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दुर्ग : सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे समाज सेवी संगठन और युवा इनफ्लुएंसर
प्रशासन की इस पहल से लोगों को मिल रही सही जानकारी अफवाहों की जगह सकारात्मक संदेश देने में मिल रही मदद

दुर्ग : जिले में सोशल मीडिया के माध्यम से कोविड-19 से बचाव की जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी, युवा इनफ्लुएंसर, समाज सेवी संगठन निभा रहे हैं।
 
  कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने भी युवाओं के इस कदम की सराहना की है। पिछले माह युवाओं की टीम से मिलकर उनसे जागरूकता अभियान में जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील की थी।
 
  जिस पर करीब करीब 30 से अधिक अपने अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से जरूरी जानकारियां साझा करते हैं। युवाओं का मानना है सोशल मीडिया के माध्यम से काफी अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
 
सभी युवाओं ने अपना अनुभव बताया कि वे जब से दुर्ग जिले में होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम के नंबर आपातकालीन नंबर फीवर क्लीनिक की जानकारी लगातार साझा कर रहे हैं, अब पेज से जुड़े सभी लोग उनसे आधिकारिक जानकारी के लिए संपर्क करते हैं और उनकी पोस्ट पर भरोसा करते हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भी इन युवाओं द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना की है।
 
  उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ये युवा इंफ्लुएंसर कोरोना के प्रति जागरूकता की मुहिम में सहयोग कर रहे हैं। सबके प्रयास से ही हम सफलता अर्जित कर सकते हैं। अभी बहुत अधिक जागरूकता की जरूरत है क्योंकि आने वाले 100 दिनों तक सावधानी बहुत जरूरी है।
 
फॉलोवर्स को जो भी जानकारी चाहिए होती सीधे दुर्ग भिलाई रायपुर पेज के एडमिन से पूछते हैं, इस अभियान से जुड़कर उनके फॉलोवर्स भी बढ़ गए हैं- कनक अग्रवाल बताते हैं कि उनके दो पेज हैं, दुर्ग-भिलाई-रायपुर में 16 हजार से अधिक और अपना छत्तीसगढ़ पेज में 11 हजार लोग जुड़े हैं।
 
जब से उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में जानकारी शेयर करना शुरू किया है तब उनके दोस्त, परिचित, फालोअर्ज को जब भी कोई जानकारी चाहिए होती है तो सबसे पहले उनसे ही पूछते हैं। कहते हैं भाई वो पोस्ट फिर से भेजना जिसमें फीवर क्लिनिक की लिस्ट है।
 
कोविड टेस्ट रिपोर्ट की लिंक भेजना ,ये सब साझा करके काफी अच्छा लगता है। लोगों का भरोसा जीतने के साथ ही उनके पेज के फॉलोवर्स भी बढ़े हैं।

जिला प्रशासन की इस पहल से आई है पारदर्शिता ,सही जानकारियाँ लोगों तक पहुंच रहीं अफवाहों से निजात मिली - ये कहना है मिनेन्द्र चन्द्राकर का, वे बताते हैं आम नागरिक कोविड के इलाज हेतु, चिकित्सकीय संस्थाओं को दिए गए प्रोटोकॉल से अनभिज्ञ थे, जो यह कहता है कि चिकित्सक 24 घण्टे कोविड वार्ड में नही रह सकते हैं, अपितु आवश्यकता होने पर, सीसीटीवी की ओर अभिवादन कर उन्हें बुलाया जा सकता है।
 
ऐसी जानकारियां इस समूह के गठन से, सीधे नागरिकों तक पहुंची है, जिससे प्रशासन और जनता के मध्य पारदर्शिता बढ़ी है, और निश्चित ही प्रशासन और कोरोना वारियर्स के प्रति विश्वास और सम्मान में वृद्धि हुई है।

पिछले कुछ दिनों में भिलाई में कोविड के मरीजों हेतु बेड ना होने की बात सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी। ऐसी स्थिति में, यह आवश्यक था कि जिला प्रशासन द्वारा कोविड बेड की जानकारी नियमित रूप से,जो वेबसाइट पर सूचीबद्ध की जा रही है, का लोगों को ज्ञान हो।
 
जिला प्रशासन द्वारा जारी वेबसाइट का पता होने से, हम व्यक्तिगत स्तर पर लोगों तक ये बात पहुंचा पाए,कि ऐसे आधे अधूरे खबरों का अवलोकन न कर, सटीक व त्रुटिरहित जानकारी हेतु, वे सीधे आधिकारिक वेबसाइट का अवलोकन करें।

मिनेन्द्र कहते हैं उन्हें निश्चित रूप से लगता है कि ना केवल लोगों में बल्कि हम सभी मे, प्रशासन और व्यवस्थाओं को लेकर जो भ्रांतियां थी, वह दूर हुई है और निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन आए हैं।
 
