- जिले के प्रभारी मंत्री डॅा.टेकाम ने किया धान उपार्जन केंद्र कनकी का निरीक्षण
डाॅ. टेकाम ने कनकी स्थित पुरातात्विक स्थल कनकेश्वर धाम का किया दर्शन
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय सिंह टेकाम कोरबा प्रवास के दौरान विकासखंड करतला के कनकी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पहुंच कर पूजा - अर्चना की। इस दौरान डाॅ. टेकाम ने पुरातात्विक मंदिर कनकेश्वर पहुंचकर मंदिर प्रांगण में स्थित विभिन्न प्राचीन मूर्तियों और शिला लेखों का अवलोकन किया।
इस दौरान डाॅ. टेकाम ने कनकेश्वर धाम में महामाया मंदिर में पहुंचकर जिले की खुशहाली के लिए मंगल कामना की। प्रभारी मंत्री ग्राम कनकी के ग्रामवासियों और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। प्रभारी मंत्री द्वारा ग्रामीणों के विभिन्न मांगों और समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया।
प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय ने धान खरीदी केंद्र कनकी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने धान खरीदी केंद्र में पहुंचकर धान उपार्जन केंद्र प्रबंधक समिति तथा किसानों से भी बात की। इस दौरान डाॅ. टेकाम ने अधिकारियों से कहा कि धान उपार्जन केंद्र में धान बेचने आये किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।
डॅा. टेकाम ने खरीदी केंद्र में आये हुए किसानों से बात की। किसानों ने धान बेचने के लिए रकबा संशोधन से संबंधित अपनी बातें प्रभारी मंत्री के समक्ष रखे। प्रभारी मंत्री ने एसडीएम एवं तहसीलदार को किसानों के रकबा संशोधन से संबंधित कार्यों को निश्चित समय में पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। धान खरीदी केंद्र पहुंचकर उन्होंने धान आवक की प्रक्रिया, धान की गुणवत्ता, तौल उपकरण, बारदानों की स्थिति, आर्द्रता मापी यंत्र, परखी, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, यूपीएस आदि की भी जानकारी ली ।
इस दौरान महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, कटघोरा विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित कई जनप्रतिनिधी, गणमान्य नागरिक तथा जिला प्रशासन की तरफ से, एसडीएम कोरबा सुनील नायक एवं सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। - विकास कार्यों को जानने युवाओं और ग्रामीणों सहित जिले वासियों ने दिखाई रूचि
कोरबा : राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों पर आधारित दो दिवसीय विकास फोटो प्रदर्शनी आज संपन्न हुआ।जिला कलेक्टोरेट परिसर में आयोजित इस प्रदर्शनी में राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों में किये गये विकास कार्यों, उपलब्धियों, कार्यक्रमों और नीतियों का फोटो के माध्यम से प्रदर्शन किया गया।
विकास प्रदर्शनी को देखने बड़ी संख्या में युवा और ग्रामीणजन प्रदर्शनी स्टाल तक आये। विकास प्रदर्शनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच खासा चर्चित रहा। प्रदर्शनी के माध्यम से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को जानने के लिए बड़ी संख्या में जिले के नागरिक कलेक्टोरेट परिसर आकर अवलोकन किये।
जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस फोटो प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को फोटो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में बिजली बिल हाफ योजना, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ योजना, गोधन न्याय योजना, 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी न्याय योजना, गौठान, उद्यानिकी सहित विभिन्न योजनाओं पर आधारित आकर्षक फोटो को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा आयोजन स्थल पर शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित पांपलेट और लघु पुस्तिकाओं का भी निशुल्क वितरण भी किया गया। -
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में वनांचल क्षेत्र की महिलाओं का हो रहा सफलतापूर्वक इलाज
कोरबा : विकासखंड पाली के वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में बसे महिलाओं को गर्भावस्था से संबंधित और अन्य इलाज के लिए बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में महिलाओं से संबंधित सभी बीमारियों के इलाज की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।
पाली स्थित स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर गर्भावस्था वाले मामलों का सफलतापूर्वक इलाज भी किया जा रहा है। वनांचल में रहने वाले लोगों को बड़े शहरों में जाकर महंगे इलाज करवाने से मुक्ति मिल गई है। 30 बिस्तरों वाले 8 वार्डयुक्त पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों के ईलाज के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा इस अस्पताल में गर्भावस्था वाले गंभीर मामलों के त्वरित इलाज के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ की भी नियुक्ति की गई है। अस्पताल में स्थापित पैथोलॉजी लैब के द्वारा खून, पेशाब आदि की जांच भी की जा रही है। अस्पताल में सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर के साथ एक्स रे मशीन भी लगाई गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में ऑपरेशन से प्रसव करवाने की भी सुविधा है। अभी तक 53 महिलाओं का सफलतापूर्वक ऑपरेशन के द्वारा प्रसव करवाया जा चुका है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में पदस्थ डॉ हेमंत कुमार पैकरा ने बताया कि वनांचल क्षेत्र में बसा हुआ स्वास्थ्य केंद्र पाली जिसकी दूरी जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर तथा बिलासपुर से 50 किलोमीटर है। डॉ पैकरा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले अनेक गांव दुर्गम और दूरस्थ है इसके बावजूद सभी गर्भवती माताओं का पंजीयन कराया गया है।
आसपास के लोगों को समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण तथा सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डॉ पैकरा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में संस्थागत प्रसव तथा अन्य सुविधाएं लगातार बढ़़ रही है। डॉक्टर पैकरा ने बताया कि पाली स्थित स्वास्थ्य केंद्र में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तथा प्रसव पूर्व देखभाल की भी सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिलाओं को उनकी बीमारी से संबंधित समस्याओं से संबंधित उचित सलाह एवं उपचार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जितने भी हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाले केस रहते हैं उसका समय पर ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और मैनेजमेंट किया जाता है तथा हाई रिस्क वाले केस को एक सप्ताह पूर्व ही भर्ती कर उपचार प्रारंभ कर दिया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन संबंधी सलाह एवं उपचार भी किया गया है जिसके कारण परिवार नियोजन संबंधी केस में बढ़ोतरी हो रही है।
डाॅ. पैकरा ने बताया कि ग्राम ईरफ निवासी श्रीमती सुंदरी को गर्भावस्था के दौरान प्रसव के लिए कटघोरा से रिफर किया गया था। इस समय वह एनीमिक थी। सुंदरी की शरीर में लगभग सात ग्राम खून था एवं बीपी भी उतार-चढ़ाव हो रहा था। सुंदरी की सोनोग्राफी रिपोर्ट में देखने पर इक्टोपिक प्रेगनेंसी था।
इनको उसी समय दो यूनिट ब्लड दिया गया परंतु इंटरनल रक्त प्रवाह होने के कारण ब्लड मैनेजमेंट नहीं हो पाया और रात्रि 11 बजे सुंदरी का ऑपरेशन करना पड़ा। सुंदरी को दो यूनिट रक्त दिया गया और सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर लिया गया। इसी प्रकार ग्राम रेंकी की श्रीमती कौशल्या पटेल को गर्भाशय में गांठ की समस्या थी इनका पूर्व में बिलासपुर के प्राइवेट क्लीनिक में इलाज चल रहा था। लेकिन फिर भी ठीक नहीं हो पा रही थी श्रीमती कौशल्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना उपचार कराने के लिए आई उस समय सीवियर एनीमिक थी। कौशल्या के शरीर में छह ग्राम खून था।
कोैशिल्या को दो यूनिट खून दिया गया जिसके कारण खून की मात्रा बढ़कर आठ ग्राम हो गया। डाॅ. पैकरा ने बताया कि कौशिल्या की गर्भाशय की गांठ का आपरेशन विशेषज्ञ डाक्टरों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक किया गया। -
डॉ टेकाम ने गौठान में हो रहे आजीविका संवर्धन के कार्यों की सराहना की
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम ने आज विकासखंड कोरबा के ग्राम पंचायत बेला और नगर निगम क्षेत्र गोकुल नगर में स्थित गौठानों का निरीक्षण किया। प्रभारी मंत्री ने गौठानों में हो रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन के कार्यों का अवलोकन किया।
