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दुर्ग  सब्जियों की खेती से सवर रहा है शहरी गौठान, स्थानीय भाजी भी है उपलब्ध, महिलाओं की आय में हो रही है वृद्धि

दुर्ग 19 अप्रैल 2020/शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी की परिकल्पना को साकार करने के लिए निगम प्रशासन द्वारा गौठान को पारंपरिक रूप देने का भरसक प्रयास किया गया है। स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सब्जियों की खेती की जा रही है। सब्जियों में पटवाभाजी, खट्टा भाजी, चेज भाजी, चैलाई भाजी, लाल भाजी एवं पालक भाजी, टमाटर, मिर्ची, गोभी, बैगन,बरबट्टी, करेला, लोकी, जरी, धनिया, मेथी आदि की खेती की जा रही है, इन सब्जियों का विक्रय महिलाओं ने प्रारंभ कर अब तक लगभग 36000 रुपए से अधिक की आय अर्जित कर ली है। सब्जियों से होने वाले आए के बाद दूसरे बड़े क्षेत्रफल में भी नयन महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं शतरूपा, रेखा वर्मा, रुकमणी, दिलेश्वरी, उषा, ममता, बीसाहिन, खिलेश्वरी, गीता साहू ने सब्जियों की खेती करना प्रारंभ कर दिया है उन्होंने एक बड़ी क्यारी सब्जियों के लिए तैयार की है जिसमें छत्तीसगढ़ मे प्रचलित भाजी को भी तवज्जो दी जा रही है। महिलाओं ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए क्यारियों में छत्तीसगढ़ी परंपरागत भाजी की खेती कर रहे हैं। इसी परिसर में सामग्री एवं आवश्यक उपकरण को रखने के लिए अस्थाई तौर पर कक्ष का निर्माण किया गया है। गौठान मे पशुओं को धूप एवं बारिश से बचाने के लिए शेड का निर्माण किया गया है अवगत हो कि महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने इसका भूमि पूजन किया था। नवीन बस डिपो के पीछे फाइटोराइट सिस्टम का निर्माण किया गया है, जिसके पानी का उपयोग गौठान मे पौधों की सिंचाई के लिए किया जा रहा है जिसके लिए पाइप लाइन बिछाई गई है। नल कनेक्शन के 6 वाल्व परिसर में लगाए जा चुके हैं ताकि पूरा क्षेत्र सम्मिलित किया जा सके। गौठान के मुख्य द्वार के सामने महिलाओं द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजन चीला, फरा, टमाटर चटनी, रोटी, दाल, सब्जी, मिर्ची भजिया, पालक भजिया एवं चाय का व्यवसाय करने के लिए अस्थाई निर्माण किया गया है। गौठान में अभी 50 से अधिक मवेशी है जिसकी देखभाल महिलाएं कर रही हैं, पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा उपलब्ध है। सब्जियों से होने वाले आए से महिलाओं के जीवन स्तर में वृद्धि हो रही है विगत पांच-छ महीने से सब्जियों की खेती शहरी गौठान में की जा रही है।

 

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