साथ ही दुकानदार को भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के सामान की खरीदी-बिक्री पर दुकानदार तथा ग्राहक दोनों पर कार्यवाही की जायेगी। दुकानों को प्रतिदिन खोलने के पूर्व सेनेटाईज किया जाना अनिवार्य होगा।
खरीदी-बिक्री के दौरान सोशल फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने किसी भी परिस्थिति में कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन नहीं होना सुनिश्चित करने के निर्देश सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को दिए। कलेक्टर ने सभी नगरीय क्षेत्रो में जोनवार निरीक्षण दल बनाकर निर्धारित समयावधि में दुकानो एवं बाजारो का नियमित निरीक्षण करने के भी निर्देश बैठक में दिये।
कोविड प्रोटोकाॅल के पालन की शर्त पर ही होगी खरीदी-बिक्री- कलेक्टर ने जिले के व्यापारियों द्वारा संयम धैर्य और अनुशासन से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करने और इस महामारी को नियंत्रित करने में योगदान की भी अपील की है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने निगम अधिकारियों को निर्देशित किया कि मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर ही दुकानों से खरीददारी की अनुमति होगी। कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन होने पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए ऐसी सभी दुकानों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
कलेक्टर ने बैठक में राशन दुकानों, सब्जी मार्केटों और दवा दुकानों से कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की संभावना व्यक्त करते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने की भी सलाह प्रतिनिधियों को दी। कलेक्टर ने यह भी कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की पूरी जिम्मेदारी विक्रेताओं की होगी। राशन दुकानों, मेडिकल स्टोर्स से लेकर सब्जी मार्केट तक में दुकानों के सामने दो-दो मीटर की दूरी के लिए गोल घेरे या चिन्ह बनाए जाए। इसके साथ ही सब्जी मार्केट में दो दुकानों के बीच भी कम से कम दो मीटर की दूरी सुनिश्चित की जाए। श्रीमती कौशल ने यह भी कहा कि सब्जी दुकानों में सब्जियों को छांटने या छुकर देखने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए। व्यापारी अच्छी और ताजी सब्जियां ही बेचे ताकि लोगो को सब्जियों को छुने या छांटने की जरूरत ना पड़े।
कलेक्टर ने मेडिकल स्टोरों और राशन दुकानों के सामने भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने के इंतजाम दुकानदारों को ही करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होने दुकानों में सीमित संख्या में ही कामगार रखने के लिए कहा है। इसके साथ ही दुकानो के बाहर सेनेटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था रखने के निर्देश कलेक्टर ने बैठक में दिए। कलेक्टर ने बैठक यह भी कहा कि जो दुकानदार कोविड प्रोटोकाॅल का पालन नहीं करेगा उनकी दुकानें पहली बार में अगले तीन दिनों के लिए बंद करा दी जाएगी। इसके बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई सहित दुकानों को लम्बे समय के बंद कराया जाएगा। - कलेक्टर श्रीमती कौशल की अपील: फसल कटाई के बाद ग्रामीण गौठानों में करें अधिक से अधिक पैरादान
कोरबा : पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरबा जिले के सभी गौठानों में ग्रामीणों द्वारा पैरादान का अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गौठानों में आने वाले मवेशियों के लिए पैरे की भरपूर व्यवस्था करने पैरादान अभियान शुरू करने के निर्देश आज समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये।
कलेक्टर ने ग्रामीणों से अपील भी की है कि धान फसल की कटाई के बाद निकले पैरा को वे अधिक से अधिक मात्रा मंे अपने गांव के नजदीक के गौठान में दान करें। कलेक्टर ने अपनी अपील में कहा है कि जिले में बने गौठानों में पशुओं को डे-केयर के रूप में भोजन उपलब्ध कराने के लिये चारे के साथ-साथ बड़ी मात्रा में पैरे की आवश्यकता की पूर्ति ग्रामीणों से ही की जानी है। फसल कटाई के बाद देश के अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी किसान खेतों में पैरा या फसल अवशेषों को जला देते हैं। इस पैरा को खेतों में जलाने की बजाय गौठानों में दान करें।
समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में श्रीमती कौशल ने कृषि विभाग सहित सभी विभागों के मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अधिक से अधिक किसानों से मिलकर फसल कटाई के बाद पैरा को उनके ही पशुओं को खिलाने के लिये गौठानों में दान कराने के लिये जागरूक और प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में पैरादान के इस अभियान में ग्राम पंचायत स्तरों पर गठित महिला स्व सहायता समूहों की भी मदद लेने के निर्देश कलेक्टर ने दिये है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी गांवों में महिलाओं को पैरादान के प्रति जागरूक करने का काम स्व सहायता समूहों की दीदियाॅं करेंगी। गौठानों में आने वाले पैरा को सुरक्षित रखने के लिये भी पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश कलेक्टर ने अधिकारियों को दिये हैं। मचान बनाकर पैरा को रखने की व्यवस्था, बारिश आदि की स्थिति में ढॅंकने के लिये तारपोलिन की भी व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को बैठक में दिये गये हैं।
बैठक में कलेक्टर ने गौठानों में पैरा रखने के चबूतरे के चारों ओर बाड़े बनाने के साथ पैरा को जानवरों को खिलाने के लिये कटिंग मशीन की भी व्यवस्था रखने के निर्देश भी दिये है। गौठानों से संबद्ध चारागाहों में तैयार हरे चारे की फसलें और किसानों से दान में मिले पैरा को साथ मिलाकर पशुओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा कर ली गई है। फसल कटाई के बाद जनसहयोग से गौठान में पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता बढ़ाने तथा धान कटाई और मिंजाई के बाद पैरे को बंडल बनाकर गौठानों तक पहुॅंचाने के लिये भी स्व-सहायता समूहों की मदद ली जायेगी। श्रीमती कौषल ने गौठानों में पैरादान पंजी रखने के भी निर्देष दिये। इन पंजियों में पैरादान करने वाले किसानों के नाम के साथ-साथ दान किये गये पैरे की मात्रा का भी रिकाॅर्ड रखा जायेगा। - कुछ देर पहले ही राजस्व मंत्री ने मौके पर पहुंचकर अशोक के परिजनों को हर संभव मदद का दिया था आश्वासन
कोरबा: सात दिन पहले रामसागर पारा तालाब में डुबे गोताखोर अशोक नायडु का शव आज शाम तालाब से निकाल लिया गया। पिछले सात दिनों से एनडीआरएफ और जिला पुलिस के गोताखोर गहरे तालाब में अशोक नायडु के शव की तलाश कर रहे थे। तालाब में डुबे एक अन्य युवक के शव की तलाश में गोताखोर अशोक नायडु सात दिन पहले तालाब में उतरा था। अशोक के शव मिलने से कुछ देर पहले ही आज शाम राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल रामसागर पारा तालाब पहुंचे थे। श्री अग्रवाल ने वहां अशोक के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया था और दुःख की इस घड़ी में अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए शासन-प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया था। श्री अग्रवाल ने अशोक नायडु के शव को तालाब से बाहर निकालने के लिए अब तक किये गये प्रयासों की जानकारी मौजूद अधिकारियों से ली। अधिकारियों ने अवगत कराया कि तालाब में अत्याधिक कांस की जड़ें गहराई तक होने के कारण अशोक के शव को ढुंढने में कठिनाई हो रही है। प्रशिक्षित गोताखोर प्रयास कर रहे हैं, तालाब का पानी खाली हो जाने से शव की तलाश आसान होगी। इस पर राजस्व मंत्री ने मौके पर ही बालको तथा एसईसीएल कोरबा प्रबंधन के अधिकारियों को बड़ी मशीनें लगाकर तालाब का पानी खाली कर अशोक का शव बाहर निकालने के लिए निर्देशित किया था। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित जिला एवं नगर निगम प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस बीच तालाब में शव ढुंढने में लगे एनडीआरएफ के गोताखोरों को अशोक का शव मिल गया और उसे बाहर निकाल लिया गया।
राजस्व मंत्री ने अपनी गहरी संवदेनाएं स्वर्गीय अशोक नायडु के परिजनों के प्रति व्यक्त की हैं। उन्होंने अशोक के परिजनों को दुःख के इन क्षणों को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना ईश्वर से की है और जिला तथा नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों को अशोक के परिजनों को हर संभव सहायता समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश भी मौके पर ही दिये। - राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने की कोरबा में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षाकलेक्टर सहित बैठक में शामिल हुए जिले के सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी-प्रतिनिधिकोरबा : राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने एसईसीएल, बालको, एनटीपीसी, आईओसीएल और अन्य सभी सार्वजनिक उपक्रमों से एक बार फिर कोरबा जिले की सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को तत्परता से पूरा करने को कहा है। श्री अग्रवाल ने आज जिला पंचायत के सभा कक्ष में महत्वपूर्ण बैठक में सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों को खुले शब्दों में कहा कि कोरबा जिले की जर्जर सड़कांे की मरम्मत और नई सड़कों को बनाने के कामों को प्राथमिकता से पूरा करायें और अपने अन्य सभी कामों के लिये शासन-प्रशासन का हर संभव सहयोग लें। उन्होंने कहा कि सड़कें इस जिले की जरूरत हैं, राज्य सरकार के लिये भी सड़कें विकास कार्यों में प्राथमिकता पर हैं। श्री अग्रवाल ने एसईसीएल, बालको, एनटीपीसी, आईओसीएल और अन्य सभी सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा जिले में सड़कों की मरम्मत के लिये अब तक की गई सकारात्मक पहल पर भी संतुष्टि जताई और सड़क बनाने के सभी कामों में तेजी से स्वीकृति देने तथा राशि उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने हर एक सड़क के लिये समयबद्ध कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया और निर्धारित की गई समयावधि में ही काम पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक मंे महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम के अपर आयुक्त श्री अशोक शर्मा सहित एसईसीएल, बालको, एनटीपीसी, आईओसीएल, सीएसईबी और अन्य सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी तथा प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
बैठक में राजस्व मंत्री ने सीतामणि से इमलीडुग्गु चौक तक सड़क निर्माण का काम एसईसीएल कोरबा को जल्द शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सड़क के चौड़ीकरण की राशि भी शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए एसईसीएल के अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री अग्रवाल ने दर्री डैम से गोपालपुर तक टु-लेन सड़क के लिये डिवाइडर, नाली, कन्वर्ट, फिलिंग कार्य तथा बिजली आदि के कामों के लिए इस माह के अंत तक एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा स्वीकृति की कार्रवाई करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। राजस्व मंत्री ने ध्यानचंद चौक से रूमगरा होते हुए परसाभाठा चौक तक सड़क निर्माण के काम में तेजी लाने के निर्देश बालको प्रबंधन को दिये। उन्होंने साकेत भवन निगम कार्यालय से लेकर परसाभाठा चौक तक फोर लेन सड़क निर्माण के लिए सर्वे सहित अन्य कार्य शुरू करने के लिए भी बालको प्रबंधन से प्रगति की जानकारी ली।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि नगर निगम कोरबा क्षेत्र में जिला खनिज न्यास मद से दस करोड़ रूपए लागत की आंतरिक सड़कें बनाने को मंजूरी दी गई है। सीएसईबी चौक से सुनालिया ब्रिज सड़क नवीनीकरण, सुनालिया चौक से गौमाता चैक सड़क नवीनीकरण, महाराणा प्रताप चैक से गुरू घासीदास चौक सड़क नवीनीकरण, घंटाघर चौक से महाराणा प्रताप चौक सड़क नवीनीकरण, घंटाघर चौक से शास्त्री चौक सड़क नवीनीकरण, आईटीआई चौक से सीएसईबी चौक सड़क नवीनीकरण और शास्त्री चौक से रिस्दी चैक तक सड़क नवीनीकरण का काम इसमें शामिल है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि आने वाले आठ-दस दिनों मे इन सभी कामों की निविदा नगर निगम द्वारा जारी कर दी जाएगी और जल्द ही इन सड़कों के नवीनीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिले मे विकास कार्यों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को सीएसआर मद में स्वीकृति के लिए भेजे गए प्रस्तावों में से कई प्रस्ताव अभी भी स्वीकृति के लिए लंबित हैं। मंत्री श्री अग्रवाल ने सीएसआर मद के सभी प्रस्तावों को जल्द से जल्द स्वीकृति देने के निर्देश सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों को दिये।
सार्वजनिक उपक्रमों की रहवासी काॅलोनियों में मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित हो - बैठक में राजस्व मंत्री ने जिले में कार्यरत सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए बनी काॅलोनियों में मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश प्रबंधन के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि जिले की सभी एसईसीएल परियोजनाओं की आवासी काॅलोनियों, एनटीपीसी, बालको, सीएसईबी सहित अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के रहवासी क्षेत्रों में लोगों के लिए बिजली, पानी, सड़क, साफ-सफाई की व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित प्रबंधन की है। राजस्व मंत्री ने कहा कि यदि प्रबंधन मानव संसाधन की कमी के कारण व्यवस्थाएं करने में असमर्थ है तो नगर निगम से इसके लिए सशुल्क व्यवस्था ली जा सकती है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने भी सभी ऐसी आवासीय काॅलोनियों और रहवास क्षेत्रों का अगले एक सप्ताह में सर्वेक्षण कराकर जरूरत के अनुसार कार्ययोजना बनाने और प्रस्तुत करने के निर्देश निगम तथा सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारियों को दिये। राजस्व मंत्री ने गर्मी के मौसम में पानी की कमी से जुझने वाली और बरसात के दौरान जल भराव की स्थिति निर्मित होने वाली सार्वजनिक उपक्रमों की ऐसी काॅलोनियों की भी पहचान कर समस्या के निराकरण के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश प्रबंधन के अधिकारियों को दिये। - राजस्व मंत्री ने किया राताखार से गेरवाघाट पुल तक बी.टी. सड़क का भूमिपूूजन
डीएमएफ मद से दो करोड़ 62 लाख की लागत से बनेगी सड़क
कोरबा : राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज सादे कार्यक्रम में राताखार से तुलसी नगर नया पुल गेरवाघाट तक सड़क पर बोल्डर डामरीकरण कार्य का भूमिपूजन किया। महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम में राजस्व मंत्री ने कहा कि सड़क के बन जाने से पुराने कोरबा से दर्री तक का सफर पांच किलोमीटर कम हो जाएगा।