डॉ टेकाम ने बेला गौठान में किये गए कार्यो और महिला समूहों द्वारा किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों की सराहना भी की। बेला गौठान निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा महत्वकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बड़ी योजनान्तर्गत ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को बधावा दिया जा रहा है।
उन्होने कहा कि गांव में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने गांव की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ टेकाम ने बेला गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं और समिति प्रबंधक से भी बात की।उन्होंने समूह की महिलाओं द्वारा की जा रही मशरूम उत्पादन और उनसे होने वाले मुनाफा की बात सुन कर समूह की महिलाओं की तारीफ और सराहना की।
डॉ टेकाम ने गौठान में वर्मी टैंक, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ मुर्गीपालन शेड, एजोला उत्पादन, मिनी राइस मिल और चारागाह का अवलोकन किया। इस दौरान महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, कटघोरा विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित कई जनप्रतिनिधी, गणमान्य नागरिक तथा जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एसडीएम कोरबा सुनील नायक एवं पशुपालन, उद्यानिकी, कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
गोकुल नगर गौठान में निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने गोबर संग्राहकों से चर्चा की और गोैधन न्याय योजना के बारे में पूछा। गोबर संग्राहकों ने सरकार की दो रूपये किलो गोबर खरीदी की इस योजना को गांवों और गरीबों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया और छत्तीसगढ़ की सरकार को ऐसी योजना शुरू करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
प्रभारी मंत्री ने इस दौरान गोठान में स्थापित मशीन से गोबर के बड़े-बड़े लकड़ीनुमा लट्ठे बनाने का भी अवलोकन किया। गोठान की महिलाओं ने बताया कि इन लट्ठों को बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए बेचा जाता है।
प्रभारी मंत्री ने गोठान परिसर के पास स्थित पशु चिकित्सालय में मवेशियों के ईलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया और उपस्थित पशु चिकित्सक को गोठान में आने वाले पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और ईलाज करने के निर्देश दिए। डाॅ. टेकाम ने गोठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन करने वाली महिलाओं से भी चर्चा की। गोठान समिति के सदस्यों ने प्रभारी मंत्री को गोबर से बने स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। - छात्रों से की बात, लाईबे्ररी और लैब का किया अवलोकन
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय टेकाम ने आज नगर निगम क्षेत्र वार्ड नंबर 14 पंप हाउस कालोनी में स्थापित स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मिडियम स्कूल का निरीक्षण किया।
उन्होंने स्कूल परिसर में कक्षाओं के लिए निर्मित भवनों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से ली। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान परिसर के प्रायमरी और मिडिल सेक्शन का निरीक्षण किया और स्कूल में विकसित सुविधाओं तथा पढ़ाई के लिए अनुकूल सकारात्मक वातावरण के साथ बेहतरीन तैयारियां करने कलेक्टर तथा जिला शिक्षा अधिकारी की प्रशंसा की।
डॅा. टेकाम ने स्कूल के डीजिटल क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलाॅजी लैब सहित लाईबे्ररी और स्पोटर््स रूम में भी गये और वहां उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया। प्रभारी मंत्री ने डिजिटल क्लास रूम में बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के तरीके को भी देखा और बच्चों से बात भी की। डॅा. टेकाम ने बच्चों के बीच बैठकर फोटो भी खिंचाई तथा उन्हें ध्यान से मन लगाकर पढ़ने को कहा।
प्रभारी मंत्री ने परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान नगर निगम के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार के विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर सोनी, सांसद प्रतिनिधि श्री हरीश परसाई, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन, एसडीएम श्री सुनील नायक और जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पाण्डेय भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में पंपहाउस कोरबा, पाली और हरदीबाजार में तीन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल शुरू किये गये हैं। पंपहाउस के इंग्लिश मिडियम स्कूल में बने पुस्तकालय में एक बार में 36 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इस पुस्तकालय में 1300 से अधिक पुस्तकें हैं। बच्चों को पढ़ने के लिए विषयों के साथ-साथ बाल कहानियों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान, महापुरूषों की जीवनियां आदि शिक्षाप्रद पुस्तकें भी इस पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।
स्कूल में रोबोटिक लैब भी बनाई गई है। जहां एक बार में 16 छात्र-छात्राओं के माइक्रो प्रोसेसर, लाजिक, कोडिंग सिखाने की व्यवस्था है। स्कूल के कंप्यूटर लैब में एक साथ 24 छात्र-छात्राएं पढ़ सकते हैं। भाषा लैब में 40 छात्र-छात्राओं के एक साथ 20 टैब के माध्यम से अध्यापन कार्य की व्यवस्था है।
भौतिक लैब, बायो एवं रसायन लैब में 16- 16 विद्यार्थी कुल 48 विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग पे्रक्टिकल करने की व्यवस्था है। स्कूल में मैथ्य लैब, स्मार्ट क्लास, विद्यार्थियों को बैठने के लिए माड्यूलर फर्नीचर भी है। अंगे्रजी माध्यम के इस स्कूल में नई शिक्षा पद्धत्ति के अनुरूप अध्यापन एवं मूल्यांकन कार्य की व्यवस्था की गई है। शिक्षकों द्वारा 07 सितंबर 2020 से आॅनलाईन क्लास ली जा रहीं हैं। - डॉ टेकाम ने गौठान में हो रहे आजीविका संवर्धन के कार्यों की सराहना की
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम ने आज विकासखंड कोरबा के ग्राम पंचायत बेला और नगर निगम क्षेत्र गोकुल नगर में स्थित गौठानों का निरीक्षण किया। प्रभारी मंत्री ने गौठानों में हो रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन के कार्यों का अवलोकन किया।
डॉ टेकाम ने बेला गौठान में किये गए कार्यो और महिला समूहों द्वारा किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों की सराहना भी की। बेला गौठान निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा महत्वकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बड़ी योजनान्तर्गत ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को बधावा दिया जा रहा है।उन्होने कहा कि गांव में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने गांव की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
डॉ टेकाम ने बेला गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं और समिति प्रबंधक से भी बात की। उन्होंने समूह की महिलाओं द्वारा की जा रही मशरूम उत्पादन और उनसे होने वाले मुनाफा की बात सुन कर समूह की महिलाओं की तारीफ और सराहना की। डॉ टेकाम ने गौठान में वर्मी टैंक, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ मुर्गीपालन शेड, एजोला उत्पादन, मिनी राइस मिल और चारागाह का अवलोकन किया।
इस दौरान महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, कटघोरा विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित कई जनप्रतिनिधी, गणमान्य नागरिक तथा जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एसडीएम कोरबा सुनील नायक एवं पशुपालन, उद्यानिकी, कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
गोकुल नगर गौठान में निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने गोबर संग्राहकों से चर्चा की और गोैधन न्याय योजना के बारे में पूछा। गोबर संग्राहकों ने सरकार की दो रूपये किलो गोबर खरीदी की इस योजना को गांवों और गरीबों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया और छत्तीसगढ़ की सरकार को ऐसी योजना शुरू करने के लिए धन्यवाद भी दिया। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान गोठान में स्थापित मशीन से गोबर के बड़े-बड़े लकड़ीनुमा लट्ठे बनाने का भी अवलोकन किया। गोठान की महिलाओं ने बताया कि इन लट्ठों को बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए बेचा जाता है।
