ब्रेकिंग न्यूज़

कोरिया : आयोग की समझाइश से आज दो परिवार में समझौता, यही हमारी उपलब्धि - डॉ नायक

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

’आवेदिका के विरुद्ध समाचार प्रकाशित करने के एक प्रकरण में संवाददाता ने मांगी माफी, संपादक के खिलाफ जारी रहेगा मामला’


’आयोग में 23 महिला नगर सैनिकों की शिकायत, प्रकरण जांच हेतु कलेक्टर को प्रेषित’


’राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने की 16 प्रकरणों की सुनवाई, 13 प्रकरण किए गए नस्तीबद्ध’

No description available.


कोरिया : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज कलेक्टोरेट परिसर के सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। जिनमे महिला आयोग के समक्ष जिले में महिला उत्पीड़न से संबंधित 16 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए। जिनमें 15 प्रकरणो की सुनवाई हुई जिसमे 13 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये। शेष 03 प्रकरण निगरानी में रखे गए हैं।

No description available.


      आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में समाचार पत्र के सम्पादक एवं संवाददाता के विरुद्ध आवेदिका द्वारा शिकायत की गई थी जिसमे आवेदिका एवं संवाददाता उपस्थित रहे तथा सम्पादक अनुपस्थित रहे। आयोग द्वारा विस्तार से उभयपक्षों को सुना गया जिसमें आवेदिका ने बताया संवाददाता ने आवेदिका के खिलाफ लगभग 100 से अधिक समाचार छापे हैं, जिसका दस्तावेज सहित शिकायत प्रस्तुत किया है। जिस पर आयोग ने अनावेदक संवाददाता को भी सुना। उन्होंने अपने पत्रकारिता का अधिकार के तहत समाचार छापना व्यक्त किया किंतु आयोग अध्यक्ष द्वारा अपराध की गंभीरता बताई गई और मानहानि जनक समाचार और व्यक्तिगत आक्षेप के समाचार के लिए विस्तृत जांच कराए जाने की चर्चा के दौरान संवाददाता ने आयोग के समक्ष आवेदिका से माफी मांगने के लिए सहमत हुए और आवेदिका से अपने द्वारा समाचार प्रकाशित किये जाने की गलती मानकर माफी मांगी और आवेदिका ने मांगी मांगने के आधार पर उन्हें माफ करना स्वीकार किया। अनावेदक सम्पादक के उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ यह प्रकरण जारी रखा जाएगा।


एक प्रकरण में पति द्वारा शारीरिक प्रताड़ना की शिकायत आवेदिका द्वारा की गई थी एवं भरण-पोषण की मांग की गई। आवेदिका द्वारा व्यक्त किया गया कि वह पति के साथ दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करना चाहती है, आयोग द्वारा उभय पक्षों को समझाइश देकर दामपत्य जीवन का निर्वहन किये जाने एवं भविष्य में किसी प्रकार का कोई विवाद न हो। समझाइश दिए जाने पर अनावदेक पत्नी व बच्चों के साथ रहने व खर्च वहन करने को तैयार है। यह पूरा प्रकरण जिला संरक्षण अधिकारी के निगरानी में दिया गया है, पति पत्नी के इस प्रकरण को छः माह निगरानी करेगी। अनावेदक द्वारा किसी प्रकार से आवेदिका को प्रताड़ित किये जाने की स्थिति में संरक्षण अधिकारी, आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा को बताकर तत्काल कड़ी कार्यवाही का निर्णय कर सकती है।


एक अन्य प्रकरण में नगरसेना की आवेदिकागणों ने उपस्थित होकर कार्यस्थल पर प्रताड़ना की शिकायत की। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने प्रकरण पर कहा कि यदि सभी ने एक अधिकारी के खिलाफ शिकायत किया है तो गंभीर मुद्दा है। इसकी जांच अति आवश्यक है। इस पूर मामले को कलेक्टर को प्रेषित किया गया व स्थानीय विधायक को उनसे सहमति लेकर किसी महिला अधिकारी की उपस्थिति में प्रकरण पर आवेदिकागणों के कथन दर्ज कराकर अनावेदक के विरूद्ध कार्यवाही प्रारंभ करे और परिणाम की सूचना दो माह के अंदर आयोग को प्रेषित करें। इसके आधार पर इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।


एक अन्य प्रकरण में आवेदिका से कार्यस्थल पर प्रताड़ना की शिकायत प्राप्त हुई थी। आवेदिका ने बताया कि प्रताड़ना के साथ उनका वेतन भी रोका गया है। प्रकरण की जांच हेतु विभागीय कमेटी गठित की गई है। आवेदिका द्वारा जांच कमेटी को बदलने की बात कही गयी। अध्यक्ष डॉ नायक द्वारा आवेदिका की विस्तार से बात सुनी गयी और उन्हें समझाइश दी। सुनवाई के पश्चात आवेदिका ने अपना प्रकरण वापस लेना माना।
इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को शंका थी कि उनके दादा की पूरी सम्पत्ति पर उनके दो चाचा ने कब्जा कर लिया है। सुनवाई के दौरान अनावेदकगणों ने दादा द्वारा संपत्ति का दिया गया 1997 का पंजीकृत त्याग पत्र, मूल दस्तावेज एवं फ़ोटो प्रति प्रस्तुत की गई। प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आवेदिका की शंका दूर की गई और बताया कि आवेदिका और उनका परिवार संपत्ति का एक तिहाई हिस्से का हकदार है। इस जानकारी के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।


महिला आयोग के सुनवाई के अवसर पर संसदीय सचिव श्रीमती अम्बिका सिंहदेव सहित पुलिस एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook