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दुर्ग : गर्मी को देखते हुए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित रखें, स्वास्थ सुविधाओं को अपडेट करने की दिशा में मजबूती से होगा काम

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 


-प्रभारी सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने पाटन क्षेत्र में सभी निर्माणाधीन कार्य को गुणवत्ता पूर्वक तथा समय सीमा पर पूर्ण करने के दिए निर्देश
 
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दुर्ग : गर्मियों को देखते हुए पेयजल संकट वाले गांव का चिन्हांकन कर यहां जलापूर्ति के लिए प्लान बनाने तथा इसके लिए मोबाइल टीम को भी सक्रिय करने के निर्देश प्रभारी सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने दिए हैं, इसके साथ ही पाटन में इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की दिशा में ही निर्देश उन्होंने दिए। आज प्रभारी सचिव ने अनुविभागीय कार्यालय पाटन में विशेष समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से शासकीय योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित स्थिति के बारे में पूछा तथा उन्हें इसके लिए मार्गदर्शन दिया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने उन्हें विस्तार से विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन तथा एसडीएम श्री विपुल गुप्ता भी मौजूद थे।

जल जीवन मिशन तथा पीडब्ल्यूडी के कार्यों में हो समन्वय-  प्रभारी सचिव ने कहा कि कभी कभी जब पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाई जाती है तो सड़के उखाड़नी पड़ती है। ऐसी स्थिति अभी न बने, इसके लिए जल जीवन मिशन की एजेंसी और पीडब्ल्यूडी के बीच समन्वय बना रहे। उन्होंने मिशन के सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक ढंग से और समय पर करने निर्देशित किया।

 दक्षिण पाटन में बिजली खपत बढ़ने की आशंका के चलते 132 केवी सब स्टेशन का भेजा जाएगा प्रस्ताव - प्रभारी सचिव ने किसानों के पंप ऊर्जीकरण की भी समीक्षा की उन्होंने कहा कि लक्ष्य के मुताबिक किसानों को पंजीकरण कर लाभ प्रदान करें। विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में तेजी से पंप ऊर्जीकरण की मांग हो रही है इसके मुताबिक लोड भी बढ़ाया जाना उचित होगा। इस पर प्रभारी सचिव ने दक्षिण पाटन में 132 केवी सब स्टेशन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

 सुगंधित धान की सुगंधित धान का रकबा बढ़ा, इस साल और बढ़ाएं- प्रभारी सचिव ने कहा कि राज्य शासन की मंशा है कि किसान सुगंधित धान का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन करें क्योंकि सुगंधित धान में किसानों को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है। एसडीओ कृषि ने बताया कि पिछले साल 1500  हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित धान किसानों द्वारा लगाया गया था, इस सीजन बढ़ने की उम्मीद है।
 
पाटन  के 28 गौठान स्वावलंबी- प्रभारी सचिव ने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। अधिकारियों ने बताया कि योजना के माध्यम से ब्लाक के 28 गौठान स्वावलंबी हो गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में गोबर क्रय किया जा रहा है वर्मी कंपोस्ट का अच्छा उत्पादन हुआ है और लगभग 95 प्रतिशत वर्मी कंपोस्ट किसानों में ही खरीदा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों को सुनिश्चित किया गया है। मछली पालन, बकरी पालन, कुकुट पालन आदि अतिरिक्त कार्य भी गौठानों में आरंभ किए गए हैं गौठान के कुशल संचालन के लिए किसानों से पैरा दान भी कराया गया है इस साल 16000 क्विंटल पैरादान पाटन क्षेत्र के किसानों ने किया है।

शिक्षा की गुणवत्ता पर रहे विशेष ध्यान-  प्रभारी सचिव ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों की बिल्डिंग का निर्माण कार्य सत्र आरंभ होने से पूर्व करा लिए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में जहां मरम्मत की जरूरत महसूस होती है । वहां मरम्मत कार्य कराएं। पाटन महाविद्यालय में सेटअप बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव के संबंध में भी उन्होंने चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टेनो और वेल्डिंग की पढ़ाई पाटन में कराई जा रही है इसके साथ ही अन्य ट्रेड भी जोड़े जाएं ताकि अधिक संभावना वाले क्षेत्रों में भी कौशल विकास का मौका युवाओं को मिल सके।
 
सोनोग्राफी के दिनों की फ्रिक्वेंसी बढ़ेगी-  प्रभारी सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष रुप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सीएचसी पाटन में रेडियोग्राफर की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी जाए। प्रभारी सचिव ने हमर लैब का निरीक्षण भी किया। कलेक्टर ने बताया कि हमर लैब के आरंभ होने के पश्चात यहां बहुत सारे टेस्ट निशुल्क किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन की स्थिति की विशेष रूप से समीक्षा की। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण का लगातार ध्यान रखा जा रहा है अभी 251 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। जिन्हें पोषित करने की दिशा में प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। प्रभारी सचिव ने बैठक में खेल अधोसंरचना के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्टेडियम और मिनी स्टेडियम बनाए जाने से खेल अधोसंरचना काफी विकसित होगी इनका बेहतर तरीके से संचालन हो सके इसके लिए भी कार्ययोजना बना लें ताकि क्षेत्र में खेलों का विकास तेजी से हो सके।

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