प्रभारी मंत्री ने गोठान परिसर के पास स्थित पशु चिकित्सालय में मवेशियों के ईलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया और उपस्थित पशु चिकित्सक को गोठान में आने वाले पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और ईलाज करने के निर्देश दिए। डाॅ. टेकाम ने गोठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन करने वाली महिलाओं से भी चर्चा की। गोठान समिति के सदस्यों ने प्रभारी मंत्री को गोबर से बने स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। - छात्रों से की बात, लाईबे्ररी और लैब का किया अवलोकन
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय टेकाम ने आज नगर निगम क्षेत्र वार्ड नंबर 14 पंप हाउस कालोनी में स्थापित स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मिडियम स्कूल का निरीक्षण किया।उन्होंने स्कूल परिसर में कक्षाओं के लिए निर्मित भवनों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से ली।प्रभारी मंत्री ने इस दौरान परिसर के प्रायमरी और मिडिल सेक्शन का निरीक्षण किया और स्कूल में विकसित सुविधाओं तथा पढ़ाई के लिए अनुकूल सकारात्मक वातावरण के साथ बेहतरीन तैयारियां करने कलेक्टर तथा जिला शिक्षा अधिकारी की प्रशंसा की।
डॅा. टेकाम ने स्कूल के डीजिटल क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलाॅजी लैब सहित लाईबे्ररी और स्पोटर््स रूम में भी गये और वहां उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया। प्रभारी मंत्री ने डिजिटल क्लास रूम में बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के तरीके को भी देखा और बच्चों से बात भी की। डॅा. टेकाम ने बच्चों के बीच बैठकर फोटो भी खिंचाई तथा उन्हें ध्यान से मन लगाकर पढ़ने को कहा।
प्रभारी मंत्री ने परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान नगर निगम के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार के विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर सोनी, सांसद प्रतिनिधि श्री हरीश परसाई, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल सहित नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन, एसडीएम श्री सुनील नायक और जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पाण्डेय भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में पंपहाउस कोरबा, पाली और हरदीबाजार में तीन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल शुरू किये गये हैं। पंपहाउस के इंग्लिश मिडियम स्कूल में बने पुस्तकालय में एक बार में 36 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इस पुस्तकालय में 1300 से अधिक पुस्तकें हैं। बच्चों को पढ़ने के लिए विषयों के साथ-साथ बाल कहानियों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान, महापुरूषों की जीवनियां आदि शिक्षाप्रद पुस्तकें भी इस पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।
स्कूल में रोबोटिक लैब भी बनाई गई है। जहां एक बार में 16 छात्र-छात्राओं के माइक्रो प्रोसेसर, लाजिक, कोडिंग सिखाने की व्यवस्था है। स्कूल के कंप्यूटर लैब में एक साथ 24 छात्र-छात्राएं पढ़ सकते हैं। भाषा लैब में 40 छात्र-छात्राओं के एक साथ 20 टैब के माध्यम से अध्यापन कार्य की व्यवस्था है।
भौतिक लैब, बायो एवं रसायन लैब में 16- 16 विद्यार्थी कुल 48 विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग पे्रक्टिकल करने की व्यवस्था है। स्कूल में मैथ्य लैब, स्मार्ट क्लास, विद्यार्थियों को बैठने के लिए माड्यूलर फर्नीचर भी है। अंगे्रजी माध्यम के इस स्कूल में नई शिक्षा पद्धत्ति के अनुरूप अध्यापन एवं मूल्यांकन कार्य की व्यवस्था की गई है। शिक्षकों द्वारा 07 सितंबर 2020 से आॅनलाईन क्लास ली जा रहीं हैं। - प्रभारी मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने किया शुभारंभ
कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॅा. पे्रमसाय सिंह टेकाम ने आज राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों पर आधारित दो दिवसीय विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।जिला कलेक्टोरेट परिसर में आयोजित इस प्रदर्शनी में राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों में किये गये विकास कार्यों, उपलब्धियों, कार्यक्रमों और नीतियों का फोटो के माध्यम से प्रदर्शन किया गया है। प्रभारी मंत्री ने प्रदर्शन का शुभारंभ करने के बाद उसका अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी से प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में गांव, गरीब, युवा, महिला, आदिवासी सभी वर्गों की बेहतरी के लिए किए गये कामों की जानकारी लोगों को मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी एक तरह से सरकार के काम का लेखा-जोखा लोगों को बताने जैसा है।
प्रभारी मंत्री ने प्रदर्शनी के आयोजन के लिए जनसंपर्क विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को शुभकामनाएं भी दी। प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर कोरबा नगर निगम के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, विधायक पाली-तानाखार श्री मोहित केरकेट्टा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर, नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर सोनी, सांसद प्रतिनिधि श्री हरीश परसाई, पार्षद श्री सुरेन्द्र जायसवाल, एमआईसी सदस्य श्री संतोष राठौर एवं अन्य अधिकारी तथा जन प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस फोटो प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को फोटो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में बिजली बिल हाफ योजना, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ योजना, गोधन न्याय योजना, 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी न्याय योजना, गौठान, उद्यानिकी सहित विभिन्न योजनाओं पर आधारित आकर्षक फोटो को प्रदर्शित किया गया है।
इसके अलावा आयोजन स्थल पर शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित पांपलेट और लघु पुस्तिकाओं का भी निशुल्क वितरण किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क है। प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक खुली रहेगी। प्रदर्शनी कल भी जारी रहेगी। - जिला पंचायत सभाकक्ष में हुई पे्रस वार्ता
कोरबा : एक दिन बाद छत्तीसगढ़ में 17 दिसंबर को भूपेश सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॅा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पे्रस वार्ता आयोजित कर दो सालों में राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाई। डॅा. टेकाम ने कहा कि सरकार ने पिछले दो सालों में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ लक्ष्य को लेकर सभी वर्गों के विकास के लिए अनेकों योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से लेकर महिलाओं, बुजुर्गों, वनवासियों, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के निवासियों, सभी की बेहतरी के लिए कोविड काल में भी परिणाम देने वाला काम किया है। वैश्विक महामारी के दौर में जहां पूरा विश्व मंदी से जूझ रहा था, छत्तीसगढ़ में सरकार की गांवों और स्थानीय संसाधनों पर आधारित योजनाओं ने मंदी को राज्य में भटकने भी नहीं दिया। मनरेगा के तहत रोजगार के अवसर बढ़े, लोगों को रोजगार मिला, वनोपजों के संग्रहण की दर बढ़ाकर वनवासियों को फायदा पहुंचाया गया तो गोठानों की स्थापना कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी गई।
वादे पूरे करने वाली सरकार- प्रभारी मंत्री ने पे्रस और मीडिया के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने जो वादे चुनाव के समय प्रदेश की जनता से किये थे उनमें से अधिकांश वादे पूरे कर दिए गये हैं। सत्ता संभालते ही प्रदेश के 18 लाख किसानों का नौ हजार करोड़ रूपये का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया है। कोरबा जिले में सरकार की कृषि ऋण माफी योजना से 23 हजार किसान लाभान्वित हुए हैं और उनका 118 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ हो गया है। डॅा. टेकाम ने कहा कि सरकार ने किसानों को एक क्विंटल धान के लिए 25 सौ रूपये मूल्य देने का वादा किया था तो समर्थन मूल्य को छोड़कर राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को चार किश्तों में पांच हजार 750 करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध कराई है। जिसकी तीन किश्तें चार हजार पांच सौ करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। चैथी किश्त मार्च महिने में मिलेगी। डॅा. टेकाम ने बताया कि कोरबा जिले में 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड़ 62 लाख रूपये की राशि इस योजना के तहत मंजूर हुई है। कोरबा जिले के इन किसानों को तीन किश्तों में 53 करोड़ 25 लाख रूपये सीधे बैंक खाते में जमा करा दिया गया है।