इससे लोगों को दर्री तक जाने में सहुलियत होगी। राजस्व मंत्री ने कहा कि रोड के बन जाने से भारी वाहनों की आवाजाही भी शहर के भीतर कम हो जाएगी जिससे धूल उड़ने और दुर्घटनाओं जैसी अन्य समस्याओं से भी कोरबा वासियों को छुटकारा मिलेगा। राजस्व मंत्री ने सड़क निर्माण पर कोरबा वासियों को शुभकामनाएं और बधाई भी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरबा सहित पूरे प्रदेश वासियों के हित के लिये सभी जरूरी काम और योजनाएं संचालित करने के लिये प्रतिबद्ध है। लम्बे समय से रूके कई जनहितकारी कामों को इस दौरान शुरू किया गया है और आगे भी प्रदेश वासियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी काम मंजूर किये जाएंगे।इस कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य श्री संतोष राठौर, श्रीमती सपना चैहान, पार्षद श्री रविसिंह चंदेल, धनसाय साहू, दिनेश सोनी, एल्डर मैन श्रीमती गीता गभेल, श्री एस. मूर्ति, श्री बच्चु लाल मखवानी, पूर्व पार्षद श्री रामगोपाल यादव सहित चेम्बर ऑफ काॅमर्स के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेन्द्र अग्रवाल तथा श्री विकास सिंह भी मौजूद रहे।राताखार से तुलसी नगर गेरवाघाट नया पुल तक इस सड़क का निर्माण डीएमएफ मद से किया जा रहा है।
सड़क निर्माण की कुल लागत दो करोड़ 62 लाख 62 हजार रूपये है। बी.टी. कार्य के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने कोरबा वासियों को इस सड़क की सौगात के लिये राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल के अथक प्रयासों से ही इस सड़क की स्वीकृति मिली थी और अब इस सड़क का बी.टी. काम भी जल्द ही हो जाएगा।
उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में विकास के लिये राजस्व मंत्री के मार्गदर्शन को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि कोरबा के विकास के लिये जरूरी सभी योजनाओं-परियोजनाओं पर मंथन कर स्वीकृति दी जा रही है और तेजी से काम भी शुरू किये जाएंगे। उन्होंने शहर के विकास कार्यों के लिये अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ नगर वासियों के सहयोग एवं समन्वय को भी जरूरी बताया। - छह फिट की दूरी का पालन करना अनिवार्य, दर्शनार्थियों का छठ घाट जाना रहेगा मना
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किये निर्देश
कोरबा : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने केवल पूजा करने वाले व्यक्ति को छठ घाट जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। छठ पूजा करने जाने वाले व्यक्ति को कोविड प्रोटोकाॅल का सख्ती से पालन करना होगा।कलेक्टर ने पूर्वांचल सर्व समाज विकास समिति कोरबा के निवेदन के आधार पर कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए केवल पूजा करने वाले व्यक्ति को पूजा स्थल में जाने की अनुमति प्रदान की है। कलेक्टर ने इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिये हैं। कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशानुसार छठ घाट या पूजा स्थल पर जाने वाले व्यक्ति को शासन द्वारा जारी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करना होगा।
छठ घाट पर पूजा करने वाले व्यक्तियों को आगे पीछे, अगल-बगल में पर्याप्त फिजिकल डिस्टेंस सुनिश्चित करना होगा। छह फिट की दूरी सुनिश्चित करके छठ पूजा को सम्पन्न करने के निर्देश दिये गये हैं। पूजा स्थल में एंट्री-एक्जिट प्वाइंट और काॅमन एरिया में टच फ्री मोड में सेनेटाइजर रखना अनिवार्य होगा।पूजा स्थल में प्रवेश के समय प्रत्येक व्यक्ति का हाथ सेनेटाइजर से सेनेटाइज करने या धोने तथा थर्मल स्केनिंग किया जाना अनिवार्य होगा। काॅमन एरिया में छह फिट की दूरी के मार्कर बनाया जाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक व्यक्ति के लिये मास्क पहनकर फिजिकल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार खुले मैदान, तालाब, नदी में पूजा की गतिविधियों के संचालन करते समय दो व्यक्तियों के बीच छह फिट की दूरी होना आवश्यक होगा। छठ घाट या पूजा स्थल पर कोरोना के लक्षण रहित व्यक्तियों को ही भाग लेने की अनुमति होगी। सार्वजनिक पूजा स्थल या छठ घाट में कोरोना के लक्षण जैसे- सर्दी, खांसी, बुखार वाले लोगों का कार्यक्रम स्थल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
छठ घाट, पूजा स्थल, सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटका खाकर एवं अन्यथा थुकना मना रहेगा। कार्यक्रम के आयोजक आगंतुकों द्वारा छोड़े गये मास्क, फेस कवर, दस्तानों को मेडिकल वेस्ट मानते हुए नियमानुसार उसका समुचित निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। आयोजन स्थल पर कहीं भी प्रसाद वितरण, भोज-भण्डारा करने की अनुमति नहीं होगी।
कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। पूजा स्थल पर जाने के कारण किसी व्यक्ति का संक्रमित हो जाने पर ईलाज का सम्पूर्ण खर्च छठ पर्व आयोजकों, समितियों द्वारा किया जाएगा। शासन द्वारा समय-समय पर जारी कोविड-19 संबंधी प्रोटोकाॅल का पालन करना अनिवार्य होगा। शासन द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। - मक्का बेचने के लिये जिले के दो हजार 686 किसानों ने कराया पंजीयन
