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जशपुर : विश्व दिव्यांग दिवस पर जिला विधिक सेवा शिविर का हुआ आयोजन
जशपुर : विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जशपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के अध्यक्ष श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के सचिव श्री अमित जिंदल ने कोविड-19 के कारण संचार, प्रेस के माध्यम से शिविर कर लोगों को बताया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है।

आज अनेक क्षेत्रों में दिव्यंाग व्यक्ति बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं जैसे की निशानेबाजी सोनिया शर्मा इसके अलावा हमें नहीं भूलना चाहिए कि भरत शर्मा जिनके जन्म से ही एक हाथ नहीं थे उन्होंने पैरा स्वीमिंग में 50 से ज्यादा मैडल जीते। अनुपमा सिन्हा जिन्होंने एक दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा दिया था उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया।

 गिरीश शर्मा जिन्होंने एक दुर्घटना में अपना एक पैर गवा दिया था यह बैडमिंटन चैंपियन है। जिसमें कुछ प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी हैं जिन्होंने शारीरिक रूप से अक्षम होते हुए भी कीर्तिमान स्थापित किए। श्री अमित जिंदल ने कानूनी पहलुओं के बारे में बताया कि निशक्त व्यक्ति समान अवसर,  अधिकार, संरक्षण और पूर्ण भागीदारी  अधिनियम 1995 की धारा 28 में प्रत्येक निशक्त बालक को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक उचित वातावरण में निशुल्क शिक्षा का अधिकार, धारा 33 में आरक्षण, धारा 42 में सहायता यत्र और साहित्य का अधिकार है।

धारा 47 में यह प्रावधान है कि सरकारी विभागों में निशक्त कर्मचारी के साथ भेद नहीं किया जाएगा। निशक्त व्यक्ति को विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 एक के घ अनुसार निशुल्क विधिक सहायता का अधिकार है।  नालसा मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवा योजना भी इस दिशा में एक मील का पत्थर है।

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