दो रूपये किलो में गोबर खरीदने वाली देश की पहली सरकार- डॅा. टेकाम ने पे्रस वार्ता में बताया कि छत्तीसगढ़ में लागू गौधन न्याय योजना से प्रदेश के एक लाख 36 हजार गोबर विके्रता लाभान्वित हो रहे हैं। दो रूपये किलो में गोबर खरीदने वाली यह पहली सरकार है। जिसने गोबर विके्रताओं से अब तक 59 करोड़ रूपये का गोबर खरीद लिया है और उससे वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है। डाॅ. टेकाम ने कहा कि इस योजना से जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। पशुओं की देखभाल के साथ-साथ खेतों में लगी फसलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने बताया कि कोरबा जिले में अब तक 12 हजार गोबर विके्रताओं से 97 हजार क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है और इसके लिए उन्हें एक करोड़ 95 लाख रूपये से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हांरी नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी, एला बचाना हे संगवारी- डॅा. टेकाम ने पे्रस वार्ता में कहा कि पुराने समय से नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी छत्तीसगढ़ की पहचान रहे हैं। पिछली सरकारों के दौरान इनके विकास और संरक्षण पर उदासीनता दिखाई गई। कांगे्रस की भूपेश सरकार ने इन चारों पहचानों को बचाने की ठानी और इनके विकास के लिए योजना बनाई। आज छत्तीसगढ़ प्रदेश में 6430 गोठानों को मंजूरी दे दी गई है और उनमें से 4487 गोठान बन भी गये हैं। प्रभारी मंत्री ने बताया कि कोरबा जिले में 356 गोठान मंजूर हुए हैं। 224 गोठान पूरे हो गये हैं और 132 गोठानों का काम तेजी से जारी है। डॅा. टेकाम ने कहा कि गोठानों को ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। गोठान समितियों और महिला स्वसहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गोठानों में जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन तेजी से किया जा रहा है। कोरबा जिले में पहले चरण में 74 गोठानों में महिला स्वसहायता समूहों ने 112 टन वर्मी खाद बनाकर विभिन्न शासकीय विभागों को बेचा है। जिससे उन्हे लगभग 11 लाख रूपये की आमदनी हुई है।
नरवा विकास के कामों के लिए छत्तीसगढ़ को एवार्ड- डा.ॅ टेकाम ने कहा कि नरवा विकास के लिए किए गये कामों के लिए केंद्र सरकार से भी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और सूरजपुर जिले को नेशनल वाटर एवार्ड से सम्मानित किया गया है। जल संरक्षण और संवर्धन के लिए छोटे-बड़े नालों को पुनर्जिवित करने पूरे प्रदेश में एक हजार 028 नालों का चयन किया गया है। जिन पर ब्रशवुड चेक, गली प्लग निर्माण, लूज बोल्डर चेक, भूमिगत डाईक निर्माण, गेबियन स्ट्रेक्चर, स्टाप डेम चेक डेम, कंटूरबंड निर्माण, वृक्षारोपण जैसे कार्य कराये जा रहे हैं।
मनरेगा में मिला 27 लाख परिवारों के 57 लाख श्रमिकों को काम- डा.ॅ टेकाम ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक 27 लाख परिवारों को 57 लाख श्रमिकों को काम मनरेगा के तहत काम मिला है। गांव स्तर पर ही इससे साढ़े दस करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन, हुआ है और श्रमिकों को 2,305 करोड़ रूपये मजदूरी भुगतान किया गया है। प्रभारी मंत्री ने बताया कि कोरबा जिले में इस वर्ष मनरेगा से अब तक 79 हजार परिवारों के एक लाख 051 हजार श्रमिकों को रोजगार मिला है जिससे 28 लाख 18 हजार मानव दिवस के लिए श्रमिकों को 55 करोड़ 22 लाख 34 हजार रूपये की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में इस साल 1.28 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार मनरेगा के तहत मिला है। कोरबा जिले में इस वर्ष 3731 परिवारों को सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। पहली बार प्रदेश में 21 हजार से अधिक वन अधिकार पट्टाधारी परिवारों को 100 दिन से अधिक का रोजगार मनरेगा से मिला है। कोरबा जिले में भी वन अधिकार पट्टाधारी 1406 परिवारों को मनरेगा से एक सौ दिन से अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
महा नगरों की तर्ज पर बनेगा कोरबा में नया मेडिकल कालेज- प्रभारी मंत्री डा.ॅ टेकाम ने बताया कि कोरबा जिले में नया मेडिकल कालेज अगले सत्र से शुरू हो जायेगा। इस मेडिकल कालेज को महा नगरों के मेडिकल कालेज की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। प्रारंभिक तौर पर झगरहा के आईटी कालेज में 100 सीटर मेडिकल कालेज खुलेगा जिसके लिए प्रभारी डीन की नियुक्ति भी सरकार ने कर दी है। केंद्र अंश के रूप में 50 करोड़ रूपये का आबंटन भी प्राप्त हो गया है। इंडियन मेडिकल कौंसिल के निरीक्षण के लिए प्रक्रिया की जा रही है।
राशन कार्ड पर ईलाज की सुविधा देने वाली सरकार- पे्रसवार्ता में डाॅ. टेकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजना के तहत प्रदेश में राशन कार्ड के आधार पर भी ईलाज की सुविधा मिल रही है। उन्होंने बताया कि संभवतः राशन कार्ड पर ईलाज की सुविधा देने वाली छत्तीसगढ़ की सरकार देश की पहली सरकार है। डॅा. टेकाम ने बताया कि स्मार्ट कार्ड के अलावा एक रूपये किलो चावल प्राप्त करने वाले राशनकार्ड धारकों को सरकार द्वारा एक साल में एक लाख रूपये का ईलाज कराने की मुफ्त सुविधा दी जा रही है। एपीएल राशनकार्ड धारक एक साल में 50 हजार रूपये सीमा तक का ईलाज करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राज्य सरकार ने 14 गंभीर बिमारियों के लिए 20 लाख तक के ईलाज की सुविधा देने की योजना भी चलाई है। डाॅ. टेकाम ने यह भी बताया कि पूरे प्रदेश में डॅा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत शासकीय और निजी अस्पतालों में 65 लाख से अधिक परिवारों के मरीजों को अभी तक निःशुल्क ईलाज की सुविधा दी जा चुकी है। प्रभारी मंत्री ने बताया कि कोरबा जिले में इस योजना क तहत 19 हजार से अधिक मरीजों का निःशुल्क ईलाज किया जा चुका है। जिससे मरीजों को 15 करोड़ रूपये से अधिक के ईलाज खर्च का भार वहन नहीं करना पड़ा है। प्रभारी मंत्री ने बताया कि कोरबा जिले में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत जिले में 08 चलित अस्पतालों के माध्यम से अब तक साढ़े चार हजार से अधिक गरीब मरीजों का निःशुल्क ईलाज किया जा चुका है। जल्द ही दाई-दीदी क्लिनिक योजना के माध्यम से महिला चिकित्सकों द्वारा महिलाओं की स्वास्थ्य जांच और निःशुल्क ईलाज की सुविधा की शुरूआत की जायेगी।
कुपोषण हुआ कम, महिलाएं जुड़ीं रोजगार से - प्रभारी मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में कोरबा जिले में कुपोषण में लगभग 06 प्रतिशत की कमी। वर्ष 2019 में कुपोषण का स्तर 22.42 प्रतिशत था जो वर्तमान में 16.10 प्रतिशत है। प्रदेश में सुदूर ग्रामीण अंचलों के गरीब परिवारों की 06 लाख 12 हजार महिलाओं को विहान मिशन के तहत 55 हजार 814 स्वसहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ा गया है। कोरबा जिले में सुदूर ग्रामीण अंचलों के गरीब परिवारों की एक लाख एक हजार से अधिक महिलाओं को विहान मिशन के तहत नौ हजार 408 स्वसहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ा गया है। जिले में पिछले दो वर्ष में 2272 महिला स्वसहायता समूहों को रोजगार के लिए शासकीय अनुदान के रूप में लगभग साढ़े आठ करोड़ रूपये की सहायता दी गई है। प्रदेश में लाॅकडाउन के दौरान सुपोषण अभियान के तहत नियमित रूप से तीन लाख 34 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन का वितरण और 02 लाख 36 हजार बच्चों और महिलाओं को अन्य पौष्टिक आहार दिया गया है। कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण के दौरान लाॅकडाउन की अवधि में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत नियमित रूप से 52 हजार 922 हितग्राहियों को सूखा राशन वितरण किया गया है। प्रभारी मंत्री ने बताया कि कोरबा जिले के 2539 आंगनबाड़ी केंद्रों के लगभग एक लाख 17 हजार 112 हितग्राहियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से रेडी टू ईट का वितरण किया गया। प्रदेश में पिछले 02 वर्षों में 77 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए। कोरबा जिले में दो वर्षों में पांच हजार 705 बच्चे कुपोषण मुक्त हुए।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में संचालित प्रबल कार्यक्रम से एक से 06 वर्ष तक के 94 हजार 669 बच्चों को अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में अण्डा, मूंगफली लड्डू, चिक्की और गरम पौष्टिक भोजन दिया गया है। सुपोषित जननी योजना के तहत 21 हजार 115 शिशुवती एवं गर्भवती माताओं को अतिरिक्त पोषण आहार प्राप्त कर रहीं है।