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने धान खरीदी केन्द्रों में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने अधिकारियों को दिये निर्देश
कोरबा : खरीफ वर्ष 2020-21 में धान-मक्का खरीदी के लिये जिले के किसानों का पंजीयन पूरा कर लिया गया है। इस खरीफ सीजन में जिले के 32 हजार 589 किसान 27 समितियों के माध्यम से अपना धान बेचेंगे। जिले में धान खरीदी के लिये कुल 32 हजार 589 किसानों का पंजीयन है। इस वर्ष नये पंजीकृत किसानों की संख्या पांच हजार 746 है।पिछले वर्ष 27 हजार 694 पंजीकृत किसानों द्वारा समितियों के माध्यम से धान बेचा गया था। धान खरीदी के लिये सभी पंजीकृत किसानों के धान के रकबे का खसरा सत्यापन की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देशानुसार धान खरीदी केन्द्रो में भी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित की जा रही है। कलेक्टर ने अधिकारियों को धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के पूर्व फड़, कम्प्यूटर, प्रिंटर, कांटा-बांट, जनरेटर, यूपीएस, नमी मापक यंत्र, डेªनेज, केप कव्हर्स इत्यादि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
जिले में मक्का खरीदी के लिये मक्का बेचने वाले किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है। मक्का खरीदी जिले में 41 समितियों के माध्यम से की जाएगी। जिले में मक्का बेचने के लिये कुल दो हजार 686 पंजीकृत किसान हैं। इस वर्ष मक्का बेचने के लिये नया पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या कुल 595 है। मक्का खरीदी के लिये दो हजार 686 मक्का किसानों के 403 हेक्टेयर मक्के के रकबे का सत्यापन भी पूरा कर लिया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिये किसानों के पंजीयन की अवधि 17 नवंबर तक बढ़ानेे के बाद जिले में नये-पुराने मिलाकर 32 हजार 589 किसानों का पंजीयन किया गया है। इन पंजीकृत किसानों का धान के फसल का रकबा 48 हजार 113 हेक्टेयर है।
जिले में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये पांच हजार 746 नये किसानों ने सहकारी समितियों में अपना पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष धान खरीदी के लिये जिले में 27 हजार 694 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से इस वर्ष रकबा सत्यापन के बाद 851 किसानों का पंजीयन निरस्त हुआ है। पिछले वर्ष के पंजीयन अनुसार 26 हजार 843 किसानों के धान के रकबे के सत्यापन के बाद 42 हजार 274 हेक्टेयर रकबे की सोसायटी माॅड्युल में खसरा प्रविष्ट किया गया है। इसी प्रकार पांच हजार 746 नये पंजीकृत किसानों के पाॅंच हजार 838 हेक्टेयर धान के रकबे की इंट्री सोसायटी माॅड्युल में हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि किसानों की सुविधा के लिये राज्य शासन ने धान खरीदी के लिये किसानों के पंजीयन की तिथि 17 नवंबर तक बढ़ाया था। धान एवं मक्का खरीदी के लिये जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं पड़ी।
पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन किया किया गया है। खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया गया है। - कोरबा : सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में शिक्षण 2021-22 में कक्षा छठवीं तथा नौंवी में बालकों के प्रवेश के लिये ऑनलाइन आवेदन 19 नवम्बर तक भरे जाएंगे। आवेदन करने ऑनलाइन प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू हो गई है।
आवेदन की अंतिम तिथि 19 नवम्बर निर्धारित है। आवेदक इस तिथि तक सैनिक स्कूल सोसाइटी रक्षा मंत्रालय की वेबसाईट https://aissee.nta.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 10 जनवरी 2021 को आयोजित होगी। इस प्रवेश परीक्षा के लिये भरे गये आवेदन पत्रों में संशोधन 23 नवम्बर से 29 नवम्बर 2020 तक ऑनलाइन किये जा सकेंगे। - लूज बोल्डर चेक, भूमिगत डाईन निर्माण, गौबियन स्ट्रक्चर जैेसे एक हजार 303 काम पूरे
कोरबा : राज्य शासन की महत्वकांक्षी नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी योजनांतर्गत नरवा विकास के तहत जिले में 56 नालों का विकास हो रहा है। नालों का विकास होने से सिंचाई का रकबा बढ़ेगा तथा भूमिगत जल स्तर में भी सुधार होगा। नरवा विकास होने से जिले में जल स्त्रोतों का पुनर्जीवन होगा जिससे पानी की समस्या भी दूर होगी।
नरवा विकास योजनांतर्गत सिंचाई सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। नरवा विकास कार्यक्रम में सिंचाई का क्षेत्र बढ़ाने और भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिये संचालित की जा रही नरवा विकास योजना के तहत वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है।
मनरेगा मद से राजस्व क्षेत्र में 48 तथा कैम्पा मद से वन विभाग द्वारा आठ नालों का चयन किया गया है। चयनित नालों में विभिन्न संरचनाएं ब्रश वुड चेक, गली प्लग निर्माण, लूज बोल्डर चेक, भूमिगत डाईन निर्माण तालाब निर्माण, स्टाॅप डेम गौबियन स्ट्रक्चर तथा डबरी निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