भ्रम दूर हुए और सही जानकारी लोगों तक पहुँची-स्टार लाइट फाउंडेशन के प्रतीक ठाकरे कहते हैं कि जिला प्रशासन द्वारा एनजीओ, समाज सेवियों और सोशल मीडिया के युवा इंफ्लुएंसर्स को कोरोना जागरूकता अभियान में जोड़ने की पहल काफी सार्थक साबित हुई है।
 
उनके पेज के माध्यम से लोगों को जानकारी मिल रही जिसको वो आगे साझा कर रहे हैं। सही जानकारी समय पर मिल जाने से अफवाह फैलने का खतरा दूर हुआ है जिससे भ्रम की स्थिति नहीं बनती।
 
युवाओं को भी जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मिल रही है है साझा कर रहे हैं एक विश्वास का वातावरण निर्मित हुआ है जो कि सबके हित में अच्छा है।

लोगों को जागरुक करने में मिल रही है मदद- हमर छत्तीसगढ़ पेज के नारायण राव बताते हैं कि यह बहुत पुराना पेज है इसमें 30 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं। इस पेज में लोग अधिकतर सभी जिले की जानकारी पूछते है यहाँ तक कि उनको कॉल करके भी कोरोना हेल्प लाइन नंबर और होम क्वारंटाइन, लाकडाउन के बारे में पूछते है। उन्होंने बताया कि दुर्ग जिला प्रशासन के अभियान से जुड़ने के बाद जानकारी आसानी से मिलने लगी और लोगो को इससे फायदा हुआ। लोगो का रिस्पांस भी बहुत अच्छा मिलने लगा और मदद के बाद लोग उनको धन्यवाद भी बोलते हैं । सोशल डिस्टनसिंग और मास्क पहनने के लिए लोगो तक हम इस माध्यम से जागरूकता फैलाने के अभी तक कामयाब रहे है। उनका मानना है कि जरूरी जानकारियां सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो को पहुंचाना चाहिए ।

इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके, हॉस्पिटल का प्रोसीजर, होम क्वारेन्टीन की देते हैं जानकारी अब लोग कोरोना को मजाक में नहीं लेते-सी जी के टुरा पेज के प्रतीक साहू  बताते हैं उनके अधिकतर कॉन्टैक्ट इंस्टा में ही है तो वे वहां ज्यादा से ज्यादा जानकारियां शेयर करते हैं। पिछले कुछ दिनों से लोग कोरोना को सिर्फ मजाक न समझ  कर उसकी जानकारी शेयर कर रहे है और मुझसे भी इन्फॉर्मेशन की मांग करते है। जैसे इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं, हॉस्पिटल का प्रोसीजर क्या है, होम क्वरेंटाइन की जानकारी, काढ़ा बनाने की विधि आदि। कहते हैं उन्हें गर्व है कि मैं इस ग्रुप से जुड़ कर लोगो की मदद कर पा रहे हैं।

दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी करती हैं साझा काफी लोगों को हो रहा फायदा- अंकिता आहूजा बताती हैं  वो अपने पेज रायपुर भिलाई दुर्ग के माध्यम से दुर्ग जिले में बचाव और जागरूकता से जुड़ी सारी जानकारी साझा करती हैं जिससे काफी लोगों को फायदा हो रहा है। इस प्रकार आई एम फ्रॉम छत्तीसगढ़ से जिज्ञासा गुप्ता दे रहीं है कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां। वो बताती हैं उनके पेज से मिल रही जानकारी को काफी सराहना मिल रही है।

इंस्टा पेज सी जी अपडेट के माध्यम से शेख जुबैर दे रहे कोविड 19 से जुड़ी जरूरी जानकारियां- रायपुर के रहने वाले और इंस्टाग्राम में सीजी अपडेट नामक पेज की पेज की एडमिन शेख जुबैर  बताते हैं कि वह लगभग 6 महीने से कोविड-19 से जुड़ी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं। इससे सिर्फ दुर्ग ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लोगों को फायदा हुआ है। वे अपने पेज से सभी तरह के अपडेट देते रहते थे परन्तु जब से जिला  दुर्ग के साथ जुड़कर काम करना शुरू किया है लोगों का भरोसा बढ़ा है।

बहुत अच्छा लगता है जब लोग खुद मुझ पर भरोसा करके टेस्ट सेंटर, फीवर क्लिनिक, कंट्रोल रूम के नंबर पूछते हैं उनकी मदद हो जाती है और इस संकट के समय अपना छोटा सा योगदान देकर काफी अच्छा महसूस होता है। जुबैर बताते हैं पहले उन्हें जानकारी जुटाने में समय लगता था लेकिन अब जिला प्रशासन की आधिकारिक जानकारी तुरंत मिल जाती है।

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