कोरबा जिले में खुले तीन इंग्लिस मिडियम स्कूल, अब कोई कर्मी नहीं- प्रभारी मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब कोई शिक्षा कर्मी नहीं हैं। सभी पढ़ाने वालों को शिक्षक का पूर्ण दर्जा इस सरकार ने दे दिया है। पूर्व सरकार के द्वारा भर्ती शिक्षा कर्मियों को संविलियन कर शिक्षक बना दिया गया है। इसके साथ ही नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को अंगे्रजी माध्यम की अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकार ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत 53 उत्कृष्ट अंगे्रजी माॅडल स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया है। अगले साल ऐसे 100 नये स्कूल खुलेंगे। उन्होंने बताया कि कोरबा जिले में तीन नये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल कोरबा, हरदीबाजार और पाली में शुरू किये गये हैं। जिले में सात नये विद्यालय करतला, कटघोरा, छुरी, दीपका, एनसीडीसी कोरबा, पोड़ीउपरोड़ा और अंधरीकछार में खोलने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। कोरबा जिले में 230 नियमित शिक्षक भर्ती होंगे। प्रदेश में विगत दो वर्षों में 16 हजार 278 शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया गया है। कोरबा जिले में 697 शिक्षा कर्मियों का संविलियन हो गया है।
कोरोना काॅल में भी नहीं छुटी पढ़ाई- पे्रस वार्ता में प्रभारी मंत्री डॅा. टेकाम ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूलों का नियमित संचालन संभव नहीं था। फिर भी बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए राज्य सरकार ने आॅनलाईन पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाई के अन्य तरीकों को भी आजमाया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान पढ़ाई तुंहर द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 88 हजार विद्यार्थियों एवं 2400 शिक्षकों द्वारा आॅनलाईन कक्षाओं में अध्ययन अध्यापन किया गया। गांवों में लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाई का इंतजाम कर लगभग 400 शिक्षकों द्वारा साढ़े 13 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया गया। ब्लूटूथ आधारित बोल्टू के बोल कार्यक्रम के माध्यम से लगभग साढ़े तीन सौ शिक्षकों ने जिले के 06 हजार विद्यार्थियों को पढ़ने में सहयोग किया। - कोरबा : स्कूल शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. पे्रमसाय सिंह टेकाम 16 दिसंबर को कोरबा जिले के प्रवास पर रहेंगे। डाॅ. टेकाम जिले के अंगे्रजी माध्यम स्कूल सहित गोठान और धान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।
प्रभारी मंत्री सुबह 10 बजे पंप हाउस स्थित अंगे्रजी माध्यम स्कूल का निरीक्षण करेंगे। सुबह 11 बजे गोकुल नगर स्थित गोठान में चल रही गतिविधियों का जायजा लेंगे।छत्तीसगढ़ सरकार के सफलता पूर्वक दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सुबह 11.30 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित पे्रसवार्ता में शामिल होंगे।दोपहर 2.30 बजे कांगे्रस कार्यालय में कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे। प्रभारी मंत्री 3.30 बजे कनकी के धान खरीदी केंद्र का अवलोकन करेंगे और कनकेश्वर धाम में दर्शन करेंगे। इसके बाद वे बिलासपुर के लिए रवाना होंगे। -
प्रभारी मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे शुभारंभ
कोरबा : राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों पर आधारित दो दिवसीय विकास प्रदर्शनी का आयोजन जिला कलेक्टोरेट परिसर में 16 व 17 दिसंबर को किया जा रहा है। प्रदर्शनी का शुभारंभ जिले के प्रभारी एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे।
जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित इस फोटो प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को फोटो के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा। प्रदर्शनी में बिजली बिल हाफ योजना, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ योजना, गोधन न्याय योजना, 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी न्याय योजना, गौठान, उद्यानिकी सहित विभिन्न योजनाओं पर आधारित आकर्षक फोटो को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके अलावा योजनाओं से संबंधित पांपलेट और लघु पुस्तिकाओं का भी निशुल्क वितरण किया जाएगा। प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क है। प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक खुली रहेगी। -
जबलपुर के विशेषज्ञो ने वन अमले को सिखाये पेड़ों को रोग व्याधि से बचाने के गुर
कोरबा : वन मंडल कोरबा अंतर्गत पसरखेत परिक्षेत्र में आज साल और सागोैन के वृक्ष में होने वाली बीमारियों के संबंध में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।वृक्षों को रोग से बचाने यह प्रशिक्षण उष्ण कटिबंधीय वन शोध संस्थान जबलपुर के विशेषज्ञो द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में साल वृक्ष में होने वाले साल बोरर अटेक तथा सागौन वृक्ष में होने वाली स्केलेटनाइजर एवं लीफ डेफोलियेटर बीमारियों के बारे में बताया गया।
साल वृक्ष में लगने वाले साल बोरर का प्रकोप अधिकांशतः जून-जुलाई के महीने मे देखने को मिलता है। यह समय इन कीड़ो के पनपने के लिए बहुत ही अनुकूल होता है। प्रशिक्षण में बताया गया कि वृक्षों को बीमारियों से बचाने के लिए समय पर उपचार कर प्रकोप को कम किया जा सकता है।
प्रकोप को कम करने के लिए किए जाने वाले उपायो में रोग ग्रस्त पेडों को काट कर अलग करना या उसे काट कर जला देना या केमिकल से उपचार करना आदि शामिल हैं। इस प्रशिक्षण के दौरान प्रभाग प्रमुख एवं वैज्ञानिक वन सुरक्षा प्रभाग डॉ. पवन राणा, श्री आर के मालवीय एवं हेनरी थॉमस, वन मंडलाधिकारी कोरबा श्री एन गुरुनाथन, उप वन मंडलाधिकारी दक्षिण कोरबा तथा समस्त वन मंडल स्टाफ उपस्थित रहें। - आंगनबाड़ी के पौष्टिक आहार ने कुपोषित रिशिका को किया सुपोषित
कोरबा : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सुपोषण अभियान के तहत दिए जाने वाले पौष्टिक आहार कमजोर बच्चों के स्वास्थ्य परिवर्तन के साथ विपरीत आर्थिक परिस्थिति वाले परिजनों के जीवन में खुशियां फैला रहा है। गरीब तथा कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोगों के लिए अपने बच्चों को अच्छा और पौष्टिक खाना देना कठिन होता है।
अच्छा और पौष्टिक खाना ना मिलने के कारण बच्चे कम उम्र में ही कुपोषण का शिकार होकर कमजोर हो जाते हैं। ऐसे परिवार के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग सतत रूप से सजग और जागरूक होकर कुपोषण के खिलाफ लड़ रहे हैं।
सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों की पहचान कर महिला बाल विकास विभाग द्वारा नियमित रूप से बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में अंडा एवं मूंगफली लड्डू प्रदान किया जा रहा है। विभाग द्वारा बच्चों के हित में चलाये जा रहे सुपोषण अभियान द्वारा जिले के कई बच्चे कुपोषण से मुक्त होकर सुपोषित हो चुके हैं।
विकासखंड कटघोरा ग्राम चाकाधमना के उप स्वास्थ्य केंद्र ढुरेना में जन्मी रिशिका जन्म के समय स्वस्थ तथा सुपोषित थी। श्री राजकुमार एवं श्रीमती इंद्रवती जन्म के समय ढाई किलोग्राम की रिशिका के रूप में बच्ची पाकर खुश थे। एक साल तक रिशिका का स्वास्थ्य सामान्य श्रेणी में रहा तथा कुपोषण उससे दूर ही रही।
रिशिका की माता श्रीमती इंद्रवती की तबीयत खराब होने के कारण दूध आना बंद हो गया। इंद्रवती दूध ना आने के कारण रिशिका को स्तनपान कराने में असमर्थ भी हो गई। एक साल की रिशिका को दूध के अलावा बाहरी खाना खाने का समय चल रहा था। घर की विपरीत आर्थिक स्थिति के कारण महंगे पौष्टिक आहार नहीं खिला पाने की असमर्थता के कारण रिशिका का पोषण स्तर गिरने लगा। कमजोर पोषण स्तर के कारण रिशिका सामान्य श्रेणी से मध्यम श्रेणी में आ गई।
जून 2018 में रिशिका का वजन छह किलो 600 ग्राम हो जानेे से बच्ची कुपोषित हो गयी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती चंद्रकला कंवर के द्वारा बार-बार रिशिका के घर जाकर बच्ची के माता-पिता को बच्ची के स्वास्थ्य पर ध्यान और देखभाल करने पर जोर दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सजग रूप से कार्य करने के कारण उसके माता-पिता घर पर रिशिका को ऊपरी आहार देना शुरू किया तथा साथ में रिशिका के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान देने लगे।