जिले में नरवा विकास योजनांतर्गत 56 नालों में एक हजार 303 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 263 कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। जिले में 56 नालों के विकास करके दो लाख 22 हजार 049 हेक्टेयर भूमि उपचारित की जा रही है।
जनपद कोरबा में 10 नालों का विकास किया जा रहा है जो कि राजस्व और वन क्षेत्रों में स्थित है। दस नालों की कुल लम्बाई 146 किमी है जिससे 23 हजार 523 हेक्टेयर नाले का कैचमेंट एरिया सृजित होगी। इसी प्रकार जनपद करतला में नौ, कटघोरा में आठ, पाली में 12 तथा पोड़ी-उपरोड़ा में नौ नालों का विकास किया जा रहा है। वनमण्डल कोरबा के अंतर्गत एक नाला तथा वनमण्डल कटघोरा के अंतर्गत सात नालों का विकास किया जा रहा है। - राजस्व मंत्री ने किया दर्री तहसील कार्यालय का शुभारंभ, कामकाज की हुई शुरूआत
कोरबा : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज नयी बनी तहसील दर्री के कार्यालय का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दर्री को तहसील का दर्जा यहां की जनता को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की तरफ से दीवाली का तोहफा है।श्री अग्रवाल ने कहा कि कल ही मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में 23 नई तहसीलों का उद्घाटन किया है और आज से इन तहसीलों में कामकाज भी शुरू हो गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरबा जिले को भी दो तहसीलों दर्री और हरदीबाजार की सौगात दी है।
अब इन दोनों क्षेत्रों के निवासियों को अपने छोटे-छोटे कामों, जमीन का नामांतरण, बटवारा, फौती आदि के लिये दूर कटघोरा तक नहीं जाना पड़ेगा। श्री अग्रवाल ने कहा इससे लोगों के समय और पैसे दोनो की बचत होगी और शासन की योजनाओं का लाभ तेजी से अधिक से अधिक लोगों को मिल सकेगा।
राजस्व मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और दर्री क्षेत्र के निवासियों को दीपावली तथा धनतेरस की बधाई भी दी। कार्यक्रम में महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर सोनी, पूर्व सभापति श्री दुरपाल सिंह कंवर, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित वरिष्ठ नागरिक श्री श्रीकांत बुधिया, महेश भवनानी, श्रीमती सपना चैहान, श्री जे. पी. अग्रवाल, श्रीमती कुसुम द्विवेदी और नगर निगम के एल्डरमेन तथा पार्षद भी शामिल हुए।जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम श्रीमति प्रियंका महोबिया, नगर निगम कमीशनर श्री एस. जयवर्धन और कटघोरा के एसडीएम श्री अभिषेक शर्मा भी मौजूद रहे।
तहसील कार्यालय के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने राज्य शासन को 25 नई तहसीलों के गठन का प्रस्ताव भेजा था जिसमें से अभी 23 तहसीलें बना दी गईं हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कोरबा में पसान और बरपाली को भी जल्द ही नईं तहसीलों का दर्जा मिलेगा। इसके साथ ही श्यांग-लेमरू क्षेत्र के निवासियों को भी अपने कामों को तेजी से कराने की अजगरबहार और मदनपुर क्षेत्र में दो नई उप तहसीलें भी बनाई जाएंगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि नई बनायी गयी तहसीलों के लिये राज्य शासन ने भवन और वाहन की भी स्वीकृति दे दी है। राजस्व मंत्री ने कहा कि पाली को भी जल्द ही एसडीएम कार्यालय की सौगात मिलने वाली है। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिये सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं गईं हैं और आने वाले दिनों में पाली में एसडीएम कार्यालय भी शुरू हो जाएगा।
राजस्व मंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कोरोना काल में भी राज्य सरकार ने जनकल्याण के अपने कार्यक्रम और योजनाओं का पूरी क्षमता से संचालन किया है जिससे प्रदेश वासियों को कई सुविधाएं मिलीं हैं। कोरबा जिले मंे मेडिकल काॅलेज की स्थापना भी जल्द ही होगी। नदी पार दर्री और बलगी क्षेत्र मे पानी की समस्या से जुझ रहे 25 वार्डों को भी हसदेव नदी पर एनिकेट का निर्माण होने पर राहत मिल जाएगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र की सभी जर्जर सड़कांे की मरम्मत और कुछ नई सड़कें बनाने के लिए भी मंजूरी मिल गई है जल्द ही इन पर काम शुरू हो जाएगा। श्री अग्रवाल ने कोविड संक्रमण से निपटने के लिये धैर्य के साथ शासन-प्रशासन करने के लिये भी जिले वासियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने दर्री को तहसील बनाने को प्रदेश सरकार और राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल की दूरदर्शिता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि अब लोगों को तेजी से शासकीय योजनाओं का लाभ मिलेगा। दर्री क्षेत्र के लोगों को कटघोरा तक नहीं जाना पड़ेगा। इस अवसर पर सुखद सहारा योजना के तहत पांच गरीब हितग्राहियों को ठंड से बचने के लिये कंबलों का भी वितरण राजस्व मंत्री ने किया। - करतला, कटघोरा और पाली को मिला एक और मौका
