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 दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

हंस वाहिनी स्व-सहायता समूह कर रही है स्वयं का व्यवसाय

बेमेतरा : हंस वाहिनी स्व सहायता समूह वार्ड नं. 12, (सिंघौरी) बेमेतरा का गठन 01  जनवरी 2016 को दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन सिटी मिशन प्रबंधन इकाई द्वारा किया गया। समूह में कुल 10 महिला सदस्य हैं। समूह को पंचसूत्र (1. नियमित बैठक, 2. नियमित बचत, 3. नियमित आंतरिक लेनदेन, 4. नियमित ऋण वापसी, 5. नियमित सही हिसाब किताब) एवं वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन इत्यादि प्रशिक्षण निकाय स्तर पर दिया गया।
 
पंच सूत्रों का पालन करते हुए समूह का संचालन किया जाता रहा तत्पश्चात 07 मार्च 2017 को समूह को आवर्ती निधि के रूप मे 10 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ। समूह द्वारा बैंक लिंकेज कर ऋण प्राप्त करने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कार्यालय सिटी मिशन प्रबंधन इकाई बेमेतरा में आवेदन प्रस्तुत किया गया। शीघ्र ही 25 सितम्बर 2018 को समूह को बैंक ऋण की प्रथम किस्त के रूप में इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा-बेमेतरा से 50 हजार रुपये प्राप्त हुआ। उक्त समूह की सभी 10 महिला सदस्यों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम के माध्यम से उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इससे पूर्व समूह की 6 महिलाओं द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक ‘‘कौशल प्रशिक्षण एवं नियुक्ति के माध्यम से रोजगार’’ योजना अंतर्गत सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।
 
बैंक से प्राप्त ऋण राशि का उपयोग करते हुए उपरोक्त महिलाओं द्वारा सिलाई मशीन क्रय किया गया। शेष महिलाओं द्वारा ऋण राशि का उपयोग अपने निजी व्यवसाय हेतु किया गया। समूह की एक महिला द्वारा पापड़ बड़ी बनाया जाता है, एक महिला सदस्य ई-रिक्शा संचालन करती है, दो महिलाओं की फैन्सी स्टोर्स है, एक सदस्य सफाई कर्मचारी है। एक सदस्य हार्डवेयर दुकान चला रही है। चार महिलाओं द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के घटक ‘‘शहरी बेघरों के लिए आश्रय’’ योजना अंतर्गत आश्रय स्थल का संचालन किया जा रहा है। साथ ही समूह के दों महिलाओं द्वारा सीआरपी प्रशिक्षण प्राप्त कर योजना के क्रियान्वयन में योजना के संचालन में सहयोग किया जा रहा है। प्रथम ऋण की नियमित रूप से पूर्ण अदायगी पश्चात् समूह द्वारा द्वितीय ऋण प्राप्त करने आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिससे समूह को शीघ्र की द्वितीय ऋण के रूप में एक लाख रुपये प्राप्त हुआ। इसी प्रकार तृतीय ऋण के रूप में 3 लाख रुपये भी समूह द्वारा प्राप्त किया जा चुका है। उक्त ऋण राशि का उपयोग समूह की महिलाओं द्वारा अपने निजी व्यवसाय में किया जा रहा है।
 
हंस वाहिनी महिला स्व सहायता समूह के सदस्य दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यह शासन की बहुत ही अच्छी योजना है। इस योजना के विभिन्न घटकों के माध्यम से शहरी गरीबों का सामाजिक, नैतिक एवं आर्थिक विकास हो रहा है। शहरी गरीबों में आजीविका के प्रति सकारात्मक सोंच आई है।

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