एकीकृत बाल विकास परियोजना के अंतर्गत रितिका को प्रबल एवं सुपोषित योजना से जोड़ा गया। इस योजना अंतर्गत आंगनबाड़ी के द्वारा विशेष आहार के रूप में अंडा एवं मूंगफली लड्डू दिया जाने लगा। आंगनबाड़ी से प्राप्त रेडी-टू-ईट फूड को भी रिशिका के भोजन में शामिल किया गया। रिशिका के भोजन में स्थानीय हरी पत्तेदार सब्जियां व मुनगा भाजी को शामिल किया गया और बच्ची के मांग अनुसार बच्ची को खाना दिए जाने लगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिए जाने वाले पौष्टिक आहार के कारण बच्ची के वजन में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी इस दौरान रिशिका को बाल संदर्भ योजना से भी लाभान्वित किया गया। जून 2020 में वजन निगरानी के दौरान बच्ची का वजन 10 किलो 700 ग्राम से बढ़ने लगी। इस दौरान पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार रिशिका के घर में जाकर भेंट किया गया तथा खान-पान तथा उचित देखभाल के बारे में भी लगातार जानकारी दिया जाने लगा।
उचित खानपान और पौष्टिक आहार के कारण रिशिका का वजन अक्टूबर महीने में बढ़कर 12 किलो 400 ग्राम हो गया और रिशिका सामान्य श्रेणी में आ गई। सुपोषण अभियान के तहत किए गए प्रयास के द्वारा ही रिशिका कुपोषण से मुक्त होकर सुपोषित हो पाई। कुपोषण से मुक्त रिशिका तथा उसके माता पिता बहुत ही खुश है और सरकार की इस योजना के प्रति आभार भी जता रहे हैं। - कोरबा : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार के सफलतम 2 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिले के प्रभारी और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम 16 दिसंबर को प्रेस वार्ता करेंगे।
इस अवसर पर डॉ टेकाम प्रेस और मीडिया प्रतिनिधियों से सरकार के 2 वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा करेंगे। यह प्रेस वार्ता जिला पंचायत सभाकक्ष में सुबह 11:30 बजे से आयोजित की गई है। इस प्रेस वार्ता में आप सभी सभी मीडिया के साथी और पत्रकार बन्धु सादर आमंत्रित है।
-
कोरोबा : मुख्यमंत्री श्री बघेल संक्षिप्त प्रवास पर कटघोरा पहुँचे और हेलीकाप्टर द्वारा रायपुर के लिए रवाना हुए
-
मिट्टी के 25 साल पुराने बांध को किया ठीक, दो गांवों के 419 एकड़ रकबे में हो रही सिंचाई
अंतिम छोर तक पहुंचा पानी, नहरों के रख-रखाव की चिंता भी हुई दूर
कोरबा : कोरबा जिले के लबेद में बहने वाले नाले पर ग्रामीणों द्वारा 25 साल पहले बनाये गये मिट्टी के बांध को जल संसाधन विभाग द्वारा तकनीकी रूप से ठीक कर लगभग 419 एकड़ रकबे तक सिंचाई सुविधा बढ़ा दी गई है।
लबेद और गिद्धकुवांरी गांव के लगभग 180 से ज़्यादा किसानों को अब खरीफ में 280 एकड़ और रबी में 139 एकड़ रकबे में लगी फसलों के लिए भरपूर पानी मिल रहा है।बांध के जीर्णोद्धार के बाद अंतिम छोर के खेतों में भी आसानी से पानी पहुंच रहा है और अंतिम छोर के किसान भी अब रबी और खरीफ दोनों सीजन में सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा है। लबेद जलाशय के जीर्णोद्धार से 208 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हुआ जिससे किसानों के खेतों में लगी फसलों की पैदावार भी बढ़ गई है। है।
इस परियोजना की खास बात रही कि नहरों के लिए किसी भी किसान की जमीन नहीं ली गई, न ही वन भूमि से पेड़ काटे गये। परियोजना के तहत खेती की जमीन बचाने और जंगल को बचाने के लिए लगभग आठ सौ मीटर अण्डरग्राउंड नहर बनाई गई। लबेद और गिद्धकुवांरी के किसान बांध के जीर्णोद्धार से खुश हैं। किसान इस बात से भी खुश हैं कि उनकी मांग को एक बार में ही मानकर प्रशासन ने बांध के जीर्णोद्धार को स्वीकृति दी और एक साल में ही इसका काम पूरा हो गया।
कोरबा विकासखंड के लबेद गांव के ग्रामीणों ने गांव के पास बहने वाले नाले पर 25 साल पहले जन सहयोग और अपने स्वयं के साधन से मिट्टी का बांध बनाकर सिंचाई के लिए पानी रोका था। मिट्टी के बांध से छोटी-छोटी नालियों के माध्यम से पानी छोड़कर किसान बमुश्किल 210 एकड़ में लगी फसलों में सिंचाई कर पाते थे।
बिना किसी तकनीकी विशेषज्ञता के बने इस बांध की नहरों की जर्जर स्थिति, और अनियंत्रित पानी बहने से बहुत सा पानी बर्बाद हो जाता था। किसान पहले खरीफ मौसम में 139 एकड़ में और रबी मौसम में सिर्फ 72 एकड़ की फसलों में ही सिंचाई कर पाते थे। इतने खेतों में भी समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था। नहरों के अंतिम छोर पर स्थित लगभग 40-42 एकड़ के खेत प्यासे रह जाते थे। जिन पर किसान न तो खरीफ में न ही रबी में फसल ले पाते थे।
ग्रामीणों की मांग पर इस 25 साल पुराने मिट्टी के बांध का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण दो करोड़ 34 लाख रूपये की लागत से जल संसाधन विभाग द्वारा रिकार्ड एक वर्ष में कराया गया। परियोजना में बांध पर एक वेस्टवीयर, स्लूज गेट बनाये गये साथ ही किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहरों का भी निर्माण हुआ।
परियोजना के तहत आठ सौ मीटर अण्डरग्राउंड नहर के माध्यम से भी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया गया। परियोजना पूरी होने पर लबेद और गिद्धकुंवारी गांव के 180 से अधिक किसानों को लगभग 420 एकड़ रकबे में द्विफसली खेती की सुविधा मिलने लगी है। दोनों गांव के किसान अब पूरी मेहनत कर रबी और खरीफ दोनों मौसमों में खेती कर भरपूर पैदावार ले रहे हैं। किसानों को अब पहले की तरह नहरों के रख-रखाव, मरम्मत, पानी के व्यर्थ बहाव जैसी चिंताओं से भी छुटकारा मिल गया है। - नायब तहसीलदारों ने संयुक्त रूप से राजस्व मंत्री को सौंपा ज्ञापन
ड्यूटी के दौरान सुरक्षा कर्मी की भी मांग की
कोरबा : जिले के सभी नायब तहसीलदारों ने आज संयुक्त रूप से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर जशपुर के फरसाबहार तहसील के नायाब तहसीलदार सुनील गुप्ता पर रेत माफियाओं के द्वारा हमला करने की घटना पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
फरसाबहार के नायब तहसीलदार श्री सुनील गुप्ता, उनके वाहन चालक और भृत्य पर रेत माफियाओं ने घात लगाकर हमला किया था और उनके भृत्य को लहूलुहान कर दिया था।नायब तहसीलदार के साथ भी हाथापाई के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी रेत माफियाओं द्वारा दी गई थी। इस घटना की निंदा करते हुए आज जिले के सभी नायब तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा और ड्यूटी के दौरान एक सुरक्षा कर्मी की तैनाती की मांग की।
नायब तहसीलदारों ने अपने ज्ञापन में कानून व्यवस्था को लेकर कार्यपालिक दण्डाधिकारी के रूप में थाना प्रभारियों को दिए गये निर्देशों का तत्काल पालन सुनिश्चित कराने की भी मांग की।इसके साथ ही नायब तहसीलदारों ने अन्य विभागों के समकक्ष अधिकारियों की तुलना में अपनी वेतन विसंगतियों को भी दूर करते हुए राजपत्रित अधिकारियों का दर्जा देने की भी मांग राजस्व मंत्री से की। नायब तहसीलदारों ने नियुक्ति के बाद अनिवार्य प्रशिक्षण और भारत भ्रमण के लिए भी राजस्व मंत्री से आग्रह किया।
अपने ज्ञापन में नायब तहसीलदारों ने डिप्टी कलेक्टरों के पदों पर प्रमोशन के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत कोटा को कम करके 40 प्रतिशत किये जाने का भी विरोध दर्ज किया और प्रमोशन के पदों को पहले की तरह ही 50 प्रतिशत करने तथा योग्य तहसीलदारों और भू-अभिलेख अधीक्षकों को इन पर पदोन्नति देने की मांग भी शासन से की।
नायब तहसीलदारों ने अपनी मांगों के पूरे नहीं होने और हमलावर रेत माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की बात भी अपने ज्ञापन में कही है। ज्ञापन सौंपने के दौरान सर्व नायब तहसीलदार श्री पंचराम सलामे, श्री सोनू अग्रवाल, श्री बी.के.श्रीवास्तव, श्री त्रांजल मिश्रा, श्रीमती ममता रात्रे, श्री रविशंकर राठौर, श्री शशिभूषण आदि मौजूद रहे। - सड़क - रेल परियोजनाओं के मुआवजा प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश
राजस्व मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक, कार्यों की समीक्षा के बाद दिए निर्देश
कोरबा : कोरबा सहित पूरे प्रदेश में अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों के विरूद्ध अब प्रशासन की कार्रवाई तेज हो जायेगी। राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कोरबा जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत भी शामिल हुई।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की मौजूदगी में श्री अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश बैठक में दिए। उन्होंने जिले में बनने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों और महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा प्रकरणों का भी तेजी से निराकरण करने को कहा।