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में की समीक्षा
कोरबा : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की नाराजगी के बाद अब कोरबा और पोड़ी-उपरोड़ा जनपदों में गौठान स्थापना के कामों ने रफ्तार पकड़ ली है। कलेक्टर के निर्देश के बाद पिछले एक सप्ताह में इन दोनो जनपदों में 20 गौठान और नौ चारागाह बनाने के काम पूरे कर लिये गये हैं।समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास योजना की प्रगति की जानकारी सभी जनपदों के सीईओ से ली और साप्ताहिक समीक्षा की। श्रीमती कौशल ने करतला, कटघोरा और पाली जनपदों को एक और मौका देते हुए गौठानों के कामों को अगले एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश दिये।
इस बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार ने भी एनजीजीबी के कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की और सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को काम में देरी या लापरवाही करने वाली एजेंसियांे को बदलने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्रीमती कौशल ने एनजीजीबी के तहत कार्यों की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश पिछली बैठक में दिये थे। उन्होंने यह भी कहा था कि नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास के कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा के आधार पर जनपद पंचायतों का हर सप्ताह रैंक तय किया जाये और लगातार कमजोर प्रदर्शन वाले सीईओ के विरूद्ध कार्रवाई की जाये। कलेक्टर के निर्देशों के बाद अब काम मंे तेजी आई है।
बैठक में श्रीमती कौशल ने गौठानों में बन रही वर्मी कम्पोस्ट की मात्रा और बिक्री की भी जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने प्रमाणीकरण के लिये वर्मी कम्पोस्ट के नमूने जांच कराने रायपुर की लैब भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता प्रमाणित होने के बाद उसे बेचा जा सके। कलेक्टर ने वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग की तैयारियों के बारे में भी बैठक में अधिकारियों से पूछा। उन्हांेने पैकेजिंग के लिये बैग, छानने के लिये छन्नी आदि की व्यवस्था की जानकारी ली और अभी तक गौठानों में बन चुकी कम्पोस्ट खाद को जांच के बाद तत्काल पैकेजिंग कर आवश्यकतानुसार-मांग अनुसार बिक्री करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने नरवा विकास कार्यक्रम के तहत भी कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंता को सभी प्रभारी सब-इंजीनियरों का साप्ताहिक प्रगति प्रतिवेदन बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नरवा विकास के कार्यों में लक्ष्यानुसार प्रगति नहीं ला पाने वाले सब-इंजीनियरों पर भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
कलेक्टर ने गौठानों में बन गई लगभग 80 क्विंटल खाद को विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा आवश्यकतानुसार तत्काल खरीदने के भी निर्देश दिये। उन्होंने गौठानों में पानी की व्यवस्था के लिये नलकूप खुदाई, पंप स्थापना और बिजली की व्यवस्था भी तत्काल करने के भी निर्देश दिये। श्रीमती कौशल ने क्रेडा के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि जिन गौठान और चारागाहों में बिजली की व्यवस्था मुश्किल हो वहां सौर उर्जा चलित पंप स्थापना का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। - तीस नवम्बर तक काम पूरा करने का लक्ष्य, कलेक्टर ने की समीक्षा
कोरबा : सड़कांे की मरम्मत को लेकर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के प्रयास अब फलीभूत होकर धरातल पर उतरने लगे हैं। सड़क मरम्मत के कामों को लेकर कलेक्टर ने बार-बार एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और निर्माण एजेंसियों तथा ठेकेदारों को भी बैठकों में कड़े निर्देश तक दिये थे।
कलेक्टर श्रीमती कौशल के इन प्रयासों से ही जिले में खराब सड़कों के मरम्मत का काम तेज गति से किया जा रहा है। कटघोरा के एसडीएम श्री अभिषेक शर्मा ने बताया कि 15 दिन पहले कटघोरा से पाली पहुंचने में जिस सड़क पर एक घंटे से अधिक का समय लगता था अब मरम्मत के बाद उसी सड़क पर 45 मिनट में ही पाली तक पहुंचा जा रहा है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में आज फिर सड़कों की मरम्मत के कामों की प्रगति की गहन समीक्षा की। श्रीमती कौशल ने तीस नवंबर तक मरम्मत का काम पूरा करने का लक्ष्य पाने के लिये काम की गति बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार, एडीएम श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में कलेक्टर ने कोरबा-चांपा मार्ग पर मरम्मत के काम की प्रगति की जानकारी एसडीएम श्री सुनील नायक से ली। एसडीएम ने बताया कि बरबसपुर से इमलीडुग्गु तक रिपेयर का काम हो गया है। वहीं बरबसपुर से उरगा के बीच सड़क किनारे बन रही नाली बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
