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बच्चे देश का भविष्य हैं, ऐसे में उन्हें संवारना और आने वाले कल के लिए तैयार करना हम सब की जिम्मेदारी है - सचिव श्रीमती आफरीन बानो

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

बच्चों के साथ सामूहिक चर्चा कर सरल कानूनी भाषा में दी जानकारी

महासमुंद : नालसा एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के स्टेट प्लान आफ एक्शन के तहत विशेष राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवसों के अवसर पर आयोजित होने वाले शिविर व कार्यक्रम के तहत आज 14 नवंबर ’’बाल दिवस’’ के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता डहरिया के मार्गदर्शन पर शिविर आयोजित किया गया। बाल दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती आफरीन बानो द्वारा शासकीय मिडिल स्कूल बरोंडा बाजार और व्यवहार न्यायालय बागबाहरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री अविनाश टोप्पो द्वारा कार्मेल स्कूल बागबाहरा में कानून के जागरूकता विषयों पर अधारित शिविर आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद की सचिव श्रीमती आफरीन बानो द्वारा बाल दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि प्रतिवर्ष देशभर में 14 नवंबर के दिन बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है क्योकि उन्हें बच्चे बेहद प्रिय थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य होते है। वह अक्सर कहा करते थे कि बच्चे उन कलियो की तरह होते है जिन्हे पुरी तरह से खिलने के लिए देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है। बच्चे ही देश का कल है, बच्चो राष्ट्र का निर्माता होते है। बाल दिवस केवल एक उत्सव नहीं बल्कि एक अवसर है जब हमें बच्चों के अधिकारों उनके कल्याण और उनके भविष्य की सुरक्षा के बारे में सोचने हेतु प्रेरणा मिलता है। बच्चे देश और दुनिया का भविष्य हैं, ऐसे में उन्हें संवारना और आने वाले कल के लिए तैयार करना, पूरे समाज की जिम्मेदारी है। बाल दिवस का मकसद बच्चों को उनके अधिकारों, उनके कल्याण और उनकी खुशहाली के बारे में समाज को जागरूक करने का है। इसके अलावा बच्चों के साथ कानून से संबंधित सामान्य जानकारियों पर तर्कसंगत चर्चा की गई। बाल श्रम, बाल तस्करी एवं बच्चों से संबंधित होने वाले अपराधों के बारे में बच्चों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी साथ ही नालसा हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 15100 के माध्यम से भी विधिक सलाह एवं सहायता पाने की जानकारी प्रदान की गई। इसी प्रकार आरक्षी केन्द्रों में पदस्थ अधिकार मित्रों के द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्रों के स्कूलों में जाकर बाल दिवस के अवसर पर शिविर आयोजित किया गया।
 

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