राजस्व मंत्री ने बैठक में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन आदि कामों को समय सीमा तय कर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड संक्रमण के कारण लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अगले 20 दिनों में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी करने के भी निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं कटघोरा विधायक श्री पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार के विधायक श्री मोहित केरकेट्टा, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोदिया सहित तीनों अनुभागों के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी शामिल हुए।
बैठक में राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपना सूचना तंत्र सक्रिय करें और शहरी क्षेत्रों में होने वाली अवैध प्लाटिंग पर विशेष नजर रखें। उन्होंने अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि अवैध प्लाटिंग को रोकने से एक ओर शासन को होने वाली राजस्व हानि को बचाया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर लोग वाजिब दामों पर हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम जैसी शासकीय संस्थाओं के मकान खरीदेंगे जिससे शासन को राजस्व भी मिलेगा और लोग बेवजह की परेशानियों से भी बचेंगे।
राजस्व मंत्री ने कोरबा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों और प्रस्तावित रेल परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा वितरण तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री अग्रवाल ने ऐसे सभी विवादित मुआवजा प्रकरणों को अभियान चलाकर निराकृत करने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने बैठक में कहा कि मुआवजा प्रकरणों के जल्द निराकरण से सड़क और रेल परियोजनाओं के काम जल्द शुरू हो पायेंगे और लोगों को जल्दी सहुलियत मिलेगी।
श्री अग्रवाल ने जिले में मसाहती गांवों के सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए भी समयबद्ध कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि जिले के 117 मसाहती गांवों में से 112 गांवों का मौका सत्यापन पूरा कर लिया गया है। 91 गांवों का नक्शा आईआईटी रूड़की से रि-नंबरिंग के लिए मिला है जिसमें से 59 गांवों का सीमा सत्यापन और री-नंबरिंग कर नक्शे वापस आईआईटी रूड़की को प्रदाय कर दिये गये हैं। श्रीमती कौशल ने यह भी बताया कि ग्राम गिद्धमुड़ी, पतुरिया डांड और नवापारा बांगों का प्रथम प्रकाशन भी किया जा चुका है।
राजस्व मंत्री ने मसाहती गांवों के सभी भू-अभिलेख सावधानी से तैयार कर प्रकाशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री अग्रवाल ने जमीनों के डायवर्सन मामलों में शासन द्वारा बनाई गई नई प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने नियम विरूद्ध डायवर्सन करने से बचने की हिदायत भी अधिकारियों को दी। श्री अग्रवाल ने सामाजिक संस्थाओं को भूमि आबंटन के प्रकरणों को भी प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश बैठक में दिए। - कोरबा : राजस्व मंत्री श्री जय सिंह अग्रवाल ने आज जिला पंचायत के सभाग़ार में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में वीडियो कंफ्रेंसिंग द्वारा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत भी शामिल हुई । राजस्व मंत्री ने श्री अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती कौशल की मौजूदगी में राजस्व प्रकरणो के त्वरित निपटारे के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में सभी SDM, तहसीलदार और नायब तहसीलदार सहित राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हुए। विकासखंडों और तहसीलो से भी अधिकारी वीडियो कंफ्रेंसिंग से जुड़े रहे। बैठक में पालीतानाखार के विधायक श्री मोहित किरकेट्टा भी शामिल हुए। - संभागायुक्त डॅा. संजय अलंग ने मतदान केंद्रों के साथ धान खरीदी केंद्रों का किया निरीक्षण
बिना पूर्व सूचना के मतदाता सूची से नाम न काटने के दिए निर्देश
धान खरीदी केंद्र में अव्यवस्थाओं को लेकर उप पंजीयक और समिति प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी करने दिए निर्देश
कोरबा : बिलासपुर राजस्व संभागायुक्त डॅा. संजय अलंग ने आज कोरबा जिले के विभिन्न मतदान केंद्रों और धान उपार्जन केंद्रों का दौरा कर कार्य स्थिति का जायजा लिया। डाॅ. अलंग ने विकासखंड पाली के मुनगाडीह, माखनपुर तथा विकासखंड कटघोरा के कसनिया, कटघोरा बस्ती मतदान केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया।
एक दिसंबर से शुरू हुआ धान खरीदी महापर्व के स्थिति का जायजा लेने तथा किसानों से बातचीत करने चैतमा, कटघोरा और छुरीकला के धान उपार्जन केंद्रों में भी पहुंचे।डाॅ. अलंग ने मतदान केंद्रों के निरीक्षण के दौरान बिना पूर्व सूचना के मतदाता सूची से नाम न काटने के निर्देश मतदान केंद्र प्रभारियों को दिये। उन्होंने गांव के कोटवारों को मुसाफिर तथा भ्रमण पंजी संधारित करने के निर्देश भी दिए। डाॅ. अलंग ने कहा कि सूचना तंत्र के विकास के लिए मैदानी अमलों को सक्रियता से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में डिजिटल और आधुनिक आर्द्रतामापी से धान की नमी जांच करने के निर्देश भी दिए। संभागायुक्त ने धान खरीदी निरीक्षण के दौरान खरीदी केंद्र में अव्यवस्था के कारण किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं तथा समिति प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस भी जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, अपर कलेक्टर श्री प्रियंका महोबिया, एसडीएम कटघोरा श्री अभिषेक शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री भरोसा राम ठाकुर, तहसीलदार तथा राजस्व और खाद्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
संभागायुक्त डाॅ. अलंग ने जिले के मतदान केंद्रों में पहुंचकर मतदाता सूची तथा मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और नये मतदाताओं के संबंध में जानकारी भी ली। डाॅ. अलंग ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर मतदाता सूची के विभिन्न प्रक्रिया के बारे में बीएलओ, तहसीलदार, पटवारी, कोटवार, रोजगार सहायक तथा ग्राम सचिवों से भी चर्चा की। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण से संबंधित विभिन्न आवेदन प्रोफार्मा की भी जानकारी ली। डाॅ. अलंग ने मतदान केंद्र प्रभारियों को कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम सजग और जिम्मेदारीपूर्वक करें।
उन्होंने सूचना तंत्र के विकास के लिए कोटवार से लेकर तहसीलदार, पटवारी जैसे मैदानी अमलों को सक्रियता से काम करने की जरूरत बतायी। डा. अलंग ने माखनपुर मतदान केंद्र की बीएलओ श्रीमती संतोषी टेकाम को मतदाता सूची पुनरीक्षण में अच्छा काम करने के लिए शाबासी भी दी। उन्होंने मतदान केंद्रों में पहुंचकर नये मतदाताओं के संबंध में कार्यवाही करने और मतदाता सूची में नाम जोड़न, हटाने की सूचना कोटवारों के माध्यम से गांव में मुनादी कराने के निर्देश भी दिए।
संभागायुक्त ने मतदान केंद्र प्राथमिक शाला कटघोरा बस्ती के बीएलओ श्री राकेश भार्या को मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के लिए खुद से सुलभ तरीके से मतदाताओं का नाम संधारित करने के लिए बनाये गये वंशावली के लिए प्रोत्साहित भी किया।
संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग कोरबा जिले में निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान चैतमा, कटघोरा और छुरीकला के धान उपार्जन केंद्र भी पहुंचे। उन्होंने धान खरीदी केंद्र में पहुंचकर धान उपार्जन केंद्र प्रबंधक समिति तथा किसानों से भी बात की।