एसडीएम श्री सुनील नायक ने बताया कि कोरबा-चांपा मार्ग पर एनएचएआई के स्वामित्व वाले खण्ड पर मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। मड़वारानी के पास से सड़क पर गड्ढों के भरकर डामरीकरण के काम भी तेजी से चल रहा है। इस काम को 30 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को कहा कि सड़को की मरम्मत या निर्माण कार्य में किसी भी तरह की परेशानी आने पर उसे अपने तक ना रखें। वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाकर परेशानियों का निराकरण करायें और समय-सीमा में सड़क मरम्मत के कामों को गुणवत्ता के साथ पूरा करायें।
बैठक में कलेक्टर ने नई सड़कों के निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की भी समीक्षा की। श्रीमती कौशल ने ऐसे सभी प्रकरणों को दीवाली के बाद एक सप्ताह के भीतर निराकरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वीकृत हो चुके भूमि अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरणों में प्रभावितों के खातों में राशि जमा करने का काम भी जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। - कोरबा : जिला योजना समिति के कुल 12 सदस्यों का चुनाव 26 नवम्बर को किया जाएगा। निर्वाचन प्रक्रिया सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक निर्धारित किया गया है। जिला पंचायत एवं नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों द्वारा समिति के सदस्यों का चुनाव किया जाएगा।
जिला योजना समिति कोरबा के लिये जिला पंचायतों के सदस्यों के बीच से आठ सदस्य एवं नगरीय क्षेत्रों के निर्वाचित पार्षदों के बीच से नगर निगम से तीन एवं नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों से एक सदस्य का निर्वाचन किया जाएगा। समिति के सदस्यों के चुनाव के लिये जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्यों एवं नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों का सम्मेलन सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। जिला पंचायत सदस्यों का सम्मेलन समिति के आठ सदस्यों के निर्वाचन के लिये जिला पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में आयोजित किया जाएगा।
नगरीय क्षेत्रों के निर्वाचित सदस्यों में से चार सदस्यों के चुनाव के लिये पार्षदों का सम्मेलन नगर पालिक निगम कोरबा के सभा कक्ष में आयोजित किया जाएगा। समिति के सदस्यों का नाम निर्देशन के लिये दोपहर 12 बजे से एक बजे तक का समय तय किया गया है। नाम निर्देशन की संवीक्षा करने का समय दोपहर एक बजे से डेढ़ बजे तक तय किया गया है। नाम निर्देशन वापस लेने का समय डेढ़ बजे से दो बजे तक का तय किया गया है। आवश्यक होने पर मतदान करने का समय दोपहर दो बजे से तीन बजे निर्धारित किया गया है। मतों की गणना के लिये दोपहर तीन बजे से चार बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।
जिला योजना समिति में सदस्यों के निर्वाचन के लिये पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। जिला पंचायत के सदस्यों में से आठ सदस्यों के निर्वाचन के लिये डिप्टी कलेक्टर कोरबा श्री आशीष देवांगन को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। उप संचालक जिला योजना एवं सांख्यिकी श्री एम.एस. कंवर सहायक पीठासीन अधिकारी होंगे। नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों में से चार सदस्यों के निर्वाचन के लिये डिप्टी कलेक्टर कोरबा श्री भरोसा राम ठाकुर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। - कोरबा : कोरबा वनमण्डल के अतंर्गत कोसाबाड़ी कोरबा में संचालित संजीवनी विक्रय केन्द्र में वनौषधियों के साथ अब हर्बल उत्पादों का गिफ्ट पैक भी बिक्री के लिये उपलब्ध है। वन विभाग द्वारा संचालित संजीवनी विक्रय केन्द्र में बांस की टोकरी में वनौषधि व काढ़ा समेत अन्य हर्बल सामानों का गिफ्ट पैक आमजनों को बेचने के लिये उपलब्ध हो गया है।
कोरोना वायरस के रोकथाम और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर्बल गिफ्ट पैक बेचने का निर्णय लिया गया है। संजीवनी विक्रय केन्द्र हनुमान मंदिर के सामने कोसाबाड़ी कोरबा में संचालित है। यहां जंगल की जड़ी बूटियों से बनी वनौषधि की बिक्री की जा रही है।इस विक्रय केन्द्र में उच्च गुणवत्ता के शहद भी उपलब्ध है। अतरिया समेत अन्य वन्य क्षेत्रों से शहद इकट्ठा कर कानन पिंडारी चिड़िया घर स्थित शहद प्रसंस्करण केन्द्र में लाया जाता है। शहद प्रसंस्करण केन्द्र से शहद को बाॅटल में बंद कर संजीवनी केन्द्र में पहुंचाया जाता है।
संजीवनी विक्रय केन्द्र में शहद के अलावा गिलोय, काजू, सर्वज्वर हर काढ़ा, च्यवनप्राश, त्रिफला, इमली कैंडी, आंवला मुरब्बा, सेनेटाइजर, जामुन जूस, सर्दी खांसी नाशक, आंवला कैंडी आदि हर्बल उत्पादों की बिक्री की जा रही है।इन सामानों को संजीवनी विक्रय केन्द्र से प्राप्त कर सकते हैं। पैकेट में सामान की मात्रा के हिसाब से कीमत तय की गई है। वनौषधियां बिक्री के लिये 50 ग्राम शहद, 100 ग्राम सर्वज्वर हर चूर्ण, इमली कैंडी, 100 मिली सेनेटाइजर और 50 ग्राम आंवला लच्छा आदि अलग-अलग पैकेटों में उपलब्ध हैं।