धान खरीदी केंद्र पहुंचकर उन्होंने धान आवक की प्रक्रिया, धान की गुणवत्ता, तौल उपकरण, बारदानों की स्थिति, आर्द्रता मापी यंत्र, परखी कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, यूपीएस आदि की भी जानकारी ली । धान उपार्जन केंद्र चैतमा में आर्द्रतामापी यंत्र के काम न करने और केंद्र में फैली अव्यवस्था के कारण उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री बसंत कुमार और समिति प्रबंधक श्री जमाल खान को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। डाॅ. अलंग ने कहा कि खरीदी केंद्रों में डिजिटल आर्द्रतामापी रखने की जरूरत है जिससे किसानों के धान का सही और शुद्धतापूर्वक आर्द्रता की माप की जा सके। - कोरबा : प्रदेश भर के साथ ही जिले में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू किया गया है। कोरबा जिले में अभी तक एक लाख 23 हजार 387 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। जिले में अब तक 97 हजार 750 क्विंटल मोटा, चार हजार 749 क्विंटल पतला और 20 हजार 888 क्विंटल सरना धान खरीदा जा चुका है। जिले में उपार्जन केंद्र तुमान में सबसे अधिक छह हजार 99 क्विंटल की धान खरीदी हुई है। 11 दिसंबर के लिए जिले के 48 उपार्जन केन्द्रों पर किसानों से धान खरीदने 879 टोकन जारी किया गया है। 11 दिसंबर को 879 किसानों से 34 हजार 554 क्विंटल से अधिक की धान खरीदी की जायेगी। खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए धान खरीदी एक दिसंबर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक जारी रहेगा।खरीफ सीजन 2020-21 में जिले के 32 हजार 589 किसान 41 समितियों के माध्यम से अपना धान बेचेंगे। जिले के किसानों के लिए धान बेचने के लिए 49 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिये जिले में नये-पुराने मिलाकर 32 हजार 589 किसानों का पंजीयन किया गया है। इन पंजीकृत किसानों का धान के फसल का रकबा 48 हजार 113 हेक्टेयर है। जिले में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये पांच हजार 746 नये किसानों ने सहकारी समितियों में अपना पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष धान खरीदी के लिये जिले में 27 हजार 694 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से इस वर्ष रकबा सत्यापन के बाद 851 किसानों का पंजीयन निरस्त हुआ है। पिछले वर्ष के पंजीयन अनुसार 26 हजार 843 किसानों के धान के रकबे के सत्यापन के बाद 42 हजार 274 हेक्टेयर रकबे की सोसायटी माॅड्युल में खसरा प्रविष्ट किया गया है। इसी प्रकार पांच हजार 746 नये पंजीकृत किसानों के पाॅंच हजार 838 हेक्टेयर धान के रकबे की इंट्री सोसायटी माॅड्युल किया गया है।
- कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किये आदेशकोरबा : छत्तीसगढ़ विधानसभा का नौवीं सत्र 21 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नियत है। इस दौरान कर्मचारी कलेक्टर की अनुमति बिना मुख्यालय नही छोड़ सकेंगे। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिये हैं। विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्नों का उत्तर निर्धारित समयावधि में शासन को भेजा जाना आवश्यक होता है। इस कारण कर्मचारियों के बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है।
- छतीसगढ़ के गाँव ही नहीं शहरी क्षेत्र के गोबर संग्राहको को भी मालामाल कर रहा गोबरकोरबा: मुख्यमंत्री श्री बघेल के द्वारा 21 जुलाई को शुरू की गई गोधन न्याय योजना गाँव ही नहीं शहर के गरीब गोबर संग्राहकों के लिए खुशियां लेकर आई है। जिस गोबर को पहले यूं ही कचरे के ढेर के रूप में फेंक दिया जाता था या उसके कुछ भाग से उपले, कन्डे बना लिए जाते थे, अब उसी गोबर को बेचकर शहरी इलाक़े के ग़रीबों और पशुपालको को अतिरिक्त रोज़गार का ज़रिया मिल गया है । गोबर इकट्ठा करके उसे दो रुपए किलो बेचकर शहरों में भी ऐसे लोग अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना से शहरों में भी गोबर संग्राहकों को दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर बेचकर लाभ कमाने का अवसर प्राप्त हुआ है। जिले के 11 हजार 894 गोबर संग्राहकों ने भी एक करोड़ 85 लाख रुपए से अधिक की राशि का मुनाफा कमाया है।जिले में स्थापित 200 गौठानों के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है। जिले के ग्रामीण बढ़-चढ़कर गोबर बेचने और लाभ कमाने में भागीदार बन रहे हैं। कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले गोबर संग्राहक भी गोधन न्याय योजना का लाभ उठाने में पीछे नहीं है। शहरी क्षेत्र के निवासियों के लिए भी गोबर बेचकर अपनी गरीबी मिटाने और अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने का भरपूर मौका मिल रहा है। शहरी क्षेत्र के गोबर संग्राहक भी नए मकान बनान,े अधिक मवेशी खरीदने तथा घरेलू जरूरत के सामान लेने की योजना को मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं। कोरबा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली श्रीमती रमा गोबर बेचने से प्राप्त हुए रुपयों से अपना पक्का मकान बनाएगी, तो वहीं श्रीमती सुनीता इस पैसे से मवेशी खरीदेगीं। पशुपालन व्यवसाय करने वाले विजेंद्र गोस्वामी गोधन न्याय योजना से मिले पैसों से अपने व्यवसाय में वृद्धि करेंगे।झोपड़ी की जगह पक्का घर बनाएंगे- वार्ड क्र. 29 पोड़ीबहार बांसबाड़ी मोहल्ला की रहने वाली श्रीमती रमा महंत एवं उनके पति गणेशदास महंत बताते हैं कि उनके पास कुल 12 मवेशी हैं जिनमें 06 गाय तथा 06 बछडे हैं, वे प्रतिदिन लगभग 35 किलो गोबर का विक्रय पोड़ीबहार गोबर खरीदी केन्द्र में कर रहे हैं। समय पर गोबर बिक्री की राशि बैंक खाते में शासन द्वारा प्रदान किया जा रहा हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त आय हो रही है। उन्होने बताया कि वे अभी झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं किन्तु गोबर बेचने से मिल रहे रूपयों से झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनाएंगे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने हमारे लिए यह बहुत अच्छी योजना चलाई है, जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।मवेशी खरीदूंगी, पशुपालन व्यवसाय में करूंगी वृद्धि - नगर निगम कोरबा क्षेत्र के वार्ड क्र. 17 मानसनगर की रहने वाली श्रीमती सुनीता साहू भी प्रतिदिन केन्द्र में गोबर बेचने आती है। उन्होने बताया कि उनके पास 04 मवेशी हैं, जिनमें 02 भैंस और 02 गाय शामिल हैं, जब से गोबर खरीदी केन्द्र खुला है, वे प्रतिदिन 20 किलो गोबर यहां पर लाकर बेचती हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है, उनका कहना है कि वे इस पैसे को इकट्ठा कर नए मवेशी खरीदूंगी तथा अपने गोधन में वृद्धि करूंगी। सुनीता साहू कहती है कि शासन की यह बहुत अच्छी योजना है, जिसका सीधा लाभ हमें प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हम पशुपालकों के लिए बहुत ही लाभदायक योजना बनाई हैं।गोबर बेचने से मिले पैसों से व्यवसाय को आगे बढ़ाएंगे- निगम के दर्री जोन के वार्ड क्र. 46 अयोध्यापुरी निवासी श्री विजेन्द्र पुरी गोस्वामी बताते हैं कि उनके पास छोटे-बडे कुल मिलाकर 40 मवेशी हैं तथा वे दूध का व्यवसाय करते हैं, दर्रीखार एस.एल.आर.एम.सेंटर स्थित गोबर खरीदी केन्द्र में वे प्रतिदिन 60 से 70 किलो गोबर बेचते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो रही है, गोबर बिक्री का रूपया भी समय पर मिल जा रहा है, उनका कहना है कि वे इस पैसे को इकट्ठा कर गाय खरीदेंगे तथा अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाएंगे। उन्होने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।
- कोरबा : नोडल संस्था औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोरबा द्वारा आईटीआई कोरबा और आईटीआई पोड़ी उपरोड़ा में गेस्ट लेक्चरर के कुल 3 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है। पात्र इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र 21 दिसंबर शाम पांच बजे तक आवेदन पत्र स्वयं उपस्थित होकर या पंजीकृत, स्पीड पोस्ट द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोरबा में जमा कर सकते हैं।
नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोरबा ने बताया कि नोडल संस्था द्वारा आईटीआई कोरबा के लिए स्टेनोग्राफर सेक्रेटेरियल असिस्टेंट(अंग्रेजी) तथा आईटीआई पोड़ी- उपरोड़ा के लिए टेक्नीशियन(स्मार्ट एग्रीकल्चर) एवं टेक्नीशियन (स्मार्ट हेल्थ केयर) के एक-एक पद के लिए आवेदन मंगाए गए हैं । प्रशिक्षण सत्र 2020-21 के लिए मेहमान प्रवक्ता के पदों में भर्तीें के लिए शैक्षणिक तथा तकनीकी योग्यता एवं निर्धारित मापदंड की विस्तृत जानकारी संस्था से प्राप्त किया जा सकता हैं। - कक्षा छठवीं में प्रवेश के लिए बालिकाएं भी कर सकती हैं आवेदन
कोरबा : सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में शिक्षण सत्र 2021-22 में कक्षा छठवीं में बालक-बालिकाओं तथा नौंवी में बालकों के प्रवेश के लिये आनलाइन आवेदन करने की तिथि को बढ़ा दिया गया हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा आवेदन करने की अंतिम तिथि अब 18 दिसम्बर निर्धारित किया गया हैं। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में इस वर्ष कक्षा छठवीं में बालिकाओं के प्रवेश का भी प्रावधान किया गया हैं।प्राचार्य सैनिक स्कूल अम्बिकापुर ने बताया कि अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा अब 07 फरवरी 2021 को आयोजित की जायेगी। आनलाइन प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू की गई है। आवेदन की अंतिम तिथि 19 नवम्बर निर्धारित थी जिसे अब बढ़ाकर 18 दिसम्बर किया गया हैं। आवेदक इस तिथि तक सैनिक स्कूल सोसाइटी रक्षा मंत्रालय की वेबसाईट https://aissee.nta.nic.in एवं www.nta.ac.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।